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विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण

विश्व जनसंख्या दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है। यह मूल रूप से आबादी से संबंधित मुद्दों के महत्व और तात्कालिकता पर ध्यान केंद्रित करने की वकालत करती है। यह स्वस्थ गर्भावस्था और परिवार नियोजन के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए एनजीओ, स्कूल, कॉलेज आदि द्वारा मनाया जाता है। यह ऐसा अवसर हो सकता है जब आपको विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण देना पड़ सकता है। हम ऐसे अवसरों के लिए भाषण तैयार करने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषणों के अलग-अलग नमूने साझा कर रहे हैं।

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण (Speech on World Population Day in Hindi)

प्रिय दोस्तों!

हमने विश्व जनसंख्या दिवस के उत्सव के बारे में हमारी योजनाओं पर चर्चा करने के लिए यहां आप सबको इकट्ठा किया है। हर वर्ष हमारा अस्पताल 11 जुलाई को इस दिन को मनाता हैं। यह मूल रूप से परिवार नियोजन के लिए तैयार मानव अधिकार को दोहराने से संबंधित है। इस दिवस को दुनिया भर में अधिकार के रूप में वास्तविकता बनाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचना को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया था।

हम लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के उद्देश्य से जनसंख्या के आधार पर विभिन्न मुद्दों से जुड़े लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने जैसे कार्य कर रहे हैं लिंग समानता, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी, आबादी नियंत्रण और मानव अधिकारों की आवश्यकता के साथ-साथ परिवार नियोजन के मूल्य आदि। असल में विश्व जनसंख्या दिवस को विश्व स्तर पर सामुदायिक संगठनों, व्यवसाय समूहों और व्यक्तियों द्वारा विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जैसे शैक्षणिक सूचना सत्र, संगोष्ठी चर्चा, निबंध प्रतियोगिता, चार्ट, नारे, उद्धरण, बैनर इत्यादि।

हालांकि इसे वैश्विक समुदाय द्वारा मनाया जाता है परन्तु यह सार्वजनिक अवकाश नहीं है। यह बेहद जरूरी है कि हर कोई परिवार नियोजन और आबादी नियंत्रण से संबंधित महत्व और मुद्दों से अवगत हो।

एक धर्मार्थ अस्पताल के सदस्य होने के नाते आज के युवाओं को रोकने और सशक्त बनाने की हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है और इस प्रकार हम विश्व जनसंख्या दिवस को विभिन्न उद्देश्यों के साथ मना सकते हैं। हम उन्हें लैंगिकता के बारे में विस्तृत ज्ञान और एक परिपक्व उम्र में शादी करने के महत्व को प्रदान करना चाहते हैं ताकि वे एक साथ अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और पूरा कर सकें। अवांछित या अनियोजित गर्भधारण से बचने के लिए हम युवाओं के अनुकूल, सूचनात्मक और उचित तरीकों को नियोजित करके युवाओं को भी शिक्षित करेंगे। हम लोगों को शिक्षित करना चाहते हैं ताकि हमारे समाज से लिंग के रूढ़िवाद भेदभाव को दूर किया जा सके।

यह भी महत्वपूर्ण है कि आज के युवा (विशेषकर महिला), अगर उनका छोटी उम्र में विवाह कर दिया जाए तो, को गर्भावस्था संबंधी बीमारियों और परेशानियों के बारे में पता हो। इस प्रकार हम ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षित करेंगे। हम उन्हें उन विभिन्न बीमारियों के बारे में भी शिक्षित करेंगे जो एचआईवी, एड्स आदि जैसे यौन संचरित हैं ताकि उन्हें और दूसरों को विभिन्न संक्रमणों से रोक दिया जा सके।

हम पूरे भारत में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग समानता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस प्रकार हम कुछ कड़े और प्रभावी कानूनों और नीतियों के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं जो कि लड़की के अधिकारों की रक्षा करती हैं। इसके अलावा लिंग और सामाजिक स्थिति के बावजूद प्रत्येक बच्चे को शिक्षा के लिए समान अवसर हासिल होने चाहिए।

इसलिए हमारे पास गांवों, दूरदराज के इलाकों आदि की यात्रा और लड़कियों के लिए मोबाइल स्कूल का आयोजन करने की ठोस योजनाएं हैं ताकि हम उन्हें शिक्षित कर सकें और उन्हें जनसंख्या नियंत्रण से अवगत करा सकें। हमारा उद्देश्य पारिवारिक नियोजन के रूप में मानवाधिकारों को दबाने और बच्चों की संख्या तय करने के लिए एक व्यक्तिगत पसंद नहीं है लेकिन हमारा उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सीमित संख्या में बच्चों के लाभ के बारे में जागरूक करना है ताकि माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकें और लड़कियों को भोजन, कपड़े, आश्रय और शिक्षा आदि जैसे जीवन शैली के बुनियादी मानक पर समझौता करने की आवश्यकता ना पड़े।

इस मंच के माध्यम से हम आपसे अपील करते हैं कि आप आगे आकर इस सामाजिक कार्य में हाथ बटाएँ और अपने देश को अधिक विकसित और आत्मनिर्भर बनाएं।

प्रिय आगंतुकों!

7वें विश्व जनसंख्या दिवस का जश्न मनाने के समारोह में आपका स्वागत है। जैसा कि आप जानते हैं हर साल हम समान उत्साह और नए विषय के साथ इस दिन का जश्न मनाते रहे हैं। 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस का जश्न मनाने के उद्देश्य से जनसंख्या संबंधी मुद्दों के महत्व और अत्यावश्यकता को उजागर करने के उद्देश्य से सिफारिश की थी।

जैसा कि आप सभी जानते हैं हर साल हमारा गैर सरकारी संगठन जनसंख्या के आधार पर एक विषय का चयन करता है और इसके बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करता है। तो इस साल का विषय लिंग समानता और लड़की की सुरक्षा से सम्बंधित है। हमारे एनजीओ की स्थापना के बाद से ही हम कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ लड़ रहे हैं। लड़कियां लड़कों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं और शायद इससे भी ज्यादा क्योंकि पूरी मानवता उनके अस्तित्व पर निर्भर करती है और वे हमारे समाज के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। पुरुषों की तुलना में कुछ साल पहले तक महिलाओं की संख्या में बड़ी कमी आई थी। दहेज के लिए हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार, निरक्षरता, लिंग आधारित भेदभाव आदि महिलाओं के खिलाफ अपराध दर में वृद्धि के कारण हमेशा महिलाओं को दबाया गया। लड़के-लड़की के अनुपात को बराबर करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोग लड़की को बचाना शुरू करें।

हम ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यात्रा करते हैं जहां महिलाएं दुर्भाग्य से हमारे समाज में मौजूद बुरी ताकतों का शिकार बनती हैं। महिला तस्करी, घरेलू हिंसा, मजबूरन वेश्यावृत्ति और स्त्री भेदभाव महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरे बन गए हैं। इसलिए हम उन महिलाओं को संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश करते हैं जो वंचित स्थितियों में रह रही हैं ताकि वे खुद को इन अमानवीय परिस्थितियों से मुक्त कर सकें। हम उन्हें सरकार द्वारा लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, उचित शिक्षा, महिला शिशुहत्या पर प्रतिबंध, अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम आदि द्वारा लागू विभिन्न कृत्यों के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी करते हैं ताकि उन्हें समाज में सुरक्षित रख सकें।

इस अज्ञानता के पीछे शिक्षा का अभाव मुख्य कारणों में से एक है। आज के समाज में लडकियाँ ऊँचे पद और प्रसिद्धि अर्जित कर रही है और अपने पुरुष समकक्षों के समान राष्ट्र को गौरान्वित कर रही हैं। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा पाने और आत्मनिर्भर होने का अधिकार है। जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन से माता-पिता को सही संख्या में बच्चों को जन्म देने की सीख मिलती है ताकि वे अपने बच्चों को सही शिक्षा दे पायें। यह भी महत्वपूर्ण है कि जो महिलाएं गर्भावस्था से बचना चाहती हैं वे प्रभावी और सुरक्षित गर्भनिरोधक उपायों का उपयोग करें।

हमने पूरे भारत में महिलाओं को शिक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां महिलाओं में जागरुकता और उत्साह की कमी है। कुछ महिलाएं इन मामलों को डर और झिझक के कारण चर्चा नहीं करना चाहती। हमारे पास ऐसे महिला सहयोगी हैं जो स्वेच्छा से ऐसे महिलाओं के विकास के लिए काम करते हैं। वे समूहों में यात्रा करते हैं, मोबाइल स्कूलों की स्थापना करते हैं, स्वास्थ्य केंद्र और सूचना केंद्र; क्विज़, बहस आदि को व्यवस्थित करते हैं जिससे महिलाओं को उनके घरों से बाहर आने और इस मिशन में भाग लेने का आग्रह किया जाता है।

हमारे गैर-सरकारी संगठन ने महिला विकास के लिए बहुत काम किया है और कई उद्योगपति और व्यापारिक व्यवसायी हैं जो हमारे समर्थन कर रहे हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वतंत्र बनाना है जिससे वे स्वयं अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं जैसे सही विवाह योग्य उम्र, प्रसव के अधिकार, शिक्षा अधिकार आदि।

हम युवा लोगों से अपील करते हैं कि विश्व जनसंख्या दिवस को बेहद सफल बनाने के लिए आगे आएं और इस मिशन में शामिल हों।

सुप्रभात विश्व जनसँख्या दिवस के इस अवसर पर आप सबको आने के लिए धन्यवाद। आज मैं विश्व जनसंख्या दिवस पर एक भाषण देने जा रहा हूं।

विश्व जनसंख्या 11 जुलाई को मनाया जाता है और आज इसे दुनिया भर में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना है। लोगों को परिवार के नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी के महत्व जैसे विभिन्न मुद्दों से अवगत होना चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक 2016 तक विश्व की आबादी 7 अरब तक पहुंच गई है जो वाकई विश्व के लिए एक गंभीर मुद्दा है।

ईश्वर की कृपा से हमें पृथ्वी पर कई संसाधनों का आशीर्वाद मिला है लेकिन क्या हम वास्तव में उन संसाधनों को बनाए रखने में सक्षम हैं या हम इस तरह के संसाधनों को संभाल सकते हैं। नहीं हम इतना सब कुछ नहीं कर सकते। अच्छे भविष्य के लिए हमें इस बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत है।

इस दिन का जश्न मनाने के उद्देश्य को भी स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से जोड़ा जाता है क्योंकि हर साल महिलाएं प्रजनन अवधि में प्रवेश कर रही हैं और प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना जरूरी है। लोगों को परिवार नियोजन, गर्भ निरोधकों और सुरक्षा उपायों के उपयोग के बारे में पता होना चाहिए जो सेक्स से संबंधित मुद्दों को रोक सकते हैं।

हाल के अध्ययन के अनुसार यह देखा गया था कि 15-19 आयु वर्ग के बीच के युवा यौन संबंध बनाने की ओर आकर्षित हो रहे हैं जिससे यौन संचारित बीमारियों का जन्म हो रहा है।

उपर्युक्त तथ्यों के बदले हर साल इस दिन का जश्न मनाने के द्वारा लोगों को एक स्वस्थ जीवन जीने और हमारे मानवाधिकारों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता लाने के लिए शुरू किया गया है।

प्यारे दोस्तों।

सुप्रभात और इतने जल्द हमारा निमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद!

यद्यपि आपको इस कारण के बारे में पता होना चाहिए कि हमने क्यों यहां सबको इकट्ठा किया है लेकिन उन सभी के लिए जो अभी भी यहाँ मौजूद होने के बारे में सोच रहे हैं मैं जल्दी ही इस मीटिंग के उद्देश्य को आपके साथ साझा करूँगा। असल में हमें इस साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किए गए विश्व जनसंख्या दिवस के जश्न के लिए स्थानीय एजेंसियों से एक पत्र प्राप्त हुआ है। यह दिन हर साल 11 जुलाई को लोगों के अधिकारों के प्रचार के लिए मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है और साथ ही उन्हें अपने परिवार की बेहतर तरीके से योजना बनाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है। यह लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचनाओं का समर्थन करता है ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और अपने परिवार के बारे में उचित निर्णय ले सकें।

हमारा संगठन पूरे शहर में उत्साहपूर्वक विश्व जनसंख्या दिवस का जश्न मनाने के लिए प्रसिद्ध है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय और साथ ही राज्य सरकार ने हमें अपने अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और पारिवारिक नियोजन के बारे बात करने के लिए हमारी प्रशंसा की है।

सौभाग्य से इस बार हमारे पास लोगों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों से अवगत कराने के अलावा व्यापक योजनाएं हैं। हम उन्हें उन कुछ बीमारियों के बारे में भी सूचित करेंगे जो आपके परिवार के गैर-नियोजन के कारण आक्रमण कर सकती हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में छोटी उम्र में लड़की का विवाह करना अभी भी प्रचलित है। लड़कियों की शादी करने के बाद से ही उनसे बच्चों को जन्म देने की उम्मीद की जाती है और अगर वे लड़की को जन्म देते हैं तो उनसे लड़के को जन्म देने की उम्मीद की जाती है। यह प्रयास उस समय तक चलता है जब तक वे एक लड़के को जन्म नहीं दे देती। दुर्भाग्य से हमारे देश में लिंग असमानता अभी भी एक प्रमुख मुद्दा है। लोगों को शायद ही कभी यह महसूस हो कि अगर एक नाबालिग़ लड़की गर्भवती हो गई तो उसे कई स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है और यह अंततः उसके अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है जिसे वह जन्म देने वाली है। कुपोषण ऐसी गर्भावस्था से उत्पन्न सबसे प्रमुख रोगों में से एक है।

भारत एक प्रगतिशील देश है और ऐसी बुरी आदतें भारत की सफलता के रास्ते में प्रमुख बाधाएं हैं। लोगों को यह समझना होगा कि लड़के और लड़की के बीच कोई अंतर नहीं है। लड़कियां एक परिवार को गौरवशाली महसूस करने में समान रूप से सक्षम हैं बशर्ते उन्हें निरंतर शिक्षा और समान परवरिश दी जाए तो। इस प्रकार विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य भी लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण की ओर है।

यह महत्वपूर्ण है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को गर्भावस्था से बचने के लिए प्रभावी और सुरक्षित परिवार नियोजन के तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। स्वस्थ जीवन को अपनाने में सही और पूर्ण जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है।

हम देश के विभिन्न भागों में विशेष रूप से गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और सूचना शिविर स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इस वर्ष हम हिंदू पौराणिक कथाओं और दुर्गा, काली, सरस्वती और अन्य देवी और देवताओं की महाकाव्य कथाओं पर आधारित नाटकों को आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं। गांव की लड़कियों को इन नाटकों में भाग लेने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हमारी भारतीय संस्कृति ने कभी भी लड़के और लड़की के बीच मतभेद नहीं किया, न ही उसने महिलाओं के अधिकारों को दबाया है। यही बात है जिसका हम लोगों को देश भर में व्यक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। वास्तव में भारत एक ऐसा देश है जहां देवी को श्रद्धेय माना जाता है और प्रार्थना की जाती है इसलिए छोटी लड़कियों को देवी दुर्गा का अवतार भी माना जाता है।

हमें उम्मीद है कि इस पहल का स्वागत हर किसी के द्वारा किया जाएगा। हमें स्थानीय प्राधिकरण ने धन रुपी मदद देने का भी वादा किया है। हालांकि हमारे पास सीमित समय है लेकिन मुझे यकीन है कि आपकी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से यह एक सफल आयोजन साबित होगा।

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विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण Speech on World Population Day in Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण Speech on World Population Day in Hindi

आज इस आर्टिकल में हमने विश्व जनसँख्या दिवस पर स्पीच प्रस्तुत किया है। आशा करते हैं आपको यह भाषण पसंद आएगा। आप इस स्पीच से चाहे तो स्कूल और कॉलेज के भाषण में मदद ले सकते हैं।

Table of Content

आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। आज हम सभी “विश्व जनसंख्या दिवस” को मनाने के लिए एकत्रित हुए है। हर साल 11 जुलाई का दिन “विश्व जनसंख्या दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

विश्व की बढ़ती जनसंख्या के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुवात संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालक परिषद ने 1989 में की थी। उस समय विश्व की आबादी लगभग 5 अरब थी। इस दिवस को मनाने का विचार डॉक्टर केसी जचारिया (Dr KC Zachariah) ने दिया था जब वो विश्व बैंक में काम कर रहे थे।

संयुक्त राष्ट्र की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में विश्व की आबादी 7.6 अरब है। 2030 तक विश्व की आबादी 8.6 मिलियन पहुँचने की उम्मीद है। प्रति वर्ष 83 मिलियन लोग जन्म ले रहे है। भारत और चीन की आबादी कमशः 125 और 132 करोड़ है जो विश्व जनसंख्या का 18% और 19% है। यदि विश्व की बढ़ती जनसंख्या को नही रोका गया तो सभी संसाधन खत्म हो जायेंगे और युद्ध के हालात बन जायेंगे।

विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य AIM OF WORLD POPULATION DAY

विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य इस प्रकार है-

  • आज बढती हुई आबादी से सब लोग परेशान है। 2018 के अनुसार विश्व की आबादी लगभग 7।6 अरब है। बढ़ती आबादी में अनेक समस्याएं पैदा हो रही है
  • स्वास्थ्य, प्रजनन, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, गर्भधारण समस्याएं, कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याएँ बढ़ रही है। इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण इन समस्याओं का हल निकालना है। पूरे विश्व में खराब स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से हजारो गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। विश्व में 800 महिलायें रोज बच्चे को जन्म देते हुए मर जाती है। पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं न होने की वजह से ऐसा होता है
  • इसके अलावा युवाओ के बीच सुरक्षित गर्भ निरोध के उपाय का प्रचार करना भी विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य है
  • कम उम्र और अधिक उम्र में शादी के प्रभाव को समझाना भी इसका लक्ष्य है
  • कन्या भ्रूण हत्या को रोकना
  • प्रजनन समबन्धी समस्याओं के समाधान को हर महिला तक पहुँचाना
  • लोगों को गर्भधारण संबंधी बीमारियों के बारे में शिक्षित करना। बार बार गर्भधारण से होने वालो खतरो के बारे में जागरूक करना
  • परिवार नियोजन की सेवाएं एवं सुविधाये सभी स्त्री-पुरुष तक पहुंचाना
  • लड़कियों को लड़को के बराबर महत्व देना
  • विश्व की बढ़ती जनसंख्या को रोकना
  • सभी लोगो का जीवन स्तर सुधारना
  • यौन रोगों के बारे में शिक्षित करना और यौन रोगों के बचाव के उपाय बताना
  • लड़कियों की शिक्षा के लिए समाज को जागरूक बनाना
  • वयस्क शिक्षा (यौन शिक्षा) के बारे में लोगो को जागरूक करना

कैसे मनाते है विश्व जनसंख्या दिवस HOW TO CELEBRATE WORLD POPULATION DAY

इस तरह विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है-

  • स्कूल, कॉलेजों में विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध, भाषण, व्याख्यान, लेखन, चित्रकला, सेमीनार, गोलमेज चर्चा, गीत, खेल प्रतियोगिता, कविता जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
  • हमारे प्रिंसिपल, टीचर्स हमे बढ़ती जनसंख्या से होने वाले खतरे के बारे में सावधान करते है।
  • विश्व जनसंख्या दिवस पर पोस्टर लगाये जाते है।
  • न्यूज चैनेल के द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस पर खबरों का प्रसारण और प्रेस कांफेरेंस किया जाता है
  • टीवी पर विश्व जनसंख्या और इससे जुडी बातो पर कार्यक्रम दिखाया जाता है। जनसंख्या से जुडी समस्याओं पर कार्यक्रम दिखाया जाता है।

विश्व जनसंख्या दिवस की थीम  THEMES OF WORLD POPULATION DAY

विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष अलग होता है-

  • 2012 का विश्व जनसंख्या दिवस- “जननीय स्वास्थ्य सेवा के लिये विश्वव्यापी पहुँच”
  • 2013 का विश्व जनसंख्या दिवस- “किशोरावस्था में गर्भावस्था पर ध्यान”
  • 2014 का विश्व जनसंख्या दिवस- “जनसंख्या प्रचलन और संबंधित मुद्दे पर चिंता के लिये एक समय और युवा लोगों में निवेश करना”
  • 2015 का विश्व जनसंख्या दिवस- “आपातकाल में अतिसंवेदनशील जनसंख्या”
  • 2016 का विश्व जनसंख्या दिवस- “किशोर लड़कियों में निवेश’
  • 2017 का विश्व जनसंख्या दिवस- “परिवार नियोजन: जन सशक्तिकरण और राष्ट्र विकास”
  • 2018 का विश्व जनसंख्या दिवस- “परिवार नियोजन हमारा मानवाधिकार है”

बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए बड़ी चुनौती  GROWING POPULATION IS A CHALLENGE FOR INDIA

आज भारत जनसंख्या विस्फोट की समस्या से जूझ रहा है। 2011 के अनुसार भारत की आबादी 125 करोड़ से अधिक हो गयी है। आज देश में रोजगार, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, कुपोषण, घर, गरीबी जैसी अनेक समस्यायें पैदा हो रही है। आंकड़ों के अनुसार भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं।

ये आकड़े सिर्फ अस्पतालों के है क्यूंकि अनेक बच्चे घर पर ही जन्म लेते है। विशेषज्ञों का कहना है की यदि भारत ने अपनी आबादी पर कोई रोक नही लगाई तो यह 2030 तक चीन की 132 करोड़ की आबादी को पार करके विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जायेगा।

देश के शहरों का हाल बढ़ती जनसंख्या के कारण बहुत खराब हो रहा है। आये दिन सड़को पर जाम लगा रहता है। यातायात के साधन- बस, ट्रेन, टैम्पो पूरे नही पड़ रहे है। शहरों में अधिक आबादी की वजह से प्रदुषण बहुत हो रहा है। बेरोजगारी की वजह से अपराध बहुत बढ़ गया है। आये दिन लूटमार, चोरी, हत्या जैसी घटनाये शहरों में सुनने को मिलती है।

आज इतनी बेरोजगारी है की कोई सरकारी नौकरी निकलने पर लाखो की संख्या में लोग आवेदन करते है। पेयजल का संकट गहरा गया है। दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में पानी बहुत सीमित मात्रा में रह गया है। पानी की बहुत किल्लत हो गयी है।

नदियाँ प्रदूषित हो चुकी है। बढ़ती आबादी की वजह से आज गरीब वर्ग मलिन बस्तियों में रहने को मजबूर है। बढ़ती आबादी की वजह से रोटी कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, ईधन जैसी बुनियादी जरुरतो को पूरा करना मुश्किल हो रहा है।

भारत में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए 1950 में परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया था। पर यह कार्यक्रम असफल रहा। जबकि चीन ने 1979 में एक बच्चा नीति लागू कर दी। इससे वहां पर जनसंख्या रोकने में बहुत मदद मिली।

भारत में बढ़ती आबादी के कारण  CAUSES OF GROWING POPULATION IN INDIA

आज देश में बढ़ती आबादी के अनेक कारण है। गरीबी, अशिक्षा, परिवार नियोजन कार्यक्रम का आभाव, गर्भ निरोध संसाधनो की कमी, कम मृत्यु दर एवं उच्च जन्म दर, वयस्क शिक्षा (यौन शिक्षा) की कमी, लड़के की चाह- इन सभी कारणों की वजह से आज भारत की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है। हम सभी का कर्तव्य है की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करे।

यदि पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति खुद का परिवार नियोजन कर ले तो पूरा विश्व ही नियोजित हो जायेगा। “विश्व जनसंख्या दिवस” के दिन को हम सभी लोगो को गम्भीरता पूर्वक मनाना चाहिये। इसी कथन के लिए मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ।

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विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण निबंध 2024 | Speech On World Population Day In Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण 2024 निबंध Essay Speech On World Population Day In Hindi : नमस्कार साथियों स्कूल स्टूडेंट्स के लिए यहाँ सरल भाषा में जनसंख्या दिवस 2024 का भाषण स्पीच दिया गया हैं.

11 जुलाई को हर साल वर्ल्ड पोपुलेशन डे दुनियाभर में मनाया जाता हैं. भारत में भी इस दिन कई शिक्षण संस्थानों विद्यालयों महाविद्यालयों में निबंध, भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता हैं.

Speech On World Population Day In Hindi 2024

In this article, we are providing information about World Population Day In Hindi. विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, Speech On World Population Day In Hindi Language अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या डे Vishwa Jansankhya Diwas Par Bhashan.

11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस 2024 पर भाषण

सम्मानित मंच मुख्य अतिथि महोदय और समस्त विद्वान् गुरुजनों आज के दिन पोपुलेशन डे के रूप में मुझे बोलने के लिए अवसर दिया गया इसके लिए सभी का धन्यवाद्, आज मैं आपके समस्त तीव्र गति से बढ़ रही जनसंख्या पर अपने उद्गार प्रकट करना चाहता हूँ.

किसी समय देश के मानव संसाधन को उसके मजबूत पक्ष माना जाता था. जहाँ लोग अधिक संख्या में  होते  वहां  प्रगति  का पहिया भी उतनी ही तेज गति से चलता था.   

मगर     अब स्थितियां बदल चुकी हैं. मानव के हाथ मशीनों ने काट दिए है पहले जहाँ 20 लोग काम करते थे अब बस दो लोगों से ही काम चल रहा हैं. 

बेरोजगारी, भुखमरी, कालाबाजारी, मूल्य वृद्धि, हिंसा जैसी विकराल समस्याओं की जड़ तेजी से हो रही जनसंख्या वृद्धि ही हैं. आज दुनियां के सभी देश जनसंख्या की अनियंत्रित वृद्धि के विषय में चिंतित हैं.

दूसरी तरफ हम है जो बिना भविष्य चिंतन के हर साल एक नया ऑस्ट्रेलिया भारत में ही बना देते हैं. जिस तरह पिछले दो दशकों से भारत की जनसंख्या बढ़ी है उतनी वृद्धि दर किसी देश की नहीं रही हैं.

आज हम 135 करोड़ हो चुके है हमसे आगे सिर्फ चीन ही हैं जिसकी कुल जनसंख्या हमसे मात्र १० करोड़ ही अधिक है. वक्त रहते हम न जगे तो अगली जनसंख्या के आकड़ों में भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा.

यदि हम पिछले दशक के दोनों देशों की जनसंख्या वृद्धि दर के आकंडे देखे तो जान पाएगे कि हमारी और चीन की नीतियों में कितना अंतर है कौन कितना प्रभावी हैं.

भारत की विगत दशकीय वृद्धि दर 18 प्रतिशत के आस-पास थी, जबकि चीन की मात्र 4 प्रतिशत ही थी. आज भी चीन निरंतर इस वृद्धि को और कम करने की कोशिश में हैं.

फिर हम कहाँ है और क्या कर रहे हैं. भारत में परिवार नियोजन का कार्यक्रम इसलिए निष्फल हो रहा है क्योंकि इसे सरकार चला रही हैं,

सरकार के भरोसे चलने वाले अभियानों से ये अपेक्षा करना कि वे रातो रात परिणाम दे देगे बेमानी ही होगी.किसी देश की जनसंख्या पर नियंत्रण वहां के नागरिकों में जागरूकता के जरिये ही लाई जा सकती हैं. सरकार द्वारा नौकरी और लाभ का लालच देकर दो बच्चों की नीति भी असरदार साबित नहीं हैं.

इस तरह की नीतियाँ पुरे समाज पर लागू न होने के कारण भी प्रभावी नहीं हो सकी हैं. सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द जनसंख्या नीति लाए तथा इसमें इतने कठोर व्यवस्था की जाए जिससे निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने वाले परिवारों को मतदान सभी प्रकार के अधिकारों से भी वंचित किया जाए.

वर्षों से हम World Population Day   को  11 जुलाई को मनाते आ रहे हैं. इस दिन अच्छे अच्छे Speech   और essay  की प्रस्तुती होती हैं. जनसंख्या रोकने के विषय पर टीवी पर भी खूब चर्चाए होती हैं मगर अगले दिन हम सामान्य हो जाते हैं.

वक्त आ चुका है हम औपचारिकताओं का त्याग कर, देश के जिम्मेदारी इस दिशा में पहल करे तथा लोगों को भी जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए प्रेरित करे.

हमारे देश में कई दशकों से हम दो हमारे दो परिवार नियोजन का नारा प्रचलित हैं, मगर क्या आज तक हम इसे अमल में ले आए हैं. सच्चाई की धरातल पर देखे तो पायेगे हमारे शहरी क्षेत्र में फैमिली प्लानिंग के विषय में कुछ जागरूकता है मगर आज भी गाँवों तथा आदिवासी क्षेत्रो में सन्तान को इश्वर का वरदान मानकर संख्या को अधिक तवज्जु नहीं दी जाती हैं.

जनसंख्या के भयानक दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं.इसे समझने के लिए यूपी, बिहार जैसे राज्यों के खेतों में निकलिए, आप पाएगे कि खेत प्लाट बनते जा रहे हैं.

लोगों के घरों की बसावट इतनी तेजी से बढ़ रही है कि जिन्हें हम अन्न उगाने वाले खेत खलिहान कहते आए है अब वे जल्द ही नगरीय रूप लेने जा रहे हैं,

घर बनाने के लिए वनों की कटाई हो रही हैं. ऐसे में जब लोगों के लिए बसने की जगह नहीं रहेगी  अन्न कहां उगायेगे जो हमारी उर की आग को मिटा सकेगा.हमारे लिए जनसंख्या आने वाले समय में सबसे बड़ा संकट साबित होगा यदिहम समय रहते नही जगे तो स्थितियां बेहद विकट हो जाएगी.

सारे संसाधन खत्म होने के बाद मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा. विश्व जनसंख्या दिवस के मेरे Speech की मूल बात यही है कि हम जनसंख्या के विषय पर गम्भीरता से सोचे तथा सम्भावित उपायों पर अमल करे तो हम भविष्य में आने वाले सम्भावित खतरे को मिटा सकते हैं. जय हिन्द जय भारत.

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई निबंध | Essay On World Population Day 2024 In Hindi

बढती आबादी जिसे जनसंख्या विस्फोट का नाम दिया जाता हैं. यह भारत और सम्पूर्ण विश्व समुदाय के लिए आने वाली सबसे विकट समस्याओ में से एक हैं. जब हम ये विश्व जनसंख्या दिवस 2024  मना रहे हैं.

हमारे भारत देश की आबादी 1.4 अरब के पार जा चुकी हैं, 2011 की जनगणना यानि आज से 7 वर्ष पूर्व हम 121 करोड़ ही थे. हमने इस जनसंख्या बढ़ोतरी की स्पीड को कम नही किया तो 2025 तक हम सुपर पॉवर बनेगे या नही. पर विश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश अवश्य बन जाएगे.

सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रजनन दर में कमी करने के प्रयासों को हमे आगे बढ़कर समर्थन करना चाहिए. नही तो वो दिन दूर नही जब एक रोटी के लिए पांच इंसान लड़ेगे.

मानव बिरादरी के स्वर्णिम भविष्य की खातिर हमे आत्मसंयम से बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी. 

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विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता हैं. (World population day is celebrated.)

संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा द्वारा अनियंत्रित बढ़ती जनसंख्या को रोकने और जनजागरूकता के उदेश्य से प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व विश्व जनसंख्या दिवस  मनाने काक निर्णय लिया गया. वर्ष 1989 से प्रतिवर्ष इसे दुनियाभर के देशो में एक नई थीम के साथ मनाया जाता हैं.

जनसंख्या बढ़ोतरी के कुछ आकड़ो पर जरा नजर डाले तो हम अच्छी तरह समझ सकते हैं. यह किस गति से आगे बढ़ रही हैं. 11व़ी सदी यानि तक़रीबन 900-1000 वर्ष पहले विश्व की कुल आबादी 40 करोड़ के आस-पास थी.

इसके आठ सौ साल बाद विश्व की पहली जनगणना जो 1808 में हुई तब यह बढ़कर 1 अरब हो गयी. अगले 55 वर्ष में यह आबादी तीन गुना बढ़ गयी.

जो वर्ष 2000 तक 6 अरब से अधिक हो गईं. जिसमे एक अरब तो हम भारतीय ही थे. यदि हम विश्व की कुल प्रजनन दर पर नजर डाले तो आकड़े कुछ और ही कहते हैं.

एक शोध के मुताबिक एक मिनट में 250 बच्चे जन्म लेते हैं. एक मिनट में मृत्यु दर 110 के आस-पास हैं. यानि एक सेकन्ड्स में 4 बच्चे जन्म लेते हैं और इससे आधे लोगों की मौत होती हैं.

यदि इसी महीने के नवीनतम आकड़ो पर नजर डाले तो आज के दिन विश्व की कुल जनसंख्या 8 अरब हैं, वही  bharat ki jansankya विश्व की कुल आबादी का 6व़ा हिस्सा हैं. अनुमानित जनसंख्या 1 अरब 35 करोड़ ( 11 जुलाई 2017 के अनुसार)

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 थीम (World Population Day 2024 Theme)

इस वर्ष के जनसंख्या दिवस पर एक नई थीम तैयार की गयी हैं. इस बार की थीम का विषय परिवार नियोजन,लोगों का विकास,राष्ट्र की प्रगति के विषय पर बनाया गया हैं.

इस संदेश के साथ ही विश्वभर में आयोजित कार्यक्रमों से आमजन तक जनसंख्या बढ़ोतरी पर लगाम कसने इससे पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में संदेश प्रसारित किये गये हैं.

भारत के विभिन्न शहरों और शिक्षण संस्थानों में जनसंख्या दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. परिवार नियोजन के उद्देश्य से लन्दन में विश्व स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं, जिसमे विश्व के सभी देशो के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

विश्व जनसंख्या दिवस के उद्देश्य (Objectives of World Population Day)

हर वर्ष बढती हुई जनसंख्या के अनुरूप प्राक्रतिक संसाधनो में बढ़ोतरी नही हो रही हैं. यदि इसी गति से हमारी आबादी बढती रही तो एक दिन रहने के लिए जमीन, पीने के लिए पानी और ईधन व रोजगार की बहुत विकराल समस्या पैदा हो सकती हैं. इसलिए हम सभी का दायित्व हैं,

कि बेहतर परिवार नियोजन योजना को अपनाए.सरकार द्वारा प्रतिवर्ष जनसंख्या निति और परिवार नियोजन एव परिवार कल्याण के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं. हमे इन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

बढती जन्म-दर के कारणों में कम उम्र में विवाह, और निम्न वर्ग की गरीबी के कारण वो इस आने वाली समस्या से परिचित नही हैं. इसके अतिरिक्त कम से भारत के अधिकतर मुस्लिम भाइयो को विचार करना चाहिए.

क्युकि हमेशा इस सम्प्रदाय के लोगों को ही जनसंख्या विस्फोट का कारण समझा जाता हैं. इनकी प्रतिस्पर्धा में अन्य समुदाय भी जनसंख्या बढाते हैं. एक सुनहरे भारत के भविष्य के लिए हम सभी को आगे आकर इस दिशा में पहल करनी होगी.

