ऊष्मीय ऊर्जा (ऊष्मा) (Thermal Energy) : परिभाषा, मात्रक|hindi

ऊष्मीय ऊर्जा (ऊष्मा) (Thermal Energy) : परिभाषा, मात्रक|hindi

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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

Essay on Solar Energy in Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम रिन्यूवल एनर्जी के एक माध्यम सौर ऊर्जा पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख यहाँ हिंदी में जानेगे.

सोलर एनर्जी सिस्टम क्या है कैसे काम करता है इसका इतिहास, महत्व प्रकार आदि बिन्दुओं को समेकित करते हुए सौर ऊर्जा पर यह एस्से शोर्ट में स्टूडेंट्स के लिए यहाँ दिया गया हैं.

सौर ऊर्जा  पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

सूर्य किरणों से प्राप्त सौर ऊर्जा हैं. यह हमारे लिए ऊर्जा प्राप्ति का असीमित स्रोत हैं. भारत में सौर ऊर्जा गैर परम्परागत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं.

सौर कुकरों, सौर हीटरों और सौर सेलों में सौर ऊर्जा इस्तेमाल होती हैं. सौर ऊर्जा को संग्रहित करके ताप और विद्युत् ऊर्जा में बदला जाता हैं, मानव निर्मित उपग्रहों तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता हैं.

रेडियो अथवा बेतार संचार क्षेत्रों अथवा सुदूर क्षेत्रों के टीवी रिले केन्द्रों में भी सौर सेल पैनल उपयोग किये जाते हैं. ट्रैफिक सिग्न लों परिकलको तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं.

सौर सेलों का रखरखाव सस्ता होता हैं. इन्हें सुदूर अगम्य और ऐसे छितरे बसे हुए क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा सकता हैं, जहाँ शक्ति संचरण के लिए केबल बिछाना अत्यंत खर्चीला और व्यापारिक दृष्टि से व्यवहारिक नहीं होता हैं.

सौर सेल द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं. जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती हैं.

सौर सेल बनाने में सिलिकॉन का उपयोग किया जाता हैं जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग किया जाता हैं.

ज्यों ज्यों मानव सभ्यता प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर उन्नत स्वरूप बनाती गई त्यों त्यों ऊर्जा की खपत भी बढ़ती ही गई. आदिकाल में जहाँ व्यक्ति की आवश्यकताएं सिमित थी लोग कम थे.

जिसके चलते कृत्रिम रूप से उत्पादित ऊर्जा की कभी आवश्यकता ही महसूस नहीं की गई. जैविक रूप से सुलभ ऊर्जा के भंडारों का उत्तरोतर दोहन इस द्रुतगती से हुआ कि आगामी एक सदी में ऊर्जा के समस्त परम्परागत स्रोत समाप्त हो जाएगे.

यदि इसी तरह ऊर्जा के परम्परागत साधनों का उपयोग बढ़ता गया, तो भविष्य में भयानक ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा. मानव ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में वृद्धि नहीं कर सकते.

यह जैविक प्रक्रिया द्वारा लाखों करोड़ों वर्षों में बनते हैं अतः विकल्प के तौर पर पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा तथा बायोगैस के विकल्प तलाशे गये. सूर्य ऊर्जा जिन्हें सोलर एनर्जी कहा जाता हैं यह सस्ती, सर्वसुलभ, निरापद, निरंतर उपयोग लाई जाने वाली अक्षय ऊर्जा हैं.

सौर ऊर्जा का अर्थ है सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा या ऊष्मा. जिन्हें पृथ्वी के हर उस स्थान पर तैयार किया जा सकता है जहाँ सूर्य दिखाई देता हैं.

भविष्य में इसकी प्राप्ति के पथ में कोई अवरोध भी प्रतीत नहीं होता हैं. अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में यह पूर्ण पर्यावरण मित्र हैं. जिनसे किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता हैं.

हमारी पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य ही हैं, जिसके कारण हम देख पाते है प्रकाश की किरणों से रोशनी, उष्मा से ताप तथा जलवायु को संतुलित बनाने में सहायक हैं.

इस तरह सूर्य की ऊष्मा का उपयोग विविध रूपों में किया जाता हैं. मगर सूर्य की ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा के रूप में रूपांतरित करने की तकनीक को सूर्य ऊर्जा संयंत्र कहा जाता हैं.

सौर ऊर्जा के असीमित अनुप्रयोग हैं. प्रकाश के लिए बल्ब आदि से लेकर घरेलू उपयोग के विद्युत् उपकरणों कुकर, फ्रिज, एस सी, छोटी औद्योगिक इकाईयों, पानी की मोटर चलाने तथा भोजन पकाने में सोलर यंत्र सहायक होता हैं.

वैज्ञानिकों ने सोलर कुकिंग यंत्र बनाया हैं जो सूर्य की किरणों का उपयोग भोजन बनाने में करता हैं. सौर ऊर्जा के दैनिक जीवन में उपभोग करने के नयें नयें तरीके खोजे जा रहे हैं. भविष्य में यह आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी.

यदि हम सौर ऊर्जा के लाभ/ फायदे की बात करें तो इन्हें मोटे तौर पर दो भागों में विभक्त कर सकते हैं पहला व्यक्तिगत लाभ तथा दूसरा पर्यावरणीय लाभ.

अब तक हमने ऊर्जा के कई वैकल्पिक स्रोतों को पहचान लिया हैं जैसे परमाणु या पवन ऊर्जा आदि मगर ये उन्नत तकनीक, उच्च खर्च एवं प्रदूषण बढ़ाने वाले होते हैं. वहीँ सौर ऊर्जा इस मामले में सर्वसुलभ, सस्ती एवं पर्यावरण हितैषी हैं.

इससे ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया में किसी तरह के रासायनिक उत्पाद या अवशिष्ट भी नहीं निकलते है जिससे पर्यावरण दूषित हो.

इसका दूसरा पहलू आसान पहुँच का हैं. विद्युत् ऊर्जा को देश के दूर दराज इलाकों तक पहुंचाना एक चुनौती भरा काम हैं इसमें अपार जन शक्ति एवं धन का अपव्यय होता हैं.

वहीँ सौर ऊर्जा की उपलब्धता बेहद सरल है चाहे मरुसथल हो या पर्वत हो या कोई द्वीप समूह यह सर्वस्थानिक सुलभ हैं. सरकार के घर घर बिजली पहुचाने के लक्ष्य को सौर ऊर्जा संयंत्रों की मदद से पूर्ण किया जा सकता हैं.

इससे अधिकाँश लोगों तक न केवल बिजली सुविधाएं पहुंचाई जा सकेगी बल्कि लागत में भी बचत होगी. दुनियां के लगभग सभी देशों में व्यापक स्तर पर ऊर्जा के इस नवीकरणीय स्रोत को नई सम्भावनाओं के साथ अपनाया जा रहा हैं.

इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ऊर्जा निकट भविष्य में कभी भी समाप्त नहीं होगी. इस तरह कहा जा सकता हैं बदले हुए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सोलर एनर्जी ऊर्जा का अच्छा व सस्ता विकल्प हैं. जिसे प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत हैं.

यदि हम सौर ऊर्जा से होने वाले नुकसान या हानियों की बात करें तो सम्भवतः कोई बड़ा नुकसान नहीं हैं. मगर इसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं जो इसके उपयोग को सिमित करती हैं.

पहली सीमा यह है कि इसका अधिकतम उपयोग सूर्य की रौशनी अर्थात दिन के समय ही किया जा सकता हैं जब सूरज की किरणें स्पष्ट रूप से धरती तक आ रही हो.

इसके अतिरिक्त बड़े सौर पैनल को स्थापित करने में अधिक खर्च की आवश्यकता पड़ती हैं. साथ ही इन उपकरणों का रखरखाव भी सावधानी से करना होता हैं. 

अधिक मात्रा में ऊर्जा के संचय क लिए पर्याप्त बड़े आकार के सौर पैनलों की जरूरत पड़ती हैं आमतौर पर ये घरों की छत को पूरा कवर कर लेते हैं.

सर्दियों के मौसम या मानसून के दिनों में जब सूर्य बादलों के पीछे छिप जाता हैं ऐसी स्थिति में सौर पैनल से ऊर्जा प्राप्ति संभव नहीं होती हैं. ऐसी स्थिति में हमें ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता हैं.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता हैं खुले मौसम के समय में खासकर दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग अबाधित रूप से किया जा सकता हैं जबकि अन्य समय के लिए घरेलू विद्युत् का सहारा ले सकते हैं.

सौर ऊर्जा का महत्व | Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi

भारत 130 करोड़ आबादी वाला विशाल देश है जहाँ के जीवन के लिए विपुल मात्रा में ऊर्जा भंडार की आवश्यकता हैं. केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अपने नागरिकों की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न नवीकरणीय और अनवीकर णीय ऊर्जा विकल्पों का सहारा लिया जाता हैं.

संसार में कोयले द्वारा विद्युत् उत्पादन एवं उसकी खपत में भारत का पांचवा स्थान हैं. जिस दर से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उसी अनुपात में हमारी ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकताएं एवं निर्भरता भी बढ़ती है.

वर्तमान में देश की कुल ऊर्जा का 53 प्रतिशत भाग कोयले द्वारा उत्पादित विद्युत् ऊर्जा हैं. एक अनुमान के अनुसार आने वाले 25-30 वर्षों में कोयले के अधिकांश भंडार समाप्त हो जाएगे.

साथ ही देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो बिना विद्युत् या 24 घंटे में एक छोटे कालखंड में ही रोशनी के दर्शन हो पाते हैं. ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा आदि को प्रोत्साहन देने की महत्ती आवश्यकता हैं.

सौर ऊर्जा के प्रयोग (Use of solar energy essay in hindi)

शरद ऋतु का मौसम चल रहा हो तब चाहे पानी पीना हो या स्नान करना हो. ठंडा पानी हमेशा सिरदर्द बना रहता है उस वक्त हमे जरूरत होती है एक ऐसे साधन कि जो पानी को गर्म करे.

मगर यदि हम थोडा विवेक से काम ले और पानी के बर्तन को कुछ समय के लिए धूप में छोड़ दे तो वह गुनगुना हो जाएगा. सौर ऊर्जा के ये सामान्य उपयोग है जो हमारे जीवन के अभिन्न अंग है.

इसके अलावा कई अन्य तरीको से सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता हैं. दो तरीको से हम सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदल कर इच्छित उपयोग कर सकते हैं.

पहला है विद्युत् सेल एवं दूसरा है किसी द्रव पदार्थ को सूरज की गर्मी से गर्म करने के बाद विद्युत् जनित्र चलाकर ऊष्मा उत्पन्न की जा सकती हैं.

