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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

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जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

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मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Mother in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों में (My Mother Essay in Hindi) और माँ पर निबंध 10 लाइन में पढ़िए।

” चलती फिरती आंखों से, अजाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन माँ देखी है। “

Table of Contents

माँ पर निबंध 10 लाइन – My Mother Essay in Hindi 10 lines

  • माँ अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।
  • माँ हमारी प्रथम गुरु भी होती है।
  • माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है।
  • जब हमें नींद नहीं आती तो माँ हमें लोरी सुना कर सुलाती है।
  • माँ खुद भूखी रह सकती है परन्तु अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रखती है।
  • माँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत ज्यादा करती है।
  • माँ की ममता का कोई भी मोल नहीं है।
  • माँ की ममता से भगवान भी छोटे है।
  • हमें अपने माता पिता को खूब सेवा करनी चाहिए।

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My Mother Essay in Hindi – माँ पर निबंध 500 शब्दों में

माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi (meri maa essay in hindi)

“माँ” केवल शब्द मात्र नहीं है अपितु इसमें पूरा संसार समाहित है। माँ की जितनी के बारे जितनी भी व्याख्या की जाए उतनी कम है। माँ के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक माँ जीवन दाता होने के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के भी रोल निभाती है। जैसे- जन्म दाता है माँ, पालन हार है माँ, प्रथम गुरु है माँ, अच्छी दोस्त है माँ, रक्षक है माँ और हमारी कोच है माँ। और इसी प्रकार से जीवन के हर मोड़ में माँ अनेक प्रकार से हमारे साथ रहती है।

प्रथम गुरु माँ

माँ हमारी माता होने के साथ ही वह हमारी प्रथम गुरु भी होती है। माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है। माँ हमें अच्छे संस्कार देती है। सही क्या है? और गलत क्या है? उसकी पहचान करना सिखाती है। हमें प्राथमिक ज्ञान अपनी माँ से ही मिलता है। हम जो भी कुछ सबसे पहले सीखते हैं वह माँ से ही तो सीखते हैं। इसलिए मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

मेरी माँ का पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। सुबह से शाम तक माँ के ऊपर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है। फिर भी कभी हार नहीं मानती है। जिसको देखकर हमें संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मेरी माँ हमेशा मेरी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब भी हम कभी उदास होते हैं तो माँ हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। और जब हम कभी गलत रास्तों पर चले जाते हैं या फिर हमें कोई रास्ता समझ नहीं आता तो माँ हमें सही रास्ता दिखाती है। इसलिए मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्रोत भी है।

मां का हमारे जीवन में स्थान

भगवान से भी ज्यादा महत्व माँ को होता है। भगवान भी माँ की ममता पाने के लिए तरसते हैं। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमारी जबान पर भगवान से पहले माँ का नाम आता है। इसलिए माँ को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक माँ और बेटे का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। एक माँ ही है जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ जाती है परन्तु अपने बच्चों पर किसी भी प्रकार के संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए मां का हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्थान है।

माँ के प्रति हमारे कर्तव्य

एक माँ बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है। माँ बच्चे को जन्म देते समय असहनीय पीड़ा को सहन करके बच्चे को इस दुनिया में लाती है। और फिर हजारों कष्ट सहन करके बच्चों का पालन-पोषण करती है। तथा जीवन जीने की सही राह दिखाती है। इसलिए माँ के प्रति जो हमारे कर्तव्य हैं उसे हमें जरूर करना चाहिए-

  • हमें माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी सेवा कर उन्हें हमेशा खुश रखना चाहिए।
  • ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से माँ की आंखों में आंसू आए।
  • एक माँ अपने बच्चों का कभी भी बुरा नहीं चाहती है। उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं हमारी भलाई ही छुपी हुई होती है।
  • हमें माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। जिस प्रकार से माँ बच्चों का ख्याल रखती है उसी प्रकार से हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।

माँ पूजनीय है। माँ की ममता का इस जग में कोई मोल नहीं है। और माँ के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। मेरी माँ मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करने में कभी संकोच नहीं किया। मेरी सफलताओं के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें हैं। उनके इस बलिदान का कर्ज हम कई जनम में भी नहीं चुका सकते हैं। जन्म देने वाली मेरी माँ को शत-शत नमन!

“ घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरो पर खड़ा हो गया। माँ तेरी ममता की छाँव में, न जाने कब बड़ा हो गया।। ” माँ पर शायरी

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Faq my mother, q: मैं अपनी मां के बारे में निबंध कैसे लिखूं.

Ans: माँ के बारें में निबंध लिखना काफी सरल है। आप जो अपनी मां के बारे में जानते हैं। वह निबंध में लिख सकते हैं। जैसे- माँ के द्वारा किया गया संघर्ष, उनका परिवार और बच्चों के के लिये किया गया त्याग। और माँ की ममता-प्यार और भी ।

माँ शब्द भले ही सबसे छोटा है, लेकिन माँ पर लिखने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाए।

Q: मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

Ans: मां का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। माँ हमारे जीवन को सवारनें के लिए अपनी सारी जिन्दगी कुर्बान कर देती है। हमारे खुशी के लिए दुनिया की सभी चुनौतियों से अकेले ही लड़ने में सक्षम है। और क्या कहूँ मां का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। क्योंकि माँ के बिना तो हमारे जीवन की शुरुआत ही नही होती।

Q: माँ का पर्यायवाची शब्द

Ans: मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, अम्ब, अम्बिका।

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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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माँ पर निबंध (Mother Essay in Hindi)

माँ

माँ से बेहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता है, उसके प्यार और देख-रेख को।

“खुदा का दूसरा रूप है माँ ममता की गहरी झील है माँ वो घर किसी जन्नत से कम नहीं जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ”

माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother, Ma par Nibandh Hindi mein)

माँ पर निबंध 1 (250 शब्द).

माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ शब्द उस भाव का परिचायक है जो निस्वार्थ भाव से प्रेम लुटाती है। माँ से ही इस संसार का अस्तित्व है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है।

मेरी माँ का रहन सहन और व्यवहार

मेरी माँ हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में हमारी हिम्मत बनती है है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। मेरी माँ धार्मिक और ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है। माँ के आसपास होने पर हमें पूर्णता का एहसास होता है।

मेरा और माँ का सम्बन्ध

माँ और बच्चों के बीच में एक खास बंधन होता है। वो हमारी हर बात को समझती है। माँ हमारे कुछ कहने से पहले ही हमारे मन को पढ़ लेती है और हमारी आवश्यक वस्तु हमारे समक्ष रख देती है। माँ होना अपने आप में एक विशिष्ट बात है। परन्तु हमें एक माँ को समझना भी चाहिए।उसके निस्वार्थ भाव में छिपे दर्द , थकान और संघर्ष को भी समझना चाहिए।

हमें जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखना चाहिए। माँ रूपी सागर में समस्त संसार समाया हुआ है। हम सभी को माँ का सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्रेम देना चाहिए। माँ के बारे में किसी शायर ने कहा है की ” मैंने जन्नत तो नहीं देखी , मगर माँ को देखा है ”।

निबंध 2 (300 शब्द)

हर एक के जीवन में माँ ही एक ऐसी होती है जो हमारे दिल में किसी और की जगह नहीं ले सकती है। वो प्रकृति की तरह है जो हमेशा हमको देने के लिये जानी जाती है, बदले में बिना कुछ भी हमसे वापस लिये। हम उसे अपने जीवन के पहले पल से देखते है जब इस दुनिया में हम अपनी आँखे खोलते है। जब हम बोलना शुरु करते है तो हमारा पहला शब्द होता है माँ। इस धरती पर वो हमारी पहला प्यार, पहला शिक्षक और सबसे पहला दोस्त होती है । जब हम पैदा होते है तो हम कुछ नहीं जानते और कुछ भी करने के लायक नहीं होते हालाँकि ये माँ ही होती है जो हमें अपनी गोद में बड़ा करती है। वो हमें इस काबिल बनाती है कि हम दुनिया को समझ सकें और कुछ भी कर सकें।

वो हमेशा हमारे लिये उपलब्ध रहती है ईश्वर की तरह हमारी परवरिश करती है। अगर इस धरती पर कोई भगवान है तो, वो हमारी माँ है। कोई भी हमें माँ की तरह प्यार और परवरिश नहीं कर सकता और कोई भी उसकी तरह अपना सबकुछ हमारे लिये बलिदान नहीं कर सकता। वो हमारे जीवन की सबसे बेहतरीन महिला होती है जिसकी जगह किसी के भी द्वारा भविष्य में नही बदली जा सकती। बहुत थकने के बावजूद भी वो हमेशा हमारे लिये बिना थके हुये की तरह कुछ भी करने को तैयार रहती है। वो हमें बड़े प्यार से सुबह भोर में उठाती है, नाश्ता बनाती है और दोपहर का खाना और पीने का बोतल हमेशा की तरह देती है।

दोपहर में सभी काम-काज खत्म करने के बाद वो दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। हमारे लिये वो रात का जायकेदार खाना बनाती है और हमेशा हमारे पसंद-नापसंद का ध्यान रखती है। वो हमारे प्रोजेक्ट और स्कूल होमवर्क में भी मदद करती है। जिस तरह एक महासागर बिना पानी के नहीं हो सकता उसी तरह माँ भी हमें ढ़ेर सारा प्यार और देख-रेख करने से नहीं थकती है। वो अनोखी होती है और पूरे ब्रम्हाण्ड में एकमात्र ऐसी है जिसे किसी से नहीं बदला जा सकता। वो हमारे सभी छोटी और बड़ी समस्याओं का असली समाधान है। वो इकलौती ऐसी होती है जो कभी भी अपने बच्चों को बुरा नहीं कहती और हमेशा उनका पक्ष लेती है।

निबंध 3 (400 शब्द)

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी भी कठिन कार्य को करने के लिये हमें प्रेरित करती है। वो एक अच्छी श्रोता होती है और हमारे हर अच्छी और बुरी बातों को सुनती है जो हम कहते है। वो हमें कभी रोकती नहीं और किसी हद में नहीं बाँधती। वो हमें अच्छे-बुरे का फर्क करना सीखाती है।

सच्चे प्यार का दूसरा नाम माँ है जो केवल एक माँ हो सकती है। उस समय से जब हम उसकी कोख में आते है, जन्म लेते है और इस दुनिया मे आते है पूरे में जीवन भर उसके साथ रहते है। वो हमें प्यार और परवरिश देती है। माँ से अनमोल कुछ भी नहीं जो भगवान के द्वारा आशीर्वाद समान होता है इसलिये हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिये। वो सच्चे प्यार, परवरिश और बलिदान का अवतार होती है। वो एक ऐसी होती है जो हमें जन्म देकर मकान को मीठे घर में बदल देती है।

वो एक ऐसी है जो पहली बार हमारे स्कूल की शुरुआत घर में ही करती है हमारे जीवन की सबसे पहली और प्यारी शिक्षक होती है। वो हमें जीवन का सच्चा दर्शन और व्यवहार करने का तरीका सीखाती है। इस दुनिया में हमारे जीवन के शुरु होते ही वो हमें प्यार करती है और हमारा ध्यान देती है अर्थात उसकी कोख में आने से उसके जीवन तक। बहुत दुख और पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है लेकिन इसके बदले में वो हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो बहुत मजबूत, हमेशा के लिये निस्वार्थ हो, शुद्ध और समर्पित हो। वो आपके जीवन में अंधकार को दूर करके रोशनी भरती है।

हर रात को वो पौराणिक कथाएँ सुनाती है, देवी-देवताओं की कहानियाँ और दूसरी राजा-रानीयों की ऐतिहासिक कहानियाँ सुनाती है। वो हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से हमारी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित रहती है। वो हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर आगे बढ़ाती है और सबसे खास बात कि वो हमारे जीवन में खुशियाँ फैलाती है। वो हमें छोटे और असमर्थ बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक मनुष्य बनाती है। वो हमेशा हमारा पक्ष लेती है और भगवान से हमारे स्वास्थ्य और अच्छे भविष्य के लिये पूरे जीवन भर प्रार्थना करती है इसके बावजूद कि हम कई बार उनको दुखी भी कर देते है। लेकिन हमेशा उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे एक दर्द होता है जिसे हमें समझने की जरुरत है ध्यान रखने की जरुरत है।

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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे

essay of mom in hindi

माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
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  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay

मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
  • गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
  • प्रसवपूर्व देखभाल
  • संकेत व लक्षण
  • जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स)
  • प्रसवोत्तर देखभाल
  • महीने दर महीने विकास
  • शिशु की देखभाल
  • बचाव व सुरक्षा
  • शिशु की नींद
  • शिशु के नाम
  • आहार व पोषण
  • खेल व गतिविधियां
  • व्यवहार व अनुशासन
  • बच्चों की कहानियां
  • बेबी क्लोथ्स
  • किड्स क्लोथ्स
  • टॉयज़, बुक्स एंड स्कूल
  • फीडिंग एंड नर्सिंग
  • बाथ एंड स्किन
  • हेल्थ एंड सेफ़्टी
  • मॉम्स एंड मेटर्निटी
  • बेबी गियर एंड नर्सरी
  • बर्थडे एंड गिफ्ट्स

FirstCry Parenting

  • प्रीस्कूलर (3-5 वर्ष)
  • बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

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मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

Essay on My Mother in Hindi

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मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में माँ पर निबंध

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Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आई हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढते है तो बहुत सी कविता, कहानियां माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत कैसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं। इस ब्लॉग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Mother in Hindi के बारे में जान पाएंगे।

This Blog Includes:

माँ पर निबंध 100 शब्दों में, माँ पर निबंध 200 शब्दों में, माँ में है जीवन का महत्व, जीवन की पहली टीचर माँ , सुपरवुमन होती है माँ , निष्कर्ष , मेरी माँ पर 10 लाइन .

