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राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध, भाषण व कविता | Speech Essay on National Unity Day in hindi

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राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है? राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व (Essay on National Unity Day in hindi)

31 अक्टूबर को हर साल भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के दिन उन्हीं की याद में मनाया जाता है।

यह दिन भारत की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत की राष्ट्रीय एकता का सबसे बड़ा सूत्राधार माना जाता है। सरदार जी को लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं सरदार वल्लभ भाई पटेल को सिविल सेवा का संरक्षक संत भी कहा जाता है। आजादी के बाद जब भारत के कई टुकड़ों में बांटने की नौबत आ गई थी तो उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल ने ही संपूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बांधे रखने का काम किया।

इसीलिए 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मतिथि को हर साल भारत की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे जिन्होंने अखंड भारत में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

तो आइए आज इस आर्टिकल के जरिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध, भाषण और कविता, राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है? Rashtriya Ekta Diwas par Nibandh or Poem, Speech, Essay on National Unity Day in Hindi के बारे में बताते हैं।

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विषय–सूची

राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध (Speech Essay on National Unity Day in hindi)

राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है.

सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय स्तर पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिवस लौह पुरुष कहे जाने वाले भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में उनकी याद में मनाया जाता है।

यह दिन भारत की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक और सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान का प्रतीक है। राष्ट्रीय एकता के विषय में सबको जागरूक करने के लिए और भारत की एकता में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदानों के प्रति श्रद्धांजलि देने के लिए यह दिन पूरे भारत में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत कब हुई?

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की शुरुआत 31 अक्टूबर 2014 को हुई थी। भारत की केंद्र सरकार ने आदरणीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई।

प्रधानमंत्री ने उनकी जन्मतिथि पर भारत को एकजुट करने के लिए सरदार जी के योगदानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और इस तभी से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व

जब 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली तो सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत के पहले गृहमंत्री का पद संभाला और भारत को एकजुट करने के लिए अथक प्रयास करते रहे।

भारत आजाद तो हो गया था लेकिन आज़ादी के साथ ही इसके कई टुकड़े होने वाले थे। पाकिस्तान तो पृथक हो ही चुका था लेकिन कई देशी रियासते भी अब भारत से अलग होने की फ़िराक में थी क्योंकि इन रियासतों के सुल्तान भारत में अपनी रियासत नहीं मिलाना चाहते थे।

लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एक करने के लिए प्रण ले लिया था और इसे एक करने के लिए अथक प्रयास करने लगें। उन्होंने अपने अथक परिश्रम और प्रयास से भारत की 565 ऐसी रियासतें जो भारत से अलग होना चाहती थी। उन्हें संजोकर सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस अखंड भारत का सपना देखा था उसे पूरा भी किया।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस?

इस दिन विद्यालय महाविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों समेत विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और भारत की राष्ट्रीय एकता में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदानों के बारे में बताया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन स्लोगन नारे और भाषणों के जरिए युवाओं को जाति धर्म और रंग भेद से उपर उठकर राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए जागरूक और प्रेरित किया जाता है।

कई स्थानों पर राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष में निबंध लेखन और कविता पाठ कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। देश के वरिष्ठ राजनेता सरदार वल्लभभाई सिंह पटेल की चित्र एवं प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके योगदान को याद करते हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण (Speech on National Unity Day in Hindi)

भारत दुनिया का सबसे विविध स्थान है। इस देवभूमि की खासियत यही है कि इसके हर कदम पर एक नई वेशभूषा, नई भाषा, नई सभ्यता और संस्कृति, नए रीति रिवाज और नए लोग मिलते हैं।

इतने दशकों के बाद भी पूरा देश राष्ट्रीयता और भारतीयता के सूत्र में बंधा हुआ है। भारत की अखंडता और एकता का योगदान अगर किसी को जाता है तो वह भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी हैं जिन्होंने भारत की एकता के लिए प्रयास किए और परिश्रम के बल पर पूरे भारत को संजो कर रखा।

सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आजादी के समय भारत की 565 रियासतों को भारत से अलग होने से बचाया था और हैदराबाद के निजाम सहित अन्य रियासतों की शासकों को मना कर उन्हें भारत के साथ जोड़ा था।

भारत की राष्ट्रीय एकता के सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अखंड भारत को लेकर जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जी जान लगा दी।

सरदार जी के योगदान के सम्मान में ही हर वर्ष 31 अक्टूबर के दिन उनकी जन्म तिथि को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

एकता में शक्ति का पाठ तो हमें बहुत सी घटनाएं पढ़ा देती हैं लेकिन हम कभी एकता की भूमिका का मूल्यांकन नहीं कर पाते और ना ही उसके प्रति जागरूक हो पाते हैं।

आज भी हमारे देश में रूढ़िवादी लोग जाति और धर्म के नाम पर बटे हुए हैं। जातिवाद और संप्रदायवाद देश के लिए आतंकवाद से भी बड़ा खतरा है। आज हमें एकजुट होने की ओर सबको साथ लेकर चलने जरूरत है। तभी हमारी युवा पीढ़ी एकता का सही पाठ पढ़ पाएगी।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता (Poem on National Unity Day)

शीर्षक – एक एक जब मिल जाते हैं, बन जाते हैं अनेक।, शीर्षक – लाभ सदा ही मिलता है एकता और भाईचारे में, leave a comment cancel reply.

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राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण 2022-23 National Unity Day Speech in Hindi – Pledge & Shapath

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण

राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 : भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस लोह पुरुष यानी सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है | सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे उन्होंने देश के लिए कई योगदान दिए हैं | सरदार पटेल द्वारा ही 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था क्योंकि भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। इसी एकीकरण के लिए उन्हें लोह पुरुष की उपाधि मिली थी | राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2014 में दिल्ली में की गयी थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया | आप ये speech हिंदी, गुजराती, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के भाषण प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

राष्ट्रीय एकता दिवस भाषण

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस पर स्पीच लिखें | आइये अब हम आपको राष्ट्रीय एकता पर शायरी, राष्ट्रीय एकात्मता निबंध मराठी, राष्ट्रीय एकता का अर्थ, विश्व एकता दिवस, National Unity Day Essay in Hindi, राष्ट्रीय एकात्मता मराठी, National Integration Day, राष्ट्रीय एकता का महत्व, राष्ट्रीय एकता पर शायरी, राष्ट्रीय एकता कविता, राष्ट्रीय एकता दिवस पर नारे , भारत की एकता पर कविता, एकता पर आधारित कविता, राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता, एकता पर कविता इन हिंदी, अनेकता में एकता पर छोटी कविता, एकता की कविता, एकता की शक्ति पर कविता, आदि की जानकारी 100 words, 150 words, 200 words, 400 words, full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|

यहां मौजूद सभी सज्जनों को मेरी तरफ से नमस्कार! मैं ‘राष्ट्रीय एकता’ के विषय पर एक भाषण पेश करने के लिए आप सबके समक्ष यहां उपस्थित हूं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि इससे देश की एकता और अखंडता पर गहरा असर पड़ता है। राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि किसी देश के निवासियों के बीच सामूहिक पहचान की प्राप्ति होना। यह दर्शाता है कि भले ही हम सभी विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों, जातियों से संबंधित होते हैं और अलग-अलग भाषा बोलते हो हमें हमेशा यह महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक हैं। एक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता की यह भावना होना बहुत महत्वपूर्ण है। एकता का वास्तविक अर्थ एक एकीकृत धागे के साथ बहुसंख्यक पहचान का अस्तित्व है। इस विषय पर बेंजामिन फ्रैंकलिन के कुछ अनमोल शब्द इस प्रकार हैं – “राष्ट्रीय एकता एक आम पहचान के लिए पूरे देश के लोगों का एकीकरण है।” भारत एक विशाल प्रदेश है और विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और जातियों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। सभी समुदायों के लोगों को एक साथ एकता रुपी धागे में बांधे रखना लगभग असंभव लगता है। इन धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों के कारण ही हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम बन गया था। अब जब हमारा देश बाहरी खतरों और आंतरिक असंतोष से स्वतंत्र है तो इसकी अखंडता और सम्मान को संरक्षित करने की हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय एकता न केवल एक मजबूत देश के गठन में मदद करती है बल्कि लोगों के विकास को भी प्रोत्साहित करती है। भारत में 19 नवंबर से 25 नवंबर तक की अवधि को आम जनता के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय एकता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता के विचार ने सामाजिक और धार्मिक मतभेदों को नष्ट करने का भी नेतृत्व किया है। इसलिए यदि हमारे देश के लोग एकता से खड़े रहे तो कई सामाजिक मुद्दों को समाप्त किया जा सकता है। विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग, जो पहले अपने धर्म को दूसरों के धर्म से अच्छा बताते थे, धीरे-धीरे एकता के महत्व को महसूस कर रहे हैं और देश की एकता और सम्मान के समर्थन में खड़े हैं। राष्ट्रीय एकता ने समानता के अदृश्य रुपी धागे के गठन की ओर अग्रसर किया है जो देश को विभिन्न हिस्सों में बांधता है। इससे निश्चित रूप से देश की ताकत में इज़ाफा होता है। स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान हमारे देश के लोग अन्यायपूर्ण विदेशी शासन से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए एक साथ आए। अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम सभी भारतीय नागरिकों को देश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। राष्ट्रीय एकता पर इमानुएल क्लेवर द्वारा कहा गया एक प्रसिद्ध वाक्य इस प्रकार है “विभाजन से एकता में अधिक शक्ति है”। इसलिए सभी सामाजिक, भाषाई और धार्मिक मतभेदों के बावजूद हमें हमेशा एकजुट रहना चाहिए। धन्यवाद।

