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Safety Speech in Hindi । सुरक्षा पर भाषण

आज हम “सुरक्षा पर भाषण” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’Safety Speech in Hindi’ में पढ़ेंगे। सुरक्षा हमारे जीवन के सभी पहलुओं में सर्वोपरि है। चाहे वह घर पर हो, सड़क पर हो, या कार्यस्थल में हो, दुर्घटनाओं को रोकने और जीवन की रक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।

Table of Contents

Safety Speech in Hindi

सुरक्षा विभिन्न प्रकार की होती है आइये पहले सुरक्षा का महत्व समझते है। सुरक्षा को हम मुख्यतः व्यक्तिगत सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा श्रेणी में बाँट सकते है।

व्यक्तिगत सुरक्षा

व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें खुद को संभावित नुकसान से बचाने के लिए सावधानी बरतना शामिल है, चाहे वह घर पर हो, यात्रा करते समय हो, या विभिन्न गतिविधियों में शामिल हो। अपने आस-पास के बारे में जागरूक होने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने से हम दुर्घटनाओं और चोटों के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।

कार्यस्थल सुरक्षा

कार्यस्थल सुरक्षा नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए समान रूप से एक प्रमुख चिंता का विषय है। एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने से न केवल कर्मचारियों की भलाई की रक्षा होती है बल्कि उत्पादकता में भी सुधार होता है और महंगी दुर्घटनाओं या कानूनी मुद्दों की संभावना कम हो जाती है। नियोक्ताओं को सुरक्षा प्रशिक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने चाहिए और एक सुरक्षित कार्यस्थल को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान करने चाहिए।

सुरक्षा उपाय

जोखिमों को कम करने और खुद को और दूसरों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करना आवश्यक है। व्यक्तिगत और कार्यस्थल सेटिंग के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा युक्तियां दी गई हैं:

व्यक्तिगत सुरक्षा युक्तियाँ

वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट और साइकिल या मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहनें। सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों और संकेतों का पालन करें। निजी सामान सुरक्षित रखें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जेबकतरों से सावधान रहें। खतरों का शीघ्र पता लगाने के लिए घरों में स्मोक डिटेक्टर और कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर स्थापित करें। घर पर प्राथमिक चिकित्सा किट बनाए रखें और बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा तकनीक सीखें।

कार्यस्थल सुरक्षा अभ्यास

सुरक्षा प्रशिक्षण सत्रों में भाग लें और अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल से परिचित हों। मस्कुलोस्केलेटल विकारों को रोकने के लिए एर्गोनोमिक फर्नीचर का उपयोग करें और उचित आसन बनाए रखें। पीठ की चोटों से बचने के लिए उचित उठाने की तकनीक का अभ्यास करें। संबंधित अधिकारियों या सुरक्षा समितियों को संभावित खतरों की रिपोर्ट करें। मशीनरी का संचालन करते समय या खतरनाक पदार्थों के साथ काम करते समय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।

व्यक्तियों और संगठनों के लिए समान रूप से सुरक्षा को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। सुरक्षा के महत्व को पहचान कर, सामान्य खतरों से अवगत होकर, और उचित सुरक्षा उपायों को लागू करके, हम सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं जहाँ दुर्घटनाएँ और चोटें कम से कम हों। याद रखें, सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है, और सुरक्षा की संस्कृति को सक्रिय रूप से बढ़ावा देकर, हम जीवन की रक्षा कर सकते हैं और बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

FAQ Safety Speech in Hindi

प्रश्न: सबसे आम कार्यस्थल सुरक्षा खतरे क्या हैं?

उत्तर: सामान्य कार्यस्थल सुरक्षा खतरों में स्लिप, ट्रिप्स और गिरना, आग के खतरे, बिजली के खतरे और एर्गोनोमिक जोखिम शामिल हैं।

प्रश्न: व्यक्तिगत सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: खुद को संभावित नुकसान से बचाने और दुर्घटनाओं या चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा महत्वपूर्ण है।

प्रश्न: कार्यस्थल में सुरक्षा प्रशिक्षण की क्या भूमिका है?

उत्तर: सुरक्षा प्रशिक्षण कर्मचारियों को सुरक्षा जोखिमों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करता है, जिससे सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा मिलता है।

प्रश्न: मैं अपने संगठन में सुरक्षा संस्कृति को कैसे बढ़ावा दे सकता हूँ?

उत्तर: आप नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करके, सुरक्षा समितियों की स्थापना करके और सुरक्षा चिंताओं के बारे में खुले संचार को प्रोत्साहित करके सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं।

प्रश्न: आग लगने की आपात स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर: आग लगने की आपात स्थिति में, निकासी प्रक्रियाओं का पालन करें, दूसरों को सचेत करें, और आग बुझाने के यंत्रों का उपयोग करें यदि ऐसा करना सुरक्षित है।

हमें आशा है आप सभी को Safety Speech Hindi पसंद आया होगा। आप इस लेख को speech on Safety in Hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है।

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Safety Speech Topics in Hindi : जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम एवं महत्व 

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  • Updated on  
  • फरवरी 19, 2024

Safety Speech Topics in Hindi

देश की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रतिवर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इसका आयोजन सबसे पहले वर्ष 1972 में शुरू किया गया था। इस दिवस का आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 को श्रम मंत्रालय के द्वारा की गई थी।  

अक्सर स्कूल और कॉलेज के बच्चों को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण देने के लिए बोल दिया जाता है। यहाँ Safety Speech Topics in Hindi दिए जा रहे हैं। इनकी मदद से आप राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच तैयार कर सकते हैं।  

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व

यहाँ Safety Speech Topics in Hindi के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व बताया जा रहा है : 

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने को बढ़ावा देता है।
  • इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।
  • इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह दिन लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय (Safety Speech Topics in Hindi)

यहाँ Safety Speech Topics in Hindi के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय बताए जा रहे हैं : 

  • सामान्य जीवन में सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना 
  • देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना। 
  • कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करना।  
  • कर्मचारियों द्वारा भागीदारी की उच्च दर को सुनिश्चित किया जाना। 

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस वर्ष 2024 की थीम 

यहाँ Safety Speech Topics in Hindi के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस वर्ष 2024 की थीम बताई जा रही है : 

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम है “Safety For A Sustainable Future” (सेफ्टी फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर) इसका अर्थ है एक सतत पोषणीय भविष्य के लिए सुरक्षा। यह एक स्थाई भविष्य प्राप्त करने के लिए हमारे जीवन के पहलुओं को सुरक्षित किए जाने के विषय पर ज़ोर देता है। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Safety Speech Topics in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Safety Speech Topics in Hindi

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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर भाषण – Speech on National Safety day in Hindi

Speech on National Safety day

4 मार्च को हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाया जाता है, वहीं इस मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण भी दिए जाते हैं, जिससे लोग अपने चारों-तरफ की सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें, वहीं हो सकता है कि कभी आपको भी इस मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में भाषण देने की जरूरत पड़ जाए।

इसी उद्देश्य से हम आज आपको अपने इस लेख में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस या नेशनल सेक्योरिटी डे पर भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Speech on National Safety day

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर भाषण – Speech on National Safety day in Hindi

सम्मानीय अतिथि, सभी महामहिम और मेरे सभी छोटे-भाई-बहनों और यहां मौजूद साथियों को मेरा नमस्कार। सबसे पहले मै ..। आप सभी का इस कार्यक्रम में स्वागत करती हूं, आज मुझे बेहद खुशी हो रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर मुझे आप सभी लोगों के सामने भाषण देने का अवसर प्राप्त हुआ है।

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि देश के लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी एंड सेक्योरिटी डे) मनाया जाता है।

इस दिवस को एक सप्ताह तक मनाया जाता है, इस दौरान कई तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें न सिर्फ लोगों को देश की सुरक्षा के लिए जागृत किया जाता है, बल्कि उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा, नारी सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, मिलावटी खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों से सुरक्षा के प्रति भी जागरुक किया जाता है।

वहीं इस दौरान लोगों को सुरक्षा के कई तरीकों से भी अवगत करवाया जाता है, ताकि वे समय पड़ने पर खुद का बचाव कर सकें।

वहीं आज के इस मौके पर मै देश के सभी सुरक्षा विभाग और देश के वीर जवानों को देश की सुरक्षा करने के लिए शुक्रियादा अभिनंदन करती हूं / करता हूं। और उन वीर सपूतों के हौसले और जज्जे को सलाम करता हूं।

आज हमारा देश इन वीर सपूतों की वजह से ही दुश्मनों से सुरक्षित है, और इन्ही की वजह से ही हम सभी आज चैन की सांस ले पा रहे हैं, देश की सीमा पर तैनात जवान अपनी जान की परवाह किए बिना हमारी सुरक्षा करते हैं। जिससे देश में सुख,शांति और अमन का माहौल कायम रहे।

इसके साथ ही आपको बता दें कि औद्योगिक, स्वास्थ्य, सड़क और पर्यावरण आंदेलन समेत सुरक्षा के प्रति लोगों को जागृत करने के उद्देश्य से मनाया जाना वाला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को सबसे पहले नेशनल सेफ्टी काउंसिल द्धारा अस्तित्व मे लाया गया था।

वहीं 4 मार्च, 1966 के दिन भारत में नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी, इसलिए इस दिन को हर साल नेशनल सेफ्टी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वहीं इस दिवस को 7 दिन तक मनाया जाता है। इस दिवस को सरकारी और प्राइवेट सभी संस्थानों में बनाया जाता है।

जिसमें सुरक्षा को लेकर कई अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इस दौरान वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरस्कार वितरण, सेमिनार, बैनर प्रदर्शनी, खेल-कूद प्रतियोगिताओं द्धारा लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मद्दों को लेकर जागृत किया जाता है। इसके साथ ही इस दौरान औद्योगिक कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कई ट्रेनिंग प्रोग्राम का भी आयोजन किया जाता है।

नेशनल सेक्योरिटी डे मनाने का मतलब सिर्फ देश के दुश्मनों से देश की सुरक्षा करना ही नहीं बल्कि देश के सभी लोगों को बीमारियों से सुरक्षित करना भी है, अर्थात इस दौरान स्वच्छता के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाता है।

इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए भी इस दौरान लोगों को ट्रेनिंग दी जाती हैं और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से न सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े सभी मालिकों और कर्मचारियों को उनकी कानूनी जिम्मेदारी की याद दिलवाई जाती है, बल्कि वर्क प्लेस पर सुरक्षा को लेकर बढ़ावा भी दिया जाता है।

इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से लोगों में ऐतिहात बरतने वाली प्रवृत्ति भी विकसित की जाती है और खुद की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाता है। इस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।

सुरक्षा की जिम्मेदारी तो वैसे आपकी खुद की होती है, लेकिन फिर भी इस दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को खुद की सुरक्षा के प्रति ही जागरूक किया जाता है, इसलिए हर किसी को सुरक्षा से जुड़ी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए, तभी हम होने वाली तमाम तरह की परेशानियों और दुर्घटनाओं से बच सकें। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर एक स्लोगन के माध्यम से मै अपने भाषण को विराम देती हूं –

जीवन सुरक्षा की सर्वोपरि है, सुरक्षा बिना सब व्यर्थ है।।

धन्यवाद।

2 thoughts on “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर भाषण – Speech on National Safety day in Hindi”

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Bahut hi behtar speach hai..

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bahut hi acchi jankari diya hai sir ji aapne simple shabdho me bahut hi use full post hai….

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Safety Motivational Speech in Hindi

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जब TBT (Tool Box Talk ) दिया जा रहा है तो ऐसे समय में काम से सबंधित होने वाले से hazards और उससे संबन्धित Precaution  के अलावा काम करने के safe procedure के बारे में बताया जाता है. जिससे की काम के दौरान कम से कम accident/incident हो और सभी employee सुरक्षित रहें.इसलिए TBT के साथ safety motivational speech देते हैं कि workers motivate होकर safety procedure को follow करे.

लेकिन हम अक्सर देखते हैं की हमारे अच्छे TBT के बाद भी कहीं न कहीं workers के अंदर safety से संबान्धित जागरुकता नहीं आ पाती है और समय-समय पर दुर्घटना होती रहती है.

ऐसे में जब accident investigation करते हैं तो यह पाते हैं की worker के unsafe activity के कारण दुर्घटना घटित हुयी है क्योकि उसके अंदर safety को लेकर जितनी awareness चाहिए उतना awareness workers के अंदर नहीं है.

यही कारण है की हर रोज दुर्घटना हो रही हैं और कोई न कोई employee  इसकी चपेट में आ रहा है.जब कोई बड़ी दुर्घटना होती है और external audit होता है ऐसे में company के safety policy पर उँगली उठता है और बाहर में इसकी market value कम होने लगती हैं और contractorको आगे चल कर नए contract मिलने में समस्या होती है.

इस समस्या से पार पाना इतना आसान नहीं होता है.क्योकि इसमे direct worker responsible होता है.ऐसे में safety employee आखिर कब तक खड़ा होकर काम कराएगा, जिससे दुर्घटना पर विराम लग सके.

ऐसी स्थित से निपटने के लिए safety  employee के पास एक ही रास्ता बचता है कि वह employee से personally interact होकर इस समस्या का समाधान कर सकता है तो आइये उन बिन्दुओं पर चर्चा करते हैं जिससे TBT में बताने के बाद बाद हम परिणाम देखेंगे कि काफी हद तक दुर्घटना पर विराम लगा होता है workers के अंदर safety को लेकर awareness आ जाता है और हाँ इस TBT के दौरान safety motivational speech सुनना नहीं भूलना चाहिए.

  • Hazards of Confined Space in Hindi
  • Fire Hazards and Precaution

तो आइये उन बिन्दुओं के बारे में यहाँ पर चर्चा करते हैं जिससे की आसानी से workers के अंदर सुरक्षा से संबन्धित जागरुका ला सके-

TBT (Tool Box Talk ) Points-

1.Safety motivational story सुनाते समय पहली बात आप को बोलने की कला आनी चाहिए और जिससे की आप बोलने के दौरान workers से interact हो सके.

2.आप जहाँ कम कर रहे हैं उस क्षेत्र में होने वाले दुर्घटना के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जिससे की आप को वहाँ होने वाली दुर्घटना और उससे संबन्धित precaution के बारे में ब्ताने में आसानी हो.

3.आप की आवाज तेज और कडक होनी चाहिए जिससे की आप की आवाज एक दम पीछे तक सुनाई दे और कोई workers आपकी बात सुनने से वंचित न रह जाए.

4.जो काम हो रहा है उससे संबधित PPE के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जिससे बताने के दौरान आप confuse  न हो.

5.आप को बोलने के दौरान workers से उस कार्य से संबन्धित प्रश्न पूछना न भूलें और किसी workers के सही बताने पर प्रोत्साहित शब्द कहने से न चूकें .

6.किसी workers के द्वारा गलती करने पर उसे अशब्द न कहें उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें और इतना उससे familiar हो जाएँ, जिससे उसे अपने गलती पर पाश्चात्ताप हो सके.

7.अन्य site पर होने वाले दुर्घटना के बारे में बताए तथा उससे होने वाले personal injury के कारण से अवगत कराएँ.

8.उसे बात-बात में उसके family की याद दिलायेँ, जिससे वह unsafe activity करते समय अपने family को याद करे और safe activity करने के लिए बाध्य हो जाए.

  • General Safety Rules
  • Construction Safety

Emotional attachment-

Tbt के दौरान आप उन्हे कुछ इस तरह समझाएँ-.

आप यहाँ किसलिए आए हैं तो जवाब आएगा की पैसे कमाने के लिए? आप पैसा क्यों कमाना चाहते हैं?बीएस इसलिए की आप की family  अच्छे से रह सके आप के बच्चों की जरूरते पूरी हो सकें.उनके पढ़ाई-लिखाई अच्छे स्कूल में हो सके.आप के बीबी को किसी के घर जाकर बर्तन न साफ़ करनी पड़े.आप बस इसलिए दिन रात एक कर यहाँ कठिन परिश्रम करते हैं की आप अपनी जरूरतों को पूरा कर सके.

