आइज़क न्यूटन पर निबंध (Essay on Isaac Newton in Hindi)

आइजैक न्यूटन, एक ऐसा नाम जो विज्ञान और खोज के सार को प्रतिबिंबित करता है, मानव समझ के इतिहास में एक उल्लेखनीय व्यक्ति था। भौतिकी, गणित और खगोल विज्ञान में उनके अभूतपूर्व योगदान ने विज्ञान की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी, 1643 को इंग्लैंड के वूलस्टोर्प में एक छोटे से गाँव में हुआ था, जहाँ उनके परिवार का एक खेत था। उनके पिता एक किसान थे और आइजैक न्यूटन के जन्म से तीन महीने पहले ही उनका निधन हो गया था। युवा आइजैक के प्रारंभिक वर्ष कठिनाइयों से भरे हुए थे, क्योंकि उनकी माँ, हन्ना ऐसकॉफ़ न्यूटन, को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।

न्यूटन ने ग्रांथम में स्थानीय किंग्स स्कूल में दाखिला लिया, जहां उन्होंने सीखने के लिए असाधारण योग्यता प्रदर्शित की। जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि, उनमें अतृप्त जिज्ञासा और वैज्ञानिक जाँच की आदत थी। 18 साल की उम्र में, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में अध्ययन करने के लिए अपना गृहनगर छोड़ दिया, जहां उन्होंने एक ऐसी यात्रा शुरू की जिसने वैज्ञानिक इतिहास के पाठ्यक्रम को आकार दिया।

गति के नियम

विज्ञान में न्यूटन के सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक गति के तीन नियमों का प्रतिपादन है। 1687 में, उन्होंने अपना मौलिक काम, “फिलोसोफी नेचुरलिस प्रिंसिपिया मैथमेटिका” प्रकाशित किया, जिसे आमतौर पर प्रिंसिपिया के नाम से जाना जाता है। इस अभूतपूर्व पाठ में, उन्होंने वस्तुओं की गति को नियंत्रित करने वाले मूलभूत सिद्धांत बताए।

पहला नियम, जिसे अक्सर जड़त्व का नियम कहा जाता है, कहता है कि आराम की स्थिति में एक वस्तु आराम में ही रहती है, और गति में एक वस्तु गति में ही रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए। इस नियम ने गति की हमारी समझ में क्रांति ला दी और यांत्रिकी के अध्ययन की नींव रखी।

दूसरा नियम किसी वस्तु पर लगाए गए बल को उसके त्वरण और द्रव्यमान से संबंधित करता है। इसे समीकरण F = ma द्वारा सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया है, जहां F बल का प्रतिनिधित्व करता है, m द्रव्यमान है और a त्वरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह समीकरण आधुनिक भौतिकी और इंजीनियरिंग का आधार बनता है, जो हमें वस्तुओं पर बलों के प्रभाव की गणना करने की अनुमति देता है।

तीसरा नियम, जिसे अक्सर “प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है” के रूप में संक्षेपित किया जाता है, यह बताता है कि वस्तुओं के बीच बातचीत के परिणामस्वरूप बलों का आदान-प्रदान कैसे होता है। यह नियम हमारी समझ के लिए मौलिक है कि, भौतिक दुनिया में वस्तुएं कैसे चलती हैं और कैसे बातचीत करती हैं।

गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत और गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम

न्यूटन की प्रतिभा गति के दायरे से परे तक फैली हुई थी। 1665 में, बुबोनिक प्लेग के कारण अलगाव की अवधि के दौरान, उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की प्रकृति पर विचार करना शुरू किया। गिरते सेबों और आकाशीय पिंडों की गति के उनके अवलोकन ने उन्हें गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम को तैयार करने के लिए प्रेरित किया।

गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम कहता है कि, प्रत्येक द्रव्यमान प्रत्येक दूसरे द्रव्यमान को उनके द्रव्यमान के उत्पाद के आनुपातिक और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती बल से आकर्षित करता है। इस नियम ने हमारे सौर मंडल में ग्रहों, चंद्रमाओं और अन्य खगोलीय पिंडों की गति के लिए एक व्यापक व्याख्या प्रदान की।

प्रकाशिकी और प्रकाश की प्रकृति

विज्ञान में न्यूटन का योगदान यांत्रिकी और खगोल विज्ञान तक ही सीमित नहीं था; उन्होंने प्रकाशिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की। 1704 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “ऑप्टिक्स” में उन्होंने प्रकाश और रंग की प्रकृति की खोज की।

प्रिज्म के साथ प्रयोगों की एक श्रृंखला के माध्यम से, न्यूटन ने प्रदर्शित किया कि सफेद रोशनी रंगों के एक स्पेक्ट्रम से बनी होती है। उन्होंने इस घटना का वर्णन करने के लिए प्रसिद्ध रूप से “स्पेक्ट्रम” शब्द गढ़ा। प्रकाश के फैलाव पर उनके काम ने प्रकाशिकी और रंग सिद्धांत की हमारी आधुनिक समझ का मार्ग प्रशस्त किया।

विरासत और प्रभाव

विज्ञान की दुनिया में आइजैक न्यूटन की विरासत अतुलनीय है। उनके गति के नियमों और गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम ने शास्त्रीय यांत्रिकी की नींव रखी, जिससे भौतिक दुनिया को समझने के हमारे तरीके में क्रांति आ गई। इंजीनियरिंग से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक के क्षेत्रों में ये सिद्धांत आवश्यक बने हुए हैं।

प्रकाशिकी में न्यूटन के काम ने कैमरे, दूरबीन और सूक्ष्मदर्शी जैसी प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रभावित किया। प्रकाश की प्रकृति के बारे में उनकी गहन अंतर्दृष्टि विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम और विभिन्न उद्योगों में इसके अनुप्रयोगों के बारे में हमारी समझ को आकार देती रहती है।

अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों से परे, न्यूटन का जीवन दृढ़ संकल्प और बौद्धिक जिज्ञासा की शक्ति का उदाहरण है। एक साधारण परवरिश से लेकर इतिहास के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक बनने तक की उनकी यात्रा दुनिया भर के अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का काम करती है।

आइजैक न्यूटन का जीवन और कार्य मानव मस्तिष्क की असाधारण क्षमता के प्रमाण के रूप में खड़ा है; इसलिए विज्ञान में उनके योगदान ने भौतिक ब्रह्मांड की हमारी समझ पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

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इसहाक न्यूटन पर निबंध | Essay on Isaac Newton in Hindi

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इसहाक न्यूटन पर निबंध | Essay on Isaac Newton in Hindi Language!

1. प्रस्तावना

2. जन्म परिचय व उपलब्धियां

ADVERTISEMENTS:

1. प्रस्तावना:

सर आइजक न्यूटन ने 3 क्रांतिकारी खोजें कीं, जिनमें प्रकाश सम्बन्धी नियम, द्रव्य स्थिति व गुरुत्वाकर्षण, डिफरेंशियल कैल्कुलस हैं । उन्होने जो प्रमुख सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था, उसे गुरुत्वाकर्षण कहा जाता है ।

गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त के अनुसार विश्व की समस्त प्रकृतिक शक्तियां-सूर्य, पृथ्वी, ग्रह, नक्षत्र, तारे-स्थिर और गतिमान रहते हैं । इस महान खोज के लिए तथा खगोल विज्ञान से सम्बन्धी उनकी खोजों के लिए न्यूटन हमेशा जाने जाते रहेंगे ।

2. जन्म परिचय व उपलब्धियां:

न्यूटन का जन्म लिंकनशायन के निकट श्लथोप में 25 दिसम्बर, 1642 को हुआ था । उनके पिता हन्नाह न्यूटन एक मामूली किसान थे, जो न्यूटन के जन्म से दो माह पूर्व ही चल बसे थे । जब न्यूटन की अवस्था 3 वर्ष थी, तो उनकी माता ने गरीबी और मजबूरी के कारण दूसरा विवाह कर लिया और न्यूटन को उनकी दादी की देखरेख में छोड्‌कर नये पादरी पति के साथ चली गयी ।

दादी के लाड-प्यार में बड़े हुए न्यूटन का मन पढ़ाई में नहीं लगता था । उन्हें तो फूलों-पत्तों को एकत्र करने, मशीनों के कलपुर्जो की जानकारी पाने में आनन्द बता था । शरीर से कमजोर होने के कारण उनके मन में हीनता की भावना पैदा हो गयी थी ।

पादरी पति की मृत्यु होने पर न्यूटन की मां ने उन्हें खेती करने के लिए अपने पास बुलवा लिया । न्यूटन का खोजी मन खेती बजाय गणित और अन्य आविष्कारों में लगा रहता था । आइजक के मामा ने जब उनकी यह दशा देखी, तो उसने अपनी बहिन से सहमति लेकर उन्हें फूल में भरती करवा दिया ।

मां के एक परिचित क्लार्क दम्पत्ति के साथ रहते हुए न्यूटन ने 5 जून 1661 को मैट्रिक उत्तीर्ण करने के उपरान्त कैम्तिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिला ले लिया । 1665 बी॰ए॰ की उपाधि प्राप्त

की । उनके गणित के प्राध्यापक मिस्टर बैरी ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया ।

न्यूटन ने बाइनोमिनल प्रमेय की खोज 1666 में की । वक्र रेखाओं तथा ठोस पदार्थो से सम्बन्धित कछ नियमों का उद्‌घाटन किया । प्लेग और महामारी के फैलने से न्यूटन विश्वविद्यालय छोड़कर गांव आ गये । एक दिन बाग में खाली बैठे-बैठे न्यूटन कुछ सोच रहे थे, तभी सेब के वृक्ष से एक सेब उनके सिर पर आ गिरा ।

इसे उठाकर वे सोचने लगे कि यह सेब नीचे ही क्यों गिरा ? ऊपर की ओर क्यों नहीं गया ? न्यूटन की इस बात को किसी ने गम्भीरता से नहीं लिया । उन्होंने यह बात अपनी भतीजी केथरिन को बतायी और यह भी बताया पृथ्वी उसे खींच रही है ।

पृथ्वी ही नहीं सूर्य, चांद तारों में मी यह शक्ति होती होगी ? लगातार सोचते हुए न्यूटन ने सूर्य के चारों ओर निश्चित धुरी पर चक्कर लगाने वाले ग्रहों के सरबन्ध में गुरुत्वाकर्षण के नियम को प्रतिपादित कर दिखाया ।

उन्होंने एक रस्सी में गेंद बांधकर गोल-गोल घुमाया । बॉल के दूरी पर गिरते ही उन्होंने पृथ्वी की चन्द्रमा से दूरी का उघकलन किया । यह बताया कि दो वस्तुओं के बीच दूरी के वर्ग के उलट अनुपात में गुरात्वाकर्षण बल होता है । समुद्र में उठने वाला ज्वार और लहरें मी सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्चाकर्षण से आते हैं ।

सन् 1667 को न्यूटन कैरिज वापस आ पहुंचे । प्रोफेसर बैरो के अवकाश ग्रहण करने के उपरान्त 26 वर्ष की अवस्था में वे वहां के प्रोफेसर नियुक्त हुए । न्यूटन को दूरबीन से तारे देखने में काफी रुचि थी । वे चाहते थे कि ऐसी दूरबीन का निर्माण करें जो अत्यन्त बारीकी से सटीक अध्ययन कर सकेरे । इसी विचार से उन्होंने शीशों के लेंसों को बार-बार घिसा और उन्हें विभिन्न आकारों में ढाला ।

उन्होंने एक नयी दूरबीन तैयार की थी, जिसे रिपलेक्टिंग टेलीस्कोप कहा । इसमें प्रकाश को लैस के बजाय शीशे के द्वारा एकत्रित किया गया । उनके इस आविष्कार की चर्चा रॉयल सोसाइटी तक जा पहुंची थी । इस सोसाइटी द्वारा वे फैलो चुने जा चुके थे ।

