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दशहरा निबंध (Dussehra Essay in Hindi)

दशहरा

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी। लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है।

दशहरा पर 10 वाक्य

दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है।

ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है।

रामलीला का आयोजन

देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और परंपरा अलग-अलग है। कई जगहों पर पूरा दस दिन के लिए मनाया जाता है, मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने सुनाई जाती है साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन 7 दिन या मौसम तक किया जाता है। सारे शहर में रामलीला का आयोजन होता है। राम लीला पौराणिक महाकाव्य, रामायण का एक लोकप्रिय अधिनियम है। ऐसा माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम, राम की परंपरा शुरू की, जो भगवान राम की कहानी के अधिनियम था। उनके द्वारा लिखी गई रामचरितमानस आज तक रामलीला प्रदर्शन का आधार बनाती हैं। रामनगर राम लीला (वाराणसी में) सबसे पारंपरिक शैली में अधिनियमित किया गया है।

विजयदशमी मनाने के पीछे राम लीला का उत्सव पौराणिक कथाओं को इंगित करता है। ये सीता माता के अपहरण के पूरे इतिहास को बताता है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की हार और अंत तथा राजा राम की जीत को दर्शाता है। वास्तविक लोग राम, लक्ष्मण और सीता तथा हनुमान का किरदार निभाते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का पुतला बनाया जाता है। अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाने के लिये रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिये जाते है और पटाखों के बीच इस उत्सव को और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

निबंध 2 (400 शब्द)

दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे उत्साह के साथ पूरे देश में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा लगातार दस दिन तक मनाया जाता है। इसलिये इसे दशहरा कहते है। पहले नौ दिन तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है , दसवें दिन लोग असुर राजा रावण का पुतला जला कर मनाते है। दशहरा का ये पर्व सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के दो या तीन हफ्ते पहले पड़ता है।

हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा के द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है तथा इसमें प्रभु राम और देवी दुर्गा के भक्त पहले या आखिरी दिन या फिर पूरे नौ दिन तक पूजा-पाठ या व्रत रखते है। नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है।

क्यों ना हम पहले आपने अन्दर के रावण को मारें।

“रावण पर विजय पाने के लिए पहले खुद राम बनना पड़ता है”

हम बाहर रावण का पुतला तो जलाते है लेकिन अंदर उसे पोषित करते है। वो तो सतयुग था जिसमें केवल एक रावण था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की। यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण  नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।

ना जाने कई सालों सदियों से पूरे देश में रावण का पुतला हर साल जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण की मृत्यु सालों पहले हो गयी थी तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? आज तो कई रावण हैं। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरों पर चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनको ख़त्म करने के लिए साल में एक दिन काफी नहीं है इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने धनुष से मारा था, आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपनी इच्छा शक्ति से मारना होगा।

ये 10 दिन लंबा उत्सव होता है, जिसमें से नौ दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिये और दसवाँ दिन विजयादशमी के रुप में मनाया जाता है ये असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत के अवसर के रुप में भी मनाया जाता है। इसके आने से पहले ही लोगों द्वारा बड़ी तैयारी शुरु हो जाती है। ये 10 दिनों का या एक महीने का उत्सव या मेले के रुप में होता है जिसमें एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्रों में जाकर दुकान और स्टॉल लगाते है।

Essay on Dussehra in Hindi

निबंध 3 (500 शब्द)

पूरे देश में मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है दशहरा। ये हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में दीपावली के पर्व से 20 दिन पहले आता है। लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को दिखाता है दशहरा। भगवान राम सच्चाई के प्रतीक है और रावण बुराई की शक्ति का। देवी दुर्गा के पूजा के साथ हिन्दू लोगों के द्वारा ये महान धार्मिक उत्सव और दस्तूर मनाया जाता है। इस पर्व को पूरे देश में मनाने की परंपरा और संस्कार क्षेत्र दर क्षेत्र अलग-अलग है। ये पर्व बच्चों के मन में काफी खुशियां लाता है।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयाँ को ख़त्म किया जो हमारे अंदर, पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप में विराजमान है।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

रामलीला मंचन

हर तरफ जगमगाती रोशनी और पटाखों की शोर से गूँजता माहौल। बच्चे और बाकी सभी लोग रामलीला को पूरी रात देखते है। रामलीला मंचन के द्वारा वास्तविक लोग रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते है। हजारों की संख्या में आदमी, औरत और बच्चे रामलीला मैदान में अपने पास के क्षेत्रों से इस उत्सव का आनन्द उठाते है। राम, सीता और लक्ष्मण के किरदार के लिये वास्तविक कलाकार होते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के कागज के पुतले बनाये जाते है।

विजयादशमी एक ऐसा पर्व है, जिसे लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित और लोगों के मन में नई चाह और सात्विक ऊर्जा भी ले आता है। भगवान राम ने कैसे बुराई का अंत कर रावण पर विजय प्राप्त की। और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन पकवान आदि सबके घरों में बनाये जाते है।

निबंध 4 (600 शब्द)

दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण और लंबा उत्सव है। पूरे देश में इसे पूरे उत्साह, प्यार, विश्वास और सम्मान के साथ हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। सभी के द्वारा मस्ती करने के लिये ये वाकई अच्छा समय होता है। दशहरा के उत्सव पर स्कूल और कॉलेजों से भी कुछ दिनों की छुट्टी मिल जाती है। ये पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के महीने में दीवाली के 20 दिन पहले पड़ता है। लोगों को इस त्योहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है।

दशहरा से जुड़ी रीती रिवाज और परंपरा

भारत एक ऐसा देश है जो अपनी परंपरा और संस्कृति, मेले और उत्सव के लिये जाना जाता है। यहाँ हर पर्व को लोग पूरे जोश और खुशी के साथ मनाते है। हिन्दू पर्व को महत्व देने के साथ ही इस त्योहार को पूरी खुशी के साथ मनाने के लिये भारत की सरकार द्वारा दशहरा के इस उत्सव पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की जाती है। दशहरा का अर्थ है ‘बुराई के राजा रावण पर अच्छाई के राजा राम की जीत’। दशहरा का वास्तविक अर्थ दस सर वाले असुर का इस पर्व के दसवें दिन पर अंत है। पूरे देश में सभी लोगों द्वारा रावण को जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवाँ दिन मनाया जाता है।

देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार इस उत्सव को लेकर कई सारी कहानियाँ है। इस उत्सव की शुरुआत हिन्दू लोगों के द्वारा उस दिन से हुई जब भगवान राम ने असुर राजा रावण को दशहरा के दिन मार दिया था (हिन्दू कैलंडर के अश्वयुजा महीने में)। भगवान राम ने रावण को इसलिये मारा क्योंकि उसने माता सीता का हरण कर लिया था और उन्हें आजाद करने के लिये तैयार नहीं था। इसके बाद भगवान राम ने हनुमान की वानर सेना और लक्ष्मण के साथ मिलकर रावण को परास्त किया।

दशहरा का महत्व

दशहरा का पर्व हर एक के जीवन में बहुत महत्व है इस दिन लोग अपने अंदर की भी  बुराइयों को ख़त्म करके नई जीवन की शुरुआत करते है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दशहरा त्यौहार जश्न के रूप में मनाया जाने वाला  त्यौहार है। सबकी जश्न की अपनी मान्यता है किसानों के लिए फसल को घर लाने का जश्न, बच्चों के लिए राम द्वारा रावण के वध का जश्न , बड़ो द्वारा बुराई पर अच्छाई का जश्न, आदि। यह पर्व बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। लोगों का मानना है की इस दिन अगर स्वामी  के पत्तों को घर लाये जाए तो बहुत ही शुभ होता है और इस दिन शुरू किये गए कार्य में जरूर सफलता मिलती है।

विजयादशमी से जुड़ी कथाएं

  • भगवान राम का रावण पर विजय।
  • पांडव का वनवास।
  • माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध।
  • देवी सती का अग्नि में समाना।

दशहरा का मेला

ऐसे कई जगह है जहां दशहरा पर मेला लगता है, कोटा में दशहरा का मेला, कोलकाता में दशहरा का मेला, वाराणसी में दशहरा का मेला, इत्यादि। जिसमें कई दुकानें लगती है और खाने पीने का आयोजन होता है। इस दिन बच्चे मेला घूमने जाते है और मैदान में रावण का वध देखने जाते है।

इस दिन सड़कों पर बहुत भीड़ होती है। लोग गाँवों से शहरों में दशहरा मेला देखने आते है। जिसे दशहरा मेला के नाम से जाना जाता है। इतिहास बताता है कि दशहरा का जश्न महारो दुर्जनशल सिंह हंडा के शासन काल में शुरू हुआ था। रावण के वध के बाद श्रद्धालु पंडाल घूमकर देवी माँ का दर्शन करते हुए मेले का आनंद उठाते है।

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये राजा राम ने चंडी होम कराया था। इसके अनुसार युद्ध के दसवें दिन रावण को मारने का राज जान कर उस पर विजय प्राप्त कर लिया था। अंततः रावण को मारने के बाद राम ने सीता को वापस पाया। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक असुर का वध किया था। हर क्षेत्र के रामलीला मैदान में एक बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है जहाँ दूसरे क्षेत्र के लोग इस मेले के साथ ही रामलीला का नाटकीय मंचन देखने आते है।

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विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi)

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) - विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। सभी के सुख की कामना करने वाली और सबकी आस्थाओं को समान आदर-सम्मान देने और वसुधैव कुटुंबकम् की भावना रखने वाली भारतीय संस्कृति का दशहरा एक महत्वपूर्ण भाग है। इस दिन महिषासुर और रावण नामक दो बुराइयों का अंत मां दुर्गा और भगवान राम के करकमलों से हुआ। दुष्ट राक्षसों से मुक्ति पाने की याद में दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। दशहरा कब मनाया जाता है, दशहरा क्यों मनाया जाता है, दशहरा का महत्व क्या है जैसे पहलुओं से छात्रों को अवगत कराने और भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समझने का यह उपयोगी माध्यम है। दशहरा पर निबंध (Dashhara par nibandh) के हमारे प्रयास से आपको दशहरा पर्व के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा।

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विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi)

दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसी दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतीक दस सिर वाले राक्षस रावण का संहार किया था तो देवताओं को हराकर स्वर्ग पर अधिकार करने वाले महिषासुर का 10 दिन तक चले भयंकर युद्ध के बाद मां दुर्गा ने वध किया। साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले भारतीय त्योहारों में से एक है।

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सन 2024 में दशहरा कब का है? (When is Dussehra in the year 2024?)

साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर आरंभ होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। नवमी तिथि 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है।

पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ दशहरा यानी विजयदशमी मनाते हैं। दशहरा (Dussehra) को भारत के कई प्रांतों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। दशहरा का पावन अवसर सभी के लिए खुशियाँ मनाने का समय होता है। छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों तथा कॉलेजों में छुट्टियां भी मिलती हैं, जिसका वे भरपूर आनंद उठाते हैं।

बच्चों को स्कूल में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी मिले। इसके अलावा कभी-कभी छोटी कक्षा के छात्रों से परीक्षा में महत्वपूर्ण अंकों के लिए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। ऐसे में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखना व लिखने का तरीका जानना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

कई ऐसे छात्र भी होते हैं, जिनकी हिंदी भाषा पर पकड़ कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि हिंदी में दशहरा पर निबंध कैसे लिखें या हिंदी में विजयदशमी पर निबंध कैसे लिखें। निम्नलिखित दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi), ऐसे छात्रों की इन सभी समस्याओं को दूर करेगा। हालांकि ऐसे छात्रों को इस लेख में उपलब्ध संपूर्ण दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) को पूरा कॉपी करने से बचना चाहिए। इसके बदले उन्हें दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) का अर्थ व इसे लिखने का तरीका समझने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे भविष्य में कभी भी हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने में उन्हें परेशानी नहीं होगी, ऐसी हमें उम्मीद है।

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प्रस्तावना (Introduction) - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

दशहरा दिवाली से दो या तीन सप्ताह पहले आता है। विजयदशमी का यह त्यौहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है। सनातन/हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों को दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। दशहरा का त्यौहार सभी के लिए खुशी मनाने का क्षण लेकर आता है। परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं और ढेर सारी खरीदारी करते हैं। साल 2024 में विजयदशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

छात्र नीचे दिए गए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra) की जांच कर सकते हैं और दशहरा/विजयदशमी त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

यहां बच्चों के लिए दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) दिया गया है, जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं तथा अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं:

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra)

दशहरा का अर्थ - दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस' और 'हारा 'से मिलकर बना है, जहाँ 'दस' गणिता के अंक दस (10) और हारा शब्द 'सत्यानाश/पराजित' का सूचक है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो 'दशहरा' बनता है, जो उस दिन का प्रतीक है जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था।

बुराई पर अच्छाई की जीत - दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है, बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देना।

दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं पर नजर डालें, तो कहा जाता है कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा रावण से युद्ध किया था और उसे पराजित कर ये सिद्ध किया था कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।

इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों घटनाओं का परिणाम समान है, बुराई पर सच्चाई की जीत निश्चित है। जिसका परिणाम अंधकार पर प्रकाश, झूठ पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है।

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दशहरा समारोह - पूरे देश में दशहरा का पर्व बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भारत में विभिन्न संस्कृतियां होने के बावजूद, यह किसी भी तरह से इस त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती है। दशहरा/विजयदशमी के पूरे त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है।

विजयदशमी के अवसर पर, भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के निवासी बिजॉय दशमी मनाते हैं जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है। इस दिन, देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है और उसका विसर्जन किया जाता है। विवाहित महिलाएं एक-दूसरे के चेहरे पर इस दिन सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान-प्रदान करती हैं और एक दूसरे को दावत देती हैं। कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है।

ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त कर चुके रावण वध करना संभव हो पाया था।

रामलीला का आयोजन - दशहरा राक्षसों और लंका के राजा रावण पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोग दशहरा को दस दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में भी मनाते हैं। इस नाटकीय रूप को राम-लीला कहा जाता है। उत्तर भारत में लोग मुखौटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से राम-लीला का आयोजन करते हैं, साथ ही इसका लुत्फ भी उठाते हैं।

रावण दहन - रामायण में कथित छंद का पालन करते हुए, वे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाए जाते हैं। इसके बाद पुतलों को जलाने के लिए उनमे विस्फोटक पदार्थ भरा जाता है और जमकर आतिशबाजी की जाती है। इस दौरान एक आदमी भगवान राम की भूमिका निभाता है और जलाने के लिए पुतलों पर आग लगे हुए तीर चलाता है। लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान राम की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन हजारों दर्शकों के मौजूदगी में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है।

हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहां उपस्थित होते हैं। बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद भी करते हैं। वे आतिशबाजी देखते हैं और आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उठाते हैं।

दशहरा के पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को एकजुट करता है, क्योंकि इसके दर्शक न कि केवल हिंदू धर्म से बल्कि सभी धर्म के लोग होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दशहरा हमें सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई को मात देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है।

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हमें जरुरत है अपने अंदर के रावण को मारने की - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

हम बाहर रावण का पुतला तो जलाकर ये बता देते हैं कि बुराई की हमेशा हार और सचाई की हमेशा जीत होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। वो सतयुग का दौर था जिसमें केवल एक रावण का अस्तित्व था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी, पर यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण छुपा बैठा है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। जिस प्रकार एक दीपक की रोशनी अंधकार का नाश करने के लिए काफी होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच ही काफी है अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए।

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विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दशहरा जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के दिन भी कुछ असामाजिक तत्व के लोग शराब पीकर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसी शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए, तो दशहरा का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जाएगा।

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उपसंहार (Conclusion) - दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)

हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी माँ दुर्गा को प्रसन्न करने और वर प्राप्ति के लिए भगवान श्री राम ने चंडी होम कराया था। दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि युद्ध के दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था। विजयादशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख, लोगों के मन में नई चाह और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है। भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। नौ दिन देवी माँ की पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन सबके घरों में पकवान आदि बनाए जाते है।

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines)

दशहरा पर निबंध 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहाँ आपके लिए दशहरा निबंध 10 पर लाइन दिया गया है जो निश्चित तौर पर दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay in hindi) लिखने के दृष्टिकोण से आपके लिए सहायक सिद्ध होंगे -

दशहरा हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे लगभग 10 दिनों तक मनाया जाता है।

दशहरा का पर्व असुर सम्राट रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।

संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा।

यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।

दशहरा न केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाई और सिखों द्वारा भी मनाया जाता है।

दशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।

राम-लीला रामायण का एक नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयादशमी के दिन किया जाता है।

इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद जैसे असुरों के पुतले जलाए जाते हैं।

दस मुखों वाले रावण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।

दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।

दशहरा शुभकामना संदेश और दशहरा कोट्स

दशहरे के पर्व के अवसर पर लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामना संदेश प्रेषित करते हैं। इनको अपना दशहरा स्टेटस मैसेज भी बना सकते हैं। नीचे दिए गए दशहरा संदेश अपने इष्टमित्रों को भेज शुभकामनाएं दे सकते हैं-

  • असलीदशहरा वहीं मनाएंगे जो अपने भीतर के रावण को खुद ही आग लगाएंगे!
  • दशहरे की बधाई, खुश रहो मेरे भाई!
  • खुशियों की बौछार, त्योहार की बयार, विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं बारंबार!
  • विजयदशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं, ईश्वर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें, सफलता आपके कदम चूमें।
  • बुराइयों का विनाश हो, बुद्धि का विकास हो, दशहरे की शुभकानाएं।
  • बुराई का दहन हो, आत्ममंथन हो, नवसृजन हो, सर्वप्रथम आपका दशहरा मंगलमय हो

Frequently Asked Question (FAQs)

उत्तर भारत में, दशहरा भगवान राम द्वारा रावण के वध की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार महिला देवत्व का उत्सव भी है क्योंकि यह देवी दुर्गा द्वारा दैत्य महिषासुर की हत्या का भी प्रतीक है। दशहरा इस सोच के साथ मनाएं कि सत्य हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करता है। 

दशहरा का अर्थ: दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस' और 'हारा 'से मिलकर बना है, जहाँ दस' का अर्थ दस (10) और हारा का मतलब सत्यानाश/पराजित है।

यह पर्व दस दिनों तक चलने वाला पर्व है। इतने सारे लोगों को पंडाल, मूर्तियाँ, मिट्टी के चित्र और सज्जाकार बनाने में रोजगार मिलता है। व्यवसाय में वृद्धि से स्थानीय दुकानदारों, मिठाइयों, स्थानीय विक्रेताओं, पुजारियों, रंगमंच कलाकारों को लाभ होता है।

आप इस लेख में दशहरा पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें इसकी जानकारी और साथ ही बेहतर समझ के लिए दशहरा पर निबंध देख सकते हैं। 

इस लेख से दशहरा पर 10 लाइन का निबंध प्राप्त कर सकते हैं। 

साल 2024 में विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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Questions related to CBSE Class 10th

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Hello aspirant,

The dates of the CBSE Class 10th and Class 12 exams are February 15–March 13, 2024 and February 15–April 2, 2024, respectively. You may obtain the CBSE exam date sheet 2024 PDF from the official CBSE website, cbse.gov.in.

To get the complete datesheet, you can visit our website by clicking on the link given below.

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Hope this information helps you.

The paper of class 7th is not issued by respective boards so I can not find it on the board's website. You should definitely try to search for it from the website of your school and can also take advise of your seniors for the same.

You don't need to worry. The class 7th paper will be simple and made by your own school teachers.

Hope it helps you.

The eligibility age criteria for class 10th CBSE is 14 years of age. Since your son will be 15 years of age in 2024, he will be eligible to give the exam.

That totally depends on what you are aiming for. The replacement of marks of additional subjects and the main subject is not like you will get the marks of IT on your Hindi section. It runs like when you calculate your total percentage you have got, you can replace your lowest marks of the main subjects from the marks of the additional subject since CBSE schools goes for the best five marks for the calculation of final percentage of the students.

However, for the admission procedures in different schools after 10th, it depends on the schools to consider the percentage of main five subjects or the best five subjects to admit the student in their schools.

Popular CBSE Class 10th Questions

A boy standing on a stationary lift (open from above) throws a ball upwards with the maximum initial speed he can, equal to 49 m s-1. How much time does the ball take to return to his hands? If the lift starts moving up with a uniform speed of 5 m s-1 and the boy again throws the ball up with the maximum speed he can, how long does the ball take to return to his hands?

A player throws a ball upwards with an initial speed of 29.4ms ?1 . (a) What is the direction of acceleration during the upward motion of the ball ? (b) What are the velocity and acceleration of the ball at the highest point of its motion ? (c) Choose x = 0 m and t = 0 s to be the location and time of the ball at its highest point, vertically downward direction to be the positive direction of x-axis, and give the signs of position, velocity and acceleration of the ball during its upward, and downward motion. (d) To what height does the ball rise and after how long does the ball return to the players hands ? (Take g=9.8m/s 2 and neglect air resistance).

Choose the correct statement of the following a. conversion of solid into vapours without passing through the liquid state is called vapourisation. b. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called sublimation. c. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called freezing. d. conversion of solid into liquid is called sublimation.

Fill in the blanks: a. Evaporation of a liquid at room temperature leads to a __________ effect. b. At room temperature the forces of attraction between the particles of solid substances are __________ than those which exist in the gaseous state. c. The arrangement of particles is less ordered in the _________ state. However, there is no order in the _______ state. d. _____________ is the change of gaseous state directly to solid state without going through the _____________ state. e. The phenomenon of change of a liquid into the gaseous state at any temperature below its boiling point is called ___________.