National unity day speech in Hindi

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किसी भी देश की ताकत सभी भारतीय आपस उस देश की एकता में निहित होती है और यदि देश बड़ा और विभिन्न धर्म, भाषा के लोग रहने वाले हो तो उन्हें एकता की डोर में बाधकर रखना मुश्किल होता है लेकिन हमारे देश भारत की सबसे बड़ी यही खूबसूरती है की इतने धर्म, संप्रदाय, जाति के बावजूद आपस में मिलजुलकर रहते है और देश के एकता को बनाये रखे हुए है | हमारे देश भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में अनेक 500 से अधिक देशी रियासते थी जो की सबको आपस में मिलकर एक देश का गठन करना बहुत ही मुश्किल था, सभी रियासते अपनी सुविधानुसार अपना शासन चाहते थे लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सुझबुझ और इन रियासतों के प्रति अपनी स्पष्ट नीति के चलते इन्हें भारत देश में एकीकरण किया गया और इस प्रकार 3 देशी रियासते जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में मिलने से मना कर दी जिसके पश्चात भारी विरोध के बाद जूनागढ़ का नवाब हिंदुस्तान छोडकर भाग गया, जिसके पश्चात जूनागढ़ भारत में मिल गया और कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी राज्य की सुरक्षा को आश्वासन लेकर कश्मीर को भी भारत में मिला दिया और अंत में हैदराबाद के निजाम ने जब भारत में मिलने से मना किया तो लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत वहा सेना भेजकर निजाम को भी आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया जिसके पश्चात हमारे भारत देश का नवनिर्मित गठन हुआ जिसे संघ राज्यों का देश भी कहा जाता है और इस प्रकार अनेक होते हुए भी एक भारत का निर्माण हुआ | कोई भी देश तभी तक सुरक्षित रहता है जबतक की उस देश की जनता और शासन में आपसी एकता और अखंडता निहित होती है हमारे देश की इसी आपसी एकता की कमी का फायदा उठाते हुए अंग्रेजो ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति पर हमारे देश में 200 से अधिक वर्षो तक राज किया, हमारी इस गुलामी के कई कारण थे जैसे भारत के सभी राज्यों, रियासतों में आपसी कोई तालमेल नही था सभी रियासतों के राजा सिर्फ अपनी अपनी देखते थे अगर कोई बाहरी शत्रु आक्रमण करे तो कोई भी एक दुसरे का साथ नही देने आता था यही अनेक कारण थे जिसके कारण हमारा देश इसी एकता के अभाव में विकास के राह से भटक गया और जो भी आया सिर्फ यहाँ लुटा और चला गया | अब चूकी हमारा देश आजाद है इसका मतलब यह नही है की हमारे देश पर कोई बुरी नजर नही डाल सकता है हम सभी को अपने देश अंदर उन आसामाजिक तत्वों से खुद को बचा के रखना है जो हमे आपस में बाटने को कोशिश करते है और साथ में देश के बाहरी दुश्मनों से भी चौक्कना रहना है तभी हमारा भारत भारत एक अखंड भारत बन सकेगा | ऐसे में अब हमे अपनी आजादी मिलने के बाद हम सबकी यही जिम्मेदारी बनती है की जब भी देश की एकता की बात आये तो सभी भारतीयों को अपने धर्म जाति से उठकर सोचने की आवश्यकता है और एक सच्चे भारतीय भारतीय की तरफ कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखंडता में अपनी अपनी भूमिका निभाना है |

Rashtriya ekta diwas pledge in hindi

मैं इस देश को अपने देश के एकीकरण की भावना में लेता हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दृष्टि और कार्यों से संभव बनाया गया था। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी अपना योगदान देने के लिए गंभीरता से हल करता हूं। “

Rashtriya Ekta Diwas Speech in Hindi

एकता में सबसे बड़ा बाधक स्वहित हैं आज के समय में स्वहित ही सर्वोपरि हो गया है। आज जब देश आजाद हैं आत्म निर्भर हैं तो वैचारिक मतभेद उसके विकास में बेड़ियाँ बनी पड़ी हैं। आजादी के पहले इस फुट का फायदा अंग्रेज उठाते थे और आज देश के सियासी लोग। देश में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने किया था। वे उस सदी में आज के युवा जैसी नयी सोच के व्यक्ति थे। वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। 2014 के बाद से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महान व्यक्ति को याद करने के लिए राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के साथ देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का सन्देश पहुँचता है, जिससे आगे चलकर वे देश में राष्ट्रीय एकता का महत्व समझ सकें। इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दिल्ली के पटेल चौक, पार्लियामेंट स्ट्रीट पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माला चढ़ाई जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा शपथ ग्रहण समारोह, मार्च फ़ास्ट भी की जाती है। ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन देश के विभिन्न शहरों, गाँव, जिलों, ग्रामीण स्थानों में आयोजित की जाती है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अन्य शैक्षणिक संसथान, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग बहुत बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते है। दिल्ली में राजपथ में विजय चौक से इंडिया गेट के बीच सुबह 8:30 बजे मैराथन का आयोजन बहुत बड़े स्तर पर होता है, जिसमें कई नेता, अभिनेता हिस्सा लेते है। इसके अलावा सरकारी ऑफिस, पब्लिक सेक्टर में भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम होता है। स्कूल कॉलेज में तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, वहां बैनर, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता, निबंध, भाषण, पेंटिंग, कविता, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि का आयोजन होता है।

Speech on Rashtriya Ekta Diwas

राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है । राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सशक्त एवं संगठित बनाती है । राष्ट्रीय एकता ही वह भावना है जो विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, जाति, वेश-भूषा, सभ्यता एवं संस्कृति के लोगों को एक सूत्र में पिरोए रखती है । अनेक विभिन्नताओं के उपरांत भी सभी परस्पर मेल-जोल से रहते हैं । हमारा भारत देश राष्ट्रीय एकता की एक मिशाल है । जितनी विभिन्नताएँ हमारे देश में उपलब्ध हैं उतनी शायद ही विश्व के किसी अन्य देश में देखने को मिलें । यहाँ अनेक जातियों व संप्रदायों के लोग, जिनके रहन-सहन, खान-पान व वेश-भूषा पूर्णतया भिन्न हैं, एक साथ निवास करते हैं । सभी राष्ट्रीय एकता के एक सूत्र में पिरोए हुए हैं । जब तक किसी राष्ट्र की एकता सशक्त है तब तक वह राष्ट्र भी सशक्त है । बाह्‌य शक्तियाँ इन परिस्थितियों में उसकी अखंडता व सार्वभौमिकता पर प्रभाव नहीं डाल पाती हैं परंतु जब-जब राष्ट्रीय एकता खंडित होती है तब-तब उसे अनेक कठिनाइयों से जूझना पड़ता है । हम यदि अपने ही इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो हम यही पाते हैं कि जब-जब हमारी राष्ट्रीय एकता कमजोर पड़ी है तब-तब बाह्‌य शक्तियों ने उसका लाभ उठाया है और हमें उनके अधीन रहना पड़ा है । इसके विपरीत हमारी राष्ट्रीय अवचेतना से ही हमें वर्षों की दासता से मुक्ति मिल सकी है । अत: किसी भी राष्ट्र की एकता, अखंडता व सार्वभौमिकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय एकता का होना अनिवार्य है । भारत जैसे विकासशील देश के लिए जो वर्षों तक दासत्व का शिकार रहा है वहाँ राष्ट्रीय एकता की संपूर्ण कड़ी का मजबूत होना अति आवश्यक है ताकि भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति न हो सके । देश में व्याप्त सांप्रदायिकता, जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रीयता आदि सभी राष्ट्रीय एकता के अवरोधक तत्व हैं । ये सभी अवरोधक तत्व राष्ट्रीय एकता की कड़ी को कमजोर बनाते हैं । इन अवरोधक तत्वों के प्रभाव से ग्रसित लोगों की मानसिकता क्षुद्र होती है जो निजी स्वार्थ के चलते स्वयं को राष्ट्र की प्रमुख धारा से अलग रखते हैं तथा अपने संपर्क में आए अन्य लोगों को भी अलगाववाद के लिए उकसाते हैं । यही आगे चलकर लोगों में विघटन का रूप लेता है जो फिर खून-खराबे, मारकाट व दंगों आदि में परिवर्तित हो जाता है । इन विघटनकारी तत्वों की संख्या जब और अधिक होने लगती है तब ये पूर्ण अलगाव के लिए प्रयास करते हैं । हमारे देश की भौगोलिक भिन्नता जिसमें अनेक क्षेत्रों व उनमें रहने वाली अनेक जातियों व संप्रदायों का समावेश है ये सभी परस्पर राष्ट्रीय एकता को कमजोर बनाते हैं । इस प्रकार ये विभिन्नताएँ जो हमारी संस्कृति का गौरव हैं जब उग्र रूप धारण करती हैं तब यह हमारी एकता और अखंडता की बाधक बन जाती हैं ।

Speech on National Integration Day

India is a land where contrast people with their unique culture and diverse facets of lifestyle are living. Obviously, it is quite clear that we need to understand the meaning of national integration in our lives and follow everything to give a single identity of our country. People in India belong to different castes, races, religions, communities and cultural groups and lived together for years. Diversity of religions, castes and creeds has enriched the cultural heritage of the India which arisen here a composite culture however it is very clear that India has always lacked political unity. Indian has attained only once a political unity in the history in 1947 when Britishers were forced to go from here. They had followed various types of planned policies to divide and rule here however finally they became unsuccessful. Some of the points like cultural unity, defensive continuity, constitution, art, literature, common economic problems, national flag, national festivals, national anthem and national emblem are promoting the National Integration in India. Instead of being from different religions and cases we should recognize that all are one in order to build a strong and prosperous nation. We need to understand the real meaning of the unity in diversity in India. It never means kind of oneness should be here because of racial and cultural similarity, it means that oneness instead of great differences here. India is counted as the country having second largest population all over the world, where more than one thousand six hundred fifty-two languages are spoken and people from all major religions of the world are living here together. In spite of all differences we should co-exist here with each other peacefully without any political or social conflicts. We should enjoy the unity in this great country where everything is diverse to fulfil the purpose of national integration.

