Essay on Dussehra in Hindi - दशहरा पर निबंध

Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों मे

भारत एक विविधता से भरा देश है, यहां त्योहारों का भी एक विशेष महत्व है इसलिए आज मैं आपके लिए दशहरा पर एक खास निबंध ( Essay on Dussehra in Hindi ) लेकर आया हूँ।

Dussehra Festival Essay आपको दशहरा के उत्सव के महत्वपूर्ण तथ्यों, महत्व और इसे मनाने के पीछे के रहस्यों के बारे में बताएगा। इसके साथ ही, इस उत्सव को भारतीय संस्कृति में कैसे एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, इसे जानने के लिए आपको इस Dussehra Essay को अच्छे से पढ़ना पड़ेगा।

Read more: विज्ञान के बढ़ते चरण पर निबंध

Table of Contents

Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध

दशहरा, भारतीय हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल शुक्ल पक्ष के दसवे दिन मनाया जाता है और इस दिन भगवान राम के विजय का जश्न मनाया जाता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है, जो विजय और दशमी शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘विजयी दसवें दिन’।

यह पर्व पूरे देश में खुशियों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरा का अर्थ होता है दस दिनों का त्योहार। यह त्योहार नवरात्रि के अंत को मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में नौ दिन तक चलता है। इस अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद, नवरात्रि के नौवें दिन विजयादशमी के रूप में श्रीराम और रावण के युद्ध का उत्साह और उल्लाश होता है।

दशहरे पर्व का इतिहास

रामायण में लिखा गया है कि भगवान राम ने दशहरे के दिन लंका के राजा रावण को मारकर अयोध्या वापस लौटे थे । रावण राजा राम की पत्नी सीता को अपहरण कर ले गया था, और राम ने उन्हें वापस पाने के लिए रावण के साथ युद्ध किया था। युद्ध में भगवान राम ने रावण को मार कर विजय प्राप्त की और लंका का विनाश कर दिया। इस विजय के अवसर पर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।

रामलीला का आयोजन

दशहरे के दिन लोग भगवान राम की मूर्ति का पूजन करते हैं और उसके पास फूल, चावल, फल, मिठाई और चंदन की धूप चढ़ाते हैं। इसके साथ ही रामलीला नामक नाटक का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामायण की कहानी का प्रदर्शन किया जाता है। रामलीला के दौरान भगवान राम की विजय को दर्शाया जाता है, इसमें रामायण की कथा को दर्शाया जाता है जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के प्रमुख प्रसंगों का वर्णन किया जाता है जो लोगों को सत्य, धर्म, और न्याय के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

दशहरे के त्योहार के साथ-साथ दुर्गा पूजा भी सम्बन्धित है, जो नौ दिनों तक चलता है। नवरात्रि में नौ रुपों की देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और उनके विभिन्न रूपों का स्मरण किया जाता है। नौवें दिन को नवमी भी कहा जाता है, जो दशहरे के दिन आता है।

दशहरा का महत्वा 

दशहरे का त्योहार धर्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन को विजयपर्व के रूप में मनाने से हमें सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा मिलती है और बुराई और अधर्म को पराजित करने के लिए प्रेरित करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अच्छे कर्मों को बढ़ावा देने और बुराई से लड़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

समारोहों, पूजा-अर्चना, नाटक, रामलीला, और मिठाईयों के साथ दशहरे का त्योहार लोगों को आनंद और उत्साह से भर देता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, परिवार, और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियों का एहसास करते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

दशहरे का पर्व हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इसे न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विजय के रूप में माना जाता है, जिससे लोगों को साहस, सामर्थ्य, और सहनशीलता की प्रेरणा मिलती है।

इस प्रकार, दशहरे के त्योहार का महत्वपूर्ण संदेश है कि सत्य की विजय हमेशा होती है और भगवान के भक्तों को शक्ति और साहस का अनुभव करने के लिए प्रेरित करता है।

इस त्योहार को धार्मिक अनुष्ठान, भक्ति, एकता, और समरसता के अभिवादन के रूप में मनाना चाहिए। यह त्योहार बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को एकजुट करता है और समाज में एकता की भावना पैदा करता है। समारोह और परिवर्तन का यह त्योहार भारतीय संस्कृति के एक अटूट हिस्से के रूप में देखा जाता है।

Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines [ दशहरा पर निबंध 10 लाइन ]

Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines

  • दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है। यह त्योहार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
  • दशहरा को विजयादशमी भी कहते हैं, इस दिन भगवान राम ने रावण को मारकर अयोध्या लौटने का जश्न मनाया था।
  • दशहरे के पहले नौ दिन लोग दुर्गा माता की पूजा और नवरात्रि व्रत करते हैं। नौवरात्रि के अंत में, रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बनाकर उन्हें जलाया जाता है।
  • इस दिन मेले, भजन-कीर्तन, नाच-गान, रामलीला आदि का आयोजन किया जाता है।
  • रामलीला में रामायण के कुछ भाग दिखाए जाते हैं जिससे लोगों को रामायण की कथा का ज्ञान मिलता है।
  • दशहरे के पर्व को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, मैसूर, वाराणसी जैसे शहरों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
  • इस दिन बच्चे और युवा रामलीला में भाग लेते हैं और उन्हें भगवान राम और रावण के चरित्रों के बारे में सिखाया जाता है।
  • दशहरे के दिन लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और एक दूसरे के घर जाकर मिठाई खाते हैं।
  • यह त्योहार भारतीय संस्कृति में समृद्धि, शक्ति, और अच्छाई के प्रतीक है।
  • इस उत्सव के माध्यम से हम अपने जीवन में भक्ति, समर्पण, और नैतिकता को जीवित रखते हैं।

Short Essay on Dussehra in Hindi

Short Essay on Dussehra in Hindi

दशहरा का त्योहार हिंदू संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण को मारकर धरती पर शांति और धर्म की रक्षा की थी। इसी कारण से यह दिन “विजयादशमी” के रूप में जाना जाता है। दशहरे के दिन लोग मां दुर्गा की भक्ति करते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। दशहरे के त्योहार की शुरुआत नवरात्रि के अंत के दिन से होती है।

नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है और दशहरे के दिन इन नौ रूपों का विसर्जन किया जाता है। इस दिन सभी लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों के साथ इस त्योहार का स्वागत करते हैं। दशहरे के पावन पर्व के दौरान रामलीला नाटक भी आयोजित किया जाता है। रामलीला एक प्रसिद्ध नाटक है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में दशहरे के दौरान आयोजित किया जाता है।

यह नाटक भगवान राम के जीवन के को दिखाता है और रावण के वध की कहानी को प्रस्तुत करता है। लोग इस नाटक को उत्साह से देखते हैं और इससे भगवान राम के वीरता और धर्म के महत्व का अनुभव करते हैं। रामलीला के दौरान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के चरित्रों की पूजा की जाती है और लोग उन्हें दीपावली के त्योहार की शुरुआत के रूप में भी मानते हैं।

दशहरे के दिन लोग धूमधाम से उत्सव मनाते हैं। विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें पंडाल, मेले, नृत्य, संगीत, रसलीला, और अन्य विभिन्न चीज़े शामिल होते हैं। लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियों का मनाते करते हैं और शुभकामनाएं देते हैं।

इस दिन लोग अपने जीवन में सभी बुराईयों का नाश करने का संकल्प करते हैं और नई शुरुआत करते हैं। दशहरे के उत्सव के दौरान लोग धूमधाम से मिलकर खुशियों का आनंद लेते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। इस दिन का महत्व हमारे समाज में एकता, धर्म एवं शक्ति के संदेश को दिखाता है।

Dussehra Festival Essay in 200 Words- दशहरा पर निबंध 200 शब्दों में

दशहरा भारत में महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह हिंदुओं के लिए एक बड़ा और खुशीयों से भरा त्योहार है जो हर साल अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। दशहरा को दुर्गा पूजा के अंतिम दिन के रूप में भी जाना जाता है, जिसे लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस त्योहार को रावण के वध के अवसर पर भी जाना जाता है।

दशहरा के त्योहार की शुरुआत नवरात्रि के पावन पर्व से होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक लोग मां दुर्गा की पूजा और भक्ति करते हैं। इन दिनों में धार्मिक अनुष्ठान, भजन और मां की आराधना का धूमधाम से आयोजन होता हैं। इन नौ दिनों के बाद दशहरा के दिन लोग खुशी के साथ मिलकर धूमधाम से इसे मनाते हैं। दशहरा के दिन रामलीला नाटक की प्रस्तुति की जाती है, जिसमें भगवान राम और रावण के युद्ध का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। जिसमें भगवान राम रावण के पुतले को धनुषबाण से मारते हैं इसे देखने के लिए लाखों लोग एकत्र होते हैं।

दशहरा एक समृद्धि, सम्पदा और शुभकामनाओं का त्योहार है। इस दिन लोग अपने परिवार, दोस्तों, और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। दशहरे का उत्सव हिन्दू समाज में एकता, शक्ति, धैर्य, धर्माचरण, और विजय का प्रतीक है। यह हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और हमें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। यह त्योहार हमारी संस्कृति और धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें सदैव गर्व महसूस करने का मौका देता है।

Dussehra Festival Essay in 100 Words – दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में

दशहरा एक हिंदू त्योहार है जो वर्षा ऋतु के अंत में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा को विजयादशमी भी कहते हैं। यह त्योहार भारत देश भर में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरा के पीछे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएं छिपी होती हैं।

इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण को मारा था, जिससे अयोध्या के लोगों ने खुशी का जश्न मनाया था। दशहरा के दिन लोग मेले और उत्सवों में भाग लेते हैं। विभिन्न रामलीला मंचन, रथयात्रा, और मूर्ति स्थापना के आयोजन किए जाते हैं। स्कूलों और समुदायों में बच्चों को कविताएं सुनाई जाती हैं और रंगोली बनाई जाती है।दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

Dussehra Festival Essay in 500 Words- दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

Dussehra Festival Essay in 500 Words- दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना:

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां विभिन्न धर्मों के त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। यहां पर्व-त्योहार एकता और सद्भावना का प्रतीक हैं, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और प्रेम भाव बढ़ाने में मदद करते हैं। दशहरा एक ऐसा ही त्योहार है, जो भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार विजयादशमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस निबंध में हम दशहरे के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

दशहरे का त्योहार:

दशहरा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व नवरात्रि के दसवें दिन को मनाया जाता है, इसलिए इसे दशहरा भी कहते हैं। यह त्योहार शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार विजय का प्रतीक है जो बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है। दशहरे के दिन लोग दुर्गा माता के दस रूपों की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं।

रामलीला का महत्व:

दशहरे के अवसर पर पूरे भारत में रामलीला नामक नाटक का आयोजन होता है। इसमें प्रभु राम और रावण के युद्ध का दृश्य प्रस्तुत किया जाता है। रामलीला नाटक के माध्यम से लोगों को भगवान राम के चरित्र और महानता के बारे में सिखाया जाता है और उन्हें अधर्म का नाश करने का प्रेरणा मिलता है। रामलीला के अंत में रावण के पुतले का दहन होता है, जिससे लोग बुराई के प्रतीक का नाश करने का संदेश प्राप्त करते हैं।

दशहरे के उत्सव:

दशहरे के दिन लोग धूमधाम से खुशी मनाते हैं। श्रद्धालु दुर्गा माता के मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और माता की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बच्चे और युवा दशहरे के मैदानों पर खेलते हैं और रामलीला का आनंद लेते हैं। बाजारों में दुकाने लगती है और लोग साफ़ सुथरे वस्त्रों को पहनते हैं। दशहरे के दिन आम तौर पर सभी लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खाने-पीने का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

दशहरा एक धार्मिक त्योहार है जो भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। यह त्योहार विजय का प्रतीक है जो अधर्म को नष्ट कर धर्म की विजय को प्रस्तुत करता है। दशहरे के दिन लोग दुर्गा माता के दस रूपों की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं। रामलीला नाटक का आयोजन भी इस अवसर पर किया जाता है, जो लोगों को भगवान राम के चरित्र और महानता के बारे में सिखाता है। दशहरे के दिन लोग धूमधाम से उत्सव मनाते हैं, जो एकता और सद्भावना का प्रतीक है। इस त्योहार के माध्यम से लोग बुराई के प्रतीक का नाश करते हैं और धर्म की विजय को स्वीकार करते हैं।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 7 – दशहरा पर निबंध For Class 7

दशहरा (Dussehra) एक भारतीय त्योहार है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध होता है। दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है ‘विजय की दशमी’। विजय का अर्थ होता है विजयी या विजयीभवन, जबकि दशमी का अर्थ होता है दसवें दिन का पर्व। यह त्योहार भगवान राम के विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जिसने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को छुड़ाया था।

दशहरा का उत्सव आठ दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नवरात्रि से होती है। नवरात्रि दुर्गा माता के उत्सव के रूप में मनाई जाती है जिसमें नौ दिनों तक देवी की पूजा की जाती है। इसके अंत में दशहरे की दशमी आती है, जिसे रावण वध के रूप में मनाया जाता है।

दशहरे के दिन भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ रावण का वध किया था और सीता माता को उसकी कैद से छुड़ाया था। इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाने का कारण है क्योंकि भगवान राम ने इस दिन विजयी होकर सत्य की जीत का प्रतीक दिखाया था। इसलिए दशहरे को सत्य की विजय का पर्व माना जाता है। दशहरे के दिन लोग रावण को जलाते हैं। दशहरे के दिन लोग भगवान राम की पूजा और अर्चना करते हैं और उन्हें फूल, पुष्पांजलि और प्रसाद चढ़ाते हैं। भजन और कीर्तन करते हैं, और मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती है।

इस दिन को लोग धार्मिक उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं और दोस्तों और परिवार के साथ स्वादिस्ट भोजन भी करते हैं। दशहरे का त्योहार समाज में एकता, समरसता, और सम्मान की भावना को स्थापित करता है। इस दिन को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जो शक्ति की विजय का प्रतीक है। मां दुर्गा के नौ रूपों के उपासना के बाद, भगवान राम की विजय भी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।

इस प्रकार, दशहरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जो भारतीय समाज में एकता, धर्मनिरपेक्षता, और तौर-तरीके से समाज को मिलाकर रखने का संदेश देता है। इस अवसर पर लोग अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझते हैं और उन्हें अपने जीवन में अमल करने का प्रतिबद्ध रहते हैं।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 6 – दशहरा पर निबंध For Class 6

दशहराहिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भारत में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार वर्षभर में धूमधाम से मनाया जाता है और लोग इसे धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। दशहरे का त्योहार विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है विजय का दसवां दिन। यह पर्व मुख्य रूप से भगवान राम के विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्होंने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को छुड़ाया था।

दशहरे के दिन लोग अपने घरों को सजाकर रामलीला के नाटक का आयोजन करते हैं। रामलीला में भगवान राम, सीता माता, लक्ष्मण, और हनुमान के वेष में कलाकार नाटक का प्रदर्शन करते हैं और लोग भगवान राम के कथा का आनंद लेते हैं। रामलीला का आयोजन नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से होता है, जिससे लोग रामायण के घटनाक्रम को भक्ति और उत्साह से देखते हैं।

दशहरे के दिन लोग भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिरों में भक्ति भाव से भजन की गायन भी करते हैं। दशहरे का पर्व हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग भगवान राम और मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें अपने जीवन के भविष्य में अच्छाई की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

दशहरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जो हिंदू समुदाय में विशेष महत्व रखता है। यह भगवान राम के धर्म और सजीव व्यवहार का प्रतीक है और लोगों को अच्छाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। इस पर्व के दौरान हमें समाज में सौहार्द और सद्भावना के महत्व को याद रखना चाहिए और भगवान के मार्ग पर चलने का संकल्प करना चाहिए।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 5 – दशहरा पर निबंध For Class 5

भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। इन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है ‘दशहरा’, जो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा का यह पर्व विजय का संदेश देता है और बुराई के प्रति भक्ति और साहस की भावना को प्रकट करता है। दशहरा भारतीय हिंदू कैलेंडर के आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व विजय पंचमी के रूप में भी जाना जाता है।

दशहरे का महत्व रामायण के इतिहास से जुड़ा हुआ है। रामायण में भगवान राम ने राक्षस रावण को विजयी बनाने के लिए दशहरे के दिन लंका को जीता था। इसी कारण से भी दशहरे को ‘विजयादशमी’ के रूप में जाना जाता है।दशहरे के उत्सव में लोग धूमधाम से इसे मनाते हैं। इस त्योहार के दौरान लोग विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

दुर्गा पूजा के दौरान नौ दिनों तक देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामायण के भागों का अभिनय किया जाता है। दशहरे का महत्व विजय का संदेश देने के लिए है। यह त्योहार हमें यह बताता है कि अच्छे और धार्मिक विचारों के साथ बुराई को परास्त किया जा सकता है।

यह भी दिखाता है कि धर्म, सच्चाई, और न्याय के मार्ग पर चलने से हम विजयी बन सकते हैं।इस प्रकार, दशहरे का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्योहार हमें सच्चे और धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और बुराई को परास्त करने की शक्ति भी प्रदान करता है। इसे मनाकर हम अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. दशहरे का त्योहार कब मनाया जाता है?

उत्तर: दशहरे का त्योहार हर साल नवरात्रि के नौवें और दस्वें दिन मनाया जाता है।

2. दशहरे का महत्व क्या है?

उत्तर: दशहरे का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोन से है, जो हमें अच्छे कर्मों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और माँ दुर्गा की शक्ति को समझाता है।

3. दशहरे के दौरान कौन-कौन से रास्ते दिखाए जाते हैं?

उत्तर: दशहरे के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों में रामलीला, गोलू और रसलीला नाटक का आयोजन किया जाता है।

4. दशहरे का त्योहार किसलिए मनाया जाता है?

उत्तर: दशहरे का त्योहार माँ दुर्गा की विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जो अच्छे को बुरे से जीत की प्रतीक है।

5. दशहरे के बाद क्या आता है?

उत्तर: दशहरे के बाद दिवाली का त्योहार आता है, जो भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत दशहरा पर निबंध ( Essay on Dussehra in Hindi ) बहुत पसंद आया होगा। इस पोस्ट में हमने आपके लिए दशहरे पर्व से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत की है।

हमने अपनी तरफ से सारे महत्वापूर्ण पॉइंट्स को इन दिए गए विभिन्न निबंधों में दर्शाया है , हमने पूरी कोसिस की है की आपको इस टॉपिक पर कोई समस्या न हो फिर भी अगर आपके मन में कोई प्रश्न या सुझाव है तो हमे कमेंट करके जरूर बताये। हम आपके द्वारा किये गए कमेंट का जल्दी से जल्दी उत्तर देंगे। धन्यवाद् !

Related Posts:

  • Vigyan ke Badhte Charan Essay in Hindi - विज्ञान के बढ़ते…
  • Nadi ki Atmakatha Essay in Hindi - नदी की आत्मकथा पर निबंध…
  • Samay Ka Mahatva Essay In Hindi - समय के महत्व पर निबंध 100,…
  • Plastic ki Duniya Essay in Hindi | प्लास्टिक पर निबंध 2023
  • Ashadhi Ekadashi Essay in English 10 Lines: Insights and…

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • अन्य आर्टिकल्स

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 150, 200, 500 शब्दों में निबंध

Updated On: October 17, 2023 11:41 am IST

प्रस्तावना (Preface)

आयोजन (events).

  • श्री राम द्वारा रावण का वध (Slaying of Ravana by …

दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)

निष्कर्ष (conclusion).

  • दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …
  • दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …

दशहरा पर हिंदी में निबंध

श्री राम द्वारा रावण का वध (Slaying of Ravana by Lord Shri Ram)

दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (essay on dussehra in 200 words in hindi), दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (essay on dussehra in 500+ words) , are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • गार्गी पुरस्कार छात्रवृत्ति 2024 योजना (Gargi Puraskar Scholarship 2024 Scheme)
  • बिहार एनएमएमएस रिजल्ट 2024 जारी (Bihar NMMS Result 2024 in Hindi) - डेट, डायरेक्ट लिंक, scert.bihar.gov.in पर चेक करें
  • शिक्षक के रूप में कैरियर (Career as a Teacher): योग्यता, एग्जाम और सैलेरी स्कोप देखें
  • ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र डॉक्यूमेंट (EWS Certificate Documents)
  • भारत में वेटरनरी साइंस बैचलर (BVSc) एडमिशन 2024 (Bachelor of Veterinary Science (BVSc) Admission in India 2024): एलिजिबिलिटी, सेलेक्शन, फीस, टॉप कॉलेज
  • एसएससी सीएचएसएल एप्लीकेशन फॉर्म 2023-24 के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट की लिस्ट (Documents Required for SSC CHSL 2023-24 Application Form): फोटो अपलोड करने की प्रक्रिया, स्पेसिफिकेशन जानें

नवीनतम आर्टिकल्स

  • एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर डीयू के टॉप कॉलेज (Top colleges of DU Based on NIRF Ranking)
  • दिल्ली विश्वविद्यालय कोर्सेस (Delhi University Courses) - डीयू यूजी कोर्सेस की स्ट्रीम-वार लिस्ट यहां देखें
  • 10वीं के बाद आईटीआई कोर्स (ITI Courses After 10th in India) - एडमिशन प्रोसेस, टॉप कॉलेज, फीस, जॉब स्कोप जानें
  • भारत में 12वीं के बाद एंट्रेंस एग्जाम की लिस्ट (List of Entrance Exams in India After Class 12) - यहां देखें
  • दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज (Colleges in Delhi University): डीयू से संबद्ध/मान्यता प्राप्त कॉलेज
  • जेएनवीएसटी रिजल्ट 2024 (JNVST Result 2024): नवोदय विद्यालय कक्षा 6वीं और 9वीं का रिजल्‍ट
  • सैनिक स्कूल एडमिशन 2024 (Sainik School Admission 2024 in Hindi): एडमिट कार्ड जारी, परीक्षा तारीख, पात्रता और स्कूल

नवीनतम समाचार

  • BSEB बिहार 10वीं मैट्रिक रिजल्ट 2024 रिजल्ट लिंक एक्टिव हुआ है या नहीं?
  • BSEB बिहार 10वीं मैट्रिक टॉपर्स लिस्ट 2024 (उपलब्ध): जिलेवार टॉपर्स के नाम, अंक, प्रतिशत

ट्रेंडिंग न्यूज़

पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम (PhD Entrance Exam) - PhD एडमिशन 2024, डेट, पात्रता, शुल्क, एप्लीकेशन प्रोसेस

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Stream Engineering Management Medical Commerce and Banking Information Technology Arts and Humanities Design Hotel Management Physical Education Science Media and Mass Communication Vocational Law Others Education Paramedical Agriculture Nursing Pharmacy Dental Performing Arts
  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

essay on dussehra in hindi 500 words

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

HindiKiDuniyacom

दशहरा निबंध (Dussehra Essay in Hindi)

दशहरा

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी। लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है।

दशहरा पर 10 वाक्य

दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है।

ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है।

रामलीला का आयोजन

देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और परंपरा अलग-अलग है। कई जगहों पर पूरा दस दिन के लिए मनाया जाता है, मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने सुनाई जाती है साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन 7 दिन या मौसम तक किया जाता है। सारे शहर में रामलीला का आयोजन होता है। राम लीला पौराणिक महाकाव्य, रामायण का एक लोकप्रिय अधिनियम है। ऐसा माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम, राम की परंपरा शुरू की, जो भगवान राम की कहानी के अधिनियम था। उनके द्वारा लिखी गई रामचरितमानस आज तक रामलीला प्रदर्शन का आधार बनाती हैं। रामनगर राम लीला (वाराणसी में) सबसे पारंपरिक शैली में अधिनियमित किया गया है।

विजयदशमी मनाने के पीछे राम लीला का उत्सव पौराणिक कथाओं को इंगित करता है। ये सीता माता के अपहरण के पूरे इतिहास को बताता है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की हार और अंत तथा राजा राम की जीत को दर्शाता है। वास्तविक लोग राम, लक्ष्मण और सीता तथा हनुमान का किरदार निभाते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का पुतला बनाया जाता है। अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाने के लिये रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिये जाते है और पटाखों के बीच इस उत्सव को और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

निबंध 2 (400 शब्द)

दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे उत्साह के साथ पूरे देश में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा लगातार दस दिन तक मनाया जाता है। इसलिये इसे दशहरा कहते है। पहले नौ दिन तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है , दसवें दिन लोग असुर राजा रावण का पुतला जला कर मनाते है। दशहरा का ये पर्व सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के दो या तीन हफ्ते पहले पड़ता है।

हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा के द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है तथा इसमें प्रभु राम और देवी दुर्गा के भक्त पहले या आखिरी दिन या फिर पूरे नौ दिन तक पूजा-पाठ या व्रत रखते है। नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है।

क्यों ना हम पहले आपने अन्दर के रावण को मारें।

“रावण पर विजय पाने के लिए पहले खुद राम बनना पड़ता है”

हम बाहर रावण का पुतला तो जलाते है लेकिन अंदर उसे पोषित करते है। वो तो सतयुग था जिसमें केवल एक रावण था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की। यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण  नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।

ना जाने कई सालों सदियों से पूरे देश में रावण का पुतला हर साल जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण की मृत्यु सालों पहले हो गयी थी तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? आज तो कई रावण हैं। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरों पर चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनको ख़त्म करने के लिए साल में एक दिन काफी नहीं है इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने धनुष से मारा था, आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपनी इच्छा शक्ति से मारना होगा।

ये 10 दिन लंबा उत्सव होता है, जिसमें से नौ दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिये और दसवाँ दिन विजयादशमी के रुप में मनाया जाता है ये असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत के अवसर के रुप में भी मनाया जाता है। इसके आने से पहले ही लोगों द्वारा बड़ी तैयारी शुरु हो जाती है। ये 10 दिनों का या एक महीने का उत्सव या मेले के रुप में होता है जिसमें एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्रों में जाकर दुकान और स्टॉल लगाते है।

Essay on Dussehra in Hindi

निबंध 3 (500 शब्द)

पूरे देश में मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है दशहरा। ये हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में दीपावली के पर्व से 20 दिन पहले आता है। लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को दिखाता है दशहरा। भगवान राम सच्चाई के प्रतीक है और रावण बुराई की शक्ति का। देवी दुर्गा के पूजा के साथ हिन्दू लोगों के द्वारा ये महान धार्मिक उत्सव और दस्तूर मनाया जाता है। इस पर्व को पूरे देश में मनाने की परंपरा और संस्कार क्षेत्र दर क्षेत्र अलग-अलग है। ये पर्व बच्चों के मन में काफी खुशियां लाता है।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयाँ को ख़त्म किया जो हमारे अंदर, पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप में विराजमान है।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

रामलीला मंचन

हर तरफ जगमगाती रोशनी और पटाखों की शोर से गूँजता माहौल। बच्चे और बाकी सभी लोग रामलीला को पूरी रात देखते है। रामलीला मंचन के द्वारा वास्तविक लोग रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते है। हजारों की संख्या में आदमी, औरत और बच्चे रामलीला मैदान में अपने पास के क्षेत्रों से इस उत्सव का आनन्द उठाते है। राम, सीता और लक्ष्मण के किरदार के लिये वास्तविक कलाकार होते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के कागज के पुतले बनाये जाते है।

विजयादशमी एक ऐसा पर्व है, जिसे लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित और लोगों के मन में नई चाह और सात्विक ऊर्जा भी ले आता है। भगवान राम ने कैसे बुराई का अंत कर रावण पर विजय प्राप्त की। और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन पकवान आदि सबके घरों में बनाये जाते है।

निबंध 4 (600 शब्द)

दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण और लंबा उत्सव है। पूरे देश में इसे पूरे उत्साह, प्यार, विश्वास और सम्मान के साथ हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। सभी के द्वारा मस्ती करने के लिये ये वाकई अच्छा समय होता है। दशहरा के उत्सव पर स्कूल और कॉलेजों से भी कुछ दिनों की छुट्टी मिल जाती है। ये पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के 20 दिन पहले पड़ता है। लोगों को इस त्योहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है।

दशहरा से जुड़ी रीती रिवाज और परंपरा

भारत एक ऐसा देश है जो अपनी परंपरा और संस्कृति, मेले और उत्सव के लिये जाना जाता है। यहाँ हर पर्व को लोग पूरे जोश और खुशी के साथ मनाते है। हिन्दू पर्व को महत्व देने के साथ ही इस त्योहार को पूरी खुशी के साथ मनाने के लिये भारत की सरकार द्वारा दशहरा के इस उत्सव पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की जाती है। दशहरा का अर्थ है ‘बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के राजा राम की जीत’। दशहरा का वास्तविक अर्थ दस सर वाले असुर का इस पर्व के दसवें दिन पर अंत है। पूरे देश में सभी लोगों द्वारा रावण को जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवाँ दिन मनाया जाता है।

देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार इस उत्सव को लेकर कई सारी कहानियाँ है। इस उत्सव की शुरुआत हिन्दू लोगों के द्वारा उस दिन से हुई जब भगवान राम ने असुर राजा रावण को दशहरा के दिन मार दिया था (हिन्दू कैलंडर के अश्वयुजा महीने में)। भगवान राम ने रावण को इसलिये मारा क्योंकि उसने माता सीता का हरण कर लिया था और उन्हें आजाद करने के लिये तैयार नहीं था। इसके बाद भगवान राम ने हनुमान की वानर सेना और लक्ष्मण के साथ मिलकर रावण को परास्त किया।

दशहरा का महत्व

दशहरा का पर्व हर एक के जीवन में बहुत महत्व है इस दिन लोग अपने अंदर की भी  बुराइयों को ख़त्म करके नई जीवन की शुरुआत करते है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दशहरा त्यौहार जश्न के रूप में मनाया जाने वाला  त्यौहार है। सबकी जश्न की अपनी मान्यता है किसानों के लिए फसल को घर लाने का जश्न, बच्चों के लिए राम द्वारा रावण के वध का जश्न , बड़ो द्वारा बुराई पर अच्छाई का जश्न, आदि। यह पर्व बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। लोगों का मानना है की इस दिन अगर स्वामी  के पत्तों को घर लाये जाए तो बहुत ही शुभ होता है और इस दिन शुरू किये गए कार्य में जरूर सफलता मिलती है।

विजयादशमी से जुड़ी कथाएं

  • भगवान राम का रावण पर विजय।
  • पांडव का वनवास।
  • माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध।
  • देवी सती का अग्नि में समाना।

दशहरा का मेला

ऐसे कई जगह है जहां दशहरा पर मेला लगता है, कोटा में दशहरा का मेला, कोलकाता में दशहरा का मेला, वाराणसी में दशहरा का मेला, इत्यादि। जिसमें कई दुकानें लगती है और खाने पीने का आयोजन होता है। इस दिन बच्चे मेला घूमने जाते है और मैदान में रावण का वध देखने जाते है।

इस दिन सड़कों पर बहुत भीड़ होती है। लोग गाँवों से शहरों में दशहरा मेला देखने आते है। जिसे दशहरा मेला के नाम से जाना जाता है। इतिहास बताता है कि दशहरा का जश्न महारो दुर्जनशल सिंह हंडा के शासन काल में शुरू हुआ था। रावण के वध के बाद श्रद्धालु पंडाल घूमकर देवी माँ का दर्शन करते हुए मेले का आनंद उठाते है।

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये राजा राम ने चंडी होम कराया था। इसके अनुसार युद्ध के दसवें दिन रावण को मारने का राज जान कर उस पर विजय प्राप्त कर लिया था। अंततः रावण को मारने के बाद राम ने सीता को वापस पाया। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक असुर का वध किया था। हर क्षेत्र के रामलीला मैदान में एक बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है जहाँ दूसरे क्षेत्र के लोग इस मेले के साथ ही रामलीला का नाटकीय मंचन देखने आते है।

संबंधित जानकारी

दिवाली पर निबंध

दशहरा पर कविता

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

दशहरा पर निबंध 10 lines (Essay On Dussehra in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 350, 500, शब्दों मे

essay on dussehra in hindi 500 words

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक बड़ा त्योहार है और इसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और समर्पण के साथ दशहरा मनाते हैं। इस त्योहार का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। Essay On Dussehra भारत के कुछ क्षेत्रों में दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। 

Essay On Dussehra in Hindi – इस त्योहार की एक सीख है, या हम कह सकते हैं कि यह त्योहार ‘बुराई पर अच्छाई की जीत'( victory of good over evil ) के बारे में है। इस त्योहार का अपना महत्व है और यह बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार का प्राथमिक परिणाम हर बार झूठ पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर रोशनी की जीत है। इसलिए Dussehra पर लोगों की मान्यताएं भले ही अलग-अलग हों, लेकिन वे इसे पूरे देश में एक ही भाव से मनाते हैं। 

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra 10 lines in Hindi)

  • दशहरा त्यौहार रावण पर देवता राम की कुछ विजय के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है
  • दशहरा उत्सव नैतिक सिद्धांतों और धर्मी आचरण को अपनाने के माध्यम से बुराई और अहंकार के विनाश का प्रतिनिधित्व करता है।
  • दुर्गा, लक्ष्मी, और गणेश की मूर्तियों को ले जाने वाले जुलूसों में भाग लेने वाले लोग गाते और नृत्य करते हैं, दशहरा उत्सव मनाने के पारंपरिक तरीकों में से हैं।
  • रावण के दस सिर चार वेदों और छह “शास्त्रों” की उसकी समझ के लिए खड़े हैं। हालाँकि, कुछ का दावा है कि वे 10 मानव दोषों का प्रतीक हैं जिन्हें हमें मोचन प्राप्त करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से जलाना चाहिए।
  • भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में दशहरा उत्सव मनाने का एक अन्य कारण यह था कि देवी दुर्गा ने महिषासुर, भैंस राक्षस को हराया था, जिसे भगवान ब्रह्मा ने अमरता प्रदान की थी, लेकिन उसके जघन्य कर्म शुरू हो गए थे, इसलिए, सभी देवताओं ने देवी दुर्गा का गठन किया, जिन्होंने महिषासुर को युद्ध में शामिल किया। अंततः उसे हराने से पहले नौ दिनों के लिए।
  • कुछ लोग दुर्गा पूजा के समापन पर दशहरा उत्सव मनाते हैं और धर्म को बहाल करने और उसकी रक्षा करने के लिए महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत को याद करते हैं।
  • नवरात्रि उत्सव के दौरान, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, भक्त उपवास भी करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, महाराष्ट्र और कई अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में लोग अपनी कारों की पूजा करते हैं और उन्हें फूलों और अगरबत्तियों से सजाते हैं।
  • दुनिया में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी की ओर आकर्षित करता है।
  • दिवाली, सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध हिंदू छुट्टियों में से एक, दो से तीन सप्ताह में आ रही है। दशहरा पर्व की तरह यह पर्व भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दशहरा पर निबंध 20 लाइन (Essay on Dussehra 20 lines in Hindi)

  • यह भारत का एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है।
  • जो भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
  • इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
  • पूरे भारत के लोग इस त्योहार को बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • यह त्योहार अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है।
  • यानी दिवाली से बीस दिन पहले।
  • इस त्योहार का नाम संस्कृत की दशा से लिया गया है जिसका अर्थ है दस और हारा का अर्थ है हार।
  • नौरात्रि के नौ दिनों के उत्सव के बाद,
  • दशहरा पर्व आश्विन माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है ।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को हराया था और अपनी अपहृत पत्नी सीता को राक्षस के चंगुल से मुक्त कराया था।
  • दशहरा पर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है।
  • यह त्योहार हमें सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है।
  • इस दिन लोग रावण के पुतले को जलाते हैं।
  • मान्यता है कि रावण की प्रतिमा जलाने से हमें अपनी बुरी आदतों को भी जला देना चाहिए।
  • इस त्योहार पर लोग अपने घर में मिष्ठान पकाते हैं और साथ में इस त्योहार को मनाने के लिए अतिथि को भी आमंत्रित करते हैं।
  • इस दिन लोग अपने घर को फूलों से सजाते हैं।
  • महिलाएं अपने घर के मुख्य द्वार के सामने रंगोली बनाती हैं।
  • इस त्योहार का परिणाम अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और बुरे पर अच्छाई का है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Best Friend Essay
  • My School Essay

दशहरा पर निबंध 100 शब्द (short Essay on Dussehra 100 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हमारे देश भारत में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह उस दिन का प्रतीक है जिस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को हराया था। उत्सव यह याद रखना है कि अच्छाई और पवित्र हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करते हैं। परिवारों के सदस्य सज-धज कर तैयार होते हैं और दशहरे के दिन अच्छा खाना खाकर और आतिशबाजी देखकर एक-दूसरे के साथ समय बिताने के लिए एक साथ आते हैं। बहुत से लोग बाहर जाते हैं और दशहरे के प्रमुख मेलों में समय बिताते हैं। इन मेलों में, कुछ स्थानीय रंगमंच समूह रामलीला के नाटक का मंचन करते हैं, जो रामायण की प्रसिद्ध हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित है। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का प्रतिनिधित्व करने वाली बड़ी आकृतियों का दहन इस उत्सव के अंत का प्रतीक है।