For the following statements, write T for True and F for False. (a) J.J. Thomson proposed that the nucleus of an atom contains only nucleons. (b) A neutron is formed by an electron and a proton combining together. Therefore, it is neutral. (c) The mass of an electron is about 1/2000 times that of proton. (d) An isotope of iodine is used for making tincture iodine, which is used as a medicine.

General electronic configuration of outermost and penultimate shell of an atom is (n-1)s^{2} (n-1)p^{6} (n -1)d^{x} ns^{2} . If n=4  the number of proton in the nucleus is

In an electrical circuit three incandescent bulbs A, B and C of rating 40 W, 60 W and 100 W respectively are connected in parallel to an electric source. Which of the following is likely to happen regarding their brightness? a. Brightness of all the bulbs will be the same b. Brightness of bulb A will be the maximum c. Brightness of bulb B will be more than that of A d. Brightness of bulb C will be less than that of B

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Data Administrator

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GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

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Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

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Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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दशहरा पर निबंध 10 lines (Essay On Dussehra in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 350, 500, शब्दों मे

essay writing on dussehra in hindi

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक बड़ा त्योहार है और इसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और समर्पण के साथ दशहरा मनाते हैं। इस त्योहार का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। Essay On Dussehra भारत के कुछ क्षेत्रों में दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। 

Essay On Dussehra in Hindi – इस त्योहार की एक सीख है, या हम कह सकते हैं कि यह त्योहार ‘बुराई पर अच्छाई की जीत'( victory of good over evil ) के बारे में है। इस त्योहार का अपना महत्व है और यह बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार का प्राथमिक परिणाम हर बार झूठ पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर रोशनी की जीत है। इसलिए Dussehra पर लोगों की मान्यताएं भले ही अलग-अलग हों, लेकिन वे इसे पूरे देश में एक ही भाव से मनाते हैं। 

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra 10 lines in Hindi)

  • दशहरा त्यौहार रावण पर देवता राम की कुछ विजय के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है
  • दशहरा उत्सव नैतिक सिद्धांतों और धर्मी आचरण को अपनाने के माध्यम से बुराई और अहंकार के विनाश का प्रतिनिधित्व करता है।
  • दुर्गा, लक्ष्मी, और गणेश की मूर्तियों को ले जाने वाले जुलूसों में भाग लेने वाले लोग गाते और नृत्य करते हैं, दशहरा उत्सव मनाने के पारंपरिक तरीकों में से हैं।
  • रावण के दस सिर चार वेदों और छह “शास्त्रों” की उसकी समझ के लिए खड़े हैं। हालाँकि, कुछ का दावा है कि वे 10 मानव दोषों का प्रतीक हैं जिन्हें हमें मोचन प्राप्त करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से जलाना चाहिए।
  • भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में दशहरा उत्सव मनाने का एक अन्य कारण यह था कि देवी दुर्गा ने महिषासुर, भैंस राक्षस को हराया था, जिसे भगवान ब्रह्मा ने अमरता प्रदान की थी, लेकिन उसके जघन्य कर्म शुरू हो गए थे, इसलिए, सभी देवताओं ने देवी दुर्गा का गठन किया, जिन्होंने महिषासुर को युद्ध में शामिल किया। अंततः उसे हराने से पहले नौ दिनों के लिए।
  • कुछ लोग दुर्गा पूजा के समापन पर दशहरा उत्सव मनाते हैं और धर्म को बहाल करने और उसकी रक्षा करने के लिए महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत को याद करते हैं।
  • नवरात्रि उत्सव के दौरान, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, भक्त उपवास भी करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, महाराष्ट्र और कई अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में लोग अपनी कारों की पूजा करते हैं और उन्हें फूलों और अगरबत्तियों से सजाते हैं।
  • दुनिया में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी की ओर आकर्षित करता है।
  • दिवाली, सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध हिंदू छुट्टियों में से एक, दो से तीन सप्ताह में आ रही है। दशहरा पर्व की तरह यह पर्व भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दशहरा पर निबंध 20 लाइन (Essay on Dussehra 20 lines in Hindi)

  • यह भारत का एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है।
  • जो भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
  • इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
  • पूरे भारत के लोग इस त्योहार को बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • यह त्योहार अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है।
  • यानी दिवाली से बीस दिन पहले।
  • इस त्योहार का नाम संस्कृत की दशा से लिया गया है जिसका अर्थ है दस और हारा का अर्थ है हार।
  • नौरात्रि के नौ दिनों के उत्सव के बाद,
  • दशहरा पर्व आश्विन माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है ।
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को हराया था और अपनी अपहृत पत्नी सीता को राक्षस के चंगुल से मुक्त कराया था।
  • दशहरा पर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है।
  • यह त्योहार हमें सिखाता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है।
  • इस दिन लोग रावण के पुतले को जलाते हैं।
  • मान्यता है कि रावण की प्रतिमा जलाने से हमें अपनी बुरी आदतों को भी जला देना चाहिए।
  • इस त्योहार पर लोग अपने घर में मिष्ठान पकाते हैं और साथ में इस त्योहार को मनाने के लिए अतिथि को भी आमंत्रित करते हैं।
  • इस दिन लोग अपने घर को फूलों से सजाते हैं।
  • महिलाएं अपने घर के मुख्य द्वार के सामने रंगोली बनाती हैं।
  • इस त्योहार का परिणाम अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और बुरे पर अच्छाई का है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Best Friend Essay
  • My School Essay

दशहरा पर निबंध 100 शब्द (short Essay on Dussehra 100 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हमारे देश भारत में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह उस दिन का प्रतीक है जिस दिन भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को हराया था। उत्सव यह याद रखना है कि अच्छाई और पवित्र हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करते हैं। परिवारों के सदस्य सज-धज कर तैयार होते हैं और दशहरे के दिन अच्छा खाना खाकर और आतिशबाजी देखकर एक-दूसरे के साथ समय बिताने के लिए एक साथ आते हैं। बहुत से लोग बाहर जाते हैं और दशहरे के प्रमुख मेलों में समय बिताते हैं। इन मेलों में, कुछ स्थानीय रंगमंच समूह रामलीला के नाटक का मंचन करते हैं, जो रामायण की प्रसिद्ध हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित है। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का प्रतिनिधित्व करने वाली बड़ी आकृतियों का दहन इस उत्सव के अंत का प्रतीक है।

दशहरा पर निबंध 150 शब्द (Dussehra Essay 150 words in Hindi)

Essay on Dussehra दशहरा भारत में सबसे प्रसिद्ध और अत्यधिक मनाई जाने वाली छुट्टियों में से एक है। भले ही यह एक हिंदू त्योहार है लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में, विभिन्न धर्मों के लोग एकजुट होकर आनंद लेते हैं। दशहरे पर, सड़कों को चमकदार रोशनी से सजाया जाता है, और लाउडस्पीकरों से गाने बजाए जाते हैं जो सभी दिशाओं से आते हैं और सड़कों पर भीड़ लगाने वाले लोगों की आवाज़ और जयकारों के साथ मिलकर सुंदर अराजकता पैदा करते हैं। नवरात्रि के दस दिनों के दौरान सड़क के किनारे स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और छोटे स्मृति चिन्ह विक्रेताओं द्वारा बेचे जाते हैं।

दशहरे के दिन सबसे ज्यादा व्यापार इसलिए होता है क्योंकि हर कोई उस त्योहार के आखिरी दिन और छुट्टी का लुत्फ उठाना चाहता है। लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां त्योहार अक्सर होते हैं, और हर साल शरद ऋतु और सर्दियों के अंत में इनमें से अधिकांश त्योहार मनाए जाते हैं। इसलिए विजयादशमी पर, जिसे उसी दिन बंगाल और उड़ीसा में दशहरा के रूप में मनाया जाता है, लोग भले ही माँ दुर्गा को अलविदा कह रहे हों, लेकिन केवल माँ काली का स्वागत करने और दो सप्ताह बाद दिवाली मनाने के लिए।

दशहरा पर निबंध 200 शब्द (Dussehra Essay 200 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – यह पौराणिक पौराणिक चरित्र भगवान राम की याद में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, जो रावण नामक तथाकथित अपराजेय दुष्ट आत्मा को पराजित करता है, जो किंवदंती के अनुसार श्रीलंका का राजा भी था। लोग इस दिन को राक्षस राजा रावण का प्रतिनिधित्व करने वाली लकड़ी और घास से बनी एक विशाल राक्षस जैसी संरचना को जलाकर मनाते हैं। एक और किंवदंती है कि पश्चिम बंगाल के लोग मानते हैं कि देवी मां दुर्गा, जो पृथ्वी पर अपने पिता के घर जाने के लिए आई थीं, पांच दिनों के बाद, यानी दशमी या दशहरा के दिन चली जाती हैं। तो सभी खुश हो जाते हैं और मां दुर्गा को विदा करते हुए अगले साल फिर आने को कहते हैं।

इस दिन, मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और बाँटी जाती हैं, रिश्तेदार मिलते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और अपने समय का आनंद लेते हैं। बच्चे वे हैं जो किसी भी त्योहार के दौरान सबसे अधिक उत्साहित होते हैं क्योंकि उन्हें सुंदर और नए कपड़े पहनाए जाते हैं, वे अपने चचेरे भाइयों और दोस्तों से मिलते हैं, उन्हें फिर से रामायण की कथा सुनाई जाती है, और उन्हें मेलों में भी ले जाया जाता है जहां वे खिलौने खरीदते हैं और खाते हैं स्वादिष्ट व्यंजन। वयस्कों के व्यस्त कार्यक्रम के साथ, वे दशहरे की छुट्टी का भी इंतजार करते हैं जब उन्हें अंततः आराम करने और अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा समय बिताने का मौका मिलता है।

दशहरा पर निबंध 250 शब्द (Dussehra Essay 250 words in Hindi)

Introduction

Essay On Dussehra in Hindi – हर साल सितंबर-अक्टूबर के महीनों में, हिंदू उस दिन को मनाते हैं जब उनके प्रिय राजकुमार राम ने बाद के बुरे कामों और दुराचारों के लिए राक्षस रावण का वध किया था। दशहरा अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और हर गाँव या शहर मेलों में आने वाले दर्शकों से अभिभूत होता है।

राम की जीत का जश्न ( Ram’s victory celebration )

त्योहार प्रमुख रूप से रावण पर राम की जीत का जश्न मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह वास्तव में एक असंभव कार्य था, फिर भी राम, अपने विश्वासों में विश्वास से प्रेरित होकर इसे प्राप्त करने में सक्षम थे। जब राम ने रावण से रक्षा की, तो उनके पास कुछ वफादार दोस्तों और भाई लक्ष्मण के अलावा कुछ भी नहीं था।

उस समय रावण एक शक्तिशाली राजा था जिसे किसी ने चुनौती देने का साहस नहीं किया। लेकिन, राम अपने वफादार दोस्तों को संगठित करने और रावण के खिलाफ लड़ने के लिए एक सेना का गठन करने में सक्षम थे। प्रारंभ में, रावण ने इसे हँसाया, लेकिन अपने आश्चर्य और निराशा के लिए, वह युद्ध के तेरहवें दिन राम द्वारा पराजित और मारा गया। राम की इसी विजय को भारत के लोग दशहरे के रूप में मनाते हैं।

दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)

दशहरा और दुर्गा पूजा दोनों बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। जबकि दशहरा भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है; दुर्गा पूजा उस दिन को मनाती है जब देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध में दुष्ट भैंसे राक्षस महिषासुर का वध किया था। दुर्गा पूजा के दसवें दिन दशहरा भी पड़ता है। किंवदंती है कि युद्ध में जाने से पहले भगवान राम ने शक्ति और वीरता के लिए देवी दुर्गा की पूजा की थी।

दशहरा न केवल हिंदू विश्वास का अभिन्न अंग है, बल्कि यह “सत्य की हमेशा जीत” के भारतीय दर्शन पर भी जोर देता है।

दशहरा पर निबंध 300 शब्द 350 शब्द (Dussehra Essay 300 words 350 words in Hindi)

Essay On Dussehra in Hindi – दशहरा हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, जो दीपावली के त्योहार से 20 दिन पहले मनाया जाता है। जबकि दीपावली भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाती है; दशहरा उस दिन मनाया जाता है जिस दिन राम ने 13 दिनों तक चले युद्ध में रावण का वध किया था।

बुराई पर अच्छाई की जीत

राम अयोध्या के एक कुलीन राजकुमार थे, जिनकी पत्नी सीता का रावण द्वारा अपहरण कर लिया गया था, जबकि सीता वनवास पर थीं। रावण राक्षस राजा था, जो लंका के राज्य में रहता था। वह एक शक्तिशाली राजा था जिसने दुनिया पर राज किया। वनवास के दौरान राम के पास धनुष और बाण और उनकी वफादार पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण के अलावा कुछ नहीं था।

जब रावण सीता का हरण कर लंका ले गया; राम लगभग अज्ञात छोटे राज्यों के राजाओं से समर्थन प्राप्त करने में सक्षम थे। यह उपलब्धि वे अपने नेतृत्व कौशल और नैतिक उच्चता के कारण करने में सफल रहे।

राम की असाधारण पवित्र उपस्थिति थी जिसने उन्हें मिलने वाले सभी लोगों की वफादारी हासिल करने में मदद की। उसकी सेना, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, अपने मूल के प्रति वफादार थी और उस पर विश्वास करती थी। धार्मिकता के सिद्धांतों में राम के विश्वास ने उन्हें और उनकी सेना को एक बहुत ही दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी – रावण के खिलाफ लड़ने की ताकत दी। यह और कुछ नहीं बल्कि अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई थी और जिस दिन रावण के वध के साथ इसका अंत हुआ, वह बुराई पर अच्छाई की जीत थी, जिसे आज दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

‘राम लीला’ – राम की कहानी Ram Leela – Story of Ram

दशहरा उत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक राम लीला या राम की कहानी का प्रदर्शन है। यह स्थानीय कलाकारों द्वारा राम के जीवन की घटनाओं को दर्शाने वाला नाटक है। राम लीला भारत के हर गांव और शहर में की जाती है और स्थानीय लोगों द्वारा अद्वितीय उत्साह के साथ देखा जाता है।

रामलीला 20 से अधिक दिनों के लिए की जाती है, जिसमें प्रत्येक दिन विशिष्ट घटनाओं को समर्पित होता है जैसे – जिस दिन राम ने अपना वनवास शुरू किया, सीता का अपहरण, हनुमना की लंका की यात्रा, आदि। राम लीला का अंतिम दिन राम के हाथों रावण के वध के साथ मेल खाता है। राम लीला का यह अंतिम कार्य अधिक लोकप्रिय है और “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए दर्शकों के सामने रावण के एक बड़े पुतले को जलाने की आवश्यकता है।

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म के बहुत ही मूल दर्शन को दर्शाता है, जो सत्य और धार्मिकता का शाश्वत प्रसार है। बुराई के सामने सत्य कितना भी छोटा क्यों न हो, उसे दबाया नहीं जा सकता और हमेशा विजयी होता है।

दशहरा पर निबंध 500 शब्द (long Essay Dussehra 500 words in Hindi)

दशहरा जिसे ‘विजयदशमी’ भी कहा जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह दीपावली और होली के बाद भारतीय हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। निबंध में हम दशहरा के समय, पौराणिक कथाओं, उत्सवों और महत्व के बारे में जानेंगे।

दशहरा कब मनाया जाता है?

दशहरा का त्यौहार हिंदू लूनिसोलर कैलेंडर के अश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीने से मेल खाता है।

यह त्योहार नौ दिनों तक चलने वाली दुर्गा पूजा के दसवें दिन और दीपावली के त्योहार से 20 दिन पहले आता है।

पौराणिक कथा ( mythology )

दशहरा उत्सव की कथा भगवान राम और राक्षस राजा रावण पर उनकी जीत से जुड़ी है। राम, अयोध्या के राजकुमार दंडक वन (दक्षिणी भारत) में अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास पर थे।

घटनाओं के बदले में, रावण द्वारा सीता का अपहरण कर लिया गया, जो उसे अपने राज्य ‘लंका’ ले गया, जो वर्तमान श्रीलंका में था। राम एक महान राजकुमार थे जो अपने तीरंदाजी कौशल और नैतिक मूल्यों के लिए जाने जाते थे। वह शुभचिंतकों को संगठित करने और सीता को मुक्त करने के लिए रावण के साथ युद्ध के लिए उकसाने में सक्षम था।

रामायण युद्ध लगभग 13 दिनों तक चला और अंत में राम रावण को मारने में सफल रहे। वास्तव में यह बुराई पर अच्छाई की जीत थी। इस दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

युद्ध के 20 दिन बाद राम अयोध्या लौटे और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा उत्सव

दशहरा का त्यौहार पूरे देश में असाधारण उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्योहार की तैयारी महीनों पहले से की जाती है। दशहरा घरों में नहीं मनाया जाता है बल्कि यह सामुदायिक मेले की तरह अधिक होता है, जिसे समाज में अन्य लोगों के साथ मिलकर मनाया जाता है।

दशहरा नौ दिनों तक चलने वाले दुर्गा पूजा उत्सव के बाद मनाया जाता है, जो इस त्योहार को और भी भव्य बना देता है। मेले कई स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं जहां लोग अपने परिवारों के साथ अस्थायी दुकानों के माध्यम से खरीदारी करने और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए जाते हैं।

दशहरा उत्सव की एक और महत्वपूर्ण घटना रावण का एक बड़ा पुतला है जिसे शाम को जलाया जाता है। पुतला आमतौर पर बड़े मैदानों और बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर रखा जाता है। इसे देखने वालों के लिए सुरक्षित दूरी पर भी बैरिकेडिंग की गई है। पुतले को आतिशबाजी से भी लदा जाता है जो इसे जश्न का माहौल देता है। जब पटाखों के साथ पुतला जलता है, तो भीड़ अपार खुशी और उल्लास के साथ तालियां बजाती है। यह वाकई देखने लायक नजारा है।

दशहरे का महत्व

यह त्योहार भारतीय हिंदू समुदाय के लिए दो मुख्य कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह हिंदू धर्म के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक, भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है। दूसरे, यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है और यह संदेश देता है कि बुरी ताकतें कितनी भी बड़ी क्यों न हों, आखिरकार वे सच्चाई और नैतिकता से हार जाएंगी।

दशहरा का त्योहार और इसका संदेश हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों के सच्चे परिपक्व होने का आधार है। लगभग हर हिंदू त्योहार में एक संदेश होता है जो धार्मिकता, सच्चाई और नैतिक उच्चता का प्रतीक है।

राम की पूजा इसलिए नहीं की जाती है क्योंकि वह एक राजकुमार थे, बल्कि इसलिए कि वे एक महान राजकुमार थे, जिन्होंने अपने सिद्धांतों और धार्मिकता को भौतिक संपत्ति से ऊपर रखा। राम की महिमा ऐसी थी कि भारत के लगभग हर राज्य में उनके शुभचिंतक थे। यह त्योहार नैतिक धार्मिकता का प्रतीक है और हर हिंदू दिल से राम को अपना आदर्श मानता है।

भारत के हिंदू हजारों वर्षों से दशहरा मनाते आ रहे हैं और आने वाली सहस्राब्दियों तक इसे उसी जोश और जुनून के साथ मनाया जाएगा। समय के साथ तरीके और अनुष्ठान बदल सकते हैं लेकिन त्योहार का महत्व वही रहेगा।

दशहरा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 हम दशहरा का त्योहार कब मनाते हैं.

उत्तर. दशहरा का त्योहार हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने के दसवें दिन मनाया जाता है।

Q.2 दशहरा क्यों मनाया जाता है?

उत्तर. दशहरा राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Q.3 दशहरा उत्सव का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर. दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

Q.4 दशहरा का त्यौहार कुल्लू दशहरा के रूप में कहाँ मनाया जाता है?

उत्तर. दशहरा का त्योहार हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

Q.5 दशहरा से पहले नौ दिनों के दौरान कौन सा नाटक आयोजित किया जाता है?

उत्तर. दशहरा से नौ दिन पहले रामलीला का मंचन किया जाता है।

Q.6 दशहरे के दिन किसके पुतले जलाए जाते हैं?

उत्तर. दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं।

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 150, 200, 500 शब्दों में निबंध

Updated On: October 17, 2023 11:41 am IST

प्रस्तावना (Preface)

आयोजन (events).

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दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)

निष्कर्ष (conclusion).

  • दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …
  • दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …

दशहरा पर हिंदी में निबंध

श्री राम द्वारा रावण का वध (Slaying of Ravana by Lord Shri Ram)

दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (essay on dussehra in 200 words in hindi), दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (essay on dussehra in 500+ words) , are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

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दशहरा पर निबंध: Essay on Dussehra in Hindi [2023]

यह लेख दशहरा पर हिंदी में निबंध प्रदान करता है। यहां लिखे गए निबंध 100 शब्दों में, 500 शब्दों में और 600 शब्दों में हैं।.

Sakshi Kabra

दशहरा पर निबंध (100 शब्दों में)

दशहरा पर निबंध (500 शब्दों में) .

भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहारों में से एक, "दशहरा" है। यह त्योहार हर साल विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है और भगवान राम के रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरा का आयोजन खुद भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण घटना के रूप में किया जाता है और यह धर्म, संस्कृति, और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दशहरा का महत्व:

दशहरा का आयोजन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता, और उनके भक्त हनुमान के महान कार्यों की स्मृति में किया जाता है। इसे रामलीला के रूप में मनाया जाता है, जिसमें रामायण की कथा का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। यह कथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और यह दिखाती है कि सत्य, धर्म, और न्याय हमेशा जीतते हैं।

  • भगवान राम: भगवान राम रामलीला के प्रमुख पात्र होते हैं, और उनके जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।
  • सीता: सीता, भगवान राम की पत्नी, उनकी पतिव्रता और नरी शक्ति के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
  • रावण: रावण दुर्जन और अधर्मी का प्रतीक होता है, और उसकी पहचान के लिए दशहरा के दिन उसकी रणनीतियों की प्रस्तुति की जाती है।
  • हनुमान: हनुमान, भगवान राम के भक्त, उनके विश्वास और सेवा के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

दशहरा की तैयारियाँ:

दशहरा के पूर्व, स्थानीय समुदायों और लोगों की तरफ से रामलीला की तैयारियाँ शुरू होती हैं। लोग रोज़ कुछ घंटे रात को मिलकर कथा की प्रस्तुति करते हैं और अभिनेता और नृत्यगायक की भूमिका में रंगमंच पर नाटक का प्रस्तुतीकरण करते हैं।

दशहरा के दिन:

दशहरा के दिन, रामलीला के आयोजन के बाद, एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। इसमें स्थानीय वस्त्र, आभूषण, खिलौने, और फिरकी आदि की विभिन्न चीजें बिकती हैं। मेले में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, और रावण के पुतले बिकते हैं, जिन्हें घर ले जाकर पूजा किया जाता है।

दशहरा के दिन कुछ स्थानों पर रामलीला का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है, और लाखों लोग इसे देखने के लिए आते हैं। यहाँ भगवान राम की कथा को प्रस्तुत करने के लिए पेशेवर अभिनेता और कलाकार होते हैं, और वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। यह एक जीवंत नाटक होता है जो लोगों को भगवान राम के जीवन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जागरूक करता है।

दशहरा पर निबंध (600 शब्दों में)

भारत, विविधता और धर्मिकता का देश है, जहाँ अनगिनत त्योहार और उत्सव हर साल मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में से एक है "दशहरा," जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय संस्कृति में एक अद्वितीय स्थान रखता है। दशहरा का महत्व, परंपरा, और मनाने के तरीके के साथ इस निबंध में जानते हैं।

दशहरा, भगवान राम के रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इसे विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है "विजय का दिन।" इस त्योहार का महत्व रामायण की कथा में है, जिसमें भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को रावण के कब्जे से मुक्त किया था। यह त्योहार भगवान राम के प्रमुख भक्तों और हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है और इसके माध्यम से वे अपने ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा का प्रकटीकरण करते हैं।

दशहरा का आयोजन:

दशहरा के दिन, लोग विभिन्न रूपों में रामलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें रामायण की कथा का प्रस्तुतीकरण किया जाता है। यह एक आदर्श तरीका है जिससे लोग भगवान राम के जीवन और महान कार्यों के बारे में जान सकते हैं और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपना सकते हैं।

रामलीला का आयोजन किसी स्थानीय मंच पर किया जाता है, और लोग ख़ास उपयुक्तता के साथ इसमें भाग लेते हैं। इसमें नृत्य, गीत, और अद्वितीय प्रस्तुतियाँ शामिल होती हैं, जो कथा की रूपरेखा को प्रस्तुत करती हैं। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, और रावण के पात्र विशेष ध्यान दिया जाता है और उनकी प्रस्तुतियाँ बड़ी ही आकर्षक होती हैं।

  • भगवान राम: भगवान राम, रामलीला के प्रमुख पात्र होते हैं, और उनके जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाएं प्रस्तुत की जाती हैं। उनकी पत्नी सीता को रावण के अधिकार से मुक्त कराने के लिए उन्होंने अनगिनत कठिनाइयों का सामना किया था। वे न्याय, धर्म, और सत्य के प्रतीक होते हैं, जो हमें अपने जीवन में अनुसरण करने की प्रेरणा देते हैं।
  • सीता: सीता, भगवान राम की पत्नी, उनकी पतिव्रता और नरी शक्ति के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की जाती है। उनकी आदर्श प्रेम और वफादारी के प्रतीक के रूप में जानी जाती है, जिन्हें भारतीय समाज में मान्यता दी जाती है।
  • लक्ष्मण: लक्ष्मण, भगवान राम के चोटे भाई, उनके साथ समय बिताने वाले अद्वितीय भक्त होते हैं। वे भगवान राम के आदर्श भ्राता होते हैं और उनके लिए जीवन की सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं।
  • हनुमान: हनुमान, भगवान राम के भक्त, उनके विश्वास और सेवा के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। हनुमान बल, वीरता, और समर्पण के प्रतीक होते हैं, और उनके भक्ति और प्रेम का प्रतीक होते हैं।
  • रावण: रावण दुर्जन और अधर्मी का प्रतीक होता है, और उसकी पहचान के लिए दशहरा के दिन उसकी रणनीतियों की प्रस्तुति की जाती है। रावण की दस heads की प्रतिष्ठा के बावजूद, उसकी अधर्मिकता और अहंकार ने उसे पराजित किया था, जो दशहरा के सन्देश का हिस्सा है।

दशहरा की तैयारी:

दशहरा के पूर्व, स्थानीय समुदायों और लोग रामलीला की तैयारीयाँ करते हैं। रामलीला का आयोजन ध्वज ध्वंसक, वीर लक्ष्मण, सीता, और हनुमान जैसे पात्रों के वस्त्र, मेकअप, और सेट के लिए आवश्यक उपकरणों की तैयारी के साथ होता है। लोग निरंतर रामलीला की प्रैक्टिस करते हैं, ताकि वे कथा का श्रेष्ठ प्रस्तुतीकरण कर सकें।

दशहरा के दिन, रामलीला के आयोजन के बाद, एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला अक्तूबर और नवम्बर के महीनों में मनाया जाता है और लोग इसमें उपन्यास, रंगमंच नाटक, और खिलौने आदि की विभिन्न चीजों का आनंद लेते हैं। 

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Dussehra Essay in English

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दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi  – दोस्तों आज हम दशहरा त्योहार पर निबंध लिखने जा रहे है। हमारे देश भारत में त्योहारों का बहुत महत्व है हमारे देश में प्रत्येक त्यौहार बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

दशहरा त्योहार पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है। इस निबंध की सहायता से विद्यार्थी अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं और साथ ही  परीक्षाओं में भी इस निबंध का इस्तेमाल कर सकते है।

Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi for school student under 100, 200, 300, 500 or 1500 words.

Best Essay on Dussehra in Hindi 100 words

भारत में दशहरा त्यौहार का बहुत महत्व है दशहरा भारत में पौराणिक काल से ही मनाया जाता आ रहा है। दशहरा हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ त्योहार है यह 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । इसके मनाए जाने का कारण पौराणिक कथाओं में सुनने को मिलता है जिसके अनुसार जब रावण द्वारा माता सीता का हरण कर लिया गया था

तब भगवान श्रीराम ने रावण से आग्रह किया था कि वह मां सीता को सकुशल वापस लौटा दी नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। लेकिन रावण अपने अहंकार में इतना चूर हो गया था कि उसने भगवान राम की बात नहीं मानी।

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अंत में भगवान श्रीराम ने विजयदशमी के  के दिन लंका नरेश रावण का वध कर दिया। दशहरा त्योहार पर रावण का पुतला जलाया जाता है और इससे यह संदेश मिलता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

Latest Essay on Dussehra in Hindi 200 words

दशहरा भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा त्योहार को पूरे भारत में अलग-अलग तरह से पूरे हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है। यह त्योहार अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है।

भारत में यह त्यौहार विभिन्न रीति रिवाजों के अनुसार विभिन्न प्रांतों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है जैसे कि पश्चिमी बंगाल झारखंड बिहार आदि राज्यों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है

यह पूजा 9 दिनों तक लगातार की जाती है जिसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है।

विजयदशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था और उसी दिन भगवान राम ने भी अहंकारी रावण का वध किया था। उत्तर भारत में  इन 9 दिनों में रामलीला का मंचन किया जाता है

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जिसमें बताया जाता है कि भगवान राम ने रावण का वध कैसे किया और दसवें दिन रावण के साथ मेघनाद, कुंभकर्ण का पुतला भी जलाया जाता है।

दशहरा त्योहार के माध्यम से बताया जाता है कि असत्य कितना भी मजबूत क्यों ना हो सत्य की एक किरण उसे  हरा ही देती है। इस त्यौहार को असत्य पर सत्य की जीत पर मनाया जाता है।

Dussehra Par Nibandh 300 words

प्रस्तावना –

दशहरा त्योहार को पूरे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है इस पर्व पर खूब मिठाइयां बांटी जाती है खूब ढोल नगाड़े बजाए जाते है। विजयादशमी के इस पावन दिन पर असत्य पर सत्य की जीत हुई थी।

दशहरा त्योहार हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यह पर्व दीपावली से करीब 20 दिन पहले आता है।

दशहरा का आयोजन –

इस पर्व को विजयादशमी और दशहरा के नाम से जाना जाता है इस पर्व को विजयदशमी का नाम देने के पीछे भी एक बहुत बड़ी पौराणिक मान्यता है जिसके अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था।

इसलिए बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा  के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है कुछ लोग इन 9 दिनों में उपवास भी रखते है। इस 9 दिन तक चलने वाले त्यौहार को नवरात्रि भी कहा जाता है जिसमें माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है

इन दिनों में सुबह शाम माता की आरतियां होते हैं प्रसाद बांटे जाते हैं खूब ढोल-नगाड़े बजाए जाते है  और लोग प्रसन्नतापूर्वक इस त्यौहार को मनाते है चूँकि मां दुर्गा ने विजयदशमी के दिन महिषासुर का वध किया था तो बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

इसी प्रकार उत्तर भारत के लोग भी अपनी एक अलग मान्यता के अनुसार इस त्यौहार को मनाते हैं जिसमें 9 दिनों तक रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें वास्तविक लोगों द्वारा यह दर्शाया जाता है कि इस प्रकार माता सीता का अपहरण हुआ और किस प्रकार भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध किया।

चूँकि रावण के दस सिर थे इसलिए इस त्यौहार को दस दिनों तक मनाया जाता है और दसवें दिन असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाने के लिए और लोगों  को सत्य का साथ देने के लिए प्रेरित किया जाता है  जिसमें रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जलाए जाते है।

उपसंहार –

जिस से यह प्रतीत होता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो उसका अंत निश्चित है। इसलिए हमें हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए।

Essay on Dussehra in Hindi 500 words

भूमिका –

भारत एक धार्मिक परंपरा वाला देश है जहां पर हर रोज़ कोई ना कोई त्यौहार होता है लेकिन सबसे बड़े त्योहारों की बात करें तो उनमें से एक दशहरा भी है जोकि लगातार 10 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।

यह अक्टूबर और नवंबर माह के बीच में दीपावली से करीब 3 सप्ताह पहले आता है। इस दौरान खूब बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते हैं मिठाइयां बांटी जाती हैं लोग एक दूसरे से गले मिलकर त्यौहार की बधाइयां देते है।

दशहरा त्योहार के आते ही सरकार द्वारा भी इन दिनों स्कूल और सरकारी कार्यालयों की छुट्टियां कर दी जाती हैं जिससे कि सभी लोग इस त्यौहार का पूरी तरह से आनंद उठा सके।

दशहरा का महत्व –

दशहरा एक त्यौहार ही नहीं है इस दिन पूरे परिवार के लोग एक दूसरे से मिलने आते हैं जिससे इस त्यौहार का महत्व और भी बढ़ जाता है।

चूँकि भारत विभिन्न परंपरा वाला देश है इसलिए यहां पर अलग-अलग भाषाएं अलग-अलग परंपराएं हैं जिसके अनुसार इस त्यौहार का लोग अपनी परंपरा के हिसाब से आयोजन करते है। लेकिन सभी परंपराओं में इसका मूल उद्देश्य एक ही होता है।

इस त्यौहार से जन जन में यही संदेश पहुंचाया जाता है कि असत्य पर हमेशा सत्य की ही जीत होती है। बुराई का अंत निश्चित है इसलिए बुरा काम करने से बचें। दशहरा त्यौहार मनाए जाने के पीछे कई  पौराणिक कथाएं है जिनमें से एक यह कि भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण ने जब रावण की बहन सूर्पनखा का नाक काट दिया था

तब रावण ने नाराज होकर भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता का अपहरण कर लिया। भगवान श्री राम ने वानर सेना, हनुमान जी, लक्ष्मण, सुग्रीव आदि के साथ मिलकर माता सीता को छुड़ाने की योजना बनाई।

इससे पहले उन्होंने मां दुर्गा की पूजा की जिससे उन्होंने यह जान लिया था कि रावण का वध कैसे किया जाए।  रावण और भगवान श्री राम के बीच युद्ध करीब 10 दिनों तक चला और दसवें दिन विजयदशमी के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर दिया। और माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने में सफल रहे।

चूँकि रावण बहुत ही अहंकारी और अत्याचारी था इसलिए इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए दशहरा मनाया जाता है और वर्तमान में अभी यह प्रथा कायम रखने के लिए लोगों द्वारा  रामलीला का मंचन किया जाता है जिसमें भगवान श्री राम के वनवास जाने से लेकर रावण के वर्क तक का वर्णन किया जाता है और विजय दशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है।

भारत के कुछ राज्यों में दशहरा त्योहार को एक अलग ही पौराणिक मान्यता के अनुसार मनाया जाता है जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस में प्रतिदिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है जैसे कि काली, शैलपुत्री, ब्रह्‌मचारिणी ,कुष्मांडा आदि विभिन्न रूप धारण करती हैं और आसुरी शक्तियों का संहार करती हैं।

चूँकि  मान्यता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस से करीब 9 दिनों तक युद्ध किया था क्योंकि महिषासुर राक्षस ने पृथ्वी पर तबाही मचा दी थी इसलिए विजयदशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का त्रिशूल मारकर वध कर दिया था।  इसलिए इस दिन बुराई और असुरी ताकतों का अंत हुआ था।

निष्कर्ष –

इस त्यौहार को मनाने का प्रमुख कारण यही है कि पूरे भारत में यह संदेश पहुंचाया जा सके कि हमेशा सत्य की ही जीत होती है चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो।

Long Essay on Dussehra in Hindi

भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा भी है दशहरा त्योहार भारत में पुरातन काल से ही बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार होता है।

दशहरा त्योहार को प्रत्येक वर्ग के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। इस त्यौहार का अधिक महत्व है हिंदू धर्म और क्षत्रिय लोगों में बहुत ज्यादा होता है।

यह त्योहार हिंदी कैलेंडर के हिसाब से अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे भारत के अलग-अलग प्रांतों में कई रोचक कहानियां एवं कथाएं सुनने को मिलती है। इस त्यौहार का भारत में अधिक महत्व इसलिए है।

क्योंकि यह दीपावली की तरह ही पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ग के द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस त्यौहार का अंतिम दिन विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस दिन इतिहास में कोई ऐसी घटना घटी होगी जिसमें बहुत बड़ी विजय हासिल की गई होगी।

दशहरा त्योहार क्या है –

दशहरा त्योहार हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ एक प्रमुख त्योहार है यह अक्टूबर से नवंबर माह के बीच में और दीपावली से करीब तीन सप्ताह पहले मनाया जाता है। यह त्योहार हर्षोल्लास और विश्वास के साथ पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है

क्योंकि इस दिन जो भी कार्य किया गया है वह हमेशा सफल ही हुआ है। इस त्यौहार के माध्यम से हमें सच्चाई, आदर्श और नैतिकता की शिक्षा मिलती है। इस त्यौहार का प्रमुख उद्देश्य एक ही है कि सभी लोगों में संदेश पहुंचाया जा सके  की बुराई का अंत निश्चित होता है और हमेशा अच्छाई और सत्य की ही जीत होती है। इसलिए बड़ी धूमधाम से मनाते हैं ताकि हर वर्ग के लोगों तक इसका संदेश पहुंचाया जा सके।

दशहरा त्यौहार क्यों मनाया जाता है-

भारत जैसे विशाल जनसंख्या एवं पौराणिक मान्यताओं वाले देश में इस त्यौहार को सभी लोग अपनी-अपनी पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार मनाते है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे हिंदू धर्म के ग्रंथों में दो प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया जाता है विश्व में पहली घटना मां दुर्गा से जुड़ी हुई है और दूसरी भगवान श्री राम से आइए जानते है।

मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया –

हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार पुरातन काल में महिषासुर नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था जिसने देवलोक से लेकर पृथ्वी पर भी अपना आतंक मचा रखा था। महिषासुर राक्षस को ऐसी शक्तियां प्राप्त थी कि कोई भी देवता उसके सामने टिक नहीं पा रहा था फिर मां दुर्गा से महिषासुर  राक्षस का नाश करने की विनती की गई।

तब मां दुर्गा ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए लगभग 9 दिनों तक महिषासुर नाम  के राक्षस से युद्ध किया उसके बाद विजय दशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का अंत कर दिया  क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए इसी दिन को दशहरा त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा।

भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध किया –

जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काट रहे थे तब अहंकारी रावण ने माता सीता का छलपूर्वक अपहरण कर लिया। भगवान राम ने रावण से माता सीता को सकुशल वापस लौट आने की विनती की लेकिन रावण ने इतना अहंकार भरा हुआ था कि वह नहीं माना।

तब भगवान राम ने रावण से युद्ध करने की सोची और भाई लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान जी और वानर सेना के साथ मिलकर माता सीता को सकुशल वापस लाने की योजना बनाई। लेकिन लंका तक पहुंचने के लिए समुद्र  पार करना आवश्यकता इसलिए वानर सेना द्वारा पत्थरों का एक पुल बनाया गया जो कि रामसेतु के नाम से जाना जाता है जिस के अवशेष आज भी भारत से श्रीलंका के बीच में देखे जा सकते है।

भगवान श्री राम की लंका पहुंचने के बाद अहंकारी रावण और राम के बीच में बहुत भयंकर युद्ध हुआ जिसमें लंका  पूरी तरह तहस-नहस हो गई और विजय दशमी के दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण के अहंकार को कुचलते हुए उसका वध कर दिया।

यहां पर यह बात जानने योग्य है कि रावण  भगवान राम से बहुत ज्यादा ज्ञानी और शक्तिशाली था लेकिन फिर भी वह मारा गया।

इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर ज्ञान का अहंकार वश दुरुपयोग किया जाए तो उसका अंत निश्चित होता है। विजयदशमी के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी इसलिए दशहरा त्योहार मनाया जाता है।

दशहरा त्यौहार पर होने वाले कार्यक्रम –

दशहरा त्योहार के दिन अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिसे लोग बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाते है। इस दिन लोग खूब नाचते गाते हैं मिठाइयां बांटते हैं ढोल नगाड़े बजाते है और हर तरफ खुशियां ही खुशियां नजर आते है दशहरा त्योहार पर होने वाले प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार है –

दुर्गा पूजा –

दशहरा त्योहार को भारत के कई राज्यों में जैसे बिहार असम झारखंड पश्चिम बंगाल उड़ीसा गुजरात तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक आदि राज्यों में नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है इन 9 दिनों में श्रद्धालु उपवास रखते हैं और सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा करते है। इसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा की एक अलग रूप की पूजा की जाती है  क्योंकि मां दुर्गा के हर एक रूप का कुछ ना कुछ महत्व जरूर होता है।

गली-मोहल्लों और मंदिरों में  मां दुर्गा की विशेष मूर्तियां लगाई जाती हैं जिनमें मां दुर्गा के सभी रूप दर्शाए जाते है।

यह दृश्य बहुत ही रोचक और भक्तिमय होता है। मां दुर्गा की आरती के बाद सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद बांटा जाता है जोकि श्रद्धालुओं द्वारा मां का आशीर्वाद समझकर ग्रहण किया जाता है। विजयदशमी के दिन मां दुर्गा की मूर्तियों की झांकियां निकाली जाती हैं और उन्हें किसी तलाब या समुद्र विसर्जित किया जाता है

झांकियां –

दशहरा के इस पावन पर्व पर झांकी निकालने का विशेष आयोजन किया जाता है जिसमें की सभी स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की झांकियां निकाली जाती हैं कहीं पर मां दुर्गा की मूर्तियां लेकर नाच गानों के साथ पूरे गांव और शहर में घुमाई जाती है और अंत में मां दुर्गा की मूर्तियों को जल में विसर्जित कर दिया जाता है।

कुछ स्थानों पर रामलीला के सभी पात्रों की झांकियां निकाली जाती हैं जिनमें की खूब ढोल नगाड़े बजाए  जाते हैं और साथ ही आतिशबाजी की जाती है।

शस्त्र पूजन –

दशहरा त्योहार को लेकर क्षत्रिय धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा एक अन्य प्रथा का भी आयोजन किया जाता है जिसमें वह अपने अस्त्र – शस्त्र की पूजा करते है। चूँकि  दशहरा त्योहार वर्षा ऋतु के खत्म होने के बाद आता है इसलिए राजा महाराजा ने युद्ध करने के लिए और शिकार करने के लिए वर्षा ऋतु के बाद ही बाहर निकलते हैं इसलिए वह पहले अपने अस्त्र शस्त्र की पूजा करते है।

रामलीला मंचन –

Dussehra त्योहार राम और रावण से जुड़ा हुआ है इसलिए उत्तर भारत यह लोग इन 10 दिनों में रामलीला का मंचन करते हैं जिसमें वास्तविक व्यक्तियों द्वारा रामायण काल के सभी पात्रों के जीवन को दर्शाया जाता है।

जिसमें प्रमुख रुप से भगवान श्री राम के वनवास से लेकर रावण के वध तक का पूर्ण वर्णन किया जाता है।

रामलीला का मंचन सभी शहरों और गांवों में एक निश्चित स्थान पर किया जाता है जहां पर शाम को सभी लोग इकट्ठा होकर रामलीला का आनंद उठाते है।

रामलीला के द्वारा लोगों को बताया जाता है कि किस प्रकार भगवान श्रीराम द्वारा अहंकारी रावण का अहंकार तोड़ा गया वह साथ ही उस का वध कैसे हुआ। रामलीला के मंचन का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों में यह संदेश पहुंचाने की हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है।

पुतला दहन –

दशहरे के दिन जिसे लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं जिस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है जिसमें रावण के पुतले लकड़ी और कागजों से बनाए जाते हैं और उनमें पटाखे भर दिए जाते है।

आजकल तो रावण के साथ-साथ मेघनाथ और कुंभकरण के बीच पुतले जलाए जाते हैं जिसमें तीर द्वारा घुटनों में आग लगाई जाती हैं फिर भी पुतले आग की चपेट में आने से धू-धू कर जलने लगते है।

इतिहास में दशहरा त्योहार का महत्व –

भारत के इतिहास में भी दशहरा त्योहार का बहुत महत्व है क्योंकि प्राचीन काल में राजा में राजा दशहरे के दिन ही युद्ध पर निकलते थे या फिर किसी शुभ कार्य को करने के लिए इसी दिन को सुनते थे क्योंकि ऐसा माना जाता है कि  इस दिन जो भी कार्य किया जाता है वह जरुर सफल होता है।

इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है जब मराठा रतन शिवाजी ने औरंगजेब से युद्ध किया था तो इसी दिन को चुना था और हिंदू धर्म की रक्षा की थी

Dussehra त्योहार खुशियों और उमंगों का त्यौहार है लेकिन इस त्यौहार की जितनी पौराणिक मान्यताएं हैं उतना ही इस त्यौहार का महत्व भी है क्योंकि इस समाज से हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।

एक त्यौहार को लेकर जितने भी मान्यताएं जुड़े हुए नहीं हैं उनके अनुसार हमेशा अच्छाई की जीत हुई है।

हमें मां दुर्गा की तरह बुराइयों का अंत करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए कभी भी बुराइयों के आगे नहीं झुकना चाहिए। और भगवान राम के जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमेशा शांत रहना चाहिए और हमेशा सत्य का मार्ग ही अपनाना चाहिए।

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4 thoughts on “दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi”

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दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra in Hindi (1000 Words)

दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra in Hindi (1000 Words)

आज हमने इस आर्टिकल में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, दशहरा क्यों मनाया जाता है, कब मनाया जाता है, और कैसे मनाया जाता है, दशहरे का महत्व, दशहरा मेला, दशहरे पर 10 लाइन तथा दशहरे पर कविता के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra in Hindi)

हमारे देश में त्योहारों का बड़ा ही महत्व है। हमारे देश में प्रत्येक त्यौहार बड़े ही धूमधाम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा भी इन प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरे को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरे का त्यौहार कब मनाया जाता है? When Dussehra is Celebrated?

