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बाघ पर निबंध – Essay on Tiger in Hindi

Essay on Tiger in Hindi : दोस्तों आज हमने हमारे देश की राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध लिखा है बाघ के दिन प्रतिदिन बढ़ती प्रजाति एक चिंता का विषय है इसलिए इसके प्रति जागरूकता फैलाना बहुत अधिक जरूरी है.

इसीलिए विद्यार्थियों को परीक्षाओं, लेखन प्रतियोगिताओं आदि में पैराग्राफ और निबंध लिखना दिया जाता है विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमने बाघ पर निबंध सरल भाषा में और अलग अलग सभी सीमाओं में लिखा है.

essay on tiger in hindi

Get Some Essay on Tiger in hindi for student under 100, 250, 400 and 1000 words.

10 line Essay on Tiger in Hindi

(1) बाघ एक चौपाया जानवर है.

(2) बाघ हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु है.

(3) बाघ स्तनधारी जानवर है क्योंकि यह इंसानों की तरह ही बच्चों को जन्म देता है.

(4) बाघ मांसाहारी जानवर है.

(5) बाघ रात में शिकार करता है और दिन में सोता है.

(6) बाघ का शरीर 7 से 10 फीट तक लंबा होता है.

(7) भारतीय बाघ का शरीर का रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण होता है और उसके ऊपर काले रंग की धारियां होती है.

(8) बाघ के दो आंख और दो कान, एक लंबी पूछ होते है.

(9 ) बाघ जंगल, घास के मैदानों, वनों में अकेला रहना पसंद करता है.

(10) इसका मुख्य आहार चीतल, हिरण, जंगली सूअर, भैंस, सांभर, बकरी इत्यादि जानवर है.

Essay on Save Tiger in Hindi 250 words

बाघ एक स्तनधारी जानवर है जो कि जंगल में सबसे ताकतवर जानवर के रूप में जाना जाता है इसका शरीर 7 से 10 फुट लंबा होता है. बाघ की सबसे ज्यादा जनसंख्या हमारे देश भारत में ही पाई जाती है यह भारत के सुंदरवन जंगल में सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते है.

यह पशु देखने में सबसे सुंदर लगता है लेकिन यह जितना सुंदरता है उतना ही है खतरनाक है क्योंकि यह मांसाहारी होता है और जंगल के लगभग सभी जानवरों को मारकर खा सकता है जैसे की हिरण, गाय, बकरी, भैंस, चीतल आदि जानवर इसके प्रिय भोजन है.

यह मुख्य रूप से एशिया महाद्वीप पर ही पाया जाता है. एक दशक पहले बाघों का शिकार उनकी खाल और अन्य शरीर की हड्डियों के लिए किया जाने लगा इसलिए भारत सरकार ने बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया.

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इसके शरीर का रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण है और उसके ऊपर काले रंग की धारियां होती है इसके शरीर के पेट के नीचे वाले हिस्से का रंग और गांव के नीचे वाले हिस्से का रंग सफेद होता है.

इसकी दो आंखें और दो कान होते है यह इंसानों की तुलना में ज्यादा अच्छी तरह से देख सकता है और सुन भी सकता है. इसकी नाक की कोशिकाएं बहुत कोई भी दुर्गंध या सुगंध कई किलोमीटर दूर से ही सूंघ लेती है.

भारत सरकार ने इस के बढ़ते हुए शिकार को देखते हुए सन 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की घोषणा करते हुए इन्हें संरक्षण प्रदान किया था इसी कारण आज हमारे देश में अन्य देशों की तुलना में ज्यादा बाघ पाए जाते है.

Best Essay on Tiger in Hindi 400 words

बाघ हमारे देश की शान है क्योंकि यह जंगल के पशुओं में सबसे ताकतवर पशु है और इसकी सुंदरता इसके शरीर पर चार चांद लगा देती है इसीलिए भारत सरकार ने हमारे देश के राष्ट्रीय पशु के रूप में बांध चुना है. बाघ आमतौर पर जंगल में अकेला ही रहना पसंद करता है.

बाघ जंगल में झाड़ियों में घात लगा कर बैठा रहता है जब भी कोई जानवर वहां से गुजरता है तो यह उस पर हमला करके उसे मार गया देता है. यह सब एक प्राकृतिक प्रक्रिया है क्योंकि बाघ का मुख्य भोजन जंगल के अन्य सभी जानवर होते है कभी-कभी यह इंसानों के ऊपर भी हमला कर देता है.

बाघ मुख्य रूप से भारत, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, कोरिया, कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया इत्यादि देशों में पाया जाता है लेकिन इसी सबसे अधिक जनसंख्या भारत के सुंदरवन के जंगलों में पाई जाती है. भारत के बाघ को बंगाल टाइगर (Bengal Tiger) के रूप में भी जाना जाता है.

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एक व्यस्क बाघ का वजन 350 किलो से भी अधिक हो सकता है इसके बावजूद भी यह पानी में तैरने में माहिर होते है साथ ही यह 50 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते है लेकिन भारी शरीर होने के कारण यह अधिक दूरी तक नहीं छोड़ पाता है.

यह बहुत ही ताकतवर जानवर है क्योंकि यह एक बार किसी जानवर को अगर पकड़ लेता है तो फिर उसको छोड़ता नहीं है.

बाघ एक बार भी 20 से 25 किलो मांस खा जाता है. इसका रंग पीले और भूरे रंग का मिश्रण होता है और पूरे शरीर पर काली धारियां होती है जिसे झाड़ियों में घुल-मिल जाता है और किसी को आसानी से दिखाई नहीं देता है.

इसके मुंह के ऊपर वाले और नीचे वाले दोनों जबड़ो में दो-दो नुकीले दांत होते है जिसे अपने शिकार को मार गिराता है और उनका मांस फाड़ देता है.

बाघ की कुल 8 प्रजातियां पाई जाती है लेकिन उनमें से अब सिर्फ 6 प्रजातियां ही बची है जिनके नाम इस प्रकार है – बंगाल टाइगर, सुमात्रा बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ, साइबेरियन बाघ, मलयान बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ है.

बाघ की औसत आयु 25 से 30 वर्ष की होती है. मादा बाघ एक बार में दो से तीन शावकों को जन्म देती है. इसका गर्भाशय काल 115 से 120 दिन का होता है.

बाघ की घटती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सन 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इन्हें संरक्षण प्रदान किया है.

Essay on Tiger in Hindi 1000 words

रूपरेखा –

बाघ बड़े शरीर वाला ताकतवर जानवर है जोकि हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु भी है. इसकी सुंदरता और ताकत का मेल इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देता है. भारत में इसे बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है इसका वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टाइग्रिस है. बाघ की प्रजाति का डीएनए बिल्ली के डीएनए से मिलता है इसीलिए इसकी शारीरिक संरचना बिल्ली एक बड़ी बिल्ली की तरह दिखाई देती है.

बाघ की शारीरिक संरचना –

बाघ का शरीर बहुत ही हष्ट पुष्ट होता है इसके शरीर की लंबाई 7 से 10 फुट तक होती है और इसका वजन 350 किलो से भी अधिक हो सकता है. बाघ का मुंह चौड़ा होता है इसके दो बड़ी आंखें होती है आंखों का रंग पीला होता है काले रंग की पुतली होती है और दो छोटे कान होते है.

बाघ के शरीर का रंग पीला और भूरे रंग का मिश्रण होता है जिस पर काले रंग की धारियां पाई जाती है साइबेरिया. चीन में इसका रंग सफेद होता है. भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रेवा नामक स्थान पर भी यह सफेद रंग में पाया जाता है.

इनके शरीर की पेट का नीचे का हिस्सा और पंजों के नीचे का हिस्सा सफेद रंग का होता है. इसके 3 फुट लंबी पुंछ होती है

बाघ के चार पैर होते है इसके पंजों के नीचे का हिस्सा गदीदार होता है साथ ही पंजों में नुकीले नाखून भी होते है. इसके एक नाक होती है इसके मुंह में के दोनों जबड़ो में दो-दो नुकीले दांत होते है.

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बाघ की विशेषता –

(1) बाघ 40 से 65 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं लेकिन भारी शरीर होने के कारण है जल्द ही थक जाते है.

(2) बाघ का जीवनकाल 10 से 15 वर्ष का होता है लेकिन कुछ बांध 25 वर्ष की आयु तक भी जीवित रहते है

(3) बाघ झाड़ियों में छुप कर घात लगाकर अपना शिकार करता है.

(4) यह जंगल में ज्यादातर अकेला रहना ही पसंद करता है.

(5) बाघ शिकार में 20 प्रयासों में से सिर्फ एक प्रयास में ही सफल हो पाता है

(6) बाघ बिल्लियों की प्रजाति से ही आता है

(7) बाघ के शरीर में पाई जाने वाली काली धारियों का पैटर्न सभी बाघो में अलग अलग होता है जिससे इन्हें पहचाना जा सकता है यह कुछ इंसानों के हस्त चिन्ह (finger print) की तरह ही होता है.

(8) बाघ की पूंछ इसके दौड़ते समय मुड़ने पर इसके बैलेंस बनाने में सहायता करती है

(9) यह एक बार में 20 से 25 किलो तक मांस खा सकता है

(10) बाघ का गर्भकाल 95 से 115 दिन का होता है.

(11) मादा बाघ एक बार में 2 से 3 शावकों को जन्म देती है

(12) बाघ के बच्चे जन्म के 14 से 15 दिनों बाद आंख खोलते है.

(13) बाघ इंसानों की तरह पानी में भली प्रकार से तैर भी सकते है.

(14) बाघ के आगे के पैर की तुलना में पीछे के पैर बड़े होते है जिसकी सहायता से ही है एक बार में 20 से 30 फुट की छलांग लगा सकता है.

(15) बाघ की पैर गदीदार होते है जिसकी सहायता से यह जब भी शिकार करने जाता है तो इसके पैरों की आवाज नहीं होती है.

बागी की जीवन शैली –

बाघ जंगल में एकांत में रहना पसंद करता है यह भारत की लगभग सभी स्थानों पर पाया जाता है लेकिन सुंदरवन जंगल में यह सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह झाड़ियों में छुप कर अपने शिकार का इंतजार करता है और शिकार के आते ही उस पर जोर से झपट्टा मार के उसका शिकार करता है.

एक बाघ अपना क्षेत्र निर्धारित करके रखता है अगर उसमें कोई और बाघ आता है तो उनकी लड़ाई भी हो जाती है यह मांसाहारी होता है इसलिए यह हिरण चीतल, भैंस, गाय, जंगली, सूअर, जिराफ, हाथी का बच्चा, इत्यादि का शिकार करता है.

बाघ की प्रजातियां –

बाघ की कुल 8 प्रजातियां पाई जाती है लेकिन वर्तमान में सिर्फ 6 (बंगाल टाइगर, सुमात्रा बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ, साइबेरियन बाघ, मलयान बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ ) प्रजातियां ही जीवित है. बांध की 3 (जवन बाघ, कैस्पियन बाघ और बाली बाघ) प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है.

हाल ही में चीन के बाघ की विलुप्त उप प्रजाति के डीएनए के अनुसार बाघ के पूर्वज मध्य चीन से भारत आए थे. बाघ की प्रजातियां भारत के अलावा भारत, नेपाल, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन,भूटान, कोरिया, साइबेरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में भी पाई जाती है.

भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व –

भारतीय संस्कृति में बाघ को मां दुर्गा के वाहन के रूप में देखा जाता है भारत के कई स्थानों पर इसकी पूजा भी की जाती है. यह भारत की प्राचीनतम सिंधु घाटी की सभ्यता की मुहर में चित्रित होने वाला मुख्य पशु है.

भारत द्वारा बाघ की प्रजाति को संरक्षण भी दिया गया है साथ ही इसे देश का सम्मान देते हुए राष्ट्रीय पशु की घोषित किया गया है. भारत में बांध की महत्वता इसी से पता लगा सकते हैं कि भारत के नोटों में और डाक टिकटों में भी इसे चित्रित किया गया है.

बाघ का संरक्षण –

बाघ पशुओं में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजाति है क्योंकि इसका शिकार बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है साथ ही जनसंख्या बढ़ने के साथ इस के रहने का स्थान कम हो गया है इसलिए दिन प्रतिदिन इसकी संख्या में गिरावट आती जा रही है.

भारत सरकार ने बाघ की प्रजाति को बचाने के लिए बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया साथ ही वन्यजीव अधिनियम 1972 को लागू किया गया जिसके तहत अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना) की शुरुआत की गई.

इस परियोजना के तहत 27 आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई जिनका कुल क्षेत्रफल 37,761 वर्ग कि.मी. है. बाघ की सरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस भी मनाया जाता है.

निष्कर्ष –

भांग हमारे देश के राष्ट्रीय पशु के साथ साथ हमारी शान भी है. यह जंगल का सबसे सुंदर और सबसे ताकतवर पशु है इसके बिना जंगल अधूरा है. बांध के अत्यधिक शिकार के कारण किसकी प्रजाति अब संकट में पड़ गई है इसलिए हमें बांध को बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए.

हमें लोगों को बांध की विशेषता और महत्व बताकर इसकी रक्षा करनी होगी तभी जाकर भविष्य में आने वाली हमारी पीढ़िया बांध को देख पाएंगी.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Tiger in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

2 thoughts on “बाघ पर निबंध – Essay on Tiger in Hindi”

TIGER HAMARE LIA KYO JARURI HAI ye to bataya hi nahi

Pramod ji Tiger hi nhi parthvi par rahne wala har ek parni hamre liye jaruri hai kyo ki in se hi पर्यावरण चक्र chlta hai.

