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डेयरी फार्म बिजनेस प्लान: बिजनेस कैसे शुरू करें (कम लागत के व्यवसाय के अवसर)

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इस बात को तो हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन आज स्थिति ऐसी आ गई है कि लोग कमाई के जरिए के लिए प्राइवेट सेक्टरों का चुनाव ज्यादा कर रहे हैं। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भारत का युवा ही हमारे देश की ऐसे व्यवसाय को चुनने का रिस्क नहीं उठाना चाहते जिसमें उनका निवेश ज्यादा लग जाए और लाभ कम मिले। हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां हम फार्मिंग करके अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं। लेकिन आज के युवा इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं जाता है और यही कारण है कि वह पैसा कमाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की ओर ज्यादा भागदौड़ कर रहे हैं। 

लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जो कृषि प्रधान देश में फार्मिंग को चुनकर एक ऐसा व्यवसाय करना चाहते हैं जिसमें कम निवेश में आप आगे चलकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। तो हमारा आज का ये आर्टिकल आपके लिए ही है क्योंकि दोस्तों इस बिजनेस को करने से यकीनन आपको अपने व्यवसाय में अच्छा लाभ हो सकता है। 

बस जरूरत है उसे अच्छे प्रबंधन की और अच्छे प्लान के साथ अपने बिजनेस को शुरू करने की इसलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको डेयरी फार्म बिजनेस प्लान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने वाले हैं। डेरी कौन से संबंधित इन सब्जी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने हेतु हमारे आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें चलिए शुरू करते हैं। -

डेयरी फार्म क्या होता है?

दोस्तों अगर आप भारत देश में रहते हैं तो आपको निश्चित ही डेयरी फार्म क्या होता है इसके बारे में जानकारी होगी। लेकिन अगर आपको यह नहीं पता कि डेयरी फार्म क्या होता है और आप इसके बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं और आप इस उद्योग को शुरू करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि डेयरी फार्म एक ऐसी जगह है जहां हम गायों को बड़ी संख्या में एकत्रित कर उनसे दूध इकट्ठा कर उसे पैकेजिंग करके बाजार में लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराते हैं जिससे हम डेयरी फार्म व्यवसाय कहते हैं। 

दोस्तों इस व्यवसाय में खुद गाय पालकर या फिर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों से उनका दूध बिचौलियों को हटाकर डायरेक्ट उनसे खरीद सकते हैं और उनका उचित मूल्य देकर हम उस दूध को अपने ब्रांड और नाम के साथ बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध कराते हैं। हालांकि अब ऐसा नहीं है कि डेयरी फार्म में सिर्फ आप सिर्फ दूध ही बेच सकते हैं। अब डेयरी फार्म व्यवसाय को खोलकर आप दूध से बने अन्य सामान जैसे घी, छाछ, मक्क्खन, दही आदी को भी बनाकर बाजार में बेचते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस प्लान क्या है?

दोस्तों डेयरी फार्म जैसे उद्योग के लिए बिजनेस प्लान की बात करें तो इसमें सबसे पहले हमें अपना डेयरी फार्म खोलने के लिए जगह का सही चुनाव करना होगा हम अपना डेयरी फार्म जहां खोल रहे हैं वहां से दूध की खपत कितनी है या फिर हम वहां से बाजार तक अपना दूध और दूध से बने सामान ले जाने और ले आने में क्या परेशानियां होंगे, इनका आकलन करना जरूरी होता है। वही डेयरी फार्म बिजनेस के लिए सबसे जरूरी चीज गायों की नस्ल का चुनाव होता है। इस बिजनेस में सबसे पहले हमें उन गायों का चुनाव करना जरूरी होगा जो भारत के वातावरण के अनुकूल हो और ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन की क्षमता रखती हो। 

वही दूसरी ओर इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले यह भी ध्यान देना आवश्यक होता है कि आपको इस व्यवसाय में गायों के लिए आवश्यक चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है।  मौसम के अनुकूल अतिरिक्त चारे का स्टॉक भी पहले से ही रखना पड़ता है। अगर आप डेयरी फार्म बिजनेस प्लान शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आप अच्छी जानकारी जुटाए और उसके लिए आप किताबें, ब्लॉक, वीडियो या फिर आसपास के डेयरी फार्म का निरीक्षण भी कर सकते हैं। 

दोस्तों इस बिज़नेस में कदम रखने से पहले आप चाहें तो किसी डेयरी फार्म में कुछ महीने काम करके भी इस व्यवसाय को शुरू करने का बारीकी अनुभव जमीनी स्तर पर प्राप्त कर पाएंगे। इस प्लान के साथ काम करते हुए आप डेयरी फार्म के बिजनेस को चलाने में काफी हद तक सक्षम और अनुभवी हो पाएंगे।

डेयरी फार्म क्यों शुरू करें?

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि इंडिया वर्ल्ड में सबसे ज्यादा मिल्क उत्पादन करने वाला देश है और आज हमारे देश में बनाए गए दूध बाहरी देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। अगर हम 1947 के आस पास कि बात करें तो तब हमारे पास इतना दूध भी नहीं होता था कि हम खुद भारत देश में भी उस दूध का पर्याप्त इस्तेमाल कर पाए उस समय हमें न्यूजीलैंड से दूध इम्पोर्ट करना पड़ता था। 

लेकिन आज भारत देश ऐसा देश बन गया है जो विदेशों में भी दूध एक्सपोर्ट करता है और इस कार्य को पूरा करने में सबसे अहम भूमिका निभाई अमूल ने दूध देने वाले किसानों को उनके दूध का सही मूल्य दिया और बाजार में ग्राहकों को सही क्वालिटी और कम दाम में दूध उपलब्ध कराया। इसमेंडॉक्टर वेर्घेसे कुरियन ने सहकारिता के रास्ते पर चलकर इस बिजनेस को भारत में इस लेवल पर बढ़ावा दिया कि आज यह व्यवसाय पूरे देश में अपना नाम रोशन कर रहा है। 

दोस्तों इसे बताने का मतलब यही है कि हम जब भी कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो हमारे मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि हम यह व्यवसाय क्यों करें। आखिर इस व्यवसाय को करने से हमें लाभ क्या मिलेगा।

1. दोस्तों डेयरी फार्म जैसा बिजनेस शुरू करने के लिए हमें ज्यादा लागत की आवश्यकता नहीं होती है। इस व्यवसाय को हम शुरुआत में थोड़े निवेश के साथ ही शुरु कर सकते हैं। वहीं कृषि प्रधान उद्योग होने की वजह से इस बिजनेस को शुरू करने के लिए हर राज्य की सरकार हमें कम ब्याज दर पर लोन/सब्सिडी भी देती है।

2. वही इस व्यवसाय की सबसे खास बात यह है कि यह एक ऐसा व्यवसाय है जो लोगों की जरूरत का एक महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है जो भारत के हर घर में इस्तेमाल किया ही जाता है। जिससे हमें इस व्यवसाय को शुरू करने के बाद इसके प्रचार-प्रसार में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। हम अपने इस बिजनेस को बिना किसी प्रचार-प्रसार के पहले अपने आसपास ही इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

3. यह व्यवसाय हमारे वातावरण को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाता है मसलन अन्य व्यवसायों को शुरू करने से कुछ ना कुछ पर्यावरण को नुकसान होता ही है। लेकिन डेयरी फार्म जैसा व्यवसाय लोगों के लिए और हमारे वातावरण के लिए किसी भी तरीके से नुकसान देय नहीं है।

4. अगर आप उन लोगों में से हैं जो पढ़ाई-लिखाई करके बेरोजगार बैठे हैं और अब यह सोच रहे हैं कि अपना कोई व्यवसाय शुरू करके कमाई का जरिया अपने जीवन में लाया जाए तो आप कम इन्वेस्टमेंट के साथ इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

5. इसके साथ ही व्यवसाय में आपको भारत की वातावरण के मुताबिक गायों के नस्लों का चुनाव करने का अवसर भी मिलता है। जिससे आप भारत के वातावरण के अनुकूल ढलने वाले गायों की नस्लों को चुनकर जो ज्यादा से ज्यादा आपके लिए दूध इकट्ठा कर पाए ऐसे गायों की नस्लों को आप अपने डेयरी फार्म में रख कर उससे अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

6. चूंकि डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसमें किसी विशेष तरह के स्किल या किसी विशेष तरह के प्रशिक्षण या कौशल की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए इसमें आप अपने आसपास के कुछ लोगों को रखकर भी अपने कार्यो की देखरेख कर सकते हैं।

7. अगर इस बिजनेस में अच्छी तरीके से ध्यान और इसका मैनेजमेंट अच्छी तरीके से किया जाए तो इस बिजनेस से हम अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। शुरुआत में हम इस बिजनेस को सिर्फ एक गाय के साथ भी कर सकते हैं और अच्छे रिजल्ट के साथ ही हम धीरे-धीरे बड़े पैमाने पर खड़ा कर सकते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस के स्तर -

दोस्तों डेरी फॉर्म बिजनेस तीन स्तर पर शुरू किया जा सकता है आइए जानते हैं वह कौन-कौन से हैं। -

1- छोटे स्तर पर -

दोस्तों अगर आप छोटे स्तर पर डेयरी बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो छोटे स्तर पर डेयरी शुरू करने के लिए आप को इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा। दोस्तों जब भी हम डेयरी फार्मिंग छोटे तौर पर शुरू करते हैं तो हमें कम गाय और भैंसों को रखना चाहिए। बजट प्लानिंग के हिसाब से ही करें अगर आपको छोटे तौर पर शुरू करना है तो बजट भी कम होगा उसी के आधार पर कम गाय और भैंसों को खरीदें। इसके लिए आप कम से कम तीन गाय और भैंस खरीदें और उन्हें खरीदने से पहले उनकी नस्ल का भी ध्यान दें। 

अगर वह गाय और भैंस अच्छी नस्ल के है और दूध अच्छा देती है तो उनके दूध में फैट अच्छा होता है तो आप को कम लागत में ही अच्छी कमाई हो सकती है। किसी भी डेयरी पर दूध उनके फैट के स्तर के हिसाब से ही बिकता है। उसी हिसाब से आपको उनके चारा और उनके रखरखाव का भी इंतजाम करना होगा। उनकी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर का भी इंतजाम करना होगा। साफ-सफाई का भी इंतजाम करना होगा। आप की डेयरी जितनी ही साफ सुथरी होगी लोग इतना ज्यादा आकर्षित होंगे। आपके पशु भी बीमार नहीं पड़ेंगे।

2 - मध्यम स्तर पर -

दोस्तों मध्यम स्तर पर डेयरी फार्मिंग बिजनेस एक औसत स्तर का फॉमिंग बिजनेस है अधिकतर लोग इस स्तर के बिजनेस को करते हैं। इसको करने के लिए आपको सभी चीजें बड़े बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना होगा। इसके साथ ही एक बड़ी गौशाला का भी इंतजाम करना होगा जिसमें 25 से 30 गाय और भैंस रह सके। इसलिए आपका बजट भी बड़ा होना चाहिए और इसमें निवेश की बात की जाए तो आप 4 से 5 लाख तक निवेश कर सकते हैं। कुछ गाय और भैंस से आप उधार पर भी लेकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। 

जिसके लिए आपको उन्हें किराए के तौर पर कुछ रकम हर महीने देनी होगी। उससे जो भी दूध मिलेगा उससे आप अपना डेयरी का बिजनेस अच्छे से कर सकते हैं। प्रतिदिन के हिसाब से 40 से 50 लीटर दूध आपको बेचना होगा। पशुओं के रखरखाव की अच्छी व्यवस्था साफ- सफाई व उनकी खाने की भी व्यवस्था आपको हमेशा करनी होगी। पशु आहार उसके साथ ही पशुओं के डॉक्टर को भी हमेशा के लिए अप्वॉइंट करना होगा। जिससे किसी भी पशु को अगर किसी प्रकार की बीमारी हो गई तो उसका इलाज तुरंत हो सके इन सभी का खर्च निकलने के बाद आपके पास अच्छा खासा प्रॉफिट बचता है।

3 - बड़े स्तर पर-

अब बात करते हैं बड़े स्तर के बारे में दोस्तों अगर आप बड़े स्तर पर डेयरी फार्मिंग व्यवसाय करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बहुत बड़े पैमाने पर इंतजाम करने की जरूरत है। इसमें आपको 20 से 25 लाख रुपए तक निवेश करने की आवश्यकता है। जिसकी लागत से आप गौशाला निर्माण से लेकर पशु चारा और इससे संबंधित जो भी चीजें हैं उसका इंतजाम कर पाएंगे और इसी लागत में आप पशु भी खरीद पाएंगे। इसके लिए लगभग 100 गाय और भैंस का इंतजाम और इसके साथ ही उनके रहने के लिए एक बड़ी गौशाला और चारा भूसा का भी इंतजाम करना होगा। 

इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान दे कि जो भी गाय और भैंस आप खरीदें उनकी नस्ल में का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यदि पशु अच्छी नस्ल के नहीं होंगे तो आपका डेयरी व्यवसाय अच्छा नहीं चलेगा क्योंकि दूध उस हिसाब से नहीं मिलेगा। इसके द्वारा यदि प्रॉफिट की बात की जाए तो आप 3 लाख रूपये महीने तक का प्रॉफिट पा सकते हैं। इसमें आपको क्लीनिंग स्टाफ रखने की जरूरत है जो समय समय पर क्लीनिंग करते रहे जिससे आपके डेयरी में साफ-सफाई बनी रहे। बड़ा डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको अच्छे कागजात बनाने की भी जरूरत पड़ेगी। आपकी प्रॉपर्टी को बिजनेस प्रॉपर्टी के तौर पर डिक्लेअर करें।

डेयरी फार्म के लिए गाय और भैंसों का चयन कैसे करें -

दोस्तों सबसे पहला कदम डेयरी फार्मिंग में गाय और भैंस का चयन होना चाहिए इसके लिए हमें किस तरह से इन को परखना होगा आइए जानते हैं। -

1- मुर्रा -

मुर्रा भैसे 7% तक फैट वाला दूध देती है। अगर भैंस की पहचान करनी हो तो यह भैंस की पहचान करना बेहद आसान है इसकी आंखें और सींग बहुत छोटी होती है और इसके अलावा यह सिंग घुमावदार वाली  होती है। इस भैंस की गर्दन बाकी भैंसों की गर्दन से लंबी होती है। इसके साथ ही यह एक समय में 1600 साल से 1700 साल लीटर तक दूध देती है।

2 - बुधवारी -

दोस्तों इस भैंस की पहचान करना बहुत ही आसान है यह मध्यम आकार की कम बाल वाली और ताबिया रंग की भैंस होती है। इनके पैर छोटे और मजबूत होते हैं और बीच में सफेद रंग का निशान होता है और इनकी सिंह लंबी और तलवार के आकार की पतली होती है। यह मैनपुरी इटावा और यमुना के किनारे की हिस्सों में पाई जाती है।

3 - जफरवादी -

डेरी फार्मिंग में यह बहुत ही उपयोगी नस्ल कि भैंस होती है क्योंकि हर साल बच्चा देती है और यह भैंस अन्य भैंसो की तुलना में ज्यादा दिन तक दूध देती है। ऐसी दो से तीन भैंस खरीद कर आप अपना डेयरी उद्योग बढ़ा सकते हैं। इसके माथे पर सफेद निशान होता है और जहां तक इसके खाने पीने की बात रही तो इस भैंस के खानपान और आराम का विशेष ध्यान देना होता है। एक समय में 10 से 12 लीटर तक दूध देती है।

4 - सुराती -

यह भैंस बहुत ही दुधारू होती है और अक्सर की भूरे और स्लेटी रंग में पाई जाती है। उनका धड लंबा और उनकी सींग दराती के आकार की होती है। 8 से 12 परसेंट तक वसा वाला दूध देने वाली इस प्रकार की भैंस गुजरात और बड़ौदा मे पाई जाती है।

5 - मेहसाना -

गुजरात के मेहसाणा जिले में पाई जाने वाली इस भैंस का नाम स्थान के नाम पर ही पड़ा है। महाराष्ट्र के कुछ जगह पर भी इसे पाला जाता है और अधिकतर इसका रंग काला ही पाया जाता है। इसका शरीर मुर्रा भैंसों की अपेक्षा काफी बड़ा होता है बाकी सारी पहचान उसी की तरह होती है।

6 - नागपुरी -

इस भैंस को बरारी के नाम से भी जाना जाता है। इसका रंग हल्का काला और भूरा दोनों मिक्स होता है। यह महाराष्ट्र के अमरावती जिले में पायी जाती है। इसकि सिंग बिल्कुल तलवार की तरह नुकली और लंबी होती है और यह 5 से 10 लीटर तक दूध एक समय में देती है।

डेयरी फार्मिंग के लिए गाय और भैंस कहां से खरीदें -

दोस्तों आप डेयरी फार्मिंग बिजनेस अच्छे से और बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहला कदम गाय और भैंसों की खरीद की तरफ उठाना पड़ेगा। आप अपनी डेयरी में ही हर प्रकार की गाय और भैंस रख सकते हैं लेकिन इस चीज का ध्यान रखना होगा कि वह अच्छी नस्ल के हो। हम सभी भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट को तो जानते ही हैं। जहां से हम गाय और भैंसों की अच्छी नस्ल के बारे में पता कर सकते हैं और उनके खरीद के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

epashuhaat   यह ऑफिशियल वेबसाइट लिंक है। इसके अलावा हर गांव शहर कस्बे में कभी न कभी पशु मेला जरूर लगता है उस पशु मेले का भी ध्यान रखें जब भी मेला लगे तो अवसर ना चूके वहां जाएं और पशु के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और अगर आपको सही लगे तो आप वहां से भी खरीद सकते हैं।

गाय और भैंस को क्या खिलाना चाहिए -

दोस्तों डेयरी फार्मिंग बिजनेस में हमें पशुओं के खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि हमें उनसे दूध की ज्यादा उम्मीद रहती है तो इसके लिए हमें उन्हें अच्छा खानपान देना होगा। गाय-भैंसों को सरसों की खली, हरा चारा, साफ सुथर अच्छा पोषण युक्त कुछ खनिज पदार्थ और इसके साथ ही देसी गुण, आटा मक्का और गेहूं दोनों का मक्का यह सभी चीजें खिला सकते हैं। 

गाय और भैंस के लिए यह सभी बहुत ही पोषण युक्त भोजन होते हैं और इन सभी चीजों से ज्यादा दूध देती है। इसके साथ ही बाजार में दाना उपलब्ध होता है जिसमें सभी चीजें मिली होती है वह भी इनके स्वस्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन इस दौरान एक चीज का विशेष ध्यान रखेगी कभी भी अपने गाय और भैंसों को किसी तरह का कोई केमिकल इंजेक्शन ना लगवाएं। इससे गाय भैंस के दूध और सेहत दोनों पर बहुत ही बुरा और काफी गहरा असर होता है। भैसो को चराने और टहलाने के लिए जरूर ले जाए क्योंकि जब वह स्वयं हरा चारा चर के खाती है तो वह ज्यादा फायदेमंद होता है।

डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए मुख्य आवश्यकता -

दोस्तों जब भी हम डेयरी की स्थापना करते हैं तो हमें बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ती है। जो डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है तो चलिए दोस्तों अब हम जानते हैं की ऐसी कौन सी ऐसी चीज है जिसके बिना हम डेयरी नहीं बना सकते आइए जानते हैं।

दोस्तों जब भी हम डेयरी की स्थापना करते हैं तो उसके लिए हमें बड़ी जमीन की आवश्यकता पड़ती है। वह जमीन अगर हमारे पास पहले से है तो हमें जमीन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती इसके साथ में जो पशु हम पालते हैं उन्हें खिलाने के लिए चारे की आवश्यकता होती है। अगर हमारे पास खेत होंगे तो हम पशुओं को खिलाने के लिए चारा पैदा कर सकेंगे। आमतौर पर हमें 2 से 3 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें हम अच्छे चारे की उपज पैदा कर सकेंगे।

2 - बहाना -

दोस्तों बहाना हम उस स्थान को कहते हैं जहां हम गायों को सुरक्षित रख सके या फिर यूं कहे कि यह एक प्रकार की छत या शेड होती है। अपने खेत में या गौशाला में जहां हम गायों को रखते हैं क्योंकि उनके लिए उचित जगह का निर्माण कराना भी बहुत जरूरी है।

जब भी हम डेरी का निर्माण करते हैं तो पशुओं को रखते हैं उन पशुओं को खिलाने के लिए उचित चारा का भी इंतजाम करना बहुत जरूरी है‌। क्योंकि बिना इसके हमारे पशु अधिक समय तक दूध नहीं दे पाएंगे। अगर इनके लिए उचित चारा खेत से ही लाया जाया तो अच्छा होता है।

दोस्तों वैसे तो डेयरी फार्म बिजनेस प्लान में अन्य कार्यों के लिए भी पानी की बहुत आवश्यकता होती है। लेकिन गाय और भैंस को पीने के लिए भी साफ सुथरा और स्वच्छ पानी चाहिए होता है‌।

5 - नस्ल चयन -

दोस्तों जब भी नई डेयरी हम खोलते है तो सबसे पहला कदम हम गाय और भैंसों की नस्ल का चयन करना होता है। अच्छा दूध देने वाली गाय जर्सी, रेड सिंधी, साहीवाल, गिर, दीवानी,ओंगोल आदि गाय है। यह सभी गाय अधिक दूध देती है और जब भी आप डेयरी खोलते हैं तो आपको इन गायों को जरूर रखना चाहिए।

डेयरी बिज़नेस में श्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है और बिना श्रम के कोई भी कार्य सफल नहीं होता। आपको अपने डेयरी ऐसे व्यक्ति को रखना होगा जो आपके पशुओं का इन सबके खानें पीने का बहुत अच्छे से ध्यान रख सके। इसके साथ ही जो भी डेयरी की नियमित गतिविधियां है उसके लिए भी एक अच्छी श्रमिक की जरूरत पड़ती है।

7 - टीकाकरण -

दोस्तों गाय और भैंस की उचित देखभाल के लिए उन्हें टीकाकरण की भी आवश्यकता पड़ती है। एक उचित टीकाकरण कार्यक्रम है इन सभी की देखभाल में सफल हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर से मिल सकते हैं वह आपको उचित टीकाकरण की सलाह अच्छे से देंगे जहां आपको अपने पशुओं को लेकर जाना होगा और टीकाकरण कराना होगा। ताकि आपके पशु हमेशा स्वस्थ और निरोग रहे।

8 - चिकित्सा सुविधा -

डेयरी उद्योग में चिकित्सा सुविधा भी परफेक्ट होनी चाहिए। जब भी आपके पशु बीमार पड़े उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा और डॉक्टर मिल सके। इसके लिए आपको पहले से ही एक डॉक्टर अप्वॉइंट करके रखना होगा जो किसी भी समय सुविधा के अनुसार मिल सके। आपके पशुओं की उचित देखभाल इसी पर निर्भर करती है। दोस्तों यहां पर हमने आपको कुछ बेसिक चीजों या फिर यूं कहें कि सुविधाओं को बारे में जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है। बिना इन सुविधाओं और बेसिक चीजों के किसे दी डेयरी फॉर्म बिजनेस की कल्पना करना नामुमकिन है।

डेयरी फार्म बिजनेस में काम आने वाले मुख्य उपकरण -

दोस्तों पारंपरिक तौर पर यह बिजनेस मैन पावर वाला व्यापार था। पहले के समय में जब डेयरी फार्मिंग का बिजनेस किसी व्यवसायी द्वारा किया जाता था तो उसमें मैन पावर के साथ ही इस बिजनेस को आगे बढ़ाया जाता था। जिससे इस व्यवसाय में काम कर रहे मजदूर को भी कुछ पैसे मिल जाते थे। लेकिन आज के बढ़ते इस आधुनिक दौर और मशीनी युग में डेयरी फार्म के लिए भी मशीनें बाजार में उपलब्ध है तो चलिए जानते हैं कि डेयरी फार्म बिजनेस में ऐसे कौन से उपकरण हैं जो इस्तेमाल में लाए जाते हैं जिनका इस्तेमाल आपको भी इस बिजनेस को शुरुआत में करना होगा।

1 - डेयरी पशु आवास उपकरण -

दोस्तों डेयरी पशु आवास उपकरण जहां हम अपने गाय-भैंसों को रखेंगे। क्योंकि हम एक ऐसा बिजनेस कर रहे हैं जिसमें हमें पशुओं को अच्छे से रखने की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें उनके रहने के लिए आवास भी अच्छी तरीके से बनाने होंगे। क्योंकि हमारे पास गाय-भैंस हर समय रहेंगे और इसलिए हर मौसम चाहे वह गर्मी, सर्दी, बरसात हर मौसम में उनका ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसलिए हमें उनके रहने की जगह का चुनाव और उनके रहने की जगह को इस तरीके से बनाना होगा कि वह हर मौसम में अपने आप को उस जगह पर आरामदायक और महफ़ूज महसूस करें।

2 - धुंध शीतलन प्रणाली -

दोस्तों धुंध शीतलन प्रणाली के बारे में बताएं तो इस प्रणाली के तहत हम जानवरों के रहने वाले जगह के वातावरण को उनके रहने के अनुकूल बनाते हैं। मसलन ज्यादा जानवरों के एक साथ रहने पर वहां का वातावरण गर्म हो सकता है। इस प्रणाली के तहत हम वहां के वातावरण को उनके अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं। जिससे जानवरों को रहने में आसानी हो और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे जिससे हमारे बिजनेस पर उनके स्वास्थ्य का असर ना पड़े।

3 - डेयरी फार्मिंग में खिला उपकरण -

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में गायों को खाना खिलाने के लिये जिस यंत्र का उपयोग किया जाता है उसे हमे खिला उपकरण कहते है। इस उपकरण की सहायता से हम गायो को खिलाने वाले भोजन को तैयार कर सकते है। इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी के लिए इस उपकरण को रखना आवश्यक होता है।

4 - हरा चारा कटर -

इंसान हो या जानवर अगर हर किसी को खाना अच्छे से दिया जाए तो वो उससे बड़े प्यार से खाता है। मसलन अगर हम गाय और भैंस को उनका चारा छोटे छोटे टुकड़ों में देंगे तो उन्हें अपने भोजन को खानें और पचाने में आसानी होगी। हरे चारे को छोटा छोटा काटने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे हरा चारा कटर कहते है और इस उपकरण की सहायता से हम गायो और भैंसों के हरे चारो को मिंटो में आसानी से छोटा छोटा काट कर उनको खिला सकते हैं।

5 - भूसा काटने वाली मशीन -

दोस्तो ज्यदातर गायो को भूसा ही खिलाया जाता हैं जो खाने में उन्हें अच्छा लगता हैं। लेकिन जब हम बाजार से उनके लिए भूसा खरीदते हैं तो वो उनके खाने के लिए अनुकूल नही होते हैं। जिसे उनके खाने के लिए बनाने के लिए उसे मशीन में डाल कर छोटा छोटा काटा जाता है और जिस उपकरण के साथ ये प्रक्रिया पूरी की जाती है उसे ही हम भूसा काटने की मशीन कहते हैं। जिसकी सहायता से भूसा बड़ी आसानी से कट जाता है और गायों को उसे खाने में भी आसानी होती है।

