Nelson Mandela Biography in Hindi – नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय

इंडिया बायोग्राफी ब्लॉग में आपका स्वागत है, इस बायोग्राफी लेख में आपको साउथ अफ्रीकन गाँधी नेल्सन मंडेला के जीवन परिचय से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी, तो चलिए जानतें है कि कौन थे नेल्सन मंडेला ? नेल्सन मंडेला का जीवन और काम | nelson mandela, life, work (nelson mandela biography in hindi, wiki , age, quotes, family, books, short bio, bio books, life, dob & more)

Nelson Mandela Biography in Hindi – संछिप्त परिचय

nelson mandela biography in hindi

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, साउथ अफ़्रीका संघ में गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी के यहाँ हुआ था। इनका वास्तविक नाम नेल्सन रोलीह्लला मंडेला था। यह दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। इनको साउथ अफ्रीका का गाँधी कहा जाता था।

व्यक्तिगत जीवन और परिवार – 

मंडेला ने अपने जीवन में तीन शादियाँ की थी, जिससे उनकी छह संतानें हुई थी, इनके परिवार में 17 पोते-पोती हैं। बताया जाता है कि वर्ष 1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा भी चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष करार दिया था। वर्ष 1998 में इन्होने अपने 80वें जन्मदिन पर ग्रेस मेकल से विवाह किया था।

वास्तविक नाम – नेल्सन रोलीह्लला मंडेला जन्म – 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका मॉडेला जी महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। राजनितिक पार्टी – अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पत्नी – एवलिन नटोको मेस, विनी मदिकिज़ेला और ग्राशा मैचल बच्चे – मेडिका थेमबेकल मंडेला मैकज़िव मंडेला मैकगाथो लेवानिका मंडेला मैकज़िव मंडेला ज़ेनानी मंडेला ज़िनज़िस्वा मंडेला गृहनगर – ह्यूटन एस्टेट, जोहानसबर्ग, गौटेंग, दक्षिण अफ़्रीका शिक्षा – यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर से धर्म – ईसाई (मेथोडिज़्म) मृत्यु – 5 दिसम्बर 2013 (उम्र 95) वेबसाइट – nelsonmandela.org

नेल्सन मंडेला की शिक्षा –

मंडेला ने अपनी शुरुआती शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की थी, उसके बाद इन्होने आगे की शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली थी , बताया जाता है कि मॉडेला जब महज 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। यह अपने पिता के संतानों में 13 भाइयों में तीसरे पर थे। इनके पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।

नेल्सन मंडेला का राजनितिक सफर –

मंडेला के बारे में कहा जाता है की यह 1941 में जोहन्सबर्ग चले गये थे जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई थी, जिनसे राजनीतिक रूप प्रभावित होकर नेल्सन मंडेला ने जीवन यापन करने के लिए वहीं पर (जोहन्सबर्ग) एक कानूनी फ़र्म में क्लर्क बन गये थे। बाद में धीर-धीरे समय का पहिया बदला और उनकी सक्रियता राजनीति में बढ़ने लगी, ऐसे में मंडेला ने “रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव” को दूर करने के लिए राजनीति में कदम रखा था, यहीं से शुरू होता है मंडेला का राजनितिक सफर जो इनको साउथ अफ्रीका जैसे देश के राष्ट्रपति पद तक ले गया और यह 10 मई 1994 से 14 जून 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति रहे थे।

इनके जन्म दिवस के दिन को संयुक्त राष्ट्रसंघ ने नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। मंडेला के बारे में कहा जाता है कि इन्होने रंगभेद के विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष की वजह से इनको 27 साल तक रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताना पड़ा था, जहाँ इन्होने कोयला खनिक का काम भी किया था, काफी लम्बा संघर्षपूर्ण रहा था नेल्सन मंडेला का जीवन।

मंडेला और मजदूर –

5 अगस्त 1962 को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया था, उनपर मुकदमा भी चला और अंततः उनको 12 जुलाई 1964 को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। जेल में इन्होने अश्वेत कैदियों को लामबन्द करना शुरू किया था जीवन के 27 वर्ष इन्होने जेल में ही बिताये थे, अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। उसके बाद इन्होने शान्ति की नीति द्वारा एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी थी।

वर्ष 1994 का वो दौर जब साउथ अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए, जिसमे अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त किये थे, जिसमे उनको बहुमत के साथ सरकार बनाने का अवसर मिला, इसी क्रम में 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। अफ्रीका के नये संविधान को मई 1996 में संसद की ओर से सहमति मिली जिसके अन्तर्गत राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों की जाँच के लिये कई संस्थाओं की स्थापना की गयी। वर्ष 1997 में मंडेला सक्रिय राजनीति से अलग हो गये और दो वर्ष पश्चात् उन्होंने 1999 में कांग्रेस-अध्यक्ष का पद भी छोड़ दी थी।

मंडेला की विचारधारा –

इनके बारे में कहा जाता है की यह बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। इनको गांधी से प्रेरणा स्रोत माना जाता था इन्होने उनसे ही अहिंसा का पाठ सीखा था।

नेल्सन मंडेला की मृत्यु –

5 दिसम्बर 2013 का वह दौर जब फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण मंडेला की हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में मृत्यु हो गयी थी। उनकी मृत्यु की घोषणा राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की थी।

पुरस्कार एवं सम्मान –

साउथ अफ्रीकन लोग इनको व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता” मानते थे। यह वहां के “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक” भी माने जाते थे। इनको अफ्रीका का “राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” भी माना जाता था। वर्ष 2004 में जोहनसबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया था।अफ्रीका में प्रायः मंडेला को मदीबा कह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक माना जाता है। इनको विश्व के कई देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान मिले थे।

  • वर्ष 1993 में इनको अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
  • इनको प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम का पुरस्कार भी मिल चूका है।
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन के पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे मंडेला।
  • भारत रत्न पुरस्कार भी इनको मिला है।
  • निशान-ए–पाकिस्तान के पुरस्कार से भी इनको नवाजा जा चुका था।
  • 23 जुलाई 2008 को मंडेला को गाँधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

रोचक जानकारी (Nelson Mandela Biography in Hindi)

  • नेल्सन मंडेला विश्व भर में एक ख्याति प्राप्त नेता रहे हैं।
  • इन्होने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और एक दिन साउथ अफ्रीका जैसे देश के राष्ट्रपति बने।
  • इनको अफ्रीकन लोग गाँधी के नाम से भी जानतें हैं।
  • इनका जीवन काल काफी लम्बा रहा था।
  • 95 वर्ष की उम्र में इनका निधन हुआ था।

Nelson Mandela Biography in Hindi से जुड़ी जानकारी आपको कैसी लगी?

इनके बारे में भी पढ़ें –

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जीवनी तिब्बती गुरु दलाईलामा की जीवनी बराक ओबामा का जीवन परिचय

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नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | NELSON MANDELA BIOGRAPHY IN HINDI

एक समय था जब देश – विदेश में रंगभेद की समस्या बहुत ही आम थी। कहीं ज्यादा लेकिन ये सब जगह मौजूद थी। और इसके चलते बहुत से लोगों को निरपराध होते हुए भी अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पड़े थे। खासकर दक्षिण अफ्रीका में अधिक प्रभाव था और शायद इसलिए रंगभेद के खिलाफ विरोध ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

Published on 9 April 2024

एक समय था जब देश – विदेश में रंगभेद की समस्या बहुत ही आम थी। कहीं ज्यादा लेकिन ये सब जगह मौजूद थी। और इसके चलते बहुत से लोगों को निरपराध होते हुए भी अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पड़े थे।

खासकर दक्षिण अफ्रीका में अधिक प्रभाव था और शायद इसलिए रंगभेद के खिलाफ विरोध का मोर्चा वहीँ से शुरू हुआ था। आज हम इस लेख के माध्यम से इसी रंगभेद की समस्या से छुटकारा दिलाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के बारे में जानकारी देंगे।

नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | NELSON MANDELA BIOGRAPHY IN HINDI

NELSON MANDELA BIOGRAPHY के जरिए आप को उनके जीवन और संघर्ष व साथ ही उनसे जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस लेख में मिल जाएंगी। इन्हे जानने के लिए आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ सकते हैं।

NELSON MANDELA BIOGRAPHY

नेल्सन मंडेला को आज भी पूरी दुनिया में उनके रंगभेद के विरोध के लिए जाना जाता है। उन्होंने सभी अश्वेत लोगों के हक़ का समर्थन और उनकी सुरक्षा हेतु रंगभेद का विरोध किया। उन्होंने अहिंसा का मार्ग अपनाया और बिना किसी का खून बहाये ही देश को इस बुराई से आजाद कराया।

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और इसी संघर्ष के चलते उन्होंने अपने जीवन के 27 साल जेल में गुजारे। इस दौरान उन्होंने रॉबेन द्वीप के कारागार में एक कोयला खनिक के तौर पर कार्य किया। उनके इस संघर्ष का अंत 1990 में हुआ जब उन्होंने श्वेत सरकार के साथ समझौते के बाद एक नए दक्षिण अफ्रीका को बनाया। इस प्रकार उन्हें साउथ अफ्रीका में लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक, राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता के तौर पर माना जाता है।

जैसा गौरव हमारे देश में महात्मा गांधी को प्राप्त है वैसे ही दक्षिण अफ्रीका में मॉडेला को “राष्ट्रपिता” माना जाता है। लोगों में मॉडेला के प्रति बहुत प्रेम व सम्मान है। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि नेल्सन मॉडेला को वहां सम्मान सहित “मदीबा” कहकर पुकारते हैं।

दक्षिण अफ्रीका में प्रायः इस शब्द का उपयोग बुजुर्गों के लिये किया जाता है। ये एक सम्मान-सूचक शब्द है। उनके सम्मान में 2004 में जोहान्सबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया था।

मंडेला के सम्मान में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ये निर्णय लिया कि उनके जन्मदिन वाले दिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उनके अभूतपूर्व और सहराहनीय कार्य हेतु रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के लिए उन्हें ये सम्मान दिया गया है। भारत देश में भी 1990 में उन्हें देश के सर्वोच्च पुरूस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। नेल्सन मंडेला भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी व्यक्ति हैं।

नेल्सन मंडेला का शुरूआती जीवन

Nelson Mandela का जन्म सन 1918 में 18 जुलाई को हुआ था। इनका जन्म स्थान म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनके माता पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी थे। नेल्सन मंडेला को पिता ने ‘रोलिह्लाला’ नाम दिया था। जिसका अर्थ होता है –   पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला  या फिर  प्यारा शैतान बच्चा ।

इनके पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे। और वहां की स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते हैं। यही उपनाम उनके नाम से जुड़ा। नेल्सन मंडेला अपने सभी भाइयों में तीसरे नंबर के पुत्र थे और अपनी माता के पहली संतान थे। उनकी माता मेथोडिस्ट थी। जब नेल्सन मंडेला 12 वर्ष के थे उन्होंने अपने पिता को खो दिया था।

मंडेला की प्रारंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी हुई थी जिस के बाद उन्होंने स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से पूर्ण की है। स्नातक की शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने ‘हेल्डटाउन’ में एडमिशन लिया।

इस कॉलेज की खास बात ये थी कि इसे विशेष रूप से अश्वेतों के लिए बनाया गया कॉलेज था। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मान के साथ ही जोहान्सबर्ग  में रहने का फैसला किया। उन्होंने आजीविका के लिए अलग अलग नौकरियां की। जैसे कि – सोने की ख़दान में चौकीदार की नौकरी की, इसके अतिरक्त एक क़ानूनी फ़र्म में लिपिक की नौकरी भी की है।

नेल्सन मंडेला का वैवाहिक जीवन (Nelson Mandela Family)

Nelson Mandela के वैवाहिक जीवन के संबंध में उन पर जीवनी लिखने वाले लेखक एंथोनी सैम्पसन ने कहा था कि “वो महिलाओं के चहेते पुरुष हैं और उन्हें इस बात पर गर्व रहा है.” ये बात उनके जीवन में देखने को मिलती है।

नेल्सन मंडेला ने तीन शादियां की थी और जीवन के अलग अलग हिस्सों में इन तीनो ही पत्नियों ने उनका विशेष साथ दिया। नेल्सन मॉडेला के अपनी तीनों शादियों से कुल ६सन्ताने थी। जिसके बाद आगे चलकर उनके कुल 17 पोते और पोतियां थे।

पहली शादी : उनकी पहली शादी वर्ष 1944 के अक्टूबर माह में हुई थी। मंडेला का विवाह अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन  इवलिन मेस  से हुआ था।

दूसरी शादी : 1961 में नेल्सन मंडेला पर देशद्रोह के मुकदमें के दौरान उनकी मुलाक़ात अपनी दूसरी पत्नी से हुई थी। जिनका नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था। बता दें की देशद्रोह का मुकदमें में मंडेला को निर्दोष पाया गया और उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया गया।

तीसरी शादी : नेल्सन मंडेला ने 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर तीसरा विवाह किया था। उनकी पत्नी का नाम ग्रेस मेकल था।

Nelson Mandela का राजनीतिक जीवन व संघर्ष

नेल्सन मंडेला की राजनीतिक जीवन की षुरुआत वर्ष 1944 में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में शामिल होने से हुई थी। जिस के बाद  ‘ANC Youth League’ (ANCYL)  की स्थापना में मंडेला का काफी योगदान रहा।

उन्हें बाद में ANC यूथ लीग के संस्थापक बनाया गया। कुछ वर्षों बाद वकालत पास करने के बाद उन्होंने जोहान्सबर्ग में अपने सहयोगी के साथ वकालत शुरू की और मिलकर रंगभेद के खिलाफ आवाज उठायी। जिसकी वजह से उन पर व अन्य सहयोगियों पर 1956 में मुकदमा चलाया गया। जो 4 साल बाद समाप्त हुआ।

1960 में ANC पर लगे प्रतिबन्ध के कारण वो भूमिगत हुए और इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए एक अभियान चलाया। जिसकी वजह से उन पर  हिंसक कारवाई का आरोप लगा और उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने अपने बचाव के लिए प्रजातंत्र ,स्वतंत्रता और समानता के विषय में विचार व्यक्त किये। 1961  में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा भी चला था लेकिन अदालत में उन्हें निर्दोष पाया गया।

वर्ष 1962 में उन्होंने रंगभेद विरोधी आंदोलन चलाया। वे इस आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्ति थे और उन्होंने नस्लवादी व्यवस्था के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध किया। इसके चलते उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी थी।

इसी सजा के दौरान वो अगले 27 साल रॉबेन द्वीप के कारागार में रहे। जिसे सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल माना जाता था। यहाँ उन्होंने कोयला खनिक के तौर पर कार्य किया और साथ ही वहां भी अश्वेत कैदियों को साथ किया और उनके हक़ के लिए रंगभेद विरोधी कार्य करते रहे। इसी तरह 27 वर्ष तक वो अनवरत रंगभेद नीति के ख़िलाफ़ लड़ते रहे। और वर्ष 1990 में फ़रवरी में बाहर आये।