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राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi)

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi)

आज   हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (Essay On National Animal Tiger In Hindi) लिखेंगे। राष्ट्रीय पशु बाघ पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

राष्ट्रीय पशु बाघ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On National Animal Tiger In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

बाघ को सबसे खतरनाक जानवर के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर उसके सामने उसका शिकार आ जाए तो वह जिंदा नहीं बच पाता। बाघ हमेशा घने जंगलों में पाए जाते हैं। लेकिन कई बार उन्हें शहरों में भी देखा गया है।

इसके अलावा बाघ हम सभी को चिड़ियाघर में ही नजर आते हैं। जहां हम उन्हें दूर से देखते हैं। बाघ एक मांसाहारी प्राणी है और हमेशा अपना शिकार छुपकर ही किया करता है।

बाघों की प्राप्ति

वैसे तो बाघ समूचे विश्व में पाए जाते हैं, लेकिन इन्हें भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया में सबसे अधिक पाया जाता है। यह सामान्य रूप से घने जंगलों के बीच में रहते हैं और अपना निवास पेड़ के नीचे बनाते हैं।

बाघ का वैज्ञानिक वर्गीकरण

  • वैज्ञानिक नाम : PANTHERA TIGRIS
  • किंगडम : पशु
  • वर्ग : स्तनपायी पशु
  • समूह : CARNIVORA
  • परिवार : बिल्ली
  • प्रमुख प्रजातियां : कुल 9 प्रजाति पाई जाती हैं, जिनमें से तीन प्रजाति विलुप्त हो चुकी हैं।

बाघ की शारीरिक गठन

बाघ का वैज्ञानिक नाम Panthera tigris है। इसका जीवन काल 8 से 10 वर्ष का होता है। बाघ की गति 49 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। बाघ की ऊंचाई लगभग 70 से 120 सेंटीमीटर तक होती है।

नर बाघ का द्रव्यमान 90 से 310 किलोग्राम और मादा बाघ का 65 से 180 किलोग्राम होता है। नर बाघ की लंबाई 2.5  से 4 मीटर तक की होती है। जबकि मादा बाघ की लंबाई दो से ढाई मीटर की होती है।

बाघ के बारे में रोचक बातें

बाघ को पूरी दुनिया में बिल्ली की सबसे बड़ी प्रजाति के रूप में जाना जाता है। अगर गणना की जाए, तो पूरे दुनिया के 70% बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। जिनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

बाघ एक मांसाहारी प्राणी है, जो तीसरे नंबर पर आता हैं। जब किसी बाघ का जन्म होता है, तब 1 सप्ताह तक वे अंधे होते हैं और धीरे-धीरे उनके आंखों की रोशनी आने लगती है। जन्म होने के बाद 2 सालों तक बच्चे की देखभाल मादा बाघ करती है।

बाघ इतनी तेजी से दहाड़ लेते हैं कि कम से कम 3 किलोमीटर तक उनकी आवाज पहुंच जाती है। बाघ बहुत ऊंची छलांग लगा सकते है। बाघ कम से कम 8 मीटर की दूरी और 5 मीटर की ऊंचाई पर छलांग लगाते हैं।

बाघों की रात में देखने की क्षमता मनुष्यों की तुलना में 6 गुना बेहतर होती है। बाघ के पीछे के पैर आगे के पैरों की तुलना में ज्यादा लंबे होते हैं। जिसकी वजह से वे दूर तक छलांग लगा पाते हैं। बाघ हमेशा पेड़ों पर अपने पंजों के निशान लगाते हुए चलते हैं, जिससे कि उन्हें अपने रास्ते की पहचान हो सके।

बाघ की विशेषता

  • बाघ को हमेशा उनके शरीर में बने हुए धारियों के माध्यम से पहचाना जाता है।
  • बाघ के सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है, जिससे कि वे आसानी से ही अपने शिकार को पहचान लेते हैं।
  • बाघ हमेशा पीछे से हमला करता है, जिससे शिकार सजग नहीं हो पाता है।
  • बाघ बड़ी सजगता से झाड़ियों के पीछे छिप जाता है, जिससे शिकार को पता ही नहीं चलता कि वहां पर बाघ बैठा हुआ है।
  • बाघ दौड़ने में तेज है, लेकिन वह थक बहुत जल्दी जाता है।
  • बाघ हमेशा अकेला रहता है और अकेले ही शिकार करता है।
  • बाघ का साडे 3 महीने का गर्भ काल होता है, जिसमें एक साथ दो या तीन बच्चों का जन्म होता है।

बाघ के विलुप्त होने का कारण

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बाघ धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं और उनकी कई सारी प्रजातियां तो खत्म भी हो चुकी हैं। ऐसे में उनके विलुप्त होने का मुख्य कारण उनके आवास और शिकार का खत्म हो जाना माना जाता है।

इंसान ने धीरे धीरे सारे जंगलो में अपना कब्जा कर लिया है और वहां पर नए नए शहरों का विकास हो रहा है। जिस वजह से बाघों को अपने आवास को छोड़ना पड़ रहा है और भूख और आवास की कमी की वजह से वह विलुप्त होते जा रहे हैं।

बाघ का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि बाघ चीन से भारत आए थे और कई सदी तक वे यही रहे। इसके बाद धीरे-धीरे एशिया के कैस्पियन बाघ और उसके बाद साइबेरिया बाघ भारत आए। आज के समय में सबसे ज्यादा नजदीकी साइबेरिया बाघ को माना जाता है।

इनके बारे में डीएनए का अध्ययन किया जाता है, तो हमें इस बात की पुष्टि होती है। इसके अलावा तिब्बत के पठारी बाघ कुछ अलग जान पड़ते हैं, जो लगभग 10,000 साल पहले चीन के गलियारों से होते हुए भारत पहुंचे थे।

सफेद बाघ की खासियत

सफेद बाघो को हमेशा बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है। इनके शरीर पर गहरे रंग की धारियां होती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत मैं कम से कम सौ सफेद बाघ उपलब्ध है और लगातार इनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

सफेद बाघ को चिड़िया घरों में रखकर उन्हें लोकप्रिय बनाने का काम किया जा रहा है। जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। सफेद बाघों का आकार बड़ा होता है और वे   मांसाहारी भी होते हैं। सफेद बाघ आंशिक रूप से पाए जाते हैं और यही वजह है कि जल्दी विलुप्त भी हो रहे हैं। लेकिन सरकार इसके लिए बेहतर कदम उठा रही है।

बाघ का भोजन

बाघ अपने भोजन के रूप में सामान्य रूप से हिरण, सूअर, गाय, घोड़े, भैंस, बकरी और अन्य जानवरों के बच्चों को खाते हैं।

बाघ का रहन सहन

बाघों को उन मांसाहारी जानवरों में से एक माना जाता है, जो नमी युक्त दलदली भूमि वाले वनों या घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं। कभी-कभी यह अपने शिकार को देखकर किसी पेड़ या झाड़ी के पीछे छिप जाते हैं और फिर पीछे से उन पर वार करते हैं।

बाघ के दौड़ने की रफ्तार बहुत तेज होती है। बाघ को कुशल शिकारी के रूप में जाना जाता है, जो अपने शिकार के रूप में जंगली सूअर, भैंस, सांभर को खा जाते हैं।

बाघ की प्रमुख प्रजातियां

बाघ की मुख्य रूप से 6 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन्हें आप भारत के जंगलों में भी देख सकते हैं।

  • साइबेरियाई टाइगर [Panthera tigris altaica]
  • साउथ चाइना टाइगर [Panthera  tigris amoyensis]
  • इंडो चाइनीस टाइगर [Panthera tigris corbetti]
  • सुमात्रा टाइगर [Panthera tigris sumatrae]
  • मलायाण टाइगर [Panthera tigris jacksoni]
  • बंगाल टाइगर [Panthera tigris tigris]

बाघ की विलुप्त हो चुकी प्रजातियां

बाघ की विलुप्त हो चुकी प्रजातियों में बाली टाइगर, जावा टाइगर और कैस्पियन टाइगर शामिल है। जो पूरी तरह से आज विलुप्त हो चुके है।

बाघ होते हैं दूसरे जानवरों की नकल करने में उस्ताद

अब तक हमने बाघों की कई प्रकार की खूबियों के बारे में जाना है, लेकिन एक आश्चर्यजनक बात यह है कि बाघ दूसरे जानवरों की नकल करने में उस्ताद माने जाते हैं। जब भी उनको शिकार करना होता है या फिर दूर कहीं शिकार की आवाज आती है, तो वे उसे आकर्षित करने के लिए अलग तरीके की आवाज निकालते हैं और फिर अपने शिकार को अंजाम देते हैं।

कई बार दूसरे जानवर यह बात समझ नहीं पाते की बदली गई आवाज बाघ ने निकाली है और वह बड़े ही आसानी से बाघ के चंगुल में आ जाते हैं।

इस प्रकार हमने जाना की बाघ एक बहुत ही खतरनाक प्राणी के रूप में जाना जाता है। जो शातिर होता है और अपने शिकार को अपने काबू में लाना जानता है। कभी अगर इनका सामना इंसान से हो जाए, तो निश्चित रूप से इंसान की हार हो जाएगी। क्योंकि यह इंसान से कहीं ज्यादा बलशाली होते है।

अगर आप बाघ देखना चाहते हैं, तो आपको चिड़िया घर जाना होगा। जहां पर आप उनके साथ कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं और फिर उन्हें अकेला छोड़ दिया जाता है। हमें उनका कभी भी नुकसान नहीं करना चाहिए और उन्हें दूर से ही देखना चाहिए। ज्यादा छेड़खानी होने से खुद को ही नुकसान होता है, ऐसे में ध्यान रखें।

इन्हे भी पढ़े :-

  • राष्ट्रिय पक्षी मोर पर निबंध (National Bird Peacock Essay In Hindi)
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  • बंदर पर हिंदी निबंध (Monkey Essay In Hindi)
  • शेर पर हिंदी निबंध (Lion Essay In Hindi)

तो यह था राष्ट्रीय पशु बाघ   पर निबंध (National Animal Tiger Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On National Animal Tiger) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Essay on Tiger । बाघ पर निबंध

Essay on Tiger । बाघ पर निबंध

भारत विविधता का देश है, जहां विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे पशु पक्षी और जीव जंतु पाए जाते हैं। जो इस देश की सुंदरता में चार-चार लगा देते है। भारत में सैकड़ो प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं उनमें से एक भाग भी है। बाघ एक जंगली जानवर है जो की पूरी दुनिया में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। भारत में यह घने जंगलों में भी पाया जाता है, और यह अपने भोजन के लिए दूसरे जानवरों का शिकार करता है इसलिए इसे मांसाहारी जानवर भी कहते हैं। इसके दांत और पंजे बहुत ही नुकीले होते हैं जिसकी मदद से यह जानवरों का शिकार करता है। यह सबसे निर्दयी जंगली पशु माना जाता है, जिससे सभी जानवर भयभीत होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। इनके वजन और आकर उनकी प्रजातियों, उपजातियो और स्थान के अनुसार अलग-अलग है। लेकिन दुर्भाग्य बस आजकल उनकी संख्या दिन पर दिन घटती जा रही है। इनके संरक्षण के लिए सरकार नेशनल पार्क और वन्य जीव अभ्यारण विकसित कर रही है। प्रत्येक वर्ष 2010 से 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाना सुनिश्चित किया गया। इस लेख में हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध | Essay on Tiger के बारे में बात करेंगे

About National animal tiger। राष्ट्रीय पशु बाघ के बारे में

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बाग हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है। यह हमारी वन्यजीवो के जीवन को संतुलित रखते हैं, इस प्रकार यह पृथ्वी के संतुलन का भी एक महत्वपूर्ण अवयव है। हमें उनकी सुरक्षा करनी चाहिए ताकि हमारे आने वाली पीढ़ी भी इनके बारे में जान सके और समझ सके। इनके संरक्षण और उनके बारे में लोगों को बताने के लिए ही 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है जिसमें लोगों को जागरूक किया जाता है कि उनको संरक्षित किया जाए क्योंकि यह हमारी प्राकृतिक धरोहर हैं। बाघों की तीन प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं, जिनके नाम हैं- कैस्पियन, बाली और जावन। बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए उन्हें चिड़ियाघर में रखा जाता है, हालांकि वे वहां सहज महसूस नहीं करते हैं। भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक अभियान चलाया जिसके फल स्वरुप उनकी स्थिति में कुछ सुधार आया। राष्ट्रीय पशु के बारे में और भी अच्छे से जानने के लिए अंत तक पढ़े।

  Essay on Tiger for Class 1। बाघ पर निबंध कक्षा 1 के लिए

हमारे भारत देश में सैकड़ों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं जिसमें से एक बाघ भी है। Essay on Tiger

  • बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहते है।
  • बाघ बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा जंगली जानवर है।
  • इस दुनिया में प्रत्येक बाघ अद्वितीय है; किन्हीं भी दो बाघों के शरीर पर एक जैसी धारियाँ नहीं पाई जाती है।
  • बाघ के पास 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
  • इनके दांत और पंजे के नाखून काफी नुकीले होते हैं।
  • बाघ एक “मांसाहारी” जानवर है। जिसका तात्पर्य है कि अपने भोजन के लिए अन्य जानवरों का शिकार करता है।
  • बाघ का शरीर लंबा और मजबूत होता है। यह जंगल के सबसे मजबूत जानवरों में से एक है।
  • बाघ “दहाड़ने” की आवाज निकालते हैं जिसे 3 किमी दूर तक सुना जा सकता है।
  • बाल जंगल में 26 साल तक जीवित रह सकता है।
  • अगर बाघ को चिड़ियाघर में रखा जाए तो 16 से 18 साल तक जीवित रहता है।

10 lines on Tiger। बाघ पर 10 लाइंस

बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है और उसकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। इस लेख के द्वारा हम आपको बाग पर 10 लाइंस | Essay on Tiger 10 lines लेने बताएंगे यकीनन आपको बाघ के बारे में अच्छी जानकारी मिल जाएगी।

  • बाघ बहुत शक्तिशाली और तेज दौड़ने वाला जानवर है।
  • मादा बाघ को “बाघिन” कहा जाता है और यह अपनी संतान को जन्म देती है जिसे “शावक” कहा जाता है।
  • यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश (कभी-कभी अवसर के अनुसार मनुष्यों को भी) आदि के खून और मांस का बहुत अधिक शौकीन होता है।
  • इनकी आंखें बिल्ली की आंखों के समान होती हैं लेकिन सफेद बाघ की आंखें नीली होती हैं।
  • एक बाघ एक दिन में लगभग 25 से 30 किलो तक मांस खा सकता है।
  • इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है।
  • यह बहुत ही शान्त दिखता है हालांकि, यह बहुत ही चालाक होता है और बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार को महसूस कर लेता है। 
  • 2010 से हर साल 29 जुलाई को इनके प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए बाघ दिवस मनाया जाता है।
  • बाघ पानी में भी तैरने के शौकीन होते हैं।
  • भारत में पहले बाग की नौ प्रजातियां पाई जाती थी जिनमें से अब तीन विलुप्त हो चुके हैं।

Essay on my favourite animal Tiger। मेरे पसंदीदा पशु टाइगर पर निबंध

  • मेरा पसंदीदा पशु बाघ है।
  • बाघ पूरी दुनिया में पाया जाता है।
  • बाघ हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु है।
  • इसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
  • बाघ बिल्ली के प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है।
  • बाघ दृष्टि अच्छी होने के कारण या दिन और रात दोनों समय में शिकार कर पाता है।
  • यह प्राय रात में शिकार करते हैं और दिन में सोते हैं।
  • 29 जुलाई को बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • यह जानवर एकांत में रहना ज्यादा पसंद करता है।
  • बाघ जंगल में रहने वाला एक स्तनधारी मांसाहारी पशु है।
  • यह बहुत ही शक्तिशाली और साहसी जानवर है।
  • यह बहुत ऊंचाई तक चलांग लगा सकता है।
  • इनके दहाड़ की आवाज बहुत तेज होती हैं जो दूर-दूर तक सुनाई देती हैं।
  • बाघों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने बाघ परियोजना को शुरू किया।
  • यह छोटे जानवर जैसे गाय बकरी हिरन आदि का शिकार करके अपना पेट भरता है।

Few lines about tiger। बाघ के बारे में कुछ जानकारी

भारत अनेकता का देश है, यहां न जाने कितने पशु पक्षी पेड़ पौधे पाए जाते हैं। लेकिन हमने भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में आप को ही चुना है। अगर इसके शारीरिक बनावट की बात की जाए तो यह गठीला और मजबूत होता है। इसके शरीर की लंबाई औसतन 7 से 10 फुट होती है। वजन इसका औसतन 300 किलोग्राम से ज्यादा ही होता है। इनके शरीर पर काले और भूरे रंग की धारियां पाई जाती है जो कि लोगों के मन को बहुत ही आकर्षित करती हैं। वहीं कुछ जगहों जैसे साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के भी भाग पाए जाते हैं। बहुत ही ताकतवर और पशु होता है और यह 40 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होता है। अगर हम मादा बाघ की  बात करें तो इनका गर्भकाल 90 से 110 दिन तक चलता है। यह एक साथ दो से तीन शावक को जन्म देती हैं लेकिन जन्म के पश्चात उनकी आंखें बंद होती हैं , जो की 14 से 15 दिनों के बीच में खुद ही खुलती हैं। बाघ पेड़ों पर चढ़ने और पानी में तैरने दोनों में सक्षम होते हैं।

हमारी  संस्कृति मे बाघों का महत्व (Importance Of Tigers in our Culture)

हम भारतवासी धर्म और आस्था से बहुत ही ज्यादा जुड़ाव रखते हैं। हम सभी जानते है कि देवी दुर्गा बाघ(Essay on Tiger) की सवारी करती है। इसलिए हमारी संस्कृति में मां दुर्गा के साथ-साथ बाघ की भी पूजा की जाती है। यह देखने में बहुत ही मनोहर और ताकतवर शक्तिशाली होता है जो लोगों को अपनी और बहुत ही आसानी से आकर्षित कर लेता है। इन्हीं कर्म के कारण भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय पशु के रूप में सम्मानित किया है। लेकिन दुर्भग्वश इनकी प्रजातियां दिन प्रतिदिन गायब होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण इसका अवैध शिकार करना है। बाघ के संरक्षण के लिए 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जो बाघ की सभी प्रजातियों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। पहले भारत में बाघ की नौ प्रजातियां पाई जाती थी जिनमें से तीन अब विलुप्त हो चुकी हैं। इनको सुरक्षित रखने के लिए इनको चिड़ियाघरों में भी रखा जाने लगा लेकिन बाघ वहां पर और सहज महसूस करते हैं। 