दशहरा पर निबंध 150 शब्द (Dussehra Essay 150 words in Hindi)

Essay on Dussehra दशहरा भारत में सबसे प्रसिद्ध और अत्यधिक मनाई जाने वाली छुट्टियों में से एक है। भले ही यह एक हिंदू त्योहार है लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में, विभिन्न धर्मों के लोग एकजुट होकर आनंद लेते हैं। दशहरे पर, सड़कों को चमकदार रोशनी से सजाया जाता है, और लाउडस्पीकरों से गाने बजाए जाते हैं जो सभी दिशाओं से आते हैं और सड़कों पर भीड़ लगाने वाले लोगों की आवाज़ और जयकारों के साथ मिलकर सुंदर अराजकता पैदा करते हैं। नवरात्रि के दस दिनों के दौरान सड़क के किनारे स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और छोटे स्मृति चिन्ह विक्रेताओं द्वारा बेचे जाते हैं।

दशहरे के दिन सबसे ज्यादा व्यापार इसलिए होता है क्योंकि हर कोई उस त्योहार के आखिरी दिन और छुट्टी का लुत्फ उठाना चाहता है। लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां त्योहार अक्सर होते हैं, और हर साल शरद ऋतु और सर्दियों के अंत में इनमें से अधिकांश त्योहार मनाए जाते हैं। इसलिए विजयादशमी पर, जिसे उसी दिन बंगाल और उड़ीसा में दशहरा के रूप में मनाया जाता है, लोग भले ही माँ दुर्गा को अलविदा कह रहे हों, लेकिन केवल माँ काली का स्वागत करने और दो सप्ताह बाद दिवाली मनाने के लिए।

दशहरा पर निबंध 200 शब्द (Dussehra Essay 200 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – यह पौराणिक पौराणिक चरित्र भगवान राम की याद में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, जो रावण नामक तथाकथित अपराजेय दुष्ट आत्मा को पराजित करता है, जो किंवदंती के अनुसार श्रीलंका का राजा भी था। लोग इस दिन को राक्षस राजा रावण का प्रतिनिधित्व करने वाली लकड़ी और घास से बनी एक विशाल राक्षस जैसी संरचना को जलाकर मनाते हैं। एक और किंवदंती है कि पश्चिम बंगाल के लोग मानते हैं कि देवी मां दुर्गा, जो पृथ्वी पर अपने पिता के घर जाने के लिए आई थीं, पांच दिनों के बाद, यानी दशमी या दशहरा के दिन चली जाती हैं। तो सभी खुश हो जाते हैं और मां दुर्गा को विदा करते हुए अगले साल फिर आने को कहते हैं।

इस दिन, मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और बाँटी जाती हैं, रिश्तेदार मिलते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और अपने समय का आनंद लेते हैं। बच्चे वे हैं जो किसी भी त्योहार के दौरान सबसे अधिक उत्साहित होते हैं क्योंकि उन्हें सुंदर और नए कपड़े पहनाए जाते हैं, वे अपने चचेरे भाइयों और दोस्तों से मिलते हैं, उन्हें फिर से रामायण की कथा सुनाई जाती है, और उन्हें मेलों में भी ले जाया जाता है जहां वे खिलौने खरीदते हैं और खाते हैं स्वादिष्ट व्यंजन। वयस्कों के व्यस्त कार्यक्रम के साथ, वे दशहरे की छुट्टी का भी इंतजार करते हैं जब उन्हें अंततः आराम करने और अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा समय बिताने का मौका मिलता है।

दशहरा पर निबंध 250 शब्द (Dussehra Essay 250 words in Hindi)

Introduction

Essay On Dussehra in Hindi – हर साल सितंबर-अक्टूबर के महीनों में, हिंदू उस दिन को मनाते हैं जब उनके प्रिय राजकुमार राम ने बाद के बुरे कामों और दुराचारों के लिए राक्षस रावण का वध किया था। दशहरा अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और हर गाँव या शहर मेलों में आने वाले दर्शकों से अभिभूत होता है।

राम की जीत का जश्न ( Ram’s victory celebration )

त्योहार प्रमुख रूप से रावण पर राम की जीत का जश्न मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह वास्तव में एक असंभव कार्य था, फिर भी राम, अपने विश्वासों में विश्वास से प्रेरित होकर इसे प्राप्त करने में सक्षम थे। जब राम ने रावण से रक्षा की, तो उनके पास कुछ वफादार दोस्तों और भाई लक्ष्मण के अलावा कुछ भी नहीं था।

उस समय रावण एक शक्तिशाली राजा था जिसे किसी ने चुनौती देने का साहस नहीं किया। लेकिन, राम अपने वफादार दोस्तों को संगठित करने और रावण के खिलाफ लड़ने के लिए एक सेना का गठन करने में सक्षम थे। प्रारंभ में, रावण ने इसे हँसाया, लेकिन अपने आश्चर्य और निराशा के लिए, वह युद्ध के तेरहवें दिन राम द्वारा पराजित और मारा गया। राम की इसी विजय को भारत के लोग दशहरे के रूप में मनाते हैं।

दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)

दशहरा और दुर्गा पूजा दोनों बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। जबकि दशहरा भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है; दुर्गा पूजा उस दिन को मनाती है जब देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध में दुष्ट भैंसे राक्षस महिषासुर का वध किया था। दुर्गा पूजा के दसवें दिन दशहरा भी पड़ता है। किंवदंती है कि युद्ध में जाने से पहले भगवान राम ने शक्ति और वीरता के लिए देवी दुर्गा की पूजा की थी।

दशहरा न केवल हिंदू विश्वास का अभिन्न अंग है, बल्कि यह “सत्य की हमेशा जीत” के भारतीय दर्शन पर भी जोर देता है।

दशहरा पर निबंध 300 शब्द 350 शब्द (Dussehra Essay 300 words 350 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, जो दीपावली के त्योहार से 20 दिन पहले मनाया जाता है। जबकि दीपावली भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाती है; दशहरा उस दिन मनाया जाता है जिस दिन राम ने 13 दिनों तक चले युद्ध में रावण का वध किया था।

बुराई पर अच्छाई की जीत

राम अयोध्या के एक कुलीन राजकुमार थे, जिनकी पत्नी सीता का रावण द्वारा अपहरण कर लिया गया था, जबकि सीता वनवास पर थीं। रावण राक्षस राजा था, जो लंका के राज्य में रहता था। वह एक शक्तिशाली राजा था जिसने दुनिया पर राज किया। वनवास के दौरान राम के पास धनुष और बाण और उनकी वफादार पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण के अलावा कुछ नहीं था।

जब रावण सीता का हरण कर लंका ले गया; राम लगभग अज्ञात छोटे राज्यों के राजाओं से समर्थन प्राप्त करने में सक्षम थे। यह उपलब्धि वे अपने नेतृत्व कौशल और नैतिक उच्चता के कारण करने में सफल रहे।

राम की असाधारण पवित्र उपस्थिति थी जिसने उन्हें मिलने वाले सभी लोगों की वफादारी हासिल करने में मदद की। उसकी सेना, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, अपने मूल के प्रति वफादार थी और उस पर विश्वास करती थी। धार्मिकता के सिद्धांतों में राम के विश्वास ने उन्हें और उनकी सेना को एक बहुत ही दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी – रावण के खिलाफ लड़ने की ताकत दी। यह और कुछ नहीं बल्कि अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई थी और जिस दिन रावण के वध के साथ इसका अंत हुआ, वह बुराई पर अच्छाई की जीत थी, जिसे आज दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

‘राम लीला’ – राम की कहानी Ram Leela – Story of Ram

दशहरा उत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक राम लीला या राम की कहानी का प्रदर्शन है। यह स्थानीय कलाकारों द्वारा राम के जीवन की घटनाओं को दर्शाने वाला नाटक है। राम लीला भारत के हर गांव और शहर में की जाती है और स्थानीय लोगों द्वारा अद्वितीय उत्साह के साथ देखा जाता है।

रामलीला 20 से अधिक दिनों के लिए की जाती है, जिसमें प्रत्येक दिन विशिष्ट घटनाओं को समर्पित होता है जैसे – जिस दिन राम ने अपना वनवास शुरू किया, सीता का अपहरण, हनुमना की लंका की यात्रा, आदि। राम लीला का अंतिम दिन राम के हाथों रावण के वध के साथ मेल खाता है। राम लीला का यह अंतिम कार्य अधिक लोकप्रिय है और “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए दर्शकों के सामने रावण के एक बड़े पुतले को जलाने की आवश्यकता है।

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म के बहुत ही मूल दर्शन को दर्शाता है, जो सत्य और धार्मिकता का शाश्वत प्रसार है। बुराई के सामने सत्य कितना भी छोटा क्यों न हो, उसे दबाया नहीं जा सकता और हमेशा विजयी होता है।

दशहरा पर निबंध 500 शब्द (long Essay Dussehra 500 words in Hindi)

दशहरा जिसे ‘विजयदशमी’ भी कहा जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह दीपावली और होली के बाद भारतीय हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। निबंध में हम दशहरा के समय, पौराणिक कथाओं, उत्सवों और महत्व के बारे में जानेंगे।

दशहरा कब मनाया जाता है?

दशहरा का त्यौहार हिंदू लूनिसोलर कैलेंडर के अश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीने से मेल खाता है।

यह त्योहार नौ दिनों तक चलने वाली दुर्गा पूजा के दसवें दिन और दीपावली के त्योहार से 20 दिन पहले आता है।

पौराणिक कथा ( mythology )

दशहरा उत्सव की कथा भगवान राम और राक्षस राजा रावण पर उनकी जीत से जुड़ी है। राम, अयोध्या के राजकुमार दंडक वन (दक्षिणी भारत) में अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास पर थे।

घटनाओं के बदले में, रावण द्वारा सीता का अपहरण कर लिया गया, जो उसे अपने राज्य ‘लंका’ ले गया, जो वर्तमान श्रीलंका में था। राम एक महान राजकुमार थे जो अपने तीरंदाजी कौशल और नैतिक मूल्यों के लिए जाने जाते थे। वह शुभचिंतकों को संगठित करने और सीता को मुक्त करने के लिए रावण के साथ युद्ध के लिए उकसाने में सक्षम था।

रामायण युद्ध लगभग 13 दिनों तक चला और अंत में राम रावण को मारने में सफल रहे। वास्तव में यह बुराई पर अच्छाई की जीत थी। इस दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

युद्ध के 20 दिन बाद राम अयोध्या लौटे और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा उत्सव

दशहरा का त्यौहार पूरे देश में असाधारण उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्योहार की तैयारी महीनों पहले से की जाती है। दशहरा घरों में नहीं मनाया जाता है बल्कि यह सामुदायिक मेले की तरह अधिक होता है, जिसे समाज में अन्य लोगों के साथ मिलकर मनाया जाता है।

दशहरा नौ दिनों तक चलने वाले दुर्गा पूजा उत्सव के बाद मनाया जाता है, जो इस त्योहार को और भी भव्य बना देता है। मेले कई स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं जहां लोग अपने परिवारों के साथ अस्थायी दुकानों के माध्यम से खरीदारी करने और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए जाते हैं।

दशहरा उत्सव की एक और महत्वपूर्ण घटना रावण का एक बड़ा पुतला है जिसे शाम को जलाया जाता है। पुतला आमतौर पर बड़े मैदानों और बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर रखा जाता है। इसे देखने वालों के लिए सुरक्षित दूरी पर भी बैरिकेडिंग की गई है। पुतले को आतिशबाजी से भी लदा जाता है जो इसे जश्न का माहौल देता है। जब पटाखों के साथ पुतला जलता है, तो भीड़ अपार खुशी और उल्लास के साथ तालियां बजाती है। यह वाकई देखने लायक नजारा है।

दशहरे का महत्व

यह त्योहार भारतीय हिंदू समुदाय के लिए दो मुख्य कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह हिंदू धर्म के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक, भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है। दूसरे, यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है और यह संदेश देता है कि बुरी ताकतें कितनी भी बड़ी क्यों न हों, आखिरकार वे सच्चाई और नैतिकता से हार जाएंगी।

दशहरा का त्योहार और इसका संदेश हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों के सच्चे परिपक्व होने का आधार है। लगभग हर हिंदू त्योहार में एक संदेश होता है जो धार्मिकता, सच्चाई और नैतिक उच्चता का प्रतीक है।

राम की पूजा इसलिए नहीं की जाती है क्योंकि वह एक राजकुमार थे, बल्कि इसलिए कि वे एक महान राजकुमार थे, जिन्होंने अपने सिद्धांतों और धार्मिकता को भौतिक संपत्ति से ऊपर रखा। राम की महिमा ऐसी थी कि भारत के लगभग हर राज्य में उनके शुभचिंतक थे। यह त्योहार नैतिक धार्मिकता का प्रतीक है और हर हिंदू दिल से राम को अपना आदर्श मानता है।

भारत के हिंदू हजारों वर्षों से दशहरा मनाते आ रहे हैं और आने वाली सहस्राब्दियों तक इसे उसी जोश और जुनून के साथ मनाया जाएगा। समय के साथ तरीके और अनुष्ठान बदल सकते हैं लेकिन त्योहार का महत्व वही रहेगा।

दशहरा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 हम दशहरा का त्योहार कब मनाते हैं.

उत्तर. दशहरा का त्योहार हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने के दसवें दिन मनाया जाता है।

Q.2 दशहरा क्यों मनाया जाता है?

उत्तर. दशहरा राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Q.3 दशहरा उत्सव का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर. दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

Q.4 दशहरा का त्यौहार कुल्लू दशहरा के रूप में कहाँ मनाया जाता है?

उत्तर. दशहरा का त्योहार हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

Q.5 दशहरा से पहले नौ दिनों के दौरान कौन सा नाटक आयोजित किया जाता है?

उत्तर. दशहरा से नौ दिन पहले रामलीला का मंचन किया जाता है।

Q.6 दशहरे के दिन किसके पुतले जलाए जाते हैं?

उत्तर. दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं।

  • CBSE Class 10th

CBSE Class 12th

  • UP Board 10th
  • UP Board 12th
  • Bihar Board 10th
  • Bihar Board 12th
  • Top Schools in India
  • Top Schools in Delhi
  • Top Schools in Mumbai
  • Top Schools in Chennai
  • Top Schools in Hyderabad
  • Top Schools in Kolkata
  • Top Schools in Pune
  • Top Schools in Bangalore

Products & Resources

  • JEE Main Knockout April
  • Free Sample Papers
  • Free Ebooks
  • NCERT Notes

NCERT Syllabus

  • NCERT Books
  • RD Sharma Solutions
  • Navodaya Vidyalaya Admission 2024-25

NCERT Solutions

  • NCERT Solutions for Class 12
  • NCERT Solutions for Class 11
  • NCERT solutions for Class 10
  • NCERT solutions for Class 9
  • NCERT solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 7
  • JEE Main 2024
  • JEE Advanced 2024
  • BITSAT 2024
  • View All Engineering Exams
  • Colleges Accepting B.Tech Applications
  • Top Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in Tamil Nadu
  • Engineering Colleges Accepting JEE Main
  • Top IITs in India
  • Top NITs in India
  • Top IIITs in India
  • JEE Main College Predictor
  • JEE Main Rank Predictor
  • MHT CET College Predictor
  • AP EAMCET College Predictor
  • GATE College Predictor
  • KCET College Predictor
  • JEE Advanced College Predictor
  • View All College Predictors
  • JEE Main Question Paper
  • JEE Main Mock Test
  • JEE Main Registration
  • JEE Main Syllabus
  • Download E-Books and Sample Papers
  • Compare Colleges
  • B.Tech College Applications
  • GATE 2024 Result
  • MAH MBA CET Exam
  • View All Management Exams

Colleges & Courses

  • MBA College Admissions
  • MBA Colleges in India
  • Top IIMs Colleges in India
  • Top Online MBA Colleges in India
  • MBA Colleges Accepting XAT Score
  • BBA Colleges in India
  • XAT College Predictor 2024
  • SNAP College Predictor
  • NMAT College Predictor
  • MAT College Predictor 2024
  • CMAT College Predictor 2024
  • CAT Percentile Predictor 2023
  • CAT 2023 College Predictor
  • CMAT 2024 Registration
  • TS ICET 2024 Registration
  • CMAT Exam Date 2024
  • MAH MBA CET Cutoff 2024
  • Download Helpful Ebooks
  • List of Popular Branches
  • QnA - Get answers to your doubts
  • IIM Fees Structure
  • AIIMS Nursing
  • Top Medical Colleges in India
  • Top Medical Colleges in India accepting NEET Score
  • Medical Colleges accepting NEET
  • List of Medical Colleges in India
  • List of AIIMS Colleges In India
  • Medical Colleges in Maharashtra
  • Medical Colleges in India Accepting NEET PG
  • NEET College Predictor
  • NEET PG College Predictor
  • NEET MDS College Predictor
  • DNB CET College Predictor
  • DNB PDCET College Predictor
  • NEET Application Form 2024
  • NEET PG Application Form 2024
  • NEET Cut off
  • NEET Online Preparation
  • Download Helpful E-books
  • LSAT India 2024
  • Colleges Accepting Admissions
  • Top Law Colleges in India
  • Law College Accepting CLAT Score
  • List of Law Colleges in India
  • Top Law Colleges in Delhi
  • Top Law Collages in Indore
  • Top Law Colleges in Chandigarh
  • Top Law Collages in Lucknow

Predictors & E-Books

  • CLAT College Predictor
  • MHCET Law ( 5 Year L.L.B) College Predictor
  • AILET College Predictor
  • Sample Papers
  • Compare Law Collages
  • Careers360 Youtube Channel
  • CLAT Syllabus 2025
  • CLAT Previous Year Question Paper
  • AIBE 18 Result 2023
  • NID DAT Exam
  • Pearl Academy Exam

Animation Courses

  • Animation Courses in India
  • Animation Courses in Bangalore
  • Animation Courses in Mumbai
  • Animation Courses in Pune
  • Animation Courses in Chennai
  • Animation Courses in Hyderabad
  • Design Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in Bangalore
  • Fashion Design Colleges in Mumbai
  • Fashion Design Colleges in Pune
  • Fashion Design Colleges in Delhi
  • Fashion Design Colleges in Hyderabad
  • Fashion Design Colleges in India
  • Top Design Colleges in India
  • Free Design E-books
  • List of Branches
  • Careers360 Youtube channel
  • NIFT College Predictor
  • UCEED College Predictor
  • NID DAT College Predictor
  • IPU CET BJMC
  • JMI Mass Communication Entrance Exam
  • IIMC Entrance Exam
  • Media & Journalism colleges in Delhi
  • Media & Journalism colleges in Bangalore
  • Media & Journalism colleges in Mumbai
  • List of Media & Journalism Colleges in India
  • CA Intermediate
  • CA Foundation
  • CS Executive
  • CS Professional
  • Difference between CA and CS
  • Difference between CA and CMA
  • CA Full form
  • CMA Full form
  • CS Full form
  • CA Salary In India

Top Courses & Careers

  • Bachelor of Commerce (B.Com)
  • Master of Commerce (M.Com)
  • Company Secretary
  • Cost Accountant
  • Charted Accountant
  • Credit Manager
  • Financial Advisor
  • Top Commerce Colleges in India
  • Top Government Commerce Colleges in India
  • Top Private Commerce Colleges in India
  • Top M.Com Colleges in Mumbai
  • Top B.Com Colleges in India
  • IT Colleges in Tamil Nadu
  • IT Colleges in Uttar Pradesh
  • MCA Colleges in India
  • BCA Colleges in India

Quick Links

  • Information Technology Courses
  • Programming Courses
  • Web Development Courses
  • Data Analytics Courses
  • Big Data Analytics Courses
  • RUHS Pharmacy Admission Test
  • Top Pharmacy Colleges in India
  • Pharmacy Colleges in Pune
  • Pharmacy Colleges in Mumbai
  • Colleges Accepting GPAT Score
  • Pharmacy Colleges in Lucknow
  • List of Pharmacy Colleges in Nagpur
  • GPAT Result
  • GPAT 2024 Admit Card
  • GPAT Question Papers
  • NCHMCT JEE 2024
  • Mah BHMCT CET
  • Top Hotel Management Colleges in Delhi
  • Top Hotel Management Colleges in Hyderabad
  • Top Hotel Management Colleges in Mumbai
  • Top Hotel Management Colleges in Tamil Nadu
  • Top Hotel Management Colleges in Maharashtra
  • B.Sc Hotel Management
  • Hotel Management
  • Diploma in Hotel Management and Catering Technology

Diploma Colleges

  • Top Diploma Colleges in Maharashtra
  • UPSC IAS 2024
  • SSC CGL 2024
  • IBPS RRB 2024
  • Previous Year Sample Papers
  • Free Competition E-books
  • Sarkari Result
  • QnA- Get your doubts answered
  • UPSC Previous Year Sample Papers
  • CTET Previous Year Sample Papers
  • SBI Clerk Previous Year Sample Papers
  • NDA Previous Year Sample Papers

Upcoming Events

  • NDA Application Form 2024
  • UPSC IAS Application Form 2024
  • CDS Application Form 2024
  • CTET Admit card 2024
  • HP TET Result 2023
  • SSC GD Constable Admit Card 2024
  • UPTET Notification 2024
  • SBI Clerk Result 2024

Other Exams

  • SSC CHSL 2024
  • UP PCS 2024
  • UGC NET 2024
  • RRB NTPC 2024
  • IBPS PO 2024
  • IBPS Clerk 2024
  • IBPS SO 2024
  • Top University in USA
  • Top University in Canada
  • Top University in Ireland
  • Top Universities in UK
  • Top Universities in Australia
  • Best MBA Colleges in Abroad
  • Business Management Studies Colleges

Top Countries

  • Study in USA
  • Study in UK
  • Study in Canada
  • Study in Australia
  • Study in Ireland
  • Study in Germany
  • Study in China
  • Study in Europe

Student Visas

  • Student Visa Canada
  • Student Visa UK
  • Student Visa USA
  • Student Visa Australia
  • Student Visa Germany
  • Student Visa New Zealand
  • Student Visa Ireland
  • CUET PG 2024
  • IGNOU B.Ed Admission 2024
  • DU Admission
  • UP B.Ed JEE 2024
  • DDU Entrance Exam
  • IIT JAM 2024
  • IGNOU Online Admission 2024
  • Universities in India
  • Top Universities in India 2024
  • Top Colleges in India
  • Top Universities in Uttar Pradesh 2024
  • Top Universities in Bihar
  • Top Universities in Madhya Pradesh 2024
  • Top Universities in Tamil Nadu 2024
  • Central Universities in India
  • CUET PG Admit Card 2024
  • IGNOU Date Sheet
  • CUET Mock Test 2024
  • CUET Application Form 2024
  • CUET PG Syllabus 2024
  • CUET Participating Universities 2024
  • CUET Previous Year Question Paper
  • CUET Syllabus 2024 for Science Students
  • E-Books and Sample Papers
  • CUET Exam Pattern 2024
  • CUET Exam Date 2024
  • CUET Syllabus 2024
  • IGNOU Exam Form 2024
  • IGNOU Result
  • CUET PG Courses 2024

Engineering Preparation

  • Knockout JEE Main 2024
  • Test Series JEE Main 2024
  • JEE Main 2024 Rank Booster

Medical Preparation

  • Knockout NEET 2024
  • Test Series NEET 2024
  • Rank Booster NEET 2024

Online Courses

  • JEE Main One Month Course
  • NEET One Month Course
  • IBSAT Free Mock Tests
  • IIT JEE Foundation Course
  • Knockout BITSAT 2024
  • Career Guidance Tool

Top Streams

  • IT & Software Certification Courses
  • Engineering and Architecture Certification Courses
  • Programming And Development Certification Courses
  • Business and Management Certification Courses
  • Marketing Certification Courses
  • Health and Fitness Certification Courses
  • Design Certification Courses
  • Specializations
  • Digital Marketing Certification Courses
  • Cyber Security Certification Courses
  • Artificial Intelligence Certification Courses
  • Business Analytics Certification Courses
  • Data Science Certification Courses
  • Cloud Computing Certification Courses
  • Machine Learning Certification Courses
  • View All Certification Courses
  • UG Degree Courses
  • PG Degree Courses
  • Short Term Courses
  • Free Courses
  • Online Degrees and Diplomas
  • Compare Courses

Top Providers

  • Coursera Courses
  • Udemy Courses
  • Edx Courses
  • Swayam Courses
  • upGrad Courses
  • Simplilearn Courses
  • Great Learning Courses

Access premium articles, webinars, resources to make the best decisions for career, course, exams, scholarships, study abroad and much more with

Plan, Prepare & Make the Best Career Choices

विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi)

  • Eligibility
  • Exam Pattern
  • Preparation Tips

English Icon

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) - विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। सभी के सुख की कामना करने वाली और सबकी आस्थाओं को समान आदर-सम्मान देने और वसुधैव कुटुंबकम् की भावना रखने वाली भारतीय संस्कृति का दशहरा एक महत्वपूर्ण भाग है। इस दिन महिषासुर और रावण नामक दो बुराइयों का अंत मां दुर्गा और भगवान राम के करकमलों से हुआ। दुष्ट राक्षसों से मुक्ति पाने की याद में दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। दशहरा कब मनाया जाता है, दशहरा क्यों मनाया जाता है, दशहरा का महत्व क्या है जैसे पहलुओं से छात्रों को अवगत कराने और भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समझने का यह उपयोगी माध्यम है। दशहरा पर निबंध (Dashhara par nibandh) के हमारे प्रयास से आपको दशहरा पर्व के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा।

Recommended: Aakash iACST Scholarship Test. Up to 90% Scholarship. Register Now

Latest: CBSE Class 10th: sample papers |  Maths important formulas

Suggested: Ace your JEE/NEET exam with Resonance. Up to 100% scholarship. Register Now

Don't Miss:  JEE Main & NEET 2026 Scholarship Test (Class 10): Narayana |  Aakash

विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi)

दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसी दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतीक दस सिर वाले राक्षस रावण का संहार किया था तो देवताओं को हराकर स्वर्ग पर अधिकार करने वाले महिषासुर का 10 दिन तक चले भयंकर युद्ध के बाद मां दुर्गा ने वध किया। साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले भारतीय त्योहारों में से एक है।

Apply to Aakash iACST Scholarship Test 2024

Applications for Admissions are open.

ये लेख पढ़ें :

  • गुरु नानक जयंती पर निबंध
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध
  • दीपावली पर निबंध

सन 2024 में दशहरा कब का है? (When is Dussehra in the year 2024?)

साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर आरंभ होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। नवमी तिथि 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है।

पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ दशहरा यानी विजयदशमी मनाते हैं। दशहरा (Dussehra) को भारत के कई प्रांतों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। दशहरा का पावन अवसर सभी के लिए खुशियाँ मनाने का समय होता है। छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों तथा कॉलेजों में छुट्टियां भी मिलती हैं, जिसका वे भरपूर आनंद उठाते हैं।

बच्चों को स्कूल में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी मिले। इसके अलावा कभी-कभी छोटी कक्षा के छात्रों से परीक्षा में महत्वपूर्ण अंकों के लिए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। ऐसे में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखना व लिखने का तरीका जानना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

कई ऐसे छात्र भी होते हैं, जिनकी हिंदी भाषा पर पकड़ कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि हिंदी में दशहरा पर निबंध कैसे लिखें या हिंदी में विजयदशमी पर निबंध कैसे लिखें। निम्नलिखित दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi), ऐसे छात्रों की इन सभी समस्याओं को दूर करेगा। हालांकि ऐसे छात्रों को इस लेख में उपलब्ध संपूर्ण दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) को पूरा कॉपी करने से बचना चाहिए। इसके बदले उन्हें दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) का अर्थ व इसे लिखने का तरीका समझने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे भविष्य में कभी भी हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने में उन्हें परेशानी नहीं होगी, ऐसी हमें उम्मीद है।

महत्वपूर्ण लेख :

  • गणतंत्र दिवस पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध

प्रस्तावना (Introduction) - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

दशहरा दिवाली से दो या तीन सप्ताह पहले आता है। विजयदशमी का यह त्यौहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है। सनातन/हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों को दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। दशहरा का त्यौहार सभी के लिए खुशी मनाने का क्षण लेकर आता है। परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं और ढेर सारी खरीदारी करते हैं। साल 2024 में विजयदशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

छात्र नीचे दिए गए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra) की जांच कर सकते हैं और दशहरा/विजयदशमी त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

यहां बच्चों के लिए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) दिया गया है, जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं तथा अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं:

अन्य लेख पढ़ें-

  • हिंदी दिवस पर कविता
  • दिवाली पर निबंध

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra)

दशहरा का अर्थ - दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस' और 'हारा 'से मिलकर बना है, जहाँ 'दस' गणिता के अंक दस (10) और हारा शब्द 'सत्यानाश/पराजित' का सूचक है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो 'दशहरा' बनता है, जो उस दिन का प्रतीक है जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था।

बुराई पर अच्छाई की जीत - दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है, बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देना।

दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं पर नजर डालें, तो कहा जाता है कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा रावण से युद्ध किया था और उसे पराजित कर ये सिद्ध किया था कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।

इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों घटनाओं का परिणाम समान है, बुराई पर सच्चाई की जीत निश्चित है। जिसका परिणाम अंधकार पर प्रकाश, झूठ पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है।

  • जलवायु परिवर्तन पर हिंदी में निबंध
  • पर्यावरण दिवस पर निबंध
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

ALLEN JEE Exam Prep

Start your JEE preparation with ALLEN

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Get up to 90% scholarship on NEET, JEE & Foundation courses

दशहरा समारोह - पूरे देश में दशहरा का पर्व बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भारत में विभिन्न संस्कृतियां होने के बावजूद, यह किसी भी तरह से इस त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती है। दशहरा/विजयदशमी के पूरे त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है।

विजयदशमी के अवसर पर, भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के निवासी बिजॉय दशमी मनाते हैं जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है। इस दिन, देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है और उसका विसर्जन किया जाता है। विवाहित महिलाएं एक-दूसरे के चेहरे पर इस दिन सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान-प्रदान करती हैं और एक दूसरे को दावत देती हैं। कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है।

ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त कर चुके रावण वध करना संभव हो पाया था।

रामलीला का आयोजन - दशहरा राक्षसों और लंका के राजा रावण पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोग दशहरा को दस दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में भी मनाते हैं। इस नाटकीय रूप को राम-लीला कहा जाता है। उत्तर भारत में लोग मुखौटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से राम-लीला का आयोजन करते हैं, साथ ही इसका लुत्फ भी उठाते हैं।

रावण दहन - रामायण में कथित छंद का पालन करते हुए, वे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाए जाते हैं। इसके बाद पुतलों को जलाने के लिए उनमे विस्फोटक पदार्थ भरा जाता है और जमकर आतिशबाजी की जाती है। इस दौरान एक आदमी भगवान राम की भूमिका निभाता है और जलाने के लिए पुतलों पर आग लगे हुए तीर चलाता है। लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान राम की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन हजारों दर्शकों के मौजूदगी में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है।

हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहां उपस्थित होते हैं। बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद भी करते हैं। वे आतिशबाजी देखते हैं और आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उठाते हैं।

दशहरा के पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को एकजुट करता है, क्योंकि इसके दर्शक न कि केवल हिंदू धर्म से बल्कि सभी धर्म के लोग होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दशहरा हमें सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई को मात देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है।

अन्य लेख पढ़ें :

  • मेरा प्रिय खेल पर निबंध
  • शिक्षक दिवस पर निबंध
  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध

हमें जरुरत है अपने अंदर के रावण को मारने की - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

हम बाहर रावण का पुतला तो जलाकर ये बता देते हैं कि बुराई की हमेशा हार और सचाई की हमेशा जीत होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। वो सतयुग का दौर था जिसमें केवल एक रावण का अस्तित्व था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी, पर यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण छुपा बैठा है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। जिस प्रकार एक दीपक की रोशनी अंधकार का नाश करने के लिए काफी होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच ही काफी है अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए।

  • मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मेरा प्रिय मित्र
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

JEE Main high scoring chapters and topics

As per latest 2024 syllabus. Study 40% syllabus and score upto 100% marks in JEE

NEET previous year papers with solutions

Solve NEET previous years question papers & check your preparedness

विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दशहरा जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के दिन भी कुछ असामाजिक तत्व के लोग शराब पीकर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसी शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए, तो दशहरा का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जाएगा।

  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण
  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

उपसंहार (Conclusion) - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी माँ दुर्गा को प्रसन्न करने और वर प्राप्ति के लिए भगवान श्री राम ने चंडी होम कराया था। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि युद्ध के दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था। विजयादशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख, लोगों के मन में नई चाह और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है। भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। नौ दिन देवी माँ की पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन सबके घरों में पकवान आदि बनाए जाते है।

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines)

दशहरा पर निबंध 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहाँ आपके लिए दशहरा निबंध 10 पर लाइन दिया गया है जो निश्चित तौर पर दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay in hindi) लिखने के दृष्टिकोण से आपके लिए सहायक सिद्ध होंगे -

दशहरा हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे लगभग 10 दिनों तक मनाया जाता है।

दशहरा का पर्व असुर सम्राट रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।

संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा।

यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।

दशहरा न केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाई और सिखों द्वारा भी मनाया जाता है।

दशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।

राम-लीला रामायण का एक नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयादशमी के दिन किया जाता है।

इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद जैसे असुरों के पुतले जलाए जाते हैं।

दस मुखों वाले रावण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।

दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।

दशहरा शुभकामना संदेश और दशहरा कोट्स

दशहरे के पर्व के अवसर पर लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामना संदेश प्रेषित करते हैं। इनको अपना दशहरा स्टेटस मैसेज भी बना सकते हैं। नीचे दिए गए दशहरा संदेश अपने इष्टमित्रों को भेज शुभकामनाएं दे सकते हैं-

  • असलीदशहरा वहीं मनाएंगे जो अपने भीतर के रावण को खुद ही आग लगाएंगे!
  • दशहरे की बधाई, खुश रहो मेरे भाई!
  • खुशियों की बौछार, त्योहार की बयार, विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं बारंबार!
  • विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं, ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें, सफलता आपके कदम चूमें।
  • बुराइयों का विनाश हो, बुद्धि का विकास हो, दशहरे की शुभकानाएं।
  • बुराई का दहन हो, आत्ममंथन हो, नवसृजन हो, सर्वप्रथम आपका दशहरा मंगलमय हो

Frequently Asked Question (FAQs)

उत्तर भारत में, दशहरा भगवान राम द्वारा रावण के वध की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार महिला देवत्व का उत्सव भी है क्योंकि यह देवी दुर्गा द्वारा दैत्य महिषासुर की हत्या का भी प्रतीक है। दशहरा इस सोच के साथ मनाएं कि सत्य हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करता है। 

दशहरा का अर्थ: दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस' और 'हारा 'से मिलकर बना है, जहाँ दस' का अर्थ दस (10) और हारा का मतलब सत्यानाश/पराजित है।

यह पर्व दस दिनों तक चलने वाला पर्व है। इतने सारे लोगों को पंडाल, मूर्तियाँ, मिट्टी के चित्र और सज्जाकार बनाने में रोजगार मिलता है। व्यवसाय में वृद्धि से स्थानीय दुकानदारों, मिठाइयों, स्थानीय विक्रेताओं, पुजारियों, रंगमंच कलाकारों को लाभ होता है।

आप इस लेख में दशहरा पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें इसकी जानकारी और साथ ही बेहतर समझ के लिए दशहरा पर निबंध देख सकते हैं। 

इस लेख से दशहरा पर 10 लाइन का निबंध प्राप्त कर सकते हैं। 

साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • Latest Articles

Explore Premium

Last minute tips and tricks: general aptitude of cuet ug exam 2023, cuet 2023 preparation strategy and tips - general test, domain test, current affairs, language test, how to maximise your cuet ug exam score, artificial rain: concept and techniques, what is lenz’s law in electricity and magnetism and why is it true, cancer treatment: why chemotherapy does not suit all patients, understand your attachment style and learn how you can reform your relationships, 7 tips to convey your struggles to your loved ones, decision-making: common challenges faced, tips to make good decisions, how stay-at-home parents can care for themselves, teenage relationships: tips to help your teenager deal with a breakup, getting over the pink and blue divide: revising gender roles, upcoming school exams, national institute of open schooling 12th examination.

Admit Card Date : 28 March,2024 - 22 May,2024

National Institute of Open Schooling 10th examination

Punjab board of secondary education 12th examination.

Exam Date : 05 April,2024 - 27 April,2024

Jammu and Kashmir State Board of School Education 10th Examination

Exam Date : 12 April,2024 - 12 April,2024

Goa Board Secondary School Certificate Examination

Certifications by top providers.

  • Most Viewed

Explore Top Universities Across Globe

  • Universities
  • Popular Articles

Related E-books & Sample Papers

Cbse class 9, 10 odia syllabus 2024-25.