100 शब्दों में Essay on Mother in Hindi का सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

एक माँ केवल एक बच्चों को जन्म नहीं देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है। हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध, यहाँ देखें सैंपल

Essay on Mother in Hindi

200 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है। मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं। मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी।

यह भी पढ़ें :  मदर टेरेसा पर निबंध

माँ पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं।  

यह भी पढ़ें :  विश्व हिंदी दिवस पर निबंध

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को हमेशा वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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माँ पर निबंध

essay of mom in hindi

By विकास सिंह

essay on Mother in hindi

माँ पर निबंध, 100 शब्द

माँ वह होती है जो अपनी संतान को बाहरी खतरों से बचाने के लिए उनकी देखभाल करती है, उनका पालन-पोषण करती है। एक बच्चे की माँ निस्वार्थ भक्ति और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण है। वह अपने बच्चे या बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की तपस्या कर सकती है।

माँ एक संरक्षक या मार्गदर्शक के रूप में भी काम करती है, जो दुनिया को अपनी संतान से परिचित कराती है, साथ ही साथ उनकी भलाई भी सुनिश्चित करती है। एक माँ का प्यार कोई सीमा नहीं जानता है और सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी मातृत्व की एक मजबूत भावना प्रदर्शित करते हैं। कभी-कभी एक महिला, जो जैविक रूप से बच्चों से संबंधित नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें पोषण और पोषण करती है, उन्हें भी माता के रूप में जाना जाता है।

माँ पर निबंध (150 शब्द)

हमारे जीवन में मां की भूमिका हमेशा हमारे जीवन में शामिल अन्य की तुलना में अलग और कीमती होती है। माँ अपने बच्चों से कभी भी कुछ वापस नहीं चाहती है, बल्कि वह हमसे खुले दिल से प्यार करती है। हम एक बच्चे के रूप में भी प्यार करते हैं और उसे अपने दिल से देखते हैं लेकिन हमारे प्यार की तुलना उसके साथ नहीं की जा सकती। माँ इस दुनिया में हर किसी के जीवन में एक अद्वितीय देवी के रूप में अद्वितीय है जो हमेशा अपने बच्चे के सभी दर्द लेती है और प्यार और देखभाल देती है।

वह वह है जो हमारी बीमारी और अन्य बुरे दिनों के दौरान अपनी रातों की नींद हराम करती है। वह खुशी के क्षणों में शामिल होती है और हमारी हर पसंद और नापसंद को समझती है। वह हमेशा हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और जीवन में सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह हमारी पहली शिक्षिका है जो हमें जीवन के हर पड़ाव पर सिखाती है। वह हमें हमेशा अनुशासन में रहना, अच्छे व्यवहार करना और परिवार , समाज और देश के प्रति हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाना सिखाती है।

माँ पर निबंध (200 शब्द)

हमारी माँ हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो हमेशा एक सच्चे स्वभाव से हमारा पालन-पोषण करती है। वह हमेशा हमारे साथ रहें और हर पल हमारा ख्याल रखें। वह हमें 9 महीने तक अपने गर्भ में रखती है और बहुत सारे दर्द और तकलीफें झेलती है, लेकिन वह हमेशा अपने वास्तविक जीवन में हमारे बारे में सोचकर खुश हो जाती है। वह थोड़ी सी शिकायत किए बिना हमें जन्म देती है। हम कभी भी उसके वास्तविक प्यार की तुलना नहीं कर सकते हैं और जीवन भर उसकी देखभाल कर सकते हैं लेकिन हमें हमेशा उसका सम्मान और प्यार करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने जीवन में एक माँ है वास्तव में भाग्यशाली है और भगवान से बहुत सारे आशीर्वाद प्राप्त करता है।

एक माँ बहुत ही साधारण महिला होती है जो अपने बच्चों के सामने अपनी खुशी कभी नहीं मानती है। वह हमेशा हमारी हर गतिविधि में अपनी रुचि दिखाती है और हंसती है। उसके पास एक निस्वार्थ आत्मा है और बहुत प्यार और देखभाल से भरा दिल है। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है जो हमें हमेशा सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। वह हमेशा हमें जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने जीवन में अच्छी चीजों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। वह उन सभी की पहली शिक्षिका हैं जिनकी शिक्षाएँ जीवन भर हमेशा अनमोल और मूल्यवान साबित होती हैं।

माँ का महत्व पर निबंध – 4 (250 शब्द)

परिचय.

एक माँ सभी के जीवन की पहली, सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता है। वह एक और एकमात्र व्यक्ति है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ खड़ा रहता है। वह हमेशा अपने जीवन में किसी से भी ज्यादा परवाह करती है और हमसे प्यार करती है। वह हमेशा हमें अपने जीवन में पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में आशा की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते हैं, यह हमारी माँ है जो किसी और से ज्यादा खुश हो जाती है। वह सुख और दुख के हमारे सभी कारणों को जानती है और हमें हर बार खुश करने की कोशिश करती है।

माँ और बच्चे के बीच प्यार का बंधन

एक विशेष बंधन है जो माँ और उसके बच्चे के बीच मौजूद है जिसे कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है। एक माँ कभी भी अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार और देखभाल को कम नहीं कर सकती है और हमेशा उसके हर बच्चे को उतना ही प्यार और देखभाल देती है लेकिन हम सभी बच्चे मिलकर उसे बुढ़ापे में कभी भी उसे थोड़ा प्यार और देखभाल नहीं दे सकते हैं। फिर भी वह हमें कभी गलत नहीं समझती और हमें एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वह हमारी हर गतिविधि को समझती है और हम उसे कभी भी आसानी से बेवकूफ नहीं बना सकते।

निष्कर्ष

एक माँ कभी नहीं चाहती कि हम किसी से आहत हों और हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाएं। माताओं पर ध्यान देने और उनका शुक्रिया अदा करने के लिए, 13 मई को मदर्स डे के रूप में घोषित किया गया है जो हर साल मनाया जाता है। माँ के रूप में हमारे जीवन में कोई भी एक भूमिका अदा नहीं करता है। हमें भी जीवन भर अपनी माँ का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

माँ की ममता पर निबंध – 300 शब्द

एक माँ सभी के जीवन में एक ऐसी शख्सियत होती है जिसे हमारे दिलों में कभी नहीं बदला जा सकता है। वह माँ प्रकृति की तरह है जो केवल बदले में कुछ लेने के बिना देना जानती है। हम उसे अपने जीवन के पहले क्षण से देखते हैं जब हम इस दुनिया में अपनी आँखें खोलते हैं लेकिन हम उसे उसके गर्भ में नौ महीने पहले महसूस करते हैं। जब भी हम बोलना शुरू करते हैं तो हमारा पहला शब्द माँ बन जाता है। वह इस दुनिया में हमारा पहला प्यार, पहला शिक्षक और पहला दोस्त है। जब हम पैदा होते हैं तो हम कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन यह वह है जो हमें अपनी बाहों में विकसित और विकसित करता है। वह हमें इस दुनिया को समझने में मदद करती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

एक माँ अपने बच्चे के लिए हमेशा उपलब्ध रहती है और उसका पालन-पोषण भगवान की तरह करती है। अगर पृथ्वी पर कोई भगवान है, तो वह हमारी माँ है। कोई भी हमारी माताओं की तरह हमारी देखभाल और प्यार नहीं कर सकता है और कोई भी उसकी तरह बलिदान नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की सबसे अच्छी महिला हैं जिनकी जगह भविष्य में कभी भी किसी के द्वारा नहीं ली जा सकती है। थके होने के बाद भी वह हमारे लिए हमेशा एक अथक व्यक्ति की तरह कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। वह सुबह जल्दी उठती है, नाश्ता तैयार करती है और हमें एक दिन देर होने के बिना दोपहर का भोजन और पानी की बोतल देती है।

वह रोजाना दोपहर के काम के बाद दोपहर को दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। वह रात में स्वादिष्ट डिनर तैयार करती है और हमेशा हमारी पसंद और नापसंद का ख्याल रखती है। वह हमें अपना होमवर्क और प्रोजेक्ट करने में मदद करती है। वह बहुत प्यार देते हुए कभी नहीं थकती है और समुद्र की तरह देखभाल कभी पानी कम नहीं हो सकती है। वह अद्वितीय है और पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसा है जिसे कुछ भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। वह हमारी छोटी और बड़ी समस्याओं का सही समाधान है। वह वह है जो अपने बच्चे के लिए कभी भी बुरा नहीं कहती है और हमेशा अपने बच्चे का पक्ष लेती है।

निबंध – 6 (400 शब्द)

इस दुनिया में कुछ भी हमारी माँ के सच्चे प्यार और देखभाल के साथ तुलना नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की एक और एकमात्र महिला है जो बिना किसी के व्यक्तिगत इरादे के हमें इतना प्यार और परवाह करती है। एक बच्चा माँ के लिए सब कुछ होता है। जब भी हम असहाय हो जाते हैं तो वह हमें जीवन में कोई भी कठिन काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह एक अच्छी श्रोता है और जो कुछ भी हम कहते हैं, वह सब कुछ बुरा या अच्छा सुनता है। वह कभी भी हमें सीमित नहीं करती है और हमें किसी सीमा तक सीमित नहीं करती है। वह हमें अच्छे या बुरे में अंतर करने में सक्षम बनाता है।

माँ का निस्वार्थ प्रेम

सच्चा प्यार एक माँ का दूसरा नाम है जो केवल माँ के पास हो सकता है। जब से हम उसके गर्भ में आते हैं, जन्म लेते हैं और जीवन भर इस दुनिया में रहते हैं, वह हमें अथक देखभाल और प्यार देती है। माँ से बढ़कर कोई भी चीज़ अनमोल नहीं है जिसे हम भगवान का आशीर्वाद दे सकते हैं, इसलिए हमें हमेशा भगवान का शुक्रगुज़ार रहना चाहिए। वह सच्चे प्यार, देखभाल और बलिदान का अवतार है। वह वह है जो हमें जन्म देकर एक घर को मीठे घर में बदल देता है।

माँ: एक बच्चे की पहली शिक्षक और मार्गदर्शिका

वह वह है जो घर पर हमारी स्कूली शिक्षा शुरू करता है और हमारे जीवन का पहला और प्यारा शिक्षक बन जाता है। वह हमें व्यवहार संबंधी पाठ और जीवन के सच्चे दर्शन सिखाती है। वह प्यार करती है और इस दुनिया में हमारे जीवन के अस्तित्व से लेकर उसके गर्भ और जीवन भर हमारा ख्याल रखती है। वह बहुत सारे दर्द और संघर्ष झेलने के बाद हमें जन्म देती है लेकिन बदले में वह हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो इतना स्थायी, मजबूत, निस्वार्थ, शुद्ध और समर्पित हो। वह वह है जो हमारे जीवन में सभी अंधकार को दूर करके रोशनी लाता है।

माँ हमें पौराणिक कथाओं, भगवान और देवी के बारे में और राजा और रानी की अन्य ऐतिहासिक कहानियों के बारे में बताती है। वह हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित रहती है। वह हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर ले जाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह हमारे जीवन में सच्ची खुशी बिखेरती है। वह हमें एक छोटे और अक्षम बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत इंसान बनाता है। वह हमेशा हमारा पक्ष लेती है और जीवन में कभी-कभी हमें दुखी करने के बाद भी जीवन के माध्यम से हमारे कल्याण और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। यह भी सही कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया।

Essay on mother in hindi – 800 शब्द:

प्रस्तावना:.

यह एक सामान्य कहावत है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया। कहावत भी सच है क्योंकि माँ की स्थिति भगवान से कम नहीं है। वह वो है जिसने हमें जीवन दिया और हमें अपने पैरों पर खड़ा किया। वह थके होने के बावजूद अपने बच्चों के लिए निस्वार्थ प्रेम और कभी तैयार होने की मूर्ति है।

अगर मैं अपनी मां के बारे में बात करूं, तो वह वह है जिस पर मैं पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं। वह वह है जो हमारी इच्छाओं के लिए कभी ना नहीं कहेगी और वह वह है जो हमारे दैनिक कार्यों को करते हुए कभी नहीं थकती है। वह कभी भी हमें अपने सभी भाई-बहनों से प्यार और प्यार के बराबर प्यार और प्यार के अंतर को महसूस नहीं होने देती। मेरी माँ उस सूरज की तरह है जो सारे अंधकार का पीछा करता है और हम पर खुशियों और प्रेम की रोशनी बिखेरता है।

एक अच्छी माँ की परिभाषा:

कुछ शब्दों में एक अच्छी माँ को परिभाषित करना कभी आसान काम नहीं है। हालाँकि बहुत ही सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक अच्छी माँ वह है जिसके लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया है। कई गुण हैं जो मैं अपनी माँ में देखता हूँ जो उसे दुनिया की सबसे अच्छी माँ बनाती है। वह अपने बच्चे को बिना किसी शर्त के दृढ़ता से और गहराई से प्यार करती है। मातृत्व के अपने प्यार को बरसाने के अलावा, वह एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपने बच्चे की देखभाल भी करती है।

वह क्षमा की प्रतिमा है और हमारी हर गलती को क्षमा कर देती है और यह भी सुनिश्चित करती है कि हम अपनी गलतियों का एहसास करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें। एक अच्छी माँ अपने बच्चे को लाखों में एक करने के लिए हर संभव प्रयास करती है और अपने जीवन के हर आराम का त्याग करती है ताकि उसका बच्चा आरामदायक जीवन जी सके। एक माँ की अपने बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्यार इस पूरी दुनिया में सबसे मूल्यवान चीज है जिसे कभी भी किसी भी चीज से बदला नहीं जा सकता।

एक माँ की योग्यता:

कुछ प्राकृतिक गुण हैं जो पहले से ही मातृत्व प्राप्त करने पर एक महिला को विरासत में मिलते हैं। लेकिन कुछ गुण ऐसे भी होते हैं जो एक अच्छी माँ बनने के लिए आवश्यक होते हैं। माँ के प्रमुख गुण इस प्रकार हैं:

उत्तरदायी: मातृत्व हासिल करना बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। जन्म से पहले और बाद में बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी एक माँ के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। वह वह है जो जन्म से अपने बच्चे की देखभाल करती है और उसे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पोषण देती है।

निस्वार्थ प्रेम:  एक माँ हमेशा बदले में अपने बच्चों को अपने प्यार से नहलाएगी। वह हमेशा अपने बच्चों को उनकी शरारतों के बावजूद निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। अपने बच्चों के प्रति उनका प्यार हमेशा अपने बच्चे की उम्र के प्रति समान ही रहता है।

सहायक:  एक माँ को हमेशा अपने बच्चों के लिए सहायक होना चाहिए। उसे अपने सभी उतार-चढ़ावों में अपने बच्चों के अलावा हमेशा मजबूत बने रहना चाहिए। वह हमेशा अपने सही निर्णय और हितों में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए होना चाहिए।

धैर्यवान:  यह वह गुण है जिसे प्रत्येक माँ को मातृत्व प्राप्त करने पर प्राप्त करना चाहिए। बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए हमेशा अधिक मात्रा में धैर्य की आवश्यकता होती है क्योंकि वे अभी भी एक बढ़ते हुए चरण में हैं और एक बार में चीजों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व नहीं होते हैं। इसलिए उन्हें तब तक बार-बार याद दिलाने की जरूरत होती है, जब तक वे समझते हैं और जिम्मेदार बन जाते हैं।

सहानुभूति:  किसी अन्य व्यक्ति की भावनाओं को समझने की क्षमता को सहानुभूति कहा जाता है। एक माँ को अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए क्योंकि जब तक आप अपने बच्चे की भावनाओं को नहीं समझेंगे तब तक आप उसके मुद्दे को नहीं समझ पाएँगे।

क्यों माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है?