वर्ष1989 में सरकार बदलने पर उदारवादी नेता एफ डब्ल्यू क्लार्क की सरकार आयी। उन्होंने नेल्सन और उनकी पार्टी के संघर्ष को देखते हुए अश्वेतों पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया। और इस प्रकार 1 फ़रवरी 1990 को नेल्सन मंडेला बहार आए।

इसके बाद 1994 में अफ्रीका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ और इसमें अश्वेतों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार था। इस चुनाव में बहुमत के साथ 10 मई 1994 में नेल्सन मंडेला राष्ट्रपति बने। जिस के बाद उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।

मृत्यु (NELSON MANDELA BIOGRAPHY)

नेल्सन मंडेला का  5 दिसम्बर, 2013  को हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में देहांत हो गया था। बता दें कि उनकी मृत्यु फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण हुई थी। देहांत के समय उनकी आयु 95 वर्ष थी।

पुरस्कार एवं सम्मान

मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख सम्मान आगे की सूची में देख सकते हैं –

  • नेल्सन मंडेला को 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। मंडेला को रंगभेद शासन की शांतिपूर्ण समाप्ति के लिए और दक्षिण अफ्रीका के लिए एक नए लोकतंत्र की नींव रखने के लिए  नोबेल शांति पुरस्कार   से सम्मानित किया गया था।
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
  • प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
  • भारत रत्न
  • गाँधी शांति पुरस्कार (23 जुलाई 2008)
  • निशान-ए–पाकिस्तान
  • संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ये निर्णय लिया कि उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

नेल्सन मंडेला से संबंधित प्रश्न उत्तर

नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (Nelson Rolihlahla Mandela) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे।

Nelson Mandela का जन्म 18 जुलाई 1918 को हुआ था।

देशद्रोह के आरोप लगने व तत्ख्तापलट की साजिश के आरोप लगाकर नेल्सन मॉडेला को जेल में डाला गया था।

Nelson Mandela 27 साल तक जेल में रहे।

10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।

18 जुलाई 2009  को अंतराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया जाता है।

आज इस लेख में आप ने  Biography of Nelson Mandela के बारे में पढ़ा। उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य उपयोगी लेखों को पढ़ने के इच्छुक हैं तो आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

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नेल्सन मंडेला जीवन परिचय | Nelson Mandela Biography in Hindi 

Nelson Mandela जन्म, मृत्यु, पढ़ाई, रोचक तथ्य, पुरस्कार, आत्मकथा, ऑटोबायोग्राफी बुक, उम्र, अवार्ड, राजनीति कैरियर, मैरिड लाइफ, नेल्सन मंडेला दिवस, आंदोलन, धर्म, शिक्षा (Nelson Mandela Birth, death, amazing Facts, awards, autobiography, book, political career, married life, nationality, education, Nelson Mandela Day)

Nelson Mandela Biography (Hindi): “मैं कभी हारा नही, मैने या तो जीता या तो सीखा है” ये quotes तो आपने सुना ही होगा। हां, मैं बात कर रही हूं दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति माननीय  नेल्सन मंडेला  की जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपने देश के उन साथियों के लिए बलिदान कर दिया जिनके साथ भी वैसा ही सुलूक किया जाता था जैसा इनके साथ इनकी रंग की वजह से हमेशा होता आया था।

Biography of Nelson Mandela in Hindi

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography,) ने दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत और स्वेत लोगो के बीच हो रहे इस भेदभाव के लिए हमेशा आवाज उठाई। इसके लिए इन्हे अपनी जिंदगी के 27 साल जेल में गुजरना पड़ा पर इन्होंने तब भी हार नही मानी। जेल से छूटने के बाद भी लड़ा और जीत कर दिखाया। वहां की आधी से ज्यादा आबादी अश्वेत थी और इसलिए सभी के लिए कुछ करना, उनका हक दिलाना इनके जीवन का उद्देश्य बन गया।

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भारत के निवासी न होने के बावजूद इन्हे “भारत रत्न” से नवाजा गया और वो मान सम्मान मिला जिनके ये हमेशा से हकदार थे। नेल्सन मंडेला सिर्फ भारतीय के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व के लोगो के लिए एक रोल मॉडल है। आज मैं इनकी जिंदगी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और जीवन परिचय (Nelson Mandela Biography in Hindi) देने वाली हूं। पूरा जरूर पढ़े, मैं दावे के साथ कह सकती हूं आप कुछ नया जरूर सीखेंगे।

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Table of Contents

Nelson Mandela Biography in Hindi (नेल्सन मंडेला जीवनी हिंदी में)

Nelson mandela childhood (नेल्सन मंडेला का बचपन और आरंभिक जीवन).

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography) की आरंभिक जीवन की बात करे तो इनका जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका के मेव्जो, ईस्टर्न केप में हुआ था। इनका पूरा नाम नेल्सन मंडेला है। इनके पिता का नाम गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी माता का नाम नेक्यूफी नोसकेनी था। इनकी मां इनके पिता की तीसरी पत्नी थी। नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography,) अपनी मां नोसकेनी की पहली संतान थे। और अपने पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा की तीसरे बेटे थे। इनके 13 भाई और थे जिनमे इनका तीसरा स्थान था।

इनके नाम के पीछे मंडेला का अर्थ सरदार होता है, जो इनको अपने पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा से विरासत में मिला था। दरअसल, इनके पिता हेनरी मोव्जे अपने घर के कस्बों के जनजातीय सरदार थे और वहां की स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को लोग मंडेला कह कर बुलाते थे। और यही से इनका उपनाम मंडेला प्राप्त हुआ।

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography) की शुरुआती नाम नेल्सन नही था, बल्कि इनके पिता ने तो इनका पहला नाम “रोलिहाला” दिया था, जिसका अर्थ “उपद्रवी” होता है। इनकी मां एक मैथोडिस्ट थी और साथ ही एक हाउस वाइफ भी थी। इनका बचपन साधारण गुजरा था। क्योंकि इनके पिता, दादा परदादा काफी राइस फैमिली से बिलॉन्ग करते थे। एक ऐसे घर में इनका जन्म हुआ था जहां किसी चीज की कमी नही थी। लेकिन, जब ये महज 12 साल के थे इनके पिता की मृत्य हो गई। इसकी वजह इन्हे घर भी संभालना पड़ा।

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography in hindi,) का व्यक्तित्व ऐसा था की इनसे कोई भी बात कर ले। ये बहुत ही दयालु और साधारण रहन सहन के थे। अपने पिता के तो ज्यादा करीब नही थे पर अपनी मां से बेहद प्यार करते थे। अपनी मां इनके लिए इनकी आदर्श थी लेकिन, ज्यादा प्यार दिखाना पसंद नही करते थे। अपने पिता की मौत के बाद नेल्सन मंडेला अपनी मां के साथ अपना गांव छोड़ कर दूसरी जगह आ गए और इनको जोगिंताबा ने गोद ले लिया था। जोगिंताबा भी उस समय के सरदार थे और उनके सरदार बनने में नेल्सन मंडेला के पिता ने की थी इसलिए उनके जाने के बाद उन्होंने उन्हे सहारा दिया।

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography,)जब 16 साल के हुए तब दक्षिण अफ्रीका का एक नियम था की जितने भी ट्राइबल लोग है और इस उम्र को पर कर गए है उन्हे अपनी पीठ पर मार कर आदमी बनने का हक मिल जाएगा। हालांकि, नेल्सन मंडेला उस वक्त इन सारी बातों से अंजान थे की ये कोई जरूरी नहीं है। उसी दिन उनके घर के आसपास कोई नेता भाषण दे रहा था। और उसने बताया की अंग्रेज और वहां की सरकार काले लोगो के साथ अन्याय कर रही है। तब से नेल्सन मंडेला ने सोच लिया था की उन्हे कुछ ऐसा करना है की यहां के लोग इसे आगे न जूझे।

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नेल्सन मंडेला शिक्षा (Nelson Mandela Education)

Nelson Mandela जब अपनी यंग एज में थे तब उनके उनके पास पढ़ाई और शादी दो ऑप्शन था। चुकी इन्हे शुरू से ही पढ़ाई में बहुत इंटरेस्ट था और ये अपनी कम्युनिटी के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे इसलिए अपनी पढ़ाई में लग गए।

Nelson Mandela  Biography, की शुरुआती पढ़ाई क्लार्कबेरी इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की। ये इंस्टीट्यूट उस समय की बहुत हाई क्वालिटी इंस्टीट्यूट थी जो थेंबूलैंड में स्थित थी। नेल्सन जब 19 के थे तब इन्होंने “जस्टिस” के साथ पढ़ाई की जो इनका सौतेला भाई था, लॉ की पढ़ाई हेलटाउन से की, सन 1937 में। शुरुआती दिनों में इनको शहर के तौर तरीके और पढ़ाई को सीखने में थोड़ी दिक्कत हुई। क्योंकि ये बचपन से गांव में रहा करते थे।

सभी मुश्किलों से निकल कर खूब पढ़ाई की और सभी क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, चाहे वो स्पोर्ट्स हो, या स्कूल का कोई और फंक्शन। भेदभाव का सामना वहां भी करना पड़ा पर कभी हार नही मानी और आगे बढ़ते रहे।

अभी तक इन्होंने जितने भी स्कूल में पढ़ा था वो सभी एक मिशनरी स्कूल और कॉलेज थे। इसलिए अंग्रेजो का दबदबा रहता था। इसलिए उन्होंने फाइनली डिसाइड किया की वो ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने जाएंगे।

नेल्सन मंडेला से जुड़े रोचक तथ्य (Amazing Facts)

1.नेल्सन मंडेला की शादी जिस लड़की से तय हुई थी वो इनके भाई जस्टिस से प्यार करती थी।

2. Nelson Mandela Biography, इनके भाई जस्टिस और इनकी होने वाली दुल्हन भाग कर शादी करने वाले थे।

3. जब ये बात नेल्सन मंडेला को पता चलती है तो ये उनका साथ देते हुए साथ में भाग जाते है। क्योंकि उस समय इन्हे शादी नही करनी थी।

4. Nelson Mandela Biography, इनके पिता जोगिंतांबा का दबदबा होता है, और इनकी खोज शुरू हो जाती है। पर ये तीनों छिपते छिपाते जोहनसबर्ग में चले जाते हैं और वहां सेटल हो जाते है।

5. नेल्सन मंडेला एक राइस फैमिली से थे इसलिए उन्हें उस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। पैसे नहीं थे इसलिए इनके भाई जस्टिस ने क्लर्क की नौकरी की और इन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की।

6. Nelson Mandela Biography,ये सारी बाते इन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी बुक में लिखी है। जिन्हे पढ़ कर आप हंस पड़ेंगे।

7. कुछ दिन नौकरी करने के बाद इनके पिता को पता चल जाता हैं और उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है।

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नेल्सन मंडेला की राजनीतिक कैरियर (Nelson Mandela Political Career)

अपने जॉब से निकले जाने के बाद इनकी मुलाकात A.B.Xuma से होती है। जो इनका पुराना दोस्त था और वो उस वक्त प्रेसिडेंट जनरल था अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (African National Congress) पार्टी का। और यही से इनकी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत होती है।

Nelson Mandela image

यहां से उन्होंने अपना मन बना लिया और अपने भाई से अलग होकर अलेक्सेंड्रिया चले आए। यहां पर भी इनकी जिंदगी आसान नहीं थी। कभी कभी इन्हे खाना भी नसीब नहीं होता था और कपड़े के लिए भी सोचना पड़ता था।

इसी बीच साल 1941 में इनके लिए एक लेटर आता है जो इनके पिता के तरफ से होता है। वो उन्हे अपने पास बुला रहे होते है और सभी गिले शिकवे दूर हो जाते है। लेकिन, इसके बाद उनकी भी मृत्यु हो जाति है और उनके खून के बेटे ने सारा घर बार और सब खुद ले लेता है। लेकिन, इन्होंने इस पर ध्यान न देते हुए अपने राजनीति पर ध्यान दिया।

साल 1943 के बाद ANC यूथ लीग की स्थापना की। जब ये जोहनबर्ग में थे तो वहां रंगो को लेकर जो भेदभाव हो रहे थे इसके लिए इन्होंने आवाज उठाई और तब इन पर अग्रेजों ने मुकदमा दर्ज किया। यह साल 1956 का था और इसमें इनके साथ 155 कार्यकर्ता और भी शामिल थे लेकिन इस मुदकदमे को चार साल बाद खत्म किया गया।

1958 में जब नेल्सन मंडेला जेल में थे तब इन्होंने दूसरी शादी की जो इन्हे जेल से निकालने में मददगार साबित हुई। साल 1960 में ANC पर रोक लगा दी गई जिसकी वजह से इन्हें भूमिगत होना पड़ा था। इसके बाद वो रुके नहीं और एक आंदोलन शुरू कर दिया और इसके लिए भी इन पर हिंसा करने आरोप लगा। और यहां भी इन्हे जेल में जाना पड़ा। नेल्सन मंडेला अपने विचारो में अस्पष्ट थे की इन्हे दक्षिण अफ्रीका के अस्वेत लोगो के लिए स्वतंत्रता, समानता और प्रजातंत्र चाहिए।

ये वो दौर था जब दक्षिण अफ्रीका के लोग नेल्सन मंडेला को अपने नए और आगामी राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते थे। क्योंकि यहां की ¾ आबादी अश्वेत लोगो की थी और नेल्सन मंडेला इनकी हक की बात करते थे। मजदूरों में हड़ताल की और मंडेला को साथ देख कर अंग्रेजो ने इनको उन्हे उकसाने के लिए गिरफ्तार किया। 5 अगस्त 1962 को ये सारी घटना हो रही थी। और ये मुकदमा दो साल चलने के बाद नेल्सन मंडेला को 12 जुलाई 1964 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

रोबिन दीप की जेल में उन्हे रखा गया। और कहा जाता है की ये सबसे कड़ी जेल थी। लेकिन, इनके खून में स्वतंत्रता का बहाव हो रहा हो उन्हे चैन कहा। उस जेल में भी अश्वेत कादियो के साथ आए और वहां की एक उम्मीद दिखी। 27 साल की सजा काटने के बाद 11 फरवरी 1990 को वो जेल से छूटे। जेल से निकलते ही इन्होंने शांति का प्रस्ताव भेजा और लोकतंत्र के लिए भी कहा।

1990 में अंग्रेजो ने इनके प्रस्ताव को माना और फिर इन्होंने एक नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। इस समय पूरे विश्व के लिए ये एक प्रतीक बन गए। और काले और गोरे रंग के भेदभाव को जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया। 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति, पूरी बहुमत के साथ बने।

दोस्तो, ऐसी संघर्ष भरी रही इनकी पॉलिटिकल जिंदगी। लेकिन तब से सभी को बराबर का अधिकार मिला और आज दक्षिण अफ्रीका के लोग इनका बहुत ज्यादा सम्मान करते है।

Nelson Mandela Day (नेल्सन मंडेला दिवस)

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography) ने जो अपने देश वासियों के लिए किया था इससे ये सबकी नजरों में रियल हीरो बन गए थे। और इनकी इज्जत बढ़ने और इनको सम्मान देने के लिए 2009 में इनके जन्म दिवस (18 जुलाई) को “नेल्सन मंडेला दिवस” घोषित किया गया।

नेल्सन मंडेला शादीशुदा जिंदगी ( Nelson Mandela married life)