143 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Urdu Course B Syllabus 2024-25

29 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Urdu Course A Syllabus 2024-25

9 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Tamil Syllabus 2024-25

17 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Social Science Syllabus 2024-25

45 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Science Syllabus 2024-25

54 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Sanskrit Syllabus 2024-25

13 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Painting Syllabus 2024-25

8 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Mathematics Syllabus 2024-25

46 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Kannada Syllabus 2024-25

11 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Home Science Syllabus 2024-25

7 + Downloads

CBSE Class 9, 10 Hindustani Music Vocal Syllabus 2024-25

5 + Downloads

Questions related to CBSE Class 10th

Dear aspirant !

Hope you are doing well ! The class 10 Hindi mp board sample paper can be found on the given link below . Set your time and give your best in the sample paper it will lead to great results ,many students are already doing so .

https://www.google.com/url?sa=t&source=web&rct=j&opi=89978449&url=https://school.careers360.com/download/sample-papers/mp-board-10th-hindi-model-paper&ved=2ahUKEwjO3YvJu5KEAxWAR2wGHSLpAiQQFnoECBMQAQ&usg=AOvVaw2qFFjVeuiZZJsx0b35oL1x .

Hope you get it !

Thanking you

The eligibility age criteria for class 10th CBSE is 14 years of age. Since your son will be 15 years of age in 2024, he will be eligible to give the exam.

According to CBSE norms, a student must be 14 years old by the end of the year in which the exam will be held in order to sit for the 10th board exam. If your age is greater than 14, however, there are no limits. Therefore, based on your DOB, you will be 12 years and 6 months old by the end of December 2022. After the actual 16 June 2024, you'll be qualified to take your 10th board.

Hello aspirant,

Central Board Of Secondary Education(CBSE) is likely to declare class 10 and 12 terms 2 board result 2022 by July 15. The evaluation process is underway. Students are demanding good results and don't want to lack behind. They are requesting the board to use their best scores in Term 1 and Term 2 exams to prepare for the results.

CBSE concluded board exams 2022 for 10, and 12 on June 15 and May 24. Exams for both classes began on April 26. A total of 35 lakh students including 21 lakh class 10 students and 14 lakh class 12 students appeared in exams and are awaiting their results.

You can look for your results on websites- cbse.gov (//cbse.gov) .in, cbseresults.nic.in

CBSE board is one of the prominent boards in India. If you forgot to write the question paper code, then don’t worry it will not affect your result. The copy will be checked and the result will be announced as per your performance.

Popular CBSE Class 10th Questions

A boy standing on a stationary lift (open from above) throws a ball upwards with the maximum initial speed he can, equal to 49 m s-1. How much time does the ball take to return to his hands? If the lift starts moving up with a uniform speed of 5 m s-1 and the boy again throws the ball up with the maximum speed he can, how long does the ball take to return to his hands?

A player throws a ball upwards with an initial speed of 29.4ms ?1 . (a) What is the direction of acceleration during the upward motion of the ball ? (b) What are the velocity and acceleration of the ball at the highest point of its motion ? (c) Choose x = 0 m and t = 0 s to be the location and time of the ball at its highest point, vertically downward direction to be the positive direction of x-axis, and give the signs of position, velocity and acceleration of the ball during its upward, and downward motion. (d) To what height does the ball rise and after how long does the ball return to the players hands ? (Take g=9.8m/s 2 and neglect air resistance).

Choose the correct statement of the following a. conversion of solid into vapours without passing through the liquid state is called vapourisation. b. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called sublimation. c. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called freezing. d. conversion of solid into liquid is called sublimation.

Fill in the blanks: a. Evaporation of a liquid at room temperature leads to a __________ effect. b. At room temperature the forces of attraction between the particles of solid substances are __________ than those which exist in the gaseous state. c. The arrangement of particles is less ordered in the _________ state. However, there is no order in the _______ state. d. _____________ is the change of gaseous state directly to solid state without going through the _____________ state. e. The phenomenon of change of a liquid into the gaseous state at any temperature below its boiling point is called ___________.

For the following statements, write T for True and F for False. (a) J.J. Thomson proposed that the nucleus of an atom contains only nucleons. (b) A neutron is formed by an electron and a proton combining together. Therefore, it is neutral. (c) The mass of an electron is about 1/2000 times that of proton. (d) An isotope of iodine is used for making tincture iodine, which is used as a medicine.

General electronic configuration of outermost and penultimate shell of an atom is (n-1)s^{2} (n-1)p^{6} (n -1)d^{x} ns^{2} . If n=4  the number of proton in the nucleus is

In an electrical circuit three incandescent bulbs A, B and C of rating 40 W, 60 W and 100 W respectively are connected in parallel to an electric source. Which of the following is likely to happen regarding their brightness? a. Brightness of all the bulbs will be the same b. Brightness of bulb A will be the maximum c. Brightness of bulb B will be more than that of A d. Brightness of bulb C will be less than that of B

Explore Career Options (By Industry)

  • Construction
  • Entertainment
  • Manufacturing
  • Information Technology

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

Aakash iACST Scholarship Test 2024

SAT® | CollegeBoard

Registeration closing on 19th Apr for SAT® | One Test-Many Universities | 90% discount on registrations fee | Free Practice | Multiple Attempts | no penalty for guessing

JEE Main Important Chemistry formulas

JEE Main Important Chemistry formulas

As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

TOEFL ® Registrations 2024

TOEFL ® Registrations 2024

Thinking of Studying Abroad? Think the TOEFL® test. Register now & Save 10% on English Proficiency Tests with Gift Cards

Resonance Coaching

Resonance Coaching

Enroll in Resonance Coaching for success in JEE/NEET exams

ALLEN JEE Exam Prep

सीबीएसई कक्षा 10 डेट शीट 2024 जारी, चेक करें अपना टाइम टेबल।

सीबीएसई ने जारी किया सीबीएसई कक्षा 10 सिलेबस 2023-24 , चेक करें विषयवार टॉपक और चैप्टर।

सीबीएसई कक्षा 10 टाइम टेबल 2023 जारी, 15 फरवरी से होंगी परीक्षाएँ।

Stay up-to date with CBSE Class 10th News

Everything about education.

Latest updates, Exclusive Content, Webinars and more.

Explore on Careers360

  • Board Exams
  • Navodaya Vidyalaya
  • Top Schools
  • NCERT Solutions for Class 10
  • NCERT Solutions for Class 9
  • NCERT Solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 6

NCERT Exemplars

  • NCERT Exemplar
  • NCERT Exemplar Class 9 solutions
  • NCERT Exemplar Class 10 solutions
  • NCERT Exemplar Class 11 Solutions
  • NCERT Exemplar Class 12 Solutions
  • NCERT Books for class 6
  • NCERT Books for class 7
  • NCERT Books for class 8
  • NCERT Books for class 9
  • NCERT Books for Class 10
  • NCERT Books for Class 11
  • NCERT Books for Class 12
  • NCERT Notes for Class 9
  • NCERT Notes for Class 10
  • NCERT Notes for Class 11
  • NCERT Notes for Class 12
  • NCERT Syllabus for Class 6
  • NCERT Syllabus for Class 7
  • NCERT Syllabus for class 8
  • NCERT Syllabus for class 9
  • NCERT Syllabus for Class 10
  • NCERT Syllabus for Class 11
  • NCERT Syllabus for Class 12
  • CBSE Date Sheet
  • CBSE Syllabus
  • CBSE Admit Card
  • CBSE Result
  • CBSE Result Name and State Wise
  • CBSE Passing Marks

CBSE Class 10

  • CBSE Board Class 10th
  • CBSE Class 10 Date Sheet
  • CBSE Class 10 Syllabus
  • CBSE 10th Exam Pattern
  • CBSE Class 10 Answer Key
  • CBSE 10th Admit Card
  • CBSE 10th Result
  • CBSE 10th Toppers
  • CBSE Board Class 12th
  • CBSE Class 12 Date Sheet
  • CBSE Class 12 Admit Card
  • CBSE Class 12 Syllabus
  • CBSE Class 12 Exam Pattern
  • CBSE Class 12 Answer Key
  • CBSE 12th Result
  • CBSE Class 12 Toppers

CISCE Board 10th

  • ICSE 10th time table
  • ICSE 10th Syllabus
  • ICSE 10th exam pattern
  • ICSE 10th Question Papers
  • ICSE 10th Result
  • ICSE 10th Toppers
  • ISC 12th Board
  • ISC 12th Time Table
  • ISC Syllabus
  • ISC 12th Question Papers
  • ISC 12th Result
  • IMO Syllabus
  • IMO Sample Papers
  • IMO Answer Key
  • IEO Syllabus
  • IEO Answer Key
  • NSO Syllabus
  • NSO Sample Papers
  • NSO Answer Key
  • NMMS Application form
  • NMMS Scholarship
  • NMMS Eligibility
  • NMMS Exam Pattern
  • NMMS Admit Card
  • NMMS Question Paper
  • NMMS Answer Key
  • NMMS Syllabus
  • NMMS Result
  • NVS Admit Card
  • NTSE Application Form
  • NTSE Eligibility Criteria
  • NTSE Exam Pattern
  • NTSE Admit Card
  • NTSE Syllabus
  • NTSE Question Papers
  • NTSE Answer Key
  • NTSE Cutoff
  • Navodaya Result
  • Navodaya Exam Date
  • Navodaya Vidyalaya Admission Class 6
  • JNVST admit card for class 6
  • JNVST class 6 answer key
  • JNVST class 6 Result
  • JNVST Class 6 Exam Pattern
  • Navodaya Vidyalaya Admission
  • JNVST class 9 exam pattern
  • JNVST class 9 answer key
  • JNVST class 9 Result

Schools By Medium

  • Malayalam Medium Schools in India
  • Urdu Medium Schools in India
  • Telugu Medium Schools in India
  • Karnataka Board PUE Schools in India
  • Bengali Medium Schools in India
  • Marathi Medium Schools in India

By Ownership

  • Central Government Schools in India
  • Private Schools in India
  • Schools in Delhi
  • Schools in Lucknow
  • Schools in Kolkata
  • Schools in Pune
  • Schools in Bangalore
  • Schools in Chennai
  • Schools in Mumbai
  • Schools in Hyderabad
  • Schools in Gurgaon
  • Schools in Ahmedabad
  • Schools in Uttar Pradesh
  • Schools in Maharashtra
  • Schools in Karnataka
  • Schools in Haryana
  • Schools in Punjab
  • Schools in Andhra Pradesh
  • Schools in Madhya Pradesh
  • Schools in Rajasthan
  • Schools in Tamil Nadu

Download Careers360 App's

Regular exam updates, QnA, Predictors, College Applications & E-books now on your Mobile

student

Cetifications

student

We Appeared in

Economic Times

InfinityLearn logo

Essay on Dussehra in Hindi for Students

essay on dussehra in hindi 500 words

Table of Contents

दशहरा पर निबंध: दशहरा हिंदू पर्व है, जिसका महत्व ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के रूप में माना जाता है। छात्रों को इस पर्व पर निबंध लिखने को स्कूल में कहा जाता है, ताकि उन्हें इस पर्व के महत्व का पता चले और वे दशहरे के प्रति उत्सुक रहें। इस निबंध के माध्यम से हम आपको दशहरे के महत्व को सरल शब्दों में समझाएंगे, ताकि छात्रों को इस पर्व की विशेषता समझने में आसानी हो।

Fill Out the Form for Expert Academic Guidance!

Please indicate your interest Live Classes Books Test Series Self Learning

Verify OTP Code (required)

I agree to the terms and conditions and privacy policy .

Fill complete details

Target Exam ---

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 100 शब्दों में

दशहरा भारत में एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान राम के रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को अच्छाई की जीत और पवित्रता की विजय के संदेश के रूप में माना जाता है। कई स्थानों पर इस अवसर पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जहां परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर रावण दहन, आतिशबाजी, और रामलीला का नाटक देखते हैं। यह पौराणिक कथाओं पर आधारित होता है और भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 200 शब्दों में

दशहरा, जिसे “विजयादशमी” भी कहा जाता है, भारत का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान राम की विजय की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के ब्रिटिश गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त करने के 75 साल के आवसर को याद करने के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे राष्ट्रीय एकता, गर्व और जागरूकता का प्रतीक है।

भारत की आजादी की लड़ाई ने कई दशकों तक चली और इसमें अहिंसा, नागरिक अवज्ञा और जनसमूह के मध्य की एकता की भावना शामिल थी। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, और बेहद साहसी स्वतंत्रता सेनानियों ने इस स्वतंत्रता संग्राम का मार्गदर्शन किया और देश की आजादी के लिए अपने जीवन की कुर्बानियाँ दी।

दशहरा का अद्भुत महत्व है, जो हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, उनके अटल संकल्प, और एक सशक्त और समृद्ध भारत के लिए उनके दृष्टिकोण की याद दिलाता है। यह महोत्सव हर नागरिक के दिल में गर्व और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है।

इसके साथ ही, दशहरे के दौरान देश के विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जिससे देश की सांस्कृतिक धरोहर और उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति को दर्शाती है।

इस दिन के साथ हम नहीं सिर्फ हमारे अतीत को याद करते हैं, बल्कि न्याय, समानता, और समावेशन के मूल सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने का भी संकल्प लेते हैं। साथ ही, इस महोत्सव के माध्यम से हम देश के भविष्य को और भी उत्साहित करते हैं, युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता, लोकतंत्र, और समानता के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए। हम अपने पिता-पूर्वजों के बलिदान को याद रखकर, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखकर, और साथ मिलकर हमारे प्यारे देश के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की बनावट कर सकते है।

Take free test

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 300 शब्दों में

दशहरा हिन्दू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके पारंपरिक और धार्मिक महत्व का बहुत गहरा संबंध है और भारतीय लोग इसे उत्साह और आस्था से मनाते हैं।

इस त्योहार में बुराई पर पुण्य की जीत का संकेत है, और लोग इसे विभिन्न रीति-रिवाज, पूजा-पाठ के साथ मनाते हैं। धार्मिक लोग व्रत रखते हैं, और कुछ लोग दशहरा के पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं ताकि वे देवी दुर्गा के आशीर्वाद और शक्ति प्राप्त कर सकें। दसवें दिन को लोग असुर राजा रावण की पराजय के रूप में मनाते हैं। दशहरा हर साल सितंबर और अक्टूबर के अंत में आता है, दीवाली के दो सप्ताह पहले।

रामलीला का आयोजन

देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरा के त्योहार का आयोजन अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। कहीं-कहीं यह दस दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर रामलीला का आयोजन सात दिन या अधिक के लिए किया जाता है। यहां तक कि शहर के हर कोने में रामलीला दर्शन के लिए होती हैं। रामलीला वाचिक में भगवान राम के कथानक ‘रामायण’ का प्रदर्शन करने की एक प्रसिद्ध परंपरा है। इसे माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम भगवान की कहानी की शुरुआत की, जो बाद में ‘रामायण’ कही गई। उनके द्वारा लिखित ‘रामचरितमानस’ आज भी रामलीला का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका प्रदर्शन अनेक स्थलों पर किया जाता है, जिससे यह परंपरा जीवित रहती है। रामनगर की ‘राम लीला’ (वाराणसी में) सबसे पारंपरिक शैली में प्रस्तुत की जाती है।

विजयदशमी के मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जो राम लीला को स्पष्ट करती है। यह कथा सीता माता के अपहरण की कहानी को संवादित करती है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की पराजय को और राजा राम की विजय को दिखाती है। असली लोग राम, लक्ष्मण, सीता, और हनुमान की कहानी का अभिनय करते हैं, जबकि रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले बनाए जाते हैं। आखिरकार, बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रमोट करने के लिए रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिए जाते हैं, और पटाखों के बीच इस उत्सव का आनंद उठाया जाता है।

Take free test

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 500 शब्दों में

लक्ष्मण द्वारा रावण की बहन की नाक काट देने के कारण, लंकेश, लंका के राजा, बहुत खफा हुए और माता सीता का अपहरण किया। रावण जानते थे कि सीता एक साधारण स्त्री नहीं थी, उनका हरण आसान नहीं होगा क्योंकि सीता के पास मायावी शक्तियां थी, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित रखा। इसलिए रावण ने एक साधु के रूप में आकर छल के द्वारा माता सीता का हरण किया और उसे अपने राज्य ‘लंका’ में ले जाया, जो वर्तमान में श्रीलंका के नाम से जाना जाता है।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के द्वारा 10 बुराइयाँ जिनके रूप में पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, और अन्याय थे, को ख़त्म किया था।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

विजयादशमी एक अद्भुत पर्व है, जो लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई के प्रति अच्छाई की जीत, और नई आग्रह की भावना लाता है। भगवान राम ने रावण को पराजित कर बुराई का समापन किया था। साथ ही, माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का नाश किया था। नौ दिनों की माँ की पूजा के बाद विजयादशमी आती है। इस दिन घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।”

Ayodhya Ram Mandir: History, Facts, Constructional Aspects and Other Features

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra 10 lines in Hindi)

  • दशहरा त्यौहार में हम देवता राम के रावण पर विजय का स्मरण करते हैं।
  • दशहरा उत्सव बुराई और अहंकार के खिलाफ नैतिक मूल्यों और धर्म का पालन करने का प्रतीक है।
  • दुर्गा, लक्ष्मी, और गणेश की मूर्तियों के जुलूस में लोग गाते और नृत्य करते हैं, यह एक पारंपरिक तरीका है।
  • रावण के दस सिर चार वेदों और छह “शास्त्रों” की समझ के लिए हैं, और कुछ लोग इन्हें 10 मानव दोषों के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, भारत के विभिन्न भागों में दुर्गा की जीत को याद करते हैं और धर्म को बहाल करने का संकल्प बनाते हैं।
  • दुर्गा पूजा के दौरान, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, भक्त उपवास करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, कुछ लोग दुर्गा पूजा के समापन पर दशहरा उत्सव मनाते हैं और धर्म को बहाल करने और उसकी रक्षा करने के लिए महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत को याद करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, कुछ लोग अपनी कारों की पूजा करते हैं और उन्हें फूलों और अगरबत्तियों से सजाते हैं।
  • दुनिया में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी की ओर आकर्षित करता है।
  • दिवाली, सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध है।

Take free test

Essay on Dussehra FAQs

दशहरे पर निबंध कैसे लिखते हैं.

दशहरे पर निबंध लिखने के लिए, प्रस्तावना, इतिहास, महत्व, मनाने के तरीके, और अपने विचारों को समापन में व्यक्त करें।

दशहरे के दिन क्या करना चाहिए?

दशहरे के दिन माता दुर्गा की पूजा करें, रावण दहन में भाग लें, और सामाजिक समरसता का संदेश बढ़ावा दें।

दशहरे के दिन क्या करें क्या ना करें?

दशहरे के दिन माता का पूजन करें, बुराई के प्रति अच्छाई की तरफ उत्साह दिखाएं, और किसी को नुकसान नहीं पहुँचाएं।

दशहरा क्यों मनाया जाता है पर निबंध?

दशहरा मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व बुराई की जीत और अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे भगवान राम ने रावण को पराजित करके प्राप्त किया था।

दशहरा हमें क्या सिखाता है?

दशहरा हमें बुराई के प्रति लड़ाई करने, अच्छाई की ओर बढ़ने, और समरसता का महत्व सिखाता है।

दशहरा पर्व का क्या महत्व है?

दशहरा पर्व बुराई की हार और अच्छाई की जीत का संदेश देता है और हमें धर्मिकता, सामराज्य, और सामाजिक समरसता के महत्व को याद दिलाता है।

दशहरा त्योहार किसका प्रतीक है?

दशहरा त्योहार भगवान राम की विजय का प्रतीक है, जब वह रावण को पराजित करके अयोध्या लौटे थे।

Related content

Call Infinity Learn

Talk to our academic expert!

Language --- English Hindi Marathi Tamil Telugu Malayalam

Get access to free Mock Test and Master Class

Register to Get Free Mock Test and Study Material

Offer Ends in 5:00

Dil Se Deshi

दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में | Essay on Dussehra in Hindi

Dussehra-Essay-Hindi

दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Short Essay on Dussehra in Hindi for class 5 | Dussehra Essay in Hindi

दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Hindi Essay on Dussehra in 500 Words

  • दशहरा त्यौहार भारत के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबे त्योहारों में से एक हैं. यह हर साल पूरे देश में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा पूरे उत्साह, विश्वास, प्रेम और सम्मान के साथ मनाया जाता है. यह वास्तव में सभी द्वारा आनंद लेने का महान समय है.
  • दशहरे के त्योहार का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए छात्रों को अपने स्कूलों और कॉलेजों से कई दिनों के लिए छुट्टियां भी मिलती हैं.
  • यह त्यौहार हर साल दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है. लोग इस त्योहार का इंतजार बड़े धैर्य के साथ करते हैं. 
  • भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति और परंपरा, निष्पक्ष और त्यौहारों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. भारत त्यौहारों का देश है जहाँ लोग हर त्यौहार को बड़े हर्ष और विश्वास के साथ मनाते हैं.
  • दशहरा का त्यौहार भारत सरकार द्वारा राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है ताकि लोग इस त्यौहार का पूरी तरह से आनंद ले सकें. साथ ही साथ हिन्दू त्यौहार को भी महत्व दें.

दशहरे का महत्व

  • दशहरा के पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व हैं. दशहरा शब्द का वास्तविक अर्थ इस त्यौहार के दिन दस सिर वाले दशानन दानव की हार हुई थी. इस त्यौहार के दिन पूरे देश में लोगों द्वारा रावण का पुतला जलाकर दशहरा मनाया जाता हैं.       
  • देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार इस त्यौहार से जुड़े कई मिथक और कहानियां प्रचलित हैं. यह त्योहार हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाना शुरू किया गया था जिस दिन से भगवान राम ने दशहरा के दिन राक्षस राजा रावण को मार दिया था (जिसका अर्थ है हिंदू कैलेंडर के अष्टभुजा महीने का 10 वां दिन)।
  • भगवान राम ने रावण का वध किया था क्योंकि उसने माता सीता का अपहरण कर लिया था और वह भगवान राम को लौटाने के लिए सहमत नहीं था. भगवान राम ने छोटे भाई लक्ष्मण और हनुमान के वानर सैनिक की मदद से रावण के साथ युद्ध जीता था. 

हिंदू मान्यता के अनुसार

  • हिंदू शास्त्र रामायण के अनुसार यह उल्लेख है कि भगवान राम ने देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंडी गृह का प्रदर्शन किया था. इस तरह भगवान राम ने युद्ध के 10 वें दिन रावण की हत्या के रहस्य को जानकर जीत हासिल की.
  • अंत में, उन्होंने रावण को मारने के बाद अपनी पत्नी सीता को सुरक्षित रख लिया. दशहरा उत्सव को दुर्गोत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि उसी दिन दसवें दिन माता दुर्गा ने महिषासुर नामक एक और राक्षस का वध किया था.
  • इस दिन एक विशाल मेला राम-लीला मैदान में लगता है, जहाँ आस-पास के क्षेत्रों के लोग रामलीला का निष्पक्ष और नाटकीय प्रतिनिधित्व देखने आते हैं. 

इसे भी पढ़े:

  • दशहरा शुभकामनाएँ, Wishes, Quotes, Status, Messages In Hindi  
  • दीपावली का ऐतिहासिक महत्व व जानकारियां  

2 thoughts on “दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में | Essay on Dussehra in Hindi”

Kitna pagal hai

खुशी अब तक की सबसे अच्छी दवा है इसलिए अपने परिवार के साथ खुश रहें।

HAPPY NAVRATRI

Leave a Comment Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

StoryRevealers

दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi

by StoriesRevealers | May 23, 2020 | Essay in Hindi | 0 comments

Essay on Dussehra in Hindi

Dussehra Essay in Hindi : दशहरा का त्योहार हमारे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत में सरकारी छुट्टी होती है। उत्सव मनाने के लिए सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय इस दिन बंद रहते हैं। दशहरा से पहले कई स्कूलों और कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। बच्चों को दशहरा और इसके महत्व पर भाषण देना आवश्यक है। 

दशहरा का त्यौहार विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह सितंबर या अक्टूबर के दौरान मनाया जात है। पूरे देश में यह समारोह बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जात हैं। दशहरा से पहले लोग नवरात्रों में लोग 9 दिनों का उपवास करते हैं। लोग देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। यह उत्सव पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और गुजरात में पारंपरिक लोक नृत्य गरबा और डांडिया के रूप में मनाया जाता है। लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।

Essay on Dussehra in Hindi

Dussehra Essay in Hindi

दसवें दिन नवरात्रों के 9 दिनों के बाद दशहरा का उत्सव बड़ी श्रद्धा और आनंद के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को बुरी शक्तियों की हार का प्रतीक माना जाता है और रावण के विशाल पुतलों को जलाया जाती है।

Also Read: Diwali Essay in Hindi

इसी दिन भगवान राम ने राक्षस रावण को पराजित किया और अपनी अपहृत पत्नी को रावण के चंगुल से मुक्त कराया। भगवान राम ने इसी दिन दुनिया को इस दुष्ट दानव के अत्याचारों से मुक्त किया था। जिसके द्वारा बुरी शक्तियों की हार और धार्मिकता का शासन स्थापित हुआ। 

भगवान राम ने रावण को हराया और उसी दिन से दशहरा मनाने की प्रथा शुरू हुई। प्राचीन समय से ही पूरे भारत में दशहरा मनाने की प्रथा का पालन किया जा रहा है। लोग इस दिन पटाखों से भरे पुतले जलाते है। पश्चिम बंगाल में जिन भक्तों ने अपने घरों में देवी दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित किया था, वे मूर्ति को पास की नदी में विसर्जन के लिए ले जाने के लिए एक विशाल जुलूस निकालते हैं। लोग इस जुलूस को लेकर बहुत उत्साहित होते हैं।

नवरात्रि के दिनों में उपवास रखने वाले भक्त इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाते हैं। साथ ही ब्राह्मणों का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें प्रसाद दिया जाता है। राम लीला का आयोजन लगभग हर शहर में किया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में मेले लगते हैं।

Also Read: Holi Essay in Hindi

विजयादशमी को हथियारों की पूजा के लिए भी एक शुभ दिन माना जाता है। लोग इस दिन शस्त्रो की पूजा करते हैं और अपने लिए शक्ति का वरदान माँगते हैं। यह त्योहार पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार बांग्लादेश और नेपाल के मूल निवासियों द्वारा भी मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय जहां भी रह रहे होंगे वे अपने देश की संस्कृति को जीवित रखने के लिए इस त्योहार को मनाते हैं। मंदिरों में रोशनी करने के लिए दिये जलाए जाते है और शहरों को रोशनी से भर दिय जाता है। पूरा देश इस दिन जगमगाता है। 

बुराई पर अच्छाई की जीत के इस त्यौहार पर हमें प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि हम किसी के लिए भी कुछ भी हानिकारक नहीं करेंगे और न ही हम बुराइयों के कारण किसी को पीड़ित होने देंगे। आइए इस पवित्र अवसर पर एक वचन लें कि हम देश के साथ-साथ दूसरों के भी हित के लिए काम करेंगे और सभी तरह की गलत चिजों से दूर रहेंगे।

Thanks for Reading: Essay on Dussehra in Hindi

Recent Posts

essay on global warming

Recent Comments

  • StoriesRevealers on Diwali Essay in Hindi
  • Ramadhir on Diwali Essay in Hindi
  • Ram on Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
  • Srikanth on ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
  • aduq on Global Warming Essay in Hindi 500+ Words

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.

Refresh

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on dussehra in hindi – दशहरा पर निबंध हिंदी में.

दशहरा पर निबंध हिंदी में – Learn an Essay on Dussehra in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Students today we are going to discuss a very important topic i.e essay on Dussehra in Hindi. Dussehra essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Dussehra in Hindi is defined in more than 1500 words. Learn an essay on Dussehra in Hindi and bring better results.

Essay on Dashahara in Hindi – दशहरा पर निबंध

hindiinhindi Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi 150 Words

दशहरा हमारे देश का महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इसे विजयादशमी या विजयपर्व भी कहते हैं। यह त्योहार आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का संबंध रामायण से है। कहा जाता है कि इसी दिन रघुकुल-तिलक भगवान श्रीराम ने लंका के अन्यायी और अत्याचारी राजा रावण का वध किया था। तभी से लोग इस पर्व को विजय पर्व के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। दशहरे को मुख्य रूप से ‘क्षत्रियों का त्योहार’ कहा जाता है। इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। दशहरे से नौ दिन पहले ही गाँव-गाँव और नगर-नगर में रामलीला होती है। इसमें रामचंद्रजी के संपूर्ण जीवन को धारावाहिक रूप में दिखाया जाता है। दशहरे के दिन एक विशाल मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशालकाय पतले लगाए जाते हैं। इस स्थान पर मेला-सा लग जाता है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी मेले का आनंद लेने आते हैं। पहले खुले मैदान में राम-रावण का युद्ध होता है जिसमें राम रावण का वध कर देते हैं। बाद में पुतलों में आग लगाई जाती है। आग लगते ही पुतलों में रखे बम और पटाखे छूटने लगते हैं। बच्चे यह देखकर खुशी से तालियाँ बजाने लगते हैं। दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का द्योतक है। यह हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

Essay on Dussehra in Hindi 200 Words

दशहरा हिंदुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे पूरे भारत में बड़े ही हर्षो-उल्लास से मनाया जाता हे. अष्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी को इसका आयोजन होता है. दशहरे वाले दिन भगवान राम ने लंका पति रावण को युद्ध में हराया था तथा मां दुर्गा ने 9 रात्रि 10 दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी. इस शुभ अवसर को सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता हे. इसी लिए इस त्यौहार को विजय दशमी के नाम से जाना जाता है.

साल की तीन शुभ तिथियों में से एक दसहरा हे, अन्य दो चैत्र शुकल और कार्तिक शुकल की प्रतिपदा हे. दसहरे वाले दिन लोग शस्त्र पूजा करते हे और शुभ तिथि होने के कारण नया कार्य प्रारम्भ करते हे. पुराने समय में राजा लोग इसी दिन विजय की प्राथना कर रणन यात्रा के लिए निकल जाते थे. आज कल इस दिन जगह जगह मेले लगते हे और खास तोर पर रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते हे. इसे भगवन राम की विजय के रूप में अथवा माँ दुर्गे पूजा के रूप में, दोनों की रूपों से ये शक्ति पूजा का पर्व हे और शस्त्र पूजन की तिथि हे.

भारत देश में ये त्यौहार भिन-भिन प्रकार से मनाया जाता हे. हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दसहरा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हे. वह के लोग धूमधाम से जुलूस निकल कर बड़े धूम धाम से दसहरे को मनाते हे और पूजन करते हे. बस्तर में माँ संतेश्वरी की आराधना के द्वारा दसहरे का त्यौहार मनाया जाता हे.

Essay on Dussehra in Hindi 250 Words

Dussehra essay in hindi

दशहरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा को लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। यह त्योहार अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात तथा दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। दशहरा को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा त्यौहार को कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाया जाता है। कुछ लोग देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिये पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। पं.बंगाल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में महिषासुर और माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा – अर्चना की जाती है। पुरे नौ दिनों तक दुर्गासप्तशती का पाठ चलता है। पूजा होने के बाद लोगों को प्रसाद वितरित किया जाता है और साथ में लंगर चलाने का कार्यक्रम भी किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर 7 दिन या महीनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है। दुर्गा माता की मूर्ति की स्थापना कर पूजा करने वाले उनके भक्त दुर्गा माँ का मूर्ति-विसर्जन का कार्यक्रम भी गाज-बाजे के साथ करत है।

दशहरा के उत्सव पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में कुछ दिनों के लिए छुट्टी मिल जाती है। लोग इस पर्व को ढेर सारी खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। पूरे देश में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवा दिन मनाया जाता है।

Essay on Dussehra in Hindi 300 Words

10 lines on Dussehra in Hindi

दशहरा हिन्दुओं का प्रसिद त्योहार हे. इस दिन भगवन श्री राम ने लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इस दिन को बड़े उत्साह से दुनिआ भर में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हे. इस त्यौहार को सबसे ज्यादा भारत में मनाया जाता हे पर आज जहां-जहां भी भारत वासी या श्री राम जी के भगत हे, वह पर इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता हे. दसहरे को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता हे, जो की नवरात्रो के आखिर में आता हे. दशहरा अशिवनं महीने की दसवीं तिथि को होता हे.

दसहरे के आठ दिन पहले राम-लीला की जाती है. जहां पर रामायण के तर्ज पर दुनिआ भर के लोगो को यह बताने की कोशिश की जाती हे की हमेशा असत्य पर सत्य की ही जीत होती हे. राम-लीला के माध्यम से पूरी रामायण की कहानी को मंच से दर्शाया जाता हे. राम-लीला ड्रामा के आखिर में रावण को मार कर समाप्ति की जाती हे. दसहरे के दिन खुले मैदान में बड़े बड़े रावण, कुम्भ-कारन और मेघनाथ के पुतलो को जलाया जाता हे. पुतला दहन के बाद खूब आतिशबाजी होती हे और लोग इस पूरे कार्यक्रम का भरपूर आनंद लेते हे. बंगाल में इसी दसहरे वाले दिन दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जाता हे.

भगवन राम चन्दर जी ने इस दिन लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इसी वजह से इस त्यौहार को विजय-दशमी कहते हे. विजय-दशमी के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी. पुराने समय में राजा गण वर्षा ऋतू बोल कर शत्रुओं पर चढ़ाई कर दिया करते थे.

इस समय वर्षा ऋतू के बाद शरद ऋतू शुरू होती हे. इन दिंनो किसान बहुत प्रसन होता हे क्युकी किसानो के खेतो के चावल लहलहा रहे होते हे.