मां के महत्व को इस तथ्य से आसानी से समझा जा सकता है कि बच्चे के मुंह से निकला पहला शब्द ‘मा मा’ है। वह जीवन का स्रोत है और हमारे अस्तित्व का कारण है। वह वह है जो अपने जीवन में अपने बच्चे की खुशी के लिए खुशी-खुशी सब कुछ त्याग सकती है। वह एक बच्चे की पहली शिक्षक है जो उसे दुनिया से परिचित कराती है और पहला सबसे अच्छा दोस्त है जिसके साथ हम अपने सभी रहस्यों को साझा कर सकते हैं।

माताएँ प्रत्येक परिवार की रीढ़ होती हैं जो पूरे परिवार को बांधती हैं और इसे एक एकल लेकिन शक्तिशाली इकाई में एकजुट करती हैं। वे हमें दुनिया का सामना करने का आत्मविश्वास देते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने बच्चों के खिलाफ कभी कोई बुरा विचार नहीं रखेंगे और हमेशा प्रार्थना करेंगे और उनके लिए बेहतर उम्मीद करेंगे। एक अच्छी माँ एक मूर्तिकार की तरह काम करती है जो अपने बच्चों को सुंदर मूर्तियों में ढालती है जिन्हें समाज में बहुत सराहा जाता है और सम्मानित किया जाता है।

निष्कर्ष:

मेरी माँ ईश्वर की पवित्र रचना है और हमें जीवन प्रदान करने का एक स्रोत है। वह निस्वार्थ प्रेम, बलिदान, क्षमा और धैर्य की एक पवित्र मूर्ति है। वह मार्गदर्शक आत्मा है जो हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। अपने बच्चों के प्रति माँ के निस्वार्थ प्रेम को इस दुनिया में कभी भी बदला नहीं जा सकता है। हमें उसके बच्चों को हर समय खुश और आरामदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए, खासकर जब वह बूढी हो जाती है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उसे उसी समय प्यार, देखभाल और समझ के साथ करें, जब हम छोटे थे तब किया गया था।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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essay on mother in hindi। माँ पर निबंध

essay on mother in hindi

माँ भगवान् का स्वरुप है, अपने जीवन से बढ़कर यदि संतान को प्रेम करने वाला कोई है तो वो केवल माँ ही हो सकती है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में essay on mother in hindi ले कर आये है । माँ पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप hindi essay on mother for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

मां ईश्वर की एक ऐसी रचना है जो ईश्वर के समान है। बड़े बुजुर्ग कहते है कि भगवान हर जगह नही रह सकते इसीलिए उन्होंने  हर घर मे मां की रचना की। जिससे एक चलते फिरते भगवान से ये दुनिया अवगत हो। मां के बारे में हम आमजन जितना भी बोले वह कम ही है। इस पूरी सृष्टि में मां का कोई विकल्प नही। हमारे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा मां है। वह हमे ज़िंदगी के हर सुख प्रदान करती है। चाहे वह स्वयं दुखी रह लेंगी परंतु अपनी संतान को वह कभी दुखी नही देख सकती। मां संतान का एक अभिन्न अंग होती है। हम सभी ने अपने जीवन में मां के प्रेम, समर्पण व शिक्षा का अनुभव ज़रूर किया है। शुरुवात करेंगे स्त्री से , हर मां स्त्री पहले होती है। कहते है कि स्त्री का हृदय कोमल होता है। लेकिन जिस स्थिति में स्त्री का हृदय सबसे कोमल होता है वह उसके मां बनने पर होता है। एक मां दुनिया के सारे रिवाजों को निभाते हुए अपनी संतान की जुम्मेदारी लेती है। वह इस दुनिया मे अपनी संतान के लिए  किसी से भी लड़ने के लिए तैयार होती है। साथ ही वह अपनी संतान की खुशी के लिए किसी के सामने झुकने को भी तैयार रहती है। 

प्रस्तावना- एक मां के समर्पण के बारे में हम सभी जानते है। मां अपनी संतान की खुशियों के लिए हर सम्भव प्रयास करती है। वह कठोर से कठोर त्याग करती है जिससे उनकी संतान के जीवन मे खुशियां रहे। एक मां के लिए उसकी सभी संतान एक होती है। चाहे वह लड़का हो या लड़की। चाहे संतान कितनी भी उम्र की क्यों न हो जाये मां के लिए वह छोटे बच्चे के समान ही रहता है। एक मां के लिए अपनी सभी संतान एक समान होती है। एक संतान को जन्म देने वाली मां का अपने पुत्र व पुत्री पर सर्वप्रथम व सबसे अधिक अधिकार होता है। पुत्र व पुत्री को इस दुनिया मे लाने वाली मां से बढ़ा ओधा किसी और का नही होता। इस दुनिया मे हर कार्य की कुछ विशेषता होती है। ठीक वैसे ही हमे जीवन देने वाली मां की अद्बुद्ध विशेषताएं है। जिसपर हम कुछ क्षण पश्च्यात गौर फरमाएंगे। संतान को जन्म देकर एक औरत मां का ओधा पाती है। किसी को जीवन देना वह विश्व के हर कार्य से सर्वोपरी है। इसीलिए मां को सर्वोपरि माना जाता है। 

मां की विशेषताएं-  

◆ यह नादान मनुष्य हर कार्य के लिए पैसे ले सकता है। जीवन का कोई भी कार्य हो आमजन बिना पैसे के या अन्य किसी लालच के नही करते। कोई भी काम को करने का उनका उद्देश्य पैसे कामना होता है। लेकिन सिर्फ मां होती है जो जीवन भर अपनी संतान को निष्काम रूप से प्रेम करती है। जो बिना किसी स्वार्थ के अपनी संतान की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास करती है। मां अपने प्रेम के लिए कोई पैसा नही लेती। वह एक दिन दो दिन नही बल्कि अपनी जीवन के आखरी क्षण तक अपनी संतान की परवाह करती है। बिना किसी स्वार्थ के वह अपने पुत्र व पुत्री का हर काम करती है। खुद अधिक से अधिक कठनाइयों का सामना कर  अपनी संतान को सभी परेशानियों से दूर रखती है।

◆ इस जीवन मे हर छोटी बड़ी चीज़ का दाम लगाया जा सकता है। परंतु मां की ममता का दाम लगाने की किसी मनुष्य की हिम्मत नही। मां की ममता इतनी अनमोल है कि मां अपनी संतान की रक्षा के लिए अपने आप की जान न्योछावर करने के लिए तैयार होती है। अपने पुत्र व पुत्री के लिए जान भी देना पड़े तो माँ कभी पीछे नही हटती। यह अन्य किसी भी रिश्ते से सबसे बड़ा रिश्ता है। अन्य कोई रिश्ते में जान न्योछावर करने की क्षमता नही होती। मां के अलावा कोई मनुष्य व जानवर नही है जो अपनी ममता से अपनी संतान को हर सुख प्राप्त करवा सके।

 ◆ मां नौ माह तक हमे अपने गर्भ में रखती है। उसे अनंत कठिनाइयों व पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी वह अपनी संतान के लिए हर पीड़ा को खुशी-खुशी सहन करती है। अपनी संतान के अलावा उस वक़्त उस मां के लिए कोई ज़रुरी नही होता। इसके बाद हमारे पैदा होने के बाद से जो हर क्षण हमारे साथ हमारे जीवन के हर उतार चढ़ाव में रहती है वह मां है। मां एक अभिन्न अंग होने के साथ ममता की जीती जागती मूरत है।

◆ आज संसार विभिन्न जाती, वर्ग, धर्म, सम्प्रदाय में बंटा हुआ है। लेकिन मां की ममता का कोई धर्म कोई जाति कोई सम्प्रदाय नही होता। उसकी ममता अपनी संतान के लिए निष्काम होती है। वह इन सभी चोंचलों से परी है। इन सभी की विभिन्नता के बावजूद मां की ममता सर्वोपरि व सबसे ऊपर है। 

◆ मां हर रुतबे से बड़ी है। विशेषकर मां कभी गरीब व अमीर नही होती। चाहे कितनी भी खराब स्थिति में मां क्यों न रहे वह अपने पुत्र व पुत्री को एक अच्छा जीवन देने का प्रयास करती है। चाहे कितनी भी गरीबी में उन्हें क्यों ना जीना पड़े वह अपनी संतान के लिए अच्छा खाना, अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल देने का प्रयास करती है। एवं वह जितना कर सकती हैं उससे कई ज़्यादा वह अपनी संतान के लिए करती है। मां  के पास अपनी संतान को रखने के लिए चाहे पैसों की कमी क्यों न हो वह अपनी संतान के भरण पोषण के लिए दिन-रात जी जान लगा कर कार्य करती है। मां की ममता का कोई दाम नही होता हर मां अपनी संतान की खुशियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करती है।

◆ एक मां हमेशा अपनी संतान का भला चाहती है। मां ने चाहे कितने भी संघर्षो के साथ अपना जीवन क्यों न बिताया हो पर वह अपनी संतान के लिए एक बढ़िया जीवन की कामना करती हैं। वह अपनी संतान के जीवन मे खुशहाली, मिठास की कामना करती है। वह हर प्रयास कर अपनी संतान को जीवन का हर सुख देती है। और भविष्य में उसे परेशान ना होना पड़े इसकी कामना करती है। 

◆ एक मां के लिए उसका पुत्र काला , गौरा, लंबा, छोटा नही होता। मां के लिए पुत्र व पुत्री दोनो समान होती है और मां कभी भी ना लड़का लड़की में भेद भाव करती है, और ना ही रंग रूप व कद काठी में। मां की ममता उसकी हर संतान के लिए समान होती है। ज़माने के लिए चाहे उसकी संतान कैसी भी क्यों ना हो पर मां के लिए हमेशा उसकी संतान अव्वल होती है।चाहे लोग कुछ भी बोले मां के लिए उसका पुत्र व पुत्री सबसे अच्छा होता है। चाहे उसकी संतान ज़माने के लिए विकलांग क्यों ना हो पर मां के लिए वह सम्पन्न होता है। माँ की ममता ये रंग-रूप, कद-काठी की महोताज नही है। वह इन सभी से कोसो ऊपर है। वह अनमोल से भी अनमोल दिखावटी चीजों से भी ऊपर है।

 ◆  दुनिया वाले चाहे कितना भी कष्ट पहुचाने का प्रयास क्यों न करे व कितनी बेकार परिस्थिति क्यों ना आजाये मां अपनी संतान के सामने हमेशा ढाल बनकर खड़ी होती है। 

◆ मां अपनी संतान को जीवन जीना सीखती है। मां अपनी संतान को संस्कारों से सम्पन्न करती है। उसमे अन्य लोगो के प्रति आदर, सम्मान, अपनापन, दीनता, परोपकार का भाव पैदा करती है। जिससे वह अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को ना भूले। मां अपनी संतान को ऐसे संस्कार देती है जिससे वह जहां भी जाये खूब कीर्ति व ख्याति प्राप्त करे। 

मां का अपमान व बुज़ुर्ग अवस्था- बचपन मे हमे हाथ पकड़ कर चलना सीखाने वाली मां को हम बड़े होकर वृद्ध आश्रम में छोड़ जाते है। क्या यही दिन देखने के लिए उन्होंने हमे चलना सीखाया था? हम बड़े होकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही मां के साथ अपमानजनक व्यवहार करते है। क्या यही अपमान देखने के  लिए उन्होंने हमे हर कठिनाईयों से दूर रखा? हमारे बड़े होने पर हमें अन्य हर रिश्ते महत्वपूर्ण लगते है। क्या यही व्यवहार देखने के लिए उन्होंने हमे हर बेहकावों से बचा कर रखा?