Company भी चाहती है की आप यहाँ कमाए और अपने सभी जरूरतों को पूरा कर सके लेकिन आप जो हैं कि ठान चुके हैं कि अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में शिक्षा नहीं दिलायेगें, अपने बीबी से घर-घर बर्तन माजवाएगे, बच्चों को हर चीझ के लिए तरसाएगे और माँ का इलाज के आभाव में जान लेके रहेगे.

क्या आप यही सब न चाहते हैं? अन्यथा सब कुछ जानते हुये भी आप safety को कैसे ignore कर सकते हैं.आप ज्यादा production के चक्कर में या supervisor के बहकावे में आकार आखिर क्यों unsafe activity करते हैं.

मेरी नज़र में तो आप वही चाहते हैं जो पत्नी और बच्चों के बारे में कहा हूँ.छोड़िए ये सब बातें आखिर मैं क्यों ऐसी बहकी-बहकी बातें कर रहा हूँ.आप तो खुद समझदार है लेकिन यही सोच कर मैं दंग रह जाता हूँ कि इतना समझदार होने के बाद भी आप ना समझी कैसे दिखाते हैं?

कैसे आप अपने बीबी, बच्चे और माँ का चेहरा भूल जाते हैं यह मेरे समझ से परे हो जाता है. मुझे तो कभी-कभी लगता है की आप के दिन में उन्हे प्रति थोड़ी भी मोहब्बत नहीं है.

आप को यह बात कड़वी ज़रूर लग रही है लेकिन आप  के activity को देखकर मैं यह कहने के लिए मजबूर हूँ.

खैर छोड़िए मैंने कुछ ज्यादा आप से familiar हो लिया और हो भी क्यों ना, घर जाने के बाद मेरी छोटी प्यारी बिटिया गले लगती है तो आप की याद जरूर आती है की आप को आखिर क्यों न अपने बेटी के गले लगना याद आता है कि आप सुरक्षित पहुंचेगे तभी तो अपने नन्ही- नन्ही उँगलियों से आप के गाल को प्यार से सहलाएगी.

मैं देख रहा हूँ यहाँ आप को अपने परिवार की याद आ रही है क्योकि लगभग सभी के आँखों के कोर गीले हो गए हैं लेकिन जब काम के लिए जाते हैं तो परिवार को कैसे भूल जाते हैं यह मेरे समझ में नहीं आता है.

आखिर क्यों इसका जवाब जब से यहाँ हूँ तब से लेकर आज तक नहीं सोच पाया हूँ, खैर ?

यहाँ पर परिवार से हटकर एक और उदाहरण के माध्यम से आप को आप को समझना चाहूँगा जिससे की आप को कहीं समझ आ जाये.

आप यहाँ 10 से 12 घंटे लगातार जी तोड़ मेहनत करते हैं तो मुश्किल से 400 से 500 रुपए आप को मिलते हैं और शायद आप अपने जान की कीमत इतनी ही लगाते हैं.

यह मैं इसलिए कहने पर मजबूर हो रहा हूँ और यह काफी हद तक सत्य भी है क्योंकि काम के दौरान आप कंपनी के लिए जान हथेली पर लेकर काम करते हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे आप जान हथेली पर लेकर काम करते हैं तो मैं आप को बताना चाहूँगा कि आप को company जो PPE (सुरक्षा कवच) देती है वह आप के और दुर्घटना के बीच के barrier का काम करती हैं और आप हैं कि उस barrier को खत्म करके काम करना पसंद करते हैं.

यही सब देखकर मैं यह कह सकता हूँ कि आप अपने जान की कीमत 400 से 500 रुपए लगाते हैं.

इसके साथ मैं अपनी बातों को विराम देता हूँ और आगे देखता हूँ की क्या सच में आप को अपने परिवार से मोहब्बत है या एक दूसरे को देखकर आँख की पलके नम हो गयी थी.

इसके अलावा कोई motivation story आप को याद हो तो उसे सुनाए जिससे की workers उससे inspire हो सके और safe ढंग से काम करने के लिए बाध्य हो जाये.

यहाँ मैं आप से एक story कहने जा रहा हूँ यह मेरी काल्पनिक कहानी है लेकिन इसी तरह की कहानी आप को बनानी होगी और TBT के समय सुनाना होगा जिससे उनके ऊपर इसका impact पड़ सके और वो safety के rules को follow कर सकेंगे-

  • Hierarchy of Hazards and Risk Control
  • How to Become a Good Safety Officer

Safety Motivational Speech-

कहानी कुछ इस तरह है-.

एक गाँव में एक दंपति रहता था.उसका एकलौता बेटा था. बेटा बड़ा ही शालिन और सभ्य था. पूरे गाँव के लोग अपने बच्चो को उसके शालीनता का उदाहरण देते थे. वह गाड़ी भी चलाता था तो उतनी ही शालीनता से. अपने जाने में वह traffic के सभी नियमों का पालन करता था लेकिन उसके अंदर एक कमी थी.वह कभी helmet नहीं लगाता था.उसका कहना था की वह गाड़ी कभी भी तेज अर्थात 40 km /hour से ज्यादा नहीं चलाता था. उसका कहना गलत था लेकिन वह over confidence था और कभी helmet नहीं पहनता था.

एक दिन की बात है वह बुना helmet पहले bike लेकर निकला और पीछे से आ रही अनियंत्रित bike ने उसे ठोकर मार दिया. वाग गिरा और उसका सर पत्थर से जाकर टकरा गया और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गयी.

अगर वह helmet पहना होता तो उसकी जान बच जाती लेकिन वह कभी हेलमेंट नहीं पहनता था और यही helmet न पहनना उसका काल बन गया.

लोग कह रहे थे की उसका संयोग था,इसको इसी से मारना था लेकिन मेरा कहना है यह संयोग नहीं उसकी लापरवाही थे जो मौत का कारण बनी.

इसी तह आप के अपने आस-पास के दुर्घटनाओं से का तह तक जाएँगे तो यही पाएंगे की कहीं न कहीं safety precaution का न follow करना मौत का कारण बना.

मैं नहीं चाहता की आप के साथ कुछ ऐसा हो, बस आप से विनती है की आप सुरक्षा के उन सभी नियमों का पालन करे जो आप से कहा जा रहा है. जिससे आप सुरक्षित रहे और आप के आसा-पास के लोग भी.

“यह रही safety motivational speech यह आप को कैसे लगा कमेंट कर ज़रूर बताएं”.

इसे भी जाने-

When More Accident Happen at Work Place II जब कार्य स्थल पर दुर्घटना बढ़ जाये

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Types of Fire II आग के प्रकार II उस पर काबू पाने की विधि

Common Hazards and their Controls Measures at Construction Site

“Safety Motivational Speech संबन्धित post पढ़ने के बाद कैसा लगा कॉमेंट करना न भूलें.”

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण 2023 | National Safety Day Speech in Hindi PDF

National Safety Day Speech

National Safety Day Speech in Hindi:- हर वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद संगठन के संस्थापक और संस्थापक सिद्धांतों को मनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम औद्योगिक दुर्घटनाओं की घटनाओं को कम करने की आवश्यकता पर जोर देता है। साथ ही उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर देता है जो किसी भी सुरक्षा कानूनों के माध्यम से संरक्षित नहीं किए गए हैं, जैसे कि निर्माण स्थल। अभियान कई संगठनों को उनके वैधानिक सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाली विभिन्न गतिविधियों के विकास में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। अभियान व्यापक, सामान्य और अधिकांश मामलों में अनुकूलनीय है।

वहीं बच्चों को छोटी उम्र से ही सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के महत्व के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं। बच्चों के जीवन में इस दिन को पहचानने के महत्व को उनके जीवन में जल्दी लाने से बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। वहीं इस दिन को मनाने के लिए अक्सर कई बार भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है पर हम समझ नहीं पाते कि भाषण कैसे दे और किस किस पॉइन्ट को अपने भाषण में जोड़े,

इस लेख के जरिए हम आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस से जुड़ी जरुरी जानकारियां मुहैया कराएंगे, जिससे आप अपनी प्रतियोगिता के लिए एक अच्छा भाषण तैयार करने में मदद मिलेगी।इस लेख को हमने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण national safety day Speech in Hindi, Speech on Safety in Hindi, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण कैसे दे,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण PDF के तहत तैयार किया है। इस लेख को पूरा पढ़े और एक बहतरीन भाषण तैयार करें। 

National Safety Day Speech in Hindi 

Speech on safety day in hindi | सुरक्षा दिवस पर भाषण हिंदी में.

यह दिल्ली में श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 11-13 दिसंबर 1965 को राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सुरक्षा परिषदों पर सहमति बनी,जिसके बाद फरवरी 1966 में स्थायी श्रम समिति के 24वें सत्र में एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के विचार को मंजूरी दी गई थी। भारत के श्रम मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का गठन किया गया था।

परिषद को पंजीकृत करने के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 का उपयोग किया गया था। 1950 के बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के परिणामस्वरूप NSC को भी आधिकारिक रूप से मान्यता मिल गई थी। 4 मार्च 1972 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कार्यक्रम की स्थापना की गई थी।1972 में, उद्घाटन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया गया था। तब से, यह हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है।

यह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसे 1965 में स्थापित किया गया था।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की मान्यता में, सुरक्षा और स्वच्छ प्रथाओं के महत्व पर जोर देना महत्वपूर्ण है, जिसे हर किसी को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।भारत में, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद घरेलू सुरक्षा, सड़क सुरक्षा , पर्यावरण सुरक्षा और यात्रा सुरक्षा जैसे मुद्दों में सक्रिय रूप से शामिल है।पूरे देश में संघीय और राज्य सरकारों दोनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।अपनी विशेषज्ञता को अन्य लोगों तक पहुँचाने के लिए बच्चे सुरक्षा प्रक्रियाओं, सम्मेलनों और संगोष्ठियों में भाग ले सकते हैं या वे प्रदर्शनियों और शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन में योगदान दे सकते हैं।

Raashtreey Suraksha Divas Par Bhaashan

सुरक्षित वातावरण उत्पादकता और खुशी के उच्च स्तर के अनुकूल होते हैं। सुरक्षा नियमों का मूल्यांकन, आवश्यक होने पर उन नियमों में संशोधन और उन दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन सुरक्षा संस्कृति बनाने में सभी आवश्यक कदम हैं। जैसा कि 4 मार्च 1966 को ऊपर उल्लेख किया गया है, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना श्रम मंत्रालय, भारत सरकार (GOI) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर SHE पर एक स्वैच्छिक आंदोलन को बनाए रखने के लिए की गई थी। यह एक शीर्ष गैर-लाभकारी, त्रिपक्षीय निकाय है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 और बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत पंजीकृत है। एनएससी के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाली गतिविधियाँ विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, सम्मेलन, सेमिनार और कार्यशाला आयोजित करने, सुरक्षा ऑडिट, जोखिम मूल्यांकन और जोखिम मूल्यांकन आदि जैसे परामर्श अध्ययन आयोजित करने सहित की जाती हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण कैसे दे

इतना ही नहीं, XIII वर्ल्ड कांग्रेस जैसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीयसम्मेलन (1993) और APOSHO सम्मेलन (1995 और 2016) इसने एनएससी द्वारा आयोजित कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं को भी लागू किया। 50 से अधिक वर्षों की सेवा के दौरान इसने उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों और क्षमता का निर्माण किया है।।वहीं आपको बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न तरीकों से मनाया जा सकता है। विभिन्न उद्योगों में सुरक्षा पर पेशेवर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, व्याख्यान, सेमिनार, शिखर सम्मेलन या सामुदायिक आउटरीच पहल की व्यवस्था करें या उसमें भाग लें।जोखिम मूल्यांकन, सुरक्षा आकलन और खतरे की पहचान सहित परामर्शी जांच को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) पहल के प्रचार के लिए योजना बनाएं और इसे क्रियान्वित करें।संगठनात्मक, क्षेत्रीय और काउंटी स्तर पर सुरक्षा की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए रणनीतियों में भाग लें।प्रासंगिक सुरक्षा नियमों के बारे में पुष्टि करें और सुधार के लिए सिफारिशें करें।जागरूकता बढ़ाने के लिए खोज और बचाव कार्यों और प्रदर्शनियों का आयोजन करें।SHE अभियान और उसके कारणों को बढ़ावा देने वाली प्रतियोगिताओं को व्यवस्थित करें और उनमें भाग लें।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण PDF | Raashtreey Suraksha Divas Speech pdf

औद्योगिक सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 4 से 10 मार्च तक भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। यह आयोजन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSCI) द्वारा आयोजित किया जाता है और देश भर के उद्योगों, कारखानों और कार्यस्थलों द्वारा मनाया जाता है।राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल में मौजूद विभिन्न खतरों और खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना और कर्मचारियों को उनसे बचने के तरीके के बारे में शिक्षित करना है। इस सप्ताह के दौरान, विभिन्न संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन विभिन्न सुरक्षा उपायों और पालन करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर श्रमिकों को शिक्षित करने के लिए किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का विषय हर साल बदलता है, और यह कार्यस्थल में सुरक्षा के एक विशिष्ट पहलू पर केंद्रित होता है। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में, विषयों में “युवा दिमाग का पोषण, सुरक्षा संस्कृति विकसित करना”, “आपदा से सीखें और सुरक्षित भविष्य की तैयारी करें”, “सुरक्षित रहें, स्वामित्व लें” आदि शामिल हैं।संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, जैसे निबंध लेखन, नारा लेखन और पोस्टर बनाना, श्रमिकों को भाग लेने और सुरक्षा के संदेश को फैलाने के लिए प्रोत्साहित करना।

National Safety Day Speech in Hindi

पहले उल्लिखित घटनाओं और गतिविधियों के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है। इस सप्ताह के दौरान, सुरक्षा पेशेवर और विशेषज्ञ अपने अनुभवों को साझा करने और कार्यस्थल में सुरक्षा में सुधार के नए और नए तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू सुरक्षा पहलों में श्रमिकों की भागीदारी पर जोर है। NSCI श्रमिकों को अपने कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है और अपने नियोक्ताओं के ध्यान में आने वाली किसी भी सुरक्षा चिंताओं या खतरों को लाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह भारत में एक महत्वपूर्ण घटना है जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेकर, कर्मचारी अपने कार्यस्थल में मौजूद विभिन्न खतरों के बारे में सीख सकते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है, इस प्रकार दुर्घटनाओं और चोटों के जोखिम को कम कर सकते हैं।

FAQ’s National Safety Day Speech in Hindi 

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है.

Ans. 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans. लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। 

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद क्या है?

 Ans. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो देश में श्रम की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाता है।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य क्या है?

