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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

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10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

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(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

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दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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दिवाली पर निबंध – 10 lines long and short Essay on Diwali 2024 in Hindi (150, 200, 250 , 400, 500 शब्दों में)

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक है। छात्रों को इस त्योहार और इसकी खूबियों से परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं से   दिवाली निबंध पर प्रश्न हिंदी भाषा में  पूछा जाता है। इस से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो  दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं।

बच्चों के पास एक निबंध लिखने के लिए बहुत अच्छा समय होता है क्योंकि उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आमतौर पर इस त्योहार को पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है।

वे अपने परिवार , दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दिवाली त्योहार पर हिन्दी में एक निबंध बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने और शुभ त्योहार के सार के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।

2024 में दिवाली कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पूजा में, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – अपडेट किया जाएगा

अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:55 बजे से शुरू हो रही है।

अमावस्या तिथि 1 नवंबर, 2024 को शाम 06:15 बजे समाप्त होगी।

दीपावली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay on Diwali 10 Lines in Hindi)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत है
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों के लिए दिवाली मनाते हैं
  • दीया, मोमबत्तियां जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली समारोह का एक हिस्सा है
  • दिवाली या दीपावली न केवल हिंदू समुदाय में बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस समय के दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली कार्तिक मास के 15वें दिन मनाई जाती है
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है
  • आमतौर पर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में दीपावली उत्सव के एक भाग के रूप में 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है
  • देश भर के परिवार और दोस्त इस अवसर पर एक साथ आते हैं और दिवाली मानते है ।
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दीपावली पर निबंध 150 शब्द (Short Essay on Diwali in Hindi)

Essay on Diwali in Hindi – रोशनी का त्योहार दिवाली काफी समय से चल रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम इस दिन राक्षस राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। अपने राजा के आगमन पर, अयोध्या के निवासियों ने इस अवसर को मनाने के लिए सड़कों और घरों को तेल के दीयों से रोशन किया। तब से, हिंदू इस त्योहार को धूमधाम से मनाकर परंपरा का पालन कर रहे हैं। यह बच्चों के लिए पसंदीदा त्योहार है क्योंकि उन्हें अपनी पसंदीदा मिठाई खाने और नए कपड़े पहनने को मिलता है।

यह त्योहार हमें सिखाता है कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर जीत होती है और हमें प्रकाश से अंधकार को मिटाना चाहिए। हर भारतीय घर में दिवाली के दौरान उत्सव का माहौल देखा जा सकता है। हर कोई घरों की सफाई करने, मिठाइयां बनाने या दीया जलाने में लगा हुआ है।

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  • Mahatma Gandhi Essay

दीपावली पर निबंध 200 शब्द (Essay on Diwali 200 words in Hindi)

Essay on Diwali in Hindi – भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी आने का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। और वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति या रचना के हों, उत्सव में शामिल होते हैं।

दीपावली पर निबंध 250 – 300 शब्द (Essay on Diwali 250 – 300 words in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – त्यौहार मानव जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे भाईचारे, को साझा करने और मनुष्यों की सामाजिक प्रकृति का जश्न मनाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है दिवाली। यह हिंदुओं द्वारा राक्षस राजा रावण के साथ एक भयंकर और खूनी लड़ाई के बाद अयोध्या के राजा राम के आगमन की खुशी मे मनाया जाता है। यह अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के मूल विषय का जश्न मनाता है। हमारे मानव मन सामाजिक और व्यवहारिक पैटर्न के लोकाचार से सुसज्जित हैं जो हमारे आसपास के लोगों के साथ जटिल संबंध बनाते हैं।

त्यौहार अपने पड़ोसियों को जानने और उनके साथ जश्न मनाने का सही तरीका है। दिवाली हमें हर किसी के प्रति दयालु होना सिखाती है और अच्छे परिणाम आने की प्रतीक्षा करने के लिए धैर्यवान दिल और दिमाग रखती है। हमारे विश्वास हमारे मन को आकार देते हैं; इसलिए हमें कभी भी त्योहारों में विश्वास नहीं खोना चाहिए। दिवाली लंबे समय से पटाखे फोड़ने से जुड़ी हुई है, लेकिन क्या यह जरूरी है? बिलकूल नही! दिवाली अभी भी आश्चर्यजनक रूप से मनाई जा सकती है यदि हम सभी घर पर रहें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ हार्दिक डिनर का आनंद लें। पटाखों को जलाने से वातावरण में हानिकारक गैसें निकलती हैं जो अंततः वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।

पटाखों से हमारे आसपास रहने वाले जानवरों को नुकसान होता है। हमें दूसरों की सुरक्षा से समझौता किए बिना जिम्मेदारी से त्योहार मनाना चाहिए। दिवाली के दौरान, घर ताजा पके हुए भोजन से उठने वाली स्वादिष्ट सुगंध की महक से भर जाते हैं। त्योहार के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों को पकाया और खाया जाता है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि त्योहार हमारे बीच भाईचारे की महत्वपूर्ण भावना को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं न कि उत्सव के नाम पर हमारे परिवेश को नष्ट करने के लिए।

दिवाली पर निबंध 400 – 500 शब्द (Long Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – सबसे पहले यह समझ लें कि भारत त्योहारों का देश है। दिवाली निश्चित रूप से भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह शायद दुनिया का सबसे चमकीला त्योहार है। विभिन्न धर्मों के लोग Diwali मनाते हैं। सबसे उल्लेखनीय, त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसका अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत भी है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। नतीजतन, दिवाली के दौरान पूरे देश में चमकदार रोशनी होती है। दिवाली पर इस निबंध में, हम दिवाली के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखेंगे।

दीपावली का धार्मिक महत्व

इस त्योहार के धार्मिक महत्व में अंतर है। यह भारत में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। दिवाली के साथ कई देवी-देवताओं, संस्कृतियों और परंपराओं का जुड़ाव है। इन भिन्नताओं का कारण संभवतः स्थानीय फसल उत्सव हैं। इसलिए, इन फसल त्योहारों का एक अखिल हिंदू त्योहार में एक संलयन था।

रामायण के अनुसार दिवाली राम की वापसी का दिन है। इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। यह वापसी राम द्वारा राक्षस राजा रावण को हराने के बाद की गई थी। इसके अलावा, राम के भाई लक्ष्मण और हनुमान भी विजयी होकर अयोध्या वापस आए।

दिवाली के कारण एक और लोकप्रिय परंपरा है। यहां भगवान विष्णु ने कृष्ण के अवतार के रूप में नरकासुर का वध किया था। नरकासुर निश्चित रूप से एक राक्षस था। सबसे बढ़कर, इस जीत ने 16000 बंदी लड़कियों को रिहा कर दिया।

इसके अलावा, यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। यह भगवान कृष्ण के अच्छे होने और नरकासुर के दुष्ट होने के कारण है।

देवी लक्ष्मी के लिए दिवाली का संबंध कई हिंदुओं की मान्यता है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह धन और समृद्धि की देवी भी होती है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार दिवाली लक्ष्मी विवाह की रात है। इस रात उसने विष्णु को चुना और शादी की। पूर्वी भारत के हिंदू दिवाली को देवी दुर्गा या काली से जोड़ते हैं। कुछ हिंदू दिवाली को नए साल की शुरुआत मानते हैं।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Diwali)

दिवाली पर निबंध – सबसे पहले तो कई लोग दिवाली के दौरान लोगों को माफ करने की कोशिश करते हैं। यह निश्चित रूप से एक ऐसा अवसर है जहां लोग विवादों को भूल जाते हैं। इसलिए दिवाली के दौरान दोस्ती और रिश्ते और भी मजबूत हो जाते हैं। लोग अपने दिल से नफरत की सभी भावनाओं को दूर कर देते हैं।

यह खूबसूरत त्योहार समृद्धि लाता है। दीपावली पर हिंदू व्यापारी नई खाता बही खोलते हैं। इसके अलावा, वे सफलता और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करते हैं। लोग अपने लिए और दूसरों के लिए भी नए कपड़े खरीदते हैं।

यह प्रकाश पर्व लोगों में शांति लाता है। यह हृदय में शांति का प्रकाश लाता है। दिवाली निश्चित रूप से लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। खुशी और खुशी बांटना दिवाली का एक और आध्यात्मिक लाभ है। रोशनी के इस त्योहार में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। वे खुश संचार करते हैं, अच्छा खाना खाते हैं, और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

अंत में, संक्षेप में, दिवाली भारत में एक बहुत ही खुशी का अवसर है। इस गौरवमयी पर्व के रमणीय योगदान की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह निश्चित रूप से दुनिया के सबसे महान त्योहारों में से एक है।

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दिवाली पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

दिवाली क्यों मनाई जाती है.

राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

‘कार्तिक’ के महीने में। यह हिंदू कैलेंडर में एक महीना है और अक्टूबर के अंत और नवंबर के बीच कहीं पड़ता है।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

हमारे घरों को पारंपरिक तेल के दीयों से सजाकर दिवाली मनाई जाती है। आप स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकते हैं और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।

आप दिवाली के लिए कैसे बचत कर सकते हैं?

इसके पारंपरिक तरीकों और प्रथाओं से चिपके हुए और पटाखों से दूर रहकर हमारे पास एक सुरक्षित और मजेदार दिवाली है।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

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दिवाली 2023 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2023 Wishes in Hindi

  • शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2023

Diwali essay in hindi in10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था लोग दीये जलाते हैं.  

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रौशनी से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है. इस दिन इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे.  भगवान राम की अयोध्या वापसी राई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है. दिवाली त्यौहार में के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2023 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.

दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं. रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: November 09, 2023 04:35 pm IST

  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ …

दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

  • दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in …
  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on …
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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त 

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words) 

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (essay on diwali in hindi in 500 words) - प्रस्तावना .

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार , दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (essay on diwali in hindi in 10 lines).

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है। 
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं। 
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है। 
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है। 
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। 
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है। 
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार 

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं। 
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं। 
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। 

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दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा। 

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

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a short essay on diwali in hindi

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Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

यह भी पढ़े : धनतृयोदशी या धनतेरस या धनवंन्तरी तृयोदशी

निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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दिवाली पर निबंध | Essay On Diwali In Hindi | Diwali Par Nibandh

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Diwali Par Nibandh – दिवाली सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह महान पर्व प्रत्येक वर्ष बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म का केंद्र बिंदु भारत सहित यह गौरवशाली पर्व विश्व के कुछ देशों में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। नेपाल, श्रीलंका, सिंगापूर, मलेशिया, इंडोनेशिया, मॉरीशस व दक्षिण अफ्रीका के कुछ देशों में भी यह पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा भारत के लोग जहाँ जहाँ, जिस जिस देशों में बसे है वे उन देशों में अपने इस गौरवशाली पर्व को वही मनाते है, जिससे विदेशो में विशेषकर अमरीका व यूरोप के कुछ देशो में भी यह मनाया जाने लगा है। आज के इस लेख में हम आपको दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi ) बताने जा रहे है. यह निबंध आपके स्टूडेंट जीवन में जरुर काम आएगा.

Essay On Diwali In Hindi

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

दीपावली दो शब्दों के मिश्रण से बना एक शब्द है। इसमें प्रथम दीप है तो दूसरा है आवली। दीप या दीया का अर्थ होता है, दीपक। जबकि आवली का अर्थ होता है, शृंखला। इस प्रकार दीपावली का शाब्दिक अर्थ है, दीपो की शृंखला। दीपावली को सामान्य बोलचाल की भाषा में दिवाली कहा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या प्रायः अंग्रेजी महीने के नवंबर में आती है मगर कभी कभी यह अक्टूबर में भी आ जाती है। यह हिंदी महीने की कम या अधिक अवधि के कारण होता है।

इस बार यानि वर्ष 2023 में कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को पड़ रही है इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जायेगी। इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या आठ बजे से रात्रि दस बजे तक है।

दिवाली को मनाये जाने के पीछे सनातन धर्म में दो प्रमुख कथाएं अधिक प्रचिलत है। प्रथम कथा श्री राम से जुडी है तो दूसरी कथा श्री कृष्ण से जुडी है। इनमें सबसे प्रमुख चौदह वर्ष के वनवास के बाद श्रीराम का माता सीता सहित लक्ष्मण के साथ अपने गृह प्रदेश अयोध्या का आगमन है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?

दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 150 Words)

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण पर विजय के साथ अपने चौदह वर्ष की वनवास पूरी करके भार्या (पत्नी) सीता व अनुज भ्राता लक्ष्मण के साथ अपने घर की वापसी किया तो उस दिन अयोध्या प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई। वे अपने घरो व गली, सड़को की साफ – सफाई करके अपने राजा के आगमन का स्वागत करने लगे। चूंकि उस दिन अमावस्या थी और अमावस्या की रात अन्धकार भरी होती है। इसलिए प्रजाजन अपने घरो के बाहर दीप प्रज्जलित करके श्री राम के लौटने के मार्ग को प्रकाश से भर दिया ताकि भगवान श्री राम, माता सीता व लक्षमण को आने में कोई समस्या न हो, उन्हें हर जगह प्रकाश मिले। कहते है तभी से दिवाली मनायी जाने लगी। अब यही कारण है, दिवाली की रात को घर-बाहर दीपक जलाये जाते है। दिवाली न केवल श्री राम से नहीं बल्कि श्री कृष्ण से भी जुड़ी हुई है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने भयानक असुर नरकासुर का वध करके सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था। इसी खुशी में लोगो के द्वारा दिवाली मनाई जाने लगी।

  • दिवाली के पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  • धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  • लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और तिथि
  • दिवाली शुभकामनाएं संदेश
  • दिवाली के लिए ट्रेंडी रंगोली डिजाइन
  • धनतेरस की शुभकामनाएं संदेश
  • गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
  • तुलसी विवाह कब है?

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 200 Words)

दिवाली खुशियों का त्यौहार है। यह प्रकाश के साथ साथ रंग का भी त्यौहार माना जाता है। वैसे तो रंगो का त्यौहार होली है मगर दिवाली में भी रंग का एक अपना महत्व है। रंग खुशियों का प्रतिक है। रंग उल्लास का प्रतिक है। रंग आशा का प्रतिक है। इसलिए दिवाली के दिन प्रायः घरो में रंग बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। सनातन धर्म में रंगोली न केवल सुंदरता का प्रतिक माना जाता है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। सनातन धर्म में रंगोली को शुभ का प्रतीक माना गया है। यह माता लक्ष्मी के आगमन हेतु स्वागत के लिए बनाया जाता है। इसके अलावा दिवाली से पहले लोग अपने घरो को साफ सुथरा करके पेंट पॉलिश भी करवाते है। इस तरह से दिवाली में रंगोली और रंग का विशेष महत्व है।

सभी को पता है प्रकाश का एक महापर्व है मगर यह प्रकाश किन बिन्दुओं का सूचक है ? अगर हम उन बिन्दुओ की बात करें तो दीपक से प्रज्जवलित यह प्रकाश नई दिशा का सूचक है। यह प्रकाश बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिक है। यह प्रकाश जीवन में हर ओर मिलने वाली सफलता का सूचक है। यह प्रकाश आशा का सूचक है। यह प्रकाश खुशहाली भरा जीवन का सूचक है। यह प्रकाश समृद्धि का सूचक है। यह प्रकाश जीवात्मा का परमात्मा से मिलन का सूचक है।

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 300 Words)

वास्तव में, दीपावली में जलाये जाने वाले दीपक ज्ञान, विज्ञान, आशा, सफलता, समृद्धि, विश्वास, संतुष्टि, अच्छाई व साक्षात् ब्रह्म का प्रतिक है। यह दीपक इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव को आत्ममंथन के द्वारा अपने अंदर की बुराई पर विजय प्राप्त करनी चाहिए एवं अपने अंतर्मन को प्रकाशित करना चाहिए, तभी मानव में जन्म लेना सफल हो सकता है।

दिवाली हिन्दुओ के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का महापर्व है। यह खुशियों का व मिलन का त्यौहार है। पटाखे व रौशनी आदि जैसे आतिशबाजी करके लोग अपने उत्साह को प्रकट करते है। इस अवसर पर लोग आपस में मिठाइयां बांटते है। कई लोग इस दिन नए वस्त्र भी धारण करते है। कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि बहुमूल्य धातुओं से बने ज्वेलरी भी खरीदते है। माना जाता है कि दिवाली में नई खरीददारी शुभ होती है। यह माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है।

दीपावली केवल मनोरंजन व खुशियों के बाँटने का त्यौहार नहीं है बल्कि इस रात माता लक्ष्मी व भगवान श्री गणेश जी की भी विधिवत व भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी धन व ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री है। जबकि भगवान श्री गणेश विघ्न विनाशक हैं। उनके पूजन से जीवन में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है और नए नए मार्ग खुलते है। उसी प्रकार माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन का अभाव व दरिद्रता दूर होती है एवं जीवन में धन सम्पदा का आगमन होता है। इससे जीवन में खुशहाली आती है, क्योकि इस जीवन का सबसे बड़ा दुःख धन का दुःख ही होता है। इस तरह धन के आगमन से मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है और ये सब माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही संभव होता है।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 500 Words)

दिवाली का त्यौहार पांच दिनों का होता है। इसका आरम्भ मुख्य दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस से आरम्भ होता है। धनतेरस का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का वास्तविक नाम धन त्रयोदशी है। समुन्द्र मंथन में इसी दिन देवताओ के वैद्य कहे जाने वाले देव धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। उनका प्रागट्य हाथ में सोने के कलश में अमृत लिए हुए था। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन या कोई वस्तु अथवा क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि मंहगे धातुओं को खरीदने की प्रथा है। इस दिन बर्तन, वस्तु (धन-समृद्धि का सूचक) व सोने – चाँदी खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस में बर्तन, वस्तु व सोने चाँदी आदि के खरीदना माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है और यह बहुत शुभ होता है। चूँकि धनतेरस से ही माता लक्ष्मी के विशेष पूजन का मुहूर्त आरम्भ हो जाता है।

धनतेरस से अगले दिन व दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाने की प्रथा है। हालांकि कुछ क्षेत्रो में यह दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जहाँ सामान्य बोलचाल की भाषा में बासी दिवाली भी कहते है। चूँकि दिवाली से एक दिन पहले की तिथि को यम चतुर्दशी कहते है इसलिए उन स्थानों पर इस तिथि के रात्रि काल में स्त्रियां यम के नाम एक दीपक घर के बाहर जलाया करती है। वैसे छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने सत्यभामा के साथ मिलकर भयानक दैत्य नरकासुर का वध किया था और उसके बंधन से सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था।

दिवाली के एक दिन पहले वाले इस तिथि को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। क्योकि यह तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को पड़ता है। इस तिथि को काली चौदस, नरक चौदस, यम चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नामो से जाना जाता है। इसके बाद अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या प्रकाश का महापर्व दीपावली मनाई जाती है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का यह सबसे प्रमुख दिन होता है।

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई बहन के प्रेम को समर्पित पर्व भाई दूज मनाया जाता है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के लम्बे आयु के लिए पूजन करती है और ईश्वर से उसके लिए प्रार्थना करती है। भाई दूज के साथ ही पांच दिनों तक मनाये जाने इस महापर्व दिवाली का समापन होता है।

निष्कर्ष – आज हमने आपको बताया दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi) के बारें में, उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

Q : दिवाली कब है? Ans : 24 अक्टूबर 2022 को

Q : दीपावली के 5 दिन कौन से हैं? Ans : धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज

Q : दिवाली के दूसरे दिन को क्या कहते हैं? Ans : गोवर्धन पूजा

Q : गोवर्धन पूजा कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

Q : धनतेरस कब है? Ans : 22 अक्टूबर को

Q : भाई दूज कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

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दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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दिवाली 2023: एक रोशनी की कहानी – शॉर्ट और विस्तृत निबंध

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Short And Long Diwali Essay in Hindi

दिवाली 2023 पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध.

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Short And Long Diwali Essay In Hindi   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब Diwali  Short And Long Essay In Hindi  –  दीपावली पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध को जानते है।

  • दिवाली पर शॉर्ट निबंध
  • Short Diwali Essay In Hindi

दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम के 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या मे वापस लौटने की खुशी मे पूरे अयोध्या मे घर घर, गली मुहल्ले, हर जगह दीये जलाए गए थे, जिससे पूरा अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगा था, इस तरह हर साल दीये इस शुभ दिन दीये जलाया जाने लगा, जिसे हम सभी दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाते है।

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

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दिवाली के एक माह पूर्व से ही लोग घरों की साफ़ सफाई तथा पर्व की तैयारी में लग जाते हैं. लोग अपने घरों दुकानों तथा ऑफिस आदि को सजाते संवारते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सबसे स्वच्छ स्थल में वास करती हैं. रात में लोग माँ के स्वागत के लिए घरों के द्वार भी खुले छोड देते हैं.

दिवाली पर निबंध

Essay on diwali in hindi.

दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है।

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था.  मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

हर त्योहार का अपना महत्व हैं. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता हैं. उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्योहार हैं. इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलते हैं. और उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाई आदि भेट करते हैं. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्योहार पौराणिक परम्पराओं को बनाए रखने वाला हैं.

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि  दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

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दिपावली  का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को  दीवाली की बधाई  देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

दिवाली का त्योहार कुल 5 दिनो के लिए मनाया जाता है, जो की दिवाली के दो दिन फले से दिवाली के दो दिन बाद तक रहता है, जिसे हर दिन अलग अलग नामो से दिवाली के इस त्योहार को मनाया जाता है, दिवाली त्यौहार के इन सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दिवाली के पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं, दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था,

दीवाली  की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

दिवाली की शाम को घर घर घी के दिए लाइट आदि से जगमगाहट की जाती हैं. शुभ मुहूर्त के समय माँ लक्ष्मी, श्रीगणेश तथा सरस्वती जी की पूजा आराधना कर सुख सम्रद्धि की कामना की जाती हैं. दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि  दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

बच्चें बूढ़े बालक स्त्रियाँ सभी आयु के लोग दिवाली पर्व को मनाते हैं. भारत में इस पर्व के मौके पर लम्बी सरकारी छुट्टियाँ भी रहती हैं जिससे नौकरी पेशे से जुड़े लोग भी अपने परिवार के साथ इस पर्व को मनाते हैं. अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह पर्व अक्टूबर अथवा नवम्बर माह में पड़ता हैं. इसके आगमन से कई दिन पूर्व से ही लोग घर की साफ़ सफाई रंग रोगन तथा खरीददारी में लग जाते हैं.

इसके अतिरिक सिख धर्म में भी दिवाली के दिन का ऐतिहासिक महत्व हैं इस दिन छठे सिख गुरु हर गोबिंद जी को मुगलों ने रिहा किया था, अतः सिख लोग इसे बंदी छोड़ पर्व के रूप में भी मनाते हैं.

हिन्दू धर्म की कथाओं के अनुसार माना जाता हैं कि जब रावण सीता का हरण का लंका ले गया तो भगवान राम ने लंका की चढ़ाई की और दशहरा के दिन रावण का वध कर सीता के साथ अयोध्या रवाना हुए थे.  माना जाता है, कि कार्तिक अमावस्या की रात को ही प्रभु राम सरयू के तट अयोध्या पहुंचे थे. अपने प्रिय राम के आगमन पर वहां के निवासियों ने घी के दिए जलाए तथा खुशियों के साथ राम को गले लगाया. 

दिवाली की रात धन दात्री देवी लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान हैं. सुख सम्पदा के लिए लक्ष्मी के साथ ही माँ सरस्वती तथा गणपति का भी पूजन किया जाता हैं. इस रात को घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं दोस्तों रिश्तेदारों को पावन पर्व की बधाई के साथ उपहार भी आदान प्रदान किये जाते हैं.

तीसरे दिन मुख्य दिवाली के रूप में जाना जाता है दिवाली की शाम को चरो तरफ दिये जलाए जाते है, और फिर शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है,

उपसंहार :  दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दिवाली पर निबंध पर प्रश्न और उनके उत्तर

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प्रश्न: दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है?

उत्तर: –

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

प्रश्न: दीपावली का अर्थ क्या है?

दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

प्रश्न: मेरा प्रिय त्योहार दिवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें?

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।

प्रश्न: दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

तो आप सभी को यह दिवाली के लिए निबंध – Short & Long Diwali Essay In Hindi  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और दिवाली पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध –  Short And Long Diwali Essay In Hindi  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को हैप्पी दिवाली…

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Diwali FAQs: दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर: दिवाली के बारे में सब कुछ जानें

दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है पूरी जानकारी और रोचक तथ्य, 2023 में दिवाली कब है जानिए तारीख और महत्वपूर्ण तिथियाँ.

Bahut hi Sundar Essay likha hai Aapne

Thnks Radhika

Best Diwali Essay..

Thanks Moksh. aapko bhi happy diwali.

Diwali ke liye best Short and long essay hai ye post. Happy Diwali..

Thanks Vivek Mourya. aapko bhi happy diwali.