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National Unity Day 2022: राष्ट्रीय एकता दिवस पर गहरी छाप छोड़ जाएगा आपका भाषण, ऐसे करें तैयार

National unity day 2022 speech ideas in hindi: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की कल 146वीं जन्म जयंती है. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. हर साल उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है..

Rashtriya Ekta Diwas 2022

  • 30 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 30 अक्टूबर 2022, 7:47 PM IST)

speech on unity day in hindi

Rashtriya Ekta Diwas 2022: हर साल 31 अक्टूबर को भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2022) मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती के दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में घोषित किया था, जिसकी शुरुआत साल 2014 से हुई थी.  सरदार पटेल को रियासतों के भारतीयों के भारतीय संघ में शांतिपूर्ण एकीकरण और भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए श्रेय दिया जाता है.

'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश की मदद की और फिर मार्गदर्शन किया. भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय एकता दिवस "हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए वास्तविक और संभावित खतरों का सामना करने के लिए हमारे राष्ट्र की ताकत की फिर से पुष्टि करने का अवसर प्रदान करेगा."

सरदार पटेल की जयंती पर देशभर के स्कूल-कॉलेज और कार्यस्थलों पर विशेष समारोह आयोजित किया जाता है. जहां सरदार पटेल के योगदान को याद किया जाता है. अगर आप भी इस अवसर पर स्पीच तैयार कर रहे हैं तो नीचे बताए गए आइडिया आपकी मदद कर सकते हैं.

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण के लिए जरूरी बातें 

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  • अपने भाषण की शुरुआत सरदर पटेल के योगदान से करें.
  • भाषण में लिखे तथ्यों को क्रॉस चेक जरूर करें.
  • भाषण को ज्यादा लंबा खींचने की कोशिश न करें.
  • भाषण लिखते समय ध्यान रखें कि उसमें सरल या आम बोलचाल वाले शब्दों का इस्तेमाल किया हो.
  • भाषण लिखते समय सभी तथ्यों को दो बार जरूर चेक कर लें.
  • शब्दों का चयन सोच-समझकर करें ताकि आपकी बात लोगों को पसंद आए और वे उसे सुनने में रुचि बनी रहे.
  • अपने लिखे भाषण को कई बार पढ़ें और अच्छे से प्रैक्टिस कर लें.
  • भाषण के समय अपनी आवाज बुलंद रखें.
  • रटी-रटाई लाइनों को दोहराने के बजाए श्रोताओं से जुड़ने का प्रयास करें.
  • भाषण का अंत दमदार होना चाहिए, इसलिए खास बात से अपनी बात खत्म करें ताकि सुनने वाले प्रभावित हो जाएं.

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National Unity Day Speech in English and Hindi – Download Free PDF!

Published by team sy on october 9, 2023 october 9, 2023.

National Unity Day Speech 2023: To honour Sardar Vallabhbhai Patel, India celebrates National Unity Day on October 31. The first home minister of the country, he played a crucial role in convincing many princely states to join the Union of India after Independence. Due to Patel’s crucial role in integrating India, the day is celebrated as a tribute to that “national unity”. In 2014, the government declared October 31 as National Unity Day or Rashtriya Ekta Diwas to commemorate Sardar Vallabhbhai Patel’s birth anniversary. Check out the speech on National Unity Day in English and Hindi below.

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National Unity Day Speech in English

A long speech on National Unity Day in English is provided below. The same can be delivered on the function to celebrate the day in schools, colleges or any institution.

Good morning everyone presented here. Today on the occasion of national unity day, I am going to express my feelings and the importance of a strong unified nation.

National Unity Day is celebrated every year on the birth anniversary of Sardar Patel which falls on  31st October . Narendra Modi as the Chief Minister of Gujarat had flagged off a project for the construction of a 182-meter statue of Sardar Patel when he became Prime Minister. The Ministry of Home Affairs issued orders to celebrate National Unity Day in 2014. This day should be celebrated on 31st October only on the birth anniversary of Sardar Patel. Sardar Patel is the only great person who has made the biggest contribution to the making of Akhand Bharat. It is the contribution of Sardar Patel that today people of many languages and religions live in unity in India. There will be hardly any country in the world where people of many religions and languages will live together. The merger of more than 500 princely states into India was an impossible task that Sardar Patel had done on his own.

Sardar Vallabhbhai Patel was the first Deputy Prime Minister and Home Minister of India . He was the mastermind of the political integration of India. The celebration of his birthday as World Unity Day has two important purposes – firstly to call Sardar Patel the Iron Man of India and secondly to remind us of our integration and unity.

National Unity means the attainment of collective identity among the residents of a country. It shows that even though we all belong to different religions, regions, and castes and speak different languages we should always feel that we are all one. The feeling of unity is important to build a prosperous and strong nation. The real meaning of unity is the existence of a plurality of identities with a unifying thread.  Benjamin Franklin said – “National unity is the unification of the people of the whole country for a common identity.”

It was assumed that India with such a huge diversity could not stay together. Due to these religious and cultural differences, our country became a slave to the British. Now that our country is free from external threats and internal discontent, it is our first and foremost responsibility to preserve its integrity and honour.

The day was also important for the Indian Administrative Services as he introduced the “ modern All India Service System”  that was formerly known as the Indian Civil Service. Officers of the Indian Administrative Services assemble to pay their respects to Sardar Patel as the ‘Patron Saint of the Civil Servants of India’.

The peace prosperity and unity of a country are important for its development of the country India has a unique feature that people of different castes, religions and sects live here, and different languages are spoken in different regions, yet we Indians understand each other well, respect them, and support each other in happiness and sorrow. Give and live happily together.

Today there is a need to explain to the youth of the country how important unity is for the country. In such a situation, it is very important to have  National Unity Day.  Such days inspire the youth to think in this direction.

In today’s time, unity has been broken in such a way that its importance should first be understood by the family, which is the smallest unit of society because today there is no unity in families. That is why there is no unity in society and if there is no unity in society then how can we expect unity in the village, city, state and country?

It is necessary for unity that today’s generation and the earlier generation should express their mutual views, and make each other aware of their position. Also, talks should be started only in the hope of a solution. There is no solution to the disputes that take place over generations, every person believes himself to be right, in such a situation, families are broken, so it is necessary that there should be a conversation and there should be such an environment that every member of the family can speak his mind and a solution can be found. Families are easy to break up. It is difficult for them to live together and the effect of these broken families is also on the country.

Sardar Vallabhbhai Patel’s birthday is an occasion to remember his efforts and honour his desire and vision for a united India. He was the  soul of our unity and integrity.

Download National Unity Day Speech PDF

National unity day speech in hindi (राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण).

A long speech on National Unity Day in Hindi is provided below.

सुप्रभात सभी ने यहां प्रस्तुत किया। आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मैं अपनी भावनाओं और एक मजबूत एकीकृत राष्ट्र के महत्व को व्यक्त करने जा रहा हूं।

राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल सरदार पटेल की जयंती पर मनाया जाता है जो 31 अक्टूबर को पड़ता है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री बनने पर सरदार पटेल की 182 मीटर की मूर्ति के निर्माण के लिए एक परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। गृह मंत्रालय ने 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के आदेश जारी किए थे। यह दिन 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर ही मनाया जाना चाहिए। सरदार पटेल एकमात्र ऐसे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने अखण्ड भारत के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान दिया है। सरदार पटेल का ही योगदान है कि आज भारत में कई भाषाओं और धर्मों के लोग एकता में रहते हैं। दुनिया में शायद ही कोई देश होगा जहां कई धर्मों और भाषाओं के लोग एक साथ रहेंगे। 500 से अधिक रियासतों का भारत में विलय एक असंभव कार्य था जिसे सरदार पटेल ने अपने दम पर किया था।

सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे। वह भारत के राजनीतिक एकीकरण के मास्टरमाइंड थे। उनके जन्मदिन को विश्व एकता दिवस के रूप में मनाने के दो महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं – पहला सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष कहना और दूसरा हमें हमारी एकता और एकता की याद दिलाना। राष्ट्रीय एकता का अर्थ है किसी देश के निवासियों के बीच सामूहिक पहचान की प्राप्ति। यह दर्शाता है कि भले ही हम सभी अलग-अलग धर्मों, क्षेत्रों और जातियों के हैं और अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, हमें हमेशा यह महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक हैं। एक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता की भावना महत्वपूर्ण है। एकता का वास्तविक अर्थ एकता के सूत्र के साथ पहचानों की बहुलता का अस्तित्व है। बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा – “राष्ट्रीय एकता एक समान पहचान के लिए पूरे देश के लोगों का एकीकरण है।”

यह मान लिया गया था कि इतनी विशाल विविधता वाला भारत एक साथ नहीं रह सकता। इन्हीं धार्मिक और सांस्कृतिक भिन्नताओं के कारण हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम बन गया। अब जब हमारा देश बाहरी खतरों और आंतरिक असंतोष से मुक्त है, तो इसकी अखंडता और सम्मान की रक्षा करना हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।यह दिन भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने “आधुनिक अखिल भारतीय सेवा प्रणाली” की शुरुआत की, जिसे पहले भारतीय सिविल सेवा के रूप में जाना जाता था। भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी सरदार पटेल को ‘भारत के सिविल सेवकों के संरक्षक संत’ के रूप में सम्मान देने के लिए इकट्ठा होते हैं। 

किसी देश की शांति समृद्धि और एकता देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है भारत की एक अनूठी विशेषता है कि विभिन्न जातियों, धर्मों और संप्रदायों के लोग यहां रहते हैं, और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, फिर भी हम भारतीय एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं, उनका सम्मान करें और सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ दें। दे दो और एक साथ खुशी से जियो। आज देश के युवाओं को यह समझाने की जरूरत है कि देश के लिए एकता कितनी जरूरी है। ऐसे में राष्ट्रीय एकता दिवस का होना बेहद जरूरी है।

ऐसे दिन युवाओं को इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। आज के समय में एकता को इस तरह से तोड़ा गया है कि उसके महत्व को सबसे पहले परिवार को समझना चाहिए, जो समाज की सबसे छोटी इकाई है क्योंकि आज परिवारों में एकता नहीं है। इसलिए समाज में एकता नहीं है और अगर समाज में एकता नहीं है तो हम गांव, शहर, राज्य और देश में एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? 