हमारे जीवन में सौर ऊर्जा प्रकाश तथा ऊष्मा के रूप में उपयोग में ली जाती हैं. इसका प्रयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण तथा विद्युत उत्पादन आदि में भी व्यापक स्तर पर किया जा सकता हैं.

सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में कैसे बदलें? (How to convert solar energy into electrical energy?)

वर्तमान में ऐसी दो विधियाँ प्रचलित हैं जिनका उपयोग करके सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता हैं. पहली विधि को सौर तापीय अथवा सोलर थर्मल कहा जाता है जिन्हें बड़े बड़े पावर स्टेशन बनाकर भी विद्युत् कन्वर्जन होता हैं.

इसमें सूर्य की ऊष्मा को गर्म कर घरेलू या व्यावसायिक उपयोग हेतु तैयार किया जाता हैं. दूसरी विधि प्रकाशविद्युत विधि है इसे हम फोटो इलेक्ट्रिक मैथड के रूप में जानते है जिसमें सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने के लिए फोटोवोल्टेक सेलों की मदद ली जाती हैं.

सौर ऊर्जा का कारण क्या है? (What is the reason for solar energy?)

सौर ऊर्जा वह उर्जा कहलाती है जिन्हें हम प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य से प्राप्त करते हैं. इन्हें दो विधियों से विद्युत् ऊर्जा में बदल कर घरेलू उपयोग किया जाता हैं.

फोटो इलेक्ट्रिक विधि का अधिक उपयोग किया जाता है जिसमें विद्युत् जनित्र को चला कर ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं.

सौर ऊर्जा से क्या लाभ है? (What is the benefit of solar energy?)

सौर’ का अर्थ है सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करना, अर्थात वह ऊर्जा जो हमें सीधे सूरज से मिलती हैं. यह प्रकाश की किरणों तथा धूप के रूप में अर्जित की जाती हैं.

इसके कई लाभ है यथा यह पर्यावरण का सबसे अनुकूल ऊर्जा स्रोत हैं जिससे सबसे कम मात्रा में पर्यावरण का प्रदूषण होता हैं. यह कार्बनडाई ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों से मुक्त हैं.

सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए बड़े संयंत्र अथवा स्थान की आवश्यकता भी नहीं होती हैं. अपने घर की छत पर इसे स्थापित किया जा सकता हैं. सौलर कुकर से भोजन बनाकर हम बिजली की खपत को भी कम कर सकते हैं.

  • ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों पर निबंध
  • ऊर्जा संकट पर निबंध 
  • ऊर्जा के स्रोत क्या है परम्परागत और गैर परम्परागत स्रोत
  • ओजोन परत की सुरक्षा पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों  Essay on Solar Energy in Hindi  का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा, यहाँ हमने सौर ऊर्जा पर शोर्ट निबंध दिया हैं. इसमें दी गयी जानकारी आपकों अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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thermal energy in hindi essay

सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi

In this article, we are providing information about Solar Energy in Hindi- Essay on Solar Energy in Hindi Language. सौर ऊर्जा पर निबंध- Importance of Solar Energy ( Saur Urja ) in Hindi.

हमारी पूरी पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घुमती है। यह सूर्य से रोशनी और गर्मी प्राप्त करती है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है। विशेष रूप से सौर ऊर्जा सूर्य की वह ऊर्जा है जिसे हम विद्युत में परिवर्तित करते हैं। सूर्य के पास बहुत सा प्रकाश और गर्मी है। अगर सूर्य से प्राप्त होने वाली सारी रोशनी को विद्युत में बदल दिया जाए तो पूरे साल की बिजली की खपत की आपूर्ति हो सकती है। भारत में गर्मी ज्यादा रहती है इसलिए सौर ऊर्जा बनाना यहा पर सरल है।

सूर्य की किरणों की गर्मी को दो तरीके से प्रयोग किया जा सकता है एक तो उसकी गर्मी लेकर जिससे कि कपड़े, अनाज आदिलको सुखाया जा सकता है। दुसरा हम सूर्य की किरणों की गर्मी को सोलर पैनेल के माध्यम से एकत्रित करके बिजली पैदा कर सकते है जिससे हम सभी बिजली से चलने वाले उपकरण चला सकते हैं। सूर्य ऊर्जा का ऐसा साधन है जो की कभी भी खत्म नहीं हो सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह विस्तारित है और इससे प्रदुषण भी नहीं होता है। लोग इसे अपने व्यक्तिगत स्तर पर भी लगवा सकते है और प्रयोग कर सकते हैं। इसे एकत्रित भी किया जा सकता है और रात को प्रयोग में लाया जा सकता है। सौर ऊर्जा से सोलर कुकर बनाकर सूर्य की गर्मी से खाना भी बनाया जा सकता है जिससे कि ईंधन की खपत कम होगी और प्रदुषण से भू राहत मिलेगी।

सौर ऊर्जा के प्रयोग में बहुत सी चुनौतियाँ भी है। इसके लिए सोलर पैनल लगवाने के लिए ज्यादा पूँजी का निवेश करना पड़ता है। खराब मौसम औक बारिश में ये सौर ऊर्जा कम ही एकत्रित कर पाते हैं। जिन देशों में ठंड रहती है और धुप कम आती है वहाँ पर सौर ऊर्जा उत्पन्न करना मुश्किल है।

सौर ऊर्जा उन देशों में बहुत ही सफल है जहाँ पर गर्मी बहुत ज्यादा होती है। बढ़ते समय के साथ लोगों ने सौर ऊर्जा के महत्व को समझा है और बहुत से गर्म देशों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। आने वाले कुछ सालों में यह ऊर्जा का सबसे मुख्य स्त्रोत बन जाएगा। सौर ऊर्जा को हम सबको अपने स्तर पर भी लगाना चाहिए ताकि हम पानी और कोयले से बनने वाली बिजली की बचत कर सके। भारत में सौर ऊर्जा को विकसित किया जा जा रहा है। यहाँ पर सिलिकोन वैली की तरह सोलर वैली का भी सपना देखा गया है।

पर्यावरण पर निबंध- Essay on Environment in Hindi

बिजली बचाओ पर निबंध- Save Electricity Essay in Hindi

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5 thoughts on “सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi”

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Bhut hi achcha h par iss nibandh pr topic matlb ” विचार बिंदु ” ye bhi kro tb aur bhi achcha ho jaaega nibandh aapka

But it helps me

Thanks ! You can follow me on tik tok on the name 👉Dattatrey Chandrakar👈😊😊😊😊😋😋

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very nice essay

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Excellent work and reliable essay. you’ve done a good job

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Renewable Sources Of Energy Essay In Hindi

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – Renewable Sources Of Energy Essay In Hindi

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – essay on renewable sources of energy in hindi.

  • प्रस्तावना,
  • (क) सौर ऊर्जा,
  • (ख) पवन ऊर्जा,
  • (ग) जल ऊर्जा,
  • (घ) भू–तापीय ऊर्जा,
  • (ङ) बायोमास एवं जैव ईंधन,
  • (च) परमाणु ऊर्जा,
  • अक्षय ऊर्जा और हमारा राष्ट्र,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – Akshay Oorja : Sambhaavanaen Aur Neetiyaan Nibandh

प्रस्तावना– पेट्रोल, डीजल, कोयला, गैस आदि की दिनोदिन घटती मात्रा ने हमें यह सोचने पर विवश कर दिया है कि हमें अपनी कल की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए ऐसे संसाधनों को खोजना होगा, जो कभी समाप्त न हों और हमारा जीवन सुचारु रूप से बिना किसी ऊर्जा संकट के चलता रहे। ऊर्जा के कभी न समाप्त होनेवाले संसाधनों को ही हम अक्षय ऊर्जा के स्रोत के रूप में जानते हैं।

अक्षय ऊर्जा के स्त्रोत– मानव एक विकासशील प्राणी है। उसने ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की खोज की, जो आधुनिक जीवन शैली का अभिन्न अंग बन गए हैं। सबसे पहले मानव ने ऊर्जा के परम्परागत साधनों–कोयला, गैस, पेट्रोलियम आदि का प्रयोग किया, जो सीमित मात्रा में होने के साथ–साथ पर्यावरण के लिए हानिकारक भी हैं।

अक्षय ऊर्जा के स्रोत न केवल ऊर्जा के संकट मिटाने में सक्षम हैं, पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। भारत में अक्षय ऊर्जा के अनेक स्रोत उपलब्ध हैं; जैसे–सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू–तापीय ऊर्जा, बायोमास एवं जैव ईंधन आदि। इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

(क) सौर ऊर्जा–भारत में सौर ऊर्जा की काफी सम्भावनाएँ हैं; क्योंकि देश के अधिकतर भागों में वर्ष में 250–300 दिन सूर्य अपनी किरणें बिखेरता है। सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए फोटोवोल्टेइक सेल प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। फोटोवोल्टेइक सेल सूर्य से प्राप्त होनेवाली किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। हमारे देश में सौर ऊर्जा के रूप में प्रतिवर्ष लगभग 5 हजार खरब यूनिट बिजली बनाने की सम्भावना मौजूद है, जिसके लिए पर्याप्त तीव्रगति से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। भारत में विगत 25–30 वर्षों से सौर ऊर्जा पर कार्य हो रहा है।

वर्ष 2010 ई० में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से देश को ऊर्जा के संकट से मुक्ति दिलाना है। आज देश के टेलीकॉम टॉवर प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ लीटर डीजल का प्रयोग कर रहे हैं, सौर ऊर्जा के प्रयोग द्वारा इस डीजल को बचाया जा सकता है।

सौर ऊर्जा अभी महँगी है, इसलिए इसकी उपयोगिता का ज्ञान होते हुए भी लोग इसका प्रयोग करने से बचते हैं। अब सोलर कूकर, सोलर बैटरी चालित वाहन और मोबाइल फोन भी प्रयोग में लाए जा रहे हैं। लोग धीरे–धीरे इसकी महत्ता समझ रहे हैं। कर्नाटक के लगभग एक हजार गाँवों में सौर ऊर्जा के प्रयोग का अभियान चल रहा है। आनेवाले समय में सौर ऊर्जा निश्चित ही भारत को प्रगति के मार्ग पर ले जाने में सहायक होगी।

(ख) पवन ऊर्जा–पवन या वायु ऊर्जा अक्षय ऊर्जा का दूसरा महत्त्वपूर्ण स्रोत है। प्राचीन काल में पवन ऊर्जा का प्रयोग नाव चलाने में किया जाता था। लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व सिंचाई और अनाज कूटने आदि में पवन ऊर्जा के प्रयोग का प्रणाम मिलता है। चीन, अफगानिस्तान, पर्शिया, डेनमार्क, कैलिफोर्निया में पवन ऊर्जा का उपयोग बिजली बनाने में किया जा रहा है।