ऐसे नाजाने कितनी बार हम मां के साथ गलत व्यवहार करते है। हम बड़े होकर उनके हर समर्पण को भूल जाते है जो वह हमारे लिए बचपन से करती आ रही है।

उपसंहार- मां इस सृष्टि की सबसे खूबसूरत व कोमल रचना है। जिसके बिना मनुष्य ममता से अछूता रहेगा। मां का प्रेम पाने वाले हम सब नसीबवाले है। हमे हमेशा उनके समर्पण को याद रख उनके चरणों मे समर्पित रहना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने अपनी छाया में हमे सुरक्षित रखा ठीक उसी तरह हमे भी उनका ख्याल रखना चाहिए। उनकी खुशियों का ध्यान रख उन्हें समय देकर हर उन्हें जीवन का हर सुख प्राप्त करवाना चाहिए। 

हमें आशा है आपको mother in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को mother day essay in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को essay on my mother in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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हम आशा करते हैं दोस्तों मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम मेरी माँ  पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi) लिखेंगे। मेरी माँ पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरी माँ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Mother In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। अगर आपको इस विषय पर छोटा निबंध (Short Essay) चाहिए तो आप निचे दिए निबंध से अपने जरूरत के हिसाब से निबंध लिख सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

प्रस्तावना 

माँ इस एक शब्द को सुनते ही हमारे मन में श्रद्धा और प्यार की भावनाएं उमड़ने लगती हैं, मानो जैसे इस एक शब्द में ही सारी दुनिया समाई हुई हो। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि माँ और बच्चे का रिश्ता ही इतना अटूट होता है, जिसे कोई चाह कर भी बयां नहीं कर सकता।

असहनीय पीड़ा सह कर के जीवन का सृजन करने वाली दया और करुणा की मूरत माँ के बारे में जितना कहें वो कम है। देखा जाये तो माँ की ममता और महिमा को शब्दों में जताया नहीं जा सकता।

माँ की भूमिका

माँ, जिसके माता, जननी आदि कई नाम होते हैं, लेकिन उनका अर्थ सिर्फ एक ही होता है, ममतामयी माँ। जिसका अस्तित्व एक बालक के साथ ही जन्म लेता है और बच्चों के जन्म के बाद और उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।

बालक के जन्म के बाद माँ जैसे खुद को भूल जाती है और उसकी दुनिया सिर्फ उसके बच्चों से शुरू होकर उन्ही की अच्छी परवरिश में खत्म हो जाती है। अनेक कष्ट सहन करके वो अपने बच्चों का पालन पोषण करती है और उन्हें दुनिया की हर खुशी देने की कोशिश करती है।

वो हर सुख दुख में आजीवन हमारे साथ खड़ी रहती है और बिना किसी लोभ के निस्वार्थ भाव से हमें पालती है। बच्चे चाहे अपनी माँ को दुख भी पहुंचाए तब भी वो उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं करती और पहले जैसी ही रहती है और अपनी पीड़ा का जिक्र भी नहीं करती है।

इसलिए कहा भी गया है – “कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति।”

अर्थात् पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं होती।

माता जो भी करती है उसमें उसके बच्चे का हित छुपा होता है। उसकी डांट में भी प्यार होता है। वो अपने बच्चों पर बिल्कुल आंच नहीं आने देती है, चाहे उसके लिए उसे पूरे जग से ही क्यों ना लड़ना पड़ जाए। माँ की भावनाएं और प्रेम निश्छल, निर्मल और पवित्र होता है।

इस संसार में दूसरा कोई ऐसा रिश्ता नहीं होता है, जैसा की एक माँ और उसके बालक का होता है।

ईश्वर का दूसरा रूप माता

एक बालक जब इस संसार में आता है, तो उसे जन्म देने के लिए माँ को कितनी अधिक पीड़ा सहनी पड़ती है इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। माँ ही इस सृष्टि की रचना करती है, इसलिए माता को ईश्वर का दूसरा रूप भी कहा जाता है।

माँ अपनी परवाह किए बिना ही हर परिस्थिति में बच्चों के लिए उनके जीवन और भविष्य को संवारने की कोशिश में लगी रहती है। ईश्वर को हम देख नहीं सकते, लेकिन माँ जो ईश्वर का प्रतिरूप है, उनकी हर एक चेष्टा को हम देख और समझ सकते हैं।

लेकिन कई बार माँ संतान को दुख ना पहुंचे इसलिए अपने अंदर इतने रहस्य छिपा लेती है, जिसका पता हम आजीवन नहीं लगा सकते हैं। वह अपने बच्चों को भनक तक नहीं लगने देती है, कि वो किस परेशानी के दौर से गुज़र रही है।

जन्मदायिनी माँ का कार्य सिर्फ बच्चे को जन्म देकर पूरा नहीं हो जाता है, बल्कि दिन प्रतिदिन उसकी जिम्मेदारियां बढ़ती ही जाती हैं।

बालक की प्रथम गुरु माँ

बालक का वर्तमान और भविष्य कैसा होगा यह उसे घर से मिलने वाले संस्कारों पर निर्भर करता है। माता और पिता दोनों की ही अलग अलग जिम्मेदारियां और कार्य होते हैं, अतः पिता को धन कमाने के लिए घर से बाहर जाकर काम करना होता है।

ऐसे में बच्चों में अच्छे संस्कार माँ ही डालती है ताकि वे अपने जीवन में तरक्की कर सकें। अगर माँ को बाहर जाकर काम भी करना होता है, तब भी वह पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है और घर का या बाहर का कोई भी काम करने से पहले अपने बच्चों की देखभाल और उनकी जरूरतों का ही ध्यान रखती है।

माँ बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाती है और उन्हें बताती है कि हर अच्छी और बुरी परिस्थिति में उन्हें कैसे स्थिर होकर रहना है। माँ बच्चों को सत्य के मार्ग पर चलना सिखाती है और उसे अच्छा इंसान बनाती है। बच्चे माँ की प्रेरणा पाकर जीवन की हर मुश्किल का सामना कर लेते हैं।

बालक विद्यालय जाने से पहले और बाद में भी अपनी माँ से जीवन जीने की शिक्षाएं ग्रहण करते हैं। वो सबसे अधिक भरोसा अपनी माँ पर ही करते हैं, इसलिए हर छोटी बड़ी बात, चाहे वो स्कूल की हो, घर की या फिर दोस्तों की सभी कुछ अपनी माँ के साथ बांटना पसंद करते हैं। और माँ उनकी उलझन को दूर करके उन्हें सही रास्ता दिखाती है।

इसीलिए कहा गया है – “गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा स्मृता।”

अर्थात् सारे गुरुओं में सबसे श्रेष्ठ गुरु माता होती है।

सर्वगुण सम्पन्न माँ

माँ को गुणों की खान कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि अलग अलग प्रकार की स्थिति में हर बार माँ का एक नया रूप देखने को मिलता है। माँ मोम जैसे कोमल मन और अति दयालु स्वभाव की होती है।

माँ के अंदर करुणा कूट कूट कर भरी होती है और बालक को जरा सी भी तकलीफ होने पर उसकी करुणा उमड़कर आंसुओं का रूप ले लेती है। लेकिन इतनी कोमल होकर भी उसमें अपार शक्ति होती है।

जब भी बच्चों के ऊपर कोई आपदा आती है या उन्हें कोई परेशान करता है, तो माता के क्रोध की ज्वाला दहक जाती है और वो हर किसी तरह से अपने बच्चों की रक्षा करती है। माँ अति सहनशील होती है, इसलिए संतान की खातिर सब कुछ सह जाती है और थोड़ी भी शिकन अपने आचरण से झलकने नहीं देती।

माँ कल्पवृक्ष की तरह बच्चों कि पसंद कि सारी वस्तुएं उनके सामने हाजिर कर देती है, या फिर उसके लिए हर संभव प्रयास करती है। बेटी हो या बेटा, छोटा हो या बड़ा हर बच्चे के साथ समान व्यवहार करती है और उन्हें समान रूप से शिक्षित करती है।

माँ खुद भूखी रहकर भी बच्चों का पेट भरती है और खुद लाख तकलीफें झेलकर भी बच्चों को हर सुविधा देती है। जब भी आप परेशान हों या विचलित हों, तो माँ की गोद जैसे जादू का काम करती है, क्योंकि उनकी गोद में सर रखकर सोने से हर चिंता दूर हो जाती है और मन को असीम शांति का अनुभव होता है।

बच्चा चाहे कितना भी छिपाए पर माँ पल में पहचान जाती है कि उसके बच्चे को क्या तकलीफ है और किस बात से वो खुश होगा। माँ का जीवन उसके बच्चों में ही बसता है और वो अपनी हर छोटी बड़ी खुशियां बच्चों की खुशी में ही तलाशती है।

उसका अप्रतिम प्रेम संतान के जीने का सहारा होता है। माँ जिंदगी के हर पहलू से वाकिफ होती है इसलिए संतान को हर पल जीवन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करती है और खुद भी उसके साथ कर्तव्य पथ पर डटी रहती है।

माँ का हमारे जीवन में महत्व (Importance Of Mother In Hindi)

माँ का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व होता है, ना सिर्फ भावात्मक रूप से बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से भी माता हमें सुदृढ़ बनाती है। जब हमारा जन्म होता है तभी से लेकर माँ उनके हर क्षण अपने समय को हमसे जोड़ देती है और अन्य सभी कामों को  महत्व ना देकर सबसे पहले हमारी देखभाल को ही अपना महत्वपूर्ण काम समझती है।

माँ हमें अच्छे और बुरे कि पहचान कराती है, ताकि हम जीवन में सही रास्ता चुनकर कर्तव्य पथ पर आगे बढ़े। जिन बच्चों की माँ नहीं होती है उन्हें अपने जीवन में बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है और कई बार बिन माँ के बच्चे अपने जीवन में सही मार्गदर्शन ना मिलने के कारण रास्ते से भटक जाते हैं और बड़े होकर अपराधी भी बन जाते हैं।

माँ की ममता स्वाभाविक ही होती है और इसके लिए उसे किसी से शिक्षा नहीं लेनी होती। आपने देखा होगा, नन्हे नन्हे चिड़िया के बच्चे जब तक उड़ नहीं पाते हैं, उनकी माँ उनके लिए खाना लाकर उन्हें अपनी चोंच से खिलाती है।

उसी तरह गाय अपने बछड़ों को जीभ से चाट कर दुलार करती है। अतः माँ चाहे इंसान की हो या किसी जानवर कि वो संतान के लिए प्यार और दुलार का एक सागर है, जो कभी समाप्त नहीं होता।

माँ हमारी सबसे सच्ची और अच्छी दोस्त होती है, क्योंकि वो हमारा हर हाल में साथ निभाती है। हमारे अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करती है और हमारे बुरे काम करने पर रोकती है और हमें ईमानदार और कर्मठ बनाती है।

किसी कवि ने माँ के लिए बिल्कुल ठीक लिखा है –

“खुद सो कर के भूखा भर पेट खिलाती है,

पी कर के हर आंसू हर दम मुस्काती है,

हालत हो ऐसा भी मुझपर इतलाती है,

इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,

कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है।”

हमारी माँ तो हमारे लिए अपनी खुशियों को भी न्यौछावर कर देती है, लेकिन हम उन्हें क्या देते हैं। वैसे तो हम उनके त्याग और हमारे लिए सहन किए गए कष्टों का बदला नहीं चुका सकते हैं, परन्तु संतान होने के खातिर उन्हें खुश रखने की कोशिश हमें जरूर करनी चाहिए।

खुश रखने का मतलब ये नहीं कि हम मदर्स डे पर दो फोटोज़ अपनी माँ के साथ सोशल मीडिया पर आई लव यू मॉम लिख कर पोस्ट कर दें और हमारा कर्तव्य पूरा हो जाएगा, बिल्कुल नहीं हमें अपनी माँ को दिल से इज्जत, सम्मान और प्यार देना होगा, जिसकी वो हकदार है।

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माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)

माँ ही हमे इस दुनियां में लाती है, माँ हमे बहुत प्यार से पालती हैं। मेरी माँ रोज सुबह में परिवार के सभी सदस्यो से पहले उठ जाती हैं और घर की साफ सफाई करने जुड़ जाती हैं। वो सभी के लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है और परिवार के सभी सदस्यो का खाना खाकर हो जाने के बाद खाती हैं।

मेरी माँ घर के लगभग सभी काम को करती हैं, हमारे परिवार के सभी सदस्यों का बहुत अच्छे से ख्याल रखती हैं। जब भी हमे कोई दिक्कत होती हैं तो उसे पता चलने पर मेरी माँ जरूर पहुँच जाती हैं।

मेरी माँ से किसी का दुख देखा नही जाता। वो कभी नही चाहती कि हमें या हमारे परिवार के लोगों को कुछ दिक्कत या तकलीफ हो। मेरी माँ खाना खाने से पहले घर के भगवान को और घर मे लगे तुलसी की पूजा करती है ओर भगवन से हमारे परिवार के अच्छे स्वास्थ और शांति की कामना करती हैं।

वो स्कूल जाने से पहले हमारे लिए खाना बना कर टिपिन में रख देती हैं। मेरी माँ हमारे स्कूल के कपड़ो को हर दिन साफ करती है और हमारे लिए साफ कपडे तैयार रखती हैं। बचपन से लेकर आज तक मेरी माँ हमे सुरक्षित रखती हैं।

जब हम बच्चे थे तो वो हमें अपने हाथों से नहाती थी ओर अपने हाथों से खाना खिलाती थी, इसी लिए माँ के प्यार को भूलना असम्भव हैं। मेरी माँ हमारे घर का सही हिसाब रहती है और सभी काम के कागज को संभाल कर रखती हैं।

जब भी हमे किसी भी जरुरी कागज की जरूरत होती हैं, तो हम सबसे पहले अपने माँ से ही पूछते है। जो भी जरूरी समान होता है उसे मेरी माँ जरूर संभाल कर रखती हैं और जरूरत पड़ने पर समय से वो समान हमे दे देती हैं।

हमारे घर मे कब किस चीज की जरूरत हैं और कोनसे चीज की कमी हैं इन सब का मेरी माँ ध्यान रखती हैं । मेरी माँ मेरे पिता के सभी बातो को मानती हैं, उनकी कही हुई कोई भी बात मेरी माँ कभी भी नही टालती।

मेरी माँ मेरे पिता के कपड़ो को साफ करती हैं और उनका भी पूरा ख्याल रखती हैं। पापा जब कुछ गलत करते है तो उनको समझती भी है। वो हमारे घर के राशन का और किचन के सभी सामान का ध्यान रखती हैं, क्योंकि वो कभी नही चाहती कि खाना खाने समय घर के किसी भी सदस्य को किसी चीज की कमी आए।

साल में आने वाले अनेक तरह के त्योहार में मेरी माँ जरूर शामिल होती हैं और वो सभी भगवान की पुजा करती है। मेरी माँ हमारे परिवार के लिए खरीदारी भी करती है। जब हम कभी स्कूल बंद होने पर ज्यादा देर तक अपने गली या मुहल्ले में खेलते रहते हैं।

तो उस समय मेरी माँ  हमे खाना खाने के लिए आवाज लगाती हैं। मेरी माँ मेरे लिए हमेशा अच्छा ही सोचती हैं, वो कभी भी हमारे लिए बुरा नही सोच सकती। उनकी हमेशा यही सोच रहती हैं कि मेरा बच्चा कुछ अच्छा करे। मेरी माँ हमारे पढाई के लिए पैसो की बचत करती है ताकि हम अच्छे से पढ़ लिख सके और बड़े होकर अच्छी जिंदगी जिए।

जब हम कहीं जाते हैं तो मेरी माँ जरूर कहती हैं “अच्छे से जाना और सही समय से खाना खाना”। अगर हमे आने में थोड़ी भी देर होती है तो वो फ़ोन से या किसी तरह से पता लगाने लगती हैं की हम कहा हैं और कोई हमे कोई दिक्कत तो नही है।

जब हमें कोई भी चीज की या पैसो की जरूरत होती है ,तो हम उस चीज को अपने माँ से ही मांग लेते हैं। अगर हमारी मांगी हुई चीज मेरे माँ के पास होती है तो वो हमे कभी भी मना नही करती हैं। मेरी माँ हम से कितना भी दूर क्यों न रहती हो, लेकिन उसे मेरा ख्याल जरूर रहता हैं।