Nelson Mandela की शादीशुदा जिंदगी अच्छी रही। इन्होंने तीन शादियां की जिससे इनकी 6 संतान है। इनके 17 पोता पोती है। पहली शादी इन्होंने अपनी दोस्त (वॉल्टर सिसुल) की बहन एवलिन मेस से 1944 में की थी। फिर इन्होंने दूसरी शादी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से की जिन्होंने इनकी काफी मदद की है। और जब ये 80 साल के थे तब इन्होंने तीसरी शादी ग्रेस मेकल से की थी।

शादीशुदा होते हुए इन्होंने अपनी ज्यादातर जिंदगी वहां के लोगो के लिए जी है। इन्होंने एक बार अपने देश वासियों से एक निवेदन किया था की वो 24 घंटे में 67 मिनट किसी की मदद करने में लगाए।

Nelson Mandela Awards (नेल्सन मंडेला पुरस्कार)

जिस तरह के इन्होंने काम किए थे और अपनी पूरी जिंदगी वहां के लोगो के न्योछावर किया ये सच में कबीले तारीफ तो थी ही। इसलिए देश के अलग अलग जगह से इन्हे पुरस्कार दिए गए।

भारत से भी इन्हे “भारत रत्न” दिया गया। और ये दूसरे ऐसे विदेशी थे जिन्हे ये पुरस्कार दिया गया था। इससे पहले मदर टेरेसा को इसका सम्मान मिला था।

नेल्सन मंडेला को “नोबेल प्राइज” से नवाजा गया था।  ऐसे इन्होंने 250 पुरस्कार अपने नाम किए। नेल्सन मंडेला सभी के लिए एक मिसाल थे। इनकी जिंदगी एक  Motivational people  में शामिल है।

नेल्सन मंडेला की ऑटोबायोग्राफी बुक (Autobiography book of Nelson Mandela)

नेल्सन मंडेला ने आत्मकथा किताब लिखी थी। जिसमे इन्होंने अपनी जीवन के हर एक रंग को बताया है। काफी  Inspirational books  है। मैने इसे पढ़ा है तो सोचा आपको बता दूं। किसी किसी वाक्य को पढ़ कर आप हंस पड़ेंगे तो किसी को पढ़ कर अफसोस होगा। लेकिन, जो बात गौर करने वालीभाई वो ये है की इन्होंने हर सिचुएशन को झेलने के बाद भी सपना देखा और उसे जीत कर दिखाया।

इस motivational किताब से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। सच में कमाल का बुक है।

खुद के लिए तो हर कोई जीता है पर दुसरो के लिए कोई फरिश्ता ही जी सकता है। और ये बात इन्होंने साबित कर दी है। दक्षिण अफ्रीका के लोगो के लिए ये किसी फरिश्ते से कम नहीं।

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नेल्सन मंडेला का भारत से जुड़ाव (Nelson Mandela attachment with India)

नेल्सन मंडेला (Nrlson Mandela Biography) को भारत से बहुत जुड़ाव था। ये बात इन्होंने खुद अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखी है। नेल्सन मंडेला गांधी जी के नक्शे कदम पर चल कर अपने देश को आजाद कराया था। इन्होंने कई बार भाषण दिए है जो भारत के महान शासियत से प्रेरित थे जैसे की जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी जी इत्यादि।

इनके कई दोस्त भी भारत से थे और इनका सपोर्ट भारत को हमेशा रहा। भारतीय लोगो से और भारत की मिट्टी से इन्होंने बहुत कुछ सीखा और अपने जीवन में उतारे थे।

हम भारतीय है और हमे इस बात पर गर्व होना चाहिए। ये बात हर भारतीय के गर्व की बात है की दूसरे देशों के लोग हमारी मिट्टी से प्रेरणा लेते है।

Nelson Mandela Biography

नेल्सन मंडेला मृत्यु (Nelson Mandela Death)

नेल्सन मंडेला को मृत्यु 5 दिसंबर 2013 को 95 वर्ष की उम्र में हुई थी। इनको रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन था जो काफी लंबे समय से था। इनकी मृत्यु के वक्त इन्हे और भी कई बीमारियां हो गई थी।

इनकी मृत्यु से हर देश के लोग शोक में चले गए थे और दक्षिण अफ्रीका के लोगो की आखों में आसूं थे। इनके सम्मान में किसी ने कोई कमी नही की थी। ये हर किसी के लिए रोल मॉडल थे और अपनी छवि हर किसी के दिल में छोड़ कर गए है।

मृत्यु से पहले इन्होंने 2006 में राजनीति से रिटायरमेंट ले लिया और सिर्फ सोशल वर्क ही किया करते थे। ये भावना जो थी इनके अंदर लोगो की मदद करने की ये मरते दम तक काम नही हुई थी। और इसी लिए आज भी लोग इनके बारे में बात करना पसंद करते है। आपको अभी तक Nelson Mandela Biography कैसी लगी।

1. नेल्सन मंडेला का जन्म कब हुआ था?

Ans. 18 July 1918 को

2. नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela Biography) का जन्म कहां हुआ था?

Ans. ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ्रीका में

3. मंडेला ने कितने साल जेल में बिताए?

Ans. 27 साल

4. दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति (Nelson Mandela Biography) कौन थे?

Ans. Nelson Mandela

5. नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में किसके खिलाफ आंदोलन किया?

Ans. स्वेत/ अंग्रेजो के खिलाफ

6. नेलसन मंडेला दिवस (Nelson Mandela Biography) 

Ans. 18 जुलाई

अंतिम कुछ बाते:

दोस्तो, ये नेल्सन मंडेला की आत्मकथा है और आपको ये मेरी आज की आर्टिकल नेल्सन मंडेला जीवनी | Nelson Mandela Biography in Hindi, कैसी लगी। इस बायोग्राफी में आपको क्या क्या अच्छा लगा और क्या क्या सीखने को मिला ये हमे Comment करके जरूर बताएं।

दोस्तो अगर आपको नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखनी हो तो क्या लिखोगे हमे कमेंट करके बताए। अगर पसन्द आया तो like करना ना भूलें और अपने दोस्तो के साथ Share जरूर करें।

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4 thoughts on “नेल्सन मंडेला जीवन परिचय | Nelson Mandela Biography in Hindi ”

बहूत ही अच्छा लखा है आपने

Thank you 😊 dear

Great Content, Thanks for sharing it.

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Biography Hindi

नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय(Biography)?

नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने लोगों की विचारधारा को बदल दिया। उनका पूरा नाम नेल्सन रोलिहयाला मंडेला था। नेल्सन मंडेला ने उस समय चल रहे रंग भेदभाव का कड़ा विरोध किया था और एक मसीहा और अफ्रीकियों के पिता के रूप में आए थे।

नाम नेल्सन मंडेला

  • जन्म 18 जुलाई,1918
  • जन्म स्थान कुनु(दक्षिण अफ्रीका)
  • पिता गादला हेनरी मण्डेला
  • माता ग्रासा मिसेल/विनी मण्डेला /इविलिन मेस
  • पुत्र मकाजिव/मकगाडो/थेम्बेकिले
  • पुत्री जेनानी/ जिन्दजिस्वा
  • निधन 5 दिसम्बर,2013
  • राष्ट्रीयत्व साउथ आफ्रिका

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) का जीवन

नेल्सन मंडेला Nelson Mandela का जन्म 18 जुलाई 1981 को म्वेज़ो, पूर्वी केप, दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। उनके पिता का नाम गेदला हेनरी महाकेनिसवा था और उनकी माता का नाम नट्टुफी नोस्केनी था। उनके पिता उस समय अपने शहर के आदिवासी मुखिया थे। अफ्रीका के इस शहर के अनुसार सरदार के बेटे को स्थानीय भाषा में मंडेला भी कहा जाता है, जिसके कारण नेल्सन मंडेला Nelson Mandela को यह उपनाम मंडेला मिला। उनकी मां पेशे से मेथोडिस्ट थीं। उनके पिता का निधन हो गया जब नेल्सन केवल 12 वर्ष के थे। नेल्सन मंडेला Nelson Mandela की प्रारंभिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल में हुई। नेल्सन मंडेला Nelson Mandela की मूल शिक्षा हील्डटाउन में हुई, जहां उनकी मुलाकात ओलिवर टैम्बे से हुई, जो उनके आजीवन मित्र और सहयोगी बने।

Read More: Abraham Lincoln Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला का राजनीतिक जीवन

1943 में, वह पहली बार एक कार्यकर्ता के रूप में अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए, जिसके बाद वे ANC यूथ लीग के संस्थापक बने। 1944 में उन्होंने एवेलिस मेस नाम की एक महिला से शादी की और तीन बच्चे पैदा हुए लेकिन 1957 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद नेल्सन मंडेला Nelson Mandela ने कानून पारित किया और अपने साथी ओलिवर टोम्बो के साथ जोहान्सबर्ग में कानून का अभ्यास करना शुरू किया। दोनों ने मिलकर रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाई। इसी वजह से 1956 में उनके साथ 155 कर्मचारियों पर मुकदमा चलाया गया, जिसे चार साल बाद समाप्त कर दिया गया।

1958 में, उन्होंने मदिकिज़ेला नाम की एक दूसरी महिला से शादी की, जिसने नेल्सन मंडेला को जेल से रिहा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1960 में ANC पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके कारण नेल्सन मंडेला Nelson Mandela को भूमिगत होना पड़ा था। अब उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अभियान शुरू किया। इस कारण उन पर हिंसक कार्रवाई का आरोप लगाया गया और उन्हें बंदी बना लिया गया। अब उन्होंने अपने बचाव में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता के बारे में विचार व्यक्त किए। 1964 में, उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela’s) का वैवाहिक जीवन

नेल्सन मंडेला Nelson Mandela ने तीन शादियां की थीं जिनमें उनके 6 बच्चे थे और उनके 17 पोते-पोतियां हैं। 1944 में उनकी शादी उनके दोस्त वतार सिसुलु की बहन से हुई थी। 1961 में, उन्होंने नोमजामो विनी मेडिकिलाजा से शादी की, और 1998 में, जब उन्होंने 80 साल की उम्र पार की, तो उन्होंने ग्रेस मर्केल से शादी की और यह उनकी तीसरी शादी थी।

Read More: Maharana Pratap Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) बने पहले राष्ट्रपति

वर्ष 1994 में दक्षिण अफ्रीका में चुनाव हुए और नेल्सन मंडेला Nelson Mandela ने अफ्रीकन नेशनल लीग कांग्रेस में चुनाव लड़ा और 62% वोट प्राप्त कर अपनी चुनाव लड़ने वाली पार्टी को हरा दिया और उसी बहुमत से देश के राष्ट्रपति बने। 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला ने काफी संघर्ष के बाद राष्ट्रपति के रास्ते पर कदम रखा। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने हमेशा अहिंसा का रास्ता चुना और इसके लिए उन्होंने हमेशा महात्मा गांधी को अपनी प्रेरणा माना। वर्ष 1996 में उन्होंने अफ्रीकी संविधान में कई बदलाव लाए और न केवल अफ्रीका में बल्कि दुनिया भर में कई संस्थान बनाए जहां अफ्रीकी लोग दूसरे देशों में गर्व के साथ रह सकते हैं। वर्ष 1999 तक नेल्सन मंडेला Nelson Mandela ने देश हित में कई कानून लागू किए और इसलिए उनके लोग आज भी उन्हें अपना भगवान मानते हैं।

महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित

महात्मा गांधी Mahatma Gandhi की अहिंसा और असहयोग की विचारधारा का मंडेला पर बहुत प्रभाव पड़ा। वह अपने जीवन में गांधी के विचारों के प्रभाव के बारे में बात करते थे। 2007 में नई दिल्ली में एक सम्मेलन में अपने वीडियो संदेश में, मंडेला ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका में शांतिपूर्ण परिवर्तन के लिए गांधी की विचारधारा का योगदान छोटा नहीं है। मेरे अंदर गहरा भेदभाव था जो समाप्त हो सकता था।”

नेल्सन मंडेला की मृत्यु

दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला Nelson Mandela का 5 दिसंबर 2013 को जोहान्सबर्ग के ह्यूटन में उनके घर पर फेफड़ों के संक्रमण से निधन हो गया। उनके निधन की घोषणा सबसे पहले राष्ट्रपति जैकब जुमा ने की थी। 5 दिसंबर 2013 को नेल्सन मंडेला Nelson Mandela का निधन हो गया। फेफड़ों के संक्रमण के कारण उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के समय वह 95 वर्ष के थे और उनका परिवार उनके साथ था। उनके निधन की घोषणा राष्ट्रपति जैकब जुमा ने की। भले ही नेल्सन मंडेला Nelson Mandela आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके संघर्ष की कथा पूरी दुनिया को प्रेरित करने के लिए जीवित है। उन्होंने एक स्वतंत्र समाज की कल्पना की, जहां सभी लोग एक साथ शांति से रह सकें।

Read More: Sandeep Maheshwari Biography in Hindi

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नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | Nelson Mandela Biography in Hindi

Prashant Kumar

आइए इसके बारे में जानें। यहां हम क्या कवर करेंगे:

नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | नेल्सन मंडेला जीवनी | प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, कार्य, आंदोलन, जेल पुरस्कार और सम्मान आदि के बारें में विस्तार से। ( Nelson Mandela Biography in Hindi / Biography of Nelson Mandela in hindi )

आज के इस पोस्ट में जानेंगे की कैसा था नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय, जिन्होंने रंग भेद के ख़िलाफ़ लड़ते हुए अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए, फिर बने अश्वेत राष्ट्रपति, आइये जानते हैं, भारत रत्न नेल्सन मंडेला की आत्म कथा।

Nelson Mandela Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय.

20वीं के इस राष्ट्रनायक ने अपने जीवन में ऐसा किरदार निभाया जिसका दुनिया बखान करती है, राजतन्त्र, लोकतंत्र और उपनिवेशवाद के इस सदी में इस योद्धा ने अपने देश के परचम हाथों में लेकर विश्व मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वो कहानी आज हमारे लिए प्रेरणा श्रोत है,

मानव सभ्यता के इतिहास में चमड़ी के रंग और नश्लों के आधार पर मानव द्वारा मानव पर अत्याचार का काला अध्याय है दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया सरकार के शासनकाल।

वह दुनिया के एक मात्र शासन व्यवस्था थी जिसमे 16 वर्ष के आयु के बाद हर समय पास में अश्वेत प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य था। अश्वेतों के लिए लिखित कानून बनाये गए थे, जिस वजह से वह के 75 % मूल अश्वेत अपनी ही जमीन पर बेगाने बने और बाहर से आये गोर 87 % जमीन के मालिक थे।

जब सारी दुनियां के लोग आजादी का साँस ले रहे थे, तब भी दक्षिण अफ्रीका 20वीं सदी के अंतिम पड़ाव तक इन काले अंधेरों में कंद्रण कर रहा था। जुल्मी के अत्याचार और बर्बरता के काले घेरे को तोड़ने वाले योद्धा नेल्सन मंडेला ही थे। जिस प्रकार अन्य लोगों के योगदान के वावजूद भारत की आज़ादी के लिए गाँधी जी आदर्श नायक माना जाता है, ठीक उसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका के गाँधी नेल्सन मंडेला को कहा जाता है।

नेल्सन मंडेला की जीवनी | Biography of Nelson Mandela

प्रारंभिक जीवन

नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसकेई में हुआ था। उनके पिता टेंबू जनजाति के प्रमुख हेनरी मंडेला थे। मंडेला ने स्वयं फोर्ट हरे के यूनिवर्सिटी कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड में शिक्षा प्राप्त की और 1942 में लॉ में योग्यता प्राप्त की।

वैवाहिक जीवन

नेल्सन मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे। अक्टूबर 1944 को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की।

1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया। इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।

nelson mandela wifes

उनकी तीन पत्नियां थीं और छह दशक से अधिक समय तक उनके जीवन के अलग-अलग हिस्सों में इन महिलाओं का बेहद ख़ास योगदान रहा.