भारत में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान आदि प्रदेशों में पवन ऊर्जा के विद्युत् उत्पादन का कार्य चल रहा है। भारत में पवन ऊर्जा की काफी सम्भावनाएँ हैं। इस समय भारत में पवन ऊर्जा का नवीन और ऊर्जा मन्त्रालय के अनुसार भारत में वायु द्वारा 48,500 मेगावॉट विद्युत् उत्पादन की क्षमता है, अभी तक 12,800 मेगावॉट की क्षमता ही प्राप्त की जा सकी है।

पिछले दो दशकों में विद्युत् उत्पादक पवनचक्कियों (टरबाइनों) की रूपरेखा, स्थल का चयन, स्थापना, कार्यकलाप और रख–रखाव में तकनीकी रूप से भारी प्रगति हुई है और विद्युत् उत्पादन की लागत कम हुई है। पवन ऊर्जा द्वारा पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता; क्योंकि इसमें अपशिष्ट का उत्पादन नहीं के बराबर होता है विकिरण की समस्या भी नहीं होती है। आनेवाले समय में पवन ऊर्जा के सशक्त माध्यम बनने की पूरी सम्भावनाएँ हैं।

(ग) जल ऊर्जा–जल अक्षय ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसमें नदियों पर बाँध बनाकर उनके जल से टरबाइनों द्वारा विद्युत् उत्पादन किया जाता है। भारत में बाँध बनाकर जल विद्युत् का उत्पादन दीर्घकाल से हो रहा है। इसके अलावा समुद्र में उत्पन्न होनेवाले ज्वार–भाटा की लहरों से भी विद्युत् उत्पादन किया जा सकता . है। भारत की सीमाएँ तीन–तीन ओर से समुद्रों से घिरी हैं; अतः अक्षय ऊर्जा स्त्रोत का प्रयोग बड़े पैमाने पर कर सकता है।

(घ) भू–तापीय ऊर्जा–यह पृथ्वी से प्राप्त होनेवाली ऊर्जा है। भू–तापीय ऊर्जा का जन्म पृथ्वी की गहराई में गर्म, पिघली चट्टानों से होता है। इस स्रोत से ऐसे स्थानों पर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पृथ्वी के गर्म क्षेत्र तक एक सुरंग खोदी जाती है, जिनके द्वारा पानी को वहाँ पहुँचाकर उसकी भाप बनाकर टरबाइन चलाकर बिजली बनाई जाती है।

भारत में लगभग 113 संकेत मिले हैं, जिनसे लगभग 10 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन होने की सम्भावना है। भू–तापीय ऊर्जा से विद्युत् उत्पादन लागत जल ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत् जितनी ही है। भारत को भू–तापीय ऊर्जा को प्रयोग में लाने के लिए बड़ी मात्रा में आवश्यक संसाधन जुटाने पड़ेंगे, तभी इस ऊर्जा का लाभ उठाया जा सकेगा।

(ङ) बायोमास एवं जैव ईंधन–कृषि एवं वानिकी अवशेषों (बायोमास / जैव पदार्थों) का प्रयोग भी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है। भारत की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या जैव पदार्थों का प्रयोग खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में करती है। लकड़ी, गोबर और खरपतवार प्रमुख जैव–पदार्थ हैं, जिनसे बायोगैस उत्पन्न की जाती है। गन्ने, महुए, आलू, चावल, जौ, मकई और चुकन्दर जैसे शर्करायुक्त पदार्थों से एथेनॉल बनाया जाता है।

इसे पेट्रोल में मिलाकर ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत सरकार इसका 10 प्रतिशत तक पेट्रोल में मिश्रण करना चाहती है, जिसके लिए प्रतिवर्ष 266 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी, किन्तु एथेनॉल बनाने वाली चीनी मिलों ने अभी 140 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की पेशकश ही सरकार से की है।

इसके अतिरिक्त कृषि से निकलनेवाले व्यर्थ पदार्थों; जैसे खाली भुट्टे, फसलों के डंठल, भूसी आदि और शहरों एवं उद्योगों के ठोस कचरे से भी बिजली बनाई जा सकती है। भारतवर्ष में उनसे लगभग 23,700 मेगावॉट बिजली प्रतिवर्ष बन सकती है, परन्तु अभी इनसे 2,500 मेगावॉट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है।

(च) परमाणु ऊर्जा–भारत के डॉ. होमी भाभा को भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास का जनक माना जाता है। भारत में पाँच परमाणु ऊर्जा केन्द्रों पर 10 परमाणु रिएक्टर हैं, जो देश की कुल दो प्रतिशत बिजली का उत्पादन करते हैं। यद्यपि परमाणु ऊर्जा पर्यावरण के लिए घातक नहीं है, लेकिन इससे सम्बन्धित कोई भी दुर्घटना अवश्य ही मानव–जीवन के लिए घातक सिद्ध होती है।

इसका सबसे अधिक खतरा उत्पादन के पश्चात् निकलनेवाला रेडियोधर्मी अपशिष्ट कचरा है, जिसे समाप्त करना दुष्कर होता जा रहा है; अत: यह अक्षय ऊर्जा का स्रोत होते हुए भी इसका प्रयोग दीर्घकाल तक नहीं किया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा और हमारा राष्ट्र–अक्षय ऊर्जा वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए श्रेष्ठ साधन है; क्योंकि इससे हमारा पर्यावरण स्वच्छता के साथ बड़ी मात्रा में ऊर्जा भी प्राप्त होती है।

इसी कारण विभिन्न देशों में अपने–अपने अक्षय ऊर्जा स्रोत बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा दिखाई देने लगी है। वैश्विक रुझानों को देखते हुए भारत अक्षय की प्रतिस्पर्धा का सक्रिय भागीदार है। वह निरन्तर अक्षय ऊर्जा स्रोतों की अपनी श्रेणियाँ विस्तृत करने के प्रयास में जुटा है। भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता 74 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें 2020 तक सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 20 GW करने और बिजली की कुल खपत का 15 प्रतिशत हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्तमान में भारत की संस्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता लगभग 30 गीगावॉट है और भारत इस क्षेत्र में अग्रणी है। भारत की अक्षय ऊर्जा विकास योजना में घरेलू ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करना भी शामिल है। इस योजना से जहाँ क्षेत्रीय विकास होगा, वहीं रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। पर्यावरण सुरक्षा भी इसके माध्यम से हो सकेगा और ग्लोबल वार्मिंग के अन्तर्गत अधिक कार्बन डाइ–ऑक्साइड उत्सर्जन के अन्तरराष्ट्रीय दबाव से भी हम मुक्त हो सकेंगे।

उपसंहार– अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा जो योजनाएँ चलाई जा रही हैं; उनसे यह आशा बँधती है कि हम निकट भविष्य में अपनी ऊर्जा–प्राप्ति और पर्यावरण–सुरक्षा की समस्या का समाधान खोजने में अवश्य ही सफल होंगे। हम इस क्षेत्र में अन्य विकासशील देशों को सहयोग करके न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकेंगे, वरन् विश्व–समुदाय के मध्य स्वयं को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में भी सफल होंगे।

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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

इस निबंध में सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। सौर ऊर्जा पर निबंध, ‘Essay on Solar Energy in Hindi’ परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। आज सारा विश्व सौर ऊर्जा के महत्त्व को समझ चुका है और इस मुफ्त प्राकृतिक संसाधन को अधिक से अधिक उपयोग करना चाहता है । सौर उर्जा पर निबंध (1000 शब्द) विद्यार्थियों के लिए बिलकुल फ्री है । स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इसे अपनी आवश्यकता अनुसार छोटा या बड़ा कर सकते हैं। सौर ऊर्जा निबंध को इंग्लिश में भी पढ़ सकते हैं – Solar Energy Meaning Advantages Disadvantages Essay

सौर ऊर्जा क्या है? What is Solar Energy in Hindi?

सूरज एक आग के गोले के सामान है । यह अपनी किरणों के द्वारा धरती पर अपार गर्मी फेंकता रहता है। विभिन्न उपकरणों के द्वारा जब इस heat या गर्मी से बिजली बनायीं जाती है तो उस बिजली को सौर उर्जा कहा जाता है । आपको यह ज्ञात होगा की पौधे सौर ऊर्जा का उपयोग कर अपना भोजन तैयार करते हैं। पत्तियां सूर्य से प्रकाश प्राप्त करके भोजन तैयार करने के लिए प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में इसका उपयोग करती हैं। इस तरह, पौधों द्वारा फल, फूल, और सब्जियां बनाने में सूर्य की अहम् भूमिका है।

सूरज पूरी दुनिया की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। यह कभी न ख़त्म होने वाला उर्जा का स्रोत है । 2 घंटे से भी कम समय में पृथ्वी को सूर्य से इतनी ऊर्जा की मात्रा प्राप्त होती है,जितना हम एक साल में खर्च करते हैं। लेकिन इसे बिजली में बदलने का काम अभी धीरे-धीरे हो रहा है।

सूरज से बिजली कैसे बनती है ?

बिजली उत्पादन विधि जो सूर्य की ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करती है- इसमें सौर पैनलों का उपयोग होता है जो अक्सर एक इमारत की छत पर व्यवस्थित होते हैं या सौर खेतों में केंद्रित होते हैं। सोलर पैनल कई सोलर सेल्स से मिलकर बना होता है। जब इन सोलर सेल्स पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो ये इस प्रकाश को बिजली में बदल देते हैं।

सौर ऊर्जा को इकट्ठा करने के लिए फोटोवोल्टिक प्रणाली अपने सिस्टम में कई घटकों का उपयोग करती है। इस प्रणाली की सबसे उल्लेखनीय विशेषता सौर पैनल है। पैनल सौर ऊर्जा एकत्र करता है और इसे डीसी करंट में बदल देता है और फिर सौर ऊर्जा कनवर्टर इसे एक प्रयोग करने योग्य एसी करंट में बदल देता है। यह प्रणाली व्यावहारिक है और यह दुनिया भर के कई घरों और व्यवसायों पर दिखाई दी है।

आप पढ़ रहे है – Essay on Solar Energy in Hindi

सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकार प्रयासरत है। आइये जानते हैं सरकार द्वारा इस दिशा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदम क्या हैं –

  • भादला, राजस्थान में अभी तक की सबसे सस्ती; २.४४ प्रति यूनिट की बिजली का उत्पादन
  • पूरे विश्व में भारत नवीकरणीय उर्जा स्रोत में पांचवें स्थान पर है
  • पिछले पांच सालों से अभी २०२० तक नवीकरणीय उर्जा स्रोतों में २२६% की वृद्धि
  • सौर उर्जा का उत्पादन 2.6GW से 34 GW तक हुआ है |