6 - चारा ग्राइंडर -

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस मशीन की सहायता से गायो के चारो को ग्राइंड यानी मिलाया जता है। दोस्तो इस मशीन की सहायता से गाय के चारो की कटिंग और क्रासिंग होती है जो इस मशीन में लगे ब्लेड बड़ी आसानी से करते हैं। इस मशीन की मदद से अनाज को मिलाया जाता है और गाय के खाने के अनुकल तैयार किया जाता है।

7 - दुध दुहने कि मशीन -

दोस्तों पहले गायों से दूध धोने का काम हाथों से किया जाता था लेकिन जो कि अब यह व्यवसाय बड़े पैमाने पर हो रहा है तो इसके लिए मशीनों की सहायता लेना जरूरी हो गया है। दोस्तों आजकल बाजार में गाय के दूध को दोनों के लिए मशीनें भी उपलब्ध है जहां एक और हम गाय से दूध दुहने के लिए एक आदमी द्वारा 10 मिनट लिया जाएगा तो वही आज मशीन की सहायता से हम 10 मिनट में कई गायों के गाय को देख सकते हैं। जिसमें हमारा समय बचता है अगर आप इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर कर रहे हैं तो आपके पास दूध ढूंढने की मशीन में होना आवश्यक है।

8 - स्वचालित मशीन -

क्योंकि इस मशीन से गाय का दूध निकालना सही तो नहीं है क्योंकि इससे गाय को थोड़ी तकलीफ होती है। लेकिन इस मशीन से इस विधि द्वारा हम गाय के दूध को बड़ी तेजी से मिनटों में निकाल सकते हैं। हाथ की अपेक्षा इस स्वचालित मशीन से दूध अधिक तेजी से निकलता है।

9 - दुग्ध पाइपलाइन -

दोस्तों डेयरी फार्म में गाय से दूध को निकालने और उसे एक जगह टैंक में एकत्रित करने के लिए जिस पाइप को मशीन से टैंक में दूध लाने के लिए जोड़ा जाता है उसे हम दुग्ध पाइपलाइन कहते हैं। इस पाइप को एक और टैंक में और एक और गाय के निप्पल से दूध निकालने वाली मशीन में जोड़ा जाता है। जिससे गाय का दूध सीधे निकल कर एक जगह टैंक में बिना कहीं गिरे एकत्रित होता है और गाय से निकली हुई दूध को एक जगह टैंक तक एकत्रित करने का काम यही दुग्ध पाइपलाइन ही करते हैं।

10 - पाश्चराइज्ड उपकरण -

दोस्तों डेयरी फार्म व्यवसाय में सबसे अहम मशीन यह पाश्चराइजर उपकरण ही होता है। गाय से निकले हुए दूध को सीधा हम बेचने के लिए बाहर नहीं भेज सकते हैं। इस मशीन के द्वारा हम गाय के दूध को उचित तापमान पर गर्म रखते हैं और हिलाते हुए ठंडा करते हैं। 

जिसमें इसमें उपस्थित जीवाणु जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसान दाई होते हैं नष्ट हो जाते हैं। डेयरी फार्म में गाय से निकले हुए दूध को  पाश्चराइज्ड प्रक्रिया के तहत ही लोगों के पीने के लिए उपयुक्त बनाने के बाद ही इसे पैकेजिंग के लिए आगे भेजा जाता है। एक तरीके से गाय के दूध को लोगों को पीने लायक शुद्ध करने के लिए इस प्रक्रिया को डेयरी फार्म में अपनाया जाता है जिसे पाश्चराइज्ड उपकरण कहते हैं।

11 - सेपरेटर -

दोस्तों डेयरी फार्म में दूध से क्रीम को अलग करने की प्रक्रिया भी की जाती है और उससे अलग-अलग चीजें बनाई जाती हैं। तो एक डेयरी फार्म व्यवसाय में दूध से क्रीम को इसी सेपरेटर प्रक्रिया के तहत पूरा किया जाता है। जिसके लिए फार्म में अलग से जगह बनाई जाती है और दूध से क्रीम को अलग करने की इस प्रक्रिया में जिन मशीनों का इस्तेमाल होता है। वह प्लास्टिक, अलुमिनियम, स्टील आदि के हो सकते हैं जिसके माध्यम से हम दूध से क्रीम ,दही ,मक्खन घी,छाछ आदि बनाते हैं।

12 - टैंक -

दोस्तों क्योंकि हम डेयरी फार्म जैसा बड़ा व्यवसाय कर रहे हैं जिसमें हम ढेर सारे गायों से दूध इकट्ठा करते हैं। तो इन दूध को इकट्ठा करने के लिए हम टैंकों का इस्तेमाल करते हैं गायों से निकले हुए दूध का बड़ा बैच इन टैंकों में ही इक्कठा किया जाता है जिसमें हमारे दूध लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।

13 - दुध कि टंकियां -

दोस्तों डेयरी फार्मिंग व्यवसाय में गायों से निकले हुए दूध और उससे बने हुवे अन्य पदार्थों या सामानों को अधिक से अधिक समय तक ताजा और फ्रेश रखने के लिए टैंको में उन्हें एकत्रित करना होता है और यह टैंक अलग अलग तरीके के होते हैं। जिन्हें प्री- स्टैक टैंक, दूध टैंक, अंतरिम टैंक और मिक्सिंग टैंक कहते हैं।

डेयरी फार्म बिजनेस शुरू करने से पहले के मुख्य चरण -

दोस्तों अगर आप डेयरी फार्म बिजनेस खोलने के बारे में सोच रहे हैं और आपको यह नहीं पता कि उस बिजनेस को खोलने के लिए उठाने वाले पहले कुछ कदम क्या होंगे तो चलिए अब हम आपको इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। -

1 - योजना बनाएं -

दोस्तों व्यवसाय कोई भी हो उसे शुरू करने से पहले एक निर्धारित योजना बनाना बहुत ही आवश्यक है। ठीक इसी तरह एक डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने के लिए व्यवसाई को उसके हर पहलुओं पर योजना बनाने की आवश्यकता होती है। जैसे कि जानवरों के रहने, खाने, उसके स्वास्थ्य से संबंधित सभी देखरेख आदि। एक शब्द में कहा जाए तो इस व्यवसाय में गाय या भैंस के हाउसिंग, फीडिंग, ब्रिडिंग, उनकी संख्याओं का एक योजनाबद्ध तरीके से लक्ष्य बनाना और उस पर ही आगे बढ़ना इस व्यवसाय में कदम रखने वाले व्यवसाय के लिए लाभदायक हो सकता है।

2 - आसपास डेयरी रिसर्च करें - 

एक डेयरी फार्म व्यवसाई को इस व्यवसाय में कदम रखने से पहले खुद पहले कई डेयरी फार्म का रिसर्च जरूर कर लेना चाहिए। इसके लिए आप चाहे तो कुछ दिन किसी डेरी फार्म में काम करके भी इस बिजनेस से संबंधित सभी जरूरी काम आने वाली चीजों और उसे चलाने के लिए आवश्यक निवेश के बारे में जमीनी स्तर पर पता कर पाएंगे। 

यही नहीं अगर आप डेयरी फार्म की जानकारी लेने के लिए किसी डेयरी फार्म का रिसर्च कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसके मालिक से जितनी ज्यादा से ज्यादा जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं उन सवालों को लिस्ट बनाकर रखें और वहां जाने पर उससे पूछ कर अपने संसय का निदान कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि जब आप किसी डेयरी फार्म का रिसर्च करने जाएं तो वहां के व्यक्ति को यह ना बताएं कि आप भी यह व्यवसाय करना चाहते हैं। वरना कोई भी प्रतिद्वंदी अपने प्रतिद्वंदी को सारी बातें नहीं बताता जिससे जानकारी के अभाव में इस व्यवसाय में आपको घाटा भी हो सकता है।

3 - पशुओं से संबंधित जानकारी इकट्ठी करें -

दोस्तों क्योंकि डेयरी फार्म व्यवसाय एक पशुपालन व्यवसाय है। इसलिए इस व्यवसाय में आने से पहले  गाय-भैंसों से संबंधित जानकारी भी प्राप्त करना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता है। मसलन कि जब हम एक डेयरी फार्म में गाय भैंसों को रखेंगे तो उसके लिए हमें किन किन बातों को ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जानवरों को किस चीज से परेशानी होती है और उन्हें क्या खाने पीने से नुकसान होता है या क्या खाना पीना उनके लिए फायदेमंद है। 

किस मौसम में यह जानवर किस तरीके का व्यवहार करते हैं आदि। इन सभी बातों कि भी जानकारी रखना इस व्यवसाय में हमारे लिए जरूरी हो जाता है। इसके लिए हम नजदीकी पशु चिकित्सक से मिलकर पशुओं के बारे में और जानकारी भी प्राप्त कर सकते है।

4 - वित्तिय प्रबंधन -

दोस्तों जब तक आप आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होंगे आप किसी भी बिजनेस को अच्छे से नहीं कर सकते हैं। वैसे तो आप शुरुआती दौर में इस बिजनेस को कम निवेश के साथ भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। लेकिन अगर आप इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर खोलने की सोच रहे हैं तो आपको अच्छे से वित्तीय प्रबंध करने की आवश्यकता है। 

मसलन बड़े पैमाने पर इस व्यवसाय को खड़ा करने के लिए जानवरों के रहने की अच्छी व्यवस्था उनके खाने-पीने की सभी पोषक सामग्रियों को जुटाना पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी दवाओं और रूटीन चेकअप में भी आपके पैसे खर्च होंगे। इन सभी बातों का बारीकी से ध्यान रखते हुए इन पर रिसर्च करने के बाद ही आप इस बिज़नेस में बड़े पैमाने पर निवेश करने के बारे में सोचे।

5 - स्थान का चयन -

इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले जिस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है वह है स्थान का चयन। दोस्तों इस व्यवसाय में कदम रखने से पहले हमें अपने डेयरी फार्म को खोलने के लिए अच्छी जगह चुनने की जरूरत होती है। जैसे कि जब हम पशुओं को रखेंगे तो हमें जगह इतनी पर्याप्त चाहिए कि कई पशु एक साथ आसानी से रह सके। वही आपको कुछ मशीनें लगाने की भी जरूरत होंगी जिसके लिए आपको पर्याप्त जगह चाहिए होगी। 

और इन सबसे बड़ी बात कि आप अपना डेयरी फार्म एक ऐसी जगह खोलें जहां से आप अपने उत्पाद को शहरों तक ले जाने में आसानी हो। वही अगर आप डेयरी फार्म में दूध किसानों से ले रहे हैं तो उन्हें आपके डेयरी फार्म तक पहुंचने में ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े।

6 - स्थान में निर्माण -

दोस्तों यह बात तो आपने सुनी होगी कि मन स्वस्थ तो तन स्वस्थ और यह बात सिर्फ मनुष्य पर ही नहीं पशु पक्षियों और जानवरों पर भी लागू होती है। क्योंकि आप एक पशुपालन डेयरी फार्म जैसा व्यवसाय शुरु कर रहे हैं इसलिए इसमें आपको पशुओं को रखने के लिए उचित जगह की आवश्यकता होती है। जिससे कि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे वह रोगों से बचे रहें और आपके लिए अधिक से अधिक दूध का उत्पादन कर पाए। इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें अच्छे से रहने के लिए बेहतरीन जगह उपलब्ध कराएं आमतौर पर एक पशु को रहने के लिए 40 वर्ग फीट और खुली जगह मे 80 वर्ग फीट के जगह की आवश्यकता पड़ती है। 

अगर आप यह व्यवसाय छोटे स्तर पर कर रहे हैं तब भी आपको लगभग 3000 स्क्वायर फीट के जगह की आवश्यकता होगी और अगर आप यह व्यवस्थाएं लगभग 100 पशुओं के साथ शुरू कर रहे हैं तो जगह के लिए आपको 15000 स्क्वायर फीट से लेकर 17000 स्क्वायर फीट तक की जरूरत होगी। जगह का निर्माण कराते समय आप इस बात का ध्यान अवश्य दें कि पशुओं के रहने वाले शेड के अंदर ताजी हवा का आना जाना उनके बैठने उठने से लेकर खाने तक के लिए पर्याप्त जगह हो जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

7 - कर्मचारी चयन -

दोस्तों जाहिर है कि मशीनीकरण के इस दौर में यूं तो डेयरी फार्म का अधिकतर काम मशीनों से ही हो जाता है। लेकिन फिर भी इसमें कुछ ऐसे काम है जिनके लिए मजदूरों की आवश्यकता पड़ती ही है। क्योंकि यह पशुओं की देखभाल का एक अहम व्यवसाय है और इसलिए इसमें आपको कुछ पारिश्रमिक मजदूरों को रखने की भी आवश्यकता होती है। इसलिए मजदूरों के चयन में ध्यान दें कि वह पारिश्रमिक हो और इसके साथ ही उनके पास इस तरह के कामों को पशुओं के देखभाल का आवश्यक जानकारी और ज्ञान हो।

डेयरी फार्म बिजनेस कैसे शुरू करें?

चलिए दोस्तों हम आपको बताते हैं कि आप अपने डे यरी फार्म बिजनेस प्लान को कैसे शुरू कर सकते हैं और इसके लिए आपको किन चीजों को लेने और किन चीजों का निर्माण कराने की आवश्यकता होगी आइए जानते हैं। -

1 - शेड निर्माण -

दोस्तों जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि डेयरी फार्म व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे पहले तो हमें जानवरों के रहने के लिए व्यवस्था करनी होगी। जिसके लिए हमे शेड यानी छप्पर का निर्माण करना होगा। छप्पर यानी कि शेड निर्माण करते समय आपको इस बात का खासतौर पर ध्यान रखना होगा कि एक पशु के रहने के लिए कम से कम 40 वर्गफीट जगह, वही खुले में 80 वर्गफीट जगह की आवश्यकता होती है। वही अगर आप यह डेयरी फार्म कम पशुओं के साथ शरू कर रहे हैं जैसे कि लगभग 20 गाय है तो उसके लिए लगभग 3000 स्क्वायर फिट जगह की जरूरत होगी। 

लेकिन वही दूसरी ओर इस बिज़नेस को बड़े स्तर पर लगभग शुरुआत में ही 100 गाय- भैस के साथ शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आपको जगह का चुनाव भी बहुत बड़ा करना होगा। इसके लिए हमे लगभग 15000 से 17000 स्क्वायर फिट जगह की आवश्यकता होगी। जिसमें हमारे पशु आराम से रह सके और अच्छे वेंटिलेशन और अच्छे स्वास्थ्य के साथ हमारे लिए ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादित करे। शेड निर्माण के साथ-साथ उसके हाइजीन का भी ख्याल रखना आवश्यक होता है। 

जिससे कि पशुओं के स्वास्थ्य पर गंदगी से कोई असर ना पड़े और पशुओं के आराम से रहने के लिए और उसमें किसी तरीके से पानी का ठहराव ना हो उसके लिए जमीन को अच्छी तरीके से अनुकूल रूप से तैयार करना भी आवश्यक होता है।

2 - चारा प्रबंधन -

दोस्तों जाहिर सी बात है कि यदि हमें पशुओं से ज्यादा दूध उत्पादित कराना है तो उसके लिए हमें उनको चारा भी भरपूर देना होगा। जिसके लिए आपको उनको हर तरीके के पौष्टिक आहार का प्रबंध करने की जरूरत होगी। गाय-भैंसों को हम चारा तो खिलाते हैं इसके अलावा भी हमें उन्हें कुछ पौष्टिक खाद्य पदार्थों को देना जरूरी होता है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि गाय-भैंसों को 3 तरीके से खाना देना होता है जैसे कि सूखा चारा, हरा चारा और खनिज मिश्रण। 

सूखे चारे में गाय को भूसा, पुआल, चोकर जैसे खाने के पदार्थ देते हैं। तो वहीं हरे चारे में ऐसे हरे घास जिममें प्रोटीन की मात्रा हो को गाय-भैंसों को चारे के रूप में देते हैं जैसे चना, मक्का, मसूर, संकर घास, तो वही खनिज की कमी से बचाने के लिए उन्हें खनिज युक्त खाद्य पदार्थों को देना आवश्यक होता है। जिससे उनके खाने-पीने से संबंधित पौष्टिक आहार में किसी प्रकार की कमी ना हो और उनके खाने की आपूर्ति उनके खुराक के हिसाब से बनी रहे। दोस्तो आपको बता दे कि अनुमानतं एक गाय -भैंस के खुराक में एक व्यवसाई के प्रतिदिन का खर्च 200 से 250 रुपये प्रतिदिन का खर्च हो सकता है।

3 - जल आपूर्ति -

दोस्तों शेड में पशुओं के पीने के लिए पर्याप्त पानी और जहां पर उनके रहने का स्थान उस जगह कि साफ सफाई के लिए स्वच्छ पानी की भरपूर व्यवस्था करना आवश्यक होता है। पानी की आवश्यकता सिर्फ पशुओं को ही नहीं अगर आप उनके लिए हरा चारा खुद ही उगा रहे हैं तो उसके लिए भी आपको पर्याप्त पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए आप अपने डेयरी फार्म में बोरिंग भी करा सकते हैं या फिर बड़ा टैंक बनवा कर भी उसको अच्छे से भरकर डेयरी फार्म में आवश्यकता पड़ रहे जल की आपूर्ति को पूरा कर सकते हैं।

4 - डेयरी नस्लों का चयन -

दोस्तों इस व्यवसाय की खास बात यह है कि आप अपने सुविधा अनुसार और वातावरण के अनुकूल नस्लो का चुनाव कर सकते हैं। जो गाय भैस  ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करते हो उनकी कुछ ऐसी देशी और विदेशी नस्ले है जो भारत मे हर मौसम के मुताबिक अपने आप को अनुकूल रखती है और दूध भी ज्यादा देती हैं। जिनमें भारतीय साहीवाल, एचएफ गायों (होल्सटीन पश्चिमी) की क्रॉस ब्रीड या लाल सिंधी, साहीवाल या जर्सी ये उन नस्ल की गायो में से मानी जाती है जो लगभग 20 से 25 लीटर दूध प्रतिदिन देती हैं। 

एक व्यवसाई को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि अच्छे व्यवसाय के लिए अच्छे नस्ल की गायों का चुनाव करना डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए कितना आवश्यक होता है। एक डेयरी फार्मिंग व्यवसाई को इसके लिए अपने आसपास के खेतों का भ्रमण करें और विभिन्न नस्ल की गायों का पता लगाएं जो व्यवसाय के हिसाब से उपयुक्त है और हमारे लिए लाभकारी हैं जिसे चुनकर हम अपने व्यवसाय में आगे लाभ कमा सकते हैं।

5 - प्रबंधन देखभाल -

दोस्तों कोई भी व्यवसाय को चलाने के लिए अच्छे प्रबंधन या फिर यूं कहें एक बेहतरीन मैनेजमेंट टीम का होना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए आपको अपने डेयरी फार्म के प्रबंधन और उसके देखभाल पर भी ध्यान देने की भी बहुत आवश्यकता है। आपको समय-समय पर अपने डेयरी फार्म का निरीक्षण करते रहने की आवश्यकता है और आपके डेयरी फार्म में किस प्रकार के सामान और किसी प्रकार क्षति हो तो उसकी मरम्मत करना आवश्यक होता है। इसके साथ ही आपको अपने पशुओं के रहने वाली जगह और डेयरी फार्म में प्रयुक्त हो रहे हैं मशीनों का समय-समय पर चेकिंग करना भी बहुत आवश्यक है। 

वही पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को समय-समय पर इकट्ठा करते रहना और अपने डेयरी फार्म के आय-व्यय का प्रबंधन और देखरेख करना भी डेयरी फार्म व्यवसाय में आवश्यक होता है। अगर अपने व्यवसाय का प्रबंधन और मेंटेनेंस आप स्वयं कर रहे हैं तो यह आपके लिए और जिम्मेदारी भरा काम हो जाता है। इसके लिए आपको हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता होती हैं कि हमारे डेयरी फार्म में कब किस तरीके की समस्या आए और उसे किस तरीके से उसका निदान करना है इन सब का ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। हालांकि आप चाहे तो इसके लिए किसी अनुभवी व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं।

6 - टिकाकरण कार्यक्रम -

दोस्तों डेयरी फार्म में आपको समय-समय पर अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्योंकि आपके बिजनेस का आधार ही गाय -भैंस है अगर उनके स्वास्थ्य पर कोई असर होगा तो उसका सीधा प्रभाव आपके व्यवसाय पर पड़ेगा। इसलिए आपको अपने पशुओं की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियों को समय-समय पर एकत्रित करने और पशु चिकित्सक से परामर्श के साथ उनके टीकाकरण के कार्यक्रम को भी चलाना आवश्यक होता है। 

जिससे समय-समय पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी हमें मिलती रहें और समय-समय पर उनके जरूरी टीकाकरण भी होते रहे जिससे कि ना पशुओं के स्वास्थ्य पर कोई हानि हो और ना ही आपके व्यवसाय पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव पड़े।

7 - गाय और भैंसों से दूध निकालना -

इन सभी बातों पर ध्यान देने के बाद आपको इस बात पर ध्यान देना है कि आप गाय भैसों का दूध कैसे निकालेंगे और उसे किस तरीके से स्टोर करेंगे। दोस्तों आप डेयरी फार्म का व्यवसाय ही दूध और उससे जुड़े उत्पादों को बेचने के लिए कर रहे हैं। इसलिए आपके लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि गाय भैंस आपके लिए ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करें। लेकिन पशुओं के दूध उत्पादन करने के बाद आप उसको किस तरीके से निकालेंगे और कैसे रखेंगे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। 

अगर आप इस काम के लिए किसी व्यक्ति को रखते हैं तो वह लगभग एक गाय से दूध निकालने में 10 मिनट का समय लेगा और इसमें काफी वक्त लग जाएगा। लेकिन यही काम मशीनें बहुत ही कम समय में ज्यादा से ज्यादा दूध निकालकर एकत्रित कर देंगे जिसे आप बड़े बड़े टैंको में एकत्रित करके ज्यादा समय तक फ्रेश रखकर उसकी पैकेजिंग करके बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं। इसलिए हमें गाय भैंसों से दूध निकालने की प्रक्रिया पर भी बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

डेयरी फार्म बिजनेस का मार्केट डिमांड -

दोस्तों जब भी कोई भी बिजनेस शुरू करते हैं तो उसकी मार्केट डिमांड का ध्यान हमें रखना बहुत जरूरी होता है। आज हम देख रहे होंगे कि हमारी बढ़ती आबादी है पूरी आबादी को दूध मिलना मुश्किल हो रहा है।ऐसे मे डेयरी उद्योग काफी तेजी से विकास कर रहा है और यह एक ऐसा उद्योग है जिसमें कभी मंदी नहीं आ सकती। क्योंकि इस दुनिया में दूध की मांग कभी कम नहीं होती। बल्कि आने वाले दिनों के साथ ही बढ़ती ही जा रही है। इसलिए की मार्केट डिमांड काफी अच्छी है और इसका बिजनेस करना भी अच्छा रहेगा।

डेयरी फार्म बिजनेस में लागत -

दोस्तों के साथ कोई भी हो उसमें हमें कम या ज्यादा निवेश तो करना ही होता है। डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसे आप केवल एक पशु से भी शुरू कर सकते हैं। दोस्तों मान लेते हैं कि हम डेयरी उद्योग 10 पशुओं से शुरू कर रहे हैं। उसके लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाना होगा जगह का निर्माण छत का निर्माण यदि इन सभी को जोड़ा जाए तो 50 हजार रूपये तक खर्च होंगे। उसके बाद उनके चारा की व्यवस्था, दवाई चिकित्सक कर्मचारी का खर्च इन सभी को जोड़ा जाए तो 5 से 6 लाख तक का बजट आएगा।

डेयरी फार्म बिजनेस व्यापार का पंजीकरण -

दोस्तों जब भी हम कोई भी बिजनेस शुरू करते हैं। तो उसका पंजीकरण कराना बहुत जरूरी होता है बिना पंजीकरण के हम मार्केट में काम को शुरू नहीं कर पाते। हर चीज का अलग अलग तरीके से पंजीकरण होता है वैसे ही दूध या डेरी संबंधी प्रोडक्ट का बिजनेस का अगर पंजीकरण किया जाए तो वह भी अलग तरीके से होता है। इसलिए जब भी आप डेयरी स्टार्ट करें तो उसका नाम जरूर सोच ले। आप जहां पर भी यह डेयरी उद्योग शुरू करना चाहते हैं वहां के स्थानीय प्राधिकरण बोर्ड में जाकर पंजीकरण कराएं। FSSAI लाइसेंस और वैट पंजीकरण कराने की भी आवश्यकता पड़ती है। 

इसमें आपका जो भी खर्च आएगा वह खर्च आपको खुद ही वहन करना पड़ेगा। इसके अलावा आपको कुछ और लाइसेंस और टेक्स् के लिए भी आवेदन करना होता है। जो कि आपके बिजनेस आय और व्यय पर निर्भर करता है। निम्नलिखित दस्तावेजों के बिना आप डेयरी फार्म बिजनेस प्लान को शुरू नहीं कर सकते हैं इसलिए डेयरी व्यवसाय को शुरू करने से पहले इन सभी आवश्यक दस्तावेजों व्यापार लाइसेंस और टैक्स से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को जरूर प्राप्त कर लें।

डेयरी फार्म बिजनेस रिस्क -

दोस्तों कोई भी हो बिना जोखिम के हम उसमें आगे नहीं बढ़ सकते हैं। हालांकि यह अलग बात है की हर क्षेत्र में अपने अलग-अलग तरह के जोखिम होते हैं। जिनका हमे कभी ना कभी सामना करना ही पड़ता है। ठीक इसी तरह डेयरी फार्म बिजनेस में भी कुछ जोखिम है। अगर आप निम्नलिखित बातों का अच्छे से ध्यान रखेंगे तो आपको नुकसान होने की गुंजाइश बहुत ही कम हो जाएगी।

1. अच्छी नस्ल की गाय और भैंस की खरीदी इससे आपका बिजनेस अच्छा चलेगा अगर गाय और भैंस अच्छी नहीं रही तो डेरी बिजनेस डूब भी सकता है।

2. पशुओं की अच्छी देखभाल करें जिससे वह स्वस्थ रहें और अच्छा दूध दे अगर पशु बीमार रहा तो दूध भी बीमार ही रहेगा। समय-समय पर उनकी जांच करवाएं और उनकी वैक्सीनेशन भी करवाते रहें ताकि वह बीमार ना पड़े।

3. पशुओं को कभी भी इंजेक्शन से दूध ना पैदा करें उन्हें चारा पानी और भूसे से ही दूध की मात्रा बढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें ताजा और हरा भरा भोजन उपलब्ध कराएं बांसी और दूषित भोजन से वह बीमार पड़ सकते हैं।

4. अगर इसके बिजनेस की बात करें तो सभी कागजी कार्रवाई को दुरुस्त रखें। ताकि भविष्य में आप लोन हेतु भी आवेदन कर सकें।

5. गाय और भैंस की स्वास्थ्य के साथ साथ आसपास के वातावरण पानी इत्यादि के साफ सफाई  का भी ध्यान रखें।

6. इन सबके साथ डेयरी फार्म बिजनेस में प्रबंधन का भी अपना अलग महत्व है इसलिए एक दुरुस्त प्रबंधन टीम को तैयार करें जिससे आपको बिजनेस में ना हो और आप हमेशा इस क्षेत्र में बने रहे।