न्यूटन ने प्रिज्य की तरह लैस के किनारों को प्रयुक्त किया था, जिससे सफेद प्रकाश की सामान्य किरणें अनेक रंगों में बदल जाती थीं । ऐसे में परेशान होकर उन्होंने रंगों की उत्पत्ति का कारण ढूंढा । उन्हें ज्ञात हुआ कि सामान्य प्रकाश की किरणें जब एक ब्रिज से होकर गुजरती हैं, तो वे सात रंगों में बंटकर अलग-अलग दिखाई पड़ती हैं ।

इन रंगीन किरणों को उन्होंने दूसरे प्रिज्मों से निकलने दिया, तो पाया कि रंगों की किरणों का पद थोड़ा बदलता है, पर कोई नया रंग नहीं निकलता । उन्होंने साबित किया कि सफेद प्रकाश वस्तुत: सात रंगों का मिश्रण है । सभी रंग अलग-अलग हैं । मौलिक हैं, मिश्रण नहीं ।

इन्द्रधनुष का कारण भी सरल भाषा में समझाया । न्यूटन द्वारा तैयार की गयी दूरबीन-जो 9 इंच लम्बी, 2 इंच शीशे से बनी थी अत्यन्त लोकप्रिय हुई । न्यूटन के सिद्धान्तों पर काफी बहसें हुईं, किन्तु न्यूटन ने सभी को सप्रमाण साबित कर दिखाया ।

उनकी इस विधि का नाम विज्ञान विधि भी पड़ा । न्यूटन ने यह भी पता लगाया कि ज्वलनशील पदार्थ की किरणें 1 लाख 86 हजार मील प्रति सैकण्ड की गति से खाली स्थान में चलती हैं । प्रकाश की किरणें पारदर्शी माध्यम से गुजरते समय परावर्तित हो जाती हैं, जो आपार करती हैं, उनका पथ बदल जाता है ।

सन 1684 तक न्यूटन ने अपने सारे सिद्धान्तों का प्रमाण प्रस्तुत कर दिया । उनका नाम सोसाइटी के रजिस्टर में दर्ज हो गया । न्यूटन ने धार्मिक विरोधों का भी सामना किया । उनके द्वारा लिखी पुस्तक फिलासोफिया नेचुरालिस प्रिसिपिया मैथेमेटिका अर्थात् प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धान्त है ।

1687 को इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही न्यूटन की प्रतिष्ठा भी बढ़ गयी । 1689 में वे संसद सदस्य चुने गये । 1690 से लेकर 92 तक वे गणित सम्बन्धी शोध में जुटे रहे । इसी बीच उन्हें मानसिक बीमारी हो गयी थी । सामान्य होने पर उन्होंने अपना शोधकार्य जारी रखा ।

1697 में उनके द्वारा हल किये गये गणितीय सूत्र उनकी प्रतिभा के प्रमाण थे । सन 1705 में न्यूटन को सर की उपाधि से सम्मानित किया गया । उनकी पुस्तकों के कई संस्करण छपे । 1727 में न्यूटन फिर बीमार पड़े । उन्हें पथरी की बीमारी हो गयी थी । 20 मार्च, 1727 को न्यूटन को मृत्योपरान्त वेस्ट मिस्टर में दफनाया गया ।

3. उपसंहार:

सर आइजक न्यूटन ने अपनी प्रकाश सम्बन्धी, गुरुत्वाकर्षण तथा गणितीय खोजों से समस्त विश्व को एक नया ज्ञान दिया । अपने जीवन का पूरा समय महान् खोजों और आविष्कार को देने वाले न्यूटन आज भी संसार के महान वैज्ञानिकों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं ।

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Sir Isaac Newton biography and inventions in hindi   सर आइज़ैक न्यूटन को एक गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी होने के साथ ही अभी तक के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक में से एक माना जाता है. वैज्ञानिक योगदानो में 1685 में लिखी उनकी मुख्य कृति प्रिन्सिपिया मैथमेटीका है. 2005 में हुए रॉयल सोसायटी के एक सर्वेक्षण में वैज्ञानिको ने आइन्स्टीन की अपेक्षा न्यूटन को अधिक प्रभावशाली वैज्ञानिक बताया गया. इनके जीवन और नियमों को यहाँ दर्शाया गया है. एल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास यहाँ पढ़ें. 

isaac newton

      

Table of Contents

महान वैज्ञानिक आइज़ैक न्यूटन की जीवनी और उनके गति विषयक नियम

न्यूटन का जन्म और बचपन (isaac newton birth and childhood).

न्यूटन का जन्म क्रिसमस के दिन पश्चिम लिंकोल्न्शिरे के एक वूल्स्थोर्प गाँव, इंग्लैंड में 25 दिसम्बर 1642 को हुआ था. न्यूटन के पिता की मृत्यु उनके जन्म लेने के दो महिना पहले ही हो चुकी थी. जब वो मात्र 3 साल के थे तब उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली थी और उनको छोड़ के चली गयी थी. उसके बाद उनकी देख रेख उनकी दादी ने की थी, न्यूटन के सौतेले पिता की जब मृत्यु हो गयी, तब उनकी माँ वूल्स्थोर्पे लौट आई और उन्होंने पारिवारिक खेती में न्यूटन को मदद करने के लिए कहा, लेकिन न्यूटन को खेती की अपेक्षा पढना पसंद था.      

न्यूटन की शिक्षा (Isaac Newton education facts)

उनकी बुनियादी शिक्षा उनके गाँव के स्थानीय स्कूल में ही हुई थी. जब वो 12 साल के हुए तब वे इंग्लैंड के ग्रंथम में किंग स्कूल में पढने के लिए चले गए. वहाँ वे फार्मासिस्ट के घर में रहते थे जिसका नाम क्लार्क था. न्यूटन को क्लार्क की रासायनिक पुस्तकालय और प्रयोगशाला बहुत पसंद थी. उन्होंने क्लार्क की बेटी का मनोरंजन करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का निर्माण किया था, जिसमे शामिल था एक लाईव माउस, फ्लोटिंग लालटेन और सन डायल्स द्वारा चलने वाली पवन चक्की आदि. पुस्तकालय के लाभ पर निबंध यहाँ पढ़ें.

19 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इंग्लैण्ड के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश करके 1665 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वे मास्टर डिग्री भी प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन प्लेग बीमारी की वजह से उन्हें वूल्स्थोर्पे वापस लौटना पड़ा था. जहाँ पर वे 1666 से 1667 तक रहे. यहाँ वे अपने बुनियादी प्रयोगों का प्रदर्शन करते रहे, साथ ही गुरुत्वाकर्षण के बारे में और प्रकाश के अध्ययन के बारे अपनी सोच पर काम करते रहे. फिर कैम्ब्रिज लौट कर उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री को पूरा किया और उसके बाद अपनी खोज को विस्तृत करने में लग गए. उनके गणित के प्रोफेसर उनसे बहुत प्रभावित थे, 1669 में उनके प्रोफेसर ने किसी और नौकरी के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने न्यूटन को अपनी जगह लेने को कहा, जिसके बाद न्यूटन गणित के प्रोफेसर बन गए. डेटा वैज्ञानिक की भारत में कमाई यहाँ पढ़ें.

न्यूटन का करियर (Isaac Newton career)

न्यूटन के ने अपने करियर में बहुत से प्रयोग किये जोकि इस प्रकार है –

न्यूटन का प्रकाशिकी में प्रयोग (Isaac N ewton optics theory )

1670 से 1672 तक न्यूटन ने प्रकाशिकी के विषय पर व्याख्यान दिया था. न्यूटन का मुख्य आकर्षण प्रकाशिकी था, जिसमे उन्होंने प्रकाश के अपवर्तक की प्रभावशीलता की खोज की. उन्होंने एक यंत्र प्रदर्शित किया, जोकि लैंस के द्वारा प्रकाश की किरणों के झुकने से दूरस्थ वस्तुओं को देखने में सक्षम बनाता है. प्रकाश की प्रकृति और उनके गुणों के बारे में खोज के आधार पर उन्होंने बताया की ‘श्वेत प्रकाश कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है’ . इसको न्यूटन के रंगीन सिद्धांत के रूप में जाना जाता है. कई भौतिकवादी ने उनके प्रकाश के विपर्तन के लिए शुद्ध तरंग जैसे स्पष्टीकरण का समर्थन किया है.

1704 में उन्होंने ऑप्टिक्स प्रकाश के अतिसूक्ष्म कणों के अपने सिद्धांत को विस्तृत रूप में व्यख्यायित किया, जिसमे उन्होंने बताया की प्रकाश अति सूक्ष्म कणों से बना होता है जबकि द्रव साधारण कणों से बना होता है.

न्यूटन का बल में प्रयोग (Isaac Newton contribution to force)

1675 में कण के बीच आकर्षण और प्रतिकर्षण के रसायनीय विचारों के आधार पर न्यूटन ने पाया कि किसी भी कण के बीच बलों को संचारित करने के लिए ईश्वर की उपस्थिति हो सकती है. ऐसा विचार उन्होंने इसलिए किया था क्योकिं वो धार्मिक विचारों और ईश्वर की दिव्य शक्ति में विश्वास करते थे, इस वजह से उन्होंने अपने विचारों में ईस्वर को भी अभिव्यक्त किया था. बाद में अपने इसी विचार को उन्होंने बल के क्रिया और प्रतिक्रिया के रूप में परिभाषित कर दिया.

न्यूटन का यांत्रिकी और गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग (Isaac Newton mechanics and gravitation theory)    

1679 में न्यूटन ने यांत्रिकी पर दुबारा से अपने प्रिन्सिपिया की दुसरे संस्करण में कार्य करते हुए व्याख्या की. प्रिन्सिपिया के लिए न्यूटन को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई. प्रिन्सिपिया को प्रकाशित करवाने में एडमंड हेली ने वित्तीय मदद की और प्रोत्साहित भी किया. एक दिन न्यूटन पेड़ के नीचे बैठे हुए थे तभी एक सेब पेड़ से उनके ऊपर गिरा और वो उसके बारे में सोचने लगे, कि यह नीचे ही क्यों गिरा ये ऊपर भी तो जा सकता है बस यही से उनके वैज्ञानिक खोज और गुरुत्वाकर्षण सोच का जन्म हुआ. न्यूटन ने गति के जो तीन नियम बताये वो इतना प्रासंगिक था की 200 से भी अधिक वर्ष में उसमे कोई सुधार करने की जरूरत नहीं पड़ी. 1704 में बाइबिल की एक पाण्डुलिपि में उन्होंने लिखा है कि दुनिया का अंत 2060 तक हो जायेगा लेकिन इससे पहले नहीं होगा.   

न्यूटन के अवार्ड और उपलब्धियां (Isaac Newton awards and accomplishments )  

न्यूटन ने अपने जीवन में निम्न उपलब्धियों को हासिल किया.

  • न्यूटन ने 1665 में बिनोमिअल थ्योरम अर्थात द्विपद प्रमेय जिसको कैलकुलस कहा जाता है और पाई का मान का नया फार्मूला दिया था. ये न्यूटन की गणित की उपलब्धियों में शामिल है इसके अलावा उन्होंने गणित में जिस विधि की खोज की, आज हम उसे न्यूटन की विधि के नाम से जानते है. साथ ही उन्होंने परिमित अंतर का सिद्धांत, वर्गीकरण और इंडेक्स का उपयोग, जोकि ज्यामिति में समीकरणों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है इनको परिभाषित किया था, इन सबकी खोज न्यूटन की उपलब्धियों में शुमार है.    
  • 1701 में न्यूटन इंग्लैंड के सांसद भी रहे. 1705 में संसदीय चुनाव के समय अपने राजनीतिक योगदान, टकसाल के मास्टर के रूप के लिए और उनके वैज्ञानिक कार्य के लिए क्वीन एनी ने न्यूटन को नाईट की उपाधि दी.  

न्यूटन का विवाद (Isaac Newton controversy)  

कैलकुलस विवाद जो कि न्यूटन और गोटफ्राइड के बीच हुआ था. इसमे न्यूटन ने कहा था कि उन्होंने 1666 में कैलकुलस के एक फॉर्म पर काम करना शुरू किया, लेकिन इसका कही भी उस वर्ष के प्रकाशन में जिक्र नहीं है. जबकि गोटफ़्राईड ने 1674 में कैलकुलस के अपने संस्करण पर काम करना शुरू किया था, इसलिए उन्हें लग रहा था कि उन्होंने पहले इस फार्मूला को दिया है. हालाँकि बाद में न्यूटन ने 1687 की अपनी पुस्तक प्रिन्सिपिया के आर्टिकल 1 में ज्यामिति संकलन के रूप में कैलकुलस की व्याख्या की. 