Ans. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य आम जनता में यात्रा से लेकर स्वास्थ्य से लेकर कार्यस्थल सुरक्षा तक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

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National Safety Day Speech in Hindi – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण

National safety day speech in hindi

national safety day 2022:  राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया जाता है और 4 मार्च से एक सप्ताह का अभियान आयोजित किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान के रूप में जाना जाता है, जो किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है। इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भाषण , Speech की जानकारी देंगे|ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

National safety day speech in hindi

national safety day theme 2022: “Nurture young minds”. आज हमारे द्वारा दिए गए National Safety Day पर कुछ संक्षिप्त भाषण (short speech) और लंबे भाषण (long speech), निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन National Safety Day पर हिंदी स्पीच हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

चाहे दुनिया का कोई भी देश क्यों ना हो,उस देश की सीमाओं,वहाँ के नागरिकों,महिलाओं और बच्चों की,साथ ही साथ देश की भूमि,पर्यावरण,प्राकृतिक संसाधनों,फसलों, जंगलों, पेड़ पौधों, जीवजन्तुओं तथा जल आदि की सुरक्षा अति आवश्यक है।और अपने देश,वहां के हर नागरिक व समाज की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसी कर्तव्य को निभाने के लिए “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह (National Safety Day in India)“ मनाया जाता है।जहां पर लोगों को अपने और अपने लोगों की, अपने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनको इस बारे में जानकारी भी दी जाती हैं। क्या है भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” की स्थापना हुई थी।भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है।यह संस्था लोक सेवा के लिए बनाई गई है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी और गैर सरकारी संस्था है।इसकी स्थापना “सोसाइटी एक्ट” के तहत 4 मार्च 1966 को मुंबई में की गई। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना (Establishment of National Safety Day in India) 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।1972 में “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” द्वारा 4 मार्च को “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day in India)” मनाने का निर्णय लिया गया।इसीलिए 4 मार्च हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) के रूप में मनाया जाता है।शुरुआत में इसके सदस्यों की कुल संख्या 8000 थी। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य (Aim to celebrate National Safety Day in India) कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) प्रतिवर्ष 4 मार्च को पूरे देश में मनाया जाता है।4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी।तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने पर विशेष ध्यान देने सम्बन्धी अपने वक्तव्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत थी। यह दिवस (National Safety Day in India) भारत के उन वीर अमर सपूतों को भी समर्पित हैं।जिन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की।यह देश इन दिनों भारत माता के इन सपूतों को नमन तथा याद करता है जिन्होंने अपनी मातृभूमि को अपने खून से सींचा है। देश की सीमाओं के ये प्रहरी (सैनिक) दिन देखते हैं ना रात, धूप देखते ना छांव, भूमि देखते हैं ना ग्लेशियर।बस रात दिन अपने देश की सीमाओं की रक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहते हैं।ताकि देश में अमन व शांति का माहौल बना रहे।देशवासी चैन की सांस ले सकें और निश्चिंत होकर सो सके। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety Week in India) भारत में प्रतिवर्ष 4 मार्च को National Safety Day मनाया जाता है।लेकिन यह एक दिवसीय कार्यक्रम ना होकर पूरे एक सप्ताह का कार्यक्रम होता है। यानी राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान को पूरे एक सप्ताह ( 4 मार्च से 10 मार्च ) तक देशभर में चलाया जाता है।इसीलिए इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety week) ” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भारत के सभी नागरिकों को अपनी सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है।साथ ही यह कार्यक्रम विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मनाया जाता है।इसीलिए उद्योगपतियों द्वारा कर्मचारियों /श्रमिकों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं। इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है।इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में श्रमिकों को नियमों तथा उनसे जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।

4th march national safety day speech in hindi/नेशनल सेफ्टी डे स्पीच

प्रस्तावना / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है – लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब है / राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है / राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह कब मनाया जाता है – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है।  वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास – भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य – विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2022 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। उपसंहार – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

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National Safety Day/Safety Week Campaign focuses on the importance of reduction of the rate of industrial accidents and also focuses on the areas that have not yet been covered by any safety legislation. The campaign urges several organisations to participate in developing several activities as per their legal safety requirements. The campaign is mostly comprehensive, general and flexible. National Safety Day: Objectives – To spread Safety, Health and Environment (SHE) movement to various parts of the country. – To ensure the participation of different industrial sectors at different levels. – To promote a participative approach for the employees in SHE activities. – To promote several developmental activities required for self-compliance and professional SHE management systems at workplaces. – To cover voluntary SHE movement sectors. – To motivate and remind employers, employees, and others of their responsibility in making the workplace safer. Note: The above objectives highlight the overall goal of creating and strengthening SHE culture in the workplace and integrate it with the work culture. National Safety Day: History The Ministry of Labour, Government of India set up the National Safety Council of India (NSC) on 4 March 1966. To develop and sustain the movement on SHE that is focusing on safety, Health and Environment at the national level. Basically, NSC is an autonomous body. Therefore, the foundation day of the National Safety Council was decided to observe as National Safety Day in 1972. It was also decided to celebrate it as National Safety Week (NSW) Campaign that will last for one week. Let us tell you that in 1962 during the 22nd Labour Minister’s Conference a decision was taken in a conference focusing on ‘Safety in factories’. About National Safety Council (NSC) As mentioned above on 4 March 1966, the National Safety Council was established by the Ministry of Labour, Government of India (GOI) to sustain a voluntary movement on SHE at the national level. It is an apex non-profit making, tripartite body that is registered under the Societies Registration Act 1860 and the Bombay Public Trust Act 1950. Activities focusing on the objectives of NSC are performed including conducting specialised training courses, conferences, seminars, and workshops, conducting consultancy studies like safety audits, hazard evaluation, and risk assessment, etc. Not only this several national and international conferences like XIII World Congress (1993) and APOSHO Conferences (1995 and 2016). It also implemented several prestigious projects that are organised by NSC. In the course of more than 50 years of service, it has built technical experts and competence to meet the emerging challenges.

National safety day speech in telugu

పరిచయం / జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం అంటే ఏమిటి – ప్రజలలో భద్రతపై అవగాహన పెంచేందుకు ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4న జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లేదా జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాల ప్రచారం నిర్వహిస్తారు. నేషనల్ సెక్యూరిటీ కౌన్సిల్ ఆఫ్ ఇండియా అనేది స్వయం పాలనా సంస్థ, ప్రజా సేవ కోసం లాభాపేక్ష లేని మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థ, కొంతమంది సభ్యులతో ముంబైలో సొసైటీస్ చట్టం ప్రకారం 4 మార్చి 1966న స్థాపించబడింది. భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణ మద్దతు సేవతో వారికి ప్రయోజనం చేకూర్చడం ద్వారా ఆర్థిక నష్టం మరియు వివిధ మానవ సమస్యలతో సహా వారి జీవితాలను సురక్షితంగా ఉంచడానికి జాతీయ భద్రతా ప్రచారం వార్షిక ప్రాతిపదికన నిర్వహించబడుతుంది. ప్రైవేట్ రంగాలలో విస్తృతమైన భద్రతా అవగాహన కార్యక్రమాలను నిర్వహించడం ద్వారా పారిశ్రామిక ప్రమాదాల పట్ల ఎలా జాగ్రత్త వహించాలో ప్రజలకు తెలియజేయడానికి ఈ రోజును పూర్తి ఉత్సాహంతో జరుపుకుంటారు. జాతీయ భద్రతా ప్రచారం వారం పొడవునా అమలు చేయబడుతుంది, ఈ సమయంలో భద్రతా అవసరాల క్రింద ప్రజల కోసం వివిధ రకాల ప్రత్యేక కార్యకలాపాలు ప్రదర్శించబడతాయి. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం ఎప్పుడు / జాతీయ భద్రతా వారం ఎప్పుడు / జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం ఎప్పుడు జరుపుకుంటారు / జాతీయ భద్రతా వారోత్సవం ఎప్పుడు జరుపుకుంటారు నేషనల్ సేఫ్టీ డే లేదా నేషనల్ సేఫ్టీ వీక్ అనేది ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4 నుండి మార్చి 10 వరకు జరుపుకునే ఒక-వారం భద్రతా ప్రచారం. 2021 సంవత్సరంలో, మార్చి 4 గురువారం నుండి మార్చి 10 బుధవారం వరకు జాతీయ భద్రతా వారోత్సవం నిర్వహించబడుతుంది. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం చరిత్ర – నేషనల్ సెక్యూరిటీ కౌన్సిల్ ఆఫ్ ఇండియా అనేది స్వయం పాలనా సంస్థ, ప్రజా సేవ కోసం లాభాపేక్ష లేని మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థ, కొంతమంది సభ్యులతో ముంబైలో సొసైటీస్ చట్టం ప్రకారం 4 మార్చి 1966న స్థాపించబడింది. ఈ సందర్భంగా అప్పటి రాష్ట్రపతి డాక్టర్ సర్వేపల్లి రాధాకృష్ణన్ పారిశ్రామిక భద్రతపై విస్తృత చైతన్యం తీసుకురావాలని ప్రకటించగా ఎనిమిది వేల మంది సభ్యులు పాల్గొన్నారు. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లక్ష్యం – వివిధ ఆరోగ్య మరియు పర్యావరణ ఉద్యమాలతో సహా భద్రత గురించి ప్రజలకు అవగాహన కల్పించడానికి జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం లేదా జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాలను దేశవ్యాప్తంగా జాతీయ స్థాయిలో జరుపుకుంటారు. పని ప్రదేశాలలో భద్రతను పెంచడానికి భారతదేశం అంతటా జాతీయ భద్రతా దినోత్సవాన్ని జరుపుకుంటారు. భద్రతను పెంపొందించడం కౌన్సిల్ బాధ్యత మాత్రమే కాదు, అందరి సహకారం ఉండాలి. రాష్ట్రపతి డాక్టర్ సర్వేపల్లి రాధాకృష్ణన్ ప్రారంభించినది, కార్యక్షేత్రాల ఆధారిత కార్యకలాపాలను ప్రోత్సహించడం, చట్టపరమైన అవసరాలకు స్వీయ-అనుకూలత మరియు వృత్తిపరమైన (భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణం) కార్యకలాపాలను కార్యాలయంలో విజయవంతం చేయడానికి ఉద్యోగులలో ప్రోత్సహించడం అవసరం. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం గురించి ప్రజలకు అవగాహన కల్పించేందుకు ప్రభుత్వం వివిధ రకాల కార్యక్రమాలను నిర్వహిస్తుంది, సంస్థ ఉద్యోగులు భద్రతా కార్యక్రమాలను ప్రదర్శించడం, ప్రచారానికి సంబంధించిన చిత్రాలను ప్రదర్శించడం, ప్రచారానికి సంబంధించిన ప్రజలకు బహుమతులు పంపిణీ చేయడం, పెట్టడం. ప్రచారం నుండి పోస్టర్లు, నినాదాల పంపిణీ, చర్చలు, సెమినార్లు మొదలైన వివిధ పబ్లిక్ ఫంక్షన్లు. ఈ వారం మొత్తం క్రింది జాతీయ స్థాయి కార్యకలాపాలు జరుగుతాయి. వివిధ ఆరోగ్య మరియు పర్యావరణ ఉద్యమాలతో సహా ప్రజలకు భద్రత గురించి అవగాహన కల్పించడం మరియు వివిధ పారిశ్రామిక ప్రాంతాలలో కీలకమైన భద్రతా పాత్రను పోషించడానికి పెద్ద ఎత్తున ప్రజల భాగస్వామ్యాన్ని పొందడం జాతీయ భద్రతా వారోత్సవాల లక్ష్యం. ఈ సామూహిక ప్రచారం కంపెనీ యజమానులు తమ ఉద్యోగులలో భద్రత, ఆరోగ్యం మరియు పర్యావరణ కార్యకలాపాలను ప్రోత్సహించడం ద్వారా భాగస్వామ్య విధానాన్ని ఉపయోగించడాన్ని ప్రోత్సహిస్తుంది. జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం థీమ్ – జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం 2022 యొక్క థీమ్ “అధునాతన సాంకేతికతను ఉపయోగించడం ద్వారా భద్రత మరియు ఆరోగ్య పనితీరును మెరుగుపరచండి”. అయితే 2022 జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం థీమ్ ఇంకా నిర్ధారించబడలేదు. ఎపిలోగ్ – జాతీయ భద్రతా దినోత్సవం అనేది ప్రతి సంవత్సరం మార్చి 4 నుండి మార్చి 10 వరకు జరుపుకునే ఒక వారం భద్రతా ప్రచారం. ఇది ఆరోగ్య సంస్థలు మరియు పరిశ్రమ సభ్యులతో సహా ప్రభుత్వ మరియు ప్రభుత్వేతర సంస్థల ఏకకాల సంఘం ద్వారా జరుపుకుంటారు. కింది లక్ష్యాలను సాధించడానికి, నినాదాలు మరియు సందేశాలతో పాటుగా కేంద్రంగా రూపొందించబడిన అన్ని ప్రకటనల సామగ్రిని మరియు బ్యాడ్జ్‌లు, స్టిక్కర్‌లు, బ్యానర్‌లు, ఇన్‌స్ట్రక్షన్ కార్డ్‌లు మొదలైన ఉపయోగకరమైన ప్రింట్‌లను అందిస్తుంది. కార్యాలయంలోని వ్యక్తుల మధ్య కార్యకలాపాలను అభివృద్ధి చేయడం మరియు బలోపేతం చేయడం అనే లక్ష్యాన్ని సాధించడం. వారి బాధ్యతను బాగా నెరవేర్చడానికి, పారిశ్రామిక కార్మికులకు వివిధ విషయాలపై భద్రతా కార్యకలాపాల ఆధారంగా విద్యా కార్యక్రమాలు నిర్వహించబడతాయి.