डेयरी बिजनेस हेतु लोन -

दोस्तों अगर आप भी डेयरी फार्म बिजनेस प्लान शुरू करने या फिर उसे आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं और अगर आपके पास वित्त व्यवस्था की कमी है तो आप सरकार के द्वारा इस व्यवसाय के लिए प्रदान की जाने वाली लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं। निम्नलिखित बैंकों में लोन हेतु आवेदन करने के लिए प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज अलग अलग हो सकते हैं। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार नीचे दिए गए किसी भी बैंक में लोन हेतु आवेदन कर इस व्यवसाय को शुरू अथवा आगे बढ़ा सकते हैं।

1 - NABARD डेयरी योजना -

दोस्तों नाबार्ड डेयरी योजना के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि नाबार्ड क्या होता है। दोस्तों ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाई और उसके उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा एक बैंक का निर्माण किया गया। जिसे नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट यानी नाबार्ड कहा जाता है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को उनके व्यवसाय में आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस बैंक द्वारा लोन दिया जाता है। 

इसी के तहत डेयरी फार्म के व्यवसाय के लिए भी लोन देने के लिए एक योजना चलाई जाती है।‌ जिसे डेयरी उद्धम विकास योजना कहते हैं जो नाबार्ड के तहत चलाई गई योजना है। इसके अंतर्गत आप ऐसे व्यवसायी जो डेयरी फार्म का व्यवसाय करना चाहते हैं या फिर डेयरी फार्म का व्यवसाय कर रहे हैं और अपने व्यवसाय में और विकास चाहते हैं तो इसके लिए वह नाबार्ड के इस डेयरी उद्धम विकास योजना के तहत अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए लोन ले सकते हैं। 

हालांकि इस योजना के अंतर्गत आपको लोन आपके गायों की संख्या पर निर्भर करता है जैसे कि अगर आप 10 गायों के साथ अपना यह व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो आपको 7.5 लाख तक का लोन मिल सकता हैं।जिसमें आपको 25- 33 के अनुपात में सब्सिडी भी दी जाती है और मतलब कि यदि आप ओबीसी जाति वर्ग में आते हैं तो आपको 25% की सब्सिडी लोन प्रदान कि जाएगी। वहीं यदि आप महिला या SC-ST जाति वर्ग के अंतर्गत आते हैं तो आपको 33.33% की सब्सिडी दी जाएगी। 

तो यदि आप बैंक से 7.5 लाख का लोन लेते हैं तो आपको 1.75 लाख की सब्सिडी दी जाएगी। मतलब कि आप को बैंक को सिर्फ 5.25 लाख ही बैंक को चुकाने होंगे। इस लिहाज से हम यह कह सकते हैं कि यह आपके लिए बहुत ही बेहतरीन सौदा साबित हो सकता है।

2 - SBI डेयरी फार्म बिज़नेस लोन –

दोस्तों आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए एसबीआई से भी डेयरी फार्म बिजनेस लोन ले सकते हैं। दोस्तों एसबीआई इंडिया का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक है जिसके बारे में हर कोई जानता है। इस बैंक द्वारा वर्षों से ही हर किसी को उसके जरूरतों के लिए लोन मुहैया कराया जाता है तो और अब अगर आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस के लिए भी एसबीआई से लोन ले सकते हैं। एसबीआई कोई भी सिंगल व्यक्ति या फिर पार्टनरशिप में काम कर रहे व्यक्तियों, ट्रस्ट, कंपनी ऐसे लोग एसबीआई से डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए लोन प्राप्त करने के लिए एलिजिबल होते हैं। 

एसबीआई डेयरी फार्म के लिए लोन कम से कम इस बात पर देता है कि आपके यहां 1000 लीटर दूध की उत्पादन होती हो। वही आप एसबीआई से डेयरी फार्म हेतु लिए गए लोन को 7 वर्ष तक के न्यूनतम अवधि तक लोन चुका सकते हैं। इस लोन को लेने के लिए आपको अपने कुछ पर्सनल डॉक्यूमेंट को एसबीआई बैंक में जमा करना होता है। जिसमें आपके आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कुछ बिजनेस डाक्यूमेंट्स जमा किए जा सकते हैं। दोस्तों आप एसबीआई डेयरी लोन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए एसबीआई की ऑफिशियल साइट पर भी लॉगइन कर सकते हैं।

3 - PMMY के तहत मुद्रा लोन : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया -

दोस्तों देश में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक योजना लाई गई जिसका नाम है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना। इसके तहत ग्रामीण व शहरी इलाकों में अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए बैंकों द्वारा कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से आप 3 तरीके के लोन के द्वारा अपने डेयरी फार्म उद्योग के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत आपको  50 हजार से 10 लाख तक का लोन मिल सकता है लेकिन यह लोन तीन श्रेणियों में बांटा गया है। 

यह श्रेणीयों हैं शिशु, किशोर और तरुण जहां शिशु कैटेगरी के अंतर्गत आपको 50 हजार तक का लोन मिल सकता है, वहीं किशोर कैटेगरी के लिए आपको 50 हजार से 5 लाख तक का लोन दिया जाता है और आखिरी मे वही तरुण कैटेगरी में आपको 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के पीएम मुद्रा योजना के तहत आपको लोन दिया जाता है। यही नहीं अगर आप समय से बैंक द्वारा ली गई राशि का भुगतान कर देते हैं तो आपको ब्याज दरों में माफी भी मिल जाती हैं।

4 - पीएनबी डेयरी फार्म लोन – पंजाब नैशनल बैंक

दोस्तों डेयरी फार्म व्यवसाय शुरू करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक भी व्यवसायी को लोने देता है। पंजाब नेशनल बैंक तीन कारणों के लिए आपको डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए लोन देता है। जिसमें पहला पशु पालन करके पैसे कमाना, वहीं किसी बछड़े को खरीद कर उसे बड़ा करके दूध देने से पहले उसे बाजार में बेचने में, वहीं तीसरा किसी इनोवेटिव आइडियाज के साथ जैसे गाय ब्रीडिंग सेंटर या फिर मिल्क प्रोड्यूसर सेंटर आदि जैसे डेयरी फार्म के व्यवसाय के लिए पंजाब नेशनल बैंक व्यवसाई को लोन देता है। 

लेकिन पंजाब नेशनल बैंक लोन देने से पहले व्यवसाय से उसके प्रोजेक्ट रिपोर्ट की डिमांड करता है। यह उसकी एक शर्त है और जिसको पुरा करने के बाद ही आपको लोन मिल पाता है। पंजाब नेशनल बैंक से लिए गए लोन को आप 5 साल तक की अवधि तक जमा कर सकते हैं। पंजाब नेशनल बैंक एक शर्त के साथ में डेयरी व्यवसाय को लोन देता है कि उसके डेरी फार्म में एक गाय कम से कम 6.5 लीटर दूध प्रतिदिन देती हो।

5 - फेडरल बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भी व्यवसायियों को लोन उपलब्ध कराता है। इसमें फेडरल बैंक ऑफ इंडिया एक नया डेयरी फार्म शुरू करने या मौजूदा डेयरी फार्म के विस्तार के लिए लोन देता हैं। इस सुविधा का लाभ सावधि ऋण दुधारू पशुओं/उपकरणों/बर्तनों/वाहनों/चारा/दूध वैन/रेफ्रिजरेटर आदि की खरीद के लिए और पशु शेड के निर्माण/नवीनीकरण/विस्तार के लिए या नकद ऋण हरा चारा उगाने के लिए कार्यशील पूंजी के लिए के रूप में लिया जा सकता है।व्यवसाई को बैंक द्वारा लिए गए ऋण को निश्चित अवधि में ब्याज के साथ लौटना जरूरी होता है। आप अपने व्यवसाय को शुरू करने अथवा उसे आगे बढ़ाने के लिए यहां पर लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं।

6 - बैंक ऑफ इंडिया डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों अपना डेयरी फार्म बिजनेस शुरू करने या अपने डेयरी फार्म के विकास के लिए आप बैंक ऑफ इंडिया से भी लोन ले सकते हैं। बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेने के लिए आपको अपने कुछ डॉक्यूमेंट वहां जमा करने होते हैं। वही अगर आप 1 से 5 लाख तक का लोन लेते हैं तो आपको बिना गारंटी के यह लोन मिल जाता है। बस आपको उनकी मार्जिन को देना पड़ता है जो 15 से 25 तक का होता है।

वही बैंक से लोन ली गई धनराशि पर आपको 12 से 13% तक का ब्याज भी देना पड़ता है। आप बैंक ऑफ इंडिया से अपने डेयरी फार्म के लिए प्राप्त लोन को 5 से 6 साल तक की अवधि के अंदर जमा कर सकते हैं। बैंक ऑफ इंडिया से डेयरी फार्म हेतु प्राप्त लोन को आप नाबार्ड के तहत भी सैंक्शन करा सकते हैं।

7 - केनरा बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों आप अपने डेयरी फार्म के लिए केनरा बैंक से भी लोन ले सकते हैं। केनरा बैंक का एक अलग भी लोन लेने की सुविधा उपलब्ध कराता है जो कि जिसमें केनरा बैंक किसान क्रेडिट कार्ड्स उपलब्ध करता है और इस कार्ड के अंदर कुछ क्रेडिट की लिमिट होती है। जहाँ 50,000 रुपए लिमिट तक कोई मार्जिन नही होता है लेकिन 50,000 रुपए से  अधिक की राशि पर 15% - 20% मार्जिन होता है और इस कार्ड से किसान या डेयरी फार्म व्यवसायी एक लिमिट तक जरुरत के हिसाब से कोई चीज खरीद सकता है।

8 - बैंक ऑफ बड़ौदा डेयरी फार्म योजना -

दोस्तो डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा भी व्यवसाई को लोन देती है बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको कम से कम 60 हजार से 6 लाख तक का लोन देती है और जिसमें मार्जिन 10% होता है। आपको बता दें कि इस लोन को लेने के लिए किसान, कोई आम व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह जैसे लोग इस लोन को लेने के लिए पात्र होंगे। वहीं इस लोन को आप 3 महीने की अवधि से लेकर 5 साल तक की अवधि तक इस लोन की रकम को झुका सकते हैं। 

वह इस लोन को लेने के लिए आपके पास कम से कम 2-6 दुधारू गाय होने चाहिए। जिसकी रिक्वायरमेंट बैंक ऑफ बड़ौदा आप से लोन लेते वक्त कहता है। वही लोन की ब्याज दर आपके द्वारा लोन लेने की आवश्यकता के अनुरूप देना पड़ता है।

9 - HDFC बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तों एचडीएफसी बैंक भारत ही नही दुनिया के टॉप 10 बैंकों में गिना जाता है। क्योंकि यह एक प्राइवेट बैंक है लेकिन प्राइवेट बैंक होने के बाद भी यह अपने ग्राहकों को अच्छी सुविधा देता है। आप अपने डेयरी फार्म बिजनेस प्लान के लिए एचडीएफसी बैंक के बिजनेस ग्रोथ लोन को प्राप्त कर सकते हैं जो आपके लिए लाभदाई हो सकता है। इस लोन को आप कम डॉक्यूमेंट और कम ब्याज दर के साथ प्राप्त कर सकते हैं

एचडीएफसी बैंक से डेयरी फार्म बिजनेस को शुरू करने हेतु लिए जाने वाले लोन के लिए आप उसके ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और लोन के लिए इसकी ऑफिशियल साइट पर ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकते हैं।

10 - ICICI बैंक डेयरी फार्म योजना -

दोस्तो आईसीआईसीआई बैंक द्वारा व्यवसायी 40 लाख तक का लोन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा लोन और उसका ब्याज पूरी तरीके से आपके बिजनेस के प्रकार और आकार पर निर्भर करता है। डेयरी फार्म उद्योग के लिए इस बैंक से लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम 2 से 4 दुधारू गाय होना आवश्यक है। 

डेयरी फार्म व्यवसाय के लिए आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने के लिए कोई भी किसान, आम व्यक्ति, संगठन या एनजीओ लोन प्राप्त कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक से डेयरी फार्म बिजनेस के लिए लोन लेने के लिए अधिक जानकारी आप बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट और टोल फ्री नंबर पर कॉल करके प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों वर्तमान समय में भारत में डेयरी फार्म बिजनेस प्लान बहुत ही तेजी से ग्रो कर रहा है। इसके साथ इसको और बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह के लोन और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।दोस्तों डेयरी फार्म बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जो बहुत ही निम्न स्तर से शुरू किया जा सकता है और शुरुआत में इसमें बहुत ज्यादा लागल लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन धीरे-धीरे जब आपका बिजनेस बड़े स्तर पर पहुंच जाएं तो आप दूध के अलावा अन्य दूध से बने अन्य उत्पादों को अपने डेयरी बिज़नेस में शामिल कर सकते हैं।

हालांकि इसके लिए आपको अलग-अलग तरह के विभिन्न प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है। जो सरकार के द्वारा आपको प्रदान करती हैं। जिसके लिए आपको एक निश्चित समय अवधि काल के बाद आवेदन करना होता है इन सभी लाइसेंस को प्राप्त करने के बाद आप अपने बिजनेस को न सिर्फ रजिस्टर्ड करा सकते हैं बल्कि बड़े पैमाने पर अपने शहर के बाहर भी बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही आप चाहे तो वित्तीय सहायता हेतु हमारे द्वारा प्रदान की गई ऊपर लोन की जानकारी को प्राप्त कर लोन हेतु आवेदन कर सकते हैं। 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको डेरी फ्रॉम बिजनेस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान करने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा ऐसे ही ज्ञानवर्धक आर्टिकल को पढ़ने हेतु जुड़े रहिए हमारे साथ धन्यवाद।

दूध डेयरी खोलने में कितना पैसा लगता है?

दोस्तों अगर आप निम्न स्तर पर एक दूध डेयरी खोलने के बारे में सोच रहे हैं तो आप को कम से कम 1 लाख से 2 लाख रुपए तक इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है। इसके साथ ही अगर हम बड़े स्तर पर दूध डेयरी खोलने की बात करें तो यह लागत बढ़कर 10 लाख से 12 लाख रुपए तक भी हो सकती है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें?

दोस्तों पर हमने डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को शुरू करने से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्रदान किया है आप चाहे तो उसका अनुसरण कर सकते हैं।

एक भैंस पालने में कितना खर्चा आता है?

दोस्तों यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है कि आप किस नस्ल की गाय और भैंसों को पालना चाहते हैं। जहां कुछ गाय और भैंस 1 लाख से 2 लाख रुपए में मिल जाती हैं तो वहीं कुछ गाय और भैंस की नस्लें 40 लाख से 50 लाख रुपए तक के आसपास मिलती है।

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[5 कारण] डेयरी फार्म मे असफल [Management, Cow] | Dairy Farm Business Plan Hindi Milk Farming

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हमारे देश में डेयरी फार्म का बिजनेस सबसे अच्छा और कम बजट का बिजनेस माना जाता है और इसमें कम समय में भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

लेकिन बहुत सारे किसान ऐसे होते हैं जो dairy farm तो Start कर लेते हैं लेकिन कुछ कारणवश असफल हो जाते हैं या तो कर्जा ज्यादा ले लेते हैं या मार्केटिंग का सही जानकारी नहीं हो पाने के कारण डूबते चले जाते हैं या फिर कर्जे में भी दब जाते हैं।

तो अभी हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि क्यों किसान डेयरी फार्म में असफल हो जाते हैं।

Table of Contents

बिजनेस में इंटरेस्टिंग ना होना ( Dairy Farm Business )

अगर आपको dairy farm लंबे समय तक चलाना है और अच्छी खासी कमाई करनी है तो सबसे पहली बात आपको इस बिजनेस के प्रति लगाव होना चाहिए या यूं कहें तो पशुओं के प्रति भी आपको लगाव होना चाहिए।

तभी आप dairy farm business को लंबे समय तक चला सकते हैं क्योंकि अगर आप बिना इंटरेस्ट के डेरी फार्मिंग करते हैं तो एक-दो वर्षों के बाद आपको इसमें बोर लगने लग जाएगा इस बिजनेस में आपको मजा नहीं आएगा इसीलिए इंटरेस्टिंग का होना बहुत जरूरी है।

ब्रीड का अच्छा ना होना

आप सबसे मुख्य बात है डेरी फॉर्म में पशुओं का ब्रीड क्योंकि dairy farm start करने से पहले आपको पशुओं की अच्छी ब्रीड़ की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

क्योंकि अगर आपका ब्रीड अच्छा नहीं होगा तो आपको प्रोडक्शन अच्छा नहीं मिलेगा इसके लिए आप पुराने फार्मर से जरूर पता करें और अच्छी ब्रीड का ही चुनाव करें सस्ती ब्रीड के चक्कर में बिल्कुल भी ना फंसे तभी आप डेरी फॉर्म में सफल हो सकते हैं।

खुद का फार्म में ना जाना

मैंने आपको सबसे पहला पॉइंट डेयरी फार्म के प्रति इंटरेस्टिंग का होना बताया था तो अगर आपको इंटरेस्टिंग होगा तभी आप खुद फॉर्म में जाकर रखरखाव करेंगे और अगर इंटरेस्टिंग नहीं होगा तो आप पूरा काम वर्कर के भरोसे छोड़ देंगे।

तो ऐसे में बहुत ज्यादा नुकसान होगा और आप असफल हो सकते हैं तो अगर आप dairy farm business कर रहे हैं तो समय-समय पर आपको खुद फार्म में जाकर हर चीज management करना होगा या अपने लेबर को समझाते रहना होगा तभी सही से चल पाएगा।

बच्चों की तरह देखरेख जरूरी ( Dairy Farm Business Plan In Hindi )

डेयरी फार्म ऐसा बिजनेस है जिसमें आपको हर समय निगरानी रखनी पड़ती है क्योंकि हर समय कोई ना कोई परेशानी आती रहती है जैसे बिजली की समस्या, पानी की समस्या, चारे की समस्या या और भी बहुत सारी समस्याएं आती रहती है इसीलिए आपको अपने डेयरी फार्म को एकदम बच्चों की तरह देखरेख करना बहुत जरूरी है तभी आपका डेरी फॉर्म लंबे समय तक चल सकता है ।

डायरेक्ट मार्केटिंग (Direct Marketing)

कई किसान ऐसे होते हैं जो अपने दूध को सिर्फ बड़े-बड़े dairy farm में बेचते हैं या फिर किसी कंपनी के पास एक साथ sell करते हैं तो इसमें कीमत कम मिलता है।

तो ऐसे में कई किसान सारे दूध को कंपनी को ही बेच देते हैं जिससे सही कीमत नहीं मिल पाता तो अगर आपको डेयरी फार्म अच्छे से चलाना है तो डायरेक्ट मार्केटिंग करना बहुत जरूरी है।

मतलब यह हुआ कि आपको गांव गांव जाकर या व्यक्ति को दूध बेचना ही पड़ेगा तभी आपको सही कीमत मिल पाएगा या यूं कहें तो आपको खुद जाकर भी दूध बेचना पड़ेगा तभी आपको सही मुनाफा मिल पाएगा जिससे नुकसान का खतरा बिल्कुल नहीं होगा।

ज्यादा लोन के चक्कर में पड़ना (Dairy Farm Loan)

अब dairy farm business start करने में सबसे बड़ी मुख्य बात आती है की डेयरी फार्म बनाने का बजट , तो ऐसे में किसान यहां पर अपने डेरी फार्म को अच्छे से सजाने सवारने में लग जाते हैं और इसी कारण इधर उधर से ज्यादा लोन भी ले लेते हैं।

और अपने बिजनेस को काफी महंगी बना लेते हैं जिसके चलते अगर मैंने जितना भी बताया है वह गुण में से एक भी गुण की कमी होती है तो किसान सीधा-सीधा कर्जे में डूब जाता है।

और असफल हो जाता है क्योंकि कर्जे के चक्कर में ऐसी ही डेयरी फार्म बिजनेस को काफी महंगी बना लेते हैं और वसूली नहीं कर पाते क्योंकि इसमें पूरा वसूली होने में दो-तीन साल लग जाते हैं।

तो किसान वीरों यह रही डेयरी फार्म में असफल होने के कारण जिसमें मैंने आपको एकदम सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है तो आपको डेरी फॉर्म में सफल होना है तो इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही dairy farm business start करना है तभी आप लंबे समय तक चला सकते हैं और अच्छी खासी मुनाफा कमा सकते हैं अगर आपको जानकारी (Dairy Farm Business Plan Hindi) पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अपनी राय कमेंट में बताना बिल्कुल भी ना भूले।

आपका प्रेम पूर्वक धन्यवाद,

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Dairy Farming Business Plan Guide

Table of contents, for frequently asked dairy farm questions: read here., for green fodder production: read here., for silage making process: read here., dairy farming business plan guide:.

Dairy Farming Business Plan.

Dairy Farming Business Plan – Introduction to Dairy Farming:- No matter what the season is and no matter what the place is “There is always a great demand for milk” in India. Due to the population increase and consumption of milk tremendously increasing day by day. The rising unemployment and people who are looking for starting a dairy farm in recent years are almost doubled. Milk production in India is expected to grow at about 3 to 4% every year. There are many people who want to get into the small-scale or large-scale dairy farming business. However, due to lack of knowledge and initial investment involved they are unable to set up a dairy unit. We advise you not to get into this dairy business unless you dedicate your effort and time on your farm round the clock. You are not necessarily starting a dairy farm on a commercial scale; you can start on a small-scale business and expand it to a large scale once you are aware of ins and outs of dairy farming.

Before starting a dairy farm, makes sure to follow these:

  • Dairy Farming Business Plan #1- However as a beginner, you should definitely get some professional training from Agriculture Universities or Training centers of the Animal Husbandry Department or Krishi Vigyan Kendras or any private training dairy consultancies.
  • Dairy Farming Business Plan #2 – Visit local dairy farms and talk to the management so you can get an idea of managing the farm. Always question them about “problems” and ask how they are overcoming them.
  • Dairy Farming Business Plan #3 – Read any dairy magazines, online dairy blogs, and YouTube videos to get an overall idea of farming.
  • Dairy Farming Business Plan #4 – If you don’t have capital investment and want to get a subsidy and loan the dairy farm, visit your local agriculture/co-operative banks for more information.
  • Dairy Farming Business Plan #5 – As feed or fodder is the main component of dairy farming that directly impacts the profits; you must have good knowledge of green fodder cultivation practices and silage-making procedures. You can study the feed and fodder market in your region to find out the feasible and economical fodder solution.
  • Dairy Farming Business Plan #6 – Initially, you must visit some cattle markets to observe animals on sale and talk with persons engaged with purchasing animals to get an idea of the best breed, animal prices, and milk yield of animals. You can also learn some negotiation skills.
  • Dairy Farming Business Plan #7 – You should learn good labour management skills.

To encourage the rural agriculture sector and increase the milk production as per demand, NABARD (National Bank For Agriculture & Rural Development) helping farmers by providing subsidies on dairy farms and dairy farming loans through approved banks. One can avail of this by visiting your nearest commercial or co-operative or rural agriculture banks. One can get decent profits in dairy farming under good dairy management practices. In the following write-up, let us talk about the “Dairy Farming Business Plan” in detail. Let us take an example of 15 dairy cow farming.

Dairy Farming Business Plan – Requirements of Dairy Farming in India:- There are some components of dairy farming you should be aware of before setting up a dairy farm.

  • Land – You must have some cultivated land for growing green fodder crops for your cattle on the farm. The land area depends on the number of animals (cows or buffalo’s). Usually, 2 acres of land is sufficient to feed about 15 cows.
  • Shed – There must be a proper and covered secured shed in place before getting cows into your farm.
  • Water – Clean and abundant water facility is required for both cattle and to grow the green fodder.
  • Fodder – As cows need three types of fodder for best milk yield and high-fat content, you must have good fodder management from growing fodder to feeding fodder on daily basis. Dry fodder, green fodder, and feed concentrate (for extra nutrition) are required to feed the cows in your dairy.
  • Breed Selection – Selection of a good breed of cows that yield more milk is essential in dairy farming. Good milk yielding cows such as “Jersy”, “Red Sindhi” “Holstein Friesian (HF cows)”, “Sahiwal”, “Gir”, “Deoni” and “Ongole” etc.
  • Labour – Labour is a major task in dairy farming, the selected labour should be very good at handling the farm activities including growing green fodder. It is better to give one or two days of training so that they can understand the routine activities of dairy.
  • Vaccinations – To control diseases and protect cow health, you must have a proper vaccination schedule. For this purpose, you can hire a veterinary doctor for routine checkups and medication of cows. For the vaccination schedule, see the vaccination schedule table at the bottom of this article.

HF Cow.

Dairy Farming Business Plan – Shed Construction:- Well ventilated and the spacious shed is required for dairy farming. Hygienic conditions are very important in the shed for cattle health. When it comes to space, it is recommended to have 8 feet x 12 feet area for 1 cow. So total space required for 15 cows is about 120 feet x 12 feet. However, this area is not fixed and depends on cow size. Cow feeders should be constructed in between with a separation wall so that the cows can be fed from both sides facing head to head each other; this is what is called a “Head to Head arrangement”.

Care should be taken while constructing the dairy shed. The selected location should be elevated to prevent any water stagnation around the shed and it also provides well ventilation (sunlight and air). The dairy shed roof should be made with asbestos sheets and the floor should be made of either bricks or cement with enough inclination. This can provide good drainage for cattle urine and excrete. The shed should be cleaned daily to maintain hygienic conditions. Collect the manure on daily basis and store it somewhere outside of the shed. You can also make an outlet to the shed so that whenever the shed is cleaned the cow urine any leftover manure can flow into the field. All electrical fittings and water supply requirements should be fully filled as per need in hot areas, it may need to have fans and coolers for cows, especially in summer.

Dairy Farming Business Plan – Fodder Management:- Fodder management is very important in dairy farming. The daily milk yield of a cow depends on the type of fodder and the nutritional facts of the given fodder. High-yielding cows should be given 1 kg of concentrate along with mineral mixture to get 2.5 liters of milk yield. For example, if a cow yields 15 liters of milk daily then these cows should be given 6 kg of concentrate with a mineral mixture.

There are three types of fodder that can be provided under dairy fodder management practices.

  • Dry fodder: wheat hay, kutti (rice / pady straw), chokar (wheat bran),
  • Green fodder: Any leguminous crops which are good in protein supplements. For example Any gram crop, barseem, maize/corn, masoor, and hybrid grass-like CO-3 and CO-4, niper grass etc.. These green fodder crops can be utilized to make silage. This silage is very nutritious and milk yield will be increased. Silage making is very important and especially it is needed in dry periods. The link will be given at the bottom of the article about “steps in involved in silage making or how to make silage for cattle”. Generally, 2 to 3 acres of fertile land enough to grow green fodders for 15 cows. However, the yield of green fodder depends on many factors.
  • Concentrate and Mineral Mixture: Mineral mixture:- It is necessary to provide concentrate feed along with a mineral mixer on regular basis to prevent cows from mineral deficiency. All three types such as dry green and mineral mixture should be accurate proportions for best milk yield.

Note: The cost of feed may depend on the animal milk capacity. On average, the feed may cost about 200 to 250 rupees/day/cow.

Dairy Farming Business Plan – Water Supply:- Clean water supply is required for drinking and cleaning purposes of the shed. Arrangements can be done by providing overhead tanks on the shed.

Dairy Farming Business Plan – Selection of Dairy Breeds:- Successful dairy farming requires a good breed selection of cows. Select the dairy cow/cattle breed that is suitable for your climatic conditions and high milking capacity. You can visit your local farms and can observe the different breed types that are suitable. A crossbreed of HF cows (Holstein Frisian) with Indian Sahiwal. Or Jersey with Sahiwal or Jersey with Red Sindhi is preferable for the good milk yield. It is preferred to select the breed which produces milk of 20 to 25 liters/day. Artificial insemination plays a major role to cross with high-yielding breeds.