दशहरे का त्यौहार आश्विन मास की दशमी को मनाया जाता है अर्थात दीपावली के 20 दिन पहले इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से 10 दिन तक मनाया जाता है। और इसे नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यहां उत्सव नवरात्रि  से शुरू होता है, और दशहरे के दसवें दिन के त्यौहार के साथ समाप्त होता है।

  • नवरात्रि और दशहरा पूरे शहर में एक ही समय में अलग-अलग प्रकार से और रीति-रिवाजों के द्वारा मनाया जाता है। लेकिन ज्यादा उत्साह और ऊर्जा से यह गर्मी के अंत और सर्दियों के मौसम के शुरुआत में माना जाता है।

दशहरे का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? Why Dussehra is Celebrated?

इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस कारण भगवान राम का सम्मान करने के लिए हिंदू, उपवास, अनुष्का और समारोह रखते हैं। दशहरा दानव महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का भी प्रतीक है।

दशहरा कैसे मनाया जाता है? How Dussehra is Celebrated?

दशहरा मनाने के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े मैदानों में मेलों का आयोजन किया जाता है। इस समय रामलीला का भी आयोजन होता है। इस दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। इस पुतले में पटाखे भी भर दिए जाते हैं।

विजयादशमी को भारतीय घरों के लिए शुभ माना जाता है इस दिन लोग अपने घरों में पूजा अर्चना करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक इन 9 दिनों में तीनों शक्तियां प्राप्त होती है अर्थात शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक जिससे उन्हें बिना किसी कठिनाई से अपने जीवन में प्रगति करने मैं मदद मिलती है।

दशहरे के दिन विद्यालयों और दफ्तरों में अवकाश रहता है। लोग इस पर्व को ढेर सारी खुशियां और उत्साह के साथ मनाते हैं।

इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। रामलीला का दशहरा समारोह के दौरान एक अनूठी विशेषता है। जहां रामायण की कहानीयाँ, तथा राम और रावण के बीच का अभिनय किया जाता है।

दशहरे का महत्व Importance of Dussehra

इस त्यौहार का बहुत ही बड़ा महत्व है। यह दिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी हो कितनी भी शक्तिशाली हो हमेशा अच्छाई की जीत होती है। बुराई को हमेशा अच्छाई से हारना ही पड़ता है। यह  त्यौहार इस बात का प्रतिक है कि बुराई में अच्छाई की हमेशा जीत होती है।

रावण ने माता सीता का अपहरण किया था। उसने यह एक बुरा काम किया था। इस कारण दशहरे के दसवीं के दिन श्री राम ने रावण का अंत किया था। इसी तरह से बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

दशहरा मेला Dussehra Mela

दशहरा मेला उत्सव का मुख्य आकर्षण है। दशहरे के समय मेलों का आयोजन किया जाता है। खरीदारी के लिए दुकान बाजार बैठते हैं। और बच्चों के लिए खेल व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

सड़कों में हलचल होने लगती है लोग रावण का विशाल पुतला देखने को एकत्रित होते हैं। रावण दहन के लिए राम लक्ष्मण की झांकी निकाली जाती है। रावण दहन देखने को बहुत सारे लोग एकत्रित होते हैं। कोटा मेला और मैसूर मेला, दशहरा पर कुछ प्रसिद्ध मेले हैं।

दशहरा पर 10 लाइन 10 Lines on Dussehra in Hindi

दशहरा पर 10 लाइन निम्न प्रकार है-

  • हमारे देश में प्रत्येक त्यौहार बड़े ही धूमधाम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा भी इन प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरे को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
  • दशहरे का त्यौहार आश्विन मास की दशमी को मनाया जाता है अर्थात दीपावली के 20 दिन पहले इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से 10 दिन तक मनाया जाता है।
  • इसे नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
  • यहां उत्सव नवरात्रि  से शुरू होता है, और दशहरे के दसवें दिन के त्यौहार के साथ समाप्त होता है। 
  • इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस कारण भगवान राम का सम्मान करने के लिए हिंदू, उपवास अनुष्का और समारोह रखते हैं।
  • दशहरा दानव महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का भी प्रतीक है।
  • दशहरा मनाने के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े मैदानों में मेलों का आयोजन किया जाता है। इस समय रामलीला का भी आयोजन होता है। 
  • इस दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। इस पुतले में पटाखे भी भर दिए जाते हैं।
  • विजयादशमी को भारतीय घरों के लिए शुभ माना जाता है इस दिन लोग अपने घरों में पूजा अर्चना करते हैं।

दशहरा पर कविता Poem on Dussehra in Hindi

  • तभी राम आए बंदर भालू की लेकर सेना, साधा निशाना सच्चाई का तीर चलाया पैना। लोग पाप की लंका धुं धुं जलकर हो गई राख, दिए जले थे तब धरती पर अनगिन ,लाखों लाख। इसीलिए तो आज धूम है रावण आज मरा था, शीश 10 बारी-बारी उत्तरा आभार धरा का। लेकिन सोचो कोई रावण फिर छल ना कर पाए, अभिमानी ना फिर से काला राज जलाए। होगा तभी सच्ची दीपावली होगा तभी दशहरा, जगमग जगमग होगा तब फिर सच्चाई का चेहरा।
  • दशहरा आया दशहरा आया हिंदुओं का त्यौहार आया, सच्चाई का प्रतीक दशहरा बुराई का अंत दशहरा। अहंकारी रावण का पुतला जलता। श्री राम जी का जय जय कार होता, सारे लोग जश्न मनाते सत्य की जीत पर लोग नाचते। बुराई छोड़ सच्चाई अपना वो गलत विचारों को दूर भगाओ। अन्याय का प्रेरणा देता दशहरा का त्योहार बहुत कुछ सिखा जाता।

निष्कर्ष Conclusion

इस त्यौहार से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई जितने भी बड़ी हो जितनी भी शक्तिशाली हो वह कभी अच्छाई से नहीं जीत सकता अर्थात हमेशा अच्छाई की जीत होती है।

यदि आपको दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra in Hindi अच्छा लगा है तो हमें कमेंट करें। धन्यवाद!

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Dussehra Essay In Hindi दशहरा पर निबन्ध

Dussehra Essay In Hindi | दशहरा पर निबन्ध

Dussehra Essay In Hindi | दशहरा पर निबन्ध

  • आयोजन और मनाया जाना

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

दशहरा पर निबन्ध | Essay on Dussehra In Hindi

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है-दशहरा। इस दिन सचमुच ऐसा लगता है कि सतयुग का रामराज्य पुनः लौट आया है। इस पर्व का धार्मिक महत्व रामायण की कथा पर आधारित है। इस दिन अयोध्या के राजा राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण को पराजित कर विजय प्राप्त की थी। उसी विजय की स्मृति में इस पर्व को विजयदशमी भी कहते हैं। सहस्रों वर्षों की घटना को हिंदुओं के दृढ़ विश्वास ने इसे सजीव बना दिया है।

हिंदू इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। दस दिन पहले ही हर नगर, हर गली में रामलीला आरंभ हो जाती है। श्री राम के जीवन को चित्रित करने वाली झाँकियाँ निकाली जाती हैं, जिसे राम जी की सवारी कहते हैं। राजधानी दिल्ली की रामलीलाएँ विशेष रूप से दर्शनीय होती हैं।

इस पर्व के दिन बाजारों में विशेष चहल-पहल होती है। बाजारों में बिक रहे रामलीला के पात्रों के मुखौटे, धनुष-बाण और गदा आदि खिलौने बच्चे बड़े चाव से खरीदते हैं। शाम होते ही सभी दशहरा मैदान की तरफ चल पड़ते हैं। इस दिन सवारी की शोभा भी निहारने योग्य होती है।

सवारी के दशहरा मैदान पहुँचते ही राम-रावण युद्ध दिखाया जाता है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मैदान में पहले ही खड़े कर दिए जाते हैं। इनमें बारूद, पटाखे और आतिशबाजी भर दी जाती है। शाम होते ही इन पुतलों को कागज़ की लंका सहित अग्नि की भेंट कर दिया जाता है।

आकाश में उड़ती फुलझड़ियों और आतिशबाज़ी की रंगबिरंगी रोशनी बड़ी भली लगती है। रावण का दाह संस्कार कर सब लोग प्रसन्नतापूर्वक घर लौटते हैं। इस अवसर पर शक्ति की देवी, पापियों का नाश करने वाली दुर्गा की भी पूजा होती है। शाम को प्रतिमा को धूमधाम से जल में विसर्जित कर दिया जाता है। यह पर्व भारतीय समाज में बहुत ही शुभ माना जाता है।

यह पर्व हमारे जीवन में नई स्फूर्ति, नए जीवन और नए उत्साह का संचार करता है। इस पर्व से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सदा सत्य की विजय और असत्य की पराजय होती है।

Essay on Dussehra In Hindi

Essay on Dussehra in Hindi - दशहरा पर निबंध

Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों मे

भारत एक विविधता से भरा देश है, यहां त्योहारों का भी एक विशेष महत्व है इसलिए आज मैं आपके लिए दशहरा पर एक खास निबंध ( Essay on Dussehra in Hindi ) लेकर आया हूँ।

Dussehra Festival Essay आपको दशहरा के उत्सव के महत्वपूर्ण तथ्यों, महत्व और इसे मनाने के पीछे के रहस्यों के बारे में बताएगा। इसके साथ ही, इस उत्सव को भारतीय संस्कृति में कैसे एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, इसे जानने के लिए आपको इस Dussehra Essay को अच्छे से पढ़ना पड़ेगा।

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Table of Contents

Essay on Dussehra in Hindi – दशहरा पर निबंध

दशहरा, भारतीय हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल शुक्ल पक्ष के दसवे दिन मनाया जाता है और इस दिन भगवान राम के विजय का जश्न मनाया जाता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है, जो विजय और दशमी शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘विजयी दसवें दिन’।

यह पर्व पूरे देश में खुशियों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरा का अर्थ होता है दस दिनों का त्योहार। यह त्योहार नवरात्रि के अंत को मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में नौ दिन तक चलता है। इस अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद, नवरात्रि के नौवें दिन विजयादशमी के रूप में श्रीराम और रावण के युद्ध का उत्साह और उल्लाश होता है।

दशहरे पर्व का इतिहास

रामायण में लिखा गया है कि भगवान राम ने दशहरे के दिन लंका के राजा रावण को मारकर अयोध्या वापस लौटे थे । रावण राजा राम की पत्नी सीता को अपहरण कर ले गया था, और राम ने उन्हें वापस पाने के लिए रावण के साथ युद्ध किया था। युद्ध में भगवान राम ने रावण को मार कर विजय प्राप्त की और लंका का विनाश कर दिया। इस विजय के अवसर पर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।

रामलीला का आयोजन

दशहरे के दिन लोग भगवान राम की मूर्ति का पूजन करते हैं और उसके पास फूल, चावल, फल, मिठाई और चंदन की धूप चढ़ाते हैं। इसके साथ ही रामलीला नामक नाटक का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामायण की कहानी का प्रदर्शन किया जाता है। रामलीला के दौरान भगवान राम की विजय को दर्शाया जाता है, इसमें रामायण की कथा को दर्शाया जाता है जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के प्रमुख प्रसंगों का वर्णन किया जाता है जो लोगों को सत्य, धर्म, और न्याय के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

दशहरे के त्योहार के साथ-साथ दुर्गा पूजा भी सम्बन्धित है, जो नौ दिनों तक चलता है। नवरात्रि में नौ रुपों की देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और उनके विभिन्न रूपों का स्मरण किया जाता है। नौवें दिन को नवमी भी कहा जाता है, जो दशहरे के दिन आता है।

दशहरा का महत्वा 

दशहरे का त्योहार धर्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन को विजयपर्व के रूप में मनाने से हमें सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा मिलती है और बुराई और अधर्म को पराजित करने के लिए प्रेरित करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अच्छे कर्मों को बढ़ावा देने और बुराई से लड़ने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

समारोहों, पूजा-अर्चना, नाटक, रामलीला, और मिठाईयों के साथ दशहरे का त्योहार लोगों को आनंद और उत्साह से भर देता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, परिवार, और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियों का एहसास करते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

दशहरे का पर्व हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इसे न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विजय के रूप में माना जाता है, जिससे लोगों को साहस, सामर्थ्य, और सहनशीलता की प्रेरणा मिलती है।

इस प्रकार, दशहरे के त्योहार का महत्वपूर्ण संदेश है कि सत्य की विजय हमेशा होती है और भगवान के भक्तों को शक्ति और साहस का अनुभव करने के लिए प्रेरित करता है।

इस त्योहार को धार्मिक अनुष्ठान, भक्ति, एकता, और समरसता के अभिवादन के रूप में मनाना चाहिए। यह त्योहार बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को एकजुट करता है और समाज में एकता की भावना पैदा करता है। समारोह और परिवर्तन का यह त्योहार भारतीय संस्कृति के एक अटूट हिस्से के रूप में देखा जाता है।

Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines [ दशहरा पर निबंध 10 लाइन ]

Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines

  • दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है। यह त्योहार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
  • दशहरा को विजयादशमी भी कहते हैं, इस दिन भगवान राम ने रावण को मारकर अयोध्या लौटने का जश्न मनाया था।
  • दशहरे के पहले नौ दिन लोग दुर्गा माता की पूजा और नवरात्रि व्रत करते हैं। नौवरात्रि के अंत में, रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले बनाकर उन्हें जलाया जाता है।
  • इस दिन मेले, भजन-कीर्तन, नाच-गान, रामलीला आदि का आयोजन किया जाता है।
  • रामलीला में रामायण के कुछ भाग दिखाए जाते हैं जिससे लोगों को रामायण की कथा का ज्ञान मिलता है।
  • दशहरे के पर्व को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, मैसूर, वाराणसी जैसे शहरों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
  • इस दिन बच्चे और युवा रामलीला में भाग लेते हैं और उन्हें भगवान राम और रावण के चरित्रों के बारे में सिखाया जाता है।
  • दशहरे के दिन लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और एक दूसरे के घर जाकर मिठाई खाते हैं।
  • यह त्योहार भारतीय संस्कृति में समृद्धि, शक्ति, और अच्छाई के प्रतीक है।
  • इस उत्सव के माध्यम से हम अपने जीवन में भक्ति, समर्पण, और नैतिकता को जीवित रखते हैं।

Short Essay on Dussehra in Hindi

Short Essay on Dussehra in Hindi

दशहरा का त्योहार हिंदू संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण को मारकर धरती पर शांति और धर्म की रक्षा की थी। इसी कारण से यह दिन “विजयादशमी” के रूप में जाना जाता है। दशहरे के दिन लोग मां दुर्गा की भक्ति करते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। दशहरे के त्योहार की शुरुआत नवरात्रि के अंत के दिन से होती है।

नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ रूपों की पूजा की जाती है और दशहरे के दिन इन नौ रूपों का विसर्जन किया जाता है। इस दिन सभी लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियों के साथ इस त्योहार का स्वागत करते हैं। दशहरे के पावन पर्व के दौरान रामलीला नाटक भी आयोजित किया जाता है। रामलीला एक प्रसिद्ध नाटक है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में दशहरे के दौरान आयोजित किया जाता है।

यह नाटक भगवान राम के जीवन के को दिखाता है और रावण के वध की कहानी को प्रस्तुत करता है। लोग इस नाटक को उत्साह से देखते हैं और इससे भगवान राम के वीरता और धर्म के महत्व का अनुभव करते हैं। रामलीला के दौरान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के चरित्रों की पूजा की जाती है और लोग उन्हें दीपावली के त्योहार की शुरुआत के रूप में भी मानते हैं।

दशहरे के दिन लोग धूमधाम से उत्सव मनाते हैं। विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें पंडाल, मेले, नृत्य, संगीत, रसलीला, और अन्य विभिन्न चीज़े शामिल होते हैं। लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियों का मनाते करते हैं और शुभकामनाएं देते हैं।

इस दिन लोग अपने जीवन में सभी बुराईयों का नाश करने का संकल्प करते हैं और नई शुरुआत करते हैं। दशहरे के उत्सव के दौरान लोग धूमधाम से मिलकर खुशियों का आनंद लेते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। इस दिन का महत्व हमारे समाज में एकता, धर्म एवं शक्ति के संदेश को दिखाता है।

Dussehra Festival Essay in 200 Words- दशहरा पर निबंध 200 शब्दों में

दशहरा भारत में महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह हिंदुओं के लिए एक बड़ा और खुशीयों से भरा त्योहार है जो हर साल अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। दशहरा को दुर्गा पूजा के अंतिम दिन के रूप में भी जाना जाता है, जिसे लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस त्योहार को रावण के वध के अवसर पर भी जाना जाता है।

दशहरा के त्योहार की शुरुआत नवरात्रि के पावन पर्व से होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक लोग मां दुर्गा की पूजा और भक्ति करते हैं। इन दिनों में धार्मिक अनुष्ठान, भजन और मां की आराधना का धूमधाम से आयोजन होता हैं। इन नौ दिनों के बाद दशहरा के दिन लोग खुशी के साथ मिलकर धूमधाम से इसे मनाते हैं। दशहरा के दिन रामलीला नाटक की प्रस्तुति की जाती है, जिसमें भगवान राम और रावण के युद्ध का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। जिसमें भगवान राम रावण के पुतले को धनुषबाण से मारते हैं इसे देखने के लिए लाखों लोग एकत्र होते हैं।

दशहरा एक समृद्धि, सम्पदा और शुभकामनाओं का त्योहार है। इस दिन लोग अपने परिवार, दोस्तों, और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। दशहरे का उत्सव हिन्दू समाज में एकता, शक्ति, धैर्य, धर्माचरण, और विजय का प्रतीक है। यह हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और हमें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। यह त्योहार हमारी संस्कृति और धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें सदैव गर्व महसूस करने का मौका देता है।

Dussehra Festival Essay in 100 Words – दशहरा पर निबंध 100 शब्दों में

दशहरा एक हिंदू त्योहार है जो वर्षा ऋतु के अंत में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा को विजयादशमी भी कहते हैं। यह त्योहार भारत देश भर में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरा के पीछे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएं छिपी होती हैं।

इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण को मारा था, जिससे अयोध्या के लोगों ने खुशी का जश्न मनाया था। दशहरा के दिन लोग मेले और उत्सवों में भाग लेते हैं। विभिन्न रामलीला मंचन, रथयात्रा, और मूर्ति स्थापना के आयोजन किए जाते हैं। स्कूलों और समुदायों में बच्चों को कविताएं सुनाई जाती हैं और रंगोली बनाई जाती है।दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

Dussehra Festival Essay in 500 Words- दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

Dussehra Festival Essay in 500 Words- दशहरा पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना:

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां विभिन्न धर्मों के त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। यहां पर्व-त्योहार एकता और सद्भावना का प्रतीक हैं, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और प्रेम भाव बढ़ाने में मदद करते हैं। दशहरा एक ऐसा ही त्योहार है, जो भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार विजयादशमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस निबंध में हम दशहरे के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