एकता के लिए जरूरी है कि आज की पीढ़ी और पिछली पीढ़ी अपने-अपने विचार व्यक्त करें और एक-दूसरे को अपनी स्थिति से अवगत कराएं। साथ ही समाधान की उम्मीद में ही बातचीत शुरू करनी चाहिए। पीढ़ियों से चले आ रहे झगड़ों का कोई हल नहीं होता, हर व्यक्ति खुद को सही मानता है, ऐसे में परिवार टूटते हैं, इसलिए जरूरी है कि बातचीत हो और ऐसा माहौल हो कि हर सदस्य परिवार के लोग अपने मन की बात कह सकते हैं और समाधान निकाला जा सकता है। परिवारों को तोड़ना आसान है। उनका साथ रहना मुश्किल है और इन टूटे परिवारों का असर देश पर भी पड़ रहा है।

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्मदिन उनके प्रयासों को याद करने और अखंड भारत के लिए उनकी इच्छा और दृष्टि का सम्मान करने का अवसर है। वह हमारी एकता और अखंडता की आत्मा थे।

National Unity Day Speech FAQs

Every year on 31st October, the birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel is celebrated as National Unity Day.

In 2014, the first National Unity Day was observed in India.

The Statue of Unity is located in Gujarat.

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Essay on National Unity Day in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध 

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 26, 2023

Essay on National Unity Day in Hindi

भारत में प्रतिवर्ष 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण लोगों को एकजुट करना और समाज के उत्थान के लिये उनके विचारों से अवगत कराना है। इसे पहली बार वर्ष 2014 में मनाया गया था। राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध अक्सर स्टूडेंट्स से प्रॉजेक्ट असाइनमेंट और एग्ज़ाम्स में पूछ लिया जाता है। तो आइये इस ब्लॉग के माध्यम से जानें कुछ सैंपल निबंध Essay on National Unity Day in Hindi. 

This Blog Includes:

राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध (100 शब्दों में), राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध (200 शब्दों में), प्रस्तावना , राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व, राष्ट्रीय एकता के लिए चुनौतियां, राष्ट्रीय एकता के लिए प्रयास, निष्कर्ष , 10 lines essay on national unity day in hindi.

राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना है। भारत एक विविधता वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्मों, जातियों, और संस्कृतियों के लोग रहते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस के दिन, हम सभी को इन विभिन्नताओं को एकता में बदलने का संकल्प लेना चाहिए।

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भाषणों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और मार्चों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना जागृत करना है।

राष्ट्रीय एकता दिवस हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता के लिए संकल्पित होना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं, और हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

राष्ट्रीय एकता दिवस, भारतीय गणराज्य में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन 31 अक्टूबर को मनाया जाता है और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में याद किया जाता है। उन्हें ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत को एकता में लाने के लिए संघटनाओं की स्थापना की और भारतीय संघ की साझेदारी के माध्यम से 1947 के बाद भारतीय राज्यों को एक साथ आगे बढ़ाया।

राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य भारतीय समाज को विभिन्न जातियों, धर्मों और भाषाओं के बीच एकता और सामंजस्य की महत्वपूर्ण भूमिका देना है। इस दिन कई शैली और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें विभिन्न समुदायों के लोग भाग लेते हैं। यह दिन भारतीयों को उनके सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं के बावजूद एक एकत्र आने की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है।

देश में एकता के स्वर को सबसे ज्यादा बुलंद स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने किया था। वे उस सदी में आज के युवा जैसी नयी सोच के व्यक्ति थे। वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्ही को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस भारत के राजनीतिक रूप से एकजुट मानचित्र के पीछे के व्यक्ति को याद करने और उनके जन्मदिन को मनाने के लिए एक दिन है।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में 

कक्षा 10 से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए 500 शब्दों में Essay on National Unity Day in Hindi कुछ इस प्रकार है –

भारत एक विविधता वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्मों, जातियों, और संस्कृतियों के लोग रहते हैं। यह विविधता ही इस देश की खूबसूरती है। लेकिन, कभी-कभी यह विविधता भी देश की एकता और अखंडता के लिए चुनौती बन जाती है। ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना है। राष्ट्रीय एकता दिवस के दिन, हम सभी को इन विभिन्नताओं को एकता में बदलने का संकल्प लेना चाहिए।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व भारतीय समाज के लिए अत्यधिक है। इस दिन का महत्व यह है कि यह हमें हमारी एकता और विविधता का महत्व समझाता है। भारत एक बड़ा देश है और यहाँ अनेक जातियाँ, धर्म, भाषाएँ और संस्कृतियाँ हैं। इस विविधता के बावजूद, हमें एकता और सामंजस्य की आवश्यकता है। राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि हम सभी एक हैं और हमें मिलकर अपने देश के विकास में योगदान करना है।

भारत एक लोकतंत्र है, और यहां लोगों को अपनी स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लेकिन, कभी-कभी यह स्वतंत्रता भी देश की एकता और अखंडता के लिए चुनौती बन जाती है। उदाहरण के लिए, कुछ लोग अपने धर्म या जाति के आधार पर दूसरों को भेदभाव करते हैं। इससे देश में सांप्रदायिकता और जातिवाद की भावना बढ़ती है।

इसके अलावा, देश में आर्थिक असमानता भी एक बड़ी चुनौती है। जब कुछ लोगों के पास बहुत कुछ होता है, और कुछ के पास कुछ भी नहीं होता है, तो इससे समाज में असंतोष और अशांति बढ़ती है। यह भी देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करता है।

राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए, हमें इन चुनौतियों का सामना करना होगा। हमें लोगों में एकता और भाईचारे की भावना जागृत करनी होगी। इसके लिए, हमें निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए:

  • विभिन्न धर्मों और जातियों के लोगों के बीच सद्भाव और सौहार्द बढ़ाना चाहिए।
  • आर्थिक असमानता को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
  • लोगों को देश के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना जगाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
  • हम सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए कि भारत एक अखंड राष्ट्र बना रहे।

सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मरणार्थ, भारत सरकार ने गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे एक प्रतिष्ठित मूर्ति का निर्माण किया है, जिसे भारत के ‘लौह पुरुष’ के रूप में जाना जाता है। साथ ही, स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के संघर्षों और त्याग को याद करते हुए, भारत सरकार ने उनकी जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस की घोषणा की थी। इस दिन, लोग सरदार पटेल के महान कार्यों की स्मृति को महसूस करते हैं और राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन करते हैं।

  • 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना है।
  • भारत एक विविधता वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्मों, जातियों, और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
  • हमें इन विभिन्नताओं को एकता में बदलने का संकल्प लेना चाहिए।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना जागृत करना है।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
  • इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता के लिए संकल्पित होना चाहिए।
  • भारत जैसा देश, जो विविधताओं से भरा है, जहां धर्म, जाति, भाषा, सभ्यता और संस्कृतियां, एकता को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। 
  • चूंकि, सरदार पटेल भारत के एकीकरण के लिए जाने जाते हैं, इसलिए राष्ट्रीय एकता दिवस उनकी जयंती (31 अक्टूबर) को हर साल मनाया जाता है।

सम्बंधित आर्टिकल्स 

राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है और भारतीय एकता और सामंजस्य को प्रमोट करने का उद्देश्य रखता है।

सरदार वल्लभभाई पटेल, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता थे और स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारतीय संघ की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राष्ट्रीय एकता दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को एकता, सामंजस्य और विविधता की महत्वपूर्ण भूमिका याद दिलाना है। यह दिन सरदार पटेल के कार्यों को याद करने और भारतीय संघ के महत्व को अधिक समझने का मौका प्रदान करता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध (Essay on National Unity Day in Hindi) में आपको इस विषय में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

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राष्ट्रीय एकता पर निबंध | Essay on National Unity in Hindi

Essay on National Unity in Hindi

राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर निबंध हिंदी में | Essay on National Unity in Hindi | Rashtriya Ekta Aur Akhandta Par Nibandh | Rashtriya Ekta ka Mahatva

भारत अनेक धर्मों, जातियों और भाषाओं का देश है. धर्म, जाति एवं भाषाओं की दृष्टि से विविधता होते हुए भी भारत में प्राचीन काल से ही एकता की भावना विद्यमान रही है. जब कभी किसी ने उस एकता को खंडित करने का प्रयास किया है. भारत का एक एक नागरिक सजग हो उठता है. राष्ट्रीय एकता को खंडित करने वाली शक्तियों के विरुद्ध आंदोलन आरंभ हो जाता है. राष्ट्रीय एकता हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और जिस व्यक्ति को अपने राष्ट्रीय गौरव का अभिमान है. वह नर नहीं नर पशु है.

जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है. वह नर नहीं नर पशु निरा है और मृतक समान है.

राष्ट्रीय एकता से अभिप्राय

राष्ट्रीय एकता का अभिप्राय हैं संपूर्ण भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और वैचारिक एकता. हमारे कर्म-कांड, पूजा-पाठ, खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा में अंतर हो सकता है. इनमें अनेकता भी हो सकती है किंतु हमारे राजनीतिक और वैचारिक दृष्टिकोण में एकता है. इस प्रकार अनेकता में एकता ही भारत की प्रमुख विशेषता है. एकता भावनात्मक शब्द है जिसका अर्थ है एक होने का भाव. देश का सामाजिक, सांस्कृतिक, भूगोल तथा साहित्यिक दृष्टि से एक होना ही एकता का वास्तविक अर्थ है.

भारत में अनेकता के विविध रूप

भारत जैसे विशाल देश में अनेकता का होना स्वभाविक ही है. धर्म के क्षेत्र में हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि विविध धर्म के लोग यहां निवास करते हैं. एक-एक धर्म में भी अवांतर भेद हैं जैसे हिंदू धर्म के अंतर्गत वैष्णव, शैव, शाक्त आदि भेद है. मुसलमान में भी शिया, सुन्नी आदि भेद हैं. सामाजिक दृष्टि से विभिन्न जातियां, उप जातियां, गोत्र आदि विविधता के सूचक हैं. सांस्कृतिक दृष्टि से खान पान, वेशभूषा, पूजा पाठ आदि की भिन्नता मैं भी अनेकता है. साहित्यिक दृष्टि से शोभा, भौगोलिक स्थिति, ऋतु परिवर्तन आदि में भी पर्याप्त भिन्नता दृष्टिगोचर होती है. इतनी विविधताओं के होते हुए भी भारत अत्यंत प्राचीन काल से एकता के सूत्र में बंधता आ रहा है.

राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता

राष्ट्र की आंतरिक शक्ति तथा सुव्यवस्था और बाह्य सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय एकता की परम आवश्यकता होती है. भारतवासियों में यदि जरा सी भी फूट पड़ेगी तो अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने के लिए तैयार बैठे हैं. जब जब हम असंगठित हुए हैं, हमें आर्थिक और राजनीतिक रूप से इसकी कीमत चुकानी पड़ी है. अतः देश की स्वतंत्रता की रक्षा और राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्र की एकता का होना परम आवश्यक है.

राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधाएं

राष्ट्रीय एकता की भावना का अर्थ मात्र यह नहीं है कि हम एक राष्ट्र से सम्बद्ध हैं. राष्ट्रीय एकता के लिए एक दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना आवश्यक है. आजादी के समय हमने सोचा था कि पारंपरिक भेद दो समाप्त हो जाएगा किंतु सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अज्ञानता और भाषागत अनेकता ने अब तक पूरे देश को आक्रांत कर रखा है.

राष्ट्रीय एकता को विभिन्न कर देने वाले निम्न कारण है-

साम्प्रदायिकता

राष्ट्रीय एकता के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा सांप्रदायिकता की भावना है. सांप्रदायिकता एक ऐसी बुराई है जो मानव मानव में फूट डालती है, समाज को विभाजित करती है. दुर्भाग्य से सांप्रदायिकता की बीमारी का जितना इलाज किया गया वह उतना ही अधिक बढ़ता गया. स्वार्थी राजनीतिज्ञ संप्रदाय के नाम पर भोले भाले लोगों को परस्पर लड़ा कर अपना ही स्वार्थ पूरा कर रहे हैं. जिससे देश का वातावरण विषैला होता जा रहा है. सांप्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से सभी धर्मों में सेवा, परोपकार, सत्य, प्रेम, समता, नैतिकता, अहिंसा, पवित्रता आदि गुण समान रूप से मिलते हैं. जहां भी द्वेष, घृणा और विरोध है, धर्म नहीं है. राष्ट्रवादी शायर इकबाल ने कहा है-

“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा.”

अंग्रेजों ने फूट डालो राज्य करो नीति के अंतर्गत ही भारत विभाजन कराया और पाकिस्तान तथा हिंदुस्तान के बीच सदैव के लिए वैमनस्य का बीज बो दिया. राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने के लिए सांप्रदायिक विद्वेष, स्पर्धा, ईर्ष्या आदि राष्ट्र विरोधी भावनाओं को मन से त्याग कर परस्पर सांप्रदायिक सद्भाव रखना होगा. सांप्रदायिक सद्भाव का अर्थ है कि हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध आदि सभी भारत भूमि को अपनी मातृभूमि मानकर साथ रहे और सद्भाव के साथ रहे. यह राष्ट्रीय एकता के लिए अनिवार्य एवं आवश्यक है.

सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी भारतवासियों को प्रेम से रहना चाहिए. सभी धर्मात्मा की शांति के लिए विभिन्न उपाय करते हैं. सभी धर्म समान है कोई छोटा बड़ा नहीं है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सभी पूजा के स्थल है. इन सभी स्थानों पर आत्मा को शांति मिलती है. हमारे लिए सभी पूजा स्थल पूजा पूज्य और पवित्र है.

सांप्रदायिक कटुता को दूर करने के लिए हमें परस्पर सभी धर्मों का आदर करना चाहिए. सभी भारतवासी परस्पर भाई बन कर रहे. धर्म ग्रंथों के वास्तविक संदेश को समझे,उनका स्वार्थ पूर्ण अर्थ ना निकालें. विभिन्न धर्मों के आदर्शों का संग्रह किया जाए. प्राथमिक तथा माध्यमिक कक्षाओं में उनके अध्ययन की विधिवत व्यवस्था की जाए.

भाषागत विवाद

भारत बहुभाषी राष्ट्र है. विभिन्न प्रांतों की अलग-अलग बोलियां और भाषाएं हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपनी भाषा को श्रेष्ठ और उसके साहित्य को महान मानता है. इस आधार पर भाषा का विवाद खड़े हो जाते हैं और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता भंग होने के खतरे बढ़ जाते हैं. यदि कोई व्यक्ति अपनी मातृभाषा के मोह के कारण दूसरी भाषा का अपमान तथा अवहेलना करता है, तो वह राष्ट्रीय एकता पर प्रहार करता है.

प्रांतीयता अथवा प्रादेशिकता की भावना

प्रांतीयता अथवा प्रादेशिकता की भावना भी राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती है. कभी कभी किसी अंचल विशेष के निवासी अपने पृथक अस्तित्व की मांग करते हैं. ऐसी मांग करने से राष्ट्रीय एकता काथा अखंडता का विचार ही समाप्त हो जाता है. क्षेत्र विशेष के विकास के लिए हमें स्वयं प्रयास करना चाहिए तथा शांतिपूर्वक सरकार के उस क्षेत्र के विकास के लिए दृढ़ता से आग्रह करना चाहिए. यह आदर्श ही हमारे राष्ट्रीय एकता का आधार है.

भारत में जातिवाद सदैव प्रभावी रहा है. प्रत्येक जातीय अपने को दूसरी जाति से उच्च समझती है. कर्म पर आधारित वर्ण व्यवस्था टूटी और जाति प्रथा के कहर के रूप में उभरी. जातिवाद ने भारतीय एकता को बुरी तरह प्रभावित किया. आजादी के बाद अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए हर स्तर पर आरक्षण की नीति का आर्थिक दृष्टि से दुर्बल सवर्ण जातियों ने कड़ा विरोध किया. इस विवाद पर लोगों ने तोड़फोड़, आगजनी, अराजकता फैला कर राष्ट्रीय एकता को प्रभावित किया. इस प्रकार जातिवाद राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधक है.

राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के उपाय

वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं-

सर्वधर्म समभाव

सभी धर्मों के आदर्श एवं श्रेष्ठ माते समान दिखाई देती है. सभी धर्मों का समान रूप से आदर करना चाहिए. धार्मिक अथवा सांप्रदायिक आधार पर किसी भी धर्म को ऊंचा-नीचा या बड़ा छोटा नहीं समझना चाहिए.

समिष्ट हित की भावना

हम अपनी स्वार्थ भावनाओं को भूलकर समिष्ट हित का भाव विकसित कर ले तो धर्म, क्षेत्र, भाषा और जाति के नाम पर ना सोचकर समूचे राष्ट्र के नाम पर सोचेंगे. अलगाववादी भावना के स्थान पर राष्ट्रीय भावना का विकास होगा जिससे अनेकता रहते हुए भी एकता की भावना सदृद होगी.

एकता का विश्वास

भारत में अनेकता में ही एकता का निवास होता हैं. हमें समाज में ऐसे प्रयास करना चाहियें कि सभी नागरिक प्रेम और सद्भाव द्वारा एक-दुसरे में अपने प्रति विश्वास जमा सके.

शिक्षा का प्रसार

शिक्षा से हमारा मन उदार तथा दृष्टीकोण व्यापक बनता हैं. भारत में अशिक्षा के कारण लोग भावावेश में बह जाते हैं. बच्चों के मन में प्रारंभ से ही सभी धर्मों, भाषाओं और जातियों के प्रति सम्मान हो. छात्रों को राष्ट्रभाषा के साथ-साथ एक प्रादेशिक भाषा भी सीखनी चाहियें.