Jersey Cow.

Dairy Farming Business Plan – Cow and Calves Management and Care:- Artificial insemination or mating of cows should be carried out after every 3 months (90 days) of calving. Indian cattle breeds take 3 years in reaching the maturity phase whereas high yield  Jersey crossbreed or HF cows reach maturity at 16 to 18 months and they will be ready for mating. In general, for every 13 months, cows should be calving. The lactation period of cows should be 300 days and the service period should be 90-120 days. The gestation period of cows is going to be 266 days. More attention and care are needed in the case of pregnant cows as they need more nutrition during this stage. Concentrate & mineral mixture should be given during the gestation period of cows and this feed intake should be increased as time passes to ensure proper growth of calves and their udder.

Dairy Farming Business Plan – Vaccination Program in Dairy Cow Farming:- Before giving any vaccination in dairy, deworming should be done to get better results. However, deworming should be carried out frequently and the veterinary doctor is your point of contact for this. The following table is the typical vaccination schedule in dairy farming.

Dairy Farming Business Plan – Vaccination Schedule in Dairy Farming:

Dairy Farming Business Plan – Bottom Line:- The above write-up can be assumed for Dairy Farming Business Plan in Tamil Nadu, Karnataka, Kerala, Telangana, Andhra Pradesh, Gujarat, Rajasthan, Punjab, Haryana, West Bengal, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Bihar, Maharashtra, and other states of India. However, the labour cost, Cow breeds, feed cost, or green fodder production cost and inputs may slightly vary from region to region. You can expect excellent profits with proper dairy management practices, perfect planning, and dedication completely to the farm 24/7.

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54 COMMENTS

Hello, my name is Anuj purwar, I am a student. And want to start organic farming with two members team MAYANK SHINHA and rishab pandey. We planned for a loan by the bank and use hydraulic solar panels energy for electricity which help us in earning money because of this electricity were given to our nearly farmers who use petrol, diesel water pump by which we decrease less use of pratrol. We are 17-19 year old and planed for this. We need your support to prove ourselves and promote the organic forming and start online sale of our crops from us to customers directly.

I am not sure about your question. You say solar and talk about Organic.

Read here about : Organic Farming .

Selling electricity to anyone except the government is prohibited in india. Please make sure you are not breaking any law.

GUPTA DAIRY FARM KARNAL Supplying Pure Breed and vaccinated Murrah Buffalo, Sahiwal Breed Cattle, Jersey Cow, Dairy Cow, Cow Heifer, Buffalo Heifer, Australian Cow, American Cow, and other types of Cows and Buffaloes…

We don’t sell any livestock or agriculture produce.

we don’t call or have personal support. You can post comments and get reply.

Respected Concerned person/ / Can you deliver the cows and buffalos throughout india?

Dear sir, I want to open new dairy farm in Jhabua (MadhyaPradesh). I have required 10 Buffalo with good quality and can give 10-15 litre milk per day. please send me the details about buffalo , price, purchasing locations , transportation etc.

regards dinesh bhayal

We don’t sell any cattle/buffaloes.

You must be an adult for eligibility of the loan for dairy farming.

hi i want to set up dairy farm, kindly suggest me the details in pdf, want to do at odisha. if u have, [email protected]

Soon we will introduce farming or agriculture pdf’s to download.

Hello, Can any one suggest the process of dairy loan. I will start dairy farming immediately.

For Dairy farming subsidy and loan, read this: Dairy Farming Subsidy .

You mean for dairy shed construction and design?

Above article is really helping. I have around 7 Bigha land in Kotdwar-Uttarakhand and looking to get in to dairy farm business, Can I expect a professional help from you ? like in Planning the dairy farm, loans and subsidy, good milk yielding cows and buffalo.

Glad the information is helping at least some people. We don’t have personal consulting support at this point in time. However, you talk to NABARD branch in your city for qualified agriculture/farming loans.

Hai, my name is Mohith and I from Telagana state, I want to start Cow farm. Please guide me.

Well, Mohith Dairy farming needs investment, patience and hard work along with dedication. You can not trust the third person in this business as feed management and care is utmost priorities of dairy cow farming. From, NABARD you can get a subsidy and loan for setting up a dairy cow farm. Here is some information which may be helpful: Dairy Farming Subsidy .

Dairy Cow Farming Project Report t .

Sir, I am from Odisha. I am interested to start a Dairy Farming In Odisha where can I get assistance? and necessary help. Please advise.

NABARD is your point of contact for any livestock subsidy. You can read >DAIRY FARMING SUBSIDY .

Hi, I am Prashant Deshmukh. I really interested to start a new Dairy farm business in Maharashtra. How to start, please guide me.

Well, to start a dairy farm, you must have proper planning, dedication. It requires your hard work. First, decide which dairy breed, you would like to go for. Feed management is very important in dairy farming. Make sure you have enough laborers to handle the farm. Our advice is to start with less number of cows and start increasing as you get more experience. Apart from this marketing is another factor for your dairy products. Here is some information which may help you. Read: DAIRY COW FARMING PROJECT REPORT .

Hello Sir, I am Rohidas Sapke and looking to start my own dairy farm business. Can you advise me is there any private institute who gives training on How to handle dairy farms/animal care/business related things and all?

Very soon, we will update training and consulting services addresses.

I am exploring possibility of dairy farming near Raipur in Uttarakhand.The subject is new to me as I am not a professional from this field.I would like to see a viable business plan,if you have one,for a midsized investment. Regards

It is really a resourceful information on every aspect. Thank you Can you please write on financial breakups, for shed, cows , fodder cost etc all occurring expenses. just as a template it will give an idea for us on financial planning.

Check these:

Dairy Farming FAQ .

How To Get NABARD Subsidy and Loan .

Dairy Shed Design and Construction .

Dairy Cow Farming Project Report .

Sir, I am 37 yrs old from Barshi, in Solapur district. We have some farm land and wish to start a dairy business from scratch. How can I start?

Read this: Dairy Farming FAQ .

Dear Sir, I really appreciate the guideline for my knowledge I am an MBA qualified. I hate jobs, I love business have a full plan to start a dairy farm business I have 5 acre land in one place 4 acre land in other areas which are in a part. Anyhow, I made a contact in our area and there is no a single dairy farm. This would be a great opportunity for me. But need knowledge of this business.

Umar Saood from pakistan currently working in UAE

Dairy farming is not simple as you think. However, with proper planning, dedication and hard work defiantly will pay you off. You cannot depend and trust third person.

To have complete idea. You better read all the dairy farming articles.

Read: Dairy Farming Information .

I am Mahesh and I want to know whether Coorg, Karnataka is best suited for HF breed cows, since we have 2 to 3 acres of land is coorg but due to heavy rain during June to October, we are still worried whether we can go-ahead for dairy farming with HF breeds. Your guidance and suggestions will help us further.

Hi I am a pure science graduate and I have interest in polyhouse and hydroponic agriculture. I want to start cultivation of vegetables in a small area like 1000 sq.m for commercial purposes..n establish my career on it. I like to spread it through out my state working as a professional consultant too. For this, I need proper training and guide and financial resources. Now plz help me to know all about high tech poly house, hydroponics that can help me to build my financial path as a grower and as a consultant too. Plese, help me show me the way. Thank u.

Dear sir new dairy farming business open in my village Bila gujarat so plz help me loan and ideas 7778014786 my WhatsApp number

hello sir, i am 20 yrs old and i want to open dairy farm. can you tell me about problems we face in this field.

Hello Mr. Reddy, Thanks for your effort to put this content in internet, it is very much informative. I am very much interested to start a dairy farm, but need proper guidance to set up this. I’m gathering information from youtube channels and some blogs like your. I may contact you to get some information.

Thanks Sahoo

very useful information sir Thank you

Hello sir, Iam r kanaka raj Ex-Servicemen Army I live from andaman and nicobar Islands. I want to open dairy farm. Can you tell me about problems we face in this field.

Please suggest the training institutes for dairy farming short courses.

Regards Mahesh

Subject: New Dairy Farm

This is Harish (farmer) from Telangana state, I’m really interested to start to start new dairy farm in my village I am having 5 acres land, Hence pls could you advice that from where to get the good livestock’s and what is the cost per cow. Pls could you share with me the shed diagram how to build for at least 10-12 cows.

Kind regards: Harish

Hi, Can you explain this business in financial terms….like cost of animals…on average how much they can produce milk….cost of milk….animal maintenance cost etc…if you can provide a table then it will be very useful

Dear sir I have plan to start up a dairy farm but I don’t have any idea I need some guid line to start up I need some ideas can u tell how can help me on this can u help me on this

My name is Obeng Kingsley an M. PHIL student at University of Ghana pursuing Agricultural science. I am currently rearing sheep but facing challenges in the housing system. I need advise on housing management system. thanks

Dear sir, I want to open new dairy farm in CUMBUM (Andhra Pradesh). I have required 10 Buffalo with good quality and can give 20-30 litre milk per day. please send me the details about buffalo , price, purchasing locations , transportation etc. is it supporting goverment like subsidy and any extra allowance.let me know sir,i donot have any idea.ping me your phone number sir.i need to talk to you..ok sir.

regards, SUDHARSHANREDDY.J

Hi, Do you have any worksheet to make business plan? I need to calculate EBITDA for my Dairy Venture.

Thanks in advance.

thanks so much for such relevant information that will guide us in our development in business.

hi, I want to set up a dairy farm, kindly suggest to me the details in pdf, want to do it at Haveri.

can you please inform me about loans from centre govt subsidy and financial loans ?

i want starting small scale from kerala . please suggest to me rules and regulations

can you suggest names high feeding cows ?

I want to start Cow farming. How much amount will be required for 15 number Cow farming inclusive of Construction, feeder, medical treatment and labour cost etc.

How much monthly income i get with 15 cows?

Hi everyone I am planing for Dairy farming.can any one tell about the cost and land requirements & government rules

nice information

The information about diary farming are very nice. I am very interested to farm which my own please help me regarding this business.

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Cow Farming Business Plan : गाय की इस नस्ल का पालन करें किसान, अधिक दूध उत्पादन से होगी बंपर कमाई

cow business plan in hindi

गाय की इस नस्ल का पालन करke किसान, अधिक दूध उत्पादन से होगी बंपर कमाई नमस्कार, आज के हमारे इस आर्टिकल में आप सभी पाठकों का स्वागत है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी पाठकों के साथ गाय पालन से संबंधित कुछ मूलभूत मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। 

हमें इस बात का पूर्ण विश्वास है की हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के पश्चात आपको निसंदेह रूप से प्रसन्नता होगी। इसके साथ ही आपको एक बिजनेस आइडिया के विषय में भी जानकारी प्रदान करेंगे। 

यदि आप भी किसी ऐसे ही बिजनेस आइडिया के तलाश में थे। जिसमें आप को मुनाफा मिलने की अधिक संभावना हो तथा नुकसान होने की संभावना बेहद ही कम हो तो ऐसा ही एक बिजनेस आइडिया हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। 

Cow Farming Business Plan : जाने क्या है गाय पालन बिजनेस आइडिया :-

यदि आप भी किसी बिजनेस आइडिया के तलाश में है। तो आप बिल्कुल उचित स्थान पर आए हैं, क्योंकि इस आर्टिकल में हम आप सभी पाठकों के साथ एक ऐसा बिजनेस आइडिया शेयर करने वाले हैं जिसमें आपको बहुत ही अधिक मुनाफा प्राप्त होगा। 

अब आपको बता दें कि यह बिजनेस है गाय पालन का अर्थात कॉउ फार्मिंग ( Cow Farming )। यदि आप गाय पालन करते हैं तो उसके दूध को बेचकर के अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। 

गाय पालन के हैं बहुत से फायदे :-

इस बात से तो सभी भली-भांति रूप से परिचित है, कि हमारे आहार में गाय के दूध का बहुत ही मजबूत स्थान होता है। गाय का दूध पूरी तरह से पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार है। लोगों के स्वास्थ्य में गाय के दूध से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

संभवतः पाठकों में से ज्यादातर लोगों ने दूध का सेवन अवश्य ही किया होगा। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति शेष होगा जिसने अभी तक गाय के दूध का सेवन नहीं किया है। आपको यह बात भी अवश्य ही पता होगी कि जो गाय का दूध होता है पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इस वजह से ज्यादातर लोगों के द्वारा भोजन की सूची में गाय के दूध को भी शामिल किया जाता है। 

ऐसे में गाय के दूध की मांग हर क्षेत्र में बढ़ रही है । इसके साथ ही बहुत से ऐसे क्षेत्र होते हैं, जैसे की मीठाई के क्षेत्र में ,  धार्मिक कर्मकांड के क्षेत्र इत्यादि में भी  गाय के दूध का प्रयोग किया जाता है। 

आप भी गाय पालन करके अच्छी खासी कमाई करना चाहते हैं , तो उसके लिए सभी आवश्यक जानकारियां हमारे आर्टिकल के माध्यम से आप सभी पाठकों के साथ साझा की है। आपके लिए अति आवश्यक है कि इस लेख को आखिर तक पढ़े। 

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गाय पालन से जुड़े कुछ आवश्यक बातें :-

यदि आप गाय पालन का कार्य करते हैं तो इससे आपको निसंदेह रूप से फायदा प्राप्त होगा। किंतु इससे संबंधित कुछ आवश्यक बातों का भी आप का विशेष ध्यान रखना होगा। जैसे कि आपको किस नस्ल की गाय को खरीदना होगा ,  जिससे कि आपको ज्यादा से ज्यादा दूध प्राप्त हो सके। 

आपको बता दें कि गाय पालन में सर्वाधिक प्राथमिकता कपिला तथा देवमणि प्रजाति सर्वाधिक बेहतर मानी जाती है। इसके साथ ही इन गायों के द्वारा 1 दिन में लगभग 12 लीटर तक दूध प्राप्त किया जा सकता है। 

(Gir Cow Farming) गिर कॉउ फार्मिंग :-

यदि आय के स्रोतों की बात की जाए तो उसमें से सर्वोत्तम पशु पालन कमाई स्रोत को माना जाता। सरकार के द्वारा दूध के उत्पादन बढ़ाने हेतु किसानों को बहुत प्रोत्साहन दिया जाता है। कि वह गायों को पाले तथा दूध उत्पादन में अपना योगदान प्रदान करें जिससे कि गाय के दूध की उपलब्धता अधिक से अधिक हो सके। 

इसके अलावा बहुत सारी योजनाएं भी प्रारंभ की गई है। जिससे कि डेयरी उद्योग के वास्ते नाबार्ड की ओर से भी किसानों को सहायता प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी डेयरी खोलने के बाद से किसानों को लोन देने को तैयार रहती है। 

यदि आप भी डेयरी फार्म खोलना चाहते हैं , तो इसके लिए आपको स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आसानी से लोन प्रदान कर देगी। इस वजह से आपको पूंजी निवेश के चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। आप आसानी से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से लोन प्राप्त कर अपना डेरी फार्म प्रारंभ कर सकते हैं। 

कौन सी नस्ल की गाय रखें :-

जाहिर सी बात है आप लाभ प्राप्ति हेतु गायों का पालन कर रहे हैं तो आपको अच्छी नस्ल की गाय पालने की आवश्यकता होगी। जिससे कि आपको ज्यादा दूध प्राप्त हो सके। ऐसे में इस बात का निर्णय लेना भी अति आवश्यक है कि भला किस गायों को खरीदें। 

जिससे आपको ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके। हम आपको इस बात से परिचित करा दे , कि इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे गायों के नस्ल के नाम प्रदान करेंगे जिनको यदि आप पालते हैं। तो उससे आपको अधिक दूध प्राप्त होगा और जैसा कि आपको पता है कि जितना अधिक दूध आपके पास मौजूद होगा उतना ही अधिक आपको मुनाफा प्राप्त होगा। 

 गाय की नस्लों की यदि बात करें तो इसमें स्वर्ण , कपिला तथा देवमणि प्रजातियां सबसे ज्यादा बेहतरीन मानी जाती है। 

गिर गाय भी बहुत ही ज्यादा मुनाफे प्रदान करने वाली गाय सिद्ध हो सकती है। क्योंकि इनकी भी दूध प्रदान करने की क्षमता आम गायों की तुलना में अधिक होती है। गिर गाय की यदि आप पहचान करना चाहे तो गिर गाय गहरे लाल भूरे तथा सफेद चमकदार रंग की होती है। 

इसके साथ ही इनके कान लंबे लंबे होते हैं । माथे पर एक उभार सा उठा होता है और उनके सिंह पीछे की ओर मुड़े होते हैं। इनका आकार मध्यम से लेकर के बड़ा हो सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत ही अधिक होती है। इसके परिणाम स्वरूप यह गाय बहुत ही कम बीमार पड़ती है। 

निष्कर्ष :-

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आप सभी पाठकों के साथ गाय पालन के विषय में आवश्यक जानकारियां साझा की है। हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा प्रदान की गई ये सभी जानकारी आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी। यदि आप हमसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं अथवा हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो यह कार्य आप कमेंट के माध्यम से कर सकते हैं। इसके साथ ही हम आप सभी पाठकों से अनुरोध करते हैं कि हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरूर शेयर करें। 

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Wasim Akram

1 thought on “cow farming business plan : गाय की इस नस्ल का पालन करें किसान, अधिक दूध उत्पादन से होगी बंपर कमाई”.

SBI not give loan on dairy I applied they rejected. Nabard close all schemes dairy farming in August 2020 and Animal husbandry give loan but formalities that much no body apply. Govt all schemes on paper not in reality . I am trying for loan more then a year and I not get single penny. I know the project is good and 365 days working and generate employment and earn good money. But govt support is zero.

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IKamai India

डेयरी फार्मिंग परियोजना 10 दुधारू गाय । Dairy Farming Project Report in Hindi.

वैसे देखा जाय तो Dairy Farming Project Cost Plan में भैंस और गाय दोनों में से किसी का भी पशु पालन किया जा सकता है। लेकिन चूँकि हम भैंस पालने में आने वाले अनुमानित खर्चे और कमाई का विश्लेषण कर चुके हैं, जिसका लिंक आपको इस लेख के अंत में मिल जाएगा। इसलिए यहाँ पर हम सिर्फ गाय पालन में आने वाले खर्चे और कमाई का विश्लेषण कर रहे हैं।

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं, की हमारे देश भारत में गाय की महत्वता एवं भूमिका किसी अन्य पशु की तुलना में बहुत अधिक है । यही कारण है की हमारे देश भारत में दुग्ध उत्पादन के लिए भैंस पालन के अलावा गाय पालन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। लेकिन अफ़सोस की गाय पालन भी असंगठित तरीके से ही किया जाता है।

इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Dairy Farming Project Cost Plan के तहत संगठित तौर पर गाय पालन करने में आने वाले अनुमानित खर्चे और कमाई का विश्लेषण करेंगे। लेकिन ध्यान रहे इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़े, समय, स्थिति, लोकेशन इत्यादि बिन्दुओं के आधार पर अलग अलग हो सकते हैं।  

dairy-farming-project-report-for-cows-in-hindi

गाय पालन को ध्यान में रखकर बनाये गए, इस Dairy Farming project Cost plan के लिए तकनिकी आर्थिक मानदंड इस प्रकार हैं |

Daily Feeding Table for cows:

निम्नलिखित सारणी का आधार |

  • प्रथम वर्ष में पहले Batch के गायों में 240 दिन दूध, और 30 दिन दूध न देने के दिनों में गणना और दुसरे बैच के cows में 90 दिन दूध देने के दिनों में गणना |
  • द्वितीय वर्ष में पहले बैच के पशुओं में 220 दिन दूध देने की क्षमता और 140 दिन दूध न देने की क्षमता की गणना, जबकि दुसरे बैच के cows में 230 दिन दूध देने की क्षमता और 130 दिन दूध न देने की क्षमता की गणना |
  • इस Dairy Farming project Cost plan में तृतीय वर्ष में यह आंकड़ा पहले Batch के लिए 220 और 140 का है | जबकि दुसरे बैच के लिए यह आंकड़ा 220 और 140 का है |
  • चतुर्थ वर्ष में यह आंकड़ा पहले Batch के लिए 210 और 150 का है | जबकि दुसरे बैच के लिए यह आंकड़ा 260 और 100 का है |
  • पंचम वर्ष के लिए यह आंकड़ा पहले Batch के लिए 210 और 150 का है | जबकि दुसरे बैच के लिए यह आंकड़ा 260 और 100 का है |

Lactation and dry day’s table for cows:

Dairy farming project cost for cow’s farming:, खर्चे और kamai का विश्लेषण :, benefit cost ratio for dairy farming project cost plan cow’s:.

यह भी पढ़ें:

  • डेयरी फार्मिंग कैसे स्टार्ट करें |
  • डेयरी फार्मिंग के लिए सब्सिडी लोन |
  • 10 भैंसों को पालने में आने वाला खर्चा और कमाई |

Disclaimer: यह Dairy Farming project Cost plan for Cow’s केवल एक आईडिया देने और जानकारी मात्र के लिए है | इसलिए किसी भी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी के लिए यह वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी |

1 thought on “डेयरी फार्मिंग परियोजना 10 दुधारू गाय । Dairy Farming Project Report in Hindi.”

Dairy farming project organic farms

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Business ideas | Investment | Finance

Dairy Farm Business Hindi

डेरी फार्म बिज़नेस 2023, कमाई लाखो में, जाने सभी जानकारिया Dairy Farm Business Plan in Hindi

Last Updated on: 26th May 2023, 04:50 pm

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How to Start dairy Farming business plan in India in Hindi- आज हम आपको डेरी की जानकारी देने वाले है जोकि एक देसी बिज़नेस के नाम से भी जाना जाता है लेकिन लाभ कमाने में सबसे आगे है Dairy Farm Business एक साधरण बिज़नेस है लेकिन इसमें मेहनत भी ज्यादा लगती है अगर आप एक डेरी का बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो इसके पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलने वाली है इस बिज़नेस को शुरुवात से किन किन चीज़ो की जरूरत होती है और लाभ कैसे कमाया जाय इसकी पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दी गयी है।

how to start dairy farming in hind- अगर आप Dairy Farm Business के साथ जुड़कर बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो आइये जानते है की आप शुरुवात कैसे कर सकते है और इस बिज़नेस में क्या क्या करना पड़ता है। milk business plan in hindi

Dairy Farm Business क्या होता है?

What is dairy farming business hindi- डेरी का बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको इसकी पूरी जानकारी के बारे में पता होना चाहिए तो आपको बता देते है की डेरी का बिज़नेस एक पशुपालन से शुरू होता है यानि गाय भैंस या बकरी को पालकर उनके दूध का व्यापार करना ही डेरी का बिज़नेस कहलाता है जैसा की दूध के पीने वाला पदार्थ है है और यह मनुष्य के जींवन के लिए बहुत उपयोगी है इसकी जरुरत बच्चे से लेकर बूढ़े ,बड़े, जवान इन सभी को होती है। dairy business in hindi

Dairy Farm Business Model India

दूध डेयरी कैसे करें?, डेयरी फार्म हाउस की जानकारी- dairy farming information in hindi- इस बिज़नेस को शुरू करने से पहले हमको पता होना चाहिए की भारत में इस व्यापार की हमारे देश में क्या स्थिति है जैसा की हम सभी जानते है की दूध का हमारे जीवन में कितना महत्व है क्योकि यह मनुष्य के स्वस्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है और भारत भी दूध का उत्पांदन करने में सबसे पहले नंबर पर है भारत से विदेशो में भी दूध सप्लाई किया जाता है पूरी दुनिया में भारत में सबसे ज्यादा 19% दूध का उत्पादन किया जाता है विदेशो के साथ साथ भारत में भी दूध की खपत बहुत ज्यादा है जिससे एक बिज़नेस भी शुरू किया जा सकता है। dairy business plan in hindi

पिछले वर्षो में भारत में जो लोग डेरी का बिज़नेस कर रहे है आकड़ो के मुताबिक 2017 के बाद इनकी आय में 24% का इजाफा हुआ है जोकि 2014 में 19% था जो 3 साल में 5% का इजाफा हुआ है 5% का मतलब कई करोड़ो रुपए और इस से अनुमान लग जाता है की भारत में Dairy Farm Business की बहुत ही मांग है। milk dairy business in hindi

गांव के लिए बेहतरीन बिज़नेस आइडियाज Village Business Ideas in Hindi

Dairy Farm Business कैसे शुरू करें Dairy Farm Business

how to start dairy farming in hindi- आप डेयरी फार्मिंग बिजनेस 3 प्रकार से शुरू कर सकते है:-

  • छोटे स्तर पर डेयरी फार्म (Small scale dairy farming)
  • मध्यम स्तर पर डेयरी फार्म (Medium scale dairy farming)
  • बड़े स्तर पर डेयरी फार्म (Large scale dairy farming Business in India)

आइये इनके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से जानते है। dairy farming in hindi pdf

1. छोटे स्तर के डेयरी फार्म (Small scale dairy farming)

indian dairy farm business plan in hindi- छोटे स्तर पर डेरी का बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको कम भैंसों और गायों की जरूरत होती है इसमें आपको अपना एक छोटा बजट बनाना होता है और उसी बजट पर अमल करते हुए आगे बढ़ना है छोटे स्तर पर आप पहले 2 भैंसों और 3 गायों को ले सकते है और इनको लेने से पहले आपको ये निचित करना है की वो असली नसल की है न क्योकि उनका दूध उनकी नसल की रेट की हिसाब से बिकेगा क्योकि जहा आप जहा भी दूध बेचेंगे वहा आपसे फैट के बारे में भी पूछ सकते है अगर आप दिन में 15 से 20 किलो दूध को व्यापार करते है तो आप महीने का 50 हज़ार तक कमा सकते है और इसमें आपका निवेश 1 बार सिर्फ 1.5 लाख तक होगा।

9 गारमेंट्स बिज़नेस आइडियाज Textile Business Ideas in Hindi

2. मध्यम स्तर पर डेयरी फार्म (Medium scale dairy farming)

dairy farming in india hindi- मध्यम स्तर पर डेयरी फार्म एक औसतन बिज़नेस है इस बिज़नेस में आप 20 से 25 भैंसों और गायों की जरूरत होती है इसमें भी आपको एक औसतन बजट बनाना होता है और उसी बजट पर अमल करते हुए आगे बढ़ना हैऔर इनको लेने से पहले आपको ये निचित करना है की वो असली नसल की है न क्योकि उनका दूध उनकी नसल की रेट की हिसाब से बिकेगा क्योकि जहा आप जहा भी दूध बेचेंगे वहा आपसे फैट के बारे में भी पूछ सकते है अगर आप दिन में 40 से 50 किलो दूध को व्यापार करते है तो आप महीने का 1 लाख तक कमा सकते है और इसमें आपका निवेश 1 बार सिर्फ 2 लाख तक होगा। dairy farming in hindi pdf

3. बड़े स्तर पर डेयरी फार्म (Large scale dairy farming Business in India)

dairy farming in india in hindi- बड़े स्तर पर डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको खास प्रकार की भैंसों और गायों की जरूरत होती है इस बिज़नेस में आप दूध के साथ साथ भैंसों या गायों को बेचने का भी व्यापर शुरू कर सकते है आपको ऐसे गायों और भैंसों को खोजना है जो ज्यादा दूध देती है और उनको खिलाने के लिए अच्छे आहार और चारा की जरूरत भी होती है क्योकि आप एक बड़े स्तर पर डेयरी फार्म खोलने वाले है तो आपका निवश भी ज्यादा हो सकते है अच्छी अच्छी गायों और भैंसों की कीमत भी ज्यादा होगी इसी प्रकार से आप अगर बड़े स्तर पर 40 से 50 गायों और भैंसों की जरूरत पड़ेगी और आप दिन 300 से 350 किलो दूध को व्यापार करते है और आप दिन में आप 10 हज़ार तक बचा सकते है तो आप महीने का 3 लाख तक कमा सकते है और इसमें आपका निवेश 1 बार नहीं बार बार होगा क्योकि आपको अच्छा आहार और चारा खरीदना है जो 10 से 15 लाख तक होगा। milk dairy project in hindi

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डेयरी फार्म के लिए गायों और भैंसों कहा से खरीदे?

dudh dairy project in hindi- अगर आप डेयरी फार्म बिज़नेस में सफल होना चाहते है तो आपका पहला कदम ये होना चाहिए की अपने फार्म पर हम किस प्रकार की गायों और भैंसों को रखेंगे क्योकि वही से इस बिज़नेस की नीव की शुरुवात होती है गायों और भैंसों की अलग अलग प्रकार की नसल होती है और उनकी गुणवत्ता भी उन्ही नसल ही तय करती है। dairy farming in hindi pdf

इस बिज़नेस में तेजी लाने के लिए भारत सरकार ने अपनी तरफ से एक ऑनलाइन वेबसाइट भी बनाई है जहा से आप डेयरी फार्म के लिए गायों और भैंसों को खरीद सकते है https://epashuhaat.gov.in/ . इसके इलावा अगर आपको गायों और भैंसों को खरीदने की पूरी जानकारी है तो जहा गायों और भैंसों को बचने के लिए माड़िया लगती है वह पर जाकर पूरी जानकारी के बाद आप वह से गायों और भैंसों को खरीद सकते है। dairy farming in hindi pdf

डेयरी फार्म के लिए गायों और भैंसों का चयन कैसे करे?