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दीवाली हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। आज के इस आर्टिकल में हम दीवाली के महत्व को समझते हुए छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध लेकर आये हैं। आप यहाँ से दीवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें यह जान सकेंगे। लेख में हमने कक्षा 1 से 10 तक के लिए Diwali essay in Hindi में उपलब्ध कराया है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

यह भी देखें: दिवाली के समान ही हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है यदि आप जानना चाहते है कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महत्व एवं आसान शब्दों में निबंध लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Table of Contents

दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi

प्रस्तावना – दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है।

भारत के निवासी दीवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी दीवाली बड़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ –

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दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्तूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों, मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के पीछे यह तर्क है की जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे। उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है।

दिवाली सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है सभी लोगों के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाया जाता है।

दीपावली कब मनाई जाती है

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्तूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।

दिवाली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है

दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है।

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लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दिवाली मनाने की तैयारियाँ

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उसी घर में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करती है।

दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं। व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्योंकि लोग खरीददारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरें खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दिवाली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
  • दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
  • तीसरा दिन -यह दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
  • चौथा दिन -दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।
  • पांचवा दिन- इस दिन दीपावली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।   बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

दीपावली का महत्त्व

दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्व हैं। –

दिवाली का सामाजिक महत्व

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।

वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमें आपको मौका मिल पता है एक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भावना आती है।

लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रुचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्व होता है जो सामाजिक सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जब कभी भी दिवाली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है।

दीपावली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दिवाली का आर्थिक महत्व

दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं।

इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ लक्ष्मी को धन-समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है। साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है।

इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है। लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दिवाली का त्यौहार की विशेषता

अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है। आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है।

यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है।

अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है।

सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों, दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं। मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

बड़े-छोटे सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

Diwali par Nibandh (निष्कर्ष)

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीपक जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई, रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।

इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दिवाली का मानव के जीवन एक खास महत्व है।

दिवाली पर निबंध 10 पंक्तियों में

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दीपावली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs –

दीपावली कब मनाई जाती है.

दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

दिवाली 2024 में कब है ?

इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को है ।

Diwali kab manai jaayegi

इस वर्ष दिवाली 31st October को मनाई जाएगी।

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

यदि आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिवाली क्यों, कब ,कैसे मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – भारत का सबसे बड़ा त्योहार का निबंध पढ़ने के लिए यहाँ देखें

HindiParichay.com की तरफ से आप सभी को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं, आज मैंने दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) आपके लिए लिखा है दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण त्यौहार है।

दीपावली का त्यौहार दीप की आवली को दर्शाता है| दीपावली का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है और जो कोई व्यक्ति भारत से बाहर भी होता है तो दीपावली का त्यौहार मानाना नहीं भूलता है.

दीपावली का त्यौहार अलग ही महत्व रखता है किसी किसी को शायद ही ना पता हो की दीपावली के दिन क्या हुआ था ? लेकिन फिर भी मैं आपके लिए दीपावली की पूरी जानकरी आपके सामने लेकर आया हूँ| उम्मीद करता हूँ की आपको दीपावली पर निबंध बहुत ही अच्छा लगेगा.

सभी त्यौहार किसी ना किसी वजह से मनाए जाते हैं उसी तरह दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है|

दीपावली के दिन छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग, घरों की औरतें आदि इस त्यौहार का इंतजार करते है तक इस त्यौहार को मनाते हैं| दीपावली के दिन श्री राम जी रावण का सर्वनाश कर, अपना चौदह वर्ष का वनवास खत्म कर अयोध्या वापस आए थे.

श्री राम जी को मर्याद पुरुषोत्तम माना जाता है उन्होंने रावण का वध किया था और ये भी कहा था की लंका ने रावण जैसा महान ज्ञानी ब्राह्मण खो दिया है.

राम जी के वापस घर आने की खुशी को अयोध्यावासियों ने अपने घरों में घी के दिये जलाए थे| इस दिन लक्ष्मी माता के आगमन का दिन भी कहा जाता है.

मैंने आपके लिए जो दिवाली निबंध लिखा है कृपया करके पढ़िए और अपने मित्रों परिवारों रिश्तेदारों दोस्तों आदि में शेयर जरूर करें.

छोटे बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध के लिए हमने दिवाली पर निबंध 100, 200 , 300, 400, 500, 600, 700,800 शब्दों के बीच लिखे गए है.

Diwali Essay in Hindi For Kids 100 Word (2023)

|| deepawali essay in hindi ||.

Diwali Essay in Hindi For Kids

अन्य त्योहारों की तरह भारत में दीपावली का त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। दीपावली हिन्दू धर्म में मनाया जाता है.

Grammarly Writing Support

दीपावली का त्यौहार भगवान श्रीराम के चौदह वर्ष वनवास काटने के बाद अपने घर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया गया था। अयोध्या वासियों के प्रेम में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे.

भगवान श्री राम के चौदह साल बाद अपने घर लौटने पर पूरी अयोध्या नगरी में घी के दीपक जला कर भगवान श्री राम का स्वागत किया गया था|

दीपावली के अवसर पर लोग नई नई वस्तुएँ खरीदते हैं जैसे की कपड़े, आभूषण, घरों का समान, वाहन गाड़ी इत्यादि |

दीपावली से कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की सफाई करते हैं घरों में पुताई आदि करवाते हैं.

इसी दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा भी की जाती है और अपने भगवान से ये मन्नत मांगी जाती है की कृपया करके अपना आशीर्वाद हम पर बनाए रखे.

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में 2023: Essay on Diwali in Hindi

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Essay on Diwali in Hindi

त्योहारों में दीपावली का त्यौहार सबसे ज्यादा आकर्षित त्यौहार है। दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही बड़ा त्यौहार है। ठंड की शुरुआत में ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है.

दीपावली का त्यौहार अक्टूबर या नवम्बर में होता है। दीपावली का त्यौहार भगवान श्री राम जी के चौदह वर्ष वनवास काटने के बाद अपने घर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है.

दीपावली के दिन अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाये थे और आज भी अयोध्या में दीपावली का त्यौहार घी के दिये जला कर सम्पूर्ण किया जाता है। अयोध्या में दीपावली सबसे ज्यादा मनाया जाता है.

दीपावली की खुशी में घी, सरसों का तेल आदि से घरों में दिये जलाते है और घरों की शोभा बढ़ाते हैं साथ में घरों को विभिन्न चीजों आदि से सजाते हैं.

सालों सालों के बाद लोग दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की आवली अर्थात दीपों की पंक्तियां और ढेर सारी दीपों की पंक्तियों को दीपावली कहा जाता है .

समय के बदलाव के अनुसार लोग अपने घरों में बिजली की रोशनी वाली लड़ियाँ लगाने लगे हैं लेकिन जो सजावट मिट्टी के दिये से होती है वो की अन्य से नहीं.

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है.

Essay on Diwali in Hindi For Kids | Diwali Information in Hindi

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Diwali Information in Hindi

भारतीय संस्कृति में दीपावली का त्यौहार बहुत ही ख़ुशी से मनाया जाता है। दीपावली हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

दीपावली का त्यौहार कई सारे संस्कार परम्परा और संस्कृति मान्यता से जुड़ा हुआ है.

दीपावली का त्यौहार भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी दीपावली का त्यौहार खूब मनाया जाता है.

दीपावली से जुड़ी बहुत सी कहानियां है जिसमे भगवान श्री राम जी का राक्षस के देवता रावण का वध कर बुराई पर सच्चाई की जीत कराना है.

उस दिन अमावस्या की रात थी जिस वजह से लोगों ने दीपक जलाए थे और अंधेरे को दूर किया था.

धन की देवी लक्ष्मी जी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा

दीपावली के दिन सभी लोग लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा करते हैं। देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक में इच्छानुसार घी के या फिर सरसों के तेल के दीये जलाए जाते हैं.

दीपक चाहे घी के हो या तेल के श्रद्धा पूरी होनी चाहिए। दीपक जला कर सभी अँधेरों को दूर किया जाता है.

दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपनी खेल कूद में लग जाते हैं उन्हें पटाखे फोड़ना, मिठाइयां खाना पसंद होता है।स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है इस दिन|

मोमबत्ती और दीए की खुशबू चारों दिशाओं में फैली रहती है.

देखा जाए तो हिन्दू धर्म में त्योहारों की मात्रा आये सभी धर्मो से ज्यादा है और दीपावली का त्यौहार बिना किसी जाती भेद भाव के साथ मनाया जाता है.

दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई देते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं। सभी लोग अपनी योग्यतानुसार नए कपड़े खरीदते हैं.

दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है.

दीपावली के दिन लोग मिठाइयां बांटकर और अन्य सारे काम निपटा लेने के बाद लोग शाम को दीपक जलाते है.

धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश जी की पूजा की जाती है.

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिए घरों की साफ-सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। इसे पूरे भारतवर्ष में एकता के प्रतीक के रुप देखा जाता है.

भारत में यहाँ समय-समय पर विभिन्न जातियों समुदायों द्वारा अपने-अपने त्यौहार मनाये जाते हैं सभी त्योहारों में दीपावली सर्वाधिक प्रिय है.

Diwali Essay in Hindi For Class 5 | Paragraph on Diwali in Hindi 400 Words

Paragraph on Diwali in Hindi

त्योहारों में त्यौहार दीपावली का त्यौहार जो कि भारत के सभी त्योहारों में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है| दीपावली का त्यौहार कई सारे संस्कार परम्परा और संस्कृति मान्यता से जुड़ा हुआ है.

दीपावली का त्योहार भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी खूब मनाया जाता है. हिंदुस्तान के लोग बाहर के देशों में भी रह रहे हैं.

श्री राम जी जब अपने घर लौटे थे वो दिन अमावस्या की रात थी जिस वजह से लोगों ने दीपक जलाए थे और अंधेरे को दूर किया था.

भारतीय लोग जो हिन्दू धर्म से है वो लक्ष्मी माता और बुद्धि ज्ञान के देवता श्री गणेश जी की पूजा करते हैं.

दीपावली का त्योहार अधिकतर भारत में ही मनाया जाता है लेकिन बाहर अमेरिका, न्‍यूयॉर्क, स्विट्ज़रलैंड आदि में भी दीपावली का त्योहार लोगों द्वारा खूब मनाया जाने लगा है.

गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा के समय इस मंत्र का सबसे ज्यादा उच्चारण किया जाता है|

लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं आती है गणेश जी की पूजा करने से गणेश जी को प्रसन्न करने से कभी बुद्धि ज्ञान की कमी नहीं होती है। गणेश जी की पूजा करने से नालायक भी लायक बन जाता है.

दीपावली पर मिट्टी से बने दिये जलाए जाते हैं। दीपक में घी हो या तेल अपनी इच्छा पर निर्भर करता है.

दीपों को जलाने का त्यौहार है इस दिन देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं|

दीपक चाहे घी का हो या तेल का श्रद्धा पूरी होनी चाहिए| दीपक जला कर सभी अंधेरों को दूर किया जाता है| दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपनी खेल कूद में लग जाते है.

उन्हें पटाखे फोड़ना मिठाइयां खाना पसंद होता है। स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है.

दीपावली के दिन मोमबत्ती और दीये की खुशबू चारों तरफ फैली रहती है। दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है।

हिन्दू धर्म में दीपावली का त्योहार अपने रिश्तेदारों, खास मित्रों के साथ बढ़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं। लोग अपनी इच्छानुसार नए कपड़े खरीदते हैं.

गली मोहल्लों में, घरों दुकानों दफ्तरों आदि की सफाई कर लेने के बाद लोग शाम को दीपक जलाते है.

धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है…

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के घर में पधारने के लिये घरों की साफ सफाई, दीयों से रोशनी और सजावट बहुत जरूरी है। दीपावली का त्योहार एक नयी शुरुआत का त्यौहार भी कहा जाता है.

दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में 2023: Importance Of Diwali Festival in Hindi

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एक सौ तेतिस करोड़ की जनसंख्या वाले भारत में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे होली, ईद, रक्षा बंधन, भैया दूज आदि|

भारत में सभी धर्म के लोग रहते है उसी वजह से यहाँ बहुत से त्यौहार मनाए जाते है| अनेकों त्यौहार में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध त्यौहार है दीपावली का त्यौहार|

दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म का त्यौहार है इसे सभी धर्म के लोग मनाते है प्रत्येक भारतीय द्वारा दीपावली को मनाया जाता है| दीपावली का त्यौहार देश विदेश में भी मनाया जाता है|

हिन्दुओं के लिये दीवाली एक सालाना समारोह है जो अक्टूबर और नवंबर के महीने में आता है। दीपावली को राजा रावण को मारने के बाद भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काट कर अयोध्या वापस लौटे थे|

दीपावली कार्तिक मास में मनाया जाता है| दीपावली के समय बाज़ारों की हालत बहुत ही सुधर जाती है, दुकाने सजी हुई होती है, व्यापारियों के लिये बहुत ही अच्छा सीजन होता है|

दीवाली के अवसर पर लोग अपने प्रियजनों को शुभकामना संदेश के साथ उपहार वितरित करते है जैसे मिठाई, मेवा, केक इत्यादि। अपने सुनहरे भविष्य और समृद्धि के लिए लोग लक्ष्मी देवी की पूजा करते है|

गंदगी साफ करने के लिए घरों दुकानों आदि में साफ सफाई की जाती है और बुराई और नकारात्मक शक्तियों को भगाने के लिये हर तरफ चिरागों की रोशनी की जाती है और देवी-देवताओं का स्वागत किया जाता है|

दीपावली पर्व आने के एक महीने पहले से ही लोग वस्तुओं की खरीदारी, घर की साफ-सफाई आदि में व्यस्त हो जाते है| दीयों की रोशनी से हर तरफ चमकदार और चकित कर देने वाली सुंदरता बिखरी रहती है|

छोटे छोटे बच्चे बंदूकें लेकर चोर पुलिस खेलते हुए नजर आते है| छोटे दीपावली छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक बड़ी ही खुशी के साथ मनाई जाती है|

दीपावली का त्यौहार स्कूल आदि में भी मनाया जाता है. अध्यापकों आदि में भी इस दिन की खास तैयारी रहती है.