न्यूटन का व्यक्तिगत जीवन और मृत्यु (Isaac Newton death)

न्यूटन अधिक धार्मिक प्रवृत्ति के थे, उन्होंने बाईबिल में भी साहित्यिक व्याख्या से सम्बंधित शोध लिखे. उनकी मृत्यु 20 मार्च 1727 को हुई थी. उन्हें वेस्टमिन्स्टर एब्बे में दफनाया गया था. न्यूटन की मृत्यु के बाद भी उनकी प्रसिद्धी में कोई कमी नहीं आई है आज भी वह एक प्रासंगिक वैज्ञानिक है. न्यूटन ने कभी शादी नहीं की.      

न्यूटन के अनमोल वचन (Isaac Newton quotes)

  • यदि मै ये बोलू की मैंने दूसरों की अपेक्षा किसी भी चीज को अधिक देखा है तो इसका अर्थ होता है, कि मैंने उन लोगों के कंधे पर सवार होकर चीजो को ज्यादा देखा और समझा है.
  • मुझे नहीं पता कि दुनिया मुझे किस तरह या किस रूप में दिखेगी, लेकिन मैं अपने आप को एक ऐसे बच्चे की तरह देखते हुए महसूस करता हूँ, जो समुन्द्र के किनारे पर खेल रहा है और अपने आपको बदल रहा है और वह एक सुन्दर सा शक्ल धारण कर लेता है. लेकिन मै ऐसा सोचता हूँ कि अभी भी मुझसे महान सचाई कोसों दूर है.
  • हम अपने लिए बहुत अधिक दीवारों का निर्माण तो कर लेते है, लेकिन उन्हें मजबूत करने के लिए अभी भी पुल की संख्या बहुत कम है.
  • मेरे व्यवहार और किसी भी कार्य को करने के लिए मेरा आवेदन ही मेरी सफलता है, मेरे अन्दर कोई बड़ी शक्ति नहीं है शक्तिया मुझे समान्य ही मिली है.
  • चीजो की अधिक सुविधा या उसकी बहुलता में या अमीरी की विलासिता में सचाई कभी भी नहीं पाई जा सकती, सच्चाई हमेशा सादगी में ही पाई जा सकती है.      

न्यूटन के गति विषयक नियम (Newton’s laws of motion project)

न्यूटन का प्रथम नियम या जड़त्व का नियम या गैलेलियो नियम (newton’s first law of motion).

यदि कोई वस्तु विरामावस्था में या स्थिर है या फिर एक समान गति से चल रही है तो उसकी इस गति में या अवस्था में परिवर्तन तभी आयेगा, जब इस पर कोई बाह्य अर्थात बाहरी बल लगाया जायेगा. अगर बल ना लगाया जाये तो कोई परिवर्तन नहीं आएगा इस नियम को न्यूटन का प्रथम नियम कहा जाता है.

इसको उदाहरण के साथ निम्न रूप से वर्णित किया गया है –

  • अगर रुकी हुई गाड़ी अचानक से चलने लगे तो उसमे सवार यात्री पीछे की ओर झुक जाता है, तथा चलती हुई गाड़ी अचानक से रुक पड़े तो यात्री आगे की ओर झुक जाता है.
  • अगर पेड़ को जोर से हिलाएं तो उसके फल नीचे की तरफ गिरते है.

न्यूटन का दूसरा नियम (Newton’s second law of motion)

इस नियम के अनुसार किसी वस्तु पर कार्य करने वाले बल का मान वस्तु के द्रव्यमान और वस्तु में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के समानुपाती होता है. इस नियम को संवेग परिवर्तन का नियम कहते है.

इस नियम को निम्न उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है जो निम्नलिखित है –

  • क्रिकेट खिलाडी गेंद को कैच करते वक्त हाथ को थोडा पीछे खीच लेते है जिस वजह से उन्हें चोट लगने की सम्भावना कम रहती है. अगर वो ऐसा न करे तो दुसरे नियम के अनुसार जितनी तेजी में गेंद आएगी अगर हाथ को आगे बढ़ा दे तो चोट दुगुनी लग सकती है.

न्यूटन का तीसरा नियम (Newton’s third law of motion)

इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के विपरीत या बराबर एक प्रतिक्रिया होती है. अर्थात अगर कोई वस्तु जिस पर बल लगता है, तो उसके विपरीत वह वस्तु भी विपरीत बल लगाती है. इसी को क्रिया और प्रतिक्रिया कहा जाता है. तथा इस नियम को भी क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहा जाता है.

तृतीय नियम को समझने के लिए निम्नलिखित उदहारण दिए जा रहे है –

  • जब भी बन्दुक से गोली चलती है तो वो पीछे की तरफ धक्का देती है.
  • कुए से पानी को भरते वक्त व्यक्ति का पीछे की तरफ गिरना. 

Ans- 4 जनवरी 1643 को हुआ था जन्म।

Ans-आइजैक न्यूटन 31 मार्च 1727 को हुई।

Ans- गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत, गति के नियमों का

Ans- गणितिज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, खगोल वैज्ञानिक एव लेखक

Ans- आइजैक न्यूटन इंग्लैंड के रहने वाले थे।

अन्य पढ़ें –

  • बेकिंग सोडा का उपयोग लाभ एवं नुकसान
  • राष्ट्रीय वयोश्री योजना का उद्देश्य चयनित क्षेत्र व लाभ
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अप्रतिम ब्लॉग

आइज़क न्यूटन की कहानी – एक महान वैज्ञानिक का जीवन परिचय

आइज़क न्यूटन की कहानी.

सूचना : दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है

4 जनवरी 1643 को धरती पर एक ऐसे अद्भुत व्यक्ति का जन्म हुआ जिसने विज्ञान की परिभाषा को एक नया रूप दिया। विज्ञान के ऐसे तथ्य प्रस्तुत किये जो आज तक चल रहे हैं। एक सेब के गिरने को लेकर उन्होंने ऐसी बातें सामने रखीं जिससे दुनिया अब तक अनजान थी। मुझे उम्मीद है आप सबको उनका नाम पता चल ही गया होगा। जी हाँ हम बात कर रहे हैं :- आइज़क न्यूटन की।

आइज़क न्यूटन की कहानी

Portrait of Newton in 1689 by Godfrey Kneller

उनके पिता जोकि एक समृद्ध किसान थे, की मृत्यु के तीन माह बाद उनका जन्म हुआ हुआ। उनका नाम भी आइज़क न्यूटन था। निश्चित समय से पहले पैदा होने वाला वह एक छोटा बालक था; उनकी माता हन्ना ऐस्क्फ़(Hannah Ayscough) के अनुसार वह इतना छोटा था कि एक चौथाई गैलन जैसे छोटे से मग में समा सकता था।

न्यूटन की मां ने रेवरंड बर्नाबुस स्मिथ (Reverend Barnabas Smith) के साथ दूसरी शादी कर ली और उन्हीं के साथ रहने चली गयीं। अपने 3 वर्षीय पुत्र को अपनी नानी मर्गेरी ऐस्क्फ़(Margery Ayscough) के पास देखभाल के लिए छोड दिया। आइज़क न्यूटन अपनी माँ के दुबारा शादी करने के कारण ना अपने पिता को पसंद करता था न ही अपनी माँ को।

किंग्स स्कूल, ग्रान्थम(King’s School, Grantham)में उन्होंने बारह वर्ष से सत्रह वर्ष की आयु तक शिक्षा प्राप्त की। बचपन में वह पढ़ाई में कुछ खास अच्छे नहीं थे। एक बार स्कूल में एक लड़के ने न्यूटन को पीटा मगर न्यूटन जब गुस्से में आ गए तो उस लड़के को भाग के अपनी जान बचानी पड़ी। फिर 1659 में जब उन्हें स्कूल से निकाला गया तो वे अपनी माँ के पास आ गए। जो दूसरी बार विधवा हो चुकी थी।

उनकी माँ ने जीविका चलाने के लिए न्यूटन को खेती करने के लिए कहा। वह खेती से नफरत करते थे। इसलिए उन्होंने खेती नहीं की।  किंग्स स्कूल के मास्टर हेनरी स्टोक्स (Henry Stokes) ने आइज़क न्यूटन में एक प्रतिभा देखते हुए उनकी मां से उन्हें फिर से स्कूल भेजने का सुझाव दिया। जिससे  वे अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें। वहां स्कूल में एक लड़का उन्हें बार-बार नीचा दिखता था और मंदबुद्धि कहकर चिढ़ाता था। उससे बदला लेने की इच्छा से प्रेरित होने की वजह से वो पढ़ने लगे और अपनी प्रतिभा से स्कूल के सबसे मेधावी छात्र बनकर उभरे।

⇒पढ़िए-  5 हुनरमंद लोगो की कहानी – हुनर किसी कमजोरी का गुलाम नही होता

अपने अंकल रेव विलियम एस्क्फ (Rev William Ayscough)के कहने पर जून 1661 में उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज(Trinity College, Cambridge) में अध्ययन के लिए प्रवेश लिया। पढ़ाई की फीस भरने और खाना खाने के लिए आइज़क न्यूटन कॉलेज में एक कर्मचारी की तरह काम भी करते थे। उस समय कॉलेज की शिक्षाएं अरस्तु पर आधारित थीं। लेकिन न्यूटन अधिक आधुनिक दार्शनिकों(modern philosophers) के विचारों को पढ़ना चाहते थे।

1664 में इनकी प्रतिभा के कारण एक स्कॉलरशिप की व्यवस्था कॉलेज की तरफ से हो गयी, जिसकी मदद से न्यूटन अब आगे की पढ़ाई कर सकते थे। उस समय विज्ञान बहुत आगे नहीं था। फिर यहीं रहकर न्यूटन ने प्रसिद्ध “केप्लर के नियम” पढ़े।

⇒ पढ़िए-  हुनर की पहचान – जिलियन लिन की प्रेरक कहानी हिंदी में

1665 में उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय(Binomial Theorem) की खोज की और एक गणितीय सिद्धान्त(Mathematical concept) विकसित करना शुरू किया जो बाद में अत्यल्प कलन(Calculous) के नाम से जाना गया। न्यूटन ने इसकी जानकारी काफी समय बाद दी। इसक कारण उन्होंने ये बताया की उन्हें डर था कि न्यूटन ने कहा कि वे अपने अत्यल्प कलन(Calculous)  को प्रकाशित कर कहीं उपहास के पात्र न बन जाएँ।

न्यूटन इस तथ्य पर रिसर्च कर रहे थे कि धरती सुर्य के ईर्द-गिर्द गोल नहीं बल्कि अंड़ाकार घुमती है। ऐसी और भी कई बातों पर रिसर्च चल ही रही थी कि अचानक अगस्त 1665 में जैसे ही न्यूटन ने अपनी डिग्री प्राप्त की। उसके ठीक बाद प्लेग की भीषण महामारी पूरे शहर में फ़ैल गयी। बीमारी के भीषण रूप धारण कर लेने पर बचाव के रूप में विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया।

घर जाने से पहले वे एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे सोच रहे थे कि अब क्या किया जाये। तभी उनके सिर पर एक सेब आ गिरा। पहले से परेशान न्यूटन के दिमाग में ये बात आई कि ये सेब मेरे ऊपर ही क्यों गिरा इधर-उधर क्यों नहीं गिरा या फिर ऊपर क्यों नहीं गया। इंसान होता तो पूछ भी लेते लेकिन एक पेड़ क्या जवाब देता। फिर न्यूटन ने इस सवाल का जवाब खुद ही खोजने की ठान ली। बहुत सालों तक न्यूटन इस पर रिसर्च करते रहे और सबको ये बताया कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल(Gravity) नाम की एक शक्ति है।