एक जीवन साथी के रूप में इन महिलाओं के साथ ने नेल्सन मंडेला को एक ख़ास पहचान दी. उनकी जीवनी लिखने वाले एंथोनी सैम्पसन ने एक बार कहा था, “वो महिलाओं के चहेते पुरुष हैं और उन्हें इस बात पर गर्व रहा है.”

राजनैतिक जीवन

राजनीतिक जीवन भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. मंडेला की पहली राजनैतिक पारी सिर्फ अठारह वर्ष की है. 1944 में उन्होंने अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस की सदस्यता ली थी, 1952 में वे इसकी ट्रांसवाल शाखा के अध्यक्ष और फिर राष्टीय उपाध्यक्ष चुने गए. 1953 में पहली बार वे जेल गए थे.

फिर अपने आंदोलनों की वजह से उन पर देशद्रोह का मुकदमा चला और 1956 में उन्हें पांच साल की सज़ा सुनाई गयी. पांच अगस्त, 1962 को देशव्यापी हड़ताल और राजद्रोह के जुर्म में उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया और फिर वे 27 साल तक जेल में रहे.

जेल के दौरान ही मंडेला विश्वभर में लोकप्रिय हो गए थे और पूरे अफ्रीका महाद्वीप में रंग-भेद के खिलाफ़ लड़ने वाले सबसे बड़े नेता बन गए थे.

नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष के बारे में

विरमानी लिखते हैं कि मंडेला कर्म-प्रधान थे. उनके साहस, धैर्य, जनता से जुड़ाव और त्याग की भावना ने उन्हें अफ्रीका ही नहीं बल्कि विश्वभर के अश्वेत और हाशिये पर मौजूद लोगों का नेता बना दिया था.

नेल्सन की बढती लोकप्रियता के कारण उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वर्गभेद के आरोप में उन्हे जोहान्सबर्ग के बाहर भेज दिया गया। उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया कि वे किसी भी बैठक में भाग नही ले सकते। सरकार के दमन चक्र से बचने के लिए नेल्सन और ऑलिवर ने एक एम प्लान बनाया। एम का मतलब मंडेला से था।

निर्णय लिया गया कि कांग्रेस को टुकङों में तोङकर काम किया जाए तथा परिस्थिती अनुसार भूमिगत रहकर काम किया जाए। प्रतिबंध के बावजूद नेल्सन क्लिपटाउन चले गये और वहाँ कांग्रेस के जलसों में भाग लेने लगे। उन्होने वहाँ उन सभी संगठनों के साथ काम किया जो अश्वेतों की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष कर रहे थे।

नेल्सन मंडेला जीवनी | Biography of Nelson Mandela

सरकार के दमन चक्र के कारण नेल्सन का जनाधार बढ रहा था। रंगभेद सरकार आंदोलन तोङने का हर संभव प्रयास कर रही थी। is बीच कुछ ऐसे कानून पास किये गये जो अश्वेतों के हित में नहीं थे।

नेल्सन ने इन कानूनों का विरोध किया। विरोध प्रर्दशन के दौरान ही ‘शार्पविले’ शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी। लगभग 180 लोग मारे गये। सरकार के इस क्रूर दमन चक्र से नेल्सन का अहिंसा पर से विश्वास उठ गया।

अत्यचारों की पराकाष्ठा को देखते हुए एएनसी ने हथियार बंद लङाई लङने का फैसला लिया। एएनसी के लङाके दल का नाम ‘स्पियर ऑफ द नेशन’ रखा गया तथा नेल्सन को इसका अध्यक्ष बनाया गया। सरकार इस संगठन को खत्म करके नेल्सन को गिरफ्तार करना चाहती थी।

जिससे बचने के लिए नेल्सन देश के बाहर चले गये और ‘अदीस अबाबा’ में अपने आधारभूत अधिकारों की मांग करने लगे। उसके बाद अल्जीरीया गये जहाँ गोरिल्ला तकनीक का प्रशिक्षण लिया ।

इसके बाद मंडेला लंदन चले गये जहाँ उनकी मुलाकात फिर से ‘ऑलिवर टॉम्बो’ से हुई। लंदन में विपक्षी दलों के साथ मिलकर उन्होने पूरी दुनिया को अपनी बात समझाने का प्रयास किया।

मृत्यु  (Nelson Mandela Biography in Hindi)

5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया। किन्तु वे आज भी लोगों के बाीच एक प्रेरणा के रूप में लोगों बीच आज भी जीवित है। उनका देहांत फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ। उस समय उनका पूरा परिवार उनके साथ था।

Read More : 50+ नेल्सन मंडेला जी के विचार | Famous Nelson Mandela Quotes in Hindi

F requently Asked Question s

Q.1 नेल्सन मंडेला को नोबेल पुरस्कार कब मिला.

Ans : नेल्सन मंडेला को 1993 में  मंडेला के साथ उन्हें संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।

Q.2 नेल्सन मंडेला कितने वर्ष जेल में रहे ?

Ans : नेल्सन मंडेला रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताये जहाँ उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था।

Q.3 नेल्सन मंडेला  की  मृत्यु कब हुई ?

Ans : नेल्सन मंडेला  की  मृत्यु 5 दिसंबर 2013 को फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ !

Q.4 नेल्सन मंडेला को भारत रत्न कब मिला है?

Ans : नेल्सन मंडेला को भारत रत्न भारत रत्न 1990 ई. मिला है।

Q.5 नेल्सन मंडेला  किस देश के नेता थे ?

Ans : नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका  के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे।

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Prashant Kumar

मेरा नाम प्रशांत सिंह है और मैं एक लेखक हूँ। मैं उन व्यक्तियों को लक्ष्य बनाने का प्रयास करता हूं, जो व्यापार में सफल होना चाहते हैं या व्यापार को शुरू करना चाहते हैं। मेरी रचनाएं व्यापार के विभिन्न पहलुओं पर आधारित हैं जैसे व्यापार आइडियाज, व्यापार केस स्टडी, मार्केटिंग टिप्स, लीड जनरेशन और संबंधित विषयों पर।

मैं अपनी लेख के माध्यम से व्यापार में सफलता पाने के लिए सही राह दिखाने का प्रयास करता हूं और उन्हें अपनी कंपनी को विस्तृत करने के लिए उपयुक्त तकनीकी तथ्यों से अवगत कराता हूं। मेरा लक्ष्य लोगों को उनके व्यवसाय में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान देना है।

मैं व्यापार के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए नियमित रूप से शोध करता रहता हूं ताकि अपने पाठकों को बेहतर सलाह दी जा सके। यदि आपके मन में मेरे लेखों के संबंध में कोई प्रश्न हो, तो आप मुझसे ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

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नेल्सन मंडेला का प्रेरणादायक जीवन सफर

Nelson Mandela in Hindi

“कोई भी इंसान तबतक कुछ नही कर सकता जबतक की वह खुद पर भरोसा नही कर लेता।”

आधुनिक भारत के महानतम हीरो नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने जीवन में रंगभेद के खिलाफ काफी विरोध किया था, एवं रंग भेद के संघर्ष के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने साल 1964 से 1990 तक अपने जीवन के करीब 27 साल जेल में बिताए थे, जेल में रहने के दौरान उन्हें कई प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अहिंसा के पथ पर चलते हुए नस्लवाद के खिलाफ जमकर विरोध किया था।

नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी जी के कठोर समर्थक थे, एवं उनके विचारों का अपने जीवन मे अनुसरण करते थे। साल 1944 में नेल्सन मंडेला जी ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस लीग की स्थापना की थी। इसके अलावा उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर काफी जोर दिया था।

उनका मानना था कि शिक्षा ही सिर्फ वो हथियार है, जिसके माध्यम से पूरी दुनिया में बदलाव लाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं रंगभेद के खिलाफ लड़ने वाले महान शख्सियत नेल्सन मंडेला जी के जीवन के बारे में-

नेल्सन मंडेला का प्रेरणादायक जीवन सफर – Nelson Mandela Biography in Hindi

Nelson Mandela Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला के बारेमें जानकारी – Nelson Mandela Information in Hindi

नेल्सन मंडेला के जीवन का इतिहास और पढ़ाई – nelson mandela history and education in hindi.

नेल्सन रोलीहलाहल मंडेला का जन्म रोहिह्लाल मंडेला के नाम से हुआ था वे दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। उन्होंने 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रपति बनकर सेवा की। वे देश के पहले काले मुख्य अधिकारी थे, और लोकतान्त्रिक चुनाव जितने वाले पहले व्यक्ति थे। रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा। इसके साथ ही उन्होंने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) की 1991 से 1997 तक अध्यक्ष बनकर सेवा की।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, मंडेला ने 1998 से 1999 तक विविध राजनैतिक अभियानों एवं आंदोलनों में हिस्सा लिया। नेल्सन का जन्म थेंबू शाही राजघराने में हुआ था, मंडेला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फोर्ट हरे यूनिवर्सिटी और लॉ की शिक्षा वितवाटर्सरैंड यूनिवर्सिटी से ग्रहण की। जोहान्सबर्ग में रहते हुए ही वे बहोत से राजनैतिक कार्यक्रमो और अभियानों में हिस्सा लेने लगे थे। बाद में वे ANC में शामिल हुए ताकि वे युथ लीग के संस्थापक सदस्य बन जाये।

1948 जब सरकारी अधिकारो में गोरो को ज्यादा महत्त्व दिया जाता था तो उन्होंने 1952 में अपनी पार्टी ANC के साथ मिलकर अश्वेत अभियान शुरू किया। और इस अभियान के बाद ही वे 1955 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। एक वकील होते हुए भी, उनके बहोत से कामो की वजह से उन्हें कैद भी किया गया था।

5 अगस्त 1962 को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। सज़ा के लिये उन्हें रॉबेन द्वीप की जेल में भेजा गया किन्तु सजा से भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ। उन्होंने जेल में भी अश्वेत कैदियों को लामबन्द करना शुरू कर दिया था। जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।

1994 में दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत प्राप्त किये और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी। 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। दक्षिण अफ्रीका के नये संविधान को मई 1996 में संसद की ओर से सहमति मिली जिसके अन्तर्गत राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों की जाँच के लिये कई संस्थाओं की स्थापना की गयी। 1997 में वे सक्रिय राजनीति से अलग हो गये और दो वर्ष पश्चात् उन्होंने 1999 में कांग्रेस-अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया।

नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्रोत माना था औ्र उनसे अहिंसा का पाठ सीखा था।

दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता” मानते थे। उन्हें “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक”,”राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के रूप में देखा जाता था। 2004 में जोहनसबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया।

दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदी बाकह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है। नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभाने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया। 67 साल तक मंडेला के इस आन्दोलन से जुड़े होने के उपलक्ष्य में लोगों से दिन के 24 घण्टों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने में दान देने का आग्रह किया गया। मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

नेल्सन मंडेला के जीवने से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य – About Nelson Mandela in Hindi

  • नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। उनके बचपन का नाम रोहिह्लाल मंडेला था।
  • रंगभेद के खिलाफ नेल्सन मंडेला ने काफी संघर्ष किया था, उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
  • साल 1944 में नेल्सन मंडेला ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की स्थापना की थी।
  • नेल्सन मंडेला ने रंगभेद और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी जिंदगी के करीब 27 साल (1964 से 1990) तक जेल में बिताए थे। जहां उन्हें कोयला खनिक का काम करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था।
  • शांति के दूत माने जाने वाले नेल्सन मंडेला जी महात्मा गांधी जी के विचारों से काफी प्रभावित थे, उनके जीवन पर गांधी जी के विचारों का काफी असर हुआ था। एवं वे गांधी जी के विचारों का अनुसरण करते थे, एवं अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए मंडेला जी ने रंगभेद के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था।
  • नेल्सन मंडेला जी को उनके महानतम कामों के लिए साल 1993 में शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका मानना था कि विकास और शांति को अलग नहीं किया जा सकता है।
  • 27 साल जेल में बिताने के बाद 10 मई साल 1994 में वे दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने।
  • रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले मंडेला जी ने 3 शादियां की थी। पहली शादी इवलिन मेस, दूसरी शादी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से की और तीसरी शादी ग्रेस मेकल से अपने 80वें जन्मदिन पर की थी।
  • नेल्सन मंडेला को कॉलेज से निकाल दिया गया था, दरअसल वे अपने कॉलेज के दिनों से ही छात्र अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद करना शुरु कर दिया था, और इस तरह की गतिविधियों में हिस्सा लेने लगे थे जिसकी वजह से उन्हें यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था।
  • जब मंडेला जी रंगभेद की नीति के खिलाफ संघर्ष करते हुए जेल में सजा काट रहे थे, उस दौरान उनकी मां और उनके बड़े बेटे का निधन हो गया था, और मंडेला को अपने करीबियों के अंतिम संस्कार में जाने तक की अनुमति नहीं दी गई थी
  • मंडेला ने जेल में गुप्त रुप से अपनी बायोग्राफी लिखी थी, 1994 में उनकी जीवनी ‘लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम’ पुस्तक के रुप में प्रकाशित हुई थी।।
  • रंगभेद के खिलाफ लड़ाई करने वाले मंडेला ने एड्स के खिलाफ भी जागरूकता फैलाने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। उनके बेटे का निधन भी एड्स के कारण हुआ था।
  • 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला जी के जन्मदिन को दक्षिण अफ्रीका में मंडेला डे के रुप में मनाया जाता है।

नेल्सन मंडेला को अफ्रीका का गांधी कहा जाता था। उन्होंने न सिर्फ रंगभेद के खिलाफ संघर्ष किया, बल्कि अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम भी किया। उन्होंने लोकतांत्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी। साल 1993 में नेल्सन मंडेला जी को उनके महानतम काम के लिए साल शांति नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ ने 18 जुलाई को उनके जन्मदिवस को मंडेला दिवस घोषित भी किया है।

नेल्सन मंडेला के तमाम संघर्षों के चलते ही समाज में रंगभेद जैसी बुराई को दूर करने में मद्द मिली है। नेल्सन मंडेला का मानना था कि,

“दृढ़ता, जिद्द और भरोसे से ही इंसान अपने सपने को पूरा कर सकता है।”

Note: अगर आपके पास Nelson Mandela Biography in Hindi मैं और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे। धन्यवाद अगर आपको हमारी Information About Nelson Mandela in Hindi अच्छी लगे तो जरुर हमें Facebook पे Like और Share कीजिये। E-MAIL Subscription करे और पायें Essay On Nelson Mandela In Hindi आपके ईमेल पर।

1 thought on “नेल्सन मंडेला का प्रेरणादायक जीवन सफर”

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बहुत ही बढ़िया पोस्ट लिखी है आपने, इस पोस्ट को लिखने का तरीका बहुत ही अच्छा था। धन्यवाद दोस्त इसे लिखने के लिए

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Nelson mandela in hindi biography नेल्सन मंडेला की जीवनी.