स्कूल में कक्षाओं आदि में रंगोली बनवाकर, खेलना कूदना, मिठाइयाँ खाना, अपने से बड़ों के पैर छूना उन्हे दीपावली की बधाइयाँ देना आदि जैसे कार्य होते हैं| बड़ी खुशी के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.

दीवाली के दो हफ्ते पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में कई सारे क्रियाकलाप शुरु हो जाते है.

स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रीति रिवाज आदि भी बताते है.

दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है। दीपावली के पहले दिन को धनतेरस, दूसरे को छोटी दीवाली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है|

दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताए है।

दीपावली के दिन प्रकाश का त्यौहार होता है जिसकी वजह से घर की सभी औरते कुछ दिनों पहले ही शाम को दिये जलाना शुरू कर देती है.

दीपावली के शुभ अवसर पर लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं।

लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियां बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है.

अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है. दीपावली का त्यौहार सभी धर्म के लोगों से प्रेम बड़ाने का त्यौहार है बिना किसी से भेदभाव के इस त्यौहार को मानना चाहिए|

Diwali Essay in Hindi – Diwali Speech in Hindi For School 600 Word

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हिंदुस्तान में अनेकों त्यौहार के बीच दीपावली का त्यौहार खूब धूम धाम से मनाया जाता है| अंधेरे को खत्म कर रोशनी फैलाने का त्यौहार दीपावली का त्यौहार कहलाता है|

अमावस्या के दिन चारों तरफ रोशनी करने का त्यौहार है| अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है जिसको खत्म कर दीप जगमगा उठते हैं|

दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्व है जिसे प्रत्येक वर्ष देश-विदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है|

दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है| इस दिन भगवान श्री राम जी ने रावण का वध किया था| रावण एक राक्षस कुल का देवता था जिन्होंने सीता माता का अपहरण किया था|

भगवान श्री राम के चौदह वर्ष भी पूरे हो गए थे और उन्हे अपने राज्य वापस आना था| भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह के साथ घी के दीपक जलाए थे अमावस्या की रात को रोशनी से भर देने की रात को ही दीपावली कहते है|

सिक्खों में कहा जाता है की सिक्खों के छ्टवें गुरु श्री हरगोविंद जी की रिहाई की खुशी में भी मनाया जाता है जब उनको ग्वालियर की जैल से जांहगीर द्वारा छोड़ा गया था|

दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है?

दीपावली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है और दीपावली के त्यौहार में गली गली दीपक जला कर रोशनी करने की प्रथा होती है|

भगवान श्री राम जी चौदाह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाये थे और राम जी लक्ष्मण जी सीता जी का स्वागत किया था|

दीपावली पर बाजार में तेजी आ जाती है जिसकी वजह से दीपावली के दिन बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है|

इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है|

दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए छोटे बच्चों में अलग ही खुशी होती है| दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ साथ अपने घरों में बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है|

स्कूलों में रंगोली बनवाकर, अपनी अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है| दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दीपावली मनाई जाती है|

स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है.

दीपावली के त्यौहार से पहले धनतेरस आता है, दूसरे दिन को छोटी दीवाली, तीसरे दिन दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है|

दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ है। दीपावली अंधकार और सभी बुराइयों को खत्म कर देने का त्यौहार है|

दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है| यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है.

भारतीय लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है| लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं| लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियाँ बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है.

अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है|

दीपावली के दिन दीप जलाए तो जाते ही है लेकिन याद रखें की हो सके तो एक दीपक उनके घर में भी जलाए जिनके घरों में अंधेरा होता है|

हो सके तो ऐसा जरूर करना की आपकी वजह से किसी आम व्यक्ति को परेशानी न हो| हो सके तो आप पटाखों की जगह दिये जलाए| पटाखों की जगह अच्छे कपड़े खरीदना अच्छा भोजन खाना मिठाइयाँ खाना, आदि|

My Favourite Festival Diwali Essay in Hindi 700 Word

दिवाली पर निबंध हिंदी में.

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दीपावली का त्यौहार अंधेरे को खत्म कर रोशनी फैलाने का त्यौहार है अमावस्या के दिन चारों तरफ रोशनी करने के त्यौहार है|

अमावस्या की रात अंधेरी रात होती है जिसको खत्म कर दीप जगमगा उठते हैं| दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्व है| जिसे प्रत्येक वर्ष देश-विदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है|

भगवान राम के चौदह वर्ष भी पूरे हो गए थे और उन्हे अपने राज्य वापस आना था| भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह के साथ घी के दीपक जलाए थे अमावस्या की रात को रोशनी से भर देने की रात को ही दीपावली कहते है|

वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहते हैं भगवान राम चौदाह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाये थे और राम जी लक्ष्मण जी सीता जी का स्वागत किया था.

दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी लक्ष्मी जी राम जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है और बाजार को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है.

दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ साथ अपने घरों में बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है.

दीपावली पर चारों तरफ दीप जलते हैं लोगों को अपने रिशतेदारों संबंधियों के साथ दीपावली का त्यौहार मनाते है| दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए छोटे बच्चों में अलग ही खुशी होती है| इसको मनाने के लिये बच्चे बेहद व्यग्र रहते है और इससे जुड़ी हर गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है|

स्कूलों आदि में अध्यापकों द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाकर, रंगोली बनवाकर, अपनी अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है| दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दीपावली मनाई जाती है|

स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है|

दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है। दीपावली के पहले दिन को धनतेरस, दूसरे दिन को छोटी दीवाली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा तथा पाँचवें को भैया दूज कहते है.

दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ है|

दीपावली का त्यौहार लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते है लोगों को बहुत पसंद आता है| अंधकार को खत्म कर, बुराइयों को खत्म करने का ये त्यौहार है|

दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है| यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है।

हर प्रान्त या क्षेत्र में दीवाली मनाने के तरीके और कारण अलग है, सभी जगह यह त्यौहार पीढ़ियों से चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं| लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है|

घरों में रंग बिरंगी रंगोलियाँ बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है, अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है.

दीपावली के दिन दीप जलाए जाने चाहिए हो सके तो एक दीपक उनके घर में भी जलाए जाने चाहिए जिनके घरों में अंधेरा होता है| हो सके तो ऐसा जरूर करना की आपकी वजह से किसी आम व्यक्ति को परेशानी न हो| हो सके तो आप पटाखों की जगह दिये जलाए|

दीपावली पर निबंध 800 शब्दों में – Essay Diwali Essay in Hindi For Class 12

Wishing you a happy diwali

भारत अपनी संस्कृतियों रीति रिवाजों और प्राचीन ग्रंथों पुराणों वेदों आदि के लिए प्रसिद्ध है और इस देश में अनेकों जाती धर्म के लोग एक साथ प्रेम पूर्वक रहते है। ऐसे में प्राचीन काल से चले आ रहे दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता आ रहा है। दीपावली का त्यौहार केवल भारत में ही नहीं विदेशों में भी मनाया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते है, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते है।

हिन्दू धर्म के लिये दीपावली का त्यौहार सबसे महत्वपूर्ण, पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहार है जिसको सभी लोग अपने परिवार, मित्र और पड़ोसियों के साथ पूरे उत्साह से मनाते है। दीपावली को दीपों का, रोशनी का, त्यौहार भी कहा जाता है।

दीपावली का त्यौहार कब आता है?

दीपवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में अक्टूबर या नवंबर के महीने में अमावस्या की रात को मनाया जाता है।

दिवाली क्यों मनाई जाती है?

इसके पीछे की ऐतिहासिक घटना के बारे में जिसके बारे में हमें अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिये।

दिवाली मनाने का बड़ा कारण भगवान श्री राम जी का अपने राज्य अयोध्या लौटना भी है, जब उन्होंने लंका के असुर राजा रावण को मारा था। इसके इतिहास को हर साल बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रुप में याद किया जाता है। राम जी अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे।  अयोध्यावासियों ने श्री राम का घी के दीये जलाकर धूम धाम से स्वागत किया था। अयोध्यावासियों की प्यार की सीमा अपार थी जिसके कारण उन्होंने भगवान श्री राम के लिए घी के दिये जलाए थे।

अयोध्यावासियों ने अपने घर और पूरे राज्य को रोशनी से जगमग कर दिया था और तभी से श्री राम जी के लिए राजा राम के स्वागत के लिए आतिशबाजी की भी शुरुआत हुई। तभी से प्रत्येक वर्ष दीपावली के दिन आतिशबाजी की जाती है।

दिवाली का अर्थ

दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है “ दीप ” अर्थात “ दीपक ” और “ आवली ” अर्थात “ लाइन ” या “ श्रृंखला ” जिसका मतलब हुआ “दीपकों की श्रृंखला” इसे दीपोत्सव भी कहते है।

लेकिन आधुनिकता की दौड़ में दीपावली के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दीपक और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियाँ खरीदना है क्योंकि इस दिन उनकी पूजा करना बहुत ही शुभ होता है। भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दीपावली सर्वाधिक लोकप्रिय और जन-जन के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है।

वैदिक प्रार्थना है- “तमसो मा ज्योतिर्गमय:” अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला पर्व है- ‘दीपावली’।
  • दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। देश के कुछ हिस्सों में हिन्दू दिवाली को यम और नचिकेता की कथा के साथ भी जोड़ते हैं।
  • 7वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागनंद में राजा हर्ष ने इसे दीपप्रतिपादुत्सव: कहा है जिसमें दिये जलाये जाते थे और नव दुल्हन और दूल्हे को तोहफे दिए जाते थे।
  • फारसी यात्री और इतिहासकार अल बरूनी ने 11 वीं सदी के संस्मरण में, दिवाली को कार्तिक महीने में नये चंद्रमा के दिन पर हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार कहा है।
  • दिवाली वाले दिन अयोध्या के राजा राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उस दिन अमावस्या थी इसलिए उनके राज्यवालों ने पूरे राज्य को दीपक से जलाया था।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।
  • दीपावली का जैन धर्म में अलग ही महत्व है उनकी नजर में दीपावली का त्यौहार त्याग और संयम का त्यौहार है। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को 24वें तीर्थकार भगवान महावीर ने निर्वाण पद (मोक्ष, सिद्धावस्था) को प्राप्त किया था।
  • जैन समाज भगवान की निर्वाण पद प्राप्ति की खुशी में बहुत समय से दीपावली का त्यौहार मानते है। निर्वाण का पद ग्रहण करना बहुत ही महत्व रखता है क्योंकि हर कोई इस पद को नहीं ग्रहण कर सकता। निर्वाण पद की प्राप्ति आसक्ति से नहीं विरक्ति से मिलती है, भोग से नहीं त्याग से मिलती है, वासना से नहीं साधना से मिलती है, बाहरी लिप्तता से नहीं अहिंसा से मिलती है, संयम और कठोर ताप से मिलता है।

दीपावली के पहले लोग दुकानों व घरों दफ्तरों आदि की साफ-सफाई करते है, रंग रोगन कराते है। लोग माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते है। दीपावली के दिन सभी लोग शाम को पूजा आरती करते है और विधिपूर्वक लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा की जाती है। लक्ष्मी माँ की पुजा करने से दरिद्रता दूर होती है और गणेश जी की पूजा करने से धैर्य व बुद्धि का जन्म होता है।

घर, दफ्तर, कार्यालय आदि में में सरसों के तेल के दीये जलाए जाते है, सुंदर रंगोलियाँ बनाई जाती है और पूजा करने के बाद खिल बतासों का प्रसाद बांटा जाता है लोग मिठाइयाँ अपने रिशतेदारों मित्रों आदि में बांटते है और फिर रात्रि में फूल झड़ी पटाखे भी जलाए जाते है कहा जाता है इस दिन कोई भी काम किया जाता है तो वो प्रत्येक वर्ष वो काम चलता रेहता है माना जाता है की इस दिन यदि पढ़ाई की जाए तो माँ सरस्वती भी प्रसन्न होती है दिवाली के दिन काफी लोगों का मानना है की इस दिन आपका पैसा दोगुना होसकता है यदि आप इस दिन पैसो का निवेश करेंगे पावली को बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा की विजय से जोड़कर देखते हैं। इसलिए इस दिन केवल घरों को ही दियों से रौशन ना करें बल्कि अपने अंदर के अंधकार को भी मिटाने का कष्ट करे।

दीपावली के दिन मिट्टी के दीपक गढ़ने वाले कुम्हार अपने घरों को रोशन करने से वंचित हैं और अपनी पुस्तैनी कला एवं व्यवसाय से जैसे विमुख हो रहे हैं| कुम्हार की कला के आगे दुनिया की सारी मशीन असफल है।

कुम्हारों के लिए दीपावली मात्र एक पर्व न होकर जीवन यापन का बड़ा जरिया है। इसलिए हमें मिट्टी से बने मटके दिये बर्तन आदि इस्तेमाल करने चाहिए जिनसे कोई प्रदूषण भी नहीं होता है ओर हमारी सेहत को भी कोई असर नहीं पड़ता है.