National safety day speech in tamil pdf

அறிமுகம் / தேசிய பாதுகாப்பு தினம் என்றால் என்ன – மக்களிடையே பாதுகாப்பு விழிப்புணர்வை அதிகரிக்க ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 ஆம் தேதி தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வார பிரச்சாரம் கொண்டாடப்படுகிறது. இந்திய தேசிய பாதுகாப்பு கவுன்சில் என்பது சுயராஜ்ய அமைப்பு, பொது சேவைக்கான இலாப நோக்கற்ற மற்றும் அரசு சாரா அமைப்பாகும், இது மும்பையில் சில உறுப்பினர்களுடன் சங்கங்கள் சட்டத்தின் கீழ் 4 மார்ச் 1966 இல் நிறுவப்பட்டது. பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் ஆதரவு சேவை மூலம் அவர்களுக்குப் பயனளிக்கும் வகையில் பொருளாதார இழப்பு மற்றும் பல்வேறு மனிதப் பிரச்சனைகள் உட்பட அவர்களின் உயிர்களைப் பாதுகாப்பதற்காக ஆண்டுதோறும் தேசிய பாதுகாப்பு பிரச்சாரம் மேற்கொள்ளப்படுகிறது. தனியார் துறைகளில் பரந்த அளவிலான பாதுகாப்பு விழிப்புணர்வு நிகழ்ச்சிகளை நடத்துவதன் மூலம் தொழில்துறை விபத்துக்களில் எவ்வாறு ஜாக்கிரதையாக இருக்க வேண்டும் என்பது குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்துவதற்காக இந்த நாள் முழு உற்சாகத்துடன் கொண்டாடப்படுகிறது. தேசிய பாதுகாப்பு பிரச்சாரம் வாரம் முழுவதும் இயங்குகிறது, இதன் போது பாதுகாப்பு தேவைகளின் கீழ் மக்களுக்கு பல்வேறு சிறப்பு நடவடிக்கைகள் காட்டப்படும். தேசிய பாதுகாப்பு தினம் எப்போது / தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் எப்போது / தேசிய பாதுகாப்பு தினம் எப்போது கொண்டாடப்படுகிறது / தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் எப்போது கொண்டாடப்படுகிறது தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் என்பது ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 முதல் மார்ச் 10 வரை கொண்டாடப்படும் ஒரு வார பாதுகாப்பு பிரச்சாரமாகும். 2021 ஆம் ஆண்டில், தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் மார்ச் 4 வியாழன் முதல் மார்ச் 10 புதன்கிழமை வரை அனுசரிக்கப்படும். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் வரலாறு – இந்திய தேசிய பாதுகாப்பு கவுன்சில் என்பது சுயராஜ்ய அமைப்பு, பொது சேவைக்கான இலாப நோக்கற்ற மற்றும் அரசு சாரா அமைப்பாகும், இது மும்பையில் சில உறுப்பினர்களுடன் சங்கங்கள் சட்டத்தின் கீழ் 4 மார்ச் 1966 இல் நிறுவப்பட்டது. இந்தச் சந்தர்ப்பத்தில், அப்போதைய குடியரசுத் தலைவர் டாக்டர் சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன், தொழில்துறை பாதுகாப்புக்கான பரந்த விழிப்புணர்வை உருவாக்குவதாக அறிவித்தார், இதில் எட்டாயிரம் உறுப்பினர்கள் பங்கேற்றனர். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் நோக்கம் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் அல்லது தேசிய பாதுகாப்பு வாரம் நாடு முழுவதும் தேசிய அளவில் கொண்டாடப்பட்டு பல்வேறு சுகாதார மற்றும் சுற்றுச்சூழல் இயக்கங்கள் உட்பட பாதுகாப்பு குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்துகிறது. பணியிடங்களில் பாதுகாப்பை அதிகரிக்க இந்தியா முழுவதும் தேசிய பாதுகாப்பு தினம் கொண்டாடப்படுகிறது. பாதுகாப்பை மேம்படுத்துவது சபையின் பொறுப்பு மட்டுமல்ல அது அனைவரின் ஒத்துழைப்பாகவும் இருக்க வேண்டும். குடியரசுத் தலைவர் டாக்டர். சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன் அவர்களால் தொடங்கப்பட்டது, பணியிடத்தில் உள்ள ஊழியர்களிடையே செயல்பாடுகள் சார்ந்த செயல்பாடுகள், சட்டத் தேவைகளுடன் சுய இணக்கம் மற்றும் தொழில்முறை (பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல்) செயல்பாடுகளை ஊக்குவிப்பது அவசியம். தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தை பற்றி மக்களுக்கு விழிப்புணர்வு ஏற்படுத்தும் வகையில், நிறுவன ஊழியர்களின் பாதுகாப்பு நிகழ்ச்சிகள், பிரச்சாரம் தொடர்பான திரைப்படங்கள் காட்டுதல், பிரச்சாரம் தொடர்பான மக்களுக்கு பரிசுகள் வழங்குதல், போடுதல் என பல்வேறு வகையான நிகழ்ச்சிகளை அரசு ஏற்பாடு செய்கிறது. பிரச்சாரத்தின் சுவரொட்டிகள், முழக்க விநியோகம், கலந்துரையாடல்கள், கருத்தரங்குகள் போன்ற பல்வேறு பொது நிகழ்ச்சிகள். பின்வரும் தேசிய அளவிலான நடவடிக்கைகள் வாரம் முழுவதும் நடத்தப்படுகின்றன. தேசிய பாதுகாப்பு வாரத்தின் குறிக்கோள், பல்வேறு சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் இயக்கங்கள் உள்ளிட்ட பாதுகாப்பு குறித்து மக்களுக்கு விழிப்புணர்வை ஏற்படுத்துவதும், பல்வேறு தொழில்துறை பகுதிகளில் முக்கிய பாதுகாப்புப் பாத்திரத்தை வகிக்க பெரிய அளவில் மக்களின் பங்களிப்பைப் பெறுவதும் ஆகும். இந்த வெகுஜன பிரச்சாரம் நிறுவன உரிமையாளர்கள் தங்கள் ஊழியர்களிடையே பாதுகாப்பு, சுகாதாரம் மற்றும் சுற்றுச்சூழல் நடவடிக்கைகளை மேம்படுத்துவதன் மூலம் பங்கேற்பு அணுகுமுறையைப் பயன்படுத்துவதை ஊக்குவிக்கிறது. தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் தீம் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் 2022 இன் கருப்பொருள் “மேம்பட்ட தொழில்நுட்பத்தைப் பயன்படுத்தி பாதுகாப்பு மற்றும் ஆரோக்கிய செயல்திறனை மேம்படுத்துதல்” என்பதாகும். இருப்பினும் 2022 தேசிய பாதுகாப்பு தினத்தின் தீம் இன்னும் உறுதிப்படுத்தப்படவில்லை. எபிலோக் – தேசிய பாதுகாப்பு தினம் என்பது ஒவ்வொரு ஆண்டும் மார்ச் 4 முதல் மார்ச் 10 வரை கொண்டாடப்படும் ஒரு வார பாதுகாப்பு பிரச்சாரமாகும். இது சுகாதார நிறுவனங்கள் மற்றும் தொழில்துறை உறுப்பினர்கள் உட்பட அரசு மற்றும் அரசு சாரா நிறுவனங்களின் ஒரே நேரத்தில் கூட்டமைப்பால் கொண்டாடப்படுகிறது. பின்வரும் இலக்குகளை அடைவதற்காக, ஸ்லோகங்கள் மற்றும் செய்திகளுடன், மையமாக வடிவமைக்கப்பட்ட அனைத்து விளம்பரப் பொருட்களையும் பேட்ஜ்கள், ஸ்டிக்கர்கள், பேனர்கள், அறிவுறுத்தல் அட்டைகள் போன்ற பயனுள்ள பிரிண்ட்களையும்  வழங்குகிறது. பணியிடத்தில் உள்ள மக்களிடையே  செயல்பாடுகளை மேம்படுத்துதல் மற்றும் வலுப்படுத்துதல் என்ற இலக்கை அடைய. அவர்களின் பொறுப்பை மிகச் சிறப்பாக நிறைவேற்றும் வகையில், தொழில்துறை தொழிலாளர்களுக்கு பல்வேறு பாடங்களில் பாதுகாப்பு நடவடிக்கைகள் அடிப்படையிலான கல்வித் திட்டங்கள் வைக்கப்படுகின்றன.

National safety day speech in kannada

ಪರಿಚಯ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಎಂದರೇನು – ಜನರಲ್ಲಿ ಭದ್ರತಾ ಜಾಗೃತಿಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಲು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರದ ಅಭಿಯಾನವನ್ನು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಂದು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಭಾರತದ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಮಂಡಳಿಯು ಸ್ವ-ಆಡಳಿತ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸೇವೆಗಾಗಿ ಲಾಭರಹಿತ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಕೆಲವು ಸದಸ್ಯರೊಂದಿಗೆ ಮುಂಬೈನಲ್ಲಿ ಸೊಸೈಟೀಸ್ ಆಕ್ಟ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ 4 ಮಾರ್ಚ್ 1966 ರಂದು ಸ್ಥಾಪಿಸಲಾಗಿದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವನ್ನು ವಾರ್ಷಿಕ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ಆರ್ಥಿಕ ನಷ್ಟ ಮತ್ತು ವಿವಿಧ ಮಾನವ ಸಮಸ್ಯೆಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಬೆಂಬಲ ಸೇವೆಯೊಂದಿಗೆ ಅವರಿಗೆ ಪ್ರಯೋಜನವನ್ನು ನೀಡುವ ಮೂಲಕ ಅವರ ಜೀವನವನ್ನು ಸುರಕ್ಷಿತಗೊಳಿಸಲು ಕೈಗೊಳ್ಳಲಾಗುತ್ತದೆ. ಖಾಸಗಿ ವಲಯಗಳಲ್ಲಿ ವ್ಯಾಪಕವಾದ ಸುರಕ್ಷತಾ ಜಾಗೃತಿ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ನಡೆಸುವ ಮೂಲಕ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಅಪಘಾತಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಹೇಗೆ ಎಚ್ಚರವಹಿಸಬೇಕು ಎಂಬುದರ ಕುರಿತು ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ಈ ದಿನವನ್ನು ಪೂರ್ಣ ಉತ್ಸಾಹದಿಂದ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವು ವಾರವಿಡೀ ನಡೆಯುತ್ತದೆ, ಈ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಭದ್ರತಾ ಅಗತ್ಯಗಳ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ ಜನರಿಗೆ ವಿವಿಧ ವಿಶೇಷ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಪ್ರದರ್ಶಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಯಾವಾಗ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರ ಯಾವಾಗ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವನ್ನು ಯಾವಾಗ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ / ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹವನ್ನು ಯಾವಾಗ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ವಾರವು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ರವರೆಗೆ ಆಚರಿಸಲಾಗುವ ಒಂದು ವಾರದ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವಾಗಿದೆ. 2021 ರಲ್ಲಿ, ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ವಾರವನ್ನು ಮಾರ್ಚ್ 4 ಗುರುವಾರದಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ಬುಧವಾರದವರೆಗೆ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಇತಿಹಾಸ – ಭಾರತದ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಭದ್ರತಾ ಮಂಡಳಿಯು ಸ್ವ-ಆಡಳಿತ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಸೇವೆಗಾಗಿ ಲಾಭರಹಿತ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಯಾಗಿದ್ದು, ಕೆಲವು ಸದಸ್ಯರೊಂದಿಗೆ ಮುಂಬೈನಲ್ಲಿ ಸೊಸೈಟೀಸ್ ಆಕ್ಟ್ ಅಡಿಯಲ್ಲಿ 4 ಮಾರ್ಚ್ 1966 ರಂದು ಸ್ಥಾಪಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಎಂಟು ಸಾವಿರ ಸದಸ್ಯರು ಭಾಗವಹಿಸಿದ್ದ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಸುರಕ್ಷತೆಗಾಗಿ ವ್ಯಾಪಕ ಪ್ರಜ್ಞೆ ಮೂಡಿಸುವುದಾಗಿ ಅಂದಿನ ರಾಷ್ಟ್ರಪತಿ ಡಾ.ಸರ್ವೆಪಲ್ಲಿ ರಾಧಾಕೃಷ್ಣನ್ ಘೋಷಿಸಿದ್ದರು. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಉದ್ದೇಶ – ವಿವಿಧ ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಳುವಳಿಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನ ಅಥವಾ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹವನ್ನು ದೇಶಾದ್ಯಂತ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಟ್ಟದಲ್ಲಿ ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳಗಳಲ್ಲಿ ಸುರಕ್ಷತೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಲು ಭಾರತದಾದ್ಯಂತ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಭದ್ರತೆಯನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವುದು ಪರಿಷತ್ತಿನ ಜವಾಬ್ದಾರಿ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ ಅದು ಎಲ್ಲರ ಸಹಕಾರವೂ ಆಗಿರಬೇಕು. ಅಧ್ಯಕ್ಷ ಡಾ. ಸರ್ವಪಲ್ಲಿ ರಾಧಾಕೃಷ್ಣನ್ ಅವರು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿದ, ಇದು ಯಶಸ್ವಿಯಾಗಲು ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳದಲ್ಲಿ ಉದ್ಯೋಗಿಗಳಲ್ಲಿ ಚಟುವಟಿಕೆ ಆಧಾರಿತ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳು, ಕಾನೂನು ಅವಶ್ಯಕತೆಗಳೊಂದಿಗೆ ಸ್ವಯಂ ಅನುಸರಣೆ ಮತ್ತು ವೃತ್ತಿಪರ (ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ) ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವುದು ಅವಶ್ಯಕ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸಲು ಸರ್ಕಾರವು ವಿವಿಧ ರೀತಿಯ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ಆಯೋಜಿಸುತ್ತದೆ, ಉದಾಹರಣೆಗೆ ಸಂಸ್ಥೆಯ ನೌಕರರು ಸುರಕ್ಷತಾ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳ ಪ್ರದರ್ಶನ, ಅಭಿಯಾನಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಚಲನಚಿತ್ರಗಳ ಪ್ರದರ್ಶನ, ಅಭಿಯಾನಕ್ಕೆ ಸಂಬಂಧಿಸಿದ ಜನರಿಗೆ ಬಹುಮಾನ ವಿತರಣೆ, ಹಾಕುವುದು. ಪ್ರಚಾರದ ಪೋಸ್ಟರ್‌ಗಳು, ಘೋಷಣೆ ವಿತರಣೆ, ಚರ್ಚೆಗಳು, ವಿಚಾರ ಸಂಕಿರಣಗಳು ಮುಂತಾದ ವಿವಿಧ ಸಾರ್ವಜನಿಕ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳು. ಈ ಕೆಳಗಿನ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಮಟ್ಟದ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳು ಇಡೀ ವಾರ ನಡೆಯುತ್ತವೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ಸಪ್ತಾಹದ ಗುರಿಯು ವಿವಿಧ ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಳುವಳಿಗಳು ಸೇರಿದಂತೆ ಸುರಕ್ಷತೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಜನರಿಗೆ ಅರಿವು ಮೂಡಿಸುವುದು ಮತ್ತು ವಿವಿಧ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಪ್ರದೇಶಗಳಲ್ಲಿ ಪ್ರಮುಖ ಸುರಕ್ಷತಾ ಪಾತ್ರವನ್ನು ವಹಿಸಲು ದೊಡ್ಡ ಪ್ರಮಾಣದಲ್ಲಿ ಜನರ ಭಾಗವಹಿಸುವಿಕೆಯನ್ನು ಪಡೆಯುವುದು. ಈ ಸಾಮೂಹಿಕ ಅಭಿಯಾನವು ಕಂಪನಿಯ ಮಾಲೀಕರಿಂದ ತಮ್ಮ ಉದ್ಯೋಗಿಗಳಲ್ಲಿ ಸುರಕ್ಷತೆ, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಪರಿಸರ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಉತ್ತೇಜಿಸುವ ಮೂಲಕ ಭಾಗವಹಿಸುವ ವಿಧಾನವನ್ನು ಪ್ರೋತ್ಸಾಹಿಸುತ್ತದೆ. ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಥೀಮ್ – ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ 2022 ರ ಥೀಮ್ “ಸುಧಾರಿತ ತಂತ್ರಜ್ಞಾನದ ಬಳಕೆಯಿಂದ ಸುರಕ್ಷತೆ ಮತ್ತು ಆರೋಗ್ಯ ಕಾರ್ಯಕ್ಷಮತೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸಿ”. ಆದಾಗ್ಯೂ 2022 ರ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನದ ಥೀಮ್ ಇನ್ನೂ ದೃಢೀಕರಿಸಲಾಗಿಲ್ಲ. ಉಪಸಂಹಾರ – ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಸುರಕ್ಷತಾ ದಿನವು ಪ್ರತಿ ವರ್ಷ ಮಾರ್ಚ್ 4 ರಿಂದ ಮಾರ್ಚ್ 10 ರವರೆಗೆ ಒಂದು ವಾರದ ಭದ್ರತಾ ಅಭಿಯಾನವಾಗಿದೆ. ಆರೋಗ್ಯ ಸಂಸ್ಥೆಗಳು ಮತ್ತು ಉದ್ಯಮದ ಸದಸ್ಯರು ಸೇರಿದಂತೆ ಸರ್ಕಾರ ಮತ್ತು ಸರ್ಕಾರೇತರ ಸಂಸ್ಥೆಗಳ ಏಕಕಾಲಿಕ ಸಂಘದಿಂದ ಇದನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕೆಳಗಿನ ಗುರಿಗಳನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು, ಘೋಷಣೆಗಳು ಮತ್ತು ಸಂದೇಶಗಳ ಜೊತೆಗೆ ಎಲ್ಲಾ ಕೇಂದ್ರೀಕೃತ ಜಾಹೀರಾತು ಸಾಮಗ್ರಿಗಳನ್ನು ಮತ್ತು ಬ್ಯಾಡ್ಜ್‌ಗಳು, ಸ್ಟಿಕ್ಕರ್‌ಗಳು, ಬ್ಯಾನರ್‌ಗಳು, ಸೂಚನಾ ಕಾರ್ಡ್‌ಗಳು ಮುಂತಾದ ಉಪಯುಕ್ತ ಮುದ್ರಣಗಳನ್ನು ಒದಗಿಸುತ್ತದೆ. ಕೆಲಸದ ಸ್ಥಳದಲ್ಲಿ ಜನರಲ್ಲಿ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸುವ ಮತ್ತು ಬಲಪಡಿಸುವ ಗುರಿಯನ್ನು ಸಾಧಿಸಲು. ತಮ್ಮ ಜವಾಬ್ದಾರಿಯನ್ನು ಚೆನ್ನಾಗಿ ಪೂರೈಸುವ ಸಲುವಾಗಿ, ಸುರಕ್ಷತಾ ಚಟುವಟಿಕೆಗಳ ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಕಾರ್ಯಕ್ರಮಗಳನ್ನು ವಿವಿಧ ವಿಷಯಗಳ ಮೇಲೆ ಕೈಗಾರಿಕಾ ಕಾರ್ಮಿಕರಿಗೆ ಇರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ.

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सड़क सुरक्षा पर भाषण

क्या आपको सड़क सुरक्षा पर एक लम्बा और छोटा भाषण लिखने के लिए कहा गया है और आपको पता नहीं कि कहाँ से शुरू करें? इसके लिए ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अगर आपके पास कोई लिखित भाषण नहीं है लेकिन सड़क सुरक्षा पर भाषण देने और अपने दर्शकों को प्रभावित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है तो आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से भाषण देख सकते हैं। आप निश्चित रूप से उन्हें एक संदर्भ बिंदु के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं और इस विषय पर अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।

सड़क सुरक्षा पर भाषण (Speech on Road Safety in Hindi)

सुप्रभात दोस्तों!