मेरी माँ हमे हमारे पढ़ाई में भी बहुत मदद करती हैं, वो हमें हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा सिखाती रहती हैं। वो हमे हमेशा अच्छी बाते बताती और सिखाती रहती हैं और गलत काम करने से हमे बचाती और रोकती भी है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

बचपन से ले कर आज तक हमारे पढ़ाई से लेकर हमारे रहन सहन में मेरी माँ का बहुत बड़ा योगदान हैं। मेरी माँ हमारे लिए बहुत कष्ट उठाती हैं, वो जब अपने गर्व में नौ महीने हमे रखती हैं, तो उसी समय से वो हमारे लिए बहुत सारे दुख दर्द बरदाश्त करती हैं। इसी लिए हम सब को अपने जिंदगी में माँ को कभी दुख नही देना चाहिए।

जब मेरी माँ एक दिन के लिए किसी रिश्तेदार के यहां जाती है, तो हमारे घर में रौनक ही नही रहती। लगता है जैसे घर में कुछ कमी है। साथ ही घर मे कोई भी जरूरत का सामान वक़्त पर नही मिलता और  इसी से समझ में आता हैं कि हमारे जिंदगी में माँ का होना बहुत जरूरी हैं।

मेरी माँ हमारे लिए हमेशा भगवान की तरह हैं, जो कि सभी चीजों में हमे मदद करती है। वो हमेशा हमे सफलता की रास्ते पर ही लेकर जाती हैं और हमे सफल होने के लिए आशीर्वाद देती हैं।

जब मेरे बारे में मेरी माँ को कोई बुरा बताता है, तो मेरी माँ मेरे लिए उनसे बहस कर जाती है, मेरी माँ को हमारी बुराई बरदास्त नही होती और वो कभी किसी के सामने हमारी बुराई नही करती हैं। क्युकी किसी भी माँ के लिए उसका बच्चा दुनिया में सबसे प्यारा होता है।

हमे अपनी माँ की सभी बातों को मानना चाहिए, क्योकी वो कभी भी हमे गलत शिक्षा नही देती। हमे हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें किसी भी चीज की दिक्कत नही हो और वो हमेशा खुश रहे और हस्ती रहे।

मैं हमेशा कोसिस करता हु की, मेरे माँ के सभी कामो में मैं अपना हाथ बटा सकू और आपको भी अपने माँ के कामो में हाथ बटाना चाहिए। इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती हैं और उन्हें गर्व आप पर गर्व होता है।

तो यह था मेरी माँ पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरी माँ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Mother) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

ये भी देखें – Essay on my family in Hindi

स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

ये भी देखें – Essay on women empowerment in Hindi

माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

ये भी देखें – Essay on poverty in India in Hindi

निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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Home » Essay Hindi » Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

यह आर्टिकल Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर है। “माँ” शब्द का महत्व दुनिया में सबसे प्यारा है। माँ की दुलार और ममता दुनिया के दो अनमोल रत्न है। 9 महीने अपने कोख में पालने वाली माँ पर निबंध लेखन के बारे में जानने का प्रयास इस पोस्ट “Importance Of Mother In Hindi” में करेंगे। माँ का महत्व हर धर्म की किताबों में मिल जाता है। माँ के पैरों तले जन्नत मानी गयी है। तो आइये दोस्तों, माँ के बारे में बात करते है।

किसी को घर मिला, किसी के हिस्से दुकान आयी। में घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से माँ आयी। – मुन्नवर राणा

माँ का महत्व पर निबंध Essay On Mother In Hindi

कोई औरत माँ ( Mother ) तब बनती है, जब उसे कोई “माँ” कहता है। माँ शब्द किसी भी स्त्री के लिए गौरव की बात होती है। जब बच्चा माँ कहकर बुलाता है, तो वो क्षण उसके जीवन में अनमोल होता है। माँ की ममता की तुलना ईश्वर से की जाती है। जो कष्ठ और पीड़ा माँ अपने बच्चे के लिए सेहती है, वो दुर्लभ है। माँ को मदर, मम्मी, अम्मी या माता भी कहा जाता है और हर शब्द से ममता ही बाहर आती है।

माँ के बारे में यह भी कहा जाता है कि ईश्वर हर एक के साथ नही रह सकता है, इसलिए उसने माँ बनाई। माँ का प्यार अनमोल होता है, जो खुशनसीब लोगो को मिलता है। बच्चें का रोना सुनकर माँ सहम जाती है और उसे अपने सीने से लगा लेती है।

दुनिया की नजर में आप सही या गलत हो सकते है लेकिन माँ की नजर में केवल आप सही ही होते है। अपने बचपन के दिन याद कीजिये जब आपकी माँ आपको लौरी गाकर सुनाती थी। आपकी हर छोटी मोटी जरूरत का ख्याल रखती थी। रात भर सिर्फ आपके लिए जगी रहती थी। आपके लिए दुनिया में किसी से भी लड़ने को तैयार रहती थी। बाप की डांट खाकर माँ की ममता भरी गोद में आप सो जाते थे। आज उसी माँ को कई बच्चे आश्रम छोड़कर आ जाते है।

यह सार्वभौमिक सत्य है की माँ (Mother) निःस्वार्थ भाव से अपने बच्चे को पालती है। बचपन में स्कूल जाने के लिए आपका टिफिन तैयार करती है। स्कूल के लिये तैयार होने में माँ भरपूर सहयोग करती है। बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में ही जीवन में आगे बढ़ता है। आपको अच्छे संस्कार माँ से ही मिलते है।

माँ का महत्व Importance Of Mother In Hindi –

माँ पर निबंध (Essay On Mother In Hindi) – दुनिया में हर इंसान का अस्तित्व माँ से ही है। प्रसव की भयंकर पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है। हम बड़े होने पर माँ को पीड़ा पहुचाते है और हमे शर्म भी नही आती है।

किसी भी बच्चे के लिए माँ केवल माँ नही होती है वो एक शिक्षक और दोस्त भी होती है। किसी भी बच्चे के लिए उसकी पहली टीचर माँ होती है। हमारी परवरिश की जिम्मेदार माँ ही होती है। बचपन से लेकर अब तक हमारा लालन पालन माँ ही करती है। उसी के साये तले हम अच्छे और बुरे में फर्क करना सीखते है। हम बीमार होते है, तो हमारा ख्याल माँ ही रखती है। किसी ने भी क्या खूब कहा है कि –

मेने ईश्वर को नही देखा लेकिन माँ को देखा है। शायद ईश्वर ऐसा ही होगा।

सूर्योदय से पहले माँ उठ जाती है और घर का सारा काम करती है। आपके लिए चाय बनानी हो या खाना तैयार करना हो, माँ बिल्कुल भी काम से नही झिझकती है।

माँ पर निबंध Maa Par Nibandh –

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध – माँ त्याग की मूरत होती है। जब वो पत्नी बनकर ससुराल आती है, तो अपने घर का त्याग करती है। बच्चे के लिए अपने स्वार्थ और अहम का त्याग करती है। बच्चे के लिए ढाल बनकर हमेशा तैयार रहती है। कभी कभी माँ के प्यार और दुलार के साथ डांट भी मिलती है। वो डांट भी माँ का प्यार ही है जो हमें सही रास्ते पर लाता है।

माँ के दिल को कभी ठेस नही पहुंचानी चाहिए। माँ का कर्ज आप अपनी पूरी जिंदगी में भी नही चुका सकते है। ममता से भरी माँ के लिए पूरे साल में एक दिन मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपके लिए हर दिन माँ का दिन होना चाहिए क्योंकि आपकी माँ भी आपसे हर दिन प्यार करती है। क्या माँ अपने बच्चे के लिए प्यार दर्शाने का एक दिन निश्चित करती है? माँ पूरी जिंदगी अपने बच्चों को देने में बिता देती है और बदले में कुछ भी नही मांगती। इसलिए माँ के प्रेम को निःस्वार्थ माना जाता है।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नही देखी माँ देखी है। – मुन्नवर राणा

यह भी पढ़े – 

  • भारत देश पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध
  • माँ के बारे में रोचक तथ्य

नोट – इस पोस्ट Essay On Mother In Hindi में माँ का महत्व पर निबंध कैसा लगा। माँ पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर यह आर्टिकल “Importance Of Mother In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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मेरी माँ पर निबंध

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माँ एक परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती वीणा देवी है। उनकी उम्र 41 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी महिला हैं। मेरे पिता एक आयकर अधिवक्ता हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। हम दो बहनें और एक भाई है। हम दोनों बहनें एक ही स्कूल में पढ़ते है। में पाँचवी कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरी बहन दूसरी कक्षा में पढ़ती है। मेरा बड़ा भाई सेंट ज़ेवियर स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना अति आनंद लगता है।

मेरे कई दोस्त हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी दोस्त शीतल है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, मैं भी अपनी बहन की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी दोस्तों से प्यार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, बहन और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, मेरी और मेरे बड़े भाई की देखभाल करती है। माँ हमेसा हम सभी भाई बहनों को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वह सुबह जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें रामायण और महाभारत की कहानियां भी सुनाती है।

मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हैं। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। मुझे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेसा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेसा उनको खुश रखे।

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MY MOTHER ESSAY IN HINDI

मेरी प्यारी माँ पर सुंदर सा निबंध (MY MOTHER ESSAY IN HINDI)

 मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi):   माँ शब्द से हर कोई रूबरू है। इस माँ शब्द का मतलब उसकी ममता है जो अपने बच्चों को देती है। क्योंकि माँ के द्वारा दिये गए हमारे जीवन का अर्थ सिर्फ माँ ही है।

आज हम मातृ दिवस पर दिये जाने वाले भाषण और निबंध को आपके लिए लेकर आए है जिसे आप अपने विद्यालय में प्रस्तुत कर सकते है। हमारे इस लेख में आपको Happy Mother’s Day Speech , Maa Par Kavita , Maa Shayari और मेरी माँ पर निबंध मिलेगा। ऊपर लिखे सभी विषय आपको इस लेख में सरल और मधुर शब्दों में मिल जाएगा जिसके लिए आपको हमारे दिये गए संपूर्ण लेख को पढ़ना होगा। तो चलिए माँ निबंध के इस लेख को पढ़ना शुरू करते हैं।

Mothers Day Kab Hai 2022

  • मेरी माँ पर निबंध
  • मेरी माँ पर बड़े तथा छोटे निबंध
  • मेरे जीवन में मेरी माँ का महत्व पर निबंध
  • मेरी मां मेरी सबसे अच्छी मित्र पर निबंध
  • मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी शिक्षक पर निबंध
  • मेरी माँ मेरी प्रेरणा पर निबंध
  • My Mother Essay in Hindi 2022

My Mother Essay in Hindi

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कहते है की माँ भगवान का रूप होती है क्योंकि इस विश्व की रचना भगवान ने की है और धरती पर एक परिवार की रचना एक माँ करती है इसलिए तो माँ भगवान का रूप होती है। माँ एक बच्चे को नौ महीने अपनी गर्भ में रखती है और ध्यान रखती है की उसके बच्चे को गर्भ के अंदर भी किसी भी वजह से उसे पीड़ा ना पहुंचे। नौ महीने एक माँ उस पीड़ा को सहन करती है जो असहनीय होती है। कहते है उस माँ के अंदर सहने की क्षमता वो ईश्वर देता है और वो माँ अपने बच्चे को गर्भ में ही अपना संसार मानती है इसलिए जन्म से होने वाली असहनीय पीड़ा को वो सहन करती है।

इस दुनिया में आते ही बच्चा सबसे पहले अपनी माँ का चेहरा देखता है। जब वह बच्चा नौ महीने उस माँ की गर्भ में था तो उसे सिर्फ अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और जब इस दुनिया में आया तो सबसे पहले वह अपनी माँ के गले लगता है और जब बच्चा रोता है तो माँ उसे गले लगाकर चुप कराती है क्योंकि माँ के गले लगाने पर बच्चा सबसे पहले चुप होता है। जब बच्चा गर्भ में था तो उसे अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और वो अपनी माँ की धड़कन को सुनते ही चुप हो जाता है इसलिए माँ बच्चे के लिए भगवान होती है।

हमने आपके लिए माँ पर भाषण पेश किया है क्योंकि आप और हमारे जीवन में माँ का सबसे बड़ा महत्व है। हमारे जीवन का अस्तित्व है ‘माँ’ हमारे जीने की वजह है इसलिए जो भी माँ का महत्वपर निबंध हमने आपके लिए लिखा है वो बहुत ही महत्वपूर्ण और खास है इसलिए हमारे द्वारा लिखे गए इस my mother essay in hindi को आप अवश्य पढ़े। क्या पता शायद essay on my mother in hindi language में पढ़ने से आपको कुछ नया एहसास अपनी माँ के लिए हो। इसलिए हम आपसे इसे पढ़ने के लिए बोल रहे है तो देखते है कि इस निबंध, कहानी तथा माँ पर कविता में ऐसा क्या खास है।

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Essay on Mother in Hindi

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आज हम सब उस व्यक्ति की बात करने जा रहे है जो हमारे जीवन का अस्तित्व है। हमारी प्यारी माँ .

माँ, जिसने हमे जन्म देकर हमारा जीवन बनाया, वो माँ जिसने खुद धूप में रहकर अपने बच्चों को छाव दी वो माँ जो खुद गीले में रहकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है.

वो माँ जो हमारे उदास रहने पर पूछती है क्या हुआ बेटा तू इतना उदास क्यों है?

वो माँ जो हमे कभी रोता नहीं देख सकती है, वो माँ जो हमे चोट लगने पर भागी – भागी डॉक्टर के पास जाती है। हाँ वो सिर्फ एक माँ कर सकती है.

मेरी माँ के होने से मेरा जीवन है। मेरी माँ के होने से मेरी साँसे चलती है। वो सिर्फ मेरी माँ ही हैं.

दोस्तों, आपकी हमारी और सबकी प्यारी माँ जिस माँ ने हमे ज़िंदगी दी है उस माँ की बात कर रहे है।

ये मैंने माँ पर लाइन उस माँ के लिए लिखी है जिसने अपना सारा जीवन हमेशा अपने बच्चों पर नियोछावर किया है।

माँ पहले अपने बच्चों को खाना खिलाकर बाद में खुद खाती है। वो माँ जब हमारे घर लेट आने पर खुद रात भर बैठकर इंतजार करती है। हम सब की माँ जो हमे जीवन का वरदान देती है.