Essay on Vijayadashami in Hindi 700 Words

अधर्म और दानवता पर विजय प्राप्त करके धर्म एवं देवत्व की स्थापना करना अवतारी शक्तियों का कार्य रहा है। विजयदशमी को विजयोत्सव के रूप में आज भी भारतीय जनता सदियों से मनाती चली आ रही है। विजयदशमी हिन्दुओं का पवित्र सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्व है। विजयदशमी का पर्व ग्रीष्म ऋत की समाप्ति पर आता है। सम्पूर्ण हिन्दू समाज इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है।

विजय दशमी को ‘दशहरा पर्व’ के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा से तात्पर्य दंश को हरने से है। इसी दिन श्रीराम जी ने दुष्ट रावण के दस सिरों का नाश किया था, इसीलिए इस पर्व को दशहरा भी कहा जाता है। अधर्म पर धर्म की और अन्याय पर न्याय की विजय प्राप्त करने के कारण इसे ‘विजयदशमी’ कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार- एक बार जब इन्द्रलोक एवं देवलोक महिषासुर नाम के राक्षस के अत्याचारों से पीड़ित होकर त्राहि-त्राहि कर उठे, तब सभी देवता शंकर की शरण में गए । शंकर की क्रोधाग्नि से एक शक्ति का प्रार्दुभाव हुआ और देवताओं ने उस शक्ति को शस्त्रास्त्र प्रदान करके और शक्तिशाली बनाया। उस शक्ति ने नौ दिन संघर्ष करने के बाद दसवें दिन महिषासुर का अंत कर दिया। तभी से प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को आज भी लोग पूजते हैं।

विजयदशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में, दशमी तिथि के दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन कहीं दुर्गा जी की पूजा की जाती है और कहीं राम जी की। इस त्योहार को ‘दुर्गा-पूजा’ और ‘शस्त्र-पूजा’ के रूप में भी मनाया जाता है। क्षत्रिय लोग इस दिन शम्त्रों और अम्त्रों की पूजा करते हैं।

भारतीय जनता इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाती हैं। इस पर्व को मनाए जाने की विधि हर राज्य में अलग-अलग है। बंगाल में यह पर्व दुर्गा-पूजन के रूप में मनाया जाता है। गुजरात में यह पर्व समारोहों का आयोजन करके नृत्यादि करके मनाया जाता हैं। राजस्थान में राजा-महराजाओं की झांकिया निकलती है। और वे इन झाँकियों में अस्त्रों और शस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं। दक्षिण भारत में इस अवसर पर शामी वृक्ष की पूजा करके, उसके पत्तों को स्वर्ण समझकर लूटा जाता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में इस पर्व को मनाने की विधि लगभग एक सी है। नवरात्र के आरंभ होने के साथ ही इन राज्यों में जगह-जगह रामलीला का आयोजन होता है। यहाँ राम जी के जीवन की पवित्र झलकियाँ लोगों को नाटक के माध्यम से नौ दिनों तक दिखाई जाती हैं। नाटक के दसवें दिन राम और रावण का युद्ध दिखाया जाता है, जिसमें राम रावण को मार गिराते हैं तथा राम की विजय होती है। रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। इन पुतलों में आतिशबाजी लगायी जाती है जिससे आग लगते ही रंग बिरंगी चिंगारियां निकलती हैं और धमाका होता है। इस दिन जगह-जगह पर मेलों का आयोजन होता है। बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरूष सभी इन मेलों का आनंद लेने आते हैं। इस दिन घरों में पकवान बनते हैं, लोग पूजा-पाठ करते हैं। शाम होते ही लोग सज-धजकर मेला देखने पहुँच जाते हैं।

भारतीय समाज में यह दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने शुभ कार्य करते हैं। प्राचीनकाल में व्यापारी, यात्री, साधु आदि वर्षा ऋतु में अपनी यात्रा स्थगित कर देते थे; क्योंकि इस समय तक वर्षा भी समाप्त हो चुकी होती थी और यातायात का सुलभ साधन भी नहीं था। इसलिए इस को शुभ मानकर लोग यात्राएं और अपने अन्य कार्य करते थे। राजा-महाराजा इसी दिन दुश्मनों पर आक्रमण करने की तैयारी करते थे। विवाह आदि के शुभ कार्य भी इसी समय में ही किए जाते हैं। इस दिन योद्धा अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। बहनें अपने भाईयों के कानों में ‘नौरतें’ टाँगती हैं, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भी है।

यूँ कहा जाए तो विजयदशमी का त्योहार भारतीय संस्कृति, परम्परा और गौरव का प्रतीक है। इस पर्व से हमें शिक्षा मिलती है कि अन्याय, अत्याचार और दुराचार को सहना भी एक बड़ा पाप है। यह त्योहार राष्ट्र के उत्थान में भी बहुत सहायक हैं। यह त्योहार हमें संदेश देता हैं कि राम के चरित्र और आदर्शों का अनुकरण करने से ही हमारा जीवन सुखी और शांत रह सकता है। विजयदशमी, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। हमें न्याय तथा धर्म की स्थापना करके राष्ट्र को मजबूत बनाना चाहिए। देश में जन्मी हर बुराई को जड़ से उखाड़ फेंक देना चाहिए।

Paragraph on Dussehra in Hindi 10 Lines

  • हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें से दशहरा भी एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो प्राय: अक्टूबर भास में मनाया जाता है।
  • इस त्योहार के मनाने के पीछे यह कथा प्रचलित है कि रावण लंका का राजा था। वह बहुत विद्धवान था। परन्तु उसको अपनी शक्ति का बहुत अभिमान था।
  • श्री राम के वनवास के दिनों में, रावण छल से सीता जी को पकड़ कर ले गया।
  • श्री राम ने हनुमान और सुग्रीव आदि मित्रों की सहायता से लंका पर हमला कर दिया।
  • दशहरे से नौ दिन पहले नगरों में रामलीला होती है। जिस में श्री राम जी के जीवन की यही कहानी नाटक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
  • दशहरा रामलीला का आखिरी दिन होता है। इस दिन स्थान-स्थान यर मेले लगते हैं। लोग टोलियो में मेला देखने जाते हैं।
  • इम दिन रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं।
  • इनके अंदर बड़े-बड़े पटाके लगाए जाते हैं। सायंकाल के समय राम और रावण के दलों में बनावटी लड़ाई होती है।
  • अंत में श्री राम जी ने रावण पर युद्ध में विजय प्राप्त क्री, ऐसा दर्शाया जाता है। फिर तीनों के पुतलों को आग लगाई जाती है, जिससे पटाखे फूट पड़ते हैं।
  • चारों तरफ बुराई यर अच्छाई की विजय की खुशी का वातावरण छा जाता है।
  • सड़कों यर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के स्टॉल लगे होते हैं।
  • सभी लोग मिठाइयाँ, खिलौने आदि लेकर घरों को लौटते हैं।
  • पंजाब में इस त्योहार की खास मिठाई जलेबी मानी जाती है।
  • बंगाल में दसहरे के दिन दुर्गा माता की मूर्ति का पूजन, बाद में उनका जल-विसर्जन किया जाता है, वहाँ उसे दुर्गा – पूजा के रूप में मनाया जाता है।
  • हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दशहरा भी वहुत प्रसिद्ध है।
  • दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार है इसलिए इसे विजय दशमी भी कहते है।
  • यह त्योहार हमें अपने धर्म और संस्कृति को रक्षा करने की, अत्याचारों के समक्ष न झुकने की प्रेरणा देता है।
  • यह त्योहार क्रूरता व अन्य सामाजिक, बुराइयों को सहन न करने का संदेश भी देता है।

More Hindi Essay

Essay on Diwali in Hindi

Essay on Holi in Hindi

Eid essay in Hindi

Essay on Festivals of India in Hindi

Essay on Baisakhi in Hindi

Essay on Indian culture in Hindi

Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay on dussehra in hindi 500 words

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

AaravHindi.Com

[Free PDF Download] दशहरा पर निबंध हिंदी में 300, 500, 800 और 1000 शब्दों में | Dussehra Essay in Hindi for School Students | 10 Lines on Dussehra

Lalit Rohilla

Table of Contents

essay on dussehra in hindi 500 words

(300 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में | Essay on Dussehra in Hindi (300 words)

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में सबसे अधिक मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस निबंध में, हम दशहरे से जुड़े महत्व, रीति-रिवाजों और उत्सवों के बारे में जानेंगे।

दशहरा – बुराई पर अच्छाई का त्योहार: 

दशहरा पूरे भारत में बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह नवरात्रि के दसवें दिन पड़ता है, जो राक्षस राजा, रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।

यह त्यौहार नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ शुरू होता है, जो नौ दिनों तक चलता है। दसवें दिन, खुले मैदान में रावण, उसके भाई कुम्भकर्ण और उसके पुत्र मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। यह कार्यक्रम, जिसे “रावण दहन” के नाम से जाना जाता है, उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग राम लीला भी करते हैं, जो भगवान राम के जीवन का एक नाटकीय पुनर्मूल्यांकन है।

अंत में, दशहरा एक जीवंत और आनंदमय त्योहार है जो हमें धार्मिकता का महत्व और बुराई पर अच्छाई की जीत सिखाता है। यह पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिससे विभिन्न समुदायों के लोग एकता और सद्भाव की भावना से एक साथ आते हैं।

भारतीय त्योहारों और परंपराओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमारे ब्लॉग aaravhindi.com पर जाएँ।

(500 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में | Essay on Dussehra in Hindi (500 words)

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इसका अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है और इसे उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस निबंध में, हम दशहरा से जुड़े इतिहास, रीति-रिवाजों और उत्सवों के बारे में गहराई से जानेंगे।

दशहरा – बुराई पर अच्छाई की जीत:

दशहरा नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के समापन का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह मुख्य रूप से महाकाव्य रामायण से जुड़ा है, जहां भगवान राम ने, देवी दुर्गा के आशीर्वाद से, एक भयंकर युद्ध के बाद राक्षस राजा रावण को परास्त किया था।

यह त्योहार नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ शुरू होता है। नौ दिनों में से प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप को समर्पित है, जो स्त्री शक्ति और दिव्यता पर जोर देता है। दसवें दिन, जिसे दशहरा या विजयादशमी के नाम से जाना जाता है, खुले मैदान में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। यह अनुष्ठान, जिसे “रावण दहन” के नाम से जाना जाता है, बुराई पर सदाचार की जीत का प्रतीक है।

दशहरा उत्सव का एक और अभिन्न हिस्सा राम लीला है, जो भगवान राम के जीवन और यात्रा का एक नाटकीय पुनर्मूल्यांकन है। लोग इन प्रदर्शनों को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, जो अक्सर संगीत और नृत्य के साथ होते हैं।

दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का सार बताता है। यह खुशी, भक्ति और एकता का समय है क्योंकि विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग इस शुभ अवसर का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा, राम लीला की भव्यता और रावण दहन का नजारा दशहरा को वास्तव में एक यादगार त्योहार बनाता है।

भारतीय त्योहारों और परंपराओं के बारे में अधिक जानने के लिए, हमारा ब्लॉग aaravhindi.com देखें।

(800 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में | Essay on Dussehra in Hindi (800 words)

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत में अत्यधिक उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। इस निबंध में, हम दशहरा के बहुमुखी पहलुओं का पता लगाएंगे, जिसमें इसकी ऐतिहासिक जड़ें, रीति-रिवाज, सांस्कृतिक महत्व और इसके साथ होने वाले भव्य उत्सव शामिल हैं।

नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाने वाला दशहरा भारतीय पौराणिक कथाओं और इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसकी उत्पत्ति का पता प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण से लगाया जा सकता है। इस महाकाव्य के अनुसार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार, भगवान राम, अपनी प्यारी पत्नी सीता को राक्षस राजा रावण के चंगुल से बचाने के लिए एक वीरतापूर्ण यात्रा पर निकले।

यह त्योहार देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों की भक्ति और पूजा की अवधि, नवरात्रि की शुरुआत के साथ शुरू होता है। प्रत्येक दिन देवी की एक अलग अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जो उनकी विभिन्न विशेषताओं और शक्तियों का प्रतीक है। यह अवधि उपवास, प्रार्थना और सांस्कृतिक प्रदर्शन द्वारा चिह्नित है।

दसवें दिन दशहरा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। केंद्रीय कार्यक्रम “रावण दहन” नामक समारोह में रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और उसके पुत्र मेघनाद के पुतले जलाना है। यह कृत्य बुराई पर धर्म की जीत और भगवान राम की अंतिम विजय का प्रतीक है।

दशहरे के सबसे मनोरम पहलुओं में से एक है राम लीला का प्रदर्शन। यह नाटकीय अधिनियमों की एक श्रृंखला है जो भगवान राम के जीवन और साहसिक कार्यों को दर्शाती है। ये प्रदर्शन अक्सर विस्तृत होते हैं और संगीत, नृत्य और जटिल वेशभूषा के साथ होते हैं। समाज के सभी क्षेत्रों से लोग रामायण के रोमांचक प्रसंगों को देखने के लिए एकत्रित होते हैं।

दशहरा नैतिक मूल्यों और धार्मिकता के महत्व की याद दिलाने का भी काम करता है। यह हमें सिखाता है कि, अंततः, अच्छाई दुष्टता पर विजय पाती है, और सत्य झूठ पर विजय प्राप्त करता है।

दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो नैतिकता और आध्यात्मिकता का सार समाहित करता है। यह धार्मिक सीमाओं को पार करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए लोगों को एक साथ लाता है। भक्ति, सांस्कृतिक प्रदर्शन और शानदार रावण दहन का संयोजन दशहरा को एक यादगार त्योहार बनाता है।

भारतीय त्योहारों और परंपराओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमारे ब्लॉग, aaravhindi.com पर जाएँ।

(1000 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में | Essay on Dussehra in Hindi (1000 words)

दशहरा, जिसे भारत के कुछ हिस्सों में विजयादशमी के नाम से जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो देश भर में लाखों लोगों के दिलों में गूंजता है। यह एक ऐसा उत्सव है जो दुष्टता पर धर्म की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। इस व्यापक निबंध में, हम दशहरा की ऐतिहासिक जड़ों, रीति-रिवाजों, सांस्कृतिक महत्व और भव्यता का पता लगाएंगे, एक त्योहार जो भारत को खुशी और भक्ति में एकजुट करता है।

दशहरा – परंपरा के धागों की खोज:

दशहरा की जड़ें भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं में गहराई तक फैली हुई हैं। इसका सबसे प्रमुख संबंध महाकाव्य रामायण से है, जो वीरता, भक्ति और सद्गुण और पाप के बीच लड़ाई की एक प्राचीन कहानी है। इस महाकाव्य के अनुसार, भगवान विष्णु के अवतार, भगवान राम, राक्षस राजा रावण के चंगुल से अपनी प्यारी पत्नी सीता को बचाने के लिए एक खोज पर निकले।

दशहरा का उत्सव नवरात्रि के आगमन के साथ शुरू होता है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिनों की अवधि है। नौ दिनों में से प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप का प्रतिनिधित्व करता है, जो उनकी विभिन्न विशेषताओं और शक्तियों का प्रतीक है। भक्त दिव्य स्त्री का सम्मान करने के लिए उपवास करते हैं, प्रार्थना करते हैं और सांस्कृतिक प्रदर्शन में शामिल होते हैं।

दसवें दिन, दशहरा “रावण दहन” नामक एक समारोह में रावण, उसके दुर्जेय भाई कुंभकर्ण और उसके बहादुर बेटे मेघनाद के पुतलों को जलाने के साथ केंद्र स्तर पर आ जाता है। यह अनुष्ठान धार्मिकता की अंतिम जीत और बुरी ताकतों पर भगवान राम की विजय का प्रतिनिधित्व करता है।

दशहरे के सबसे मनोरम पहलुओं में से एक है राम लीला का प्रदर्शन। ये नाटकीय अधिनियम हैं जो भगवान राम के जीवन, साहसिक कार्यों और नैतिक शिक्षाओं को चित्रित करते हैं। प्रदर्शन जटिल होते हैं, अक्सर कई दिनों तक चलते हैं, और संगीत, नृत्य और विस्तृत रूप से डिज़ाइन किए गए सेट के साथ होते हैं। राम लीला एक सांस्कृतिक पुल के रूप में कार्य करती है जो पीढ़ियों को जोड़ती है और बुराई पर अच्छाई की विजय का शाश्वत संदेश देती है।

दशहरा सिर्फ एक त्योहार से कहीं अधिक है; यह नैतिकता और आध्यात्मिकता का एक गहरा पाठ है। यह हमें याद दिलाता है कि सत्य अंततः असत्य पर विजय प्राप्त करेगा, और धार्मिकता दुष्टता पर विजय प्राप्त करेगी।

दशहरा, या विजयादशमी, एक ऐसा त्योहार है जो धार्मिक सीमाओं से परे है और लोगों को बुराई पर विजय और अच्छाई के उत्सव में एकजुट करता है। भक्ति, सांस्कृतिक समृद्धि और रावण दहन का मिश्रण दशहरा को एक अविस्मरणीय अनुभव बनाता है।

दशहरा पर 10 पंक्तियाँ | 10 lines on Dussehra:

  • दशहरा, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है।
  • इसे विजयदशमी भी कहा जाता है और यह आशीर्वाद, उत्सव और खुशी का समय होता है।
  • यह त्योहार आधिकारिक रूप से नवरात्रि के आखिरी दिन मनाया जाता है।
  • इसका महत्व मुख्य रूप से रामायण के कथा से जुड़ा हुआ है, जहां भगवान राम ने रावण को पराजित किया।
  • नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा और व्रत की जाती है और इसके बाद दशहरा का आगाज़ होता है।
  • दशहरा के दिन “रावण दहन” के रूप में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद की मूर्तियों को जलाया जाता है।
  • इस धार्मिक त्योहार के माध्यम से हमें सच्चे मानवता और आदर्शों की महत्वपूर्ण सिख मिलती है।
  • रामलीला नामक नाटककला भी इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें भगवान राम के कार्यों का विवरण दिखाया जाता है।
  • दशहरा हमें सत्य और न्याय के महत्व की याद दिलाता है, जिसमें अंत में अच्छाई हमेशा बुराई को पराजित करती है।
  • यह त्योहार धार्मिकता और आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण सिख देता है और लोगों को एक साथ आत्मा और भक्ति में जोड़ता है।

[Download PDF] दिवाली पर निबंध 300, 500 और 800 शब्दों में: Click on the link

भारत की जीवंत संस्कृति और परंपराओं की और खोज के लिए, हमारे ब्लॉग aaravhindi.com पर जाना न भूलें।

Download PDF Essay on Dussehra | दशहरा पर निबंध का पीडीएफ डाउनलोड करें:

दशहरा पर निबंध 10 लाइन, दशहरा निबंध हिंदी में PDF, दशहरा पर निबंध 300 शब्दों में, दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में, दशहरा पर निबंध 800 शब्दों में, दशहरा पर निबंध 1000 शब्दों में, दशहरा पर निबंध कक्षा 6, दशहरा पर निबंध कक्षा 7, दशहरा पर निबंध कक्षा 8, दशहरा पर निबंध कक्षा 9, दशहरा पर निबंध कक्षा 10, स्कूली छात्रों के लिए दशहरा पर निबंध, स्कूली छात्रों के लिए दशहरा पर सबसे अच्छा निबंध, बहुत अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए दशहरा पर निबंध, dussehra essay 10 line, dussehra essay in hindi pdf, dussehra essay in 300 words, dussehra essay in 500 words, dussehra essay in 800 words, dussehra essay in 1000 words, dussehra essay class 6, dussehra essay class 7, dussehra essay class 8 , essay on dussehra class 9, essay on dussehra class 10, essay on dussehra for school students, best essay on dussehra for school students, essay on dussehra to get very good marks, download dussehra essay pdf free

One response

[…] दशहरा: यह त्यौहार विजयादशमी या दशहरा के साथ समाप्त होता है, जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में राक्षस राजा रावण के पुतले जलाए जाते हैं, क्योंकि यह वह दिन माना जाता है जब भगवान राम ने रावण को हराया था। दशहरा पर निबंध हिंदी में: Click Here […]

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

essay on dussehra in hindi 500 words

Recent Posts

essay on dussehra in hindi 500 words

  • गानों के बोल 19
  • घरेलू नुस्खे 7
  • हिंदी कहानियाँ 30
  • हिंदी जोक्स 3

aman jaji best story in hindi biography entertainment essay essay in hindi funny jokes Haryanvi Song Haryanvi song lyrics in hindi haryanvi songs lyrics in hindi Indian Culture iphone iphone history jivani jokes kavita lyrics Motivational Hindi Poems niband poem poem in hindi sapna chaudhary sarkari naukri short moral stories for class 4 short moral stories for class 5 short stories short story in hindi songs story in hindi गाने के बोल

दशहरा पर निबंध – Dussehra essay in Hindi

आज आप इस लेख में dussehra essay in Hindi (दशहरा पर निबंध) के बारे में जानेंगे. दशहरा भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. और दोस्तों आप सबको पता होगा दशहरा को कितने धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन जब स्कूल में दशहरा पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है, तो हम अच्छे से लिख नहीं पाते हैं. इसीलिए ये आर्टिकल में आपके लिए लेकर आया हूँ. जिसकी मदद से आप पूरी आसानी के साथ दशहरा के बारे में छोटे और बड़े निबंध लिख सकते हैं.

Note:- यह निबंध कक्षा 4 से 10 के छात्रों के लिए उपयुक्त है.

1.     दशहरा पर निबंध 200 words – Dussehra essay in Hindi

दशहरा को दुर्गापूजा भी कहते हैं. इस दिन भगवान श्रीराम ने दश सिर वाले रावण का बध कर दिया था. इसलिए इसे दशहरा कहते हैं.

यह पर्व आश्विन महीने के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि में शुरू होती है और दशमी तिथि में समाप्त होता है.

इस पर्व के पीछे कहानियाँ कही जाती है. पहली कथा के अनुसार त्रेतया युग पुरूषत्तोम श्रीराम ने इस दिन माँ दुर्गादेवी की पूजा की थी. उनसे आशीर्वाद लेकर उन्होने लंका पर विजय प्राप्त की थी. दूसरी कथा यह है कि इस दिन माँ दुर्गा ने देवताओं की रक्षा के लिए महिषासुर का बध किया था.

दशहरा के लिए दुर्गादेवी की मृण्मय मूर्त्ति बनाई जाती है. उनकी सवारी सिंह पर होती है. उनकी भुजाओं अस्त्र-शस्त्र शोभा पाते है. देवी दाहिने लक्ष्मी, गणेश बायें सरस्वती और कार्तिक की मूर्त्ति बनाई जाती है. पूजा का मंडप सुवासित फूल, रंगीन कागज और बिजली बत्ती से सजाया जाता है. शहरों की गलियों में दशहरा बडी ठाट वाट से मनाया जाता है. दशहरा में लोग बडा आनंद मनाते है. घर घर में पुआ पकवान बनते है. लोग नई पोषाक पहनते है. बच्चों से बूढे तक सभी देवी दर्शन के लिए चल पडते है. इस पर्व के लिए स्कूल, कॉलेज, कचहरी आदि बंद रहते है. असत्य पर सत्य तथा अन्याय पर न्याय की बिजय के रूप में यह पर्व मनाया जाता है. यह पर्व हमारे समाज में नये उत्साह का संचार करता है.

2.     दशहरा पर निबंध 500 words – Essay on Dussehra in Hindi

प्रस्तावना     .

दशहरा एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है. इसे दुर्गा पूजा कहा जाता है. दशहरा पर्व आश्विन महीने शुक्लपक्ष पर मनाया जाता है. इस त्यौहार के दौरान, हिंदुओं दुनिया की माँ, माँ दुर्गा की पूजा करते हैं. यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और देवी को दसवें दिन विसर्जित किया जाता है. नौवें दिन को ‘विजयादशमी’ भी कहा जाता है.

पौराणिक संकेत

दुर्गा पूजा के बारे में कई कहानियां सुनने को मिलता है. आश्विन महीने की शुक्लपक्ष में, उमा कैलासपर्वत में अपने पति शिव के घर से हिमालय में अपने पिता के घर आती है; इसलिए उनके लिए पृथ्वी पर पूजा अर्चना की जाती है, जो दुर्गा पूजा है. देवी पृथ्वी के लोगों से पूजा प्राप्त करने के बाद विजयादशमी के दिन कैलासपर्बत पर अपने पति के घर लौट आयी थी. त्रेतया काल में, रामचंद्र ने रावण को हराने के लिए दुर्गा माता की पूजा की और उस दिन रावण को हराया; तो उस दिन को ‘विजयादशमी’ के रूप में जाना जाता है. पुराणों में लिखा है कि दुर्गा पूजा उत्सव दस पापों से मुक्त करता है; इसलिए दुर्गा पूजा का दूसरा नाम दशहरा है. इन सभी कारणों से, हिंदुओं हर साल दुर्गा पूजा मनाते हैं.

dussehra par nibandh

शहरों में दशहरा का जश्न

दशहरा उत्सव भारत के कई शहरों और कस्बों में मनाया जाता है. कलकत्ता के लोग सबसे धूमधाम से यह त्योहार मनाते हैं. दुर्गा पूजा देखने के लिए गांवों के कई लोग कलकत्ता आते हैं. विजयादशमी के दिन, मूर्तियों को नदी में विसर्जित किया जाता है.

मैं ओडिशा के कटक शहर में रहता हूँ. कटक का दशहरा त्योहार पूरे ओडिशा में जाना जाता है. कटक में हर बाजार की गली में देवी मंदिर हैं. वहां मूर्तियों को बड़ी कीमत पर बनाया जाता है. कटक के कारीगर शिल्पकारी में बहुत अच्छे हैं. उनकी शिल्पकारी के कारण मूर्तियां जीवंत प्रतीत होती हैं. ओडिशा के उपनगर के बहुत सारे लोग दुर्गा पूजा देखने के लिए कटक आते हैं. विजयादशमी के दिन, मूर्तियों को काठजोड़ी नदी में विसर्जित किया जाता है.

गाँव में दशहरा उत्सव

दशहरा उत्सव भारत के प्रत्येक गाँव में आयोजित किया जाता है. ग्रामीण बड़ी श्रद्धा से देवी की पूजा करते हैं. उन्होंने अपने देवी देवताओं के पास विभिन्न घरेलू उपकरणों की स्थापना करते है.

दशहरा अवसर पर स्कूल के छात्रों को करीब पंद्रह दिनों की छुट्टी मिलती है. इसे पूजा छुट्टी कहते हैं. छात्रों को अपने पिता, दादा, भाइयों, दोस्तों को देखने का अवसर मिलता है जो विदेश से लौटते हैं; इसलिए दशहरा समय सभी के लिए बहुत खुशी का समय है. जगत्जननी मां दुर्गा की लय में छात्र मजबूत हों और अपनी और अपने देश की बेहतरी के लिए मां से आशीर्वाद लें, यही कामना है.

3.     दशहरा पर निबंध 700 words – Essay on Dussehra in Hindi

 प्रस्तावना.

त्यौहार एक व्यस्त जीवन को रसपूर्ण बनाने के लिए मानव विचार और चेतना से पैदा हुए कई साधनों में से एक है. अतीत में क्यों और कैसे कई त्यौहार बनाए गए हैं जिन्होंने भारत के सार्वजनिक जीवन को प्रभावित किया है. बड़ी संख्या में त्योहारों के कारण, भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. इन त्योहारों के साथ देवताओं की पूजा जुड़ी हुई है. दशहरा एक लोकप्रिय त्योहार है. दशहरा का दूसरा नाम दुर्गा पूजा है क्योंकि इस तिथि पर आदिशक्ति देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. अकुमारी हिमाचल प्रदेश पूरे भारत में हिंदू समुदाय द्वारा यह उत्सब को मनाया जाता है.

त्योहार की पौराणिक पृष्ठभूमि

आर्यों की यह जीत आदिकाल से लोगों के बीच शक्ति की पूजा को प्रेरित करती रही है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस के उत्पीड़न से पीड़ित होकर दुनिया और देवताओं में त्राहि त्राहि मच गया था. आतंक होकर देवताओं ने शंकर की शरण ले लिया. शिव की तबाही की चमक ने एक शानदार शक्ति बिखेरी. देवताओं ने उन्हें अपने हथियार दिए. उस शक्ति की देवी ने नौ दिनों तक असुरों के साथ संघर्ष किया और दसवें दिन महिषासुर को हराकर जीत हासिल की. देवी की जीत देखकर देवताओं आनंदित हो गए. हिंदू समुदाय उस समय से अश्विन शुक्लदाशमी पर महिषासुर मर्दिनी दुर्गा की पूजा कर के दया प्राप्त कर रहे हैं.

दशहरा या दुर्गा पूजा के पालन के परिणामस्वरूप रामायण का एक और मुद्दा सामने आता है. आमतौर पर दुर्गोत्सव वसंत ऋतु में मनाया जाता है. लेकिन सीता के उद्धार और रावण पर विजय के लिए, रामचंद्र ने दुर्गा माता को शरद ऋतु में पूजा करके शक्ति प्राप्त किये थे. अश्विन शुक्लदसमी दुर्गार्चन करके लंका पर विजय हासिल किये थे इसी कारण विजयादशमी के रूप में जाना जाता है. पुराणों में कहा गया है कि रावण का विनाश और रामचंद्र की विजय इस दसवें दिन हुई थी. शरद ऋतु दुर्गा पूजा का प्रसार बसंती दुर्गा पूजा की तुलना में अधिक आम है.

इसके अलावा, दशहरा या विजयादशमी पालन की दो अन्य पौराणिक कथाएँ महाभारत में वर्णित हैं. महाभारत युद्ध की समाप्ति से पहले, भगवान कृष्ण ने अश्विन शुक्ल दशमी पर विजय के लिए जगतजननी दुर्गा की पूजा किये थे.

दुर्गा पूजा को दुर्गा नाम के एक असुर के विनाश या देवताओं के दुर्भाग्य को खत्म करने के लिए दुर्गा की उपस्थिति का मुख्य कारण माना जाता है. दशहरा में अपराजिता की पूजा करने के कारण इसे अपराजिता दशमी कहा जाता है. इस दिन सोमनाथ ब्रत मनाया जाता है.

भारत के विभिन्न भागों में दशहरा

राजस्थान में, राजा महाराजा के रथ में सवारी करते हैं. शस्त्र पूजन और प्रदर्शन होता है. गुजरात में, इस अवसर पर समारोहों का आयोजन किया जाता है, और नृत्य गीतों के साथ देवी पूजा की जाती है. पश्चिम बंगाल शारदीय दुर्गा पूजा पूरे भारत में प्रसिद्ध है. दशहरा को लेकर कुल्लू में मेला का आयोजन किया जाता है, जहां पूरे देश के लोग एक साथ आते हैं. दक्षिण भारत में, शमी वृक्ष की पूजा करने और उसके पत्तों को सोने के रूप में इकट्ठा करने की प्रथा दशहरा की विशेषता है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पंजाब राज्यों में दुर्गा पूजा एक जैसे होता है. नवरात्र की शुरुआत के साथ, विभिन्न स्थानों पर रामलीला उत्सव आयोजित किए जाते हैं. रावण, कुंभकर्ण आदि राक्षसों की मूर्तियों को खुशी और उत्साह के बीच बड़ी भीड़ में आग लगा दी जाती है. दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाला यह त्योहार बहुत ही आनंददायक होता है.

आमोद प्रमोद

मंडप की सजावट और बिजली की रोशनी बहुत मोहक और शानदार रहता है. रात में पूजा मंडप के पास दर्शकों की भीड़ जमा हो जाती है. मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन पूजा के माहौल को अधिक आकर्षक बनाता है. दुर्गा पूजा के अवसर पर, आकाशवाणी और दूरदर्शन विशेष रोचक कार्यक्रम पेश करते हैं. दुर्गा पूजा के अवसर पर, आकाशवाणी और दूरदर्शन विशेष रोचक कार्यक्रम पेश करते हैं. समाचार पत्र दुर्गा पूजा से संबंधित विभिन्न लेखन में पाठकों का सम्मान हासिल करने के लिए उत्सुक हैं. दशहरा अवकाश दशहरा त्योहार का एक विशेष आकर्षण है.

दशहरा भारतीय संस्कृति के शक्ति निमंत्रण दिवस. शक्ति गति, प्रगति, एकजुटता और मुक्ति है. आर्य चेतना में शक्ति की पूजा एक आश्चर्य है. प्राचीन काल से, भारतीयों ने शक्ति की देवी की पूजा की है. दशहरा ऐसे ही आता रहे. मां के आशीर्वाद से राक्षसी प्रवृत्ति नष्ट हो जाये और मानव हृदय में दिव्य वृत्ति का विकास हो.   

दशहरा पर 10 लाइन का निबंध

  • दशहरा हिंदुओं का एक महान त्योहार है.
  • यह अक्टूबर के महीने में पड़ता है.
  • इस पर्व में मां दुर्गा की पूजा की जाती है.
  • इस दौरान स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं.
  • यह त्यौहार दस दिन और रात के लिए आयोजित किया जाता है.
  • इसलिए इसे संक्षेप में दशहरा कहा जाता है.
  • इस अवसर पर पूजा मंडप को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है.
  • दशहरा उत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है.
  • लोग खुशी और गहरी भक्ति के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं.
  • दुर्गा पूजा भारतीय लोगों का एक राष्ट्रीय त्योहार है.
  • दीपावली पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध
  • इंटरनेट पर निबंध

उम्मीद है हमारा ये आर्टिकल दशहरा पर निबंध (Dussehra essay in Hindi) आपको पसंद आया होगा. अगर आपको और कोई त्यौहार के ऊपर निबंध चाहिए तो comment में जरूर बताएं. धन्यवाद.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Hindi Yatra

दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi  – दोस्तों आज हम दशहरा त्योहार पर निबंध लिखने जा रहे है। हमारे देश भारत में त्योहारों का बहुत महत्व है हमारे देश में प्रत्येक त्यौहार बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

दशहरा त्योहार पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है। इस निबंध की सहायता से विद्यार्थी अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं और साथ ही  परीक्षाओं में भी इस निबंध का इस्तेमाल कर सकते है।

Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi for school student under 100, 200, 300, 500 or 1500 words.

Best Essay on Dussehra in Hindi 100 words

भारत में दशहरा त्यौहार का बहुत महत्व है दशहरा भारत में पौराणिक काल से ही मनाया जाता आ रहा है। दशहरा हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ त्योहार है यह 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । इसके मनाए जाने का कारण पौराणिक कथाओं में सुनने को मिलता है जिसके अनुसार जब रावण द्वारा माता सीता का हरण कर लिया गया था

तब भगवान श्रीराम ने रावण से आग्रह किया था कि वह मां सीता को सकुशल वापस लौटा दी नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। लेकिन रावण अपने अहंकार में इतना चूर हो गया था कि उसने भगवान राम की बात नहीं मानी।

यह भी पढ़ें –  गणेश चतुर्थी पर निबंध – Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

अंत में भगवान श्रीराम ने विजयदशमी के  के दिन लंका नरेश रावण का वध कर दिया। दशहरा त्योहार पर रावण का पुतला जलाया जाता है और इससे यह संदेश मिलता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

Latest Essay on Dussehra in Hindi 200 words

दशहरा भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा त्योहार को पूरे भारत में अलग-अलग तरह से पूरे हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है। यह त्योहार अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है।

भारत में यह त्यौहार विभिन्न रीति रिवाजों के अनुसार विभिन्न प्रांतों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है जैसे कि पश्चिमी बंगाल झारखंड बिहार आदि राज्यों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है

यह पूजा 9 दिनों तक लगातार की जाती है जिसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है।

विजयदशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था और उसी दिन भगवान राम ने भी अहंकारी रावण का वध किया था। उत्तर भारत में  इन 9 दिनों में रामलीला का मंचन किया जाता है

यह भी पढ़ें –   दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

जिसमें बताया जाता है कि भगवान राम ने रावण का वध कैसे किया और दसवें दिन रावण के साथ मेघनाद, कुंभकर्ण का पुतला भी जलाया जाता है।

दशहरा त्योहार के माध्यम से बताया जाता है कि असत्य कितना भी मजबूत क्यों ना हो सत्य की एक किरण उसे  हरा ही देती है। इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की जीत पर मनाया जाता है।

Dussehra Par Nibandh 300 words

प्रस्तावना –

दशहरा त्योहार को पूरे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है इस पर्व पर खूब मिठाइयां बांटी जाती है खूब ढोल नगाड़े बजाए जाते है। विजयादशमी के इस पावन दिन पर असत्य पर सत्य की जीत हुई थी।

दशहरा त्योहार हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यह पर्व दीपावली से करीब 20 दिन पहले आता है।

दशहरा का आयोजन –

इस पर्व को विजयादशमी और दशहरा के नाम से जाना जाता है इस पर्व को विजयदशमी का नाम देने के पीछे भी एक बहुत बड़ी पौराणिक मान्यता है जिसके अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था।

इसलिए बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा  के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है कुछ लोग इन 9 दिनों में उपवास भी रखते है। इस 9 दिन तक चलने वाले त्यौहार को नवरात्रि भी कहा जाता है जिसमें माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है

इन दिनों में सुबह शाम माता की आरतियां होते हैं प्रसाद बांटे जाते हैं खूब ढोल-नगाड़े बजाए जाते है  और लोग प्रसन्नतापूर्वक इस त्यौहार को मनाते है चूँकि मां दुर्गा ने विजयदशमी के दिन महिषासुर का वध किया था तो बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

इसी प्रकार उत्तर भारत के लोग भी अपनी एक अलग मान्यता के अनुसार इस त्यौहार को मनाते हैं जिसमें 9 दिनों तक रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें वास्तविक लोगों द्वारा यह दर्शाया जाता है कि इस प्रकार माता सीता का अपहरण हुआ और किस प्रकार भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध किया।

चूँकि रावण के दस सिर थे इसलिए इस त्यौहार को दस दिनों तक मनाया जाता है और दसवें दिन असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाने के लिए और लोगों  को सत्य का साथ देने के लिए प्रेरित किया जाता है  जिसमें रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जलाए जाते है।

उपसंहार –

जिस से यह प्रतीत होता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो उसका अंत निश्चित है। इसलिए हमें हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए।

Essay on Dussehra in Hindi 500 words

भूमिका –

भारत एक धार्मिक परंपरा वाला देश है जहां पर हर रोज़ कोई ना कोई त्यौहार होता है लेकिन सबसे बड़े त्योहारों की बात करें तो उनमें से एक दशहरा भी है जोकि लगातार 10 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।

यह अक्टूबर और नवंबर माह के बीच में दीपावली से करीब 3 सप्ताह पहले आता है। इस दौरान खूब बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते हैं मिठाइयां बांटी जाती हैं लोग एक दूसरे से गले मिलकर त्यौहार की बधाइयां देते है।

दशहरा त्योहार के आते ही सरकार द्वारा भी इन दिनों स्कूल और सरकारी कार्यालयों की छुट्टियां कर दी जाती हैं जिससे कि सभी लोग इस त्यौहार का पूरी तरह से आनंद उठा सके।

दशहरा का महत्व –

दशहरा एक त्यौहार ही नहीं है इस दिन पूरे परिवार के लोग एक दूसरे से मिलने आते हैं जिससे इस त्यौहार का महत्व और भी बढ़ जाता है।

चूँकि भारत विभिन्न परंपरा वाला देश है इसलिए यहां पर अलग-अलग भाषाएं अलग-अलग परंपराएं हैं जिसके अनुसार इस त्यौहार का लोग अपनी परंपरा के हिसाब से आयोजन करते है। लेकिन सभी परंपराओं में इसका मूल उद्देश्य एक ही होता है।

इस त्यौहार से जन जन में यही संदेश पहुंचाया जाता है कि असत्य पर हमेशा सत्य की ही जीत होती है। बुराई का अंत निश्चित है इसलिए बुरा काम करने से बचें। दशहरा त्यौहार मनाए जाने के पीछे कई  पौराणिक कथाएं है जिनमें से एक यह कि भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण ने जब रावण की बहन सूर्पनखा का नाक काट दिया था

तब रावण ने नाराज होकर भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता का अपहरण कर लिया। भगवान श्री राम ने वानर सेना, हनुमान जी, लक्ष्मण, सुग्रीव आदि के साथ मिलकर माता सीता को छुड़ाने की योजना बनाई।

इससे पहले उन्होंने मां दुर्गा की पूजा की जिससे उन्होंने यह जान लिया था कि रावण का वध कैसे किया जाए।  रावण और भगवान श्री राम के बीच युद्ध करीब 10 दिनों तक चला और दसवें दिन विजयदशमी के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर दिया। और माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने में सफल रहे।