उम्मीद करता हूँ की आपको दीपावली से संबन्धित सभी जानकारी मिल ही गयी होगी. यदि कोई जानकारी रह गयी हो ओर आपको पता है तो कृपया करके कमेंट के माध्यम से हमे बताएं|

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Very nice post sir ji

Sir very nice post on Diwali. Keep it up sir.

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Pariksha Point

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में Diwali Essay In Hindi पढ़ें

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दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)- घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र इस आर्टिकल को पढ़कर अपने स्कूलों में हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay In Hindi Diwali) आसानी से लिख सकते हैं। अगर आप दिवाली के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में (Essay On Deepawali In Hindi) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप दिवाली पर हिंदी में निबंध (Essay For Diwali In Hindi) पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए Diwali Nibandh In Hindi पढ़कर जान सकते हैं कि दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है? हमनें Hindi Diwali Essay एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Diwali In Hindi Essay को आसानी से समझ सकें।

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स्कूलों में छात्रों को अक्सर दिवाली पर्व (Diwali Festival) के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में Hindi Essay Diwali लिखने के लिए दिया जाता है, जिसमें वह Diwali Ka Nibandh लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Hindi Essay About Diwali को पढ़कर Diwali In Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और एक बेहतर Essay Of Diwali In Hindi लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप हिंदी में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay Hindi) के साथ-साथ दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में और दिवाली पर निबंध 10 लाइन भी नीचे से पढ़ सकते हैं। Nibandh On Diwali In Hindi पढ़ने के लिए नीचे देखें।

दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi)

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

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दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

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दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं। दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है। दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

People also ask

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है? उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है? उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध? उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है? उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दिवाली कब है 2023? उत्तर: दिवाली इस बार 12 नवंबर को है।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है? उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री? उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली मनाने के कारण? उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ? उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं” (Happy Diwali)।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में Diwali Essay In Hindi पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

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दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language

नमस्कार दोस्तों दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language आर्टिकल में आपका हार्दिक स्वागत हैं. आज का निबंध दिवाली अथवा दीपावली पर दिया गया हैं.

स्कूल स्टूडेंट्स इस निबंध की मदद से इस पर्व पर आसान भाषा में छोटा बड़ा निबंध लिख सकेगे.

दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language

Lines On Diwali 2022 Essay In Hindi And English Language India is religious loving people country here celebrate festivals every day. but my the favorite festival is Deepawali (mera Priya tyohar Diwali).

this  essay on Diwali in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10. why we celebrate Diwali 10 lines and long length paragraph of the importance of Diwali festival.

at start you will read here Diwali essay in English 100, 150, 200, 250, 300, 400, 500 words. this Diwali essay can translate Marathi and English language also.

  • दिवाली गिफ्ट आइडिया
  • दिवाली का महत्व क्यों मनाते हैं
  • दिवाली पर अनुच्छेद 

Diwali Essay In English

the Hindus celebrate many festivals. dewali is most important to them. it is a festival of light. it comes off in October or November. it is celebrated in honor of Lord Rama’s return to Ayodhya after foutreen years of exile.

for many days preparations are made. people clean their houses. they get them whitewashed. shopkeepers decorate their shop.

the old and the young celebrate the festival alike. they are gay and cheerful. at night there are rows of lights. the candle is lighted. people worship Laxmi, the goddess of wealth.

some people gamble on this day. it is a bad habit. it has ruined many people. it should be stopped. we should enjoy the festival in a good way.

Diwali Essay In Hindi

हिंदू कई त्यौहार मनाते हैं। उनके लिए दीवाली सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह प्रकाश का त्यौहार भी कहलाता है। यह अक्टूबर या नवंबर में आता है। यह निर्वासन के उत्तरार्ध भगवान राम के अयोध्या लौटने के सम्मान में मनाया जाता है।

इस त्यौहार के आने से पूर्व कई दिनों के लिए लोग तैयारी में जुट जाते हैं। लोग अपने घर साफ करते हैं। वे उन्हें रंग रोगन करते  है। दुकानदार अपनी दुकान को दिवाली के अवसर पर दुल्हन की तरह सजाते है।

बड़े बूढ़े और युवा दिवाली के इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन सभी के चेहरे खिले होते है तथा एक दूसरें को इस पर्व की बधाई देते हैं।

रात में रोशनी की लाइनों से सारा शहर/गाँव सज जाता हैं। दीपक व पूजा सामग्री के साथ धन व एश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है.

कुछ लोग इस दिन खेलते हैं। यह एक बुरी आदत है। इसने कई लोगों को बर्बाद कर दिया है। इसे रोका जाना चाहिए। तथा हमें दिवाली के त्योहार का आनंद लेना चाहिए।

  • दिवाली पर कुछ पंक्तियाँ
  • दिवाली से जुड़े रोचक तथ्य और जानकारी
  • दिवाली पर कविता
  • दिवाली पर शायरी

मेरा प्रिय त्योहार दिवाली 2023 पर निबंध इन हिंदी

भारत में समय समय पर अनेक त्योहार मनाएं जाते है. इन त्योहारों में दिवाली या दीपावली एक प्रमुख त्योहार है. यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है, कि इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे.

इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगो ने घी के दिए जलाए थे. उसी स्मृति में यह त्योहार ख़ुशी के पर्व के रूप में हर साल मनाया जाता है. दीवाली से दस पन्द्रह दिन पहले घरों की साफ़ सफाई और रंग रोगन का कार्य हो जाता है.

धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन खरीदते है. चतुर्दशी को छोटी दीपावली होती है. अमावस्या की रात को सभी घरों में दीपक जलाए जाते है, तथा लक्ष्मीजी की पूजा होती है. घरों में अच्छे अच्छे व्यंजन बनते है, मिठाई खायी जाती है, बच्चें फटाखें व फुलझड़ियाँ जलाते है.

लोग आपस में मिलते है, तथा एक दुसरे के प्रति प्रेम प्रकट करते है. व्यापारी लोग इस दिन अपना बही खाता बदलते है. दीपावली या दीवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार है.

दिवाली निबंध Essay On Diwali In Hindi Language

प्रस्तावना- हमारे देश में वर्ष भर अनेक पर्व और त्योहार मनाए जाते है. दीपावली भारतीय संस्कृति और धर्म की द्रष्टि से यह मनाया जाता है. दीपों के इस त्यौहार को देश भर के सभी लोग बड़े हर्ष और उल्लाश के दिन मनाया जाता है.

इस पर्व से कुछ दिन पूर्व तक सरकार द्वारा दीपावली का राजकीय अवकाश घोषित कर दिया जाता है. जिससे लोग इसकी तैयारियों में जुट जाते है.

मनाने का समय- दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास में मनाया जाता है. धनतेरस से भाईदूज तक यह त्यौहार मनाया जाता है.

अमावस्या की रात को लक्ष्मी पूजन के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों में दीपों व् दीपमालाओ की कतारे लगाकर घर को पूर्ण रूप से सजाते है.

मनाने का कारण- दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है. इस सवाल का उत्तर अलग-अलग तरीकों से दिया जाता है. हिन्दू धर्मावलम्बी इस दिन को भगवान राम से जोड़कर मनाते है.

कहते है दिवाली के दिन ही श्रीराम जी रावण को मारकर पिता दशरथ जी द्वारा दिए गये 14 वर्ष के वनवास को पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे.

वनवास पूर्ण पर जब वे अयोध्या लौटे तो लोगों ने घी के दिए जलाकर उनका स्वागत किया. इससे दिवाली मनाने की शुरुआत मानी जाती है. एक अन्य कथा के अनुसार इस त्यौहार को मनाने के पीछे भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की कथा को भी मानते है.

जैन धर्म को मानने वाले इस दिन भगवान् महावीर से जुड़ा प्रंसग इसके पीछे बताते है. तो कुछ लोग इन्हे हनुमान जयंती मानते है, चाहे मनाने के पीछे जो भी सर्वमान्य कारण हो हर्ष और उल्लास से मनाए जाने वाले त्यौहार में दीपावली का हमारे त्योहारों में महत्वपूर्ण स्थान है.

इस त्यौहार से कुछ दिन पूर्व से ही पटाखों की गुज शुरू हो जाती है. दीपावली की रात पटाखों की गुज, आतिशबाजी व शौर शराबा आम तौर पर देखा जाता है. 

दीपावली के दिन सभी लोग सांयकाल से ही अपने घरों में दीपक जलाकर रोशन करते है. शहरों में लोग अपने घरों को बिजली के बल्बों, गुब्बारों व रंग बिरंगी लाइट्स से अपने-अपने घर को सजाते है.

दीपावली के एक दिन पूर्व धनतेरस पर गहने आभूषण व् बर्तन खरीद्ना गृहणिया शुभ मानती है. अगले दिन शाम को मुहूर्त पर माँ लक्ष्मी का पूजन घर-घर किया जाता है. दिवाली के दुसरे दिन गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.

इस दिन बहिने अपने भाई के ललाट पर तिलक लगाती है. इस तरह दीपावली का पर्व धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चार दिनों में धूम धाम से मनाया जाता है.

उपसंहार -हिंदुओ के सभी त्योहारों में दीपावली का महत्वपूर्ण स्थान है. जो उत्साह का पर्व होने के साथ साथ लोगों में मंगल कामना की भावना को प्र्जल्वित करता है. इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन कर सबकी उन्नति और सम्रद्धि की मंगलकामना की जाती है.

Essay on Diwali 2023- Short Essay on Diwali in English for Kids

Deepawali also called Diwali, is celebrated in India And many Other countries of the world. Although Diwali is a festival of Hindus, people of all religions have been celebrating it for centuries.

Diwali literally means the line of lamps. On this festival, people decorate the lights in and out of their houses. This festival is celebrated for five days.

Which starts with Dhanteras. Dhanteras is celebrated on the day of Triadshi of the Krishna side of the Kartik month. On the next day, the festival of fourteen and followed by Diwali is celebrated.

The importance

each festival has its social, religious, economic and scientific significance. In this way, Diwali also has its economic importance. From this day the traders start their new book accounts and try to complete the account of the last financial year.

Economic importance

Shopkeepers decorate their shops, and sellers are especially looking forward to this festival. Many companies offer big tempting offers to lure customers on the occasion of Diwali. In the same way before the Festival of Deepawali, there is a lot of initiative in the market.

Scientific importance

Along with social, Diwali has its own scientific significance. Due to the rainy season, our environment is filled with insect kites. And many types of small plants and shrubs grow. Cleanliness is done on the occasion of Deepawali once the whole environment is cleaned.

How to celebrate

In today’s time, Diwali is used more in the use of flowers than the lamp. People in the cities illuminate their homes with various types of electric bulbs.

On the other hand, in the villages, conventional soil diets are still burnt, and on this day people greet each other with sweets.

Diwali is of great importance in the lives of children, from the beginning of the Diwali season, children are prepared to prepare for bursting crackers.

Durga Puja in Bengal

Diwali is celebrated in different ways throughout the country. Durga Puja is celebrated in West Bengal on this day. After the grand panda logo and the idol establishment, there is a program of Durga Puja.

In these states, after celebrating Durga Puja, the festival is celebrated after worshiping Lakshmi. It is believed that Kali Puja of this day, after the release of Mother Kali, all the misery, Laxmiji Ji will give money to all.