जो हर चीज़ को अपनी ओर खींचती है और इसी बल के कारण चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का। आइज़क न्यूटन ने बताया कि ये बल(Force) दूरी बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल को पृथ्वी के केंद्र में माना जाता है, इसीलिए पृथ्वी हर चीज़ को सीधा अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी किसी वस्तु को कितनी शक्ति से खींचेगी इसका मान(Value) उस वस्तु के द्रव्यमान(Mass) पर निर्भर करता है।

इसके आलावा आइज़क न्यूटन ने “भार”(Weight) और “द्रव्यमान”(Mass) के अंतर को भी समझाया। साथ ही साथ प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया कि सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है।

साईकिल से लेकर हवाई जहाज बनाने तक में जिन नियमों का पालन होता है, गति के वो 3 नियम आइज़क न्यूटन ने ही दिए थे। ये आज भौतिक विज्ञान(Physics) में बहुत ही ज्यादा प्रयोग किये जाते हैं या यूँ कह सकते हैं की भौतिक विज्ञान(Physics) इन्हीं नियमों पर बना है।

⇒पढ़िए-  एकाग्रता की शक्ति – C V Raman Ke Bachpan Ki Ek Ghatna

ये माना जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। 20 मार्च 1727 को लन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी। उन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन, जिनके कोई बच्चे नहीं थे, उनके अंतिम वर्षों में उनके रिश्तदारों ने उनकी अधिकांश संपत्ति पर अधिकार कर लिया और निर्वसीयत ही उनकी मृत्यु हो गई।

न्यूटन अपने वैज्ञानिक कामों में इतने रम चुके थे की उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर में भारी मात्रा में पारा पाया जाना, जो शायद उनके रासायनिक व्यवसाय का परिणाम था। पारे की विषाक्तता न्यूटन के अंतिम जीवन में उनके सनकीपन को स्पष्ट करती है।

फ्रेंच गणितज्ञ जोसेफ लुईस लाग्रेंज अक्सर कहते थे कि न्यूटन महानतम प्रतिभाशाली था और एक बार उन्होंने कहा कि वह “सबसे ज्यादा भाग्यशाली भी था क्योंकि हम दुनिया की प्रणाली को एक से ज्यादा बार स्थापित नहीं कर सकते.” अंग्रेजी कवि अलेक्जेंडर पोप ने न्यूटन की उपलब्धियों के द्वारा प्रभावित होकर प्रसिद्ध स्मृति-लेख लिखा:

Nature and nature’s laws lay hid in night;God said “Let Newton be” and all was light.

न्यूटन ने पूरे विश्व के सामने ये उदाहरण पेश की कि किस प्रकार मन में किसी कार्य को पूरा करने की जिद्द इंसान को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। दुनिया को दिए गए अपने अनमोल योगदान के कारण ही सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है। ऐसे महान वैज्ञानिक को हमारा कोटि-कोटि प्रणाम।

*पाठको के अनुरोध पर, आइज़क न्यूटन की जीवनी पर किताब :

  • हिंदी: सर  आइज़कन्यूटन: एक वैज्ञानिक संत।
  • English: A Biography Of Sir Isaac Newton.

पढ़िए महान शख्सियतों के बारे में :-

  • थॉमस अल्वा एडिसन के बिज़नस पार्टनर एडविन सी बार्नेस की कहानी
  • संगति का प्रभाव – अल्बर्ट आइंस्टीन और ड्राईवर प्रेरक प्रसंग
  • एपीजे अब्दुल कलम जी के महान विचार  
  • ब्रुकलिन ब्रिज बनने की ऐतिहासिक कहानी

आपको आइज़क न्यूटन की ये जानकारी कैसी लगी। कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आशा करते हैं की इस जानकारी को पढ़ कर आप भी अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर्तव्यबद्ध हो जाएंगे।

References:

*Image credit- Portrait of Newton in 1689 by Godfrey Kneller.

  • पतंग – एक बदलती ज़िन्दगी | सीख देती हिंदी लघु कहानी | Short Hindi Story
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड की कहानी | Jallianwala Bagh Kahani
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Sandeep Kumar Singh

Sandeep Kumar Singh

मैं जो कुछ हूँ अपने पाठकों की बदौलत हूँ, अगर आप नहीं तो मेरा भी कोई वजूद नहीं। बस कमेन्ट बॉक्स में अपना प्यार और आशीर्वाद देते रहें। ताकि आगे भी मैं आपके लिए ऐसी ही रचनाएं लाता रहूँ। धन्यवाद।

आपके लिए खास:

स्वामी विवेकानंद और वेश्या – स्वामी विवेकानंद के..., नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास | nalanda university history, जिंदगी जीने का नया अंदाज – self improvement..., दौड़ के बाद – a moment that changed..., 61 comments.

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So help full information and motivational. I salute sir newton.

Thank You Satendra Singh ji….

Heart touching story of the sir I.J. Newtown

Nice rule of Newton sir

Good information of scientist ijek newton.

Thanks Vikash ji…

Thanks so much sir. This is enough information for knowing about newton

Bahoot accha tha iski vjh se mera projet ban kya thank you

आपका भी धन्यवाद मयंक दूबे जी।

Bahut hi achhi shikh mili sir

Very very good story

Thanks Nandu ji….

GOOD STORIES

Thanks Aadi..

बहौत आछा है । आप क्रिपया एसे विज्ञानिक के बारेमे post करते रहे ।

अच्छा है और अधिक जानकारी दीजिए

और क्या जानकारी चाहिए आपको आशुतोष कुमार जी?

sir aise book ka name batavo jisa mai newton puri kahani ho

Chandan Bais

विष्णु जी, हमने हिंदी और अंग्रेजी दोनों किताबो का लिंक ऊपर इस पोस्ट के अंत में डाल दिए है।

sir kahani acchi hai lekin newton ki jivan ghatha chahiye sir padhane ke liye

Thank you so much sir I think Isaac Newton sir was a great human personality no one like as Newton sir again thank you sir for this great story..

बिल्कुल सही कहा आपने विशाल पांडेय जी।

Hum Sir Newton k bare mein bahut jyada padte h kyonki inke kalpnik khoj se duniya ka bikash huaa h Sir Newton bahut mahan th

आपके लेख बहुत ही दिलचस्प अंदाज में आते है में भी एक ब्लॉगर हु साथ ही एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हु मेरा सपना है ऐसा एक ब्लॉग बनाने का जिसमे देश विदेश की सभी भाषाओ को एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर इस तरह पिरोने का जो बिना अमीर गरीब में फर्क किये सब को एक समान उपयोगी हो कृपया इस काम में मेरा सहयोग करे ब्लॉग का नाम है <a href="https://lifeclasses4u.blogspot.in">लाइफ क्लासेज फॉर यू </a>

hme Sr Isaac ki Jivani achha laga

धन्यवाद Vikash जी….

न्यूटन के कारण ही हमारे जीवन मे भौतिकी का अभ्यास बढ़ा है

Nivtan is a very great man

Absolutely right Ranjan kumar ji…

their knowledge is like a candle

You said it right Akash.

Bahut achha hai sir I like it

Thanks Azad Kumar ji…

Newton histry was motivation to our life .

Yes it is Mr. Rakesh

Thanks Dipak.monu ji…

Prernadayak

kaise kiye hoge ye sab I mean kha aur without any help mango gira tha ya apple waise great scientist I love him and this website also.

Suna to apple hi tha…..Lekin saboot kisi ke paas nhi hai…..Khair koi baat nhi bachho ka syllabus to badh ho gaya na…..

बहुत ही प्रेरणादायी है

सही बात कही आपने कमलेश जी।

Thanks Vk saini ji….

Bhoot achha

भारतीय वैज्ञानिक न्यूटन का जीवनी पडकर बहुत अच्छा लगा

Amit Kumar जी न्यूटन भइया इंग्लैंड से थे और भारतीय न्यूटन अभी खोजा जाना बाकी है। वैसे अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद। इसी तरह हमारे साथ बने रहें।

Very nice newton life…

Thanks Ajeet Kumar ji. …….

very nice newton's life

Yes it is Kumar vinayak Maurya…

Bhahut achha hai

धन्यवाद Phudan Kumar जी….

Mind blowing

Childhood ,hindi quotes

Thank you very much ranjeet rathore ji…..

Mr. Genius

Thanks Shivam

Thanks Dev Gupta.

सर आइजैैक न्‍यूटन की जीवनी पढ़कर बहुत अच्‍छा लगा। बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है।

सही बात कही आपने सर

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आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi

  • Post author: Hariom K.
  • Post published: March 25, 2021
  • Post category: Hindi Biographies

नमस्कार दोस्तों, इस लेख मे आप दुनिया के महानतम भौतिक विज्ञानी, गणितिज्ञ, ख़गोल-विज्ञानी, दार्शनिक, इतिहासकार एवं लेखक आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi को पढने वाले हैं।

एक छात्र के तौर पर हम सभी आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के बारे मे बचपन से ही सुनते या पढते आ रहे हैं, लेकिन आपको पता है कि न्यूटन को 400 साल बाद आज भी क्यों पढा जाता है और आगे भी अनगिनित सालों तक हम न्यूटन के सिद्दांतों के साथ क्यों जुड़े रहेंगे? तो इस आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहिये क्योंकि आप इस आर्टिकल में न्यूटन से जुड़े रोचक तथ्यों को सटीक रूप से जानने वाले हैं।

बता दें कि सर आइजैक न्यूटन ने अकेले अपने दम पर आधुनिक-विज्ञान (Modern science) की रूप-रेखा गडी थी। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (लॉ ऑफ़ ग्रेविटी) और गति के सिद्धांत (लॉ ऑफ़ मोशन) के साथ-साथ दुनिया को विज्ञान में बहुत ही अहम योगदान दिये थे। मतलब सर आइजैक न्यूटन के बिना विज्ञान के बारे में सोचना असंभव सा लगता है क्योंकि आज की मॉडर्न टेक्नोलॉजी इन्ही के विचारों (आइडियाज) पर आधारित है।  

आइजैक न्यूटन का जीवन परिचय – Isaac Newton hindi biography

आइजैक न्यूटन का प्रारंभिक जीवन – isaac newton early life in hindi.

यदि आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के शुरूआती जीवन के बारे मे जाने तो इनका जीवन काफ़ी उथल-पुथल भरा रहा है क्योंकि इनके जन्म के महज तीन महीने पहले इनके पिता का निधन हो गया था। इसके अलावा न्यूटन के जन्म के समय आकार और बजन बहुत कम था; मतलब यह बहुत कमजोर शिशु पैदा हुए थे। न्यूटन की माँ के मुताबिक न्यूटन का आकार इतना कम था कि इन्हें एक छोटे से मग में रखा जा सकता था, इसी कारण डॉक्टर ने कहा कि यह एक सप्ताह भी मुश्किल से जीवित रह सकते हैं।

आइजैक न्यूटन का जन्म 04 जनवरी, 1943 (25 दिसम्बर, 1642 पुराने कैलेंडर के अनुसार)  को वूलस्थोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ, लिंकनशायर, इंग्लैंड  (Woolsthorpe by Colsterworth, Lincolnshire, England)  के एक किसान-परिवार मे हुआ था। न्यूटन का नाम इनके स्वर्ग-वाशी पिता के नाम पर ही रखा गया था, मतलब इनके पिता का नाम आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) था तथा माँ का नाम हन्ना ऐस्क्फ (Hannah Ayscough) था।

न्यूटन जब तीन वर्ष के हुए तो इनकी माँ ने बर्नाबस स्मिथ (Barnabas Smith) से दूसरी शादी कर ली, लेकिन न्यूटन के सौतेले-पिता (Step father) न्यूटन को बिलकुल भी पसंद नहीं करते थे। इसी कारण न्यूटन कि माँ ने न्यूटन को नानी के साथ ही छोड़ दिया था। जिसके बाद वह अपने दूसरे पति के साथ रहने लगी थी।

अपनी माँ को दूसरे व्यक्ति के साथ रहते देख न्यूटन को अपनी माँ और सौतेले पिता से बहुत चिडते थे और यह भी एक कारण था कि न्यूटन बचपन में एक गुस्सेल, जिद्दी और चिडचिडे किस्म के बच्चे बन गए थे।