हमारे पर्यावरण में बाघ का महत्व। Importance of tiger in environment  

बाघ संस्कृति के साथ-साथ हमारे पर्यावरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह फूड चेन में सबसे शीर्ष पर होता है। यह जंगल में जानवरों की आबादी को नियंत्रित करता है। क्या छोटे जानवरों का शिकार करता है जिसके कारण जंगल में शाकाहारी जानवर और वनों में संतुलन बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि अगर बाग विलुप्त हो गए तो पृथ्वी का संतुलन बिगड़ जाएगा। शाकाहारी जानवर ज्यादा हो जाएंगे और वनों का अभाव हो जाएगा। यदि मनुष्य एक अच्छा जीवन जीना चाहता है तो उसके लिए पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलित होना अनिवार्य है और बाघ ही एक ऐसा प्राणी है जो पूरी पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रख सकता है इसलिए इसको बढ़ाने की और अत्यंत आवश्यकता है।

इस लेख में हमने बाघ पर निबंध | Essay on Tiger के बारे में ढेर सारी बातें बताएं वह बताया कि बाग हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है, और ढेर सारी बाकी विशेषताएं बताई है जिसको पढ़कर आप बाग के बारे में अच्छे से जान सकते हैं अगर यह जानकारी आपको बाग के बारे में जानने में मददगार हो तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें ।

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  • Essays in Hindi /

Essay on Tiger in Hindi : 100, 200 और 500 शब्दों में बाघ पर निबंध 

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  • Updated on  
  • अगस्त 7, 2023

Essay on Tiger in Hindi

बाघों ने सहस्राब्दियों से विस्मय, प्रशंसा और श्रद्धा को प्रेरित किया है। बाघ सभी एशियाई विश्वास प्रणालियों के केंद्र में थे, यह दावा तब उजागर होता है जब यह विचार किया जाता है कि बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है, रॉयल बंगाल टाइगर बांग्लादेश का राष्ट्रीय पशु है, मलायन टाइगर मलेशिया का राष्ट्रीय पशु है, और वहाँ दक्षिण कोरिया में जानवरों के साथ मजबूत संबंध हैं। इन देशों में, बाघ हजारों साल पहले आध्यात्मिक हो गए और सृजन मिथकों, ब्रह्मांड विज्ञान, धर्मों और गूढ़ दर्शन में महत्वपूर्ण विशेषता बन गए। आइये कुछ Essay on Tiger in Hindi पर गौर करें। 

This Blog Includes:

About tiger in hindi, essay on tiger in hindi 100 शब्दों में , essay on tiger in hindi 200 शब्दों में , बाघों की घटती आबादी है चिंताजनक , उपसंहार , 10 lines on tiger in hindi , टाइगर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य .

बाघ एक प्रसिद्ध पशु है। यह वन्यजीवी भारत के जंगलों में पाया जाता है और दुनिया भर में उपस्थित है। यह एक शक्तिशाली, साहसी और बेहद अनुकरणीय प्राणी है। बाघ का शरीर सुंदर अट्टहास है। इसके चमकदार आंखें और शानदार खाल उसकी खूबसूरतता को बढ़ाते हैं। यह एक मांसाहारी होता है और विभिन्न जानवरों को शिकार करता है। यह जंगली बिल्कुल अकेले रहता है और अपने जगह की रक्षा करता है। बाघ की संख्या कम हो गई है और इसे संरक्षित करने के लिए नेशनल पार्क्स और वन्यजीवी अभयारण्यों की ज़रूरत है।

100 शब्दों में Essay on Tiger in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बाघ एक प्राचीन वन्यजीवी है जो भारत के घने जंगलों में पाया जाता है। यह एक बड़ा और शक्तिशाली प्राणी है जो मांसाहारी होता है। इसकी सुंदरता, वेग, और चालाकी के लिए इसे जंगल के राजा के रूप में जाना जाता है। बाघ की खाल की चमक, भूरे धारदार सिर पर सिक्का, और विशाल पंजे इसकी पहचान हैं। यह अकेले रहने वाला प्राणी है और रात को शिकार करता है। दुर्भाग्यवश आजकल इसकी संख्या घट रही है, इसलिए हमें बाघ को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है। 

200 शब्दों में Essay on Tiger in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बाघ भारत के वन्यजीवी जीवन का गर्व है। यह एक शक्तिशाली और साहसी प्राणी है जो अपनी रॉयल और गरिमामय वैज्ञानिकता के लिए प्रसिद्ध है। इसके खूबसूरत रंगीन खाल, पीली और बैले, जबरदस्त अकरातित चेहरा और विशाल पंजे उसको अलग बनाते हैं। बाघ मुख्य रूप से मांसाहारी होते हैं, जिसका मुख्य शिकार हरिण, सांभर और नीलगाय होती है।

हमारे प्राकृतिक संसाधनों के अधिकांश खोने से, बाघों के आबादी में गिरावट हो रही है। वन्यजीवी संरक्षण के लिए, हमें उनके लिए उचित आवास और संरक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए। बाघों की चोरी, विकसित इलाकों का विस्तार और विविधता के नुकसान से उन्हें बचाने के लिए हमें संवेदनशीलता और कदम उठाने की आवश्यकता है।

बाघ हमारे पृथ्वी के संतुलन का महत्वपूर्ण अंग हैं, जो वन्यजीवी जीवन को संभालते हैं। हमें बाघों को संरक्षित रखकर अपनी प्राकृतिक धरोहर की रक्षा करनी चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी उनका सौंदर्य और गरिमा देखने का अवसर मिले।

Essay on Tiger in Hindi 500 शब्दों में 

500 शब्दों में Essay on Tiger in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बाघ भारतीय जंगलों के राजा के रूप में प्रसिद्ध हैं। यह वन्यजीवी जीवन का एक अभूतपूर्व प्रतीक है और अपनी शक्ति, साहस, और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। बाघ वैज्ञानिक नाम Panthera tigris से जाना जाता है और यह बिल्कुल अकेले रहने वाला प्राणी है। यह दुनिया के सबसे बड़े मांसाहारी जानवरों में से एक है और इसका प्राकृतिक संवेदनशीलता के साथ संभालने का महत्वपूर्ण योगदान है।

बाघ की खासियत है उसकी रॉयल और महानता, जो इसे जंगल के शासक के रूप में स्वीकार करती है। इसका शरीर लम्बा और स्लिम होता है, जिसमें पीले और बैले स्थानीय संस्कृति में शुभ और मान्यता का प्रतीक है। बाघ की चमकदार आंखें और खूबसूरत खाल उसकी खूबसूरतता को बढ़ाती हैं। इसके पंजे भी विशाल होते हैं जो इसे शानदार बनाते हैं। बाघ अपने चलने में चंचल और चालाक होते हैं, जिसका काम शिकार करने में उनकी सफलता का रहता है।

बाघ एक खुशहाल परिवारिक जीवन भी जीते हैं। यह जानवर अक्सर वन्यजीवी अभयारण्यों में जाकर अपने बच्चों को पालता है। समुदाय में बाघ की संख्या कम होने के कारण उसके जीवन को संरक्षित करने के लिए संशोधित कानून बने हैं और कई वन्यजीवी अभयारण्यों का निर्माण हुआ है।

वन्यजीवी संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमें बाघों को सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है। जंगलों के कटाव से उनके आवास को खोने के कारण उन्हें शिकार करने की आसानी हो जाती है, जिससे उनकी संख्या में गिरावट होती है। हमें उचित संरक्षण योजनाएं बनानी चाहिए जो बाघों के लिए सुरक्षित आवास उपलब्ध कराएं, जिससे उनका अंतरिक्ष संभाला जा सके।

बाघों के लिए वन्यजीवी अभयारण्यों का निर्माण और उनकी व्यवस्था करने से बाघों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इन अभयारण्यों में बाघों के लिए आवास, प्राकृतिक शिकार और पानी की उपलब्धता होनी चाहिए। साथ ही इन अभयारण्यों की निगरानी और प्रबंधन के लिए अधिक कर्मियों को भर्ती करना चाहिए।

वन्यजीवी संरक्षण के लिए संबंधित सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समुदायों, और अन्य संबंधित संगठनों को सहयोगी बनाना भी जरूरी है। इन संगठनों के सहयोग से वन्यजीवी संरक्षण और बाघों की संरक्षा में बेहतरी हो सकती है।

वन्यजीवी संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। लोगों को बाघों के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें बाघों के संरक्षण में सहयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में वन्यजीवी संरक्षण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

इसके अलावा, बाघों की जानकारी और संरक्षण के लिए विभिन्न मीडिया जैसे पुस्तकें, वीडियो, डॉक्यूमेंट्री, और फिल्में बनाने में सक्रिय भूमिका निभाना चाहिए। इससे लोगों में बाघों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें संरक्षण के लिए उत्साहित किया जा सकता है।

वन्यजीवी संरक्षण के लिए बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखना भी महत्वपूर्ण है। वन्यजीवी अभयारण्यों के बढ़ते जमीनी इकट्ठे भंग को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, बाघों के लिए प्राकृतिक शिकार उपलब्ध रखने के लिए उचित प्रबंधन करना चाहिए ताकि उन्हें उपयुक्त पोषण मिल सके।

  • बाघ भारत के वन्यजीवी जंगलों का एक महान जीव है।
  • यह एक शक्तिशाली और साहसी प्राणी है।
  • इसकी खाल चमकदार और खूबसूरत होती है।
  • बाघ अपने विशाल पंजों के लिए जाना जाता है।
  • यह वन्यजीवी अभयारण्यों में रहता है और मांसाहारी है।
  • बाघों की संख्या कम होने के कारण उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।
  • इनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखने के लिए उचित प्रबंधन आवश्यक है।
  • बाघ वन्यजीवी संरक्षण के लिए जागरूकता अभियानों का भी हिस्सा है।
  • इसका प्राकृतिक संवेदनशीलता के साथ संभालने का महत्वपूर्ण योगदान है।
  • बाघ एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है जो हमारे पृथ्वी के संतुलन के लिए अहम है।
  • रॉयल बंगाल टाइगर्स अन्य जंगली बिल्लियों में सबसे बड़े होते हैं। नर टाइगर्स का वजन 300 किलोग्राम तक होता है। यह छह औसत मनुष्यों के समूह को तौलने जैसा है। 
  • बाघ के शावक अंधे पैदा होते हैं और केवल कुछ ही जीवित बचते हैं। वस्तुतः नवजात शावक कुछ भी नहीं देख सकते हैं, वे केवल अपनी माँ की गंध का अनुसरण करते हैं। चूँकि वे अंधे पैदा होते हैं और जीवित नहीं रह सकते, उनमें से अधिकांश भूख या ठंड से मर जाते हैं। 
  • बाघों को पानी में समय बिताना अच्छा लगता है और उन्हें घंटों तैरना पसंद है।
  • बाघों के समूह को घात (एम्बुश) या स्ट्रीक कहा जाता है। 
  • अधिकांश बिल्ली प्रजातियों के फर के साथ-साथ उनकी त्वचा पर भी धारियां होती हैं।
  • बाघों की जीवन प्रत्याशा 20-25 वर्ष के बीच होती है, चाहे उन्हें कैद में रखा जाए या जंगल में। हालाँकि, अधिकांश की मृत्यु 20 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। 
  • ऐतिहासिक रूप से, बाघ एक चीनी सांस्कृतिक प्रतीक था जिसने 7000 से अधिक वर्षों तक कहानीकारों, गायकों, कवियों, कलाकारों और शिल्पकारों को प्रेरित किया। यह स्पष्ट है क्योंकि अब तक खोजी गई सबसे पुरानी बाघ की मूर्ति चीन में नवपाषाण काल ​​की थी, लगभग 5000 ईसा पूर्व। तब से, एशियाई मिथकों में बाघों की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • प्राचीन चीन में, बाघ 12 चीनी राशि चक्र जानवरों में से एक बन गया और यह माना जाता था कि ‘बाघ के वर्ष’ में पैदा हुए बच्चे प्रतिस्पर्धी, आत्मविश्वासी और बहादुर वयस्क बनेंगे। अपने आध्यात्मिक रूप में, बाघ अन्य चीज़ों के अलावा इच्छाशक्ति, साहस और व्यक्तिगत शारीरिक और आंतरिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। और प्राणी की सुंदरता, उसकी छिपी हुई शक्ति और क्रूरता को छिपाते हुए, विरोधों के दृश्य सामंजस्य के रूप में मानी जाती थी। इन कारणों से और कई अन्य कारणों से, बाघ ने भौतिक दुनिया में उपलब्धि हासिल करने और प्रगति करने के लिए आवश्यक भावना और प्रेरणा को मूर्त रूप दिया।
  • कोरियाई चोसोन राजवंश (1392-1910) के दौरान, सैन्य अधिकारियों को उनकी ताकत और साहस के लिए सम्मान और भय दिखाने के लिए बाघ की कढ़ाई से सजाया जाता था। 

भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर है। 

साल 1972 तक शेर ही भारत देश का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था। 

बाघ गणना के अनुसार भारत में बाघ की संख्या 2,967 है, जो विश्व की संख्या का लगभग 75 प्रतिशत से अधिक है।

यह था Essay on Tiger in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

बाघ

हम विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से यहाँ बहुत से राष्ट्रीय पशु बाघ या बाघ पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। आजकल, निबंध और पैराग्राफ लेखन प्रतियोगिता का आयोजन शिक्षकों द्वारा स्कूल और कलेजों में अपने विद्यार्थियों में किसी भी विषय पर कौशल और ज्ञान बढ़ाने के लिए सामान्य रणनीति के रुप में प्रयोग किया जाता है। नीचे दिए गए सभी बाघ पर निबंध सरल और आसान वाक्यों का प्रयोग करके विभिन्न शब्द सीमाओं में विद्यार्थियों की जरूरत और आवश्यकता के अनुसार लिखे गए हैं। इसलिए, वे इनमें से कोई भी राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार चुन सकते हैं।

बाघ पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Tiger in Hindi, Bagh par Nibandh Hindi mein)

बाघ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी।

बाघ की शारीरिक संरचना और प्रकृति

बाघ राष्ट्रीय पशु है, जो बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। यह विभिन्न रंगों; जैसे – शरीर पर अलग-अलग काली धारियों के साथ नारंगी, सफेद, और नीला रंग का पाया जाता है। वे ऊपरी तौर पर अलग हो सकते हैं, पर उनके नीचे का पेट वाला भाग एक ही तरह सफेद रंग का होता है। वे प्रजातियों, उपजातियों और स्थानों के आधार पर अलग-अलग आकार और वजन के पाए जाते हैं।

“ प्रोजेक्ट टाइगर”

साइबेरियन टाइगर को सबसे बड़ा बाघ माना जाता है। मादा बाघ, नर बाघ से थोड़ी छोटी होती है। कुछ दशक पहले, बाघों की प्रजाति निरंतर खतरे में थी हालांकि, भारत में “प्रोजेक्ट टाइगर” के कारण स्थिति नियंत्रण में है। पहले मनुष्यों द्वारा उनका शिकार बहुत से उद्देश्यों; जैसे – खेल, परंपरा, चिकित्सक दवाइयाँ आदि के लिए भारी मात्रामें किया जाता था। “प्रोजेक्ट टाइगर” की पहल भारत सरकार के द्वारा अप्रैल 1973 में बाघों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए की गई थी।