आज मैं आप सबके सामने यहां आपके कक्षा अध्यापक के रूप में सड़क सुरक्षा पर भाषण देने के लिए खड़ा हूं। अब आप अब छोटे बच्चे नहीं हैं जो सड़क पर चलते समय सुरक्षा नियमों को नहीं जानते हैं। एक बहुत अच्छी कहावत है, “सॉरी से ज्यादा अच्छा सुरक्षित रहना है”। हालांकि हम सब इस चीज़ को भूल जाते हैं और कई बार लापरवाह हो जाते हैं जिससे हम अपने जीवन को खतरे में डालते हैं।

क्या हम उन लोगों की ख़बरें नहीं सुनते हैं जो सड़क पर आपसी मुठभेड़ या सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं? दुर्भाग्यवश कुछ की तो मौके पर ही मौत हो जाती हैं और कुछ को गंभीर चोटें आती हैं जिसका बोझ उन्हें जीवन भर उठाना पड़ता हैं। वाहन दुर्घटनाएं हमारे देश में मृत्यु दर में वृद्धि के पीछे एक बड़ा कारण बन गई हैं और यह भी तब हो रहा है जब सरकार सड़क सुरक्षा उपायों को लागू कर रही है।

आप में से बहुत लोगो को यह नहीं पता होगा कि अबू धाबी वो जगह है जो विश्व में सड़क पर मौतों की उच्चतम दर रखने के लिए कुख्यात है। वहां औसतन हर महीने सड़क यातायात के कारण हुई घातक चोटों की वजह से 38 मौतें होती हैं जिनमें मुख्य रूप से 0 से 14 वर्षीय बच्चे शामिल होते हैं।

इसलिए यह इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि सभी लोगों को विशेष रूप से पैदल चलने वालों लोगों को सड़क पर चलने के दौरान सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए। पैदल यात्री ही है जो सड़क दुर्घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है क्योंकि ऐसा तब होता है जब वह लापरवाही से यातायात सिग्नल पर ध्यान नहीं देता या सावधानी से क्रॉसवाक पर नहीं चलता है जिससे चोट लगने के मामले बढ़ जाते हैं। इसलिए मैं आप सबको सतर्क रहने और सड़क पर चलने के दौरान जल्दी में ना रहने का अनुरोध करता हूं। इसके अलावा कई लोग आमतौर पर यातायात के सामान्य प्रवाह में भी बाधा डालते हैं। कृपया ध्यान दें कि यह किसी के जीवन के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए। हमेशा सड़क पर चलने के लिए ज़ेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें और अपनी आँखों और कानों को खोलें ताकि चारों ओर से आती आवाज सुन सकें।

यदि आप सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करने जा रहे हैं और यदि यह बस है तो धैर्यपूर्वक बस का रुकने का इंतजार करें और उसके बाद उसमें चढे। इसी तरह यदि आप बस से बाहर निकल रहे हैं तो इसका ठीक से रुकने का इंतजार करें और सुनिश्चित करें कि कोई अन्य वाहन आपके रास्ते में बाधा नहीं डाले। कोशिश करें की कोई ऐसी चीज़ अपने साथ रखें जिससे दूसरे वहां का ड्राइवर दूर से उपस्थिति को देख सके। कभी भी सुरक्षा संकेतों की अनदेखी मत करें क्योंकि जब-जब लोग सुरक्षा संकेतों की अनदेखी करते है तब-तब उन्हें गंभीर सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है।

यदि आप सड़क पर साइकिल चला रहे हैं तो और भी सावधान रहें और सुनिश्चित करें कि आपकी साइकिल में रोशनी का यंत्र हो और उसके ब्रेक अच्छी स्थिति में काम कर रहे हो। दूसरा व्यस्त सड़क पर साइकिल चलाने से बचें और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की कोशिश करें।

हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि इन निवारक उपायों के जरिए हम सड़क दुर्घटनाओं के घातक मामलों से बचने में सक्षम होंगे लेकिन हम निश्चित रूप से सड़क पर सतर्क रहने और सभी सुरक्षा नियमों का पालन करके इस खतरे से ज़रूर बच सकते हैं। छात्रों, हमेशा याद रखें कि जीवन में रीसेट बटन नहीं होता इसलिए कभी भी लापरवाह नहीं रहे।

आशा है कि आप सभी मेरे शब्दों को याद रखेंगे और दूसरों को सड़क सुरक्षा नियमों के महत्व के बारे में शिक्षित करेंगे।

प्रिय सोसायटी के सदस्यों – आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात!

हमारे समाज की आयोजन समिति के अध्यक्ष के रूप में मैंने आज से शुरू होने वाले ‘रोड सेफ्टी वीक’ पर आधारित एक आयोजन का आयोजन किया है जिसमें मैं अपने समाज के सदस्यों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा उपायों पर चर्चा करना चाहता हूं। जैसा कि हम सब अख़बारों में आज की युवा पीढ़ी के सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों के बारे में पढ़ते हैं मैं आशा करता हूं कि इस बात के माध्यम से कुछ जागरूकता लोगों के बीच जरुर जागेगी है और वे सड़क पर चलते समय अधिक सतर्क और सावधान रहेंगे।

कृपया मुझे अनुमति दे उन कारणों के बारे में बताने के लिए जिनसे सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। मुख्यतः निर्धारित सीमा से अधिक गति से वाहन चलाते समय सड़क पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। कुछ वाहन चालक या वाहन मालिक बेवजह और सख्ती से यातायात नियमों का पालन करे बिना गाड़ी चलाते हैं। इसके अलावा जो लोग पेशेवर चालक होते हैं उन्हें पूरे दिन और कभी-कभी चौकसी से रात भर वाहन चलाना पड़ता है जिससे थकावट के कारण उनका ध्यान नहीं रहता और सड़क पर दुर्घटनाएं हो जाती है। हालांकि अब हमारी सरकार ने सड़क सुरक्षा नियमों को लागू किया है और विशेष रूप से शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में तथा सड़क पर झगड़ों की घटनाओं में काफी गिरावट आई है।

युवाओं के बारे में बात करते हुए मुझे यह स्वीकार करने में कोई आशंका नहीं है कि वे बहुत गैर-जिम्मेदार तरीके से गाड़ी चलाते हैं और सड़क को अपने रेसिंग ट्रैक के रूप में मानते हैं जिससे घातक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यह माता-पिता की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे उन पर नजर रखे और उन्हें सुरक्षा नियमों के महत्व का एहसास कराएँ। कभी-कभी वाहन खराब हो जाता है और कई महीनों तक उसे चलाया नहीं जाता या उसके ब्रेक या क्लच काम नहीं करते हैं जिससे सड़क दुर्घटना होती है। इसके अलावा सड़क की सतहें और गड्ढे खराब सड़क की स्थिति में योगदान करते हैं और सड़क दुर्घटनाओं में इजाफ़ा करते हैं।

हाल ही में एक व्यक्ति अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने के बाद सड़क पर बने गड्डे में गिरकर दुर्घटना का शिकार हो गया। हमारे देश में ऐसी घटनाओं की कोई कमी नहीं है और यह सही समय है कि हमारी सरकार को इस लापरवाही की ओर ध्यान देना चाहिए और सार्वजनिक अवसंरचना के खराब रखरखाव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके अलावा जागरूकता अभियान हर जगह चलाना चाहिए ताकि हमारे देश के नागरिक सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए गंभीर हो जाएं। सही बताऊँ तो मैं सरकार को यही सलाह देना चाहूँगा की सड़क पर झगड़ों के मामलों में शामिल लोगों का लाइसेंस निलंबित करना सही रहेगा। अपराधियों को जेल में डालना चाहिए और उन पर गंभीर दंड लगाया जाना चाहिए।

सीट बेल्ट्स और हेलमेट्स का उपयोग ना करना भी ऐसे मामलों में योगदान देता है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दोपहिया और ट्रक ही है जो हमारे देश में करीब 40% मौतों का कारण बनते हैं। भारत में दुनिया के विकसित देशों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं के मामले तीन गुना अधिक हैं। इसलिए सड़क दुर्घटनाओं की वजह से मृत्यु दर को रोकने के लिए एकमात्र तरीका सुरक्षा के नियमों का पालन करना है। जो लोग गाड़ी चला रहे हैं उनके वाहन की गति सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए ताकि जरूरत पड़े तो वाहन को समय पर रोका जा सके या सड़क किनारे किसी चीज़ को देख सके।

सुप्रभात देवियों और सज्जनों!

सबसे पहले मैं सभी इस महोत्सव के आयोजकों और प्रबंधन टीम के प्रयास के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं और साथ ही उन लोगों को भी जो यहां हमारे साथ आज इकट्ठे हुए हैं। आज इस सामाजिक महोत्सव का आयोजन इस वजह से किया गया है क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है और लोगों को इस सार्वजनिक मुद्दे से अवगत होने की जरूरत है।

सड़क दुर्घटनाओं की वजह से 1.2 मिलियन से ज्यादा लोग मारे गए है और प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 20 से 50 करोड़ लोग गंभीर चोट से पीड़ित होते हैं और इसलिए आजकल यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है। “ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन रोड सेफ्टी” के रूप में विख्यात एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक सड़क दुर्घटनाएं मौत का पांचवां प्रमुख कारण बन जाएंगी। हमें सड़क दुर्घटना के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि ज्यादतर मौतें लापरवाही के ही कारण होती हैं और इसलिए यह एक बड़ा विवाद बनता जा रहा है।

सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण हो सकते हैं। ड्राइवर या किसी अन्य व्यक्ति की लापरवाही सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण है। लोग उचित रूप से यातायात निर्देशों और नियमों का पालन नहीं करते हैं और इसलिए इसका परिणाम गंभीर चोटों और मौतों के रूप में सामने आता है। हम आम तौर पर उन लोगों को देख सकते हैं जो ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते हैं, नशे में गाड़ी चलाते हैं, सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं। हम सभी जानते हैं कि भारत में किस तरह के नियम और कानून हैं। सड़कों पर किसी भी नियम का पालन कठोरता से नहीं होता है। भारत में शायद ही बहुत कम जगहें हैं जहां वे नियमों की पालना होती हो। यह केवल सरकार का ही फ़र्ज़ नहीं है बल्कि लोगों में भी नियमों और कानून के प्रति कुछ सम्मान होना चाहिए।

भारत में कई जगहों पर दुर्घटना में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए आपातकालीन सेवाओं की कमी है। सड़क दुर्घटनाओं के लिए कई अन्य कारण हैं। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना भी इन दिनों काफी आसान हो गया है और यह खतरनाक है क्योंकि जो लोग सही तरीके से ड्राइविंग के बारे में नहीं जानते हैं वे उसी सड़क का उपयोग करने वाले अन्य लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। देश में भारी जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक विकास, औद्योगीकरण और मोटर चालन इन दुर्घटनाओं की जड़ें हैं। देश जितना आधुनिकीकरण की ओर बढ़ता जाएगा उतना ही वाहनों के उपयोग में वृद्धि होगी। हर व्यक्ति जो सड़कों का उपयोग कर रहा सड़क सुरक्षा की समस्या उससे संबंधित है।

सड़कों पर सुरक्षा के लिए सख्त नियमों और कानूनों की ज़रूरत है। ड्राइविंग या वाहन का उपयोग करते समय प्रत्येक व्यक्ति को निर्देश और नियमों का पालन करना चाहिए। इन दिनों युवाओं के बीच बाइक क्रेज बढ़ रहा है इसलिए उन्हें नियमों का पालन करना चाहिए जैसे हेलमेट पहनना और गति सीमा पर अंकुश रखना। कार का उपयोग करते समय हमें सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए और गति सीमा का पालन करना चाहिए। नशे में ड्राइविंग या तेज ड्राइविंग कारों के साथ दुर्घटनाओं का मुख्य कारण होता है।

हमारा जीवन हमारे हाथों में है और इस प्रकार सड़क का उपयोग करते समय नियम और उचित निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। इस नोट पर मैं यहां सभी लोगों को यहां एकत्र होने के लिए और इस सामाजिक समारोह को सफल बनाने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य, शिक्षकों और मेरे सहपाठी छात्रों, आज के इस विशेष कार्यक्रम में आप सबका स्वागत है।

आने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को देखते हुए आज के दिन इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में हमें सड़क सुरक्षा से जुड़ी कई सारी बाते बतायी गयी हैं। इसके साथ ही हमें सड़क सुरक्षा सप्ताह के महत्व को भी बताया गया। इसी विषय पर मैं आप सबके समक्ष दो शब्द कहने की अनुमति चाहूँगा। जैसा की हम सब जानते हैं, आज के आधुनिक समय में सड़को पर वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और लोगो की कई सारी लापरवाहियों, यातायात नियमों की अज्ञानता तथा इनका पालन ना करने के वजह से सड़को पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।

आकड़ों के अनुसार, विश्व भर में लगभग 13 लाख लोग प्रतिवर्ष सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते है। जिसमें से 1.5 लाख लोगों की मृत्यु सिर्फ भारत में होती है, यही कारण है कि लोगो में जागरुकता लाने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह का यह कार्यक्रम मनाया जाता है। यदि हम सड़क यात्रा के दौरान छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखे, तो इनमें से कई सारी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है और यह देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह यातायात नियमों की पूरी जानकारी रखे और सदैव उनका पालन करे।

इसके साथ ही अभिभावकों को इस बात का ध्यान देना चाहिये कि कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकल या फिर कार जैसे वाहन चलाने की अनुमति ना दें। चार पहिया वाहन चालकों तथा उसमें बैठने वाले लोगो को सीट बेल्ट का उपयोग अवश्य करना चाहिए। इसी तरह दोपहिया वाहन चालकों तथा सवार को हेलमेट का आवश्यक रुप से उपयोग करना चाहिए। यदि हम सड़क सुरक्षा के इन साधरण मानकों पर ध्यान दे तो दुर्घटना होने पर भी हमारी जान बचने की संभावना 80-85 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

इसके साथ ही सरकार को भी इस विषय को लेकर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि कई बार क्षेत्रीय परिवहन कार्यलयों में बिना जांच-पड़ताल के मात्र पैसे लेकर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिये जाते हैं। जोकि एक अपराधिक कार्य होने के साथ ही लोगो के जीवन पर भी संकट उत्पन्न कर देता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक गैर परिपक्व वाहन चालक द्वारा वाहन चलाने पर दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।

सड़क सुरक्षा का अर्थ सिर्फ वाहन चालकों और सवारों तक ही सीमित नही है बल्कि पैदल यात्रियों और साइकल सवारों को भी सड़क सुरक्षा के नियमों का बराबर से पालन करना चाहिए। कई बार देखा जाता है कि पैदल यात्री सड़क पर बिना दाएं-बाएं देखे ही सड़क पार करने लग जाते हैं या फिर बीच सड़क में डिवाइडर को लांघ कर सड़क को पार करने का प्रयास करते हैं। इस तरह के कार्य भी सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ाने का काम करते हैं। यदि हम सड़क पर यात्रा के दौरान इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखे तो कई सारी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है, जिससे की लाखों लोगो का जीवन बच सकता है। इसके साथ ही सरकार को भी लोगों में यातायात नियमों के विषय में बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान चालाना चाहिए।

अब अपने इस भाषण को समाप्त करते हुए, मैं दूसरे प्रतिभागियों से आग्रह करता हूँ कि वह मंच पर आये और इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाये। मेरे इस भाषण को इतना ध्यानपूर्वक सुनने के लिए आप सबका धन्यवाद।

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सड़क सुरक्षा पर भाषण – Road Safety Speech in Hindi

Road Safety Speech in Hindi – इस लेख में हमने “सड़क सुरक्षा पर भाषण” के लिए जानकारी प्रदान की है. हमें उम्मीद है कि यहां दी गई जानकारी स्कूली बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी.

Table of Contents

सड़क सुरक्षा पर हिंदी में भाषण – Road safety speech in Hindi

सड़कों पर सफ़र (Travel) करते समय जान-माल के नुकसान से सुरक्षित रहने के लिए सड़क सुरक्षा (Road safety) आवश्यक है. घनी आबादी वाली भारतीय सड़कें वाहनों से भरी पड़ी हैं, इसलिए भारतीय सड़कों पर हर समय सतर्क रहना आवश्यक है ताकि हमें किसी दुर्घटना का सामना न करना पड़े.