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, पेरिस 2015

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा 30 नवंबर, 2015 को स्थापित, आईएसए (ISA) का उद्देश्य सौर ऊर्जा को स्केल करना, सौर वित्त, प्रौद्योगिकियों, नवाचार, अनुसंधान और विकास की मांग के एकत्रीकरण के माध्यम से सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना है | इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA), का उद्देश्य 2030 तक आवश्यक 1000 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक निवेश जुटाना है ताकि वह अपने लक्ष्य को पूरा कर सके।

भारत के प्रमुख सोलर पॉवर प्लांट Solar Energy Plants in India

  • भादला सोलर पार्क – 2,250MW- यह राजस्थान के भादला गाँव में है और सबसे अधिक क्षमता वाला सोलर पार्क है।
  • शक्ति स्थल सौर ऊर्जा परियोजना – 2,050MW- यह कर्नाटक राज्य के पावगाड़ा में स्थापित है | भादला के बाद दूसरा नंबर इसका है।
  • अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क – 1,000MW- यह आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बनाया गया है।
  • रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट – 750 MW – यह मध्य प्रदेश में स्थित है।
  • कामुथी सोलर पॉवर प्लांट – ६४८ MW- यह तमिलनाडु में है।

ज़रूर पढ़ें : रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट क्या है? हिंदी निबंध

सौर ऊर्जा को कैसे उपयोग करें | Uses of Solar Energy

सौर ऊर्जा को कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। सौर ऊर्जा पर काम करने वाले अन्य उपकरण सौर कुकर, सौर हीटर और सौर सेल हैं।

गैस, मिट्टी के तेल, या लकड़ी जैसे पारंपरिक ईंधन का उपयोग करने के बजाय, सोलर कुकर खाना पकाने के लिए प्रयोग करके वातावरण को हानिकारक वायु प्रदुषण से बचाया जा सकता है।

सोलर हीटर वे उपकरण हैं जो सौर ऊर्जा से पानी को गर्म करने में मदद करते हैं।

आखिरी रूप सौर सेल है। ये सौर सेल सीधे सौर प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। कई कैलकुलेटर, कलाई घड़ी इस तकनीक के साथ काम करती हैं।

thermal energy in hindi essay

Official Website- https://mnre.gov.in/

सौर उर्जा के फायदे निबंध (Advantages of Solar Energy in Hindi)

  • सौर उर्जा का मुख्य लाभ यह है कि यह बिजली का एक कभी न ख़त्म होने वाला स्रोत है।
  • सौर ऊर्जा स्केलेबल भी है। इसका मतलब यह है कि इसे छोटे से छोटे पैमाने से बहुत बड़े पैमाने तक लगाया व इस्तेमाल किया जा सकता है। जब इसे छोटे पैमाने पर उपयोग किया जाता है, तो अतिरिक्त बिजली को बैटरी में संग्रहीत कर लिया जाता है। और जब बड़े लेवल पर सोलर पैनल लगाये जाते है तो पैदा होने वाली बिजली को ग्रिड में फीड कर दिया जाता है।
  • लागत पैनलों की संख्या पर निर्भर करता है कि सौर बिजली की लगत क्या होगी। लेकिन आम तौर पर, सौर ऊर्जा हर साल अधिक सस्ती होती जा रही है। स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में सौर ऊर्जा भविष्य की महत्वपूर्ण उत्पादन पद्धति है, और जैसे-जैसे इसके लिए ज़रूरी उपकरणों की कीमतों में गिरावट आती है, इसका महत्व बढ़ता जाएगा।
  • जब आप बिजली बनाने के लिए सौर पैनलों का उपयोग करते हैं तो कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (CO2) वातावरण में नहीं किया जाता है। इसलिए सौर ऊर्जा एक स्वच्छ स्रोत है | इस तरह बिजली का यह रूप पर्यावरण में हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने और जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • दुर्गम इलाके जहाँ पर बिजली के खंबे और तारों को लगाना बिल्ली के गले में घंटी बाँधने के समान है, अर्थात मुश्किल है, वहां सोलर पैनल लगाकर बिजली की ज़रूरतों की पूर्ती की जा सकती है।
  • बंजर ज़मीन पर सोलर पैनल लगाकर बेकार पड़ी ज़मीन का सदुपयोग किया जा सकता है।

सौर ऊर्जा के नुकसान निबंध Disadvantages of Solar Energy in Hindi

  • सौर ऊर्जा को केवल दिन के दौरान ही उपयोग किया जा सकता है जब सूरज चमकता है। बारिश के दिनों में भी सोलर एनर्जी नहीं बने जा सकती।
  • साथ ही, इसमें उपयोग किए जाने वाले उपकरण महंगे और नाजुक हैं।
  • इन्हें नुकसान से बचने के लिए बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि इन्हें बदलकर लगाने की लागत अधिक होती है।
  • यह उर्जा का एक नया रूप है जिसे अपनाने में लोगों को हिचकिचाहट होती है | क्योंकि आम लोगों को इसका पूरा ज्ञान नहीं है।
  • सरकार की ओर से उर्जा संबंधी कानूनों को सख्ती से लागू नहीं किया गया है।

आशा करते हैं कि आपको यह ‘ Essay on Solar Energy in Hindi’ उपयोगी लगा होगा | आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं |

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Hindi Jaankaari

सौर ऊर्जा पर निबंध | Essay on Solar Energy in Hindi | Importance of Solar Energy

सौर ऊर्जा निबंध

Urja Par Nibandh : अक्सर बच्चे सवाल करते हैं सौर ऊर्जा क्या है ? सूर्य के द्वारा प्राप्त होने वाली Heat and Light Solar Energy कहलाती हैं । Sun Earth पर Life बिताने के लिए एक सबसे मह्त्वपूर्ण और सर्वोत्तम Source है। यदि सूर्य नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन बिताना अत्यधिक कठिन हो जाता तथा पृथ्वी भी बह्मांड के सभी अन्य ग्रह की तरह होती।

आज हम आपको इस Article में  की सहायता से सौर पेनल्स, सौर ऊर्जा बनाने की विधि, सौर ऊर्जा का उपयोग, Advertisement on Solar Energy, और साथ ही सोलर सेल कैसे बनता है, के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है। आप इस लेख की मदद से Solar Energy Information for project in Hindi pdf में Download कर सकते है और आप Internet पर सौर शक्ति पर निबंध हिंदी और मराठी के साथ ही अन्य भाषाओं में भी पढ़ सकते है।

प्रस्तावना | Introduction

जैसा की हम सभी जानते है पृथ्वी पर सौर शक्ति के बिना जीवित रहना या जीवन यापन करना असंभव है जो कि सूर्य के प्रकाश में Contained ऊर्जा होती है और यह सौर ऊर्जा Photon के रूप में पायी जाती है। सभी Single-Celled Oganisms एवं Microorganisms जो की सूर्य शक्ति की Help के जरिये ही Existence में आ पाए है। सभी पेड़ और पौधे शुरुआत से सौर शक्ति का Use करते आ रहे है। इस प्रक्रिय में पेड़ और पौधे की पत्तियां Solar Energy को ग्रहण करती है तथा भोजन को तैयार करने के दौरान Photosynthesis Process में इसका प्रयोग करती है। इस प्रकार खाद्य Pyramid के कार्य में Solar Energy एक सबसे अहम भूमिका निभाती है। सौर ऊर्जा Energy का Renewable का एक प्रकार है और हमारे पास इस Energy को Use करने के लिए विशेष अधिकार है। जब तक सूर्य से प्राप्त होने वाली Sor Urja है तब तक हम इस Solar Energy का प्रयोग एक विशेष प्रकार से कर सकते है तथा सभी लोगों और छात्रों को इस ऊर्जा के महत्व को एवं Solar Energy के लाभ को समझना चाहिए। आप information about solar energy प्राप्त करके छात्रों को शिक्षित कर सकते है।

सौर ऊर्जा का महत्व और प्रयोग | Importance and Use of Solar Energy

सूर्य शक्ति सभी चीजों के लिए महत्वपूर्ण होती है, किन्तु हमे इसके लिए सौर ऊर्जा का महत्व और प्रयोग को भी जानना आवश्यक है। आज की इस अधुनिक समय में Solar Energy का प्रयोग औद्योगिक (Industrial) तथा घरेलू (household) रूप से किया जा रहा है। Industrial uses की Comparison में Solar Energy के घरों के उपयोगों में अधिक Quantity में सौर शक्ति की कटौती की भी जरुरत नहीं होती है। सौर ऊर्जा के माध्यम से घरों के लिए प्रयोग में सौर गर्म पानी की व्यवस्था सौर कुकर एवं एयर कंडीशनर भी शामिल है और सौर ऊर्जा के Industrial Applications में बिजली का उत्पादन के लिए सम्मिलित किया गया है। Solar cooker सोलर कुकिंग के लिए एक ऐसा Solar Device है जिसका Use Solar Energy के जरिये से खाना बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। Industrialization and Technology में लगातार Growing progress के साथ, सौर ऊर्जा के Search in Applications (अनुप्रयोगों में खोज) भी बढ़ रही है।

सौर ऊर्जा के फायदे

Solar Energy Information

सौर ऊर्जा को प्रयोग करने के लिए कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित है :- 

  • सौर ऊर्जा के उपयोग से स्विमिंग पूल के पानी को गर्म किया जा सकता है।
  • अब पानी गर्म करने के लिए Domestic Use and Industrial Use में सूर्य शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।
  • Solar Energy का प्रयोग Battery Charging हेतु किया जा सकता है।
  • घर को बिजली प्रदान के लिए Solar Energy को Use में लाया जा सकता है।
  • आप Outdoor व् Indoor Lighting के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकते है।
  • सूर्य शक्ति का उपयोग Solar Cooker की सहायता से खाना पकाने के लिए किया जा सकता है।
  • Solar Energy का Use प्रयोग आप Solar Cell जैसे कि Music Speak, Cell phone, Freezer, Solar Dryer, Mini Fridge आदि के लिए भी कर सकते है।