चूँकि रावण बहुत ही अहंकारी और अत्याचारी था इसलिए इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए दशहरा मनाया जाता है और वर्तमान में अभी यह प्रथा कायम रखने के लिए लोगों द्वारा  रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें भगवान श्री राम के वनवास जाने से लेकर रावण के वर्क तक का वर्णन किया जाता है और विजय दशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है।

भारत के कुछ राज्यों में दशहरा त्योहार को एक अलग ही पौराणिक मान्यता के अनुसार मनाया जाता है जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस में प्रतिदिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है जैसे कि काली, शैलपुत्री, ब्रह्‌मचारिणी ,कुष्मांडा आदि विभिन्न रूप धारण करती हैं और आसुरी शक्तियों का संहार करती हैं।

चूँकि  मान्यता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस से करीब 9 दिनों तक युद्ध किया था क्योंकि महिषासुर राक्षस ने पृथ्वी पर तबाही मचा दी थी इसलिए विजयदशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का त्रिशूल मारकर वध कर दिया था।  इसलिए इस दिन बुराई और असुरी ताकतों का अंत हुआ था।

निष्कर्ष –

इस त्यौहार को मनाने का प्रमुख कारण यही है कि पूरे भारत में यह संदेश पहुंचाया जा सके कि हमेशा सत्य की ही जीत होती है चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो।

Long Essay on Dussehra in Hindi

भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा भी है दशहरा त्योहार भारत में पुरातन काल से ही बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार होता है।

दशहरा त्योहार को प्रत्येक वर्ग के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। इस त्यौहार का अधिक महत्व है हिंदू धर्म और क्षत्रिय लोगों में बहुत ज्यादा होता है।

यह त्योहार हिंदी कैलेंडर के हिसाब से अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे भारत के अलग-अलग प्रांतों में कई रोचक कहानियां एवं कथाएं सुनने को मिलती है। इस त्यौहार का भारत में अधिक महत्व इसलिए है।

क्योंकि यह दीपावली की तरह ही पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ग के द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस त्यौहार का अंतिम दिन विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस दिन इतिहास में कोई ऐसी घटना घटी होगी जिसमें बहुत बड़ी विजय हासिल की गई होगी।

दशहरा त्योहार क्या है –

दशहरा त्योहार हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ एक प्रमुख त्योहार है यह अक्टूबर से नवंबर माह के बीच में और दीपावली से करीब तीन सप्ताह पहले मनाया जाता है। यह त्योहार हर्षोल्लास और विश्वास के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है

क्योंकि इस दिन जो भी कार्य किया गया है वह हमेशा सफल ही हुआ है। इस त्यौहार के माध्यम से हमें सच्चाई, आदर्श और नैतिकता की शिक्षा मिलती है। इस त्यौहार का प्रमुख उद्देश्य एक ही है कि सभी लोगों में संदेश पहुंचाया जा सके  की बुराई का अंत निश्चित होता है और हमेशा अच्छाई और सत्य की ही जीत होती है। इसलिए बड़ी धूमधाम से मनाते हैं ताकि हर वर्ग के लोगों तक इसका संदेश पहुंचाया जा सके।

दशहरा त्यौहार क्यों मनाया जाता है-

भारत जैसे विशाल जनसंख्या एवं पौराणिक मान्यताओं वाले देश में इस त्यौहार को सभी लोग अपनी-अपनी पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार मनाते है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे हिंदू धर्म के ग्रंथों में दो प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया जाता है विश्व में पहली घटना मां दुर्गा से जुड़ी हुई है और दूसरी भगवान श्री राम से आइए जानते है।

मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया –

हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार पुरातन काल में महिषासुर नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था जिसने देवलोक से लेकर पृथ्वी पर भी अपना आतंक मचा रखा था। महिषासुर राक्षस को ऐसी शक्तियां प्राप्त थी कि कोई भी देवता उसके सामने टिक नहीं पा रहा था फिर मां दुर्गा से महिषासुर  राक्षस का नाश करने की विनती की गई।

तब मां दुर्गा ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए लगभग 9 दिनों तक महिषासुर नाम  के राक्षस से युद्ध किया उसके बाद विजय दशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का अंत कर दिया  क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए इसी दिन को दशहरा त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा।

भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध किया –

जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काट रहे थे तब अहंकारी रावण ने माता सीता का छलपूर्वक अपहरण कर लिया। भगवान राम ने रावण से माता सीता को सकुशल वापस लौट आने की विनती की लेकिन रावण ने इतना अहंकार भरा हुआ था कि वह नहीं माना।

तब भगवान राम ने रावण से युद्ध करने की सोची और भाई लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान जी और वानर सेना के साथ मिलकर माता सीता को सकुशल वापस लाने की योजना बनाई। लेकिन लंका तक पहुंचने के लिए समुद्र  पार करना आवश्यकता इसलिए वानर सेना द्वारा पत्थरों का एक पुल बनाया गया जो कि रामसेतु के नाम से जाना जाता है जिस के अवशेष आज भी भारत से श्रीलंका के बीच में देखे जा सकते है।

भगवान श्री राम की लंका पहुंचने के बाद अहंकारी रावण और राम के बीच में बहुत भयंकर युद्ध हुआ जिसमें लंका  पूरी तरह तहस-नहस हो गई और विजय दशमी के दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण के अहंकार को कुचलते हुए उसका वध कर दिया।

यहां पर यह बात जानने योग्य है कि रावण  भगवान राम से बहुत ज्यादा ज्ञानी और शक्तिशाली था लेकिन फिर भी वह मारा गया।

इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर ज्ञान का अहंकार वश दुरुपयोग किया जाए तो उसका अंत निश्चित होता है। विजयदशमी के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी इसलिए दशहरा त्योहार मनाया जाता है।

दशहरा त्यौहार पर होने वाले कार्यक्रम –

दशहरा त्योहार के दिन अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिसे लोग बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाते है। इस दिन लोग खूब नाचते गाते हैं मिठाइयां बांटते हैं ढोल नगाड़े बजाते है और हर तरफ खुशियां ही खुशियां नजर आते है दशहरा त्योहार पर होने वाले प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार है –

दुर्गा पूजा –

दशहरा त्योहार को भारत के कई राज्यों में जैसे बिहार असम झारखंड पश्चिम बंगाल उड़ीसा गुजरात तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक आदि राज्यों में नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है इन 9 दिनों में श्रद्धालु उपवास रखते हैं और सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा करते है। इसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा की एक अलग रूप की पूजा की जाती है  क्योंकि मां दुर्गा के हर एक रूप का कुछ ना कुछ महत्व जरूर होता है।

गली-मोहल्लों और मंदिरों में  मां दुर्गा की विशेष मूर्तियां लगाई जाती हैं जिनमें मां दुर्गा के सभी रूप दर्शाए जाते है।

यह दृश्य बहुत ही रोचक और भक्तिमय होता है। मां दुर्गा की आरती के बाद सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद बांटा जाता है जोकि श्रद्धालुओं द्वारा मां का आशीर्वाद समझकर ग्रहण किया जाता है। विजयदशमी के दिन मां दुर्गा की मूर्तियों की झांकियां निकाली जाती हैं और उन्हें किसी तलाब या समुद्र विसर्जित किया जाता है

झांकियां –

दशहरा के इस पावन पर्व पर झांकी निकालने का विशेष आयोजन किया जाता है जिसमें की सभी स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की झांकियां निकाली जाती हैं कहीं पर मां दुर्गा की मूर्तियां लेकर नाच गानों के साथ पूरे गांव और शहर में घुमाई जाती है और अंत में मां दुर्गा की मूर्तियों को जल में विसर्जित कर दिया जाता है।

कुछ स्थानों पर रामलीला के सभी पात्रों की झांकियां निकाली जाती हैं जिनमें की खूब ढोल नगाड़े बजाए  जाते हैं और साथ ही आतिशबाजी की जाती है।

शस्त्र पूजन –

दशहरा त्योहार को लेकर क्षत्रिय धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा एक अन्य प्रथा का भी आयोजन किया जाता है जिसमें वह अपने अस्त्र – शस्त्र की पूजा करते है। चूँकि  दशहरा त्योहार वर्षा ऋतु के खत्म होने के बाद आता है इसलिए राजा महाराजा ने युद्ध करने के लिए और शिकार करने के लिए वर्षा ऋतु के बाद ही बाहर निकलते हैं इसलिए वह पहले अपने अस्त्र शस्त्र की पूजा करते है।

रामलीला मंचन –

Dussehra त्योहार राम और रावण से जुड़ा हुआ है इसलिए उत्तर भारत यह लोग इन 10 दिनों में रामलीला का मंचन करते हैं जिसमें वास्तविक व्यक्तियों द्वारा रामायण काल के सभी पात्रों के जीवन को दर्शाया जाता है।

जिसमें प्रमुख रुप से भगवान श्री राम के वनवास से लेकर रावण के वध तक का पूर्ण वर्णन किया जाता है।

रामलीला का मंचन सभी शहरों और गांवों में एक निश्चित स्थान पर किया जाता है जहां पर शाम को सभी लोग इकट्ठा होकर रामलीला का आनंद उठाते है।

रामलीला के द्वारा लोगों को बताया जाता है कि किस प्रकार भगवान श्रीराम द्वारा अहंकारी रावण का अहंकार तोड़ा गया वह साथ ही उस का वध कैसे हुआ। रामलीला के मंचन का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों में यह संदेश पहुंचाने की हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

पुतला दहन –

दशहरे के दिन जिसे लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं जिस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है जिसमें रावण के पुतले लकड़ी और कागजों से बनाए जाते हैं और उनमें पटाखे भर दिए जाते है।

आजकल तो रावण के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के बीच पुतले जलाए जाते हैं जिसमें तीर द्वारा घुटनों में आग लगाई जाती हैं फिर भी पुतले आग की चपेट में आने से धू-धू कर जलने लगते है।

इतिहास में दशहरा त्योहार का महत्व –

भारत के इतिहास में भी दशहरा त्योहार का बहुत महत्व है क्योंकि प्राचीन काल में राजा में राजा दशहरे के दिन ही युद्ध पर निकलते थे या फिर किसी शुभ कार्य को करने के लिए इसी दिन को सुनते थे क्योंकि ऐसा माना जाता है कि  इस दिन जो भी कार्य किया जाता है वह जरुर सफल होता है।

इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है जब मराठा रतन शिवाजी ने औरंगजेब से युद्ध किया था तो इसी दिन को चुना था और हिंदू धर्म की रक्षा की थी

Dussehra त्योहार खुशियों और उमंगों का त्यौहार है लेकिन इस त्यौहार की जितनी पौराणिक मान्यताएं हैं उतना ही इस त्यौहार का महत्व भी है क्योंकि इस समाज से हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।

एक त्यौहार को लेकर जितने भी मान्यताएं जुड़े हुए नहीं हैं उनके अनुसार हमेशा अच्छाई की जीत हुई है।

हमें मां दुर्गा की तरह बुराइयों का अंत करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए कभी भी बुराइयों के आगे नहीं झुकना चाहिए। और भगवान राम के जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमेशा शांत रहना चाहिए और हमेशा सत्य का मार्ग ही अपनाना चाहिए।

यह भी पढ़ें –

Raksha Bandhan Par Nibandh – रक्षाबंधन पर निबंध

मेला पर निबंध – Essay on Mela in Hindi

दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Dussehra in Hindi   आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

4 thoughts on “दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi”

Your essay is very helpful. Thanks for your essay. Thank you very much and I read in class 8th Board class.

Welcome Parmila Sharma, keep visiting our website.

Nice essay, keep it up…. And please subscribe me on YouTube my channel name is Aanya Garg….. 😊 😊 ☺️ 😚 😎 🙂 😚 😊 ☺️ 😚 😎 🙂 😚 😊 ☺️

Thank you Khushbu Garg

Leave a Comment Cancel reply

essay on dussehra in hindi 500 words

  • Essay-Nibandh

Dussehra- दशहरे पर निबंध 10 लाइन (300 से 500 Words निबंध)

Dussehra essay nibandh hindi

दशहरा जिसे विजयदशमी के नाम से जाना जाता हैं जिसके आने से पहले ही बच्चों और युवाओं में इसके प्रति उत्साह उत्पन्न हो जाता हैं और साथ ही Dussehra-दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार भी हैं इसलिए इसका ज़श्न पूरे भारत मे मनाया जाता हैं।

दशहरा न केवल एक उत्साह या त्यौहार है बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व हैं जो हमें जीवन मे बहुत सारी सीख प्रदान करता हैं दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का भी प्रतीक है इसलिए ही इसे विजयदशमी के नाम से जानना जाता हैं।

Dussehra essay nibandh hindi

हम बचपन से ही रामायण सुनते और देखते आ रहे हैं औऱ दशहरा या विजयदशमी रावण के जीवन का आख़री अध्याय हैं जिसमें बुराई, घमंड, असत्य इत्यादि का अंत हो जाता हैं जिसे हम दशहरा के रूप में मानते है।

अक़्सर हमें स्कूलों व कॉलेजों में निबंध व भाषण-कविता लिखने के लिए दिए जाते है इसलिए आज हम आपको Dussehra-दशहरा की जानकारी प्रदान करने वाले है औऱ साथ ही Dussehra-दशहरा पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे।

Dussehra- दशहरे पर 10 लाइन

1.  दशहरा हिंदू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

2.  दशहरे का पर्व सितंबर या अक्टूबर के महीने में दिवाली से 20 दिन पहले आता है।

3.  यह त्यौहार देश के हर एक शहर में, हर एक गाँवो में, हर एक कलोनी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

4.  इस त्यौहार से 9 दिन पहले देवी पूजन किया जाता है फिर दसवें दिन लोगों द्वारा रावण का पुतला जलाया जाता है इसलिए इसे दशहरा कहते हैं।

5. यह त्यौहार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष मे आता है।

6. यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

7. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।

8. संपूर्ण देश में अलग-अलग शहरों में अलग-अलग स्तर पर राम लीला का मंचन होता है।

9. दशहरे को विजयदशमी भी कहा जाता है क्योंकि विजयदशमी के दिन भगवान राम ने लंका नरेश अहंकारी रावण का वध किया था।

10.  रामलीला के साथ अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इन कार्यक्रम के साथ-साथ बच्चों के लिए झूले लगते हैं और अलग-अलग सामान की विभिन्न दुकाने आकर्षण का केंद्र बनते हैं।

दशहरे पर निबंध Dussehra Essay Hindi Word 100 –

दशहरे के त्यौहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना है यह त्यौहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है जोकि असत्य पर सत्य की विजय और प्रभु राम की वीरता का प्रतीक है। यह त्यौहार हर वर्ष इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को यह एहसास कराया जा सके कि असत्य चाहे कितना भी शक्तिशाली हो अंत में जीत सत्य की निश्चित है।

साथ ही साथ इस त्यौहार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति में वीरता की भावना जागृत करने का प्रयास किया जाता है विजयदशमी के दिन प्रभु श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। श्री राम की विजय के प्रतीक इस पर्व को विजयदशमी भी कहा जाता है क्योंकि रावण के वध से पहले 9 दिन तक श्री राम ने युद्ध के दौरान मां दुर्गा की पूजा की तथा दसवें दिन रावण का वध किया इसलिए इस त्यौहार को विजयदशमी कहते हैं।

दशहरे पर निबंध Dussehra Essay Hindi Word 300

दशहरा हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है यह संपूर्ण भारत वासियों द्वारा हर वर्ष बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को आता है या यह भी कह सकते हैं कि यह पर्व दीपावली से 20 दिन पहले मनाया जाता है।

Dussehra-दशहरा अंग्रेजी माह के अनुसार हर वर्ष सितंबर या अक्टूबर माह में मनाया जाता है यह एक धार्मिक उत्सव है जिसको मनाने के लिए आजकल तो बच्चे भी बहुत उत्साहित रहते हैं यह पर्व हमें बहुत सी शिक्षाएं देता है।

क्यों मनाते हैं दशहरा:-

हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार कहा जाता है कि श्री राम के भाई लक्ष्मण एवं श्री राम द्वारा हुई सूर्पनखा की बेजती का बदला लेने के लिए रावण ने श्री राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था।

क्योंकि सूर्पनखा रावण की बहन थी। राम से स्वयं की पत्नी को बचाने के लिए रावण के साथ युद्ध किया। इस युद्ध का अंत यह हुआ कि रावण की मृत्यु हुई और दुराचार औऱ अहंकार पर सत्य की जीत उस दिन से ही यह दशहरा नाम का उत्सव मनाया जाने लगा।

दशहरे का पर्व कैसे मनाते हैं:-

दशहरे का पर्व संपूर्ण देश में मनाया जाता है जैसे भारत में अलग-अलग जातियों के लोग रहते हैं वैसे ही सब अपने-अपने अनुसार इस त्योहार को मनाते हैं औऱ दशहरे से पहले 9 दिनों तक रामलीला की जाती है जिसमें अलग-अलग लोगों द्वारा अलग-अलग किरदार निभाए जाते हैं।

रामलीला देखने के लिए लोगों का उत्साह चरम सीमा से पार दिखता है कई बार तो इन कलाकारों द्वारा किए जा रहे मंचन को देखकर लोगों की आंखें तक नम हो जाती हैं। अंत में दसवें दिन रावण का पुतला बनाकर उसको जलाया जाता है जिससे लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जीत की भावना, मन में नहीं चाह आदि भावनाएं उत्पन्न होती हैं।

इस पर्व से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें स्वयं के अंदर की बुराइयों को खत्म करके इस दिन से एक नए, सच्चे और अच्छे जीवन की शुरुआत करनी चाहिए। दशहरा जीत का जश्न मनाने के रूप में मनाया जाता है मान्यता है कि इस दिन अगर कोई नया कार्य शुरू किया जाए तो उसमें सफलता निश्चित है।

दशहरे पर निबंध Dussehra Essay Hindi Word 500

Dussehra-दशहरा हिंदुओं द्वारा दिवाली से पहले मनाया जाने वाला त्यौहार है भारत मे बहुत से त्यौहार मनायें जाते है जिसमें से बहुत से त्यौहार यह सीख देते हैं कि अच्छाई और सत्य की जीत निश्चित होती है चाहे बुराई और असत्य कितने भी पैर पसार ले परंतु अंत में जलकर राख ही हो होता है यह सीख देने वाले त्योहारों में से दशहरा एक प्रमुख त्योहार है।

हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरा यानी विजयदशमी संपूर्ण भारत में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवे दिन यानी दशमी को मनाया जाता है और अंग्रेजी माह को देखें तो यह त्योहार सितंबर या अक्टूबर में आता है।

दशहरे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण परंतु अनसुने से तथ्य:-

1. Dussehra-दशहरा ना सिर्फ भारत में अपितु विदेशों में भी मनाया जाता है जिसका एक बहुत बड़ा उदाहरण मलेशिया है मलेशिया में तो दशहरे के दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है और मलेशिया के साथ-साथ यह पर्व बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।

2. कहा जाता है कि राजा महाराजा भी इस पर्व को बहुत उत्साह से मनाते थे। 17 वी शताब्दी में मैसूर के राजा बहुत उत्साह और ख़ुसी से यह त्यौहार संपूर्ण प्रजा के साथ मनाते थे।

3. कुछ पुराणो की मानें तो बताया गया है कि अगर भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध न किया होता तो आज इस संसार में सूर्य का कोई अस्तित्व नहीं होता क्योंकि सूर्य हमेशा के लिए अस्त् हो चुका होता।

4. Dussehra-दशहरा रावण नामक अहंकारी राक्षस राजा के वध के फलस्वरूप ही नहीं अपितु महिषासुर राक्षस के वध होने के बाद की खुशी के रूप में भी मनाते हैं।

5. दशहरा श्रीराम द्वारा रावण का वध अर्थात् अच्छाई की जीत की खुशी में मनाते हैं इस जीत का श्रेय मा दुर्गा को भी जाता है क्योंकि दुर्गा मां द्वारा बताए गए रहस्य के आधार पर ही प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया था।

यह त्यौहार मनाने की प्रथा:-

दशहरे के पर्व का संबंध शक्ति की विजय से है पुराणों की माने तो इस दिन दो राक्षसों का वध हुआ था। एक रावण नामक राक्षस, जिसका वध प्रभु श्री राम ने किया था तथा दूसरा महिषासुर नामक राक्षस जिसका वध दुर्गा मां ने किया था। दुर्गा माँ द्वारा महिषासुर के वध किए जाने की खुशी के जश्न को लोग उत्सव कहते हैं जिसका नाम दुर्गा पूजा दिया गया है।

जब संपूर्ण देश में 10 दिन तक दशहरे का उत्सव चलता है तो इसी बीच बंगाली समुदाय द्वारा 10 दिनों तक दुर्गा पूजा की जाती है। दुर्गा मां की मूर्ति स्थापित की जाती है और दसवें दिन उनको विसर्जित किया जाता है।

यह त्यौहार विजय, विश्वास ,एकता, दृढ़ संकल्प आदि अच्छाई का प्रतीक है इस त्यौहार को मनाने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी में इन सब भावनाओं को जागृत करना है तथा एक सांस्कृतिक समाज की नींव रखी जा सके इसका प्रयास करना है जो आज के समय से विलुप्त होती नजर आ रही है।

आज हमारे समाज में वह सब बुराइयां अपनी जगह बनाती जा रही है जो रावण के अंदर थी जैसे- असत्य ,अनैतिक, कटुता आदि अतः दशहरा हमें हर वर्ष यह सिखाता है कि उस युग में तो एक रावण था जिसका वध प्रभु श्री राम ने कर दिया परंतु आज के युग में यह सारी बुराइयां लगभग हर एक व्यक्ति के अंदर कहीं ना कहीं रावण को उत्पन्न कर रही है।

इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए हमें इन सब अवगुणों को अपने अंदर से खत्म करके समाज में रावण का नाश करें क्योंकि तब तो उस रावण का चेहरा एक था बस सिर 10 थे परंतु आज के मनुष्य में तो ना जाने कितने चेहरे छिपे हैं।

    उस युग में ,श्री राम ने आकर पार लगाया था। उस युग में ,श्री राम ने आकर पार लगाया था। यह तो है कलयुग ,यहां पर कौन पार लगाएगा। यह तो है कलयुग ,यहां पर कौन पार लगाएगा। आज नहीं तू सुधरा तो। आज नहीं तू सुधरा तो। कल वहां क्या मुंह दिखाएगा। कल वहां क्या मुंह दिखाएगा।

रामायण अर्थात श्री राम की जीवन गाथा। इस जीवन गाथा से जितना सीखो उतना कम है। श्रीराम से हमें सीखना चाहिए कि साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लेने के बाद भी अगर अच्छे आदर्शों का पालन करें तो महापुरुष भी बन सकते हैं।

रामायण में श्री राम के पद चिन्हों पर चलने वाले उनके छोटे भाई लक्ष्मण का चरित्र भी बहुत सी सीख देता है की कैसे उन्होंने अपने बड़े भाई पर अपना जीवन न्योछावर किया। आज के युग में ऐसा भाई मिलना असंभव सी बात है। दशहरे के पर्व से भी यह सीखने को मिलता है कि अहंकार के सूर्य को 1 दिन हमेशा के लिए अस्त होना होता है और न्याय और धर्म की सुंदर किरणें नई सूर्य के साथ चारों ओर रोशनी करती है।

दशहरे पर निबंध Dussehra Essay Hindi Word 700

Dussehra-दशहरा क्या है:-.

Dussehra-दशहरा का त्यौहार को विजयदशमी भी कहा जाता है यह हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला धार्मिक पर्व है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाते हैं क्योंकि उस दिन अहंकार के प्रतिक महाविद्वान रावण का वध किया था।

रावण के वध के बाद से हर वर्ष इस दिन विजयदशमी नाम का पर्व मनाने की प्रथा प्रारंभ हुई। विजयदशमी शब्द दो शब्दों से मिलकर बन है विजय और दशमी। विजय यानी जीत और दशमी यानी हिंदू महीने का दसवां दिन।

Dussehra-दशहरा क्यों मनाते हैं:-

यह कहानी है प्रभु श्री राम की है जो अयोध्या के राजकुमार थे ऐसा राजकुमार जो अपने माता-पिता की आज्ञा मानने को ही अपना जीवन समझते थे औऱ माता-पिता की आज्ञा का पालन करने हेतु श्री राम अपने भाई और अपनी पत्नी सीता के साथ वन में चौदह वर्ष के वनवास के लिए चले गए थे।

उस वनवास काल में ही लंकापति नरेश रावण नामक राक्षस राजा ने सीता का हरण करा था अतः उस राक्षस से माता सीता को मुक्त करवाने के लिए श्री राम ने रावण के साथ युद्ध किया औऱ युद्ध में जीत प्राप्त करने के लिए श्रीराम ने 9 दिन तक दुर्गा मां की पूजा की तथा दसवें दिन श्रीराम द्वारा रावण का वध हुआ इस प्रकार बुराई और घमंड की भावना का अंत हुआ और अच्छाई और सत्य की विजय हुई।

विजयदशमी की तैयारियां:-

1. विजयदशमी (दशहरा) के त्यौहार की तैयारी इस पर्व से 10-15 दिन पहले ही शुरू हो जाती है।

2. एक तरह से देखा जाए तो यह त्यौहार 10 दिन तक मनाया जाता है क्योंकि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को तो रावण का दहन होता है परंतु रावण दहन से पूर्व देश के कोने-कोने में रामलीला का आयोजन किया जाता है।

3. दशहरे वाले दिन रामलीला में श्री राम और रावण का युद्ध दर्शाया जाता है तथा अंत में रावण के पुतले को जलाकर यह पर्व मनाने की परंपरा पूरी की जाती है।

4. रामायण पर आधारित इस धार्मिक कथा मंचन को करने के लिए लोगों के अंदर बहुत उत्साह देखा जाता है।

5. रामलीला हमें श्रीराम के आदर्शों पर चलने का ज्ञान देती है।

6. रावण का पुतला जलना इस बात का प्रतीक है कि बुराई, असत्य आदि कितनी भी हावी हो जाए अच्छाई और सत्य पर परंतु ये बुराइयां एक दिन जलकर राख हो ही जाती है।

दशहरा धार्मिक भावना के साथ साथ मनोरंजन का भी स्त्रोत है:-

Dussehra-दशहरा धार्मिक भावना को तो बढ़ावा देता ही है उसके साथ-साथ दशहरे के पर्व पर लोगों को मनोरंजन का भी एक अच्छा स्तोत्र मिलता है इस त्यौहार को मनाने के लिए जिस रामलीला का आयोजन किया जाता है उस रामलीला के साथ मेला भी लगता है।

इस मेले में बड़े और बच्चों के मनोरंजन के लिए खाने-पीने की दुकाने, झूले, विभिन्न प्रकार के सामान की दुकानें, बच्चों के लिए खिलौनों की दुकाने आदि लगते हैं जो परिवार को एक साथ समय बिताने का भी अवसर देते हैं।

अतः यह पर्व जीवन में अच्छे आचरण को अपनाने और एक सच्चा इंसान बनने की प्रेरणा देता है श्रीराम ने जीवन में इतनी कठिनाइयां आने के बाद भी उन्होंने अपने आदर्शों को कभी नहीं छोड़ा और सही राह पर चलकर हर युद्ध में जीत हासिल की हमें भी ऐसे ही बनने का प्रयास करना चाहिए।

यह त्यौहार हमें यह संदेश देता है कि समाज में फैले विभिन्न रावण को खत्म करने से पहले हमें जरूरत है अपने अंदर के रावण को खत्म करने की क्योंकि अगर हर व्यक्ति अपने अंदर के रावण को स्वयं पहचान कर खत्म करने का प्रयास करेगा तो इस संसार से स्वयं ही बुराई, असत्य, अनैतिक, लूटपाट आदि गलत भावनाओं का अंत हो जाएगा। ” रहेगा तो बस सुंदर देश”।

   आओ मिलकर आज से, यह प्रतिज्ञा ले उठा। करेंगे हर बुराई को खत्म, तो होगा एक नया सवेरा। श्रीराम के आदर्शों को जीवन में अपनाएंगे। रावण की बुराइयों को खुद के अंदर से हटाएंगे।

दशहरे का त्यौहार प्रभु श्री राम की जीवन कथा से कुछ सीखने की प्रेरणा देता है श्रीराम का व्यक्तित्व ऐसा था कि उनके गुणों की गिनती करना असंभव है जिसमें से एक गुण था उनका आज्ञाकारी होना। श्रीराम अपने माता-पिता के आदर्श पुत्र थे जिन्होंने अपने माता-पिता के आदेशों का पालन करना ही अपना जीवन समझा।

माता पिता के साथ-साथ वे अपने गुरुओं के भी आज्ञाकारी शिष्य थे उनके गुरुओं ने जिस-जिस राह पर जब-जब चलने को कहा उन्होंने बिना कोई प्रश्न किए उस उस राह पर पग रखें जब पिताजी का वचन पूर्ण करने के लिए उनको वनवास जाने को कहा गया तो संपूर्ण राज महल में प्रश्नों की वर्षा हुई।

परंतु श्रीराम के मुख से ना तो ना निकली और ना ही कोई प्रश्न क्योंकि उनका तो चरित्र ही था आज्ञाकारी और आदर्शवादी तो प्रत्येक व्यक्ति को उनके इस चरित्र से यह दोनों गुणों को लेकर एक अच्छी संतान बनने का प्रयास करना चाहिए।

दशहरे पर निबंध Dussehra Essay Hindi Word 1000

प्रस्तावना:-

Dussehra-दशहरा हर साल हिंदुओं द्वारा पूरे देश में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है इस दिन लंकापति रावण का प्रभु श्री राम के द्वारा वध किया गया था जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक कहा जाता है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार है। दशहरे के त्यौहार को विजयदशमी भी कहा जाता है यह भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से सबसे महत्वपूर्ण व प्रमुख त्यौहार है।

दशहरे का त्यौहार कब और कितने दिन मनाया जाता है:-

Dussehra-दशहरा का त्यौहार हिंदू माह के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है एवं अंग्रेजी माह के अनुसार यह त्यौहार सितंबर या अक्टूबर माह में मनाया जाता है। दशहरा 10 दिन और 9 रात तक चलने वाला हिंदू त्यौहार है यह त्यौहार राम द्वारा रावण के मारे जाने के बाद जीत का स्मरण कराने का दिन कहा जाता है औऱ यह त्यौहार दीपावली से 20 दिन पूर्व मनाया जाता है।

      अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में दशमी को मनाओ। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक वीरता से दिखाओ।

रामलीला के आयोजन की उत्सुकता:-

Dussehra-दशहरा का त्यौहार संपूर्ण भारत में बहुत उत्सुकता से मनाया जाता है। दशहरा मनाने से ज्यादा उत्सुकता लोगों में रामलीला का आयोजन करने की होती है रामलीला का आयोजन एक ही शहर में कई जगह पर किया जाता है जिसमें नाटक के द्वारा कथा मंचन करके संपूर्ण रामायण को लोगों तक पहुंचाया जाता है।

हर वर्ष रामलीला करने वाले कलाकार और अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं। बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी इसमें भाग लेना बहुत भाता है तथा बच्चे इस रामलीला को देखने में भी बहुत रूचि लेते हैं जो हमारे समाज के लिए बहुत अच्छा है।

कई बार तो कलाकारों का प्रदर्शन दिल को इतना छू जाता है कि देखने वाले की आंखें कब नम हो जाती हैं उसे पता भी नहीं चलता। ना बस रामलीला, बल्कि इस रामलीला के साथ लगने वाले झूले, छोटी-छोटी, अलग-अलग सामानों की दुकानें अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

Dussehra-दशहरा के पर्व से जुड़ी मान्यता:-

कहा जाता है कि रावण नाम का एक राजा हुआ करता था जो श्रीलंका नामक देश में राज्य करता था। रावण को 10 सिर वाला दानव राक्षस राजा भी कहा जाता था वह बहुत घमंडी था औऱ घमंडी होने के साथ-साथ वह बहुत ज्ञानी भी था।

जब श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी वनवास गए तो सूर्पनखा जो रावण की बहन थी उसका श्री राम और लक्ष्मण के साथ कुछ मतभेद हो गया और क्रोध में आकर लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काटी दी।

इसी बात का बदला लेने के लिए रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया तब माता सीता को उस दानव से सुरक्षित वापस लाने के लिए राम जी को रावण के साथ युद्ध करना पड़ा उस युद्ध में भगवान राम ने रावण का वध किया तभी से उस दिन को दशहरे के उत्सव के रूप में मनाने लगे इस दिन मानो जैसे संपूर्ण भारत जगमगा उठता है।

दशहरे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-

1. श्री राम ने रावण के 10 सिर यानी बुराइयों को खत्म किया था जो बुराइयां आज भी प्रत्येक व्यक्ति में कहीं ना कहीं पनप रही हैं जैसे- पाप ,क्रोध, मोह ,लोभ, घमंड ,स्वार्थ, जलन, अहंकार , अमानवता और अन्याय।

2. Dussehra-दशहरा नामक पर्व मनाने का महत्व ना सिर्फ प्रभु श्रीराम से जुड़ा है अपितु यह पर्व दुर्गा मां से भी जुड़ा है। युद्ध में रावण नामक दानव को हराने के लिए श्री राम ने दुर्गा मां की पूजा की थी और दुर्गा माँ ने खुश होकर श्री राम को रावण को मारने का आशीर्वाद दिया था।

3. ग्रंथों की माने तो महिषासुर नामक एक असुर हुआ करता था जो बहुत अत्याचारी था उस असुर का विनाश करने के फलस्वरुप ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने मां दुर्गा का निर्माण किया फिर महिषासुर और मां दुर्गा के बीच 10 दिनों तक युद्ध चला और अंत में दसवें दिन महिषासुर का नाश हो गया यह दसवां दिन दशहरे का था।

दशहरे का महत्व:-

Dussehra-दशहरा सामान्य रूप से एक जीत का जश्न मनाने का रूप है यह जीत है, अधर्म पर धर्म की, बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की, असत्य पर सत्य की। जश्न चाहे अलग-अलग रूपों में हो परंतु इसका मकसद मनुष्य के अंदर बुराइयों का नाश करना है।

इस त्यौहार की खुशी मनाने की मान्यता सबकी अलग-अलग है किसान नई फसल घर आने का जश्न मनाते हैं, हथियारों और औजारों की पूजा होती है क्योंकि हथियार युद्ध में विजय दिलाते हैं यह जश्न हर युद्ध में मिलने वाली विजय का भी होता है।

इस त्यौहार के माध्यम से लोगों के अंदर भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने की भावना को जागृत करने को भी बढ़ावा मिलता है लोग इस दिन आपस में मिलते हैं जिसे भाईचारे की भावना का विकास होता है।

कलयुग में Dussehra-दशहरा:-

जैसे-जैसे इंसान आधुनिक रूप से तरक्की करता जा रहा है वैसे-वैसे कलयुग का इंसान सांस्कृतिक रूप से नीचे गिरता जा रहा है। कलयुग के मानुष में बुराईयाँ जन्म लेती जा रही है जैसे- लूटपाट, सामाजिक शोषण, महिलाओं के साथ गलत व्यवहार, असत्य की भावना, बच्चों को गलत संस्कार ,आदि।

यह बुराइयां इंसान के अंदर की इंसानियत खत्म करती जा रहे हैं तथा विजयदशमी का त्यौहार हमें हर वर्ष इन बुराइयों को कम करने या खत्म करने की याद दिलाता है। बस थोड़ी कोशिश करने की आवश्यकता है जिसे कलयुग के इंसान में से यह बुराइयां खत्म की जा सकती हैं।

हिंदू समाज की मान्यता अनुसार दशहरे के पर्व का दिन अत्यंत शुभ होता है दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत एवं असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाता है इस दिन कारीगर (मजदूर)अपने काम में प्रयोग किए जाने वाले यंत्रों की पूजा अर्चना करते हैं और कोई भी मीठा प्रसाद स्वरूप बांटते हैं।

Dussehra-दशहरा के दिन हमें अपने अंदर पल रही बुराइयों का अंत करके एक अच्छे सच्चे जीवन यापन की शुरुआत करनी चाहिए क्योंकि इस दिन श्री राम ने रावण नामक राक्षस राजा का वध किया था जिसके अंदर बुराइयां भरी हुई थी जो एक अच्छे इंसान को बुरा इंसान बनने की ओर अग्रसर करती हैं।

Dussehra-दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश देता है यह पर्व हमें हर वर्ष याद दिलाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की राह पर चलना चाहिए क्योंकि जब- जब किसी ने अधर्म की राह पर चलने की कोशिश की है उसका नाश अवश्य हुआ है जैसे श्री राम द्वारा रावण का नाश औऱ मा दुर्गा द्वारा महिषासुर का नाश आदि।

Dussehra-दशहरा का त्यौहार हमें यह सीख देता है कि जीत हमेशा सच, साहस, अच्छाई, वीरता जैसे भावों की ही होती है झूठ, बुराई, डर चाहे जितनी भी हावी हो परन्तु हर युग में इनका अंत होता है जैसे इतना शक्तिशाली, प्रतिभाशाली होते हुए भी रावण का नाश हो गया क्योंकि उसकी रहा गलत थी।

            झूठ, बुराई ,असत्य को छोड़कर। सच ,अच्छाई ,सत्य की राह अपनाओ। अपने अंदर पनप रहे रावण का आज अंत करो। दशहरे का पर्व है, श्रीराम के आदर्शों को दिल में बसाओ।

तो दोस्तों हमने आपको Dussehra-दशहरा के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया Dussehra-दशहरा पर निबंध काफी पसंद आए होंगे तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल है तो हमे कमेंट करें

हर जानकारी अपनी भाषा हिंदी में सरल शब्दों में प्राप्त करने के हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे जहाँ आपको सही बात पूरी जानकारी के साथ प्रदान की जाती है हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए  यहाँ क्लिक करें

RELATED ARTICLES MORE FROM AUTHOR

Essay: करवा चौथ पर निबंध, essay: धनतेरस पर निबंध, 10 line diwali- दीवाली पर निबंध, यह भी पढ़ें, kal ka choghadiya- आज का चौघड़िया और कल का चौघड़िया जानिए दिन-रात का चौघड़िया, aaj ki dream11 team- dream11 आज की टीम कैसे बनायें जानिए कौन कौन से..., 12 april 2024 panchang- आज और कल का पंचांग जानिए शुभ मुहूर्त क्या है, rr vs gt dream11 prediction: 24वें मैच में पिच रिपोर्ट, प्लेइंग11, कौन जीतेगा, कप्तान..., free fire redeem code- आज का फ्री फायर रिडीम कोड देखें, kal ka rahu kal- आज और कल का राहु काल कितने बजे देखें, kal ka shubh muhurat- आज और कल का शुभ मुहूर्त कितने बजे देखें, amazon पर आज का ऑफर क्या है देखें और खरीदें.