Dairy Farm Business Plan in Hindi- जैसा की हमने आपको बताया की अगर आप डेयरी फार्म बिज़नेस में सफल होना चाहते है तो आपका पहला कदम ये होना चाहिए की अपने फार्म पर हम किस प्रकार की गायों और भैंसों को रखेंगे क्योकि वही से इस बिज़नेस की नीव की शुरुवात होती है गायों और भैंसों की अलग अलग प्रकार की नसल होती है और उनकी गुणवत्ता भी उन्ही नसल ही तय करती है निचे हमने ग्रेड के साथ गायों और भैंसों की नेसल की लिस्ट बनाई है जो इस प्रकार है।

  • 1 – Mura – 20ltr to 25Ltr Milk
  • 2 – Bhadawari – 16ltr to 20Ltr Milk
  • 3 – Jafrabadi – 10ltr to 12Ltr Milk
  • 4 – Surati – 8ltr to 10Ltr Milk
  • 5 – Mehsana – 5ltr to 10Ltr Milk
  • 6 – Nagpuri – 5ltr to 10Ltr Milk

आप इस लिस्ट के जरिये डेयरी फार्म के लिए गायों और भैंसों का चयन कर सकते है।

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गायों और भैंसों को क्या क्या खिलाना चाहिए?

Dairy Farm Business Plan in Hindi- डेयरी फार्म में गायों और भैंसों से हम ज्यादा दूध की उम्मीद करते है लेकिन जब तक हम उनको अच्छे आहार नहीं खिलायगे तब तक वो ज्यादा दूध नहीं देगी इसीलिए गायों और भैंसों को अच्छे चारे, हारे चारे, कुछ सरसो के तेल, कुछ खनिज पदार्थ और कुछ देशी नुस्के अपना सकते है जिससे उनकी दूध देने की क्षमता ज्यादा होगी।

Dairy फार्म खोलने के लिए जरुरी कार्य

Dairy Farm Business Plan in Hindi- डेयरी फार्म खोलने के लिए कुछ जरुरी कार्य होते है जिनको हम अनदेखा नहीं कर सकते जिनकी लिस्ट इस प्रकार है।

भैंसो या गायों को देने वाला खाना

अगर आप उम्मीद करते हैं कि आपकी भैंस या गाय आपको अच्छा खासा दूध दे, तो आपको उस हिसाब से अपनी भैंस को खाने देना होगा. किसी भी भैंस या गाय के दूध देने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि वो किस तरह का खाना खाती है. इसलिए भैंसों के खाने का आपको अच्छा खासा ध्यान रखना होगा. वहीं भैंसों या गायों को दिया जाने वाले खाने में सुखा चारा और ताजी घास शामिल होती हैं, इसके अलावा भैंस को कई तरह के खनिज (मिनिरल्स) वाली चीजे भी दी जाती हैं।

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स्थान का चयन करना

Dairy Farm Business Plan in Hindi- इस व्यापार को शुरू करने से पहले आप एक स्थान का चयन कर लें जहां पर आपके द्वारा खरीदी गई भैंसों या गायों को रखा जाएगा. किसी भी प्रकार की डेयरी खोलने से पहले स्थान का चयन करना बेहद ही जरूरी होता है उस स्थान पर पानी की कैसी सुविधा है, इसको अच्छे से पता कर लें. क्योंकि भैंसों या गायों द्वारा अच्छा खासा पानी पिया जाता है. इसलिए ऐसे ही स्थान का चयन करें, जहां पर आपको खुलकर पानी मिल सके वहीं गर्मी के मौसम में भैंसों या गायों को हवा देने के लिए पंखे की भी जरुरत पड़ती है जिसके लिए ये देख लें, कि वहां पर बिजली की सुविधा मौजूद हो।

एक या दो एकड़ जमीन पर ही अपनी डेयरी को खोलें. क्योंकि जितना खुला स्थान होगा आप उतने अच्छे से भैंसों या गायों को दिए जाने वाली खाने के सामान को रख सकेंगे।

चुने गए स्थान में निर्माण कार्य

Dairy Farm Business Plan in Hindi- स्थान पसंद करने के बाद आपको उस स्थान में भैंसों या गायों को रखने के लिए कुछ कमरे बनाने होंगे. ताकि सर्दी के मौसम में भैंसों या गायों को उन कमरों में रखा जा सके. कमरों के अलावा आपको टीन की मदद से एक छत बनानी होगी. उस छत के नीचे भैंसो या गायों को आसानी से रखा जा सके. इसके अलावा छत के नीचे उनको चारा देने की सुविधा के लिए भी आपको बॉक्स आकार में एक जगह का निर्माण करवाना होगा. ताकि बॉक्स आकार वाली जगह पर आप खाने का सामान उनके लिए डाल सकेंगे. वहीं ऊपर बताई गई चीजों के अलावा आपको तीन से चार कमरों की और जरूरत पड़ेगी. इन कमरों में आप उनके खाने का सामान, दूध लेने के बर्तन और अन्य चीजों को रख सकेंगे।

लोगों का चयन

Dairy Farm Business Plan in Hindi- भैंसों का दूध निकालने, उनको समय पर खाने देने और उनकी साफ सफाई के लिए आपको कुछ लोगों की जरूरत पड़ेगी. इसलिए आपको इस कार्य के लिए कुछ लोगों को नौकरी पर रखना होगा।

भैंसों या गायों से दूध निकालना

लोगों का चयन करने के बाद जो अगला कार्य है वो है भैंसों से दूध निकालने की प्रक्रिया. भैंसों से दिन में दो बार दूध लिया जा सकता है. वहीं इस कार्य पर लगाए गए लोगों को सफाई के साथ दूध निकाले के निर्देश जरूर दें. दूध निकल जाने के बाद सारे दूध को एक जगह जमा करके रख लें. जिसके बाद आप इस दूध को बेच सकते हैं।

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सावधानी की जरूरत

Dairy Farm Business Plan in Hindi- भैंसों को सही तरह का खाना ही दें. अगर आप उनको खराब खाने देते हैं तो उससे उनकी सेहत खराब हो सकती है इसके अलावा समय-समय पर भैंसों की जांच जानवर के डॉक्टर से करवाते रहे. इतना ही नहीं भैंसों को कई तरह की वैक्सीनेशन भी दी जाती है, ताकि उनको कोई बीमारी ना हो सके।

व्यापार का पंजीकरण (License process)

Dairy Farm Business Plan in Hindi- अपनी कंपनी खोलकर अगर आप दूध बेचना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए अपनी कंपनी का पंजीकरण करवाना होगा. कंपनी का पंजीकरण करवाने के लिए आपको अपनी कंपनी के लिए एक नाम सोच कर रखना होगा. वहीं आप अपनी कंपनी के नाम का पंजीकरण स्थानीय प्राधिकरण से दफ्तर में जाकर करवा सकते हैं इसके अलावा आपको ट्रेड लाइसेंस,  FSSAI लाइसेंस  और वैट पंजीकरण करवाने की भी जरूरत पड़ेगी. इन लाइसेंस और पंजीकरण की प्रक्रिया में आपका थोड़ा सा खर्चा भी आएगा।

व्यापार का बजट और ऋण लेने की सुविधा

Dairy Farm Business Plan in Hindi- अगर आपको इस कारोबार को शुरू करने में पैसों की कोई तंगी आ रही है, तो आप बैंक से लोन ले सकते हैं वहीं इस व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी कई तरह सब्सिडी की सुविधा दी जा रही है. वहीं किसी भी बैंक से लोन लेने से पहले ये सुनिश्चित जरूर कर लें, कि आपको वो लोन कितनी ब्याज दर और कितने समय के अंदर वापस करना होगा।

Tips – अगर आप इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते है और आपके पास पैसे नहीं है तो भारत सरकार ने एक स्कीम चलायी हुई है जिसका नाम है प्रदानमंत्री मुद्रा योजना  इसके अंतर्गत आपको ये बिज़नेस शुरू करने के लिए बेहद कम ब्याज पर भारत सरकार दुवारा लोन दिया जाता है। Dairy Farm Business Plan in Hindi

Tips- लेकिन शुरू ज़मीन मत खरीदिये उसे किराये पर ले और उसका किराया ऐसे सोच कर दे की जैसे किसी वर्कर की सैलरी दे रहे है इसे आप के निवेश पर बहुत असर पड़ेगा और निवेश करने में कमी आएगी जब आपका बिज़नेस अच्छे प्रॉफिट में आ जाय तब जाके आप अपनी ज़मीन खरीद सकते है।   Dairy Farm Business Plan in Hindi

Business के लिए लोन

भारत सरकार ने मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए सभी बैंको को नए बिज़नेस को शुरू करने के लिए आसानी से लोन देने के लिए आदेश दिए है अगर आप इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते है और आपके पास पैसे नहीं है तो भारत सरकार ने एक स्कीम चलायी हुई है जिसका नाम है  प्रदानमंत्री मुद्रा योजना  इसके अंतर्गत आपको ये बिज़नेस शुरू करने के लिए बेहद कम ब्याज पर भारत सरकार दुवारा लोन दिया जाता है।

अगर आप किसी भी बिज़नेस के लिए बिज़नेस लोन लेना चाहते है तो आपको इस लिस्ट में हर प्रकार के बिज़नेस लोन की सभी जानकारिया मिलने वाली है-  Business Loans

अगर आपको Dairy Farm Business Hindi बिज़नेस से जुडी जानकारी से कुछ सिखने को मिला तो शेयर जरूर करे धन्यवाद्।

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1 thought on “डेरी फार्म बिज़नेस 2023, कमाई लाखो में, जाने सभी जानकारिया Dairy Farm Business Plan in Hindi”

Dairy business

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Business Ideas in Hindi

How to Start dairy Farming business 2023: डेयरी फार्म हाउस के कारोबार को खोलने की जानकारी, Profit

डेयरी फार्म हाउस के कारोबार को खोलने की जानकारी How to Start dairy Farming business plan in India in Hindi

dairy Farming business डेयरी फार्म हाउस का कारोबार आम दूसरे कारोबार की तरह नहीं होता है. ये कारोबार सुनने में जितना सरल लगता है उतना सरल बिल्कुल नहीं है. इस कारोबार को सही तरह से चलाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इसलिए अगर आप इस कारोबार को शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो आप हमारा ये लेख जरूर पढ़े. इस लेख में आज हम आपको बताने वाले है कि इस कारोबार को शुरू करने में किन-किन चीजों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है. कैसे आप इस कारोबार को सही तरह से चला सकते है. लेकिन इन सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी है कि इस व्यापार की हमारे देश में क्या स्थिति है और इसके जरिए आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं.

देश में डेयरी फार्म की मांग और इससे जुड़ा मुनाफा (Indian dairy Farming business Demand And Profit) –

साल 2015-16 के दौरान किए गए एक आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक दूध उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है. भारत विश्व में होने वाले दूध उत्पादन का 18.5% हिस्सा उत्पाद करता है. जिसका मतलब ये है कि इस व्यापार की मांग हमारे देश में काफी है. वहीं दूध एक ऐसा उत्पाद है जिसका निर्यात करके भी आप पैसे कमा सकते हैं. वहीं अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से लेकर साल 2017 तक डेयरी किसानों की आय में 23.77% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इतना ही नहीं साल 2013-14 की तुलना में साल 2016-17 में देश के दूध के उत्पादन में 20.12% की बढ़त हुई है. इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस व्यापार से ना केवल दूध की बल्कि इससे जुड़े किसानों की भी आय में अच्छी खासी वृद्धि हुई है.

कई स्तर पर शुरू कर सकते हैं ये व्यापार (Cost of setting up small and large scale dairy Farming business in India in hindi)

इस व्यापार को आप छोटे, मध्यम और बड़े पैमाने पर भी शुरू कर सकते हैं. अगर आपके पास ज्यादा संख्या में भैंस या गाय खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, तो आप केवल चार भैंसों को रखकर भी ये व्यापार खोल सकते हैं. लेकिन ये याद रखें की जितना ज्यादा दूध आपको इन भैंसों से मिलेगा उतना ज्यादा ही आपका मुनाफा होगा. यानी अगर आप चार भैंसे रखते हैं, तो आपको मुनाफा तो होगा ही मगर ज्यादा नहीं. वहीं अगर इन भैंसो या गायों की संख्या बढ़ा दी जाती है, तो आपका लाभ भी बढ़ेगा. नीचे हमने आपको तीन स्तर पर डेयरी फॉर्म खोलने से जुड़ी कुछ जानकारी दे रखी है.

  • बड़े स्तर पर डेयरी फार्म (large scale dairy Farming business in India )

इस तरह की डेयरी फार्म खोलने के लिए आपको 20 लाख रुपए तक लगाने पड़ सकते हैं. इस डेयरी में आपको कम से कम 30 भैंसों को रखना होगा. वहीं अगर आपको एक भैंस दिन का 10 लीटर दूध देती है, तो 30 भैंसों के हिसाब से आपको दिन का 300 लीटर दूध बेचने के लिए मिल जाएगा. वहीं आप इस दूध को अगर 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं, तो आपको दिन का 12000 हजार रुपए का मुनाफा होगा. वहीं ये राशि महीने के हिसाब से 3,6,0000 होगी. वहीं इन आकड़ों के हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि इस मुनाफे में भैंस को रखने पर आने वाले खर्च और कर्मचारियों को सैलरी देने का खर्चा शामिल है.

  • मध्यम स्तर की डेयरी फार्म : (Medium scale dairy Farming business )

इस तरह की डेयरी फार्म चलाने के लिए आपको 7 से 10 लाख रुपए तक की जरूरत पड़ेगी.   वहीं आपको इस व्यापार को शुरू करने के लिए कम से कम 15 से 18 भैंसों या गायों की आवश्यकता पड़ेगी. वहीं आपके मुनाफे की बात करें, तो आपको इस लेवल के डेयरी फार्म को खोलने से करीबन डेढ़ लाख तक का लाभ हो सकता है. वहीं अगर आप भैंसों या गायों की संख्या बढ़ा देते हैं तो आपका लाभ और बढ़ जाएगा.

  • छोटे स्तर के डेयरी फार्म (Small scale dairy Farming business )

आप कम पैसों में भी डेयरी खोल सकते हैं. छोटे स्तर पर इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको पांच भैंसों या गायों की जरूरत पड़ेगी. वहीं इन भैंसों को लेते समय ये सुनिश्चित कर लें, कि ये अच्छी नस्ल की हों और एक दिन में कम से कम 10 लीटर दूध तो अवश्य दे. छोटे स्तर पर डेयरी खोल कर आपको महीने के 50 से 70 हजार रुपए तक का लाभ हो सकता है.

कहां से खरीदें भैंसे (Place To Buy Cow For Dairy) –

भारत सरकार द्वारा डेयरी फार्म के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की मदद की जा रही हैं. आप भैंस या गाय को सरकार द्वारा बनाए गए एक पोर्टल के जरिए खरीद सकते हैं. इस पोर्टल का लिंक इस प्रकार है – https://epashuhaat.gov.in/ .   इस लिकं पर जाकर आपको कई नस्ल की भैंसों या गायों की जानकारी मिल जाएगी. इतनी ही नहीं आप चाहें तो इन्हें इस पोर्टल के जरिए खरीद या बेच भी सकते हैं. ऊपर बताए गए लिंक के अलावा आप एक अन्य लिंक पर भी जाकर भैंस को खरीद सकते हैं. ये लिंक इस प्रकार है.

ऑनलाइन के अलावा आप अपने आस-पास के किसी गांव के किसान से भी भैंस खरीद सकते हैं. ऐसा करने से आपको भैंस थोड़ी सस्ती मिल जाएगी और आप मुनाफे में रह सकते हैं.

भैंसों या गायों की कीमत (Price Of Cow In India) –

भैंसों या गायों की कीमत का निर्णय उनकी नस्ल के आधार पर लिया जाता है. अगर आप अच्छी नस्ल की भैंस खरीदते हैं, तो आपको 30 हजार रुपए तक का खर्च आएगा. वहीं अगर भैंस की नस्ल ज्यादा अच्छी नहीं है, तो आप 20 हजार के अंदर ही भैंस को खरीद सकते हैं. वहीं गायें आपको सस्ते दामों पर आसानी से मिल सकतीं हैं.

भैंस या गायों खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें-

दुनिया भर में भैंसों या गायों की कई तरह की नस्लें देखने को मिलती हैं और हर नस्ल की भैंस अलग-अलग मात्रा में दूध दिया करती है. इसलिए अपने व्यापार के लिए केवल उन्हीं भैंसों को खरीदे, जो कि आपके व्यापार के लिए फायदेमंद हो. वहीं इस व्यापार के लिए जर्सी कैटल, होल्सटीन मवेशी नस्ल और साहिवाल नस्ल की भैंसे सही रहती हैं. जर्सी कैटल 15 से 18 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं. 

भैंसो या गायों को देने वाला खाना – ( buffalo healthy food)

अगर आप उम्मीद करते हैं कि आपकी भैंस या गाय आपको अच्छा खासा दूध दे, तो आपको उस हिसाब से अपनी भैंस को खाने देना होगा. किसी भी भैंस या गाय के दूध देने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है, कि वो किस तरह का खाना खाती है. इसलिए भैंसों के खाने का आपको अच्छा खासा ध्यान रखना होगा. वहीं भैंसों या गायों को दिया जाने वाले खाने में सुखा चारा और ताजी घास शामिल होती हैं, इसके अलावा भैंस को कई तरह के खनिज (मिनिरल्स) वाली चीजे भी दी जाती हैं.

Milk Formula

डेयरी फार्म खोलने की प्रक्रिया (Process Of Opening A Dairy Farm Business) –

  • स्थान का चयन करना- ( land required for dairy farm in India)

इस व्यापार को शुरू करने से पहले आप एक स्थान का चयन कर लें. जहां पर आपके द्वारा खरीदी गई भैंसों या गायों को रखा जाएगा. किसी भी प्रकार की डेयरी खोलने से पहले स्थान का चयन करना बेहद ही जरूरी होता है. उस स्थान पर पानी की कैसी सुविधा है, इसको अच्छे से पता कर लें. क्योंकि भैंसों या गायों द्वारा अच्छा खासा पानी पिया जाता है. इसलिए ऐसे ही स्थान का चयन करें, जहां पर आपको खुलकर पानी मिल सके. वहीं गर्मी के मौसम में भैंसों या गायों को हवा देने के लिए पंखे की भी जरुरत पड़ती है. जिसके लिए ये देख लें, कि वहां पर बिजली की सुविधा मौजूद हो.

एक या दो एकड़ जमीन पर ही अपनी डेयरी को खोलें. क्योंकि जितना खुला स्थान होगा आप उतने अच्छे से भैंसों या गायों को दिए जाने वाली खाने के सामान को रख सकेंगे.

  • चुने गए स्थान में निर्माण कार्य-

स्थान पसंद करने के बाद आपको उस स्थान में भैंसों या गायों को रखने के लिए कुछ कमरे बनाने होंगे. ताकि सर्दी के मौसम में भैंसों या गायों को उन कमरों में रखा जा सके. कमरों के अलावा आपको टीन की मदद से एक छत बनानी होगी. उस छत के नीचे भैंसो या गायों को आसानी से रखा जा सके. इसके अलावा छत के नीचे उनको चारा देने की सुविधा के लिए भी आपको बॉक्स आकार में एक जगह का निर्माण करवाना होगा. ताकि बॉक्स आकार वाली जगह पर आप खाने का सामान उनके लिए डाल सकेंगे. वहीं ऊपर बताई गई चीजों के अलावा आपको तीन से चार कमरों की और जरूरत पड़ेगी. इन कमरों में आप उनके खाने का सामान, दूध लेने के बर्तन और अन्य चीजों को रख सकेंगे.    

  • लोगों का चयन (recruitment of employees) –

भैंसों का दूध निकालने, उनको समय पर खाने देने और उनकी साफ सफाई के लिए आपको कुछ लोगों की जरूरत पड़ेगी. इसलिए आपको इस कार्य के लिए कुछ लोगों को नौकरी पर रखना होगा.

  • भैंसों या गायों से दूध निकालना-

लोगों का चयन करने के बाद जो अगला कार्य है वो है भैंसों से दूध निकालने की प्रक्रिया. भैंसों से दिन में दो बार दूध लिया जा सकता है. वहीं इस कार्य पर लगाए गए लोगों को सफाई के साथ दूध निकाले के निर्देश जरूर दें. दूध निकल जाने के बाद सारे दूध को एक जगह जमा करके रख लें. जिसके बाद आप इस दूध को बेच सकते हैं.

व्यापार करने का तरीका-

इस व्यापार को करने के दो तरीके हैं. पहले तरीके के तहत आप दूध को किसी कंपनी को बेच सकते हैं. ऐसे कई सारी कंपनियां हमारे देश में हैं, जो कि दूध वालों से रोजाना उनका दूध खरीदती हैं. वहीं दूसरे तरीके के तहत आप अपनी कंपनी खोलकर दूध को बाजार में सीधे तौर पर बेच सकते हैं. हालांकि अपनी कंपनी खोलने के लिए आपको थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी होगी. लेकिन एक बार आपकी कंपनी चलने लगेगी तो आपको लाभ भी अच्छा होगा. इतना नहीं कंपनी शुरू करके आप दूध से बनने वाले अन्य उत्पादों को भी बेच सकते हैं. जैसे दही, पनीर, मक्खन इत्यादि जैसे उत्पाद. वहीं अगर आप कंपनी शुरू करते है तो नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें.

व्यापार का पंजीकरण (License process for dairy Farming business )

अपनी कंपनी खोलकर अगर आप दूध बेचना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए अपनी कंपनी का पंजीकरण करवाना होगा. कंपनी का पंजीकरण करवाने के लिए आपको अपनी कंपनी के लिए एक नाम सोच कर रखना होगा. वहीं आप अपनी कंपनी के नाम का पंजीकरण स्थानीय प्राधिकरण से दफ्तर में जाकर करवा सकते हैं. इसके अलावा आपको ट्रेड लाइसेंस, FSSAI लाइसेंस और वैट पंजीकरण करवाने की भी जरूरत पड़ेगी. इन लाइसेंस और पंजीकरण की प्रक्रिया में आपका थोड़ा सा खर्चा भी आएगा.

पैकेजिंग और बॉक्स की जरूरत (dairy Farming business Packaging And Labelling)

अगर आप अपनी कंपनी के जरिए दूध को बचते हैं, तो आपको दूध बेचने के लिए पैकेट बनवाने होंगे. दूध के इन पैकेट पर आपको अपनी कंपनी की जानकारी भी देनी होगी और दूध किस दिन पैक किया गया है. इसकी जानकारी भी पैकेट पर देनी होगी. वहीं इन पैकेट को बनवाने के लिए आपको उस व्यापारी से संपर्क करना होगा, जो इस तरह के पैकेट तैयार करने का कार्य करता है.

अपने व्यापार का प्रोमोशन (dairy Farming business Marketing)

अपनी कंपनी के नाम का प्रचार करना काफी जरूरी है, ताकि लोगों को पता लग सके, कि इस नाम की कोई कंपनी मौजूद है. कंपनी का प्रचार करने से लोगों में आपके द्वारा बनाए गए सामान की जानकारी पहुंचेगी. जिससे की आपके व्यापार को लाभ होगा. प्रचार कार्य के लिए आप अखबार में विज्ञापन दे सकते हैं.

डेयरी व्यापार से जुड़ी अन्य बातें (dairy Farming business facts)

  • सावधानी की जरूरत (precaution)

भैंसों को सही तरह का खाना ही दें. अगर आप उनको खराब खाने देते हैं तो उससे उनकी सेहत खराब हो सकती है. इसके अलावा समय-समय पर भैंसों की जांच जानवर के डॉक्टर से करवाते रहे. इतना ही नहीं भैंसों को कई तरह की वैक्सीनेशन भी दी जाती है, ताकि उनको कोई बीमारी ना हो सके.

  • व्यापार का बजट और ऋण लेने की सुविधा (Business start-up Costs And Loan Facility)

अगर आपको इस कारोबार को शुरू करने में पैसों की कोई तंगी आ रही है, तो आप बैंक से लोन ले सकते हैं. वहीं इस व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भी कई तरह सब्सिडी की सुविधा दी जा रही है. वहीं किसी भी बैंक से लोन लेने से पहले ये सुनिश्चित जरूर कर लें, कि आपको वो लोन कितनी ब्याज दर और कितने समय के अंदर वापस करना होगा.

अन्य नए व्यापार शुरू करने के बारे में पढ़े:

  • कैसे करें कोचिंग सेंटर की स्थापना
  • मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें
  • कैसे खोलें मैकडॉनल्ड्स फ्रेंचाइजी बिजनेस

6 thoughts on “How to Start dairy Farming business 2023: डेयरी फार्म हाउस के कारोबार को खोलने की जानकारी, Profit”

I want guide line to make cow sheed to start dairy form and best guide for start dairy farm

me dary kholna chta hu mere pass 5 akd land h muje achi nasl ki cow chiye kha se le skta hu

हैलो दोस्तो मुझे डेयरी फार्म पर काम करने के लिये आदमी की आवश्यकता है अगर कोई ईच्छुक हो तो मुझे 9672266154 पर what’s app करे

i am intrested for do work what is the wark at your dairy and where this

Sir aap bhut purane hisab SE bta hai 10 liter ki bhais Lene ke liye ab Kam se Kam 60 thausend dena padega

hum aap se baat karke kya aap hame Bata Sajna

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Most Profitable Cow based  Startup Business Ideas in India

India is emerging as a global destination for Innovation, Incubation and Start-ups and provides great opportunities. Government of India has come up with exciting programmes to support startup ecosystem and to nurture innovations and  launched Startup India action Plan for bringing in policies and frameworks that can support and nurture the start up eco-system.  India ranks third in Start up ecosystem after United States and UK and is emerging as a hub for innovation and has a large population of youth with untapped ideas. Innovations can trigger social change and solve problems faced by contemporary India. Bangalore ranks first in innovation and start-up destination in the Country. Recent findings reveal that success rate in start-ups are only 30 percent. International trading system, economic impact, policies, technology solutions and digital innovations are the major areas which facilitates Startups in the country.