इसलिए सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) द्वारा कुछ नियम भी निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए.

देश में हर साल सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है, इसीलिए नागरिकों को सड़कों पर होने वाले खतरों से बचाने के लिए ये कानून बनाए गए हैं.

सड़क सुरक्षा पर दीर्घ भाषण (700 शब्द) – Sadak Suraksha par bhashan

आदरणीय प्रधानाचार्य, माननीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को नमस्कार…

दोस्तों आज मैं एक ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालने जा रहा हूं जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है और हमारी दैनिक आवश्यकता भी है.

आज मैं आपके सामने सड़क सुरक्षा (Road Safety in Hindi) के मुद्दे पर इसकी गंभीरता, आवश्यकता और उपाययोजनाओ पर भाष्य करने जा रहा हूं. 

सड़क सुरक्षा पिछले कुछ वर्षों से वैश्विक स्तर पर भी एक बड़ा मुद्दा रहा है. देश-दुनिया में हर साल वाहनों और यातायात नियमों का पालन न करने से होने वाले हादसों की संख्या काफी चिंताजनक है.

सड़कों पर दुर्घटना का शिकार होने से बचने के लिए लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए सड़क सुरक्षा कानूनों (Road safety rules) का पालन जरूर करना चाहिए.

माता-पिता को अपने बच्चों को बहुत कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा के बारे में सिखाना चाहिए ताकि वे हमेशा सुरक्षित यात्रा कर सकें और दूसरों को भी सड़क सुरक्षा नियमों से अवगत करा सकें.

क्या आप जानते हैं कि अबू धाबी दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के साथ सबसे ज्यादा मौतों के लिए कुख्यात है. घातक सड़क यातायात में चोटों के कारण अबू धाबी में हर महीने औसतन 38 मौतें होती हैं, जिनमें मुख्य रूप से 0 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल हैं.

बच्चे अक्सर वयस्कों का अनुसरण करते हैं और आदतों को अपनाते हैं और अपने आस-पास के वयस्कों को देखकर आसानी से सीखते हैं.

यदि माता-पिता और अन्य वयस्क यातायात नियमों की अनदेखी करके उनका अनादर करते हैं, तो बच्चे इन बुनियादी नियमों का सम्मान करना कभी नहीं सीखेंगे.

बच्चों का दिमाग युवा प्रधान होता है इसलिए वयस्कों को नियमों का पालन करने और बच्चों को इसे सिखाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए ताकि वे सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बने.

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे सड़क सुरक्षा को बनाए रखा जा सकता है- उदाहरण के लिए, सड़क पार करने से पहले दाएं-बाएं दिशाओं की जांच करनी चाहिए, सड़कों पर दौड़ना या खेल-कूद नहीं करना चाहिए और चलते समय अपने सहयात्रियों पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए.

अक्सर देखा जाता है कि लोग गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं; यह उपेक्षा अक्सर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है क्योंकि चालक पूरी तरह से ड्राइविंग पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ होता है. इसलिए सड़क पर चलते या गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करनी चाहिए या तस्वीरें नहीं लेनी चाहिए.

कभी-कभी जब सड़क पर कोई अन्य वाहन नहीं होता है तो लोग ट्रैफिक लाइट (Traffic Light) लाल होने पर भी सड़क पार करने की कोशिश करते हैं. इस तरह के जोखिम भरे व्यवहार से अक्सर गंभीर दुर्घटना घटित हो सकती हैं क्योंकि इसी तरह कोई और बड़ा वाहन भी अचानक से आ टकरा सकता है और एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है.

यातायात नियमों का पालन हर हाल में करना चाहिए चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों. ट्रैफिक सिग्नल (Traffic signal) न केवल ट्रैफिक को नियंत्रित करने में मदद करते हैं बल्कि पैदल चलने वालों और वाहन चालकों को सूचित करने का भी काम करते हैं.

दुपहिया वाहन चालकों के लिए यह जरूरी है कि आप हमेशा हेलमेट (Helmet) पहनकर ही सवारी करें. कम दूरी की यात्रा के दौरान अक्सर लोग सीट बेल्ट (Seat belt) पहनने से परहेज करते हैं. सीट बेल्ट न लगाने की आदत से गंभीर घटना होने पर यात्री को चोट लगने का खतरा रहता है.

यात्रा के दौरान आपको हमेशा अपनी सीट बेल्ट बांधनी चाहिए. यदि आप स्वयं सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपके बच्चे भी उनका पालन करना नहीं सीखेंगे. अपने बच्चों को ट्रैफिक नियम (Traffic rules) सिखाने के लिए कुछ समय निकालें और उन्हें बताएं कि इन नियमों की अनदेखी करना कितना खतरनाक हो सकता है.

सड़क पर यात्रा करते समय माता-पिता को अपने बच्चों पर पूरा ध्यान देना चाहिए और उन्हें सड़क पर अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.

आंकड़े बताते हैं कि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा युवा प्रभावित होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वे स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं और सड़क पर काफी लापरवाही बरतते हैं.

युवा लोगों को अक्सर हेलमेट पहनने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है, या कभी-कभी अपने वाहन पर दो से अधिक सवारों को बैठाकर नियमों का उल्लंघन करते हैं.

कुछ लोग कार से यात्रा करते समय अपने हाथ को खिड़की से बाहर रखते हैं या अपनी कोहनी खिड़की से बाहर रखते हैं, जो एक गंभीर लक्षण है.

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सड़क सुरक्षा पर दीर्घ भाषण (500 शब्द) – Speech On Road Safety In Hindi

दोस्तों आज मैं सड़क सुरक्षा पर दो शब्द कहना चाहता हूं और आशा करता हूं कि जो जानकारी मैं अपने भाषण के माध्यम से देने जा रहा हूं वह आपके जीवन में उपयोगी साबित होगी.

सड़क सुरक्षा से तात्पर्य उन निवारक उपायों से है जो सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए किए जाते हैं.

भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसके कारण यहां यातायात के लिए सड़कों पर काफी भीड़भाड़ रहती है.

भारत की सड़कों पर भीड़भाड़ काफी आम है, लेकिन कभी-कभी यह सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बन जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली जाती है या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं.

पिछले कुछ दशकों में भीषण सड़क हादसों में मृत्यु दर (Death rate) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बहुत से लोग सड़क दुर्घटना के कारण अपने शरीर का कोई अंग खो देते हैं या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं जिसके कारण उन्हें जीवन भर परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इन सड़क हादसों के कारण कई परिवार तबाह हो जाते हैं, कई बच्चे अनाथ हो जाते हैं और कई बूढ़े माता-पिता अपने नौजवान बच्चों को खो देते हैं. जिससे उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और उन्हें अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

इसीलिए ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क पर सुरक्षा के लिए कई यातायात नियम बनाए गए हैं. सड़कों पर दुर्घटनाओं और भीड़भाड़ के कई कारण हो सकते हैं.

कई बार देखा गया है कि कुछ लोग यातायात के नियमों का पालन नहीं करते हैं, कभी शराब पीकर वाहन चलाते हैं (Drink and drive) और कुछ लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं. यही दोनों आदतें सड़क हादसों की मुख्य वजह हैं.

कई बार वाहन का चालक लंबे समय तक वाहन चलाने के कारण थक जाता है, जिससे उसे नींद आ जाती है और कई बार इससे बड़े हादसे हो जाते हैं.

सड़कों की स्थिति भी कभी-कभी सड़क हादसों का कारण बन जाती है, जबकि कई बार सड़कों पर बने गड्ढों के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं, खासकर बरसात के मौसम में।

इन सड़क हादसों को रोकने के लिए हम सभी को जागरूक होना होगा. सड़क हादसों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सरकार भी “सड़क सुरक्षा सप्ताह” जैसी कई पहल चला रही है.

सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार ने कई नियम-कानून भी बनाए हैं, लेकिन सरकार के प्रयासों से ही इससे निजात नहीं मिल सकती, हम सभी को जिम्मेदार नागरिक बनना होगा और मिलकर प्रयास करना होगा तभी यह कार्य संभव होगा.

हमें सड़क पर चलते समय सावधान रहना चाहिए और यातायात के सभी नियमों का पालन करना चाहिए. दुपहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए.

कार या कोई अन्य बड़ा वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाना चाहिए और वाहन को हमेशा धीमी गति से चलाना चाहिए.

अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं के पीछे गति (Speed) भी एक कारण है, यही कारण है कि स्पीड ब्रेकर (Speed breaker) इस तथ्य को याद दिलाने के लिए बनाए जाते हैं कि गति विनाशकारी हो सकती है.

सड़क पर हमेशा ट्रैफिक सिग्नल का पालन करना चाहिए. लाल बत्ती होने पर रुकना चाहिए और हरी बत्ती होने पर ही आगे बढ़ना चाहिए. पैदल चलने वालों को चौराहों पर बने जेब्रा क्रॉसिंग (Zebra crossing) पर से ही सड़क पार करनी चाहिए.

हमारे ये छोटे-छोटे प्रयास ही इस गंभीर समस्या को कम कर पाएंगे.

आप सभी को धन्यवाद!!!

अन्य लेख पढ़ें:

  • सड़क सुरक्षा पर निबंध – Road Safety Essay in Hindi
  • ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह’ कब और क्यों मनाया जाता है? When and why is ‘National Road Safety Week’ celebrated?
  • सड़क सुरक्षा पर (60+) स्लोगन हिंदी में (यातायात सुरक्षा पर नारा) – Sadak suraksha par slogan in Hindi
  • सड़क के किनारे पौधे क्यों लगाए जाते हैं? Why are plants planted on roadside?

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  • निबंध ( Hindi Essay)

speech on safety in hindi

Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

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Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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सड़क सुरक्षा पर भाषण- Speech on Road Safety in Hindi

In this article, we are providing information about Road Safety in Hindi. Speech on Road Safety in Hindi Language- सड़क सुरक्षा पर भाषण, स्पीच, sadak suraksha Par Bhashan.

माननीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त अध्यापक गण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों को नमस्कार। मेरा नाम प्रियम है और मैं नौंवी कक्षा में पढ़ता हूँ। मैं आज आप सब के सामने सड़क सुरक्षा पर भाषण देना चाहता हूँ।

सड़क हमारे द्वारा कहीं भी आने जाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला मार्ग है जिसपर यातायात के साधन बहुत ही तीव्र गति से चलते रहते हैं जिसकी वजह से हमें ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सड़क सुरक्षा के अंतर्गत बहुत से ऐसे नियम होते हैं जिनका पालन करके व्यक्ति सड़क पर चलते समय अपनी सुरक्षा कर सकता है। सड़क पर चलने वाले व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए कि सड़क सार्वजनिक है और वह एक दिशा में चले अन्यथा वह औरों के लिए परेशानी का कारण बन जाएगा।

सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन न करने और वाहन दुर्घटनाओं से प्रतिदिन मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है जिनमें से अधिकतर युवा है। सड़क पर लापरवाही करने से हम अपनी और दुसरों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति की या तो सड़क पर ही मौत हो जाती है या फिर उसे गंभीर चोटों के साथ जीवन व्यतीत करना पड़ता है। सड़क सुरक्षा लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है।

हमें कभी भी देर हो जाने के डर से वाहन को तीव्र गति से नहीं चलाना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि दुर्घटना से देरी भली। पैदल यात्रियों को फूटपाथ पर ही चलना चाहिए और सड़क जैबरा क्रोसिंग पर ही पार करनी चाहिए। लोगों को वाहन की निर्धारित गति से ही वाहन को चलाना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से रोका जा सके। हमें दुपहिया वाहनों पर हेल्मेट पहनना और गाड़ी में सीट बेल्ट लगाना कभी भी नहीं भूलना चाहिए। सुरक्षा के लिए दिए गए चिन्हों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।

सरकार ने भी सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान रखा है। इन कानुनों को और भी ज्यादा सख्त किया जाना चाहिए। एक बार नियम तोड़ने पर चलान होना चाहिए और दुसरी बार तोड़ने पर लाईसेंस रद्द कर देना चाहिए। लेकिन सड़क सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है लोगों का नियमों के प्रति जागरूक होना और उनका महत्व समझकर उन्हें अपने जीवन में अपनाना। मैं आशा करता हूँ कि आप सभी सड़क सुरक्षा रे नियमों का पालन करेंगे और लोगों को भी इनके प्रति जागरूक बनाऐंगे।

#  Road Safety Speech in Hindi # sadak suraksha par jeevan raksha

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ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Speech on Road Safety in Hindi ( Article ) आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

1 thought on “सड़क सुरक्षा पर भाषण- Speech on Road Safety in Hindi”

speech on safety in hindi

कृपया करके थोड़ा लंबा भाषण लिखे। । OMG।

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speech on safety in hindi

MARTA expansion: Atlanta Mayor Dickens announces new stations, more during speech

Mayor dickens' full state of the city address.

Watch Atlanta Mayor Andre Dickens' full State of the City address for 2024.

ATLANTA - The mayor of Atlanta gave a State of the City address Monday morning that highlighted advancements in affordable housing, engaging our youth and decreasing crime.

The Mayor was upbeat with HIGH energy as he talked about wanting Atlanta to be the best city in the nation to raise a family.

Mayor Andre Dickens took the stage with the Usher hit "Yeah" hyping the crowd.

The 61st mayor of Atlanta started by reporting the city has a strong AA-plus credit rating and has expanded 5,000 acres of parkland as the ATL has grown to be the 6th largest metro Area in the nation, with violent crime decreasing.

"We've made tremendous strides in public safety, with Major Crimes against people down by over 15% and homicides down by 21% in 2023," Mayor Andre Dickens announced.

As a few protesters demonstrated against the Atlanta Public Safety Training Center outside, Mayor Dickens announced that facility will open before the end of the year.

New MARTA stop, market coming to south Atlanta

A new MARTA stop and a fresh, open market are reportedly coming to the southside of Atlanta, according to Mayor Andre Dickens' State of the City address. He also spoke about a number of other changes he plans to make in the city in the upcoming year.

On another subject, the mayor thanked corporations and partners that invested in his 2023 year of the youth, where 30,000 young people received jobs last year.

"Stand up if you hired someone, stand up if you mentored someone," Dickens told the crowd.

"My goal is to make Atlanta the best place in the nation to raise a child and so, every year is the year of the youth," the mayor proclaimed.

Affordable housing continues to be a top priority with the Melody Rapid Housing Shipping Container Project and #2 Peachtree coming online.

"Affordable housing is my love language. With the help of public, private and nonprofit partners just like you, we're on our way to accomplishing our goals. With over 9000 units already built, funded or currently under development in Atlanta."

The mayor made a couple of surprise announcements. He said a new MARTA station is opening up on the southside, as well as a market that sells fresh fruits and vegetables in underserved communities.  

The new "Murphy Crossing" MARTA station will add a stop between the West End and Oakland City stations on the BeltLine's Westside Trail, connecting MARTA rail to the BeltLine for the first time.

MARTA will also build three new infield stations where people need trains the most, the mayor said.

Lastly, the mayor says the city will be ready for FIFA 2026!

Mayor Andre Dickens gives State of the City Address

Mayor Andre Dickens gave the annual State of the City Address on March 25.

Atlanta crime is down

According to the city's COBRA report for the week ending March 9, homicides were down 42% city-wide from four weeks prior but up 29% from the previous year to date.

"We've made tremendous strides in public safety, with major crimes against people down by over 15% and homicides down by 21% in 2023," Dickens announced.  

Last month, Dickens spoke after four students were shot in a parking lot during a reported fight at Atlanta's Benjamin E. Mays High School.

The mayor said he was "shocked and heartbroken" by the violence.

"This is the place where I spent four years of my life as a student and I climbed this hill every day, going to class," the mayor said. "I feel sorry for the young people that have been impacted by this, both directly that have been shot, and those indirectly that were around to witness that, and those right now that are being inconvenienced."