बाघों के जीवन को सबसे अधिक खतरा वनों के उन्मूलन के कारण है, जिसके कारण उनकी प्रजातियों को हानि पहुँच रही है और वे दूसरे स्थानों के लिए प्रवास कर रहे हैं। बाघ के राष्ट्रीय महत्त्व को समझते हुए हमें इसके संरक्षण की आवश्यकता है।

निबंध 2 (350 शब्द)

बाघ एक जंगली जानवर है, जिसे भारत में भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह सबसे निर्दयी जंगली पशु माना जाता है, जिससे सभी भयभीत होते हैं। यह बहुत ही ताकतवर पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। यह बहुत ही शान्त दिखता है हालांकि, बहुत ही चालाक होता है और बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार को पकड़ लेता है। यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश (कभी-कभी अवसर के अनुसार मनुष्यों को भी) आदि के खून और मांस का बहुत अधिक शौकीन होता है।

बाघ को जंगल का भगवान कहा जाता है, क्योंकि इन्हें देश में जंगली जीवन में धन का प्रतीक माना गया है। बाघ ताकत, आकर्षक, बहुत अधिक शक्ति और चपलता का मिश्रण होता है, जो इसके आदर और सम्मान का बहुत बड़ा कारण है। यह अनुमान लगाया गया है कि, कुल बाघों की संख्या का आधा भाग भारत में रहता है। यद्यपि, पिछले कुछ दशकों में, भारत में बाघों की संख्या में निरंतर बड़े स्तर पर कमी आई है। भारत की सरकार द्वारा “प्रोजेक्ट टाइगर” को 1973 में, देश में शाही पशु के अस्तित्व को बचाने के लिए शुरु किया गया था।

बाघों की प्रजातियाँ

बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। बाघ (उत्तरी-पश्चिमी भाग को छोड़कर) लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। 1993 की बाघों की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगभग पूरे देश में 23 संरक्षण केन्द्रों (33,406 वर्ग किलो.मी. के क्षेत्र में) की स्थापना की गई थी।

पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।

निबंध 3 (500 शब्द)

बाघ एक जंगली जानवर है और भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में जाना जात है। यह लगभग बिल्ली की तरह होता है क्योंकि यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बड़े दाँत और लम्बी पूँछ रखता है। यह विभिन्न रंगों का होता है (जैसे – सफेद, नीला, और नारंगी) हालांकि, सभी के शरीर पर काली धारियाँ होती हैं। यह कुछ ही मिनटों में बड़ी-बड़ी छलांगो के साथ बहुत लम्बी दूरी तक दौड़ सकता है, क्योंकि इसे भगवान द्वारा उपहार के रुप में तेज पंजों के साथ गद्देदार पैर प्रदान किए हैं।

इसके चार दाँत (दो ऊपर के जबड़े में दो नीचे के जबड़े में) बहुत ही नुकीले, तेज और मजबूत होते हैं, जो भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से शिकार करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। बाघ की लम्बाई और ऊँचाई क्रमशः 8 से 10 फिट और 3 से 4 फिट होती है।

मांसाहारी पशु: बाघ

यह एक मांसाहारी पशु है और खून और मांस का बहुत ही शौकीन होता है। यह कभी-कभी जंगल से किसी पशु यहाँ तक कि, मनुष्य को भी भोजन के रुप में खाने के लिए गाँवों की ओर जाते हैं। यह अपने शिकार (जैसे – हिरन, जेबरा और अन्य जानवरों) पर अपनी बहुत मजबूत पकड़ रखता है और उन पर मजबूत जबड़ों और तेज पंजों के माध्यम से अचानक आक्रमण करता है। आमतौर पर, यह दिन के दौरान सोता है और रात के समय शिकार करता है। जंगली जानवरों को भोजन की आवश्यकता और जरूरत के बिना मारना इसकी प्रकृति और शौक है, जो इसकी अन्य जानवरों के सामने ताकत और शक्ति प्रदर्शित करती है। यही कारण है कि, यह बहुत ही क्रूर और निर्दयी पशु के रुप में जाना जाता है।

नर बाघ जन्म के 4-5 साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा 3-4 साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। संभोग के लिए कोई निश्चित मौसम नहीं होता है। गर्भावस्था अवधि 95-112 दिन की होती है और एक बार में 1-5 बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं। भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं हालांकि, सभी में रॉयल बंगाल टाइगर सबसे अधिक सुन्दर लगते हैं। बाघों को मारना, उस समय से पूरे देश में निषेध है, जब उनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट हो रही थी। अभी तक बाघों की छः जीवित प्रजातियाँ (जैसे – बंगाल टाइगर, साइबेरियन बाघ, सुमनत्रन बाघ, मलयान बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ) पाई जाती है और तीन प्रजातियाँ अभी हाल ही में विलुप्त हो गई हैं (जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर)।

निबंध 4 (600 शब्द)

बाघ बहुत ही हिंसक जानवर है। यह भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु के रुप में घोषित किया गया है। यह इस ग्रह पर सबसे अधिक ताकतवर, शक्तिशाली और आकर्षक पशु माना जाता है। यह घने जंगलों में रहते हैं हालांकि, कभी-कभी वनों की कटाई के कारण भोजन की तलाश में गाँवों और अन्य आवासीय स्थानों में भी घुस आता है। साइबेरियन बाघ आमतौर पर ठंडे स्थानों पर रहते हैं हालांकि, रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) जंगलों में नदी के किनारे रहते हैं, यही कारण हैं कि, वे अच्छी तरह से तैरना भी जानते हैं।

कुछ दशक पहले, बाघों का लोगों द्वारा अपने विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, जिसमें गैर-कानूनी कार्य भी शामिल है; जैसे – शरीर के अंगों, खाल (त्वचा), हड्डियों, दाँतों, नाखूनों आदि की तस्करी के लिए बड़े स्तर पर शिकार किया जाता था। इसके परिणाम स्वरूप पूरे भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक कमी आई। बाघ अन्य देशों में भी पाए जाते हैं; जैसे – बांग्लादेश, कम्बोडिया, थाइलैंड, लॉस, चीन, इन्डोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रुस, वियतनाम, भूटान, आदि।

बाघ के भौतिक लक्षण

बाघ एक मांसाहारी जानवर है, जो रात को शिकार करता है हालांकि, दिन में सोता है। बाघ बहुत ही मजबूत और ताकतवर शरीर रखता है, जिसकी सहायता से ये बहुत ऊँचाई तक (लगभग 7 फिट तक) छलांग सकता है और बहुत अधिक दूरी तक (लगभग 85 किलो/घंटा की रफ्तार से) दौड़ सकता है। इसके नीले, सफेद और नारंगी शरीर पर काली धारियाँ इसे वास्तव में, आकर्षक और सुन्दर बनाती है। इसे बहुत अधिक दूरी से अपने शिकार को पकड़े के लिए प्राकृतिक रुप से मजबूत जबड़े, दाँत और तेज पंजे प्राप्त है। यह माना जाता है कि, इसकी लम्बी पूँछ, शिकार के पीछे भागते हुए इसका नियंत्रण बनाए रखती है। एक बाघ लगभग 13 फिट लम्बा और 150 किलो वजन का होता है। एक बाघ को उसके शरीर पर अद्वितीय धारियों से पहचाना जा सकता है। शरीर पर बनी धारियां प्रत्येक बाघ के लिए विशिष्ट होती है जो उनकी पहचान में मदद करती है।

एक राष्ट्रीय पशु के रुप में टाइगर (बाघ)

बाघ को इसी शक्ति, ताकत और चपलता के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया है। यह अपने जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर के जैसे नामों के कारण भी राष्ट्रीय पशु चुना गया है।

प्रोजेक्ट टाइगर क्या है ?

प्रोजेक्ट टाइगर भारतीय सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है। यह अभियान भारत में बाघों की संख्या को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए शुरु किया गया है। इस अभियान की शुरुआत 1973 में बाघों को विलुप्त होने के संकट से बचाने के लिए की गई थी। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के साथ ही उनकी प्रजाति में प्रजनन के माध्यम से संख्या में वृद्धि करने पर केन्द्रित है। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है। इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में इससे उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। यद्यपि, भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में व्यय किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।

भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व

भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

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भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध Essay on National Animal of India in Hindi

रॉयल बंगाल टाइगर, भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध Essay on National Animal of India in Hindi (रॉयल बंगाल टाइगर)

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध, रॉयल बंगाल टाइगर Essay on National Animal of India in Hindi

एक राष्ट्रीय पशु देश की प्राकृतिक प्रतिनिधियों में से एक होता है। यह विकल्प कई मानदंडों पर आधारित है। राष्ट्रीय पशु का चयन इस आधार पर किया जा सकता है, कि यह कितनी अच्छी तरह से कुछ विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि इसे एक देश के साथ पहचाना जाना है और देश की विरासत और संस्कृति के हिस्से के रूप में इसका समृद्ध इतिहास भी होना चाहिए।

एक राष्ट्रीय पशु उस विशेष देश के लिए स्वदेशी होना चाहिए और देश की पहचान के लिए अनन्य होना चाहिए। यह दृश्य सौंदर्य का एक स्रोत होना चाहिए। राष्ट्रीय पशु को जानवरों की संरक्षण स्थिति के आधार पर भी चुना जाता है ताकि आधिकारिक स्थिति के चलते, उसके निरंतर अस्तित्व के लिए बेहतर प्रयास किया जा सके।

भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल में पाया जाने वाला बाघ है जिसे रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। यह सुन्दर और घातक भी है, ये भारतीय पशुवर्ग के बीच सबसे सुंदर मांसाहारी हैं। रॉयल बंगाल बाघ ताकत, चतुरता और अनुग्रह का प्रतीक है, यह संयोजन जो किसी भी अन्य जानवर के लिए बेमिसाल है।

यह भारत का राष्ट्रीय पशु के रूप में इन सभी गुणों का प्रतिनिधि है। रॉयल बंगाल टाइगर का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टाइग्रिस  ( Panthera tigris ) है और यह पेंथेरा (शेर, टाइगर, जगुआर और तेंदुए) के तहत चार बड़ी बिल्लियों में सबसे बड़ा है। रॉयल बंगाल बाघ भारत में पाए जाने वाले आठ बाघों की प्रजातियों में से एक है।

Table of Content

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध Essay on National Animal of India in Hindi (रॉयल बंगाल टाइगर)

विस्तार expansion.

भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका सहित भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में बाघ पाए जाते हैं। भारत में, यह उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में पाया जाता है। वे पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा के जंगल में भी पाये जाते हैं।

दुनिया भर के बाघों के आबादी में से 70 प्रतिशत बाघ भारत के जंगलों में पाए जाते हैं। 2016 तक पूरे भारत में विभिन्न बाघ भंडारों में कुल मिलाकर 2500 वयस्क या उप-प्रौढ़ बाघों की संख्या है। कर्नाटक में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में रॉयल बंगाल बाघ की संख्या 408 है, उत्तराखंड में 340 बाघ और मध्य प्रदेश में 308 है।

आवास Habitat

रॉयल बंगाल टाइगर्स भारत में कई जगहों पर पाये जाते हैं और घास के मैदानों और शुष्क झाड़ी वाले क्षेत्र भूमि जैसे (राजस्थान में रणथंबोर), उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वर्षावन (केरल में उत्तराखंड / पेरियार में कॉर्बेट), मैंग्रॉव्स (सुंदरबन), गीले और शुष्क पर्णपाती वन दोनों में पाए जा सकते हैं (मध्यप्रदेश में कान्हा / ओडिशा में सिमलीपल)।

भौतिक लक्षण Physical Characteristics

रॉयल बंगाल बाघ भारत में पाए जाने वाले सबसे सुंदर और शाही जानवरों में से एक हैं। उनके शरीर पर छोटे बाल होते है, जो कि सुनहरे नारंगी रंग में लाल, भूरे रंग के होते हैं, ऊर्ध्वाधर काली पट्टियां और एक सफेद उदर होता है। आंखों का रंग पीला होता है।

काले रंग की पुतली होती है। रॉयल बंगाल बाघ भूरे या काली धारियों और नीली आंखों के रंग के साथ सफेद उदर के भी हो सकते हैं। शरीर पर बनी धारियां प्रत्येक बाघ के लिए विशिष्ट होती है जो उनकी पहचान में मदद करती है।

रॉयल बंगाल बाघ के शक्तिशाली अंगों के साथ पेशीयां होती हैं। उनका सिर बड़ा होता हैं और निचले जबड़े और मूंछों के आस-पास फर की घनी वृद्धि होती है। उनके पास 10 सेमी लम्बे दांत होते है और छोटे पंजे होते हैं। उनके पंजे गद्देदार, होते है इसके आलावा उनमें उत्कृष्ट दृष्टि, गंध और सुनने की गहन क्षमता होती है।

नर बाघ नाक से पूंछ तक 2.5-3 मीटर लंबाई तक बढ़ते हैं और उनका वजन 180 से 220 किलोग्राम के बीच होता हैं। मादा प्रजातियों का वजन 100-140 किलोग्राम के बीच हो सकता है और उनकी लंबाई 2.4-2.6 मीटर तक होती है। अब तक की सबसे बड़ी रॉयल बंगाल बाघ का वजन लगभग 390 किलोग्राम है।

प्रकृति में रॉयल बंगाल बाघ अकेले है। वे क्षेत्रीय हैं और उनके क्षेत्र का आकार शिकार के प्रचुरता पर निर्भर करता है। वे आमतौर पर मूत्र, गुदा ग्रंथि स्राव और पंजे के निशान के साथ अपने प्रदेशों को चिह्नित करते हैं।

मादाएं आम तौर पर अपने बच्चों के साथ होती हैं, जब तक वे वयस्क नहीं हो जाते हैं। रॉयल बंगाल बाघ रात्रि संबंधी जानवर हैं। वे दिन में सोते है और रात के दौरान शिकार करते है। वे महान तैराक हैं और अपने भारी वजन के बावजूद आसानी से पेड़ों पर चढ़ जाते हैं।

रॉयल बंगाल टाइगर मांसाहारी होते हैं और वे मुख्य रूप से मध्यम आकार के शाकाहारी जीव जैसे चीतल हिरण, सांभर, नीलगाय, भैसों और गौरे का शिकार करते हैं। वे छोटे जानवरों का शिकार भी करते हैं जैसे खरगोश या बंदर। उन्हें युवा हाथियों और गेंडे के बछड़ों का शिकार भी करना अच्छा लगता है।

बाघ अपना शिकार चालाकी से करते है, जब तक वे शिकार के करीब नहीं होते वे तब तक इंतजार करते है, वे अपने शिकार की सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को तोड़ते है या गले की नसों को काटते हुए उसकी ओर झपटते है। शाही बंगाल के बाघ एक समय में 30 किलो मांस तक खा सकते हैं और तीन सप्ताह तक बिना भोजन के जीवित रह सकते हैं।

जीवन चक्र Life Cycle

नर बाघ जन्म के 4-5 साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा 3-4 साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। संभोग के लिए कोई निश्चित मौसम नहीं होता है। गर्भावस्था अवधि 95-112 दिन की होती है और एक बार में 1-5 बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं।

खतरा और बाघ संरक्षण परियोजना Life Threat and conservation efforts (बाघ बचाओ अभियान)

वनों की कमी के कारण, निवास स्थान और शिकार दोनों सबसे बड़ा खतरा हैं जिस कारण रॉयल बंगाल बाघ की संख्या को आई यू सी एन लाल सूची में खतरे की ओर बढ़ रहे हैं। बढ़ती हुई मानव आबादी के लिए आश्रय प्रदान करने के लिए लगातार वनों की कटाई में वृद्धि हो रही है।

बाघों के लिए उपयुक्त क्षेत्र की कमी गंभीर समस्या का कारण बन गयी है। बढ़ती हुई आवादी ने राष्ट्रीय उद्यानों की भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है। चक्रवातों जैसे प्राकृतिक आपदाओं ने जंगलों को काफी नुकसान पहुंचाया और बदलती हुई जलवायु पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्रों में जंगली भूमि के डूबने की ओर अग्रसर हो रही है। परिणामस्वरूप बाघ की आबादी का क्षेत्र इससे प्रभावित हो रहा है।