दशहरे का त्योहार:

दशहरा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व नवरात्रि के दसवें दिन को मनाया जाता है, इसलिए इसे दशहरा भी कहते हैं। यह त्योहार शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार विजय का प्रतीक है जो बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है। दशहरे के दिन लोग दुर्गा माता के दस रूपों की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं।

रामलीला का महत्व:

दशहरे के अवसर पर पूरे भारत में रामलीला नामक नाटक का आयोजन होता है। इसमें प्रभु राम और रावण के युद्ध का दृश्य प्रस्तुत किया जाता है। रामलीला नाटक के माध्यम से लोगों को भगवान राम के चरित्र और महानता के बारे में सिखाया जाता है और उन्हें अधर्म का नाश करने का प्रेरणा मिलता है। रामलीला के अंत में रावण के पुतले का दहन होता है, जिससे लोग बुराई के प्रतीक का नाश करने का संदेश प्राप्त करते हैं।

दशहरे के उत्सव:

दशहरे के दिन लोग धूमधाम से खुशी मनाते हैं। श्रद्धालु दुर्गा माता के मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और माता की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बच्चे और युवा दशहरे के मैदानों पर खेलते हैं और रामलीला का आनंद लेते हैं। बाजारों में दुकाने लगती है और लोग साफ़ सुथरे वस्त्रों को पहनते हैं। दशहरे के दिन आम तौर पर सभी लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खाने-पीने का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

दशहरा एक धार्मिक त्योहार है जो भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। यह त्योहार विजय का प्रतीक है जो अधर्म को नष्ट कर धर्म की विजय को प्रस्तुत करता है। दशहरे के दिन लोग दुर्गा माता के दस रूपों की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें विदाई देते हैं। रामलीला नाटक का आयोजन भी इस अवसर पर किया जाता है, जो लोगों को भगवान राम के चरित्र और महानता के बारे में सिखाता है। दशहरे के दिन लोग धूमधाम से उत्सव मनाते हैं, जो एकता और सद्भावना का प्रतीक है। इस त्योहार के माध्यम से लोग बुराई के प्रतीक का नाश करते हैं और धर्म की विजय को स्वीकार करते हैं।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 7 – दशहरा पर निबंध For Class 7

दशहरा (Dussehra) एक भारतीय त्योहार है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध होता है। दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है ‘विजय की दशमी’। विजय का अर्थ होता है विजयी या विजयीभवन, जबकि दशमी का अर्थ होता है दसवें दिन का पर्व। यह त्योहार भगवान राम के विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जिसने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को छुड़ाया था।

दशहरा का उत्सव आठ दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नवरात्रि से होती है। नवरात्रि दुर्गा माता के उत्सव के रूप में मनाई जाती है जिसमें नौ दिनों तक देवी की पूजा की जाती है। इसके अंत में दशहरे की दशमी आती है, जिसे रावण वध के रूप में मनाया जाता है।

दशहरे के दिन भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ रावण का वध किया था और सीता माता को उसकी कैद से छुड़ाया था। इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाने का कारण है क्योंकि भगवान राम ने इस दिन विजयी होकर सत्य की जीत का प्रतीक दिखाया था। इसलिए दशहरे को सत्य की विजय का पर्व माना जाता है। दशहरे के दिन लोग रावण को जलाते हैं। दशहरे के दिन लोग भगवान राम की पूजा और अर्चना करते हैं और उन्हें फूल, पुष्पांजलि और प्रसाद चढ़ाते हैं। भजन और कीर्तन करते हैं, और मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती है।

इस दिन को लोग धार्मिक उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं और दोस्तों और परिवार के साथ स्वादिस्ट भोजन भी करते हैं। दशहरे का त्योहार समाज में एकता, समरसता, और सम्मान की भावना को स्थापित करता है। इस दिन को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जो शक्ति की विजय का प्रतीक है। मां दुर्गा के नौ रूपों के उपासना के बाद, भगवान राम की विजय भी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।

इस प्रकार, दशहरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जो भारतीय समाज में एकता, धर्मनिरपेक्षता, और तौर-तरीके से समाज को मिलाकर रखने का संदेश देता है। इस अवसर पर लोग अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझते हैं और उन्हें अपने जीवन में अमल करने का प्रतिबद्ध रहते हैं।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 6 – दशहरा पर निबंध For Class 6

दशहराहिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भारत में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार वर्षभर में धूमधाम से मनाया जाता है और लोग इसे धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। दशहरे का त्योहार विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है विजय का दसवां दिन। यह पर्व मुख्य रूप से भगवान राम के विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्होंने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को छुड़ाया था।

दशहरे के दिन लोग अपने घरों को सजाकर रामलीला के नाटक का आयोजन करते हैं। रामलीला में भगवान राम, सीता माता, लक्ष्मण, और हनुमान के वेष में कलाकार नाटक का प्रदर्शन करते हैं और लोग भगवान राम के कथा का आनंद लेते हैं। रामलीला का आयोजन नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से होता है, जिससे लोग रामायण के घटनाक्रम को भक्ति और उत्साह से देखते हैं।

दशहरे के दिन लोग भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिरों में भक्ति भाव से भजन की गायन भी करते हैं। दशहरे का पर्व हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग भगवान राम और मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें अपने जीवन के भविष्य में अच्छाई की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

दशहरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है, जो हिंदू समुदाय में विशेष महत्व रखता है। यह भगवान राम के धर्म और सजीव व्यवहार का प्रतीक है और लोगों को अच्छाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। इस पर्व के दौरान हमें समाज में सौहार्द और सद्भावना के महत्व को याद रखना चाहिए और भगवान के मार्ग पर चलने का संकल्प करना चाहिए।

Essay on Dussehra in Hindi for Class 5 – दशहरा पर निबंध For Class 5

भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। इन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है ‘दशहरा’, जो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा का यह पर्व विजय का संदेश देता है और बुराई के प्रति भक्ति और साहस की भावना को प्रकट करता है। दशहरा भारतीय हिंदू कैलेंडर के आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व विजय पंचमी के रूप में भी जाना जाता है।

दशहरे का महत्व रामायण के इतिहास से जुड़ा हुआ है। रामायण में भगवान राम ने राक्षस रावण को विजयी बनाने के लिए दशहरे के दिन लंका को जीता था। इसी कारण से भी दशहरे को ‘विजयादशमी’ के रूप में जाना जाता है।दशहरे के उत्सव में लोग धूमधाम से इसे मनाते हैं। इस त्योहार के दौरान लोग विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

दुर्गा पूजा के दौरान नौ दिनों तक देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें रामायण के भागों का अभिनय किया जाता है। दशहरे का महत्व विजय का संदेश देने के लिए है। यह त्योहार हमें यह बताता है कि अच्छे और धार्मिक विचारों के साथ बुराई को परास्त किया जा सकता है।

यह भी दिखाता है कि धर्म, सच्चाई, और न्याय के मार्ग पर चलने से हम विजयी बन सकते हैं।इस प्रकार, दशहरे का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्योहार हमें सच्चे और धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और बुराई को परास्त करने की शक्ति भी प्रदान करता है। इसे मनाकर हम अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. दशहरे का त्योहार कब मनाया जाता है?

उत्तर: दशहरे का त्योहार हर साल नवरात्रि के नौवें और दस्वें दिन मनाया जाता है।

2. दशहरे का महत्व क्या है?

उत्तर: दशहरे का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोन से है, जो हमें अच्छे कर्मों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और माँ दुर्गा की शक्ति को समझाता है।

3. दशहरे के दौरान कौन-कौन से रास्ते दिखाए जाते हैं?

उत्तर: दशहरे के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों में रामलीला, गोलू और रसलीला नाटक का आयोजन किया जाता है।

4. दशहरे का त्योहार किसलिए मनाया जाता है?

उत्तर: दशहरे का त्योहार माँ दुर्गा की विजय के अवसर पर मनाया जाता है, जो अच्छे को बुरे से जीत की प्रतीक है।

5. दशहरे के बाद क्या आता है?

उत्तर: दशहरे के बाद दिवाली का त्योहार आता है, जो भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत दशहरा पर निबंध ( Essay on Dussehra in Hindi ) बहुत पसंद आया होगा। इस पोस्ट में हमने आपके लिए दशहरे पर्व से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत की है।

हमने अपनी तरफ से सारे महत्वापूर्ण पॉइंट्स को इन दिए गए विभिन्न निबंधों में दर्शाया है , हमने पूरी कोसिस की है की आपको इस टॉपिक पर कोई समस्या न हो फिर भी अगर आपके मन में कोई प्रश्न या सुझाव है तो हमे कमेंट करके जरूर बताये। हम आपके द्वारा किये गए कमेंट का जल्दी से जल्दी उत्तर देंगे। धन्यवाद् !

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दशहरा पर निबंध Dussehra Essay In Hindi And English Language

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध, दशहरा पर निबंध Dussehra Essay In Hindi And English Language दिया गया हैं. हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दशहरा यानी विजयादशमी त्यौहार पर आसान भाषा में यहाँ दो तीन छोटे बड़े निबंध दिए गये हैं. उम्मीद करते है आपको ये लेख पसंद आएगा.

दशहरा पर निबंध Dussehra Essay In Hindi And English

Short Dussehra Essay In Hindi Language: Dusshera also called Vijayadashami, it is an important festival of India. before 20 days of Diwali Dussehra celebrated, this Dussehra Essay In Hindi And English helpful for students and kinds.

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आज का निबंध, दशहरा पर निबंध 2024 Dussehra Essay In Hindi पर दिया गया हैं. विजयादशमी हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है. स्कूल स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में यहाँ दशहरा क्या है कब और कैसे मनाते है इसके इतिहास और महत्व पर यहाँ निबंध दिया गया हैं.

हमारे यहाँ पर साल भर तीज त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमे कुछ तीज और कुछ महत्वपूर्ण फेस्टिवल होते हैं. दशहरा हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार हैं. जिन्हें विजयादशमी भी कहते हैं.

दशहरा पर निबंध (Dussehra Essay) में हम जानेगे आखिर यह पर्व क्यों मनाया जाता है, तथा दशहरा कब हैं. सरल भाषा में लिखे इस हिंदी निबंध लेखन को आप अपने विद्यालय के कार्यक्रम में भी प्रस्तुत कर सकते हैं.

1# Dussehra Essay In English

Dussehra is an important festival of the Hindus. it falls in the month of October. it is celebrated in honor of Rama’s victory over Ravana.

it is celebrated for ten days. in the first nine days, there are dramas. they are based on Ramayana. they tell us that Rama was an obedient son.

he kept his word of honor. he was very brave. he was sacrificing. he was a loving brother and good husband.

on the tenth day, a big fair is held. huge effigies are set up. they are of Ravana, his son meghnath and his brother Kumbh  Karan.

they made of bamboos and paper. fireworks are kept inside. in the evening a procession comes. it represents Rama, Lakshmana, and their armies.

at sunset, Rama shoots arrows at the effigies. the Dussehra festival has a lesson for us. it shows the victory of goodness over evils.

2# दशहरा पर निबंध- Dussehra Essay In Hindi

दशहरा हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। यह रावण पर राम की जीत के सम्मान में मनाया जाता है।

यह दस दिनों तक भारतभर में मनाया जाता है। पहले नौ दिनों में, रामायण पर आधारित नाटक होते हैं। वे हमें बताते हैं कि राम एक आज्ञाकारी पुत्र थे वों एक आदर्श पुरुष थे,

तथा सभी के साथ उनके रिश्ते आदर्श रूप में राम ने निभाया। राम बड़े साहसी थे। तथा बहादुर वीर योद्धा थे, वो एक अच्छे भाई व पति थे.

दशहरे के दसवें दिन एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है. रावण उसका पुत्र मेघनाथ व भाई कुंभकर्ण के विशाल पुतलें बनाए जाते है. जिन्हें बाँस व कागज से बनाया जाता है,

तथा इसके अंदर विस्फोटक सामग्री भरी जाती है. दशहरा की रात को विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है, जिनमें कलाकारों को राम, लक्ष्मण व उनकी सेना के रूप में सजाया जाता है.

रात के समय इन पुतलों में राम द्वारा तीर चलाकर रावण की हत्या की जाती है. बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में दशहरा का नाटक मनाया जाता है.

3# दशहरा पर निबंध

हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में दशहरा भी एक त्यौहार है. यह आसोज सुदी दशमी को मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है. कि इस दिन भगवान राम ने राक्षसों के राजा रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी. इसलिए इस दिन को विजयादशमी भी कहते है.

दशहरा शरद ऋतू का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. दस दिन पहले से जगह जगह पर रामलीला शुरू होती है. दशमी के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाएं जाते है. इन पुतलों पर फटाखें बांधे जाते है. इससे अनेक प्रकार की आवाजे निकलती है.

इस मौके पर भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की झांकी भी निकलती है. दशहरा पर क्षत्रिय लोग अपने शस्त्रों की पूजा करते है. दशहरा का त्योहार पाप पर पूण्य की और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है. इससे हमें अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है.

4# दशहरा पर निबंध / Essay on Dussehra in Hindi

हमारे देश भारत में कई त्योहार जैसे होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, क्रिसमस, दशहरा आदि त्योहार प्रमुखता से मनाया जाता है. दशहरा आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है, कि इसी दिन भगवान राम ने रावण पर विजय पाई थी, इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है.

इससे पूर्व नौ दिन नवरात्र होते है. इन दिनों जगह जगह रामलीलाएं होती है. दसवें दिन रावण वध की लीला होती है और रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते है.

इस प्रकार यह त्योहार अन्याय पर न्याय, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. विजयादशमी मानव जाति का विजय पर्व है.#

दशहरा क्यों मनाया जाता है – इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, इसी उपलक्ष्य में दशहरा मनाया जाता है.

दशहरे को विजयदशमी क्यों कहते है – भगवान राम ने लंका विजय के समय समुद्र तट पर नौ दिन तक भगवती विजया की आराधना की थी. भगवती की कृपा से दुष्ट रावण पर राम ने विजय पाई थी. इसलिए दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है.

कैसे मनाया जाता है दशहरा का त्योहार – वर्तमान समय में अपने पारंपरिक रीती रिवाजों के अलावा जगह-जगह मेले आयोजित किये जाते है. जिसमें राम और रावण से जुडी हुई झांकिय होती है. शाम के समय रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है.

दशहरा पर रावण का पुतला क्यों जलाया जाता है – दशहरे पर प्रतिवर्ष रावण के पुतले जलते हुए देखकर हमारे मन में यह बात दृढ़ हो जाती है कि अत्याचारी का न केवल अंत बुरा होता है, बल्कि आने वाली पीढियाँ भी उनके कुकृत्यों को कभी क्षमा नही करती है.

विजयादशमी (दशहरा) की रामलीला – रामलीला में श्रीराम के जन्म का, सीता- स्वयंवर, लक्ष्मण परशुराम संवाद, सीता हरण, हनुमान द्वारा लंका दहन, लक्ष्मण मेघनाद युद्ध और रावण वध आदि कथा प्रसंगों का प्रदर्शन होता है.

दशहरा की कथा – विजयादशमी को लेकर ऐसी पौराणिक कथा है कि समुद्रतट पर राम ने नौ दिन तक भगवती विजया की उपासना की थी. दसवें दिन रावण पर विजय पाई थी.

ऐसी कथा भी है कि इसी दिन पांडवों ने अन्यायी कौरवों पर विजय पाई थी. इसी तिथि पर देवताओं के राजा इंद्र ने वृत्रासुर नामक दैत्यराज को हराया था. दशमी तिथि को विजय नामक मुहूर्त होता हैं, जो सभी कार्यों में सिद्धिदायक होता है.

दशहरा का महत्व – विजयादशमी के दिन ही श्रीराम ने अन्यायी और दुष्ट रावण पर विजय पाई थी. कौरवों पर पांडवों को और वृत्रासुर दैत्य पर देवराज इंद्र को विजय मिली थी.

इस प्रकार इस त्योहार से अन्याय पर न्याय की, असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय की सीख मिलती है. जो कोई अत्याचार या कुकृत्य करता है, उसका विनाश अवश्य होता है. इसलिए हमें भी बुरे कार्यों से दूर रहना चाहिए.

शमी वृक्ष की पूजा-  दशहरे के दिन शमी अर्थात खेजड़ी के वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके पीछे लोगो की धारणा यह है, कि शमी वृक्ष की पूजा से द्रढ़ता और तेजस्विता प्राप्त होती है.

5# दशहरा पर निबंध 2024 | Dussehra Essay In Hindi

हमारा देश त्योहारों का देश हैं. होली दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, क्रिसमस, दशहरा आदि त्यौहार सम्पूर्ण भारत में आनन्द और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं.

दशहरा हमारे देश का प्रसिद्ध त्यौहार हैं. यह त्यौहार आशिवन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता हैं. यह वर्षा की समाप्ति और शरद के आगमन का प्रतीक हैं.

दशहरे से पहले नों दिन की अवधि को नवरात्र कहते हैं. ये शारदीय नवरात्र कहलाते है. इन नों दिनों में बड़ी धूमधाम से माँ दुर्गा के नों रूपों की सेवा पूजा की जाती हैं.

नवरात्र का प्रथम दिन कलश स्थापना का होता हैं एवं अंतिम दिन अर्थात दसवां दिन विजयादशमी के रूप में मनाया जाता हैं. हमारे देश में विजयादशमी (दशहरा) का इतिहास बहुत साल पुराना हैं.

निश्चयपूर्वक नही कहा जा सकता कि यह पर्व कब से मनाया जा रहा हैं. इस पर्व के साथ कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं. ऐसा माना जाता है की सवर्प्रथम अयोध्या के राजा राम ने शारदीय नवरात्र प्रारम्भ की थी उन्होंने लंका विजय के समय समुद्र तट पर नों दिन तक भगवती (विजया) की आराधना की थी.

भगवती की कृपा से उनमे अपार शक्ति का संचार हुआ. तत्पश्चात दशमी के दिन लंका के राजा राक्षसराज रावण का वध करके एक अन्यायी से संसार को मुक्ति दिलाई थी. इसलिए दशहरे को विजयादशमी भी कहा जाता हैं.

यह भी माना जाता हैं कि इस तिथि को वीर पांड्वो ने अन्यायी कौरवों पर विजय प्राप्त की थी.इसी तिथि को देवताओं के राजा इंद्र ने व्रतासुर नाम के दैत्य को हराया था.

इस दशमी तिथि को विजय नामक मुहूर्त होता हैं, जो सम्पूर्ण कार्यो में सिद्धकारक होता हैं. अत: प्राचीनकाल में राजा लोग इसी दिन विजय यात्रा प्रारम्भ करते थे.

सरस्वती-पूजा, शस्त्र पूजा, दुर्गा विसर्जन, नवरात्र पारायण तथा विजय प्राण इस पर्व के महान कर्म हैं. शास्त्रकारों के अनुसार इस दिन शमी वृक्ष ( खेजड़ी) का पूजन किया जाता हैं.

लोगों का विशवास हैं कि शमी वृक्ष की पूजा से द्रढ़ता और तेजस्विता प्राप्त होती हैं. इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना जाता हैं. विजयादशमी के पर्व का सबसे बड़ा आकर्षण रामलीला हैं. आश्विन माह में शुक्लपक्ष प्रारम्भ होते ही जगह-जगह रामलीला होने लगती हैं. और दशमी के दिन रावण का वध के साथ उसका समापन होता हैं.

हमारे देश में रामलीला का इतना प्रचार हैं कि छोटे-बड़े शहरों नगरो के अतिरिक्त गाँवों में भी लोग बड़े उत्साह से रामलीला का आयोजन करते हैं. बड़े-बड़े शहरों में प्रसिद्ध रामलीला-मंडलियो द्वारा रामलीला की जाती हैं. गाँवों में वहां के लोग लोग स्वय अभिनेता बनकर रामलीला करते हैं.

रामलीला का प्रदर्शन प्राय: तुलसीदासजी के प्रसिद्ध गन्थ रामचरित्रमानस के आधार पर होता हैं. राम जन्म, सीता स्वयवर, लक्ष्मण परशुराम संवाद, सीता हरण, हनुमान जी द्वारा लंका दहन, लक्ष्मण मेघनाद युद्ध रामलीला के आकर्षक प्रसंग हैं.

रामलीला के दिनों की चहल-पहल देखने लायक होती हैं. देर रात तक दर्शको का आना जाना लगा रहता हैं. विजयादशमी को मेला लगता हैं. दोपहर से ही सड़को पर रंग-बिरंगी पोशाक पह्ने महिलाएं, बच्चे,बूढ़े, जवान सभी मेले में जाते दिखाई देते हैं.

इस दिन बाजार की रौनक बदल जाती हैं. कई प्रकार की दुकाने, झूले, डोलर सज जाते हैं. जहाँ विजयादशमी का मेला लगता हैं, वहाँ एक तरफ मैदान में लंका नगरी का परकोटा तथा रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों को स्थापित किया जाता हैं.

रावण का रूप विशाल और विकराल होता हैं, पुतला बनाने में लकड़िया, बांस की खपच्चिया, रंग बिरंगे कागज और पटाखे आदि काम में लिए जाते हैं.

इस दिन गाँव कई जगह जुलुस भी निकाला जाता हैं, जुलुस में राम,लक्ष्मण, हनुमान तथा वानर सेना की झांकिया सजी रहती हैं. यह जुलुस मुख्य मार्गो से होता हुआ मैदान तक पहुचता हैं.

सूर्यास्त के समय राम द्वारा रावण व कुम्भकर्ण के पुतलों को तथा लक्ष्मण द्वारा मेघनाद के पुतले को जलाया जाता हैं. ये पुतले धू-धू कर जलते हैं, इसमे भरे फटाखे छुटने लगते हैं.