Read biography of Nelson Mandela in Hindi language of politicians and students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. नेल्सन मंडेला की जीवनी।

hindiinhindi Nelson Mandela in Hindi

Nelson Mandela in Hindi Biography

अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस के नेता नेल्सन मंडेला विश्वविख्यात पुरूष, राजनेता और मानवतावादी थे। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने अपने देशवासियों के नागिरक अधिकारों, स्वतन्त्रता, न्याय और आत्मसम्मान के लिए एक लम्बा संघर्ष किया उन्होंने रंगभेद को समाप्त कराने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें तथाकथित देशद्रोह के अपराध में 1962 में जेल भेज दिया गया और 27 वर्ष बाद 1989 में रिहा किया गया। लेकिन मंडेला ने अपने लम्बे संघर्ष में कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया। उन्होंने हमेशा शांति व अहिंसा का मार्ग ही स्वीकार किया।

रंगभेद और जातिभेद की दु:खद कहानी का प्रारम्भ दक्षिणी अफ्रीका में 20वीं सदी के प्रारम्भ से हुआ। बोअर लोगों ने इस रंगभेद की शुरूआत की। बोअर लोग यूरोपीय मूल के लोग थे और दीर्घ काल तक वहां शासन करते रहे। अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस की 1912 में स्थापना हुई। इसका प्रमुख उद्देश्य रंगभेद, अन्याय और शोषण को समाप्त कर समानता, स्वतन्त्रता तथा न्याय पर आधारित समाज की स्थापना करना था। वहां की अल्पसंख्यक गोरी सरकार ने ऐसे कानून बनाये जो रंगभेद, जातीय असमानता और शोषण को बढ़ावा देने वाले थे। गोरी सरकार ने कांग्रेस को अवैध घोषित कर उस पर पाबंदी लगा दी। सन् 1960 में रंगभेद विरोधी आन्दोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया और 20 हजार लोगों ने शापविल में एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। प्रारम्भ में सब कुछ शांतिपूर्ण था परन्तु तुरन्त ही भीड़ अनियंत्रित और हिंसक हो उठी और पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिस कारण 67 अफ्रीकी लोग मारे गये तथा 186 लोग घायल हो गये।

सन् 1980 तक कई देशों ने इस घटना को प्रतिक्रिया स्वरूप दक्षिणी अफ्रीका पर प्रतिबंध लगा दिये। 1970 के बाद वर्षों में गोरी सरकार ने कुछ रियायतें देना शुरू किया और कुछ नीग्रो संगठनों को काम करने की छूट दे दी। 1980 में नीग्रो लोगों के अतिरिक्त अन्य लोगों को संसद में प्रवेश की अनुमति दे दी। लेकिन अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस रंगभेद को पूरी तरह समाप्त करना चाहती थी। अत: इसने अपना संघर्ष जारी रखा। 1990 में जब डी क्लार्क वहां के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने रंगभेद को समाप्त कर काले लोगों और उनके राजनीतिक दलों पर से सभी प्रतिबंध हटा दिये। वे उदार विचारधारा और खुले दिमाग के व्यक्ति थे। सभी राजनीतिक बंदियों को उन्होंने जेलों से छोड़ दिया।

1994 में पहले ऐसे आम चुनाव दक्षिणी अफ्रीका में हुए जिसमें 1 करोड़ 80 लाख नीग्रो लोगों ने भी भाग लिया। इसके साथ ही 300 वर्षों से चले आ रहे जातीय संघर्ष और रंगभेद की समाप्ति हो गई। मंडेला की अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस को 65 प्रतिशत मत मिले। इस बढ़त के कारण नैलसन मंडेला वहां के प्रथम नीग्रो राष्ट्रपति बनाये गये। यद्यपि नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में वहां के लोगों ने रंगभेद और जातीय असमानता के विरुद्ध एक बहुत बड़ी विजय पाई थी परन्तु दक्षिणी अफ्रीका के सामने कई बड़ी-बड़ी चुनौतियां तथा समस्याएं थीं। मंडेला उनके समाधान में जी-जान से जुट गये। अंतत: मंडेला ने सन् 1999 में सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान दिये गये। इन में 1993 में उन्हें शांति के लिए दिया गया नोबल पुरस्कार सबसे उल्लेखनीय है।

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को उमतला के निकट ट्रांसको में हुआ था। अपने छात्रकाल से ही उन्होंने सक्रिय राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया। अत: उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया। सन् 1994 में मंडेला ने अफ्रीकी नैशनल कांग्रेस की सदस्यता ले ली और रंगभेद तथा नस्ली अन्याय के विरुद्ध संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने लगे। उन्होंने भूमिगत होकर अपना संघर्ष जारी रखा परन्तु 1962 में पकड़े गये और दो वर्ष पश्चात् उन्हें जेल भेज दिया गया। लेकिन जेल में रहकर भी वे इस संघर्ष में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते रहे। शीघ्र ही वे इस संघर्ष के प्रमुख नेता और महान मार्गदर्शक बन गये। वहां की गोरी सरकार को भी मंडेला का महत्त्व और मूल्य शीघ्र ही पता लग गया और वह उनसे बातचीत करने लगी। राष्ट्रपति एफ. डब्लू. डी. क्लार्क ने उनके साथ जेल में और वहां से बाहर आने पर अपना वार्तालाप व समझौते की प्रक्रिया जारी रखी।

क्लार्क समस्या के शांतिपूर्ण हल के पक्ष में थे लेकिन स्थिति ने उस समय उग्र रूप धारण कर लिया जब दक्षिण अफ्रीकी कांग्रेस के एक बहुत बड़े गुट ने, हिंसक संघर्ष शुरू कर दिया। इससे देश में नफरत, द्वेष और हिंसा का वातावरण बन गया और शांति प्रक्रिया को बड़ी हानि पहुंची। दूसरे ओर अल्पसंख्यक गोरे लोग भी हिंसक प्रदर्शन करने लगे और नीग्रो लोगों को उनके अधिकार दिये जाने का विरोध करने लगे। लेकिन मंडेला ने बहुत सूझबूझ, धैर्य और राजनीतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए समस्या को सुलझा लिया।

मंडेला पर गांधी जी का बहुत प्रभाव है। वे गांधी जी की अहिंसा, अवज्ञा आंदोलन तथा असहयोग में विश्वास रखते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए हमेशा शांतिपूर्ण उपाय अपनाये। अतः उन्हें अफ्रीकी गांधी के नाम से भी जाना जाता है। मंडेला के राष्ट्रपति बन जाने के साथ ही दक्षिणी अफ्रीका पर विभिन्न देशों द्वारा लगाये गये प्रतिबंध भी समाप्त कर दिये गये। मंडेला भारत के एक बहुत बड़े मित्र तथा प्रशंसक हैं और कई बार यहां आ चुके हैं। 1979 में उन्हें जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1990 में उन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। सन् 2000 में पुन: उन्हें गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंडेला अपने धैर्य और राजनीतिक उदारता के लिए भी बहुत विख्यात हैं। मंडेला का विवाह सन् 1958 में विनी मंडेला से हुआ था। विनी ने देश की स्वतन्त्रता के संग्राम में अपने पति मंडेला का पूरा साथ दिया।

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नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय | Nelson Mandela Biography in Hindi

October 2, 2023 by Editor Leave a Comment

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नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शांतिदूत थे। उन्होंने अपार संघर्ष और संघर्ष के बावजूद अपार्टहेड के खिलाफ लड़कर अपने देश को स्वतंत्रता दिलाई। उन्होंने रंग भेद के ख़िलाफ़ लड़ते हुए अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए, फिर बने अश्वेत राष्ट्रपति।

नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय (Nelson Mandela Biography in Hindi)

नेल्सन मंडेला जन्म, परिवार और शिक्षा (nelson mandela birth, family and education).

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के म्वेसो गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमबे मंडेला था, जो एक गांव में गार्डनर थे, और माता का नाम नोकांका मंडेला था। उनके परिवार के साथी गोलोंडा गांव में रहते थे और वे एक नोबला यादव समुदाय से संबंधित थे।

नेल्सन मंडेला की शिक्षा का आरंभ मध्यम शिक्षा से हुआ, जिसके बाद उन्होंने क्लारक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने फॉरट हेयर विश्वविद्यालय में अध्ययन किया और वहाँ से कानून की पढ़ाई की।

नेल्सन मंडेला ने अपनी शिक्षा के दौरान एक समाज सुधारक और समाजसेवी बनने का निर्णय लिया, और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और दक्षिण अफ्रीका के आपर्टाइड प्रणाली के खिलाफ लड़ा।

नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष के बारे में

नेल्सन मंडेला का जीवन और संघर्ष उनके उद्देश्यों, साहस, और समर्पण की मिसाल प्रस्तुत करता है। उनकी विशेषता उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिखाई देती है, जिसने उन्हें दक्षिण अफ्रीका के आपर्टाइड शासन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए समर्पित किया। यहाँ उनके जीवन और संघर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का संक्षिप्त वर्णन है

आपर्टाइड के खिलाफ संघर्ष: नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका के आपर्टाइड नामक जातिवादी शासन के खिलाफ संघर्ष किया। वे इस जातिवादी प्रणाली के खिलाफ लड़ते हुए न्याय की मांग की और उसके लिए विभाजित समाज को एकता की दिशा में प्रेरित किया।

रोबेन आइलैंड: मंडेला और उनके साथी संघर्षियों ने लंग रोबेन आइलैंड पर दंडकत्था सत्याग्रह का पालन किया, जहाँ पर्यावरण के साथ साथ अपार्टाइड प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाया गया।

कैदियों का दर्द: मंडेला ने उन लाखों आफ्रिकन न्यायालयों के सामने खड़ा होकर दिक्कतों का सामना किया जो उन्होंने कैदियों के साथ किया। उन्होंने कैदियों की मानवाधिकारों की रक्षा की और उनकी बेहतर जीवन की मांग की।

27 साल की कैद: मंडेला को 1962 में गिरफ्तार किया गया और उन्हें उनके आपर्टाइड के खिलाफ संघर्ष में सिलेंट रहने के लिए 27 साल तक कैद रखा गया। उनकी साहसी और अद्भुत सहनशीलता का परिणाम था कि वे समर्पित रहे और अंततः स्वतंत्रता हासिल करने में सफल रहे।

सांयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: मंडेला का महत्वपूर्ण काम उनके संघर्ष के परिणामस्वरूप ही नहीं था, बल्कि उन्होंने सांयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य बनकर दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को प्रोत्साहित किया।

नेल्सन मंडेला के विचार

नेल्सन मंडेला के विचार उनके महानतम संघर्षी और नेता होने की गहरी दृढ़ता, उनके सामाजिक सुधार के प्रति समर्पण, और समरसता की दिशा में उनके स्थायी प्रतिबद्धता की प्रतिबिंबित होती हैं। उनके विचार निम्नलिखित हैं।

समरसता और एकता: नेल्सन मंडेला ने समरसता और एकता के महत्व को महसूस किया और उन्होंने अपार्टाइड के खिलाफ संघर्ष के दौरान भी इसे प्रमोट किया। उन्होंने दिखाया कि समरसता और एकता ही एक समृद्ध समाज की नींव हो सकती है।

न्याय और मानवाधिकार: मंडेला ने न्याय और मानवाधिकार के महत्व को स्थापित किया और दक्षिण अफ्रीका के आपर्टाइड शासन के खिलाफ संघर्ष के दौरान भी उन्होंने इसे अपने प्रमुख उद्देश्यों में शामिल किया।

क्षमा और सहनशीलता: मंडेला ने क्षमा और सहनशीलता की महत्वपूर्णता को समझाया और अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण मोमेंट्स में वे दिखाते रहे कि उन्होंने विशेषत: अपार्टाइड शासन के बाद भी क्षमा और सहनशीलता का पालन किया।

स्वतंत्रता के महत्व: नेल्सन मंडेला ने स्वतंत्रता के महत्व को अपने जीवन के संघर्षों में दिखाया और उन्होंने दिखाया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समाज की स्वतंत्रता दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

संघर्ष की मिसाल: मंडेला का जीवन और संघर्ष उनके आदर्शवाद, सहनशीलता, और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने दिखाया कि संघर्षों से भरपूर मानवता में एक सकारात्मक परिवर्तन किया जा सकता है।

नेल्सन मंडेला की पत्नी (Nelson Mandela wife)

नेल्सन मंडेला की पहली पत्नी ईविलिन मेस थी, जिनके साथ उन्होंने 1944 में विवाह किया था। उनकी दूसरी पत्नी विनीला मंडेला थी, जिनके साथ उन्होंने 1958 में शादी की। उनकी तीसरी पत्नी ग्राचिया मैंडेला थी, जिनसे उन्होंने 1998 में विवाह किया। नेल्सन मंडेला के चार पुत्र और तीन पुत्रियाँ थीं, जिनमें मकगाथो, माकजिवेक़, माकवे, माडि, पुलो और जोंक्वे शामिल हैं।

नेल्सन मंडेला पुरस्कार

नेल्सन मंडेला का समर्थन और उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण, उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनके पुरस्कारों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

नोबेल शांति पुरस्कार (1993): नेल्सन मंडेला को 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसे उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के आपर्टाइड शासन के खिलाफ संघर्ष में दिखाए गए उनके प्रतिबद्धता और साहस के लिए प्राप्त किया।

भारत रत्न (1990): भारत सरकार ने नेल्सन मंडेला को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया, जो उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिखाए गए शौर्य और समर्पण की मिसाल के लिए था।

भारतीय साहित्य सम्मान (1990): नेल्सन मंडेला को 1990 में भारतीय साहित्य सम्मान से भी सम्मानित किया गया था, जिसे उन्होंने अपार्टाइड समाप्ति के प्रति अपने संकल्प की प्रशंसा के लिए प्राप्त किया।

भारतीय वायसराय पुरस्कार (1990): नेल्सन मंडेला को 1990 में भारतीय वायसराय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जिससे उन्होंने भारतीय-दक्षिण अफ्रीकी संबंधों के मजबूतीकरण के लिए उनके प्रयासों की महत्वपूर्णता को प्रमोट किया।

नेल्सन मंडेला के महत्वपूर्ण तथ्य (Nelson Mandela Facts)