विश्व जनसंख्या दिवस तथ्य (World Population Day Fact In Hindi)

  • आज की तारीख में विश्व की कुल आबादी 8 अरब हैं.
  • भारत में 30 वर्ष से कम युवाओं की संख्या 43 करोड़ हैं.
  • चीन में युवाओं की आबादी 22 फीसदी हैं, जो भारत से 10 फीसदी कम हैं.
  • इस गति से जनसंख्या बढ़ी तो वर्ष 2100 तक दुनिया की आबादी 12 अरब हो जाएगी.
  • विश्व की आधी से अधिक 52 फीसदी आबादी 30 वर्ष से कम की हैं.
  • फेसबुक के 130 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जो हर सप्ताह लॉग इन करते हैं.
  • यदि फेसबुक को एक नेशन मान लिया जाए तो चीन और भारत के बाद तीसरे नंबर पर आता.
  • एक अनुमान के मुताबिक जनसंख्या संबंधी नीतियों के कारण 2050 के बाद आबादी में स्थरता आ सकती हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस नारे (World population day slogan)

हमारी धरती आबादी से अधिक है, जनसंख्या को नियंत्रित करने और पृथ्वी को बचाने के लिए खतरे में है
पृथ्वी ही एकमात्र ज्ञात ग्रह है, यह विशाल हो।
जन्म नियंत्रण बढ़ती आबादी पर नियंत्रण पाने के लिए आशीष है।
पृथ्वी हमारा घर है; इसे स्वच्छ, खुश और कम भीड़ में रखें
गरीबी, जनसंख्या और विकास के बारे में सोचने के लिए अभियान में शामिल हों
बेहतर भविष्य के लिए धरती पर भीड़ को कम करें
बिग परिवार बड़ी समस्याएं भी लाता है
अपने परिवार की योजना बनाएं और ग्रह की रक्षा करें
आबादी को नियंत्रित करके धरती का बोझ कम करें।
हमेशा के लिए प्रकृति का आनंद लेने के लिए आबादी को नियंत्रित करें
बढ़ती आबादी पृथ्वी के पर्यावरण के लिए विषाक्त है
अधिक जनसंख्या कम जगह और कम भोजन का कारण है।
जन्म नियंत्रण जनसंख्या नियंत्रण का एकमात्र उपाय है।
जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं के जीवन को बचाने

# World Population Day Speech In Hindi

  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि समस्या और समाधान पर निबंध

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सोचदुनिया

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण

Speech on World Population Day in Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण : Speech on World Population Day in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण : Speech on World Population Day in Hindi

आज विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर हमारें अस्पतालों द्वारा इस उपलक्ष पर एक आयोजन किया गया है। जिसके माध्यम से आज हम आप सभी को इसके लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे है।

प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई के दिन पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। जब 11 जुलाई 1987 के दिन सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या 5 बिलियन से भी ऊपर हो गयी थी।

इसलिए इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 11 जुलाई 1989 से इस दिन को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मूल रूप से परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

इसका मुख्य उद्देश्य है कि सम्पूर्ण विश्व में जनसंख्या सम्बंधित समस्याओं पर सभी का ध्यान खींचना है। आज विश्व की आबादी 7 अरब पार हो गयी है। आज जनसंख्या पूरे विश्व के लिए एक बहुत ही बड़ी समस्या बन गई है।

इसके बहुत से नुकसान है। जैसे कि जनसंख्या बढ़ने से एक देश का विकास कम होता है। सभी को मूलभूत सुविधाएँ भी नहीं मिल पाती है। आज के समय में बीमारियाँ बहुत तेज़ी से बढ़ रही है और सभी को चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएँ नहीं मिल पाती है।

जनसंख्या वृद्धि से भोजन सम्बन्धी समस्या भी बढ़ती जा रही है। जिसकी आपूर्ति करने के लिए आज हम कृत्रिम व रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे है। जिससे स्वास्थ्य के साथ-साथ भूमि का उपजाऊपन भी खत्म हो रहा है।

जिससे भूमि बंजर हो रही है। एक देश की जनसंख्या ज्यादा होती है तो उसके प्राकृतिक संसाधन भी जल्द ही नष्ट हो जाते है। जनसंख्या वृद्धि से प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है।

जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण शिक्षा का आभाव, कम उम्र में बच्चों की शादी, चिकित्सा में लगातार विकास, जन्म दर में वृद्धि और मृत्यु दर में कमी है। इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है:- सभी को इसके लिए शिक्षित करना।

यह बहुत जरुरी है कि सभी परिवार नियोजन व जनसंख्या नियंत्रण के महत्व को समझे। विश्व स्तर पर सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा कईं कदम उठाए जा रहे है। भारत में भी यह समस्या बहुत बड़ी है।

भारत आज जनसंख्या के मामले में पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर है। शायद थोड़े ही समय के बाद चीन को पीछे छोड़कर भारत नंबर एक पर आ जाए। भारत की सरकार परिवार नियोजन व जनसंख्या रोकने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रही है।

भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए कईं योजनाएं चलाई जा रही है। विद्यालयों व अस्पतालों में कईं टीमों को भेजकर सभी को शिक्षित किया जा रहा है। गाँव के कस्बों में भी सभी को जागरूक किया जा रहा है।

आज टेलीविज़न, रेडियो व सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अभियान चलाए जा रहे है। आज के समय में परिवार नियोजन, गर्भ-निरोधक व सुरक्षा के उपायों को समझाना जरुरी हो गया है।

आज युवाओं को इसके प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। ईश्वर की कृपा से हमें काफ़ी सुंदर पृथ्वी प्राप्त हुई है। इसमें सभी प्रकार की सुविधाएं व संसाधन प्रचुर मात्रा में मौजूद है।

ये सभी संसाधन लम्बे समय तक मौजूद रहे, इसके लिए हमें जनसंख्या वृद्धि को रोकना होगा। यदि नहीं रोका गया तो जिस प्रकार एक गिलास में पानी ज्यादा होने पर वह बाहर छलक जाता है।

उसी प्रकार यदि जनसंख्या ज्यादा हो गई तो उसके दुष्परिणाम बहुत ही खतरनाक हो सकते है। इस दिन के माध्यम से सभी का ध्यान इस समस्या पर केन्द्रित है। ताकि सभी इसके लिए जागरूक हो। अंत में मै एक कथन के साथ अपने भाषण को समाप्त करना चाहता हूँ।

जनसँख्या नियंत्रण पर कठोर क़ानून बनाइयें, देश के विकास को तेजी से आगे बढाइये!

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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सरकारी योजनाएं हिंदी में

विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध 2023 | World Population Day, Speech, Slogans, Theme in Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस : World Population Day हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन विश्व में बढ़ती जनसंख्या और उससे होने वाले प्रभावों को लेकर चर्चा करने से लेकर अनेक प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता है। आज ही के दिन जनसंख्या से जुडी विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता लाने के लिए World Population Day को मनाया जाता है। जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत सन 1987 में हुई थी। इस वर्ष यानी की वर्ष 2023 में 31वां विश्व जनसंख्या दिवस को आयोजित किया जाएगा। आज हम इस लेख के माध्यम से World Population Day 202 3 के बारे में बात करेंगे।

दुनिया की जनसंख्या कितनी है 2023 World Population in Hindi

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विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध

World Population Day के जरिये विश्व में बढ़ रही जनसंख्या के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास जारी है। जनसंख्या विस्फोट आज के समय में बहुत विकट समस्या है जब पूरे विश्व में जन संख्या को नियंत्रित करने के लिए कवायद शुरू है। बात करें अपने देश की तो ये समस्या हमारे लिए और भी गंभीर है। जिस प्रकार से हमारे देश में जनसंख्या बढ़ रही है, उस के हिसाब से तो जल्द ही हम सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएंगे। बताते चलें कि वर्तमान में हमसे आगे सिर्फ चीन देश है। लेकिन अगर हमने जल्द ही इस बारे में गहन चिंतन के साथ जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाये तो हम देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश की सूची में सबसे आगे आ जाएंगे।

जनसंख्या विस्फोट क्या होता है ?

जनसंख्या का अर्थ हम ऐसे समझ सकते हैं – किसी निश्चित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को ही जनसंख्या कहते हैं। यदि उसी क्षेत्र में जरुरत से अधिक लोग रहने लगे या उनकी जनसंख्या बहुत अधिक बढ़ जाए, तो उसे हम जनसंख्या विस्फोट कह सकते हैं। जनसंख्या विस्फोट को समझने के लिए आप को सिर्फ किसी क्षेत्र में इस बात पर ध्यान देना होगा कि वहां के नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कहीं अधिक परेशान तो नहीं होना पड़ रहा। या वहां के युवाओं और लोगों में बेरोजगारी का सामना तो नहीं करना पड़ रहा, आदि ऐसे कई समस्याएं हैं, जिनसे आप ये समझ सकते हैं कि उस क्षेत्र में जनसंख्या जरुरत से ज्यादा है।

जनसंख्या विस्फोट का असर ये होता है कि उस क्षेत्र के लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाओं और आवश्यकताओं के लिए सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके साथ ही बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, निरक्षरता, लैंगिक असमानता और कम सुविधाएं आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं।

भारत की जनसंख्या कितनी है? Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai

क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस ?

World Population Day को मनाने के पीछे वजह (Objectives of World Population Day) ये है कि दुनिया में सभी देशों में खासकर उन देशों में जहाँ जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, उन्हें जनसंख्या विस्फोट से होने वाली अनेकों परेशानियों के बारे में सजग करना है । बढ़ती जनसंख्या से विश्व जिस विकट स्थिति की ओर बढ़ रही है, उस बारे में सभी देशों को सचेत करने के उद्देश्य से ही इसकी शुरुआत की गयी थी। आज से कुछ वर्ष पूर्व सन 1987 में विश्व की जनसंख्या तकरीबन 5 अरब (11 जुलाई,1987) हुई थी , उस दिन की स्वीकृति के तौर पर 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बात करें वर्तमान समय की तो इस वक्त पूरे विश्व में लगभग 7.9 बिलियन / अरब से भी अधिक लोग हैं, जो कि बहुत ही जल्द 8 बिलियन पर आने वाले हैं। जिनमे से सबसे अधिक जनसंख्या चीन और भारत में है। इन देशों में लगातार बढ़ रही जनसंख्या और उनसे संबंधित मुद्दे जैसे कि – परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और पर्यावरणीय प्रभावों, मानवाधिकारों की चिंताओं आदि से जुड़े विभिन्न मुद्दों से संबंधित तथ्यों और जानकारियों पर इस दिन (विश्व जनसंख्या दिवस) ध्यान आकर्षित किया जाता है। साथ ही इसे नियंत्रित करने के लिए उपायों और तरीकों पर मंथन किया जाता है।

कैसे मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day)

विश्व जनसंख्या दिवस के दिन विश्व भर में अनेकों इवेंट (World Population Day   Events) कराये जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भाषण प्रतियोगिता, सेमिनार, वाद-विवाद प्रतियोगिता, सम्बन्धित विभिन्न कार्यशालाएं आदि उनके प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण

हमारे देश में लगातार बढ़ती जनसंख्या के चलते बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके पीछे देश की जरुरत से ज्यादा आबादी है। इस से देश का विकास भी बाधित हो रहा है। सरकार के जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए नागरिकों को प्रेरित करने के प्रयास भी बहुत ज्यादा सफल होते नहीं दिख रहे। और आये दिन जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। इसके पीछे देश में अन्धविश्वास और साक्षरता की कमी को जिम्मेदार मान सकते हैं । हम देश में ये मानने वाली सोच को जिम्मेदार मान सकते हैं जो कहती है कि –

  • जितने ज्यादा बच्चे होंगे उतने ही ज्यादा कमाने वाले होंगे।
  • बच्चे ईश्वर की देन हैं।
  • बेटा घर का कुलदीपक है और इसी सोच के लिए बेटे की चाह में जन्म देते रहना।

इनके अतिरक्त भी बहुत से कारण हैं जैसे की-

  • कम उम्र में शादी करवा देना।
  • परिवार नियोजन जैसे वीसहयों पर जागरूकता की कमी
  • असाक्षर होना
  • किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की कमी।

जो लोग आज भी ऐसी सोच रखते हैं उन्हें ये समझना होगा कि सिर्फ घर में बहुत ज्यादा सदस्य होने से ही घर में इनकम नहीं बढ़ेगी। बल्कि इससे सभी के लिए भरण पोषण हेतु भी समस्या उत्पन्न हो जाएगी । जनसँख्या के अनुसार हर किसी के लिए संसाधन जुटाना भी उतना ही मुश्किल है। क्यूंकि देश में उपलब्ध संसाधनों का इतनी मात्रा में होना जरुरी भी नहीं है। ऐसे में एक समय के बाद सभी के लिए इन संसाधनों में कमी होने लगेगी। इसलिये पहले ही जागरूक होना बेहतर है।

यह भी पढ़े :- दुनिया के 10 सबसे बड़े शहर जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से

जनसंख्या विस्फोट से होने वाले नुकसान

विश्व में दिन प्रतिदिन बढ़ रही जनसंख्या में सबसे पहला नाम एशिया के देश चीन का है और फिर दूसरे नंबर पर हमारा देश भारत आता है। विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट एक गहन चिंतन का विषय है। जनसंख्या में लगातार होने वाली बढ़ोतरी विकासशील देशों के विकास में घातक सिद्ध हो सकती है। आइये समझते हैं कैसे ?

  • देश में अधिक जनसंख्या होने से संसाधन और सुविधाओं में कमी आ सकती है।
  • बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ेगी , हर किसी को उनकी योग्यतानुसार रोजगार मिलना मुश्किल हो जाता है। जैसे की वर्तमान में देख सकते हैं।
  • आज विश्व में रोजाना सैकड़ों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं और भोजन न मिलने से मृत्यु के ग्रास बन रहे हैं।
  • वर्तमान में बढ़ती महंगाई भी जनसंख्या विस्फोट का ही एक परिणाम है। क्यूंकि संसाधनों की कमी हो रही है और इसे पाने के लिए सभी को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
  • कई संसाधनों में जैसे कि खाद्य पदार्थों में मिलावट होना , और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कई चीजों की कमी होना भी बढ़ती जनसंख्या का ही असर है।
  • देश में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर में आयी गिरावट भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ी हुई जनसंख्या का ही असर है , जिसे अब सरकार बेहतर बनाने के लिए हर प्रयास कर रही है।
  • पर्यावरण पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव दिख रहा है। ग्लोबल वार्मिंग , असमय मौसम , प्राकृतिक आपदाएं आदि इसक प्रमाण हैं।
  • पीने का पानी , हवा और भूमि आदि प्रदूषित हो चुके हैं। ये सब जनसंख्या विस्फोट का असर है।

कैसे नियंत्रित कर सकते हैं जनसंख्या ?

बढ़ती जनसंख्या से हुए नुकसान को अब नियंत्रित करने का बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। यदि अभी भी लोग जागरूक नहीं हुए तो उन्हें जल्द ही इसका बहुत बड़ा खामियाजा चुकाना पड़ सकता है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सभी को ये समझना होगा कि ये काम सरकार का नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति का है जो इस देश में रह रहा है। सभी के प्रयासों और समझदारी से ही हम जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न होने वाली समस्या से निजात पा सकेंगे।

  • देश में परिवार नियोजन से सम्बंधित विषयों पर लोगों में जागरूकता बढ़ाना।
  • बालिकाओ को भी शिक्षित करना।
  • कम उम्र में शादी से होने वाले स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता लाना।
  • जनसंख्या विस्फोट से होने वाली समस्याओं और उनका प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति उन्हें सचेत करना और साथ ही उन्हें समझाना कि कैसे वो अपने स्तर पर इसमें भाग ले सकते हैं और अपने लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं।
  • बाल विवाह और कम उम्र में गर्भधारण से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करके भी इससे निजात पायी जा सकती है।
  • विश्व जनसंख्या दिवस के जरिये देश भर में जागरूकता फैलाई जा सकती है। इस दिन सभी लोगों को संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए।

विश्व जनसंख्या दिवस की थीम (Theme For World Population Day )

हर साल यूनाइटेड नेशन विश्व जनसंख्या दिवस के लिए एक थीम (Theme For World Population Day ) का निर्धारण करता है। इसी थीम के आधार पर विश्व भर में विश्व जनसंख्या दिवस पर अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य आज के दिन का उपयोग करते हुए सभी लोगों का ध्यान बढ़ती जनसंख्या से होने वाले नुकसानों और इसके बुरे प्रभावों के बारे में चर्चा करना है। इसके साथ ही अन्य संबंधित मुद्दों पर भी विचार विमर्श करना और लोगों का ध्यान इस ओर खींचना है। प्रत्येक वर्ष की तरह ही इस बार भी यूनाइटेड नेशन द्वारा एक थीम दी गयी है। आगे हम अभी तक के पिछले कुछ वर्षों में मिले थीम के बारे में बताने जा रहे हैं –

  • वर्ष 2022 के विश्व जनसंख्या दिवस हेतु थीम : “8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना” (A world of 8 billion: Towards a resilient future for all – Harnessing opportunities and ensuring rights and choices for all)
  • वर्ष 2021 के लिए : अधिकार और विकल्प जवाब हैं: चाहे बेबी बूम या बस्ट, प्रजनन दर को स्थानांतरित करने का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देने में निहित है। Rights and choices are the answer: Whether baby boom or bust, the solution to shifting fertility rates lies in prioritizing the reproductive health and rights of all people .
  • वर्ष 2020 के लिए : महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए और कोविड-19 पर ब्रेक लगाया जाए।( how to safeguard the health and rights of women and girls now and putting the brakes on COVID-19)