शिकार भारत में रॉयल बंगाल बाघों के अस्तित्व की दिशा में एक और बड़ा खतरा बन गया है। बाघ की त्वचा से अवैध व्यापार और बाघ के हड्डियों और दांतों का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए, शिकारियों द्वारा इनका शिकार किया जा रहा है।

शिकारियों ने कमजोर क्षेत्रों में शिविरों की स्थापना की और हथियारों के साथ-साथ ज़बरदस्त जहर का इस्तेमाल किया और बाद में बाघों को मार डाला। सख्त शिकार विरोधी कानूनों के बावजूद वन अधिकारी इसे लागू करने में असफल रहे। राजस्थान की सरिस्का बाघ रिजर्व ने 2006 में अपनी सभी 26 बाघ आवादी को शिकार के कारण खो दिया था।

रॉयल बंगाल बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने के बाद भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को 1972 में कार्रवाई में लाया गया था और सरकारी एजेंसियों ने सख्त कदम उठाए ताकि बंगाल टाइगर के संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके।

भारत में रॉयल बंगाल बाघ की व्यवहार्यता को बनाए रखने और उनकी संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से 1973 में प्रोजेक्ट बाघ बनाया गया था वर्तमान में, भारत में 48 समर्पित बाघ रिज़र्व केंद्र हैं, जिनमें से कई जी आई एस विधियों का उपयोग करते हुए व्यक्तिगत बाघों को सावधानीपूर्वक निगरानी में रखकर संबंधित क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि करने में सफल रहे हैं। इन भंडारों से शिकार के खतरे को खत्म करने के लिए सख्त विरोधी शिकार नियम और समर्पित टास्क फोर्स स्थापित किए गए हैं। रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान इस संबंध में एक गौरवशाली उदाहरण है।

भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व Importance of tiger in Indian culture

भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। यह सिंधु घाटी सभ्यता की प्रसिद्ध पशुपति मुहर में चित्रित होने वाले जानवरों में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं और वैदिक युग में, बाघ शक्ति का प्रतीक था। यह देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों में पशु वाहन के रूप में चित्रित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

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बाघ पर निबंध | Essay On Tiger In Hindi Language

Essay On Tiger In Hindi Language : दोस्तों आज हम आपके साथ राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध भाषण अनुच्छेद साझा कर रहे हैं. Tiger Essay Hindi में हम बाघ के बारे में निबंध पढेगे.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए सरल भाषा में टाइगर पर निबंध बता रहे हैं. 100, 150, 200, 250,300, 400 और 500 शब्दों में बाघ का निबंध नीचे दिया गया हैं.

बाघ पर निबंध Essay On Tiger In Hindi Language

Essay On Tiger In Hindi Language

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बाघ पर निबंध 100 शब्द

बाघ अर्थात बंगाली टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु हैं. जंगल की शान कहा जाने वाला बाघ सर्वाधिक शक्तिशाली व आकर्षक वन्य प्राणी हैं. पीले व हल्के भूरे रंग के शरीर पर काली धारियां इसके पूरे शरीर पर बनी होती हैं. चार मजबूत पैर एवं पैरो में तीखें नाख़ून बाघ को शिकार में मदद देते हैं.

शेर की तरह बाघ के भी दांत पैने व बड़े होते हैं. बिल्ली परिवार का यह प्राणी बिल्ली के रंग रूप का व आकार में उससे कुछ बड़ा होता हैं. हिंसक व मांसाहारी इस वन्य जीव को मांस अधिक पसंद होता हैं. आमतौर पर बाघ के दर्शन जंगल में ही होते हैं.

वर्ष 1973 में इसे आधिकारिक रूप से भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया. घटती बाघों की संख्या को देखकर वन विभाग द्वारा टाइगर प्रोजेक्ट के तहत इनका संरक्षण किया जा रहा हैं.

भारत में बाघों का शिकार पूरी तरह निषिद्ध कर दिया गया हैं. आम व्यक्ति इन्हें चिड़ियाघर या सर्कस में आसानी से देख सकता हैं.

(500 शब्द) बाघ पर निबंध Tiger Essay in Hindi Language

प्रस्तावना :-

हमारे देश मे ऐसे बहुत से जीव -जंतु होते है, जो हमारे पर्यावरण के लिये बहुत महत्वपूर्ण होते है उन मे से एक पशु बाघ होता है। यह मांसाहारी पशु होता है यह छोटे जानवरो जैसे -बकरी, गाय, भैस,हिरण आदि का शिकार करके अपना पेट भरता है, कभी -कभी मनुष्यों पर ही हमला कर उन्हें अपना शिकार बना लेता है।

बाघ छुप कर शिकार की तरफ धीरे -धीरे जाते है और जैसे ही पास पहुंचते है वह अपने शिकार पर अचनाक से आक्रमण करते है और पंजे के बल शिकार को दबोच लेते है।

आज के समय मे बाघ की प्रजाति धीरे धीरे लुत्प होती जा रही है इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि लोग अपने फायदे के लिये वनो की कटाई करते जा रहे है जिससे वनो मे रहने वाले जीव -जंतु का घर उजड़ जाता है और वह इधर -उधर भागने लगते है।

बाघ भी छोटे जानवरो को अपना शिकार बना कर जंगलो मे रहते हैं, पर वनो के काटने से शिकार की तलाश मे बाघ वनों से बाहर निकल जाते है रहने का सही वातावरण ना मिलने के कारण उनकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है।

बाघ की शारीरिक संरचना: –

बाघ का शरीर बहुत मजबूत होता है वह काफ़ी मोटा होता है। क्योंकि वह सिर्फ मांस खाता है इसलिए वह तन दुरस्त रहता है। बाघ के शरीर की लंबाई 7 – 10 फुट तक होती है।

बाघ का वजन 350 किलो से ज्यादा भी हो सकता है। बाघ की दो बड़ी आंखें होती है और बाघ के दाँत बड़े और नुकीले होते है। इसके दो कान होते है,बाघ के शरीर में काले और भूरे रंग की धारियां पड़ी होती है। हालाँकि साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाये जाते है।

बाघ की विशेषताऐ :-

बाघ 40-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकता है लेकिन शरीर बहुत भारी होने के वजह से बाघ दौड़ते -दौड़ते जल्दी थक जाता है। बाघ के जीवनकाल की अवधि 10 से 15 साल तक ही होती है। लेकिन कुछ ऐसे बाघ होते है जो आधिक समय यानि 25 वर्ष तक जीवित रह सकते है।

बाघ एक दिन में 20 से 30किलो तक मांस खा लेता है,मादा बाघ के गर्भकाल की अवस्था 90 से 115 दिन के अंदर होती है है। मादा बाघ एक साथ 2 से 3 बच्चो को जन्म दे सकती है।

मादा बाघ के बच्चे 14 से 15 दिन के अंदर ही आँख खोलते है, बता दें बाघ आम इंसानों के जैसे पानी में अच्छे से तैर सकते है।

बाघों की जीवन शैली –

बाघ वनो में अकेले मरहना ज्यादा पसंद करते है,यह भारत मे सभी जगहों पर देखने को मिल जाते थे।लेकिन यह ज्यादातर वनो में सबसे अधिक पाये जाते है यह झाड़ियों के पीछे छुप कर शिकार की तलाश मे बैठे रहते है और शिकार के मिलते ही उस पर जोर से झपट्ट कर वह जल्दी से शिकार को दबोच लेते है।

एक बाघ अपने क्षेत्र मे रहता है अगर वहां और शिकार करते समय दूसरा बाघ आ जाता तो दोनों की लड़ाई हो जाती है, क्योंकि यह अपना शिकार किसी दूसरे बाघ के साथ बाँटना पसंद नहीं करते है, प्रायः सारा मांस खुद अकेले या अपने परिवार के साथ मिलकर खा जाते है।

बाघों की प्रजातियो के विलुप्त होने कारण :-

हमें प्रजतियों को बचाने के लिए सभी को जागरूक करना बेहद जरूरी होता है। बहुत से लोग अपने स्वार्थ के लिए जंगलो की अंधाधुंध कटाई किये जा रहे है, जिसके कारण बाघो को सही अनुकूल वातावरण ना मिलने की वजह से बाघो की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार मे आ चुकी है।

आज के समय मे सरकार की तरफ से बाघ को बचाने के लिए बहुत कोशिश की जा रही है, क्योंकि बाघ की प्रजातियां बहुत कम देखने को मिल रही है।

आज के समय मे बाघो की प्रजतियों को बचाने के लिए बच्चो के स्कूलों, कॉलेज मे भी शिक्षकों द्वारा बाघ बचाओ की जानकारियां दी जाती है हैं। क्योंकि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु होता है, अतः इसकी प्रजतियों को विलुप्त होने से बचाना हम सभी लोगो का कर्तव्य होता है।

बाघो की प्रजतियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा सन 1973 मे सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व की स्थापना की गई। जिससे विलुप्त हो रहे टाइगरो को बचाने के लिये पूरी सुरक्षा के साथ बाघो को रखा जा सके।

भारतीय संस्कृति मे बाघों का महत्व :-

भारतीय संस्कृति के अनुसार माँ दुर्गा का वाहन बाघ है और माँ दुर्गा की पूजा के साथ बाघो की भी पूजा जाता है। भारत मे कई जगहों पर उनकी पूजा की जाती है। राष्ट्रीय पशु होने की वजह से इस संस्कृति को काफ़ी महत्व दिया जाता है।

निष्कर्ष :-

बाघ को हमारे देश का राष्ट्रीय पशु मना जाता है और यह हमारे देश की शान भी है। यह अन्य जानवरो की तुलना मे सबसे ज्यादा शक्तिशाली पशुओ मे से एक होता है, इसकी प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण सारा जंगल खाली -खाली सा लगता है।

इसलिए हर एक व्यक्ति को बाघ के विलुप्त हो रही प्रजतियों को बचाने के लिये हर तरह से प्रयत्न करना चाहिए ताकि आने वाले समय मे हमारी प्रत्येक पीढ़ियाँ बाघ की प्रजातियों को देख सके।

बाघ (टाइगर) पर निबंध 700 शब्दों में

बाघ एक हिंसक एवं क्रूर जानवर हैं जो अन्य छोटे जीवों का भक्षण कर अपना जीवन निर्वाह करता हैं. बाघ को जंगल का सबसे अधिक शक्तिशाली, तीव्र एवं आकर्षक प्राणी माना जाता हैं. बाघ का प्राकृतिक आवास जंगल ही हैं. और अमूमन इनके दर्शन जंगलों में ही होते हैं.

मानव द्वारा तीव्र गति से वनों की कटाई के चलते ये तेजी से मानव बस्तियों की ओर आते पाए गये हैं. भारत में दो तरह के बाघ विशेष तौर पर पाए जाते हैं. रूस के साइबेरियन मूल के टाइगर जो केवल पर्वतीय क्षेत्रों में ही बसते हैं. दुसरे रॉयल बंगाली टाइगर ये घने जंगलों में ही निवास करते हैं.

बाघ प्राकृतिक जल स्रोतों तालाब,  नदी,  झील  के निकट विचरण करते देखे जा सकते हैं.  क्योंकि इन  स्थानों पर उन्हें शिकार आसानी से मिल जाता हैं. भारत में बाघ के शिकार को गैर कानूनी घोषित किया गया हैं.

फिर भी चीन जैसे देशों में बाघ के शरीर के अंगों, खाल (त्वचा), हड्डियों, दाँतों,नाखूनों की बड़ी मात्रा में मांग के कारण चंद पैसों की लालच में लोग बाघों का शिकार करने से बाज नहीं आते.

बाघों की चोरी छिपे तस्करी के चलते सरकारी प्रयासों के बावजूद तेजी से कमी पाई गई हैं. दुनियां के सर्वाधिक लगभग 70 प्रतिशत बाघ भारत में ही पाए जाते हैं.

भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, कम्बोडिया, थाइलैंड, लॉस, चीन, इन्डोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रुस, वियतनाम, भूटान इन देशों में भी बाघों की अच्छी खासी संख्या हैं. भारत में बाघ को विलुप्त होने वाले प्राणियों की सूची में डाल दिया गया हैं.

बाघ की पहचान

कोई भी व्यक्ति बाघ की शिनाख्त आसानी से कर सकता हैं. आमतौर बाघ दिन में सोता है तथा रात में ही अपना शिकार करता हैं. बाघ की लम्बाई १२ से १३ फीट तथा इसका वजन १५० किमी तक होता हैं. इसके शरीर पर काले रंग की धारियां इसे शेर जैसे जानवर से अलग रूप देती हैं.

बाघ दौड़ने में बेहद तीव्र होता हैं यह अपने शिकार का पीछा कर उन्हें मार डालता हैं. 7 से 10 फीट की दूरी वह अपनी एक छलांग में तय करता हैं. मजबूत दांत व तीखे जबड़े में अपने शिकार को उठाकर इच्छित जगह पर ले जाने में मदद करता हैं. बाघ की लम्बी पूंछ उनके शारीरिक संतुलन में मददगार साबित होती हैं.

भारत का राष्ट्रीय पशु

बाघ के शारीरिक स्वरूप तथा इसकी विशेषताओं के कारण ही इन्हें भारत का राष्ट्रीय पशु बनाया गया हैं. जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर जैसे उत्कृष्ट नामों वाले बाघ की शक्ति, स्फूर्ति एवं इच्छा शक्ति अद्वितीय हैं.

भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाली टाइगर है, वर्ष 1973 में इसे राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता दी गई थी, बाघ से पहले शेर भारत को भारत के नेशनल एनिमल के रूप में मान्यता प्राप्त थी.

Amazing Facts about Tiger in Hindi बाघ के बारे में रोचक तथ्य

  • बाघ सुनने की शक्ति इतनी तीक्षण होती हैं कि वह वायु से पत्तों के हिलने की ध्वनि और घास पर किसी जानवर के चलने की ध्वनि में अंतर कर सकता हैं.
  • वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता हैं.
  • धुर्वीय और भूरे भालू के बाद बाघ अब तक का ज्ञात सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर भी हैं.
  • सामान्यतः बाघों के प्राकृतिक आवास में उनकी आयु दस वर्ष तक होती हैं, जबकि चिड़ियाघर के बाघ इससे दुगुनी आयु तक जीवित रहते हैं.
  • अब तक बाघ की नौ प्रजातियों को चिन्हित किया गया हैं, जिनमें से तीन प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं.
  • बाघ के शरीर का सबसे मजबूत अंग उसके पैर होते हैं, कई बार मृत्यु के बाद भी बाघ अपने पैरों पर खड़े रहते हैं. मनुष्य की भांति बाघ की धारियों के फिंगरप्रिंट भी यूनिक होते हैं.
  • संसार के सबसे अधिक बाघ भारत में हैं, भारत में बाघों की संख्या की लिहाज से कर्नाटक का प्रथम स्थान हैं.
  • बाघ की आवाज की तीव्रता बहुत अधिक होती हैं, यह 18 हर्ट्ज तक की ध्वनि निकालता हैं, जिसे करीब तीन किलोमीटर तक सुना जा सकता हैं.

बाघ बचाओ अभियान (टाइगर प्रोजेक्ट)

वन एवं वन्य जीव विभाग भारत सरकार द्वारा प्रति चार वर्ष में बाघों की गणना कर उनके आंकड़े रिलीज किये जाते हैं. निरंतर कम हो रहे बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए टाइगर प्रोजेक्ट स्कीम को १९७३ में शुरू किया गया.

नेशनल कार्बेट उद्यान से इसकी शुरुआत की गई. इस अभियान द्वारा बाघ प्रजनन से उनकी वृद्धि  बचे हुए बाघों को सुरक्षा देकर संरक्षण करना इसका मूल उद्देश्य था.