Meri Maa Essay in Hindi

मेरी माँ पर निबंध (500 शब्द):  मां को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी पर ईश्वर हर जगह नहीं उपलब्ध हो पाता है, इसलिए उसने अपनी मौजूदगी को दर्शाने के लिए मां को बनाया है और मां के अंदर भर भर के ममता प्यार और स्नेह दिया है, ताकि वह ईश्वर की अनुपस्थिति में अपनी संतान का ख्याल रख सके।

मां का दिल बहुत ही दयालु होता है। यह सिर्फ अपने संतान के प्रति दयालु नहीं होता है बल्कि दुनिया के अन्य जीवों के प्रति भी यह दयालु ही होता है। मां से बड़ा दुनिया में आज तक कोई परोपकारी ना तो पैदा हुआ है ना कभी पैदा होगा। इसलिए भगवान भी कहते है कि मेरे दर्शन जो लोग कर पाने में सक्षम नहीं है, वह अपने माता पिता की सेवा कर लेते है तो मेरा आशीर्वाद उन्हें अवश्य प्राप्त होता है क्योंकि कहीं ना कहीं माता-पिता भी भगवान का ही प्रतिबिंब होते हैं।

जिस प्रकार संसार को चलाने की जिम्मेदारी भगवान के ऊपर है, उसी प्रकार अपनी संतान को पालने की जिम्मेदारी माता-पिता के ऊपर होती है। इसलिए संतान के पालनहार को मां कहा जाता है।

माता को ना तो धन से मोह होता है ना ही दौलत से मोह होता है, उसे सिर्फ अपनी संतान से मोह होता है और वह यही चाहती है कि उसकी संतान हमेशा खुश रहे और जिंदगी में तरक्की करें तथा सफलता की ऊंचाइयों को छुए।

माता हमेशा अपने बच्चे की और अपने परिवार की सेवा में लगी हुई रहती है फिर चाहे दिन हो या रात, वह कभी भी यह नहीं कहती है कि उसे थकान लगी है या फिर वह काम नहीं कर सकती है। यहां तक की बीमारी की अवस्था में भी वह अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करती है और घर के सभी सदस्यों को खुश रखने का प्रयास करती है। मां जितना समर्पण कर सकती है उतना अन्य कोई व्यक्ति नहीं कर सकता है। इसीलिए मां को समर्पण और त्याग की मूरत कहा गया है।

लोग पुरुष को सबसे शक्तिशाली कहते हैं परंतु मेरी नजर में सबसे शक्तिशाली मां होती है, जो अपनी निडरता, बुद्धिमता, साहस और प्रेम भाव से सभी लोगों का दिल जीत लेती है। कहा जाता है कि एक नारी जब अपने सही रूप पर आती है तो वह 100 मर्दों के बराबर होती है और इसीलिए जगत जननी महाकाली को दुष्ट विनाशक कहा जाता है , क्योंकि वह भी एक स्त्री है परंतु इसके बावजूद उन्होंने अकेले ही कई दुष्टों का संहार किया था।

हर सामान्य नारी भी महाकाली के समान ही होती है और उसका यह रूप तब दिखाई देता है जब उसके परिवार के ऊपर या फिर उसकी संतान के ऊपर कोई आच जाती है।

माँ हमेशा अपनी संतान की ढाल बन कर के रहती है और अपने संतान की हर प्रकार से रक्षा करती है और बदले में ना तो वह कुछ मांगती है ना ही कुछ कहती है, उसकी सिर्फ एक ही मांग होती है वह है अपनी संतान का प्यार और इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बिना स्वार्थ के इतना सब कर सकें।

मां हमारे पैदा होने से लेकर के हमारे चलने तक हमारा ख्याल रखती है। इसके अलावा जब तक वह जिंदा रहती है तब तक उसके दिल और दिमाग में हमारा ही ख्याल रहता है। वह हमेशा यही सोचती रहती है कि मेरे बच्चे ने खाना खाया होगा या नहीं, मेरा बच्चा स्वस्थ होगा या नहीं, इत्यादि। इसलिए मां के चरणों में हमें रोजाना नमस्कार अथवा प्रणाम करना चाहिए और हमारा साथ देने के लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए।

M aa Par Nibandh

⇓ short paragraph on my mother in hindi ⇓, meri maa nibandh.

मेरे माननीय प्रधानाचार्य जी और सभी अध्यापक एवं भाई बहनों को मेरा नमस्कार…।

यह दिन हम सब के लिए बहुत बड़ा दिन है। इस महान दिवस पर हम सब यहाँ एकत्रित हुये है और में इसका हिस्सा बना मुझे इसकी बहुत प्रसन्नता है.

हम सब अपनी माँ को सम्मान देने के लिए और उनके सभी आदर्शो का पालन करके उनके लिए हम इस दिन को मातृ दिवस के रूप में मानते है। मैं इस दिन पर अपनी प्रिय माँ के लिए कुछ शब्द यहाँ बोलना चाहता हूँ.

10 Lines on Mother in Hindi For Class 4, 5, 6

मेरी माँ जो सबसे पहले मुझे प्यार से सुबह उठाती है और उसी मीठी सी आवाज से मुझसे कहती है “उठ जा मेरे बेटे सुबह हो गयी” और जब वो मुझे उठाती है तो मेरी सुबह और दिन दोनों मेरे लिए सुखमय होते है.

वो सबका ध्यान रखती है। सुबह जल्दी उठकर पापा के दफ्तर जाने के लिए खाना बनाती है। मेरी बहनों और मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है.

मुझे स्कूल छोड़ने जाती है, सबको अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाती है। लेकिन सबका ध्यान रखते रखते वो अपना ध्यान रखना और खाना खाना भूल जाती है.

अपनी प्रत्येक ज़िम्मेदारी को प्रसन्नता पूर्वक निभाती है, मेरी दादी बोलती है बेटा तेरी माँ मेरे घर की लक्ष्मी है। तब मुझे बहुत खुशी होती है.

पापा कहते है तुम सबका खयाल रखती हो पर अपना ख्याल रखना भूल जाती हो।

मैं अपनी माँ की हर बात का पालन करता हूँ, उनका सम्मान करता हूँ क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है…

कहते है माता – पिता भगवान का रूप होते है और मेरे घर में तो साक्षात भगवान का निवास है.

माँ को हम पूजते है वो ही दुर्गा, लक्ष्मी, काली सबका रूप होती है.

वो हमे अच्छी अच्छी सीख देती है और कहती है कि अपने से बड़ों का हमेशा पालन करो। जब मेरी बहन मुझसे लड़ती है तो माँ बोलती है तुम दोनों अच्छे बच्चे हो और अच्छे बच्चे कभी लड़ते नहीं है.

मेरी प्यारी माँ सबको हमेशा प्यार देती है और वो हमेशा मेरा ध्यान से होमवर्क कराती है और कहती है कि कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए हमेशा सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए इसलिए माँ भगवान का रूप होती है.

माँ पूरे परिवार को बनाती है और उसी माँ के बिना पूरा परिवार अधूरा है इसलिए अपनी माँ के सत्य वचनों और आदर्शों का पालन करे.

Maa Par Kavita Hindi Mein (Essay on Meri Maa in Hindi)

⇓ maa ki mamta heart touching shayari on mother in hindi ⇓, माँ पर कविता हिंदी में.

मदर्स डे के लिए बहुत ही सुंदर और अनोखे शब्दों में हमने आपके लिए ये माँ पर कविताएं  लिखी है तो आप इसे जरूर पढ़े.

My Mother Poem in Hindi

भावुक कर देने वाली माँ पर कहानी.

आज मैं आपको माँ के ऊपर भावुक कर देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। इस कहानी को आप पूरा पढ़े और शायद ये आपको भावुक भी कर सकती है.

एक माँ जिसका एक बेटा था जिसे वह बहुत प्यार करती थी उसका बच्चा छोटा था और उस बच्चे के पिता की मृत्यु हो गयी और उस छोटे बच्चे के सर से पिता का साया चला गया लेकिन पिता की कमी उसकी माँ ने पूरी की और बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए पूरी मेहनत की.

पिता की मृत्यु होने के बाद उस बच्चे की माँ के पास पैसे नहीं थे पर फिर भी उस माँ ने घर घर में जाकर बर्तन धोना शुरू कर दिया और अपने बच्चे को पढ़ाया और उसे अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया.

माँ अपने बच्चे और अपना पेट पालने के लिए रोज घरों में बर्तन धोया करती थी और बच्चे को इसी तरह पढ़ा लिखा कर बड़ा किया.

जब बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा तो उसे इस बात से बुरा लगने लगा की उसकी माँ घरों में जाकर बर्तन धोती है।

उसे अपने दोस्तों और लोगों के सामने यह बताने में शर्म आने लगी की यह उसकी माँ है।

लेकिन उसकी माँ को इस बात से कभी भी बुरा नहीं लगता था की उसका बेटा सबके सामने उसे अपनी माँ कहने में हिचकिचाता है इसलिए तो कहते है माँ जो कभी बच्चों की किसी भी बात पर नाराज नहीं होती है.

जब बेटा बड़ा हो गया उसके बेटे ने अपनी शादी कर ली उस माँ के लिए एक बहू आ गयी अब उसकी माँ बूढ़ी हो गयी थी और उस बूढ़ी माँ के लिए बहू तो आई लेकिन वो भी बहुत चालाक बहू थी.

बहू घर पर हमेशा आराम करती और उस बूढ़ी माँ से सारा काम करवाती थी।

उस माँ की उम्र हो चुकी थी लेकिन फिर भी बूढ़ी माँ धीरे धीरे सारा काम करती और सुबह उठकर झाड़ू, पोछा, बर्तन मांजना, नास्ता बनाना सब कुछ वही करती थी।

फिर भी उस बूढ़ी माँ को अपने बहू और बेटे से कोई शिकायत नहीं थी.

जब उस बूढ़ी माँ के बहू के बेटा हुआ तो वो बूढ़ी माँ बहुत खुश हुई।

वो बूढ़ी माँ जो दिन और दिन बूढ़ी होती जा रही थी जो अब ठीक से खड़े होने के लिए सहारा लेने लगी थी अब उस माँ के लिए और भी काम हो गया था इसलिए अपने बूढ़े शरीर की वजह से वो ठीक से काम नहीं कर पा रही थी.

उस बूढ़ी माँ का बेटा उससे कहता था तुम ठीक से कुछ भी काम नहीं करती हो और ना ही सुबह जल्दी खाना तैयार करती हो मुझे दफ्तर के लिए देर हो जाती है इस वजह से बहू ने भी माँ को डांट दिया.

उस बूढ़ी माँ की तबियत बहुत खराब थी और किसी को भी इस बात की कोई परवाह नहीं थी की वह बीमार है.

एक दिन अचानक उस बूढ़ी माँ का चश्मा गिर कर टूट गया जिसकी वजह से अब वह ठीक से देख भी नहीं पा रही थी। उन्होंने अपने बेटे से कहा मेरा चश्मा टूट गया है बेटा चश्मा बनवा दे।

बेटे ने कहा तुम्हारे फालतू खर्चे के लिए मेरे पास पैसे नहीं है और कह दिया और भी बहुत सारे काम है और वो बूढ़ी माँ बिना चश्मे के काम करती थी और एक दिन जब वह सीढ़ियों से उतर रही थी और अचानक गिर गयी.

अब इसकी वजह से वह चल फिर भी नहीं पा रही थी और बहू का उस बूढ़ी माँ का काम करना पड़ रहा था और बेटे का खर्चा बढ़ गया उसकी माँ के गिरने और बीमार पड़ने की वजह से अब वह बूढ़ी माँ उन दोनों को बोझ लगाने लगी.

पहले वह कम से कम घर का सारा काम कर देती थी लेकिन बहू और बेटे को उनका सारा काम करना पड़ रहा था।

उस बहू और बेटे ने उस माँ को मारने की साजिश बना ली और एक दिन जब रात में सब सो रहे थे तो उन दोनों ने अपनी माँ को मार दिया लेकिन उससे पहले बूढ़ी माँ ने पानी पीने के लिए गुजारिश की अपने बेटे से लेकिन उस ने उस बूढ़ी माँ को पानी तक नहीं पिलाया.

उन दोनों ने सबसे बड़ा अपराध किया था जिसकी उनको सजा भी मिली…

दोस्तों, कभी भी अपनी माँ के साथ ऐसा मत करना क्योंकि कभी कभी लोग अपना फर्ज भूल जाते हैं और अपने माता पिता की सेवा नहीं करते। आज की नयी युवा पीढ़ी ये भूलती जा रही है.

माँ और पिता बच्चे को जन्म देकर उनका पालन पोषण करते है उनको पैरो पर खड़े होने लायक बनाते है लेकिन बच्चे ही अपना फर्ज भूल जाते है.

हमने जो माँ पर कहानी बताई है क्या आपको उस कहानी में कुछ भी सत्य लगता हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताए.