  • Privacy Policy

Dussehra Essay in Hindi

Dussehra Essay in Hindi: दशहरा पर निबंध

क्या आप भी “Essay on Dussehra in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Dussehra Par Nibandh यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Dussehra Essay in Hindi

यहां हम आपको “ Essay on Dussehra in Hindi ” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Dashara Puja Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Essay On Dussehra Hindi 100 Words

हिंदू धर्म के लोगों द्वारा साल में कई सारे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में रक्षाबंधन, नवरात्रि, दीपावली, होली इत्यादि शामिल है। इनके अलावा दशहरा भी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग काफी धूमधाम के साथ मनाते हैं। दशहरे के इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। यह त्योहार भारत के हर राज्य में अलग-अलग रस्मों-रिवाजों के साथ बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

दशहरा मुख्य रूप से नवरात्रि के नौ दिनों के पश्चात अगले दिन दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इसके उपलक्ष्य में दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरे के दिन सभी लोग रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते हैं ,कहीं-कहीं तो यह पुतला कई फीट ऊंचा भी बनाया जाता है ,जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी को मनाने के लिए मनाया जाता है।

विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
इंटरनेट पर निबंध
प्रदूषण पर निबंध स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध समाचार पत्र पर निबंध सड़क सुरक्षा पर निबंध

Dussehra Par Nibandh 200 Words

दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे भारत के हर राज्य में बड़ी धूमधाम और हर्षोउल्लास  के साथ मनाया जाता है। दशहरा यूं तो सभी जगह पर एक ही प्रकार से मनाया जाता है, जिसमें रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है। लेकिन इसे मनाने के कई सारे अन्य कारण माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था एवं देवी दुर्गा ने नौ दिनों के भीषण युद्ध के बाद दशमी के दिन राक्षसों का संहार किया था। दशहरा इन दोनों पुरानी कथाओं के कारण मनाया जाता है, लेकिन इसे मनाने का उद्देश्य केवल बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी को मनाना होता है। दशहरा का त्योहार भारत में हर साल नवरात्रि के बाद मनाया जाता है।

भारत में प्रतिवर्ष सितंबर, अक्टूबर के माह में नवरात्रि का जश्न मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दसवे दिन रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले सभी लोग इस त्यौहार को काफी महत्व देते हैं, वे इस त्यौहार को मनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं। जिसमें लाखों लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत देखने के लिए बुलाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम ने और माता दुर्गा ने अधर्म पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। दशहरा का त्यौहार मनाने से पहले 9 दिनों तक विधि-विधान के साथ माता की पूजा की जाती है। 9 दिनों की पूजा के बाद दसवें दिन सभी लोग एकत्रित होकर रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते हैं। रावण का जलता हुआ यह पुतला सभी को प्रेरणा देता है, कि इंसान कितना ही विद्वान और ज्ञानी क्यों ना हो लेकिन अधर्म की राह पर चलने से हमेशा उसकी दुर्दशा ही होती है।

Dashara Puja Par Nibandh 300 Words 

भारत देश में हर साल दशहरा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।  हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, देवी देवताओं द्वारा समय-समय पर बढ़ते हुए अधर्म को खत्म करने के लिए राक्षसों के साथ कई भीषण युद्ध किए गए हैं। दशहरा अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाए जाने वाला त्यौहार। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान रावण से कई दिनों तक भीषण युद्ध किया और दशहरे के दिन ही उन्होंने महाबली रावण का वध किया था और उसे उसके बुरे कर्मों की सजा दी थी। इसके अलावा माता दुर्गा ने भी महिषासुर के साथ कई दिनों तक भीषण युद्ध किया था और दशहरे के दिन ही उन्होंने महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त की थी।

इसलिए इस त्यौहार को विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है। दशहरे से ठीक 9 दिन पहले नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। नवरात्रि में माता जी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और दसवें दिन बड़ी धूमधाम के साथ सभी लोग दशहरा मनाते हैं। दशहरे के दिन देश के बड़े-बड़े शहरों में दशहरा मैदान पर रावण के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाए जाते हैं। इन्हें बनाने के लिए लकड़ी, घास फूस से तथा पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है। दशहरे के दिन सभी जगह पर रामलीला का भी आयोजन किया जाता है। सभी लोग मिलकर रामलीला का आनंद उठाते हैं और बाद में एकत्रित होकर रावण का दहन करते हैं।

नवरात्रि के दौरान कई जगहों पर गरबे का आयोजन किया जाता है, इसलिए दशहरे के अगले दिन हवन के साथ-साथ कन्या भोज भी कराया जाता है। दशहरे के अगले दिन बहुत सारी कन्याओं को पुरस्कार भी दिया जाता है, जिन्होंने रामलीला एवं गरबे में भाग लिया हो। दशहरे के बाद ही हिंदुओं के प्रमुख त्योहार प्रारंभ होते हैं। दशहरे के ठीक 10 से 15 दिनों के बाद दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। दिवाली के दिन भगवान राम रावण का वध कर अपने राज्य अयोध्या वापस आए थे। इसी खुशी में सभी अयोध्यावासियों द्वारा उनका दीप जलाकर स्वागत किया गया था, तभी से दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। दशहरा का त्यौहार हमें हमेशा अच्छाई की राह पर चलने की सीख देता है।

Dussehra Essay in Hindi 500 Words

दशहरा का त्योहार सभी हिंदुओं के लिए काफी महत्व रखता है। यह त्यौहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष को पढ़ने वाली दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। आश्विन मास की शुक्ल पक्ष को पढ़ने वाली दशमी से पहले नौ दिनों तक बड़े धूमधाम से माता पार्वती के नौ रूपों की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। उसके अगले दिन बड़े उल्लास के साथ दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा। दशहरे का दिन काफी शुभ माना जाता है। इस दिन सभी लोग अपने-अपने कार्य स्थल की पूजा करते हैं, एवं नए-नए शुभ कार्यों का शुभारंभ करते हैं। सभी व्यापारियों द्वारा इस दिन विधि विधान के साथ सभी उपकरणों की पूजा की जाती है।

दशहरा क्यों मनाया जाता है?

दशहरे का त्यौहार मनाने की पीछे दो पुरानी कथाएं प्रचलित है, जिसमें सबसे ज्यादा विख्यात कथा भगवान श्री राम की है। पुरानी कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम ने कई दिनों के युद्ध के पश्चात दशहरे के दिन महाबली राक्षस रावण का वध किया था। रावण का वध करने के बाद उन्होंने रावण को वचन दिया था कि जब-जब बुराई अपनी चरम सीमा पर होगी लोग तुम्हारा पुतला जलाकर अच्छाई की ताकत से परिचित हो सकेंगे। इसके बाद से रावण का पुतला दहन की पारंपरिक रस्म में प्रारंभ हुई। पुरानी कथाओं के अनुसार इसी दिन माता दुर्गा ने शुंभ निशुंभ नामक राक्षसों का वध किया था, इसलिए भी बुराई पर अच्छाई की प्रतीक के रूप में दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है।

दशहरा कैसे मनाया जाता है?

दशहरे का त्यौहार नवरात्रि के नौ दिनों के बाद मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में पूरे विधि विधान के साथ माता पार्वती के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि समाप्त होने के पश्चात दसवें दिन यानी की दशमी के दिन सभी लोग एकत्रित होकर यज्ञ हवन करते हैं एवं संध्या के समय रावण का पुतला जलते हैं। रावण का पुतला बनाने के लिए लकड़ी घास-फूस और पटाखों इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है।

भारत के कई बड़े-बड़े शहरों में दशहरा मैदान पर बड़े-बड़े कारीगरों को बुलाकर विशेष रूप से रावण के पुतले के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले का निर्माण किया जाता है। रावण दहन करने से पहले सभी लोग एक साथ एकत्रित होकर रामलीला का आनंद उठाते हैं, एवं भगवान राम के स्वरूप द्वारा रावण का वध किया जाता है। दशहरे के अगले दिन सभी लोग अपने प्रिय जनों को मिलकर उन्हें सोनापत्ती भेंट करते हैं, एवं उनका आशीर्वाद लेते हैं।

दशहरे का त्यौहार हमें कई सारी अच्छी सीख देता है। यह हमें विशेष रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख देता है। दशहरे का त्यौहार हमें यह सीख देता है ,कि सभी इंसानों को अपने बल और विद्या का उपयोग सही स्थान पर करना चाहिए। यदि रावण और महिषासुर जैसे राक्षसों ने अपने ज्ञान और बल का उपयोग सही जगह किया होता तो आज लोगों द्वारा उनके पुतले का दहन ना किया जाता। रावण और महिषासुर जैसे बलवान राक्षसों के बुरे कर्मों के कारण ही भगवान श्री राम और माता दुर्गा ने उनका वध किया। जब-जब किसी व्यक्ति द्वारा बुराई का रास्ता चुना जाता एवं बुराई की राह पर चलकर अधर्म किया जाता है, तो उस व्यक्ति का विनाश निश्चित होता है। बुराई कितनी ही मजबूत या बड़ी हो आखिर में जीत सच्चाई की ही होती है।

Dussehra Essay in Hindi 1000 Words

दशहरा भारत में रहने वाले हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव है। दशहरे कहां यह त्यौहार हिंदू धर्म के सभी लोगों द्वारा पूरे उत्साह विश्वास प्यार और सम्मान के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों के लिए दशहरे का त्योहार काफी अच्छा होता है। इस त्यौहार के दौरान लंबी छुट्टियां रहती हैं जिस कारण सभी लोग बड़ी खुशी के साथ इस त्यौहार को मनाना पसंद करते हैं।

दशहरा का त्योहार वैसे तो नवरात्रि के बाद आता है लेकिन इसकी तैयारी नवरात्रि के साथ ही हो जाती है। सभी लोग रावण दहन के लिए काफी उत्सुक नजर आते हैं। लोगों द्वारा दशहरे से पहले अपने घरों के साथ सजावट की जाती है एवं नवरात्रि के नौ दिनों में नौ देवियों की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। दशहरे के दिन सभी लोग अपने घरों पर एवं अपने कार्य स्थल पर विशेष पूजा करते हैं।

दशहरा से जुड़ी रीती रिवाज और परंपरा

भारत देश दुनियां का एकमात्र देश है, जो अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा सारे त्यौहार बड़ी खुशी और जोश के साथ बनाए जाते हैं। दशहरे का पर्व हिंदुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए भारत की सरकार द्वारा भी दशहरे के उत्सव पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की जाती है। दशहरे का अर्थ है, बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के राजा राम की जीत।

इस पर्व को मुख्य रूप से दशहरा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान राम ने 10 कर वाले राक्षस रावण का वध किया था और 9 दिनों के लंबे युद्ध के बाद दसवें दिन माता दुर्गा ने भी राक्षसों का वध किया था इसीलिए इसे दशहरा कहा जाता है। दशहरे का त्योहार पूरी रीती -रिवाज के साथ मनाया जाता है इस दिन सभी लोग अपने घरों पर विशेष यज्ञ एवं कन्या भोज का आयोजन करते हैं। इस दिन सभी व्यापारियों द्वारा अपने-अपने उपकरणों की पूजा की जाती है। साल भर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे इसलिए घरों की साफ-सफाई कर देवी-देवताओं की अच्छी तरह से पूजा की जाती है। संध्या के समय सभी लोग दशहरा मैदान पर एकत्रित होकर पहले राम लीला का आनंद उठाते हैं, उसके बाद अंत में रावण का पुतला दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी मनाते हैं।

दशहरा का महत्व

दशहरा पर्व का हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है। इस दिन सभी लोगों को अपने अंदर पल रही बुराई को खत्म कर जीवन की नई शुरुआत करना चाहिए। जिन लोगों का मन बुराई से खराब हो चुका है, उन लोगों को बुराई की भावना खत्म कर अच्छाई की भावना को अपने भीतर जागृत करना चाहिए। सभी लोगों को इस त्योहार से यह सीख अवश्य लेना चाहिए की बुराई कितनी ही बड़ी और ताकतवर क्यों ना हो, लेकिन अच्छाई के आगे उसे झुकना ही पड़ता है।

दशहरे का त्यौहार अपने साथ कई सारी खुशियों को लेकर आता है। इस त्यौहार को सभी लोगों द्वारा जश्न की तरह मनाया जाता है। इस जश्न को मनाने के लिए सबकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं, किसानों के लिए फसल घर आने का जश्न, बच्चों के लिए राम द्वारा रावण के वध का जश्न, बड़ों के लिए बुराई पर अच्छाई का जश्न, व्यापारियों के लिए नए उद्योग शुरू करने का जश्न इत्यादि। दशहरे के दिन को काफी शुभ और पवित्र माना जाता है, इस दिन सभी लोग अपने-अपने प्रिय जनों को सोनापत्ती देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

विजयादशमी से जुड़ी कथाएं: दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और माता दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस पर इसीलिए इस त्यौहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। विजयदशमी से जुड़ी कई सारी पुरानी कथाएं हैं जिनमें से कुछ विशेष कथाएं इस प्रकार हैं।

  • भगवान राम का रावण पर विजय वैसे तो दशहरा मनाने के कई सारे कारण है, लेकिन दशहरा मुख्य रूप से भगवान राम द्वारा रावण के वध किए जाने पर मनाया जाता है। कई दिनों तक चल भीषण युद्ध के बाद भगवान राम ने दसवें दिन 10 सिर वाले राक्षस रावण का वध किया था, तभी से रावण दहन की प्रथा चली आ रही है। रावण का वध करने के पश्चात भगवान राम ने उसे वचन दिया था, कि जब-जब कलयुग में पाप अपने चरम सीमा पर होगा तब तक लोग तुम्हारा दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएंगे।
  • पांडव का वनवास पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों को दशहरे के दिन ही बनवास प्राप्त हुआ था और जब पांडवों का वनवास खत्म हुआ था और वह घर वापस आए थे उस दिन भी दशहरा ही था। दशहरे पर घर आने के बाद पांडवों ने कौरवों से युद्ध करने का निर्णय लिया और महाभारत का युद्ध प्रारंभ हुआ।
  • माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध: माता दुर्गा और महिषासुर के युद्ध के बारे में हिंदू धर्म को मानने वाले सभी लोग जानते हैं। पुरानी कथाओं के अनुसार माता दुर्गा और महिषासुर के बीच 9 दिनों तक काफी भीषण युद्ध चला था। दसवें दिन माता ने महिषासुर का वध कर उसे पर विजय प्राप्त की थी। तभी से दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाने जाने लगा।

दशहरा का मेला

भारत देश के कई बड़े-बड़े शहरों में दशहरे के अवसर पर विशेष रूप से मेले आयोजित किए जाते हैं। भारत में दशहरे के अवसर पर लगने वाले कुछ मौके काफी प्रसिद्ध है जिनमें दशहरे के समय कोटा में लगने वाला मेला, कोलकाता का मेला, वाराणसी का दशहरा मेला इत्यादि काफी प्रसिद्ध है। दशहरे के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है, इसलिए सभी लोग सुबह जल्दी उठकर विधि-विधान के साथ माता की पूजा कर शाम को दशहरे के मेले में घूमने के लिए निकल जाते हैं। दशहरे का यह मेला दशहरा मैदान में आयोजित किया जाता है, जहां पहले से ही रावण के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला बनाकर तैयार रखा होता है।

सभी लोग मेले में जाकर खाने-पीने की चीजों का लुक उठाते हैं। थोड़ी शाम होते ही सभी लोग रामलीला का लुफ्त उठाना प्रारंभ करते हैं। देव रात्रि तक रामलीला देखने के बाद सभी लोग एकत्रित होकर रावण के पुतले का दहन करते हैं, और एक दूजे को दशहरे की बधाई देते हैं। इस दिन सड़कों पर भारी भीड़ होती है, लोग गांव से शहरों में दशहरे का मेला देखने के लिए आते हैं, जिसे दशहरा मेला के नाम से जाना जाता है। इतिहासकार बताते हैं, कि दशहरे का जश्न महाराजा दुर्जन साल सिंह हांडा के शासनकाल में सबसे पहले मनाया गया था। उसके बाद से धीरे-धीरे पूरे भारत देश में दशहरे का जश्न मनाया जाने लगा।

श्री राम की रावण पर विजय का दिन

माता सीता का अपहरण कर रावण उन्हें लंका ले आता है और अशोक वाटिका में कैद कर देता है। भगवान श्री राम अपनी पत्नी देवी सीता को रावण के बंधन से मुक्त करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए रावण से युद्ध करते हैं। भगवान राम और रावण के बीच यह युद्ध काफी दिनों तक चला ऐसा माना जाता है, कि आश्विन मास की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली दशमी तिथि के दिन भगवान राम ने 10 सर वाले रावण का वध किया था।

भगवान राम ने रावण का वध कर दोबारा से धर्म की स्थापना की थी। उत्तर भारत में दशहरे के दिन रावण मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला बनाकर उनका दहन किया जाता है। इस पुतले का दहन करने के साथ-साथ लोग अपने अंदर पाल रही बुराई कभी दहन करते हैं। दशहरे के दिन विशेष रूप से रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें कुछ लोग रामायण के पात्रों का अभिनय करते हैं एवं रावण वध करके लोगों को दशहरे की बधाई देते हैं।

हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण में ऐसा कहा गया है, की देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए और देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए राजा राम ने चंडी हवन करवाया था। चंडी हवन संपन्न होने के बाद दसवें दिन भगवान राम को रावण का वध करने का राज पता चला था और उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की थी। रावण का वध करने के बाद श्री रामजी सम्मान पूर्वक माता-पिता को वापस लेकर आए थे।

इस दशहरे के उत्सव को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक एक असुर का वध किया था। बुराई चाहे पहाड़ के समान क्यों ना हो और सच्चाई एक छोटी सूई के बराबर लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। जीवन में सच्चाई का महत्व समझाने के लिए ही कई देवी-देवताओं ने अनेकों राक्षसों का वध किया है, उन्होंने हमेशा लोगों को अच्छी और नेक राहों पर चलने की सीख दी है।

Dashara Puja Par Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “ Dussehra Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह दशहरा पर निबंध हिंदी में अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Essay on Dussehra in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • पुस्तकों का महत्व पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • Essay on Dr Babasaheb Ambedkar in Hindi
  • वृक्षारोपण पर निबंध 

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध

August 10, 2017 by essaykiduniya

Get information about Dussehra in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay on Dussehra in Hindi Language for Students and Kids of all Classes in 100, 150, 200, 300, 400, 500 and 600 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में दशहरा पर निबंध मिलेगा।

Essay on Dussehra in Hindi

Short Essay on Dussehra in Hindi Language – दशहरा पर निबंध ( 100 – 150 words )

दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है और यह पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूलों और कार्यालयों में छुट्टी रहती है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। यह हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दंसवे दिन मनाया जाता है। इससे दस दिन पहले ही सब जगह रामलीला शुरू हो जाती है। इस दिन रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले जलाए जाते हैं और मेले लगाए जाते हैं। यह त्योहार सर्दियों के आगमन का भी प्रतीक है। दशहरा के दिन नवरात्रि का दँसवा दिन भी होता है और इसी दिन दुर्गा माँ ने महिषासुर का भी वध किया होता है और इस दिन माँ की मुर्ति को विसर्जित किया जाता है। यह त्योहार हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।

Short Essay on Dussehra in Hindi Language – दशहरा पर निबंध ( 200 words )

दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है जो कि हर वर्ष बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह हर वर्ष दिवाली से 20 दिन पहले अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दसमी को मनाया जाता है। यह सितंबर या अक्टूबर मे आता है। दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने इस दिन लंका नरेश रावण का वध किया था और दशहरा के दिन ही माँ दुर्गा ने नौ दिन के युद्ध के बाद दँसवे दिन महिषासुर का वध किया था। दोनों के ही अनुसार यह पर्व शक्ति का पर्व है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन जगह जगह पर मेले लगते हैं। दशहरा से कई दिन पहले ही रामलीला को आरंभ कर दिया जाता है और दशहरा को दिन रावण का वध किया जाता है। राम सीता लक्ष्मण और हनुमान की झाँकी निकाली जाती है। रावण मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले बनाकर उन्हें जलाया जाता है और आतिशबाजियाँ की जाती है। यह त्योहार हमें रावण के साथ साथ अपने अंदर की बुराईयाँ जलाने का भी संदेश देता है। इस दिन पूरा वातावरण भक्ति भाव में डूबा होता है।

Essay on Dussehra in Hindi Language – दशहरा पर निबंध ( 300 words ) 

दशहरे का त्योहार जिसे मुख्यतः योद्धाओं के त्योहार के रूप में जाना जाता है, पूरे देश के विभिन्न तरीकों में दशहरा मनाया जाता है। बंगाल में यह देवी दुर्गा की पूजा के साथ मनाया जाता है। दक्षिणी में यह बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, उत्तर में यह मुख्य रूप से उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब भगवान राम ने दानव राजा रावण को मार डाला था।

यह कौर के महीने में गिरता है, सितंबर और अक्टूबर के महीने सामान्य विश्वास है कि इस दिन जो भी काम शुरू किया गया है वह शुभकामनाएँ लाएगा। योद्धा कबीले के लोग अपने हथियार साफ करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। जबकि लड़कियां, जिन्होंने अपने आंगनों में जौ लगाई थी, इन रोपाई को निकाल कर अपने भाई के कानों पर रख दिया। इसके लिए उन्हें एक छोटा उपहार या पैसा दिया जाता है दुकानदारों ने अपनी दुकानों को सजाने के लिए बाज़ार एक उत्सव का रूप लेता है मिठाईदार अपने विभिन्न प्रकार के मिठाइयां दिखाते हैं। खिलौने धनुष और तीर का अच्छा कारोबार करते हैं, जो उस दिन के लिए बच्चों की पसंदीदा हैं।

राम-लिला या भगवान राम के जीवन की कहानी का अधिनियमन, जो कि पिछले आठ दिनों से चल रहा था, उन अभिनेताओं की सजाया जुलूस से परिणित हुए हैं जिन्होंने भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी। ये जुलूस राम-लीला मैदान पर समाप्त होता है जहां रावण, मेघनाथ और कुंभकर की मूर्तियां रखी जाती हैं। राम से एक तीर इन मूर्तियों को रोशनी देती है। हजारों लोग इस तमाशा को देखते हैं जलते पुतले लोगों को बहुत खुशी लाते हैं। इस खुश नोट पर दशहरा का नौ दिन का त्योहार खत्म हो गया है।

Dussehra Par Nibandh – Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध (400 Words) 

भूमिका – भारत एक धर्म एवं कृषि प्रधान देश है। यहाँ के त्योहार, पर्व, उत्सव, मेले आदि किसी न किसी धार्मिक भावना को लेकर चलते हैं। इनमें देश की सभ्यता एवं संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इन त्योहारों से जीवन में नवीनता एवं स्फूर्ति आती है। धार्मिक भावना से ओतप्रेत त्योहार दशहरे का दूसरा नाम ‘विजय दशमी’ है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय पाई थी, इसलिए इसे ‘विजय दशमी कहते हैं। इस दिन लंका के प्रतापी राजा रावण के दस सिर काटे गए थे, इसलिए इसे दशहरा’ कहते हैं। यह बहुत चहल – पहल वाला त्योहार है। इस दिन पूरे भारत में छुट्टी होती है। लोग इसे बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं।

क्यों मनाया जाता है – Dussehra Kyu Manaya Jata Hai – सत्य की असत्य पर जीत दिखाने के लिए यह त्योहार हर वर्ष मनाया जाता है। लंका के प्रतापी राजा को अपनी शक्ति पर घमंड था। धर्म का नाश करने के लिए उसके सैनिक अनथक प्रयास कर रहे थे। उसके विनाश के लिए श्रीराम को अयोध्या से लंका जाना पड़ा। रावण के भाई कुम्भ करण, पुत्र मेघनाद तथा रावण का वध करके श्रीराम ने रावण के भाई विभीषण को लंका का राजा बनाया। अधर्म पर धर्म की विजय की यह गाथा हर वर्ष ‘रामलीला’ के रूप में भारत के हर कोने में गाई, सुनाई एवं दिखाई जाती है। लोग इससे शिक्षा प्राप्त कर अपने चरित्र का निर्माण करते हैं।

कैसे मनाया जाता है – दशहरा से दस दिन पूर्व भारत के गाँव-गाँव नगर-नगर में रामलीलाएँ आरम्भ हो जाती हैं। दशहरा अश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। इससे पूर्व नवरात्र आरम्भ होता है। इन दिनों रामकथा आरम्भ होती है। झाँकियाँ निकलती हैं। ‘विजय दसमी के दिन रामलीला मैदान में अपार भीड़ होती है। शाम को रावण दहन एवं लंका दहन का दृश्य लाखों लोग बड़े उत्साह से देखते हैं। रावण, मेघनाद और कुम्भकरण के पुतले जलाये जाते हैं। इन में आतिशबाज़ी, बारूद एवं पटाखे भरे होते हैं। बच्चे इन पुतलों के जलने का दृश्य बड़े चाव से देखते हैं। बंगाल में यह ‘दुर्गा पूजा’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बंगाली लोग देवी की प्रतिमा को जल में विसर्जित करते हैं। राजस्थान में यह शस्त्रपूजा के रूप में मनाया जाता है।

उपसंहार – ‘दशहरा’ हमें भगवान राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है। हमें श्रीराम के चरण-चिहनों पर चल कर अपने आपको आदर्श बनाना चाहिए। हमें असत्य तथा अधर्म को त्याग कर सत्य एवं धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

Essay on Dussehra in Hindi Language – दशहरा पर निबंध ( 500 words )

भारत त्योहारों का देश है जहाँ पर सभी पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारो में से एक है। दशहरा जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है हर साल दिवाली से 20 दिन पहले मनाया जाता है। यह अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दसमी को मनाया जाता है और इसके बाद से सर्दियों का आगमन होता है। इस मौसम में खरीफ की फसल उगाई जाती है। दशहरा का पर्व भारत के साथ साथ बांग्लादेश मलेशिया आदि में भी मनाया जाता है। भारत के साथ साथ मलेशिया में भी इस दिन अवकाश होता है। यह त्योहार सितंबर या अक्टूबर में आता है। दशहरा दो शब्दों से मिलकर बना है दश और हरा जिसका अभिप्राय सूर्य की हार से है।

कहा जाता है कि यदि राम रावण का वध नहीं करते तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी होती है।दशहरा के पर्व को मनाने के पीछे बहुत सी प्राचीन कहानियाँ है। कहा जाता है कि विजयदशमी के दिन श्री राम ने रावण का वध किया था। उन्होंने देवी दुर्गा की पूजा कर रावण को मारने का रहस्य प्राप्त किया था। दुसरा यह माना जाता है कि माँ दुर्गा ने नौ दिन के युद्ध के बाद दशहरा के दिन ही महिषासुर का वध किया था। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।

सबसे पहले दशहरा 17वीं शताब्दी में मैसूर के राजा के शासन काल में मनाया गया था। दशहरा के समय बहुत से शहरों में मेले भी लगते हैं जिसे देखने के लिए बहुत ही भीड़ जमा हो जाती है और वहाँ पर अलग अलग तरह के स्टॉल होते हैं। कुल्लू का दशहरा सबसे प्रसिद्ध है वहाँ पर लोगों में श्रदा भक्ति और उल्लास भरपूर देखने को मिलता है। दशहरा से दस दिन पहले रामलीला का आयोजन किया जाता है और दशहरा के दिन रावण कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले बनाकर उन्हें जलाया जाता हैं। सड़को पर इस दिन बहुत भीड़ होती है और झाँकिया निकाली जाती है। दशहरा का त्योहार हमें क्रोध पाप आदि से दुर रहने का संदेश देता है।

इस दिन पंडित मंत्र के उच्चारण के साथ रामायण की कथा भी सुनाते हैं और आतिशबाजियाँ भी की जाती है। इस दिन दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। लोग ट्रकों में माँ की मूर्ति को बैंड बाजे के साथ लेकर जाते हैं।स्कूलों में भी बच्चे दशहरा का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। छोटे छोटे बच्चे राम सीता लक्ष्मण और हनुमान की वेशभूषा धारण करते हैं। दशहरा हमें हमारे अंदर की बुराईयाँ खत्म करने के लिए कहता है। हमें रावण के पुतले के साथ साथ अपने अंदर की सभी बुराईयाँ जला देनी चाहिए। यह त्योहार शक्ति का त्योहार है जो अपने साथ बहुत सारी खुशियाँ लेकर आता है। यह त्योहार लोगों को अच्छाई और भक्तिभाव से भर जाता है। इस दिन सभी लोग त्योहार का पूर्ण रूप से आनंद ले रहे होते हैं।

Long Essay on Dussehra in Hindi Language- दशहरा पर निबंध (600 Words)

भारतीय संस्कृत मैं त्योहार, माला मैं मोतीयो की भाँति पिरोए हुए हैं। भारत मैं मनाए जाने वाले सभी त्योहार अपनी – अपनी विशेषतायें रखते हैं। इनमें से कइ त्योहार अवतारी पुरुषों की पुण्य स्मृति से संबंदित होते हैं। विजयदशमी भी इसी प्रकार का पावन पर्व है। यह पर्व श्रीराम के आलोकिक पुरुषार्थ की स्मृति मैं मनाया जाता है।

अश्विन मास की शुल्क पक्ष की दशमी तिथि को पर्व मनाया जाता है। इसी अवसर पर बंगाल मैं दुर्गा – पूजा होती है तो समस्थ उत्तर भारत मई श्रीराम की। एक पोरनिक कथा के अनुसार महिषासुर नामक राक्षस के अत्याचारों से पीड़ित होकर देवगण महादेव शंकर की शरण में गए। शंकर की करोधागनी से एक शक्ति का प्रधुभरव हुआ जिसे सभी देवताओं ने शस्तरस्तर प्रदान किए। उस शक्ति ने नो दिन तक दैत्य से भीषण युद्ध किया और दसवें दिन उस पर विजय पाई। तब से प्रति वर्ष महिससुर्मर्दिनी माँ दुर्गा की स्मृति में आज भी यह पर्व मनाया जाता है।

इसी पवित्र तिथि को श्रीराम ने लंकापनी रावण को परास्त किया था तथा सीता को बंधन – मुक्त कराया था। श्रीराम की रावण पर विजय दानवता पर मानवता की, असत्य पर सत्य की तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। प्राचीन काल में यातायात के इतने साधन नहीं थे अत: वर्षा त्ररतू में यात्राऐ रुक जाती थीं। दशहरे के आने तक वर्षा लगभग समाप्त हो चुकी होती है। अत: इस दिन को शुभ मानकर यात्राएँ आरम्भ किया करते थे।

विजयदशमी को मनाने की अनेक रीतियाँ प्रचलित हैं – क्ष्ट्रीय लोग इसी दिन अपने अस्त्र – शास्त्रों की पूजा करते हैं। विवाह आदि मंगलिक कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ समझा जाता है। गुजराती लोग इस दिन गरबा नृत्य आदि करने के साथ देव – पूजन करते हैं। बंगाल में यह त्योहार दुर्गा – पूजा के रूप मई मनाया जाता है। नो दिन तक (नवरात्रों में) विसर्जित कर दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश मई कुल्लू में विशाल दशहरे के मेले का आयोजन होता है जिसमें देश के कोने – कोने से आकर लोग इकथा होते है। दक्षिण भारत में शमी वृक्ष का पूजन करके उसके पत्तों को स्वर्ग समझकर लूटा जाता है।

उत्तर भारत के अधिकांश भागों में दशहरे के कुछ दिन पूर्व से ही रमलिलाएँ आयोजित की जाती हैं जिनमें मर्यादा पुरशोतम श्रीराम का जीवन – चरित्र प्रस्तुत किया जाता है। दशहरे के दिन एक विशाल मैदान मई रावण, मेधनाथ और कुंभकरन के विशलकाए पुतले बनाए जाते हैं जिनमे आतिशबाज़ी के समान भर दिए जाते हैं। रामायण के पात्रों की झाँकियाँ निकाली जाती हैं। झाँकियाँ जब उस विशाल मैदान में पहुँचती हैं तो राम – रावण की लड़ाई दिखाते हैं। विशाल जनसमूह इस उत्सव आनंद लेने के लिए एकत्रित होता है। सायंकाल श्रीराम अग्निवान चलाकर पुतलों में आग लगा देते हैं तथा पुतले धमाकों की आवाज़ के साथ जल उठते हैं।

दशहरे का त्योहार पवित्रता ऐवं शक्ति का संगम है जिसे दानवी शक्ति की पराजय के प्रतीक के रूप मैं मनाया जाता है। यह त्योहार हमें पाप पर पुण्य की विजय का सन्देश देता है और बतलाता है की अत्याचारी के वीरूद्ध संघर्ष करना मानव का कर्तव्य है, अत: हमें वीर ओर साहसी बनना चाहिए। हमें श्रीराम के पावन चरित्र के आदर्शों को अपने जीवन में उतरने की चेष्टा भी करनी चाहिये।

विजयदशमी के दिन हमें प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हमें देश की अखंडता, एकता तथा समाज की रक्षा के लिए पारस्परिक इश्या ऐवं भेदभावों को भुलाकर अत्याचारी का सिर कुचलने के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा देंगे। हमें चाहिए कि हम अपने मन में बसी आसुरी पर्वत्तियों को नष्ट करके सात्विक पर्वत्तियों का विकास करें और अपने देश में न्याय, धर्म तथा रामराज की स्थापना करने का दृढ़ संकल्प लें।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध  ( Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

More Articles:

Diwali Essay In Hindi- दिवाली पर निबंध

Children’s Day Speech In Hindi – बाल दिवस पर भाषण

Holi Essay In Hindi | होली पर निबंध

Teacher’s Day Speech In Hindi – शिक्षक दिवस पर भाषण

Dussehra Essay in Hindi | दशहरा हिंदी निबंध | Best in 600+ Words

Dussehra Essay

दशहरा: बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न

दशहरे के इस पावन अवसर पर मेरे मन की है यही कामना

आपको हमेशा मिले खुशियां और कभी ना हो दुख से सामना

दशहरा ,(Dussehra Essay) जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व का त्योहार है, बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक समागम का भी पर्व है। दशहरा का हर पहलू हमें कुछ न कुछ महत्वपूर्ण सीख देता है।

दशहरा के दो प्रमुख आख्यान इसे विशेष बनाते हैं। पहला है, भगवान राम का रावण पर विजय प्राप्त करना। दस सिर वाले असुर रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था। धर्म (Dussehra Essay) की स्थापना के लिए भगवान राम ने चौदह साल के वनवास के बाद लक्ष्मण और हनुमान की मदद से रावण का वध किया और सीता को मुक्त कराया। यह कहानी सत्य पर असत्य की विजय, धर्म पर अधर्म की जीत का प्रतीक है।

दूसरा आख्यान है माता दुर्गा का महिषासुर नामक राक्षस को पराजित करना। नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध के बाद माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, जिससे देवताओं और धर्म की रक्षा हुई। यह कहानी शक्ति, साहस और दृढ़ संकल्प के महत्व को उजागर करती है।

Related Posts :

  • Marathi Bhasheche Mahattva Best Marathi Nibandh In 599+ Words
  • Meri Priya Kitab Best Hindi Nibandh in 999+ Words
  • Best Marathi Nibandh

दशहरे के दौरान नौ दिनों तक भगवान और देवी की पूजा-अर्चना(Dussehra Essay) होती है। रामलीला का आयोजन कर रामायण की कथा का मंचन किया जाता है। दसवें दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई के अंत का प्रतीक है। लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