2014 की बाघ गणना में टाइगर प्रोजेक्ट का सकारात्मक प्रभाव देखा गया. वन विभाग के अनुसार पिछली बाघ गणना की तुलना में इस बार 30 प्रतिशत बाघों की बढ़ोतरी दर्ज हुई हैं. इसके साथ ही भारत में बाघ की कुल संख्या २२५० के पार पहुँच गई हैं.

इतना सब होने के उपरान्त भी हर साल 100 से अधिक बाघ या तो शिकारियों के हाथों मारे जाते हैं अथवा किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

बाघ संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जिम कार्बेट से टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष १९७३ में शुरू की थी. वर्ष २०२३ में इस प्रोजेक्ट के ५० वर्ष पूरे हो गये हैं. जारी नवीन आंकड़ों के अनुसार भारत में बाघों की संख्या २६८ से बढ़कर इन ५० वर्षों में 3167 हो गई हैं.

बाघ का महत्व

बाघ का अपना प्राकृतिक महत्व तो हैं ही साथ ही यह राष्ट्रीय महत्व से जुड़ा विषय भी हैं. बाघ के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारतीय मुद्रा पर इसके चित्र को लगाया गया हैं.

बंगाल टाइगर को डाक टिकट व नोटों पर स्थान दिया गया हैं. इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संतुलन में बाघ जैसे हिंसक जानवरों का अहम योगदान हैं.

यदि बाघ खत्म हो गये जंगल में उन शाकाहारी जन्तुओं की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ेगी, जो इसके आहार हैं. ऐसी स्थिति में शाकाहारी जन्तु घास, पेड़ पौधों को समाप्त कर देगे.

इससे जंगल का स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ जाएगा. इस तरह की प्राकृतिक अस्थिरता से बचने के लिए बाघों का संरक्षण कर उन्हें बचाना आवश्यक हो गया हैं.

वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस टाइगर डे 29 जुलाई को मनाया गया। इस बार के वैश्विक कार्यक्रम की थीम देयर सरवाइवल इन अवर हैंड्स रखा गया था।

दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत मे पाए जाते है, ये प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव और जिम्मेदारी भरा अवसर है। आज हमारे देश मे कुल बाघों की संख्या 2967 हैं।

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Essay on tiger in hindi बाघ पर निबंध.

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Essay on Tiger in Hindi 300 Words

बाघ बहुत ही घातक जंगली जानवर है, जो अपने शाही दिखावट और ताकत की वजह से भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ को दुनिया का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली पशु माना जाता है। बाघ घने जंगलों में रहना पसंद करता है लेकिन कभी-कभी वनों की कटाई के कारण और भोजन की तलाश में बाघ कभी आवासीय सथानों में घुस आता है। रॉयल बंगाल टाइगर जंगलों में नदी के किनारे रहना पसंद करते हैं जिसके कारण वह अच्छे तैराक भी होते हैं।

बाघो को रात में शिकार करना पसंद है और दिन में सोना। ताकत की बात करें तो बाघ लगभग 7 फीट तक छलांग लगा सकता है और लगभग 85 किलो प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। इसी चुस्ती-फुर्ती, शक्ति और ताकत के कारण भारत ने बाघ को अपना राष्ट्रीय पशु चुना है। बाघ को जंगल के राजे के तौर पर भी जाना जाता है।

यह लगभग बिल्ली की तरह होता है क्योंकि यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। बाघ पीले और हलके भूरे रंग का होता है जिस पर काले रंग की धारिया होती है। बाघों की लगभग 8 प्रजातियां है और भारत के भागों को रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है। पूरे भारत में (उत्तरी पश्चिमी भाग को छोड़कर) यह लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं।

पहले लोग अपने स्वार्थ के लिए गैर कानूनी कामो में शामिल होते थे, जैसे कि बाघों के अंगों की तस्करी के लिए शिकार करना। जिसकी वजह से ना केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व भर में बाघों की संख्या में बहुत अधिक कमी आई है। बाघों का शिकार भारत सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब बाघों को केवल सर्कस या चिड़िया घरो में देखा जा सकता है। बाघों को बचने के लिए सरकार के साथ-साथ सभी को अपना-अपना सम्पूर्ण सहयोग देना चाहिए।

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बाघ पर निबंध

our national animal tiger essay in hindi

By विकास सिंह

essay on tiger in hindi

विषय-सूचि

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध, short essay on tiger in hindi (100 शब्द)

बाघ (राष्ट्रीय पशु) का प्राणि नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह एक मांसाहारी जानवर है जो स्तनपायी की श्रेणी में आता है क्योंकि यह एक बच्चे को जन्म देता है। यह बिल्ली परिवार का सबसे बड़ा जीवित सदस्य है। यह पूरे एशिया में विशेष रूप से भूटान, चीन, भारत और साइबेरिया जैसे देशों में पाया जाता है।

बंगाल के बाघ आम तौर पर बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन (पानी से भरे जंगल) में पाए जाते हैं, जिनमें अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी शामिल हैं। वे विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं विशेष रूप से सफेद, नीले और नारंगी काली पट्टियों के साथ पाए जाते हैं। उनके ऊपरी शरीर पर काली धारियां शिकार करते समय उन्हें दूर छिपाने में मदद करती हैं। प्रत्येक और हर बाघ के शरीर पर धारियों के विभिन्न पैटर्न होते हैं।

बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (150 शब्द)

बाघ भारत का एक राष्ट्रीय पशु है। अपने शाही लुक के कारण इसे देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह अपनी कृपा, शक्ति और चपलता के लिए जाना जाने वाला बहुत प्रसिद्ध और मजबूत जानवर है। यह एक एशियाई मांसाहारी जानवर है, जिसे पैंथेरा टाइग्रिस नाम दिया गया है।

बाघों की विभिन्न प्रजातियाँ और उप-प्रजातियाँ दुनिया भर में पाई जाती हैं। टाइगर दुनिया भर में जानवरों की एक लुप्तप्राय प्रजाति है, लेकिन दुनिया भर में कुछ लोगों को छोड़ दिया जाता है, जिन्हें पृथ्वी पर अपना जीवन बचाने के लिए हमें किसी भी तरह से संरक्षण करना होगा।

भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक कार्यक्रम चलाया है ताकि भारत में लगातार घटती बाघों की आबादी को बनाए रखा जा सके। यह खुशी की बात है कि प्रोजेक्ट टाइगर अभियान के कारण, भारत में बाघों की आबादी अब एक आरामदायक स्थिति में है।

बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (200 शब्द)

tiger

बाघ एक राष्ट्रीय पशु है जो बिल्ली परिवार से संबंधित है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। इसे बिल्ली परिवार के सबसे बड़े जानवर के रूप में जाना जाता है। यह विभिन्न रंगों में पाया जाता है जैसे कि नारंगी, सफेद और नीले रंग की काली धारियाँ।

प्रत्येक और हर बाघ के शरीर पर अलग-अलग काली धारियाँ होती हैं। वे बाहर अलग हो सकते हैं लेकिन पेट के नीचे का हिस्सा सफेद हो जाता है। बंगाल टाइगर्स की उत्पत्ति साइबेरिया में हुई थी, लेकिन वे ठंडी जलवायु के कारण दक्षिण में चले गए थे। अब, रॉयल बंगाल टाइगर की प्राकृतिक विरासत भारत है। बंगाल टाइगर्स 7 से 10 फीट लंबा और 350 से 550 पाउंड वजन का हो सकता है।

वे उप-प्रजाति और उनके द्वारा पाए गए स्थानों के आधार पर आकार और वजन में भिन्न होते हैं। साइबेरियाई बाघों को सबसे बड़ा बाघ माना जाता है। मादा को नर से छोटा माना जाता है। कुछ दशक पहले, बाघ एक भारतीय अभियान “प्रोजेक्ट टाइगर” के कारण लगातार खतरे में पड़ रहे थे, भारत में बाघों की स्थिति नियंत्रण में है।

इससे पहले वे खेल, पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों आदि जैसे उद्देश्यों के लिए आदमी द्वारा बहुत अधिक शिकार किए गए थे टाइगर प्रोजेक्ट टाइगर ’को उनकी संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए अप्रैल 1973 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। समस्या जैसे वनों की जनसँख्या में वृद्धि इनके लिए बड़ी सम्याएं हैं  जिससे इनकी संख्या काम होती जा रही है।

बाघ पर निबंध, essay on tiger in hindi (250 शब्द)

बाघ एक जंगली जानवर है जिसे भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। यह सबसे क्रूर जंगली जानवर माना जाता है जिससे सभी को डर है। यह एक बहुत मजबूत जानवर है जो लंबी दूरी तक कूद सकता है। यह बहुत ही शांत लग रहा है लेकिन बहुत चालाक है और अचानक लंबी दूरी से अपने शिकार को पकड़ सकता है।

यह अन्य जंगली जानवरों जैसे गाय, हिरण, बकरी, कुत्ते, खरगोश, (कभी-कभी मनुष्य के अनुसार मौका के अनुसार) के खून और मांस का बहुत शौकीन हो जाता है, आदि बाघों को जंगल का स्वामी कहा जाता है क्योंकि वे वन्यजीवों के धन का प्रतीक हैं देश।

यह अनुग्रह, प्रचंड शक्ति और चपलता का संयोजन है, जो इसके सम्मान और उच्च सम्मान का बड़ा कारण है। यह अनुमान है कि भारत में बाघों की कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा रह रहा है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में, भारत में बाघों की आबादी बहुत हद तक कम हो रही थी। देश में इस शाही जानवर के अस्तित्व की रक्षा के लिए 1973 में भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था।

बाघ की लगभग आठ नस्लें हैं और रॉयल बंगाल टाइगर नाम की भारतीय जाति लगभग पूरे देश (उत्तर-पश्चिमी राज्य को छोड़कर) में पाई जाती है। प्रोजेक्ट टाइगर के लॉन्च के कुछ वर्षों बाद, भारत में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 1993 की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। पूरे देश में प्रोजेक्ट टाइगर के अभियान के तहत लगभग 23 बाघ अभयारण्य (33,406 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हुए) बनाए गए हैं।

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध, essay on national animal tiger in hindi (300 शब्द)

बाघ एक जंगली जानवर है और लोकप्रिय रूप से भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में जाना जाता है। यह लगभग बिल्ली के समान है क्योंकि यह बिल्ली परिवार से संबंधित है। इसे बिल्ली परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति के रूप में जाना जाता है। इसके बड़े दांत और एक लंबी पूंछ होती है।

यह विभिन्न रंगों (जैसे सफेद, नीला और नारंगी) का हो सकता है, हालांकि सभी के शरीर पर काली धारियां होती हैं। यह कुछ ही मिनटों में विशाल छलांग के साथ लंबी दूरी तक चला सकता है क्योंकि इसमें एक भगवान को तेज पंजे के साथ गद्देदार पैर दिए गए हैं।

इसके चार दांत (ऊपरी और दो निचले जबड़े में) बहुत भारी और मजबूत होते हैं ताकि एक भारी शिकार को अपनी भारी जरूरत को पूरा करने के लिए हड़प सकें। एक बाघ की लंबाई और ऊंचाई क्रमशः 8 से 10 फीट और 3 से 4 फीट हो सकती है।

यह एक मांसाहारी जानवर है और रक्त और मांस का बहुत शौकीन है। कभी-कभी, यह भोजन की तलाश में घने जंगलों से गांवों में आता है और यहां तक ​​कि किसी भी जानवर को खाते हैं। यह अपने शिकार (जैसे हिरण, ज़ेबरा और अन्य जानवरों) पर अपने मजबूत जबड़े और तेज पंजे के माध्यम से अचानक एक ठोस पकड़ बनाता है।

आमतौर पर, यह दिन के समय में सोता है और शिकार को पकड़ने में सुगमता के कारण रात के समय में शिकार करता है। भोजन की आवश्यकता के बिना जंगली जानवरों को मारना इसकी प्रकृति और शौक है जो अन्य जानवरों के सामने जंगल में अपनी मजबूती और शक्तिशाली होने को दर्शाता है। इसीलिए, इसे बहुत क्रूर और हिंसक जंगली जानवर के रूप में जाना जाता है।

भारत में, बाघ आमतौर पर सुंदरवन (असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत, आदि) में पाए जाते हैं। अधिक बड़े आकार के बाघ अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं लेकिन रॉयल बंगाल टाइगर्स सभी में सबसे सुंदर दिखते हैं। बाघों की हत्या पूरे देश में उस समय से प्रतिबंधित है जब बाघों की संख्या बहुत तेजी से घट रही थी।

बाघों की छह जीवित उप-प्रजातियां पाई जाती हैं (जैसे कि बंगाल टाइगर, साइबेरियन टाइगर, सुमात्राण टाइगर, मलायन टाइगर, इंडो-चाइनीज टाइगर, और साउथ-चाइनीज टाइगर) और तीनों को हाल ही में विलुप्त किया गया है (जैसे कि जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर, और बाली बाघ)।

बाघ पर निबंध हिंदी में, essay on tiger in hindi language (400 शब्द)

बाघ बहुत ही हिंसक जंगली जानवर है। इसे भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। यह इस ग्रह पर सबसे मजबूत, शक्तिशाली और सबसे सुंदर जानवर माना जाता है। यह घने जंगल में रहता है, लेकिन कभी-कभी भोजन या वनों की कटाई की तलाश में गांवों और अन्य आवासीय स्थानों पर आ जाता है।

साइबेरियन टाइगर्स आमतौर पर ठंडी जगहों पर रहने के लिए होते हैं, लेकिन रॉयल बंगाल टाइगर्स जंगल में नदी के पास है, इसलिए वे तैरना अच्छी तरह जानते हैं। कुछ दशक पहले, बाघों को लोगों द्वारा शिकार करने के लिए काफी हद तक अपने शरीर के अंगों जैसे त्वचा, हड्डियों, दांतों, नाखूनों आदि के अवैध कारोबार सहित कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए शिकार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप पूरे भारत में बाघों की आबादी में भारी कमी आई। ।

बाघ अन्य देशों जैसे बांग्लादेश, कंबोडिया, थाईलैंड, लाओस, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, रूस, वियतनाम, भूटान, आदि में भी पाए जाते हैं। बाघ एक मांसाहारी जानवर है जो रात में शिकार करता है लेकिन दिन के लिए सोता है। टाइगर के पास एक मजबूत और शक्तिशाली शरीर है, जिसके उपयोग से वह उच्च लंबाई (लगभग 7 फीट) तक कूद सकता है और लंबी दूरी (लगभग 85 किमी / घंटा) तक दौड़ सकता है।

उनके नीले, सफेद या नारंगी शरीर पर काली धारियां उन्हें वास्तव में आकर्षक और सुंदर बनाती हैं। लंबी दूरी से अपने शिकार को काबू करने के लिए इसमें स्वाभाविक रूप से मजबूत जबड़े, दांत और तेज पंजे होते हैं। यह माना जाता है कि इसकी लंबी पूंछ शिकार को शिकार करते समय संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। एक बाघ की लंबाई लगभग 13 फीट और वजन 150 किलोग्राम हो सकता है। बाघों को ऊपरी शरीर पर धारियों के अपने अद्वितीय पैटर्न द्वारा पहचाना जा सकता है।

राष्ट्रीय पशु के रूप में बाघ:

टाइगर को उसकी शक्ति, ताकत और चपलता के कारण सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना गया था। यह जंगल के राजा और रॉयल बंगाल टाइगर जैसे अपने अच्छे नामों के कारण भी चुना गया था।

क्या है प्रोजेक्ट टाइगर:

प्रोजेक्ट टाइगर भारत सरकार द्वारा देश में बाघों की आबादी को बनाए रखने के लिए चलाया गया एक अभियान है। यह बाघों को विलुप्त होने के अत्यधिक खतरे से बचाने के लिए 1973 में स्थापित किया गया था। यह परियोजना पूरे देश में शेष बाघों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ प्रजातियों के प्रजनन के माध्यम से उनकी संख्या बढ़ाने के लिए बनाई गई थी।

उनके लिए सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए पूरे देश में लगभग 23 बाघ आरक्षित किए गए हैं। इसे देश में 1993 तक बाघों की आबादी में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। हालांकि जनसंख्या में वृद्धि के बावजूद, परियोजना में लगाए गए प्रयासों और धन की तुलना में देश में बाघों की आबादी अभी भी संतोषजनक नहीं है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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आपने बहुत ही अच्छा निबंध लिखा है ये बच्चो को अच्छे अंक लेन में मदद करेगा | धन्यवाद!