राजनीतिक वातावरण की स्वच्छता

स्वतंत्रता से पूर्व अंग्रेजों ने तथा स्वतंत्रता के बाद राजनेताओं ने जातीय द्वेष तथा धार्मिक फूट डालने का कार्य किया हैं. किसी विशेष सम्प्रदाय का मसीहा बनकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं. ऐसे स्वार्थी राजनेताओं का बहिष्कार होना चाहियें. इस प्रकार राजनीतिक वातावरण स्वच्छ होने से एकता का भाव सुद्रढ़ होगा.

आज विकास के साधन बढ़ रहे हैं, भौगोलिक दूरियाँ कम हो रही हैं किन्तु आदमी और आदमी के बीच दूरी बढ़ती जा रही हैं. हम सभी को मिलकर राष्ट्रीय एकता के लियें प्रयास करना चाहियें. ऐसा करने पर भारत एक सबल राष्ट्र बनेगा.

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Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti Speech : सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती और एकता दिवस पर आसान भाषण

Sardar vallabhbhai patel jayanti speech , essay : अगर आप सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती , राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण या निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो नीचे दिए गए भाषण से उदाहरण ले सकते है.

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti Speech : सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती और एकता दिवस पर आसान भाषण

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti Speech , National Unity Day Essay Speech : आज 31 अक्टूबर को भारत की एकता के सूत्रधार कहे जाने वाले लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती है। महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री रहे। जब भारत आजाद हुआ था तब देश 550 से ज्यादा रियासतों में बंटा था। इन्हें भारत में मिलाने में सरदार पटेल से सबसे अहम भूमिका निभाई। यह वजह है कि वह  भारतीय एकता के प्रतीक बन गए। उनका जन्मदिन देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सरदार पटेल की जयंती पर विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में क्वीज, निबंध व भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। इसमें उनके शानदार व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला जाता है। अगर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आप भी भाषण या निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं तो नीचे दिए गए भाषण से उदाहरण ले सकते हैं।

Sardar Vallabhbhai Patel Jayani Speech , Essay National Unity Day speech Essay : सरदार पटेल जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण

आदरणीय प्रिंसिपल सर, अध्यापकों, एवं मेरे प्यारे दोस्तों-- 

आज लौह पुरुष, राष्ट्रीय एकीकरण के शिल्पकार, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ। साथियों, जब भारत आजाद हुआ तब हमारा मुल्क 550 से भी ज्यादा छोटी बड़ी देशी रियासतों में बंटा हुआ था। इन्हें हिंदुस्तान में मिलाना बेहद जरूरी था जो कि एक चुनौतिपूर्ण कार्य था। कई रियासतें भारत में न मिलकर खुद को अलग स्वतंत्र रखना चाहती थीं। सरदार पटेल भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री थे। उन्होंने देश के एकीकरण में बेहद अहम भूमिका निभाई। यही वजह है कि उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रणेता माना जाता है। 

सरदार पटेल अपनी बेहतरीन नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमताओं के लिए भी जाने जाते थे। पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने सभी रियासतों के राजाओं को यह स्पष्ट कर दिया था कि अलग राज्य का उनका सपना असंभव है और भारतीय गणतंत्र का हिस्सा बनने में ही उनकी भलाई है। उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और राजनैतिक दूरदर्शिता से छोटी रियासतों को संगठित किया। भारत के भौगोलिक एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होने के चलते उनकी जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस (  National Unity Day ) के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था।    सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। वे अपने पिता झवेरभाई पटेल और माता लाडबाई की चौथी संतान थे। उन्होंने लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया।  स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया। बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की थी। सरदार पटेल स्पष्ट व निर्भीक वक्ता थे। यदि वे कभी गांधी जी व जवाहर लाल नेहरू से असहमत होते तो वे उसे भी साफ कह देते थे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें तीन साल की कैद हुई।

महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी। यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर काफी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था।   

किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।

सरदार पटेल की जयंती पर जगह जगह रन फॉर यूनिटी का आयोजन होता है। कुछ कार्यक्रमों में उनके महान व्यक्तित्व, उनके सशक्त विचारों, आजादी, राष्ट्रनिर्माण व एकीकरण में उनके योगदान से जनता को रूबरू कराया जाता है। दोस्तों, आज सरदार पटेल की जयंती पर हमें उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। उनके अनुशासित जीवन से सीख लेना चाहिए। इसी के साथ मैं अपना भाषण खत्म करना चाहूंगा। 

धन्यवाद , जय हिंद, जय भारत। 

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राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण | National Unity Day Speech in Hindi

National Unity Day Speech in Hindi

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wow your speech is too good

speech on unity day in hindi

Aap e ye bahut acha likha hai

So great👍👍👍 speech

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विविधता में एकता पर स्पीच

भारत विविधता में एकता के प्रतीक की भूमि है। भारतीय संस्कृति जातियों, धर्मों, रीति-रिवाजों और भाषाओं की बहुलता का भंडार है। इस प्रकार भारत दुनिया में अद्वितीय है। भारत दुनिया के लगभग सभी धर्मों का घर है: हिंदू, जैन, बौद्ध, इस्लाम, सिख और ईसाई धर्म जिनके अनुयायी जन्म, शादी, मृत्यु इत्यादि से संबंधित जीवन शैली, प्रथाओं और संस्कारों में मतभेद होने के बावजूद शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ रहते हैं। ऐसे कई अवसर आते हैं जब हमें विविधता में एकता के विषय के सभी आयामों के आशय को समझते हुए भाषण देने की आवश्यकता होती है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमें से किसी भी एक का चयन कर सकते हैं।

विविधता में एकता पर भाषण (Speech on Unity in Diversity in Hindi)

भाषण – 1.

माननीय उपराष्ट्रपति, सम्मानित प्रधानाचार्य, सम्मानित प्रोफेसरों, प्रशासन स्टाफ के सदस्यों और मेरे प्रिय साथी छात्रों,

आज गणतंत्र दिवस है। हर भारतीय के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन। इस दिन स्वतंत्र भारत के संविधान को लागू किया गया था। हर साल की तरह हमारा कॉलेज इस महत्वपूर्ण दिन को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाता है। आप सभी का स्वागत करने और इस विशेष अवसर पर कुछ पंक्तियां बोलने का मौका पाकर मैं अपने आप को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।

स्वतंत्रता के समय से भारत में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर बहुत बदलाव हुए हैं लेकिन एक बात जो अब तक बरकरार है वह है उसकी ”विविधता में एकता”। हम सभी जानते हैं सांस्कृतिक और सामाजिक समस्याओं को हल करने में एकता सबसे प्रभावशाली कारक है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों के बावजूद लोगों के बीच आपसी सम्मान की भावना जगाती है। भारत बहु-सांस्कृतिक प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है इसलिए लोग शांति और सामंजस्य के साथ आपस में एक साथ रहते हैं।

भारत एक रंगीन देश है जहाँ लोग विभिन्न धर्मों में विश्वास करते हैं, विभिन्न परंपराओं, संस्कृति, अपने व्यक्तिगत विश्वास और जीवन शैली का पालन करते हैं फिर भी वे एक दूसरे के त्योहार इकट्ठे मनाते हैं। जहाँ गणेश चतुर्थी को पश्चिम भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है वहीं दिवाली, होली उत्तर भारत के मुख्य आकर्षण हैं। नवरात्र गुजरात का दिल है तो जन्माष्टमी उत्तर प्रदेश की आत्मा है। इन कारणों की ही वजह से विदेशी पर्यटक भारत की ओर आकर्षित होते हैं और विशेष रूप से होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, लोहड़ी आदि के दौरान भारत की यात्रा करते हैं। भारत में सबसे पुरानी सभ्यता और संस्कृति है और इनमें से कुछ तो आज भी प्रचलित हैं। हालांकि भारत में विविध और मिश्रित संस्कृतियों की कोई कमी नहीं है फिर भी यह प्रसिद्ध नारा ‘विविधता में एकता’ का प्रतीक है।

हमारी वर्तमान भारतीय सभ्यता निरंतर विभिन्न राज्यों की बहु-जातियों द्वारा विकसित होती रही है। हम सभी जानते हैं कि मुगल, अंग्रेज आदि जैसी विविध जातियों ने समुद्र और भूमि मार्गों के माध्यम से भारत में प्रवेश किया है। उन्होंने देश पर विजय प्राप्त की और कई सालों तक यहां बसे रहे।

भारत एक विशाल और बड़ी आबादी वाला देश है। इसमें 22 आधिकारिक बोली जाने वाली भाषाओं के साथ 29 राज्य हैं लेकिन वास्तव में देश के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली 150 अलग-अलग मातृभाषायें हैं। यह निश्चित रूप से अद्भुत है क्योंकि इतने सारे मतभेदों के बावजूद भारत अभी भी मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा है। यहां के लोग भावुक हैं और यही सबसे लोकप्रिय भाषा है जिसे वे समझते हैं जो उन्हें सभी पहलुओं में एकजुट रखती है। न केवल भाषा बल्कि भोजन, आदतें, पोशाक, सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवहार, जातीयता, त्योहारों और धार्मिक विश्वासों में सभी भारतीय एक-दूसरे से बहुत भिन्न होते हैं।

भारत में राजनीतिक स्थिति स्थिर है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपना उद्यम शुरू करने की इजाजत देती है जिससे भारतीयों के लिए रोजगार के नए-नए अवसर मिलते हैं। भारत में लोग अलग-अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद एक-दूसरे से बहुत नरम लहज़े में बात करते हैं।