सौर ऊर्जा का सिद्धांत | Principle of Solar Energy

Photovoltaic (PV) प्रभाव बिजली में Sunlight ऊर्जा का Conversion है। Solar Energy के लिए Concentrated Solar Power (CSP) या Photovoltaic Power(PV) बनाने हेतु Sunlight पर Capture करने के लिए सौर शक्ति का प्रयोग किया जाता है।एक PV system में, PV cells इस effect का प्रयोग करती है। Photovoltaic Cell में Semiconductor materials को Internal Electric Field के रूप में P-N संरचना बनाने हेतु Doped किया जाता है। P-Type (Positive) सिलिकॉन में इलेक्ट्रॉनों को छोड़ने एवं छेद हासिल करने की Trend होती है, जबकि N-Type (Negative) सिलिकॉन Exposures को Influenced करता है। जब Sunlight cell से टकराता है, तो प्रकाश में मौजूद Photon Semiconductor में कुछ इलेक्ट्रॉनों को Electron Hole (Negative-positive) pair बनने के लिए Excited करते है। क्योकि एक Internal Electric Field है, इसलिए इन Joints को अलग करने हेतु Inspire करते है। नतीजतन, इलेक्ट्रॉनों Negative Electrode में चले जाते है जबकि Hole Positive Electrode में चले जाते हैं। एक Conductor Wire Circuit बनाने के लिए Negative Electrode, भार और श्रृंखला में धनात्मक Electrode को जोड़ता है। नतीजतन, बाहरी भार की आपूर्ति के लिए एक Electric Current Generate होता है। इस तरह से PV Effect सौर सेल में कार्य करता है। सौर ऊर्जा कभी ना टूटने वाली एवं Renewable Energy है। सौर शक्ति Life में कभी भी खत्म नहीं हो सकती तथा यही एक महत्वपूर्ण Reason है कि सूर्य ऊर्जा का संसार में सबसे महत्वपूर्ण साधन है।

सौर ऊर्जा के लाभ | Benefits

  • Saur Urja एक अन्य Energies के तुलना में बिना खर्चो के मुक्त में प्राप्त होती है।
  • यह Natural प्रकार से Acquired Energy है।
  • सौर ऊर्जा से किसी भी प्रकार का Environmental Pollution नहीं होता है।
  • सौर ऊर्जा Generated करने के Process में किसी भी Chemical or Product का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • Solar Energy का Use Environment स्वच्छता को बढ़ा देता है।
  • Saur Urja से फसल और पेड़ पौधे दोनों ही अच्छी होती है।
  • सौर ऊर्जा से ग्रामीण Area में बिजली आसानी से पहुँचायी जा सकती है।

सौर ऊर्जा के नुकसान | Disadvantages

आप सभी जानते है सौर ऊर्जा के अनेक लाभ है किन्तु बहुत मामलों में Saur Urja के कुछ नुकसान भी है। जिसके कारण से सौर ऊर्जा को नुक़सानदेह भी माना जाता है। इसका सिर्फ दिन के दौरान सौर ऊर्जा का अधिक Use किया जा सकता है क्योंकि सिर्फ दिन में ही सूरज दिखाई देता है। इसके साथ ही Saur Urja में प्रयोग होने वाले Equipment बहुत महंगे तथा Fragile होते है जैस:- Panel, Solar Cell एवं Solar collector आदि। यह सभी Equipment बहुत महंगे होने के साथ-साथ नाज़ुक भी होते है। और इन्हे सुरक्षित रखने हेतु बहुत देखरेख की जरुरत होती है। सौर ऊर्जा सिर्फ Sun पर निर्भर होती है जब सूर्य की किरणे का तापमान काम हो जाता है तब सौर ऊर्जा एकत्रित नहीं हो पाती है और खासकर सर्दियों में इसकी अधिक जरुरत होती है।

सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण के नाम | Equipments Names

सौर ऊर्जा के द्वारा Accessory Items एवं Devices का निर्माण किया गया है तथा सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण के नाम सूची निम्नलिखित है :–

  • सोलर पेनल (Solar Panel),
  • सोलर टोर्च (Solar Torch)
  • ब्रेनी इको सोलर होम UPS 1100 (Brainy Eco Solar Home UPS 1100)
  • सोलर DC सिस्टम 120 (Solar DC System 120)
  • सोलर पावर कंडिशनिंग यूनिट (Solar Power Conditioning Unit)
  • PV ग्रिड कनेक्टेड इन्वर्टर्स (PV Grid Connected Inverters)
  • सोलर चार्ज कंट्रोलर (Solar Charge Controller)
  • PWM टेक्नॉलोजी (PWM Technology)
  • MPPT टेक्नॉलोजी (MPPT Technology)
  • सोलर कन्वर्जन किट (Solar Conversion kit)
  • सोलर शाइन वेव इन्वर्टर (Solar Shine Wave Inverter)
  • सोलर बैटरी (Solar Battery)
  • सोलर होम लाइटिंग सिस्टम (Solar Home Lighting System)
  • स्पार्कल (Sparkle)
  • सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम (Solar Street Lighting System) सोलर वॉटर पंप (Solar Water Pump)
  • सोलर ड्रायर (Solar Dryer)
  • सौर ग्रीन हाउस (Solar Greenhouse)
  • सौर ऊर्जा चालित दूध दुहने की मशीन (Solar Powered Milk Milking Machine)
  • घास काटने की सौर मशीन & ट्रैक्टर (Mower Solar Machine & Tractor) etc.

भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन और भविष्य

भारत ने Solar Energy के क्षेत्र में अनेकों बड़े Projects Proposed किये है। Thar Desert में India का सबसे Best Solar Power Projects उपलब्ध है, जो कि Approx 700 to 2,100 GW Energy Generate करने के लिए सक्षम है। वही दूसरी ओर गुजरात के Chief Minister Narendra Modi ने Year 1 March 2014 को MP के Neemuch District के Decan में, भारत के सबसे बड़े Solar Power Plant का Inaugaration किया। Central Government के द्वारा चलाए गए Jawaharlal Nehru National Solar Mission के लिए Year 2022 तक 20,000 MW Solar Power Generate करने का Target निर्धारित किया है। गुजरात के Solar Energy research का Target 1000 MW सौर शक्ति का Production करना है। Year July 2009 में 19 Billion Dollar की Solar Power Scheme का Unveiling हुआ था, जबकि Year 2020 तक 20 GW Solar Energy Production का कल्पना की जा रही है। Rural Areas में Street Light System, Solar lantern और Solar Water Pumps इत्यादि जैसे अनेक Uses हेतु approximate 66 MW Solar Energy का Determination किया है।

उपसंहार | Conclusion

हम सौर ऊर्जा का एक अच्छा उपयोग करके इसके द्वारा Technologies को विकसित कर सकते है। Applications Innovations Solar Energy भविष्य में आने वाली Generation का भविष्य है। Solar Energy Earth को अन्य सभी प्रकार के Pollutions से बचाती है। सौर ऊर्जा हमें एक सुरक्षित तथा हरियाली भरा जीवन यापन करने का Economical Way प्रदान करती है। जितना Possible हो सके हमें Solar Energy पर ही आधारित Devices का प्रयोग करना चाहिए एवं अपने इस Earth पर फैलने वाले Pollutions से बचाना चाहिए।

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Physics library

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  • Introduction to work and energy
  • Work and energy (part 2)
  • Conservation of energy
  • What are energy and work?
  • What is kinetic energy?
  • What is gravitational potential energy?
  • What is conservation of energy?
  • Work and the work-energy principle
  • Work as the transfer of energy
  • Work example problems
  • Work as area under curve

Thermal energy from friction

What is thermal energy.

  • Work/energy problem with friction
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Thermal energy from drag

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Solar Energy in Hindi | सौर ऊर्जा की व्याख्या, कार्य, उपयोग, महत्व और फायदे

Solar Energy in Hindi

Solar Energy in Hindi: पिछले कुछ वर्षो में भारत और भारत जैसे कुछ देशो ने स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की खोज ने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है।

आज विभिन्न अक्षय ऊर्जा विकल्पों में से सौर ऊर्जा यानि की ‘ Solar Energy’ यह पूरी दुनिया में सबसे आशाजनक और पर्यावरण के अनुकूल समाधानों में से एक के रूप में बाहर खड़ा है।

सौर ऊर्जा में होने वाले अलग अलग नवीनीकारन, विकास और नई तकनीक के कारन हम सौर ऊर्जा को भविष्य में सबसे अधिक मात्रा में इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा के रूप में देख सकते है।

अगर बात करे साल 2023 में सौर ऊर्जा के  उपलबधता की तो China और America के पास दुनिया के सबसे समृद्ध सौर संसाधन हैं और  भारत में भी सौर ऊर्जा को पैदा करने के लिए उच्चा स्तर पर तैयारी चल रही है। 

 आज का हमारा यह लेख लेख सौर ऊर्जा की परिभाषा ( Solar Energy in Hindi )  इसके पीछे के विज्ञान और सूर्य के प्रकाश को बिजली में बदलने के लिए कैसे काम करता है, साथ ही सौर ऊर्जा के फायदे नुकसान और सौर ऊर्जा के महत्व और इस्तेमाल के बारे में चर्चा करने वाले है। 

संबधित लेख:  

  • घर के लिए सबसे बेहतरीन सोलर प्लेट
  • सबसे अच्छा सोलर पैनल कौन सा है?
  • बिजली का अविष्कार किसने किया?

सौर ऊर्जा की व्याख्या, कार्य, उपयोग, महत्व और फायदे: 2023 

दोस्तों सौर ऊर्जा हमारे दोहन और बिजली के उपयोग के तरीके में क्रांति लाती रहती है, जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, सौर ऊर्जा निस्संदेह एक स्थायी और स्वच्छ भविष्य को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

तो चलिए सौर ऊर्जा के बारे में विस्तार में जानते है।

सौर ऊर्जा क्या है? | Solar Energy in Hindi 

सौर ऊर्जा की परिभाषा

सौर ऊर्जा सूर्य द्वारा उत्सर्जित उज्ज्वल प्रकाश और गर्मी को संदर्भित करती है, जिसे दोहन किया जाता है और प्रयोग करने इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

पृथ्वी पर सौर ऊर्जा की कुल राशि दुनिया की वर्तमान और प्रत्याशित ऊर्जा आवश्यकताओं से अधिक है।

यदि उपयुक्त रूप से दोहन किया जाता है, तो इस अत्यधिक विसरित स्रोत में भविष्य की सभी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता है।

21 वीं सदी में Solar Energy एक अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में तेजी से आकर्षक और लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इसकी अटूट आपूर्ति और इसके Nonpolluting character के कारण, Fossil Fuels, Coal, Petroleum और नैसर्गिक गैस से होने वाले प्रदुषण को ख़त्म या काम करती है।

इसलिए Soler Energy नवीकरणीय ऊर्जा का एक आवश्यक, बेहतर और किफायती और सुरक्षित ऊर्जा स्रोत माना जाता है। 

सौर ऊर्जा कैसे पैदा की जाती है? 

Photovoltaics system .