  • जन्म और परिवार: नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के म्वेसो गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमबे मंडेला था और माता का नाम नोकांका मंडेला था।
  • स्वतंत्रता संग्राम: नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में आपर्टाइड नामक जातिवादी प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने आपर्टाइड से संघर्ष करते हुए सात साल की कैद काटी और बाद में स्वतंत्रता संग्राम के नेता बने।
  • राष्ट्रपति: नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका के पहले गैर सफेद राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा। उन्हें 1994 में राष्ट्रपति बनाया गया और वे देश को एकता और समरसता की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • नोबेल पुरस्कार: नेल्सन मंडेला को 1993 में मिर पीस पुरस्कार दिया गया, जिससे उन्होंने आपर्टाइड समाप्ति के प्रति अपने संकल्प को मजबूती से दिखाया।
  • दक्षिण अफ्रीका के पहले सफेद राष्ट्रपति: नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले गैर सफेद राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम व्यक्ति थे, जिससे वे एक समाज में भाईचारे की महत्वपूर्णता को साबित किया।
  • मंडेला दिवस: 18 जुलाई को वर्ष 2009 से ‘मंडेला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को समाजसेवा और भाईचारे के महत्व के प्रति प्रेरित करना है।
  • शांतिदूत: नेल्सन मंडेला को ‘मडीबा’ के नाम से भी जाना जाता था, जिसका अर्थ ‘वर्ग के बीच में स्थापित करने वाला’ होता है। उन्होंने शांतिदूत के क्षेत्र में अपने प्रयासों से दुनियाभर में समझौता और विश्वशांति की प्रोत्साहना की।
  • मृत्यु: नेल्सन मंडेला का निधन 5 दिसंबर 2013 को हुआ, लेकिन उनकी आत्मा और उनके आदर्श लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है।

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नेल्सन मंडेला की जीवनी | Nelson Mandela Biography in Hindi

Nelson Mandela / नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ़्रीका के भूतपूर्व प्रसिद्ध राष्ट्रपति थे। नेल्सन मंडेला यहाँ के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के 27 वर्ष रॉबेन द्वीप पर कारागार में रंगभेद नीति के ख़िलाफ़ लड़ते हुए बिताए। नेल्सन मंडेला अब्राहम लिंकन, मार्टिन लूथर किंग और गाँधी जी के विचारो पर चलने वाले व्यक्ति थे।

Nelson Mandela Biography In Hindi

नेल्सन मंडेला का परिचय – Nelson Mandela Biography in Hindi

यह वह दौर था जब पूरी दुनिया गांधी से प्रभावित हो रही थी, नेल्सन भी उनमें से एक थे। वैचारिक रूप से वह स्वयं को गांधी के नज़दीक पाते थे, और यह प्रभाव उनके द्वारा चलाए गए आन्दोलनों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। रंगभेद के खिलाफ चलाये गए आंदोलन के लिए उन्हें उम्रकैद की सजा हुवी। आम जनता से दूर रखने के लिए उन्हें रोबन द्वीप पर भेज दिया गया। यह दक्षिण अफ़्रीका का कालापानी माना जाता है। अंत में उनकी जीत हुवी और नोबेल पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया।

प्रारंभिक जीवन – Early Life of Nelson Mandela

नेल्सन मंडेला का जन्म बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गाँव में 18 जुलाई, 1918 को हुआ था। वे अब्राहम लिंकन और मार्टिन लूथर किंग के विचारों से बहुत प्रभावित थे नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रिका के गाँधी नेल्सन मंडेला के नाम से भी जाने जाते है वे अपनी माँ नोसकेनी की प्रथम और पिता की सभी संतानों में 13 भाइयों में तीसरे थे। मंडेला के पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे। स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे, जिससे उन्हें अपना उपनाम मिला। उनके पिता ने इन्हें ‘रोलिह्लाला’ प्रथम नाम दिया था जिसका खोज़ा में अर्थ “उपद्रवी” होता है। उनकी माता मेथोडिस्ट थी।

मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद की स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली। उनकी स्नातक शिक्षा हेल्डटाउन में हुई थी। ‘हेल्डटाउन’ अश्वेतों के लिए बनाया गया विशेष कॉलेज था। इसी कॉलेज में मंडेला की मुलाकात ‘ऑलिवर टाम्बो’ से हुई, जो जीवन भर उनके दोस्त एवं सहयोगी रहे।

मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे। अक्टूबर 1944 को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की। 1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया। इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।

शिक्षा और राजनीति –  Education & Career of Nelson Mandela

1940 तक नेल्सन मंडेला और ऑलिवर ने कॉलेज कैंपस में अपने राजनैतिक विचारों और क्रियाकलापों से लोकप्रियता अर्जित कर ली थी। कॉलेज प्रशासन को जब इसकी खबर लगी तो दोनो को कॉलेज से निकाल दिया गया। 1941 में मंडेला जोहन्सबर्ग चले गये जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई। उन दोनों ने राजनीतिक रूप से मंडेला को बहुत प्रभावित किया। 1944 में वे अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गये जिसने रंगभेद के विरूद्ध आन्दोलन चला रखा था।

इसी वर्ष उन्होंने अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ मिल कर अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। 1947 में वे लीग के सचिव चुने गये। नेल्सन की विचार शैली और काम करने की क्षमता से लोग प्रभावित होने लगे। एक महान् नेता धीरे-धीरे जन्म ले रहा था। इसी बीच अपने आप को क़ानून का बेहतर जानकार बनाने के लिए नेल्सन ने क़ानून की पढ़ाई शुरू कर दी, लेकिन अपनी व्यस्तता के कारण वे एल.एल.बी. की परीक्षा पास करने में असफल रहे। इस असफलता के बाद उन्होंने एक वक़ील के तौर पर काम करने के बजाय अटार्नी के तौर पर काम करने के लिए पात्रता परीक्षा पास करने का फ़ैसला किया। इसी बीच अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस को चुनावों में करारी पराजय का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस के अध्यक्ष को पद से हटाकर किसी नए अध्यक्ष को लाने की माँग ज़ोर पकड़ने लगी। यूथ कांग्रेस के विचारों को अपनाकर मुख्य पार्टी को आगे बढ़ाने का विचार रखा गया। वाल्टर सिसुलू ने एक कार्ययोजना का निर्माण किया, जो ‘अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस’ के द्वारा स्वीकार कर लिया गया। 1951 में नेल्सन को ‘यूथ कांग्रेस’ का अध्यक्ष चुन लिया गया। नेल्सन ने अपने लोगों को क़ानूनी लड़ाई लड़ने के लिए 1952 में एक क़ानूनी फ़र्म की स्थापना की।

1961 में मंडेला और उनके कुछ मित्रों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चला परन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया। 5 अगस्त 1962 को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।

1994 में दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत प्राप्त किये और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी। 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने।

नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्रोत माना था और उनसे अहिंसा का पाठ सीखा था।

मृत्यु : 5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण मंडेला की हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में मृत्यु हो गयी। मृत्यु के समय ये 95 वर्ष के थे और उनका पूरा परिवार उनके साथ था। उनकी मृत्यु की घोषणा राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।

नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता” मानते थे। उन्हें “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक”राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के रूप में देखा जाता था नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

पुरूस्कार और सम्मान – Nelson Mandela awards 

  • 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार
  • प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
  • निशान-ए–पाकिस्तान
  • 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार.

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नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi

नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi

इस लेख में आप नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें आप उनका प्रारंभिक जीवन, राजनीतिक करिअर, वैवाहिक जीवन, पुरस्कार, मृत्यु, विचार जैसी कई जानकारियाँ दी गई है।

शुरू करते हैं – नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय

Table of Content

दक्षिण अफ्रीका के महात्मा गांधी कहे जाने वाले नेल्सन मंडेला एक महान राष्ट्र नायक थे। इन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों की बागडोर अपने हाथों में ली। नेल्सन मंडेला की बायोग्राफी बहुत ही प्रेरणादायक है।

राजतंत्र , उपनिवेशवाद और लोकतंत्र के सन्धिकाल वाली इस सदी में अपने देश का परचम थामे इस राजनेता ने विश्व इतिहास की इबारत अपने हाथों से लिखी। दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने मानव सभ्यता के इतिहास में ‘चमड़ी के रंग’ और नस्ल के आधार पर मानव द्वारा मानव पर अत्याचार करने की क़ानून बना रखी थीं।

वह दुनिया की एकमात्र ऐसी सरकार थी, जिसने जातिय पृथक्करण एवं रंगभेद पर आधारित लिखित कानून बना रखी थीं।

नेल्सन मंडेला ने खून का घूट पीकर, ड्राइवर, दरबान और भृत्य के रूप में निर्वासित जीवन जीकर, जेल में क्रूर यातनाएँ सहकर भी दक्षिण अफ्रीका को बीसवीं सदी के अंतिम मोड़ पर आजाद करवा ही दिया।

प्रारम्भिक जीवन Early life

दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले महान जननायक नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई सन् 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनके पिता गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।

हेनरी की तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी की कोख़ से ही मंडेला का जन्म हुआ। नेल्सन मंडेला, हेनरी के 13वीं सन्तानों में से तीसरे थे। स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे।

जिससे उन्हें अपना उपनाम मिला। मंडेला के पिता उन्हें ‘रोलिह्लला’ नाम से पुकारते थे, जिसका अर्थ ‘उपद्रवी’ होता हैं। इनकी माता एक मेथोडिस्ट थी। मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की।

उसके बाद नेल्सन मंडेला ने स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली। मंडेला जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी। इसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। लॉ फर्म में क्लर्क की नौकरी कर उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण किया।

राजनीतिक जीवन Political life

देश की मौजूदा स्थिति को देखकर नेल्सन मंडेला ने सन् 1941 में जोहान्सबर्ग चले गए। जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई, जिनसे प्रभावित होकर देश मे होने वाले रंग के आधार पर भेदभाव को दूर करने के लिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा।

देशहित की लड़ाई के दौरान ही वे धीरे-धीरे राजनीति में सक्रिय होते चले गए। सन् 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए, जो रंगभेद के विरुद्ध आन्दोलन करती थीं। ]

इसी वर्ष उन्होंने एक अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। बाद में उसी लीग के सचिव चुनें गये। सन् 1961 में नेल्सन मंडेला और उनके कुछ मित्रों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चला परन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया।

5 अगस्त 1962 को गिरफ्तार होने के बाद सन् 1964 में बहुचर्चित ‘रिवोनिया’ मुकदमे में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई। साढ़े सत्ताईस साल का कारावास भी उनके बुलंद इरादों और संकल्पशक्ति को कैद न कर सका बल्कि उनके आत्मबल ने लोहे की सलाखों को भी पिघला दिया।

जेल की चहारदीवारी के भीतर जैसे-जैसे नेल्सन मंडेला की उम्र बूढ़ी होती गई, उनके इरादे और दक्षिण अफ्रीका का स्वतंत्रता आंदोलन जवान होता गया।

जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को मड़ेला की रिहाई हुई। रिहाई के बाद सन् 1990 में ही श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया।

वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्म दिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसी वर्ष भारत ने उन्हे देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया।

मंडेला, भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं। 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया।

वैवाहिक जीवन Married life

सन् 1944 में अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन एवलीस मेस से विवाह किया। नेल्सन मंडेला ने तीन शादियाँ की थी। सन् 1958 में अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद उन्होंने सन् 1961 मेंनोमजामो विनी मेडीकिजाला से विवाह किया।

जिन्होंने मंडेला को देशद्रोह के आरोप में हुई जेल से छुड़ाने में अहम भूमिका अदा की थी। सन् 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया। तीनों पत्नियों से मंडेला को 6 सन्ताने प्राप्त हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थीं।

मृत्यु Death

दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की मृत्यु 5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण हॉटन, जोहान्सबर्ग में स्थित अपने घर पर हुई। उनकी मृत्यु की घोषणा सर्वप्रथम राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।

पुरस्कार एवं सम्मान Awards

नेल्सन मंडेला को “लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक”, “राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के रूप में देखा जाता था। दक्षिण अफ्रीका के लोग महात्मा गाँधी की तरह उन्हें भी “राष्ट्रपिता” का दर्जा देते थे।

2004 में जोहन्सबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी उसके बाद सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता था जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है।

67 साल तक मंडेला का रंगभेद के आन्दोलन से जुड़े होने के उपलक्ष्य में लोगों से दिन के 24 घण्टों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने का आग्रह किया गया।

सन् 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ उन्हें भी संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नेल्सन मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जैसे सन् 1990 में भारत रत्न, 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार, निशान-ए–पाकिस्तान, ऑर्डर ऑफ़ लेनिन, प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम आदि।

नेल्सन मंडेला के प्रमुख विचार Nelson Mandela Thoughts in Hindi

नेल्सन मंडेला के कुछ महान विचार –

  • मैं जातिवाद से बहुत नफरत करता हूँ, मुझे यह बर्बरता लगती है। फिर चाहे वह अश्वेत व्यक्ति से आ रही हो या श्वेत व्यक्ति से।
  • अगर आप एक आदमी से उस भाषा में बात करते हैं जिसे वह समझता है, तो वह उसके दिमाग में जाती है। वही अगर आप उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो वह उसके दिल में उतरतीं है।
  • विशेष रूप से जब आप जीत का जश्न मनाते हो और जब कभी अच्छी बातें होती है, तब आपको दूसरों को आगे रखकर पीछे से नेतृत्व करना चाहिए और जब भी ख़तरा हो आपको आगे की लाइन में आना चाहिये। तब लोग आपके नेतृत्व की सराहना करेंगे।
  • भले ही आपको कोई बीमारी हो तो तब आप बैठकर मूर्ख की तरह उदास मत हो जाओ। जीवन का भरपूर आनंद लें और आपको जो बीमारी लगी है उसे चुनौती दें।
  • जब पानी उबलना शुरू होता है, उस समय ताप को बंद करना मूर्खता है।
  • अगर आप अपने दुश्मन के साथ शांति बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने दुश्मन के साथ काम करना होगा। तब वह आपका साथी बनेगा।

आशा करते हैं आपको नेल्सन मंडेला के जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi से आपको उनके विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिल पाई होंगी।

Featured Image – Creative Common 2.0 –  https://www.flickr.com/photos/45582474@N02/9215883633/in/photostream/

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Biography of Nelson Mandela

Rolihlahla Mandela was born into the Madiba clan in the village of Mvezo , in the Eastern Cape, on 18 July 1918. His mother was Nonqaphi Nosekeni and his father was Nkosi Mphakanyiswa Gadla Mandela, principal counsellor to the Acting King of the Thembu people, Jongintaba Dalindyebo. In 1930, when he was 12 years old, his father died and the young Rolihlahla became a ward of Jongintaba at the Great Place in Mqhekezweni 1 .

Hearing the elders’ stories of his ancestors’ valour during the wars of resistance, he dreamed also of making his own contribution to the freedom struggle of his people.

Video Overlay Mandela

He attended primary school in Qunu where his teacher, Miss Mdingane, gave him the name Nelson, in accordance with the custom of giving all schoolchildren “Christian” names.

He completed his Junior Certificate at Clarkebury Boarding Institute and went on to Healdtown, a Wesleyan secondary school of some repute, where he matriculated.

Mandela began his studies for a Bachelor of Arts degree at the University College of Fort Hare but did not complete the degree there as he was expelled for joining in a student protest.

On his return to the Great Place at Mqhekezweni the King was furious and said if he didn’t return to Fort Hare he would arrange wives for him and his cousin Justice. They ran away to Johannesburg instead, arriving there in 1941. There he worked as a mine security officer and after meeting Walter Sisulu, an estate agent, he was introduced to Lazer Sidelsky. He then did his articles through a firm of attorneys – Witkin, Eidelman and Sidelsky.