Agri Incubators are breakthrough simulation game that helps disruptive entrepreneurs to create break through innovations, develop stronger business models and entrepreneurial strategies. The presence of vibrant entrepreneurial ecosystem is one of the key features of developed nation and a critical enabler for finding solutions to the regional problems. Precision agriculture, aimed at increasing productivity from the land is acquiring momentum across the globe. There are systems in which Irrigation, dispersion of nutrients and fertilizers are being done by drones which are emerging as third dimension mode of transportation.

While thinking of innovation we should keep in mind why we need to innovate? More than 52 percent companies among the Fortune 500 companies disappear because of poor sustainability. Need of the hour is to identify technologies which can be scaled up across the growing population. Internet of things, Sensors, solutions, transactions, transportation, online platform and social entrepreneurship are gaining momentum across the world. India is still an agrarian economy and has more than 50% of the working population involved in agriculture. This sector had shown significant fall in growth from 25 to 14%. This has resulted in widening of growth inequities between urban and rural areas. Improving productivity, quality of crops and value addition of agriculture produce would boost farm incomes and promote agribusiness industries which can provide gainful employment to rural youth. Innovative technologies will help to improve farm productivity.

Livelihood issues, Entrepreneurship, Food security and food safety issues, One health and public health issues, Demographic dividend towards youth and  Increasing consumerism are some of the recent trends in agriculture. Prospects for Ready to cook and ready to eat products are emerging at a time when Women are working as home managers and started outsourcing foods. Programmes to prevent Protein malnutrition with Consumer awareness programme have immense prospects for scaling up. The National dream is clean air, clean water and clean India. India ranks 69 in the world in gross development index.

Today youth is emerging as job creators rather than job seekers. There are ample opportunities for innovation in information technology and Biotechnology. In India services sector supersedes all other sectors. Now there are no services available in India without ICT or online.

In India basic challenge is between automation and skilled labour, documenting Vs knowing and advanced manufacturing vs jugaad. Capacity building will create talent pool. Genomics, food production, health and hydrogenation are important. In the Agriculture sector farm to fork is acquiring momentum. 30% production loss occurs in agriculture sector. Innovation needs to be linked to market need. Learn and experimentation is more important. India has 126 million hectare of arable land. Cultivable lands are 185 million hectares. More than 50% land is for primary food production. Agriculture is the largest private enterprise. Initially it was ship to food or ship to mouth. Now it is aimed at self sufficient in food production. Innovation is changing in the context. Average Indian consumer is looking for convenience, quality and safety. Agriculture should focus on demand driven value chain. There are huge prospects for organic and safe to eat products in Agriculture, Dairying, livestock and allied sectors. Recently consumers realised the deleterious effect of foods with excess antibiotics and pesticides. It has been projected to double the income of farmers by 2022 which will facilitate technologies. Irrigation, soil health and water conservation were given due coverage in the recent budget. Organic farming has been identified as one of the key areas for sustainable agriculture. Value addition, connectivity to market and e commerce are some of the recommendations in the budget which facilitates market led production. 100 percent foreign direct investment has been allowed in e commerce &food processing sector. Innovation has volatility, uncertainty, ambiguity and complexity. It is the process of dreaming and doing. How fast we are implementing the dream is important in innovation decision making process. Cloud, mobile, data, design and flat world are part of innovation. Cloud involves architecture changes, open source and new business models.

It has been envisaged that by 2030 number of students in the higher education sector will increase from 30 million to 70 million with the GER of 50 percent. It has been forecasted that 23 Universities will reach the top 200 of the World by 2030. The coming years will witness spectacular employment opportunities in E commerce, Innovation, communication, new media, Business analytics, Entrepreneurship, cloud services, biosciences, Retail industry, Agribusiness and Food processing sectors. India needs to create 1.5 Crore jobs per year for the next ten years to provide employment to youngsters. India is second largest smart phone market in the World and third largest country for downloads in 2015 within the Google Play Store. 66 Apps installed per user, 23 used daily.

Mobile, the low cost technology with hi speed self service and fastest growth is emerging as the Flat world platform for distribution and monetization. There are huge opportunities for digital led innovations in marketing. It can be ICT or smart phone based. Digital led deliverables are required for knowledge, production and marketing since knowledge is production. In order to increase production and to increase productivity with market led approach startups with appropriate innovations are required. In agriculture sector success depends on integration or convergence of different sectors like dairying, livestock, fisheries, etc. Kerala Veterinary and Animal Sciences University launched a novel project called startup village through integrating different sectors to promote the production of safe to eat products in kole lands. At a time when food safety issues are emerging across the country, production of organic/safe to eat products with ICT deliverables will help to promote employment and sustainability in agriculture. University’s E Vetconnect and advisory call centres provide appropriate information and services as and when required. Students need to think of appropriate innovation based on their ideas and to incubate and accelerate with appropriate deliverables. As demand increases start-ups in agriculture has lot of prospects ahead.

India, the mystical land wherein cows are preached to be the holy mother. People have high regard for Cattle, especially in Hinduism. If one reads our scriptures, they’d realize people associated with the cow business are in a better financial situation than others. Cow business startups   have rendered themselves to be extremely profitable, globally, since all Cow products are exceptionally useful.

India is the largest milk producer.India is currently ranked as the largest milk producer. Where, dairy is the single largest agricultural commodity contributing 5% of the national economy, witnessing 6.4% (CAGR) in the past 5 years. Indian dairy industry is expected to grow by 9-11% in FY22.The top 5 milk-producing states are: Uttar Pradesh (16.3%, 30.52 MMT), Rajasthan (12.6%, 23.69 MMT), Madhya Pradesh (8.5%, 15.91 MMT), Andhra Pradesh (8%, 15.04 MMT) and Gujarat (7.7%, 14.49 MMT).The Government of India in association with the Department of Animal Husbandry and Dairying in June 2020 announced a $ 2.1 Bn infrastructure development fund with an interest subsidy scheme to promote investment by private players and MSMEs in dairy, meat processing and animal feed plants which in return is expected to create 3.5 million jobs. The Ministry of Food Processing Industries (MoFPI) has issued detailed operational scheme guidelines and has launched an online portal for ‘Production Linked Incentive Scheme for Food Processing Industry(PLISFPI) with an outlay of $ 1.4 Bn to support the creation of global food manufacturing champions commensurate with India’s natural resource endowment and support Indian brands of food products in the international markets.

India is the leading producer and consumer of milk across the globe. The Indian dairy sector is divided into the organized and mostly unorganized (75%). There is a need for investment, especially for the small and marginal dairy farmers to catalyze Indian dairy production and exports.

  • India has the largest bovine population of over  300 million , producing  198.4 million tonnes  of milk in 2019-20. Despite COVID-19 induced restrictions, the organized sector is projected for a 5-6% growth i.e.  Rs 1.5 lakh crore  sectoral revenue generation in 2021-22, as per CRISIL.
  • In the previous year 2020-21, the VAPs (value-added products) and sales dropped due to pandemic-induced restrictions. However, continuity of food delivery and increase in household consumption has led to a surge in demand for VAPs and liquid milk in 2021-22. This shall also lead to increased procurement prices.
  • Though there is a marginal increase in the export value from the previous year, India has managed to secure an export value of  Rs 1,358.29 crores  of dairy products for the year 2020-21, with the biggest market for Indian dairy products being the UAE.
  • There is a need for investment for educating and training dairy farmers and provide better infrastructure for collection, transportation, and processing of milk to augment milk productivity and maintain its quality.

cow business plan in hindi

India has been a leading producer and consumer of dairy products across the globe for decades. With over 300 million bovines and producing  over 198 million tonnes  of milk in 2019-20, the Indian dairy sector exhibits strong growth potential. This is supported by a study by the National Dairy Development Board ( NDDB ), which expects the demand for milk and milk products at a pan India level to be  266.5 million metric tonnes  in 20230.

With COVID-19 induced restrictions, however, the organized dairy sector was adversely affected in the last fiscal- growing by a meager 1% – the lowest in a decade. However, the sector bounced back with the organized businesses projecting a robust growth of 5-6% i.e.,  1.5 lakh crore  sectoral revenue generation in 2021-22, as per a report  by CRISIL . This is due to the robust demand revival for value-added products ( VAP ) and liquid milk. India is undegoing a transition from production of plain milk to VAPs and an unorganized/local to more organized market. With increasing population, higher disposable income, higher per-capita consumption, larger vegetarian population, demand for hygiene, etc., the demand for VAPs and milk is bound to increase.

Currently, a number of youth startups are pacing up as the government of India promises countless cow business loan,  investment plans and schemes  to introduce a quality wave of income in our farmer’s pockets.

Huge promises, wave of innovation and investment and a plethora of schemes and yojanas in order to  double farmer’s income by 2022  is encouraging more youth to venture into Agriculture and Animal Husbandry start ups to help the middle and small holders farmers. These farmers would be double happy if these products are available within their hands reach and so they could forget the alternative products .There are many Start Ups making a wave in Indian Agriculture with  low investment and at the same time being sustainable and profitable.

It was recently that the Kamadhenu Ayog was formed in February 2019 after the Prime Minister Narendra Modi gave a nod for the constitution of an organisation that would devote solely towards the conservation and protection of cows. The Kamdhenu Aayog was formed with the innate idea of improving the growth of the livestock industry in the country, with an initial investment of Rs 500 crore and 60% funding from the Govt for  Cow Dung  and Urine Start-ups. Rashtriya Kamadhenu Aayog is encouraging more youth into starting Cow based product Start Ups in India.

Isn’t it high time that we gave our readers a thought on some wonderful ideas for the highly profitable ideas for Cow Start Ups. Some of the detailed list on highly profitable ideas for Cow Start Ups is given below. You could use the Native Cows or the Introduced  cattle breeds in India .

Agriculture/cow business ideas and animal husbandry startups, especially cow rearing would help a range of small farmers. Since  cow products are naturally beneficial to the human body, a low investment cow business startup dealing with such sustainable products would be profitable to everyone.  So if you’re planning to start a cow business in India, go ahead!

Some of the ideas cow business startups are:

Milk-Based Products Startup Pest Repellants and Fertilizers Startup Cow Urine Products Distillation Plants Religious Cow dung products Natural Beauty Products Breeding and rearing of local cow breeds

Dairy Farming:

Regardless of the location and season, there is always a tremendous demand for milk all over India. The increase in population has also doubled the rate of milk consumption in India. In our country, unemployment is on another level, and thus, young business enthusiasts are taking a keen interest in the dairy farm business. Many people want to commence this business, but due to lack of knowledge and market awareness concerning the same, they hesitate to put their feet in this business.

Dairy farming business is a lucrative business choice nowadays. It is an eco-friendly business, and it can be commenced in all seasons. It is deemed a thousand times better option as compared to a job. One of the noteworthy features associated with dairy farming is that it doesn’t require highly skilled and competent labour. You can easily set up this form of business without much worry.

Before initiating a dairy farming business anywhere in India, it is essential to have a sound dairy farming business plan. You will have to dedicate your time as well as efforts on your dairy farm round the clock. It’s not necessary that you have to commence your dairy farm on a commercial level. You can begin your journey on a small scale, and with the progress of your business, you can develop it as a large-scale venture.

Components of Dairy Farming Business Plan

There are various requirements of the dairy farming business plan.

Given below are the components of dairy farming that one must know before commencing this form of business-

Land:  Farm owners must take a keen interest in the maintenance of cultivated areas or land for growing fodder crops for the purpose of cattle. Normally, the land area relies on the number of cattle that are likely to get stored. Generally, 1 acre of land is enough to feed around 7 to 10 cows.

Shed:  There should be a well-covered area constructed in the farmland before inviting the cows into your farm.

Labour:  Labour is the soul of the dairy farming business plan. In the dairy farming business, the chosen labour must hold expertise in handling the activities related to the farm entailing growing green fodder. It’s crucial to extend at least one to two days of training to the labour force so that they can get well versed with routine activities taking place at dairy farms.

Selection & Vaccination of Breed:  To generate more milk, there must be decent cow breed selection. It’s important to opt for a breed that yields more milk and can give momentum to the dairy farming business. Well-known milk yielding cows are Gir, Red Sindhi, Ongole, Sahiwal, and others.

Furthermore, to bring diseases under control and preserve cow’s health, their caretaker must have a strict schedule for vaccination. Hiring a veterinary doctor will be a great move as it will ensure routine checkups as well as proper medication for cows.

Water and Fodder:  Both of these components must be available in desirable quantities; as water promotes the growth of green fodder & fodder further plays a significant role in the proper nourishment of cattle.

Dairy Farming Business Plan in Brief

As a beginner, you must visit some Agriculture Universities or Training Centers associated with the Animal Husbandry Department or Private Training Dairy Consultancy or any Krishi Vigyan Kendras to acquire some professional training.

Go through online dairy blog websites, dairy magazines, as well as Youtube Videos to accumulate more knowledge regarding the concept of farming.

Move to the local dairy farms and consult management so that you may acquire knowledge with respect to the management of the farm. Ask them about the various problems they face and learn how they overcome the problems.

One of the noteworthy points mentioned in the dairy farming business plan is that if you are willing to commence dairy farm business, then you would have to learn sound labour management skills.

As we all know that fodder or feed is the prime element of dairy farming that impacts profitability up to a great extent, dairy farm business enthusiasts should acquire an in-depth understanding of silage-making procedures as well as green fodder cultivation exercises.

In case you don’t have capital investment and wish to acquire a subsidy & loan the dairy farm, you should visit your cooperative banks/local agriculture for further information.

At an initial level, you need to visit some cattle markets to witness animals on sale & communicate with individuals engrossed with buying animals to acquire an idea of the reasonable animal prices, best breed, as well as milk yield of animals.  Besides this, you can learn negotiation skills.

Shed Construction

  • Proper ventilation, as well as a spacious shed, is needed for dairy farming.
  • In order to maintain the cattle health, the construction of a shed is crucial.
  • It ensures hygienic conditions for cattle.
  • The space requirement with respect to shed construction is 8 feet * 12 feet area for one cow. Therefore, the entire space needed for 15 cows is around 120 feet * 12 feet.
  • Nevertheless, nothing is fixed with regard to the area, and things depend on the size of the cow.
  • Cow feeders must be built in between with a wall of separation so that the cows can be fed via Head to Head Arrangement in which cows get fed from both sides facing head to head each other.
  • The dairy shed roof must be prepared with asbestos sheets & the floor must be made of either cement or bricks with sufficient inclination.
  • It can grant proper drainage for cattle urine & excrete. In order to maintain a hygienic state, the shed must be cleaned daily.
  • At the time of construction of the shed, care must be taken.
  • The location must be elevated to prevent any form of water stagnation surrounding the shed, and it also delivers proper ventilation (air and sunlight).

Dairy Farming Business Plan: A Good Dairy Breed Selection

  • A dairy farming business plan includes a good dairy breed selection as it will help in successful dairy farming.
  • Opt for the dairy cow/cattle breed that meets the requirements of climatic conditions as well as high milking capacity.
  • You may take a tour of the local farms, and you can proceed ahead for observing the various breed types.
  • A crossbreed of Holstein Frisian with Indian Sahiwal or Jersey with Red Sindhi or Jersey with Sahiwal is in high demand due to its good milk production capability.
  • You need to opt for a breed that is capable of producing 20 to 25 litres/day.
  • Artificial insemination has a key role to play with respect to cross with high-yielding breeds.

Fodder Management

In dairy farming, fodder management is extremely crucial. The daily milk yield of a cow is based on the type of fodder as well as the nutritional facts associated with the available fodder. High-yielding cows must receive 1 kg of concentrate and mineral mixture to obtain 2.5 litres of milk produce. Suppose that, if a cow yields 15 litres of milk on a regular basis, then that cow must be given around 6 kg of concentrate along with a mineral mixture.

Under Dairy Fodder Management Practices, three types of fodder can be provided. The three types of fodder are mentioned below-

Green Fodder-  All the leguminous crops which are enriched with protein supplements belong to the green fodder family. For example, any gram crop, masoor, berseem, corn/maize, as well as hybrid grass such as CO-3 & CO-4, nipper grass, and more. Such green fodder crops can be used to prepare silage. This silage is considered highly nutritious, and milk yield is likely to increase. Silage making is crucial, and it is mainly required in dry periods. Usually, 2 to 3 acre of fertile land is needed to produce green fodders for 15 cows. Nevertheless, the yield of green fodder relies on several factors.

Dry Fodder-  It encompasses choker (wheat bran), kutti(rice/paddy straw), and wheat hay.

Concentrate & Mineral Mixture-  It is needed to grant concentrate feed and a mineral mixture on a daily basis so that cows won’t have to suffer due to deficiency of minerals. All three types must be appropriate proportion for adequate milk yield.

The cost of feed must depend upon the milk capacity of the animal. The feed may stay in the range of 200 to 250 Rs./day/cow on an average basis.

Management of Cow & Calves under Dairy Farming Business Plan

  • Mating of cows (Also known as artificial insemination) must be carried out after the time frame of every 3 months of calving.
  • It takes around 3 years for Indian cattle breeds to reach the phase of maturity whereas HF cows or high yield jersey crossbreed reach the phase of maturity, in the time frame of 16 to 18 months, and they will be prepared for mating.
  • Cow must be calving for every 13 months in general.
  • The period of lactation associated with cows is 300 days, and the service period must be 90 to 120 days.
  • Furthermore, the gestation period is of 266 days.
  • In the case of pregnant cows, more care and attention is required as during this stage, they need more nutrition.
  • In the gestation period, cows must receive proper concentrate as well as a mineral mixture.
  • With each passing day, the feed intake must be increased in order to ensure proper growth and development of calves as well as their udder.

Water Supply

One of the major requirements is the clean water supply with respect to drinking & cleaning purposes of the shed. By providing overhead tanks, arrangements can be carried out.

Dairy Farming Business Plan: Vaccination Program

Before proceeding ahead for giving any vaccination in the dairy industry, deworming must take place to obtain fruitful outcomes. Nevertheless, deworming must be carried out regularly, and the veterinary doctor is likely to be your point of contact concerning the same. The diseases monitored under the vaccination program are- Foot and Mouth Diseases, Theileriosis, Rabies, Brucella, Anthrax, Hemorrhagic Septicemia, and other diseases.

Dairy Farm License in India: Legal Requirements and Permissions to Set Up a Dairy Farm

The legal steps are different in all the states. It depends on whether you strive to process milk and its products. The information concerning license and permits may be applied to dairy farm license in Uttar Pradesh, dairy farm license in West Bengal, dairy farm license in Punjab, dairy farm license in Haryana, dairy farm license in Maharashtra, dairy farm license in Rajasthan, dairy farm license in Haryana, dairy farm license in Madhya Pradesh, dairy farm license in Chhattisgarh, dairy farm license in Bihar, and other states of India.

The basic steps are mentioned below-

  • You should go for the registration in the local veterinary and department of dairy development.
  • Furthermore, you may contact the block or district office of these veterinary or agriculture departments.
  • Contact Municipality Corporation or Local Panchayats on the basis of your place in order to get the license for commencing the dairy farm.
  • Acquire permission from the pollution control board in case you are planning to start giant size farms.
  • Obtain BIS Standards like- BIS- IS 11799: 1986 (R2002): Gaushalas & other organized milk.
  • Obtain BIS- IS 12237:1987(Reaffirmed in 2004): Recommendations for loose housing systems.
  • Also, you need to register with FSSAI as it is mandatory in order to commence a dairy farm.
  • It is essential to have an application to animal husbandry practices for all the species to encourage power-driven resistance towards the deadly and infectious diseases in the farm animals.
  • Other factors counted to obtain the license are conditions of the soil, climatic conditions, quality of land, dairy stock, the farm infrastructure, agricultural support mechanism, and different skills of the farmer.

Forms that must get filled to Import the Live Stocks

Given below are the forms that you must fill in order to get the license to kick-start a dairy farm business in India.

FORM A-  Filling this form will authorize you to import livestock products. Details that you need to provide under this FORM A encompass name as well as address of the person who is establishing the farm business, description and name of the farm animals that will get imported, consignment description and stock quantity details, locality and country of the imported animals, name and address from where import of the animals will take place, and other details. This FORM A must get submitted to the Trade Division, Ministry of Agriculture, Animal Husbandry and Dairying Department, Government of India, New Delhi.

FORM B-  You need to provide similar information as you have provided in FORM A.

GST Registration

GST Registration  is mandatory for commercial dairy farm in India. You need to get in touch with any CA for the dairy farm GST Registration process.

FSSAI Registration/License

1- In India, most of the dairy industries and farms don’t get the  FSSAI License , and the milk may either remain in a contaminated form that contains chemicals such as urea, neutralizers, detergents, and other contaminants.

2- To ensure positive transformation in the dairy sector, FSSAI has mentioned in its guidelines that even small dairy farmers should obtain the license and registration in order to continue with their dairy business operations all over India.

3- Small farmers who obtain milk from the dairy business operators must not apply for any registration or license.

4- Milk collection centres that get and process sit via chilling facilities must perform their operations under the surveillance of licensed plants or organizations.

5- They need to obtain licenses and permissions from FSSAI.

Scope for Dairy Farming

India is empowered with the vastest livestock population in the entire world. It reports about 57.3 % of the world’s buffalo population & 14.7 % of the cattle population. Therefore, there is an incredible scope for boosting milk production via profitable dairy farming.

Bottom Line

The dairy farming business in India can generate a rosy picture for dairy business owners. This form of business’s huge potential is because people nowadays have become more health-conscious and have entailed milk and milk products in their daily diet regime. Amid the pandemic, people have been focusing more on strengthening their immune system, and therefore, the demand for milk, especially the  A2 Cow milk , has gained pace in the Indian market. Before commencing a dairy farm business, you should be ready with your dairy farming business plan. At Aatmnirbhar Sena, we are ready to extend  capital assistance  and support in other forms so that you can easily initiate your dairy farm anywhere in India.

  • Breeding and Rearing of Desi Cows

Rearing of Desi cattle will bring in economic benefits to farmers and health benefits to consumers. The Native Cow breeds have a specific vein present in the hump called Surya Ketu Nadi which absorbs the energy from the sun and moon. The Desi cow products and by products are supposed to have medicinal benefits.

  • Desi Cow Milk and Milk based products like Ghee, Cheese, Butter Mik, Lassi, Paneer

Native cows yield consistently good milk, for more number of years when compared with Introduced breeds. Milk from the native breed contains the best Beta Casein protein, B2, B3, A vitamins,22 soluble minerals, amino acids etc which makes its proteins easier to digest. It is one of the best natural anti-oxidants available.A2 milk fat is digestible, while A1 milk is nor digestible and needs to be skimmed. Sale of Desi Cow milk at higher rates should definitely bring in more money to the rural economics.

  • Fertilizers and Pest Repellants

Fertiizers and Pest Repellants  made out of cow dung and cow urine of native cows are more suitable as manure for organic farming, as they contain more beneficial microorganisms and earthworms thrive on them. Thus, the farmers save on buying pesticides and manure. Please opt for them in your urban gardens instead of chemical fertilizers. It is healthier for the soil and of course more sustainable. Fertilizers like Panchagavya, Amruth Jal and pest repellants like Jeevamrutha etc could be focussed.

  • Installation and Sale of Biogas Units

Installing Biogas Units for helping convert the biodegradable waste into energy so that we could reduce the dependency on natural gas in Kitchens.

  • Installation and Sale of Cow Urine Distillation plants and Distilled Cow Urine Products.

Installing cow urine distillation plants for helping collect the urine and distill that in turn could be used to make fertilizers and pest repellants. It is the most natural Bio-pesticide and Bio-fertilizer available for plants. Spraying of cow urine eliminates fungal infection, insect attack as well as parasites such as nematodes. For better results cow urine could be mixed with neem oil and vermiash. A Research study on  Cow urine at 15% concentration show that  there was suppression in  fungal pathogens namely Fusarium oxysporum, Rhizoctonia solani, and Sclerotium rolfsii,  in Vegetable plants like Methi and Bhindi associated with damping off and wilting. Distilled Cow urine when consumed also helps increase the immunity of our body, serves as a complete detoxifier, reduces obesity and thereby controls cholesterol. It is supposed to help in reducing obesity, regenerates damaged tissues and cells, reduces inflammation and joint pain.

  • Gobar pots and Gobar Logs ,Dhoop and Agarbatti

Gobar pots are an excellent sustainable option for plastic pots  and is a best out of waste project and the Gobar logs could replace the place of wood. These pots are ideal gifts and Cow dung logs could be used in Havans, Crematoriums and bonfires. Dhoop and Agarbattis made of Cow dung and some havan samagri could purify the home atmosphere.

  • Technology apps

Developing Technology apps like mooOn by Stellapps is a wearable device for cows that measures the animal’s activity, which helps farmers optimize breeding patterns, provide preventive health care, strengthen key links in the milk supply chain, grade its quality and monitor the temperature of milk kept in cold storage. Similarly there  could be new technology ideas devised to make better apps, where in they could keep a track on solving problems in the business and management of dairy farms,  Increasing Reach Of Farm to Table,  developing tools to diagnose livestock disease on the farm like automated monitoring system to detect the early signs of mastitis. Some Apps could also provide dairy farmers with real-time analysis of the feed available on farm to understand its content. This could help farmers to improve the diet and  also improve the efficiency of the feed.

  • Skin Care products

There is an umpteen opportunity for Skin care product industry as already this industry is a serious hit with consumers ,taking into account that these products are natural ,chemically inert and non toxic when used on the skin. Milk based, dung based and urine based skin care products are available. All credits to the milk proteins and rich aminoacids in the formula they will not irritate the sensitive skin. Some of the Startups already working with Cow based products like Cowpathy makes  soap, toothpaste, floor cleaners, hair oil, incense, shaving cream and face wash. Cowpathy says that the soap contains dried and pulverised cow dung, orange peel, lavender powder, and gooseberries and their toothpaste contains dung, ghee, and urine.

  • Special Drugs

Special drugs of different combinations that will contain extracts of cow dung and urine could be a possible industry based on cow products. Panchagvaya is a Special drug produced by The Ministry of AYUSH and the Rashtriya Kamdhenu Aayog have reportedly joined hands to produce.

We think these Start Up Ideas could ensure steadier flow of money for farmers and would uplift their present living conditions and these could bring in huge health benefits to consumers, taking into consideration the  nutritional value of foods being consumed by the Urban Population.

Latest Profitable Cow Dung Business Ideas

1. Cow Dung Pots Business

Dumpling made from cow dung is naturally very useful. These dishes are easily prepared by machine. The specialty of these pots is that you can keep the plant by filling the soil in it, or else you can make a pit in the ground including the pot, and press it.

It also does not cause any harm to the plant and good growth of the plant is also done by dung in the pot. Its demand is also increasing in the markets. This business can prove to be a good and  profitable business  for you.

2. Cow Dung Cake Business

Nowadays there is a huge demand everywhere from offline to online for cow dung cakes. It is mostly used for worshipping and burning the fireplace which, once burnt, burns easily for three to four hours. Thus, starting Cow Dung Cake Business gives good money.