Dickens also reminded parents of the city's Year of the Youth program, which he announced at the 2023 State of the City . The program was designed to be a collaboration between nonprofits, government agencies, and companies to help young people in Atlanta reach their full potential.

"Stand-up if you hired someone, stand up if you mentored someone. My goal is to make Atlanta the best place in the nation to raise a child and so every year is the year of the youth," the mayor proclaimed. 

Atlanta mayor announces $4.6M to end homelessness

How much money would it take to end homelessness? Atlanta Mayor Andre Dickens is ready to find out after pledging $4.6 million. How that money is going to be used.

Last week, Dickens attended a Brotherhood Summit focusing on personal and professional development at Mays High School.

"There are so many young people able to have after-school programs and summer jobs and scholarships," the mayor said. "So now we want to do that all over again."

Dickens also set a goal of building or preserving 20,000 units of affordable housing across Atlanta by 2030.

According to the city, more than 3,000 units have been delivered and nearly 5,000 are in development since 2022. The city also recently unveiled its first transitional housing site for individuals experiencing homelessness on Forsyth Street.

"Affordable housing is my love language. With the help of public, private and non-profit partners just like you, we're on our way to accomplishing our goals. With over 9000 units already built, funded or currently under development in Atlanta," the mayor said. 

speech on safety in hindi

Atlanta Mayor Andre Dickens speaks onstage during the 2024 Martin Luther King, Jr. Beloved Community Commemorative Service at Ebenezer Baptist Church on January 15, 2024. (Photo by Paras Griffin/Getty Images)

RELATED: Mayor Dickens signs executive order worth millions to end homelessness in Atlanta

Dickens has been called upon to deal with several challenges as mayor, including the Buckhead city movement, the closure of WellStar Atlanta Medical Center, the controversy surrounding the Atlanta Public Safety Training Center, and the attention that is surrounding the Georgia election interference case.

This year will be a pivotal one for the mayor. Last month, he confirmed that would seek reelection in 2025.

सोचदुनिया

सड़क सुरक्षा पर भाषण

Speech on Road Safety in Hindi

सड़क सुरक्षा पर भाषण : Speech on Road Safety in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘सड़क सुरक्षा पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप सड़क सुरक्षा पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

सड़क सुरक्षा पर भाषण : Speech on Road Safety in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम —– है और मैं इस विधालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।

आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- सड़क सुरक्षा। यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है।

सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर दो शब्द कहने का अवसर प्रदान किया। आज मैं सड़क सुरक्षा पर दो शब्द कहना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आएगा।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है। जिसके कारण यहाँ सड़कों पर काफी अधिक भीड़-भाड़ रहती है। भारत की सड़कों पर भीड-भाड़ होना काफी आम बात है। लेकिन, कईं बार सड़क पर दुर्घटनाएं हो जाती है।

जिससे कईं लोगों की जान भी चली जाती है या गंभीर चोटें लग जाती है। इसीलिए इन सभी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क पर सुरक्षा के लिए यातायात नियम बनाए गए है। सड़कों पर दुर्घटना होने के कईं कारण होते है।

कईं लोग शराब पीकर वाहन चलाते है। यातायात के नियमों का पालन नहीं करते है। तेज रफ़्तार में वाहन चलाते है। कईं बार वाहन चलाने वाला ज्यादा समय तक वाहन चलाने की वजह से थक जाता है।

जिसके कारण उन्हें नींद आ जाती है और इससे कईं बार बड़े हादसे हो जाते है। कईं बार सड़क हादसे सड़कों की ख़राब दशा के कारण भी हो जाते है और कभी-कभी सड़कों पर पानी भरे होने के कारण भी कईं हादसे हो जाते है।

सड़कों में हादसों के कारण मृत्यु दर काफी अधिक बढ़ गई है। कईं लोग तो कम उम्र में ही दुघर्टना के कारण अपने शरीर का कोई अंग खो देते है। जिसके कारण उन्हें जीवनभर परेशानी उठानी पड़ती है। इन सड़क दुर्घटनाओं के कारण कईं परिवार ख़त्म हो जाते है।

कईं बच्चे अनाथ हो जाते है और कईं बूढ़े माँ-बाप अपने बच्चों को खो देते है। जिससे इन सभी का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और उन्हें अपने जीवन में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हमें इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूक होना होगा। सरकार भी सड़क दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक हो रही है। जिसके चलते सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कईं नियम-क़ानून बनाए है।

केवल सरकार के प्रयासों से ही कुछ नहीं होगा, हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, तभी यह संभव होगा। हमें सड़क पर चलते हुए यातायात के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। दो पहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।

हमेशा सीटबेल्ट लगाकर ही चार पहिया वाहन चलाना चाहिए। हमेशा वाहन को धीमी गति पर चलाना चाहिए। हमेशा सड़क पर लाल बत्ती होने पर रुक जाना चाहिए और हरी बत्ती होने पर ही आगे बढ़ना चाहिए।

जेब्राक्रोसिंग से ही पैदल यात्रियों को सड़क पार करनी चाहिए। हमारें यह छोटे-छोटे प्रयास ही इस समस्या को कम कर पाएंगे। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आया होगा।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ  फेसबुक  पर साझा अवश्य करें और हमारे  वेबसाइट  को सबस्क्राइब कर ले।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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Millions blocked from porn sites as free speech, child safety debate rages across US

Corrections and clarifications: An earlier version of this story misstated when Texas passed HB 1181, an age-verification law. It passed in June 2023.

A high-stakes battle over pornography, child safety and free speech is heating up across the nation, with more than a half-dozen states passing age-verification laws aimed at halting minors from accessing Pornhub and other adult web sites.

Texas is among seven states to pass some form of the controversial legislation, which effectively blocks millions of adult video enthusiasts from entering Pornhub’s site unless they can prove they are at least 18 years old.

Attorneys and advocates for porn sites argue that the laws are not just prohibiting minors, but adults, too. Pornhub says it had no choice but "to completely disable access to our website in Texas" in order to reduce the risk of hefty fines and penalties.

In addition to Texas, Pornhub has reluctantly blocked site access for people in other states with age-verification laws, including Arkansas, Louisiana, Mississippi, Montana, North Carolina, Utah and Virginia.

“We are fighting not only for the rights of our members and the larger adult entertainment community, but for the right of all Americans to access constitutionally protected expression in the privacy of their own home," said Alison Boden, Executive Director of Free Speech Coalition, a national advocacy organization for the First Amendment rights of adult businesses. The group filed a lawsuit in federal court last year over what it called an "anti-porn ban" by Utah lawmakers.

The HB 1181 law passed in June 2023 in Texas requires companies that offer “sexual material harmful to minors” to verify that those who visit their website are 18 or older, either by proof of government-issued identification or another system that uses public and private data.

Texas Attorney General Ken Paxton, a Republican, sued Pornhub’s parent company, Aylo, in February to force them to comply with the HB 1181 law. Paxton also threatened the company with millions of dollars in civil penalties – including up to $10,000 per day for noncompliance, and $250,000 “if a child is exposed to pornographic content due to not properly verifying a user’s age.”

“Texas has a right to protect its children from the detrimental effects of pornographic content,” Paxton said in announcing the suit. “I look forward to holding any company accountable that violates our age verification laws intended to prevent minors from being exposed to harmful, obscene material on the internet.”

The Texas case illuminates similar restrictions on pornography websites across the US. And it shines a light on the debate over the balance between keeping children safe online and free speech protections guaranteed by the First Amendment.

New message on Pornhub in some states

When Texans go to Pornhub, they find a message that says the law impinges "on the rights of adults to access protected speech . . . Not only will it not actually protect children, but it will also inevitably reduce content creators' ability to post and distribute legal adult content and directly impact their ability to share the artistic messages they want to convey."

Pornhub says the "only effective solution" to protect children and adults is to verify the users' age on their devices and deny or allow them access to age-restricted content and websites based on that verification, according to the message on the site.

“Until the real solution is offered, we have made the difficult decision to completely disable access to our website in Texas,” the adult site's message read.

Paxton's office declared victory when the U.S. Court of Appeals for the Fifth Circuit determined the Texas law does not violate the First Amendment.

“Applying rational-basis review, the age-verification requirement is rationally related to the government’s legitimate interest in preventing minors’ access to pornography,” the court said. “Therefore, the age-verification requirement does not violate the First Amendment.”

Identification card required for adult access

More than a handful of states across the US have passed age verification legislation in the last year. Many of them require the companies to obtain an identification card from users who want to access adult sexual content.

Louisiana was the first state to pass an age-verification requirement law.

"So far, six other states have copied this (Louisiana) bill but minor changes have been made to the text, which can have big implications for systems designed to achieve compliance," reads a post from the Age Verification Providers Association . The organization is a not-for-profit global trade body representing 26 organizations who provide "age assurance solutions."

Child safety debate rages across the US

The laws - and pushback from the porn industry - cast light on the debate over free speech and child safety .

The Free Speech Coalition sued Texas over the latest law, arguing infringement on freedom of speech.

"We can all work to keep minors from accessing adult content, but allowing the government to dictate what information adults can see is unconscionable and unconstitutional," according to Boden.

A statement from the coalition following the recent court decision allowing Texas to uphold the law reads: "Our battle, of course, is just beginning. Unfortunately, we’ve already seen how this designation has been weaponized to censor and ban LGBTQ+ literature, reproductive rights resources, sex education, art, and healthcare. Sexual expression, online and off, has been and continues to be the canary in the coal mine of free speech.

Child safety advocates and state legislators where laws have passed argue that protections are needed to ensure kids are safe online.

A poll from RMG Research shows a majority of Americans support a federal law requiring adult websites that contain sexual content to have some kind of age-verification requirements.

The battles in states across the country could foreshadow what's to come in other states looking at age verification laws.

"After a wave of legislation focused on child online safety swept through state legislatures over the past two years, legal challenges against the new laws are gaining traction in federal courts," reads an article from Tech Policy Press . "But rather than signaling a change in the tide, the lawsuits may ultimately spur a new round of bills that address flaws in those passed in the first wave."

Indiana age-verification bill could be next

Similar legislation in Indiana could become law and possibly lead to Pornhub also disabling access to that state, the difference is, the company may also be held legally liable by minors' parents.

Senate Bill 17 is on its way to Indiana Gov. Gov. Eric Holcomb. and it would, like HB 1181, require "adult-oriented websites" to mandate the verification of its users to make sure they are 18 or older.  

According to Indiana law , harmful materials for minors can include representations of nudity, sexual conduct and sadomasochistic abuse. 

The Indiana bill differs from the Texas law because it allows parents to sue if their children access a pornography site that is "knowingly or intentionally" not utilizing age-verification measures. The minor's parent or guardian can receive up to $5,000 in damages if a court rules in their favor. The attorney general can also sue pornography websites that don't abide by the law, but the civil penalty would be up to $250,000.

Pornhub also disabled access in 2023 in Utah when the state passed its age verification law .

Contributing: Brittany Carloni for the Indianapolis Star, David DeMille for the St. George Spectrum & Daily News

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Safety Speech Hindi – सुरक्षा दिवस स्पीच

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Table of Contents

National Safety Day Speech in Hindi

आज 4th मार्च सुरक्षा दिवस है ।  Safety Speech Hindi के इस आर्टिकल में सुरक्षा दिन के लिए  यहाँ से भाषण तैयार कर सकते है। Safety Week Celibration के दौरान इंडस्ट्रीज में Safety Speech Compition का आयोजन होता है। इसे Safety Day Speech भी कहते है, और Industrial Safety Speech भी कहते है।

इंडस्ट्रीज में Safety Speech Compition   का आयोजन National Safety Week के दौरान होता है। इसका मुख्य मकसद कर्मचारी में सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का होता है।

निचे सुरक्षा दिवस के लिए एक सैंपल स्पीच लिखी है। मुझे आशा है ये आपके लिए Helpfull होगी।

  • Electric Vehicle Subsidy Maharashtra – महाराष्ट्र EV पालिसी December 23, 2023
  • Electric Vehicle Subsidy Gujarat – गुजरात EV सब्सिडी December 23, 2023
  • Delhi Electric Vehicle Policy- दिल्ली EV सब्सिडी December 23, 2023
  • Assam Electric Vehicle Policy – असम EV सब्सिडी December 23, 2023
  • Electric Vehicle Policy Odisha – ओडिशा EV पालिसी December 23, 2023
  • Electric Vehicle Policy Rajasthan – राजस्थान EV Policy December 23, 2023

Safety Speech Hindi

    4th March National Safety Day-Safety Week

यहाँ उपस्थित मैनेजर, इंजीनियर, एवं सभी कर्मचारी। आज 4th March याने National Safety Day. और आज से ही शरू होता है National Safety Week. ये मेरा अहोभाग्य है की इस अवसर पे अपने विचार रखने का मौका मिला।

सुरक्षा सबके जीवन का हिस्सा होना चाहिए। कोन कहा काम करता है ? कैसा काम करता है ? कितने साल का अनुभव है ? ये कोई भी चीज सुरक्षा के सामने मान्य नहीं रखता।

हमारे जीवन का आनेवाला हरएक क्षण बेहतर बनाना चाहते है। तो हमें सुरक्षा को हमेशा अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

सुरक्षा के हिसाब से देखे तो कुछ काम ऐसे जरूर है जिसमे जोखिम ज्यादा है। जैसे की कोयले की टनल में काम करना। बहुत ज्यादा और कम तापमान वाली जगह पे काम करना। सिविल काम बिल्डिंग के बांधकाम करना।

और सबसे अहम् है इंडस्ट्रीज में काम करना। ये ऐसी जगह है जहा सुरक्षा का विशेष रुप से ध्यान दिया जाता है। 

हमारे देश में इंडस्ट्रीज अंग्रेजो के शाशन काल से चलती है। सन 1947 में देश आज़ाद हुआ। और सन 1948 में  फैक्टरी सुरक्षा नियमो का गठन किया गया। उस नियमो के आधार पे फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारी की  सुरक्षा होनी चाहिए ये त्यय हुआ।

जैसे समय बीतता गया। टेक्नोलॉजी बढ़ती गयी। लोगो की सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ती गयी। और सरकारे भी सुरक्षा के नए नियम जोड़ती रही।

आज 4th मार्च को हम नेशनल सेफ्टी दिवस के तोर पे मना रहे है। उसका श्रेय हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृणन को जाता है। सन 1965 में उनकी अध्यक्षता में एक बैठक हुयी थी।

उस बैठक में औद्योकीकरण को बढ़ावा देने एवं कर्मचारी की सुरक्षा के कुछ खास नियम बनाये गए। और उसका नाम रखा गया राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद्। (National safety Council) उस बैठक में जो निष्कर्ष हुआ वो था वो यह था ,,,,, की 

Safety is Responsibility of Management with Active Co-Operation of worker And With The Sanction And Support of Government.(कर्मचारी का सक्रीय सहकार और सरकार की स्वीकृति और समर्थन के साथ, सुरक्षा की जिम्मेदारी मैनेजमेंट की है।

सन 1972 में NSC द्वारा त्यय किया गया की, हरसाल 4th मार्च को नेशनल सेफ्टी दिवस के तोर पे मनाया जायेगा। ये 1974 में सेफ्टी डे को सेफ्टी वीक में बदला गया।

एक दिन के बदले एक वीक के लिए celebrate करना त्यय हुआ। तब से लेके आज तक सेफ्टी वीक का आयोजन किया जाता है।

हम देख रहे है आजकल तो ये देश की हरएक इंडस्ट्रीज में मनाया जाता है। सिर्फ सेफ्टी डे नहीं पर 4 से 10 मार्च तक सेफ्टी वीक को सेलिब्रेट किया जाता है।

इंडस्ट्रीज में सेफ्टी वीक के दौरान कुछ अलग ही माहौल नजर आता है। एक उत्सव की तरह उसे मनाया जाता है। पुरे वीक का schedule त्यय हो जाता है।

हरएक कंपनी के मैईन गेट पे 4 to 10th March Safety Week Celebration के बोर्ड लगाए जाते है।

औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा,सड़क सुरक्षा सभी क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए Safety Week Celebration होता है।

जिस तरह कंपनी प्रोडशन अचीवमेंट के लिए गोल त्यय करती है। ठीक उसी तरह सुरक्षा के अचीवमेंट के लिए भी गोल त्यय किये जाते है।

आज हरएक कंपनी में सेफ्टी का एक डिपार्टमेंट होता है। जिसमे सेफ्टी ऑफिसर होता है। ये ऑफिसर कम्पनी के कर्मचारी को सुरक्षा के प्रति सजाग रखने का काम करता है।

किसी भी कर्मचारी को काम पे भेजने से पहले उसे सुरक्षा की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही सुरक्षा से जुड़े अलग- अलग विषय पे काम करता है। जिससे कर्मचारी और संस्था दोनों सुरक्षित रहे।

Safety Week का सेलिब्रेशन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाए करती है।

कंपनी का हरएक कर्मचारी इस उत्सव को उत्साह से मनाता है। सेफ्टी के नए स्लोगन कंपनी में लगाए जाते है। सेफ्टी सेलिब्रेशन का बोर्ड लगाया जाता है।

Safety Week सेलिब्रेशन के दौरान हरएक दिन का कार्यक्रम फिक्स हो जाता है। अलग-अलग competition रखी जाती है।

एक सर्वे के अनुशार रोड एक्सीडेंट से करीब 1.5 लाख लोगो की मृत्यु हमारे देश में होती है। वैसे ही हजारो लोग फैक्टरी में अकस्मात के भोग बनते है।

दुर्घटना किसी भी साथ हो सकती है। न कोई वो कोई इन्सान को पहचानती है। न किसी के अनुभव को। हमारी बेदारकारी, हमारी लापरवाही, हमारा over confidence ही अकस्मात् को निमंत्रण देता है।

याद रखे – जर्मन साइंटिस्ट एच डबल्यू हेनरिच ने सन 1930 में कहा था। दुर्घटना होती नहीं है। की जाती है।

हम सुरक्षित है तो हमारा परिवार सुरक्षित है। जवान सुरक्षित है तो हमारा देश सुरक्षित है।

इंडस्ट्रीज में कर्मचारी द्वारा PPE का कही बार अनादर किया जाता है। कोई बड़े साहब और सेफ्टी ऑफिसर को देख के पहना जाता है।

याद रखे – सुरक्षा के उपकरण हमें किसी को बताने के लिए नहीं, अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए पहनना है।

National Safety Week के दौरान क्या आयोजन होता है ?