मां के बारे में क्या लिखें

अपनी मां से काफी ज्यादा प्यार करता हूं, क्योंकि वह हमेशा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी रहती है और वह बिना किसी स्वार्थ के मुझे प्यार करती है। माँ ही मेरी पहली शिक्षक होती है जो मुझे जन्म से लेकर के तब तक सही राह दिखाती है, जब तक वह जिंदा होती है यानी कि हमारे साथ होती हैं।

मां हमें पैदा करने के लिए अनेक प्रकार के दर्द सहती है। यहां तक कि वह अपनी सुंदरता को भी हमारे लिए ही गवा देती है परंतु इसके बावजूद उन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं होता है, बल्कि वह तो और भी खुश होती है कि उनकी कोख से कोई संतान पैदा हुई है।

जब हम पैदा होते है तो उसके पहले से ही मां हमारे खाने पीने का ध्यान रखती है और पैदा होने के बाद वह हमारा और भी ध्यान रखने लगती है। उसके दिल और दिमाग में हर दम हम ही रहते हैं। वह समय से हमारी सेवा करती है और हमारी मालिश करती है और अपने व्यस्त समय से टाइम निकाल कर के वह हमारा ख्याल रखती है। जब हम रात में सोते नहीं है तो वह हमें रात भर जागकर के लोरियां या फिर कहानियां सुना कर के सुलाने का प्रयास करती है और उसके बाद ही खुद सोती है। हमें हमेशा अपनी मां को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि उनसे बड़ा हितकारी हमारा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है।

इस लेख में हमने आपको सब कुछ बताया है। इसमें आपके Speech on Mother in Hindi, Essay on my Mother in Hindi देने के समस्या तथा Maa Poem in Hindi के लिए होने वाली परेशानी को आसानी से दूर कर दिया। इसमें हमने आपको माँ के उन सभी फर्ज और कर्तव्य को बताया है जो एक माँ हमेशा निभाती है और आप भी अपने माँ तथा पिता के प्रति कर्तव्यों को निभाएंगे। मेरी माँ तो मेरे ज़िंदगी है आप अपनी माँ से कितना प्रेम करते है वो आप कमेंट में बताए और इस लेख को सभी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करे।  ( MY MOTHER ESSAY IN HINDI )

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माँ पर कविता 2022 (Maa Par Kavita): “मां” शब्द अपने आप में बहुत अपना सा लगता हैं जब कोई बच्चा जन्म लेता हैं और दुनिया में उसे ये भी पता नहीं होता की कौन अपना हैं, कौन पराया हैं तब वो सबसे पहले जिस पर भरोसा दिखाता है वो होती हैं मां। मां अपनी ममता,…

माँ शायरी 2022: BEST 100+ Maa Shayari in Hindi

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Maa Shayari 2022 in Hindi: मेरी सभी माताओं को उनके बेटे हिमांशु ग्रेवाल की और से Happy Mothers Day 2022 की हार्दिक और ढेरों शुभकामनाएं। मदर्स डे, जिसको मदर डे और मातृ दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मदर्स डे का त्यौहार हर साल मई के दूसरे रविवार के दिन यह फेस्टिवल बड़ी…

हमारे जीवन में माँ का महत्व क्या है निबंध के माध्यम से समझिए

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माँ, माँ ही जननी है, माँ ही भगवान है, माँ सब कुछ है। आई लव यू माँ, मेरी प्यारी माँ – ये आर्टिकल मेरी सभी माँ के लिए। Topic: Essay on Mother in Hindi शीर्षक: माँ का महत्व मेरी प्यारी माँ के इस प्यारे से लेख में आपका HimanshuGrewal.com पर में तहे दिल से स्वागत…

माँ पर सबसे अच्छी कविता: Inspirational Poem on Mother in Hindi

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शीर्षक: Poem on Mother in Hindi 2022 माँ पर हिंदी कविता। नमस्कार, आज मैं आपके साथ माँ पर कविता का लेख शेयर करने जा रहा हूँ। आप सब इस कविता को मदर्स डे वाले दिन या फिर अपने विद्यालय में जाकर इन सुंदर कविया को सुना सकते है या फिर आप अपनी माँ के सामने…

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Mother’s Day Speech in Hindi 2024: मदर्स डे पर छोटे और बड़े भाषण हिंदी में

Happy mothers day quotes: मदर्स डे हर इंसान के लिए एक विशेष दिन है क्योंकि यह हमें हमारी एकमात्र दुनिया (माँ) को उसके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद कहने का मौका देता है जो उसने पूरी जिंदगी दी है। मातृ दिवस के लिए भाषण आईडिया यहां प्राप्त करें। अपने विचारों को ऐसे शब्द बनने दें जिन्हें आपकी माँ सुन सकें और आपके जीवन में उनके महत्व को महसूस कर सकें।.

Atul Rawal

मदर्स डे पर 2 मिनट का भाषण (2 Minutes Speech on Mother’s Day In Hindi)

मदर्स डे पर 5 मिनट का भाषण (5 minutes speech on mother’s day in hindi), मदर्स डे पर 10 मिनट का भाषण (10 minutes speech on mother’s day in hindi), मदर्स डे पर 15 मिनट का भाषण (15 minutes speech on mother’s day in hindi).

(10 मिनट के भाषण पर आधारित)

मदर्स डे पर 20 मिनट का भाषण (20 Minutes Speech on Mother’s Day In Hindi)

(15 मिनट के भाषण पर आधारित)

मदर्स डे पर 30 मिनट का भाषण (30 Minutes Speech on Mother’s Day In Hindi)

(20 मिनट के भाषण पर आधारित)

...कई बार हमारी माँ से बहस हो जाती है, या हम उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं. लेकिन ये ज़रूरी है कि हम ये याद रखें कि वो हमारी भलाई ही चाहती हैं. उनका अनुभव और ज्ञान हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. अगर कभी हम गलती कर बैठते हैं, तो हमें माफी मांगने में झिझक नहीं होनी चाहिए. माँ का प्यार इतना महान होता है कि वो हमें तुरंत माफ कर देंगी.

(Continuing the thought) ...इस समाज में माँ की भूमिका को हमेशा से सम्मान दिया गया है. कई महान लोगों ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ को दिया है. ये कहावत भी है कि "स्वर्ग माँ के चरणों में होता है." ये हमें ये बताता है कि माँ का प्यार और त्याग कितना अनमोल है.

Happy Mother’s Day Quotes and Wishes in Hindi

  • "माँ शब्द जितना छोटा है, उसका महत्व उतना ही ज्यादा है."
  • "दुनिया की हर एक मां को समर्पित है मातृ दिवस."
  • "मां की दुआएं मेरी मुसीबतों से इस कदर टकराती हैं, जमाने की हर बलाए उनके काले टीके से घबराती हैं."
  • "किसी ने हमसे पूछा स्वर्ग कहां है, हमने मुस्कुराते हुए कहा, जिसके घर में मां है वो जगह स्वर्ग है!"
  • "माँ के प्यार से ज्यादा कुछ नहीं अनमोल होता है." 
  • माँ, आपके प्यार, त्याग और आशीर्वाद के लिए दिल से धन्यवाद. आपका साथ पाकर मैं बहुत खुश हूँ. मातृ दिवस की शुभकामनाएँ! 
  • माँ, आप मेरी सुपरहीरो हो! आप मुझसे बहुत प्यार करती हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मातृ दिवस की बधाई!
  • माँ, आप मेरी धूप हो जो मुझे हमेशा रोशन रखती हो. आप मेरा सहारा हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मातृ दिवस की शुभकामनाएं!

इस मदर्स डे पर अपनी मां को खास महसूस कराएं।

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Mother’s Day Essay in Hindi: यहां देखें मातृ दिवस पर छोटे और बड़े हिंदी निबंध

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Mother’s Day Essay 2024: संसार के सभी रिश्तों में माँ का रिश्ता सबसे पवित्र और सर्वोपरि है। माँ वही होती है जो हमें जन्म देती है, हमारा पालन-पोषण करती है और बिना किसी शर्त के हमारे सुख-दुख में हमारी सहयोगी बनती है। उनके अथाह त्याग, अपार स्नेह और निस्वार्थ प्रेम के आगे शब्द भी फीके पड़ जाते हैं। मातृ दिवस ऐसे ही पावन अवसर को कहते हैं, जिस दिन हम अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके ऋण को चुकाने का एक छोटा सा प्रयास करते हैं।

Mother's Day Essay: मातृ दिवस पर निबंध

हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को पूरे विश्व में मातृ दिवस (Mother's Day) धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में मातृ दिवस के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। निबंध भावनाओं को अभिव्यक्त करने और माँ के प्रति स्नेह व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है। यदि आपको भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है, तो यह लेख निश्चित रूप से आपके लिए मददगार साबित होगा। यहाँ आप छोटे और बड़े निबंध लिखने के लिए आसान और प्रभावी उदहारण देख सकते हैं। 

Mother’s Day Essay 10 lines (मातृ दिवस पर 10 पंक्तियाँ )

1. अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस सभी माताओं के सम्मान और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

2. हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है।

3. अमेरिका में सबसे पहले 1908 में मातृ दिवस मनाया गया था।

4. माँ हमारे जीवन का आधार होती हैं, जिसके प्यार और त्याग के बिना हम अधूरे हैं।

5. हम माँ के लिए सुंदर कार्ड बनाकर या उनकी पसंद का तोहफा देकर इस दिन को उनके लिए खास बना सकते हैं।

6. मातृ दिवस हमें माँ के महत्व को याद दिलाता है और उनके प्रति कृतज्ञता जताने का अवसर देता है।

7. माँ के हाथों से रोपे गए संस्कारों के बीज ही हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

8. हमें हमेशा माँ की बात माननी चाहिए और उनकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए।

9. माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए सिर्फ एक दिन ही काफी नहीं बल्कि हमें अपना हर दिन माँ को समर्पित करना चाहिए

10. माँ को खुश रखना हमारा कर्तव्य है, हर दिन उन्हें थोड़ा प्यार जताना न भूलें।

Mother’s Day Essay 100 Words: मातृ   दिवस   पर   निबंध   150 शब्द

“माँ” शब्दों में बयां नहीं हो पाने वाला स्नेह, त्याग और ममत्व का प्रतीक रिश्ता है। मातृ दिवस उन महान हस्तियों को समर्पित है जिन्होंने जीवन को जन्म दिया, उसे संवारा और अनंत प्रेम से सींचा।

“माँ शब्द में छिपा है अनंत प्रेम, 

जिसकी थाह ना पाए कोई गगन, धरती, तारक, सितारे।

माँ वो है जो देती है जीवन का आधार, 

हर सुख-दुःख में रहती है सदैव हमारे साथ।”

माँ का हृदय प्रेम का सागर है, त्याग का महासागर है, और ममत्व का ब्रह्मांड है। यह वो रिश्ता है जो जन्म के पहले से शुरू होकर, जीवन भर हमारा साथ निभाता है। माँ का स्पर्श ही वो जादू है जो हमारे हर ग़म को दूर करने का सामर्थ्य रखता है वह हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन करती है और हमें सदैव सफलता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। माँ के हाथों का बना भोजन किसी स्वादिष्ट व्यंजन से कम नहीं होता।

हर साल आने वाला मातृ दिवस हमें माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुअवसर प्रदान करता है। इस मातृ दिवस पर दुनिया भर की सभी माताओं के जीवन में खुशियाँ और सम्मान भर जाए। आइए, उनके अटूट सहयोग और बिना शर्त प्यार के लिए अपना आभार व्यक्त करें। सभी अद्भुत माताओं को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

Mother’s Day Essay 250 Words: मातृ   दिवस   पर   निबंध  2 50 शब्द

संसार में जितने भी रिश्ते हैं, उनमें माँ का रिश्ता सबसे पवित्र और अमूल्य है। "माँ" शब्द ही प्रेम, त्याग और ममत्व का पर्याय है। हमारे जन्म के पहले से शुरू होने वाला यह रिश्ता आखिरी सांस तक बना रहता है। माँ का प्यार अमृत के समान मीठा और जीवनदायी होता है।

माँ शब्द सुनते ही बचपन की वो मीठी यादें ताजा हो जाती हैं, जब माँ की गोद ही हमारा सारा संसार होती थी। माँ ही हमारे जीवन की पहली गुरु होती है, जो हमें चलना, बोलना और सही-गलत में अंतर करने का ज्ञान देती है। माँ के कोमल स्पर्श में हमारे हर ग़म को मिटाने का जादू है। जीवन के किसी भी चरण पर असफलता की ठोकर खाने पर माँ की प्यार भरी आँखों में हमें सहारा मिलता है और हर सफलता पर उसका गर्व ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

माँ का त्याग किसी सागर से कम नहीं होता। वह अपने सपनों को ताक पर रखकर सिर्फ हमारे सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करती है। वह बिना किसी स्वार्थ के हमारे सुख-दुःख में सदैव हमारे साथ खड़ी रहती है।

मेरे लिए, मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी शिक्षिका और समर्थक हैं। वह जीवन की चुनौतियों से गुजरने में मेरा मार्गदर्शन करती हुई सदैव मेरे लिए मौजूद रही हैं।

हर साल आने वाला मातृ दिवस हमें माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुअवसर प्रदान करता है।  इस दिन हम कुछ खास करके, उन्हें प्यार से गले लगाकर या उनकी पसंद का कुछ करके उन्हें खुश कर सकते हैं। हालाँकि हमें हर दिन को मातृ दिवस की तरह मानाना चाहिए, और हमेशा अपनी माँ के प्यार और त्याग को संजोना और उनकी सराहना करनी चाहिए। आइए मातृ दिवस के इस शुभ अवसर पर दुनिया भर की सभी माताओं का सम्मान करें और उनके अटूट प्यार और समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करें।

Mother's Day Poems in Hindi: मातृ दिवस पर छोटी और बड़ी कविताएं 

अपने भावों को और गहराई देने के लिए नीचे दी गयी पंक्तियों को अपने निबंध में शामिल करें:

1. तू धूप से छाँव,

तू रातों का दिया,

तेरे आशीर्वाद से,

हर सपना हुआ पूरा।

2. शाश्वत है प्रेम मां का

कोई नहीं है जोड़ उसका,

क्या लिखें शब्द नहीं हैं

इतना है, आदर जिसका।

3. सर्द हवाओं के बीच,

गुनगुनी धूप होती है।

डूब रही मन की नौका,

सबल पतवार होती है।

पतझड़ में जो मधुमास खिला दे,

वह जीवनदायिनी मां होती है।

4. हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ….

कभी डाँटती है हमें, तो कभी गले लगा लेती है माँ…..

हमारी आँखोँ के आंसू, अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है माँ…..

अपने होठोँ की हँसी, हम पर लुटा देती है माँ……

हमारी खुशियोँ मेँ शामिल होकर, अपने गम भुला देती है माँ….