Essay epilogue

In this way, the festival and festivities fill new colors of happiness in our lives. It is our tradition to celebrate different festivals, which is an important part of our Indian culture.

This festival is celebrated as a symbol of the end of all evils. To avoid any untoward event on this occasion, we need to take some precautions, because many times we hear listening to many unpleasant incidents of fireworks.

  • भाई दूज पर निबंध 
  • दीपावली कब है महत्व इतिहास पूजा विधि
  • नरक चतुर्दशी रूप चौदस की कथा
  • लाभ पंचम महत्व, पूजन विधि

दीपावली पर निबंध Essay on Deepawali in Hindi

दीपावली दो शब्दों दीप और अवली से मिलकर बना हे. दीप का मतलब होता है दीपक और अवली का मतलब होता हे पंक्ति अर्थात दीपों की पंक्तियाँ. हमारे देश में प्रति वर्ष अनेक त्यौहार मनाये जाते है.

हिन्दुओं के त्यौहारों में रक्षाबंधन, होली, दशहरा और दीपावली प्रमुख त्यौहार है. इस त्यौहार पर लोग दीपक को पंक्तियो में रखकर रौशनी करते है. दीपक का त्यौहार होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली कहा जाता है.

यह दो शब्दों दीप और अवली से मिलकर बना है. दीप का मतलब होता है दीपक और अवली का मतलब होता हे पंक्ति अर्थात दीपों की पंक्तियाँ.

यह त्यौहार कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता है. यह त्यौहार अमावस्या के दो दिन पूर्व त्रयोदशी से लेकर इसके दो दिन बाद दूज तक चलता है. इस तरह दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है.

दीपावली मनाने का कारण (Reason Of Celebration)

इस त्यौहार के साथ हमारी अनेक पौराणिक और धार्मिक कथाएं है. हिन्दुओं की मान्यता है की इस दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे. उनके आने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने अपने घरों में दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था.

पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन समुंद्रमंथन से धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुयी थी. जैन धर्म वाले भगवान महावीर स्वामी से सम्बधित कथा कहते है.

कुछ लोग इस दिन हनुमान जी की जयंती मनाते है. मत चाहे कुछ भी हो लेकिन आनंद-उल्लास की दृष्टि से मनाये जाने वाले त्यौहारों में यह प्रमुख त्यौहार है.

दीपावली मनाने की विधि (Method Of Celebration)

दीपावली से पहले गृहणियां धन तेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ मानती है. रूपचौदस के दिन घरों की सफाई करके छोटी दीपावली मनाई जाती है. अमावस्या के दिन दीपावली का त्यौहार पुरे हर्षो-उल्लास से मनाया जाता है.

इस दिन प्रत्येक घर में लक्ष्मी पूजन होता है. दुसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लोग गोबर का गोवर्धन बनाकर उसे पूजते है.

कहते है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठाकर मुसलाधार वर्षा से ब्रज की रक्षा की थी. इसके बाद भाई दूज का त्यौहार मनाते है.

बहनें अपने भाइयों के ललाट पर तिलक लगाती है और उन्हें मिठाइयां खिलाती है. दीपावली के दिन लोग ‘दवात पूजन’  भी करते है और अपने बहीखाते भी बदलते है. इस प्रकार यह त्यौहार पांच दिन तक बड़ी-ख़ुशी के साथ मनाया जाता है.

दीपावली का महत्व (Importance Of Deepavali)

हर त्यौहार का अपने विशेष महत्व होता है. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता है, उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्यौहार है.

इस दिन सभी व्यक्ति अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलते है तथा उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाइयाँ भेंट करते है. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्यौहार पौराणिक परम्पराओं को बनाये रखने वाला है.

हिन्दुओं में मनाये जाने वाले त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व है. यह हमारी सामूहिक स्नेह भावना का प्रतीक है. खुद गरीबी को झेलते हुए भी भारतवासी उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते है, लक्ष्मी पूजन करते है और करते रहेंगे.

इस त्यौहार का लोग बेसर्बी से इन्तजार करते है. बच्चे पटाखें जलाते हे, सारा परिवार एक जगह साथ होता है, लोग साथ में खाना खाते है और अपने सारे गिले-शिकवे भुलाकर गले मिलते है.

इसी लिए तो हमारा देश अनेकता में एकता का सिद्दांत लिए चलता है. पूरा बाज़ार इस दिन चकाचौंध से भरा रहता है.

दिवाली मेरा प्रिय त्योहार दीपों का त्योहार : दीपावली निबंध

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भारत कृषि प्रधान देश है हमारे यहाँ त्योहारों एवं उत्सवों का विशेष महत्व हैं जैसे ही ऋतू परिवर्तन होता हैं, खेत में नई फसल पक जाती हैं. तब मानव मन अपनी ख़ुशी को उत्सवों और त्योहारों के रूप में प्रकट करता हैं, दिवाली भी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार हैं यह सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व से भी मनाया जाता हैं.

दिवाली मनाने का कारण

इस त्योहार को मनाने का एक कारण यह है कि इसी दिन भगवान राम लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त करके और चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे.

उनके आने की ख़ुशी में घर घर में दीपक जलाए गये थे. उसी पुण्य दिवस की ख़ुशी में यह त्योहार मनाया जाता हैं. इसके साथ ही इस त्योहार को मनाने के पीछे अन्य कारण भी माने जाते हैं. जैसे भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस का वध किसानों की धान की फसल पकना आदि.

उत्सव की शोभा-  दिवाली का त्योहार कार्तिक मॉस की अमावस्या को प्रतिवर्ष मनाया जाता हैं. इस त्योहार को मनाने के लिए घरों की सफाई रंगाई पुताई की जाती हैं.

दिवाली के दिन गाँवों शहरों और कस्बों में दीपक जलाये जाते हैं. बिजली की रंग बिरंगी रोशनी से घर बाजार और दुकाने सजाई जाती हैं. सभी लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं. मिठाइयाँ खाते हैं. और बच्चे पटाखे छुड़ाकर मन की ख़ुशी को प्रकट करते हैं.

अमावस्या के दो दिन पहले धनतेरस को लोग नयें बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं. चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती हैं और अमावस्या के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है

उसके दूसरे दिन भैया दूज का त्योहार मनाया जाता हैं. इस दिन बहिने अपने भाइयों को तिलक करती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं.

लाभ हानि-  इस त्योहार से सबसे बड़ा लाभ यह है कि घरों की सफाई हो जाती हैं लोगों के घर घर जाकर उनसे मिलने से प्रेम सहयोग की भावना का विकास होता हैं. इस त्योहार पर कुछ लोग जुआ खेलते हैं यह सबसे बड़ी हानि हैं.

उपसंहार-  यह हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार हैं यह समाज की सामूहिक मंगलेच्चा का प्रतीक हैं. इस अवसर पर लोग सबकी खुशहाली और सम्रद्धि की मंगल कामना करते हैं, यह भारतीय जनजीवन के आनन्द और उल्लास का त्योहार हैं.

बच्चों के लिए दिवाली का निबंध Diwali Essay In Hindi For Child

इस साल 4 नवम्बर को दिवाली आ रही है. हमने इससे पूर्व के कई आर्टिकल में हैप्पी दिवाली sms, संदेश, शायरी, धनतेरस और लक्ष्मी पूजा के बारे में भी काफी लेख लिखे है.

आज के लेख में हम बात करेगे यह त्यौहार कब क्यों और कैसे मनाया जाता है. इसका इतिहास और महत्व से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते आपसे साँझा कर रहा हु.

दीपावली का अर्थ

दीपावली और दिवाली का एक ही अर्थ होता है. कुछ लोग इन्हें दियाली और दिपाबली भी कहते है. मुख्यत ये संस्कृत भाषा का शब्द है.

जिसका अर्थ होता है दीपों की लाइन. अवली को पक्ति श्रेणी या लाइन भी कहा जाता है. इस तरह दीपक की माला या पक्ति को दीपावली कहा जाता है. इसी कारण इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है.

जिस तरह मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए ईद, ईसाईयों के लिए क्रिसमस और सिख सम्प्रदाय के लिए बैशाखी और लाहोड़ी का महत्व है. ठीक उसी प्रकार यह दीपों का त्यौहार हिन्दू वर्ग के अनुनायियों के लिए बड़ा उत्सव है.

हिन्दू पंचाग के अनुसार इसे कार्तिक अमावस्या को दिवाली जिसे लक्ष्मी पूजा भी कहा जाता है पर्व मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह नवम्बर माह में पड़ता है.

वैसे दीपावली का उत्सव पांच दिनों तक चलता है, जिनमे धनतेरस और लक्ष्मी पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है.

इस पंचदिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है इसके बाद नरक चतुदर्शी और अगले दिन दिवाली इसके बाद के उत्सव गौवर्धन पूजा एवं भाई दूज के रूप में जाने जाते है.

देशभर में धूमधाम से मनाए जाने वाले यह पर्व अन्धकार पर उजाले का प्रतीक माना जाता है.

दीपावली क्यों मनाते हैं कहानी/कथा

पुरा काल में राजा दशरथ जी के घर जन्मे श्रीराम से Diwali Story जुड़ी मानी जाती है. राम जी के पिता दशरथ अयोध्या के शासक थे, जो वर्तमान में उत्तरप्रदेश का बड़ा शहर है.

वृद्धावस्था में दशरथ जी ने अपने उतराधिकारी राम को बनाया, मगर पूर्व वर्षो में किसी घटना में कैकेयी (दशरथ की रानी) को उनके प्राण बचाने के कारण एक वर दिया था.

कैकेयी ने पुत्र मोह में आकर राम की जगह अपने बेटे भरत को अयोध्या का शासक बनाना चाहा, तथा उन्हें वर के उपयोग की तकरीब सूझी.

तभी कैकेयी ने अपने वर के रूप में राम को चौदह साल का वनवास और भरत को राजगद्दी दिलाने का आग्रह किया. अपने पिता के वचन के चलते राम ने वनवास जाना उचित समझा तथा भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन को गये.

वनवास के 14 वें साल में लंका के शासक रावण की बहिन सूर्पनखा के लक्ष्मण द्वारा नाक काट दिए जाने पर राक्षसराज ने प्रतिशोध के रूप में सीता का अपहरण कर लिया.

सीता हरण की जब राम को खबर मिली तो उन्होंने सीता का पता लगाने के लिए वानर राज सुग्रीव की मदद ली तथा लंका पर चढ़ाई की.

कई महीनों के यत्न के बाद राम और रावण का युद्ध भूमि में सामना हुआ, फलस्वरूप रावण मारा गया तथा राम सीता सहित अपना वनवास पूरा कर अयोध्या आए.

अयोध्या के लोगों ने जब राम के आने की खबर पता चली तो उन्होंने घी के दिए जलाकर पुरुषोतम राम का स्वागत किया. इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए आज भी घी के दिए जलाकर दिवाली का उत्सव मनाया जाता है.

दीपावली पर्व का महत्व

दीपावली के उत्सव पर लोग अपने घरों की मरम्मत, सफ़ेदी आदि का कार्य करवाते हैं| लोग धर्म और आस्था के साथ माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना करते है. तथा लक्ष्मी के स्वागत के लिए अपने घर और दूकान को दुल्हन की तरह सजाते है.

व्यापारियों के लिए इन पांच दिनों में सबसे अधिक खरीददारी होती है. दीपावली से नये वर्ष की शुरुआत होती है तथा नए बही खाते बनाए जाते है.

सरकारी कर्मचारियों को लम्बी छुट्टिया मिलती है जिससे वे अपने स्वजनों के साथ इस पर्व को मना पाते है. चारो ओर घी के दियों की रोशनी से वर्षा ऋतू में पनपे जीवाणु और कीट भी समाप्त होते है. जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है.

कई दिनों तक घरों की साफ़ सफाई और रंग रोगन से स्वच्छता का माहौल बनता है. जैन धर्म के लोग इसे महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाते है. सिख सम्प्रदाय में इसे मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन हरगोबिन्द जी को जेल से मुक्ति मिली थी.

दीपावली पर निबंध Short Essay On Diwali In Hindi

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा त्यौहार है जिसका धार्मिक ही नही बल्कि बड़ा सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व भी है. कहने को तो यह हिन्दू धर्म का त्यौहार माना जाता है, मगर भारत में सभी धर्मो सम्प्रदायों के लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते है.

दीपावली का शाब्दिक अर्थ होता है दीपों की पक्ति . इस दिन लोग दीपों को अपने घर व् बाहर पक्तिबद्ध रुप से सजाते है. इस तरह यह प्रकाश यानि रोशनी का पर्व है.

इसे कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. धन और एश्वर्य की देवी कही जाने वाली देवी माँ लक्ष्मी की इस दिन विशिष्ट पूजा अराधना की जाती है.