विश्व जनसंख्या दिवस के स्लोगन

पृथ्वी पर बढ़ती आबादी का बोझ ना डालो, इसके परिणामों से बच जाओगे यह वहम ना पालो।

जनसंख्या विस्फोट से विनाश आएगा, और सबकुछ अपने साथ ले जाएगा।

विश्व को बढ़ती आबादी की समस्या के प्रति जगाना है, दुनिया भर में तरक्की का यह संदेश फैलाना है।

बढ़ती आबादी एक दिन बनेगी बर्बादी का कारण, जनसंख्या नियंत्रण करके करो इसका निवारण।

बच्चों को ईश्वर का उपहार ना बताओ, आबादी को बढ़ाकर प्रकृति का उपहास ना उड़ाओ।

यदि हमने जनसंख्या नियंत्रण का उपाय नही किया, तो पृथ्वी पर जीवन का विनाश होने से कोई नही रोक पायेगा।

जब जनसँख्या पर लगाम होगा, तभी तो पुरे विश्व में भारत का नाम होगा।

सरकार द्वारा देश में जनसंख्या कम करने के लिए नागरिकों में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत से प्रयास किये जाते हैं लेकिन वो किस हद तक सफल होते हैं ये नागरिकों पर निर्भर करता है। ये मुद्दा सिर्फ सरकार के लिए सोचने के लिए नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक को अपने स्तर पर चिंतन करने का है। जब सभी लोग इस बारे में जागरूक हो जाएंगे तब बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना बहुत आसान हो जाएगा।

यह भी पढ़े :- भारत में हिन्दुओं की जनसँख्या कितनी है |

विश्व जनसंख्या दिवस से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

विश्व में पहली बार जनसँख्या दिवस 11 जुलाई 1987 में मनाया गया था।

सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला देश भारत है।

विश्व जनसँख्या दिवस 2023 की थीम अभी ज्ञात नहीं है।

जब किसी क्षेत्र में जरुरत से अधिक लोग रहने लगे या उनकी जनसंख्या बहुत अधिक बढ़ जाए, तो उसे हम जनसंख्या विस्फोट कह सकते हैं।

जनसँख्या को कैसे नियंत्रित करने के लिए देश में परिवार नियोजन से सम्बंधित विषयों पर लोगों में जागरूकता बढ़ानी होगी।

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दा इंडियन वायर

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण

speech on world population day in hindi

By विकास सिंह

world population day speech in hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह मूल रूप से जनसंख्या से संबंधित मुद्दों के महत्व और तात्कालिकता पर ध्यान केंद्रित करने की वकालत करता है। यह गैर-सरकारी संगठनों, स्कूलों, कॉलेजों आदि द्वारा स्वस्थ गर्भावस्था और परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।

विषय-सूचि

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, world population day speech in hindi – 1

प्रिय मित्रों!

विश्व जनसंख्या दिवस के उत्सव के बारे में हमारी योजनाओं पर चर्चा करने के लिए हम यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारा अस्पताल 11 जुलाई को प्रतिवर्ष यह दिवस मनाता है। यह मूल रूप से परिवार नियोजन के लिए तैयार मानव अधिकार को दोहराना है। दुनिया भर में इस अधिकार को वास्तविकता बनाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचना को प्रोत्साहित करने के लिए यूनाइटेड नेशन द्वारा शुरू किया गया था।

हम अपने इलाके में लोगों की जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जनसंख्या से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे कि लैंगिक समानता, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी, जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता और मानवाधिकारों के साथ-साथ परिवार नियोजन के महत्व पर बात कर सकते हैं। मूल रूप से, विश्व जनसंख्या दिवस विभिन्न तरीकों से सामुदायिक संगठनों, व्यापारिक समूहों और व्यक्तियों द्वारा विश्व स्तर पर मनाया जाता है। विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं जैसे कि शैक्षिक सूचना सत्र, संगोष्ठी चर्चाएँ, निबंध प्रतियोगिताएं, चार्ट प्रदर्शित करना, नारे लगाना, झाँकना, बैनर, और बहुत कुछ।

यह एक वैश्विक अवलोकन घटना है, सार्वजनिक अवकाश नहीं है, हालांकि, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हर कोई परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित महत्व और मुद्दों से अवगत हो।

एक धर्मार्थ अस्पताल होने के नाते, आज के युवाओं को रोकना और उन्हें सशक्त बनाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी बन गई है और इस प्रकार हम विश्व जनसंख्या दिवस को विभिन्न उद्देश्यों के साथ मनाते हैं। हम उन्हें कामुकता और परिपक्व उम्र में शादी करने के महत्व के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करना चाहते हैं ताकि वे एक ही समय में अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और पूरा कर सकें।

हम अवांछित या अनियोजित गर्भधारण से बचने के लिए युवाओं के अनुकूल, सूचनात्मक और उचित तरीकों को नियोजित करके युवाओं को शिक्षित करेंगे। हम अपने समाज से लैंगिक रूढ़ियों को हटाने के लिए लोगों को शिक्षित करना भी चाहते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि आज के युवा, विशेष रूप से महिलाएं गर्भावस्था से संबंधित बीमारियों और बीमारी के बारे में जागरूक हैं यदि वे कम उम्र में विवाहित हैं। इस प्रकार, हम ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षित करेंगे। हम उन्हें विभिन्न बीमारियों के बारे में भी शिक्षित करेंगे जो उन्हें और अन्य लोगों को विभिन्न संक्रमणों से जकड सकती हैं जैसे एड्स आदि।

हम पूरे भारत में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक समानता पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस प्रकार, हम कुछ कड़े और प्रभावी कानूनों और नीतियों को लागू करने की मांग कर रहे हैं जो बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करते हैं। इसके अलावा, हर बच्चे को लिंग और दर्जे के बावजूद शिक्षा के लिए समान पहुंच होनी चाहिए।

इसलिए, हमारे पास गाँवों, दूरदराज के क्षेत्रों आदि की यात्रा करने और लड़कियों के लिए मोबाइल स्कूल आयोजित करने की ठोस योजनाएँ हैं ताकि हम उन्हें शिक्षित कर सकें और उन्हें जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरूक कर सकें। हमारा उद्देश्य मानव अधिकारों को दबाना नहीं है क्योंकि परिवार नियोजन और बच्चों की संख्या तय करना एक व्यक्तिगत पसंद है; लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हम जाग्रति पैदा करें और लोगों को सीमित संख्या में बच्चे पैदा करने के लाभों से अवगत कराएँ ताकि माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकें और बालिकाओं को भोजन, कपड़े, जैसे जीवन स्तर के बुनियादी मानक से समझौता न करना पड़े। आश्रय और शिक्षा।

इस मंच के माध्यम से, हम आप सभी से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और इस सामाजिक कारण में हाथ मिलाएं और अपने देश को अधिक विकसित और आत्मनिर्भर बनाएं।

धन्यवाद!

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, short speech on world population day in hindi – 2

world population day

प्रिय आगंतुकों!

7 वें विश्व जनसंख्या दिवस के उत्सव में आपका स्वागत है। जैसा कि आप जानते हैं, हर साल की तरह हम इस दिन को भी समान उत्साह और विषय के साथ मना रहे हैं। 1989 में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की सिफारिश की, ताकि जनसंख्या संबंधी मुद्दों के महत्व और तात्कालिकता को उजागर किया जा सके।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर साल हमारा एनजीओ जनसंख्या के आधार पर एक थीम का चयन करता है और उसी के बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश करता है। तो इस वर्ष का विषय लैंगिक समानता और बालिका संरक्षण होगा। अपनी स्थापना के बाद से, हम कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लड़ रहे हैं। लड़कियां भी लड़कों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं और शायद इससे भी ज्यादा क्योंकि पूरी मानवता उनके अस्तित्व पर निर्भर है और वे हमारे समाज में एक सामाजिक संतुलन बनाने में मदद करते हैं।

कुछ वर्षों पहले तक पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या में भारी कमी थी। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर में वृद्धि के कारण दहेज हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार, जबरन अशिक्षा, लिंग आधारित भेदभाव आदि महिलाओं को हमेशा दबा दिया गया है। लड़के-लड़की के अनुपात को बराबर करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि लोग बालिकाओं को बचाना शुरू करें।

हम ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यात्रा करते हैं जहां महिलाएं दुर्भाग्य से हमारे समाज में बुरी ताकतों का शिकार बन जाती हैं। महिला तस्करी, घरेलू हिंसा, जबरन वेश्यावृत्ति और कन्या भ्रूण हत्या महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे बन गए हैं। इसलिए, हम उन महिलाओं को संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करते हैं जो वंचित परिस्थितियों में रह रही हैं ताकि वे इन अमानवीय परिस्थितियों से खुद को मुक्त कर सकें। हम उन्हें सरकार द्वारा लागू किए गए विभिन्न कृत्यों जैसे लिंग समानता, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 से महिलाओं की सुरक्षा, उचित शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या पर प्रतिबंध, अनैतिक यातायात (रोकथाम) अधिनियम, आदि के बारे में जागरूक करने का प्रयास करते हैं ताकि उनकी रक्षा की जा सके।

इस अज्ञानता के पीछे शिक्षा का अभाव मुख्य कारण है। आज के समाज में महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों के साथ देश में नाम और शोहरत कमा रही हैं और देश भर में वाहवाही बटोर रही हैं। इस प्रकार, एक बालिका को बचाना समय की आवश्यकता बन जाती है। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर होने का अधिकार है। जनसंख्या नियंत्रण और बुद्धिमान परिवार नियोजन दंपतियों को एक आदर्श संख्या में बच्चे पैदा करने में मदद करता है ताकि हर बच्चे को एक अच्छी परवरिश और शिक्षा मिल सके। यह भी महत्वपूर्ण है कि जो महिलाएं गर्भावस्था से बचना चाहती हैं वे प्रभावी और सुरक्षित गर्भनिरोधक उपायों का उपयोग कर रही हैं।

हमने पूरे भारत में महिलाओं को शिक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां उनके समकक्षों की जागरूकता और समर्थन की कमी है। कुछ महिलाएं इन मामलों पर समयबद्धता और संकोच से बाहर नहीं निकलना चाहती हैं। हमारे पास महिला सहकर्मी हैं जो ऐसी महिलाओं के विकास के लिए स्वैच्छिक रूप से काम करती हैं। वे समूहों में यात्रा करते हैं, मोबाइल स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्र और सूचना केंद्र की स्थापना करते हैं; क्विज़, वाद-विवाद आदि का आयोजन करें, जहाँ महिलाओं से अपने घरों से बाहर निकलने और इस मिशन में भाग लेने का आग्रह किया जाता है।

हमारा एनजीओ महिलाओं के विकास में बहुत मदद कर रहा है और कई उद्योगपति और बिजनेस टाइकून हैं जो हमारा समर्थन कर रहे हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वतंत्र बनाना है जहां वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं जैसे कि सही विवाह योग्य आयु, प्रसव का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, आदि।

हम हर युवा से अपील करते हैं कि वह विश्व जनसंख्या दिवस को अत्यधिक सफल बनाने के लिए इस मिशन में आगे आए और इस मिशन से जुड़े।

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, speech on world population day in hindi – 3

सुप्रभात सभी को, इस अवसर पर एक साथ मिल जाने के लिए धन्यवाद, आज मैं विश्व जनसंख्या दिवस पर एक भाषण देने जा रहा हूं,

विश्व जनसंख्या 11 जुलाई को दुनिया भर में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना है। परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी के महत्व जैसे विभिन्न मुद्दों पर लोगों को जागरूक होना चाहिए। 2016 में विश्व की जनसंख्या 7 अरब लोगों तक पहुँच गई है, जो फिर से एक गंभीर मुद्दा है।

सर्वशक्तिमान की कृपा से हम इस ग्रह पर कई संसाधनों के साथ धन्य हो गए हैं लेकिन क्या हम वास्तव में उन संसाधनों को बनाए रखने में सक्षम हैं या हम ऐसे संसाधनों के साथ सम्मानित किए बिना बनाए रख सकते हैं। नहीं, हम ऐसा नहीं कर सकते हैं ताकि भविष्य में हमें इस बढ़ती हुई जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए पैसा लगाना पड़े।

इस दिन को मनाने के मोटो को भी स्वास्थ्य के मुद्दों की ओर निर्देशित किया जाता है क्योंकि हर साल महिलाओं की बड़ी संख्या उनके प्रजनन वर्षों में प्रवेश करती है और उनके प्रजनन स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक है। लोगों को परिवार नियोजन, गर्भ निरोधकों के उपयोग और सुरक्षा संबंधी उपायों के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे सेक्स से संबंधित मुद्दों को रोका जा सके।

जैसा कि हाल के अध्ययन में यह देखा गया कि 15-19 वर्ष की आयु के बीच के युवा यौन रूप से मिलाप कर रहे हैं और यौन संचारित रोगों को जन्म दे रहे हैं। उपरोक्त सभी तथ्यों के एवज में हर साल इस दिन को मनाने की पहल की गई है ताकि लोगों को स्वस्थ जीवन जीने और हमारे मानवाधिकारों की रक्षा के बारे में जागरूक किया जा सके।

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण, world population day speech in hindi – 4

सुप्रभात और आज इतने छोटे नोटिस पर आने के लिए धन्यवाद!

हालाँकि आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि हम यहाँ क्यों इकट्ठे हुए हैं, लेकिन उन सभी के लिए जो अभी भी सोच रहे हैं, मैं इस बैठक के उद्देश्य को जल्दी से साझा करूँगा। वास्तव में हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किए गए विश्व जनसंख्या दिवस के उत्सव के लिए इस वर्ष हमारे एजेंडे के बारे में पूछताछ करने वाले स्थानीय प्राधिकरण से एक पत्र मिला है।

यह दिन लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके परिवार को बेहतर तरीके से संभव बनाने में मदद करने के लिए हर साल 11 जुलाई को मनाया जाने वाला वार्षिक उत्सव है। यह लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचनाओं का समर्थन करता है ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और अपने परिवार के बारे में उचित निर्णय ले सकें।

हमारा संगठन विश्व जनसंख्या दिवस को बहुत उत्साह के साथ मनाने के लिए शहर भर में प्रसिद्ध है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय और साथ ही राज्य सरकार परिवार नियोजन के लिए अपने अधिकारों और पसंद के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हमारी ओर देख रही है।

सौभाग्य से, इस बार हमारे पास व्यापक योजनाएँ हैं और लोगों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने के अलावा; हम उन्हें कुछ बीमारियों के बारे में भी बताएंगे जो आपके परिवार की गैर-योजना के कारण आक्रमण कर सकती हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में, छोटी उम्र में लड़की की शादी अभी भी प्रचलित है। एक बार शादी करने वाली लड़कियों से बच्चों को जन्म देने की उम्मीद की जाती है और अगर वे एक लड़की को जन्म देती हैं, तो उनसे उम्मीद की जाती है कि वे दुनिया में एक बच्चे को लाएंगी;

यह श्रृंखला तब तक जारी रहती है जब तक वे एक लड़के को जन्म नहीं देते। दुर्भाग्य से हमारे देश में, लिंग असमानता अभी भी एक प्रमुख मुद्दा है। लोगों को शायद ही कभी पता चलता है कि अगर एक नाबालिग लड़की, गर्भवती हो जाती है, तो वह बहुत सारे स्वास्थ्य मुद्दों से गुजर सकती है और यह अंततः उसके स्वयं के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जिसके साथ वह जन्म देती है। कुपोषण ऐसी गर्भावस्था के परिणामस्वरूप होने वाली सबसे प्रमुख बीमारियों में से एक है।

भारत एक प्रगतिशील देश है और इस तरह की कुप्रथाएँ भारत की सफलता की राह में बड़ी बाधाएँ हैं। लोगों को यह महसूस करना होगा कि एक बच्चे और लड़की के बीच कोई अंतर नहीं है। लड़कियाँ समान रूप से एक परिवार के लिए प्रशंसा लाने में सक्षम हैं बशर्ते उन्हें निर्बाध शिक्षा और समान परवरिश दी जाए। इस प्रकार, विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण भी है।

यह महत्वपूर्ण है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाएं जो गर्भावस्था से बचना चाहती हैं वे प्रभावी और सुरक्षित परिवार नियोजन के तरीकों का उपयोग करें। स्वस्थ जीवन को अपनाने के लिए सही और पूरी जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों में, खासकर गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और सूचना शिविर स्थापित करने की योजना है। इस वर्ष, हम हिंदू पौराणिक कथाओं और दुर्गा, काली, सरस्वती और अन्य देवी-देवताओं की महाकाव्य कहानियों पर आधारित स्किट और नाटक आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं। गांव की लड़कियों को इन स्किट्स पर प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

हमारी भारतीय संस्कृति ने कभी भी लड़के और लड़की में अंतर नहीं किया और न ही यह महिलाओं के अधिकारों को दबाया; इस कार्यक्रम से हम देशव्यापी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तव में, भारत एक ऐसी भूमि है जहाँ देवी-देवताओं की श्रद्धा और प्रार्थना की जाती है; इस प्रकार छोटी लड़कियों को भी देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है।

हमें उम्मीद है कि इस पहल का सभी द्वारा स्वागत किया जाएगा। हमें स्थानीय प्राधिकरण से धन का वादा भी किया गया है। हालांकि हमारे पास सीमित समय है, लेकिन मुझे यकीन है कि आपकी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत इसे एक सफल योजना बनाएगी।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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इन बेहतरीन स्लोगन, कोट्स, नारों से दीजिए विश्व जनसंख्या दिवस पर शानदार भाषण, स्पीच 2023 । Quotes, Speech on World Population Day Slogan in Hindi

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क्या आप विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन (World Population Day Slogan In Hindi) की तलाश कर रहे हैं ताकि विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच प्रस्तुत कर सकें? तो इन बेहतरीन स्लोगन की मदद से दीजिए विश्व जनसंख्या दिवस पर शानदार भाषण।

विश्व की जनसंख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यह बढ़ती जनसंख्या केवल भारत की समस्या नहीं है बल्कि विश्व के कई दूसरे देश भी इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। विश्व जनसंख्या में हो रही अनियमित वृद्धि के कारण ही महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी तथा पर्यावरण प्रदूषण में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

वैश्विक स्तर पर हो रही जनसंख्या वृद्धि इन सभी समस्याओं की की जड़ है शायद इसीलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए इसे जनसंख्या विस्फोट की संज्ञा भी दी जा चुकी है। विश्व की इस बढ़ती जनसंख्या को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए ही प्रतिवर्ष 11 जुलाई का दिन विश्व जनसंख्या दिवस के रूप मनाया जाता है।

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विश्व जनसंख्या दिवस के इस खास मौके पर लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान शैक्षणिक संस्थाओं में विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध लेखन, भाषण तथा स्लोगन आदि की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

आज 11 जुलाई 2023 को संपूर्ण विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर अगर आप एक शानदार भाषण प्रस्तुत करना चाहते हैं तथा कोट्स के जरिए लोगों में जागरूकता संदेश फैलाना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।

चलिए इस लेख के जरिए आपको विश्व जनसंख्या दिवस पर बेहतरीन स्लोगन के जरिए विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच तैयार करवाते हैं।

  • विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता तथा अनमोल वचन

विश्व जनसंख्या दिवस पर शानदार भाषण, स्पीच-कोट्स, नारें | Quotes-Slogan-Speech-on-World-Population-Day-in-hindi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण (Speech on World Population Day In Hindi) –

अभिवादन! नमस्कार!