हमें भूलना नहीं चाहिए कि कुछ ऐसे सामाजिक-विरोधी तत्व भी हैं जो देश को अपने व्यवहार और गतिविधियों से भ्रष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन फिर भी भारत एकजुट है। यह हमारी मातृभूमि की शक्ति है जिससे हमें विपत्तियों का मुकाबला करने और ‘विविधता में एकता’ को बढ़ावा देने के लिए ताकत तथा सहनशीलता मिलती है।

भाषण – 2

सभी सज्जनों को मेरा नमस्कार,

यहां आने और इस चर्चा का एक हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद। यहां पर इकट्ठे हुए विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाले आप सभी को सज्जनों को देख मैं अपने आप को बेहद सम्मानित महसूस करता है। आज की चर्चा सबसे अधिक प्रासंगिक विषयों में से एक है ‘विविधता में एकता’ यानी कि ‘अनेकता में एकता’ है जो कि भारत का पर्याय है।

आज मैं यहाँ अपने दृष्टिकोण को साझा करना चाहूंगा कि वास्तव में इस शब्द ‘विविधता में एकता’ का मतलब क्या है? क्या यह अजीब नहीं लगता है जब हम एक वाक्यांश में एक साथ एकता और विविधता को सुनते है। एकता शब्द – जिसका अर्थ है एक और विविधता – जिसका अर्थ है अलग-अलग। ऐसा महसूस भी होता है! इससे हमें आश्चर्य होता है कि यह कैसे संभव है कि दो अलग-अलग चीजों के लिए एक समान कारक है।

यह पूरी तरह सच है कि विविधता में एकता का अर्थ है अलग-अलग चीज़ों का मिलना। इसका अर्थ है विविधता या विभिन्न अवधारणाओं की उपस्थिति के बावजूद एकता या एकजुटता। सरल तरीके से अगर मैं कहूँ तो इसका मतलब है कि कई प्रकार की चीज़ों को एक के रूप में संलिप्त करना।

विविधता में एकता को समझाने का सबसे अच्छा उदाहरण हमारे देश ‘भारत’ के बारे में बात करना। सिर्फ एक शब्द भारत बोलने से बड़ी संख्या में चीजें शीघ्र ही हमारे मन में आती हैं। है न? हाँ सचमुच! विभिन्न जातियों, विभिन्न संस्कृतियों, अलग धर्म, विभिन्न भाषाओं, अलग-अलग रीति-रिवाजों, अलग-अलग खाद्य पदार्थ और पता नहीं क्या-क्या! इन अनेक या विविध चीजों को एक छतरी में एकत्रित करना ही विविधता में एकता का एक सही उदाहरण कहा जा सकता है।

भारत की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक है मानवता के बंधन में सभी धर्मों को मानने वाले लोगों को एक बंधन में बांधना जो अलग-अलग विचारधाराओं को एक सूत्र में बांधने का सबसे अच्छा उदाहरण है। किसी भी कार्यालय, किसी भी स्कूल, किसी भी बाजार या भारत में किसी भी संस्थान में जाकर देखें आप पूर्णता की भावना से अलग-अलग परंपराओं को मानने वाले और अलग-अलग जाति के लोगों को एक साथ काम करते पाएंगे।

अलग-अलग रंग के प्रत्येक मोती को एकसाथ पिरो कर जो माला बनी है वह है हमारा देश – भारत। भारत की इस विविधता के ही कारण यह सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है और पूरे वर्ष बड़ी संख्या में लोग इसकी विविधता के प्रति आकर्षित होकर भारत की यात्रा करते हैं।

अगर मैं भारत का अपने उदाहरण पर निष्कर्ष निकालता हूं तो यह सच है कि यह देश एकीकृत, एकजुट और विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक जायके के एक परिपूर्ण मिश्रण के बीच सभी मानदंडों को संतुष्ट करता है। यह वास्तव में एक ऐसा देश है जहां बहु-सांस्कृतिक प्रणालियों के बावजूद लोग शांति और सामंजस्य के साथ रहते हैं।

मान लीजिए यदि आप एक छोटे बच्चे से पूछते हैं तो वह भी यह कहेगा कि एक रंग की चादर की बजाए देखने में वह चादर ज्यादा आकर्षक लगेगी जिसमें दो या दो से अधिक रंग का मिश्रण होता है। इसी प्रकार पूरी दुनिया में कोई भी देश, जगह, स्थल जिसमें व्यापक रूप से फैली संस्कृतियों या परंपराओं का मिश्रण हो वह दूसरे की तुलना में आकर्षित लगेगा।

दोस्तों हमारे चारों ओर विविधता में एकता को देखकर वाकई बहुत प्रसन्नता का अनुभव होता है। आशा है कि आपके लिए यह चर्चा उपयोगी रही होगी।

देवियों और सज्जनों,

मुझे आज मेरे विचार साझा करने का मौका पाकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। विविधता जो हमारे भारतीय समाज के गुणगान को दर्शाती है और एकता जो हमें शांति और सद्भाव में एक साथ रखती है।

30 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र के साथ भारत दुनिया में सातवां सबसे बड़ा देश है। इस देश की प्राकृतिक विशेषताएँ विभिन्न और विविध हैं। हिंदुस्तान के उत्तर में जहाँ हिमालय पर्वत है वहीँ बाकी देश में पहाड़ी श्रृंखलाएं, नदियां, झीलें, जंगल और मैंग्रोव वन पाए जाते हैं। इसके बाद थार रेगिस्तान से लेकर समुद्र और विशाल हिंद महासागर है। इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाली वनस्पति भी समान रूप से विविध है और विभिन्न प्रकार के जीव अलग-अलग निवास स्थानों में पाए जाते हैं। विविधता वास्तव में भारत की पहचान है।

दिलचस्प बात यह है कि हमारे समाज में भी इस महान विविधता का प्रदर्शन देखने को मिलता है। हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और यहूदियों समेत विभिन्न धर्मों के लोग हैं जो विविध परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं और अपने विशेष त्यौहारों और अवसरों को मनाते हैं। बहुत सारे व्यंजन हैं जो खाने की मेज पर सजाए जाते हैं तथा हर प्रदेश की अलग-अलग वेशभूषाओं में भी लोगों को देखा जा सकता है। विभिन्न राज्यों में लोगों द्वारा बोले जाने वाली भाषा और बोलियों की संख्या में बड़ी बहुलता है। इसी तरह देश के प्रत्येक छोटे क्षेत्र की कला, शिल्प, संस्कृति और लोककथाएं विविध हैं और समय के विनाश से बची रही हैं।

जहाँ तक एक शानदार विभिन्नता और विविधता है जो भारतीय समाज को दर्शाती है उससे भी ज्यादा आकर्षक है एकता जो भारतीय जनता को एकजुट करती है।

ऐसा क्या है जो लोगों को एकजुट करता है? ऐसा क्या है जो हम सभी भारतीयों को सुख और दुःख के समय में एक रखता है? भारत को एक गौरवशाली राष्ट्र बनाने के पीछे हमारा जुनून है। हम सभी अपनी भारतीय पहचान साझा करते हैं। हम सभी इस देश में रहते हैं और इसी देश में अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। हम सभी हमारे राष्ट्रवाद के गौरव को साझा करते हैं।

भारत को वास्तव में महान राष्ट्र बनाने की इस शानदार यात्रा में हम पहले से कहीं अधिक तेज़ी से एक साथ आ रहे हैं। हम सभी हमारे देश के ऋणी है। यह हम सभी में एक आत्मयिता को जन्म देता है। भारतीय राष्ट्र में हमारा गौरव हमारी सभी विविधता के साथ एक समानता को अमल में लाता है जो हमें आम भाईचारे की भावना में बांधती है। भाईचारे का अर्थ है कि जिससे हमारे देश को श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की ताकत मिले और मानव विरासत, जो हम सभी का हिस्सा है, को माने।

राष्ट्रीय एकता की भक्ति ने देश को अपनी एक स्वतंत्र पहचान प्रदान की है और हमारे बहुलवादी आस्था के प्रति हमारी वफादारी हमें एक साझा पहचान प्रदान करती है।

जिस तरह एकता में हम गौरवशाली महसूस करते हैं उसी तरह हमारी विविधता पर भी हमें गर्व की अनुभूति होती है।

आदरणीय प्राचार्य, संकाय के सदस्यों, छात्रों और प्यारे दोस्तों,

आप सबको यहाँ मेरे साथ पाकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि हम सब यहाँ एक साथ हमारी विविधता में एकता का जश्न मनाने के लिए मौजूद हैं जो हमारे भारतीय समाज की विशेषता है। हमें यह सोचने की जरुरत है कि शिक्षकों और छात्रों के रूप में हमारी क्षमता के अनुरूप हमारी एकता बढ़ाने के लिए, विविधता को बरकरार रखने के लिए हम क्या कर सकते हैं।

किसी भी अन्य संस्था की तरह यहां इस संस्था में भी हमारे अंदर वो सूक्ष्म गुण मौजूद हैं जो भारत को मजबूत बनाते है। भारतीय समाज में देखी जाने वाली विविधता यहां भी देखी जा रही है, है ना?