दीपावली मनाने का तरीका

आज के समय में लोग इस पर्व पर दियो की बजाय मोमबत्ती का अधिक उपयोग करते है. साथ ही शहरी व नगरीय क्षेत्र में विभिन्न रंगो की रोशनी के बिजली के बल्बों का उपयोग भी बेहद लोकप्रिय है.

इस दिन पूरा देश दियों व लाइट्स से जगमगा उठता है. शहरों में भले ही दिवाली की चकाचौध अधिक हो मगर भारत के गाँवों में आज भी घी के दियों के साथ यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है . जो हमारी ग्रामीण संस्कृति की सुन्दरता का परिचायक है.

इस दिन लोग अपने परिवार जनों व रिश्तेदारों को मिठाइयाँ और उपहार भेट करते है, घर घर में सुंदर रंगोलियाँ बनाई जाती है. अन्य उत्सवो भी भांति दीपावली का त्योंहार भी बच्चों के लिए विशेष महत्व का है.

दिवाली के कुछ दिन पूर्व से ही बच्चें पटाखों और फुलझड़ियो कों चलाने में मग्न रहते है तथा इस उत्सव का पूरा लुफ्त उठाते है.

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा

लक्ष्मी पूजा के पूर्व का एक दिन नर्क चतुर्दशी कहलाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस दिन को नर्क चतुदर्शी मनाई जाती है.

इससे पूर्व का एक दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. जिन्हें धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. इस दिन सोना चांदी और धातु के बर्तनों की खरीददारी करना शुभ माना जाता है.

लक्ष्मी पूजा यानि दीपावली के दुसरे दिन गौवर्धन पूजा होती है. कहते है इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन देवराज इंद्र को पराजित किया था तथा गौवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाया था.

दीपावली मनाने के पीछे कई कारण जुड़े हुए है रामायण की धार्मिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम आज ही दिन चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे.

लम्बे समय बाद राम सीता लक्ष्मण के दर्शन और आगमन की ख़ुशी में अपने घर और पुरे अयोध्या नगर को दीपमालाओं से सजा दिया था. उस दिन से लेकर आज तक हिन्दू धर्मावलम्बी कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन को दीपावली के पर्व के रूप में मनाते आ रहे है.

दीपावली की कथा

लक्ष्मी पूजा और धन तेरस के सम्बन्ध में भी कहा जाता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी की उत्पति हुई थी. इसी धारणा के चलते दीपावली के दिन धन और एश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है.

माना जाता है भारतीय चिकित्सा पद्दति के जनक और आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वन्तरी भी इस दिन जन्मे थे. इसलिए भी त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है.

दीपावली मनाने का अपना सामाजिक महत्व भी है. कार्तिक कृष्ण अमावस्या तक किसान वर्ग खरीफ की फसल ले चुके होते है. अच्छी फसल के उत्पादन की ख़ुशी का इजहार करने का समय माना जाता है.

दीपावली के आगमन से पूर्व लोग स्वच्छ कपड़े खरीदते है, बर्तनों व आभूषणों की खरीददारी भी की जाती है. दिवाली से कुछ दिन पूर्व लोग अपने घरों को साफ़ सुथरा बनाकर सजाते है.

Short Essay On Diwali In Hindi In 600 Words For Students

पश्चिम बंगाल में लोग दीपावली को दुर्गा पूजा (काली पूजा) के रूप में मनाते है. वहां बड़े बड़े पंडालो और मन्दिरों में काली की मूर्ति की स्थापना की जाती है.

इसके पश्चात वहां पर लक्ष्मी की पूजा आराधना होती है. काली पूजा इसलिए की जाती है ताकि वह हमारे जीवन में व्याप्त सम्पूर्ण दुखो का नाश करे व् इसके बाद लक्ष्मी जी हमारे जीवन को सुख सम्रद्धि से परिपूर्ण कर दे.

दीपावली के दिन कई स्थानों पर मेलो का भी आयोजन होता है. दीपावली सामाजिक और धार्मिक महत्व होने के साथ साथ आर्थिक महत्व भी है. इस दिन से पूर्व खासकर व्यापारी वर्ग वर्ष भर के सम्पूर्ण खातों को पूरा कर दीपावली के दिन से नये बही खाते की शुरुआत करते है.

बड़ी संख्या में बाजार में लोगों द्वारा खरीददारी किये जाने के कारण व्यापारी लोग अपनी दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाते है. साथ ही कई कम्पनियों द्वारा दीपावली के अवसर पर विभिन्न उत्पादों पर बड़ी छुट और बेस्ट ऑफर प्रदान किये जाते है.

दीपावली का अपना वैज्ञानिक महत्व भी है, वर्षा ऋतू की समाप्ति पर हमारे वातावरण में असंख्य संख्या में कीट पतंग उत्पन्न हो जाते है. जो व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है.

दीपावली से पूर्व घरों में और कृषिजन्य कचरे की सफाई से वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है. लिपाई पुताई व दीपावली के दिन दियो की रौशनी से इस प्रकार के कीट पतंग मर जाते है. इस तरह एक उत्सव के रूप में दिवाली प्रत्यक्ष रूप से हमारे वातावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करती है.

प्रतीक के रुप में दीपावली का पर्व अँधेरे पर प्रकाश की विजय का त्यौहार है. जो सभी को भाईचारे व प्रेम का संदेश देता है. भले ही दिवाली अमावस्या की अन्धकार भरी रात को मनाई जाती है.

मगर हर घर गली से दीपकों की रोशनी से पूरा विश्व नहला जाता है साथ ही दीपावली का पर्व हमे यह सीख भी देता है कि चाहे कितनी बड़ी विपति हो सामूहिक रूप से उसका सामना कर पार पाया जा सकता है.

दीपों का यह त्यौहार हमे जीवन से अज्ञानता रूपी अँधेरे को भगाकर ज्ञान रूपी प्रकाश की ज्योति जलाने की सीख देता है. विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार हमारे दिलों में ख़ुशी और उत्साह का संचार करते है. हमारे देश में त्यौहार मनाने की एक विशेष परम्परा रही है.

जिनमे विभिन्न तिथियों और महीनों में उत्सव मनाए जाते है. दीपावली जैसे त्यौहार हमारे देश की अनेकता में एकता की विशेषता को बढ़ाने में योगदान देते है. हमे आवश्यकता है इस प्रकार के उत्सवो की परम्परा को निरंतर कायम रखने की.

अधिक मात्रा में खतरनाक और पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का दीपावली के अवसर पर उपयोग करना इसकी सुन्दरता को धब्बा लगाने जैसा है, हमे इस प्रकार की बुराइयों को समाप्त करने की पहल करनी चाहिए.

अत्यधिक मात्रा में विस्पोट पदार्थो का उपयोग व आतिशबाजी जैसी चीजों को इस पर्व से निकाल दिया जाए तो वाकई दीपावली अपने वास्तविक उद्देश्यों को पूर्ण करती नजर आती है.

दिवाली पर निबंध  Short Essay On Diwali In Hindi In 500 Words With Headings

दीपावली का इतिहास-   दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. दीपावली प्रकाश या दीपों का उत्सव हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम इसी दिन रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे. अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत और उल्लास में सारे नगर में दीपमालाएँ सजाई थी.

जैन धर्मावलम्बियों, आर्यसमाजी, सिखों और कृष्णभक्तों के लिए भी यह उत्सव का दिन हैं. कुछ लोगों के अनुसार यह कृषि उत्सव हैं. नई फसल के आगमन का त्यौहार हैं. दीपावली के त्यौहार का इतिहास बहुत प्राचीन हैं.

इस त्यौहार को मनाना कब आरम्भ हुआ, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. भारत में ऋतु परिवर्तन पर त्यौहार मनाने की परम्परा रही हैं. दीपावली भी उनमें से एक हैं.

मनाने का समय और स्वरूप-  दीपावली का उत्सव कार्तिक मास की अमावस्या की रात को मनाया जाता हैं. इस त्यौहार के पूर्व घरों की सफाई, लिपाई पुताई और सजावट हो जाती हैं. अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी का पूजन करके रात में घर, दुकान, बाजार सभी स्थानों पर दीपक जगमगाएं जाते हैं.

आतिशबाजी चलाई जाती हैं. और मिठाई बाटी जाती हैं. व्यापारी लोग इस त्योहार को विशेष उत्सव के रूप में मनाते हैं. बही खाते बदले जाते हैं. उनका पूजन होता है. मित्रों, प्रियजनों और कर्मचारियों को मिठाई वितरित की जाती हैं.

अन्य त्यौहार-  दीपावली पांच त्यौहारों का सम्मिलित स्वरूप हैं. दीपावली का मुख्य त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता हैं. पहले दिन धनतेरस मनाई जाती हैं.इस दिन स्वास्थ्य और आरोग्य के प्रवर्तक वैद्य धन्वन्तरि की पूजा की जाती हैं.

नयें बर्तन तथा सोने चांदी के गहने खरीदे जाते है. दूसरे दिन के रूप में चौदस का त्यौहार मनाया जाता हैं. इस दिन स्त्रियाँ सजती संवरती हैं. और रूप सज्जा करती हैं. तीसरे दिन प्रमुख त्यौहार दीपावली मनाया जाता हैं.

चौथे दिन प्रतिपदा को गौवर्धन पूजा होती हैं. इस दिन कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र का मानमर्दन किया था. इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भीषण वर्षा की. ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोर्वधन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था.

गोवर्धन पूजा के बाद भैया दौज का त्यौहार मनाया जाता हैं. बहनें अपने भाइयों के तिलक करती हैं. मिष्ठान भेट करती हैं. तथा उनके दीर्घ जीवन की कामना करती हैं. इसको यम द्वितीया भी कहा जाता हैं. भाई बहिन साथ साथ यमुना में स्नान करते हैं. इससे यमलोक की यातना से मुक्ति मिलती हैं.

महत्व-   दीपावली स्वच्छता और साज सज्जा का त्यौहार हैं. इस त्यौहार पर घरों की सफाई और पुताई होने से वर्षा ऋतु में उत्पन्न मच्छर कीट पतंगे नष्ट हो जाते हैं.

यह त्यौहार जीवन में धन के महत्व का स्मरण करवाता हैं. लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रदान करते हैं. इससे सामजिक मेल मिलाप बढ़ता हैं. इस त्यौहार का सम्बन्ध स्वास्थ्य, स्वच्छता, धन की महत्ता, मानवीय सम्बन्धों और सामाजिकता की भावना से हैं.

दीपावली / दीवाली त्यौहार पर निबंध 2023 Essay on Diwali Festival in Hindi 

भारत त्योहारों का देश है, दीपावली हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार हैं. यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता हैं.

मनाने का कारण -दीपावली के समय हमारे यहाँ पर खरीफ की पैदावार तैयार हो जाती हैं. अतः पूर्वजों ने देवताओं को नया अन्न भेट करने के लिए उत्सव मनाने का प्रचलन किया था.

यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या लौटे थे. अतः अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीप जलाकर यह उत्सव मनाया था.

मनाने का तरीका -दीपावली का उत्सव कई दिन चलता हैं अर्थात कृष्ण पक्ष की तेरस से शुक्ल पक्ष की दूज तक. धनतेरस के दिन दीपक जलाकर सब लोग अपने द्वार पर रखते हैं. बर्तन खरीदना इस दिन शुभ माना जाता हैं.

दूसरे दिन को छोटी दिवाली कहते हैं. तीसरे दिन लो लक्ष्मीजी का पूजन होता हैं. लोग घरों दुकानों और कार्यालयों को दीपकों रंग बिरंगे बिजली के बल्बों की मालाओं से सजाते हैं. ऐसा विश्वास है कि लक्ष्मीजी इस दिन प्रत्येक घर आती हैं.

और जिस घर की स्वच्छता व सुन्दरता से प्रसन्न हो जाती हैं. उस दिन को अपने निवास के लिए चुन लेती हैं. इस दिन सब लोग नवीन वस्त्र धारण करते हैं तथा अपने इष्ट मित्रों को मिठाइयाँ देते हैं. चौथे दिन गोवर्धन पूजा होती हैं. पांचवा दिन भैया दूज या यम द्वितीया का होता हैं.

दीपावली का महत्व – दीपावली हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार हैं. इस अवसर पर घरों की सफाई, लिपाई, पुताई हो जाती हैं. दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता हैं. बीमारी फ़ैलाने वाले मच्छर, कीड़े और पतंग सब मर जाते हैं.

कुरीतियाँ – दीपावली एक अत्यंत पवित्र त्योहार हैं. परन्तु कुछ कुरीतियों ने इसके स्वरूप को बिगाड़ दिया हैं. कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं. हजारों रूपये हार जाते हैं, लाखों रूपये के पटाखे जला दिए जाते हैं, इससे प्रायः भयंकर दुर्घटनाएं हो जाती हैं.