आगे चलकर न्यूटन के सौतेले पिता का भी देहांत हो गया। जिसके बाद न्यूटन की माँ तीन बच्चों के साथ वापिस न्यूटन के पास आ गईं। इसके बाद न्यूटन की माँ ने न्यूटन से कहा की आप पैत्रिक-कार्य मतलब खेती-बाड़ी (Farming) को आगे बढाओ, लेकिन न्यूटन ने खेती करने से साफ़ मना कर दिया और कहा कि मैं पढना चाहता हूँ और इसी में भविष्य बनाना चाहता हूँ।  

आइजैक न्यूटन की शिक्षा – Isaac Newton education in hindi

आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) ने अपनी शुरूआती पढाई अपने घर के नजदीकी स्कूल से की। इसके बाद 12 वर्ष की आयु में ‘दी किंग्स स्कूल, ग्रान्थम’ (The King’s school, Grantham) में दाखिला हो गया। बता दें कि न्यूटन के स्कूली दिनों में अपने साथी-छात्रों से बिलकुल भी नहीं बनती थी।

इसके बाद जून 1661 में इन्होने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज (University of Cambridge’s Trinity College) में दाखिला ले लिया और पूरी तरह से पढाई में जुट गए। जब न्यूटन ने अगस्त, 1665 में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया था, तब इन्होने मास्टर करने करने का सोचा था, लेकिन 1665 में इंग्लैंड के कैंब्रिज शहर में प्लेग-बीमारी (Plague disease) फ़ैल गई। जिस कारण शहर के साथ कॉलेज बंद भी हो गया और न्यूटन को मजबूरन अपने घर आना पडा था।   

न्यूटन के घर आने के बाद, वह समय उनके जीवन का सबसे अच्छा समय रहा क्योंकि उसी समय सर न्यूटन ने कैलकुलस की खोज की; जिसे न्यूटोनियन फिजिक्स भी कहा जाता है। इसके अलावा न्यूटन हमेशा ही कॉलेज से अलग खुद से बहुत ज्यादा पढाई करते थे।

इसके बाद वह वापिस ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज आये और 1668 मे सफलता पूर्वक अपनी मास्टर डिग्री हाशिल की थी।

आइजैक न्यूटन का कैरियर एवं उपलब्धियाँ – Isaac Newton career and achievement in hindi

सर आईजैक न्यूटन (Isaac Newton) की खोजों (सिद्धांतों) और उपलब्धियों को जानने से पहले यह जान ले कि सर न्यूटन के किस सिद्धांत को लेकर बहुत अधिक चर्चा की जाती है? इसके अलावा न्यूटन को ज्यादातर सेब (Apple) से क्यों जोड़ा जाता है?

जैसे कि हम सभी बचपन से ही गुरुत्वाकर्षण (Gravity) की ख़ोज के लिए एक कहानी सुनते आये हैं। जिसमे कि “जब एक दिन न्यूटन सेब के पेड के नीचे बैठे थे तो उसी दौरान उनके सिर पर उसी पेड के उपर से एक सेब आ गिरा। इसके बाद न्यूटन सोचने लगे कि यह सेब नीचे ही क्यों आया? इधर-उधर या फिर उपर क्यों नहीं चला गया?

इस घटना के ठीक बाद न्यूटन ने यह भी सोचा कि चंद्रमा (Moon) भी तो उपर दिखायी देता है, लेकिन वह क्यों नहीं नीचे प्रथ्वी पर आ गिरता? इसके बाद न्यूटन ने सोचा कि कहीं न कहीं धरती पर कोई ऐसा बल (Force) मौजूद है। जिस कारण से यह बल (Force) चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। यह जान लेने के बाद ही न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (ग्रेविटी) का विचार (आईडिया) आया था और इन्होने गुरुत्वाकर्षण पर काम करना प्रारम्भ कर दिया था।

उपर्युक्त कहानी के द्वारा ही न्यूटन की गुरुत्वाकर्षण की ख़ोज को सेब के द्वारा जोड़ा जाता है।

जैसे कि आप जानते हैं कि जब भी इतिहास के पन्नों की बात की जाती है तो उसमे अलग-अलग मत होते हैं। ठीक इसी प्रकार सेब गिरने की कहानी में इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं।

जिसमे कुछ इतिहासकार कहते हैं कि न्यूटन के द्वारा गुरुत्वाकर्षण की खोज करने के बाद न्यूटन ने पेड से सेब गिरने की कहानी ख़ुद से बनाई थी और इसे एक फ्रेंच लेखक वोल्टेअर (Voltaire) ने प्रसिद्ध किया है।

लेकिन कुछ इतिहासकार कहते हैं कि यह कहानी सच है लेकिन सेब न्यूटन के सिर पर नहीं वल्कि उनके आंगे गिरा था। और कुछ कहते हैं कि वह अपने घर की खिड़की से सेब के पेड को देख रहे थे और सेब को नीचे गिरता देख ही न्यूटन को ग्रेविटी का विचार आया था। 

बता दें कि न्यूटन की इस कहानी पर ज्यादा बात-विवाद नहीं होता है क्योंकि इतिहासकार पहले ही बता चुके हैं कि शायद न्यूटन ने यह सेब की यह कहानी आम लोगों को आसानी से ग्रेविटी समझाने के लिए बनाई होगी।

न्यूटन की खोजें – Newton’s inventions

सर आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) के द्वारा की गई खोजों और सिद्धांतों की बात करें तो विज्ञान-जगत में न्यूटन का अमूल्य योगदान है। यदि न्यूटन के द्वारा की गई सभी सिद्धांत एवं खोजों की विस्तार से चर्चा करें तो यह आर्टिकल बहुत लम्बा हो जायेगा। इसलिए सर आइजैक न्यूटन की कुछ अहम खोजों के नामों की चर्चा करते हैं। 

  • न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग – Newton’s law of universal gravitation
  • न्यूटन का गति के नियमों में प्रयोग – Newton’s laws of motion
  • प्रकाशिकी – Optics
  • कैलकुलस – Calculus
  • द्विपद प्रमेय – Binomial theorem
  • न्यूटोनियन यांत्रिकी – Newtonian mechanics
  • न्यूटन-विधि – Newton’s method आदि ।  

आइजैक न्यूटन की म्रत्यु कब हुई थी? – Isaac Newton death in hindi

दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक सर आईजैक न्यूटन की म्रत्यु की बात करें तो इनकी म्रत्यु 84 वर्ष की आयु में   31 मार्च, 1727 (20 मार्च, 1727 पुराने कैलेंडर के अनुसार) को केंसिंग्टन, मिडलसेक्स, इंग्लैंड मे हो गई थी। न्यूटन ने अपने आप में बहुत अधिक व्यस्त (Busy) होने के कारण कभी शादी नहीं की, लेकिन आज भी दुनिया-भर में आधुनिकरण की रूपरेखा न्यूटन के सिद्धांतों के कारण ही सफ़ल हो पा रहे हैं।   

इसे भी जाने: दुनिया की सबसे साहसी महिला वैज्ञानिक मैरी क्यूरी का जीवन परिचय?

आइजैक न्यूटन के बारे में रोचक बातें – Interesting facts about Isaac newton in hindi

  • सर आईजैक न्यूटन (Isaac Newton) ने जीवन में बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण कभी शादी नहीं की।
  • सर न्यूटन के जन्म लेने के तीन महीने उनके पिता का निधन हो गया था।
  • सर आईजैक न्यूटन का नाम उनके पिता के नाम पर ही रखा गया था क्योंकि न्यूटन के पिता का नाम भी आईजैक न्यूटन था।
  • शायद आपको मालूम न हो लेकिन आज सब के दिलों पर राज करने वाली ‘ अमेरिकन एप्पल कम्पनी’ का सबसे पहला लोगो में न्यूटन की तस्वीर छपी हुई थी। जिसमे न्यूटन पेड के नीचे बैठे हुए हैं और पेड के उपर से सेब गिर रहा है। मतलब वह उस समय की तस्वीर है; जब सर आईजैक न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (Gravity) का आईडिया आया था।
  • आपको जानकार हैरानी होगी कि सर आईजैक न्यूटन वैज्ञानिक होने के बाबजूद पक्के धार्मिक व्यक्ति थे। इसके बारे में न्यूटन ने खुद ही लिखा है कि गुरुत्वाकर्षण हमें ग्रहों की गति से वाकिव कराती है। लेकिन गुरुत्वाकर्षण यह नहीं बता सकता कि इन ग्रहों को गतिमान किसने बनाया है? वह कहते थे कि ईश्वर (भगवान) सभी चीजों को नियंत्रित करता है और सब-कुछ ईश्वर के हाथ में है।  
  • सर आईजैक न्यूटन को धार्मिक होने के कारण बाइबल से बहुत जुड़ाव था। इसी कारण वह बाइबल को अधिक गहराई से पढते थे। हैरानी वाली बात तो यह है कि न्यूटन ने विज्ञान से ज्यादा तो धर्म और इतिहास के प्रति लिखा है। वैसे तो सर न्यूटन एक महान वैज्ञानिक हैं लेकिन कहीं न कहीं न्यूटन ने अपनी जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा विज्ञान (Science) को देने के बजाय धार्मिक गुण-अर्थों को जानने और समझने में लगा दिया।
  • सर आइजैक न्यूटन ने सबसे पहले बताया था कि प्रथ्वी गोलाकार नहीं वल्कि अंडाकार स्थिति में बनी हुई है जोकि बाद में ग़लत अनुमान सिद्ध हो गया था।
  • सर आइजैक न्यूटन के सिद्धांत आज दुनिया-भर में साइकिल से लेकर हवाई-जाहज तक में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • सर न्यूटन ने सालों तक अपनी खोजों को दुनिया से इस कारण छुपा रखा था क्योंकि उन्हें लगता था कि अन्य वैज्ञानिक उनके द्वारा की गई खोजों को सही नहीं मानेंगे।  इसके अलावा न्यूटन को अपने विचारों (आइडियाज) को अन्य वैज्ञानिकों के सामने इसलिए भी नहीं रखते थे क्योंकि उन्हें आलोचनाओं (Criticism) से बहुत डर लगता था।
  • सर आइजैक न्यूटन ‘फेलो ऑफ़ ट्रिनिटी कॉलेज’ रहने के अलावा ‘ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी’ के सदस्य और इसके अध्यक्ष भी रहे थे।  
  • न्यूटन ने अपनी किताब ‘दी प्रिन्सिपिया मैथमेटिका’ (The Principia Mathematica) में अपनी अहम खोजों को विस्तार से समझाया है।
  • जिस सेब के पेड (Apple’s tree) के द्वारा न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण (Gravity) के सिद्धांत का विचार (आईडिया) आया था। उसी पेड का वंशज (Descendant) आज भी यूनाइटेड किंगडम में मौजूद है। इस पेड के विज्ञान के प्रति महत्व को देख राष्ट्रीय ऐतिहासिक ट्रस्ट के द्वारा देखभाल कर सुरक्षित रखा जाता है।

आइजैक न्यूटन के अनमोल विचार – Isaac Newton quotes in hindi

इस आर्टिकल में आप आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi के द्वारा न्यूटन के बारे में अहम तथ्यों को पढ रहे हैं। तो चलिए इस लेख के अंत में न्यूटन के अनमोल विचारों (quotes) के बारे में भी जान लेते हैं, जो आज भी दुनिया-भर में प्रेरणा के श्रोत हैं।

“जो ऊपर जाता है, वह नीचे अवश्य आता है।”
“यदि मैंने दूसरों की तुलना में अधिक कार्य किये हैं, तो यह महान लोगों की प्रेरणा ही है।”
“हम हजारों दीवारें बना देते हैं बजाय एक पुल है।”
“प्रत्येक क्रिया के लिए सदैव समानतम प्रतिक्रिया का विरोध किया जाता है।”
“गलतियाँ कला में नहीं होती बल्कि कलाकृतियों में होती हैं।”
“जिसे हम जानते हैं वह एक बूंद के सामान है, जिसे हम नहीं जानते वह एक महासागर के सामान लगता है।”
“मैं खगोलीय पिंडों की गति की गणना तो कर सकता हूं, लेकिन लोगों के पागलपन की नहीं।”
“लगातार कोशिश और साहसिक अनुमान के बिना कोई भी महान ख़ोज नहीं की जा सकती है।”
“जीवित व्यक्ति उन सभी चीजों की कल्पना कर सकता है जो महज झूटी हैं, लेकिन वह केवल उन चीजों को समझ सकता है जो सच हैं।”
“गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ग्रहों की गति की व्याख्या करता है, लेकिन यह नहीं बता सकता है कि ग्रहों गति कैसे निर्धारित होती है?”