इस द्रश्य को देखकर सब लोग रामचन्द्र की जय का उद्घोष करते हुए प्रसन्नता व्यक्त करते हैं. इस प्रकार दशहरे का त्यौहार अन्याय पर न्याय की, असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैं.

अत्याचारी रावण को प्रतिवर्ष जलते हुए देखकर हमारे मन में यह बात दृढ हो जाती हैं कि अत्याचारी का न केवल अंत बुरा होता हैं वरन आने वाली पीढ़िया भी उनके कुकृत्यो की कभी क्षमा नही करती, विजयादशमी मानव जाति का विजय पर्व हैं.

6# दशहरा 2024 पर छोटा निबंध कब क्यों और इसका महत्व

दशहरा हिन्दुओं का मुख्य पर्व है जो आश्विन महीने के नवरात्र के बाद शुक्ल दशमी पर मनाया जाता है. इसे दुर्गा पूजा और विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है.

असत्य पर सत्य की, बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा के दिन ही भगवान श्रीराम ने अत्याचारी रावण का वध किया था. भारतवर्ष में दशहरा के अवसर पर गाँव गाँव व शहर शहर में रावण के पुतले जलाएं जाते है.

मैसूर का दशहरा, गुजरात का डांडिया नृत्य व पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा दशहरा पर आकर्षण का केंद्र होते है. दशहरा (विजय/विजयादशमी) एक धार्मिक पर्व है जिनमे धर्म, आस्था और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिलता है.

आश्विन शुक्ल की एकम से माँ दुर्गा जिन्हें शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है. कि पूजा आराधना आरम्भ हो जाती है. भक्त दुर्गा को खुश करने के लिए नवरात्र में उपवास रखते है.

कुल्लू तथा मैसूर का दशहरा पर्व दुनियाभर में जाना जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार आश्विन दशमी के दिन ही राम जी दैत्य रावण का वध किया था.

दशहरा मनाने का कारण- दशहरा मनाने के पीछे कई कारण जुड़े हुए है. हिन्दू धर्म में प्रचलित पौराणिक कथाओं के मुताबिक आश्विन प्रतिपदा से भगवान् राम और राम का युद्ध आरम्भ हुआ था. जो दस दिन तक चला था.

दस दिन की अवधि तक चले इस युद्ध में रावण को मारने के लिए रामजी ने नौ दिन तक शक्ति की देवी माँ दुर्गा की पूजा की. फलस्वरूप दसवे दिन रावण को युद्ध के मैदान में मार डाला. तथा माता सीता को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हुए.

इस विजय दिवस को हर साल विजयादशमी अथवा दशहरा के रूप में मनाकर रावण का दहन किया जाता है. दूसरी तरफ वर्षा ऋतू की समाप्ति के इस समय फसले पककर तैयार हो जाती है. तथा शरद ऋतू की शुरुआत के रूप में किसान इसे पर्व के रूप में मनाते है.

दशहरा मनाने का तरीका- विजयादशमी में देश भर के हर छोटे बड़े शहर में रावण का पुतला बनाकर जलाया जाता है. कई स्थानों पर दशहरे मेले भी लगते है, जिनमे कोटा का मेला विश्वप्रसिद्ध है. जिसे देखने लोग देश विदेश से आते है.

दशहरे के इस दस दिवसीय पर्व को आश्विन माह की पहली तारीख से रामलीलाओं का दौर शुरू होता है. जिनमें श्रीराम और सीता के जीवन पर आधारित कथा प्रस्तुती दी जाती है.  

मुख्यत राजपूत जाति के लोग इस दिन अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा भी करते है. शमी वृक्ष की पूजा के साथ ही श्रीराम जी की झांकी भी निकाली जाती है. बैंड बाजे सहित लोग श्रद्धा भाव से इस जुलुस में भाग लेते है.

दशहरे का मेला – हर गाँव शहर में दशहरे का मेला लगता है. जहाँ लोग दोपहर से बड़ी संख्या में एकत्रित होने आरम्भ हो जाते है. इस दिन बाजार खिलोनों, तस्वीरों तथा नए वस्त्रो व् मिठाइयो से अट्टे पड़े रहते है.

शाम शुरू होने से पूर्व तक रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतले तैयार किये जाते है. शहर कस्बे के सभी लोग पुरुषोतम श्रीराम के जयकारो के साथ इन पुतलों को जलाते है. भग्वान राम की आरती पूजा के इस इस दशहरे पर्व के मेले का आयोजन प्रसादी के साथ समाप्त किया जाता है.

दशहरे का महत्व- भारतीय जनमानस में त्यौहार और पर्व उत्साह और प्रेम का संचार करते है. जिनमे दशहरा मुख्य है.असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय का यह पर्व प्रतीक है.

जो समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने का संदेश देता है. इस प्रकार के धार्मिक त्यौहार आमजन में जोश और ख़ुशी का संचार करते है. लोग इस अवसर को मंगलकारी मानते है.

7# दशहरा निबंध अनुच्छेद Essay Paragraph On Dussehra In Hindi

दशहरा  हिंदुओ का मुख्य त्यौहार है,  दशहरा कब और क्यों मनाया जाता है . दशहरा के बारे में- सभी हिन्दू पर्वो में  दशहरे  का महत्वपूर्ण स्थान है.  कोटा का दशहरा  देशभर में प्रसिद्ध है इस दिन बंगाल में विशेष  दुर्गापूजा  का आयोजन भी किया जाता है.

हिंदी पंचाग के अनुसार यह विजय पर्व अश्विन महीने की दशवी तिथि को यानि शारदीय नवरात्र की समाप्ति पर मनाया जाता है. बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य के विजय पर्व दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है. इसे मनाने का स्थान विशेष पर अलग अलग तरीके है. भारत के अतिरिक्त दशहरे को श्रीलंका और बांग्लादेश व अन्य देशों में रहने वाले धर्म के अनुयायी मनाते है.

इसे मनाने की मूल कथा भगवान् श्रीराम से जुड़ी हुई है., 14 वर्ष के वनवास में रावण द्वारा सीता का हरण कर लिया गया था. सीता को छुडाने व् अधर्मी का नाश करने के लिए राम जी ने रावण के साथ कई दिनों तक युद्ध किया.

शारदीय नवरात्रों के दिनों भगवान राम ने शक्ति की देवी दुर्गा की अराधना लगातार नौ दिनों तक की. दुर्गा के सहयोग से राम ने युद्ध के दसवें दिन रावण का वध कर उनके अत्याचारों से मानव जाती को बचाया.

इसी परम्परा को मानते हुए हम हर साल रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण को बुराई का प्रतीक मानकर इनके पुतले दशहरे के दिन मनाते है. हंसी ख़ुशी के इस पर्व पर शारदीय नवरात्र की स्थापना पर कलश और मूर्ति स्थापना का विसर्जन भी इसी दिन किया जाता है.

वैसे दशहरा एक प्रतीक पर्व है दशहरे के पुतले को बुराई और समस्त प्रकार की अमानवीय प्रवृति का प्रतीक मानकर जलाया जाता है. ताकि हमारा समाज इस प्रकार की बुराइयों विक्रतियो से मुक्त हो सके. मगर आज दशहरा एक तमाचा मात्र बनकर रह गया है.

कहने भर को बुराई पर अच्छाई का दशहरा मनाने या रावण का दहन करने भर से समाज से बुराइयों का नाश नही होने वाला है. इस दिन हम सभी को अपना विश्लेष्ण करते हुए बुरी आदतों और विचार को त्यागने का संकल्प करना होगा. तभी सच्चे अर्थो में दशहरा मनाने का महत्व सार्थक सिद्ध होगा.

अश्विन की दसवी तिथि को दस सिर के रावण को सच में जलाना है तो काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी इन दस बुरी प्रवार्तियो और आदतों का सर्वप्रथम हमे त्याग करना होगा.

मुख्य रूप से क्षत्रिय वर्ग दशहरा के दिन अपने अस्त्र शस्त्रों की पूजा अर्चना करते है. नवरात्रों के दौरान रामायण की कथा का वाचन होता है. जिसमे योग्य कलाकार राम, रावण, सीता, लक्ष्मण आदि रूप धारण कर मंचन करते है. दशहरे के दिन लकड़ी और काग़ज जिनमे फटाखो से भरे रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों को तीर से मारकर जलाया जाता है.

कुछ मिनटों तक यह पुतला धू-धू कर जलता हुआ पटाखों की गूंज के साथ धरा पर गिर पड़ता है. लोग जय सिया राम के जयकारे करते हुए एक दुसरे को मिठाई से मुह मीठा करवाकर दशहरे की बधाई देते है.

दशहरा या विजयादशमी कथा पूजा विधि महत्व dussehra vrat katha Puja Vidhi importance Dates In India In Hindi

विजयादशमी यानी दशहरा फेस्टिवल इस साल 12 अक्टूबर 2024  को को भारत में मनाया जाएगा। यह पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता हैं। भगवान् राम ने इसी दिन लंका पर चढ़ाई करके विजय प्राप्त की थी।

ज्योतिर्निबन्ध में लिखा हैं कि आश्विन शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय विजय नामक मुहूर्त होता हैं। दशहरा का यह मुहूर्त सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला होता हैं।

विजयादशमी या दशहरा हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं। मुख्य रूप से यह क्षत्रियों का त्यौहार है। दशमी के दिन रामचन्द्रजी की सवारी बड़ी सजधज के साथ निकाली जाती हैं और रावण वध लीला का प्रदर्शन होता हैं, दशहरे के दिन नीलकंठ का दर्शन शुभ माना जाता हैं।

दशहरा कब मनाया जाता हैं? (Dussehra 2024 Date) :

जैसा कि ऊपर विदित है, यह विजय पर्व आश्विन (आसोज) महीने की शुक्ल दशमी को दशहरा मनाया जाता हैं । शारदीय नवरात्र (आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी) के अगले दिन विजया दशमी एव इसके ठीक 20 दिन बाद हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दीपावली आता हैं ।

वर्ष 2024 मे दशहरा का फेस्टिवल 12 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। इसके पूजा समय मुहूर्त समय की जानकारी नीचे दी गई हैं ।

दशहरा या विजयादशमी कथा (dussehra vrat katha kahani Story In Hindi Language) :

एक बार पार्वती ने पूछा कि लोगों मे दशहरा का त्योहार प्रचलित हैं, इसका क्या फल हैं? शिवजी ने बताया आश्विन शुक्ल दशमी को सांयकाल मे तारा उदय के समय विजय नामक काल होता हैं जो सब इच्छाओं को पूर्ण करने वाला होता हैं ।

शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाले राजा को इसी समय प्रस्थान करना चाहिए । इस दिन यदि श्रवण नक्षत्र का योग हैं तो और भी शुभ हैं ।

मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्री राम ने इसी विजयकाल मे लंका पर चढ़ाई की थी । इसलिए यह दिन बहुत ही पवित्र माना गया हैं। और क्षत्रिय लोग इसे अपना प्रमुख त्योहार मानते हैं।

शत्रु से युद्ध करने का प्रसंग न होने पर भी इस काल मे राजाओं को अपनी सीमा का उल्लघन अवश्य करना चाहिए। अपने तमाम दल बल को सुसज्जित करके पूर्व दिशा मे जाकर शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।

शमी के सामने खड़ा होकर इस प्रकार ध्यान करे- हे शमी तू सब पापों को नष्ट करने वाला हैं और शत्रुओं को भी पराजय देने वाला हैं, तूने अर्जुन का धनुष धारण किया और रामचंद्र जी से प्रियवाणी काही।

पार्वती जी बोली- शमी पेड़ ने कब और किस कारण अर्जुन का धनुष धारण किया था तथा रामचन्द्र जी ने कब और कैसी प्रियवाणी कही थी, सो क्रपा कर समझाइए ।

शिवजी ने उत्तर दिया- दुर्योधन ने पांडवों को जुए मे हराकर इस शर्त पर वनवास दिया था कि वे बारह वर्ष तक प्रकट रूप से वन मे जहाँ चाहे फिरे, मगर एक वर्ष बिलकुल अज्ञात मे रहे।

यदि इस वर्ष में उन्हे कोई पहचान लेगा तो उन्हें बारह वर्ष और भी वनवास भोगना पड़ेगा। इस अज्ञातवास के समय अर्जुन अपना धनुष बाण एक शमी वृक्ष पर रखकर राजा विराट के यहाँ व्रहन्नला के वेश मे रह रहे थे।

विराट के पुत्र कुमार ने गौओं कि रक्षा के लिए अर्जुन को अपने साथ लिया और अर्जुन ने शमी के व्रक्ष पर से अपना हथियार उठाकर शत्रुओं पर विजय प्राप्त कि। शमी व्रक्ष ने अर्जुन के हथियारों की रक्षा की थी।

विजयादशमी के दिन रामचन्द्र जी ने लंका पर चढ़ाई करने के लिए प्रस्थान करने के समय शमी व्रक्ष ने कहा था कि आपकी विजय होगी। इसीलिए विजय मुहूर्त मे शमी वृक्ष कि भी पूजा होती हैं।

एक बार युधिष्टर के पुछने पर श्री क्रष्ण जी ने उन्हे बतलाया था हे राजन विजयादशमी के दिन राजा को स्वय अलंकरत होकर अपने दासों और हाथी घोड़ों का श्रंगार करना चाहिए तथा गाजे बाजे के साथ मंगलाचार करना चाहिए।

उसे उस दिन पुरोहित को साथ लेकर पूर्व दिशा में प्रस्थान करके अपनी सीमा के बाहर जाना चाहिए और वहाँ वास्तु पूजा केएआरकेई अष्टदिगपालों तथा पार्थ देवता की वैदिक मंत्रों से पूजा करनी चाहिए। शत्रु की मूर्ति अथवा पुतला बनाकर उसकी छाती में बाण लगाए और पुरोहित वेद मंत्रों का उच्चारण करे।

ब्राह्मणों की पूजा करके हाथी, घोड़ा, अस्त्र, शस्त्र का निरीक्षण करना चाहिए। यह सब क्रिया सीमांत में करके अपने महल को लौट आना चाहिए। जो राजा इस विधि से विजयादशमी या दशहरा करता हैं वह सदा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता हैं।

दशहरा या विजयादशमी महत्व  ( Dussehra / Vijayadashami Mahatv importance In Hindi)

बुराई पर अच्छाई की, असत्य पर सत्य की, अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाने वाला दशहरा एक सांकेतिक हिन्दू विजय पर्व हैं। प्राचीन समय में विजयादशमी का पर्व मात्र क्षत्रिय वर्ग तक सीमित था।

आज उन वर्ण व्यवस्था के दायरे से बाहर निकलकर दशहरा सभी वर्ग, संप्रदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता हैं। भारत के आधिकारिक त्योहार व पर्वों में भी विजयादशमी को प्रमुखता से गिना जाता हैं।

किसान, मजदूर, अभिनेता, सैनिक, राजनेता सभी व्यवसाय के लोगों द्वारा हर साल नवरात्र के बाद इस खुशी के पर्व को मनाकर समाज, मन से बुराइयों को समाप्त करने की परंपरा का पालन किया जाता हैं।

दशहरा पूजन विधि, Dussehra Puja Vidhi in Hindi

विजयादशमी या दशहरा के दिन किसी नए कार्य अथवा व्यापार की शुरुआत की जा सकती हैं। यदि आप कोई आभूषण अथवा कीमती सामग्री खरीदना चाहते हैं तो दशमी का यह अच्छा अवसर हैं। विजया दशमी 2022 पर ऐसे करें पूजन-

– पूजन कर्ता को सवेरे जल्दी उठकर अपने नित्य कर्मों से निव्रत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। – परिवार के जीतने भी सदस्य इस पूजा हवन मे शामिल होना चाहते है उन्हे नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। – गाय के गोबर के दस कंडे बनाकर उन पर दही का लेपन करे। – नवरात्रि कि स्थापना के समय जो जौ उगाए गए हैं उन्हे इन कंडो पर रखे। – भगवान राम की प्रतिमा पर इन जौ को चढ़ाएँ। – कई स्थानों पर इन्हें परिवारजनों के कान तथा सिर पर आशीर्वाद स्वरूप भी रखा जाता हैं। – इस दिन शमी व्रक्ष की पूजा करनी चाहिए तथा शाम को रावण मेघनाद तथा कुंभकर्ण के दहन मे सम्मिलित होना चाहिए।

Q. दशहरा का दूसरा नाम क्या हैं?

Q. किस तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता हैं.

  • हैप्पी दशहरा सन्देश शुभकामना स्टेटस शायरी मेसेज फोटो
  • गंगा दशहरा कथा महत्व इतिहास
  • दशहरे से जुड़ी कहानियां
  • परशुराम पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों दशहरा पर निबंध Dussehra Essay In Hindi And English Language का यह निबंध आपको पसंद आया होगा. दशहरा पर दिया गया निबंध पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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Essay on Dussehra in Hindi for Students

essay writing on dussehra in hindi

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दशहरा पर निबंध: दशहरा हिंदू पर्व है, जिसका महत्व ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के रूप में माना जाता है। छात्रों को इस पर्व पर निबंध लिखने को स्कूल में कहा जाता है, ताकि उन्हें इस पर्व के महत्व का पता चले और वे दशहरे के प्रति उत्सुक रहें। इस निबंध के माध्यम से हम आपको दशहरे के महत्व को सरल शब्दों में समझाएंगे, ताकि छात्रों को इस पर्व की विशेषता समझने में आसानी हो।

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 100 शब्दों में

दशहरा भारत में एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान राम के रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को अच्छाई की जीत और पवित्रता की विजय के संदेश के रूप में माना जाता है। कई स्थानों पर इस अवसर पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जहां परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर रावण दहन, आतिशबाजी, और रामलीला का नाटक देखते हैं। यह पौराणिक कथाओं पर आधारित होता है और भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 200 शब्दों में

दशहरा, जिसे “विजयादशमी” भी कहा जाता है, भारत का एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान राम की विजय की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के ब्रिटिश गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त करने के 75 साल के आवसर को याद करने के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे राष्ट्रीय एकता, गर्व और जागरूकता का प्रतीक है।

भारत की आजादी की लड़ाई ने कई दशकों तक चली और इसमें अहिंसा, नागरिक अवज्ञा और जनसमूह के मध्य की एकता की भावना शामिल थी। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, और बेहद साहसी स्वतंत्रता सेनानियों ने इस स्वतंत्रता संग्राम का मार्गदर्शन किया और देश की आजादी के लिए अपने जीवन की कुर्बानियाँ दी।

दशहरा का अद्भुत महत्व है, जो हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, उनके अटल संकल्प, और एक सशक्त और समृद्ध भारत के लिए उनके दृष्टिकोण की याद दिलाता है। यह महोत्सव हर नागरिक के दिल में गर्व और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है।

इसके साथ ही, दशहरे के दौरान देश के विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जिससे देश की सांस्कृतिक धरोहर और उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति को दर्शाती है।

इस दिन के साथ हम नहीं सिर्फ हमारे अतीत को याद करते हैं, बल्कि न्याय, समानता, और समावेशन के मूल सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने का भी संकल्प लेते हैं। साथ ही, इस महोत्सव के माध्यम से हम देश के भविष्य को और भी उत्साहित करते हैं, युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता, लोकतंत्र, और समानता के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए। हम अपने पिता-पूर्वजों के बलिदान को याद रखकर, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखकर, और साथ मिलकर हमारे प्यारे देश के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की बनावट कर सकते है।

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 300 शब्दों में

दशहरा हिन्दू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके पारंपरिक और धार्मिक महत्व का बहुत गहरा संबंध है और भारतीय लोग इसे उत्साह और आस्था से मनाते हैं।

इस त्योहार में बुराई पर पुण्य की जीत का संकेत है, और लोग इसे विभिन्न रीति-रिवाज, पूजा-पाठ के साथ मनाते हैं। धार्मिक लोग व्रत रखते हैं, और कुछ लोग दशहरा के पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं ताकि वे देवी दुर्गा के आशीर्वाद और शक्ति प्राप्त कर सकें। दसवें दिन को लोग असुर राजा रावण की पराजय के रूप में मनाते हैं। दशहरा हर साल सितंबर और अक्टूबर के अंत में आता है, दीवाली के दो सप्ताह पहले।

रामलीला का आयोजन

देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरा के त्योहार का आयोजन अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। कहीं-कहीं यह दस दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर रामलीला का आयोजन सात दिन या अधिक के लिए किया जाता है। यहां तक कि शहर के हर कोने में रामलीला दर्शन के लिए होती हैं। रामलीला वाचिक में भगवान राम के कथानक ‘रामायण’ का प्रदर्शन करने की एक प्रसिद्ध परंपरा है। इसे माना जाता है कि महान संत तुलसीदास ने राम भगवान की कहानी की शुरुआत की, जो बाद में ‘रामायण’ कही गई। उनके द्वारा लिखित ‘रामचरितमानस’ आज भी रामलीला का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका प्रदर्शन अनेक स्थलों पर किया जाता है, जिससे यह परंपरा जीवित रहती है। रामनगर की ‘राम लीला’ (वाराणसी में) सबसे पारंपरिक शैली में प्रस्तुत की जाती है।

विजयदशमी के मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जो राम लीला को स्पष्ट करती है। यह कथा सीता माता के अपहरण की कहानी को संवादित करती है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की पराजय को और राजा राम की विजय को दिखाती है। असली लोग राम, लक्ष्मण, सीता, और हनुमान की कहानी का अभिनय करते हैं, जबकि रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले बनाए जाते हैं। आखिरकार, बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रमोट करने के लिए रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिए जाते हैं, और पटाखों के बीच इस उत्सव का आनंद उठाया जाता है।

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दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 500 शब्दों में

लक्ष्मण द्वारा रावण की बहन की नाक काट देने के कारण, लंकेश, लंका के राजा, बहुत खफा हुए और माता सीता का अपहरण किया। रावण जानते थे कि सीता एक साधारण स्त्री नहीं थी, उनका हरण आसान नहीं होगा क्योंकि सीता के पास मायावी शक्तियां थी, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित रखा। इसलिए रावण ने एक साधु के रूप में आकर छल के द्वारा माता सीता का हरण किया और उसे अपने राज्य ‘लंका’ में ले जाया, जो वर्तमान में श्रीलंका के नाम से जाना जाता है।

दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
  • दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।
  • महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।
  • ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।
  • एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के द्वारा 10 बुराइयाँ जिनके रूप में पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, और अन्याय थे, को ख़त्म किया था।
  • ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।
  • मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
  • दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

विजयादशमी एक अद्भुत पर्व है, जो लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई के प्रति अच्छाई की जीत, और नई आग्रह की भावना लाता है। भगवान राम ने रावण को पराजित कर बुराई का समापन किया था। साथ ही, माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का नाश किया था। नौ दिनों की माँ की पूजा के बाद विजयादशमी आती है। इस दिन घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।”

Ayodhya Ram Mandir: History, Facts, Constructional Aspects and Other Features

दशहरा पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra 10 lines in Hindi)

  • दशहरा त्यौहार में हम देवता राम के रावण पर विजय का स्मरण करते हैं।
  • दशहरा उत्सव बुराई और अहंकार के खिलाफ नैतिक मूल्यों और धर्म का पालन करने का प्रतीक है।
  • दुर्गा, लक्ष्मी, और गणेश की मूर्तियों के जुलूस में लोग गाते और नृत्य करते हैं, यह एक पारंपरिक तरीका है।
  • रावण के दस सिर चार वेदों और छह “शास्त्रों” की समझ के लिए हैं, और कुछ लोग इन्हें 10 मानव दोषों के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, भारत के विभिन्न भागों में दुर्गा की जीत को याद करते हैं और धर्म को बहाल करने का संकल्प बनाते हैं।
  • दुर्गा पूजा के दौरान, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, भक्त उपवास करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, कुछ लोग दुर्गा पूजा के समापन पर दशहरा उत्सव मनाते हैं और धर्म को बहाल करने और उसकी रक्षा करने के लिए महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत को याद करते हैं।
  • दशहरा उत्सव के दौरान, कुछ लोग अपनी कारों की पूजा करते हैं और उन्हें फूलों और अगरबत्तियों से सजाते हैं।
  • दुनिया में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी की ओर आकर्षित करता है।
  • दिवाली, सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध है।

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Essay on Dussehra FAQs

दशहरे पर निबंध कैसे लिखते हैं.