फोटोवोल्टिक (Photovolatics) यह एक उपकरण है जो की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया के माध्यम से सीधे सूर्य के प्रकाश से बिजली उत्पन्न करता  हैं। इसमें सबसे ज्यादा काम सेमीकंडक्टर का होता है जो की सूर्य  से निकलने वाली किरणों को डायरेक्ट इलेक्ट्रिक एनर्जी में कन्वर्ट करता है।

इस सपूर्ण कार्य को हम फोटोवोल्टिक्स इफेक्ट ( Photovolatics Effec t) कहते ह,  इस तरह से ऊर्जा निर्माण करने के लिए हमें आम तौर पर कुछ सामग्रियों की ज़रूरत पढ़ती है जैसे की सोलर पैनल,सोलर सेल और सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जाता है।

आपने कही बार देखा होगा की हमारे आस पास खुले मैदान में घरो के छतो पे ऐसे बहोत सरे खुली जगह सोलर पैनल देखने मिलते है  और यही सोलर पैनल हमें सूर्य से सीधा बिजली देते है।  

Solar Heating System 

Solar water heater system In Hindi

Solar Cooling System 

Concentrating solar power systems  .

कंसन्ट्रेटिंग सोलर पवार ( Concentrating Solar  Power ) सौर ऊर्जा के इस तकनीक में सूर्य के किरणों को आईने के जरिये  सूर्य किरण को एक ही बिंदु  में परवर्तित किया जाता है जोकि इन एक हि बिंदु पर पड़ने वाले किरणों को एक ही जगह कलेक्ट करके उनसे गर्मी पैदा करता है। 

इस Thermal Energy का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है, Solar Energy  के इस तकनीक का इस्तमाल ज्यादा तर खुली जगह बड़े मैदानों में बहोत सरे शिशो से किया जाता है ।

सौर ऊर्जा के फायदे 

सौर ऊर्जा आज बड़े से बड़े कम्पनी से लेकर घरेलु कामो में इस्तेमाल की जाती है, दिन बे दिन सौर ऊर्जा में होने वाले नवीनीकरण और विकास की वजह से हमें Solar Energy के कही सारे फायदे देखने मिलते है जिसमे से कुछ फायदे हम आपके साथ साझा करने वाले है 

1. बात करे इसके होने वाले सबसे बड़े फायदे की तो Solar Energy यह जमे पूरी तरह से सूरज से मिलती है और जबतक हमारी पृथ्वी का विनाश होता नहीं तबतक हमें सूरज की  किरणे हमें मिलती रहेंगी और तब तक हम सौर ऊर्जा का उत्पादन  करते रहेंगे।

2. इसक दूसरा फायदा हमें आने वाले घर के बिल पर पड़ने वाला है और भविष्य में Solar Energy से हम घर के बहोत से उपकरण चला पाएंगे और इससे बिजली की खपत भी बहोत काम होने वाली है, इसलिए हमें बिजली के बिल की बेहद कम कीमत चुकानी पड़ेंगी। 

3. इसके तीसरे फायदे के बात करे तो Solar Energy के उत्पादन के लिए कोई बड़ी बड़ी मशीनों की ज़रूरत नहीं पढ़ती बल्कि सोलर पैनल की मदत से हम हमारे घर में भी इसका उत्पादन करके Solar Energy उपयोग कर सकते है। 

4. बात करे इसके कीमत की तो इसके उत्पादन के लिए हमें Photovolatics तकनीक की ज़रूरत पढ़ती है और आज कल बहोत से उद्योग , व्यापर, और घरो के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है एक विशेष क्षमता के हिसाब से हमें इसके अलग अलग पैनल बाजार में मिलते है जिसकी कीमत अलग अलग होती है और एक ही प्रणली से हम कही बार Solar Energy का उत्पादन कर सकते है। 

5. सौर ऊर्जा हमें पूरी तरह से सूरज से मिलती है इसके लिए ऐसा कोई बड़ा प्लांट बनाना नहीं पड़ता इसलिए निर्मत होने वाली हानिकारक रडिएशन   नहीं बनती साथ ही साथ इससे पेड़ो और जानवरो और पक्षियों को कोभी कोई नुकसान नहीं होता। इन्वोरमेंट के हिसाब से सोलर एनर्जी का उपयोग बहोत लाभदायह है। ( Solar Energy in Hindi )

6. जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी की प्रगति और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ती है, सौर ऊर्जा का भविष्य आशाजनक लगता है, सौर प्रौद्योगिकी में वृद्धि और पहुंच में वृद्धि से वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाया जा सकता है। 

 सौर ऊर्जा और भारत: 2023 

Solar Energy in India

भारत पहले से नवीकरणीय ऊर्जा पर ज्यादा ज़ोर देते आया है Solar Energy के साथ  वायु ऊर्जा, पवनबिजली ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा इस तरह की बहोत सारि उर्जाओ का उत्पादन आज हमारे देश में किया जाता है। 

मगर बात करे Solar Energy की भारत में अवस्ता की तो भारत यह एक उष्ण कटिबंधिया  देश माना जाता है याने की भारत में  साल में सबसे ज्यादा गर्मी रहती है इसकी वजह से Solar Energy के उत्पादन में भारत ने बहोत से दशो को पीछे छोड़ा है। 

सौर ऊर्जा के दस मुख्य उपयोग 

सौर ऊर्जा के दस मुख्य उपयोग 

#10. Water Heating 

सबसे पहला इस्तेमाल आता है  पानी को गर्म करना हमें ऐसे बहोत से कामो में गर्म पानी की ज़रूरत होती है जैसे की नहाने के लिए लॉन्ड्री में , स्वीमिंग पूल में पानी गर्म करने के लिए और औद्योगिक क्षत्र में भी गर्म पानी की बहोत ज़रूरत होती है, और सोलर हीटिंग प्रणाली की वजह से हमें आसानी से Solar Energy के जरिये गर्म पानी  बना सकते है। 

#09. Housing Heating System  

हमारे घर में ऐसी बहोत सारी  इलेक्टॉनिक उपकरण होते है जो बैटरी पर चलते है जैसे की लाइट, रेडिओस , स्मार्टफोन बैटरी इस तरह के कही बैटरी हम सौर ऊर्जा से चार्ज कर सकते है, इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण भाग में होता है जहा बिजली पोहचती नहीं। 

इसी तरह से सोलर Housing Heating System की मदत से हम Solar Energy से घर को गर्म रखते है इसका सबसे ज्यादा फायदा उन लोगो को होता है जो बर्फीले जगह पर घर बनाकर रहते है। 

#08. Cooling Solar System 

इसी तरह से कूलिंग सिस्टम से Solar  Energy के मदत से हम हमारे घर को गर्मियों में ठंडा भी रख सकते है। आजा कल हमारे घरो में AC या Cooler का बड़े पैमाने में इस्तेमाल किया जाता है मगर उसकी कीमत भी हमें बहोत चुकानी पड़ती है अगर Solar Energy का उपयोग हम इस तरह करे तो बिजली की बहोत ज्यादा बचत हो सकती है। 

#07. Street Solar Light 

हम अक्सर देखते है की हाईवे रोड पर हमें रात में लाइट न होने के कारन से बहोत दिक्कत उठानी पड़ती है मगर आज कल Solar Energy पर चलने वाले Street Light का बहोत उपयोग हो रहा है इसमें लाइट की बैटरी दिनभर चार्ज होती है और रात में रौशनी देती है। 

#06. Solar-Powered Desalination

ऊपर बताये हुए  उपयोग  के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए भी छोटे-बड़े  पैमाने पर सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।उदाहरण के लिए, कुछ देशों में, सौर ऊर्जा का उपयोग बाष्पीकरण द्वारा समुद्री जल से नमक का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।

#05. Domestic Usage 

आज कल सौर ओवन ,सौर कूकर  भी बहोत लोकप्रिय हो रहे है,  घरेलु कामो में भी हम Solar Energy पर चलने वाले उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैसौर ऊर्जा के घरेलु इस्तेमाल से घर में बिजली की खपत होने की वजह से साधारण लोग के लिए सौर ऊर्जा काफी महत्त्व की साबित होती है। 

#04. Agricultural 

सौर ऊर्जा कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली, पानी की फसलों को एक स्थायी तरीका प्रदान करती है, कृषि दक्षता में वृद्धि और पारंपरिक ग्रिड-आधारित सिंचाई विधियों पर निर्भरता को कम करती है।

#03. Transportation

सौर ऊर्जा दिन बे दिन परिवहन क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है, सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों, जैसे कि सौर कारों और सौर ऊर्जा से चलने वाली नौकाओं को कार्बन उत्सर्जन को कम करने और टिकाऊ परिवहन विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है।

#02. Space Applications

दशकों से अंतरिक्ष अन्वेषण में सौर ऊर्जा का उपयोग किया गया है, सौर पैनल बिजली अंतरिक्ष यान और उपग्रह, बाहरी अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान, संचार और नेविगेशन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

#01. Emergency Power Backup

सौर ऊर्जा भंडारण क्षमताओं के साथ सौर ऊर्जा प्रणाली ग्रिड आउटेज के दौरान विश्वसनीय आपातकालीन बिजली बैकअप के रूप में काम कर सकती है।

इस तरह के ऊर्जा भंडारण का इस्तेमाल हस्पताल जैसे जगह पर बड़े काम आती है।

साथ ही इस तरह की ऊर्जा प्रणालियाँ अप्रत्याशित परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सुविधाओं और घरों को निरंतर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती हैं।

भारत की सौर ऊर्जा योजना-2023

भारत की सौर ऊर्जा योजना

देश में सौर ऊर्जा के विकास और सक्रियण और साथ सौर ऊर्जा के इस्तेमाल और उत्पादन के लिए भारत सरकार ने कई सौर ऊर्जा योजनाओ और  नीतिओ के लागू किया है।

भारत सरकार द्वारा किये गए कुछ मुख्या योजनाए:

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर अभियान (jnnsm).

योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन ( Jawaharlal Nehru National Solar Mission ) जिसे राष्ट्र्य सौर मिशन भी कहा जाता है। यह योजना भारत के NAPCC के आठ प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों में से एक है जिसे सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा बनाया गया है।

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्य नीतिगत परिस्थितियों को बनाकर भारत को सौर क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।

यह योजना साल 2010 में शुरू की गई थी जिसे 2022 तक 20 GW सौर ऊर्जा को निर्माण करने लक्ष स्थापित किया गया था।

साल 2015 से 2022 तक इस योजना के तहत 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का निर्माण किया गया है।

KUSUM योजना

किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्तम महाभियान यह योजना विशेष रूप से किसानो को Solar Energy का उपयोग और सौर ऊर्जा पैदा करने को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।

कुसुम योजना  किसानों को S olar Panel और Grid Connected Solar System की स्थापना के लिए सरकार द्वारा आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान कराती है।

इसी के साथ ही किसानों को अपने सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न की गई बिजली को बेचने के लिए भी सहायता प्रदान करती है।

कुसुम योजना में इन सहायता के साथ साथ सौर संयंत्र की स्थापना के लिए ऋण की सहायता, सौर संयंत्र की सुरक्षा की सहायता, साथ की सोलर पैनल, सोलर मोटर में सब्सिडी ऐसी कहीं सारी अन्य सहायत शामिल है।

उज्वल डिसकॉम एश्योरेंस योजाना (UDAY scheme) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सुधार योजना है जो राज्य सरकारों को अपने बिजली व्यवसाय को सुनियोजित करने के लिए समर्थन प्रदान करती है।

उदय योजना विद्युत् मंत्रालय द्वारा नवंबर 2015 में इस योजना की घोषणा की गई थी इस योजना के तहत कुल 32 राज्य और केंद्रीय क्षेत्र हैं जिसमे आने वाले सभी सभी विद्युत् वितरण कम्पनियो की वित्तीय स्थिति में सुधार लाना और कंपनियों के स्थाई समस्या का समाधान करना है।

रूफटॉप सौर योजना

Rooftop Solar Power Program भारत सरकार द्वारा की जानी वाली पहल हैं जो घर के मालिकों और व्यापारी को अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान कराती है।

इस प्रोग्राम में सरकार आपको वित्तीय सहायत भी प्रदान करेंगी जहा यह योजना सौर पैनल स्थापना की लागत को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने और जीवाश्म ईंधन से उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की मात्रा को कम करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

सोलर पार्क योजना: 2023

 यह योजना एक भारत सरकार द्वारा संचालित पहल है जो बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा प्रतिष्ठानों के विकास को प्रोत्साहित करती है

सोलर पार्क योजना के तहत देश के बड़े बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक को बड़े पैमाने पर सौर पार्क बनाने और देश में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित कराती है साथ ही वित्तीय सहायता भी प्रदान कराती है।

यह योजना सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश करने वालों को सब्सिडी और कर लाभ प्रदान करके सौर ऊर्जा की लागत को कम करने में भी मदद करती है।

देश द्वारा सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा की क्षमता: 2023 

  • कोडिंग क्या है? कोडिंग कैसे सीखे?
  • मोबाइल से कोडिंग कैसे सीखे? 
  • सबसे बेस्ट ऐप बनाने की वेबसाइट?

आज आपने क्या सीखा 

Faq: solar energy in hindi , सौर ऊर्जा कैसे बनती है.

सौर ऊर्जा सूर्य द्वारा उत्सर्जित उज्ज्वल प्रकाश और गर्मी को संदर्भित करती है, जिसे दोहन किया जाता है जिससे सौर ऊर्जा पैदा होती है। 

सौर सेल क्या होते है?

सौर सेल वह उपकरण है जो सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परावर्तित करते है।

सोलर ऊर्जा के दोहन के लिए किन उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है?

Solar Cell और सौर Water Pimp 

सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा क्षमता वाला देश कौन सा है?

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi!

आधुनिक युग विज्ञान का युग है । मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है उसने समय के साथ स्वयं के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं । इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है ।

समय के साथ उसकी असंतोष की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कल-कारखाने, मोटर-गाड़ियाँ, रेलगाड़ी, हवाई जहाज आदि सभी उसकी इसी प्रवृत्ति की देन हैं । उसके इस विस्तार से संसाधनों के समाप्त होने का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ।

प्रकृति में संसाधन सीमित हैं । दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं । दिन-प्रतिदिन सड़कों पर मोटर-गाड़ियों की संख्या में अतुलनीय बुदधि हो रही है । रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज सभी की संख्या में वृद्‌धि हो रही है । मनुष्य की मशीनों पर निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है ।

इन सभी मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । परंतु जिस गति से ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ रही है उसे देखते हुए ऊर्जा के समस्त संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है । विशेषकर ऊर्जा के उन सभी साधनों की जिन्हें पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता है । उदाहरण के लिए पेट्रोल, डीजल, कोयला तथा भोजन पकाने की गैस आदि ।

पेट्रोल अथवा डीजल जैसे संसाधनों रहित विश्व की परिकल्पना भी दुष्कर प्रतीत होती है । परंतु वास्तविकता यही है कि जिस तेजी से हम इन संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब धरती से ऊर्जा के हमारे ये संसाधन विलुप्त हो जाएँगे ।

ADVERTISEMENTS:

अत: यह आवश्यक है कि हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दें अथवा इसके प्रतिस्थापन हेतु अन्य संसाधनों को विकसित करें क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयासों में सफल नहीं होते तो संपूर्ण मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है।

हमारे देश में भी ऊर्जा की आवश्यकता दिन पर दिन विकास व जनसंख्या वृद्‌धि के साथ बढ़ती चली जा रही है । ऊर्जा की बढ़ती माँग आने वाले वर्षो में आज से तीन या चार गुणा अधिक होगी । इन परिस्थितियों में भारत सरकार की ओर से ठोस कदम उठाने की अवश्यकता है । इस दिशा में अनेक रूपों में कई प्रयास किए गए हैं जिनस कुछ हद तक सफलता भी अर्जित हुई है । ‘बायो-गैस’ तथा अधिक वृक्ष उत्पादन आदि इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं । पृथ्वी पर ऐसे ऊर्जा संसाधनों की कमी नहीं है जो प्रदूषण रहित हैं ।

विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण व ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है । सभी देश सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दे रहे हैं तथा इसे और अधिक उपयोगी बनाने व इसके विकास हेतु विश्व भर के वैज्ञानिकों द्‌वारा अनुसंधान जारी हैं । जहाँ तक भारत की स्थिति है, हमारे देश में पेट्रोलियम ऊर्जा का एक बड़ा भाग खाड़ी के तेल उत्पादक देशों में आयात किया जाता है ।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कभी-कभी कच्चा तेल इतना महँगा हो जाता है कि इसे खरीद पाना भारतीय तेल कंपनियों के वश में नहीं होता । तब सरकार या तो तेल मूल्यों में वृद्‌धि कर इस घाटे की भरपाई करती है अथवा तेल कंपनियों को सीमा-शुल्क आदि में छूट देकर स्वयं घाटा उठाती है । दोनों ही स्थितियों में बोझ देश के उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है ।

हमें आशा है कि वैज्ञानिक ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज व इसके विकास में समय रहते सक्षम होंगे । इसके अतिरिक्त यह आवश्यक है कि सभी नागरिक ऊर्जा के महत्व को समझें और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक बनें । यह निरंतर प्रयास करें कि ऊर्जा चाहे जिस रूप में हो उसे व्यर्थ न जाने दें ।

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NIOS Class 10 Science Chapter 14 Thermal Energy

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Thermal energy, commonly known as heat, plays a pivotal role in our daily lives, influencing everything from the climate and agricultural productivity to the comfort of our homes. This energy form, discernible through the sensations of hotness or coldness, is central to various processes, including cooking, climate control, and industrial operations. The transmission of thermal energy – feeling hot when it flows into the body and cold when it flows out – underlies the necessity of clothing adjustments across seasons, like wearing woolen clothes in winter to minimize heat loss.

Heat Versus Temperature A fundamental aspect of thermal energy is distinguishing it from temperature. While heat refers to the energy transferred between objects of different temperatures, temperature is a measure of an object’s hotness, quantified in degrees Celsius (°C), Fahrenheit (°F), or Kelvin (K). This distinction is crucial for understanding thermal phenomena, such as the change of state in materials (solid to liquid or liquid to gas) and the operation of thermometers.

One of the most observable effects of thermal energy is thermal expansion – the increase in size of objects as they are heated. This principle is applied in various aspects of daily life and technology, from the construction of thermometers to architectural designs that accommodate the expansion and contraction of materials. For instance, gaps in railway tracks and the design of bridges incorporate allowances for thermal expansion to prevent structural damage.

Measurement of Temperature The development of thermometers, devices that measure temperature, has been instrumental in both scientific research and medical practice. Different types of thermometers, including clinical, laboratory, and digital thermometers, serve various purposes, from diagnosing illnesses to conducting experiments and monitoring environmental conditions.

Heat transfer is a key concept in thermodynamics, describing the flow of thermal energy from hotter objects to colder ones until thermal equilibrium is reached. The rate of heat transfer and the resulting changes in temperature depend on the materials’ specific heat capacities, a property that quantifies the amount of heat required to change a substance’s temperature by a certain amount.

Latent Heat and Change of State When substances change state – from solid to liquid or liquid to gas – they absorb or release specific amounts of heat, known as latent heat, without changing temperature. This phenomenon is crucial for understanding processes like melting, boiling, and condensation, which have significant implications for various fields, from meteorology to culinary arts.

The applications of thermal energy and principles of heat transfer are vast and varied. In daily life, they influence cooking methods, climate control systems, and even the efficiency of thermal insulation. Industrially, thermal energy is critical for power generation, manufacturing processes, and materials engineering.

Challenges and Opportunities While thermal energy is indispensable, managing its flow and effects poses challenges, particularly in energy efficiency and environmental impact. Innovations in thermal insulation, renewable energy sources, and materials science offer pathways to address these challenges, optimizing the use of thermal energy for sustainable development.

Thermal energy, with its diverse effects and applications, is a cornerstone of both natural phenomena and human-made systems. Understanding its principles is essential for navigating the complexities of the physical world and harnessing its potential for innovation and sustainability.

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ऊष्मीय या थर्मल प्रदूषण पर निबंध Essay on Thermal Pollution in Hindi

ऊष्मीय या थर्मल प्रदूषण पर निबंध Essay on Thermal Pollution in Hindi

थर्मल प्रदूषण किसी भी प्रक्रिया से पानी की गुणवत्ता का क्षरण है जो परिवेश के तापमान को बढ़ाता है। जिससे तापमान में ब्रद्धि होती है।

  • (भंग ऑक्सीजन) Dissolved oxygenऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है।
  • पारिस्थितिक तंत्र संरचना को प्रभावित करता है।

Table of Content

स्रोत Sources

1. उद्योग industrial.