दशहरा सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं है, बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण संदेश छिपे हैं। यह हमें सिखाता है कि:

  • अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है:  दशहरा हमें याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, अंततः सत्य और धर्म की जीत होती है।
  • दृढ़ संकल्प और साहस महत्वपूर्ण हैं:  हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और साहस की आवश्यकता होती है।
  • बुराई का विरोध करना जरूरी है:  रावण और महिषासुर की पराजय हमें सिखाती है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और बुराई का विरोध करना जरूरी है।
  • एकता और सामाजिक सद्भाव का महत्व:  रामलीला का आयोजन और पुतले जलाने जैसे रीति-रिवाज समाज के लोगों को एकजुट करते हैं और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।

दशहरा का त्योहार हमें अतीत का सम्मान करने, वर्तमान में सजग रहने और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आशा है कि हम इस त्योहार के सार को समझकर एक बेहतर समाज बनाने की ओर अग्रसर होंगे।

दशहरा: विजय की रणभेरी, परंपरा का दीप (Dussehra: The Drums of Victory, the Lamp of Tradition)

भारत की सांस्कृतिक (Dussehra Essay) तालिका में दशहरा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि विजय का गान, परंपरा का दीप और सकारात्मकता का संदेश है। यह पर्व नौ दिनों तक धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक रंग और सामाजिक सद्भाव का संगम प्रस्तुत करता है।

दशहरा के दो प्रमुख कथासूत्र इसे विशेष बनाते हैं। पहली है, भगवान राम की रावण पर विजयगाथा। राजधर्म स्थापित करने के लिए भगवान राम ने वनवास भोगकर, लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिलकर दशानन रावण का वध किया और सीता का उद्धार किया। यह कथा सत्य पर असत्य की विजय, धर्म पर अधर्म की विजय का ज्वलंत प्रतीक है।

दूसरी कथा है मां दुर्गा और महिषासुर का युद्ध। नौ रातें नौ दिन चले भयंकर युद्ध के बाद मां दुर्गा ने क्रूर राक्षस महिषासुर का संहार किया, देवताओं और सृष्टि की रक्षा की। यह कहानी शक्ति, साहस और दृढ़ संकल्प की विजय का गान है।

नौ दिनों तक रामलीला के मंचन से रामायण की गौरव गाथा जीवंत होती है। घरों में घट स्थापित होकर देवी आराधना होती है। दसवें दिन विजयादशमी के पावन पर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, बुराई के नाश का प्रतीक बनाते हुए। रणभेरी की गूंज, ढोल-नगाड़ों की थाप और मंत्रोच्चार का वातावरण एक अलौकिक अनुभव देता है। बच्चे नए वस्त्रों में सजकर पतंग उड़ाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

जैसे श्री राम ने जीत ली थी लंका, वैसे आप भी जीतें सारी दुनिया इस दशहरा मिल जाएं आप को, दुनिया भर की सारी खुशियां दशहरा पर्व की शुभकामनाएं। 

दशहरा केवल धार्मिक-सांस्कृतिक आमोद नहीं, बल्कि गहन जीवन-मूल्यों का आईना है। यह हमें सिखाता है:

  • सत्य और धर्म का मार्ग चुनना:  भले ही कितनी भी बाधाएं हों, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना ही जीवन की जीत है।
  • अंतर्कर्म की शक्ति:  मां दुर्गा और राम की विजय हमें बताती है कि आंतरिक शक्ति और दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को भी हासिल किया जा सकता है।
  • अन्याय का विरोध:  चाहे रावण हो या महिषासुर, हर तरह के अन्याय और बुराई का विरोध करना हमारा दायित्व है।
  • एकता का महत्व:  रामलीला का आयोजन, पुतला जलाना जैसे सांस्कृतिक आयोजन समाज को एकजुट करते हैं और सद्भावना बढ़ाते हैं।

Dussehra Essay

Dussehra Essay

दशहरा (Dussehra Essay) हमें अतीत को सम्मान से याद करने, वर्तमान में सत्यनिष्ठ रहने और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आइए, इस पर्व को सिर्फ उत्साह से न मनाएं, बल्कि इसके गहन अर्थों को आत्मसात करें और एक बेहतर समाज निर्माण में अपना योगदान दें।

भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण और उत्सवी पर्व है दशहरा, जिसे दुर्गा पूजा के अंतिम दिन के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू पर्व है, जो भगवान राम की विजय को समर्पित है। दशहरा को अलग-अलग राज्यों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन इसका सामान्य उद्देश्य श्री राम के असत्य पर विजय के प्रतीक के रूप में होता है।

दशहरा (Dussehra Essay) का अयोध्या में महत्वाकांक्षी तैयारी का दृश्य सर्वधिक प्रसिद्ध है। इस दिन अयोध्या में रामलीला का प्रदर्शन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन के प्रमुख घटनाक्रमों का नाटकिय रूप से प्रस्तुतिकरण किया जाता है। दशहरा के दिन रामलीला में रावण का प्रतिनाटक किया जाता है और राम उन्हें विजयी बनाने के लिए उनके रथ को जलाते हैं। यह दिन भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है और लोग इसे खुशियों के साथ मनाते हैं।

दशहरा (Dussehra Essay) के दिन लोग भी अपने घरों में प्रतिमाएं स्थापित करते हैं, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दिन लोग मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

दशहरा के उत्सव में अनेक स्थानों पर मेले और जात्राएँ आयोजित की जाती हैं। लोग इन मेलों में भाग लेते हैं, विभिन्न वस्त्रों और आकर्षक चीजों की खरीदारी करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ आनंद उठाते हैं।

समृद्ध, सामर्थ्य और संस्कृति के साथ भारतीय समाज में दशहरा का महत्व बहुत बड़ा है। यह त्योहार हमें असत्य के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देता है और हमें सत्य, धर्म (Dussehra Essay) और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। इससे हम एक समरस और विकसित समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं और सबका हित और कल्याण के लिए समर्पित होते

दशहरा (Dussehra Essay) का उत्सव धर्म, संस्कृति, और इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का मौका प्रदान करता है। इस दिन हम बुराई को पराजित करने के लिए संकल्प करते हैं और सत्य, न्याय और धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करते हैं।

Share this post Dussehra Essay with friends.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

News Mug

दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में | Essay on Dussehra in Hindi

Photo of Ravi Raghuwanshi

दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Short Essay on Dussehra in Hindi for class 5 | Dussehra Essay in Hindi

दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Hindi Essay on Dussehra in 500 Words

  • दशहरा त्यौहार प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबे त्योहारों में से एक हैं. यह प्रतिवर्ष पूरे देश में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा पूरे उत्साह, विश्वास, प्रेम और सम्मान के साथ मनाया जाता है. यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है.
  • दशहरे के त्योहार का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए छात्रों को अपने स्कूलों और कॉलेजों से करीब पांच दिनों के लिए छुट्टियां भी दी जाती हैं.
  • यह त्यौहार हर साल दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले सितंबर या अक्टूबर माह में आता है. हिंदू लोगों को इस पर्व का पूरे वर्ष भर इंतजार रहता हैं.
  • भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति और परंपरा, निष्पक्ष और त्यौहारों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. भारत त्यौहारों का देश है जहाँ लोग हर त्यौहार को बड़े हर्ष और विश्वास के साथ मनाते हैं.
  • दशहरा का त्यौहार भारत सरकार द्वारा राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है जिससे लोग इस हिंदू पर्व का पूर्ण रूप से आनंद ले सके.

दशहरे का महत्व

  • दशहरा के पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व हैं. दशहरा शब्द का वास्तविक अर्थ इस त्यौहार के दिन दस सिर वाले दशानन दानव की हार हुई थी. इस त्यौहार के दिन पूरे देश में लोगों द्वारा रावण का पुतला जलाकर दशहरा मनाया जाता हैं.
  • भारत वर्ष लोग प्राचीन रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार इसे मनाते हैं. इस त्यौहार से जुड़े कई मिथक और कहानियां प्रचलित हैं. यह त्योहार हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बेहद ही उत्साह से मनाया जाता है. जिस दिन से भगवान राम ने दशहरा के दिन राक्षस राजा रावण को मार दिया था (जिसका अर्थ है हिंदू कैलेंडर के अष्टभुजा महीने का 10 वां दिन)।
  • भगवान राम ने रावण का वध किया था क्योंकि उसने माता सीता का अपहरण कर लिया था और वह भगवान राम को लौटाने के लिए सहमत नहीं था. भगवान राम ने छोटे भाई लक्ष्मण और हनुमान के वानर सैनिक की मदद से रावण के साथ युद्ध जीता था.

हिंदू मान्यता के अनुसार

  • हिंदू शास्त्र रामायण के अनुसार यह उल्लेख है कि भगवान राम ने देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंडी गृह का प्रदर्शन किया था. इस तरह भगवान राम ने युद्ध के 10 वें दिन रावण की हत्या के रहस्य को जानकर जीत हासिल की.
  • अंत में, उन्होंने रावण को मारने के बाद अपनी पत्नी सीता को सुरक्षित रख लिया. दशहरा उत्सव को दुर्गोत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि उसी दिन दसवें दिन माता दुर्गा ने महिषासुर नामक एक और राक्षस का वध किया था.
  • इस दिन एक विशाल मेला राम-लीला मैदान में लगता है, जहाँ आस-पास के क्षेत्रों के लोग रामलीला का निष्पक्ष और नाटकीय प्रतिनिधित्व देखने आते हैं.

Photo of Ravi Raghuwanshi

Ravi Raghuwanshi

भाई दूज स्टेटस, कोट्स, शायरी हिंदी में | bhai dooj shayari, status, quotes, दीवाली पर मोटी कमाई देने वाले 3 बिज़नस | top 3 business for the diwali season in india, related articles.

how-to-remove-makeup-without-makeup-remover-in-hindi

मेकअप उतारना है? ऐसे उतारें बगैर मेकअप रिमूवर के

snake-temple-mannarasala-kerala-history-in-hindi

मन्नारशाला – मंदिर परिसर में है 30000 सर्प प्रतिमाएं [Mannarasala Kerala]

pineapple-chutney-recipe-in-hindi

घर पर बनाएं खट्टे-मीठे अनानास की चटनी (Pineapple Chutney Recipe in hindi)

Aloo-Ki-Kadhi-Recipe

व्रत वाली आलू की कढ़ी बनाने की विधि

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

methi-matar-malai-recipe-in-hindi

Pariksha Point

दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi) – दशहरा पर सरल भाषा में निबंध पढ़ें

Photo of author

दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi)- दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। ये बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है, जिसे विजयदशमी, बिजौया और आयुध पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार राक्षस रावण पर भगवान राम की विजय को याद करता है। इसलिए यह बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इसे अश्विनी शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है जिसे दशहरा या विजयदशमी के नाम से जानते हैं। इस माह में ठण्ड का हल्का-सा आगमन हो जाता है। दशहरा से पहले नौ दिन नवरात्रि मनाई जाती है और नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा होता है। दशहरा प्रायः अक्टूबर के महीने में पड़ता है। आप हमारे इस पेज से दशहरा पर निबंध हिंदी में (Dussehra Essay In Hindi) पढ़ सकते हैं।

दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi)

छात्र इस आर्टिकल को पढ़कर स्कूलों में विजयदशमी/दशहरा पर निबंध हिंदी में (Essay In Hindi On Dussehra) आसानी से लिख सकते हैं। अगर आप दशहरा के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए Dussehra Par Nibandh लेकर आया है। इस पोस्ट से आप Hindi Essay On Dussehra पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए Dussehra Nibandh In Hindi पढ़कर जान सकते हैं कि दशहरा क्यों मनाया जाता है? हमनें Dussehra Par Nibandh In Hindi एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Dussehra In Hindi Essay को आसानी से समझ सकें।

Join Telegram Channel

स्कूलों में छात्रों को अक्सर दशहरा पर्व (Dussehra Festival) के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में Dussehra Ka Nibandh लिखने के लिए दिया जाता है, जिसमें वह About Dussehra In Hindi में लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Nibandh On Dussehra In Hindi को पढ़कर Dussehra In Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और एक बेहतर Dussehra Par Nibandh Hindi Mein लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप हिंदी में दशहरा पर निबंध के साथ-साथ दशहरा पर निबंध हिंदी में 10 लाइन, दशहरा पर निबंध 300 Words और दशहरा पर निबंध 500 Words भी नीचे से पढ़ सकते हैं।

दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay In Hindi)

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो हमें ये संदेश देता है कि बुराई कितनी भी बड़ी और ताकतवर क्यों न हो, मगर अच्छाई के सामने वह बहुत छोटी और कमजोर है। देर से ही सही किंतु एक-न-एक दिन बुराई को हार का सामना करना पड़ता है। बुराई कुछ समय के लिए अच्छाई को दबा जरूर सकती है लेकिन उसे कभी हरा नहीं सकती। सच और अच्छाई की जीत निश्चित है, उसे कोई नहीं रोक सकता। जिस प्रकार भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई का अंत किया था, उसी प्रकार हमें भी अपने अंदर की बुराई को खत्म करना होगा।

ये भी पढ़ें

दशहरा कब और क्यों मनाया जाता है?

दशहरा या विजयादशमी हिंदू धर्म के लोगों का मुख्य त्यौहार है। ये हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भगवान श्री राम ने नौ दिनों के युद्ध के बाद दानव राजा रावण का वध करके उसकी कैद से अपनी पत्नी देवी सीता को मुक्त कराया था। इसके अलावा इस दिन देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का भी वध किया था। तब से ये दिन विजयदाश्मी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग माँ दुर्गा और भगवान राम की पूजा करते हैं और प्रार्थना करके आशीर्वाद मांगते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी देवी दुर्गा की शक्ति के लिए प्रार्थना की थी।

हिंदू मान्यता और पौराणिक कथाओं में दशहरा मनाने के पीछे मुख्य दो कथाएं सुनने को मिलती हैं। पहली कथा के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम और लंकापति रावण के बीच लगातार दस दिनों तक भीषण युद्ध चला था, जिसके दसवें दिन यानी कि दशहरा को भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। रावण ने प्रभु श्रीराम की पत्नी सीता का धोके से अपहरण कर उन्हें अपनी लंका में कैद कर लिया था। देवी सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने के लिए भगवान राम को युद्ध करना पड़ा। ये युद्ध दस दिन तक चला और दसवें दिन भगवान श्रीरामचन्द्र ने दशानन रावण का वध कर उसके अहंकार को तोड़ दिया। इस युद्ध में रावण के अंत के साथ-साथ राक्षस जाति का भी अंत हो गया था। दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दानव के साथ दस दिनों तक भीषण संग्राम किया था और आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी को उसका वध कर दिया। तभी से इसी कारण इस दिन को हर साल विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा। इन दोनों ही घटनाओं का संबंध बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

दशहरा का महत्त्व

दशहरा (विजयादशमी) पर्व हम सभी के जीवन में बहुत महत्त्व रखता है। ये दिन हमारेे लिए अपने अंदर की सभी बुराइयों को ख़त्म करके एक नये जीवन की शुरुआत करने का होता है। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। दशहरा सच्चाई की जीत की खुशी के जश्न के रूप में मनाया जाने वाला  त्यौहार है। इस जश्न के साथ सबकी अपनी-अपनी मान्यता और आस्था जुड़ी हई है, जैसे- किसानों के लिए ये फसल को घर लाने का जश्न है, बच्चों के लिए ये राम द्वारा रावण के वध का जश्न है और बड़ों के लिए ये बुराई पर अच्छाई का जश्न है। इस पर्व को हिंदू धर्म के लोग बहुत ही शुभ और पवित्र मानते हैं, क्योंकि दशहरे से पहले नौ दिनों तक नवरात्रि का त्यौहार चलता है। नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूचा-अर्चना की जाती है। लोगों में ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन शुरू किया गया कोई भी नया कार्य शुभ और सफल होता है।

दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है, जो हर साल हमें सीखाता और याद दिलाता है कि कैसे हमें अपने अंदर की बुराई को मार कर दुनिया में अच्छाई को ज़िदा रखना है। इसी वजह से हर साल दशहरा मनाया जाता है। हर साल दशहरा लोगों को सत्य, धर्म और अच्छाई का संदेश देकर जाता है। वह बताकर जाता है कि सत्य की राह पर चलने में शुरू में कठिनाइयां और मुश्किलें आएंगी, लेकिन अंत में जीत उसकी ही होगी।

दशहरा पर निबंध 300 शब्द में

दशहरा हिंदुओं का सबसे महत्त्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार का पारंपरिक और धार्मिक महत्त्व सबसे अधिक है। भारत के लोग इसे बहुत ही उत्साह और धूमधाम से मनाते हैं। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत और पाप पर पुण्य की जीत को भी प्रदर्शित करता है। हिंदू धर्म के लोग दशहरा का त्यौहार कई रीति-रिवाजों और पूजा-पाठ के साथ मनाते हैं। बहुत से धार्मिक लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं। कुछ लोग दशहरे से पहले नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये उनकी उपासना करते हैं। दसवें दिन यानी कि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते हैं।

दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दशहरा हर साल अक्टूबर के महीने में दीवाली से दो सप्ताह पहले आता है। भारत के लगभग सभी हिस्सों में दशहरा पर्व मनाया जाता है लेकिन सभी जगह इस पर्व को मनाने के रीति-रिवाज और परंपरा अलग-अलग हैं। बहुत-सी जगहों पर नौ दिन की नवरात्रि के साथ पूरे दस दिन तक इस पर्व को मनाया जाता है, जिसमें मंदिर के पुजारी रोज सुबह और शाम को मंत्रों के उच्चारण के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें रामायण से जुड़ी कथा को भक्तों और दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। रामलीला के कलाकार मंच पर अपने अभिनय, संवाद, संगीत आदि के माध्यम से पौराणिक महाकाव्य रामायण के नाट्य रूपांतरण की प्रस्तुति देते हैं।

रामलीला में महान संत तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस और महान कवि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण का प्रदर्शन किया जाता है। विजयदशमी मनाने के पीछे रामलीला का उत्सव पौराणिक कथाओं को इंगित करता है जिसमें राम जन्म, राम-सीता विवाह, राम वनवास, सीता हरण, हनुमत मिलन, लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन आदि दृश्यों को दिखाया जाता है। दशहरे के अवसर पर दस दिनों तक होने वाला रामलीला का मंचन रामायण के पूरे इतिहास को बताता है। रामलीला के दसवें दिन यानी कि विजयादशमी पर असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण के पुतले को जलाकर उनकी हार और राजा राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।

दशहरा पर निबंध 500 शब्द में

हिंदू धर्म का महत्त्वपूर्ण पर्व दशहरा पूरे देश में खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व हिंदी कैलेंडर के अनुसार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर के महीने में आता है। दशहरा का पर्व लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को संदर्भित करता है। रावण बुराई का प्रतीक है जबकि भगवान राम सच्चाई के प्रतीक हैं, जिन्हें मर्यादा पुरुषौत्त्म के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे से पहले देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और हिंदू धर्म के लोगों द्वारा नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, रामनवमी और दशहरा (विजयादशमी) जैसे धार्मिक उत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाये जाते हैं। नवरात्रि और दशहरा जैसे पवित्र पर्व पूरे देश में अलग-अलग परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।

दशहरे के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य-

  • ऐसी मान्यता है कि अगर मर्यादा पुरुषौत्त्म भगवान श्री रामचन्द्र जी ने रावण का वध नहीं किया होता, तो हमेशा के लिए सूर्यास्त हो जाता।
  • दशहरा का एक महत्त्व ये भी है कि कि माँ दुर्गा ने आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था। उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया। माँ दुर्गा ने प्रकट होकर महिषासुर से दस दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन देवी दुर्गा ने उस राक्षस का वध कर बुराई का अंत कर दिया।
  • ये भी माना जाता है कि नवरात्रि में देवी माँ अपने मायके आती हैं और नवरात्र के दसवें दिन यानी कि दशहरे पर उनकी प्रतिमा को बहते जल में विसर्जित करके उन्हें खुशी-खुशी विदा किया जाता है।
  • दूसरी मान्यता ये भी है कि भगवान श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयों को ख़त्म किया था, जिसमें पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप शामिल थे।
  • लोग ऐसा भी मानते हैं कि मैसूर के राजा ने 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाया था।
  • दशहरा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, नेपाल और मलेशिया में भी मनाया जाता है। मलेशिया में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है।
  • दशहरा का महत्त्व भगवान राम और माता दुर्गा दोनों की बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

दशहरा पर्व पर हर तरफ खुशनुमा माहौल होता है। लोगों के घर और मंदिर जगमगाती रोशनी और फूलों से सज जाते हैं। दशहरे पर बहुत सी जगहों पर रामलीला का मंचन किया जाता है और मेले भी लगाए जाते हैं। मेलों में तरह-तरह के झूले, खेल-खिलौनों की दुकाने, खाने-पीने के स्टॉल बच्चों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं। मेलों में घूमने, झूलों पर बैठने, खिलौने खरीदने और खाने-पीने के लिए बच्चे काफी उत्साहित होते हैं। रामलीला मंचन में रामायण कथा का इतिहास और उसका सार दिखाया जाता है, जिसे सभी बड़ी ही उत्सुकता से देखते हैं। रामलीला के आखिर में भगवान राम के किरदार वाला व्यक्ति रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के कागज के पुतले में तीर मारकर दशहरे का समापन करता है। तीनों पुतलों के साथ बुराई भी पल-भर में जलकर राख हो जाती है। लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश लेकर अपने-अपने घर चले जाते हैं।

दशहरा पर 10 लाइनें

  • दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • ये त्योहार हर साल अक्टूबर के महीने में, दिवाली के त्योहार से 20 दिन पहले मनाया जाता है।
  • दशहरे का त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है।
  • पहले नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवरात्र भी कहा जाता है।
  • दसवें दिन लोग रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाते हैं।
  • दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दसवें दिन दुर्गा माँ ने भी असुर महिषासुर का वध किया था।
  • अलग-अलग स्थानों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जहां लोग श्री राम के जीवन का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत करते हैं।
  • विजयदशमी के दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला जलाकर सत्य पर असत्य की जीत को दर्शाया जाता है।
  • इसलिए दशहरा को असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी कहा जाता है।
  • दशहरा का त्यौहार लोगों को सत्य, धर्म और अच्छाई सीखाकर जाता है।

People also ask

प्रश्न- दशहरा कब है 2023? उत्तर: इस साल दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा।

प्रश्न- दशहरा पूजा कब है 2023? उत्तरः दशमी तिथि 24 अक्टूबर 2023 को रहेगी।

प्रश्न- दशहरा कौन से माह में मनाया जाता है? उत्तर: दशहरा अधिकतर अक्टूबर माह में मनाया जाता है।

प्रश्न- दशहरे के कितने दिन बाद दिवाली आती है? उत्तर: दशहरे के ठीक 20 दिन बाद दिवाली मनाई जाती है।

प्रश्न- दशहरा क्यों मनाया जाता है? उत्तर: यह त्यौहार राक्षस रावण पर भगवान राम की विजय की याद कराता है। इसलिए यह बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इसे अश्विनी शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जिसे दशहरा या विजयदशमी के नाम से जानते हैं। 

प्रश्न- गंगा दशहरा कब है? उत्तर: गंगा दशहरा जून के महीने में मनाया जाता है।

प्रश्न- दशहरा पर निबंध कैसे लिखे? उत्तरः दशहरा पर निबंध लिखने के लिए आपके पास उससे जुड़ी जानकारी होनी चाहिए।

प्रश्न- दशहरा से हमें क्या शिक्षा मिलती है? उत्तरः दशहरा से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें अपने भीतर की बुराई को खत्म करके अच्छाई को अपनाना चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं” (Happy Dussehra)।

Leave a Reply Cancel reply

Recent post, सामान्य ज्ञान प्रश्न (gk questions in hindi), बिहार पॉलिटेक्निक काउंसलिंग 2024 (bihar polytechnic counselling 2024), बिहार पॉलिटेक्निक रिजल्ट 2024 (bihar polytechnic result 2024), बिहार पॉलिटेक्निक आंसर की 2024 (bihar polytechnic answer key 2024), बिहार पॉलिटेक्निक एडमिट कार्ड 2024 (bihar polytechnic admit card 2024), डेली करेंट अफेयर्स 2024 (daily current affairs in hindi).

Join Whatsapp Channel

Subscribe YouTube

Join Facebook Page

Follow Instagram

essay on dussehra in hindi 500 words

School Board

एनसीईआरटी पुस्तकें

सीबीएसई बोर्ड

राजस्थान बोर्ड

छत्तीसगढ़ बोर्ड

उत्तराखंड बोर्ड

आईटीआई एडमिशन

पॉलिटेक्निक एडमिशन

बीएड एडमिशन

डीएलएड एडमिशन

CUET Amission

IGNOU Admission

डेली करेंट अफेयर्स

सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर

हिंदी साहित्य

[email protected]

A-840/ Chirag Dilli, New Delhi -110030

© Company. All rights reserved

About Us | Contact Us | Terms of Use | Privacy Policy | Disclaimer

CBSE Class Notes Online – Classnotes123

CBSE Class Notes, Worksheets, Question Answers, Diagrams , Definitions , Diffrence between , Maths Concepts, Science Facts Online – Classnotes123

Essay on Dussehra Collection – (200, 500 1000-1500 words)

Essay on Dussehra

The three essays on Dussehra explore the festival’s significance in Indian culture, highlighting its celebration of good over evil through the stories of Lord Rama’s victory over Ravana and Goddess Durga’s triumph over Mahishasura. They detail the diverse regional celebrations across India, from effigy burnings and dramatic reenactments to devotional dances and rituals, emphasising Dussehra’s moral and cultural importance in fostering righteousness, unity, and respect for the feminine divine.

Table of Contents

Short Essay on Dussehra – 200 words

Dussehra- a glimpse into india’s cultural celebration.

Essay on Dussehra

Dussehra, also known as Vijayadashami, is one of the most celebrated festivals in India. It marks the victory of good over evil, and is observed on the tenth day of the Hindu month of Ashwin.

The festival is primarily associated with the story of Lord Rama and the demon king Ravana. According to the Ramayana, Rama defeated and killed Ravana on this day. Thus, Dussehra symbolises the triumph of righteousness over wickedness.

Across India, the day is commemorated with much enthusiasm. Large effigies of Ravana, filled with fireworks, are set ablaze in open fields, symbolising the destruction of evil. Children and adults alike gather to watch these effigies burn, amidst the cheering and bursting of crackers.

Another important aspect of Dussehra is the role of Goddess Durga. In some regions, it is believed that on this day, Goddess Durga defeated the buffalo demon Mahishasura. Hence, grand processions and plays depicting this story are organised.

Moreover, Dussehra is a time for families to come together, exchange gifts and sweets, and revel in the festive spirit. The message of Dussehra is clear- no matter how strong evil may seem, good will always prevail. It serves as a reminder for us to always stand up against wrongdoing and strive for righteousness.

Essay on Dussehra – 500 words 

Essay on Dussehra

Dussehra- Celebrating Triumph and Tradition in India

Dussehra, also known as Vijayadashami, is one of India’s most significant festivals. Celebrated across the country with zeal and enthusiasm, Dussehra marks the victory of good over evil. The word ‘Dussehra’ can be split into ‘Dus’, which means ten, and ‘Hara’, which means defeated. So, the word signifies the defeat of the ten-headed demon, Ravana, by Lord Rama. This festival teaches us that no matter how powerful the wrong might seem, the right will always win in the end.

Also Check – Diwali Essay Collection

Historical Significance-

The story behind Dussehra takes us back to the ancient Hindu epic, the Ramayana. It narrates the tale of Lord Rama, the prince of Ayodhya, who embarks on a quest to rescue his wife, Sita, from the demon king, Ravana. Ravana had ten heads, each representing a different vice, such as anger, lust, greed, and jealousy. After a fierce battle that lasted for days, Lord Rama, with the help of his devoted followers, defeated Ravana on the tenth day. This victory of Lord Rama is celebrated as Dussehra.

In another story, Dussehra marks the day when Goddess Durga vanquished the buffalo demon, Mahishasura. This legend is particularly popular in Eastern India.

Celebrations Across India-

Dussehra is celebrated in various ways across different parts of India. In North India, particularly in states like Uttar Pradesh, Delhi, and Punjab, grand plays and dramas called ‘Ramleela’ are staged. These plays depict the life of Lord Rama, culminating in the fiery battle with Ravana. On the tenth day, large effigies of Ravana, along with his brother Kumbhakarna and son Meghnad, are filled with firecrackers and set ablaze. Crowds gather in open fields to witness this spectacle, with the sky lighting up in bright colours.

In the South, East, and some parts of Western India, the festival emphasises the victory of Goddess Durga over Mahishasura. Here, the last ten days leading up to Dussehra are celebrated as Navaratri, where nightly dances and prayers are held in honour of the goddess.

West Bengal is famous for its Durga Puja celebrations during this time. Huge artistic clay idols of Goddess Durga depicting her victory over Mahishasura are displayed in pandals. On the tenth day, these idols are taken in processions and immersed in rivers or seas.

In states like Karnataka, the day is observed by remembering the victory of the Pandavas in the Mahabharata. People also worship tools, instruments, and books on this day, seeking blessings for success in their respective fields.

Personal Reflection-

Dussehra serves as a beacon of hope. It reminds us that challenges and adversities, symbolised by the ten-headed Ravana or the powerful Mahishasura, are a part of life. However, with determination, righteousness, and the support of loved ones, one can overcome any obstacle.

In our day-to-day life, the festival inspires us to let go of our vices and to embrace virtues. Just as communities come together to celebrate Dussehra, it underlines the importance of unity and togetherness.

Conclusion-

Dussehra is more than just a festival. It is a celebration of the human spirit, of the eternal fight against wrong, and of the ultimate victory of good. Whether it’s the burning effigies of Ravana or the rhythmic beats of the dhol during Durga Puja, the essence remains the same- good will always triumph over evil. As we celebrate Dussehra, let’s strive to internalise this message and bring about positive changes in our lives.

Also Check – Essay Collection

Long Essay on Dussehra -1000 -1200

Essay on Dussehra

Dussehra- Historical Roots, Regional Celebrations, and Moral Significance

Introduction-

Dussehra, also known as Vijayadashami, holds a special place in the hearts and minds of Indians. This festival, celebrated all over India, is not just about festivities and joy, but it’s also a reminder of the eternal triumph of good over evil. Delving deeper into the festival reveals a rich tapestry of history, culture, and traditions.

Historical Roots-

Dussehra is grounded in the ancient scriptures of India. The two principal narratives revolve around the Ramayana and the Devi Mahatmya.

Ramayana and Lord Rama’s Victory-

Background- The Ramayana is one of the two major Sanskrit epics of ancient India (the other being the Mahabharata). Penned by Sage Valmiki, it revolves around the life and adventures of Prince Rama of Ayodhya, his loyalty and dedication to dharma (righteousness), and his unwavering love for his wife, Sita.

The Abduction- The central conflict of the Ramayana arises when Ravana, the ten-headed king of Lanka, succumbs to his desires and kidnaps Sita during Rama’s exile in the forest. This act sets into motion a series of events leading to the grand battle between Rama and Ravana.

Allies and Assistance- While Rama’s prowess as an archer is unparalleled, his journey to rescue Sita is marked by forming alliances, most notably with Hanuman (a devoted follower with immense strength) and the Vanaras, a tribe of powerful monkey-like beings. Their collective efforts, marked by challenges, battles, and episodes of deep emotional introspection, culminate in the great war against Ravana.

Victory on Vijayadashami- After ten days of intense battle, Rama, using a special arrow, vanquishes Ravana, leading to the latter’s demise. This day, marking Rama’s victory, is celebrated as Dussehra or Vijayadashmi.

Goddess Durga and Mahishasura-

Source of the Tale- The story of Goddess Durga and Mahishasura is primarily sourced from the Devi Mahatmya, a text within the Markandeya Purana. It’s a seminal work in Shaktism, a tradition that worships the feminine divine.

The Tyrant Demon- Mahishasura, a buffalo demon, had acquired a boon that rendered him invulnerable to any man or god. Armed with this power, he wreaked havoc in the heavens, driving the gods out and establishing his own tyranny.

Emergence of Durga- Unable to bear his oppression, the gods sought a solution. From their collective energies emerged Goddess Durga, a divine warrior with ten arms, each wielding a weapon given by various deities. She rode a lion and was the embodiment of the feminine divine’s immense power.

The Epic Battle- For nine nights and ten days, a fierce battle raged between Durga and Mahishasura. Each day marked a significant event where the Goddess had to face different challenges and demons sent by Mahishasura. However, on the tenth day, she managed to slay the seemingly invincible demon, restoring peace and dharma.

Navratri and Dussehra- The battle’s nine nights gave birth to the Navratri festival, where each night is dedicated to a particular form of the Goddess. The tenth day, marking her victory, is celebrated as Dussehra.

Regional Celebrations-

North india-.

In places like Delhi, Uttar Pradesh, and Punjab, the celebration is deeply tied to the narrative of the Ramayana. The most notable event is the ‘Ramleela’, which are theatrical performances of episodes from Rama’s life, culminating in his battle with Ravana.

Ramleela- Spanning over ten days, local actors perform this epic tale in open fields or staged arenas. These plays are not just religious renditions but also socio-political commentaries relevant to the times.

Effigy Burning- The tenth day witnesses the burning of large effigies of Ravana, Kumbhakarna, and Meghnad. These structures, often made of bamboo, paper, and cloth, are filled with fireworks. The ritual symbolises the destruction of evil and is watched by massive gatherings.

West Bengal and East India-

Durga Puja is the central theme in these regions, especially in West Bengal.

Idol Making and Installation- Artisans start crafting the idols months in advance. These depict Goddess Durga in her majestic form, defeating the buffalo demon, Mahishasura.

Pujas and Festivities- For five days, the idols are worshipped with elaborate rituals. Streets are lined with decorative lights, thematic pandals (temporary structures), and cultural programs.

Immersion- On ‘Vijayadashami’, processions carry the idols to rivers or lakes, where they are immersed, symbolising the Goddess’s return to her abode.

South India-

States like Karnataka, Tamil Nadu, Andhra Pradesh, and Kerala have distinct traditions.

Ayudha Puja- On Vijayadashami, people clean, decorate, and worship their tools, instruments, and books, seeking divine blessings for success.

Vidyarambham- Particularly in Kerala, young children are introduced to learning. They are taught to write their first letters on this auspicious day, signifying the beginning of their educational journey.

Navaratri celebrations in Gujarat are vibrant and full of energy.

Garba and Dandiya- These are traditional dances performed during the nine nights of Navratri. While ‘Garba’ is danced in circles representing the cycle of life, ‘Dandiya’ involves rhythmic clashing of sticks. Both men and women participate, adorned in colourful traditional attire.

Himachal Pradesh-

Kullu Dussehra is a unique festival in the Kullu valley.

Kullu Dussehra- Unlike the rest of India, where Dussehra lasts for ten days, in Kullu, it starts on Vijayadashami and continues for seven days. It begins when the rest of the country wraps up the celebrations.

Procession of Deities- Hundreds of local deities are brought on elaborately decorated palanquins to the fairgrounds in Kullu, to pay homage to Lord Raghunath (another name for Lord Rama). This gathering is a colourful and grand spectacle, with traditional music and dance, reflecting the rich cultural heritage of the region.

Cultural and Moral Significance-

Triumph of good over evil-.

Universal Message- Every culture and civilization cherishes stories where good triumphs over evil. Such narratives serve as moral compasses, guiding societies through challenging times. Dussehra epitomises this theme, ensuring its relevance across generations.

Personal Morality- On a personal level, the victory of Lord Rama over Ravana, or Goddess Durga over Mahishasura, can be likened to an individual’s daily struggle against negative tendencies. It serves as a reminder that, no matter how daunting the odds, righteousness can prevail if one remains steadfast in their beliefs and actions.

Societal Implications- In larger societal terms, the celebration reinforces the idea that corrupt, tyrannical forces will eventually be defeated. This fosters hope and resilience among communities, encouraging them to uphold justice and integrity.

Unity and Strength-

Collective Effort- The Ramayana showcases that Rama, despite being divine, required the assistance of various beings, from his brother Lakshmana to the humble squirrel. This amplifies the idea that unity and collaboration are vital for success.

Message of Solidarity- Hanuman, the devoted Vanaras, and even the birds, such as Jatayu, contributed to Rama’s quest. Their diverse backgrounds and capabilities underscore the value of inclusiveness and solidarity.

Durga’s Collective Worship – The collective veneration during Durga Puja, where entire communities come together, highlights the power of communal harmony. It’s a testimony to the idea that when communities unite in purpose and prayer, powerful positive change can manifest.

Respect for Women-

Elevation of the Feminine- Both central narratives associated with Dussehra involve women – Sita in the Ramayana and Goddess Durga. Their pivotal roles signify the importance and power of the feminine.

Sita’s Strength- While Sita’s abduction is a pivotal event in the Ramayana, it’s essential to note her strength and resilience during her captivity. She remains steadfast in her love and belief, epitomising moral fortitude.

Goddess Durga as the Protector- Durga, often depicted with eight or ten arms, wielding weapons and riding a lion, is a symbol of power and protection. Her triumph over the buffalo demon Mahishasura is not just a tale of victory but an affirmation of feminine strength and agency.