आज हम सभी यहां विश्व जनसंख्या दिवस पर आयोजित इस खास कार्यक्रम में सम्मिलित हुए हैं। आपकी गरिमामय उपस्थिति में आज मैं विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा/रही हूं। आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुझे कुछ कहने का अवसर देने के लिए आप सभी को धन्यवाद!

जैसा कि हम सब जानते हैं बढ़ती जनसंख्या केवल हमारे भारत देश की ही समस्या नहीं है बल्कि यह संपूर्ण विश्व की समस्या है। आज दुनिया के कई देश इस गंभीर समस्या को लेकर परेशान हैं।

विश्व की बढ़ती जनसंख्या कोई मामूली या छोटी समस्या नहीं है बल्कि आज विकासशील देशों की सबसे गंभीर समस्या बन चुकी है क्योंकि यही एक समस्या विकासशील देशों में महंगाई बेरोजगारी भुखमरी आर्थिक तंगी तथा पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं की जड़ है।

विश्व की बढ़ती जनसंख्या से निपटने के लिए ही आज दुनिया भर में वैश्विक स्तर पर विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं और कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। आज का हमारा यह कार्यक्रम भी उन्हीं महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है।

विश्व की बढ़ती जनसंख्या से पनपती गंभीर समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही संपूर्ण विश्व में 11 जुलाई का दिन विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जने का सबसे प्रमुख उद्देश्य विश्व स्तर पर जनसंख्या को लेकर लोगों की जागरूकता को बढ़ाना है।

ताकि दुनिया भर के लोग यह समझ सके कि आने वाले समय में अगर विकासशील देशों की समस्याएं यूं ही बढ़ती रही तो कैसी गंभीर परिस्थितियां सामने आ सकती हैं। मौजूदा समय में विश्व की आबादी तकरीबन 800 करोड़ हो चुकी है जो दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

विश्व की जनसंख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है विकासशील देशों में अशिक्षा, गरीबी, जिसके कारण लोग परिवार नियोजन करने में असमर्थ हैं। हमारे समाज में बहु विवाह आदि जैसी कई रूढ़िवादी परंपराएं भी बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार हैं।

बढ़ती जनसंख्या के कारण पनपती समस्याओं के बारे में भी आप सब अवगत ही होंगे। आज हमारे जैसे विकासशील देश में महंगाई भुखमरी और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याएं बढ़ती जनसंख्या के कारण ही पैदा हो रही हैं। बढ़ती जनसंख्या के साथ खाद्य पदार्थों की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है जिसकी आपूर्ति नहीं की जा सकती।

यही कारण है कि आज विश्व के कोने में कई लोग भूखे ही सोते हैं। केवल इतना ही नहीं बढ़ती जनसंख्या के साथ सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना भी विकासशील देशों की अत्यंत गंभीर समस्या बन चुकी है। इस बढ़ती हुई जनसंख्या में प्रति व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराना भी बहुत मुश्किल है हालांकि फिर भी लोग वन उन्मूलन करके पेड़ एवं प्रकृति को उजाड़ते जा रहे हैं।

जनसंख्या इतनी तेज बढ़ती जा रही है लोगों के दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करना भी संभव नहीं हो पा रहा जिसके कारण दिन-ब-दिन महंगाई दर बढ़ती जा रही है।

केवल इतना ही नहीं विश्व की बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी उतनी ही जिम्मेदार है जितना कि महंगाई और बेरोजगारी के लिए। बढ़ती जनसंख्या के कारण ही प्रदूषक कारकों में लगातार वृद्धि होती जा रही है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग , ग्रीन हाउस इफेक्ट तथा अम्लीय वर्षा जैसी पर्यावरण समस्याएं पैदा हो रही है।

इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए विश्व के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह परिवार नियोजन की विधियां अपनाएं, तथा वृक्षारोपण , परिवार नियोजन, आदि उपाय अपनाकर पर्यावरण के संतुलन में अपना योगदान दें।

केवल इतना ही नहीं हमें सांप्रदायिक कारणों से समाज में व्याप्त बहु विवाह प्रथा जैसी उन रूढ़िवादी परंपराओं से भी लड़ना होगा जो आज जनसंख्या वृद्धि की जिम्मेदार हैं। अपने परिवार को संतुलित बनाकर हमें अपनी पीढ़ी को शिक्षित बनाना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को इस समस्या के बारे में गंभीरता से जानकारियां हो।

छोटा परिवार, संतुलित परिवार, स्वस्थ परिवार, सुखी परिवार!

अपने इन्हीं आखिरी शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं उम्मीद करता हूं कि आप जिस लक्ष्य को बनाकर हम इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं वह लक्ष्य एक ना एक दिन जरूर पूरा होगा।

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विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन, कोट्स, नारें (Quotes on World Population Day Slogan in Hindi)

विश्व जनसंख्या दिवस पर सुविचार (world population day quotes in hindi) –.

चलिए विश्व जनसंख्या दिवस पर इन सुविचारों को साझा कर अपने करीबियों को विश्व जनसंख्या से उपजती समस्याओं और उनके निदान के विषय में जागरूक करें।

एक जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम जनसंख्या नियंत्रण के सभी उपायों को समझें जाने और इससे अनजान व्यक्तियों को इन उपायों के बारे में बताएं ताकि हम सभी हाथ मिलाकर जनसंख्या विस्फोट की गंभीर समस्या से लड़ सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुंदर भविष्य की कल्पना कर सकें।

जहां बेरोजगारी महंगाई भुखमरी आदि जैसी समस्याएं जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न ना हो बल्कि सभी के लिए रोजगार खाद्यान्न की आपूर्ति आवास निर्माण की व्यवस्था उपलब्ध हो। आप इन शानदार स्लोगन सुविचार के जरिए लोगों को व्हाट्सएप के जरिए जागरूकता संदेश भी भेज सकते हैं।

दोस्तों आज इस लेख के जरिए आपको हमने विश्व जनसंख्या दिवस पर स्लोगन एवं भाषण (World Population Day Slogan in Hindi) पर चर्चा की। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख बेहद पसंद आया होगा।

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विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध 2023 | World Population Day, Speech, Slogans, Theme in Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस 2023, निबंध, जनसंख्यावृद्धि समस्या, कारण, समाधान, कब मनाया जाता है, थीम, स्लोगन (World Population Day, Essay, Speech, Slogans, Theme, Population Reason in Hindi)

जनसंख्या से तात्पर्य एक सीमित क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या से है. जब किसी क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाए, तो उसे जनसंख्या वृद्धि कहते है. अब सवाल यह उठता है कि यह कैसे पता चलेगा कि किसी स्थान की जनसंख्या अधिक है. इसका उत्तर भी साफ है, जब किसी क्षेत्र के युवाओ के लिए आमदनी के साधन कम मतलब नौकरी के लिए भटकना पड़े या किसी परिवार को अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए अत्याधिक परिश्रम करना पड़े, तो निश्चित ही वहा की जनसंख्या आवश्यकता से अधिक होने लगी है. आपको बता दें कि हर साल विश्व भर में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. आज इस लेख में हम आपको इसी की जानकारी देने वाले हैं.

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विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है (World Population Day)

विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. सितम्बर 2016 तक की विश्व में जनगणना को देखे तो दुनिया में 7,342,686,578 लोग हैं जिनमें से 1,373,541,278 तक जनसंख्या केवल चीन में हैं और भारत में 1,266,883,598 की संख्या के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर हैं. हालांकि ये आंकड़े थोड़े पुराने हैं लेकिन इतने ज्यादा पुराने नहीं हैं कि वर्तमान स्थिति का अनुमान नहीं लगाया जा सके. भारत का भी जनसंख्या विस्फोट में महत्वपूर्ण योगदान हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर जनसंख्या का आंकलन करे, तो ये कहना गलत नही होगा कि विश्व में जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण विषय हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास (World Population Day History )

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में बढती आबादी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों और इससे जुड़े अन्य मुद्दों और इसके महत्व पर ध्यान केंद्रित करना  है. इस दिन का निर्धारण 1989  में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया गया था. इस दिन को मनाने का सुझाव डॉक्टर केसी जैक्रियाह (Dr KC Zachariah) ने दिया था जिन्होंने दुनिया को विश्व की जनसंख्या के 5 बिलियन तक पहुचने का आंकड़ा बताया था. उस समय वो वर्ल्ड बैंक में सीनियर डेमोग्राफर के तौर पर काम कर रहे थे. इस तरह पहली बार इसे 11 जुलाई 1987 को मनाया गया. 1987 में 5 बिलियन तक जनसंख्या पहुचने के बाद यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम ने ये तय किया कि इस दिन अवकाश रखा जाएगा जिससे बढती जनसंख्या और इसके दुष्प्रभावों की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जा सके. और इसी कारण 1989 में इस दिन को मनाना शुरू किया गया. दिसंबर 1990 में रिजोल्यूशन 45/216 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जनसंख्या के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य के साथ विश्व जनसंख्या दिवस मनाया और इसमें पर्यावरण और इसके समग्र विकास के मुद्दों को भी शामिल किया गया.

विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य (World Population Day Objectives )

लगभग 2 दशक से मनाये जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य जन्मदर (बर्थ रेट) पर नियंत्रण और जनसंख्या में अनियमितता जैसे विषय को मुख्य धारा में लाकर दुनिया को इसके प्रति सजग करना हैं.

तत्कालीन परिस्थितियों में भी विश्व की जनसंख्या लगभग 7 बिलियन हैं और यूएन की रिपोर्ट के अनुसार ये बहुत तेजी से बढ़ रही हैं और प्रति वर्ष लगभग 83 बिलियन लोगों की वृद्धि हो रही हैं.

यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम की गवर्निंग काउंसिल का उद्देश्य  दुनिया में फैली प्रजनन सम्बन्धित समस्यायों की तरफ ध्यान आकर्षित करना हैं, इसके कारण स्वास्थ सम्बन्धित समस्याएं भी बढ़ रही हैं और दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही हैं, ये देखा गया हैं कि प्रति दिन लगभग 800 महिलाएँ बच्चे को जन्म देते समय मरती हैं.इस तरह हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से लोगों में प्रजनन सम्बन्धित जानकारियों के प्रति जागरुकता लायी जा सकती हैं. 

भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण (Reason of Indian Population)

कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती. फिर चाहे वह अति किसी देश मे रहने वाले व्यक्तियों की क्यो न हो. अब जब हम भारत की बात करते हैं, तो यहा की जनसंख्या वृद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत जनसंख्या के मामले मे विश्व मे दूसरे स्थान पर आता है . जनसंख्या के मामले मे चीन सबसे आगे है, परंतु वह दिन भी दूर नहीं जब भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा. 

भारत मे इस बढ़ती हुई जनसंख्या का कारण आज भी लोगो की अशिक्षा व अंधविश्वास है. भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अभी भी कुछ लोगो की यह मान्यता है कि जीतने लोग कमाने वाले होंगे उतनी ही अधीक आमदनी होगी. परंतु वे लोग यह भूल जाते है, कि जितने लोग कमाएंगे उतने ही खायेंगे भी. अगर किसी माता पिता की ज्यादा संताने होंगी, तो यह संभव नहीं कि वे आज के समय मे सभी को बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाए दे पाये. परंतु इसी के विपरीत किसी की एक या केवल दो संताने है, तो उन माता पिता का पूरा ध्यान अपने बच्चो पर केन्द्रित रहता है तथा वे अपने बच्चो को बेहतर परवरिश दे पाते है. अब जरूरत यह है कि भारत जैसे अंधविश्वासी देश मे बच्चो को भगवान की देन ना मानकर यह समझा जाए, कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे हाथो मे है, हम चाहे तो इस पर नियंत्रण कर सकते है.

जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे किया जाए (How to Control Population) 

किसी घर के कमरे मे अपने कम्प्युटर के सामने बैठकर यह तय कर पाना की भारत जैसे अनेकता से भरे देश मे जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कैसे किया जाए, नामुमकिम है. परंतु फिर भी ऐसी कई बाते है जिन्हें अगर हर कोई ध्यान मे रखे, तो शायद जनसंख्या वृद्धि की दर कम होगी. कुछ कारण ऐसे है जिनपर मैं यहाँ प्रकाश डालना चहुंगी .

  • बलिकाये जिनका विवाह कम आयु मे हो गया है, वे केवल दो बच्चो को जन्म देने की सोच रखे तथा अपने परिवार को एक अच्छी परवरिश दे.
  • परिवार कल्याण जैसे कार्यक्रमों को समझे तथा उन्हे उपयोग मे लाये. विज्ञापनो और उनसे दी जाने वाली जानकारी को समझने की कोशिश करे.
  • हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षित और नए विचारो से समृध्ध बनाए.
  • यह विचार करने योग्य बात है कि भारत के उत्तरी राज्यो मे जनसंख्या वृद्धि की दर ज्यादा है.

विश्व जनसंख्या दिवस  2023 में कब है (World Population Day 2023 Date)

2023 में भी ये प्रतिवर्ष की भांति 11 जुलाई को ही मनाया जाएगा, इस बार 36 वां विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा.

विश्व जनसंख्या दिवस 2023 थीम (World Population Day Themes)

यूनाइटेड नेशन द्वारा प्रति वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस के लिए विभिन्न प्रकार की थीम रखी जाती हैं, और उस थीम को ध्यान में रखते हुए ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं. हर साल इस दिन मानाने के लिए एक थीम रखी जाती है. 2023 के लिए भी कोई थीम होगी, लेकिन अभी तक इससे सम्बन्धित जानकारी की घोषणा नहीं हुई हैं. गत कुछ वर्षों में इसके लिए निम्न थीम का उपयोग हुआ हैं –

  • साल 2014 :- जनसंख्या से सम्बंधित मुद्दों में युवाओं के योगदान को देखने का समय  (अ टाइम टू रिफ्लेक्ट ऑन पोप्युलेशन ट्रेंड्स एंड रिलेटेड इश्यू एंड इन्वेस्टिंग इन यंग पीपल) [A time to reflect on population trends and related issues” and “Investing in Young People]
  • साल 2015 :- आपातकाल में जनसंख्या की अतिसम्वेदनशील स्थिति (वलनरेबल पोप्युलेशन इन इमरजेंसी) [Vulnerable Populations in Emergencies]
  • साल 2016 :- टीनएज की लडकियों पर ध्यान देना (इन्वेस्टिंग इन टीनएज गर्ल) [Investing in teenage girls]
  • साल 2017 :- परिवार नियोजन: नागरिकों का सशक्तीकरण,विकासशील देश (फैमिली प्लानिंग:एमपोवेरिंग पीपल,डेवेलपिंग नेशन) [Family Planning: Empowering People, Developing Nations”]
  • साल 2018 :- परिवार नियोजन मानवाधिकार हैं (फैमिली प्लानिंग इज ह्यूमन राईट)[ Family Planning is a Human Right]
  • साल 2019 :- फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स
  • साल 2020 :- कोविड-19 की रोकथाम: महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ और अधिकारों की सुरक्षा कैसे हो
  • साल 2021 :- कॉविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
  • साल 2022 :- 8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना.
  • साल 2023 :- एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो.

विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाया जाता हैं (How to Celebrate World Population Day )

  • यह दिवस युवा महिलाओं और पुरुषों सभी के लिए होता है,जिससे समाज के हर वर्ग में जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता लाई जा सके.
  • समाज में  प्रत्येक जोड़े को स्वास्थ सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक हैं.
  • लडकियों के अधिकारों की रक्षा करना और इसके लिए कानून बनाना भी इसमें शामिल हैं. विवाह  सम्बन्धों से जुडी जिम्मेदारियों के प्रति सजग होना जरुरी हैं.
  • इस तरह के आयोजन में भाग लेकर लोगों में जनसंख्या और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे बढ़ती जनसंख्या, जननी और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानवाधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार से सुरक्षा और निरोध के उपयोग पर जागरुकता लायी जा सकती हैं.
  • इन सबके अलावा भारत जैसे विकासशील देशों में जहां अब भी बाल विवाह देखा जाता हैं और कम उम्र में ही गर्भधारण गम्भीर विषय है, यहाँ भी इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता हैं.
  • बालिका शिक्षा,बाल विवाहभी काफी महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दे हैं, इन्हें भी विश्व जनसंख्या दिवस के जागरूकता अभियान में शामिल किया जा सकता हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस पर इवेंट्स ( World Population Day Events) 

विश्व जनसंख्या दिवस पर पूरे विश्व में कई तरह के इवेंट्स आयोजित किये जाते हैं, जिनमें वाद-विवाद,शैक्षिक कार्यक्रम,जानकारियाँ देने सम्बन्धित विभिन्न कार्यशालाएं आयोजित करवाई जाती हैं.

टॉप 10 अधिक जनसंख्या वाले देश (Top 10 Countries by Population)

विश्व जनसंख्या दिवस पर नारे ( world population day slogans).

  • विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य भविष्य की भीड़ कम करना हैं.
  • विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता हैं.
  • जनसंख्या विस्फोट के कारण होने वाले शोषण से धरती को बचाए.
  • धरती पर रहने की पर्याप्त जगह बनाने के लिए इस केम्पेन में शामिल होना चाहिए.
  • जनसंख्या नियंत्रण के लिए अपने खुदके बच्चे को जन्म देने के स्थान पर एक बच्चा गोद ले. 
  • धरती को जनसंख्या विस्फोट से बचाइए. 
  • भुखमरी से बचने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करे.
  •  भविष्य के सुखद जीवन के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण करें. 
  •  विश्व जनसंख्या दिवस मनाकर जनसंख्यावृद्धि के खिलाफ आवाज़ उठायी जा सकती हैं.
  •  जनसंख्या नियंत्रण करना मुश्किल हैं लेकिन नामुमकिन नहीं. 

भारत में बढती जनसंख्या को सरकार कैसे रोक सकती है (Govt Step)

भारत विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, ऐसे में जनसंख्या पर रोक लगाना कितना आवश्यक है यह हम सब जानते हैं. भारत में जनसंख्या अधिक होने का एक कारण यह भी है की अभी भी लोग जागरूक नहीं है. ऐसे में सरकार चाहे तो समय-समय पर लोगों को बढती जनसंख्या के खतरों के बारें में बताकर उन्हें जागरूक कर सकती है. बढती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए सरकार चाहे तो कोई ऐसा नियम बना सकती है या कानून लागु कर सकती है जिसकी मदद से भारत में जनसंख्या को कंट्रोल किया जा सके.

Ans : बढती जनसंख्या और इसके दुष्प्रभावों की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत की गई है.

Ans : 11 जुलाई को

Ans : 7.9 अरब

Ans : 140 करोड़

Ans : एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो.

  • समय का सदुपयोग महत्त्व
  • अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भाषण अनमोल वचन
  • अन्तराष्ट्रीय विश्व भारतीय राष्ट्रीय डाक दिवस
  • दुनिया की 10 सबसे भुतहा जगहें

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Hindi Kavita Shayari

World Population Day Speech in Hindi – विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच 2018

  • July 11, 2018

speech on world population day in hindi

Aaj me aapke sath World population day speech in hindi, विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच 2018 share kar rha hu. Jise aap apne baccho ko populaton ke baare me bta sakte hai aur ho sakta hai ek acchi speech bhi de sakte hai. World Population Day duniya bhar mein manaaya jaata hai. yah mool roop se aabaadee se jude muddon ke mahatv aur tatkaalata par dhyaan kendrit karane kee vakaalat karata hai. svasth garbhaavastha aur parivaar niyojan ke baare mein jaagarookata paida karane ke liye NGO, Schools, Colleges aadi dvaara manaaya jaata hai. aise avasar ho sakate hain jab aapako vishv janasankhya divas par bhaashan dena pad sakata hai. ham aapako avasar ke lie taiyaar karane ke uddeshy se vishv janasankhya divas bhaashan par vibhinn namoone saajha karate hain. hamane vishesh roop se hamaare bhaashanon kee bhaasha ko bahut saral aur prabhaavee rakha hai. yahaan saajha kie gae vishv janasankhya divas par sankshipt bhaashan school ya college star par upayog kiya ja sakata hai aur vishv janasankhya divas par lambe bhaashan ka prabhaav sangathanaatmak star par prabhaav paida karane ke liye kiya ja sakata hai. hum nishchit hain ki aap in bhaashanon se prerana le sakate hain aur apane bhaashan ke prabhaav ko badha sakate hain. aap vishv janasankhya divas par apane bhaashan ko vaiyaktikrt karane ke lie apane udaaharanon, kahaaniyon aur ghatanaon ka upayog kar sakate hain.

World Population Day Speech in Hindi

Jaisa ki aap sabhee jaanate hain ki har saal hamaare NGO aabaadee ke aadhaar par ek theem ka chayan karate hain aur isake baare mein jaagarookata paida karane ka prayaas karate hain. Is saal kee theem laingik samaanata aur ladakee ke bachche kee suraksha hogee. Hmaaree sthaapana ke baad se, ham mahila bhroon hatya ke khilaaph lad rahe hain. Ladakiyaan ladakon aur shaayad isase bhee jyaada mahatvapoorn hain kyonki pooree maanavata unake astitv ka bakaaya hai aur ve hamaare samaaj mein saamaajik santulan ko rokane mein madad karate hain. kuchh saal pahale purushon kee tulana mein mahilaon kee sankhya mein kaaphee kamee aaee thee. dahej kee maut, mahila bhroonahatya, balaatkaar, majaboor niraksharata, ling aadhaarit bhedabhaav aadi jaisee mahilaon ke khilaaph aparaadh dar mein vrddhi ke kaaran mahilaon ko hamesha daba diya gaya hai. ladake-ladakee anupaat ko baraabar karane ke lie, yah mahatvapoorn hai ki log ladakee ke bachche ko bachaane shuroo karen.

shiksha kee kamee is agyaan ke peechhe mukhy kaaranon mein se ek hai. aaj ke samaaj mein mahilaen naam aur prasiddhi kama rahee hain aur apane purush samakakshon ke samaan raashtr ko prasashan la rahee hain. is prakaar, ek ladakee ko bachaane ke lie samay kee aavashyakata ban jaatee hai. Pratyek bachche ko shiksha paane aur aatmanirbhar hone ka adhikaar hai. janasankhya niyantran aur buddhimaan parivaar niyojan jodon ko aadarsh sankhya mein bachchon kee sahaayata karane mein madad karata hai taaki pratyek bachcha uchit paalan aur shiksha praapt kar sake. yah bhee mahatvapoorn hai ki garbhavatee se bachane vaalee mahilaen prabhaavee aur surakshit garbhanirodhak upaayon ka upayog kar rahee hain. hamane poore bhaarat mein mahilaon ko shikshit karane ke lie kadam uthae hain, khaasakar graameen ilaakon mein jahaan unake samakaksh se jaagarookata aur samarthan kee kamee hai. kuchh mahilaen in maamalon par dikkat aur hichakichaahat se charcha nahin karana chaahatee hain. hamaare paas mahila sahakarmee hain jo aisee mahilaon ke vikaas ke lie svechchha se kaam karate hain. ve samoohon mein yaatra karate hain, mobail skool, helthakeyar sentar aur soochana kendr sthaapit karate hain; prashnottaree, bahas, aadi aayojit karen jahaan mahilaon ko apane gharon se baahar aane aur is mishan mein bhaag lene ka aagrah kiya jaata hai.

World Population Day Speech in Hinglish

ek dharmaarth aspataal hone ke naate, aaj ke yuvaon ko rokane aur sashakt banaane kee hamaaree saamaajik zimmedaaree ban jaatee hai.Is prakaar ham vibhinn uddeshyon ke saath vishv janasankhya divas manaate hain. ham unhen kaamukata aur paripakv umr mein shaadee karane ke mahatv ke baare mein vistrt gyaan pradaan karana chaahate hain taaki ve ek hee samay mein apanee jimmedaariyon ko samajh saken aur poora kar saken. avaanchhit ya aniyojit garbhadhaaran se bachane ke lie ham yuvaon ke anukool, soochanaatmak aur uchit tareekon ko niyojit karake yuvaon ko bhee shikshit karenge. ham logon ko apane samaaj se laingik roodhivaadon ko door karane ke lie shikshit karana chaahate hain. yah bhee mahatvapoorn hai ki aaj ke yuva, vishesh roop se mahilaen garbhaavastha se sambandhit beemaariyon aur beemaaree ke baare mein jaagarook hain, yadi maamoolee umr mein shaadee ho. is prakaar, ham graameen, ardh shaharee aur shaharee kshetron mein jaagarookata badhaane ke lie unhen shikshit karenge. ham unako vibhinn beemaariyon ke baare mein bhee shikshit karenge jo echaeevee, eds aadi jaise yaun sanchaarit hain taaki unhen aur doosaron ko vibhinn sankramanon se roka ja sake.

Population Day Speech in Hindi

saubhaagy se, is baar logon ke paas unake adhikaaron aur jimmedaariyon ke baare mein jaagarook karane ke alaava vyaapak yojanaen hain; ham unhen kuchh beemaariyon ke baare mein bhee soochit karenge jo aapake parivaar kee gair-niyojan ke kaaran aakraman kar sakate hain. ham sabhee jaanate hain ki hamaare desh mein, chhotee umr mein ladakee kee shaadee abhee bhee prachalit hai. ek baar shaadee karane vaalee ladakiyaan bachchon ko janm dene kee ummeed karatee hain aur yadi ve ek ladakee ko janm detee hain, to unhen duniya mein ek bachcha laane kee ummeed hai; yah shrrnkhala tab tak jaaree hai jab tak ve ek ladake ko janm nahin dete hain. durbhaagy se hamaare desh mein, ling asamaanata abhee bhee ek pramukh mudda hai. logon ko shaayad hee kabhee ehasaas ho ki ek chhotee ladakee, agar garbhavatee ho, to bahut se svaasthy samasyaen ho sakatee hain aur antatah vah apane svaasthy ko prabhaavit kar sakatee hai jisake saath vah janm detee hai. kuposhan aisee garbhaavastha ke parinaamasvaroop sabase pramukh beemaariyon mein se ek hai.

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yah mahatvapoorn hai ki graameen aur shaharee kshetron mein mahilaen jo garbhaavastha se bachana chaahatee hain, prabhaavee aur surakshit parivaar niyojan vidhiyon ka upayog karen. svasth jeevan ko apanaane mein sahee aur poorn jaanakaaree bahut mahatvapoorn hai.

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3 thoughts on “ World Population Day Speech in Hindi – विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच 2018 ”

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Hindi Jaankaari

11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच 2022 -23 World Population Day Speech in Hindi for School Students & Teachers

World Population Day Speech in Hindi

विश्व जनसंख्या दिवस 2022 : पूरे विश्व में धीरे धीरे मानव जाती की जनसंख्या बढ़ती जा रही है जिसके चलते धरती पर बहुत सी विकत समस्या का संचार हो रहा है| इसकी वजह से पूरे विश्व में भारी मात्रा में पेड़ काटे जा रहे है जिसके चलते पोल्लुशण दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है| हर साल पूरे विश्व में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है| इस दिवस को मनाने का मुख्या कारण सभी लोगो को जनसंख्या संतुलन और बढ़ती आबादी एक बारे में जागरूक करवाना है|

आज के इस पोस्ट में हम आपको विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध, विश्व जनसंख्या दिवस 2017 थीम, विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता, विश्व जनसंख्या दिवस 2020 का थीम, विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है, विश्व जनसंख्या दिवस 2016, 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस, वर्ल्ड पॉपुलेशन डे २०१७ थीम, विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच इन मराठी, हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के स्पीच प्रतियोगिता, debate competition, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

Short Speech on World Population Day in Hindi

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जैसा कि आप सभी जानते हैं हर साल हमारा गैर सरकारी संगठन जनसंख्या के आधार पर एक विषय का चयन करता है और इसके बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करता है। तो इस साल का विषय लिंग समानता और लड़की की सुरक्षा से सम्बंधित है। हमारे एनजीओ की स्थापना के बाद से ही हम कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ लड़ रहे हैं। लड़कियां लड़कों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं और शायद इससे भी ज्यादा क्योंकि पूरी मानवता उनके अस्तित्व पर निर्भर करती है और वे हमारे समाज के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। पुरुषों की तुलना में कुछ साल पहले तक महिलाओं की संख्या में बड़ी कमी आई थी। दहेज के लिए हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार, निरक्षरता, लिंग आधारित भेदभाव आदि महिलाओं के खिलाफ अपराध दर में वृद्धि के कारण हमेशा महिलाओं को दबाया गया। लड़के-लड़की के अनुपात को बराबर करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोग लड़की को बचाना शुरू करें। हम ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यात्रा करते हैं जहां महिलाएं दुर्भाग्य से हमारे समाज में मौजूद बुरी ताकतों का शिकार बनती हैं। महिला तस्करी, घरेलू हिंसा, मजबूरन वेश्यावृत्ति और स्त्री भेदभाव महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरे बन गए हैं। इसलिए हम उन महिलाओं को संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश करते हैं जो वंचित स्थितियों में रह रही हैं ताकि वे खुद को इन अमानवीय परिस्थितियों से मुक्त कर सकें। हम उन्हें सरकार द्वारा लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, उचित शिक्षा, महिला शिशुहत्या पर प्रतिबंध, अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम आदि द्वारा लागू विभिन्न कृत्यों के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी करते हैं ताकि उन्हें समाज में सुरक्षित रख सकें।

Best Speech on World Population Day in Hindi

World population day theme 2020: इस साल की विश्व जनसंख्या दिवस 2020 थीम है “Family Planning is a Human Right” यानी की “पारिवारिक योजना एक मानव अधिकार है” यह world population day 2016 speech in hindi, world population day speech in hindi language, वर्ल्ड पापुलेशन डे स्पीच, world population day 2020 theme, marathi bhasha speech world population day, world population day speech for students, world population day speech for students, world population day speech in simple words, world population day speech in english for students, world population day speeches का कलेक्शन class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो के लिए है जो की हर साल 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 व 2020 के अनुसार दिया हुआ जिसे आप अपनी school assembly में प्रार्थना के बाद सुना सकते है|

प्रिय दोस्तों! हमने विश्व जनसंख्या दिवस के उत्सव के बारे में हमारी योजनाओं पर चर्चा करने के लिए यहां आप सबको इकट्ठा किया है। हर वर्ष हमारा अस्पताल 11 जुलाई को इस दिन को मनाता हैं। यह मूल रूप से परिवार नियोजन के लिए तैयार मानव अधिकार को दोहराने से संबंधित है। इस दिवस को दुनिया भर में अधिकार के रूप में वास्तविकता बनाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचना को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया था। हम लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के उद्देश्य से जनसंख्या के आधार पर विभिन्न मुद्दों से जुड़े लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने जैसे कार्य कर रहे हैं लिंग समानता, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी, आबादी नियंत्रण और मानव अधिकारों की आवश्यकता के साथ-साथ परिवार नियोजन के मूल्य आदि। असल में विश्व जनसंख्या दिवस को विश्व स्तर पर सामुदायिक संगठनों, व्यवसाय समूहों और व्यक्तियों द्वारा विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जैसे शैक्षणिक सूचना सत्र, संगोष्ठी चर्चा, निबंध प्रतियोगिता, चार्ट, नारे, उद्धरण, बैनर इत्यादि। हालांकि इसे वैश्विक समुदाय द्वारा मनाया जाता है परन्तु यह सार्वजनिक अवकाश नहीं है। यह बेहद जरूरी है कि हर कोई परिवार नियोजन और आबादी नियंत्रण से संबंधित महत्व और मुद्दों से अवगत हो। एक धर्मार्थ अस्पताल के सदस्य होने के नाते आज के युवाओं को रोकने और सशक्त बनाने की हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है और इस प्रकार हम विश्व जनसंख्या दिवस को विभिन्न उद्देश्यों के साथ मना सकते हैं। हम उन्हें लैंगिकता के बारे में विस्तृत ज्ञान और एक परिपक्व उम्र में शादी करने के महत्व को प्रदान करना चाहते हैं ताकि वे एक साथ अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें और पूरा कर सकें। अवांछित या अनियोजित गर्भधारण से बचने के लिए हम युवाओं के अनुकूल, सूचनात्मक और उचित तरीकों को नियोजित करके युवाओं को भी शिक्षित करेंगे। हम लोगों को शिक्षित करना चाहते हैं ताकि हमारे समाज से लिंग के रूढ़िवाद भेदभाव को दूर किया जा सके। यह भी महत्वपूर्ण है कि आज के युवा (विशेषकर महिला), अगर उनका छोटी उम्र में विवाह कर दिया जाए तो, को गर्भावस्था संबंधी बीमारियों और परेशानियों के बारे में पता हो। इस प्रकार हम ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षित करेंगे। हम उन्हें उन विभिन्न बीमारियों के बारे में भी शिक्षित करेंगे जो एचआईवी, एड्स आदि जैसे यौन संचरित हैं ताकि उन्हें और दूसरों को विभिन्न संक्रमणों से रोक दिया जा सके। हम पूरे भारत में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग समानता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस प्रकार हम कुछ कड़े और प्रभावी कानूनों और नीतियों के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं जो कि लड़की के अधिकारों की रक्षा करती हैं। इसके अलावा लिंग और सामाजिक स्थिति के बावजूद प्रत्येक बच्चे को शिक्षा के लिए समान अवसर हासिल होने चाहिए। इसलिए हमारे पास गांवों, दूरदराज के इलाकों आदि की यात्रा और लड़कियों के लिए मोबाइल स्कूल का आयोजन करने की ठोस योजनाएं हैं ताकि हम उन्हें शिक्षित कर सकें और उन्हें जनसंख्या नियंत्रण से अवगत करा सकें। हमारा उद्देश्य पारिवारिक नियोजन के रूप में मानवाधिकारों को दबाने और बच्चों की संख्या तय करने के लिए एक व्यक्तिगत पसंद नहीं है लेकिन हमारा उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सीमित संख्या में बच्चों के लाभ के बारे में जागरूक करना है ताकि माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकें और लड़कियों को भोजन, कपड़े, आश्रय और शिक्षा आदि जैसे जीवन शैली के बुनियादी मानक पर समझौता करने की आवश्यकता ना पड़े। इस मंच के माध्यम से हम आपसे अपील करते हैं कि आप आगे आकर इस सामाजिक कार्य में हाथ बटाएँ और अपने देश को अधिक विकसित और आत्मनिर्भर बनाएं। धन्यवाद।