हमें पूरी उम्मीद है कि यहाँ तक आपने आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi को पढकर इनके जीवन को बहुत ही सरलता से समझा होगा। हम जानते हैं कि हमने इस लेख मे न्यूटन की खोजों (सिद्धांतों) को विस्तार से नहीं समझाया है। लेकिन सर न्यूटन की जीवन की सरल रूप से व्याख्या की है तो हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में आपने सर आइजैक न्यूटन (Sir Isaac Newton) के जीवन को भली-भांति जाना होगा।  

निष्कर्ष: Conclusion

इस लेख में इतना ही जिसमे हमने आइजैक न्यूटन की जीवनी | Isaac Newton biography in hindi के अलावा Isaac Newton early life in hindi, Isaac Newton’s education in hindi, Newton’s hindi inventions और Isaac Newton hindi quotes को भी समझाया है। इस लेख से सम्बंधित आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ।

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essay on isaac newton in hindi

महान भौतिक विज्ञानी सर न्यूटन | Sir Isaac Newton Biography in Hindi

“प्रत्येक क्रिया की बराबर और एक विपरीत प्रतिक्रिया होती है।” ~  Sir Isaac Newton

Isaac Newton

पूरा नाम  – आइज़क न्यूटन जन्म  – 4, जनवरी 1643 जन्मस्थान  – वूल्स्थोर्पे मनोर माता   – हन्ना पिता   – आइज़क न्यूटन सीनियर

महान भौतिक विज्ञानी सर न्यूटन – Sir Isaac Newton Biography in Hindi

सर न्यूटन एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। वे एक प्रभावशाली वैज्ञानिक थे जिनके सिद्धांतो ने भौतिकी और गणित को नयी ऊंचाई प्रदान की। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की।

उनका शोध पत्रक “फिलोसोफी नेचुरेलीस प्रिन्सिपिया मथेमेटिका” सन 1687 में प्रकाशित हुआ, जिसमे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण एवं गति के नियमो की व्याख्या की गयी थी और इस प्रकार चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल भौतिकी) की नीव रखी गयी। विज्ञान के इतिहास में किताब अपने आप में सबसे प्रभावशाली किताब है।

अपनी इस किताब में न्यूटन ने सार्वत्रिक गुरुत्व और गति के तीन नियमो का वर्णन किया जिसने अगली तीन शताब्दियों के लिये भौतिक ब्रह्माण्ड के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। न्यूटन ने दर्शाया की पृथ्वी पर वस्तुओ की गति और आकाशीय पिंडो की गति का नियंत्रण प्राकृतिक नियमो के समान समुच्चय के द्वारा होता है, इसे दर्शाने के लिये उन्होंने ग्रहीय गति केपलर के नियमो तथा अपने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बीच निरंतरता स्थापित की। इस प्रकार से सूर्य केन्द्रीयता और वैज्ञानिक क्रांति के आधुनिकीकरण के बारे में पिछले संदेह को दूर किया।

Isaac Newton ने यांत्रिकी में संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया। प्रकाशिकी में, उन्होंने पहला व्यवहारिक परावर्ती दूरदर्शी बनाया और इस आधार पर रंग का सिद्धांत विकसित किया कि एक प्रिज्म श्वेत प्रकाश को कई रंगों में अपघटित कर देता है जो दृश्य स्पेक्ट्रम बनाते हैं। उन्होंने शीतलन का नियम दिया और ध्वनि की गति का अध्ययन किया।

गणित में, अवकलन और समाकलन कलन के विकास का श्रेय गोटफ्राइड लीबनीज के साथ न्यूटन को जाता है. उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय का भी प्रदर्शन किया और एकफलन के शून्यों के सन्निकटन के लिए तथा कथित “न्यूटन की विधि” का विकास किया और घात श्रृंखला के अध्ययन में योगदान दिया।

वैज्ञानिकों के बीच न्यूटन की स्थिति बहुत शीर्ष पद पर है, ऐसा ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी में 2005 में हुए वैज्ञानिकों के एक सर्वेक्षण के द्वारा प्रदर्शित होता है, जिसमें पूछा गया कि विज्ञान के इतिहास पर किसका प्रभाव अधिक गहरा है, न्यूटन का या एल्बर्ट आइंस्टीन का। इस सर्वेक्षण में न्यूटन को अधिक प्रभावी पाया गया।

न्यूटन अत्यधिक धार्मिक भी थे, हालाँकि वे एक अपरंपरागत ईसाई थे, उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान, जिसके लिए उन्हें आज याद किया जाता है, की तुलना में बाइबिल हेर्मेनेयुटिक्स पर अधिक लिखा। बाद में न्यूटन रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष भी बने। न्यूटन ने ब्रिटिश सरकार की वार्डन और मास्टर ऑफ़ द रॉयल मिंट बनकर सेवा की।

न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक का जीवन हमें दर्शाता है की कमजोर शुरुवात और दुनिया भर के विरोध के बावजूद धुन का पक्का व्यक्ति कुछ भी कर गुजर सकता है। हमें भी इनसे सीख लेते हुए सामने आने वाली मुश्किलों से घबराये बिना निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिये और एक दिन अपने सपनो को साकार करना चाहिये।

पढ़े: महापुरुषों की असफलता की कहानी

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3 thoughts on “महान भौतिक विज्ञानी सर न्यूटन | Sir Isaac Newton Biography in Hindi”

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I am highly inspired by sir issac newton

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Great biography of Respected Sir Issac Newton. It is very influential, motivational and great. Everyone should know about him.

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Thanks for posting Sir Isaac Newton biography.

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आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi

इस लेख मे आप महान वैज्ञानिक आइज़क न्यूटन की जीवनी हिन्दी मे (Isaac Newton Biography in Hindi) पढ़ सकते हैं। उनके महान आविष्कारों और ज्ञान को आज भी सभी स्कूल-कॉलेज मे पढ़ाया जाता है। आईए आइज़क न्यूटन की जीवनी को शुरू करते हैं।..

Table of Content

परिचय (आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi)

आइज़क न्यूटन एक वैज्ञानिक थे साथ ही में महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक भी थे। जिन्होंने गति के सिद्धांत और गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त के नियम आदि की खोज की। आईए न्यूटन के जन्म और प्रारम्भिक जीवन से शुरू करें।

जन्म और प्रारम्भिक जीवन Birth and Early life

न्यूटन का जन्म, वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, जर्मनी, मे 4 जनवरी 1643 को हुआ था। इनके पिता की मृत्यु इनके जन्म लेने के तीन महीने पूर्व ही हो गई थी।

इनके पिता एक किसान थे, उनका नाम सर आइजक न्यूटन था। जब वो तीन(3) वर्ष के थे तभी उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली और न्यूटन को छोड़ कर चली गई।

न्यूटन अपने सौतेल पिता को पसंद नही करता था, और वो अपनी माँ के साथ भी दुश्मनी का भाव रखता था जिसका कारण दुबारा उसकी माँ का शादी करना था। 19 वर्ष की अवस्था में इनके द्वारा किये गए अपराधों की सूची में प्रदर्शित होता है कि “मैंने माता और सौतेले पिता के घर को जलाने की धमकी दी थी”।

लेकिन जब न्यूटन के सौतेले पिता की भी मृत्यु हो गई तब उनकी मां वूल्स्थोर्पे-बाय-कोल्स्तेर्वोर्थ वापस आ गयी और न्यूटन को खेती में मदद करने के लिए जोर दिया। लेकिन न्यूटन ने खेती करने से मना कर दिया क्योंकि उनका मन खेती की अपेक्षा पढ़ने में ज्यादा लगता था।

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आइज़क न्यूटन की शिक्षा Education of Isaac Newton

न्यूटन की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के ही स्कूल में हुई, 12 साल की उम्र में वे पढ़ने के लिए ग्रंथन के किंग स्कूल में प्रवेश लिया और वहाँ एक फार्मासिस्ट के घर में रहने लगे जिसका नाम क्लार्क था। क्लार्क एक फार्मासिस्ट था इसलिए उसके पास रासायनिक और प्रयोगिक किताबें बहुत ज्यादा थी और न्यूटन उन्हीं की सारी किताबों को पढ़ा करते थे और उनके प्रयोगों को भी करते थे।

क्लार्क की एक बेटी थी, जिसका मनोरंजन करने के लिए न्यूटन ने काफी उपकरण यंत्र बनाए हुए थे जैसे कि फ्लोटिंग लालटेन, लाइव माउस और सूर्य डायल्स से चलने वाली पवन चक्की आदि।

यह उपकरण उनकी बेटी को काफी पसंद आते थे। कुछ साल पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वहां से इंटरमीडिएट पास कर लिया उसके बाद वे 19 वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड के ट्रिनिटी कॉलेज में स्नातक करने के लिए प्रवेश लिया और सन् 1665 में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली।

वह मास्टर की डिग्री भी वहीं से लेना चाहते थे लेकिन वे प्लेग नामक बीमारी से ग्रसित हो गए जिसके कारण उन्हें अपने घर वूलस्ठोर्पे वापस लौटना पड़ा। न्यूटन अपने ही घर पर सन् 1666 से 1667 तक रहे और अपने प्रयोगों का प्रदर्शन अपने ही गांव में करने लगे और उसके बाद वह कैम्ब्रिज चले गए और उन्होंने वहां से मास्टर की डिग्री प्राप्त की।

आइज़क न्यूटन का करियर Career of Isaac Newton

आइज़क न्यूटन अपने गणित के अध्यापक के काफी प्रिय थे। न्यूटन जिस कॉलेज से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर रहे थे उस कॉलेज के प्रोफेसर ने दूसरी नौकरी के लिए प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया, तभी उनके गणित के अध्यापक ने न्यूटन को उस पद को धारण करने के लिए कहा।

न्यूटन ने उनकी बात को स्वीकार किया और वह गणित के प्रोफेसर बन गए। न्यूटन अपने प्रयोगों को और आगे तक ले जाने के लिए और ज्यादा खोज करने के लिए प्रयत्न करने लगे और न्यूटन ने जो खोज की है वह कुछ इस प्रकार है-

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग Newton’s law of universal gravitation

Newton’s law of universal gravitation states that every particle attracts every other particle in the universe with a force which is directly proportional to the product of their masses and inversely proportional to the square of the distance between their centers

एक दिन न्यूटन एक पेड़ के नीचे बैठे थे और अचानक ऊपर से एक सेब गिरा तभी न्यूटन सोचने लगे यह सेब नीचे क्यों गिरा, ऊपर क्यों नहीं गया। वह काफी देर से बैठकर यही सोच रहे थे। बहुत देर तक सोचने और विचारने के बाद उन्होंने प्रयोग करके पता लगाया कि जो चीज ऊपर है वह नीचे आएगी।

जब तक गुरुत्वाकर्षण बल रहेगा तब तक वह चीज नीचे आएगी जब गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाएगा तो वो चीज वही तैरने लगेगी। इस प्रकार न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की।

आइज़क न्यूटन का गति के नियम में प्रयोग Newton’s laws of motion

न्यूटन के गति के तीन नियम खोजें –

The first law states that if the net force (the vector sum of all forces acting on an object) is zero, then the velocity of the object is constant. Velocity is a vector quantity which expresses both the object’s speed and the direction of its motion; therefore, the statement that the object’s velocity is constant is a statement that both its speed and the direction of its motion are constant.