National Safety Day-Week मानाने अलग-अलग competition का आयोजन किया जाता है। ये Competition फैक्टरी के सभी कर्मचारी के लिए होती है।

4th मार्च से पहले पूरी कंपनी में सेफ्टी के पोस्टर एवं स्लोगन लगाया जाता है।

सबसे पहले 4th मार्च को सेफ्टी वीक का inauguration कार्यक्रम होता है। इसमें फैक्टरी मैनेजर दिप प्रागट्य से इनोग्रेशन करते है। बादमे फैक्टरी के सभी कर्मचारी सेफ्टी की सपथ लेते है।

Various Safety Competition on National Safety Week

सेफ्टी पखवाडिया के उत्सव में अलग – अलग कही प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। ये सभी प्रतियोगिता का मुख्या मकसद लोगो को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का है। और यह प्रतियोगिता में कर्मचारी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। सेफ्टी वीक सेलिब्रेशन से जुडी तमाम माहिती निचे उपलब्ध है।

1- Safety  Essay Competition – इसमें हम किसी भी भाषा में निबंध लिख सकते है।इसमें 300 शब्दों में निबंध  लेखन करना होता है।

2- Safety Poster Competition – इसमें सेफ्टी पोस्टर की साइज त्यय की जाती है। और ये पोस्टर इंडस्ट्रियल सेफ्टी के आधार पे ही होना चाहिए। सेफ्टी पोस्टर competition में कही बार कर्मचारी के फॅमिली को भी involve किया जाता है।

3- Contest on SCBA सेट – SCBA (self-contained breathing apparatus) को पहनके त्यय किया हुआ डिस्टन्स पे कम समय में पहोचना होता है।

4- HSE Improvement Suggestion – HSE (Health Safety और Environment) के बहेतरी के लिए यदि कोई सुझाव है तो दे सकते है।

5- Safety Slogan – अलग-अलग भाषा में स्लोगन बनाया जाता है। अच्छा और नया स्लोगन को ज्यादा प्राधान्य दिया जाता है।

6- Safety Poem – सेफ्टी को ध्यान में रख के कविता का competition होता है। इसमें भी हम अलग-अलग भाषा में लिख सकते है। परिवार के सदस्य को भी इन्वॉल्व कर सकते है।

7- Safety Quiz Competition – HSE के आधार पे  प्रश्न पत्र होता है। ऑप्शन टाइप के प्रश्न ज्यादा होते है।

8- Safety Talk Competition – सेफ्टी के विषय पे त्यय किया गया समय में अपने विचार रखने है। इसमें Safety Speech In Hindi , English और कोई भी प्रांतीय भाषा में हम अपने विचार रख सकते है।

सभी कॉम्पिटिशन के बाद 1st, 2nd औऱ 3rd विनर घोषित किया जाता है। और जितने वाले को इनाम से पुरस्कृत किया जाता है।

हम क्यों सेफ्टी वीक मनाते है ? Industrial Safety

  • HSE (Safety Health और Environment) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए।
  • सुरक्षा और पर्यावरण के प्रति लोगो की जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए।
  • Work place को सुरक्षित रखने के लिए हमारी जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है।
  • सभी लोगो की HSE के प्रति जुड़ाव और प्रतिबद्धता बढ़ाना है।
  • किसी भी साइट पे HSE कल्चर को बढ़ावा देना है।
  • HSE (Health Safety Environment) की सभी गतिविधि में कर्मचारी की सशक्त भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  • विभिन्न सुरक्षा प्रचारक गतिविधियों द्वारा सुरक्षा के प्रति सजगता फैलाना है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह में लोगो की सहभाग से सुरक्षा का वातावरण को बढ़ाना और प्रेरित करना है।
  • सेफ्टी Competition में आकर्षक उपहार और पुरस्कार देकर कर्मचारी को प्रेरित करना है।
  • अपनी संस्था के प्रति, अपने देश के प्रति, अपने परिवार के प्रति अपनी फर्ज अदा करने की एक तक खड़ी करना है।

Safety Poem in Hindi- सुरक्षा पर कविता

Industrial Safety Work- 

1 – Work परमिट सिस्टम- किसी भी इंडस्ट्रीज में बहुत इम्पोर्टेन्ट है। कोई भी काम करने से पहले सम्बंधित डिपार्टमेंट की परमिशन लेना जरुरी होना चाहिए। जिसमे हॉट वर्क, कोल्ड वर्क, Hight वर्क जैसे परमिट की सिस्टम तैयार करता है और इसे इम्प्लीमेंट करता है।

2 – Hazard Reporting- कंपनी में कोई अकस्मात् होता है। या कोई अनिच्छनीय घटना होती है तो उसका पूरा रिपोर्ट तैयार होता है। और ये रिपोर्ट मैनेजमेंट को दिया जाता है।

3 – Safety कमिटी – सेफ्टी में कर्मचारीओ का सहकार अनिवार्य है। इसीलिए, हरएक डिपार्टमेंट से कर्मचारी का सिलेक्शन करके एक कमिटी बनायीं जाती है। जिसमे कर्मचारी अवं कंपनी की सुरक्षा चर्चा होती है। 

4 – सेफ्टी पालिसी बनाना और इम्प्लीमेंट कराना- कंपनी के काम करने वाले सभी वर्कर के लिए एक पालिसी तैयार करते है। और उसी पालिसी के आधार पे हरएक काम किया जाता है।

5 – fire extinguisher Training- फायर सुरक्षा का बहुत ही महत्व का अंग है। सभी कर्मचारी को फायर एक्सटीन्गुइशेर की ट्रेनिंग दी जाती है। कोनसा एक्सटीगुइशेर कैसे इस्तेमाल करना है। कहा इस्तेमाल करना है ये सभी की ट्रेनिंग सुरक्षा ऑफिसर से मिलती है।

6 – Fire Fighting Training- फायर फाइटिंग में जब आग लगी हो तो कैसे बजाए इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। ये ट्रेनिंग भी सुरक्षा ऑफिसर सभी कर्मचारीओ को देता है।

7 – PPE के इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग- PPE या ने सेफ्टी शूज़, हेलमेट, मास्क, एअर प्लग, सेफ्टी बेल्ट, SCBA सेट विगेरे पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण है। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स को उपयोग करने का एक खास तरीका होता है।  जिससे Safety Officer हमें माहितगार करता है।

ऐसे बहुत सरे काम सेफ्टी ऑफिसर करता है। जिसे कर्मचारी और कंपनी दोनों सुरक्षित रहता है। हमारा फर्ज ये है की हम उनको सहकार दे। जिससे हम और हमारा परिवार सुरक्षित रहे।

भाषण के अंत में सुरक्षा के कोई स्लोगन से अपनी स्पीच को विराम दे ।

SAFETY SLOGEN

अकस्मात को अगर है पूरी तरह हराना।

तो सुरक्षा में लापरवाही कभी ना करना।

सेफ्टी वीक सेलिब्रेशन के दौरान सुरक्षा से सम्बंधित बहुत सारी Compition का आयोजन होता है। जिसमे सेफ्टी स्लोगन, सेफ्टी एस्से, सेफ्टी क्विज शामिल है। पूरा सप्ताह इसे बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

 Road Safety Slogans In Hindi- सड़क सुरक्षा स्लोगन

Road Safety Essay In Hindi- सड़क सुरक्षा पर निबंध

Safety Slogan In Hindi- सुरक्षा स्लोगन हिंदी  

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Minnesota Gov. Tim Walz to deliver State of the State address

Minnesota Governor Tim Walz speaks at a ceremony declaring the end of veteran homelessness by the Central Minnesota Continuum of Care Tuesday, Nov. 9, 2021, at Veterans Plaza in St. Cloud.

Minnesota Democratic Governor Tim Walz delivered his sixth State of the State address on Tuesday at 7 p.m.

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The former teacher delivered his speech at Owatonna High School and focus on the massive legislative victories of the 2023 DFL-led session, push for gun reform and access to reproductive care. The address will be livestreamed.

Follow along for speech highlights and an anticipated state Republican rebuttal.

A nostalgic start

Walz started his speech reveling in standing in the Owatonna High School auditorium and highlighting the importance of investing in schools.

The school underwent massive expansion after a 2019 referendum passed, paving the way for over $100 million in funding for renovations.

"We've given our children a brighter future by making the largest investment in public school education in our state's history," Walz said during the speech.

Minnesota now provides free school breakfast and lunch to all children.

Personal IVF story

Walz briefly shared his own family's reproductive struggles and alluded to using IVF, saying the Alabama Supreme Court ruling that endangered the treatment was a "direct attack on [his] family," and children, he said.

"Your personal decisions about your family are no one's business but your own," Walz said.

Gun reform and school safety

Walz closed out his speech talking about safety of school children in the midst of shootings around the country.

"I want those kids to feel hopeful, I want them to feel cared for, but there's one thing that I want no kid to feel," he said. "The one thing that no child in any building should feel is afraid."

Last year, Walz signed a red flag law and the DFL-led legislature is currently pushing for continued gun reform regulations.

Republican rebuttal

Republican House Minority Leader Lisa Demuth and Senate Minority Leader Mark Johnson delivered the GOP rebuttal following Walz's speech.

Demuth criticized Walz and the DFL-led legislatures spending, calling it "unsustainable." The district 13 representative also noted the low MCA testing scores for elementary school students that are happening under Walz's administration.

Johnson said that Minnesotans have lost hope and are pessimistic about positive change concerning public safety and the economy.

— Sam Woodward is the Minnesota elections reporting fellow for USA Today. You can reach her at [email protected] , on X @woodyreports, or on Threads @samjowoody

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Walz calls for new gun safety measures in State of the State speech at Owatonna High School

M INNEAPOLIS (AP) — Gov. Tim Walz used the backdrop of a gleaming new high school Tuesday night to call on the Legislature in his State of the State speech to enact new gun control measures to make schools and communities safer, while touting the achievements of last year's legislative session.

Walz went to Owatonna High School to hold up how the southern Minnesota community has made big investments in education and workforce development and to use it as an example for how the rest of the state can make progress. The local business community and voters teamed up a few years ago to raise the money after decades of talk about replacing a century-old building.

“That small window of opportunity — that brief moment when the stars aligned — produced a community institution that you’re in today that will stand for decades and will impact tens of thousands of children,” Walz said.

Walz called for prompt action to strengthen requirements for safe storage of firearms, require better reporting of lost and stolen guns, and raise penalties for “straw buyers” who purchase firearms for people who can’t legally have them because of their criminal records.

Walz referred to the killings of three first responders in Burnsville last month by a convicted felon who allegedly obtained his guns by having his girlfriend buy them. Such purchases are a felony with tough penalties under federal law, but just a gross misdemeanor under state law, punishable by no more than a year in jail. Lawmakers who want to change that say local prosecutors are reluctant to file such cases because of the low penalties.

“We know that we can’t legislate against every act of violence but surely we can do more,” Walz said.

Saying high schoolers should be worried about pop quizzes and prom dates, not mass shootings, Walz noted that he signed legislation last year for a “red flag” law to allow courts to temporarily take guns away from people in crisis, and to strengthen background checks for gun purchases.

Walz used the example of the Owatonna community coming together to build the new high school to segue into a lengthy discussion of measures that he and the Democratic-controlled Legislature were able to enact last year after years of divided government. He cited raises in state aid to schools, higher teacher pay, more mental health resources for schools, and expanded special education and career and technical education.

And he noted that the 2023 Legislature passed new protections for abortion rights. On that theme, Walz pledged to protect the rights of families to use in-vitro fertilization, citing a court ruling against IVF in Alabama that has turned into a potent political issue nationwide. Walz said it's personal for him. He and his wife, Gwen, had to turn to it to conceive their first child.

“When Gwen and I were having trouble getting pregnant, the anxiety, the frustration, would have blotted out the sun,” he said. “All we wanted was something that seemed so simple -- to have that child. What those judges did was a direct attack on our family. It was a direct attack on my children. Gwen and I will not forget it. Nor will we forgive it. And neither will thousands across this state.”

Republican legislative leaders said afterward that they've supported tougher sentences for straw buyers for years but have been thwarted by Democrats before. House Minority Leader Lisa Demuth, of Cold Spring, and Senate Minority Leader Mark Johnson, of East Grand Forks, also said Democrats shouldn't link that proposal with the other gun proposals, which many Republicans oppose.

This was Walz's sixth State of the State speech since taking office in 2019. Governors traditionally deliver them at the Capitol. But he gave his 2020 address by himself via livestream from his official residence during the early days of the COVID-19 pandemic. He faced another online audience in 2021 when he spoke from Mankato West High School, where he was once a geography teacher and football coach.

The main task this legislative session is a public infrastructure borrowing package known as a bonding bill, which will require at least some bipartisan cooperation to achieve the necessary 60% supermajorities needed to pass it. Walz touted the package he proposed in January, a combination of $982 million that focuses on maintaining existing infrastructure, like roads, bridges and water treatment facilities, along with more affordable housing and starting the process for building a new headquarters for the State Patrol.

“There’s no reason that both parties can’t be part of getting this done. I know we’re not going to agree on everything. Safe streets, we can agree on. Clean water, we can agree on. Affordable housing, we can agree on. So I’m asking you to join me, and not just at the ribbon cutting — but in the work to get it done in the first place.”

While Walz said the state of the state is strong, Johnson said the governor painted too rosy a picture. He said Republicans are seeing a lot of pessimism across the state. Schools are falling behind, he said, while communities are struggling to keep businesses and law enforcement is struggling to keep communities safe.

Democratic leaders said they appreciated Walz’s hopeful tone. House Speaker Melissa Hortman, of Brooklyn Park, said there was a lot to celebrate from the 2023 session but that she liked how the governor talked about how one day they’ll all walk out of the state Capitol for the last time, and they’ll have to ask themselves whether the things they did were worthy of Minnesotans.

“And I think the answer is a resounding yes for the work that we’ve done so far,” she said. “And there’s more to come.”

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