Short Speech on World Population Day in Hindi

World Population Day Small Speech in Hindi

आज हमारे द्वारा दिए गए वर्ल्ड पॉपुलेशन डे पर कुछ संक्षिप्त भाषण (short speech) और लंबे भाषण (long speech), speech in school, ये विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध ,  विश्व जनसंख्या दिवस भाषण (speech recitation activity) निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन वन महोत्सव पर हिंदी स्पीच हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

विश्व जनसंख्या 11 जुलाई को मनाया जाता है और आज इसे दुनिया भर में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना है। लोगों को परिवार के नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, गरीबी के महत्व जैसे विभिन्न मुद्दों से अवगत होना चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक 2016 तक विश्व की आबादी 7 अरब तक पहुंच गई है जो वाकई विश्व के लिए एक गंभीर मुद्दा है। ईश्वर की कृपा से हमें पृथ्वी पर कई संसाधनों का आशीर्वाद मिला है लेकिन क्या हम वास्तव में उन संसाधनों को बनाए रखने में सक्षम हैं या हम इस तरह के संसाधनों को संभाल सकते हैं। नहीं हम इतना सब कुछ नहीं कर सकते। अच्छे भविष्य के लिए हमें इस बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत है। इस दिन का जश्न मनाने के उद्देश्य को भी स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से जोड़ा जाता है क्योंकि हर साल महिलाएं प्रजनन अवधि में प्रवेश कर रही हैं और प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना जरूरी है। लोगों को परिवार नियोजन, गर्भ निरोधकों और सुरक्षा उपायों के उपयोग के बारे में पता होना चाहिए जो सेक्स से संबंधित मुद्दों को रोक सकते हैं। हाल के अध्ययन के अनुसार यह देखा गया था कि 15-19 आयु वर्ग के बीच के युवा यौन संबंध बनाने की ओर आकर्षित हो रहे हैं जिससे यौन संचारित बीमारियों का जन्म हो रहा है।

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण

11 जुलाई को सालाना पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में एक महान कार्यक्रम मनाया जाता है। पूरे विश्व में जनसंख्या मुद्दे की ओर लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के लिये इसे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद के द्वारा वर्ष 1989 में इसकी पहली बार शुरुआत हुई। लोगों के हितों के कारण इसको आगे बढ़ाया गया था जब वैश्विक जनसंख्या 11 जुलाई 1987 में लगभग 5 अरब (बिलीयन) के आसपास हो गयी थी। 2012 विश्व जनसंख्या दिवस उत्सव के थीम (विषय) के द्वारा पूरे विश्व भर में ये संदेश “प्रजनन संबंधी स्वास्थय सुविधा के लिये सार्वभौमिक पहुँच” दिया गया था जब पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग 7,025,071,966 थी। लोगों के चिरस्थायी भविष्य के साथ ही ज्यादा छोटे और स्वस्थ समाज के लिये सत्ता द्वारा बड़े कदम उठाये गये थे। प्रजनन संबंधी स्वास्थ देख-रेख की माँग और आपूर्ति पूरी करने के लिये एक महत्वपूर्णं निवेश किया गया है। जनसंख्या घटाने के द्वारा सामाजिक गरीबी को घटाने के साथ ही जननीय स्वास्थ्य बढ़ाने के लिये कदम उठाये गये थे। ये विकास के लिये एक बड़ी चुनौती थी, जब वर्ष 2011 में पूरे धरती की जनसंख्या 7 बिलीयन के लगभग पहुँच गयी थी। वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालक परिषद के फैसले के अनुसार, ये अनुशंसित किया गया था कि हर साल 11 जुलाई को वैश्विक तौर पर समुदाय द्वारा सूचित करना चाहिये और आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में मनाना चाहिये तथा जनसंख्या मुद्दे का सामना करने के लिये वास्तविक समाधान पता करना चाहिये। जनसंख्या मुद्दे के महत्व की ओर लोगों का जरुरी ध्यान केन्द्रित करने के लिये इसकी शुरुआत की गयी थी। विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है समुदायिक लोगों के जननीय स्वास्थ्य समस्याओं की ओर महत्वपूर्णं ध्यान दिलाना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद का लक्ष्य है क्योंकि खराब स्वास्थ्य का ये मुख्य कारण है साथ ही पूरे विश्व में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु का भी कारण है। ये आम हो गया है कि एक बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना लगभग 800 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। जननीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन की ओर विश्व जनसंख्या दिवस का अभियान पूरे विश्व के लोगों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाता है। लगभग 18 बिलीयन युवा अपने जननीय वर्ष में प्रवेश कर रहें है और ये बहुत जरुरी है कि जननीय स्वास्थ्य के मुख्य भाग की ओर उनका ध्यान दिलाया जाये। ये ध्यान देने योग्य है कि 1 जनवरी 2014 को विश्व जनसंख्या 7,137,661,1,030 तक पहुँच गयी। सच्चाई के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये ढ़ेर सारे क्रियाकलाप और कार्यक्रम के साथ सालाना विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की योजना बनायी जाती है।

वर्ल्ड पॉपुलेशन डे स्पीच इन हिंदी

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यद्यपि आपको इस कारण के बारे में पता होना चाहिए कि हमने क्यों यहां सबको इकट्ठा किया है लेकिन उन सभी के लिए जो अभी भी यहाँ मौजूद होने के बारे में सोच रहे हैं मैं जल्दी ही इस मीटिंग के उद्देश्य को आपके साथ साझा करूँगा। असल में हमें इस साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किए गए विश्व जनसंख्या दिवस के जश्न के लिए स्थानीय एजेंसियों से एक पत्र प्राप्त हुआ है। यह दिन हर साल 11 जुलाई को लोगों के अधिकारों के प्रचार के लिए मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है और साथ ही उन्हें अपने परिवार की बेहतर तरीके से योजना बनाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है। यह लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए घटनाओं, गतिविधियों और सूचनाओं का समर्थन करता है ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और अपने परिवार के बारे में उचित निर्णय ले सकें। हमारा संगठन पूरे शहर में उत्साहपूर्वक विश्व जनसंख्या दिवस का जश्न मनाने के लिए प्रसिद्ध है। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय और साथ ही राज्य सरकार ने हमें अपने अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और पारिवारिक नियोजन के बारे बात करने के लिए हमारी प्रशंसा की है। सौभाग्य से इस बार हमारे पास लोगों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों से अवगत कराने के अलावा व्यापक योजनाएं हैं। हम उन्हें उन कुछ बीमारियों के बारे में भी सूचित करेंगे जो आपके परिवार के गैर-नियोजन के कारण आक्रमण कर सकती हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में छोटी उम्र में लड़की का विवाह करना अभी भी प्रचलित है। लड़कियों की शादी करने के बाद से ही उनसे बच्चों को जन्म देने की उम्मीद की जाती है और अगर वे लड़की को जन्म देते हैं तो उनसे लड़के को जन्म देने की उम्मीद की जाती है। यह प्रयास उस समय तक चलता है जब तक वे एक लड़के को जन्म नहीं दे देती। दुर्भाग्य से हमारे देश में लिंग असमानता अभी भी एक प्रमुख मुद्दा है। लोगों को शायद ही कभी यह महसूस हो कि अगर एक नाबालिग़ लड़की गर्भवती हो गई तो उसे कई स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है और यह अंततः उसके अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है जिसे वह जन्म देने वाली है। कुपोषण ऐसी गर्भावस्था से उत्पन्न सबसे प्रमुख रोगों में से एक है।

World Population Day Speech in Marathi

7 व्या जागतिक लोकसंख्या दिन उत्सव आपले स्वागत आहे आपल्याला माहिती आहे त्याप्रमाणेच, दरवर्षी आम्ही उत्साही आणि नवीन थीमसह उत्साहात आहोत. 1 9 8 9 मध्ये, युनायटेड नेशन्स डेव्हलपमेंट प्रोग्रामच्या गव्हर्निंग कौन्सिलाने 11 जुलै रोजी जागतिक लोकसंख्या दिन साजरा करण्याची शिफारस केली होती.

आपण सर्वजण जाणता की प्रत्येक वर्षी आमच्या एनजीओ लोकसंख्येवर आधारित एक थीम निवडतात आणि त्याबद्दल जागरुकता निर्माण करण्याचा प्रयत्न करा. म्हणूनच या वर्षाची थीम लिंग समानता आणि मुलींचे संरक्षण करेल. आमची आस्थापना असल्याने आम्ही स्त्रीभ्रूण हत्येच्या विरोधात लढा देत होतो. मुलींचे मुलं तितक्याच महत्त्वाचे आहेत आणि कदाचित याहूनही अधिक महत्त्वाचे कारण संपूर्ण मानवजातीला त्यांच्या अस्तित्वाची जाणीव आहे आणि ते आपल्या समाजात सामाजिक संतुलन साधण्यास मदत करतात. काही वर्षांपूर्वी पुरुषांच्या तुलनेत स्त्रियांच्या संख्येत मोठी घट झाली होती. दहेजचा मृत्यु, स्त्रीभ्रूणहत्या करणे, बलात्कार, सक्तीचे निरक्षरता, लिंग-आधारित भेदभाव इत्यादीसारख्या स्त्रियांविरूद्ध गुन्ह्यांचा दर वाढल्यामुळे नेहमीच दडपण्यात आले आहे. मुला-मुलींचे गुणोत्तर समान करण्याच्या दृष्टीने, हे महत्वाचे आहे की लोक मुलीचे बचत करण्यास सुरवात करतात.

आम्ही ग्रामीण आणि अर्ध-शहरी भागामध्ये प्रवास करतो जेणेकरुन अशी प्रकरणे ओळखता येतील जेथे महिला दुर्दैवाने आपल्या समाजात वाईट शक्तींचा बळी ठरतात. स्त्रियांच्या तस्करी, कौटुंबिक हिंसा, सक्तीचे वेश्याव्यवसाय आणि स्त्रीभ्रूणहत्या स्त्रियांच्या सुरक्षेसाठी गंभीर धोक्यात आहेत. म्हणूनच, ज्या स्त्रिया वंचित परिस्थितीत राहत आहेत अशा स्त्रियांना शक्य तेवढे सहाय्य करतात जेणेकरून ते स्वतःला या अमानुष परिस्थितीतून मुक्त करू शकतील. आम्ही सरकारद्वारे लैंगिक समानता, स्त्रियांच्या घरगुती हिंसा कायदा 2005, योग्य शिक्षण, बालहत्यांचा प्रतिबंध, अनैतिक वाहतूक (प्रतिबंध) कायदा इत्यादी विविध कायदे अंमलबजावणी करण्याचा प्रयत्न करतो. समाज

11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस पर स्पीच 2018

Debate on world population day

Respected Teachers, Honorable Judges, and all my dear friends Good Morning Everyone. Thank you for allowing me to speak here. Today we will talk about World Population Day (11 July). Population crisis is a huge problem prevailing across the globe since many years. The Population of the whole world is increasing rapidly. Though World Population issues have been tried to be reduced by controlling the same, there seems to a real trouble in controlling it. The 7 billion head count on the globe is not a problem that can be ignored. Countries like India are a point of huge concern. China has controlled its population by the last two decades. In 2011 the population percentage of Muslims was 14% and by 2021 it will turn to 21 or 22%. Long back in 1989, the same issue was enumerated by the Governing Council of The United National Development Programme took forward an action and “World Population Day” was set off thereby. World Population Day is ideally an awareness programme declared to be observed on 11th of July every year. World Population Day insists the importance of having small families and knowing the need of population control to create a better tomorrow. Campaigns on a healthy life, reproductive health and population issues will be organized on this day. While the World Population day brings in awareness, on the other hand, it carries a theme every year. 2015 World Population Day focuses on rights and needs of women and girls through the theme “Vulnerable Populations in Emergencies”. The theme tries to preserve the dignity of women and girls, securing their safety and their access to reproductive health care. In India, “World Population Day” message and theme was to be spread through “Walkathon towards Population Stabilization”. This Walkathon was organized by JSK (Jansankhya Sthirata Kosh) to gain the attention of media and by this means to create awareness on the impacts of population explosion and therefore bring out Population Stabilization throughout the world. Thank You.

World Population Day Speech in Gujarati

7 મી વર્લ્ડ પોપ્યુલેશન ડેની ઉજવણીમાં આપનું સ્વાગત છે. જેમ તમે જાણો છો, દર વર્ષે આપણે સમાન ઉત્સાહ અને નવી થીમ સાથે આ દિવસ ઉજવણી કરીએ છીએ. 1989 માં, યુનાઈટેડ નેશન્સ ડેવલપમેન્ટ પ્રોગ્રામની ગવર્નિંગ કાઉન્સિલે વસ્તી સંબંધિત મુદ્દાઓની મહત્વ અને તાકીદને પ્રકાશિત કરવાના ઉદ્દેશ સાથે 11 મી જુલાઇએ વિશ્વ વસતી દિવસની ઉજવણી કરવાની ભલામણ કરી હતી.

જેમ તમે બધા જાણો છો કે દર વર્ષે અમારા એનજીઓ વસ્તી પર આધારિત થીમ પસંદ કરે છે અને તે વિશે જાગૃતિ લાવવાનો પ્રયાસ કરો. તેથી આ વર્ષની થીમ જાતિ સમાનતા અને છોકરીનું રક્ષણ કરશે. અમારી સ્થાપનાથી, અમે સ્ત્રી ભ્રૂણ હત્યા સામે લડતા છીએ. છોકરાઓ એ છોકરાઓની જેમ અને કદાચ વધુ મહત્વનું છે કારણ કે સમગ્ર માનવતા તેમના અસ્તિત્વને બાકી છે અને તેઓ આપણા સમાજમાં સામાજિક સંતુલનને હડતાલ કરવા માટે મદદ કરે છે. પુરૂષોની તુલનામાં સ્ત્રીઓની સંખ્યામાં ઘણો ઘટાડો થયો હતો, થોડા વર્ષો પહેલા. દહેજની મોત, સ્ત્રી ભ્રૂણહત્યા, બળાત્કાર, ફરજ પડી નિરક્ષરતા, લિંગ આધારિત ભેદભાવ વગેરે જેવી સ્ત્રીઓ સામે ગુનાખોરીના દરમાં વધારો થવાને કારણે મહિલાઓ હંમેશા દબાવી દેવામાં આવી છે. છોકરા-છોકરીના ગુણોત્તરને સરખાવવા માટે, તે મહત્વનું છે કે લોકો બાળકને બચાવવા શરૂ કરે છે.

અમે આવા કિસ્સાઓ ઓળખવા માટે ગ્રામીણ અને અર્ધ-શહેરી વિસ્તારોમાં મુસાફરી કરીએ છીએ જ્યાં મહિલાઓ કમનસીબે આપણા સમાજમાં દુષ્ટ બળોના ભોગ બને છે. મહિલા વેપાર, ઘરેલું હિંસા, ફરજિયાત વેશ્યાગીરી અને સ્ત્રી ભ્રૂણહત્યા મહિલાઓની સલામતી માટે ગંભીર જોખમ બની ગઇ છે. તેથી, અમે વંચિત પરિસ્થિતિઓ હેઠળ જીવેલા સ્ત્રીઓને શક્ય સહાય પૂરી પાડવાનો પ્રયાસ કરીએ છીએ જેથી તેઓ પોતાને આ અમાનવીય પરિસ્થિતિઓથી મુક્ત કરી શકે. અમે તેમને સરકાર દ્વારા અમલમાં આવતાં વિવિધ કૃત્યો જેમ કે જાતિ સમાનતા, ઘરેલુ હિંસા અધિનિયમ 2005, યોગ્ય શિક્ષણ, સ્ત્રી બાળહત્યા પર પ્રતિબંધ, અનૈતિક ટ્રાફિક (નિવારણ) અધિનિયમ, વગેરેના રક્ષણ માટે તેમને પરિચિત બનાવવાનો પ્રયત્ન પણ કરીએ છીએ. સમાજ.

World Population Day Speech in Malayalam

7-ാം ലോക ജനസംഖ്യാ ദിനത്തിൻറെ ആഘോഷത്തിലേക്ക് സ്വാഗതം. നിങ്ങൾക്ക് അറിയാവുന്നതുപോലെ, ഓരോ വർഷവും ഞങ്ങൾ സമാനമായ ആവേശവും പുതിയ തീമഹാസവും ആഘോഷിക്കുന്നു. 1989-ൽ ഐക്യരാഷ്ട്ര വികസന പരിപാടിയുടെ ഭരണസംവിധാന സമിതി ജനസംഖ്യാ സംബന്ധമായ പ്രശ്നങ്ങളിൽ പ്രാധാന്യം നൽകിക്കൊണ്ട് ജനാധിപത്യ ദിനാചരണം ജൂലൈ 11 ന് ആഘോഷിച്ചു.