जब भी कभी ठोकर लगे, तो हमें तुरंत याद आती है माँ।

5. घुटनो से रेंगते रेंगते

कब पैरो पर खड़ा हुआ

तेरी ममता की छाव में

ना जाने कब बड़ा हुआ

6. कष्टों से नहीं हारती मां

दुःख-दर्द को नहीं दिखाती मां

मुस्कुराती हरदम खटती है मां

थकती है पर थकती नहीं मां

बूढ़ी होती है पर बूढ़ी नहीं होती है मां

मां के श्रम का मान करें, मनाएँ मां को

कुछ पल आराम करें

मां को ख़ुश करने का

क्यों न कुछ काम करें।

7. प्यार की परिभाषा है मां

जीने की अभिलाषा है मां

हृदय में जिसके सार छुपा

शब्दों में छिपी भाषा है मां

इंद्रधनुष की रंगत है मां

संतों की संगत है मां

देवी रूप बसा हो जिसमें

ज़मीं पर ऐसी जन्नत है मां

8. जरा सी ठोकर लग जाती तो

मां दौड़ी हुई आती थी ,

जख्मों पर जब दवा लगाती

आंसू अपने छुपाती थी।

जब भी कोई जिद करते तो

प्यार से वो समझाती थी,

9. जब-जब बच्चे रूठे

मां उन्हें मनाती थी।

खेल खेलते जब भी कोई

वो भी बच्चा बन जाती थी,

सवाल अगर कोई न आता

टीचर बन के पढ़ाती थी।

10. सबसे आगे रहें हमेशा

आस सदा ही लगाती थी ,

तारीफ अगर कोई भी करता

गर्व से वो इतराती थी।

होते अगर जरा उदास हम

दोस्त तुरन्त बन जाती थी,

हंसते रोते बीता बचपन

मां ही तो बस साथी थी।

Happy Mother's Day 2024

Mother's Day Essay in English

Mother's Day Speech in English

Mother's Day Speech in Hindi

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My Mother Died By Suicide, But She Wasn't Selfish

Yes, my mom took her own life. no, she wasn’t being selfish.

"I never felt ashamed of the way my mom passed, but I knew there were so many assumptions and stigmas surrounding suicide."

"My biggest fear was that people would think my mom did not love me — that she was an alcoholic, a drug addict, and a bad parent. In reality, my mom was none of those things."

"Suicide is not a pathology of the individual mind. It’s an accumulative tragedy brought on by the lack of resources and the stress of acculturation into an oppressive system — in addition to the emotional pain our families carry from generations of trauma passed on by the harmful legacies of colonialism."

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How Can I Be Free When My Child Is Incarcerated?

Tiffany and Damiani in prison on Jan. 19, 2023, the day after Tiffany's birthday.

I t began during the COVID-19 pandemic. LA was shut down, and I got a phone call from my mother telling me that my son, Damiani, had done something he shouldn't have. It was Mother’s Day, and my son called me from a burner phone saying he was going to be on the run for a while. Towards the end of 2020, he got caught for a home invasion. Everything was virtual, so I couldn’t go into the courtroom, and he eventually got transferred to a maximum prison, sentenced to 9 years and 9 months.,

That's where my journey began. 

I believe in God, I go to church. But as I tried searching for communities that could speak to my specific experience as a mother with an incarcerated child, I couldn’t find anything. I went on YouTube and saw a few shortclips. I typed “moms with incarcerated kids” in my podcast app only to find episodes generally about prisons. Nothing was about the walk of a mother. 

I am the kind of person who has a glass of wine with Jesus on the balcony. Next thing I know, I'm hearing, ‘Why don't you start the podcast?’ So, a couple of months later, I did

So I ordered a mic, created a little studio in my apartment, and set up shop. A few months later, I launched my podcast and started just talking about the day in the life of a mother like me—how my family doesn’t understand, how people judge you as mothers, like “Oh, you failed as a mother, you should do better.” I had a lot of anger issues that I took out on my family and friends because I was so mad at my son for what he was doing. I thought it was my fault, and I learned that it wasn't. I shared that it was hard. That never in a million years did I think I was going to be here. I shared that I thought my son was going to get a scholarship to go to college for football, but things shifted. I shared that I still have to get up and go to work, and, with a team of 10 employees, leave my problems at the door. I cry in the car, put my makeup back on, and walk in like nothing's wrong. I try my best to keep it all together. 

After I started the podcast, I went to Facebook to see if there were any groups for mothers with incarcerated kids. There were a couple out there, and I joined, but the one thing I didn't like about the other groups is they lacked a positive, good flow of energy. Some of these mothers had children that were doing 20 years to life. One mother told a story about how her son died in prison. I started to get anxious, so I thought, let me create my own Facebook community and set the tone differently than everybody else’s. I created it in July of 2022. I called it In “The Impact of Incarceration on Mothers, ”

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In this group, you can cry, laugh, vent, and, most of all, there’s a sentiment that we're going to get through this. We’re stronger together. We’re at 1,600 women, with 300 new members as of April. And we’re not just in California, we’re all over the state. I'm very transparent about my journey, and I have mothers messaging me saying “I’m so happy I found you because nobody understands how I feel.” Trust is why the group is what it is—and why it keeps growing every day. (On a recent morning, for instance, I got another 20 notifications of women joining). This is a safe place for mothers, and we're not pointing fingers. 

Mothers share their stories in posts and comments, and sometimes over Zoom calls. We have a mother that has three children in prison, 22 to 30, and she travels to three different states to see them. She lives in Atlanta, and she makes the trip with her husband to California where one of her sons is incarcerated in Long Beach. There's a mother who has to figure out how she’s going to come up with $20,000 for a lawyer, who asks about churches and nonprofit organizations who could help her. There's another woman with a disability who needs to find someone to give her a ride to visit her son. Oftentimes we ask questions: Do I use my money for my child inside or do I cover the cost of school backpacks for my two at home? My son is about to come up on his sentence; what does the parole situation look like? Can you guys help me find a lawyer? And all the mothers jump in. 

I shared my own story, too. I put in the group that it was my son’s first time in solitary confinement, and I hadn’t heard from him in two months. One woman told me I could call up the prison and ask for a wellness check, where a counselor would speak to my son and report back. I didn’t know that, but the community that I’m building did, so I was able to hear the basics about how my son was doing. One mother shared that there was a lockdown at her son’s prison in Texas, and so many moms started responding saying ‘wait a minute my son is there too!’ Then another mom shared why there was a lockdown, because she was super in tune with what was going on. So we’re able to share news with each other in real time.

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When I started the group, the more I kept reading the comments like, “I don't want to get out of bed today,” or “the doctor told me to start walking but I can’t,” I began to think of how I could shift this atmosphere while supporting these moms. So, I proposed a 21 day workout challenge and my notifications started going off with moms saying, “Yes, let's do something.” Next thing I knew women were posting selfies on hikes and moving their bodies. We’re a funny group. We do videos, we cry together, we post pictures of our dogs for National Dog Day, we’ll ask each other about recent dates, or who just got their hair done. We don’t always have to talk about our children being incarcerated.

I'm embracing this time because I feel like it's growing me as a mother. I was young when I had my son, and didn't know what I was doing. I would still do the basic things like pick my son up from school, but I would drop him off at his grandmother's house and go to parties. We were raising each other. I would share things about my life and he’d give me advice. Sometimes I didn't know if I was his mom or his sister. 

Damiani is unique. He’s always been different in a crowd, even his teachers would tell me that. He has a smile on him that just lights up the room, and he’s like a spitting image of me. He can gather people together, especially when there's dysfunction going on, and he has a great sense of humor. So in the midst of all of this, my son and I have a dynamic relationship. I told him about the Facebook group and he said he was so proud of me. He laughed and said, "It took me going to prison for you to find your purpose.”

My son’s middle name is Nassir. Since he’s been locked up, every time he calls or I write to him I call him King Nassir, because I can't imagine what it's like being locked up for 23 hours, what it’s like being in that prison. I always tell the mothers when you speak to your child, you have to speak life into them. I just told my son in a letter the other day that I'm proud of him. I know that sounds crazy to say that you're proud of your child being in prison. It's not the prison part. I'm proud of the fact that his mentality is changing. 

He’s always had no hair. Now, he has these long dreads. When he gets out, I just want to feel this hair of his. Like, what’s up with these dreads? That’s the first thing I want to do—put my hands through it. He's in Chicago, and the goal is to get him parole in the state of California. So we have to see what that looks like. He’s up for parole in 2025, and one of the moms in the group let me know I need to get in touch with the parole officer four months ahead of time to get him transferred to California. When he comes home, I want to employ him, because they say 50% of people in prison end up going back. So, he’ll join me as co-host on our podcast and we want to do a YouTube channel together. We want to share how he was raised with me, what type of mother I was, and how he got here. We want to be transparent with our story. We’re thinking of having a therapist on the show for both of us, because he’s not the same person and I’m not the same person. And I want to show this to other mothers and children.

I didn’t hear my son’s voice for eight months while he was in solitary, but not once did I drop the mic on my podcast or stop talking to mothers. The mothers in the group are powerful, each with their own set of experiences and emotions. When it comes to society pointing fingers, the first thing they say is, “Oh, they probably grew up in poverty, or there probably wasn't a father in the household.” That’s not the case. Some of these mothers are in two parent households. We have a mother who is a politician, with a daughter who is a prom queen, a son who is an athlete, and another son is in prison. It doesn’t look one way. And you don't have to hide behind it. One lady in the group told her neighbors her son was in the military because she was so embarrassed. But I’m not ashamed. 

We're in this boat together. No matter how rough the waters are, we’re still gonna get to the other side of victory. We're learning from each other, and we're literally leaning on each other.  We can't do this alone. We're mothers. 

The other day, I learned Damiani was finally out of the hole. He sent me a message from his tablet saying the warden let him out early. (He was supposed to be out May 20). I wasn’t going to pay for a flight to Chicago to see my son behind glass, because that felt like too much. But now that he’s out? I’m booking my flight. —As told to Abigail Glasgow

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A Dog Is a Mom’s Best Friend

As mothers—and as women—we are often held to impossible standards. On Mother’s Day, we’re grateful to the pets who love us for ourselves.

a collage of a person and a dog

I found her in my mid-30s. I had just run for Congress in New York City, and lost spectacularly. Utterly humiliated, I spent most of my time alone, glued to my couch. My now-husband, Nihal, knew just how to cheer me up: we piled into a rental car, and drove to a farm in Pennsylvania.

I immediately knew she was the one: a beagle bulldog mix, seven pounds, all wrinkles and squat limbs and crooked teeth. Her soulful eyes had seen a lot in her brief lifetime, and she looked at me like she knew I had, too.

The Congressional race had left me broke, unemployed, and hardly able to afford my own life, let alone support another. But for some reason, I forked over what remained of my bank account, scooped up the dog, and home we went. I named her Stanley. It just suited her.

In the months to come, Stanley dragged me off the couch, forcing me to once again walk the streets of the city I loved. She licked the envelopes of the “I’m sorry I lost, I promise I will become something” letters I wrote to my supporters. She was utterly fearless, if a little bit shameless, unafraid to greet strangers with a goofy smile.

a dog wearing a bow tie

Stan was there to walk with me and turn the other way, when it seemed that all of New York City was just pregnant ladies pushing double-wide strollers. When I miscarried, and miscarried again, and then miscarried again, Stan was my soft tissue box, patient and still as I buried my head into her camel-colored fur and cried after receiving more bad news from the doctor. When I lay awake at night scrolling through fertility blogs, my belly bloated and sore from IVF shots, Stan was my weighted blanket, the sounds of her heavy bulldog breath eventually lulling me to a few hours of sleep. She didn’t judge me, and she certainly didn’t blame me.

When Mother’s Day rolled around year after year, and I still was not, technically, a mom, I considered that maybe Stan was my real baby. When I was with her, I would feel, however briefly, like I wasn’t a failure. To Stanley, I wasn’t a bad wife or bad candidate, bad woman or bad person. I was just Reshma. And I was loved.

a woman sitting on a couch with a dog

She didn’t even mind, as a human sibling might, when two sticky, smelly, shrieking strangers came into our lives and took my attention—some of it, anyway—away from her. When I was 39, I welcomed my son Shaan, and then, a few years later, his brother Sai. Their S names were in Stan’s honor.

Stan adjusted well: watching over the boys, playing with them, and happily taking their food. But more than anything, she was a respite from the all-encompassing exhaustion of motherhood.

In summer 2020, as I spent my days furiously paddling to keep my head above water while looking after a newborn, a toddler, and a nonprofit gutted by COVID, Stanley was my rock. She still did not judge me, even when I accidentally left her in my building’s elevator for fifteen minutes on a particularly hectic day—a sign that I needed more help than I was willing to admit, and that maybe other moms did, too.

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a person holding a dog

Later that year, as COVID exposed and exacerbated the struggles of American mothers, I launched Moms First to advocate for policies like paid leave and child care. And I started to pay closer attention to the ways moms were undervalued, underestimated, and held to impossible standards.

Although long labeled a man’s best friend, really, dogs are the best friend moms deserve. Sure, they’re a good proxy for having real, human children—the expenses, the accidents, the mysterious smells. But more than any of that, when we’re faced with the pressure to be perfect—by society, and by ourselves—dogs offer us a safe place to land: the kind of unconditional love that makes us feel like we can do anything. Like we are not, as I’ve spoken about before, imposters . It’s a gift every person deserves, but women rarely receive.

More than how to care for my children, Stanley taught me how to care for myself. How, in the face of mom guilt and mom bods and mom shame and mom penalties, I could give myself grace. Not as a gift, but as a given.

a person and two children

When Stan was diagnosed with cancer last spring, I thought my world had fallen apart. The veterinarians gave her three weeks to live; she lived for eight months.

I tried, every day, to be the companion to her that she was to me: cooking her fresh food every day, sneaking her gobs of peanut butter, taking her out in the middle of the night, as many times as she needed. I’d like to think that Stanley left me when she knew I could live life without her—a nice idea that provides little relief in the face of grief.

The week Stan died, Shaan turned nine. We held his birthday party at Benihana, an establishment I will probably never be able to visit again. I was devastated, irritated, and in absolutely no mood to celebrate, let alone marvel at an onion volcano. When a child complained that they didn’t like the chocolate cake, I wanted to yell, “I don’t care! Don’t you know I’ve just lost my baby?” Instead, the kid saw my glassy eyes and settled for some plain rice.

It was, to put it lightly, not Shaan’s best birthday. Once again, I felt like a failure.

But then, I thought of Stan.

Moms, and women generally, are cut such little slack. But through those watery, sparkling, soulful eyes, Stan saw me for me. Other people loved me despite my failures—Stan didn’t even see them.

And so, I do my best to honor Stan. To accept myself entirely, even when it feels impossible. To encourage the women in my life to do the same. To get off the couch, to walk through the neighborhood, to watch women with their babies, women with their dogs. To take comfort in knowing that someone loves them unconditionally—just like Stan loved me.

a person and a dog lying down

Reshma Saujani is the founder and CEO of Moms First and the founder of Girls Who Code. She is the author of instant national bestseller Pay Up: The Future of Women and Work (and Why It's Different Than You Think) . 

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