3. Cow Dung Mosquito stick Business

The demand for dung made from cow dung has also increased in Indian markets. Because incense sticks made from cow dung are effective insect repellents. Insects and mosquitoes flee at the smell of these incense sticks. As a result, the agarbatti business might be a lucrative venture for you. You don’t even have to put much money into it. Even with a small investment, you can make a good profit.

DR. K. DHIR, DAIRY CONSULTANT,PUNJAB

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Business Plan (Hindi Guide) – बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं

Business plan template hindi

किसी भी Business को शुरू करने से पहले Planning एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हैं और लिखित  Business Plan बनाना इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं| Business Plan एक तरह से आपके बिज़नेस का नक्शा (Map) या Blueprint होता हैं जिसमें आपके बिज़नेस की सामान्य जानकारी, व्यवसाय के लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का तरीका आदि  बातें लिखी होती हैं| बिज़नेस प्लान न केवल आपके Guide के रूप में काम करता हैं बल्कि Bank Loan , Startup Funding or Business Partneship आदि कई महत्वपूर्ण कार्यों  के लिए जरूरी होता हैं|

लगभग सभी तरह के Business Loans के लिए बिज़नेस प्लान बनाना बहुत जरूरी हैं नहीं तो Banks, Loan देने से मना कर सकते हैं|

Business Plan क्या है

कोई भी काम करने से पहले उसकी योजना बनाई जाती है। यही बात Business के ऊपर भी लागू होती है जहां इस योजना का लिखित रूप Business Plan कहलाता है। दरअसल Business Plan एक ऐसा Document है जो किसी नए Business के ‘क्या’, ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर देता है । जैसे :

  • हमारा Business क्या है ?
  • हम ये Business क्यों करना चाहते हैं
  • हम इस Business को कैसे करेंगे ?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमे बिज़नेस प्लान के द्वारा मिलता हैं । प्रमुख रूप से Business Plan नये व्यवसाय के लिए होता है लेकिन कोई वर्तमान Business कुछ नया कर रहा है तो भी Business Plan बनाकर Business को आगे बढ़ा जा सकता है। Business Plan से सिर्फ Start-up नहीं बनती है बल्कि Business को Established भी करती है । समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार Business Plan में बदलाव भी किए जा सकते है।

Business Plan क्यों बनाया जाता है:

आप यह सोच सकते हैं कि Business Plan को बनाने की जरूरत क्या है। अपने Business Plan के माध्यम से व्यवसायी अपने निर्धारित लक्ष्यों का लिखित रूप और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वह क्या रणनीति बना रहा है, स्पष्ट रूप से बताता है। व्यावसायिक योजना या बिज़नेस प्लान निम्न उद्देश्यों के लिए बहुत जरूरी होता हैं:-

  • Bank में Business Loan के लिए Apply करना
  • अपने Small Business या Startup के लिए Venture Capital Firm या Crowdfunding जैसे अन्य तरीकों से Fund जुटाना
  • Business से सम्बंधित किसी भी प्रकार की Subsidy या कोई Scheme के लिए Apply करना
  • Business Partnership और फ्रेंचाइजी आदि के लिए

एक अच्छी तरह से बनाए गए Business Plan से न केवल Bank और अन्य बाहरी स्त्रोतों से वित्त ( Funding or Finance ) प्राप्त करना सरल होता है बल्कि Internal Operations में भी यह सहायक होता है।

How to Write a Good Business Plan –  अच्छा बिजनेस प्लान कैसे बनाए

किसी भी योजना का निर्माण बहुत सोच समझ कर किया जाता है। यही बात Business Plan बनाते समय भी लागू होती है। कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी योजना Business Plan के रूप में तैयार की जाती है। इसलिए एक अच्छे Business Plan को बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। इनमें प्रमुख हैं :

  • इस Business Plan को बनाने का Core Objective क्या है ?
  • Business Plan को किन लोगों के लिए बनाया जा रहा है । अथार्थ इसे पढ़ने वाले लोगों में Investors या Bankers हैं जिनका धन व्यवसाय में Invest हुआ है ?
  • आपके Business Plan में क्या-क्या शामिल है?
  • आपको एक संक्षिप्त या विस्तृत Business Plan चाहिए ?

जब इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है तो एक व्यवसायी अपना Business Plan बनाना शुरू करता है। किसी भी एक सफल और स्पष्ट Business Plan में निम्न विषयों पर Focus किया जाता हैं:-

1. बिजनेस का उदेश्य क्या है –  अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ Business Plan किसी भी व्यवसाय के उद्देश्यों को बता सकता है। इस Business Plan के माध्यम से व्यवसायी ने अपने भविष्य के लिए क्या योजना बनाई है, इसका पता चलता है । इन उद्देश्यों से व्यवसाय से जुड़े लोगों को क्या लाभ होगा, इसका ब्यौरा भी Business Plan से ही चलता है।

2. Business के स्पष्ट विवरण का वर्णन –  Business Plan के माध्यम से किसी भी व्यावसायिक इकाई के बारे में Complete Description का पता लगता है। इस Business Plan के द्वारा ही किसी अन्य व्यक्ति को यह पता चलता है की आपने अपना व्यवसाय कैसे शुरू किया था और आपका क्या उद्देशय है ।

3. व्यवसाय के उत्पाद और सेवाएँ क्या हैं –  Business Plan को डिजाइन करते समय व्यवसायी यह निश्चित कर सकता है की उसे किस प्रकार के Products का उत्पादन करना है और क्या Services देनी है।

4. मार्केट विश्लेषण में सहायक –  व्यवसायी जब Business Plan को बनाता है तो उससे पहले वह अपने संबन्धित बाजार का विश्लेषण (Market Analysis) भी कर लेता है। इस विश्लेषण के माध्यम से ही भविष्य में होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में पता लग सकता है।

5. व्यावसायिक ढांचे का विवरण –  किसी भी व्यावसायिक ढांचे में उसके कर्मचारी और प्रबंधकीय क्षमता का पता लगता है। Business Plan को बनाने से Business Structure के बारे में भी पता लग जाता है।

6. संसाधनों का उपयोग –  किसी भी व्यावसायिक इकाई का सबसे अच्छा साधन उसमें लगाया गया धन और व्यवसायी का समय होता है। Business Plan को बनाते समय आपको यह निश्चय करना होगा की इन दोनों ही महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग कैसे करना है।

7. लक्ष्य निर्धारण  –  किसी भी काम को सफलतापूर्वक करने के लिए उसका लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी है। Business Plan को बनाते समय व्यवसाय के लक्ष्यों का निर्धारण सरल हो जाता है ।

Business Plan Template in Hindi – बिज़नेस प्लान टेम्पलेट

हालाँकि किसी भी Business Plan का कोई फिक्स फॉर्मेट नहीं हैं और इसे आवश्यकता के अनुसार अलग अलग तरीके से बनाया जाता हैं| सामान्यत: एक Business Plan के निम्न भाग होते हैं:-

Executive Summary – एग्ज़ीक्यूटिव संक्षेप

Executive Summary किसी भी Business Plan का पहला भाग होता हैं और इसके अंतर्गत Business Plan से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को सारांश के रूप में लिखा जाता हैं|  Business Naure, Legal Structure, Product or Services, Target Market, Business Model, Management Team,  Marketing Plan, Goals, Financial Projection, Fund or Loan Required आदि को संक्षेप में बताया जाता हैं|

बाकि के Business Plan का पूरा सार इस भाग में लिखा होता हैं, इसलिए भाग को सबसे अंत में बनाना बेहतर होता हैं|

Company or Business Overview – व्यावसायिक पृष्ठभूमि:

Business Plan के इस भाग में आपके व्यवसाय से सम्बंधित पूरी जानकारी को विस्तृत में लिखा जाता जैसे

  • व्यवसाय की प्रकृति
  • आप क्या बेचेंगे – Product or Service Description
  • आपका Target Market क्या हैं
  • व्यवसाय का Legal Structure यानि कि व्यवसाय एकल, साझेदारी या कंपनी हैं,
  • कर्मचारी और मैनेजमेंट टीम,
  • व्यावसायिक स्थल

इसके आलावा इस भाग में व्यवसाय के Product या Services से सम्बंधित सभी बातों को विस्तृत में लिखा जाता हैं जैसे:-

  • आपका प्रोडक्ट या सर्विसेज से कौनसी समस्या सुलझ रही हैं या यह लोगों के क्या काम आ रही हैं?
  • आपका product या services दूसरों से कितना अलग हैं?
  • लोग आपके Product को क्यों खरीदेंगे
  • आप अपने product को कैसे बनायेंगे और क्या वह तरीका सबसे बेहतर हैं?
  • क्या आपने प्रोडक्ट और सर्विसेज का Trademark, Patent आदि का रजिस्ट्रेशन करवा दिया हैं

Product/Service Description को अलग भाग में भी दिखाया जा सकता हैं|

  Market Analysis – बाजार विश्लेषण

इस भाग में आपके Product या Service के Target Market से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों का एनालिसिस किया जाता हैं जैसे:-

  • टारगेट मार्केट, मार्केट साइज़ और Deemand
  • आप किसे बेचेंगे – Target Customer, उनका व्यवहार, वर्ग और खरीद शक्ति (Purchasing Power)
  • आपके competitors कौन हैं और उनके पास कितना Market Share हैं, उनकी शक्तियां और कमजोरियां
  • भविष्य में Demand और Market में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन

Marketing Strategy – बाजार रणनीति 

Business Plan का यह भाग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस भाग में उन सभी नीतियों वर्णन होता है जो आप अपने Product and Services को कस्टमर तक पहुँचाने और Market Promotion के लिए प्रयोग में लाना चाहते हैं। इस भाग के अंतर्गत आपको निम्न बातों को निर्धारित करना होता हैं:-

  • आपके Product या Service मार्केट में अपनी जगह कैसे बनायेंगे
  • आपके Target Customer कौन हैं जो सबसे पहले आपके Product या Services में रुचि दिखायेंगे और आप उन तक कैसे पहुंचेंगे
  • आपकी Pricing Policy क्या होगी
  • आप अपने Product या Service को किस तरह से Promote करेंगे जैसे Direct Marketing, Advertisement Social Media etc.
  • आप किस तरह से अपने product या services को कस्टमर तक पहुंचाएंगे – डिस्ट्रीब्यूशन चेनल
  • आपकी Selling Strategy क्या होगी?

Operations – कार्यप्रणाली 

यह एक महत्वपूर्ण भाग हैं जिसमें Business Operations यानि कि “व्यवसाय कैसे चलेगा” इससे सम्बंधित सभी बातों की विस्तृत जानकारी होती हैं जैसे:

  • Business Place – आप किस जगह पर अपना व्यवसाय करेंगे| क्या आप जगह खरीदेंगे या किराये पर लेंगे|
  • Production Facility and System – आपके पास प्रोडक्शन फैसिलिटी किस प्रकार की हैं और क्या यह जरूरत के मुताबिक हैं|
  • Purchase Plan – आप अपने Inputs को किस तरह से खरीदेंगे और क्या यह सबसे बेहतर तरीका हैं
  • Production Plan – आप किस प्रकार अपने Product का उत्पादन करेंगे| Deemand के आधार पर या Estimates के आधार पर|
  • Workforce Structure and their roles – आपके कर्मचारियों के पद, कार्यक्षेत्र और उनकी जिम्मेदारियां
  • Systems and Information Technology – आपके व्यवसाय का मुख्य IT सिस्टम किस तरह का होगा
  • Store Facility – आप कितना Stock रखेंग और कहाँ पर रखेंगे|

Financial Analysis – वित्तीय योजना:

Financial Analysis  किसी भी Business Plan का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं क्योंकि यह भाग आपके व्यवसाय की सारी महत्वपूर्ण बातों और Projection को फिगर्स या नंबर्स में प्रस्तुत करता हैं| इसी भाग से बैंक या वेंचर फर्म को आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और पूँजी की आवश्यकता का पता चलता हैं जिसके आधार पर Banks, लोन देती हैं और Venture Capital Firms, निवेश करते हैं| यह हिस्सा मुख्य रूप निम्न बातों पर केन्द्रित होता हैं:

  • आपको Business के लिए कितनी पूँजी या Fund की जरूरत हैं और इसका उपयोग कहाँ कहाँ पर करेंगे – Capital/Fund Requirement
  • आप इस पूँजी को कैसे जुटाएंगे – Loan, Venture Funding, Crowd Funding, Own Capital etc.
  • आप कितने वर्ष के लिए Loan लेंगे, इसकी Security क्या होगी और इसका पुनर्भुगतान कैसे करेंगे
  • आपके Business के Revenue/Income Sources क्या होंगे – Sales, Other Incomes
  • आपके Business के Exepnditure क्या होंगे – Purchases, Interest Payment, Rent etc.
  • Sales, Revenue और Expenses के आधार पर आपके Business के अगले 3-5 वर्षों Profit & Loss Forcast
  • आपके Business का Growth Forcast
  • Business Risk और उसके संभावित परिणाम

Financial Analysis के महत्वपूर्ण Statements/Forcast

  • Capital Requirement and Sources of Capital
  • Sales Forcast of 3-5 Years
  • Profit and Loss Forcast of 3-5 Years
  • Cashflow Statement 
  • Balance Sheet

Business Plan आपके व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं जो आपके Business को आगे बढ़ाने में निरंतर रूप से आपको गाइड करता है। इसलिए इसके निर्माण में बहुत सावधानी का प्रयोग करना चाहिए।

Posted by Abhishek

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बिजनेस प्लान कैसे बनाएं ? ( ९ स्टेप ) | How To Make A Business Plan In Hindi ( 9 Steps )

एक बिजनेस शुरू करने से पहले हम बिजनेस आइडियाज तलाश करते हैं और हमें एक अच्छी बिजनेस आइडिया मिल भी जाती है लेकिन सिर्फ एक अच्छी बिजनेस आइडिया से काम नहीं होता।

यदि आप अपने बिजनेस आइडिया को Reality  में उतारना चाहते हैं तो आपको एक बिजनेस प्लान बनाने की आवश्यकता है। बड़ा व्यावसायिक हो या छोटा व्यवसायिक सभी को बिज़नेस प्लान बनाना चाहिए।

केवल हवा में महल बनाने के बजाय, अगर आप एक Business Plan बनाते हैं तो आपके बिजनेस शुरू करने की संभावना बढ़ जाती है और आपकी सफलता की संभावना भी बढ़ जाती है।

इसलिए आपको सबसे पहले अपना एक बिजनेस प्लान बनाना चाहिए।

Business Plan In Hindi

बिजनेस प्लान क्या है? ( What is Business Plan In Hindi )

बिजनेस प्लान एक बिजनेस की लिखित Strategy होती है। या प्लानिंग होती है जिसमें बिजनेस के सभी Details दिए जाते है।

बिजनेस प्लान में कंपनी का Goal क्या है ?, वह Goal किस तरह Achieve किया जाएगा ?, उस Goal को Achieve करने समय उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा ? और उन्हें कैसे दूर किया जाएगा ? ऐसी सभी जानकारी एक बिजनेस प्लान में होती है।

बिजनेस प्लान कैसे बनाएं? ( How To Make a Business Plan In Hindi ? )

आप अपनी इच्छा और जरूरत के अनुसार जैसे चाहे वैसे एक बिजनेस प्लान बना सकते हैं लेकिन हर बिजनेस प्लान में कुछ जरूरी चीजें होनी चाहिए। वह चीजें क्या है ये आप इस पोस्ट में आगे समझेंगे।

लेकिन पहले हम यह जानेंगे कि बिजनेस प्लान के कौन-कौन से प्रकार है ?

बिजनेस प्लान के प्रकार ( Types Of Business Plans In Hindi )

बिजनेस प्लान मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार है Simple Business Plan जिसे वन पेज बिजनेस प्लान भी कहा जाता है और दूसरा प्रकार है Traditional Business Plan

Traditional Business Plan ( In Hindi )

यह बिजनेस प्लान Long होता है और बहुत detail में लिखा जाता है 

ये बिजनेस प्लान कभी-कभी 30 से 40 Pages का भी हो सकता है। यह बिजनेस प्लान आने वाले कई वर्षों तक आपका मार्गदर्शन करता है क्योंकि इसमें सभी जानकारी बहुत Detail में लिखी जाती है।

बिजनेस को Loan देने से पहले या बिजनेस में Invest करने से पहले बैंक और Investor इसी बिजनेस प्लान को देखते हैं।

1. Executive Summary

यह आपके बिजनेस प्लान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और आपको यह सेक्शन बिजनेस प्लान के अंत में लिखना होता है क्योंकि ये वो सेक्शन है जहां आप अपने संपूर्ण बिजनेस प्लान की Summary लिखनी होती है। 

जिस तरह आप अपने Product को Sell करते समय उसकी Advertise करते हैं उसी तरह से यह Executive Summary आपको लिखनी है।

यह समरी पढ़ने वालों को आपके बिजनेस में Interest उत्पन्न होना चाहिए और उस व्यक्ति के  अंदर ये संपूर्ण बिजनेस प्लान पढ़ने की इच्छा निर्माण होनी चाहिए। 

आप जो बिजनेस कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसमें क्या Opportunity है ? कौन सा Problem है ? और उसे आप किस तरह Solve करने वाले हैं ? इसकी आपको Short में जानकारी देनी है। 

साथ ही अगर आप Bank से Loan प्राप्त करना चाहते हैं तो वह कितना चाहिए और किस लिए चाहिए इसकी जानकारी भी आपको यहां देनी है।

2. Company Description

इस Section में आपको अपनी कंपनी की या व्यवसाय की जानकारी देनी है। आप नीचे दिए गए Points के अनुसार जानकारी लिख सकते हैं।

  • आपके कंपनी का नाम क्या है ?
  • आपके कंपनी का या व्यवसाय का प्रकार क्या है ? – यदि आप कंपनी के प्रकार जानना चाहते हैं तो Types of Company In Hindi इस पोस्ट को पढ़े।
  • आपका बिजनेस मॉडल क्या है ?
  • आपका बिजनेस कैसे काम करता है ?
  • आपके कंपनी का इतिहास क्या है ? – जैसे कि आपकी कंपनी कब शुरू हुई थी ? कंपनी ने इससे पहले क्या किया है ?
  • कंपनी का Goal या Mission Statement क्या है ? – यह आपको एक सेंटेंस में बताना है
  • व्यवसाय का Location क्या है ? और यह व्यवसाय किस Area ( क्षेत्र ) में काम करता है ?

3. Products & Services 

इस सेक्शन में आप कौन से Products और Services देने वाले हैं ? या दे रहे है उसकी जानकारी देनी है। यह जानकारी देते समय आपको अपने कस्टमर के दृष्टिकोण से सोचने की आवश्यकता है।

  • आपका Products क्या है ?
  • वह कौन सा Problem Solve कर रहा है ?
  • किस तरह से Solve करेगा या कर रहा है ?  

यह आपको बताना है।

इसी के साथ आपके Product की Price क्या है ? यह भी आपको बताना है। 

आपका Pricing Model क्या है ? और आपका Profit Margin क्या है ? यह भी बताना है

आप खुद प्रोडक्ट को Manufacture करते हैं या किसी कार के द्वारा Manufacture कराते हैं यह आपको बताना है।

4. Marketing plan ( मार्केटिंग प्लान )

किसी भी बिजनेस में सफल होने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है मार्केटिंग और इसलिए आपको अपने बिजनेस के मार्केटिंग की प्लानिंग करना बहुत जरूरी है।

आपके मार्केटिंग के प्लान में नीचे दिए गए Points होना जरूरी है।

Market Research – बिजनेस शुरू करने से पहले आपको अपने मार्केट का रिसर्च करना आवश्यक होता है।

आप जो Product मार्केट में बेच रहे हैं उसका मार्केट कितना बड़ा है ? उस मार्केट में कितनी कंपटीशन है ? उस मार्केट का भविष्य कैसा है ?  यह सभी जानकारी और उससे संबंधित आंकड़े आपको यह देने हैं। 

आप यह आंकड़े ऑनलाइन Google से भी प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कुछ चीजों का आपको स्वयं रिसर्च करना होगा।

Target Customer – आपको आपके टारगेट कस्टमर कौन है यह पता होना अत्यंत जरूरी होता है।  बहुत से लोगों को उनके Target Customer कौन है यह पता नहीं होता।  यदि आप उनसे पूछते हैं कि आपके टारगेट कस्टमर कौन हैं तो वह आपको बताएंगे की – हर कोई। 

हर कोई इंसान आप का टारगेट कस्टमर कभी नहीं होता।  उदाहरण के लिए यदि आप महिलाओं के कपड़े बेच रहे हैं तो आपके टारगेट कस्टमर है – महिलाएं

आपके जो कोई टारगेट कस्टमर है उनकी सभी जानकारी आपके पास होनी आवश्यक होती है जैसे कि

  • Marital status
  • Income Source
  • Buying Habits

Competitive Analysis –

बिजनेस करते समय आपके पास अपने स्पर्धकों की संपूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है जैसे कि

  • आपके स्पर्धक ( Competitor ) कौन है ?
  • उनकी Strength क्या है ?
  • उनकी Weakness क्या है? 
  • उनके Product की Price क्या है ? 
  • उनकी मार्केटिंग Strategy क्या है ?
  • आपके और उनके बिज़नेस में क्या अंतर है ? 
  • आपके और उनके Product में क्या समानताएं हैं और क्या भिन्नताएं हैं ?
  • उनकी Team कैसी है ?
  • उनके Customer Reviews कैसे हैं ?

Competitive Advantage – लगभग हर बिजनेस में Competition होती है और अगर आप अपने Competition को हराना चाहते हैं तो आपके पास Competitive Advantage होना चाहिए।

तो फिर आपके पास कौन सा Competitive Advantage है ? यह आपको बताना है। आपका कस्टमर आपके Competition की बजाए, आपके पास क्यों आए ? यह आपको Explain करना है।

Positioning – इस बिजनेस में आप वास्तव में किस क्षेत्र में काम करने जा रहे हैं ?, आपकी पहचान क्या होगी ?, आप की Positioning क्या होगी ?

चलो इसे थोड़ा और समझते है – 

Business में आप सब कुछ नहीं कर सकते। आपको केवल किसी एक क्षेत्र में Expert  होने की आवश्यकता होती है

जैसे कि अगर आप किसी Health की समस्या को हल करने जा रहे हैं तो आप की Positioning एक Health Brand ऐसी होगी

यदि आपका Product केवल महिलाओं के लिए है तो आपकी Positioning उसी तरह से होगी। लोग आपको उसी के लिए जानेंगे। 

आपके Business की किस में में Expertise है ? या फिर लोग आपको किस क्षेत्र का Expert या Specialist माने ?

Method of Marketing  – आप अपने Product या Services की मार्केटिंग किस तरह करने वाले हैं ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि

  • Digital Marketing
  • Social Media Marketing
  • Facebook Ads
  • YouTube Marketing
  • Mobile Marketing
  • Logo & Branding
  • Trade Shows
  • Tv Advertising
  • Mouth Publicity

Marketing Budget – बिजनेस में सफल होने के लिए सबसे जरूरी है मार्केटिंग।  लेकिन ज्यादातर लोग मार्केटिंग को नजरअंदाज कर देते हैं।

बिजनेस करते समय मार्केटिंग के लिए एक अलग बजट निर्धारित करना बहुत जरूरी होता है और इसलिए आपको यहां पर आपके मार्केटिंग का बजट क्या है यह बताना है।

5. Operational Plan

यहां पर आपको आपके बिज़नेस के Operations के प्लानिंग की जानकारी देनी है।

Staffing – आपको किस तरह के श्रमिकों की और Employees की आवश्यकता है ? कितने श्रमिकों की या Employees की आवश्यकता है ? आप उन्हें किस प्रकार का प्रशिक्षण देंगे ? उन्हें कितना पेमेंट देंगे ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है। 

Production – अगर आप Manufacturing कर रहे हैं तो आपके Production की Process क्या है ? उसके लिए आपको कौन से मशीनरी की आवश्यकता है और कौन से अन्य चीजों की आवश्यकता है ? उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है

Location – यदि आपको आपके बिजनेस के लिए Physical Location की आवश्यकता है तो उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि उसका किराया कितना होगा ? उसकी Maintenance Cost कितनी होगी ?

Legal Environment – आपके बिजनेस के लिए आपको कौन से लाइसेंस ,ट्रेडमार्क, कॉपीराइट Insurance की आवश्यकता होगी ? इसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है

Raw Material & Inventory – इस बिजनेस के लिए अगर आपको Raw Material या Inventory की जरूरत है तो यहां पर उसकी जानकारी आपको देनी है। 

Suppliers & Vendors – यदि आप अपने बिजनेस के लिए कोई Suppliers और Vendors ( विक्रेता ) का उपयोग करते हैं तो उसका विवरण आपको यहां देना है। 

Payment Terms -आप कस्टमर से पेमेंट किस तरह लेते हैं ? उसकी जानकारी आपको यहां पर देनी है जैसे कि अगर आप उधारी पर प्रोडक्ट्स देते हैं तो उसकी जानकारी देनी है और फिर उस उधारी को किस तरह वसूला जाता है उसकी भी जानकारी यहां पर देनी है।

6. Management Team

यहां आपको आपके टीम की जानकारी देनी है।  एक मजबूत और अच्छी टीम के बिना आप किसी भी बिजनेस में आगे नहीं बढ़ सकते। 

  • आपके टीम के सदस्य कौन हैं ?
  • उनका नाम क्या है ?
  • वह किस में Expert है ?
  • उनके Resumes की Summary आपको यहां पर देनी है।

7. Budget & Expenses

यहां पर आपको आपके बजट और खर्चों के बारे में जानकारी देनी है जैसे कि व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा लगा या लगने वाला है ?

व्यवसाय शुरू करते समय हम जितना सोचते हैं उससे अधिक पैसों की जरूरत होती है इसलिए आपको इन Extra Funds को भी पहले से ही ध्यान में रखना चाहिए

Business शुरू शुरू करते समय आपको दो प्रकार के Expenses ध्यान में रखने हैं सबसे पहला है Capital Expenses और दूसरा है Operating Expenses

आप जब शुरुआत में एक बिजनेस शुरू करते हो तो उसके लिए जो Upfront लागत की आवश्यकता होती है उसे Capital Expenses कहा जाता है जैसे कि मशीनरी खरीदना, जगह खरीदना, फर्नीचर खरीदना

वैसे ही किसी बिजनेस को Operte करने के लिए जो पैसा लगता है उसे Operating Expenses कहा जाता है जैसे कि Day-To-Day Transaction, दुकान का किराया, लाइट बिल, Workers की पेमेंट

इन दोनों खर्चों को आपको यहां पर बताना है।

साथ ही में यदि किसी ने आपके बिजनेस में पहले से Invest ( निवेश ) किया है तो उसकी भी जानकारी आपको यहां देनी है। 

यदि आपने किसी बैंक से Loan लिया है तो उस के भी Dtails आपको यहां पर देने हैं।

साथ में आपके बिजनेस के जितने भी Owners ( मालिक )  है उन सभी की कितनी Assets ( संपत्ति ) है और कितनी Liabilities ( देयता ) है यह आपको बताना है।

अगर आप बैंक में Loan के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको उसके भी Details यहां पर देने हैं जैसे कि आपको कितना लोन चाहिए ? किस लिए चाहिए ?