इसलिए यदि हम उस समाज को चाहते हैं जो भारत में शांति और सद्भाव को बनाए रखे हमें अपनी विविधता का जश्न मनाने और बढ़ावा देने के साथ-साथ अपनी एकता को महत्व देने और बढ़ावा देने के लिए इस अकादमिक संस्थान में मेल-जोल की भावना में रहने तथा काम करने की आवश्यकता है।

आइए हम विभिन्न त्योहारों को समान उत्साह के साथ इस संस्था में एक साथ मनाए चाहे वह दीवाली, ईद, क्रिसमस, बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरू पूरब या नवरोज़ हो।

इसी तरह आइए हम कुछ साहित्यों को पढ़ते हैं जो भारत की कई स्थानीय भाषाओं की बजाए केवल अंग्रेजी या हिंदी में अनुवाद किए गए हैं। यह हमें हमारे देश के भाषाई और साहित्यिक विविधता का स्वाद देने के साथ-साथ उस क्षेत्र की संस्कृति और लोककथाओं जहां से साहित्य उभरा है वहां की भी भाषाओं के स्थानीय स्वाद को समझने और सराहना करने में मदद करेगा। यह हमारे लिए एक तरह की शिक्षा होगी। हम वास्तव में भाग्यशाली हैं कि हमें अपने देश में इतनी विभिन्न भाषाएँ देखने को मिलती है जबकि कई देशों में ऐसा नहीं है।

इसी तरह हम छात्र के रूप में देख सकते हैं कि विविधताएं देश को अलग-अलग माध्यम से संपन्न कर रही हैं। वास्तव में यह हमें विविधता की सराहना और उसका मूल्य आंकने में मदद करेगी। उदाहरण के लिए हमारे पास जैव-विविधता है। यह हमारी प्राकृतिक विरासत को बचाने में हमारी सहायता करती है।

ऐसे प्रयासों और गतिविधियों से हम अपने बहुआयामी विरासत की रक्षा के लिए हमारे एकजुट प्रयासों की खोज करेंगे चाहे वह हमारी वास्तुकला हो या फिर संस्कृति, कला, प्रकृति, वनस्पति और जीव हो।

इस प्रकार हमारी विविधता को बढ़ावा देने के माध्यम से हम लोगों की एकता स्थापित करने में सफल होंगे। हमारी विविध विरासत की रक्षा के लिए एकजुट कार्य में हम वास्तव में विविधता में हमारी एकता का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। भारत हमेशा और हमेशा विविधता में एकता के सिद्धांत का समर्थन करने के लिए आदर्श था और होगा।

हमें युवा पीढ़ी के रूप में देश के बहुरूपदर्शक विविधता को बढ़ावा देने और प्रदेश के लोगों की सामंजस्यपूर्ण एकता को बढ़ावा देने के इस सबसे पुरस्कृत काम में उत्साहपूर्वक शामिल होना चाहिए।

इसी में हमारी भलाई है और इसी में हमारे महान राष्ट्र भारत का उच्चतम हित है।

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सभी को बहुत-बहुत सुप्रभात!

मैं वेदांत कक्षा 10 से ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर मुझे बोलने का अवसर देने के लिए हमारे आदरणीय प्रिंसिपल सर और शिक्षकों को धन्यवाद देता हूं। यह सच है जब लोग कहते हैं कि नेता वह नहीं है जो अनुयायियों को नियंत्रित करता है, बल्कि वह व्यक्ति है जो लोगों का है और अपने कार्यों से देश की सेवा करता है।

दुनिया आज ‘भारत के लौह पुरुष’ और ‘अखंड भारत के जनक’ सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 149वीं जयंती पर याद कर रही है, जिसे ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ (National Unity Day) के रूप में भी मनाया जाता है। 2014 से सरदार पटेल के प्रयासों और बलिदानों का जश्न मनाने के लिए 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।

सरदार पटेल को 562 रियासतों को एकजुट करके भारत का एकल संघ बनाने में उनके नेतृत्व के लिए बहुत सम्मान दिया जाता था। इस दिन, सरकार लौह पुरुष की जयंती के उपलक्ष्य में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन करती है । जब प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के मंत्र को याद किया, तो उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हमें ‘एक भारत’ (अखंड भारत) दिया और हम सभी को ‘श्रेष्ठ भारत’ बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।

निस्संदेह सरदार पटेल संपूर्ण भारत को एकजुट करने के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा है, “साझा प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नई विपत्तियों का सामना कराएगी”। आधुनिक भारत का नक्शा जैसा कि हम आज देखते हैं, सरदार पटेल की सक्रियता, कूटनीति और कड़ी मेहनत के बिना संभव नहीं होता। वह एक ही समय में पहले उप प्रधान मंत्री, एक राजनीतिक व्यावहारिक, एक राजनयिक और एक सैन्य कमांडर थे।

1946 तक, उन्होंने खेड़ा और बारडोली सत्याग्रह में अपनी पहचान बनाई और स्वतंत्रता संग्राम के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बन गए, इस दौरान उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली। वह अपनी आदतों में सरल और दृढ़ थे। सरदार कम बोलने वाले व्यक्ति थे लेकिन जब वह बोलते थे तो लोग सुनते थे। उस दौर में जब नेतृत्व वैचारिक लड़ाइयों में बंटा हुआ था. महात्मा गांधी ने यहां तक कहा, “राज्यों की समस्या इतनी कठिन है कि आप अकेले ही इसे हल कर सकते हैं” और सरदार पटेल ने रियासतों का भारत संघ में विलय कर दिया और नव स्वतंत्र देश के विभाजन को रोका।

उन्होंने राष्ट्र को महानता की ओर ले जाने के लिए युवा पुरुषों और महिलाओं द्वारा एक मजबूत चरित्र के निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना था कि अनुशासन, कड़ी मेहनत और लोगों के बीच एकता से सफलता हासिल की जा सकती है। एक बार उन्होंने कहा था, “अनुशासन और संगठन का मतलब है आधी लड़ाई जीत ली गई।” इस बहादुर व्यक्ति से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं जिन्होंने देश और इसके लोगों के लिए निस्वार्थ भाव से लड़ाई लड़ी।

सभी को धन्यवाद।

Speech 2 – Best Speech on National Unity Day in Hindi – 31 October 2023

प्रिय सहकर्मियों, मित्रों, अतिथियों, देवियों एवं सज्जनों,

आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती पर, जिसे हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस या National Unity Day के रूप में मनाया जाता है, श्रद्धांजलि देने में आप सभी के साथ शामिल होना मेरे लिए बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात राज्य के करमसाद में हुआ था। हम भारत की दिवंगत प्रधान मंत्री श्रीमती को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इंदिरा गांधी की आज पुण्य तिथि है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, आज ही के दिन 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

पेशे से वकील सरदार पटेल महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। 1 928 में बारडोली सत्याग्रह में उनके द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका ने उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी – एक उपाधि जो आज भी उनके नाम के साथ जुड़ी हुई है। मेरे दोस्तों के लिए, ‘सरदार’ का मतलब ‘नेता’ है। सरदार पटेल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के एक महत्वपूर्ण स्तंभ बने। उन्होंने एक प्रमुख भूमिका निभाई जिसके कारण 15 अगस्त, 1947 को एक स्वतंत्र भारत का उदय हुआ।

सरदार पटेल ने भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में शपथ ली। हालाँकि, हमारे नेताओं के सामने कई समस्याएँ थीं जिनका भारत के एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समाधान करना आवश्यक था। उस समय भारत में 565 रियासतें थीं और इन रियासतों के शासकों को भारत या पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था। एक अलग राज्य मंत्रालय का भी गठन किया गया और सरदार पटेल ने इस मंत्रालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का कार्य अपने ऊपर लिया कि इन रियासतों को भारत संघ में लाया जाए। बाकी, जैसा कि हम जानते हैं, इतिहास है, एक-एक करके हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ सहित सभी रियासतों को भारत संघ में एकीकृत किया गया। सरदार पटेल ने इस एकीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, साहस और दृढ़ विश्वास के लिए ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में भी जाने जाने वाले, सरकार ने भारत की राष्ट्रीय एकता के प्रतीक उस व्यक्ति को सम्मान देने के लिए 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

भारत एक विविधतापूर्ण देश है लेकिन एकता इस विविधता से ही चलती है। केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी – 182 मीटर की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा – अखंड भारत के निर्माता सरदार पटेल को देश की श्रद्धांजलि है। इसे आज 2018 में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। मुझे एक सप्ताह पहले केवडिया में रहने का सौभाग्य मिला था। आप यहां इस प्रतिमा का एक लघु चित्र देख सकते हैं।

इस वर्ष 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमें अपना ध्यान ‘पंच प्रण’ पर केंद्रित करने और अगले 25 वर्षों के लिए पांच प्रतिज्ञा लेने का निर्देश दिया है। प्रधान मंत्री द्वारा उल्लिखित इन प्रतिज्ञाओं में से एक देश की एकता और एकजुटता है। यदि भारत के लोगों के बीच प्रेम और सद्भाव है, तो हममें एकता होगी और यही हमारी ताकत होगी। प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार का मूल विषय एकता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का इस वर्ष अधिक महत्व हो गया है क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव, यानी भारत द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। सरदार पटेल की देशभक्ति का सम्मान करने और उनकी शिक्षाओं और मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सरकार के मंत्रालयों और विभागों की भागीदारी के साथ भारत में 25 अक्टूबर से एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव शुरू हो गया है। हमने इस अवसर को चिह्नित करने और आपको उनके महान जीवन की एक झलक दिखाने के लिए यह प्रदर्शनी लगाई है। आप सभी के साथ मिलकर हम भी एक एकता श्रृंखला बनाएंगे।

भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान को याद करने के लिए आज हमारे साथ शामिल होने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालने के लिए हम आप सभी के आभारी हैं। आइए हम एकजुट रहने के लिए खुद को समर्पित करने की दिशा में काम करें और हमारे बीच सौहार्द और दोस्ती बनाने की दिशा में काम करें जो भारत के लौह पुरुष को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं.

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Chetan Darji

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