उपसंहार – दीपावली हिन्दुओं का एक पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार हैं. यह हमे प्रसन्नता का संदेश देता हैं.

दीपावली पर निबंध कैसे लिखें?

दीपावली एक जाना माना त्यौहार है। इसलिए इस पर निबंध लिखना काफी आसान है परंतु फिर भी बता दें कि दीपावली पर निबंध लिखने के लिए पहले आपको यह पता करना है कि दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इसके बाद आपको यह पता करना है कि दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है।

अब आप को इस बात की जानकारी इकट्ठा करनी है कि दीपावली के त्यौहार के मौके पर किसकी पूजा की जाती है और दीपावली त्यौहार को लेकर के क्या-क्या तैयारियां की जाती है तथा दीपावली के दिन क्या होता है और दीपावली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है।

इन सभी बिंदुओं के बारे में जानकर आप दीपावली पर अच्छा निबंध लिख सकते हैं। इसके अलावा दीपावली का त्यौहार कितने दिनों तक चलता है। दीपावली पर क्या करें और क्या ना करें। इत्यादि बातों को भी आप अगर निबंध में शामिल करते हैं तो आप बेहतरीन निबंध तैयार कर सकते हैं।

Q: दिवाली क्यों मनाई जाती है?

ANS: भगवान राम के वापस अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत के लिए।

Q: दिवाली पर क्या करते हैं?

ANS: घर की साफ सफाई, घर को सजाते हैं, भगवान की पूजा पाठ करते हैं तथा आतिशबाजी करते हैं।

Q: दिवाली कब है?

ANS: 2023 में दिवाली 12 नवम्बर को आ रही है।

Q: दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है?

ANS: लक्ष्मी और गणेश भगवान की 

Q: दीपावली कब मनाई जाती है?

ANS: हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को

  • दिवाली पर अनुच्छेद

उम्मीद करता हूँ दोस्तों दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language का यह निबंध आपको पसंद आया होगा. यदि आपको दिवाली 2023 पर निबंध में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में

दिवाली पर निबंध – दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है, जिसका मतलब होता है दीपों ... Read more

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Published on 29 January 2024

दिवाली पर निबंध – दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है, जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला । दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है, दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भारत देश के निवासी दिवाली के त्यौहार को किसी अन्य देश में रहने पर भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को भारत में 2 दिन मनाया जाता है।

इस त्यौहार के शुभ अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। बहुत ही छात्र-छात्राओं के द्वारा इंटरनेट में दिवाली पर निबंध सर्च किया जाता है।

दिवाली पर निबंध  – दीपावली पर निबंध हिंदी में

आप सभी लोगों के लिए हमारी वेबसाइट के माध्यम से दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) तैयार किया गया है। आज हम आपको दिवाली के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे अतः दिवाली से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस निबंध को अंत तक पढ़े।

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

जैसे की आप सभी को पता है की दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा मनाई जाती है यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व देश के छोटे बड़े सभी नागरिकों के द्वारा बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास के माह में अक्तूबर नवंबर में मनाया जाता है।

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”दीपावली” दीपों का त्यौहार है इस दिन पुरे भारत देश में विभिन्न प्रकार की कलर-फुल लाइटों और दीयों से घर को सजाया जाता है दीपावली के त्योहार के कुछ समय पहले लोगों के द्वारा घर में साफ़ सफाई का कार्य किया जाता है विभिन्न लोगों के द्वारा तो आपने घरों में विभिन्न प्रकार की सजावटें की जाती है।

अन्य धर्मों के द्वारा भी इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। बड़ी उत्सुकता के साथ सभी नागरिकों के द्वारा इस त्यौहार का इन्तजार किया जाता है।

दीपावली पर निबंध हिंदी में

भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान श्री राम अपने जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे।

इसलिए वहां के लोगों के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे, तब से ही दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तोहफे भेंट किये जाते है।

दिवाली के त्यौहार के समय कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में दिखाई देती है यह सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक त्यौहार है लोगों के द्वारा दिवाली को ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।

संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म के में से सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्या लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगों के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली को एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी फेस्टिवल को ख़ुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।

दीपों का त्यौहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है, घर आँगन सब नया सा लगता है, नया नया परिधान सभी को फबता है, नए नए उपहार दिवाली लायी है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है, शुभ दीपवाली

दीपावली भारत वर्ष में कैसे मनायी जाती है

दीपावली को भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और लाइटों से सजाया जाता है और इनके साथ-साथ पुरे घर में दीये भी जलाये जाते है। और घरों में अनेक प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है, इस त्यौहार को मिठाई और पटाखों फुलझड़ियों के द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार में बाजारों में कई प्रकार की मिठाइयों को बनाया जाता है और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहारों के समय में बहुत भीड़ भरी रहती है। सभी लोगों के द्वारा यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दिवाली की शुभ अवसर में लोगों के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी की जाती है।

इस दिन सभी लोगों के द्वारा नए-नए कपड़े भी पहने जाते है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली में दुकानों को बाजारों में लाइटों से खूब सजाया जाता है।

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली के शुभ अवसर में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है।

भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दिवाली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगों का पसंदीदा त्यौहार है। दिवाली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।

Diwali में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन लोगों के द्वारा किसी वस्तु के रूप में खरीदारी की जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा को धनतेरस के दिन किया जाता है।

माँ लक्ष्मी जी को प्रश्न करने के लिए लोगों के द्वारा आरती और भजन किया जाता है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है यह दिवाली भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा करके मनाई जाती है कहा जाता है की श्री कृष्ण जी के द्वारा इस दिन राक्षस राजा नरक सुर को मार दिया गया था।

छोटी दिवाली के बाद मुख्य दिवाली का सेलेब्रेशन किया जाता है। उसके बाद अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है यह पूजा भी श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है।

इस दिन दरवाजे में लोगों के द्वारा गोबर की पूजा की जाती है, और साथ ही पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है भाई दूज के त्यौहार को बहन और भाई के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनों के द्वारा इस दिन भाई की पूजा के साथ-साथ भाई को नारियल दिया जाता है। और भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है।

दिवाली फेस्टिवल को किस तरह सेलेब्रेट करें

  • दीपावली का अर्थ होता है ‘दीप’ और ‘ प्रकाश’ इसलिए सभी लोग दिवाली के त्यौहार को बड़ी शांति और सद भावना के साथ मनाये। पटाखों के जलाने से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है और यह सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। इस दिवाली आओ मिलकर सभी यह संकल्प लें की प्रकृति के लिए कुछ उपहार भेंट करें और यह उपहार आप पटाखों का उपयोग न करके कर सकते है।
  • पटाखों की आवाज सुनकर बहुत से बेजबान जानवर भी इनकी आवाजों से डर जाते है और घर के बुजुर्ग लोग भी पटाखों की ध्वनि से परेशान हो जाते है। और इसकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण की उत्पत्ति होती है।
  •  देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में हम उनकी मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक लाइटों का प्रयोग न करके अधिक से अधिक दीयों का प्रयोग कर सकते है। और इस तरीके से दिवाली पारस्परिक रूप से मनाई जाएगी
  • दिवाली खुशियों का त्यौहार है अपने मनोरंजन और आनंद के लिए कभी भी किसी बेजबान जानवरों और प्रकृति को हानि ना पहुँचायें। हम सभी लोगों का यह कर्तव्य है की लोगों को दिवाली किस तरीके से मनानी चाहिए उसके लिए जागरूक करना।

रक्षा बंधन भाई और बहन का त्यौहार होता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है। इसको भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है। अगर आप भी इसपर निबंध लिखना चाहते है तो यहाँ पर जानिए

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है और हर वर्ष यह त्यौहार बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली खुशियों का त्यौहार है दीपावली में पांच दिन तक अलग-अलग फेस्टिवल मनाये जाते है। पांच दिनों तक चलने वाला यह सबसे बड़ा पर्व है। दशहरा खत्म होते ही दिवाली की तैयारियां देश भर में शुरू हो जाती है।

दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात को मनाया जाता है भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे उस ख़ुशी में अयोध्या वासियों के द्वारा घी के दीये जलाये गए थे। उसी दिन से दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली दीपों का त्यौहार होने के कारण सभी के मन को आलोकित करता है इस त्यौहार के आने से सभी घरों में अलग ही रौनक उत्पन्न हो जाती है। दीपावली के दिन रात्रि में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वे हमेशा हमारे ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें।

दिवाली में विभिन्न प्रकार की मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है खील-बताशे का प्रसाद दिवाली के त्यौहार में चढ़ाया जाता है। फुलझड़ी, पटाखे आदि तरह के पटाखों को दिवाली में जश्न के रूप में फोड़ा जाता है।

असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को अपने तरफ आकर्षित कर लेती है बाजारों दुकानों, और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब का भेदभाव को भूलकर मिल जुलकर त्यौहार को मनाते है।

दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। मेहमानों का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाई और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली उपहारों और भेंट और खुशियों का त्यौहार है इस त्यौहार के द्वारा नया जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली पर 10 लाइनें – 10 Lines on Diwali in Hindi

  • दीपावली हिंदूओं का प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली का भारत की संस्कृति तथा परम्परा को दर्शाता है।
  • दिवाली को दीपकों का त्यौहार भी कहा जाता है, मिट्टी के दीये जलाये जाते हैं।
  • दीपावली श्री राम 14 साल के वनवास काटकर अयोध्या लौटने की ख़ुशी तथा उनके स्वागत में मनाई जाती है।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास में आता है।
  • दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि घर में ऋद्धि- सिद्धि बनी रहे।
  • दीपावली में सभी लोग अपने घरों को अनेक प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
  • दीपावली के दिन पटाखे, फुलझड़ी, आदि जलाकर हर्षोल्लास मनाया जाता
  • दीवाली की शाम सभी लोग अपने आस पड़ोस अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्य में दिवाली मनाने के विभिन्न स्वरुप

बंगाल उड़ीसा – राज्य के द्वारा दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की इस दिन माता शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया गया था। और इस दिन लक्ष्मी जी के स्थान पर यहाँ माँ काली की पूजा की जाती है। पंजाब – राज्य में दिवाली को इस रूप में मनाया जाता है की इस दिन 1577 इसवीं पूर्व स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गयी थी। और सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश – राज्य में दिवाली को द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है।

विदेश  में  दिपावली का स्वरूप

  • श्रीलंका में रह रहे लोगों के द्वारा दिवाली के त्यौहार के दिन प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान किया जाता है। और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते है और दिवाली मनाने के लिए वहां विभिन्न प्रकार के खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज का आयोजन किया जाता है।
  • मलेशिया में इस दिन सरकारी अवकाश किया जाता है, क्योंकि यहाँ सबसे अधिक हिन्दू लोग रहते है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में पार्टी करते है और साथ ही इस पार्टी में मलेशिया के नागरिक भी शामिल होते है।
  • नेपाल में दिवाली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नेपाल में दिवाली के दिन कुत्तों को सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है और शाम के समय में वह सभी घरों में दीये जलाये जाते है, बधाई देने के लिए एक दूसरे के घरों में जाते है।

नवरात्री हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा बड़े ही प्रेम भाव एवं भक्ति भाव से मनाया जाता है। अगर आप भी नवरात्रि के ऊपर निबंध लिखना चाहते है तो यहाँ जानिए

दिवाली पर निबंध से संबंधित कुछ सवाल और जवाब

दिवाली का त्यौहार क्या भारत देश में ही मनाया जाता है .

नहीं दिवाली के त्यौहार को भारत देश के साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग रूप में मनाया जाता है।

दीपावली के त्यौहार को प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता है ?

कार्तिक मास के अक्तूबर या नवंबर माह दिवाली के पर्व को मनाया जाता है।

भारतवर्ष का यह त्यौहार किस रूप में मनाया जाता है ?

भारतवर्ष में दिवाली के त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार में मुख्यतः कौन से भगवान की पूजा की जाती है ?

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा दिवाली के शुभ अवसर पर की जाती है।

भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली का त्यौहार पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री राम भगवान के 14 वर्ष वनवास काट के अयोध्या वापस लौटे थे भगवान राम के वापस लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों के द्वारा भी इस त्यौहार को बड़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?

नहीं प्रत्येक राज्य के द्वारा अलग-अलग रूप में दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का दीपावली में एक विशेष महत्व है, क्योंकि माँ लक्ष्मी धन की देवी है एवं भगवान गणेश बुद्धि एवं विवेक, धन का सदुपयोग करने के लिए विवेक का होना अति आवश्यक है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।

वर्ष 2024 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा ?

29 अक्तूबर 2024 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

दिवाली पर निबंध लिखने के लिए हमने इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है, कृपया इसे पढ़कर अपना दिवाली पर निबंध तैयार करें।

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