जो कि पहला नियम है “ जड़त्व का नियम ” इस नियम के अनुसार एक वस्तु तब तक स्थिर बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बल ना लगाया जाए और एक वस्तु तब तक गतिमान रहेगी जब तक इस पर कोई बल ना लगाया जाए।

The second law states that the rate of change of momentum of a body is directly proportional to the force applied, and this change in momentum takes place in the direction of the applied force.

दूसरा नियम है “ संवेग का नियम ” इस नियम के अनुसार  वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में होता है।

The third law states that all forces between two objects exist in equal magnitude and opposite direction

तीसरा नियम है “क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम” इस नियम के अनुसार जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाया जाता है तो वस्तु भी उतना ही बल उस बल के विपरीत दिशा में लगाती है।

  • द्विपद प्रमेय
  • ऑप्टिक्स आदि

आइज़क न्यूटन की प्रसिद्धि और किताबें Best Books of Isaac Newton

न्यूटन ने काफी किताबों लिखा है और उसको प्रकाशित भी किया है जो की निम्नलिखित हैं –

  • मेथड ऑफ़ फ़्लक्सियन्स
  • ऑफ़ नेचर ओब्वियस लॉस एंड प्रोसेसेज इन वेजिटेशन
  • डे मोटू कोर्पोरम इन जिरम
  • फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका
  • टकसाल में मास्टर के रूप में रिपोर्टें
  • एरिथमेटिका युनीवरसेलिस
  • दी सिस्टम ऑफ़ दी वर्ल्ड
  • ऑप्टिकल लेक्चर्स
  • दी क्रोनोलोजी ऑफ़ एनशियेंट किंगडेम्स
  • डेनियल पर प्रेक्षण और डी एपोकलिप्स ऑफ़ सेंट जॉन

इनकी कुछ किताबें इनके मरने से पहले प्रकाशित हुई थी और कुछ किताबें उनके मरने के बाद प्रकाशित हुई। साथ ही उन्होंने बहुत सी खोजों को सफल बनाया है और ये आत्मज्ञानी दार्शनिक भी थे। ये धार्मिक बिचार के थे लेकिन इसपर कुछ मतभेद भी है।

इन्होंने धार्मिक शोध के बारे में भी कुछ लिखा है जो कि इतिहास में देखने को मिलता है। न्यूटन ने अपने जीवन में छोटे-बड़े बहुत से पदों को धारण किया है और उसका सम्मान प्राप्त किया है। न्यूटन के बारे में बहुत सी चीजें अभी भी रहस्यमयी हैं विद्वानों का अपना अलग-अलग ही मत है।

इनके अकादमी सलाहकार Isaac Barrow, Benjamin Pulleyn थे और इतिहास में इनके शिष्य के बारे में भी लिखा गया है जिनके नाम Roger Cotes, William Whiston है। न्यूटन के जीवन में योहानेस केप्लर, गैलीलियो गैलिली, अरस्तु, रॉबर्ट बॉयल ने काफी प्रभाव डाला है।

आइज़क न्यूटन की मृत्यु Death of Isaac Newton

आइज़क न्यूटन की मृत्यु 31 मार्च 1727 को केंसिंग्टन, मिडलसेक्स, जर्मनी मे हुई थी और इन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन के कोई बच्चे नही थे जिससे इनकी संपत्ति को इनके रिश्तेदारों ने अपने अधिकार में कर लिया। न्यूटन की मृत्यु के बाद इनके शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में पारा (mercury) पाया गया था जो शायद उनके रासायनिक कार्यों को करने की वजह से था।

न्यूटन का स्मारक उनके ही कब्र के ऊपर बनाया गया है और इनकी मूर्ति पत्थर की है जिसको माइकल रिज्ब्रेक ने सफ़ेद और धूसर संगमरमर में बनाया है, और इसका  डिजाइन वास्तुकार विलियम कैंट द्वारा बनाया गया है। उनका स्मारक दर्शाता है कि उनकी दाहिने कोहिनी कई महान पुस्तकों पर है और उनका बाया हाथ एक गणितीय सूची की और इशारा कर रहा है।

जोसेफ लुईस लाग्रेंज जो की एक फ्रेंच गणितज्ञ थे , वे अक्सर कहते थे की न्यूटन एक महानतम प्रतिभाशाली था और जोसेफ लुईस लाग्रेंज ने एक बार ये भी कहा था कि न्यूटन साथ ही सबसे बड़ा भाग्यशाली भी था।  अलेक्जेंडर पोप एक अंग्रेजी कवि थे इन्होंने न्यूटन की उपलब्धियों से प्रभावित होकर स्मृति लेख लिखा –

Nature and nature’s laws lay hid in night; God said “Let Newton be” and all was light.

आशा करते हैं आपको आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi पढ़ कर अच्छा लगा होगा। धन्यवाद।

Featured Image – Wikimedia (Isaac Newton)

9 thoughts on “आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Hindi”

nice biography

Great newton

Very nice thanks give me knowledge

nice nice ………………………………………………

आइजक न्यूटन की जीवनी व्यक्ति को प्रेरित करने वाली है ,, एक युवा इनकी जीवनी को आत्मसात करके जीवन मे कुछ नया कर सकता है। बहुत ही सिस्टेमेटिक अंदाज में जीवनी का वर्णन किया गया है अच्छा लगा।

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I like this and it is so interesting for me

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Few Lines on Sir Isaac Newton in Hindi

Few Lines on Sir Isaac Newton in Hindi : सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने अपनी खोज द्वारा आधुनिक भौतिक विज्ञान की नींव रखी। आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को लिनकोलनशायर में हुआ। न्यूटन का जन्म उनके पिता की मृत्यु के तीन माह बाद हुआ। वे एक समृद्ध किसान थे उनका नाम भी आइजैक न्यूटन था। वे कोपरनिकस, गैलीलियो और केपलर से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। उन्होंने बताया की पृथ्वी सभी वस्तुओं पर सामान गुरुत्वाकर्षण बल लगाती है। न्यूटन ने परावर्तक दूरदर्शी का आविष्कार किया। अवकलन और समाकलन के विकास का श्रेय भी न्यूटन को जाता है।

Few Lines on Sir Isaac Newton in Hindi

  • सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक महान वैज्ञानिक थे। 
  • उन्होंने अपनी खोज द्वारा आधुनिक भौतिक विज्ञान की नींव रखी। 
  • आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को लिनकोलनशायर में हुआ। 
  • न्यूटन का जन्म उनके पिता की मृत्यु के तीन माह बाद हुआ। 
  • वे एक समृद्ध किसान थे उनका नाम भी आइजैक न्यूटन था। 
  • वे कोपरनिकस, गैलीलियो और केपलर से बहुत प्रभावित थे। 
  • उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। 
  • उन्होंने बताया की पृथ्वी सभी वस्तुओं पर सामान गुरुत्वाकर्षण बल लगाती है। 
  • न्यूटन ने परावर्तक दूरदर्शी का आविष्कार किया। 
  • अवकलन और समाकलन के विकास का श्रेय भी न्यूटन को जाता है। 
  • उन्होंने 1685 प्रिन्सिपिया मैथमेटीका नामक पुस्तक लिखी। 
  • सर आइज़ैक न्यूटन की मृत्यु लंदन में 31 मार्च 1727 को हुई। 

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सर आइज़क न्यूटन की जीवनी | Biography Of Isaac Newton In Hindi

स्कूल की किताबो में आइज़क न्यूटन का जिक्र बहुत बार आया है। इस पोस्ट Information And Biography Of Isaac Newton In Hindi में आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय और आविष्कार के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। आप जानते हो की न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण बल को समझाया था। दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में न्यूटन पहले नंबर पर आते है। विज्ञान के क्षेत्र में न्यूटन का योगदान कभी भुलाया नही जा सकता है।

आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय Biography Of Isaac Newton In Hindi

न्यूटन का जन्म महान वैज्ञानिक गैलेलियो की मृत्यु के वर्ष में हुआ था। 25 दिसम्बर 1642 को क्रिसमस के दिन Newton का जन्म लकाशयर इंगलेंड में हुआ था। न्यूटन का पूरा नाम सर आइज़क न्यूटन  (Sir Isaac Newton) था।

न्यूटन का मन हमेशा से ही गणित में लगता था। वे हमेशा ब्रह्माण्ड के अनसुलझे रहस्यो के बारे में सोचते रहते थे। न्यूटन धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे और उनका विश्वास ईश्वर में था। न्यूटन के समय केप्लर और गैलेलियो के नियम पढ़ाये जाते थे।

जब तक दुनिया रहेगी न्यूटन को उनके गुरुत्वाकर्षण की खोज के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। न्यूटन की इस खोज ने उनका नाम विज्ञान जगत में हमेशा के लिए अमर कर दिया।

न्यूटन की खोज गुरुत्वाकर्षण बल

एक दिन न्यूटन एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे कि तभी उनके ऊपर एक सेब आकर गिरा, वेसे तो यह एक साधारण बात थी लेकिन इस धटना से न्यूटन गहन चिंतन में डूब गए और उन्होंने सोचा कि यह सेब नीचे ही क्यों गिरा? और ऊपर की तरफ क्यों नही गया?

धुन के पक्के न्यूटन इसके बाद इस पर रिसर्च करने में लग गए की ऐसी कोनसी शक्ति है जिसकी वजह से सेब धरती की तरफ नीचे आया ना कि आसमान की तरफ ऊपर गया।

कई साल न्यूटन ने इस पर गुरुत्वाकर्षण शोध किया और पता लगाया कि हमारी धरती में एक शक्ति है जो हर चीज को अपनी और खिंचती है। न्यूटन ने इस शक्ति को गुरुत्वाकर्षण बल का नाम दिया। यही एक बल है जिसके कारणवश पृथ्वी सूर्य के चारो तरफ चक्कर लगा रही है और चन्द्रमा अपनी धरती के चारो और चक्कर लगा रहा है।

न्यूटन ने अपने शोध में यह भी बताया कि यह बल दूरी बढ़ने के साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल ही है जो ब्रह्माण्ड में स्थिरता प्रदान करता है। इसी बल की वजह ब्रह्माण्ड में तारों की उत्पत्ति हुई और आकाशगंगाऐ बनी। हर ग्रह अपने सूर्य की परिक्रमा इसी बल की वजह से करता है।

यह भी पढ़े – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है?

सर आइज़क न्यूटन की खोज (Isaac Newton Discovery Information In Hindi)

1. गुरुत्वाकर्षण की महान खोज के अलावा भी कई ऐसी खोजे थी जिनका श्रेय न्यूटन को जाता है। इनमे से एक खोज प्रकाश के रंगों की थी। न्यूटन ने बताया कि प्रकाश कई रंगों से मिलकर बनता है।

2. न्यूटन के गति के सम्बंध में दिए गए तीन नियम को कौन नही जानता है। गति के यह तीन नियम आधुनिक भोतिकी के आधार स्तम्भ है।

यह भी पढ़े – न्यूटन के गति के नियम

3. आपने गणित में समाकलन और अवकलन तो पढे ही होंगे और आपकी जानकारी के लिये बता देता हु की इन कैलकुलस की खोज न्यूटन ने ही कि थी।

4. न्यूटन ने ही बताया था कि पृथ्वी गोल नही अंडाकार घूमती है और हाँ भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट ने भी यही बताया था।

5. Binomial Theorem तो आपने गणित के विषय मे जरूर पढ़ी होगी, यह प्रमेय न्यूटन की ही देन है।

दुनिया के इस महान वैज्ञानिक का निधन 20 मार्च 1727 को लन्दन में हुआ था।  न्यूटन की खोज आज भी प्रासंगिक है और उनका आज भी उतना ही महत्त्व है जितना उस समय था। गुरुत्वाकर्षण बल को जानने के बाद ही ब्रह्माण्ड को समझ पाए है।

दोस्तों, यह लेख आइज़क न्यूटन की जीवनी Biography Of Isaac Newton In Hindi  आपको कैसी लगी? अगर यह पोस्ट “Information About Isaac Newton In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरुर करना। “न्यूटन के आविष्कार और न्यूटन की जीवनी ” पर आपके विचारो का स्वागत है।

महान वैज्ञानिको का जीवन परिचय –

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  • आर्यभट्ट की जीवनी 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

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1 thought on “सर आइज़क न्यूटन की जीवनी | Biography Of Isaac Newton In Hindi”

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essay on isaac newton in hindi

सर आइज़क न्यूटन – असाधारण प्रतिभा का धनी एक शख्स जिसने बदल डाली दुनिया

वैज्ञानिक आइज़क न्यूटन का जीवन, isaac newton biography in hindi.