आपने बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है। इस जानवर के बारे में रोचक जानकारी शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद

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बाघ पर निबंध (Essay On Tiger In Hindi)

बाघ पर निबंध (Essay On Tiger In Hindi)

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बाघ पर 5 लाइन (5 Lines On Tiger In Hindi)

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भारत विविधता का देश है, जहां पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों और जीव-जंतु आदि की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इस देश की सुंदरता को और अधिक बढ़ाता है और इन्हें देख कर आनंद महसूस होता है। इस लेख में हम राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी निबंध कैसे लिखना यह बताएंगे, लेकिन उससे पहले बाघ कैसा जानवर है आइए यह जानते हैं! बाघ को भारत सरकार द्वारा देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। यह बहुत प्रसिद्ध और शक्तिशाली जानवर है जो अपनी तेजी, फुर्तीलापन और ताकत के लिए जाना जाता है। यह एक मांसाहारी जानवर है जिसके चार पैर, दो कान-आंखें और एक पूँछ होती है। इनके दांत बेहद नुकीले और मजबूत होते हैं जिससे ये शिकार करते हैं। दुनिया भर में बाघों की विभिन्न प्रजातियां और उप-प्रजातियां पाई जाती हैं। विश्व बाघ गणना के अनुसार इन दिनों इनकी संख्या काफी कम होती जा रही है और धरती पर इनका जीवन बचाने के लिए संरक्षण करने की जरुरत होगी। भारत में बाघों की लगातार घटती संख्या की वजह से भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम से एक अभियान चलाया था और इसके कारण ही आज भारत में बाघों की मौजूदा स्थिति पहले से कुछ बेहतर है। बाघ पर एक बेहतरीन अनुच्छेद पढ़ने लिए लेख अंत तक पढ़ें।

नीचे 5 पक्तियों में बाघ पर निबंध दिया गया है, जो बेहद सरल भाषा में लिखे गई पंक्तियां लिखी गई हैं।

  • बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
  • बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है।
  • इसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है।
  • इनके दांत और नाखून काफी नुकीले होते हैं।
  • बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है।

यहां आपको बाघ के बारे में निबंध दिया गया है, जो 10 लाइन में है और आसान भाषा में बताया गया है। तो आइए राष्ट्रीय पशु पर 10 लाइन का निबंध पढ़ते हैं।

  • बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहते है।
  • यह काफी फुर्तीले होते हैं और पेड़ पर आसानी से चढ़ जाते हैं।
  • ये बहुत शक्तिशाली और तेज दौड़ने वाला जानवर है।
  • बाघ पानी में भी तैर सकते हैं।
  • यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं।
  • इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं।
  • इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है।
  • बाघ की आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है।
  • 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।

क्या आपका बच्चा बाघ पर निबंध लिखना चाहता है, तो यह शार्ट एस्से क्लास 1,2,3,4,5,6,7, 8, 9 ओर 10 में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह निबंध एक सैंपल के रूप में दिया गया है। इसका उपयोग आप शार्ट कम्पोजिशन के रूप में भी कर सकते हैं।

भारत में सैकड़ों प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं जिसमें से एक बाघ भी है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। यह बाघ, बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है। जिसके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज और नाखून काफी नुकीले होते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। इनके सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता काफी तेज होती है। बाघ बहुत फुर्तीले होते हैं और बड़ी आसानी से पेड़ या ऊंचाई पर चढ़ सकते हैं। ये ताकतवर और तेज दौड़ने वाला जानवर होता है और यह पानी में भी तैर सकते हैं। इनकी आयु औसतन 11 से 15 साल तक होती है। बाघ एक जंगली मांसाहारी जानवर है, क्योंकि यह केवल मांस का ही सेवन करते हैं। जिसमें यह छोटे जानवरों जैसे बकरी, गाय, हिरण आदि का शिकार करके अपना पेट भरते हैं। इनका शिकार करने का तरीका बहुत ही अनोखा होता है। पहले ये अपने शिकार को छुपकर देखते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी तरफ आगे बढ़ते हैं और पास पहुंचते ही अचानक से हमला कर देते हैं। इनके पंजों की पकड़ बहुत मजबूत होती है। इसलिए पहले के समय बाघ का शिकार करना बड़ी उपलब्धि माना जाता था और राजा महाराजा बाघ का शिकार करने में रुचि रखते थे। समय के साथ बाघ की नौ प्रजातियों में से अब तक 3 विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में जांच के दौरान पाया गया कि बाघों की अनुमानित संख्या कम होकर 5000 से 1827 हो गई जो चिंता का विषय था। जिसमें जंगलों की बढ़ती हुई कटाई और व्यापार के लिए बाघ की खाल का उपयोग, चीनी दवाओं के लिए इनकी हड्डियों का उपयोग के कारण इनका अवैध रूप से शिकार करना है, संकुचित आवास, मानव जाती की बढ़ती आबादी आदि कारणों से इनके संरक्षण को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी और 197 में ही बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) शुरू किया जिसमें सभी प्रजातियों के बाघ को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया। ताकि आने वाली पीढ़ी भी बाघ की विभिन्न प्रजातियों से परिचित हो सके। 2010 से हर साल बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।

बाघ पर निबंध या भाषण के लिए दिए गए अनुछेद को पढ़ें। अक्सर स्कूल व कॉलेज स्तर पर ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जो भारत राष्ट्र के विषय से जुड़ी हुई हो, यहां आपको भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ पर हिंदी में निबंध दिया गया है। जो आपको 400 से 600 शब्दों की सीमा में एक बेहतरीन लॉन्ग एस्से उपलब्ध कराता है:

भारत अनेकता का देश है, विभन्नता का देश जहां न जाने कितनी प्रजातियों के पशु-पक्षी, जीव- जंतु और पेड़-पौधों व अन्य प्राणियों का वास है। लेकिन सैकड़ों प्रजातियों में से भारत ने जिसे अपना राष्ट्रीय पशु चुना वो बाघ है। यह बड़ी बिल्ली की प्रजाति में आते हैं। इनकी शारीरिक संरचना की बात की जाए तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं, जिसकी मदद से यह अपने शिकार पर पकड़ बनाएं रहते हैं। यह नारंगी, सफेद और सुनहरे रंग में पाए जाते हैं और इनके शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। बाघ की सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता अच्छी होती है, जो इन्हे अपना शिकार पकड़ने व खतरे से बचने में मदद करता है। यह औसतन 11 से 15 साल तक जीवित रहते हैं। इनका भोजन छोटे जानवर जैसे बकरी, हिरण आदि होते हैं। बाघ की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 3 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं, 1973 में इस बात को गंभीरता से लिया गया और भारत सरकार बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) के तहत बाघ की सभी प्रजातियों को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया।

बाघ की शारीरिक बनावट (Body Structure of Tiger)

बाघ की शारीरिक बनावट का वर्णन करें तो इनके 4 पैर, 2 आंखें, 2 कान और 1 पूंछ होती है। इनके दांत तेज, जीभ कांटेदार और नाखून काफी नुकीले होते हैं। बाघ का शरीर काफी शक्तिशाली और मजबूत काठी का होता है। यह काफी फुर्तीले होते हैं और बहुत तेज दौड़ने वाले जानवर के रूप में जाने जाते हैं। यह हमेशा मांस का सेवन करते हैं इसलिए इनका शरीर काफी गठीला और मजबूत होता है। इनके शरीर की लंबाई 7 से 10 फुट तक होती है और इनका वजन लगभग 350 किलो या उससे ज्यादा भी हो सकता है। इनके शरीर पर काले और भूरे रंग की धारियां बनी होती है। हालांकि कई जगहों पर जैसे साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाए जाते हैं।

बाघ की विशेषताएं (Characteristics Of Tiger)

बाघ काफी ताकतवर पशु होता है और ये करीब 40-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज दौड़ सकता है, लेकिन इनका शरीर बहुत भारी होता है इन्हें तेज दौड़े वाले जानवर की श्रेणी में गिना जाता है। इनका जीवनकाल लगभग 10 से 15 साल तक का होता है, लेकिन चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं। यह ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक जिंदा रह सकते हैं। इनकी दिनभर की खुराक में कम से कम 20 से 30 किलो तक मांस होता है। मादा बाघ की बात की जाए तो इनका गर्भकाल 90 से 115 दिन तक चलता है और ये एक साथ 2 से 3 बच्चो को जन्म दे सकती हैं। मादा बाघ के बच्चे 14 से 15 दिन के अंदर ही अपनी आंख खोल लेते हैं, इनकी एक खासियत यह है कि ये पेड़ या ऊंचाई पर बहुत आसानी से चढ़ जाते हैं और पानी में तैर भी सकते हैं।

भारतीय संस्कृति मे बाघों का महत्व (Importance Of Tigers in Indian Culture)

भारत में धर्म और आस्था से कई लोग गहरा जुड़ाव रखते हैं और भारतीय संस्कृति के अनुसार बाघ को देवी दुर्गा की सवारी के रूप जाना जाता है। माँ दुर्गा की पूजा के साथ बाघ की भी पूजा की जाती है। भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां पर बाघों को पूजा जाता है। बाघ की मनोहरता, ताकत, फुर्तीलेपन और शक्तिशाली होने कारण उसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु से सम्मानित किया गया।

निष्कर्ष (Conclusion)

बाघ को हमारे देश का राष्ट्रीय पशु और शान माना जाता है। यह बाकी जानवरों की तुलना मे सबसे ज्यादा शक्तिशाली पशुओं मे से एक है, लेकिन इनकी प्रजातियां दिन प्रतिदिन गायब होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण इसका अवैध शिकार करना है। बाघ के संरक्षण के लिए 1972 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जो बाघ की सभी प्रजातियों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। आने वाले समय मे हमारी पीढ़ियां भी बाघ की प्रजातियों को देख सके, इसके लिए उनका संरक्षण जरूरी है।

  • बाघ की सुनने की शक्ति तीर्व होती है और वह हवा से हिलने वाले पत्तों और घास पर किसी के चलने की आवाज में फर्क समझ सकते हैं।
  • बाघ को सबसे बड़ा मांसाहारी जानवर माना जाता है।
  • चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ अपनी उम्र से दुगनी उम्र तक जीवित रहते हैं।
  • बाघ एक बार में 27 किलो तक मांस खा सकते हैं।
  • बाघ के शरीर का सबसे मजबूत अंग उनके पैर होते हैं।
  • इंसान की तरह बाघ की धारियों के फिंगरप्रिंट भी यूनिक होते हैं।
  • भारत के कर्नाटक में बाघों की संख्या सबसे अधिक पाई जाती है।
  • बाघ की आवाज को करीब तीन किलोमीटर तक सुना जा सकता हैं।

बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है और हमारे बच्चों को देश के राष्ट्रीय पशु के बारे में सभी जानकारी होना चाहिए। बाघ पर लिखे गए इस निबंध से बच्चों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी और साथ ही वो खुद भी इस एस्से सैंपल की मदद से बाघ पर एक बेहतरीन लेखन तैयार कर सकते हैं।

बाघ से जुड़े ऐसे कई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह सवाल कौन से हैं।

1. बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?

बाघ को वैज्ञानिक तौर पर पैंथेरा टाइग्रिस के नाम से जाना जाता है।

2. एक बाघ के शरीर पर लगभग कितनी धारियां होती हैं?

बाघ के शरीर में लगभग 100 धारियां होती हैं।

3. दुनिया का सबसे बड़ा बाघ कौन सा है?

साइबेरिया का बाघ दुनिया का सबसे बड़ा बाघ है।

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बाघ (टाइगर) के बारे में जानकारी एवं 40 रोचक तथ्य | Tiger Information in Hindi

बाघ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी.

बाघ एक प्रकार का वन्य जानवर है जिसके शरीर का रंग पीला या नारंगी होता है और उसपर काले रंग की धारियां बनी होती हैं। हर बाघ के शरीर की धारिया हम इंसानों के फिंगरप्रिंट की तरह अलग-अलग होती है। बाघ मांसाहारी जानवर है जो की अन्य पशु-पक्षियों का शिकार कर अपना पेट भरता है। बाघ बहुत ही फुर्तीले होते हैं और ये बहुत तेज गति से दौड़ सकते हैं। बाघ बिल्ली की प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है। एक वयस्क बाघ का वजन 300 से 400 किलो होता है।

बाघ का वैज्ञानिक वर्गीकरण :

  • बाघ का वैज्ञानिक नाम: पेंथेरा टिग्रिस (Panthera tigris)
  • वर्ग: स्तनधारी (Mammalia)
  • वंश: पैन्थेरा (Panthera)
  • गण: मांसाहारी (Carnivora)
  • कुल: फ़ेलिडाए (Felidae)
  • उपकुल: पैन्थेरिनाए (Pantherinae)

बाघ के बारे में जानकारी 1 – 10 रोचक तथ्य – Facts and Information About Tiger in Hindi

1. पूरी दुनिया के लगभग 70% बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। सन 2006 में सिर्फ 1,411 टाइगर ही बचे थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढती जा रही है और 2016 तक इनकी संख्या बढ़ कर 3,890 हो गयी थी।

2. बाघ (Tiger) पूरी दुनिया में बिल्ली की सबसे बड़ी प्रजाति है।

3. धरती के सबसे बड़े मांसाहारी जानवरों की लिस्ट में बाघ तीसरे नंबर पर है, जबकि पहले स्थान पर ध्रुवीय भालू और दुसरे पर भूरे भालू हैं।

4. बाघ अपने जन्म से एक सप्ताह तक पूरी तरह से अंधे होते हैं। जिनमे से लगभग आधे शावक वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं।

5. जन्म के बाद 2 सालों तक बच्चों की देखभाल केवल मादा ही करती है।

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6. हम इंसानों की उंगलियों के निशान की तरह प्रत्येक बाघ के शरीर की धारियां अपने आप में अलग होती हैं।

7. बाघों की रात में देखने की क्षमता मनुष्य की तुलना में लगभग छह गुना बेहतर है।

8. इनके दहाड़ने की आवाज़ बहुत तेज़ होती है इसे आप 3 किलोमीटर दूर से भी सुन सकते हैं।

9. टाइगर की दौड़ने की रफ़्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।

10. टाइगर लगभग 8 मीटर की दूर और 5 मीटर ऊंचाई तक छलांग लगा सकते हैं।

बाघ के बारे में जानकारी 11 – 20 तथ्य – Facts and Information About Tiger in Hindi

11.  इनके मांसल पैर इतने मजबूत होते हैं की ये मृत अवस्था में भी कुछ समय तक खड़े रह सकते हैं।

12. एक बाघ के पिछले पैर उसके आगे के पैरों से अधिक लंबे होते हैं, जिससे उन्हें अधिक दूरी तक छलांग लगाने की क्षमता मिलती है।

13. ज्यादातर बाघों की आंखें पीली होती हैं, लेकिन सफेद बाघों की आँखें आमतौर पर नीली होती हैं।

14. बाघ की औसत उम्र 10-15 साल होती है लेकिन विशेष परिस्थिति में ये 25 साल तक भी जीवित रह सकते है।

15. बाघ के बारे में यह भी कहा जाता है की ये अपने इलाके को चिन्हित करने के लिए पेड़ों को खरोंचकर पंजे का निशान बनाते हैं इसके अलावा वे इसके लिए अपने बदबूदार मूत्र का भी उपयोग करते हैं।