He completed his BA through the University of South Africa and went back to Fort Hare for his graduation in 1943.

Nelson Mandela (top row, second from left) on the steps of Wits University.

Meanwhile, he began studying for an LLB at the University of the Witwatersrand. By his own admission he was a poor student and left the university in 1952 without graduating. He only started studying again through the University of London after his imprisonment in 1962 but also did not complete that degree.

In 1989, while in the last months of his imprisonment, he obtained an LLB through the University of South Africa. He graduated in absentia at a ceremony in Cape Town.

Entering politics

Mandela, while increasingly politically involved from 1942, only joined the African National Congress in 1944 when he helped to form the ANC Youth League (ANCYL).

In 1944 he married Walter Sisulu’s cousin, Evelyn Mase, a nurse. They had two sons, Madiba Thembekile "Thembi" and Makgatho, and two daughters both called Makaziwe, the first of whom died in infancy. He and his wife divorced in 1958.

Mandela rose through the ranks of the ANCYL and through its efforts, the ANC adopted a more radical mass-based policy, the Programme of Action, in 1949.

Nelson Mandela on the roof of Kholvad House in 1953.

In 1952 he was chosen as the National Volunteer-in-Chief of the Defiance Campaign with Maulvi Cachalia as his deputy. This campaign of civil disobedience against six unjust laws was a joint programme between the ANC and the South African Indian Congress. He and 19 others were charged under the Suppression of Communism Act for their part in the campaign and sentenced to nine months of hard labour, suspended for two years.

A two-year diploma in law on top of his BA allowed Mandela to practise law, and in August 1952 he and Oliver Tambo established South Africa’s first black-owned law firm in the 1950s, Mandela & Tambo. 2

At the end of 1952 he was banned for the first time. As a restricted person he was only permitted to watch in secret as the Freedom Charter was adopted in Kliptown on 26 June 1955.

The Treason Trial

Mandela was arrested in a countrywide police swoop on 5 December 1956, which led to the 1956 Treason Trial. Men and women of all races found themselves in the dock in the marathon trial that only ended when the last 28 accused, including Mandela, were acquitted on 29 March 1961.

On 21 March 1960 police killed 69 unarmed people in a protest in Sharpeville against the pass laws. This led to the country’s first state of emergency and the banning of the ANC and the Pan Africanist Congress (PAC) on 8 April. Mandela and his colleagues in the Treason Trial were among thousands detained during the state of emergency.

During the trial Mandela married a social worker, Winnie Madikizela, on 14 June 1958. They had two daughters, Zenani and Zindziswa. The couple divorced in 1996.

Days before the end of the Treason Trial, Mandela travelled to Pietermaritzburg to speak at the All-in Africa Conference, which resolved that he should write to Prime Minister Verwoerd requesting a national convention on a non-racial constitution, and to warn that should he not agree there would be a national strike against South Africa becoming a republic. After he and his colleagues were acquitted in the Treason Trial, Mandela went underground and began planning a national strike for 29, 30 and 31 March.

In the face of massive mobilisation of state security the strike was called off early. In June 1961 he was asked to lead the armed struggle and helped to establish Umkhonto weSizwe (Spear of the Nation), which launched on 16 December 1961 with a series of explosions.

Madiba travelled with his Ethiopian passport.

On 11 January 1962, using the adopted name David Motsamayi, Mandela secretly left South Africa. He travelled around Africa and visited England to gain support for the armed struggle. He received military training in Morocco and Ethiopia and returned to South Africa in July 1962. He was arrested in a police roadblock outside Howick on 5 August while returning from KwaZulu-Natal, where he had briefed ANC President Chief Albert Luthuli about his trip.

He was charged with leaving the country without a permit and inciting workers to strike. He was convicted and sentenced to five years' imprisonment, which he began serving at the Pretoria Local Prison. On 27 May 1963 he was transferred to Robben Island and returned to Pretoria on 12 June. Within a month police raided Liliesleaf, a secret hideout in Rivonia, Johannesburg, used by ANC and Communist Party activists, and several of his comrades were arrested.

On 9 October 1963 Mandela joined 10 others on trial for sabotage in what became known as the Rivonia Trial. While facing the death penalty his words to the court at the end of his famous "Speech from the Dock" on 20 April 1964 became immortalised:

“ I have fought against white domination, and I have fought against black domination. I have cherished the ideal of a democratic and free society in which all persons live together in harmony and with equal opportunities. It is an ideal which I hope to live for and to achieve. But if needs be, it is an ideal for which I am prepared to die. ” Speech from the Dock quote by Nelson Mandela on 20 April 1964

On 11 June 1964 Mandela and seven other accused, Walter Sisulu, Ahmed Kathrada, Govan Mbeki, Raymond Mhlaba, Denis Goldberg, Elias Motsoaledi and Andrew Mlangeni, were convicted and the next day were sentenced to life imprisonment. Goldberg was sent to Pretoria Prison because he was white, while the others went to Robben Island.

Mandela’s mother died in 1968 and his eldest son, Thembi, in 1969. He was not allowed to attend their funerals.

On 31 March 1982 Mandela was transferred to Pollsmoor Prison in Cape Town with Sisulu, Mhlaba and Mlangeni. Kathrada joined them in October. When he returned to the prison in November 1985 after prostate surgery, Mandela was held alone. Justice Minister Kobie Coetsee visited him in hospital. Later Mandela initiated talks about an ultimate meeting between the apartheid government and the ANC.

A picture captured during a rare visit from his comrades at Victor Verster Prison.

Release from prison

On 12 August 1988 he was taken to hospital where he was diagnosed with tuberculosis. After more than three months in two hospitals he was transferred on 7 December 1988 to a house at Victor Verster Prison near Paarl where he spent his last 14 months of imprisonment. He was released from its gates on Sunday 11 February 1990, nine days after the unbanning of the ANC and the PAC and nearly four months after the release of his remaining Rivonia comrades. Throughout his imprisonment he had rejected at least three conditional offers of release.

Mandela immersed himself in official talks to end white minority rule and in 1991 was elected ANC President to replace his ailing friend, Oliver Tambo. In 1993 he and President FW de Klerk jointly won the Nobel Peace Prize and on 27 April 1994 he voted for the first time in his life.

On 10 May 1994 he was inaugurated as South Africa’s first democratically elected President. On his 80 th birthday in 1998 he married Graça Machel, his third wife.

True to his promise, Mandela stepped down in 1999 after one term as President. He continued to work with the Nelson Mandela Children’s Fund he set up in 1995 and established the Nelson Mandela Foundation and The Mandela Rhodes Foundation.

In April 2007 his grandson, Mandla Mandela, was installed as head of the Mvezo Traditional Council at a ceremony at the Mvezo Great Place.

Nelson Mandela never wavered in his devotion to democracy, equality and learning. Despite terrible provocation, he never answered racism with racism. His life is an inspiration to all who are oppressed and deprived; and to all who are opposed to oppression and deprivation.

He died at his home in Johannesburg on 5 December 2013.

1. Nelson Mandela's father died in 1930 when Mandela was 12 and his mother died in 1968 when he was in prison. While the autobiography Long Walk to Freedom says his father died when he was nine, historical evidence shows it must have been later, most likely 1930. In fact, the original Long Walk to Freedom manuscript (written on Robben Island) states the year as 1930, when he was 12.

2. have established that there were at least 2 other black owned law firms before Mandela and Tambo.

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Nelson Mandela Biography in Hindi नेल्सन मंडेला की जीवनी

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Nelson Mandela Biography in Hindi

नेल्सन मंडेला की जीवनी.

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नेल्सन मंडेला के कुछ रोचक तथ्य, जानकारियाँ, आदेश, सजावट, स्मारक, और पुरस्कार

Main article: list of awards and honours bestowed upon nelson mandela.

  • मंडेला ने अपने जीवन के दौरान अपनी राजनीतिक उपलब्धियों की सराहना करते हुए लगभग 250 सम्मान, सम्मान, पुरस्कार, मानद डिग्री और नागरिकता प्राप्त की।
  • नोबेल शांति पुरस्कार उनके कई सम्मानों में से एक था।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका की स्वतंत्रता का राष्ट्रपति पदक
  • सोवियत संघ का लेनिन शांति पुरस्कार
  • लीबिया अल-गद्दाफ़ी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार
  • 1990 में, भारत ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।
  • पाकिस्तान ने उन्हें 1992 में निशान-ए-पाकिस्तान दिया था।
  • उसी वर्ष, तुर्की ने उन्हें अतातुर्क शांति पदक प्रदान किया; उन्होंने शुरू में इस पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया, उस समय तुर्की द्वारा किए गए मानवाधिकारों के अत्याचारों का आरोप लगाया, लेकिन अंततः 1999 में इसे स्वीकार कर लिया।
  • उन्हें इसाबेला कैथोलिक ऑर्डर का सदस्य बनाया गया था।

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  • वह कनाडा के मानद नागरिक नामित होने वाले पहले जीवित व्यक्ति थे और उन्हें ऑर्डर ऑफ कनाडा से सम्मानित किया गया था।
  • उन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा ऑर्डर ऑफ सेंट जॉन का बेलीफ ग्रैंड क्रॉस और ऑर्डर ऑफ मेरिट का सदस्य बनाया गया था।
  • मंडेला को 2004 में जोहान्सबर्ग शहर की स्वतंत्रता से सम्मानित किया गया था।
  • 2008 में, नेल्सन मंडेला की एक प्रतिमा का अनावरण जेल से उनकी मुक्ति के स्थल पर किया गया था।
  • 2013 में सुलह के दिन प्रिटोरिया की यूनियन बिल्डिंग में नेल्सन मंडेला की कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई थी।
  • रंगभेद विरोधी अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए नवंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मंडेला के जन्मदिन, 18 जुलाई को “मंडेला दिवस” घोषित किया गया था। इसने लोगों को आंदोलन के सदस्य के रूप में मंडेला के 67 वर्षों के सम्मान में दूसरों के लिए कुछ करने के लिए 67 मिनट समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • नेल्सन मंडेला की स्मृति का सम्मान करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2015 में कैदियों के उपचार के लिए संशोधित मानक न्यूनतम नियमों का नाम बदलकर “मंडेला नियम” कर दिया।

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“हम सब मिलकर अपने आप से एक कसम खाते हैं

कि हम अपने सभी लोगों को गरीबी अभाव कष्ट, और किसी भी तरह के भेदभाव के बंधन से आजाद करेंगे”.

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दोस्तों अपने और अपने परिवार की खुशी के लिए तो सभी जीते हैं मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए समाज की भलाई ही उनकी जिंदगी का मकसद बन जाती है इस पोस्ट में आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जिन्होंने अफ्रीका के उन लोगों के लिए अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया जिन्हें ब्लैक कह कर बुलाया जाता था और समाज में कभी भी बराबर का दर्जा नहीं दिया जाता था|

27 साल जेल में

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हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई छोटी कीमत नहीं चुकाई अपनी जिंदगी का 27 साल का समय उन्होंने जेल में बिता दिया इसलिए नहीं कि उन्होंने कोई जुर्म किया था बल्कि इसलिए क्योंकि उनकी रिहाई के लिए जो शर्त सरकार ने रखी थी वह उन्हें मंजूर नहीं थी इसलिए|

संपन्न परिवार

क्योंकि वह जानते थे कि अगर वह ऐसा करते तो देश के बहुत से लोगों को दबाने का मौका सरकार को फिर से मिल जाता वह चाहते तो बड़े आराम की जिंदगी जी सकते थे क्योंकि वह खुद बहुत संपन्न परिवार से थे मगर उन्होंने समाज के हितों के लिए निस्वार्थ रूप से लड़ाई लड़ी यह कहानी है|

ब्लैक राष्ट्रपति

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नेलसन मंडेला के संघर्षों की जो 76 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका के पहले ब्लैक राष्ट्रपति बने थे अफ्रीका भी इंडिया की ही तरह गुलाम देश था जिसके गांधी थे नेल्सन मंडेला दोस्तों नेल्सन मंडेला का पूरा नाम था नेलसन रोलिहलहला मंडेला 18 जुलाई 1918 को साउथ अफ्रीका के केप प्रोविंस के एक राज परिवार में हुआ था|

लॉ की पढ़ाई

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उनको नेल्सन नाम उनके टीचर ने दिया था जब वह सिर्फ 9 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई बचपन में उन्हें लगता था कि यह जो शासक अफ्रीका पर रूल कर रहे हैं वह अफ्रिका की भलाई के लिए ही हैं 1939 में उन्होंने University of Fort Hare में बीए की डिग्री लेने के लिए एडमिशन लिया | जिसके बाद उन्होंने लॉ की पढ़ाई के लिए University of the Witwatersrand   में एडमिशन लिया जहां वह सिर्फ एक ही ब्लैक अफ्रीकन स्टूडेंट थे|

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वहां पर पहली बार उनका सामना नस्लभेद से हुआ | मंडेला को यह एहसास होने लगा था कि आप अफ्रिकंस को यह लोग बहुत नीचा समझते हैं और सरकार इनसे हर जगह भेदभाव करती हैं उन्होंने एनसी यानी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया उन्हें लग रहा था कि आजादी की लड़ाई के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए युवा लोगों को साथ में लेना बहुत जरूरी है वह कुछ लोगों के साथ मिलकर ANC के प्रेसिडेंट से मिले और अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग यानी एनसीएल का गठन हुआ |

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लेबरडे उसके प्रेसिडेंट बने वहां पर आम चुनाव में सिर्फ गौरव को ही वोट डालने की इजाजत थी वेलसन मंडेला ने बहिष्कार और हड़ताल करके गोरो के खिलाफ डायरेक्ट एक्शन लेने की बात कही इसकी प्रेरणा उन्हें अफ्रीका में मौजूद भारतीय लोगों से मिली थी क्योंकि वह लोग वहां पर पहले से ही यह सब कर रहे थे | पूरा समय राजनीति में देने के कारण मंडेला लॉ की पढ़ाई में 3 साल फेल हो गए और 1949 में यूनिवर्सिटी ने उन्हें निकाल दिया|

सरकार के खिलाफ

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1950 में उन्हें एमसीवाईएल का प्रेसिडेंट चुना गया 1952 में उन्होंने भारतीय ग्रुप और कम्युनिस्ट के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ डिफेंस कैंपेन यानी उनकी कोई भी आज्ञा ना मानने और उनका कोई भी काम ना करने का आंदोलन छेड़ा इसे पूरी तरह से अहिंसा का पालन करते हुए महात्मा गांधी के तरीकों पर किया जाने का प्लान बना उन्होंने 10000 लोगों की भीड़ को इसके लिए प्रेरित किया इसका असर इतना हुआ कि एनसी की सदस्यता 20,000 से बढ़कर एक लाख तक पहुंच गई|

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नेलसन मंडेला को गिरफ्तार कर लिया गया सरकार ने ऐसे आंदोलन को रोकने के लिए पब्लिक सेफ्टी बिल पास किया ताकि मार्शल लॉ लगाकर कभी भी कोई भी कदम उठाया जा सके मंडेला की गिरफ्तारी से शुरू हुए और भी विद्रोह होते सरकार को लगने लगा था कि अब नेलसन मंडेला को हल्के में नहीं लिया जा सकता | मंडेला को कुछ समय के बाद रिहा कर दिया गया मगर 6 महीने तक उन्हें किसी भी मीटिंग में जाने की एक से ज्यादा लोगों से एक बार में मिलने की इजाजत नहीं थी उसके बाद उन्होंने वकालत शुरु कर दी जिसका मूल लक्ष्य था गोरो के द्वारा प्रताड़ित अफ्रिकंस की मदद करना|