Contemporary Implications- In today’s context, the reverence shown towards Sita and Goddess Durga during Dussehra serves as a reminder of the importance of gender equality and the need to respect and uphold women’s rights, dignity, and potential.

Dussehra isn’t just a day of jubilation but is a reservoir of lessons and cultural richness. It teaches resilience, righteousness, and the importance of unity. As the effigies burn or as the Goddess is venerated, we’re reminded annually of our roots, our values, and the timeless message of good prevailing over evil. By understanding the deeper significance of Dussehra, we not only connect with our cultural heritage but also equip ourselves with values essential for a harmonious life.

Related Posts

essay on dussehra in hindi 500 words

Essay 3 on Save Water- The Social Aspect of Water Conservation

January 31, 2024 February 1, 2024

essay on dussehra in hindi 500 words

Essay 2 on Save Water – Wealth in Water – Economic Insights on  Saving Water

January 29, 2024 February 1, 2024

essay on dussehra in hindi 500 words

Essay 1 on Save Water –  Nature’s Thirst- The Environmental Call to Save Water

January 28, 2024 February 1, 2024

essay on dussehra in hindi 500 words

About Jaishree Gorane

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

essay on dussehra in hindi 500 words

25,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Meet top uk universities from the comfort of your home, here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay on dussehra in hindi 500 words

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay on dussehra in hindi 500 words

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

Leverage Edu

  • School Education /

Essay on Dussehra: Samples in 100, 250 Words and 500 Words

' src=

  • Updated on  
  • Oct 13, 2023

essay on dussehra

Dussehra is a major Hindu festival celebrated across India. It marks the victory of good over evil, as represented by the triumph of Lord Rama over King Ravana. The festival is also known as Vijayadashami , which means “victory on the day of Dashmi”. Dussehra or Vijayadashami is celebrated over ten days, beginning on the first day of the Hindu month of Ashvin.

On the tenth day, the effigies of Ravana, his brother Kumbhkaran, and his son Meghanada are burned in a symbolic gesture of the destruction of evil. Now, since the day of Dussehra is coming soon, students in schools are always asked to write an Essay on Dussehra. So here we are, with some samples of essays on Dussehra in English to help you out with that little essay assignment of yours.  

Also Read: Festivals in October 2023 in India

Table of Contents

  • 1 History of Dussehra 
  • 2 Essay on Dussehra in 10 Lines
  • 3 Essay on Dussehra in 100 Words
  • 4 Essay on Dussehra in English 150 Words
  • 5 Essay on Dussehra in 250 Words

History of Dussehra 

The history of Dussehra can be traced back to the ancient Vedic period. The festival is mentioned in the Rig Veda, one of the oldest scriptures of Hinduism. The Rig Veda describes Dussehra as a time to celebrate the victory of Indra, the king of the gods, over Vritra, a demon who was blocking the flow of rain.

In the later Vedic period , Dussehra became associated with the story of the Ramayana. The Ramayana is an epic poem that tells the story of Lord Rama, a prince who fought a long and difficult battle to defeat King Ravana. The tenth day of the battle is celebrated as Dussehra, and it is on this day that Rama defeated Ravana. The exact origins of Dussehra are unknown.

Dussehra became a major festival in the medieval period when the Hindu rulers of India adopted it. The festival was used to promote Hindu culture and values and to strengthen and introspect oneself.

Essay on Dussehra in 10 Lines

Dussehra, also known as Vijayadashami , is a significant Hindu festival celebrated in India.

1. Dussehra marks the victory of Lord Rama over the demon king Ravana, symbolizing the triumph of good over evil.

2. It falls on the tenth day of the Hindu month of Ashwin, usually in September or October.

3. The festival is celebrated with great enthusiasm and devotion, including dramatic reenactments of Rama’s victory known as “Ram Lila.”

4. In some regions, it also commemorates the end of the nine-day festival of Navaratri, during which the goddess Durga is worshipped.

5. Effigies of Ravana, Meghanada, and Kumbhakarna are burned in open fields to symbolize the destruction of evil.

6. People visit temples and offer prayers to seek blessings and protection from negative forces.

7. Dussehra is also a time for exchanging gifts, sweets, and warm wishes with family and friends.

8. The festival promotes moral values and the importance of righteousness in one’s life.

9. It is a public holiday in many parts of India, and schools and offices remain closed on this day.

10. Dussehra is a vibrant and culturally rich festival that unites people in the celebration of good prevailing over evil.

Essay on Dussehra in 100 Words

Dussehra is a Hindu festival that celebrates the victory of good over evil. It is also known as Vijayadashami. The festival is celebrated over ten days, beginning on the first day of the Hindu month of Ashvin. On the tenth day, the effigies of King Ravana are burned in a symbolic gesture of the destruction of evil. Dussehra is a time for celebration and feasting. People gather to watch Ramlila, a theatrical reenactment of the Ramayana, and to enjoy fairs, processions, and fireworks. The festival is also a time for introspection and reflection, as it reminds us of the importance of the power of faith and determination.

Fun Fact- In Nepal, Dussehra is celebrated as Dashain and is the longest Hindu festival in the country.

Also Read – Holi Essay

Essay on Dussehra in English 150 Words

Dussehra is a festival known for its cultural importance in the history of India. It is celebrated on the tenth day after the end of the 9-day festival of Navratri. On this auspicious day, people celebrate the victory of good over evil, i.e., Lord Rama’s triumph. People also worship Goddess Durga and celebrate this day as the day of victory for the Goddess over the evil monster Mahishasur.

Weapons are also worshipped on Dusshera. Effigies of Ravan stuffed with firecrackers are burned in public gatherings. Ramlila is performed in different parts of the country. The people of India decorate their homes, offices, schools, and other places with flowers and rangoli. Sweets were distributed as Dussehra marks the initiation of the preparation of the biggest festival of India Diwali.

All these activities are done to spread positivity and awareness among the young generations and to celebrate the Indian culture.

Also Read: Regional Festivals in India

Essay on Dussehra in 250 Words

The story of Rama and Ravana is one of the most popular and beloved stories in Hindu mythology . It is the story of a righteous prince who fights against an evil king to save his wife. The story teaches us the importance of good over evil, of courage and determination, and of the power of love.

Dussehra is celebrated all across India with great pomp and show. It marks the victory of good over evil. In the month of Ashvin, according to the Hindu calendar, the day of Dashmi is celebrated as the day of Vijayadashmi or Dussehra. It was on this day Lord Rama accompanied by his brother and an army of monkeys defeated the huge skilled army of Lanka by killing King Ravana. 

The first written mention of Dussehra is found in the Ramayana, an epic poem that tells the story of Rama and Ravana. The poem describes how Rama defeated Ravana and rescued his wife Sita from captivity. The festival of Dussehra marks the end of the 10-day festival of Navratri. Navratri is also celebrated as Durga puja in the eastern part of India worshiping the goddess Durga.

Dussehra is a festival of hope and renewal. It is a time to look forward to a better future and to believe that good will always triumph over evil.

Fun Fact – Navratri means Nine Nights.

Also Read- Teacher’s Day

Related Articles:

Happy Dussehra 2023: History, Significance, Celebrations, Date, and More

Happy Dussehra 2023: Top 20+ Dussehra Quotes, Wishes, and Messages

Happy Dussehra 2023: Top 10+ Sweets You Can Make and Distribute This Year!

Dussehra 2024: When is Dussehra as Per Indian Calendar

Dussehra Mela 2023: Activities in Mela

Dussehra is celebrated as the triumph of Lord Rama over Ravana. On the day of Dussehra, people make statues of Ravana and his brother and son setting them on fire. This shows the victory of good over evil and to question our inner demon self.

Dussehra in 10 lines is explained below: 1. The word Dussehra is formed out of two words – DUS means Ten heads of Ravana and HARA means defeat. 2. This year India will celebrate Dussehra on 24 October 2023. 3. It is held after the end of the Navratri festival. 4. Dussehra marks the victory of Lord Rama over the demon Ravan. 5. This day signifies the victory of good over bad. 6. Effigies of Ravan are burned at public gatherings. 7. People worship Goddess Durga to celebrate her victory of killing the monster Mahishasur. 8. Schools conducts art and craft activities on Dussehra. 9. Ramlila is performed to spread the story of victory. 10. People worship weapons in their homes.

Dussehra is celebrated with great zeal throughout India. The festival’s celebrations are unaffected by the different cultures. Throughout the event, the passion and zeal stay constant. In addition, Dussehra commemorates Lord Rama’s triumph over Demon Ravana.

We hope this blog on Essay on Dussehra in English has given you some known and unknown facts. The festival brings everyone closer and spreads the feeling of happiness all around. For more such trending events , keep reading our important days blogs on Leverage Edu to stay informed about the news and important dates in the world of education!

' src=

Rajshree Lahoty

Leave a Reply Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Contact no. *

essay on dussehra in hindi 500 words

Connect With Us

essay on dussehra in hindi 500 words

25,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today.

essay on dussehra in hindi 500 words

Resend OTP in

essay on dussehra in hindi 500 words

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

January 2024

September 2024

What is your budget to study abroad?

essay on dussehra in hindi 500 words

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Have something on your mind?

essay on dussehra in hindi 500 words

Make your study abroad dream a reality in January 2022 with

essay on dussehra in hindi 500 words

India's Biggest Virtual University Fair

essay on dussehra in hindi 500 words

Essex Direct Admission Day

Why attend .

essay on dussehra in hindi 500 words

Don't Miss Out

Hindi Grammar by Sushil

दशहरे पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi

हमारा भारत देश देश दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिस त्योहारों का देश भी कहा जाता है हमारे हिंदू धर्म मैं बहुत सारे त्योहारों एवं रीति-रिवाजों का वर्णन है और ये त्योहार हम हिंदुओं के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।

इन्हीं त्योहारों में एक त्यौहार है दशहरे का जिसे विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही भगवान राम ने रावण का और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

इसी कारण हर वर्ष विजयदशमी के त्यौहार को पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस अध्ययन में विभिन्न जगहों पर रावण की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनाई जाती है और उसे जलाया जाता है ऐसा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक को दर्शाने के लिए किया जाता है।

इस त्यौहार के जरिए हमें यह प्रेरणा मिलती है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी हो जाए परंतु एक न एक दिन उसे अच्छाई के सामने झुकना ही पड़ता है इसलिए हमें अपने जीवन में अच्छाई का अनुसरण करना चाहिए।

दशहरे पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi

Table of Contents

दशहरे पर निबंध 100 शब्दों में

दशहरा शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है दस एवं अहन् से मिलकर बना है दशहरा उत्सव की उत्पत्ति के विषय में कई कल्पनाएं की गई है कुछ लोगों का मत है कि यह कृषि का उत्सव है और कुछ लोग इसे सांस्कृतिक पहलू भी बताते हैं।

भगवान राम ने इस दिन रावण का वध किया था और असत्य पर सत्य की विजय हुई थी इसलिए इस दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है।

दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में एक है एवं अन्य दो चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा है इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं इस दिन शस्त्र पूजा वाहन पूजा आदि भी की जाती है।

प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर अपने युद्ध यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे दशहरे का पर्व 10 प्रकार के पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा देता है।

दशहरे पर निबंध 250 शब्दों में

दशहरा हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है इसके बारे में सभी लोग भली-भांति जानते हैं दशहरा अच्छाई पर बुराई की जीत रूप में मनाया जाने वाला यह का प्रमुख त्यौहार है।

इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध किया था और उसके उसके बुरे कर्मों की सजा दी थी एवं इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था और बुराई पर जीत हासिल की थी।

इसी कारण इस दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दशहरे से 9 दिन पहले नवरात्रि मनाई जाती है और नवरात्रों में माता पार्वती के नौ रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन बड़ी धूमधाम के साथ दशहरे को मनाया जाता है।

इस दिन मैदानों में रावण मेघनाथ कुंभकरण आदि के पुतलों को लकड़ी पटाखों तथा राजपूत आदि का इस्तेमाल करके बनाते हैं और इसके बाद रामलीला का कार्यक्रम भी किया जाता है।

रामलीला के मंचन के बाद सभी लोग एकत्रित होकर रावण दहन का आनंद उठाते हैं और कई जगहों पर गरबे आदि का आयोजन भी किया जाता है।

इस दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाईयां देखते हैं और छोटे अपने से बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और बड़े उन्हें अपना प्यार और स्नेह समर्पित करते हैं इसी के साथ लोग रिश्तेदारों के घर जा कर एक दूसरे से मिलते हैं और मिठाइयां बांटते हैं इस प्रकार लोग इस त्यौहार की खुशी मनाते।

दशहरे का यह त्यौहार हमें हमारे जीवन में कई सीख देता है और यह समझाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी या मजबूत हो आखिर में जीत सच्चाई की ही होती है इसलिए जीवन में अच्छाई का महत्व समझे और अपने जीवन को अच्छाई के राय पर लेकर आगे बढ़े।

क्योंकि एक इंसान अपने बाल विद्या का उपयोग सही जगह ना करके गलत जगह करता है तो उसका अंतर रावण और महिषासुर की तरह ही होता है इस कारण हमें अपने जीवन में अच्छाई का अनुसरण करना चाहिए।

दशहरे पर निबंध 300 शब्दों में

बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रदर्शित करते इस त्यौहार को लोग कई सारी रीति-रिवाजों और पूजा पाठ के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, धार्मिक लोग और भक्तगण पूरे दिन व्रत रखते हैं और कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं।

कुछ लोग मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस में पूरे 9 दिनों तक व्रत रखते हैं दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष में दशहरा मनाते हैं दशहरे का पर्व हर्ष सितंबर और अक्टूबर के अंत में दीपावली से 2 सप्ताह पहले मनाया जाता है।

देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरे को मनाने के रीति-रिवाज और परंपराएं भिन्न-भिन्न है कई जगहों पर इसे पूरे 9 दिन तक मनाया जाता है मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों के सामने सुनाई जाती है साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है।

विजयदशमी में रामलीला का मंचन पौराणिक कथाओं को इंगित करता है, जय सीता माता के अपहरण के पूरे इतिहास को बताता है अशोक राज रावण उनके पुत्र मेघनाथ भाई कुंभकरण की हार और अंत में राजाराम की जीत को दर्शाते हैं।

इसमें रावण मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को बनाया जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाने के लिए रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जलाए जाते हैं।

उस रावण के 10 सिर थे लेकिन हर शेर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण की एक सर और एक पैर होते हुए भी आने की नाते चेहरे हैं जो नवाबों के पीछे छिपे हुए हैं इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम सभी अपने अच्छे संस्कारों ज्ञान और अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इन मकानों को हटाकर उस रावण को खत्म करके एक अच्छे चरित्र का निर्माण करें।

यह ऐसा त्योहार है जो लोगों के मन में नई ऊर्जा, नई चाह और सात्विक ऊर्जा को जाता है इसके 2 सप्ताह के बाद ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है और यह त्यौहार भी हमें अंधकार में प्रकाश की ओर जाने को इंगित करता है इस प्रकार भारतीय समाज के त्योहार कहीं ना कहीं हम सभी को अपने जीवन में अच्छाई की और जाने की प्रेरणा देते हैं।

दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में

दशहरा हम हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है जो हमें यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी बड़ी और ताकतवर क्यों ना हो लेकिन अच्छाई के सामने वह बहुत छोटी और कमजोर है।

देर से ही सही किंतु एक ना एक दिन बुराई को हार का सामना करना ही पड़ता है बुराई कुछ समय के लिए अच्छाई को दबा सकती है लेकिन उसे कभी हरा नहीं सकती और अच्छाई तथा सच की जीत निश्चित होती है।

इसके साथ ही जिस प्रकार भगवान राम ने रावण का वध करके इस दुनिया से बुराई का अंत किया था उसी प्रकार हमें भी उनके जैसे गुणों को अपने अंदर विकसित करते हुए अपने अंदर के रावण नामक बुराई को खत्म करना चाहिए।

दशहरे से संबंधित पौराणिक कथाएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन श्री राम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी और इसी की स्मृति में विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाता है ऐसी भी मान्यता है कि पांडवों के अज्ञातवास के दौरान इसी दिन ही अर्जुन शमी नामक राक्षस का वध किया था।

इसी के साथ इसी दिन अर्जुन ने अपनी गाड़ियों को उतारकर दुर्योधन की सेना को भगाते हुए राजा विराट कि अपहृत गायों को छुड़ाया था।

इसके साथ ही एक पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन राजा रघु ने देवराज इंद्र पर विजय प्राप्त कर उसे ढेर सारी स्वर्ण मुद्राएं प्राप्त की थी और उन्हें लोग में दान कर दिया था।

दशहरे का महत्व

दशहरे का त्यौहार हम सभी के जीवन में बहुत महत्व रखता है और दिन अपने अंदर की सभी बुराइयों को खत्म करके एक नए जीवन की शुरुआत करने का होता है। और ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुरू किया गया कोई भी कार्य शुभ और सफल होता है।

दशहरा सच्चाई की जीत की खुशी के जश्न के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है इस जश्न के साथ सबकी अपनी-अपनी मान्यताएं और आस्था जुड़ी हुई है जैसे किसानों के लिए यह फसल को घर लाने का जश्न है बच्चों के लिए यह राम के द्वारा रावण के वध का जश्न है।

इसी प्रकार बड़ो के लिए यह बुराई पर अच्छाई की विजय का एक त्यौहार है इस फार्म को हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि दशहरे से पहले 9 दिनों तक नवरात्रि का त्योहार चलता है इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।

दशहरा कैसे बनाया जाता है?

इस दिन मां दुर्गा और भगवान श्री राम की पूजा की जाती इसके साथ ही इस दिन शास्त्रों और वाहनों आदि की भी पूजा करने का विधान है, इस दिन मैदानों में रावण के साथ कुंभकरण और उसके पुत्र मेघनाथ के पुतले बनाए जाते हैं।

इसमें लोग पटाखे राजपूत आदि लगाते हैं कई स्थानों रावण के दहन के पहले रामलीला के कार्यक्रम को भी किया जाता है और दशहरे में मेलों का आयोजन भी होता है।

यह हमें अपने अंदर के रावण को मारने की प्रेरणा देता है

हम बाहर के दावा का तो पुतला बनाकर जला देते हैं की बुराई हमेशा अच्छाई के सामने हार गई लेकिन अपने अंदर की बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते सतयुग के दौर में केवल एक ही रावण का अस्तित्व था जिस पर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी परंतु इस कलयुग में हर घर में एक रावण छुपा बैठा है।

विजयदशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है,जो हमें अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त करने प्रेरणा देता है हालांकि यह बात तो सच है कि ना वहां पर विजय पाना इतना आसान नहीं है परंतु जिस प्रकार दीपक की हल्की सी रोशनी भी अंधकार का नाश करने के लिए काफी होती है ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा की सोच ही अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए काफी है।

दशहरे जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के दिन भी कुछ असामाजिक तत्व शराब पीकर लोगों को परेशान करते हैं कुछ मांग गंदी मानसिकता वाले लोग मीणा का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़खानी जैसी शर्मनाक हरकतें करते हैं।

ऊंची मानसिकता रखने वाले लोग इस तरह की हरकतों के साथ दशहरे के महत्व को खराब करते हैं और लोगों तथा समाज के लिए एक परेशानी का कारण बनते हैं अतः हमें चाहिए कि लोगों को इस प्रकार की हरकतों को करने से रोके और हम भी इस तरह की ही कोई भी हरकत करने से बचें।

यह ऐसा त्योहार है जो लोगों के अंदर अच्छाई की जीत की सीख के साथ लोगों के अंदर एक नई सकारात्मक ऊर्जा और नई चाहे को जन्म देता है और हमें यह सिखाता है कि बुराई किसी भी रास्ते पर चलते हुए कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाए परंतु एक ना एक दिन उसे अच्छाई के सामने झुकना ही पड़ता है।

इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम सभी इस त्यौहार के असली महत्व को समझें और इसके महत्व को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें ताकि हम अपने समाज में एक अच्छे चरित्र के साथ उभर कर सामने आ सके और लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने।

यह भी पढ़ें

  • ऑनलाइन शिक्षा के महत्‍व पर निबंध
  • भाई दूज पर निबंध
  • पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
  • छठ पूजा पर निबंध
  • गणेश चतुर्थी पर निबंध
  • पराक्रम दिवस पर निबंध

तो आप सभी को “दशहरे पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi” के बारे में सारी जानकारी प्राप्‍त हो गई होगी। हमें पूरी उम्‍मीद हैं कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद आयी होगी। अगर आपके कोई प्रश्‍न हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछे और पोस्‍ट को अपने सोशल मीडिया और दोस्‍तों के साथ जरूर शेयर करें।

Suneel

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मैं Suneel Kevat इस ब्‍लॉग का Writer और Founder हूँ. और इस वेबसाइट के माध्‍यम से Hindi Grammar, Essay, Kavi Parichay, Lekhak Parichay, 10 Lines Nibandh and Hindi Biography के बारे में जानकारी शेयर करता हूँ।

Share this:

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

Essay on Dussehra in English In 10 Lines and 150-500 Words_0.1

Essay on Dussehra in English In 10 Lines and 150-500 Words

Here we have included several easy & amazing Essay on Dussehra in English for students. In India, the Dussehra festival lasts ten days. Dussehra is celebrated as Vijayadashmi in various parts of India

Featured Image

Table of Contents

Writing on a topic like the Dussehra Essay in English is a fun and creative activity for school students in grades 3 to 10 during this festival season (Class 3, 7, 8, 9, and 10). In this post, we have included several easy yet amazing essays on Dussehra for children. Dussehra is a Hindu holiday observed throughout India. From the very first day of the year, everyone, from children to adults and the elderly, looks forward to Dussehra. Students are given ten days off from school and college to enjoy this celebration to the fullest.

Essay on Dussehra

Dussehra is also one of the most lengthy festivals in our country. In India, the Dussehra festival lasts ten days. Dussehra is celebrated as Vijayadashmi in various parts of India. This event has a single message, or we might say that it is all about the “victory of good over evil.” This event is significant because it represents the triumph of the power of good against the power of vice. Across the country, people welcomed Dussehra with great excitement and love. It is an occasion for everyone to celebrate! This Dussehra Essay in English & Hindi explores the reasons why and how people spend Dussehra.

Dussehra Essay in English 10 Lines

A sample of the Dussehra Essay in English 10 lines is given here. Read this essay on Dussehra and modify it in your own words.

  • Dussehra is a large celebration celebrated by Hindus and is regarded as one of the major festivals.
  • In various regions of the country, this celebration is also known as Vijayadashami.
  • This event is observed in the month of Ashvin according to the Hindu calendar. Dussehra falls between September and October.
  • This celebration has a mythical underpinning. On this day, Goddess Durga is said to have expelled the demon Mahishasura from the world.
  • Dussehra represents Lord Rama’s victory over the demon King Ravana, which represents the triumph of good over evil.
  • As a result, on the day of Dussehra, people created and burned the idols of Ravana and his brothers.
  • To celebrate the event, people perform comedies and plays in a style of theatre known as Ram-Leela.
  • They load the statues with explosives and discharge an arrow, resulting in spectacular fireworks and beautiful images. This represents the triumph of good over evil, which is an important lesson to learn.
  • People celebrate this holiday with great zeal, excitement, and passion, and they look forward to it all year.
  • This ten-day big event also contributes significantly to the country’s economy. During this occasion, numerous people are employed to create pandals, statues, idols, and decorations.
  • Dussehra imparts to us two valuable lessons: the need for truthfulness and integrity in every aspect of our lives, and the fact that good always prevails over evil.

Essay on Dussehra in English In 10 Lines and 150-500 Words_3.1

Dussehra Essay in English 150 Words

Dussehra is a particularly major Hindu festive observed throughout India in the month of October/ November. It is celebrated with considerable pomp and extravaganza. Dussehra is observed in various ways throughout the country. The festival of Dussehra commemorates Lord Rama’s victory over Ravana. North Indians celebrate Ram-Leela by burning gigantic realistic statues of the demon Ravana and his siblings.

Dussehra also commemorates Durga’s triumph over Mahishasura. Goddess Durga appeared in front of the demon “Mahishasur” to signify Shakti, or power and bravery. This event gives us the feeling that there is light at the end of the tunnel and that good will triumph over evil and truth will triumph over falsehoods. This festival benefits local sweet businesses, merchants, priests, and theatre professionals. As a result, this festival provides a financial boost to our country at this time. Although Dussehra is observed differently across the country, the universal theme is the triumph of virtue over evil.

Dussehra Festival Essay in English 250 Words

Every year, Hindus across the country rejoice in the Dussehra festival, It is also known as Vijayadashmi. This celebration is significant both religiously and culturally. Every year, it falls in September or October, just before the twenty-day Diwali celebration. People commemorate this holiday with great zeal and conviction. This festival represents the triumph of kindness over evil or the triumph of truth against evil power. This holiday is marked by a number of rituals and a pooja ceremony.

Prince Rama was exiled from his kingdom of Ayodhya to the wilderness for 14 years in ancient times. Ravana kidnapped his wife, Seeta, during the last year of his exile. It is stated that Lakshman chopped Ravana’s sister’s nose, which is why Ravana kidnapped Lakshman’s sister-in-law, Seeta. The Dussehra festival occurs approximately two weeks before the Diwali festival.

Religious folks and enthusiasts observe a 24-hour fast. Some individuals fast solely on the first and last day (9th day), while others fast for the entire nine days and worshipped Goddess Durga for blessings and strength. People celebrate Dussehra on the tenth day to commemorate Lord Rama’s victory over the evil king, Ravana.

Diverse parts of the country have diverse customs and traditions for commemorating the Dussehra festival. It is celebrated for ten days somewhere, and temple priests recite mantras and tales from the Ramayana in the presence of a large crowd of devotees. A large Ram Lila fair is held somewhere for a few weeks or a month.

Essay on Dussehra in English 500 Words

Introduction –

Dussehra is the most important Hindu festival, observed all over the country. It occurs every year in September or October, twenty days before the Diwali celebration. The ladies prepare for their pujas, while the males stock up on crackers and other festive foods. In some parts of India, Dussehra is also known as Vijayadashami. Leaving aside regional differences, the primary events of this festival share a common theme: the triumph of virtue over evil.

Why do we celebrate Dussehra?

Dussehra commemorates Lord Rama’s victory over the Demon Ravana. Lord Rama represents truth, whereas Ravana signifies evil power. It is a largely ceremonial and religious celebration held by Hindus in honor of the goddess Durga. According to Hindu mythologies, on this day, Goddess Durga expelled the monster Mahishasura from the world. Similarly, other traditions claim that on this day, Lord Rama fought and defeated the Demon King Ravana.

What are the rituals we follow during this festival?

It is a ten-day festival, with nine days dedicated to praying to the goddess Durga and the tenth dedicated to celebrating Lord Rama’s victory over the demon King, Ravana. A lot of planning goes into this festival, which begins a few days before the actual date.

Dussehra Celebration –

A large fair is conducted for ten days or a month in which individuals from all over the country come to set up stores and stalls selling everything needed by the people. People reenact the ten-day fight that happened between them. Ram-Leela is the name given to this dramatic form. People in North India perform the Ram-Leela using masks and other dance forms.

For three days, a massive fair is held with a theatrical presentation of Dussehra stories. In the Ram Lila ground, paper models of Ravana, Kumbhkaran, and Meghnath are prepared, and actual individuals perform the roles of Rama, Seta, and Lakshman. People and children used to spend the entire night watching the fair, which included ram-lila.

In the Ram Lila, actual individuals portray many significant episodes in Lord Rama’s life. Thousands of men, women, and children from the surrounding areas gather on the Ram Lila grounds to watch the event.

The lights are turned on everywhere, and the entire environment is filled with the sound of firecrackers. This fair is enjoyed by people of all ages. They observe the fireworks and are awestruck by the spectacular displays. Children anticipate this event the most and beg their parents to allow them to witness the firecrackers.

Victory Over Evil – Conclusively, those watching comprise individuals from diverse backgrounds and not solely from the Hindu faith, which merges them together. Above all, Dussehra represents the victory of righteousness over maliciousness telling us that good deeds always win over evil ones.

Sharing is caring!

What is Dussehra in 10 lines?

The Dussehra festival commemorates Lord Rama's victory over Ravan. It also recalls the victory of Goddess Durga over Mahishasur in defending the world from him. Several amazing Dussehra essay in english is provided in this post.

Why do we celebrate Dussehra topic?

Dussehra is a prominent Hindu holiday that commemorates the end of Navratri. The celebration commemorates Lord Rama's victory over Ravana.

Monisa Baral

Hi buds, I am Monisa, a postgraduate in Human Physiology (specialization in Ergonomics and Occupational health) with 1.5 years of experience in the school education sector. With versatile writing skills, I provide educational content to help students find the right path to success in various domains, such as JEE, NEET, CUET, and other entrance exams.

UNEMPLOYMENT IN INDIA

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Trending Articles

  • 2nd PUC Result 2024 Link
  • NEET Syllabus 2024 [Reduced]

cuet science online coaching

CBSE Board Exam 2024

  • CBSE Class 10 Syllabus 2024 
  • CBSE Class 12 Syllabus 2024 
  • CBSE Previous Year Papers  
  • CUET Syllabus
  • CUET Previous Year paper
  • CUET Participating College & Universities
  • JEE Main 2024  
  • JEE Main Syllabus 2024  
  • JEE Main Exam Analysis 2023  
  • NEET 2024  
  • NEET Syllabus 2024
  • NEET State wise Cut off
  • NEET Rank Predictor  
  • NEET OMR Sheet
  • NEET College Predictor

Recent Posts

Important exams, ncert solutions.

  • NCERT Class 12
  • NCERT Class 11
  • NCERT Class 10
  • NCERT Class 9

NCERT Books

School syllabus.

  • CBSE Class 12
  • CBSE Class 11
  • CBSE Class 10
  • CBSE Class 9
  • JEE Mains 2024

Our Other Websites

  • Teachers Adda
  • Bankers Adda
  • Adda Malayalam
  • Adda School
  • Adda Punjab
  • Current Affairs
  • Defence Adda
  • Adda Bengali
  • Engineers Adda
  • Adda Marathi

school

Get all your queries solved in one single place. We at Adda247 school strive each day to provide you the best material across the online education industry. We consider your struggle as our motivation to work each day.

Download Adda247 App

google store

Follow us on

youtube

  • Responsible Disclosure Program
  • Cancellation & Refunds
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy

IMAGES

  1. Short Essay On Dussehra In Hindi For Class 6

    essay on dussehra in hindi 500 words

  2. दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

    essay on dussehra in hindi 500 words

  3. Essay on Dussehra in Hindi 500 Words दशहरा पर निबंध

    essay on dussehra in hindi 500 words

  4. दशहरा,विजयादशमी पर निबंध/ भाषण (2019) || Essay on Dussehra or Vijaya

    essay on dussehra in hindi 500 words

  5. Short Essay On Dussehra In Hindi For Class 6

    essay on dussehra in hindi 500 words

  6. दशहरा पर निबंध

    essay on dussehra in hindi 500 words

VIDEO

  1. दशहरा पर 20 लाइन निबंध

  2. Essay on Dussehra in telugu 2022 // speech about dasara in telugu// @NKVEducation

  3. ਦੁਸਹਿਰਾ

  4. Dussehra Saree Collections || Saree 500/- Olny || One Lakh Saree || Parinaya Silks In Tirupati

  5. दशहरा पर निबंध

  6. दशहरा पर निबंध/Dussehra par nibandh/speech on dussehra in hindi/Dussehra essay in hindi writing

COMMENTS

  1. Essay on Dussehra in Hindi

    Essay on Dussehra in Hindi - दशहरा पर निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों मे. August 6, 2023 by SAMIT CHANDRA. भारत एक विविधता से भरा देश है, यहां त्योहारों का भी एक विशेष महत्व है इसलिए ...

  2. दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 150, 200

    दशहरा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल सितंबर-अक्टूबर या हिन्दू पंचांग के अनुसार ...

  3. दशहरा पर निबंध

    दशहरा निबंध (Dussehra Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के ...

  4. दशहरा पर निबंध 10 lines (Essay On Dussehra in Hindi) 100, 150, 200, 250

    दशहरा पर निबंध 10 lines (Essay On Dussehra in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 350, 500, शब्दों मे. Last Updated on: जनवरी 6, 2024, 9:37 पूर्वाह्न by HindiHolicAdmin. Essay On Dussehra in Hindi - दशहरा हिंदू धर्म के लोगों ...

  5. दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

    दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) - विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। सभी के सुख की कामना करने वाली और सबकी आस्थाओं को समान आदर-सम्मान देने और ...

  6. Essay on Dussehra in 100, 200, 300 and 500 words

    दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 200 शब्दों में. दशहरा, जिसे "विजयादशमी" भी कहा जाता है, भारत का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान राम की ...

  7. दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

    दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Hindi Essay on Dussehra in 500 Words. दशहरा त्यौहार भारत के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबे त्योहारों में से एक हैं.

  8. Essay on Dussehra in Hindi ...

    इस ब्लॉग के माध्यम से जानिए Essay on Dussehra in Hindi, स्टूडेंट्स के लिए दशहरा पर निबंध 100, 150, 250 और 500 शब्दों में

  9. दशहरा पर निबंध ( विजयादशमी )

    Essay on Dussehra in Hindi - Dusshera also know as Vijayadashami is an Indian Festival that reflects the victory of good over evil in Hindu mythology. ... Child Labour Essay in English (500+ Words) Recent Comments. StoriesRevealers on Diwali Essay in Hindi;

  10. Essay on Dussehra in Hindi 500 Words दशहरा पर निबंध

    Students today we are going to discuss a very important topic i.e essay on Dussehra in Hindi. Dussehra essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Dussehra in Hindi is defined in more than 1500 words. Learn an essay on Dussehra in Hindi and bring better results. Essay on Dashahara in Hindi - दशहरा पर निबंध

  11. (300 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में

    (500 शब्दों में) दशहरा पर निबंध हिंदी में | Essay on Dussehra in Hindi (500 words) परिचय: दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाए जाने वाले ...

  12. दशहरा पर निबंध

    3. दशहरा पर निबंध 700 words - Essay on Dussehra in Hindi प्रस्तावना. त्यौहार एक व्यस्त जीवन को रसपूर्ण बनाने के लिए मानव विचार और चेतना से पैदा हुए कई साधनों में से एक है.

  13. दशहरा पर निबंध

    Long Essay on Dussehra in Hindi. प्रस्तावना -. भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा भी है दशहरा त्योहार भारत में पुरातन काल से ही बड़ी धूमधाम से ...

  14. Dussehra- दशहरे पर निबंध 10 लाइन (300 से 500 Words निबंध)

    Dussehra Essay Hindi Word 500. Dussehra-दशहरा हिंदुओं द्वारा दिवाली से पहले मनाया जाने वाला त्यौहार है भारत मे बहुत से त्यौहार मनायें जाते है जिसमें से बहुत ...

  15. Dussehra Essay in Hindi: दशहरा पर निबंध

    Dussehra Essay in Hindi Dashara Puja Par Nibandh 300 Words भारत देश में हर साल दशहरा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, देवी ...

  16. Essay on Dussehra in Hindi Language 2018

    Dussehra Essay in Hindi Language - दशहरा पर निबंध: Paragraph, Short Essay on Dussehra in Hindi Language for Students & Kids of all Classes in 100, 150, 200, 300, 400, 500, 600 words. Get information about Dussehra in Hindi.

  17. Dussehra Essay in Hindi

    दशहरा,(Dussehra Essay) जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व का ...

  18. दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

    दशहरे पर निबंध 500 शब्दों में | Hindi Essay on Dussehra in 500 Words दशहरा त्यौहार प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबे त्योहारों में से एक हैं.

  19. दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi)

    दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi)- दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। ये बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है, जिसे विजयदशमी, बिजौया और

  20. Essay on Dussehra Collection

    Explore our comprehensive 'essay on Dussehra' collection, tailored for various lengths. Whether you're seeking a concise essay (150-200 words), a more detailed exploration (500-700 words), or an in-depth dive (1000-1500 words), our articles capture the essence, history, and significance of this revered Indian festival. Dive in to understand Dussehra's multifaceted celebrations.

  21. Essay on Dussehra: Samples in 100, 250 Words and 500 Words

    History of Dussehra, essay sample of 100 words, 150 words, 250 words, and much more. ... Essay on Dussehra: Samples in 100, 250 Words and 500 Words. Rajshree Lahoty; Updated on ; Oct 13, 2023; 6 minute read. 10 shares. 4.2 (6) Dussehra is a major Hindu festival celebrated across India. It marks the victory of good over evil, as represented by ...

  22. दशहरे पर निबंध

    तो आप सभी को "दशहरे पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi" के बारे में सारी जानकारी प्राप्‍त हो गई होगी। हमें पूरी उम्‍मीद हैं कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद

  23. Essay on Dussehra in English In 10 Lines and 150-500 Words

    Essay on Dussehra in English In 10 Lines and 150-500 Words. Here we have included several easy & amazing Essay on Dussehra in English for students. In India, the Dussehra festival lasts ten days. Dussehra is celebrated as Vijayadashmi in various parts of India. Writing on a topic like the Dussehra Essay in English is a fun and creative activity ...