എല്ലാ വർഷവും നമ്മുടെ എൻജിഒ ജനസംഖ്യാടിസ്ഥാനത്തിലുള്ള ഒരു തീം തിരഞ്ഞെടുക്കുകയും അത് സംബന്ധിച്ച് അവബോധം സൃഷ്ടിക്കാൻ ശ്രമിക്കുകയും ചെയ്യുമെന്ന് നിങ്ങൾക്ക് അറിയാം. ഈ വർഷത്തെ തീം ലിംഗ സമത്വവും പെൺകുട്ടിയുടെ സംരക്ഷണവും ആയിരിക്കും. നമ്മുടെ സ്ഥാപനം മുതൽ, നമ്മൾ പെൺ ഭ്രൂണഹത്യയ്ക്കെതിരേ പോരാടുകയാണ്. പെൺകുട്ടികൾ ആൺകുട്ടികളുടേതുപോലും ഒരുപോലെ പ്രാധാന്യമർഹിക്കുന്നു. കാരണം, മുഴു മനുഷ്യവർഗ്ഗവും അവരുടെ നിലനിൽപ്പിന് കടപ്പെട്ടിരിക്കുന്നതിനാൽ അവർ സമൂഹത്തിൽ ഒരു സാമൂഹിക ബാലൻസ് നിർത്താൻ സഹായിക്കുന്നു. സ്ത്രീകളെ അപേക്ഷിച്ച് വളരെ കുറവ് സ്ത്രീകളായിരുന്നു. സ്ത്രീധന മരണങ്ങൾ, സ്ത്രീ ഭ്രൂണഹത്യ, ബലാത്സംഗം, നിർബന്ധിത നിരക്ഷരത, ലിംഗഭേദം അടിസ്ഥാനത്തിലുള്ള വിവേചനങ്ങൾ മുതലായവ സ്ത്രീകൾക്കെതിരായ കുറ്റകൃത്യ നിരക്ക് വർദ്ധിച്ചതിനാൽ എല്ലായ്പ്പോഴും അടിച്ചമർത്തപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. ആൺകുട്ടികളുടെ അനുപാതം തുല്യമാക്കുന്നതിന് പെൺകുട്ടി കുഞ്ഞിനെ സംരക്ഷിക്കാൻ തുടങ്ങും.

നമ്മുടെ സമൂഹത്തിലെ ദുർബല ശക്തികളുടെ ഇരകളായ സ്ത്രീകളെ അത്തരം സാഹചര്യങ്ങളിൽ തിരിച്ചറിയുന്നതിനായി ഗ്രാമീണ, അർധനഗര മേഖലകളിൽ ഞങ്ങൾ സഞ്ചരിക്കുന്നു. സ്ത്രീകളെ കടത്തൽ, ഗാർഹിക അതിക്രമങ്ങൾ, നിർബന്ധിത വേശ്യാവൃത്തി, പെൺ ഭ്രൂണഹത്യ എന്നിവ സ്ത്രീകളുടെ സുരക്ഷയ്ക്കായി ഗുരുതരമായ ഭീഷണി ഉയർത്തുന്നു. അതുകൊണ്ട്, ദുർബലമായ സാഹചര്യങ്ങളിൽ ജീവിക്കുന്ന സ്ത്രീകൾക്ക് ഈ മനുഷ്യത്വരഹിതമായ സാഹചര്യങ്ങളിൽ നിന്നും തങ്ങളെ മോചിപ്പിക്കുവാൻ കഴിയുമെന്ന് ഞങ്ങൾ ശ്രമിക്കുന്നു. 2005 ലെ ഗാർഹിക അതിക്രമങ്ങൾ, സ്ത്രീകൾക്ക് സംരക്ഷണം, വനിതാ ശിശുഹത്യ നിരോധനം, അധാർമിക ട്രാഫിക് (പ്രിവൻഷൻ) നിയമം മുതലായവയിൽ നിന്നും സംരക്ഷിക്കുന്നതിനായി ഗവൺമെൻറ് നടപ്പിലാക്കിയ വിവിധ പ്രവൃത്തികളെക്കുറിച്ച് അവരെ ബോധവാനായി ശ്രമിക്കുന്നു. സമൂഹം.

World Population Day Speech in English

Welcome to the celebration of 7th World Population Day. As you know, like every year we are celebrating this day with equal enthusiasm and new theme. In 1989, the Governing Council of United Nations Development Programme recommended to celebrate World Population Day on 11th July with the objective to highlight the importance and urgency to population related issues. As you all know that every year our NGO selects a theme based on population and try to create awareness about the same. So this year’s theme would be gender equality and protection of girl child. Since our establishment, we have been fighting against female foeticide. Girls are equally important as that of boys and perhaps even more because the entire humanity owes its existence to them and they help strike a social balance in our society. There was a great reduction in the number of women compared to men, till few years ago. Due to an increase in crimes rate against women such as dowry deaths, female foeticide, rape, forced illiteracy, gender-based discrimination, etc women have always been suppressed. In order to equalize the boy-girl ratio, it is important that people start saving the girl child. We travel in rural and semi-urban areas in order to identify such cases where women unfortunately become the victims of evil forces in our society. Female trafficking, domestic violence, forced prostitution and female foeticide have become serious threats for the safety of women. Therefore, we try to provide possible assistance to women who are living under deprived conditions so that they can liberate themselves from these inhuman conditions. We also try to make them aware of various acts implemented by the government such as gender equality, protection of women from domestic violence act 2005, proper education, ban of female infanticide, immoral traffic (prevention) act, etc in order to protect them in the society.

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World Population Day in Hindi | सम्पूर्ण जानकारी विश्व जनसंख्या दिवस के बारे में

World population day in hindi.

विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day in Hindi) भारत के लिए एक अहम दिन है क्यूंकि जनसंख्या भारत के लिए अहम चुनौती आंकड़ों की मानें तो केवल भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं, ये वो आंकड़ा है जो कि अस्पतालों में दर्ज है लेकिन भारत में अभी भी बहुत सारे बच्चे अस्पताल में पैदा नहीं होते हैं इसलिए उनका आंकड़ा कहीं पर मौजूद नहीं है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर भारत ने अपनी तेजी से बढ़ रही जनसंख्या की दर कम करने के लिए जल्दी कुछ ठोस कदम नहीं उठाए तो 2030 तक वह विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला देश कहलाएगा।

कब मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस ? (When is World Population day Celebrated)

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है |

विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है ?( Why is World population day Celebrated)

  • इस दिन को मनाने के पीछे कारण ,हर सेकंड बढ़ रही आबादी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचना है।

पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया गया था ? 

  • इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की शासी परिषद द्वारा पहली बार 1989 में तब हुई जब आबादी का आंकड़ा करीब पांच बिलियन के आस-पास पहुंच गया था।
  • संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल के फैसले के अनुसार, वर्ष 1989 में विकास कार्यक्रम में,  विश्व स्तर पर समुदाय की सिफारिश के द्वारा यह तय किया गया कि हर साल 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का मकसद क्या है ?

  • इस दिन के जरिए लोगों का ध्यान प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी दिलाना है
  • अवांछित गर्भधारण से बचने के लिए शिक्षित करना
  • युवाओं को उचित उपायों का उपयोग करके अवांछित गर्भधारण से बचने के लिए शिक्षित करना।
  • सुरक्षित यौन संबंधों के प्रति लोगों को प्रेरित करना।
  • अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह समझने के काबिल होने तक शादी को रोकना तथा लैंगिकता संबंधी पूरी जानकारी देना।
  • जन्म के खतरे के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना प्रारंभिक जन्म के खतरे के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना।
  • लोगों को गर्भधारण संबंधी बीमारियों के बारे में शिक्षित करना।
  • कन्या भ्रूण हत्या से रोकना।
  • विभिन्न इंफेक्शन से बचने के लिये यौन संबंधों के द्वारा फैलने वाली बीमारियों के बारे में उनको बताना चाहिये।
  • हर जगह प्रजनन स्वास्थ्य सेवायें आसानी से पहुंच सकें।
  • ये लड़का और लड़की दोनों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिये मनाया जाता है।
  • समाज से लैंगिकता संबंधी रुढ़िवादिता को हटाने के लिये लोगों को शिक्षित करना है।
  • समय से पहले माँ बनने के खतरे को लेकर लोगों को शिक्षित करें।
  • पूरे विश्व में लोगों द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई, 2018 बुधवार को मनाया जायेगा।

विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाया जाता है?(How is World Population Day Celebrated)

  • सेमिनार, चर्चा, शैक्षिक प्रतियोगिता, शैक्षणिक जानकारी सत्र, निबंध लेखन प्रतियोगिता, विभिन्न विषयों पर लोक प्रतियोगिता, पोस्टर वितरण, गायन, खेल क्रियाएँ, भाषण, कविता, चित्रकारी, नारें, विषय और संदेश वितरण, कार्यशाला, लेक्चर, बहस, गोलमोज चर्चा, प्रेस कॉन्प्रेंस के द्वारा खबर फैलाना, टीवी और न्यूज चैनल, रेडियो और टीवी पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रम आदि कुछ क्रियाएँ इसमें शामिल हैं। कॉन्प्रेंस, शोधकार्य, सभाएँ, प्रोजेक्ट विश्लेषण आदि को आयोजित करने के द्वारा जनसंख्या मुद्दों का समाधान करने के लिये विभिन्न स्वास्थ्य संगठन और जनसंख्या विभाग एक साथ कार्य करते हैं।

विश्व जनसंख्या दिवस का थीम

  • 2015 का थीम था “आपातकाल में अतिसंवेदनशील जनसंख्या”।
  • 2014 का थीम था “जनसंख्या प्रचलन और संबंधित मुद्दे पर चिंता के लिये एक
  • समय” और “युवा लोगों में निवेश करना”।
  • 2013 का थीम था “किशोर पन में गर्भावस्था पर ध्यान”।
  • 2012 का थीम था “जननीय स्वास्थ्य सेवा के लिये विश्वव्यापी पहुँच”।
  • 2011 का थीम था “7 बिलीयन कार्य”।
  • 2010 का थीम था “जोड़े जाओ: कहो क्या चाहिये तुम्हे”।
  • 2009 का थीम था “गरीबा से लड़ो: लड़कियों को शिक्षित करो”।
  • 2008 का थीम था “अपना परिवार नियोजन करो: भविष्य नियोजन करो”।
  • 2007 का थीम था “मनुष्य कार्य पर है”।
  • 2006 का थीम था “युवा होना कठिन है”।
  • 2005 का थीम था “समानता से सशक्तिकरण”।
  • 2004 का थीम था “10 पर आईसीपीडी”।
  • 2003 का थीम था “1,000,000,000 किशोरवस्था”।
  • 2002 का थीम था “गरीबी, जनसंख्या और विकास”
  • 2001 का थीम था “जनसंख्या, पर्यावरण और विकास”।
  • 2000 का थीम था “महिलाओं का जीवन बचाना”।
  • 1999 का थीम था “6 बिलीयन के दिन से गिनना शुरु करें”।
  • 1998 का थीम था “आनेवाला 6 बिलीयन”
  • 1997 का थीम था “किशोर जननी स्वास्थ्य देख-रेख”।
  • 1996 का थीम था “जननीय स्वास्थ्य और एड्स”।

विश्व जनसंख्या दिवस पर सुविचार

  • “जनसंख्या, जब अनियंत्रित होती है, एक ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है”।– थॉमस मालथुस
  • “आप शक्ति के द्वारा जनसंख्या को रोक नहीं सकते बल्कि इसे खर्च के द्वारा ध्यान हटाया जा सकता है”।– नोआम चोमस्की
  • “जब परिवार छोटा होता है, चाहे जितना भी कम उनके पास है वो उसे बाँटने में सक्षम है, वहाँ शांति है”।– फिलीफ निजुंगा
  • “मानव अधिकार के निरंतर उल्लंघन और मृत्यु, साथ ही मानवतावादी संकट के परिणामों से, चाहे वो प्राकृतिक या इंसानी हो से अपनी जनसंख्या को बचाने का पहला कर्तव्य राज्य का है”।– पोप बेन्डिक्ट् 16वें
  • “जनसंख्या वृद्धि और खर्च में वृद्धि की जोड़ी एक खतरा है कि हमलोग तैयार नहीं है उसके लिये और कोई चीज हमें वैश्विक सहयोग में जरुरत होगी”।– मॉरिस स्ट्राँग
  • “एक बार ये जरुरी था कि लोगों को जनसंख्या वृद्धि करना चाहिये और अस्तित्व में रहने के लिये अगर प्रजाति लाभदायक हों। लेकिन अब प्रजाति का संरक्षण करने के लिये ये जरुरी है कि प्रजनन की शक्ति वापस ली जाये”।– हेलेन केलर

Best Question and Answers From Quora about World Population Day

Question 1 – What are the problems which we need to face if the world population increases day by day?

Best Answer – 

  • There are many problems due to human overpopulation.
  • Insufficient water for drinking and sewage treatment. The availability of fresh water is limited in the planet. With more population, its availability is more scarce.
  • Depletion of natural resources – forests, trees, minerals, oil, gas etc.
  • Increase in many types of pollution – water, air, noise and soil pollution.
  • Global warming due to ways of living of the people.
  • Animals extinction or significant reduction in their numbers.
  • Unhygienic living condition due to excessive resource consumption.
  • Impact on social situation of the population – increased crime rate, conflicts due to scarcity of resources.
  • Political disputes between countries due to clash for resources.
  • In the middle east, there have been conflicts and even wars due to lack of resources – water.

Question 2 -Is there any point in individuals being “green” when the world population grows by ~200,000 every day?

  • Yes there is absolutely purpose and impact by making sustainable choices as an individual.
  • First, the impacts we as human have on our ecosystem, weather good or bad, are nothing more than the aggregate of the choices we all make as individual humans in our day-to-day lives at home, work, and within organizations we belong.  So if we as individuals choose poorly, we are directly contributing to making our collective impacts worse – if we choose thoughtfully we are directly contributing to making an improvement.  Just because we are one of 5 billion does not mean we are exempt from our share of the impact.
  • Secondly – the choices we make have ripple effects.  We teach our kids, we influence our friends and family, we set examples in our social groups and communities based on what we choose to do and how we choose to live.  That is true whether you choose poorly or thoughtfully.
  • Most importantly, living in line with your values and level of awareness is a way of being that brings a higher quality of life.  You are aware of the negative impacts of some things.  For you to choose to not incorporate that knowledge in the choices you make in your day to day life brings cognitive dissonance.  Choosing to live in line with your values and awareness may not always be easy, but it does bring about a high sense of living life with a true integrity and ultimately that brings more joy.

#World Population Day in Hindi

यह भी पढ़ें –

  • हिंदी स्टेनोग्राफी फ्री ई-बुक | Stenography in Hindi ebook
  • PDF Trigonometry- 73 Important Questions For SSC CGL with Solution in Hindi – PDF Download
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  • ताजमहल से सम्बंधित कुछ प्रचिलित कथायें – Interesting Facts
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Speech on World Population Day for Students and Children

Speech on world population day.

Speech on World Population Day – The World Population Day is a United Nations initiative that the entire world celebrates on the 11th of July every year. Furthermore, the aim of this day is to create awareness about the exploding world population and the importance of reproductive health.

Speech on World Population Day

Moreover, the increasing population is a major concern in countries like Indian and China. In 2018, World Population Day observes the theme “Family planning is a human right”.

History of World Population Day

This day was first celebrated in the year 1989. Moreover, the Governing Council of the United Nations’ Development Program initiated it because of the population toll in the year 1987. At that time, the population of the world has already crossed 5 billion mark and due to which the exploding world population has certainly become a serious cause of concern for the whole world.

Thus, the UN initiated this program to combat the issue of the growing population and raise awareness among the public about the same. Most noteworthy, on a vast scale World Population Day focuses on the need and importance of controlling the increasing population of the world.

However, the World Population Day 2018 emphases on the importance of family planning. In 2018, the program has the slogan “Family planning is a human right”. In addition, for the first time, it gives a response to 50-year-old legislation that says that if they want then women and girls can refuse to have multiple pregnancies placed too close.

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Importance of World Population Day 2019

In 2019, the primary aim of this initiative is to increase awareness about reproductive health problems among the people. Moreover, this is because of the fact that a large number of pregnant women yield to poor reproductive health.

According to researches, every day 800 women die during the process of birthing a baby. Hence, the primary aim and importance of this day are to get more and more people to know how to boost their reproductive health. Also, it pays attention to the importance of family planning.

Most noteworthy, World Population Day is the celebration of awareness. It is the one that tries to get people to know and learn about population issues. Besides, population issues include things like human rights, family planning, right to health, gender equality, baby’s health, child marriage, sex education, use of contraceptives, knowledge about sexually Transmitted Diseases (STDs), etc.

Moreover, issues relating to the sexuality of an individual needs to be addressed between the age of 15-19 years. This is important because 15 million pregnancies in the world take place in women of this age group.

Also, 4 million out of 15 million end in abortion due to pregnancy complications or other reproductive health-related issues.

Objectives of World Population Day

The world celebrates World Population Day to empower both young girls and boys. Also, it educates them about reasonable and youth-friendly techniques for avoiding unwanted pregnancies at a young age.

Moreover, it ensures access to primary education for both girls and boys. This will remove gender stereotypes from society. Is also teaches people how to prevent sexually transmitted diseases or infections.

Furthermore, it ensures easy access to reproductive health care services to every couple. In addition, it demands certain laws for protecting the rights of a girl child.

Most noteworthy, it offers knowledge about sexuality. And continues delaying marriages until one is able to understand the responsibilities which come along with it.

In conclusion, the primary aim of World Population Day is to create awareness about reproduction-related issues. Also, it empowers the young generation by making them aware of sex education and many more things.

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Speech for Students

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