8. Financial Plan

यहां आपको अपनी Financial Planning की जानकारी देनी है। Financial Planning में नीचे दिए गए तीन Points की जानकारी आपको देनी चाहिए। 

Cash Flow Statement – Financial Planning का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां आपको जानकारी देनी है कि आपके बिजनेस में कितनी Cash आती है और कितनी Cash बाहर जाती है।

अगर आपके पास Cash Flow Statement नहीं है तो आप आपके बिजनेस में कितनी कैश आएगी और जाएगी इसका अनुमान ( Projection ) दे सकते हैं।

Profit & Loss Projection – यहां पर आपको आपके बिजनेस के Profit और Loss की जानकारी देनी है।

भविष्य में आपके बिजनेस से कितना Profit होगा और कहां से होगा ? इसकी जानकारी आपको यहां देनी है।

Balance Sheet Projection – यहां आपको अपने बिजनेस की Assets और Liability के बारे में जानकारी देनी है

Assets जैसे की जमीन, मशीनरी, रियल एस्टेट, फर्नीचर

Liability जैसे कि बैंक लोन, बिल की पेमेंट

आप कितना Revenue Expect कर रहे हैं ?

आप कितनी Expenses Expect कर रहे हैं ?

9. Sales Plan

यहां आपको आपकी पिछली और अभी की Sales कितनी है ? या फिर भविष्य में आप कितनी Sales Expect कर रहे हैं ? और वह Sale कहां से आएगी ? इसकी जानकारी देनी है।

Simple Business Plan or One Page Business Plan ( In Hindi )

इस बिजनेस प्लान में बिल्कुल Short में एक Page के अंदर सारी जानकारी दी जाती है। यह बिजनेस प्लान लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। 

नीचे आपके लिए कुछ Points दिए गए हैं।  इन Points का इस्तेमाल करके आप अपना One Page Business Plan बना सकते हैं। 

ये Points क्या है ? इसकी जानकारी मैं ऊपर पहले ही बता चुका हूं। 5 से 10 लाइन में बिल्कुल Short में इन Points को आपको Explain करना है।

  • Business Opportunity
  • Company Description
  • Market Research
  • Target Customer
  • Marketing Plan
  • Competitive Advantage
  • Financial Plan
  • Funding Required

बिजनेस प्लान बनाने के लाभ ( Benefits of Business Plan In Hindi )

एक Investor किसी भी बिजनेस में Invest करने से पहले आपका बिजनेस प्लान देखता है।

बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए भी एक अच्छे Business Plan का उपयोग होता है।

अच्छा बिजनेस प्लान आपको अच्छे Employees पाने के लिए भी उपयोगी होता है। 

बिजनेस करते समय बहुत सारी समस्याएं आती है और बिजनेस प्लान की वजह से आप पहले से ही उन समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार होते हैं।

एक बिजनेस प्लान आपको इस बारे में स्पष्टता देता है कि आपको अपने बिजनेस के Goal को पूरा करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है।

Conclusion –

यह दोनों बिजनेस प्लान आपको सिर्फ एक मार्गदर्शन के रूप में दिए गए है।  इस बिजनेस प्लान को बिल्कुल Same To Same कॉपी करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। 

ऊपर दिए गए बिजनेस प्लान में आप अपने जरूरत के हिसाब से और भी कई चीजें जोड़ सकते हैं या फिर इनमे से कुछ चीजों को आप कम भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़े –

  • १०१ बिज़नेस आईडिया – कम लागत, ज्यादा मुनाफा
  • कम लागत में जूस की दुकान कैसे खोले ?

Frequently Asked Questions

Q: सबसे बढ़िया बिजनेस कौन सा है?

किसी भी एक बिज़नेस को हम सबसे बढ़िया नहीं कह सकते लेकिन जिन चीजों की मार्किट में ज्यादा डिमांड है उनसे सम्बंधित बिज़नेस को हम सबसे बढ़िया बिज़नेस कह सकते है जैसे की कपड़ो का बिज़नेस, खाद्य पदार्थो से सम्बंधित बिज़नेस, शिक्षा से सम्बंधित बिज़नेस, दवाइयों से सम्बंधित बिज़नेस।

Q: नया व्यापार कौन सा करें?

यूट्यूब चैनल शुरू करना, Blogging करना, Instagram Influencer बनना, Electric गाड़ियों से सम्बंधित व्यवसाय

Q: 10000 में कौन सा बिजनेस करें?

१०००० में आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे की YouTube Channel, Blogging, पॉपकॉर्न बेचना, जूस का बिज़नेस, सैलून शुरू करना, वेबसाइट बनाना

Q: कौन सा काम में सबसे ज्यादा पैसा है?

जिन Products की मार्किट में सबसे ज्यादा डिमांड है और जिसमे सबसे ज्यादा Profit Margin है उन बिज़नेस से आप सबसे ज्यादा कमाई कर सकते है जैसे की कपड़ो का बिज़नेस, खाद्य पदार्थोंका बिज़नेस, ट्यूशन क्लास, दवाइयों का बिज़नेस

Q: सबसे कम पैसे में कौन सा बिजनेस करें?

सबसे कम पैसो में आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे के यूट्यूब चैनल, कंटेंट लिखना, Video Editing करना. कम पैसो में सुरु होने वाले बिज़नेस जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे >   १०१ बिज़नेस आईडिया – कम लागत, ज्यादा मुनाफा (2022)

Q: घर बैठे कौन सा बिजनेस करें?

घर बैठे आप कई बिज़नेस कर सकते है जैसे की घर से साड़ी बेचना, होम लॉन्ड्री, टिफिन सर्विस, मेहंदी सर्विस, आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचना, यूट्यूब चैनल शुरू करना, कंटेंट लिखना, Video Edit करना

Q: गांव में सबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है?

गांव में खेती से सम्बंधित व्यवसाय आप कर सकते है जैसे की दूध का व्यवसाय, घी और दही बनाने का व्यवसाय। इसके साथ जरूरी चीजों का बिजनेस भी आप कर सकते है जैसे की किराने की दुकान

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Swapnil Shinde

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Reported by Dhruv Gotra

Published on 28 February 2024

डेयरी फार्म व्यवसाय एक परम्परागत व्यवसाय है। जिसमे पशु पालन के माध्यम से लोग अच्छे व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं। जो लोग डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं वे पशुपालन विभाग में सम्पर्क कर सम्पर्क कर के फिर Dairy Farming Business को शुरू कर सकते हैं।

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उम्मीदवारों को जितनी मेहनत करनी पड़ती है उतना ही उन्हें लाभ भी प्राप्त होता है।

अगर आप भी खुद का बिज़नेस शुरू करना चाहते है। तो आयन बिज़नेस को शुरू करने के लिए आपको केवल 10 हजार रुपये की आवश्यकता होगी। उसके बाद आप इससे लाखों कमा सकते है।

डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय ऐसे शुरू करे पूरी जानकारी | Dairy Farming Business In Hindi

आर्टिकल के माध्यम से उम्मीदवारों को डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे ? डेयरी फार्मिंग क्या है ? Dairy Farming Business के माध्यम से उम्मीदवारों को क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं आदि की सभी जानकारियां को लेख में उपलब्ध कराया जा रहा है सभी इच्छुक उम्मीदवार पूरी प्रक्रिया समझने के लिए नीचे दिए गए लेख को ध्यानपूर्वक और पूरा अंत तक पढ़ें।

WhatsApp

यदि आप अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए ये आईडिया हो सकते हैं काम के, इनसे कर सकते हो आप अच्छी कमाई।

डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय क्या है ?

डेयरी फार्म व्यवसाय करने का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। जिससे लाभार्थी अपना स्वयं का व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ पशुओं की आवश्यकता होती है जो दूध देते हैं जैसे गाय, भैंस, बकरी आदि।

इन पशुओं से प्राप्त दूध को बेच कर उद्यमी अच्छे पैसे कमा सकते हैं यह व्यवसाय पुरे साल भर चलने वाला व स्थिर व्यवसाय में से एक है। लेख में उम्मीदवारों को डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय सम्बन्धित सभी जानकारी नीचे प्रदान की जा रही है।

Dairy Farming Business In Hindi Highlights

उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे ? इससे जुडी अनेक जानकारी हम आपको नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से देने जा रहें है। ये सारणी निम्न प्रकार से है –

डेयरी फार्मिंग क्या है ?

डेयरी में पशु पालन कर के व्यवसाय को शुरू किया जा सकता हैं। लगभग सभी घरों में दूध व दूध से बने पदार्थों का सेवन किया जाता है। Dairy Farming Business में पशुओं जैसे- भैंस, गाय का पालन कर के उनसे प्राप्त दूध कर पैसे कमा सकते हैं।

ऐसे ही दूध से- पनीर, दही, घी, मक्खन, मिठाई आदि को बना कर भी बेचा जा सकता है। इन सब खाद्य पदार्थों को बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है और इनको दूध के दामों से अधिक दामों में बेचा जा सकता है। इसके अलावा पशुओं के गोबर को गोबर गैस में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कृषि भूमि में खाद के रूप में गोबर का प्रयोग किया जा सकता है। लाभार्थी खाद को बेच कर भी पैसे कमा सकते हैं। इस प्रकार पशुपालन के माध्यम से व्यवसाय करने की प्रक्रिया को डेयरी फार्मिंग कहते हैं।

Dairy Farming Business के लाभ

जो भी उम्मीदवार डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय को शुरू करते हैं उन्हें डेयरी फार्मिंग के माध्यम से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं इसकी जानकारी को हम आपको आर्टिकल के माध्यम से देने जा रहे है। डेयरी फार्मिंग से लाभ सम्बन्धित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिएआपको नीचे दी गयी सूची को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  • डेयरी फार्मिंग के माध्यम से उम्मीदवार अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं।
  • इस व्यवसाय का पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
  • गाय के गोबर का इस्तेमाल बायोगैस में किया जा सकता है।
  • इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा लोगो की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
  • Dairy Farming Business पुरे साल भर चलने वाला व्यावसाय है।
  • गोबर का प्रयोग खेती में भी किया जा सकता है।
  • सबसे ज्यादा मात्रा में इस व्यवसाय को किसान करते हैं क्योकि इससे उन्हें डेरी के साथ फसल के लिए भी फायदा होता है।
  • बैंकों द्वारा डेयरी फार्मिंग को शुरू करने के लिए लोन भी दिया जाता है।
  • सरकार द्वारा भी डेयरी फार्मिंग सम्बन्धित बहुत सी योजनाओं को शुरू किया जाता है।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय ऐसे शुरू करें ?

Dairy Farming Business शुरू करने के लिए उम्मीदवारों को कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। उन सभी बातों की लिस्ट को लेख में नीचे दी जा रही है।

  • सबसे पहले अपनी डेयरी फार्मिंग के लिए जगह का चयन करें जहां पर आपको डेयरी खोलनी है।
  • फिर आपको पशुओं का चयन करना है आप किस नस्ल के गाय, भैंस रखना चाहते हैं।
  • गाय भैंसों की बहुत सी नस्लें होती है उनमे से आपको उस नस्ल को रखना है जो ज्यादा दुधारू हो।
  • उद्यमी सबसे लोग प्रिय व दुधारू भैंसों की नस्ल – मेहसाना, मुर्राह आदि नश्लों को रख सकते हैं।
  • और गायों में लोकप्रिय नस्ल- जर्सी, साहीवाल, फ़्रिसियन आदि हैं।
  • इसके लिए आपको अलग-अलग नस्लों की जानकारी पता होनी भी जरुरी है।
  • सभी नस्लों की अलग-अलग कीमत होती है उम्मीदवार बजट के अनुसार नस्ल को ले सकते हैं।

Dairy Farming से मुनाफा

डेयरी फार्मिंग को लाभार्थी कम पशुओं में भी शुरू कर सकते हैं। यदि किसी डेयरी वाले के पास 20 पशु है। प्रत्येक पशु हर दिन अगर एक पशु 10 लीटर दूध देते हैं। तो 20 पशु एक दिन में 200 लीटर दूध देते हैं।

लाभार्थी द्वारा दूध को 50 रुपये लीटर बेचा जाता है तो प्रतिदिन उद्यमी को 10,000 रुपये प्राप्त होते हैं इसमें से यदि पशुओं के चारे के लिए 5 हजार खर्च किये जाते हैं। 3 हजार पशुओं की देख-भाल व साफ़-सफाई में खर्च किये जाते है।

इसके बाद प्रतिदिन उद्यमी के पास 2000 रुपये की बचत होती है यदि इनके आलावा उम्मीदवार अधिक पशुओं का पालन करते हैं तो वे प्रतिदिन इससे ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

Dairy Farming Business सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी

जो उम्मीदवार Dairy Farming Business को शुरू करना चाहते हैं उन्हें कुछ मुख्य बातों को ध्यान में रखना होता हैं उन सभी बातों को लेख के माध्यम से बताया जा रहा है। पूरा विवरण नीचे दी गयी सूची से प्राप्त करें।

डेयरी फार्मिंग के लिए जगह

जो लाभार्थी डेयरी फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं उनके पास डेयरी खोलने के लिए खुली जगह होनी चहिये जहां वे अपने पशुओं को रख सकें। यदि उम्मीदवार के पास 50 वर्ग फीट जगह है तो वे केवल एक गाय व एक भैंस को ही इस जगह में रख सकते हैं।

परन्तु यदि बड़ा Dairy Farming Business को शुरू करना है तो इसके लिए लाभार्थियों को ज्यादा जगह की आवश्यकता भी होती है। जिसके लिए कम से कम 1000 से 3000 वर्गफीट तक की जगह या इससे अधिक होनी चाहिए। पशुओं को रखने के लिए ऐसे जगह पर बाड़ा बनाये जहां ऑक्सीजन की प्राप्त मात्रा हो।

नस्लों का चयन

डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए उद्यमियों को सबसे पहले गाय व भैंसों की अच्छी नश्लों का पता होना चाहिए। पशुओं की सभी नश्लों की कीमत के साथ दूध देने की मात्रा भी अलग-अलग होती है इसलिए उन नस्लों का चयन करें जिनसे ज्यादा फायदाआपको प्राप्त हो सके।

नस्ल का चयन उद्यमियों को जलवायु को मध्य नजर रख कर करना चाहिए। अलग-अलग शहरों में अलग-अलग जलवायु होने के कारण शहरों में रहने वाले गाय ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं रह पाती हैं। इसलिए पशु लेने से पहले जलवायु पर भी ध्यान दें। गाय की नस्ले -: जर्सी, साहीवाल, सिंधी, थारपारकर, आदि। भैंसों की नस्ले -: मुर्रा, जाफराबादी, जाफराबादी, भदावरी आदि।

पशु कहाँ से खरीदे ?

dairy farming business in hindi

पशुओं के लिए चारा

डेयरी फार्मिंग में पशुओं के लिए ऐसे भूसे व चारे का प्रयोग करे जिसमे पोषक तत्व पूर्ण मात्रा में हों। पशुओं के लिए ऐसे चारे का प्रयोग करें जिसमे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा प्रचुर मात्रा में हो। पशुओं को समय-समय पर चारा दें इसके अलावा किसान खेतों में घास को भी पशुओं को खिला सकते हैं। चारे में अधिक से अधिक हरे चारे का प्रयोग किया जाना चाहिए।

डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उसके उत्तर

department of animal husbandry की ऑफिसियल वेबसाइट epashuhaat.gov.in है। इस वेबसाइट का लिंक हमने आपको अपने इस लेख में उपलब्ध करा दिया है।

Dairy Farming को शुरू करने के लिए उद्यमी पशुओं को पशुपालन और डेयरी विभाग में सम्पर्क करें वहां उम्मीदवारों को हर नस्लों के पशु प्राप्त हो जाएंगे।

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए गाय की सिंधी, र्सी, थारपारकर, साहीवाल आदि नस्लों में से ले सकते हैं और भैंस की भदावरी, मुर्रा, जाफराबादी आदि नस्लों को ले सकते हैं।

dairy farming business को कोई भी शुरू कर सकता है इसके लिए वे विभाग में जा कर संपर्क कर सकते हैं

डेरी फार्मिंग में पाले जाने वाले पशुओं को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा प्रचुर मात्रा में होऐसा चारा देना चाहिए। जिससे उनके दूध देने की क्षमता में बढ़ोतरी हो।

Dairy Farming व्यवसाय को शुरू करने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले डेरी के लिए ऐसी जगह का चयन करना है जहां ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में आए और सभी जानवरों के लिए रहने की खुली जगह हो पाए इसके बाद गाय व भैंस की जिस नस्ल को लाभार्थी रखना चाहते हैं उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर के विभाग से सम्पर्क करने के बाद उम्मीदवार पशुओं को ले सकते हैं।

हेल्पलाइन नंबर

जैसा कि इस लेख में हमने आपको डेयरी फार्म गाय पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे ? इसकी पूरी जानकारी आपको प्रदान की है, अगर आपको इन जानकारी के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से सहायता मिलेगी।

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Dhruv Gotra

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Dairy farming ki Puri jankari chahia Farming ke sath pasu ki nasl or chara ki jankari

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पशु आहार निर्माण बिजनेस। Cattle Feed Manufacturing Business Plan in Hindi.

पशुओं के उचित विकास एवं दुग्ध क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें उचित पोषकयुक्त Cattle Feed देने की आवश्यकता होती है । भारत सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते कंपाउंड फीड के बाज़ारों में से एक है। हमारे देश भारत में व्यवसायिक एवं वैज्ञानिक तौर पर फीड मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत उत्तरी एवं पश्चिमी भारत में सन 1965 के आस पास शुरू हुई थी। इस दौर में इनकी मैन्युफैक्चरिंग के लिए मध्यम आकार के फीड प्लांटो की स्थापना हुई थी।

Cattle Feed की यदि हम बात करें तो इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से डेयरी से जुड़े मवेशियों की खानपान सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है ताकि उनसे उचित उत्पादन संभव हो सके।  यद्यपि जब पहले पोल्ट्री सेक्टर का उद्गम नहीं हुआ था और अण्डों का उत्पादन बैकयार्ड पद्यति से देशी पक्षियों के माध्यम से किया जाता था।  बीतते समय के साथ फीड इंडस्ट्री अन्य उद्योगों की तरफ भी विस्तारित हुई है।

इसलिए यह लगातार बढती जा रही है और अगले दशक में भी इसकी माँग में वृद्धि की संभावना लगातार बनी हुई है। भारत में यह फीड इंडस्ट्री प्रति वर्ष 8% CAGR की दर से आगे बढ़ रही है इस तरह की फीड डिमांड के लिए पोल्ट्री, एक्वा और डेरी इंडस्ट्री जिम्मेदार हैं। एक आंकड़े के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2012-13 में केवल 20.3 मिलियन टन Cattle Feed का उत्पादन किया गया था जो कुल आवश्यक फीड की बेहद कम मात्रा थी ।

चूँकि इस तरह की यह इंडस्ट्री लगातार और अधिक संगठित होती जा रही है इसलिए इस सेक्टर में और अवसर उपलब्ध होते जा रहे हैं और अनुमान यह है की आने वाले कुछ वर्षों में भारत सबसे फीड बाजार बन सकता है। यद्यपि पशु आहार बाजार को मुख्य रूप से तीन भागों पोल्ट्री, कैटल और एक्वा में बांटा जा सकता है इसमें 55% हिस्सेदारी पोल्ट्री फीड, 14% एक्वा फीड और 11% Cattle Feed की हिस्सेदारी शामिल है। यद्यपि इस तरह का या फीड उत्पादन बेहद खंडित है जिसे आम तौर पर घरों में कस्टम मिक्सिंग करके बनाया जाता है।

Cattle Feed manufacturing Business

पूरा लेख एक नजर में

पशु आहार इंडस्ट्री ( Cattle Feed Industry):

यद्यपि पशु आहार इंडस्ट्री एवं मार्किट के बारे में हम उपर्युक्त वाक्यों में भी बात कर चुके हैं इसलिए यहाँ पर डेयरी फीडिंग सिस्टम के बारे में बात करना भी बेहद जरुरी हो जाता है। भारत में यदि पशु पालन की यदि हम बात कतरें तो ग्रामीण इलाकों में छोटे स्तर पर दुधारू पशुओं का भी पालन पोषण प्राकृतिक फिल्ड में चराई पर आधारित है। जिससे जानवरों को ग्रीन फ़ूड तो प्राप्त हो पाता है लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर खाना प्राप्त नहीं हो पाता है।

इसलिए Cattle Feed Manufacturing बिजनेस शुरू करने के इच्छुक उद्यमी को डेयरी फीडिंग सिस्टम की जानकारी होना नितांत आवश्यक है।

आम तौर पर भैंस या अन्य मवेशियों को गेहूं, धान, बाजरा, गन्ने का और अन्य अनाजों का पुआल एवं स्टोवर्स खिलाये जाते हैं। इन्हें भी चराई के लिए उपलब्ध घास के साथ पूर्ण किया जाता है और पशुओं को बेहद कम या सिमित कंसन्ट्रेट फीड खिलाया जाता है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अनुसार, भारत में छह प्रकार के प्रमुख लाइवस्टॉक फीडिंग सिस्टम अपनाये जाते हैं इनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • सूखा चारा + कंपाउंड फीड + कंसन्ट्रेट फ़ूड
  • सूखा चारा + हरा चारा + कंपाउंड फीड + कंसन्ट्रेट फ़ूड
  • हरा चारा + होममेड कंसन्ट्रेट मिक्स + कंसन्ट्रेट फीड
  • हरा चारा + कंपाउंड फीड + कंसन्ट्रेट फ़ूड
  • साइलेज + सूखा चारा + कंसन्ट्रेट फ़ूड
  • साइलेज + कंपाउंड फीड + कंसन्ट्रेट फ़ूड

पशु आहार निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें? ( How to Start Cattle Feed Business in India):

पशु आहार निर्माण यानिकी Cattle Feed Manufacturing कृषि आधारित व्यवसाय है इसलिए इस तरह के व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा अनेकों योजनायें चलाई गई हैं। इसलिए उद्यमी को इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने से पहले उस राज्य विशेष या केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई योजनाओं के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयत्न करना चाहिए।

ताकि उद्यमी उसी आधार पर अपने व्यवसाय को शुरू करने की योजना बना सके। आइये जानते हैं की इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को कौन कौन से कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

1. जमीन का प्रबंध (Land and building for cattle feed Manufacturing)

Cattle Feed Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को न सिर्फ जमीन की आवश्यकता होती है बल्कि जमीन के साथ साथ मशीनरी, उपकरणों, कच्चे माल, लाइसेंस एवं पंजीकरण, श्रमिकों इत्यादि की भी आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी के पास स्वयं की कोई गैर कृषि योग्य भूमि है तो उद्यमी उस भूमि में कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू करके भी अपनी इकाई स्थापित कर सकता है।

लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी किसी बिल्डिंग को किराये पर लेकर इस तरह की यह इकाई स्थापित कर सकता है। जहाँ तक इस व्यवसाय को शुरू करने में उपयुक्त जमीन का सवाल है यह इकाई की उत्पादन क्षमता पर निर्भर करेगा की इकाई को स्थापित करने के लिए लगभग कितनी जमीन इत्यादि की आवश्यकता होगी। लेकिन इतना तय है की उद्यमी को न सिर्फ कार्यस्थल के लिए जगह चाहिए बल्कि स्टोर रूम, बिजली उपयोगिताओं एवं जनरेटर सेट के लिए जगह के अलावा एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है।

इस तरह से उद्यमी को कुल मिलाकर कम से कम 800-1200 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है। चूँकि इस व्यवसाय में उद्यमी के ग्राहक के तौर पर किसान, पशुपालक, डेरी फार्मिंग उद्यमी इत्यादि रहने वाले हैं इसलिए Cattle Feed Manufacturing Business को ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों में कहीं से भी शुरू किया जा सकता है।         

2. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण

वैसे देखा जाय तो चूँकि यह कृषि से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए Cattle Feed Manufacturing के लिए शरुआती दौर में किसी लाइसेंस एवं पंजीकरण की अनिवार्यता तो नहीं है। लेकिन यदि उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर करके संचालित कर सकता है। जहाँ तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन का सवाल है कृषि सम्बन्धी कुछ व्यवसायों के लिए इसकी छूट की सीमा अधिक है लेकिन उद्यमी चाहे तो वोलंटरी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।

इसके अलावा उद्यमी को स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस इत्यादि की भी आवश्यकता हो सकती है। इस उत्पाद की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड ने कुछ मानक निर्धारित किये हैं इसलिए इस उत्पाद का उत्पादन इन मानकों के अनुरूप होना नितांत आवश्यक है। पशुओं के कंपाउंड फीड के लिए IS: 2052‐ 1975 और मिनरल मिक्सचर सप्लीमेंट Cattle Feed के लिए IS: 1664‐ 1981 मानक निर्धारित हैं।        

3. मशीनरी एवं कच्चे माल का प्रबंध

Cattle Feed Manufacturing में अनेकों तरह के उपकरण एवं मशीनरी इस्तेमाल में लायी जाती है इसलिए इनकी खरीदारी से पहले उद्यमी को चाहिए की वह विभिन्न मशीनरी सप्लायर से कोटेशन मंगवा ले। और फिर इनका तुलनात्मक विश्लेषण करे और उसके बाद ही किसी अच्छे सप्लायर का चुनाव करे। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नलिखित है।   

  • मिक्सर मशीन
  • ग्राइंडिंग मशीन
  • स्क्रीनिंग मशीन
  • पेलेटाईजिंग मशीन
  • लेबोरेटरी इक्विपमेंट

कच्चे माल की लिस्ट

  • गेहूं का चोकर
  • ग्राउंड नट एक्सट्रैक्शन
  • चावल का चोकर
  • मस्टर्ड केक
  • कैल्शियम कार्बोनेट
  • मिनरल मिक्सचर और विटामिन मिक्स
  • सोया डी ओइल्ड केक

कच्चे माल का सप्लायर नियुक्त करने के लिए भी उपर्युक्त पद्यति अपनाई जा सकती है।   

4. पशु आहार का निर्माण कार्य (Start Cattle Feed Manufacturing)

पशुओं का चारा यानिकी Cattle Feed का निर्माण मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त एवं पोषकतत्वों की वांछित मात्रा को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाकर और इन्हें मिश्रित करके किया जाता है। इस निर्माण प्रक्रिया में कच्चे माल को सबसे पहले एक एक करके यानिकी व्यक्तिगत रूप से ग्राइंड किया जाता है।

और उसके बाद इसे मिक्सर मशीन में मिक्स करने के लिए डाला जाता है ताकि उद्यमी को समरूप मिश्रण प्राप्त हो सके। और समरूप मिश्रण करने के बाद इस मिश्रण को पल्वराइजिंग मशीन में पल्वराइज करने के लिए भेज दिया जाता है। उसके बाद इस प्रक्रिया में आवश्यक कण प्राप्त करने के लिए इस मिश्रण को स्क्रीनिंग मशीन से गुज़ारा जाता है। और उसके बाद ही इसमें खांड इत्यादि मिलाई जाती है।

अब जब पशुओं का चारा तैयार हो जाता है तो उसके बाद इनका उत्पादन ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड के मुताबिक हुआ है या नहीं इसकी जाँच करने के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाता है। और जाँच में पास होने के बाद ही Cattle Feed को मार्किट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।

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  • The farmer called the vet out to treat a sick cow.
  • We watched the cow suckling her calves .
  • The cows were grazing in the meadow.
  • We visited a dairy farm and saw the cows being milked.
  • A cow goes 'moo' and a dog goes 'bow-wow'.

(Translation of cow from the Cambridge English–Hindi Dictionary © Cambridge University Press)

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