Sir Isaac Newton

जब हम बचपन में विज्ञान पढ़ना शुरू करते हैं तो सबसे पहले जिस वैज्ञानिक का नाम आता है, वो हैं – न्यूटन(Newton) । यूँ तो दुनियां में बहुत से लोग जन्म लेते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा हमेशा के लिए अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिख जाते हैं। जब तक इस धरती पे विज्ञान रहेगा तब तक “ सर आइज़क न्यूटन(Sir Isaac Newton) ” का नाम लिया जाता रहेगा। मैं खुद हमेशा से उनके जैसा बनना चाहता हूँ, मेरी ये दिली इच्छा है कि न्यूटन जैसा वैज्ञानिक बनूँ। मैं ही नहीं, मेरे जैसे और भी बहुत लोग होंगे जो उसने जैसा बनना चाहते होंगे। आइये न्यूटन सर के बारे में आज कुछ जानने की कोशिश करते हैं-

हमारा विज्ञान जहाँ से शुरू होता है, उसका आधार हैं “सर आइज़क न्यूटन” और हम सब के लिए एक प्रेरणा के स्रोत हैं। न्यूटन का जन्म 25 December 1642 को क्रिसमस वाले पवित्र दिन को वुल्सथार्प,लंकशायर(इंग्लैंड) में हुआ था। इनके जन्म से ठीक 3 महीने पहले इनके पिता का देहांत हो गया था। बचपन में ही पिता का साया सर से उठ जाने से इनको बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा। जब ये 3 साल के हुए तो इनकी माँ ने फिर से नयी शादी कर ली, इनके पालन पोषण के लिए इनको दादी माँ के पास छोड़ गयी और खुद नए पति के साथ रहने चली गयी। न्यूटन को अपने सौतेले पिता बिलकुल अच्छे नहीं लगते थे। जब न्यूटन छोटे थे तो बहुत दिन तक ठीक से बोल नहीं पाते थे।

जब ये 17 साल के हुए तो The King’s School, Grantham में इन्हें पढ़ने के लिए प्रवेश दिलाया। लेकिन इनका मन वहां पढाई में नहीं लगता था, क्यूंकि वहां गणित नहीं पढ़ाया जाता था। न्यूटन का मन शुरुआत से ही गणित विषय में बहुत लगता था। वे बचपन से ही आकाशीय पिंडों और ग्रहों की ओर आकर्षित रहते थे, और सूरज की किरणों को देखकर उन्हें आश्चर्य होता था।

अक्टूबर 1659 को न्यूटन को स्कूल से निकाल दिया गया। इधर इनकी माँ के दूसरे पति का भी देहांत हो चुका था। इसी कारण माँ ने इन्हें खेती बाड़ी सँभालने को कहा। लेकिन न्यूटन का मन खेती बाङी में नहीं लगता था। हेनरी स्टोक्स जो कि The King’s School के प्रिंसिपल थे उन्होंने न्यूटन की माँ से न्यूटन को फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने को कहा जिससे वो आगे की पढाई कर सकें। इस बार न्यूटन ने हताश नहीं किया और बहुत जल्दी वो स्कूल के टॉपर विद्द्यार्थी बने।

जून 1661 में, अपने एक अंकल के कहने पर इन्होनें Trinity College, Cambridge में प्रवेश लिया। जहाँ ये अपनी पढाई की फीस भरने और खाना खाने के लिए विद्ध्यालय में एक कमर्चारी की तरह काम भी करते थे। 1664 में इन्हें एक स्कॉलरशिप की वयवस्था कॉलेज की तरफ से ही की गयी, जिसकी मदद से न्यूटन अब M. A. तक की पढाई कर सकते थे। उस समय विज्ञान बहुत आगे नहीं था उन दिनों किताबों में अरस्तू, गैलिलिओ(जिन्होंने दूरबीन को बनाया था) आदि के सिद्धांतों के बारे पढ़ाया जाता था। यहीं रहकर न्यूटन ने प्रसिद्ध “केप्लर के नियम” पढ़े।

उपलब्धियां –

1665 में न्यूटन ने binomial theorem(द्विपद प्रमेय) का अविष्कार किया जिसे बाद में कैलकुलस(गणित का एक हिस्सा) के नाम से जाना गया जो आज भी स्कूल और कालेजों में लोगों को पढ़ाया जाता है। इसके आलावा पाई(pi) का मान निकालने के लिए भी न्यूटन ने नया फार्मूला दिया।

एक घटना जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है –

इस घटना के बारे में हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं, ये एक ऐसी घटना है जिसने ना सिर्फ न्यूटन की जिंदगी को बदला बल्कि विज्ञान को एक नया आयाम दिया। न्यूटन का मन शुरुआत से ही ग्रह, उपग्रह इन सबमें बहुत लगता था। उन दिनों भी न्यूटन चन्द्रमा और धरती के बारे में रिसर्च कर रहे थे कि कैसे चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और कैसे पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। 1666 में प्लेग नामक बीमारी फैलने की वजह से बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया। इसी वजह से न्यूटन एक बगीचे में एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे, और मन ही मन वो धरती और चन्द्रमा के बारे में सोच रहे थे लेकिन उनके दिमाग में कोई सटीक आईडिया नहीं आ रहा था। अचानक एक सेब पेड़ से गिरा जो सीधा न्यूटन के सर पर जाकर लगा, सेब को देखकर न्यूटन के दिमाग ने बिजली से भी तेज काम किया। उन्होंने सोचा कि ये सेब नीचे ही क्यों आया? जब ये पेड़ से गिरा तो ऊपर की ओर भी जा सकता था। इसी बात ने उनकी सोच को और गहन कर दिया। और इस सोच ने जन्म दिया एक नए विज्ञान को, एक नयी दुनिया को।

बहुत सालों तक इसपे रिसर्च करने के बाद न्यूटन ने बताया कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल(Gravity) नाम की एक शक्ति है। जो हर चीज़ को अपनी ओर खींचती है और इसी बल के कारण चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का। न्यूटन ने बताया कि ये बल दूरी बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल को पृथ्वी के केंद्र में माना जाता है, इसीलिए पृथ्वी हर चीज़ को सीधा अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी किसी वस्तु को कितनी शक्ति से खींचेगी इसका मान उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है।

इसके आलावा न्यूटन ने “भार” और “द्रव्यमान” में अंतर को भी समझाया। साथ ही साथ प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया कि सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है।

इसके आलावा न्यूटन के गति के 3 नियम भौतिक विज्ञान में बहुत ही ज्यादा प्रयोग किये जाते हैं। एक साईकिल से लेकर हवाई जहाज बनाने तक में इन नियमों का पालन होता है।

ये माना जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। 20 मार्च 1727 को लन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी।

सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है। सर आइज़क न्यूटन ने इस दुनिया को जो योगदान दिया है उसके लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए, कितनी विषम परिस्थितियों में रहकर उन्होंने पढाई पूरी की और दुनिया को एक नयी दिशा दी। एक सेब गिरने से न्यूटन ने विज्ञान को हिलाकर रख दिया लेकिन आज इंसान रोज गिरता है लेकिन फिर भी कुछ नहीं सीखता। सर आइज़क न्यूटन मेरे आइडियल पर्सन हैं और मेरी पहली पसंद भी। न्यूटन जी के योगदान को शत शत नमन!!!!!!

Thanks Sir Isaac Newton, You are great

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Sir Isaac Newton

Apart from discovering the cause of the fall of an apple from a tree, that is, the laws of gravity, Sir Isaac Newton was perhaps one of the most brilliant and greatest physicists of all time. He shaped dramatic and surprising discoveries in the laws of physics that we believe our universe obeys, and hence it changed the way we appreciate and relate to the world around us.

Table of Contents

About sir isaac newton, sir isaac newton’s education, awards and achievements, some achievements of isaac newton in brief.

  • Universal Law of Gravitation

Optics and Light

Sir Isaac Newton

Sir Isaac Newton was born on 4th January 1643 in a small village of England called Woolsthorpe-by-Colsterworth. He was an English physicist and mathematician, and one of the important thinkers in the Scientific Revolution.

He discovered the phenomenon of white light integrated with colours which further laid the foundation of modern physical optics. His famous three laws of Motion in mechanics and the formulation of the laws of gravitation completely changed the track of physics across the globe. He was the originator of calculus in mathematics. A scientist like him is considered an excellent gift by nature to the world of physics.

Isaac Newton studied at the Trinity College, Cambridge, in 1661. At 22 in 1665, a year after beginning his four-year scholarship, Newton finished his first significant discovery in mathematics, where he revealed the generalized binomial theorem. He was bestowed with his B.A. degree in the same year.

Isaac Newton held numerous positions throughout his life. In 1671, he was invited to join the Royal Society of London after developing a new and enhanced version of the reflecting telescope.

He was later elected President of the Royal Society (1703). Sir Isaac Newton ran for a seat in Parliament in 1689. He won the election and became a Member of Parliament for Cambridge University. He was also appointed as a Warden of the Mint in 1969. Due to his exemplary work and dedication to the mint, he was chosen Master of the Mint in 1700. After being knighted in 1705, he was known as “Sir Isaac Newton.”

His mind was ablaze with original ideas. He made significant progress in three distinct fields – with some of the most profound discoveries in:

  • Calculus, the mathematics of change, which is vital to our understanding of the world around us
  • Optics and the behaviour of light
  • He also built the first working reflecting telescope
  • He showed that Kepler’s laws of planetary motion are exceptional cases of Newton’s universal gravitation.

Sir Isaac Newton’s Contribution in Calculus

Sir Isaac Newton was the first individual to develop calculus. Modern physics and physical chemistry are almost impossible without calculus, as it is the mathematics of change.

The idea of differentiating calculus into differential calculus, integral calculus and differential equations came from Newton’s fertile mind. Today, most mathematicians give equal credit to Newton and Leibniz for calculus’s discovery.

Law of Universal Gravitation

The famous apple that he saw falling from a tree led him to discover the force of gravitation and its laws. Ultimately, he realised that the pressure causing the apple’s fall is responsible for the moon to orbit the earth, as well as comets and other planets to revolve around the sun. The force can be felt throughout the universe. Hence, Newton called it the Universal Law of Gravitation .

Newton discovered the equation that allows us to compute the force of gravity between two objects.

Newton’s Laws of Motion

  • First law of Motion
  • Second Law of Motion
  • Third law of Motion

Watch the video and learn about the history of the concept of Gravitation

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Sir Isaac Newton also accomplished himself in experimental methods and working with equipment. He built the world’s first reflecting telescope . This telescope focuses all the light from a curved mirror. Here are some advantages of reflecting telescopes from optics and light –

  • They are inexpensive to make.
  • They are easier to make in large sizes, gathering lighter, allowing advanced magnification.
  • They don’t suffer focusing issues linked with lenses called chromatic aberration.

Isaac Newton also proved that white light is not a simple phenomenon with the help of a glass prism. He confirmed that it is made up of all of the colours of the rainbow, which could recombine to form white light again.

Watch the video and solve complete NCERT exercise questions in the chapter Gravitation

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Frequently Asked Questions

How did newton discover gravity.

Seeing an apple fall from the tree made him think about the forces of nature.

What is Calculus in Mathematics?

Calculus is the study of differentiation and integration. Calculus explains the changes in values, on a small and large scale, related to any function.

Define Reflecting Telescope.

It’s a telescope invented by Newton that uses mirrors to collect and focus the light towards the eyepiece.

Name all the Kepler’s Laws of planetary motion.

Kepler’s three laws of planetary motion are:

  • The Law of Ellipses
  • The Law of Equal Areas
  • The Law of Harmonies

Who discovered Gravity?

Watch the full summary of the chapter gravitation class 9.

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