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1955 में ,  10 वर्ग में एक जगह से सभी ब्लैक लोगों को जबरदस्ती जगह छोड़कर कहीं और जाकर रहने पर मजबूर कर दिया गया इसके लिए किया गया सारा विद्रोह विफल रहा तब मंडेला को लगा कि सरकार के खिलाफ सिर्फ अहिंसात्मक विद्रोह से काम नहीं चलेगा और अब कड़ा कदम उठाना जरूरी है नेलसन मंडेला की सारी मीटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया जाता था और फिर 1956 में ANC के कई बड़े नेताओं को देशद्रोह के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया|

1962 में उन्हें फिर से रेस्ट कर लिया गया नेलसन मंडेला ने अपने ऊपर चल रहे मुकदमे में कोई गवाह पेश नहीं किया और हर सत्र में राजनीतिक विचारों के बारे में बात करने लगे वह चाहते थे कि इस केस के माध्यम से एनसी की विचारधारा सभी लोगों तक पहुंचे ठीक उसी तरह जैसे भगत सिंह ने किया था इसके बाद उन्हें लगभग 27 साल जेल में रहना पड़ा जेल में उन्हें सबसे निम्न दर्जे का कैदी बनाया गया था दीवारों से घिरे हुए उनके पास सोने के लिए एक चटाई के अलावा कुछ भी नहीं था|

आंखों की रोशनी

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दिन में वह अन्य कैदियों के साथ चूने की खदान में काम करते थे मगर अन्य कैदियों की तरह उन्हें चश्मा नहीं दिया गया था | काम करते-करते उनकी आंखों की रोशनी बहुत ज्यादा कमजोर हो गई कई बार उन्हें सरकार ने अपनी शर्तों पर रिहा करने का ऑफर दिया मगर मंडेला ने हर बार मना कर दिया 1994 में नेल्सन मंडेला का सपना पूरा हुआ और कई दशक के विद्रोह के बाद मूल अफ्रिकंस को भी वोट देने का अधिकार मिला|

नोबेल शांति पुरस्कार

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नेल्सन मंडेला अफ्रीका के पहले ब्लॉक प्रेसिडेंट बने उसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका को एक बेहतर देश बनाने के लिए बहुत से काम किए 1999 में उन्होंने राजनीति छोड़ दी और लगभग 5 साल तक सामाजिक कामों में लगे रहे 5 दिसंबर 2013 को 95 साल की उम्र में लंबे समय तक सांस की बीमारी से जूझने के बाद उनकी मृत्यु हो गई साउथ अफ्रीका में उनके कामों के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया लोगों ने वहां पर फादर ऑफ द नेशन भी मानते हैं आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके हमें बताएं|

धन्यवाद | ( OSP )

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Nelson Mandela Biography in Hindi, नेल्सन मंडेला की आत्मकथा।

Nelson Mandela Biography in Hindi नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी कहा जाता है, नेल्सन मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela) था। मंडेला, गांधी जी से काफी प्रेरित थे, वे गांधी की तरह अहिंसा में विश्वास रखते थे। नेल्सन मंडेला का जीवन काफी मुस्किलों से भार था। उन्हें 27 अपने जीवन के जेल में बिताना पड़ा था। रंग भेद के लिए काफी संघर्ष किया था।

मंडेला जी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी रह चुके है।

Nelson Mandela Biography in Hindi

दोस्तों संपूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े।

Table of Contents

Nelson Mandela का जीवन परिचय

मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनका  गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और इनकी तीसरी पत्नी  नेक्यूफी नोसकेनी के घर हुआ था। मंडेला 18 भाई-बहनों में तीसरे थे। उनके पिता हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, हेनरी म्वेज़ो जनजाति के सरदार थे। स्थानीय लोग सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे।

उनके पिता उन्हें  ‘रोलिह्लाला’  नाम से पुकारते थे। जिसका क्षेत्रीय भाषा में अर्थ “उपद्रवी” होता है। नेल्सन का प्रारम्भिक शिक्षा  क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से हुई। मैट्रिक शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से प्राप्त की। उच्च शिक्षा यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम, यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ अफ्रीका, यूनिवर्सिटी ऑफ़ द विटवाटरस्रांड जैसे विभिन्न यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। 12 वर्ष की उम्र में इनके पिता का देहांत हो गया था।

राजनीतिक संघर्ष Nelson Mandela Biography in Hindi

राजनीतिक जीवन भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला। 1941 में मंडेला जोहन्सबर्ग चले गये। जहां उनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई। ये इन दोनों मंड़ेला काफी प्रभावित हुए। जोहन्सबर्ग में बसने के बाद जीवनयापन के लिए एक कानून फर्म में क्लर्क की नौकरी कर ली। किन्तु उनका मन राजनीतिक की ओर धीरे-धीरे आकर्षित होने लगा।

उस समय रंगभेद को लेकर काफी समस्याएं थी रंग भेदभाव को दूर करने के लिए राजनीति में कदम रखा। 1944 में इन्होंने अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। जिसने रंगभेद के विरुद्ध आंदोलन जारी रखा था। 1944 में मंडेला अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ मिलकर अफ़्रीकन कांग्रेस लीग की स्थापना की। 1947 को इन्हें इसका सचिव चुना गया।

और 1961 तक रंग भेद विरोध प्रदर्शन जारी रहा। किन्तु 1961 में इनके और कुछ सहयोगियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया किन्तु कोर्ट में दोष सिद्ध न होने के कारण इन्हें छोड़ दिया गया।

5 अगस्त 1962 को उन्हें एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर मजदूरों को उकसाने तथा देश छोड़ने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया गया। 12 जुलाई 1964 को उन पर मुकदमा चलाया गया। और उन्हें उम्र कैद की सज़ा सुनायी गयी। सज़ा के लिए उन्हें राबर्ट द्वीप भेजा गया। किन्तु इनका उत्साह वहां भी कम नहीं हुआ।

जेल में भी उन्होंने अश्वेत कैदियों को लामबन्द (mobilized) करना शुरु कर दिया। जेल में रहकर उन्होंने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम ‘Long Walk to Freedom’ है। जेल में उन्होंने कोयले की खान में काम किया। 27 साल सज़ा काटने के बाद उन्हें रिहा किया गया। 11 फरवरी 1990 के रिहायी के बाद  समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी। पुनः एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय हो गये।

Nelson Mandela Biography in Hindi

1994 में दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत चुनाव हुआ और अफ्रीकन कांग्रेस लीग 62 प्रतिशत वोट पाकर विजयी रही, और सर्व सहमति से नेल्सन मंडेला को राष्ट्रपति चुना गया। 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला देश के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने 1996 केा अफ्रीका में नये संविधान लागू किया गया। जिसके अन्तर्गत कई राजनीतिक और अधिकारियों की जाँच के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की।

दो वर्ष बाद सक्रिये राजनीति से अलग हो गये। 1999 में अफ्रीका-कांग्रेस पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच उन्होंने देश में अश्वेत के लिए काफी बदलाव किया । कानून लागू किया तथा उन्हें सम्मान से जीने की आज़ादी दिलाई।

विचारधारा (Nelson Mandela Biography in Hindi)

ये गाँधी की विचार धारा को मानते थे अहिंसा के पुजारी थे। गांधी जी से काफी प्रेरित थे। मंडेला ने कभी हिंसक विचार धारा नहीं अपनायी।

विवाह बन्धन (Nelson Mandela Biography in Hindi)

मंडेला जी की तीन शादियां हुई थी। जिनसे उनके छः संताने हुई तथा उनके 17 पोते-पोतियां है। पहली शादी 1944 में उनके मित्र और सहयोगी वाल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से हुआ था। 1961 में चले मुकदमे में दोषी नहीं पाया गया उसी समय उनकी मुलाकात उनकी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया इस प्रकार उन्होंने तीन विवाह किया था।

सम्मान और पुरस्कार (Nelson Mandela Biography in Hindi)

अफ्रीका में लोग उन्हें मदीबा कहते है जो किसी बुजुर्ग के लिए गर्व की बात है। मदीबा का अर्थ पिता होता है। अफ्रीका में इन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। मंडेला जी को प्रथम लोकतांत्रिक के संस्थापक, “राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता”  के लिए जाना जाता है। जोहन्सबर्ग में स्थित सैडटन सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी।

2009 में संयुक्त राज्य सभा ने रंगभेद विरोधी संघर्षों में उनके योगदान की याद 18 जुलाई को उनका जन्म दिन मनाने की घोषणा की है।

विभिन्न देशों ने उनके इस योगदान के लिए अपने देश का सर्वोच्च पुरस्कार भी प्रदान किया है। विश्व के देशों से लगभग 250 पुरस्कार प्रदान किये गये है। इसमें कुछ पुरस्कार निम्न है-

  • 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार[10]
  • प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
  • निशान-ए–पाकिस्तान
  • 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार

मृत्यु (Nelson Mandela Biography in Hindi)

5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया। किन्तु वे आज भी लोगों के बाीच एक प्रेरणा के रूप में लोगों बीच आज भी जीवित है। उनका देहांत फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ। उस समय उनका पूरा परिवार उनके साथ था।

FAQ’s

Q. नेल्सन मंडेला का संबंध किस गणराज्य से थे ?

Ans:- म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ गणराज्य से थे।

Q. नेल्सन मंडेला का जन्म कब हुआ?

Ans:- मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था।

Q. नेल्सन मंडेला की मृत्यु कब हुई?

Ans:- 5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया।

Q. नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष कैसे था?

Ans:- नेल्सन मंडेला का जीवन और संघर्ष काफी दुख भरा था। इन्हें अपने जीवन में काफी कठिनाई उठानी पड़ी थी। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।

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  5. Nelson Mandela Biography In Hindi

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  6. NELSON MANDELA BIOGRAPHY: नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय।

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  6. Nelson Mandela Biography

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  1. नेल्सन मंडेला

    नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (ख़ोसा: Nelson Rolihlahla Mandela; 18 जुलाई 1918 - 5 ...

  2. Nelson Mandela Biography in Hindi

    Nelson Mandela Biography in Hindi - संछिप्त परिचय. नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, साउथ अफ़्रीका संघ में गेडला हेनरी ...

  3. NELSON MANDELA BIOGRAPHY IN HINDI

    NELSON MANDELA BIOGRAPHY. नेल्सन मंडेला को आज भी पूरी दुनिया में उनके रंगभेद के विरोध के लिए जाना जाता है। उन्होंने सभी अश्वेत लोगों के हक़ का समर्थन ...

  4. नेल्सन मंडेला जीवनी

    Biography : नेल्सन मंडेला जीवनी - Biography of Nelson Mandela in Hindi Jivani ... Biography of Nelson Mandela in Hindi Jivani ... इसके बाद Nelson Mandela ने वकालत पास की और अपने साथी ओलीवर टोम्बो के साथ ...

  5. नेल्सन मंडेला

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  6. नेल्सन मंडेला जीवन परिचय

    Nelson Mandela Biography (Hindi): "मैं कभी हारा नही, मैने या तो जीता या तो सीखा है" ये quotes तो आपने सुना ही होगा। हां, मैं बात कर रही हूं दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति

  7. Nelson Mandela Biography in Hindi

    नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela's) का वैवाहिक जीवन. नेल्सन मंडेला Nelson Mandela ने तीन शादियां की थीं जिनमें उनके 6 बच्चे थे और उनके 17 पोते-पोतियां हैं। 1944 ...

  8. नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय

    Read More : 50+ नेल्सन मंडेला जी के विचार | Famous Nelson Mandela Quotes in Hindi F requently Asked Question s Q.1 नेल्सन मंडेला को नोबेल पुरस्कार कब मिला?

  9. Nelson Mandela Biography in Hindi

    Note: अगर आपके पास Nelson Mandela Biography in Hindi मैं और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे ...

  10. Nelson Mandela in Hindi Biography नेल्सन मंडेला की जीवनी

    Read an essay on Nelson Mandela in Hindi and biography for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. नेल्सन मंडेला की ...

  11. Nelson Mandela Biography in Hindi

    Nelson Mandela biography in Hindi, Wiki, Height, Age, Family, Facts & More. अन्य पढ़ें - नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय; सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन परिचय

  12. नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस

    नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस का उत्सव. नेल्सन मंडेला ...

  13. नेल्सन मंडेला की जीवनी

    नेल्सन मंडेला का परिचय - Nelson Mandela Biography in Hindi. पूरा नाम. नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela) जन्म दिनांक. 18 जुलाई, 1918. जन्म स्थान. 'मबासा नदी' के ...

  14. Nelson Mandela Biography In Hindi

    Nelson Rolihlahla Mandela was a South African anti-apartheid rev... This video is about Nelson Mandela Biography In Hindi and History Of South Africa Apartheid.

  15. नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi

    इस लेख में आप नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय Biography of Nelson Mandela in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें आप उनका प्रारंभिक जीवन, राजनीतिक करिअर, वैवाहिक ...

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  17. Nelson Mandela Biography in Hindi Part 1

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  18. Biography of Nelson Mandela

    Biography of Nelson Mandela. Rolihlahla Mandela was born into the Madiba clan in the village of Mvezo, in the Eastern Cape, on 18 July 1918. His mother was Nonqaphi Nosekeni and his father was Nkosi Mphakanyiswa Gadla Mandela, principal counsellor to the Acting King of the Thembu people, Jongintaba Dalindyebo. In 1930, when he was 12 years old ...

  19. Nelson Mandela

    Nelson Rolihlahla Mandela (/ m æ n ˈ d ɛ l ə / man-DEH-lə; Xhosa: [xolíɬaɬa mandɛ̂ːla]; born Rolihlahla Mandela; 18 July 1918 - 5 December 2013) was a South African anti-apartheid activist, politician, and statesman who served as the first president of South Africa from 1994 to 1999. He was the country's first black head of state and the first elected in a fully representative ...

  20. Nelson Mandela Biography in Hindi नेल्सन मंडेला की जीवनी

    आंखों की रोशनी. Nelson-Mandela-Biography-In-Hindi. दिन में वह अन्य कैदियों के साथ चूने की खदान में काम करते थे मगर अन्य कैदियों की तरह उन्हें चश्मा नहीं ...

  21. Nelson Mandela

    Nelson Mandela is known for several things, but perhaps he is best known for successfully leading the resistance to South Africa's policy of apartheid in the 20th century, during which he was infamously incarcerated at Robben Island Prison (1964-82). He won the Nobel Prize for Peace in 1993, along with South Africa's president at the time, F.W. de Klerk, for having led the transition ...

  22. Nelson Mandela Biography In Hindi

    Nelson Mandela Biography in Hindi नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी कहा जाता है,नेल्सन मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोलीह्लला मंडेला(Nelson Rolihlahla Mandela) था। मंडेला, गांधी जी से ...

  23. (नेल्सन मंडेला) Nelson mandela motivational biography in Hindi

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