थर्मल प्रदूषण का एक सामान्य कारण बिजली संयंत्रों और औद्योगिक निर्माताओं द्वारा शीतलक(Coolant) के रूप में पानी का उपयोग करने से होता है:

  • हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट्स
  • कोयला चालित विद्युत संयंत्र
  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों
  • बिजली, वस्त्र, कागज और लुगदी उद्योगों से औद्योगिक अपशिष्ट

2. शहरी अपवाह Urban runoff

गर्मियों के मौसम में, शहरी बहावों के छोटे जल स्रोतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि पानी, बहुत गर्म हो कर पार्किंग के स्थलों, सड़कों और राहगीरों के लिए चलने वाले जगहों से होकर बहता है।

3. घरेलू सीवेज Domestic sewage

नगर सीवेज में भी आम तौर पर उच्च तापमान होता है जो नालियों के माध्यम से हो कर नदी और नेहरों में बहता है।

प्रभाव Effect

तापमान गर्म होने से जल में ऑक्सीजन की विलेयता कम हो जाती है और जिससे मछली के चयापचय में वृद्धि होती है। उष्णकटिबंधीय समुद्री जानवर आम तौर पर 2 से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में वृद्धि करने में असमर्थ होते हैं और अधिकांश स्पोंजेस, मोलस्क और क्रस्टेशियंस 370 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान में उनकी मृत्यु हो जाती हैं।

जब एक बिजली संयंत्र मरम्मत अथवा अन्य कारणों से खोला या बंद किया जाता है, तो इसकी वजह से मछलियां और अन्य तरह के जीवाणु जो की एक विशेष प्रकार के तापमान के आदि होते हैं, अचानक तापमान में हुई बढ़ोतरी से मर जाते हैं, इसे ‘थर्मल झटका’ (Thermal shock) कहा जाता है।

थर्मल प्रदुषण के कुछ मुख्य प्रभाव –

1. बड़ा हुआ तापमान आमतौर पर पानी में उपस्थित ऑक्सीजन (Dissolved oxygen) के स्तर को कम करता है। भंग ऑक्सीजन के स्तरों में कमी मछली और उभयचर जैसे जलीय जानवरों को नुकसान पहुंचा सकती है।

2. थर्मल प्रदूषण में जलीय जानवरों की एंजाइम गतिविधि के रूप में,चयापचय की दर बढ जाती है,परिणामतः जीवाश्म अल्प समय में ज्यादा खाद्य पदार्थ सेवन करने लगते हैं,जो की वे नहीं करते अगर पर्यावरण में बदलाव ना हुआ होता। चयापचयी की प्रक्रिया में बदलाव के कारण खाद्य पदार्थ में कमी होते जा रही है। ऑस्ट्रेलिया में,जहां कई नदियों में गर्म तापमान है वहां देशी मछली प्रजातियों का सफ़ाया हो चुका है,मैक्रो अकशेरुकी जीव भी काफी बदल गये है और वह अपनी शक्ति खो रहे है।

3.  बढ़े हुए चयापचय दर के कई कारण हो सकते हैं। इसी प्रकार वे मछलियां भी अपना घर बदल सकती हैं और वहां जा सकती है जहाँ सिर्फ उष्म जल हो जो की उनके रहने के अनुकूल हों। ऐसे में यह स्थिति अल्प अंतर में उपलब्ध संसाधनों के लिए होड़ की स्थिति पैदा करती है,उनसे ज्यादा अनुकूलित जीवाणुओं को लाभ होता है। इस कारण पुराने और नए पर्यावरण में उपलब्ध खाद्य पदार्थ की श्रृंखला में समझौता करना पड़ता है। यह स्थिति जैविक भिन्नता को कम कर सकती है।

4. जलाशयों में अप्राकृतिक रूप से ठंडे पानी की कमी , मछली के जनजीवन पर प्रभाव डाल सकती है। जो नदियों के मैक्रो अपिटेब्रेटिक जीवों, और नदी उत्पादकता को कम करते हैं।

5. विषाक्तता में वृद्धि बढ़ते तापमान पानी के भौतिक और रासायनिक गुणों को बदलता है। तापमान में 100 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पोटेशियम साइनाइड के विषाक्त प्रभाव को दोगुना करता है।

6. प्रजनन के साथ हस्तक्षेप जैसे कई गतिविधियां, मछलियों में,  घोंसले का निर्माण, फसल, अंडे सेने, प्रवास और प्रजनन आदि। जो कि एक अनुकूल तापमान पर निर्भर करती हैं। ऐसे में सही तापमान ना होने के पर अंडे नष्ट हो जाते हैं।

7. बीमारी के लिए भेद्यता में वृद्धि कई रोगजनक सूक्ष्मजीवों की  उच्च तापमान के कारण ब्रद्धि होती है। पानी के तापमान में बदलाव मछली में बैक्टीरिया रोग का कारण बनता है।

8. विनाशकारी जीवों पर आक्रमण थर्मल प्रदूषण जीवों पर आक्रमण की अनुमति देता है, जो गर्म पानी और अत्यधिक विनाशकारी हैं। न्यू जर्सी के ओएस्टर क्रीक में जहाज की नदियों पर आक्रमण का सबसे अच्छा उदाहरण है।

9. कई प्लैक्टन, छोटी मछली और कीट लार्वा को कंडेनसर में ठंडा पानी के साथ आ जाते है ये थर्मल दवाव के कारण नष्ट हो जाती है।

कैसे नियंत्रित करें? How to control?

गर्म पानी संघनक से बाहर आए, तो उसे पहले शीतलन तालाब(cooling pond) या शीतलन स्तंभ(cooling tower) से गुजारकर ताप प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।

1. यह गर्मी हवा में बिखर जाती है और फिर पानी को नदी में छोड़ा जा सकता है या संयंत्र में ही शीतलन के लिए दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। ताप प्रदूषण घटाने के दूसरे अनेक उपाय भी हैं। एक उपाय एक बड़े और छिछले तालाब का निर्माण करना है। गर्म पानी पंप के द्वारा तालाब में एक ओर से  छोड़ा जाता है और ठंडा पानी दूसरी ओर से निकाल लिया जाता है। गर्मी तालाब से निकलकर वायुमंडल में बिखर जाती है।

2. शीतलन स्तंभ का उपयोग एक और उपाय है। ऐसे ढाँचे तालाब से कम जगह घेरते हैं। यहाँ अधिकांश गर्मी वाष्पन के द्वारा स्थानांतरित होती है। संघनक से आनेवाला गर्म पानी नीचे ऊर्ध्व चादरों या अवरोधकों पर छिड़का जाता है और तब यह पानी पतली फिल्मों के रूप में नीचे आता है।

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Lab #7: Cold weather Energy

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Temperature is heat energy getting transferred in one place to an additional, because of heat changes. This may take place simply by three techniques. These three processes will be known as bail, convection, and radiation.

Whenever we place two objects based on a temperatures talking to each other, heat from the hotter object is going to immediately and automatically movement to the colder object. This is certainly known as bail. Some items make good conductors of warmth while others make poor conductors of heat or excellent insulators. Silver, copper, and gold make excellent conductors of heat. Foams and plastics generate good insulators of heat although make poor conductors. Last night for dinner, My spouse and i made myself a grilled cheese meal and a bowl of tomato soup. We heated the soup faster than I cooked the sandwich therefore i poured the hot soup into a bowl and finished cooking the sandwich. Once I had been done preparing food, I gabbed the soups bowl and burned me. The heat from your soup manufactured the bowl hot. This can be an example of conduction.

The process of conduction between an excellent surface and a shifting liquid or gas is known as convection. The motion of the fluid could possibly be natural or forced. If a liquid or gas is definitely heated, its mass every unit quantity generally lessens. If the liquefied or gas is in a gravitational field, the hotter, less heavy fluid rises while the frigid, heavier substance sinks. For example , when drinking water in a griddle is warmed from under on my range, the water closest to the bottom extends and its thickness decreases. The hot water because of this rises to the top plus some of the cooler fluid descends toward the underside, thus setting up a circulatory motion. This is also so why the warming of a place by a rad depends less on radiation than about natural convection currents, the air growing upward along the wall and cooler atmosphere coming back to the radiator in the side of the bottom. Because of the tendencies of hot air to increase and of fresha ir to drain, radiators are positioned near the flooring and a/c outlets nearby the ceiling pertaining to maximum effectiveness.

Radiation is fundamentally not the same as both louage and convection in that the substances exchanging heat does not need to be in contact together. All chemicals emit glowing energy basically by virtue of creating a positive absolute temperature. The bigger the heat, the greater the amount of energy released. In addition to emitting, all substances are equipped for absorbing rays. Thus, although an ice cubes cube is usually continuously emitting radiant energy, it will burn if a tungsten halogen lamp is targeted on it since it will be absorbing a greater quantity of heat than it is emitting. In addition , surfaces can absorb or reveal incident the radiation. Generally, dull, rough surfaces absorb even more heat than bright, refined surfaces, and bright floors reflect more radiant strength than boring surfaces. In addition , good absorbers are also great emitters, great reflectors, or perhaps poor absorbers, are poor emitters. That is why cooking utensils generally possess dull bottoms for good ingestion and finished sides pertaining to minimum release to maximize the heat transfer in the contents of the pot.

Heat and is usually being transported from place to place. Anything on Earth provides a temperature above Zero Kelvin so almost everything on earth consists of heat. Devoid of some kind of warmth and strength, there may not be existence.

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    Solar Energy in Hindi: पिछले कुछ वर्षो में भारत और भारत जैसे कुछ देशो ने स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की खोज ने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है।

  16. ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

    Article shared by: ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi! आधुनिक युग विज्ञान का युग है । मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है उसने समय के ...

  17. NIOS Class 10 Science Chapter 14 Thermal Energy

    The applications of thermal energy and principles of heat transfer are vast and varied. In daily life, they influence cooking methods, climate control systems, and even the efficiency of thermal insulation. Industrially, thermal energy is critical for power generation, manufacturing processes, and materials engineering.

  18. ऊष्मीय या थर्मल प्रदूषण पर निबंध Essay on Thermal Pollution in Hindi

    January 4, 2023 by बिजय कुमार. ऊष्मीय या थर्मल प्रदूषण पर निबंध Essay on Thermal Pollution in Hindi. थर्मल प्रदूषण किसी भी प्रक्रिया से पानी की गुणवत्ता का क्षरण है ...

  19. भू-तापीय ऊर्जा के उदाहरण -Advantages of Geothermal Energy in Hindi

    भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy) पृथ्वी के आंतरिक भाग में मौजूद ऊष्मा या तापीय ऊर्जा है जो बिजली उत्पन्न करने के लिए और प्रत्यक्ष ताप के लिए भी ऊर्जा के नवीकरणीय ...

  20. Ocean Energy

    Ocean Thermal Energy Conversion (OTEC) The technology which uses ocean temperature differences from the surface to depths lower than 1,000 meters, to extract energy. Research focuses on two types of OTEC technologies-. In Closed cycle method, a working fluid (ammonia) is pumped through a heat exchanger for evaporation and the steam runs a turbine.

  21. Essay on Ocean Thermal Energy: Top 6 Essays

    Essay # 1. Introduction to Ocean Thermal Energy: The ocean can produce two types of energy thermal energy from the sun's heat and mechanical energy from the tides and waves. Oceans cover more than 70% of Earth's surface, making them the world's largest solar collectors. The sun's heat warms the surface water a lot more than the deep ...

  22. Thermal energy essay ☑️ Check free & best essay example

    thermal energy essay. Lab #7: Cold weather Energy. Check the price for your assignment. Get a 100% Plagiarism-Free Essay. Temperature is heat energy getting transferred in one place to an additional, because of heat changes. This may take place simply by three techniques. These three processes will be known as bail, convection, and radiation ...

  23. Thermal Energy Essay

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