दशहरे पर निबंध लिखने के लिए, प्रस्तावना, इतिहास, महत्व, मनाने के तरीके, और अपने विचारों को समापन में व्यक्त करें।

दशहरे के दिन क्या करना चाहिए?

दशहरे के दिन माता दुर्गा की पूजा करें, रावण दहन में भाग लें, और सामाजिक समरसता का संदेश बढ़ावा दें।

दशहरे के दिन क्या करें क्या ना करें?

दशहरे के दिन माता का पूजन करें, बुराई के प्रति अच्छाई की तरफ उत्साह दिखाएं, और किसी को नुकसान नहीं पहुँचाएं।

दशहरा क्यों मनाया जाता है पर निबंध?

दशहरा मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व बुराई की जीत और अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे भगवान राम ने रावण को पराजित करके प्राप्त किया था।

दशहरा हमें क्या सिखाता है?

दशहरा हमें बुराई के प्रति लड़ाई करने, अच्छाई की ओर बढ़ने, और समरसता का महत्व सिखाता है।

दशहरा पर्व का क्या महत्व है?

दशहरा पर्व बुराई की हार और अच्छाई की जीत का संदेश देता है और हमें धर्मिकता, सामराज्य, और सामाजिक समरसता के महत्व को याद दिलाता है।

दशहरा त्योहार किसका प्रतीक है?

दशहरा त्योहार भगवान राम की विजय का प्रतीक है, जब वह रावण को पराजित करके अयोध्या लौटे थे।

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दशहरे पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए फॉलों करें ये टॉप टिप्स, होगी तारीफ !

Dussehra essay in hindi: दशहरे का पर्व पूरे भारत में हर वर्ष बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार दशहरा 24 अक्टूबर को है। दशहरे के मौके पर स्कूलों आदि में छुट्टियां रहती हैं, लेकिन कई प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान इस पर निबंध पूछे जाते हैं। साथ ही स्कूलों में भी दशहरे पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।.

Dussehra Essay in Hindi

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दशहरा पर अनुच्छेद

essay writing on dussehra in hindi

By विकास सिंह

paragraph on dussehra in hindi

विषय-सूचि

दशहरा पर अनुच्छेद, short paragraph on dussehra in hindi (100 शब्द)

दशहरा हिंदुओं का एक बहुत लोकप्रिय त्योहार है। यह एक वार्षिक समारोह है जिसे सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है (तारीख हिंदू कैलेंडर के अनुसार भिन्न होती है)। इस दिन, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के बड़े पुतले या डमी जलाए जाते हैं, जो बुरी शक्ति के विनाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक हैं।

अवसर विजयदशमी (नवरात्रि के 10 वें दिन) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रकार, राम और रावण के बीच महाकाव्य युद्ध और रावण पर प्रभु राम की ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के अलावा कुछ अन्य अनुष्ठान हैं जिनका दशहरे पर पालन किया जाता है।

दशहरा पर अनुच्छेद, paragraph on dussehra in hindi (150 शब्द)

dussehra

दशहरा हिंदुओं के सबसे वांछित त्योहारों में से एक है और पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस अवसर पर भारत के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भाग में हिंदुओं में उच्च धार्मिक मूल्य हैं। भले ही, देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग शिष्टाचार में त्योहार मनाया जाता है, लेकिन सभी के लिए भावना समान है।

दशहरा को बुरी ताकतों पर अच्छाई की विजय के लिए मनाया जाता है। रामलीला दशहरा उत्सव की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है, जहाँ रामायण, और राम और रावण के बीच की पौराणिक कथाएँ आकर्षक नाटकों और स्किट्स के माध्यम से फिर से अभिनय की जाती हैं।

दशहरा मेला:

इस अवसर का एक प्रमुख आकर्षण दशहरा मेला है; विभिन्न स्टॉल और मिनी दुकानें आनंद-सवारी, खरीदारी, खाने और खरीदारी के लिए बनाई गई हैं,। सड़कों पर उन लोगों के साथ हलचल होती है जो विशाल मैदान में न केवल मेले का आनंद लेने के लिए इकट्ठा होते हैं, बल्कि रावण और उसके समकक्षों के पुतलों को भी जलाते हुए देखते हैं।

दशहरा पर लेख, paragraph on dussehra in hindi language (200 शब्द)

dussehra

दशहरा एक सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत मायने रखता है। यह त्योहार महान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है। इस त्योहार को लोग बड़े उत्साह और विश्वास के साथ मनाते हैं। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संकेत देता है जिसका अर्थ है बुरी शक्ति पर सत्य की विजय।

लोग बहुत सारे अनुष्ठान और पूजा समारोह का पालन करके इस त्योहार को मनाते हैं। धार्मिक लोग और भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं। कुछ लोग केवल पहले और अंतिम दिन (9 वें दिन) तक उपवास रखते हैं, लेकिन कुछ लोग सभी नौ दिनों के लिए उपवास रखते हैं और आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिए देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। दसवें दिन लोग राक्षस राजा, रावण पर भगवान राम की जीत की खुशी में दशहरा मनाते हैं। दशहरा का त्यौहार दिवाली के त्यौहार से दो सप्ताह पहले हर साल आखिरी सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है।

देश के विभिन्न क्षेत्रों में दशहरा उत्सव मनाने के अलग-अलग रीति-रिवाज और परंपराएं हैं। कहीं-कहीं इसे पूरे दस दिनों तक मनाया जाता है और मंदिर के पुजारी भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने रामायण से मंत्रों और कहानियों का पाठ करते हैं। कहीं-कहीं राम लीला का बड़ा मेला कई दिनों या एक महीने तक लगाया जाता है।

दशहरा पर अनुच्छेद, article on dussehra in hindi (250 शब्द)

dussehra

दशहरा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दस दिनों तक चलने वाला त्यौहार है जिसे पूरे देश में हिंदू लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। पहले नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा होती है जिसे नवरात्र पर्व कहा जाता है। दसवें दिन लोग राक्षस राजा रावण के कार्टून को जलाकर नवरात्र मनाते हैं।

दशहरे का त्यौहार दिवाली के त्यौहार से दो या तीन सप्ताह पहले सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है। यह त्योहार हिंदू देवी दुर्गा की पूजा करके मनाया जाता है। भगवान राम और दुर्गा के भक्त पहले और अंतिम दिन या पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। नौ दिन या नवरात्र को दुर्गा पूजा के रूप में भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा को उनके नौ रूपों में पूजा जाता है।

दशहरा उत्सव का मतलब लोग दसवें दिन को विजय दशमी के रूप में मनाते हैं जो एक बड़े मेले या राम-लीला का आयोजन करते हैं जहां वे भगवान राम के नाटकीय जीवन इतिहास को दर्शाते हैं। राम-लीला मेला विजय दशमी मनाने के पीछे किंवदंतियों को इंगित करता है जो भगवान राम और रावण हैं।

इसमें सीता के अपहरण, राम की विजय और राक्षस राजा, रावण और उसके पुत्र, मेघनाथ और भाई, कुंभकर्ण की हार और हत्या का पूरा इतिहास दिखाया गया है। असली लोग राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की भूमिका निभाते हैं लेकिन वे रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण की कागज़ की मूर्ति बनाते हैं। अंत में, वे भगवान राम की जीत और पटाखों की आवाज के साथ रावण को मारने के लिए रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण की तीनों मूर्तियों को जलाते हैं।

दशहरा पर लेख, article on dussehra in hindi (300 शब्द)

dasara

दशहरा देश भर में मनाया जाने वाला हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में दिवाली त्योहार से बीस दिन पहले पड़ता है। दशहरा का उत्सव राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की जीत का संकेत देता है। भगवान राम सत्य के प्रतीक हैं और रावण बुरी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

यह हिंदू लोगों द्वारा देवी दुर्गा की पूजा के साथ मनाया जाने वाला एक महान औपचारिक और धार्मिक उत्सव है। इस त्योहार को मनाने की परंपरा और संस्कृति देश में अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न है। यह दस दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसके नौ दिन विजय दशमी के रूप में देवी दुर्गा और दसवें दिन की पूजा करके मनाए जाते हैं जब लोग राक्षस राजा, रावण पर भगवान राम की जीत का जश्न मनाते हैं।

इस त्यौहार की एक विशाल तैयारी होती है जो कुछ दिन पहले से शुरू होती है। पूरे दस दिनों या एक पूरे महीने के लिए एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जहां दूर-दराज के लोग लोगों के लिए आवश्यक सभी चीजों की दुकानें और स्टॉल बनाने आते हैं। यह प्रत्येक समाज या समुदाय में राम-लीला मैदान में होता है, जहां सभी दिनों के लिए दशहरे की किंवदंतियों के नाटकीय शो के साथ एक विशाल मेला लगता है।

रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पेपर मॉडल राम लीला मैदान में तैयार किए जाते हैं और असली लोग राम, सेता और लक्ष्मण की भूमिका निभाते हैं। हर जगह रोशनी चालू है और पूरा वातावरण पटाखों की आवाज से भरा हुआ है। पूरी रात लोग और बच्चे राम-लीला सहित मेला देखते थे। राम लीला में वास्तविक लोगों द्वारा भगवान राम के जीवन की विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रदर्शन किया जाता है। शो का आनंद लेने के लिए रामलीला मैदान में आस-पास के क्षेत्रों के हजारों पुरुष, महिलाएं और बच्चे एकत्र होते हैं।

दशहरा पर अनुच्छेद, paragraph on dussehra in hindi (400 शब्द)

दशहरा त्योहार भारत के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबे त्योहारों में से एक है। यह हर साल पूरे देश में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा पूरे उत्साह, विश्वास, प्रेम और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह वास्तव में सभी द्वारा आनंद लेने का महान समय है। दशहरा के त्योहार का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए छात्रों को अपने स्कूलों और कॉलेजों से कई दिनों के लिए छुट्टियां भी मिलती हैं।

यह त्यौहार हर साल दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है। लोग इस त्योहार का इंतजार बड़े धैर्य के साथ करते हैं। भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति और परंपरा, निष्पक्ष और त्योहारों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह मेलों और त्यौहारों का देश है जहाँ लोग हर त्योहार को बड़े हर्ष और विश्वास के साथ मनाते हैं और आनंद लेते हैं।

दशहरा का त्यौहार भारत सरकार द्वारा राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है ताकि लोग इस त्यौहार का पूरी तरह से आनंद ले सकें और साथ ही साथ हिन्दू त्यौहार को भी महत्व दें। दशहरा का अर्थ दस प्रमुख राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की विजय है। दशहरा शब्द का वास्तविक अर्थ इस त्योहार के दसवें दिन दस सिर वाले (दश प्रमुख) दानव की हार है।

इस त्यौहार का दसवां दिन पूरे देश में लोगों द्वारा रावण क्लोन जलाकर मनाया जाता है। देश के कई क्षेत्रों में लोगों के रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार इस त्योहार से जुड़े कई मिथक हैं। यह त्योहार हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाना शुरू किया गया था जिस दिन से भगवान राम ने दशहरा के दिन राक्षस राजा रावण को मार दिया था (जिसका अर्थ है हिंदू कैलेंडर के अष्टभुजा महीने का 10 वां दिन)।

भगवान राम ने रावण का वध किया था क्योंकि उसने माता सीता का अपहरण कर लिया था और वह भगवान राम को लौटाने के लिए सहमत नहीं था। भगवान राम ने छोटे भाई लक्ष्मण और हनुमान के वानर सैनिक की मदद से रावण के साथ युद्ध जीता था। हिंदू शास्त्र, रामायण के अनुसार, यह उल्लेख है कि भगवान राम ने देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंडी गृह का प्रदर्शन किया था। इस तरह भगवान राम ने युद्ध के 10 वें दिन रावण की हत्या के रहस्य को जानकर जीत हासिल की।

अंत में, उन्होंने रावण को मारने के बाद अपनी पत्नी सीता को सुरक्षित रख लिया। दशहरा उत्सव को दुर्गोत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि उसी दिन दसवें दिन महिषासुर नामक एक और राक्षस ने माता दुर्गा का वध किया था। रामलीला का एक विशाल मेला राम-लीला मैदान में लगता है, जहाँ आस-पास के क्षेत्रों के लोग रामलीला का निष्पक्ष और नाटकीय प्रतिनिधित्व देखने आते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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👌👌👌👍🏻super

Superb bro!

माता दुर्गा ने महिषासुर को मारा था न कि महिषासुर ने माता को मारा था कृपया सही जानकारी दे|

Very best performance bro.

thank you so much for this information regards kunal

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दशहरा पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - दशहरे से संबंधित पौराणिक कथाएँ - यह कैसे मनाया जाता है - लोगों में उत्साह - दशहरा त्योहार का महत्व - उपसंहार।

दशहरा हिंदुओं का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इसे 'विजयादशमी' के रूप में भी जाना जाता है। यह सितंबर-अक्टूबर के महीने में पड़ता है। यह असुरराज रावण पर राम की विजय का संकेत देता है। यह हमें स्मरण कराता है कि अच्छाई हमेशा जीतती है और बुराई का बुरा अंत होता है।

दशहरे त्योहार बनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित है। पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन श्रीराम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी। इस विजय की खुशी सारे देश में मनाई गई थी। इसी दिन की स्मृति में विजयादशमी या दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि पांडवों के अज्ञातवास के दौरान इसी दिन अर्जुन ने शमी वृक्ष पर रखा अपना धनुष उतारकर दुर्योधन की सेना को भगाया था और राजा विराट की अपहृत गायों को छुड़ाया था।

दशहरा बड़े ही धूमधाम और तड़क-भड़क के साथ मनाया जाता है। यह भारत के प्रायः अनेक हिस्सों में मनाया जाता है। इसके मनाने के विभिन्न तरीके हैं। अनेक धार्मिक लोग तथा श्रद्धालु उपवास रखते हैं। दशहरे की तैयारियाँ बहुत दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं ।

दशहरे का त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार के नौ दिन देवी दुर्गा की पूजा करके तथा दसवाँ दिन विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। बड़े पंडालों में देवी दुर्गा की बड़ी मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं तथा पूजी जाती हैं। बड़े मैदानों में विभिन्न कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है। लोग इन प्रदर्शनों का आनंद लेते हैं। बाजारों में काफी भीड रहती है। त्योहार के दौरान कुछ चीजों की खरीद पर भारी छूट दी जाती है। अतः दुकानदारों को व्यवसाय करने का अच्छा अवसर मिलता है।

त्योहार के दसवें दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग इस मेले को देखते आते हैं। बच्चे बहुत आनंद लेते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं। मेले में अनेक प्रकार की दुकानें रहती हैं। लोग उनसे विभिन्न वस्तुएँ खरीदते हैं। बच्चे खिलौने और मिठाइयाँ खरीदते हैं। लोग स्वादिष्ट नमकीन और मिठाइयों का आनंद लेते हैं।

शाम में, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। वे पटाखों से भरे होते हैं। वे काफी तेज आवाज और रोशनी के साथ फटते हैं। प्रत्येक व्यक्ति इस प्रदर्शन का आनंद लेता है।देवी दुर्गा की मूर्तियों का विर्सजन किसी नदी या तालाब में कर दिया जाता है। इसके साथ ही यह त्योहार समाप्त हो जाता है।

इस त्योहार पर हमलोग भगवान् राम और उनकी अच्छाइयों का स्मरण करते हैं। दशहरा हमारे देश का एक प्रसिद्ध त्योहार है। इसे 'विजयादशमी' भी कहते हैं। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय पाई थी। इसलिए दशहरे के दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं। कहीं-कहीं इस दिन काली माता का जुलूस भी निकाला जाता है। दशहरे के दिन लोग अपने घरों और दुकानों के दरवाजों पर तोरण बाँधते हैं।

आजकल लोग दशहरे के महत्व को भूलकर बाह्य आडंबर को ही प्रधानता देने लगे हैं। इस दिन कुछ लोग शराब पीते हैं और जुआ खेलते हैं। दशहरे जैसे पवित्र पर्व को सुंदर ढंग से मनाना चाहिए। अपने हृदय को स्वधर्म, स्वदेशप्रेम, बलिदान, तपस्या, दान और वीरता जैसे उत्तम भावों से भर देना ही इस त्योहार को मनाने का सही तरीका है। लोग दशहरे को बहुत शुभ दिन मानते हैं।

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Essay on dussehra in hindi – दशहरा पर निबंध हिंदी में.

दशहरा पर निबंध हिंदी में – Learn an Essay on Dussehra in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Students today we are going to discuss a very important topic i.e essay on Dussehra in Hindi. Dussehra essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Dussehra in Hindi is defined in more than 1500 words. Learn an essay on Dussehra in Hindi and bring better results.

Essay on Dashahara in Hindi – दशहरा पर निबंध

hindiinhindi Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi 150 Words

दशहरा हमारे देश का महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इसे विजयादशमी या विजयपर्व भी कहते हैं। यह त्योहार आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का संबंध रामायण से है। कहा जाता है कि इसी दिन रघुकुल-तिलक भगवान श्रीराम ने लंका के अन्यायी और अत्याचारी राजा रावण का वध किया था। तभी से लोग इस पर्व को विजय पर्व के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। दशहरे को मुख्य रूप से ‘क्षत्रियों का त्योहार’ कहा जाता है। इस दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। दशहरे से नौ दिन पहले ही गाँव-गाँव और नगर-नगर में रामलीला होती है। इसमें रामचंद्रजी के संपूर्ण जीवन को धारावाहिक रूप में दिखाया जाता है। दशहरे के दिन एक विशाल मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशालकाय पतले लगाए जाते हैं। इस स्थान पर मेला-सा लग जाता है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी मेले का आनंद लेने आते हैं। पहले खुले मैदान में राम-रावण का युद्ध होता है जिसमें राम रावण का वध कर देते हैं। बाद में पुतलों में आग लगाई जाती है। आग लगते ही पुतलों में रखे बम और पटाखे छूटने लगते हैं। बच्चे यह देखकर खुशी से तालियाँ बजाने लगते हैं। दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का द्योतक है। यह हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

Essay on Dussehra in Hindi 200 Words

दशहरा हिंदुओं का एक बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे पूरे भारत में बड़े ही हर्षो-उल्लास से मनाया जाता हे. अष्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी को इसका आयोजन होता है. दशहरे वाले दिन भगवान राम ने लंका पति रावण को युद्ध में हराया था तथा मां दुर्गा ने 9 रात्रि 10 दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी. इस शुभ अवसर को सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता हे. इसी लिए इस त्यौहार को विजय दशमी के नाम से जाना जाता है.

साल की तीन शुभ तिथियों में से एक दसहरा हे, अन्य दो चैत्र शुकल और कार्तिक शुकल की प्रतिपदा हे. दसहरे वाले दिन लोग शस्त्र पूजा करते हे और शुभ तिथि होने के कारण नया कार्य प्रारम्भ करते हे. पुराने समय में राजा लोग इसी दिन विजय की प्राथना कर रणन यात्रा के लिए निकल जाते थे. आज कल इस दिन जगह जगह मेले लगते हे और खास तोर पर रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते हे. इसे भगवन राम की विजय के रूप में अथवा माँ दुर्गे पूजा के रूप में, दोनों की रूपों से ये शक्ति पूजा का पर्व हे और शस्त्र पूजन की तिथि हे.