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16. मादा की तुलना में नर बाघों का क्षेत्र बड़ा होता है। नर और मादा बाघ के क्षेत्र एक दुसरे से मिले हुए हो सकते हैं लेकिन कभी भी दो नर या दो मादा का क्षेत्र आपस में मिला हुआ नही हो सकता।

17. सामान्यतः बाघ अन्य जानवरों पर नहीं दहाड़ते हैं, बल्कि वे दूर-दूर के बाघों से संवाद करने के लिए दहाड़ते हैं।

18. टाइगर को भूख बहुत जल्दी लगती है और ये 2-3 हफ्ते भूखा रहें तो इनकी मौत हो सकती है जबकि एक सामान्य व्यक्ति 30-40 दिनों तक बिना खाए जिन्दा रह सकता है।

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19. आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी की बाघ अन्य जानवरों की आवाजों की नकल भी कर सकते हैं। शिकार को अपनी तरफ खीचने के लिए यह तरीका इनके लिए बहुत ही कारगर होता है।

20. बाघ अपने शिकार को गला घोंट कर मारता है, इसके अलावा गले की नस काटने के बाद खून की कमी से भी शिकार मर जाता है।

बाघ के बारे में जानकारी 21 – 30 तथ्य – Facts About Tiger in Hindi

21. टाइगर की 10 सेंटीमीटर की दांत इतनी मजबूत होती है की यह अपने जबड़े से एक झटके में अपने शिकार का गला तोड़ सकती है।

22. बाघ के बारे में कहा जाता है की इन्हें घात लगा कर शिकार करना पसंद होता है। वैसे तो ये अधिकतर रात में शिकार करते हैं, लेकिन मौका मिलने पर ये दिन में भी हमला कर सकते हैं।

23. बाघों के पास बड़े-बड़े गद्देदार पैर होते हैं जो उनके लिए चुपचाप अपने शिकार तक पहुँचने में मदद करते हैं।

24. कहा जाता है की यदि आप बाघ की तरफ देख रहे हों तो यह संभावना बहुत कम होती है की वह आप पर हमला करे।

25. इसलिए भारत के विभिन्न इलाकों में लोग जंगलों से गुजरते समय अपने सिर के पीछे इंसान के चेहरे की तरह दिखने वाला एक मुखौटा पहनते हैं ताकि शेर पीछे की तरफ से हमला न करे।

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26. माना जाता है की बाघों को 10 से 20 शिकार के प्रयासों में से केवल एक बार ही सफलता मिलती है।

27. शिकार करने के बाद बाघ मादा और शावकों का इंतजार करते हैं, और उनके खाने के बाद ही स्वयं खाते हैं।

28. बाघ के बारे में यह भी देखा गया है की किसी शिकार को खाने के लिए वे आपस में झगड़ा नही करते हैं बल्कि अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

29. वैसे तो बाघ इंसानों को शिकार के तौर पर नही देखते लेकिन किसी प्रकार का खतरा महसूस होने पर या शिकार के लिए अन्य जीव नही मिलने पर ये इंसानों पर भी हमला कर सकते हैं।

30. ये पानी में नहाना भी पसंद करते हैं, यही नही ये एक कुशल तैराक भी होते हैं। ये बड़ी-बड़ी नदियों को पार करने में सक्षम होते हैं। बाघ द्वारा पानी में अब तक एक दिन में सबसे लम्बी दूरी तय करने का रिकॉर्ड लगभग 30 किलोमीटर का है।

टाइगर के बारे में जानकारी 31 – 40 जानकारियाँ – Facts About Tiger in Hindi 10 Points

31.  कई बार नदी पार करते समय इन पर मगरमच्छ का हमला होता है। मगरमच्छ से निपटने के लिए इन्हें कुछ अलग तरीके से काम करना पड़ता है, ये मगर के गले पर वार नही करते क्योंकि वह बहुत कठोर होता है इसलिए ये मगरमच्छ को उल्टा करके उसके मुलायम पेट पर वार करते हैं, कई बार तो ये आँख फोड़ कर उसे अँधा भी कर देते हैं।

32.   टाइगर की कितनी प्रजाति होती है? आज बाघों की छह उप-प्रजातियां हैं:

  • साइबेरियाई बाघ (Panthera tigris altaica)
  • साउथ चाइना बाघ (Panthera tigris amoyensis)
  • इंडोचाइनीज टाइगर (Panthera tigris corbetti)
  • मलायण बाघ (Panthera tigris jacksoni)
  • सुमात्रा टाइगर (Panthera tigris sumatrae)
  • और बंगाल टाइगर (Panthera tigris tigris)

33. साइबेरियन बाघ (Siberian Tiger) दुनिया के सबसे बड़े बाघ होते हैं, इनकी लम्बाई 3.5 मीटर तक हो सकती है और इसका वजन 300 किलो तक हो सकता है।

34. इसके अलावा सुमात्रा (इंडोनेशिया का एक आइलैंड) में पाए जाने वाला बाघ दुनिया का सबसे छोटा बाघ होता है। एक वयस्क सुमात्रा बाघ की लम्बाई 2 मीटर और वजन केवल 100 किलो होता है।

35.  इन 6 उप प्रजातियों के अलावा Tiger के और भी subspecies हुआ करते थे लेकिन पिछले 80 वर्षों में बाघ की तीन उप प्रजातियां शिकार होने की वजह से विलुप्त हो चुकी हैं:

  • कैस्पियन बाघ

36.  बाघों के लार में एंटीसेप्टिक होता है। वे अपने घाव को चाटकर कीटाणुरहित कर सकते हैं।

37.  बाघ की याददाश्त इंसानों की तुलना में 30 गुना अधिक होती है।

38.  इनके दिमाग का वजन 300 ग्राम होता है।

39.  एक वयस्क बाघ एक बार में 40 किलो तक मांस खा सकता है। इसके बाद यह चार या पांच दिनों के लिए दूसरा शिकार नही करता।

40.  बाघ बिल्ली की एकमात्र  प्रजाति हैं जिनका शरीर पूरी तरह से धारीदार होता है। शरीर के केवल बालों पर ही नही बल्कि उनकी पूरी त्वचा में भी धारियां बनी होती हैं।

  • बाघ के बारे में 10 लाइन निबंध

FAQ – About Tiger in Hindi

टाइगर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब:

दुनिया का सबसे बड़ा टाइगर कौन सा है ?

साइबेरियन बाघ (Siberian Tiger) दुनिया के सबसे बड़े बाघ होते हैं।

दुनिया का सबसे छोटा टाइगर कौन सा है?

सुमात्रन टाइगर दुनिया का सबसे छोटा बाघ होता है। एक वयस्क सुमात्रा बाघ की लम्बाई 2 मीटर और वजन केवल 100 किलो होता है।

बाघ की उम्र कितनी होती है?

बाघ की औसत उम्र 10 से 15 साल होती है।

आपको टाइगर के बारे में जानकारी (  Information About Tiger in Hindi ) पढ़कर कैसा लगा हमें जरुर बताएं। इसे आप essay on tiger in Hindi  की तरह भी उपयोग कर सकते हैं।

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10 lines on Tiger in Hindi | About Tiger in Hindi

In this article, we are providing 10 lines on Tiger in Hindi & English for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. In these few lines, you get Tiger information in Hindi. हिंदी में बाघ पर 10 लाइनें

10 Lines on Tiger in Hindi

10 Lines on Tiger in Hindi for class 1,2,3

1.बाघ भारत का एक राष्ट्रीय पशु है।

2. बाघ एक जंगली जानवर है।

3.यह एक मांसाहारी जानवर है।

4. इसके चार पैर, दो कान, और एक लम्बी पूछ होती है।

5. यह जंगल मे रहता है।

6. बाघ बिल्ली की प्रजाती का जानवर है।

7. इसके दाँत बहुत नुकीले होते है।

8. यह बहुत ऊँचाई तक छलाँग मार सकता है।

9. इसके पंजे बहुत मजबूत होते है।

10. यह 10 से 15 वर्ष जीवत रह सकता है।

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10 Lines Essay about Tiger in Hindi | बाघ पर 10 लाइनें

1. बाघ एक मांसाहारी जानवर है, जो जंगल में फुर्तीले और ताकतवर जन्तु के रूप में भी जाना जाता है।

2. बाघ का शरीर पीले और भूरे रंग का होता है जिस पर काले रंग की धारियां होती हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।

3. बाघ 70 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है।

4. बाघ 30 मीटर लंबी और लगभग 14 फ़ीट ऊंची छलांग लगा सकता है।

5. बाघ का वजन लगभग 350 किलोग्राम और लम्बाई 12 फ़ीट तक होती है।

6. एक सामान्य बाघ लगभग 20 वर्ष तक जीवित रहता हैं।

7. बाघ की 8 जातियां पाई जाती थी जिनमें से केवल 2 जातियां ही अब बची हुई है।

8. बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera tigris) होता है

9. रात के अंधेरे में बाघ इंसानों से 5 गुना अधिक देख सकते हैं।

10. बाघ के शरीर पर लगभग 100 काली धारियां होती हैं।

10 Interesting Facts About Tiger in Hindi | बाघ पर 10 लाइनें

1. बाघ बिल्ली की प्रजाति का सबसे बड़ा मांसाहरी जानवर है जो भैंस, जेबरा आदि को खाता है।

2. भारत का राष्ट्रीय पशु भी बाघ ही है।

3. जंगल में भाग की औसतन आयु लगभग 10 साल होती है।

4. बाघ की दहाड़ 3 किलोमीटर तक सुनी जा सकती है।

5. बाघ का वजन 300 किलो तक होता हैं और इसकी लंबाई 13 फीट तक हो सकती है।

6. बाघ की देखने की शक्ति अंधेरे में ज्यादा होती है।

7. बाघ 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं और लगातार 6 किलोमीटर तैर सकता है।

8. मादा बाघ एक समय में 3-4 बच्चों को जन्म देती है और इसका गर्भकाल 3.5 महीने क् होता है।

9. प्रत्येक बाघ के शरीर की धारियाँ अलग अलग होती है।

10. हर साल 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है ताकि बाघों को लुप्त होने से बचाया जा सके।

जरूर पढ़े- Save Tiger Essay in Hindi

Information About Tiger in Hindi

11. बाघ अपने साथियों से सम्पर्क करने के लिए दहाड़ते है।

12. भारत के मध्य प्रदेश नामक राज्य में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं।

13. बाघ, भारत का राष्ट्रीय जानवर है और भारत में हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस भी मनाया जाता है।

14. बाघ के पंजे में इतनी ताकत होती है कि वो मनुष्य के किसी भी अंग को एक ही बार में नष्ट कर सकता है।

about tiger in hindi 5 points

15. बाघ के बालों की काली धारियां उन्हें हर बाग से अलग पहचान देती हैं, क्योंकि वो हर बाघ के शरीर पर अलग-अलग होती हैं।

16. साइबेरियन बाघ (Siberian tiger) लम्बाई में सबसे बड़े बाघ माने जाते हैं।

17. बाघ फुर्तीले होने के कारण अच्छे तैराक भी होते हैं।

18. बाघ लगभग 10 शिकार करने के प्रयास के बाद एक शिकार कर पाते हैं।

19. बाघ शेरों की तुलना में फुर्तीले और शांत होते हैं, वो शिकार के बाद मांश के लिए आपस मे झगड़े नही है।

20. बाघ के दिमाग का वजन 300 ग्राम का होता है जो उसे दूसरे सबसे बड़े मांसाहारी जानवर के दिमाग की श्रेणी में रखता है।

10 Lines on Cheetah in Hindi

10 lines on Lion in Hindi

10 Lines on Bear in Hindi

Few lines on Tiger in English

1. Tiger is the largest carnivore of cat species that eat buffalo, zebra, etc.

2. National animal of India is also a tiger.

3. The average age of tigers in the jungle is about 10 years.

4. The roar of a tiger can be heard for 3 kilometers.

5. Tiger weighs 300 kg and its length can be up to 13 feet.

6. The power to watch the tiger is more in the dark.

7. Tigers run at speeds of 65 kilometers per hour and can swim 6 km continuously.

8. The female tiger gives birth to 3-4 children at one time and its fetus is 3.5 months old.

9. The ties of the body of each tiger are different.

10. World Tiger Day is celebrated every year on July 29 so that tigers can be saved from extinction.

इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Tiger in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

5 sentences about Tiger in Hindi Full information about Tiger in Hindi bagh ke bare mein jankari fact about national animal tiger in Hindi

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3 thoughts on “10 lines on Tiger in Hindi | About Tiger in Hindi”

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आपने बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है। इस जानवर के बारे में रोचक जानकारी शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद

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Nibandh

बाघ पर निबंध

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बाघ एक राष्ट्रीय जानवर है। बाघ को सभी खतरनाक जानवरों में से एक माना जाता है। बाघ एक मांसाहारी पशु है। यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथर टाइग्रिस है।

बाघ का रंग पीला होता है। कुछ प्रदेशों में सफेद बाघ भी पाए जाते हैं। बाघ के शरीर पर काली रंग की धारियाँ होती हैं। बाघ एक ताकतवर प्राणी है। उसका शरीर लंबा और गठीला होता है। उसके दाँत नुकीले और पंजों के नाखून तेज होते हैं। उसकी पूँछ लंबी होती है।

बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। बाघ लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। 1993 की बाघों की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगभग पूरे देश में 23 संरक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई थी। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है।

वह अँधेरे में भी देख सकता है। बाघ पानी में अच्छी तरह तैर सकता है। वह जंगली जानवरों का शिकार करता है। बाघ लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। मादा बाघ को बाघिन कहते है। बाघ दहाड़ता है। बाघ को जंगल का राजा भी कहा जाता है। बाघ दिन में सोता है और रात में शिकार करता है। बाघ बहुत तेज दौड़ता है। से बहुत अधिक दूरी से अपने शिकार को पकड़े के लिए प्राकृतिक रुप से मजबूत जबड़े, दाँत और तेज पंजे प्राप्त है। यह माना जाता है कि, इसकी लम्बी पूँछ, शिकार के पीछे भागते हुए इसका नियंत्रण बनाए रखती है।

नर बाघ जन्म के चार से पाँच साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा तीन से चार साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। गर्भावस्था अवधि 95 से 112 दिन की होती है और एक बार में एक से छह बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं। भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

प्रोजेक्ट टाइगर भारतीय सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है। यह अभियान भारत में बाघों की संख्या को बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए शुरु किया गया है। इस अभियान की शुरुआत सन 1973 में बाघों को विलुप्त होने के संकट से बचाने के लिए की गई थी। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के शुरू की गयी थी। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है।

भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। इसीलिए भारतीय सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं उनमें से छह प्रजाति अभी जीवित है जिनमें बंगाल टाइगर, साइबेरियन बाघ, सुमनत्रन बाघ, मलयान बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ पाई जाती है। हाल ही में तीन प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं जो जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर है। और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है।

बाघ लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। बाघ को हम चिड़ियाघर में देख सकते हैं। बाघ को हम सर्कस में भी देख सकते है।

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Short essay in Hindi

Monday, march 18, 2019, 10 lines on tiger in hindi.

10 Lines on Tiger in Hindi

  • बाघ बिल्ली प्रजाति का बड़ा जानवर है .
  • यह एक मांसाहारी जानवर है 
  • यह जंगलों में पाया जाता है 
  • बाघ भारत देश का राष्ट्रीय पशु है 
  • बाघ की दहाड़ काफी दूर तक सुनी जा सकती है 
  • यह जानवर 65 किलोमीटर प्रति घंटे ई रफ़्तार से दौड़ सकता है 
  • हर साल 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है 
  • इसकी आयु 10 से 15 वर्ष के बीच होती है 
  • इसके शरीर पर काले रंग की धारियां होती हैं 
  • इसका वजन 300 किलोग्राम तक होता है 

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