भारत देश में ये त्यौहार भिन-भिन प्रकार से मनाया जाता हे. हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दसहरा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हे. वह के लोग धूमधाम से जुलूस निकल कर बड़े धूम धाम से दसहरे को मनाते हे और पूजन करते हे. बस्तर में माँ संतेश्वरी की आराधना के द्वारा दसहरे का त्यौहार मनाया जाता हे.

Essay on Dussehra in Hindi 250 Words

Dussehra essay in hindi

दशहरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा को लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। यह त्योहार अशिवन महीने के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात तथा दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। दशहरा को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा त्यौहार को कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाया जाता है। कुछ लोग देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिये पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। पं.बंगाल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में महिषासुर और माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा – अर्चना की जाती है। पुरे नौ दिनों तक दुर्गासप्तशती का पाठ चलता है। पूजा होने के बाद लोगों को प्रसाद वितरित किया जाता है और साथ में लंगर चलाने का कार्यक्रम भी किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर 7 दिन या महीनों तक रामलीला का आयोजन किया जाता है। दुर्गा माता की मूर्ति की स्थापना कर पूजा करने वाले उनके भक्त दुर्गा माँ का मूर्ति-विसर्जन का कार्यक्रम भी गाज-बाजे के साथ करत है।

दशहरा के उत्सव पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में कुछ दिनों के लिए छुट्टी मिल जाती है। लोग इस पर्व को ढेर सारी खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। पूरे देश में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवा दिन मनाया जाता है।

Essay on Dussehra in Hindi 300 Words

10 lines on Dussehra in Hindi

दशहरा हिन्दुओं का प्रसिद त्योहार हे. इस दिन भगवन श्री राम ने लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इस दिन को बड़े उत्साह से दुनिआ भर में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हे. इस त्यौहार को सबसे ज्यादा भारत में मनाया जाता हे पर आज जहां-जहां भी भारत वासी या श्री राम जी के भगत हे, वह पर इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता हे. दसहरे को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता हे, जो की नवरात्रो के आखिर में आता हे. दशहरा अशिवनं महीने की दसवीं तिथि को होता हे.

दसहरे के आठ दिन पहले राम-लीला की जाती है. जहां पर रामायण के तर्ज पर दुनिआ भर के लोगो को यह बताने की कोशिश की जाती हे की हमेशा असत्य पर सत्य की ही जीत होती हे. राम-लीला के माध्यम से पूरी रामायण की कहानी को मंच से दर्शाया जाता हे. राम-लीला ड्रामा के आखिर में रावण को मार कर समाप्ति की जाती हे. दसहरे के दिन खुले मैदान में बड़े बड़े रावण, कुम्भ-कारन और मेघनाथ के पुतलो को जलाया जाता हे. पुतला दहन के बाद खूब आतिशबाजी होती हे और लोग इस पूरे कार्यक्रम का भरपूर आनंद लेते हे. बंगाल में इसी दसहरे वाले दिन दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जाता हे.

भगवन राम चन्दर जी ने इस दिन लंका पति रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी. इसी वजह से इस त्यौहार को विजय-दशमी कहते हे. विजय-दशमी के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी. पुराने समय में राजा गण वर्षा ऋतू बोल कर शत्रुओं पर चढ़ाई कर दिया करते थे.

इस समय वर्षा ऋतू के बाद शरद ऋतू शुरू होती हे. इन दिंनो किसान बहुत प्रसन होता हे क्युकी किसानो के खेतो के चावल लहलहा रहे होते हे.

Essay on Vijayadashami in Hindi 700 Words

अधर्म और दानवता पर विजय प्राप्त करके धर्म एवं देवत्व की स्थापना करना अवतारी शक्तियों का कार्य रहा है। विजयदशमी को विजयोत्सव के रूप में आज भी भारतीय जनता सदियों से मनाती चली आ रही है। विजयदशमी हिन्दुओं का पवित्र सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्व है। विजयदशमी का पर्व ग्रीष्म ऋत की समाप्ति पर आता है। सम्पूर्ण हिन्दू समाज इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है।

विजय दशमी को ‘दशहरा पर्व’ के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा से तात्पर्य दंश को हरने से है। इसी दिन श्रीराम जी ने दुष्ट रावण के दस सिरों का नाश किया था, इसीलिए इस पर्व को दशहरा भी कहा जाता है। अधर्म पर धर्म की और अन्याय पर न्याय की विजय प्राप्त करने के कारण इसे ‘विजयदशमी’ कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार- एक बार जब इन्द्रलोक एवं देवलोक महिषासुर नाम के राक्षस के अत्याचारों से पीड़ित होकर त्राहि-त्राहि कर उठे, तब सभी देवता शंकर की शरण में गए । शंकर की क्रोधाग्नि से एक शक्ति का प्रार्दुभाव हुआ और देवताओं ने उस शक्ति को शस्त्रास्त्र प्रदान करके और शक्तिशाली बनाया। उस शक्ति ने नौ दिन संघर्ष करने के बाद दसवें दिन महिषासुर का अंत कर दिया। तभी से प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को आज भी लोग पूजते हैं।

विजयदशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में, दशमी तिथि के दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन कहीं दुर्गा जी की पूजा की जाती है और कहीं राम जी की। इस त्योहार को ‘दुर्गा-पूजा’ और ‘शस्त्र-पूजा’ के रूप में भी मनाया जाता है। क्षत्रिय लोग इस दिन शम्त्रों और अम्त्रों की पूजा करते हैं।

भारतीय जनता इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाती हैं। इस पर्व को मनाए जाने की विधि हर राज्य में अलग-अलग है। बंगाल में यह पर्व दुर्गा-पूजन के रूप में मनाया जाता है। गुजरात में यह पर्व समारोहों का आयोजन करके नृत्यादि करके मनाया जाता हैं। राजस्थान में राजा-महराजाओं की झांकिया निकलती है। और वे इन झाँकियों में अस्त्रों और शस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं। दक्षिण भारत में इस अवसर पर शामी वृक्ष की पूजा करके, उसके पत्तों को स्वर्ण समझकर लूटा जाता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में इस पर्व को मनाने की विधि लगभग एक सी है। नवरात्र के आरंभ होने के साथ ही इन राज्यों में जगह-जगह रामलीला का आयोजन होता है। यहाँ राम जी के जीवन की पवित्र झलकियाँ लोगों को नाटक के माध्यम से नौ दिनों तक दिखाई जाती हैं। नाटक के दसवें दिन राम और रावण का युद्ध दिखाया जाता है, जिसमें राम रावण को मार गिराते हैं तथा राम की विजय होती है। रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। इन पुतलों में आतिशबाजी लगायी जाती है जिससे आग लगते ही रंग बिरंगी चिंगारियां निकलती हैं और धमाका होता है। इस दिन जगह-जगह पर मेलों का आयोजन होता है। बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरूष सभी इन मेलों का आनंद लेने आते हैं। इस दिन घरों में पकवान बनते हैं, लोग पूजा-पाठ करते हैं। शाम होते ही लोग सज-धजकर मेला देखने पहुँच जाते हैं।

भारतीय समाज में यह दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने शुभ कार्य करते हैं। प्राचीनकाल में व्यापारी, यात्री, साधु आदि वर्षा ऋतु में अपनी यात्रा स्थगित कर देते थे; क्योंकि इस समय तक वर्षा भी समाप्त हो चुकी होती थी और यातायात का सुलभ साधन भी नहीं था। इसलिए इस को शुभ मानकर लोग यात्राएं और अपने अन्य कार्य करते थे। राजा-महाराजा इसी दिन दुश्मनों पर आक्रमण करने की तैयारी करते थे। विवाह आदि के शुभ कार्य भी इसी समय में ही किए जाते हैं। इस दिन योद्धा अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। बहनें अपने भाईयों के कानों में ‘नौरतें’ टाँगती हैं, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भी है।

यूँ कहा जाए तो विजयदशमी का त्योहार भारतीय संस्कृति, परम्परा और गौरव का प्रतीक है। इस पर्व से हमें शिक्षा मिलती है कि अन्याय, अत्याचार और दुराचार को सहना भी एक बड़ा पाप है। यह त्योहार राष्ट्र के उत्थान में भी बहुत सहायक हैं। यह त्योहार हमें संदेश देता हैं कि राम के चरित्र और आदर्शों का अनुकरण करने से ही हमारा जीवन सुखी और शांत रह सकता है। विजयदशमी, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। हमें न्याय तथा धर्म की स्थापना करके राष्ट्र को मजबूत बनाना चाहिए। देश में जन्मी हर बुराई को जड़ से उखाड़ फेंक देना चाहिए।

Paragraph on Dussehra in Hindi 10 Lines

  • हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें से दशहरा भी एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो प्राय: अक्टूबर भास में मनाया जाता है।
  • इस त्योहार के मनाने के पीछे यह कथा प्रचलित है कि रावण लंका का राजा था। वह बहुत विद्धवान था। परन्तु उसको अपनी शक्ति का बहुत अभिमान था।
  • श्री राम के वनवास के दिनों में, रावण छल से सीता जी को पकड़ कर ले गया।
  • श्री राम ने हनुमान और सुग्रीव आदि मित्रों की सहायता से लंका पर हमला कर दिया।
  • दशहरे से नौ दिन पहले नगरों में रामलीला होती है। जिस में श्री राम जी के जीवन की यही कहानी नाटक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
  • दशहरा रामलीला का आखिरी दिन होता है। इस दिन स्थान-स्थान यर मेले लगते हैं। लोग टोलियो में मेला देखने जाते हैं।
  • इम दिन रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं।
  • इनके अंदर बड़े-बड़े पटाके लगाए जाते हैं। सायंकाल के समय राम और रावण के दलों में बनावटी लड़ाई होती है।
  • अंत में श्री राम जी ने रावण पर युद्ध में विजय प्राप्त क्री, ऐसा दर्शाया जाता है। फिर तीनों के पुतलों को आग लगाई जाती है, जिससे पटाखे फूट पड़ते हैं।
  • चारों तरफ बुराई यर अच्छाई की विजय की खुशी का वातावरण छा जाता है।
  • सड़कों यर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के स्टॉल लगे होते हैं।
  • सभी लोग मिठाइयाँ, खिलौने आदि लेकर घरों को लौटते हैं।
  • पंजाब में इस त्योहार की खास मिठाई जलेबी मानी जाती है।
  • बंगाल में दसहरे के दिन दुर्गा माता की मूर्ति का पूजन, बाद में उनका जल-विसर्जन किया जाता है, वहाँ उसे दुर्गा – पूजा के रूप में मनाया जाता है।
  • हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दशहरा भी वहुत प्रसिद्ध है।
  • दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार है इसलिए इसे विजय दशमी भी कहते है।
  • यह त्योहार हमें अपने धर्म और संस्कृति को रक्षा करने की, अत्याचारों के समक्ष न झुकने की प्रेरणा देता है।
  • यह त्योहार क्रूरता व अन्य सामाजिक, बुराइयों को सहन न करने का संदेश भी देता है।

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Dussehra in Hindi : दशहरा क्यों मनाया जाता है और क्या है इसकी कहानी?

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 23, 2023

Dussehra in Hindi

दशहरा प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है जो शारदीय नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरा के पीछे की कहानी भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसे विजयदशमी (Vijaydashmi in Hindi) के नाम से जाना जाता है। कई बार परीक्षाओं में दशहरा पर निबंध या प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग Dussehra in Hindi में हम दशहरा क्यों मनाया जाता है और इसकी कहानी जानेंगे।

This Blog Includes:

दशहरा के बारे में, दशहरा का इतिहास क्या है, दशहरा क्यों मनाया जाता है, दशहरा कैसे मनाया जाता है, दशहरा कब मनाया जाता है, दशहरा का महत्व क्या है, दशहरा का दूसरा नाम, दशहरा पर 10 लाइन्स, दशहरा के बारे में रोचक तथ्य.

दशहरा भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर या पश्चिमी भारत के अधिकांश राज्यों में दशहरा भगवान राम के सम्मान में मनाया जाता है। दशहरे के पीछे की कहानी भगवान राम की रावण पर विजय को दर्शाती है। यह त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के 10वें दिन पड़ता है। इस त्योहार के उत्सव में बुराई के विनाश को चिह्नित करने के लिए रावण के पुतले जलाए जाते हैं। 

Dussehra in Hindi का इतिहास इस प्रकार हैः

  • दशहरा एक शुभ दिन है और इसका पौराणिक महत्व है। 
  • इस दिन को विजय दशमी या विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि इसी दिन उग्र देवी दुर्गा ने महिषासुर की दुर्जेय सेना का सामना किया था और उसका विनाश किया था, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देती है।
  • रामायण के अनुसार भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की। इस दिन को मनाने के लिए लोग विजयादशमी या दशहरा उत्सव मनाते हैं। 
  • हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी (Vijaydashmi in Hindi) का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है। 

Dussehra in Hindi क्यों मनाया जाता है के बारे में यहां बताया गया हैः

  • दशहरा भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। 
  • कई स्थानों पर इस दिन बुराई के विनाश का संकेत देने के लिए आतिशबाजी के साथ रावण के पुतले जलाए जाते हैं।
  • दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजय और दुर्गा पूजा के रूप या फिर यह शक्ति-पूजा का पर्व है। 
  • दशहरा के दिन अपराजिता की पूजा करना भी शुभ माना गया है और यह भी मान्यता है कि दिन अपराजिता की पूजा करने से सालभर हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। 
  • इस दिन, विजय दिवस के रूप में शस्त्रों की पूजा की जाती है।
  • हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है। 

Vijaydashmi in Hindi

दशहरा पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। गांव में दशहरा बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। गांव के लोग बड़े ही श्रद्धा के साथ पूजा के लिए आगे आते हैं और बाद में एक-दूसरे शुभकामनाएं देते हैं। गांव और शहरों में दशहरा से कुछ दिन पहले रामलीला और मेलों का आयोजन होता है और दशहरा वाले दिन असत्य पर सत्य की जीत के रूप में रावण के पुतले दहन किए जाते हैं। दशहरा पर लोगों के घऱों में पूजा-पाठ का भी आयोजन होता है।

कई लोगों के लिए दशहरा का मतलब दिवाली की तैयारी शुरू करना है, जो विजयदशमी के 20 या 21 दिन बाद मनाई जाती है। रामायण के अनुसार भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की। इस दिन को मनाने के लिए लोग विजयादशमी या दशहरा उत्सव मनाते हैं और पूरे देश में दशहरा उत्सव मनाया जाता है। हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है। 

Dussehra in Hindi का महत्व इस प्रकार हैः

  • दशहरा भारत देश में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहार में से एक है। यह पर्व उस उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब भगवान राम ने लंका के राजा रावण को हराया था। 
  • दशहरा पर सभी को एक संदेश मिला था कि हमेशा अच्छाई और पवित्रता बुराई पर विजय प्राप्त करती है। 
  • कई शहरों और गांवों में इस पर्व के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य तैयार होकर दशहरे में रावण दहन, आतिशबाजी और स्थानीय रंगमंच समूह रामलीला का नाटक देखने जाते हैं। 
  • दशहरा पर रामायण की प्रसिद्ध पौराणिक कथाओं के बारे में सुनने को मिलता है।
  • कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध करके उसका वध किया था और माता दुर्गा द्वारा राक्षसों के साथ नौ दिनों तक भयंकर युद्ध के बाद उनका का संहार किया था। 
  • दशहरा हिंदू धर्म के विश्वास का एक प्रमुख अंग है।
  • दशहरा का दिन ‘असत्य पर सत्य की जीत’ का प्रतीक है। 

दशहरा को हिंदू धर्म में विजयादशमी (Vijaydashmi in Hindi) कहा जाता है। इसलिए दशहरा का दूसरा नाम विजयादशमी माना जाता है। 10 सिर वाले रावण पर विष्णु के अवतार राम की विजय का प्रतीक अवकाश है। शारदीय नवरात्रि के बाद दशहरा का अंतिम यानी 10वां दिन है और इसका ही मतलब विजयदशमी है और इसका अर्थ है कि आपने तीनों ही गुणों पर विजय पा ली है। दशहरा को जीत का दिन भी कहा जाता है।

दशहरा पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • दशहरा भारतीय महाकाव्य रामायण में राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।
  • दशहरा सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जो 10 दिनों तक मनाया जाता है।
  • दशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जो भारतीय घरों में खुशी और विजय के लिए मनाया जाता है।
  • हिंदू धर्म में दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।
  • संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा पाना।
  • राम-लीला रामायण का एक अभिनय है जो आमतौर पर विजयादशमी के दिन किया जाता है।
  • दशहरा पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं।
  • 10 सिर वाले रावण को जलाने के लिए आतिशबाजी होती है और विजयादशमी के दिन यह बड़ा नजारा होता है।
  • दशहरा को विजयादशमी (Vijaydashmi in Hindi) के नाम से भी जाना जाता है।।
  • दशहरा एक पारंपरिक त्योहार है जो सच्चाई, अच्छे कर्म और नैतिक मूल्य सिखाता है।

दशहरा के बारे में रोचक तथ्यों को जरूर जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार हैंः

  • दशहरा को विजय दशमी (Vijaydashmi in Hindi) के नाम से भी जाना जाता है, जो दसवें दिन विजय का प्रतीक है।
  • ऐसा माना जाता है कि दशहरे पर देवी अपने पति भगवान शिव के पास लौट आईं।
  • भारत के उत्तरी क्षेत्र में नवरात्रि के पहले दिन जौं के बीज बोये जाते हैं और इन अंकुरों का उपयोग दशहरे के दिन अच्छे भाग्य और धन के लिए एक अच्छा शगुन माना जाता है।
  • दशहरों को कृषि उत्सव के रूप में देखा जाता है, क्योंकि दशहरे पर खरीफ फ़सलों की कटाई की जाती है और रवि फ़सलों का बीजारोपण किया जाता है। 
  • ऐसा माना जाता है कि दशहरा का पहला भव्य उत्सव 17वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा वोडेयार के आदेश पर मैसूर पैलेस में हुआ था। 
  • भारत में सबसे प्रसिद्ध दशहरा उत्सव मैसूर शहर में मनाया जाता है। पूरे शहर में उनकी मूर्ति की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है। 
  • दशहरा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, नेपाल और मलेशिया में भी मनाया जाता है। यह मलेशिया में राष्ट्रीय अवकाश है। 
  • दशहरा मौसम के अंत का भी प्रतीक है क्योंकि दशहरा के दौरान हम गर्मियों को अलविदा कहते हैं, और यह सर्दियों के मौसम का समय है। 
  • इस दिन रावण के पुतले के साथ कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले भी जलाये जाते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि दशहरा वह दिन है जब सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।
  • दशहरे के दिन ही डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था।

संबंधित ब्लाॅग्स

नवरात्रि के अंत में दशहरा आता है।

दशहरा से पहले ही रामलीला के मंचन होता है और दशहरा के दौरान रावण के पुतले के दहन का मंचन किया जाता है।

अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है।

दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है।

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग Dussehra in Hindi में आपको दशहरा या विजयदशमी (Vijaydashmi in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।

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The Victory of Good over Evil

Dussehra is also known as Vijayadashami in some regions of India. If we set aside the regional differences, the main events of this festival have one motto i.e. the victory of good over evil.

In other words, this festival signifies the victory of the power of good over that of the power of evil. If we look at the Hindu mythology, it says that on this day Goddess Durga removed the demon called Mahishasura from the earth. Similarly, other traditions believe that Lord Rama fought and eliminated the Demon King Ravana on this very day.

Thus, we see how both events have the same outcome. The outcome that is of light over dark, truth over lies and good over evil. Therefore, we see that while people’s belief may differ, they celebrate the very same essence throughout the country.

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Dussehra Celebrations

People all over India celebrate Dussehra with immense enthusiasm, pomp, and show. The different cultures do not affect the celebrations of the festival. The spirit and zeal remain the same throughout the festival.

Furthermore, Dussehra marks Lord Rama’s victory over Demon Ravana. Thus, people enact the battle that took place between them for ten long days. This dramatic form is called Ram-Leela. People in North India act out the Ram-Leela by wearing masks and through various dance forms.

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Subsequently, following the Ramayana, they make giant size paperboard effigies of the three principle demons like Ravana, Meghanada, and Kumbakarna. They are then filled with explosives in order to burn them. A man plays the role of Lord Rama and shoots fiery arrows at the effigies to burn it down. People usually invite a chief guest to act as Lord Rama and burn that effigy down. This event is carried out in an open field with thousands of spectators.

People of all ages enjoy this fair. They witness the fireworks and are left mesmerized by the stunning visuals. Kids wait for the most for this event and insist on their parents to take them to see the firecrackers.

In conclusion, Dussehra carries a lot of importance in the Hindu religion. However, people from all religions witness the marvelous act of burning Ravana. It unites people as the audience is filled with people from all walks of life, and not just the Hindu religion. Most importantly, Dussehra teaches us that good always trumps evil and that light will always conquer darkness.

FAQs on Dussehra Essay in English

Q.1 What is the common teaching of Dussehra?

A.1 Dussehra teaches us that good will always win over evil. It shows us the importance of truth and righteousness. Furthermore, it makes us believe in the light at the end of the tunnel.

Q.2 How do people celebrate Dussehra?

A.2 People celebrate Dussehra differently in different regions of India. In north India, they make effigies of demon Ravana and his brothers. Then they fill it with explosives and burn it with an arrow which results in splendid fireworks.

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